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INSIGHTS करेंट अफेयरस पीआईबी नोटस DAILY CURRENT AFFAIRS PIB Summary in HINDI 27 June
INSIGHTS करेंट अफेयरस पीआईबी नोटस DAILY CURRENT AFFAIRS PIB Summary in HINDI 27 June
िवषय-सूची
सामा य अ ययन-II
2. संयु त रा ट- 75 घोषणा म दे री
सामा य अ ययन-III
2. ‘ग स, ज स और टील’ के संकट से मु ि त
ारि भक परी ा हे तु त य
1. ले सबो (Placebos) या ह?
सामा य अ ययन-II
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मानव सं साधन िवकास मं ालय ारा उ च िश ा के िलए ‘ने शनल ोगाम ऑन टे नोलॉजी इ है ड
् ’ (SWAYAM)
लिनग’ (NPTEL) तथा ‘ टडी वे स ऑफ एि टव लिनग फॉर यंग ए पायिरंग माइंडस
मं च के मा यम से ‘मैिसव ओपन ऑनलाइन कोसज़’ (Massive Open Online Courses-
MOOCs) का योग करने हे तु ो सािहत िकया जा रहा है।
पर तु , भारत म, िश ािवदों तथा नीित िनमाताओं ारा ऑनलाइन िश ा पर सावधानी बरतने की सलाह
दी जाती ह। यों?
1. भारत म मौजूद, गामीण तथा शहरी बु िनयादी ढां चे म िवषमता, कमचािरय की पिरवतनीय गु णव ा,
और िविवध कार के पढाये जाने वाले िवषय।
2. िजन िवषय की पढाई के िलए, पारंपिरक योगशाला तथा योगा मक अवयव की आव यकता होती
है , ऑनलाइन िश ण उनका िवक प नहीं हो सकता है ।
3. िश ा म ौ ोिगकी के समावे शन तथा योग हे तु िविश ट सं थानों तथा उनकी अवि थित पर
िनभरता: बडिवड्थ और िव वसनीय कने ि टिवटी के मामले म दे श म काफी बड़ा िडिजटल िवभाजन,
तथा साथ ही, िवतीय ोत तक पहुँच म िवषमता।
4. िश ा के ऑनलाइन करने से सभी िवषयों म शै िणक अनु संधान पर गंभीर भाव पड़ सकता है ।
इसके िलए अनु संधान पयवे ण म यि तगत प से वाता तथा चचा की आव यकता है ।
5. सभी छा ों की इंटरने ट तक समान पहुंच नहीं है , और िकसी भी सं थान की िकसी भी क ा म आधे से
अिधक छ के पास अपने घर से िरयल टाइम म या यान म भाग ले ने हे तु आव यक हाडवे यर और
इले ि टकल कने ि टिवटी नहीं होती है ।
6. अिधकाँश ऑनलाइन क ाएं , िनयिमत क ा के या यान का ख़राब वीिडयो सं करण होती ह। सभी
िश क इससे संतु ट नहीं ह।
1. उदाहरणाथ, गांधीजी की अवधारणा, “नई तालीम” म व-अ ययन तथा अनु भवा मक ान को
िवशे ष ाथिमकता दी गयी है ।
2. येक छा को उसके सीखने की ज रत के आधार पर यि तगत प से िश ण हे तु ‘ कृि म
बु ि म ा’ (Artificial Intelligence– AI) जै से िडिजटल उपकरण का योग िकया जा सकता
है ।
3. शै िणक सामगी को अ य रा टीय भाषाओं म उपल ध कराया जाना चािहए; इससे िश ा तक पहच ुं
ू ू
म िव तार होगा, तथा दरदराज के सं थान म कमचािरय की कमी को दर करने म मदद िमले गी।
4. िडिजटल इ ा ट चर को सु धारने तथा और ये क ज रतमं द छा की लै पटॉप या माटफोन तक
पहच ु ं सु िनि चत करने के िलए रा य को अिधकाँश िज मे दारी उठानी होगी।
ीिल स िलंक:
1. NPTEL के बारे म
2. SWAYAM पोटल
3. नई तालीम का या अथ है ?
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मस िलंक:
ोत: द िहंद ू
िवषय: भारत के िहत पर िवकिसत तथा िवकासशील दे श की नीितय तथा राजनीित का भाव;
वासी भारतीय।
संयु त रा ट– 75 घोषणा म दे री
चचा का कारण
संयु त रा ट चाटर पर ह ता र िकये जाने की 75 वीं वषगांठ पर की जाने वाली मारक घोषणा के जारी
िकये जाने म दे री हो रही है ।
यों?
सद य के अनु सार उपरो त वा यां श, चीनी क यु िन ट पाटी (CPC) तथा िवशे ष प से चीनी रा टपित,
‘शी िजनिपं ग’ के वै ि वक दृि टकोण ‘मानव जाित हेतु साझा भिव य के िलये समिपत समु दाय”
(community with a shared future for mankind) से जु ड़ा तीत होता है ।
आपि कता दे श
भारत सिहत, द फाइव आइज़ (The Five Eyes)- सं यु त रा य अमे िरका, यूनाइटे ड िकंगडम,
ऑ टे िलया, यूज़ीलड तथा कनाडा ने उपरो त वा यां श योग पर आपि दज की है ।
मौजूदा गितरोध उस समय आया है जब भारत, ऑ टे िलया और अमे िरका सिहत कई लोकतं के साथ चीन
के िर ते तनावपूण ि थित म ह।
सद य दे श ारा उठाई गयी आपि के कारण, ‘मौन‘ ि या (यह एक ि या होती है , िजसके ारा
िनधािरत समय के भीतर कोई आपि नहीं उठाये जाने पर िकसी ताव को पािरत िकया जाता है) भंग हो गयी
है।
य िप, चीन ारा स, सीिरया तथा पािक तान की ओर से मौन-भंग करने पर आपि जताई गयी है ।
आपि कता दे श की मां ग है , िक ताव को “हम वतमान और भावी पीिढ़यों की सविन ठ भलाई के िलए
पार पिरक सम वय और वैि वक शासन को मजबूत करने तथा संयु त रा ट चाटर की तावना म
पिरकि पत ‘बेहतर भिव य के िलए साझा दृि ट’ को हािसल करने हेतु सभी भागीदार के साथ िमलकर काय
करगे ।” के प म सि मिलत िकया जाये ।
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संयु त रा ट चाटर पर ह ता र की 75 वीं वषगांठ:
उ े य:
इसका उ े य अं तरा टीय कानून को सु िवधाजनक बनाने हे तु सहयोग दान करना, अं तरा टीय सु र ा,
आिथक एवं सामािजक िवकास तथा मानवािधकार की सु र ा के साथ-साथ िव व शां ित के िलये काय करना
है ।
फाइव आइज़ या है ?
ीिल स िलंक:
ोत: द िहंद ू
िवषय: भारत के िहत पर िवकिसत तथा िवकासशील दे श की नीितय तथा राजनीित का भाव;
वासी भारतीय।
चचा का कारण
चीन, अ य दे श के िवशे ष आिथक े ों म अपनी उपि थित को मजबूत कर रहा है , जबिक सं बंिधत दे श
COVID-19 महामारी से िनपटने म उलझे हुए है । चीन के इराद को भां पते हुए, अमे िरका ने चीन से उसके
“दादािगरी वाले यवहार” को रोकने के िलए कहा है ।
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अ ै ल म, बीिजंग ने एकतरफा प से िववािदत ीपों पर नए शासिनक िजलों के िनमाण की घोषणा
की थी, इन ीप पर िवयतनाम तथा िफलीपींस भी अपने -अपने अिधकार का दावा करते है ।
अ ै ल के आरं भ म, िवयतनाम ने दावा िकया, िक उसकी एक मछली पकड़ने वाली नाव एक चीनी
समुदी िनगरानी पोत ारा न ट कर दी गयी थी।
जनवरी माह म, एक चीनी जहाज ारा, इंडोनेिशया के उ री ीपों के तटवती िवशे ष आिथक े का
अित मण िकया गया था।
इसके अलावा, चीन ारा, अ सर ‘नाइन-डैश लाइन’ (Nine-Dash line) का उपयोग अपने समु द
े ीय दाव के िलए िकया जाता है, इसके मा यम से चीन का इंडोनेिशया के साथ एक बार िफर िववाद हो रहा
है । इं डोने िशया का कहना है िक इस लाइन का कोई अं तररा टीय कानूनी आधार नहीं है ।
िचंता का मु ख कारण:
िववादों के बारे म:
पूण िवकिसत ीप के साथ-साथ कारबोरो शोल जै सी, दजनों चट्टाने, एटोल, सडबक तथा रीफ भी िववाद
का कारण ह।
1. चीन:
इस े म सबसे बड़े े पर अिधकार का दावा करता है , इसके दावे का आधार ‘नाइन-डै श लाइन’ है , जो
चीन के है नान ां त के सबसे दि णी िबं दु से आरं भ होकर सै कड़ मील दि ण और पूव म फली हुई है ।
2. िवयतनाम:
िवयतनाम का चीन के साथ पु राना ऐितहािसक िववाद है । इसके अनु सार, चीन ने वष 1940 के पूव कभी भी
ीप पर सं भु ता का दावा नहीं िकया था, तथा 17 वीं शता दी के बाद से ‘पारसेल ीप समूह’ तथा ‘ ै टली
ीप समूह’ पर िवयतनाम का शासन रहा है – और इसे सािबत करने के िलए उसके पास पया त द तावेज
मौजूद ह।
3. िफलीपींस:
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िफलीपींस और चीन दोन कारबोरो शोल (इसे चीन म हुआं यान ीप के प म जाना जाता है ) पर अपने
अिधकार का दावा करते ह। यह िफलीपींस से 100 मील और चीन से 500 मील की दरू ी पर ि थत है ।
ये दे श दि ण चीन सागर म अपने अिधकार- े का दावा करते ह, इनका कहना है िक, सं बंिधत े
‘यूनाइटे ड ने शंस क वशन ऑफ द लॉ ऑफ द सी’ (United Nations Convention on the Law
of the Sea– UNCLOS), 1982 ारा िनधािरत उनके िविश ट आिथक े म आता है ।
हालां िक, बु ने ई िकसी भी िववािदत ीप पर अपने अिधकार- े का दावा नहीं करता है , पर तु मले िशया
‘ ै टली ीप समूह’ म एक छोटे से िह से पर अपना दावा करता है ।
ीिल स िलंक:
1. िववाद म शािमल दे श
2. नाइ-डै श लाइन या है?
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3. िववािदत ीप और उनकी अवि थित
4. UNCLOS या है?
5. ताइवान टे ट और लूजॉन टे ट की अवि थित
मस िलंक:
ोत: द िहंद ू
सामा य अ ययन-III
ू ण और
िवषय: सं र ण, पयावरण दष रण, पयावरण भाव का आकलन।
चचा का कारण
पृ ठभूिम:
पयावरण (सं र ण) अिधिनयम (Environment (Protection) Act,), 1986 के अं तगत कद सरकार को,
पयावरण की सु र ा तथा सुधार के िलए सभी उपाय करने हेतु मसौदा अिधसूचना जारी करने शि त दान कई
गयी है ।
तािवत मसौदे म सावजिनक परामश सु नवाई की अविध घटाकर अिधकतम 40 िदन कर िदया गया
है ।
मसौदे म पयावरण मं जरू ी ले ने के िलए िकसी आवे दन पर सावजिनक सु नवाई के दौरान जनता को
अपनी िति याएं देने की अविध 30 िदन से घटाकर 20 िदन की गयी है ।
इसके अं तगत, कुछ े को िबना सावजिनक सु नवाई अथवा पयावरणीय मंजरू ी के “आिथक प से
संवेदनशील े ों” के प म घोिषत करने का ावधान िकया गया है , तथा, साथ ही, “लाल” और
“नारं गी” े णी के वगीकृत िवषै ले उ ोग को ‘सं रि त े ’ से 0-5 िकमी की दरू ी पर थािपत िकया
जा सकता है।
7/10
खनन पिरयोजनाओं के िलए पयावरण की मं जरू ी की बढ़ती वै धता, (वतमान म 50 वष बनाम 30 वष)
और नदी घाटी पिरयोजनाएं (वतमान म 15 वष बनाम 10 वष), से पिरयोजनाओं के कारण होने वाले
अपिरवतनीय पयावरणीय, सामािजक और वा य सं बधी खतर म वृ ि होने की सं भावना है ।
पयावरण भाव आकलन (Environment Impact Assessment- EIA) िकसी तािवत पिरयोजना के
संभािवत पयावरणीय भाव के आं कलन हे तु एक मह वपूण ि या है । इस ि या के तहत िकसी भी
िवकास पिरयोजना या गितिविध को अं ितम मं जरू ी दे ने के िलए लोग के िवचार पर यान िदया जाता है। यह
मूलतः, एक िनणय ले ने वाला तं है , जो यह तय करता है िक िकसी पिरयोजना को मं जरू ी दी जानी चािहए या
नहीं।
ीिनंग: इस चरण यह तय िकया जाता है , िक िकन पिरयोजनाओं के िलए पूण अथवा आं िशक आं कलन
अ ययन की आव यकता है ।
िवषय- े (Scoping): इस चरण यह तय िकया जाता है , िक िकन भाव का आकलन िकया जाना
आव यक है । इसका िनणय, कानूनी आव यकताओं, अं तरा टीय अिभसमय , िवशे ष - ान और सावजिनक
सहभािगता के आधार पर िकया जाता है । इसके अं तगत वै कि पक समाधान पर भी िवचार िकया जाता है ।
भावों का आंकलन तथा मू यांकन एवं िवक पों का िवकास: यह चरण तािवत पिरयोजना के पयावरणीय
भाव की पहचान करता है तथा उनका अनु मान लगाता है तथा, साथ ही िवक प के िव तार पर िवचार
करता है।
EIA िरपोट: इस िरपोिटं ग चरण म, आम जनता के िलए, एक पयावरण बं धन योजना (EMP) तथा
पिरयोजना के भाव का एक गै र-तकनीकी सारां श तै यार िकया गया है । इस िरपोट को पयावरण भाव
य त य (Environmental Impact Statement- EIS) भी कहा जाता है ।
िनणय ले ना: इस चरण म, पिरयोजना को िकन शतों के तहत मं जरू ी दी जानी है या नहीं और इस पर िनणय
िलया जाता है ।
िनगरानी, अनु पालन , वतन और पयावरण ले खा परी ा: इस चरण म, पयावरण बं धन योजना (EMP)
के अनु सार, अनु मािनत भाव तथा िकये जा रहे शमन यास की िनगरानी की जाती है ।
ीिल स िलंक:
1. EIA ि या
2. पयावरण (सं र ण) अिधिनयम, 1986- मु य ावधान
3. मानव पयावरण पर सं यु त रा ट अिभसमय के बारे म
4. सं िवधान का अनु छे द 253
मस िलंक:
ोत: द िहंद ू
8/10
िवषय: आं तिरक सु र ा संबंधी िवषय।
‘ग स, ज स और टील’ के संकट से मु ि त
(Getting out of the ‘guns, germs and steel’ crisis)
(यह नाम, िविभ न समाज तथा रा ट के उद्भव पर िस िव ान ‘ जे रेड डायमंड’ की लािसक पु तक,
“ग स, ज स एंड टील: द फेट्स ऑफ़ म ू न सोसाइटीज़” के शीषक से िलया गया है ।
वतमान म भारत, सै य, वा य और आिथक संकटों का एक साथ सामना कर रहा है, यह सं कट भावी पीढी
को भािवत कर सकते ह।
समय की मांग:
समाधान के तरीके
सरकार ारा सकल घरे लू उ पाद (GDP) का अितिर त 8% यय करने तथा राज व को GDP का 2% तक
करने की आव यकता है ।
9/10
राज व के सं भािवत नए ोत जै से िक सं पि कर अथवा बड़े पूंजीगत लाभ कर पर म यम अविध के िलए
िवचार िकया जा सकता ह, पर तु त काल म यह उपाय कारगर सािबत नहीं ह गे ।
इससे ‘ग स, ज स और टील’ के संकट” म एक चौथा आयाम जुड़ेगा; “कबाड़ संकट” (Junk Crisis)।
बढ़ते कज के तर के साथ, अं तरा टीय रे िटं ग एजिसयां भारत की िनवे श रे िटं ग को “कबाड़” म बदल सकती
है , िजससे िवदे शी िनवे शक की आशं का म वृ ि होगी।
िन कष:
सरकार के पास दो िवक प है , या तो िनभीक होकर बचाव िमशन की शु आत करे , अथवा सारी ि थित को
यथा- प म छोड़ दे और सभी ि थितय के वतः हल हो जाने की उ मीद करे ।
सभी पहलु ओं पर िवचार करने के प चात यह उिचत लगता है, िक इस समय सबसे बेहतर कायवाही यह होगी
िक, भारत ‘ग स, ज स और टील’ के संकट से िनकलने हेतु ि थर होकर पया त मा ा म ऋण संसाधन जु टाए
तथा बाद म ‘जं क’ के सं भािवत खतरे से रा टीय तर पर िनपट ले ।
ोत: द िहंद ू
ारि भक परी ा हे तु त य
ले सबो (Placebos) या ह?
लेबोस ऐसे पदाथ होते ह जो दवाओं से िमलते जुलते ह ले िकन उनम सि य दवा नहीं होती है ।
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