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राजहंस व ालय

क ा-आठव

पाठ- व न (सूयकांत पाठ ‘ नराला’)


1) फूल को अनंत तक वक सत करने के लए क व कौन कौन सा यास करता
है?
उ र: क व चाहता है क वसंत के सुगं धत व आकषक फूल अनंत काल तक खलते
रहे इस हेतु वह उनका आल य छ नकर उ ह लंबे समय तक के लए रहने के लए
े रत करता है वह चाहता है क वह फूल सदै व अपनी आभा,स दय क छटा वातावरण
म बखेरते रह।
2) न न ल खत का ांश को पढ़कर के उ र द जए।
पु प-पु प से------------------------------------- अभी न होगा मेरा।
1. क व पु प क तं ा और आल य र हटाने के लए या करना चाहता है?
उ र: कभी अपने हाथ के पश से पु प क न द व आल य मटा कर उ ह चु त, ाणवान व
पु पत करना चाहता है। ऐसा करने का उसका उ े य है क धरती पर ज़रा भी आल य, नराशा व
मायूसी का नशान तक ना रहे। वह हर ओर बसंत क भां त ह रयाली,स दय,सुख और आनंद क
अनुभू त चाहता है।
2. यहाँ पु प कन के तीक ह?
उ र: यहाँ पु प नवयुवक के तीक ह।
3. क व एवं क वता का नाम ल खए।
उ र: क व-सूयकांत पाठ ‘ नराला’ क वता-- व न
पयायवाची श द ल खए।
1. वन- जंगल, कानन, वटप
2. पात- प ा,प
3. वसंत- माधव,ऋतुराज,मधुमास
4. मृ ल- नाजुक,मुलायम
5. गात- दे ह,काया,शरीर
6. व - सपना, वाब
7. अमृत- पीयूष,सुधा,सोम
8. लालसा- अ भलाषा,कामना,चाह

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