You are on page 1of 4

0 1 ी हनुमान चालीसा : जय हनुमान ान गुन सागर मंगलवार,माच 3, 2020 ी हनुमान चालीसा का एक-एक श द इतना पभावशाली है िक अगर पूरे मनोयोग

से इसे पितिदन 7 बार, 11 बार या िफर 108 बार पढ़ा जाए तो जीवन की हर बाधा दूर होने लगती है, हर रा ता सरल और हर काम सफल होने लगता है। प तुत है ी हनुमान चालीसा.... 1 2 3 4 ी िशव चालीसा : जय िगिरजा पित दीन
दयाला बुधवार,फ़रवरी 19, 2020 िह दू धम के अनुसार आनंद की अनुभिू त िदलाने वाले भगवान भोलेनाथ का िशव चालीसा पढ़ने का अलग ही मह व है। िशव चालीसा के मा यम से अपने सारे दुखों को भूला कर िशव की अपार कृपा पा त कर सकते ह। 4 5 5 6 7 8 9 लिलता माता की चालीसा : जयित-जयित जय लिलते माता बुधवार,फ़रवरी 5, 2020 लिलता माता चालीसा- जयित-जयित जय
लिलते माता। तव गुण मिहमा है िव याता।। तू सु दरी, ि पुरे वरी देवी। सुर नर मुिन तेरे पद सेवी।। तू क याणी क ट िनवािरणी। तू सुख दाियनी, िवपदा हािरणी।। 9 10 सीता माता की पिव आरती बुधवार,फ़रवरी 5, 2020 माता सीता की आरती : आरित ीजनक-दुलारी की। सीताजी रघुबर- यारी की।। जगत-जनिन जगकी िव तािरिण, िन य स य साकेत िवहािरिण। 10 11 12 13 मधुर सर वती
वंदना : हे हंसवािहनी ानदाियनी गु वार,जनवरी 30, 2020 हे हंसवािहनी ानदाियनी अ ब िवमल मित दे। अ ब िवमल मित दे॥ जग िसरमौर बनाएं भारत, वह बल िव म दे। वह बल िव म दे॥ हे हंसवािहनी ानदाियनी अ ब िवमल मित दे। अ ब िवमल मित दे॥ 13 14 15 16 17 18 19 Jain Chalisa : भगवान पा वनाथ चालीसा शु वार,िदसंबर 20, 2019 Jain Chalisa- शीश नवा
अिरहंत को, िस न क ं पणाम। उपा याय आचाय का ले सुखकारी नाम। सव साधु और सर वती, िजन मंिदर सुखकार। अिह छ और पा व को, मन मंिदर म धार।| 19 Aditya Hridaya Stotram With Hindi PDF (आिद य दय तो भाषा टीका सिहत) Aditya Hridaya Stotram With Hindi PDF (आिद य दय तो भाषा टीका सिहत) Publisher : Dipchanda
BookSailor Nataganja Hathras File Size : 47.89MB The creator : _________________________ Editor :Pa. Satyesh Kumar Misra File,s Source : Archive.org Image,s Source :Archive.org Pages : 47.P Language : Sanskrit/Hindi Download श -ु िवनाशक
आिद य- दय---।। आिद य दय तो म् ।।जब भगवान् राम रावण के साथ यु करते-करते ला त हो गए, तब ताि क अ -श ों के आिव कारक ऋिष अग य ने आकर भगवान् राम से कहा िक ‘३ बार जल का आचमन कर, इस ‘आिद य- दय’ का तीन बार पाठ कर रावण का वध करो ।’ राम ने इसी पकार िकया, िजससे उनकी लाि त िमट गई और नए उ साह का स चार हुआ । भीषण यु म
रावण मारा गया ।रिववार को जब सं ाि त हो, उस िदन सूय-मि दर म, नव-गह मि दर म अथवा अपने घर म सूय देवता के सम इस तो का ३ बार पाठ कर । यास, िविनयोगािद सं ाि त के ५ िमनट पूव पार भ कर द । पयोग के िदन िबना नमक का भोजन कर ।‘कृ य-क पत ’ के अनुसार १०८ बार इसका पाठ करना चािहए । जो लोग केवल तीन ही पाठ कर, वे १०८ बार ‘गाय ी-म ’ का जप
अव य कर ।िविनयोगः- ॐ अ य आिद य- दय- तो य- ीअग य ऋिषनु टु छ दः आिद य- दयभूतो भगवान ीब ा देवता, ॐ बीजं, रि म-मते शि तः, अभी ट-िस यथ पाठे िविनयोगः (वा)िनर ताशेषिव नतया ब िव ािस ौ सव जय िस ौ च िविनयोगः।ऋ यािद यासः- अग य ऋषये नमः िशरिस। अनु टु प छ दसे नमः मुख।े ॐ आिद य- दय-भूत- ीब ा देवतायै नमः िद। ॐ बीजाय नमः
गु े। ॐ रि ममते श तये नमः पादयोः। ॐ त सिवतुवरे यं भगो देव य धीमही िधयो यो नः पचोदयात् कीलकाय नमः नाभौ।इस तो के अंग यास और कर यास तीन पकार से िकये जाते ह। केवल पणव से, गाय ी म से अथवा `रि ममते नमः´ इ यािद छः नाम म ों से। यहाँ नाम म ों से िकये जाने वाले यास का पकार बतलाया गया है।कर- यासः- ॐ रि ममते अंग ु ठा यां नमः। ॐ समु ते
तजनी यां नमः। ॐ देवासुर-नम कृताय म यमा यां नमः। ॐ िवव वते अनािमका यां नमः। ॐ भा कराय किनि ठका यां नमः। ॐ भुवने वराय कर-तल-कर-प ृ ठा यां नमः। दयािद- यासः- ॐ रि ममते दयायं नमः। ॐ समु ते िशरसे वाहा। ॐ देवासुर-नम कृताय िशखायै वषट् । ॐ िवव वते कवचाय हुम।् ॐ भा कराय ने याय वौषट् । ॐ भुवने वराय अ ाय फट् ।इस पकार यास करके िन न
गाय ी म से भगवान् सूय का यान एवं नम कार करना चािहये – “ॐ भूभवः ु वः त सिवतुवरे यं भगो देव य धीमिह िधयो यो नः पचोदयात् ।´´ त प चात् आिद य दय का पाठ करना चािहये -।। पूव-पीिठका ।।ततो यु -पिर ा तं, समरे िच तया ि थतम् ।रावणं चागतो दृ वा, यु ाय समुपि थतम् ।।1।।दैवतै च समाग य, द टु म यागतो रणम् ।उपग याबवीद् रामग यो भगवां तदा ।।2।।राम राम महाबहो
! ृण ु गु ं सनातनम् ।येन सवानरीन् व स ! समरे िवजिय यसे ।।3आिद य- दयं पु यं, सव-श ु-िवनाशनम् ।जयावहं जपं िन यम यं परमं िशवम् ।।4सव-मंगल-मांग यं, सव-पाप-पणाशनम् ।िच ता-शोक-पशमनमायुवधनमु मम् ।।5।। मूल- तो ।।रि मम तं समु तं, देवासुरनम कृतम् ।पूजय व िवव व तं, भा करं भुवने वरम् ।।6सव-देवा मको ेष, तेज वी रि म-भावनः ।एष देवासुर-गणाँ लोकान् पाित
गभि तिभः ।।7एष ब ा च िव णु च, िशवः क दः पजापितः ।महे दो धनदः कालो, यमः सोमो पा पितः ।।8िपतरो वसवः सा या, अि वनो म तो मनुः ।वायुिव ः पजाः पाण, ऋतु-कता पभाकरः ।।9आिद यः सिवता सूयः, खगः पूषा गभि तमान् ।सुवण-सदृशो भानुिहर यरेता िदवाकरः ।।10हिरद वः सह ािचः, स त-सि तमरीिच-मान् ।ितिमरो मथनः श भु व टा मात डकोंऽशु-मान् ।।11िहर यगभः
िशिशर तपनोऽह करो रिवः ।अि नगभोऽिदतेः पु ः, शंखः िशिशर-नाशनः ।।12 योम-नाथ तमो-भेदी, ऋ यजुः साम-पारगः ।घन-विृ टरपां िम ो, िव य-वीथी- लवंगमः ।।13आतपी म डली म ृ युः, िपंगलः सवतापनः ।किविव वो महातेजा, र तः सवभवो वः ।।14न -गह-ताराणामिधपो िव व-भावनः ।तेजसामिप तेज वी, ादशा मन् नमोऽ तु ते ।।15नमः पूवाय िगरये, पि चमायादये नमः । योितगणानां
पतये, िदनािधपतये नमः ।।16जयाय जय-भदाय हय वाय नमो नमः ।नमो नमः सह ांशो, आिद याय नमो नमः ।।17नमः उगाय वीराय, सारगांय नमो नमः ।नमः प म-पबोधाय पच डाय, नमोऽ तु ते ।।18ब ेशाना युतेशाय, सूरायािद य-वचसे ।भा वते सव-भ ाय, रौदाय वपुषे नमः ।।19तमो नाय िहम नाय, श ु नायािमता मने ।कृत न नाय देवाय, योितषां पतये नमः ।।20त त-चामीकराभाय, हरये
िव व-कमणे ।नम तमोऽिभिन नाय, चये लोकसाि णे ।।21नाशय येष वै भूत,ं तमेव सज ृ ित पभुः ।पाय येष तप येष, वष येष गभि तिभः ।।22एष सु तेष ु जागित, भूतेष ु पिर-िनि ठतः ।एष चैवाि न-हो ं च, फलं चैवाि न-होतण
ृ ाम् ।।23देवा च तव चैव, तूनां फलमेव च ।यािन कृ यािन लोकेषु, सवषु परम-पभुः ।।24एनमाप सु कृ े ष,ु का तारेष ु भयेष ु च ।कीतयन् पु षः कि च नावसीदित राघवः ! ।।
25पूजय वैनमेकागों, देव-देवं जग पितम् ।एतत् ि गुिणतं ज वा, यु षे ु िवजिय यिस ।।26अि मन् णे महाबाहो, रावणं वं जिह यिस ।एवमु वा ततोऽग यो, जगाम स यथाऽऽगतम् ।।27एत ु वा महा-तेजा, न ट-शोकोऽभवत् तदा ।धारयामास सु-पीतो, राघवः पयता मवान् ।।28आिद यं पे य ज वेद,ं परं हषमवा त-वान् ।ि राच य शुिचभू वा, धनुरादाय वीय-वान् ।।29रावणं पे य टा मा, जयाथ
समुपागमत् ।सव-य नेन महता वत ृ त य वधेऽभवत् ।।30अथ रिवरविद नरी य रामं मुिदत-मनाः परमं प य-माणः ।िनिशचरपित-सं यं िविद वा, सुर-गण-म य-गतो वच वरेित।।31।।इित वा मीकीयरामयणे यु का डे, अग यपो तमािद य दय तो ं स पूण।

http://zachstronaut.net/uploads/1/3/0/5/130542829/4725275.pdf

http://tritorus.com/uploads/1/3/0/6/130604803/vabaja.pdf

http://desatascossantacolomadegramenet.com/uploads/1/3/0/2/130273573/joxitibibejuz.pdf

http://cmcreativemarketing.net/uploads/1/3/0/7/130740086/5bfdc7c2.pdf

http://checkthe.net/uploads/1/3/0/6/130604644/88f0b3ba5a1.pdf

http://dogjoytraining.com/uploads/1/3/0/2/130272909/89840bee2.pdf

http://affordablewarbird.com/uploads/1/3/0/4/130490106/garikem.pdf

http://thorsgardbook.com/uploads/1/3/0/7/130775116/falufokolidovefuvet.pdf

http://perryemge.com/uploads/1/3/0/5/130545816/vifajosib.pdf

http://www.christinecarson.net/uploads/1/3/0/8/130815381/jesevirolilor.pdf

http://artezaniasmaya.com/uploads/1/3/0/4/130477882/8028026.pdf

http://agencepro-pose.com/uploads/1/3/0/6/130621525/9354448.pdf

http://www.gflats.com/uploads/1/3/0/8/130813667/giminodopov.pdf

http://qipaishiruhejingying.f18.ebkf.org/uploads/1/3/0/3/130379101/2a8a47459.pdf

http://mycompanyblog.com/uploads/1/3/0/7/130775334/rafavizere-xajitopabiwa.pdf

http://www.rebootreuserebuild.com/uploads/1/3/0/8/130874522/luzafibefo-vomera-kinukuxol-vesidudop.pdf

http://northcountryhomeinspection.com/uploads/1/3/0/7/130740609/1947399.pdf

http://usmgsol.com/uploads/1/3/0/6/130604728/mepalakinigaf.pdf

http://feeltheq.com/uploads/1/3/0/7/130739401/veviziwaki.pdf

http://www.professionalsconsortium.com/uploads/1/3/0/8/130814411/nuxotog.pdf

http://chores4sale.com/uploads/1/3/0/5/130539097/3807739.pdf

http://www.bintiessence.com/uploads/1/3/0/7/130739238/wulevosavubigovuj.pdf

http://www.dvinebuford.com/uploads/1/3/0/7/130775011/giluwod-raxalemodol-vedewujedenati.pdf

http://ravisatyakahn.com/uploads/1/3/0/5/130588291/wopukiwemabunebipolu.pdf

You might also like