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सर्वाष्टिक वर्ग का जन्मकुण्डली में उपयोग यह है कि जिस भाष राशि में 28 से अधिक बिन्द ु हों, जीवन में उस भाव सम्बन्धित
शभ
ु फल होंगे। 28 से बिन्द ु जितने अधिक होंगे उतना ही अधिक शभ
ु फल होगा। जितने 28 से कम बिन्द ु होंगे उतना ही अधिक
भाव सम्बन्धी अशुभ फल होगा 1, 9, 10 व 11 वें भाव में विशेष रूप से 28 से अधिक बिन्द ु होने चाहियें तभी जीवन सफल होता है ।
अषप्टक वर्ग तथा गोचर में कक्षा विचार
सर्य
ू एक राशि में लगभग 30 दिन में चल पाता है । अत्त: वह एक कक्षा अर्थात ्राशि के आठवें भाग, 3 अंश 45 कला की एक कक्षा
को 30 x 8 अर्थात ्3 दिन 18 घंटों में चल पाएगा। इसी प्रकार चन्द्र एक कक्षा को 6x3/4 घंटों में , मंगल 5 दिन में , बुध 2.5 दिन में ,
गुरु 1.5 मास में , शुक्र तीन दिन में , शनि 3x3/4 मास में , राहु व केतु 2x1/4 मास में चलते हैं।
जब कोई ग्रह गोचरवश किसी राशि की आठ कक्षाओं में से किसी ऐसी कक्षा से गुजरता है जिसमें कि इसको किसी ग्रह द्वारा बिन्द ु
की प्राप्ति होती है तो बह ग्रह उस कक्षा संचरण के समय शुभ फल करता है । साथ ही ध्यान रखें कि बह गोचर ग्रह नीच, अस्त
अथवा शत्रु राशि में न हो।
चूंकि सभी ग्रह गोचर वश घूमते हैं, हो सकता है कि किसी राशि में एक से अधिक ग्रहों को एक ही कक्षा में कई अन्य ग्रहीं द्वारा
बिन्द ु को प्राप्ति हों। जितने अधिक ग्रहों को बिन्द ु की प्राप्ति होगी फल उतना ही उत्तम होगा। कक्षाओं में चार ग्रहों द्वारा बिन्द ु
की प्राप्ति से धन, 5 द्वारा सुन्दर स्वास्थ्य, धन, मान, भूषण आदि, 6 से राज्य और 7 से जातक राजाओं का राजा होता है ।
जब कोई ग्रह गोचरवश किसी ऐसी कक्षा से गुजर रहा हो जहाँ इसको बिन्द ु मिलता है तो शुभ फल इस गोचर ग्रह के कारकत्व के
सम्बन्ध में होता है । दस
ू रे , यह फल ग्रह के जीव, मूल, धातु वर्गीकरणानुसार भी मिलता है ।तीसरे , यह फल लग्न से गिनकर उस
भाव के प्रभावों से भी सम्बन्धित होगा जिसमें से वह ग्रह गुजर रहा है और चौथे, उस भाव से भी सम्बन्धित होगा
जोकि बिन्द ु दे ने वाले ग्रह से गोचर ग्रह का होता है ।
सूर्यादि ग्रहों का गोचरवश विभिन्न कक्षाओं से गुजरने का क्या फल होता हैं ? इसका विवरण हम नीचे दे रहे हैं--
सर्य
ू का सभी भावों में अनक
ु ू ल कक्षा में फल जहाँ बिन्द ु प्राप्त हो
गरु
ु का अष्टक वर्ग में बिन्द ु प्राप्ति पर विभिनन
् कक्षाओं में शभ फल
शक्र
ु का अषप्टक चर्ग में विभिन कक्षाओं में रे खा प्रप्ति फल