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दिन की शुरुआत

आज की सब
ु ह कुछ खास रही| सब
ु ह 7:20 पर मैं PS हुसैनपरु पहुंचा दे खा तो स्कूल खल
ु ा था; कुछ बच्चे अंदर तो
कुछ बाहर थे, ये चहचहाते चेहरे मुझे न दे खने तक अपने में ही मग्न थे, मुझे दे खकर Good Morning करना शुरू
किया, सब खश
ु दिख रहे थे, खब
ू बातें हो रही थीं| अध्यापिका के आने से पहले ही बच्चों की अच्छी - ख़ासी संख्या
[लगभग 60-70] उपस्थित थी|

मैं स्कूल में गया तो दे खा की चारों ओर फूल – पौधे लगे थे | अनुज [कक्षा 4] ने बताया की इनकी दे खभाल
बागवानी मंत्री करते हैं वही पौधे को रोपते हैं, बोते हैं आदि…

फिर 7:30 पर दीपा मैम स्कूल आ चुकी थीं| प्रार्थना सभा के लिए बच्चों ने पंक्ति लगाना शुरू किया, ये दे खकर
मुझे अपने बचपन के स्कूली दिनों की याद आ गई, छोटे से बड़े की ओर लंबाई के क्रम में पंक्तिबद्ध खड़े होना
आदि ये सब यहाँ भी दे खने को मिल रहा था|

प्र धानाचार्या नसरीन मै म के आते ही बच् चे mic उठा कर ले आए और प ू र्व प्र ार्थ ना के मै म ने mic
द् वारा RTE Anthem लगाया ये मै म की daily practi ce है | म ु झ े भी स ु न कर अच् छा लगा और ये गान
सच में एक engaging environment create कर रहा था |

“वो शक्ति हमें दो दयानिधे” के साथ प्रार्थना शुरू हुई| एक और गीत हम “होंगे कामयाब भी हुआ”| प्रार्थना के समय
कुछ अध्यापक बच्चों के आगे खड़े थे तो कुछ पीछे | इसी क्रम में एक English prayer भी हुई और अंत में राष्ट्र
गान |

अब आया PT का no…… अधिकतर स्कूलों में मैंने दे खा है की PT कराने वाले 2-4 बच्चे सभा की और मँह
ु करके
PT करते हैं, कुछ बच्चे इस तरीके से confuse रहते हैं की दायाँ हाथ उठाना है या बायाँ क्योंकि PT कराने वाला
बच्चा सभा के विपरीत मँह
ु करके खड़ा होता है परं तु यहाँ PT वाले बच्चे सभा के साथ ही खड़े थे यानी
उनकी और सिर करके जिससे जब उनका दायाँ हाथ उठता तो सभी बच्चे भी अपना दायाँ हाथ उठाते
और जब बायां हाथ उठाते , इस तरीके से बच्चे के confuse होने की दर बहुत कम थी PT चल
ही रही थी की तभी एक छोटा बच्चा कक्षा-1 का रहा होगा आया [करीब 8.00 बजे] और चुपचाप बैग
रखकर line में लग गया mam को बोलने की भी जरूरत नहीं पड़ी थी|

सभा के क्रम में अब प्रधानाचार्य ने mic संभाला और पूछा बच्चों आज कौन सा दिन है ... एक
छोटे बच्चे की आवाज आई Tuesday तभी सारे बच्चे एक साथ बोल पढ़े “Tuesday”…आगे मैम ने पूछा
कल कौन सा दिन था Monday बच्चों का जवाब आया तो बच्चों सप्ताह के दिनों के नाम बता दो
इस प्रकार बच्चों को अंग्रेजी में सप्ताह के दिनों के नाम दोहरा दिये गए, “सप्ताह का आखिरी दिन तो Sunday
होता है ” एक बच्चे ने जवाब दिया|

मैम – “बच्चों सनडे को हम क्या करते हैं”? एक बच्ची ने जवाब दिया “हम चौराहे
घूमने जाते हैं”| आगे मैम ने बच्चों से पूछा की कुछ ऐसे काम भी हैं जो हम बाकी दिनों में नहीं कर पाते हैं लेकिन
Sunday को करते हैं| “हाँ मैम कपड़े छाँटते हैं” कक्षा 5 के एक बच्चे ने जवाब दिया तो मैम ने हामी भरते हुए
कहा कि हाँ बच्चों हम रविवार को साफ सफाई वाले कार्य भी करते हैं अपने सामान कि साफ सफाई करते हैं आदि
क्योंकि स्वच्छता बहुत जरूरी है इस प्रकार स्वच्छता का संदेश भी बच्चों तक पहुँच रहा था| लेकिन अब तो सूरज
भी आँगन में धूप बिखेरता जा रहा था तथा बच्चे बरामदे कि ओर छाँव के लिए बढ़ते जा रहे थे| नसरीन मैम ने
बच्चों को संचारी रोगों के बारे में जानकारी भी दी पहले संचारी का अर्थ बताया कि संचारी मतलब फैलना| यानी ये
वे रोग हैं जो एक व्यक्ति से दस
ू रे व्यक्ति में फैलते हैं जैसे ख़सरा और मौसमी बुखार आदि| बच्चों को जानकारी
दी कि बिहार में ऐसा बुखार “चमकी” चल रहा है इसलिए किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य आशंका होने पर CHC में
तुरंत दिखाएँ | अब बच्चों की बारी थी मेम ने खुला session छोड़ दिया और जो बच्चा कुछ भी सुनना चाहता हो
मंच पर आ सकता था |

“बया हमारी चिड़िया रानी” ये कविता 3-4 बच्चों ने लगातार सुनाई इसी से इस कविता
की प्रसिद्धि का पता लगाया जा सकता है | एक बच्चे ने कहानी भी सन
ु ाई इस तरह प्रार्थना सभा की समाप्ति 8:25
पर हो गयी और सभी बच्चे कक्षाओं में चले गये| प्रार्थना सभा के इस तरह सहज और प्रभावी रूप को दे खकर मैं
प्रसन्न था अपनी खश
ु ी मैम को बता कर और हालचाल पछ
ू कर मैं स्कूल से वापस आया|

स्कूल का नाम – PS हुसैनपुर

प्रधानाध्यापिका का नाम – श्रीमति नसरीन अंसारी

ग्राम पंचायत – हुसैनपरु

न्याय पंचायत – हुसैनपरु

विकास खंड – तेजवापरु

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