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क्या अब्राहम और श्री राम एक ही व्यक्ति थे?

अब्राहम और लॉट दक्तिण से वापस ‘‘आई’’ शहर को आए जो कक ‘‘अयोध्या’’ के


समकि है. बाइबल के अनुसार इसके बाद अब्राहम और लॉट के भेड़ पालको के बीच
झगडा हुआ. तब अब्राहम ने कहा कक यह अच्छा नहीं है कक हमारे लोग आपस में लड़ रहे हैं
इसक्तलए हम दोनों अलग हो जाते हैं. उसके बाद लॉट सोडम नाम के शहर में रहने को चले
गए और अब्राहम हेब्रोन नाम के शहर में रहने को चले गए.
इसी प्रकार की घटना वाल्मीकक रामायण में भी बताई गयी है यद्यक्तप उसका समय थोड़ा
पीछे है. वाल्मीकक रामायण में बताया गया है कक ककसी समय भगवान श्री राम अक्ततबल
मुक्तन के दूत के साथ कु छ चचाा कर रहे थे तब उन्होंने लक्ष्मण को आदेश कदया कक वह
द्वारपाल के रूप में खड़े हो और ककसी को अंदर प्रवेश न करने दें. संयोग से उसी समय
दुवाासा मुक्तन आ गये और वे बोले यकद तुम मुझे तत्काल श्री राम से नही क्तमलने देते हो तो मैं
तुम्हारे साथ संपूणा अयोध्या को श्राप दे दूग
ं ा. लक्ष्मण ने सोचा कक संपूणा अयोध्या के
श्राक्तपत होने से अच्छा है कक वह अके ले ही श्री राम द्वारा दंक्तडत हो. इसक्तलए उन्होंने
दुवाासा मुक्तन को श्री राम से क्तमलने की अनुमक्तत दे दी. इसके बाद श्री राम ने लक्ष्मण से
अपना संबंध तोड़ क्तलया क्योंकक लक्ष्मण ने उनके आदेश की अवहेलना की थी. वाल्मीकक
रामायण के अनुसार लक्ष्मण सरयू नदी ककनारे गए और वहां पर उन्होंने अपनी सांस
रोकी और वह अंत को प्राप्त हो गये.
दोनों कहाक्तनयों में यह समानता है कक श्री राम और लक्ष्मण के बीच में द्वंद हुआ. बाइबल में
यह द्वंद उनके भेड़ पालको के बीच में हुआ लेककन रामायण में यह द्वंद दुवाासा मुक्तन के आने
की वजह से हुआ.
बाइबल के अनुसार लॉट के अलग हो जाने के बाद तमाम घटनाएं होती है. चार बनाम पांच
राजाओं के बीच में एक युद्ध होता है. उस युद्ध में लॉट सोडाम के राजा के साथ युद्ध में जाते
हैं और वह बंदी बना क्तलए जाते हैं. जब अब्राहम को पता लगता है की लॉट को बंदी बनाया
गया है तो वह अपने लोगों के साथ आते हैं और लॉट को छु ड़ा ले जाते हैं.
बाइबल के अनुसार सोडम के लोग बहुत दुराचारी थे इसक्तलए भगवान ने सोडम को नष्ट कर
कदया. सोडम को नष्ट करने से पहले लॉट वहां से बाहर क्तनकले और बच गये. इसके बाद वे
“जोर” नाम के स्थान मे जाकर बसे जहां पर उनकी मृत्यु हो गयी. अतः दोनों क्तववरणों में यह
समानता कदखती है कक अलग होने के बाद लक्ष्मण अथवा लॉट की मृत्यु हो जाती है.
बाइबल के अनुसार अब्राहम की पत्नी सारा को कोई संतान नहीं थी. तब सारा ने अपनी
दासी को अब्राहम को कदया क्तजससे कक अब्राहम को संतान हो. हागर से अब्राहम को
इस्माइल नाम का एक पुत्र प्राप्त हुआ. इसके काफी समय के बाद सारा ने 90 वर्ा की आयु
मे आइज़क को जन्म कदया. रामायण में यह बताया गया कक श्री राम के अयोध्या आने के
कु छ समय बाद अयोध्या में कु छ अपवाद हुआ कक सीता रावण के घर में रह रही थी इसक्तलए
वह पक्तवत्र नहीं रह गयी हैं और इस कारण श्री राम ने सीता को क्तनष्काक्तसत ककया और वह
जाकर वाल्मीकक आश्रम में रही. वहां उन्होंने दो पुत्रों को जन्म कदया लव और कु श. दोनों
क्तववरणों में समानता यह है कक जब अब्राहम और श्री राम की काफी आयु हो जाती है तब
उनके दो पुत्र होते हैं. क्तभन्नता यह है कक अब्राहम के दोनों पुत्र दो पक्तत्नयों हागर और सारा
से जन्म लेते है लककन श्री राम के दोनो पुत्र एक ही पत्नी सीता से जन्म लेते है.
यहां पर एक और समानता यह कदखती है कक इस्माइल के जन्म के बाद अब्राहम ने अपनी
पत्नी हागर को क्तनष्काक्तसत कर कदया और हागर एक क्तबयरशेबा नाम के स्थान पर जा कर
बसे. जब हागर वहां गयीं तो उनके पास बच्चे को क्तपलाने के क्तलए पानी समाप्त हो गया. तब
एक कदव्य-दूत आये और उन्होंने जमीन से पानी क्तनकाल कर हागर को कदया. यह जो नाम
क्तबयरशेबा है यह बेरी-क्तशवा से बना हो सकता है. राजस्थान के रे क्तगस्तान में बेरी नाम का
एक कु आँ बनाया जाता है. उसको तालाब की तलहटी में खोदा जाता है. बरसात के बाद यह
कदखना बंद हो जाता है. कोई व्यक्ति क्तजसको पूवा जानकारी हो कक उि स्थान पर एक बेरी है
वह ही उस स्थान की बालू को हटाकर उस बेरी से पानी को क्तनकाल सकता है जो हागर के
क्तववरण से मेल खता है. ककसी कदव्य व्यक्ति को मालूम था तो उन्होंने वह बेरी खोली होगी.
इसक्तलए यह संभावना बनती है कक पूरी कहानी भारत के रे क्तगस्तान में हुई होगी और बेरी से
ही क्तबयरशेबा नाम कदया गया होगा. इसी क्रम में रामायण में सीता को क्तनष्काक्तसत ककया
जाता है और वह वाल्मीकक आश्रम में जाकर बस्ती है. इसक्तलए दोनों में समानता यह है कक
हगर और सीता दोनों को क्तनष्काक्तसत ककया गया और वे अपने पक्तत से दूर रही थी.
इसके बाद भगवान अब्राहम को कहते है कक तुम अपने पुत्र की बक्तल मुझे चढाओ. अब्राहम
अपने पुत्र को लेकर मोरया नाम के पहाड़ पर जाते हैं और जेसे ही वे उसकी बक्तल करने
को उद्यत होते हैं. उसी समय एक भेड़ वहां पर आ जाती है और भगवान उन्हें उस भेड़ की
बक्तल देने को बोलते हैं.
बाइबल के अनुसार सारा की मृत्यु होती है लककन सारा की मृत्यु के समय अब्राहम उनके
साथ नहीं रहते थे ऐसा कदखता है क्योंकक कहा गया कक जब सारा कक मृत्यु हुई तब अब्राहम
उनके क्तलए दुख प्रकट करने के क्तलए “आए.” इससे यह स्पष्ट होता है कक सारा की मृत्यु के
समय अब्राहम सारा से दूर रहते थे.
यही बात वाल्मीकक रामायण में कही गई है. कहा गया है कक सीता वाल्मीकक आश्रम में
रहती थी और श्री राम जी ने एक अश्वमेध यज्ञ कराया. उस यज्ञ मे उन्होंने सीता को बुलाया
और उस यज्ञ मे सीता धरती माता में समा गई. यानी सीता जी का अंत हो गया. अतः
दोनों क्तववरण समानांतर हैं क्तजस समय सारा या सीता की मृत्यु होती है.
अपने पुत्र की बक्तल के समानांतर, रामायण में यह कहा कह गया कक लव और कु श श्री राम
के यज्ञ में आए और वहां पर उन्होंने रामायण का गान ककया. संभव है कक जो श्री राम के
यज्ञ की बात कही गई है वही बाइबल में पुत्र की बक्तल देने की बात कही गई होगी.
इसके बाद रामायण में कहा गया कक श्री राम ने भरत को भेजा की तुम गांधार देश के लोगों
के ऊपर आक्रमण करके उन्हें जीतो. भरत ने उनपर आक्रमण ककया और तिक्तशला में अपनी
राजधानी बनाई. इसके बाद शत्रुघन को श्री राम ने कहा की तुम मथुरा जाकर राज करो.
वह मथुरा गए और वहां के राजा को उन्होंने जीता और वहां पर शासन ककया. इन दोनों
घटनाओ पर बाइबल मौन है.
इसके बाद बाइबल के अनुसार अब्राहम की कहानी आगे चलती जाती है और अब्राहम जेरार
नाम के स्थान पर गए और वहां पर कईं घटनायें बताई गयी है क्तजनके उपर वाल्मीकक
रामायण मौन है.
वाल्मीकक रामायण की कहानी अश्वामेद्घ यज्ञ के बाद समाप्त हो जाती है. यह कहा जाता है
कक श्री राम जी पक्तिम कदशा को देखते हुए सरयू में प्रवेश कर गए.
कु ल पररक्तस्थक्तत को देखे तो जैसा की हमने इस चाटा में कदखाया है की चार बनाम पांच
राजाओं के युद्ध के उपर बाइबल में बताया गया है लेककन रामायण मौन है. सोडाम के
नष्ट होने पर बाइबल में बतया है रामायण मौन है, भरत और शत्रुघन की यात्रा पर
रामायण में बताया गया है लककन बाइबल मौन है और अंत में अब्राहम की यात्राओं के बारे
में बाइबल में बताया गया है और रामायण मौन है.
यकद हम इन मौन क्तहस्सों को क्तनकाल दे तो हम कयी समानताएं देख सकते हैं जैसा इस क्तचत्र
में कदखता है. अब्राहम अथवा श्री राम और लोट अथवा लक्ष्मण के बीच में क्तववाद होता है.
अब्राहम अथवा श्री राम के दो पुत्र पैदा होते है पत्नी संभवत उनसे दूर रहती है. एक यज्ञ
या बक्तल की बात आती है और पत्नी की मृत्यु के समय अब्राहम और श्री राम पत्नी से दूर
रहते है. इस प्रकार जो मूल कहानी है वह हमे सामानांतर कदखती है. कु छ क्तहस्सों पर
बाइबल में बताया गया है क्तजन पर रामायण मौन है. कु छ क्तहस्सों पर रामायण में बताया
गया है और बाइबल मौन है. अगर हम मौन क्तहस्सों को क्तनकाल दे तो दोनों कहाक्तनयाँ एक
ही लगती है. क्तजससे यह संकेत क्तमलता है कक इन दोनों कहाक्तनयों का मूल एक ही रहा होगा
और समयक्रम में इनमें भेद आ गया होगा.

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