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अशुद्ध वाक्यों के शुद्ध वाक्य  

पाकिस्तान ने गोले और तोपों से आक्रमण किया।


1
2 उसने अनेकों ग्रंथ लिखे।

महाभारत अठारह दिनों तक चलता रहा।


3
4 तेरी बात सुनते-सुनते कान पक गए।
5 पेड़ों पर तोता बैठा है।

उसने संतोष का साँस ली।


6
7 सविता ने जोर से हँस दिया।

मुझे बहुत आनंद आती है।


8
वह धीमी स्वर में बोला।
9
10 राम और सीता वन को गई।
11 किसी और लड़के को बुलाओ।

सिंह बड़ा बीभत्स होता है।


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13 उसे भारी दु:ख हुआ।
14 सब लोग अपना काम करो।

युग की माँग का यह बीड़ा कौन चबाता है।


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16 वह श्याम पर बरस गया।
17 उसकी अक्ल चक्कर खा गई।
उस पर घड़ों पानी गिर गया।
18
19 वह लगभग दौड़ रहा था।
20 सारी रात भर मैं जागता रहा।
21 तुम बड़ा आगे बढ़ गया।
22 इस पर्वतीय क्षेत्र में सर्वस्व शांति है।
मैं यह काम नहीं किया हूँ। मैंने यह काम नहीं किया है।

मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ। मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।

हमने इस विषय को विचार किया। हमने इस विषय पर विचार किया

आठ बजने को दस मिनट है। आठ बजने में दस मिनट है।


वह देर में सोकर उठता है। वह देर से सोकर उठता है।

मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँ गा। मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँ गा।

कु त्ता रेंकता है। कु त्ता भौंकता है।

मुझे सफल होने की निराशा है। मुझे सफल होने की आशा नहीं है।

गले में ग़ुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई। पैरों में ग़ुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।

गीता आई और कहा। गीता आई और उसने कहा।


मैंने तेरे को कितना समझाया। मैंने तुझे कितना समझाया।

वह क्या जाने कि मैं कै से जीवित हूँ। वह क्या जाने कि मैं कै से जी रहा हूँ।

क्या यह संभव हो सकता है ? क्या यह संभव है ?


मैं दर्शन देने आया था। मैं दर्शन करने आया था।

वह पढ़ना माँगता है। वह पढ़ना चाहता है।

बस तुम इतने रूठ उठे बस तुम इतने में रूठ गए।


तुम क्या काम करता है ? तुम क्या काम करते हो ?
जयपुर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य हैं। जयपुर में कई दर्शनीय स्थल हैं।
मैं मंगलवार के दिन व्रत रखता हूँ। मैं मंगलवार को व्रत रखता हूँ। 
प्रात:काल के समय घूमना चाहिए। प्रात:काल घूमना चाहिए।
हमारे देश के मनुष्य मेहनती हैं। हमारे देश के लोग मेहनती हैं।

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