You are on page 1of 11

स्वच्छता जागरूकता अभियान

5,
960
12

Description 

 मंगला ग्राम में जागरूकता फैलाने के उद्द्दे श्य से " टीम क्लीन भारत"  द्वारा लोगों को स्वच्छता के विभिन्न
पहलुओं पर जानकारी दे ने के लिए पांच चरण में स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया। जिसमें विशेष तौर पर
स्कूली बच्चों को लक्षित कर स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया गया और इस दौरान बच्चों को स्वच्छ रहन-
सहन, हाथ धोने के सही तरीके, कचड़ा कूड़ेदान में डालने की आदत विकसित करने, साफ़ अन्न व पेयजल ग्रहण
करने सम्बन्धी जानकारी के अलावा पर्यावरण को स्वच्छ रखने के तरीकों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। 
अभियान के दौरान सभी प्रतिभागियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई ताकि वह स्वच्छता के मूल्यों का
अनस
ु रण कर दस
ू रों को भी स्वच्छता फैलाने के लिए प्रेरित व जागरूक कर सकें।  इसी चरण में शासकीय कन्या
शाला में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में किशोरियों को माहवारी के दौरान स्वच्छता रखने और सेनेटरी पैड के
उपयोग  करने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। विभिन्न चरणों में संचालित इस जागरूकता कार्यक्रम में
समस्त मंगला के शासकीय विद्यालयों के कुल 900 छात्र-छात्राएं एवं 60 आम-जन के मध्य जागरूकता फैलाई
गयी।

 methodology

 जागरूकता अभियान के  संचालन हे तु टीम क्लीन भारत द्वारा मौखिक उद्बोधन एवं प्रत्यक्ष प्रस्तुतीकरण कर
जागरूकता फैलाई गई। साथ ही साथ बच्चों के सामने प्रायोगिक रूप से हाथ धोने के सही तरीकों को प्रदर्शित करते
हुए उनसे सही तरीके से हाथ भी धुलवाए गए। जागरूकता को रचनात्मक तरीके से प्रसारित करने के लिए पोस्टर
और हैंड बिल का भी प्रयोग किया गया। 

नुक्कड़ नाटक 
 
3,
400
5

Description

स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप के तहत टीम क्लीन भारत द्वारा नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गई जिसका शीर्षक
था गांव की सैर इस नक्
ु कड़ के माध्यम से मंगला ग्राम वासियों को गांव में व्याप्त गंदगी और बदतर स्वास्थ्य
हालात के जिम्मेदार लोग और कारणों पर व्यंग्यात्मक तंज कसते हुए सभी ग्राम वासियों से स्वच्छता फैलाने की
अपील की गई।  इस नुक्कड़ नाटक में पढ़े लिखे इंजीनियर, व्यापारी बंटू, गहृ णी महिला और स्कूली बच्चे  के
स्वच्छता के प्रति उत्तरदायित्व को भलीभांति दर्शाया गया और यह प्रदर्शित किया कि गंदगी फैलाने पर उन्हें किस
तरह शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी।
यह नक्
ु कड़ नाटक निम्न बिंदओ
ु ं पर आधारित था

1.आम स्थलों पर कूड़ा-कचड़ा नही फेंकना।


2. घर-दक
ु ान एवं आस-पास के जगहों की साफ सफाई।
3. कूड़े-कचड़े को कहीं भी फेकने से होने वाले दष्ु प्रभाव।
4. खुले में शौच-मुक्त एवं रोगमुक्त  समाज।

Methodology

 नुक्कड़ नाटक "गांव की सैर" की पटकथा अंतः वैयक्तिक संचार पद्धति पर आधारित थी। जिसके तहत पूरे नुक्कड़
नाटक को संवाद के रूप में प्रदर्शित किया गया। कहानी में किरदारों के आपस का संवाद दिखाया गया और कुछ
भाग में सूत्रधार एवं दर्शकों के मध्य हुए संवाद को भी दिखाया गया।
नुक्कड़ नाटक में डफली बाजे का प्रयोग भीड़ एकत्र करने के लिए किया गया और नुक्कड़ के अंत में एक संदेश के
साथ स्वछता के नारे लगा कर दर्शकों का उत्साहवर्धन किया गया।

स्वच्छ्ता मेला 
Description

2
450
12

 उद्देश्य :- जमीनी स्तर पर स्वच्छता संबंधी जागरूकता का प्रचार प्रसार करना । इस आयोजन में स्कूली बच्चों के
मध्य स्वच्छता संबंधी जागरूकता के प्रचार प्रसार के लिए चित्रकला निबंध लेखन नारा लेखन जैसी विभिन्न
प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।  जिसमें सभी छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने
रचनात्मक एवं कलात्मक विचारों को प्रस्तुत कर स्वच्छता रखने में आने वाली चुनौतियां और उनके संभावित
समाधानों पर अपना पक्ष रखा। इस मेले में स्कूली बच्चों द्वारा समह
ू गायन, नाटक जैसी सांस्कृतिक प्रस्तति
ु दी
गयी।

कार्यक्रम के समापन में विशिष्ट वक्ताओं ने स्वच्छता सम्बन्धी जागरूकता पर अपने विचार रखे फिर अंत में
प्रतियोगिता के विजेता और अन्य प्रतिभागियों के मध्य परु स्कार वितरण कर सभी को सम्म्मानित किया गया।
Methodology

टीम क्लीन भारत द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला एवं शासकीय कन्या पर्व
ू माध्यमिक शाला में शाला प्रबंधक
प्रधान पाठक की अनुमति प्राप्त कर तीन दिवसीय स्वच्छता मेला का आयोजन किया गया।

डोर टू डोर कंपैन

530
2200
18

Description
टीम क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा आठ हजार से भी अधिक आवासीय घरों वाले ग्राम मंगला में स्वच्छ रहन-
सहन खानपान एवं विभिन्न स्वच्छता आधारित जागरूकता घर घर में प्रसारित करने के उद्देश्य से  'डोर टू डोर'
कैंपेन चलाया गया। इस कैंपेन के तहत टीम क्लीन भारत के सदस्यों ने विभिन्न टुकड़ियों में बंटकर मंगला गांव में
स्वच्छता की दृष्टि से संवेदनशील जगहों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया।  इसके अलावा बाजार की
दक
ु ानों में भी प्लास्टिक बैग का प्रयोग न करने सम्बन्धी जागरूकता फैलाई गयी। इस अभियान के  अंतर्गत
संभावित हितग्राहियों को गोबर धन योजना का लाभ लेने और उपयक्
ु त घरों में रे न वाटर हारवेस्टिंग संयंत्र
स्थापित करने की अपील भी की गई।

 Methodolody
इस अभियान के तहत 500 से भी अधिक घरों में जाकर जागरूकता फैलाई गई और 30 से भी अधिक दक
ु ानों में
प्लास्टिक बैग का प्रयोग कम कर घर से थैला लाने का आह्वान करता हुआ स्टीकर भी लगाया गया। इस दौरान
ग्रामवासियों द्वारा पछ
ू े गए संबंधित सवालों का जवाब भी दिया गया। इस डोर टू डोर कैम्पेन में विशेष तौर पर
गह
ृ णी महिलाओं और दक
ु ानदारों को लक्षित कर अभियान चलाया गया। इस अभियान में अंतर्वैयक्तिक संचार का
प्रयोग कर सभी गह
ृ णियों एवं दक
ु ानदारों से स्वच्छता सम्बन्धी व्यक्तिगत चर्चा की गई।
इसके अतिरिक्त गांव के जिन घरों में मवेशी पाले जा रहे थे उन्हें गोबर गैस प्लांट लगाने की सलाह दी गई। जिन
घरों में रे न वाटर हार्वेस्टिं ग संयंत्र स्थापित किया जा सकता था उन हितग्राहियों को भी सम्बंधित जानकारी भी दी
गयी।

स्वच्छता जागरूकता रै ली

2
8000
6
 टीम क्लीन भारत के सदस्यों ने स्वच्छता स्वच्छ रहन-सहन, खुले में कूड़े की डंपिग
ं , शौचालय के इस्तेमाल जैसे
विषयों पर जागरूकता फैलाने के लिए मंगला गांव के दो अलग-अलग क्षेत्रों में दो विद्यालय स्तर  की स्वच्छता
रै लियां आयोजित की गई।  प्रथम रै ली मंगला के धूरीपारा के प्राथमिक शाला के छात्र-छात्राओं द्वारा निकाली गई
यह रै ली प्राथमिक शाला से शुरू होकर पीपल चौक, होते हुए नयापारा बस्ती मार्ग से  धुरी पारा बस्ती पहुंची और
सभी महत्वपर्ण ू स्थानों से गज
ु रते हुए पन
ु ः स्कूल लौटी।

 इस दौरान 200 से भी अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्ण और सक्रिय सहभागिता दिखाई।  घनी आबादी क्षेत्र होने के
कारण क्षेत्र के 3 हजार निवासियों तक जागरूकता का प्रचार प्रसार हुआ। दसू री रै ली शासकीय कन्या माध्यमिक
शाला मंगला से प्रारं भ होकर महामाया विहार कॉलोनी, परु ानी बस्ती, महर्षि चौक, आदर्श चौक के रास्ते मंगला
बाजार होते हुए कुल 3 किलोमीटर का चक्कर लगाकर मंगला के सबसे बड़े क्षेत्र मैं व्यापक जागरूकता फैलाई।  इस
रै ली में विद्यालय  सभी 230 छात्राओं एवं प्राचार्य ने भाग लिया और क्षेत्र के अनुमानित 5 हजार निवासियों तक
स्वच्छता का संदेश पहुंचाया।

methdology
 
दोनों ही रै लियों के दौरान टीम क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा शामिल प्रतिभागियों को "मैं स्वच्छ तो मंगला
स्वच्छ" 'हम सब ने यह ठाना है मंगला को स्वच्छ बनाना है ' सब रोगों की एक दवाई घर में रखो साफ सफाई,
स्वच्छ भारत स्वस्थ- भारत, खुले में शौच बंद करो बीमारियों का अंत करो गांव हमारा साफ हो जिसमें सब का हाथ
हो जैसे नारे दिए गए और परू ी रै ली के दौरान बच्चों ने परू े उत्साह के साथ नारों का उद्घोष कर लोगों की चेतना को
स्वच्छता के कार्य के लिए जागत
ृ किया।

वॉल पें टिग


15
10000
14
Description

टीम क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा मंगला गांव की विभिन्न दीवारों पर स्वच्छता संबंधी जागरूकता को प्रदर्शित
करती अलग-अलग थीम की अनेकों वॉल पें टिग
ं बनाई गई। सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित पंचायत भवन,
शासकीय विद्यालय, पम्प हॉउस, मंदिर प्रांगण,सभा स्थल,चौपाल,सब्ज़ी बाजार,तालाब इत्यादि जगहों को विशेष
तौर पर लक्षित किया गया ताकि तीस हजार  की जनसंख्या वाले मंगला गाँव के अधिकाँश लोगों तक स्वच्छता का
संदेश पहुंचाया जा सके।  पें टिग
ं के थीम इस प्रकार हैं:-
शौचालयों का प्रयोग और बीमारियों से मुक्ति, कचरे को कूड़ेदान में फेंकना, शुद्ध पेयजल पिए और निरोगी रहें ,
गीले और सूखे कचड़े का रखो भेद, गोबर गैस प्लांट लगाओ...कम्पोस्ट और मुफ्त गैस पाओ, स्वच्छ तालाब
सुन्दर मंगला, रहें स्वच्छ-बनें स्वस्थ इत्यादि।

ग्राम पंचायत मंगला से पें टिग्ं स के जरिये सम्भावित प्रभावित संख्या 


पता करने पर जानकारी दी गयी की वाल पें टिग
ं वाली जगहों से अनुमानित तौर पर प्रतिदिन 10 हज़ार से अधिक
मंगला ग्रामवासी गुजरते हैं ।

Methodology

वॉल पें टिग


ं को बनाने के लिए सबसे पहले सदस्यों द्वारा बिरला वाइट का घोल तैयार करके दीवारों पर बैकग्राउं ड
कोटिंग की गई ताकि पें टिग
ं भलीभांति दीवारों पर उभर कर नजर आए। ततपश्चात वॉल पें टिग
ं के लिए जरूरी
साजो-सामान खरीदा गया।
 ऑइल पें ट और प्राइमर कलर का उपयोग पें टिग
ं बनाने में किया गया ताकि पें टिग
ं संद
ु र और लंबे समय तक
मौसम का सामना करने लायक बनाई जा सके।

 बेसिक बैकग्राउं ड कोटिंग के पूर्ण रुप से सूख जाने के बाद सदस्यों द्वारा उसमें सफेद चौक से पें टिग
ं की मूल
कलाकृति उकेरी गई और फिर छोटे पें ट ब्रश का प्रयोग कर सदस्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर बनाई जा रही
पें टिग
ं को अंतिम रुप दिया गया और उसके स्वच्छता सम्बन्धी नारे लिखे गए।

लघु फिल्म प्रदर्शन

2
350
6

https://drive.google.com/open?id=1YcqXWPWujI316dQnPaKOsRAcoukTxP62
https://drive.google.com/open?id=1lYpRUVgB1wYvOhFWTv8dpmJhN7_0G7s7

description

टीम क्लीन भारत द्वारा ग्राम मंगला में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत विभिन्न मॉड्यूलो पर आधारित लघु फिल्मों का
प्रदर्शन किया गया। इसमें   मंगला गांव के  उच्च-माध्यमिक एवं माध्यमिक शाला को लक्षित किया गया। जहाँ पर इन फिल्मों का
चरणबद्ध तरीके से प्रोजेक्टर के माध्यम से  प्रदर्शन किया गया। इस चलचित्र प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत भारत सरकार के स्वच्छ
भारत अभियान (ग्रामीण) मॉड्यूल की लघु फिल्मों का प्रदर्शन कर कूड़ा प्रबन्धन, शौचालय के उपयोग, स्वच्छता का महत्व जैसे
विषयों पर जागरूकता फैलाई गयी इसमें फीचर फ़िल्म 'मँह
ु दिखाई' का प्रदर्शन किया गया और खुले में शौच मुक्त भारत के कार्टून
किरदार शौचा सिंह की सीरीज भी दिखाई गयी जिसे दर्शकों ने बड़े ध्यान से दे खा, सन
ु ा और समझा। इसके बाद बच्चों को छत्तीसगढ़
शासन की स्वच्छता जागरूकता आधारित डाक्यम
ू ें ट्री भी दिखाई गयी ।

Methodology

 टीम क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा प्रोजेक्टर को लैपटॉप एवं पोर्टेबल स्पीकर से कनेक्ट कर स्वच्छता आधारित
अनेकों लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। यह सभी डिजिटल उपकरण विद्यालय प्रशासन एवं ग्राम पंचायत के
सौजन्य से हासिल किए गए।

Challenges faced :- लघु फिल्म के प्रदर्शन हे तु टीम क्लीन भारत के सदस्यों को उपकरणों और संसाधनों की कमी से जूझना
पड़ा इसके साथ ही साथ दर्शकगण स्वच्छता पर आधारित विभिन्न मॉड्यूल्स को तकनीकी रूप से समझ नहीं पा रहे थे इसलिए
बीच-बीच में वीडियो रोककर उन्हें चलचित्र का विवरण दिया जाता रहा और उन्हें फिल्म का सार  समझाया गया।

Cleaning of public places

23

15

घरे लू कचरा का सार्वजनिक स्थलों से उठाव कर निश्चित डंपिग


ं जोन तक पहुंचाने का कार्य टीम क्लीन भारत द्वारा किया गया 
इसमें अघोषित डंपिग
ं जोन में जमा कई टन कचड़े को पंचायत के सौजन्य से प्राप्त JCB मशीन और ट्रै क्टर की मदद से उठाव
कराकर कछार स्थित रीसाइक्लिंग प्लांट भेजा गया इस दौरान 23 डंपिग
ं जोन के कचरे का उठाव करा कर वहां पनप रही बदबू और
गंदगी से लोगों को निजात दिलाई गई| टीम क्लीन भारत के इस प्रयास में स्थानीय पंचायत JCB कर्मी सहित अन्य लोगों ने भरपरू
साथ निभाया जिनकी मदद से एक बड़े क्षेत्र को कूड़ा मक्
ु त किया जा सका|

methdology
सार्वजनिक स्थल पर पड़े कुछ कूड़े को डंपिग
ं जोन तक ले जाने के लिए दो ट्रै क्टर ग्राम पंचायत मंगला द्वारा टीम क्लीन भारत को
मुहैया कराए गए थे और कई टन कचरे को उठाने के लिए एक मात्र विकल्प JCB का सहारा लिया गया जिसकी मदद से डंप पड़े
कचरे को उठाकर रीसाइक्लिंग प्लांट के लिए रवाना किया गया|

demonstration
3
450
6
टीम क्लीन भारत द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्रिया पर डिमांस्ट्रे शन आयोजित किया गया।  इस जागरूकता कार्यक्रम का मूल
उद्देश्य सभी लोगों को यह बताना था कि घर से निकलने वाले दै निक कचरे में 60% से भी अधिक ऑर्गेनिक कचरा होता है जिसका
ट्रीटमें ट कर उसका उपयोगकारी लाभ लिया जा सकता है वही शेष 40% कचरा सूखा कचरा होता है जिसमें प्लास्टिक,कांच,मेटल
जैसी वस्तुएं होती हैं जिन्हें रीसाइक्लिंग प्लांट में रिसाइकल हे तु भेज कर या कबाड़ मैं बेच कर प्रभावी ठोस अपशिस्ट प्रबंधन किया
जा सकता है ।
लोगों से टीम क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा यह अपील भी की गई कि वह ऑर्गेनिक गीले कचरे को कांच प्लास्टिक मेटल जैसे सूखे
कचरे से अलग रखें ताकि ऑर्गेनिक कचरे का कंपोस्ट बनाने में इस्तेमाल कर 60% घरे लू कचरे का स्थाई एवं त्वरित ट्रीटमें ट घर में
ही किया जा सके और शेष सूखा कचरा रीसाइक्लिंग इत्यादि के प्रोसेस के लिए भेजा जा सके। सभी उपस्थित प्रतिभागियों ने गीले
और सूखे कचरे के भिन्न-प्रबंधन क्रिया पर सवाल भी पूछे और अपने घर में इसे लागू करने की शपथ भी ली।

 Methodology

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को भलीभांति समझाने के लिए और गीले सूखे कचरे का भेद समझाने के लिए क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा
गीले और सूखे कचरे को मिलाकर रख दिया गया पहले गीले और सूखे कचरे के बारे में बताया गया और उसके बाद प्रतिभागियों से
स्वयं आकर अलग-अलग कूड़ेदान में गीले एवं सूखे कचरे को डालने को कहा गया।
 इस दौरान उन्हें गीले कचरे का प्रयोग एवं खाद बनाने की विधि में उनके इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई और सूखे कचरे यह
प्रबंधन के बारे में भी समझाया गया।

इस दौरान अधिकांश प्रतिभागियों ने बिल्कुल सही तरीके से गीले ऑर्गेनिक और सूखे कचरे को अलग किया।  जिससे गीले और सूखे
कचरे के प्रति भेद को लेकर उनकी समझ और भी अधिक विकसित हुई।

गोबर गैस सर्वेक्षण


13
5
7
Description

टीम क्लीन भारत के सदस्यों द्वारा मंगला में गोबर गैस संयंत्र लगाने के लिए संभावित क्षेत्रों को सर्वेक्षण के जरिये
चिन्हांकित किया गया और चिन्हांकित जगहों की जीपीएस तकनीक के माध्यम से मैपिग
ं की गई। इसके साथ ही
साथ किस जगह पर प्रतिदिन प्लांट के लिए कितना किलोग्राम गोबर उपलब्ध हो सकेगा इसकी भी जानकारी
एकत्रित की गई है और हितग्राहियों की सच
ू ी पंचायत को सौपी गयी है । ग्राम पंचायत मंगला के सरपंच सचिव एवं
अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ पंचायत भवन में इन क्लीन भारत के सदस्यों ने बैठक की इस बैठक में टीम क्लीन
भारत के सदस्यों ने गोबर गैस संयंत्र के महत्व और उपयोग के बारे में बताया।  इसके अतिरिक्त टीम के सदस्यों
ने केंद्र सरकार द्वारा लागू गोबर धन योजना के तहत ग्राम मंगला को मिलने वाले वित्त-पोषण लाभ के बारे में भी
पंचायत को बताया साथ ही साथ क्षेत्र के सभी संभावित प्लांट लगाए जाने लायक चिन्हांकित जगहों की जानकारी
दे कर प्रस्तावित प्लान प्रस्तत
ु किया। पंचायत द्वारा गोबर धन योजना के क्रियान्वयन और हितग्राहियों से बात
कर संभावित क्षेत्रों में गोबर गैस संयंत्र स्थापित करने का आश्वासन दिया है ।
Methodology
मंगला गांव हे तु गोबर गैस प्लांट का प्लान तैयार करने के लिए टीम ने पहले सामान्य सर्वेक्षण प्रक्रिया के तहत
विभिन्न जगहें चिन्हांकित कर हितग्राहियों की जानकारियां एकत्र की।  टीम के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ
सदस्य द्वारा मवेशियों की संख्या और ऑर्गेनिक कचरे की मात्रा का आंकलन कर उसी अनुसार 5 मध्यम आकार
के एवं 8 छोटे आकार के गोबर गैस संयंत्र स्थापित करने का प्लान विकसित किया गया। इन क्षेत्रों की पहचान के
लिए GPS तकनीक का सहारा लेकर प्रस्तावित जगहों की मैपिग
ं की गई ताकि उपयुक्त स्थानों को आसानी से
चिन्हांकित कर हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया जा सके।

नालियों , गलियों में स्वच्छ्ता अभियान 


 

मंगला के गलियों, नालीयों और सामान्य जगहों में स्वच्छता अभियान चलाया गया।

1.2 km
15
12
https://drive.google.com/open?id=1YcqXWPWujI316dQnPaKOsRAcoukTxP62

https://drive.google.com/open?id=1yIxTJC0r40rPpeSd8mpRUBqyIqBQ3YtP

Description
टीम ''क्लीन भारत" द्वारा ग्राम मंगला में   स्वच्छता श्रमदान अभियान चलाया जिसमे घरे लू कूड़े कचड़े,
सामाजिक स्थलों और दषि
ू त नालियों की साफ़ सफाई की गयी।
 
इस विशेष स्वच्छता अभियान के तहत टीम द्वारा ग्राम मंगला के (1.2 km क्षेत्र में ) कूड़े कचड़े की सफाई की गयी
है और विभिन्न चरणों में   गांव के अनेकों प्रदषि
ू त स्थलों को गन्दगी से मुक्त किया गया है । मंगला मुख्य चौक से
शरु
ु आत कर महर्षि चौक तक की सड़क और पंचायत भवन से लेकर मंगला के धरि
ु पारा तक को पर्ण
ू तः कूड़ा मक्
ु त
किया गया। इस स्वच्छता अभियान के तहत प्लास्टिक एवं कूड़े से जाम हो चुकी गन्दी नालियों को भी साफ किया
गया।

इस श्रमदान में ग्राम मंगला के सरपंच रमेश पटे ल एवं अन्य जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों ने भी सक्रिय
भागीदारी निभाई जिनके सहयोग से एक बड़े क्षेत्र को गन्दगी मुक्त किया जा सका।

Methedolody

इस अभियान के तहत नालियों की सफाई के लिए टीम क्लीन भारत द्वारा छोटे टब और फावड़ा का प्रयोग किया
गया ताकि नाली से निकलने वाले प्लास्टिक एवं अन्य अपशिष्ट को उठाकर फेंका जा सके।  इसके अलावा टीम
द्वारा झाड़ू और बांस के लंबे डंडों का प्रयोग किया गया ताकि कूड़े को एक जगह एकत्रित कर समेटा जा सके। टीम
द्वारा विद्यालय के पीछे की तंग जगह में पड़े कचड़े को एकत्रित करने के लिए बोरियों का इस्तेमाल किया गया। 
Difficulties
 इस स्वच्छता अभियान के दौरान सबसे बड़ी चुनौती लोगों के बीच स्वच्छता संबंधी जागरूकता का अभाव ही है
क्योंकि मंगला के स्थानीय निवासियों द्वारा कई महीनों से जाम नालियों और बजबजाते हुए कूड़े की दर्गं
ु ध सहकर
भी किसी  प्रकार से साफ सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया और यही वजह है कि कई टन कूड़ा विभिन्न स्थलों
पर इकट्ठा होकर मच्छरों के पनपने की जगह बन रहा था और बीमारियों का कारण बन रहा था।

Field learning

गलियों एवं नालियों की सफाई करने के दौरान टीम क्लीन भारत के सदस्यों ने यह सीखा कि इस में अधिकांश कचरा गुटका या फिर
चिप्स के पैकेट है जो स्थानीय लोग स्वच्छता के प्रति संवेदनशीलता के अभाव में नालियों में फेंक दे ते हैं और यही कचरा बाद में
जलभराव गंदी नालियों एवं बीमारियों की जड़ बनता है इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी लोगों का स्वच्छता के प्रति संवेदनशील होना है ।

स्वच्छ्ता संबंधी अन्य वतिविधियाँ


800
18

Description
Solid waste management report,plantation in dumping yard & plant

https://drive.google.com/open?id=1YcqXWPWujI316dQnPaKOsRAcoukTxP62
https://drive.google.com/open?id=1p_yO0muI5y7KS1LRDvfGR8JJ8XHXSBml

टीम क्लीन भारत के सदस्यों ने GPS तकनीक के माध्यम से तैयार की गई मंगला गांव की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
रिपोर्ट आवश्यक कार्यवाही हे तु कलेक्टर महोदय को सौंपी और स्वच्छता प्रहरियों की नियुक्ति का नवीन मॉडल
लागू कर गांव के बेरोजगारों द्वारा ही गांव की स्वच्छता का उत्तरदायित्व निभाने हे तु प्रस्ताव भी रखा गया।   इस
प्रस्ताव के सफलतापर्व
ू क लागू होने से ना सिर्फ गंदगी से निजात मिलेगी बल्कि कचड़े की वजह से कई बेरोजगारों
को रोजगार भी मिलेगा।  दे श के 6 लाख गांव में अनुशंसा के तहत औसतन 4 स्वच्छता प्रहरी भी नियुक्त किए
जाए तो सिर्फ गंदगी से स्वच्छता की ही वजह से 24 लाख बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सकता है ।  जिला
प्रशासन द्वारा इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेने की बात कही गयी।

 मंगला बस्ती से 800 मीटर दरू स्थित सालों से बंद पड़े डंपिग
ं जोन में उपयुक्त जगहों पर वक्ष
ृ ारोपण कर पर्यावरण
सामान्य करने का प्रयास किया गया।  टीम क्लीन भारत द्वारा मंगला तालाब के मेड़ों में तेजी हो रही मिट्टी कटाई
रोकने हे तु 40 से अधिक पौधे रोपे गए। विद्यालयों में वक्ष
ृ ारोपण के इसी चरण के तहत 20 फलदार एवं छायादार
पौधों का वक्ष
ृ ारोपण  किया गया।

Methodology
क्षेत्र के स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम क्लीन भारत के सदस्यों ने परू े मंगला क्षेत्र का निरीक्षण कर अघोषित डंपिग

जोन, बदबूदार नालियों और गन्दी गलियों को चिन्हांकित कर उसकी जीपीएस मैपिग
ं की गयी ताकि मंगला की
ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन रिपोर्ट तैयार की जा सके। टीम ने गांव में पसरी गंदगी के पीछे का मुख्य कारण पता
लगाने का प्रयास किया जिसमें स्थानीय लोगों से पूछताछ कर जानकारियां इकट्ठी की गई और पंचायत से भी इस
विषय में सवाल जवाब किया गया।  इसके अतिरिक्त वक्ष
ृ ारोपण अभियान में डंपिग
ं जोन में जाकर बारिश में तेजी
से विकसित होने वाले पौधे रोपे गए ताकि गर्मी के मौसम तक वह परिपक्व हो सके और बंजर तथा बदबूदार डंपिग

यार्ड में पर्यावरण सामान्य हो पाए।  इसके बाद तालाब क्षेत्र का सर्वेक्षण कर तेजी से हो रही मिट्टी कटाई की समस्या
को चिन्हांकित किया गया और इस समस्या के निराकरण हे तु तालाब के चारो ओर वक्ष
ृ ारोपण अभियान चलाकर
बरगद,पीपल,नीम,आम,जामन
ु जैसे गहरी जड़ों वाले पौधे रोपे गए ताकि वह मिट्टी को बांधकर रख सके।

Difficulties 
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान सामने आयी सबसे बड़ी चुनौती मंगला क्षेत्र का वह
ृ द विस्तार था मंगला गांव के
अंतर्गत 16 मोहल्ले और कुल 23 आवासीय कालोनियां भी आती है जिनमें ना तो कूड़ेदान की व्यवस्था है और ना
ही कोई सफाई कर्मी नियुक्त है ।

 इन सभी जगहों पर किसी भी खाली पड़े प्लाट को अघोषित डंपिग


ं जोन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था और
संपूर्ण क्षेत्र के ऐसे 70 अघोषित डंपिग
ं जोन GPS तकनीक के माध्यम से चिन्हांकित किए गए। जिसमें काफी
वक्त और दो दिनों का कठिन परिश्रम लग गया। डंपिग
ं जोन और तालाब में किए गए वक्ष
ृ ारोपण के दौरान जब
वहां खुदाई की जाती थी तो सांप, बिच्छू जैसे विषैले जीव जंतु लगातार पाए जा रहे थे। इस वजह से वहां बेहद
सावधानीपर्व
ू क वक्ष
ृ ारोपण संपन्न करना एक कठिन चन
ु ौती थी

learning
जब वहां वक्ष
ृ ारोपण किया गया और स्थानीय लोगों से हर वक्ष
ृ को गोद लेने की अपील की गई जिसपर कई लोग
राजी नहीं हो रहे थे लेकिन छवि नामक नवयुवक की टीम ने तालाब और डंपिग
ं जोन में लगे पौधों की जिम्मेदारी
ली
स्वच्छता मेला का आयोजन विभिन्न चरणों में 2 विद्यालयों में किया गया तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में पहले विभिन्न
प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गई । शाला की स्वच्छता के लिए छात्र-छात्राओं का स्वच्छता दल भी गठित किया गया। स्वच्छता
मेला में कन्या शाला की 8 वी से 12 वी तक की  छात्राओं को टीम क्लीन भारत की महिला सदस्यों द्वारा माहवारी के दौरान स्वच्छ
रहन-सहन रखने और सैनिटरी पैड प्रयोग के विषय में विशेष तौर पर जागरुक किया गया। मेला के अंतिम दिवस समापन समारोह
आयोजित किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तति
ु दी। अंततः  परु स्कार वितरण समारोह में विजेता एवं
प्रतिभागी खिलाड़ियों को मेडल,परु स्कार एवं प्रशस्ति पत्र अतिथियों के हाथों प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया।

You might also like