You are on page 1of 4

स्वदेशी पत्रिका

भारतीय संस्कृ तत व आयुवेद को स्थातित करने के लिए प्रयासरत

;g iqLrd lefiZr gS xkSHkäks] Lons'kh çsfe;ks] fdlkuks vkSj yk[kks ukStokuksa dks tks vius ifjokj ds lkFk

jk"Vª dks Hkh fujksxe; cukuk pkgrs gS o gekjs mu lkfFk;ks dks tks iapxO; ds {ks= esa dk;Z dj jgs gS]

vius dk;Z ds lkFk Hkkjrh; laL—fr dk çpkj&çlkj dj jgs gS]

o Hkkjrh; Kku dks tuekul rd ck¡V jgs gS


स्वदे शी पत्रिका

अपने चचककत्सक स्वयं बने


“अिनी तदनचयाा में बदिाव , शरीर के सभी रोगों से बचाव”

 सामान्य परिचय

बंधुओ ये आम का मौसम है। ये जीवनदायी भी सात्रबत हो जाता है। कुछ रोग ऐसे हैं जजनमेकोई दवा ही काम नहीं
करती। वहााँ ये आम रोगी के ललए खास का दजाा रखता है आम का नहीं। इस आम का वैज्ञात्रनक नाम है- Magnifera
indica इस आम के सारे अंग ही प्रयोग में ललए जा सकते हैं। आम की मौर, पत्ते ,छाल, फूल, बीज, गुठली, गोंद,

dk
जड़, पका फल, कच्चा फल, सभी का आयुवेददक प्रयोग है, दे खा आपने ये आम है। त्रकतने काम की चीज इसमें
त्रनम्नललखखत तत्व पाए जाते है:-

मंजीफैररिंन प्रोटीन
if= आयरन काबोंहाइड्रेट

फैट अमीनोएलसि कैक्शशयम फास्पोरस

केरोटीन ग्लूकोज सुक्रोज फ्रलटोज

गैलोटे त्रनन गेललक एलसि इथाइल गैलेट

आइसोकवेरसेदटन बीटा-लसटोस्तीराल त्रवटाडमन C त्रवटाडमन A

ररबोफ्लेत्रवन िीटरपेन जजरात्रनयाल ललमोत्रनना


kh

नेराल टै ननिंन मेंजीफेरान मेंजीफेराल


ns'

*उपरोक्त तत्व पाए जाते हैं।


Lo

 आम के फूल या बौि भी दवा के काम आते है

 अगर आपको गले में कोई तकलीफ हो गयी हो, या आवाज में मधुरता लानी है या कफ जत्रनत कोई बीमारी
है तो आम के ये सूखे हुए फूल बड़ा काम करते हैं। इन्हें डमश्री, मुलेठी और आवले के साथ पीस कर काले

श्री राजीव दीक्षित जी के बताए घरेलू नुस्खे की वीडियो दे खने के ललए इस बटन ► पर क्ललक करे 1
स्वदे शी पत्रिका

अंगूर में डमलस करके गोललयां बना लीजजये, ब्रोंकाइदटस जैसी बीमारी भी ये दवा खत्म कर दे गी। आवाज तो
सुरीली होगी।
 अगर मकड़ी ने काट ललया है तो अमचूर को पानी में डमला कर लेप कीजजए।
 आाँतों में अन्दर ही अन्दर खून त्रनकल रहा हो तो आम के पेड़ की छाल का काढा बनाइये और 2 चम्मच काढा
आधा कप पानी में डमला कर 2-2 घंटे पर पीते रत्रहये। चार ही ददन में घाव ठीक होते दे खा गया है।
 खूनी बवासीर का तुरंत ईलाज करना हो तो आम के कोमल या नये पत्ते पानी में पीस कर शलकर डमला कर
एक त्रगलास पानी में घोल कर पी जाएाँ। कम से कम 21 ददन पीने से ये बीमारी जड़ से ही खत्म हो जायेगी।
 शयूकोररया में आप आम की छाल का काढा सुबह शाम 20-20 ग्राम एक कप पानी में डमला कर पीजजये,
एक महीने तक लगातार।

dk
 त्रहचकी बार-बार आ रही हो तो आम के पत्तो का धुाँआ सुन्न्घये।
 त्रकतनी ही तेज लू लग जाए और बुखार उलटी दस्त होने लगे हो तो लसफा आम ही आपको जजन्दगी वापस दे
सकता है कच्चा आम डछलके समेत पानी में उबाललए त्रफर उसी पानी में हाथ से उस आम को मसल दीजजये
और स्वाद के अनुसार नमक या शलकर डमला कर त्रपला दीजजये, सुबह दोपहर शाम एक एक त्रगलास बस।


सारी बीमारी खत्म।
if=
त्रकतना ही तकलीफदे ह दस्त आ रहा हो, आप आम की गुठली के अन्दर जो त्रगरी होती है उसकी चटनी पीस
कर रोगी को बस आधा चम्मच खखला दीजजये उसमें नमक या शलकर डमला सकते हैं एक ही बार खखलाना
काफी रहेगा वैसे सुबह शाम भी खखला सकते हैं।
 त्रकसी को दाद खाज खुजली हो तो उस प्रभात्रवत स्थान पर आम का लेप लगा दीजजये। इस काम को रोज
एक बार कीजजए 21 ददनों तक।
 पके आम का रस पीने से शरीर सुन्दर और तेजस्वी बनता है।
 पके आम का शरबत गले से डिप्थीररया जैसी बीमारी को खत्म करता है।
kh

 अगर गले में खराश हो गयी हो तो आम के पत्तो का काढा सुबह खाली पेट एक त्रगलास पी लीजजये, एक
ns'

त्रगलास काढे के ललए 10 पत्ते काफी हैं।


 नकसीर हो गयी है अथाात नाक से खून त्रनकल रहा है तो आम की गुठली तोड़ कर त्रगरी त्रनकाललए और उसे
पीस कर सुन्न्घये।
Lo

श्री राजीव दीक्षित जी के बताए घरेलू नुस्खे की वीडियो दे खने के ललए इस बटन ► पर क्ललक करे 2
स्वदे शी पत्रिका

आजकल टीवी पर रसना-वासना और झूठ से पररपूर्ा त्रवज्ञापनों द्वारा गर्मिंयों में आम खाने की बजाये माज़ा, फ्रूटी

dk
और स्लाइस पीने का प्रचार त्रकया जा रहा है। यह जान लीजजये की यह 100% मूखातपूर्ा और प्रकृत्रत के त्रवरुद्ध काया है।
प्रकृत्रत ने अलग-अलग ऋतुओं की त्रविमताओं और परेशात्रनयों से त्रनपटने के ललए हर ऋतु के ललए अलग-अलग फल-
सक्जजयां अनाज और जड़ी-बूदटयााँ आदद बनायीं हैं जो हर व्यलक्त को उस ऋतु में आने वाली परेशात्रनयों को झेलने की शलक्त
दे ती हैं।
if=
आम एक ददव्य फल है जो केवल गर्मिंयों के ललए बना है, आयुवेद के अनुसार ग्रीष्म ऋतु में सूया की तीष्र् त्रकरर्ों
के कारर् शरीर में धातुओं की कमी हो जाती है, जजसकी पूती हेतु प्रकृत्रत ने हमें आम जैसा ददव्य फल ददया है, पका आम
खाने से सातों धातुओं की पुत्रि होती है, आम पतले दुबले बच्चों, वृद्धों व कृश लोगों को पुि बनाने हेतु सवोत्तम है, पका
आम खाने से बुजद्ध और शलक्त दोनों में बढोतरी होती है, आम वीयावृजद्ध और शुजद्ध करता है जजस कारर् जजन्हें संतानोपलत्त
न होती हो उनके ललए अत्रत लाभकारी है। आम आलस्य, अशपमूत्र्ता, ियरोग में त्रवशेष लाभकारी है।

यदद इतने गुर् होने के बावजूद भी आप आम की जगह हात्रनकारक चीनी, ससिंथेदटक फ्लेवररिंग, कलर और रसायनों
kh

युक्त पेय पीते हैं केवल इसीललए लयोंत्रक उसका त्रवज्ञापन त्रकसी त्रफशमस्टार ने त्रकया है तो आप से ज्यादा दुभााग्यशाली भला
कौन हो सकता है? इसललए गर्मिंयों में रज कर आम खाएं और भ्रामक त्रवज्ञापनों के जाल से अपने त्रप्रयजनों को सचेत
ns'

करें।

 ध्यान दे :- दूध के साथ केवल मीठे आम का ही सेवन करें, खट्टे आम का मेंगोशेक कभी ना बनाएं। लयोंत्रक इन
Lo

दोनों (खट्टा आम व दूध) के गुर् एक दुसरे के त्रवपरीत हो जाते हैं।

श्री राजीव दीक्षित जी के बताए घरेलू नुस्खे की वीडियो दे खने के ललए इस बटन ► पर क्ललक करे 3

You might also like