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सामान्य हहन्दी

ऄनेक शब्दों के एक शब्द

By - नननतन गुप्ता

Hello Friend , I am नननतन गुप्त ा From – Nitin-Gupta.com

नमस्कार दोस्तों अज की हमारी PDF हहिं दी निषय से संबंधधत है आस पोस्ट में हम


अपको सामान्य हहिं दी के ऄनत महत्वपूणण ऄनेक शब्दों के लिए एक शब्द बताएंगे जो
कक नपछिी प्रनतयोगी परीक्षाओं जैसे कक UPSC , MPPSC , UPPCS , RAS में
पूंछे जा चुके हैं और बार बार पूंछे जाते है . ! तो ये अने बािे सभी Exams के लिये
खासकर MPSI के लिये बरृत ही महत्वपूणण है तो अप आसे ऄच्छे से याद कर
िीलजयेगा ! तो चलिये दोस्तो शुरू करते हैं !!

किसी भी सहायता िे किये फेसबि


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ऄनेक शब्दों के एक शब्द

 जो सबके ऄन्तःकारण की बात जानने िािा हो – ऄन्तयाणमी (MPPCS, RAS, UPPCS, IAS)
 जो पहिे कभी न रृअ हो – ऄभूतपूिण (IAS, RAS)
 जो शोक करने योग्य न हो – ऄशोक (UPPCS)
 जो खाने योग्य ने हो – ऄखाद्य (UPPCS)
 जो क्षीण न हो सके – ऄक्षय (RO)
 लजसकी गहराइ या थाह का पता न िग सके – ऄथाह, ऄगाध (RAS, UPPCS)
 जो धचन्ता के योग्य न हो – ऄधचन्त्य, ऄधचन्तनीय (RAS)
 जो आन्द्रियों द्वारा न जाना जा सके – ऄगोचर, ऄतीिीय (IAS)
 जो िस्तु ककसी दूसरे के पास रखी हो – ऄमानत (UPPCS)
 जो बीत चुका हो – ऄतीत (IAS)
 जो हदखायी न पड़े – ऄरॅश्य, ऄप्रत्यक्ष (UPPCS, IAS)
 जो सदा से चिा अ रहा है – ऄनिरत (IAS)
 जो कभी नहीं मरता – ऄमत्यण, ऄमर (APO, RAS, IAS)
 जो अगे (दूर) की न सोचता हो – ऄदूरदशी (Upper Sub.)
 जो अगे (दूर) की सोंचता हो – ऄग्रसोची, दूरदशी (UPPCS)
 धरती (पृथ्वी) और अकाश के बीच का स्थान – ऄंतररक्ष (UPPCS)
 लजसका कोइ ऄथण न हो – ऄथणहीन (UPPCS)
 लजस पर अक्रमण न ककया गया हो – ऄनाक्रांत (UPPCS)
 लजसे जीता न जा सके – ऄजेय (UPPCS, Upper Sub., RO)
 नबना िेतन काम करने िािा – ऄिैतननक (UPPCS, B.Ed., Low Sub.)
 लजसका जन्म पहिे रृअ हो (बड़ा भाइ) – ऄग्रज (RAS)
 दोपहर के बाद का समय – ऄपराह्न (IAS, Upper Sub., UPPCS)
 जो परालजत न ककया जा सके – ऄपराजेय (UKPCS)
 ऄधधक बढ़ा-चढ़ा कर कहना – ऄनतशयोनि, ऄनतयुनि (B.Ed.)
 लजसका पररहार (त्याग) न हो सके/लजसको छोड़ा न जा सके – ऄपररहायण (UPPCS, B.Ed., Low
Sub.)
 जो कानून के प्रनतकूि हो/जो निधध के निरुद्ध हो – ऄिैध, ऄनिधधक (UPPCS, IAS)
 जो समय पर न हो – ऄसामधयक (UPPCS)

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 जो ऄिश्य होने िािा हो – ऄिश्यम्भािी (APO, UPPCS)
 लजसका नििाह न रृअ हो – ऄनििाहहत (IAS)
 जो सबके ऄन्तःकारण की बात जानने िािा हो – ऄन्तयाणमी (MPPCS)
 लजसका आिाज न हो सके – ऄसाध्य (RO)
 ककसी कायण के लिए दी जाने िािी अधथि क सहायता – ऄनुदान (UKPCS)
 व्यथण/ऄनुधचत खचण करने िािा – ऄपव्ययी (RAS, UPPCS)
 लजसकी पहिे से कोइ अशा न हो – ऄप्रत्यालशत (UPPCS, APO)
 पुरुष जो ऄधभनय करता हो – ऄधभनेता (MPPSC)
 जो भेदा या तोड़ा न जा सके – ऄभेद्य (Low Sub.)
 लजसका जन्म छोटी जानत (ननचिे िणण) में रृअ हो – ऄंत्यज (RO)
 जो ऄभी-ऄभी ईत्पन्न रृअ हो – ऄद्यःप्रसूत (UPPCS)
 लजसको क्षमा न ककया जा सके – ऄक्षम्य (Low Sub.)
 जो न जाना जा सके – ऄज्ञेय (Upper Sub., UPPCS)
 जो कुछ न जानता हो – ऄज्ञ, ऄज्ञानी (UPPCS, B.Ed.)
 कम बोिने िािा – ऄल्पभाषी, धमतभाषी (Low Sub., APO, UPPCS, RAS,)
 थोड़ा जानने िािा – ऄल्पज्ञ (RAS, MPPCS)
 लजसका कभी ऄन्त न हो – ऄनन्त (UPPCS, B.Ed.)
 लजसका मााँ-बाप न हो – ऄनाथ (IAS, UPPCS)
 लजसके समान कोइ दूसरा न हो – ऄकद्वतीय (RAS, IAS, UPPCS)
 लजस पर मुकद्दमा चि रहा हो/ लजस पर ऄधभयोग िगाया गया हो – ऄधभयुि, ऄधभयोगी (UPPCS,
APO, IAS)
 लजसकी कोइ सीमा न हो – ऄसीम (IAS, UPPCS)
 लजसके अने की कोइ नतधथ न हो – ऄनतधथ (IAS, UPPCS)
 लजसे भुिाया न जा सके – ऄनिस्मृनत (IAS)
 लजसकी ईपमा न हो – ऄनुपम, ऄनुपमा (UPPCS, IAS)
 लजसे बुिाया न गया हो/जो नबना बुिाये अया हो – ऄनारॄत (IAS, UPPCS)
 लजसका िचन या िाणी द्वारा िणणन न ककया जा सके/लजसे िाणी व्यि न कर सके – ऄननिणचनीय,
ऄिणणनीय (IAS, UPPCS)
 लजसे शब्दों में नहीं कहा जा सके – ऄकथनीय (UPPCS)
 लजसका ननिारण न हो सकता हो – ऄसाध्य (UPPCS, B.Ed.)
 जो ऄनुकरण करने योग्य हो – ऄनुकरणीय (APO)

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 ककसी के पीछे -पीछे चिने िािा/जो पीछे चिता हो – ऄनुचर, ऄनुगामी, ऄनुयायी (IAS, B.Ed.)
 लजस पर ऄनुग्रह ककया गया हो – ऄनुगृहीत (UPPCS, B.Ed.)
 जो हहसाब ककताब की जााँच करता हो – ऄंकेक्षक (MPPCS)
 रूप के ऄनुसार – ऄनुरूप (UPPCS)
 सोच-समझकर कायण न करने िािा – ऄनििेकी (UPPCS, RAS)
 जो पहिे कभी घरटत न रृअ हो – ऄघरटत (IAS)
 लजसकी पररभाषा देना संभि न हो – ऄपररभानषत (IAS, B.Ed.)
 निकृत शब्द/नबगड़ा रृअ शब्द – ऄपभ्रंश (UPPCS)
 जो निश्वास करने योग्य (िायक) न हो – ऄनिश्वासनीय (Low Sub.)
 लजसका ककसी भी प्रकार ईल्लंघन नहीं ककया जा सके – ऄनुिंघनीय (Low Sub.)
 जो ऄभी तक न अया हो – ऄनागत (IAS, B.Ed.)
 मूल्य घटाने की कक्रया – ऄिमूल्यन (IAS, B.Ed.)
 ऄधधकार या कब्जे में अया रृअ – ऄधधकृत (UKPCS)
 जो पहिे कभी नहीं सुना गया – ऄनुश्रुत (Low Sub.)
 लजसका जन्म ऄण्डे से हो – ऄण्डज (APO, B.Ed.)
 गुरु के समीप या साथ रहने िािा निद्याथी – ऄन्तेिासी (UPPCS, B.Ed.)
 जो व्यय न ककया जा सके – ऄव्यय (Low Sub.)
 लजसका ईत्तर न हदया गया हो – ऄनुत्तररत (Low Sub., UPPCS)
 जो बदिा न जा सके – ऄपररितणनीय (Low Sub.)
 जो आधर-ईधर से घूमता-किरता अ जाए – अगन्तुक (UPPCS, IAS)
 जो अदर करने योग्य हो – अदरणीय (IAS)
 अशा से ऄधधक/लजसकी अशा न की गइ हो – अशातीत (Upper Sub., Low Sub.)
 अिोचना करने िािा – अिोचक (Upper Sub.)
 अहद से ऄन्त तक – अद्योपान्त, अद्यन्त (UPPCS, IAS)
 जो ऄपने पैरों पर खड़ा हो – अत्म-ननभणर (UPPCS)
 अभार मानने िािा – अभारी (RAS, UPPCS)
 जो ककसी िस्तु या व्यनि के गुण-दोष की अिोचना करता हो – अिोचक (Upper Sub.)
 िह कनि जो तत्काि/तत्क्षण कनिता कर डािता हो – अशुकनि (UKPCS, UPPCS)
 जो स्वयं का मत मानने िािा हो – अत्मधभमत (UPPCS)
 जो इश्वर को मानता हो – अस्तस्तक (MPPCS, Low Sub., UPPCS, BPSC, UKPCS)
 ऄनतधथ की सेिा करने िािा – अनतथेयी (UKPCS)

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 भगिान के सहारे ऄननश्चित अय – अकाशिृनत्त (UKPCS)
 जो परम्परा से सुना रृअ हो – अनुश्रानिक (UKPCS)
 जो आन्द्रियों को िश में कर िे – आन्द्रिय-ननग्रहिान (Upper Sub.)

ऄन्य महत्वपूण ण एक शब्दों के ऄनेक शब्द

1. जहााँ परृाँचा न जा सके – ऄगम, ऄगम्य


2. लजसे बरृत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने िािा – ऄल्पज्ञ
3. मास में एक बार अने िािा – मालसक
4. लजसके कोइ संतान न हो – ननस्संतान
5. जो कभी न मरे – ऄमर
6. लजसका अचरण ऄच्छा न हो – दुराचारी
7. पंद्रह हदन में एक बार होने िािा – पालक्षक
8. ऄच्छे चररत्र िािा – सच्चररत्र
9. अज्ञा का पािन करने िािा – अज्ञाकारी
10. रोगी की धचककत्सा करने िािा – धचककत्सक
11. सत्य बोिने िािा – सत्यिादी
12. दूसरों पर ईपकार करने िािा – ईपकारी
13. लजसे कभी बुढ़ापा न अये – ऄजर
14. दया करने िािा – दयािु
15. लजसका अकार न हो – ननराकार
16. जो अाँखों के सामने हो – प्रत्यक्ष
17. लजसे देखकर डर (भय) िगे – डरािना, भयानक
18. जो स्थस्थर रहे – स्थािर
19. ज्ञान देने िािी – ज्ञानदा
20. भूत-ितणमान-भनिष्य को देखने (जानने) िािे – कत्रकािदशी
21. जानने की आच्छा रखने िािा – लजज्ञासु
22. लजसे क्षमा न ककया जा सके – ऄक्षम्य
23. लजसका कोइ मूल्य न हो – ऄमूल्य

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24. जो िन में घूमता हो – िनचर
25. जो आस िोक से बाहर की बात हो – ऄिौककक
26. जो आस िोक की बात हो – िौककक
27. लजसके नीचे रे खा हो – रे खांककत
28. लजसका संबंध पश्चिम से हो – पािात्य
29. जो स्थस्थर रहे – स्थािर
30. दुखांत नाटक – त्रासदी
31. जो क्षमा करने के योग्य हो – क्षम्य
32. हहिं सा करने िािा – हहिं सक
33. हहत चाहने िािा – हहतैषी
34. हाथ से लिखा रृअ – हस्तलिखखत
35. सब कुछ जानने िािा – सिणज्ञ
36. जो स्वयं पैदा रृअ हो – स्वयंभू
37. जो शरण में अया हो – शरणागत
38. लजसका िणणन न ककया जा सके – िणणनातीत
39. िि-िूि खाने िािा – शाकाहारी
40. लजसकी पत्नी मर गइ हो – निधुर
41. लजसका पनत मर गया हो – निधिा
42. सौतेिी मााँ – निमाता
43. व्याकरण जाननेिािा – िैयाकरण
44. रचना करने िािा – रचधयता
45. खून से राँ गा रृअ – रिरं लजत
46. ऄत्यंत सुन्दर स्त्री – रूपसी
47. कीनति मान पुरुष – यशस्वी
48. कम खचण करने िािा – धमतव्ययी
49. मछिी की तरह अाँखों िािी – मीनाक्षी
50. मयूर की तरह अाँखों िािी – मयूराक्षी
51. बच्चों के लिए काम की िस्तु – बािोपयोगी
52. लजसकी बरृत ऄधधक चचाण हो – बरृचधचि त
53. लजस स्त्री के कभी संतान न रृइ हो – िंध्या (बााँझ)
54. िेन से भरा रृअ – िेननि

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55. नप्रय बोिने िािी स्त्री – नप्रयंिदा
56. लजसकी ईपमा न हो – ननरुपम
57. जो थोड़ी देर पहिे पैदा रृअ हो – निजात
58. लजसका कोइ अधार न हो – ननराधार
59. नगर में िास करने िािा – नागररक
60. रात में घूमने िािा – ननशाचर
61. इश्वर पर निश्वास न रखने िािा – नास्तस्तक
62. मांस न खाने िािा – ननराधमष
63. नबिकुि बरबाद हो गया हो – ध्वस्त
64. लजसकी धमण में ननष्ठा हो – धमणननष्ठ
65. देखने योग्य – दशणनीय
66. बरृत तेज चिने िािा – द्रुतगामी
67. जो ककसी पक्ष में न हो – तटस्थ
68. तत्त्त्त्ति को जानने िािा – तत्त्त्त्तिज्ञ
69. तप करने िािा – तपस्वी
70. जो जन्म से ऄंधा हो – जन्मांध
71. लजसने आं हद्रयों को जीत लिया हो – लजतेंहद्रय
72. धचिं ता में डू बा रृअ – धचिं नतत
73. जो बरृत समय कर ठहरे – धचरस्थायी
74. लजसकी चार भुजाएाँ हों – चतुभुणज
75. हाथ में चक्र धारण करनेिािा – चक्रपाखण
76. लजससे घृणा की जाए – घृखणत
77. लजसे गुप्त रखा जाए – गोपनीय
78. गखणत का ज्ञाता – गखणतज्ञ
79. अकाश को चूमने िािा – गगनचुंबी
80. जो टुकड़े-टुकड़े हो गया हो – खंहडत
81. अकाश में ईड़ने िािा – नभचर
82. तेज बुधद्धिािा – कुशाग्रबुधद्ध
83. कल्पना से परे हो – कल्पनातीत
84. जो ईपकार मानता है – कृतज्ञ
85. ककसी की हाँ सी ईड़ाना – ईपहास

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86. उपर कहा रृअ – ईपयुणि
87. उपर लिखा गया – ईपररलिखखत
88. लजस पर ईपकार ककया गया हो – ईपकृत
89. आनतहास का ज्ञाता – ऄनतहासज्ञ
90. अिोचना करने िािा – अिोचक
91. इश्वर में अस्था रखने िािा – अस्तस्तक
92. नबना िेतन का – ऄिैतननक
93. जो कहा न जा सके – ऄकथनीय
94. जो नगना न जा सके – ऄगखणत
95. लजसका कोइ शत्रु ही न जन्मा हो – ऄजातशत्रु
96. लजसके समान कोइ दूसरा न हो – ऄकद्वतीय
97. जो पररधचत न हो – ऄपररधचत
98. लजसकी कोइ ईपमा न हो – ऄनुपम

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तो दोस्तो अप सभी के लिये अगामी प्रनतयोगी परीक्षा के लिये नननतन गुप्ता की तरि
से All The Best ! रोज हम अपको प्रनतयोगी परीक्षा के लिये नइ पोस्ट ईपिब्ध
कराऐंग े , तो Regular अप हमारी बेब साआट नबलजट करते रहहये !

अपका ऄपना – नननतन गुप्त ा

प्रनतयोगी परीक्षाओं से संबंधधत सभी प्रकार की PDF एिं समान्य


ज्ञान से संबंधधत GK Tricks के लिये हमारी बेबसाआट पर अपका
स्वागत है !

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