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INSIGHTS CURRENT AFFAIRS

ह द
िं ी सिंकलन
नवम्बर 2020

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2

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3

सामान्य अध्ययन-I 3. इस वषत अतटूबर माह में िक्रवार् नहीीं आने


भारतीय ववरासत और सिंस्कृतत, ववश्व का इतत ास का कारर्
एविं भग
ू ोल और समाज 4. हररकेन आयोटा
ववषय: 18व ीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान 5. िक्रवार् ‘ननवार’
समय र्क का आधुननक भारर् य इनर्हास-
6. इस वषत ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ के मींद होने के
महत्त्वपर्
ू त घटनाएँ, व्यक्तर्त्व, ववषय।
कारर्
1. राष्ट्रीय एकर्ा ददवस
सामान्य अध्ययन-II
2. राष्ट्रीय शिक्षा ददवस
शासन व्यवस्था, सिंववधान, शासन प्रणाली, सामाजजक
3. लाचिर् बोड़फुकन
न्याय तथा अिंतरााष्ट्रीय सिंबध
िं
ववषय: स्वर्ींत्रर्ा सींग्राम- इसके ववशभन्न िरर् और
ववषय: भारर् य सींववधान- ऐनर्हाशसक आधार,
दे ि के ववशभन्न भागों से इसमें अपना योगदान दे ने
ववकास, वविेषर्ाएँ, सींिोधन, महत्त्वपर्
ू त प्रावधान और
वाले महत्त्वपर्
ू त व्यक्तर्/उनका योगदान।
बनु नयादी सींरिना।
1. बबरसा मड
ुीं ा
1. सींववधान के अनच्
ु छे द 102 (1) एवीं अनच्
ु छे द
ववषय: मदहलाओीं की भशू मका और मदहला सींगठन,
191 (1)
जनसींख्या एवीं सींबद्ध मद्
ु दे , गरीब और ववकासात्मक 2. दलबदल ववरोध कानन

ववषय, िहरीकरर्, उनकी समस्याएँ और उनके
रक्षोपाय। ववषय: ववशभन्न घटकों के ब ि िक्तर्यों का
1. वैवादहक मामलों के शलए ददिाननदे ि पथ
ृ तकरर्, वववाद ननवारर् र्ींत्र र्था सींस्थान।
2. राजस्थान सरकार द्वारा दस
ू री सींर्ान होने 1. न्यायालय की अवमानना

पर मार्त्ृ व लाभ योजना का आरीं भ 2. साींसदों पर मक


ु द्दमा िलाने हे र्ु वविेष
3. जमतन में मदहलाओीं के शलए नया बोडतरूम अदालर्ों के गठन पर सवाल

कोटा 3. हररयार्ा में पींिायर् सदस्यों को ‘वापस

ववषय: भारर् य समाज पर भम


ू ड
ीं लीकरर् का ववषय: बल
ु ाने का अचधकार’ सींबध
ीं ववधेयक पाररर्
सामाक्जक सितर् करर्, सींप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और 4. समय पर जाींि परू ी न होने पर अशभयत
ु र्
धमतननरपेक्षर्ा। को जमानर् का अचधकार
1. असम के शमया और उनकी िार-िपोरी
5. अनच्
ु छे द 32 और ब र्े वषो में उच्िर्म
सींस्कृनर्
न्यायालय द्वारा इसकी व्याख्या
2. ‘जन्म-मत्ृ यु साींक्ख्यकी ररपोटत ’, 2018
6. ननवातिन आयोग द्वारा राजन नर्क दलों के
3. ब्रू िरर्ाचथतयों द्वारा अवस्थापन समझौर्े के
प्रर् क चिह्नों पर ननर्तय
र्त्काल कायातन्वयन की माींग
7. ‘िींड गढ़’ पर हररयार्ा की र्ल
ु ना में पींजाब
ववषय: भक
ू ीं प, सन
ु ाम , ज्वालामख
ु य हलिल, िक्रवार्
का दावा अचधक मजबर्

आदद जैस महत्त्वपर्
ू त भ-ू भौनर्कीय घटनाएँ,
8. MPLADS को ननलींबबर् करना केंद्र सरकार
भौगोशलक वविेषर्ाएँ।
1. टाइफून गोन के अचधकार क्षेत्र में आर्ा है : बॉम्बे उच्ि
न्यायालय
2. ला–न ना (La Niña)

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9. अचधिास प्रकायों पर उच्ि न्यायालय का ववषय: साींववचधक, ववननयामक और ववशभन्न अद्तध-


कब्ज़ा: आींध्र प्रदे ि सरकार न्यानयक ननकाय।
1. वावषतक एमब ब एस प्रवेि ववननयमन
ववषय: भारर् य सींवध
ै ाननक योजना की अन्य दे िों
के साथ र्ल
ु ना। (2020) हे र्ु न्यन
ू र्म आवश्यकर्ाएीं
1. अमेररकी राष्ट्रपनर् के शलए ननवातिन प्रक्रक्रया 2. गग
ू ल द्वारा ‘प्रभाव क्स्थनर्’ के दरु
ु पयोग
2. अमेररकी राष्ट्रपनर् रम्प द्वारा िुनावों में पर जाींि
हार स्व कार करने से इींकार 3. राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् में वविेषज्ञ सदस्यों
3. अमेररका र्था भारर् के राष्ट्रपनर् की क्षमा की ननयक्ु तर् हे र्ु उच्िर्म न्यायालय का
करने सींबध
ीं िक्तर्याँ ननदे ि
ववषय: सींसद और राज्य ववधानयका- सींरिना, कायत, ववषय: सरकारी न नर्यों और ववशभन्न क्षेत्रों में
कायत-सींिालन, िक्तर्याँ एवीं वविेषाचधकार और इनसे ववकास के शलये हस्र्क्षेप और उनके अशभकल्पन
उत्पन्न होने वाले ववषय। र्था कायातन्वयन के कारर् उत्पन्न ववषय।
1. राज्यों द्वारा केंद्र सरकार ननशमतर् कानन
ू ों 1. ‘प्रत्यपतर्’ तया होर्ा है ?
को लागू करने से इनकार करने की िक्तर् 2. प्रधानमींत्र भारर् य जनऔषचध पररयोजना
2. कोववड महामारी के बढ़र्े मामलों के (PMBJP)
3. मध्यस्थर्ा एवीं सल
ु ह (सींिोधन) अध्यादे ि,
मद्दे नजर सींसद के ि र्कालीन सत्र की
2020
सींभावना कम
4. राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (NFSA)
ववषय: कायतपाशलका और न्यायपाशलका की सींरिना,
2013
सींगठन और कायत।
5. सरकार द्वारा ₹ 1.19 लाख करोड़ के
1. 'अदालर् की अवमानना' और इसकी
प्रोत्साहन पैकेज की घोषर्ा
कायतवाही हे र्ु महान्यायवादी की सहमनर्
6. राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR)
ववषय: जन प्रनर्ननचधत्व अचधननयम की मख्
ु य
7. रक्षा अचधग्रहर् प्रक्रक्रया 2020
वविेषर्ाएँ।
8. जम्म-ू कश्म र का ‘रोिन अचधननयम’
1. एक दे ि-एक िुनाव
9. उत्तर प्रदे ि ववचध ववरुद्ध धमत समपररवर्तन
ववषय: ववशभन्न सींवध
ै ाननक पदों पर ननयक्ु तर् और
ववशभन्न सींवध
ै ाननक ननकायों की िक्तर्याँ, कायत और प्रनर्षेध अध्यादे ि 2020

उत्तरदानयत्व। 10. आवश्यक सेवा अनरु क्षर् अचधननयम


1. राज व गाींध हत्या के दोवषयों की याचिका (ESMA)
पर राज्यपाल को ननर्तय करने की िक्तर् ववषय: केन्द्र एवीं राज्यों द्वारा जनसींख्या के अनर्
2. पींद्रहवाीं ववत्त आयोग सींवेदनि ल वगों के शलये कल्यार्कारी योजनाएँ।

3. मख्
ु यमींत्र : ननयक्ु तर्, िक्तर्याीं, कायत और पद 1. सरना आददवाशसयों के शलए एक झारखींड में

4. मख्
ु यमींत्र जगन मामले पर सन
ु वाई से पथ
ृ क धाशमतक कोड

न्यायाध ि द्वारा सन
ु वाई से इींकार
5. लोकसभा अध्यक्ष

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5

2. अनस
ु चू िर् जानर् एवीं अन्य पारीं पररक 4. ववश्व भर में फैले नर्ब्बनर्यों द्वारा
वनवास (वन अचधकार मान्यर्ा) ‘ननवातशसर्- सींसद’ का िुनाव
अचधननयम, 2006 5. UNSC में , भारर् द्वारा अफगाननस्र्ान में
3. महात्मा गाींध राष्ट्रीय ग्राम र् रोजगार र्त्काल यद्
ु ध ववराम की माींग
गारीं टी योजना (MGNREGS) 6. ि न की ब्रह्मपत्र
ु नदी पर एक बड़ा बाींध
ववषय: स्वास््य, शिक्षा, मानव सींसाधनों से सींबचीं धर् बनाने की योजना
सामाक्जक क्षेत्र/सेवाओीं के ववकास और प्रबींधन से ववषय: द्ववपक्ष य, क्षेत्र य और वैक्श्वक समह
ू और
सींबचीं धर् ववषय। भारर् से सींबचीं धर् और/अथवा भारर् के दहर्ों को
1. बॉड मास इींडत
े स (BMI) में भारर् य क्रकिोरों प्रभाववर् करने वाले करार।
की क्स्थनर् 1. पेररस जलवायु समझौर्े से अमेररका के
2. ननमोननया और डायररया प्रगनर् ररपोटत बाहर
3. ऑनलाइन शिक्षा की समस्यायों पर एक 2. ववदे ि मींत्र द्वारा व्यापार समझौर्े व
अध्ययन वैश्व करर् की आलोिना
4. प्लाज्मा थेरेप के अींधाधुींध प्रयोग पर 3. भारर् और लतसमबगत के मध्य दो दिकों
भारर् य आयवु वतज्ञान अनस
ु ध
ीं ान पररषद में पहली बैठक
(ICMR) का ववरोध 4. वेस्ट बैंक एवीं इससे सींबचीं धर् मद्
ु दे
5. राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन ववषय: भारर् के दहर्ों पर ववकशसर् र्था ववकासि ल
6. िापरे वायरस दे िों की न नर्यों र्था राजन नर् का प्रभाव; प्रवास
भारर् य।
7. राष्ट्रपनर् रम्प को कोववड-19 के ईलाज हे र्ु
1. दटग्रे, इचथयोवपया में सिस्त्र सींघषत एवीं हॉनत
दी गय प्रायोचगक दवा को FDA की अनम
ु नर्
ऑफ अफ्रीका के शलए इसके ननदहर्ाथत
8. पोषर् अशभयान
2. ‘जो बबडेन’ का अमेररकी राष्ट्रपनर् पद पर
ववषय: िासन व्यवस्था, पारदशितर्ा और जवाबदे ही के
ननवातिन र्था इसका भारर्-अमेररकी सींबध
ीं ो
महत्त्वपर्
ू त पक्ष।
1. टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट (TRP) मानदीं डों की पर प्रभाव

सम क्षा हे र्ु सशमनर् का गठन 3. 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP)

ववषय: भारर् एवीं इसके पड़ोस - सींबध


ीं । व्यापार वविेषाचधकार
1. चगलचगर्-बाक्ल्टस्र्ान भारर् का अशभन्न 4. आमेननया एवीं अजरबैजान के मध्य िाींनर्
अींग है : ववदे ि मींत्रालय समझौर्े पर सहमनर्
2. लद्दाख गनर्रोध: भारर् व ि न द्वारा वापस 5. ि न-बब्रदटि सींयत
ु र् घोषर्ा
हटने की योजना को अींनर्म रूप 6. UAE द्वारा ‘गोल्डन’ व जा हेर्ु पात्रर्ा
3. RCEP वॉकआउट के बावजद
ू भारर्-आशसयान मानदीं ड में ववस्र्ार
में मध्य व्यापार ववस्र्ार 7. अमेररकी प्रनर्बींधों के हटाए जाने पर परमार्ु
समझौर्े में वापस : ईरान

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ववषय: महत्त्वपर्
ू त अींर्रातष्ट्रीय सींस्थान, सींस्थाएँ और 8. राजकोष य घाटा सालाना लक्ष्य के 120
मींि- उनकी सींरिना, अचधदे ि। प्रनर्िर् पर पहुींिा
1. प्रिासननक और बजट सींबध
ीं प्रश्नों पर
ववषय: समावेि ववकास र्था इससे उत्पन्न ववषय।
सलाहकार सशमनर् (ACABQ) 1. कॉरपोरे ट घरानों को बैंक्रकींग लाइसेंस दे ने के
2. ओपेक प्लस प्रस्र्ाव पर कड़ आलोिना
3. अींर्रातष्ट्रीय परमार्ु ऊजात एजेंस (IAEA) ववषय: मख्
ु य फसलें- दे ि के ववशभन्न भागों में
4. सबसे बड़े मत
ु र् व्यापार ब्लॉक ‘क्षेत्र य फसलों का पैटनत- शसींिाई के ववशभन्न प्रकार एवीं
व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP) की शसींिाई प्रर्ाली।

िरु 1. पोलावरम पररयोजना


ु आर्
5. सींयत ववषय: प्रत्यक्ष एवीं अप्रत्यक्ष कृवष सहायर्ा र्था
ु र् राष्ट्र िाींनर् रक्षा अशभयान (UNPK)
न्यन
ू र्म समथतन मल्
ू य से सींबचीं धर् ववषय।
6. एशिया-प्रिाींर् आचथतक सहयोग (APEC)
1. भयावह खाद्य सींकट के ननवारर् हे र्ु
7. आशसयान रक्षा मींबत्रयों की बैठक-प्लस
सींयत
ु र् राष्ट्र का नया गठबींधन
(ADMM-Plus)
2. मेगा फूड पाकत
8. इस्लाशमक सहयोग सींगठन (OIC)
ववषय: बनु नयादी ढाँिााः ऊजात, बींदरगाह, सड़क,
9. वन हे ल्थ ग्लोबल लीडसत ग्रप
ु ऑन
ववमानपत्तन, रे लवे आदद।
एींटीमाइक्रोबबयल रक्जस्टें स 1. गज
ु रार् के GIFT शसटी में समद्र
ु ी तलस्टर
सामान्य अध्ययन-III पररयोजना
प्रौद्योगगकी, आगथाक ववकास, जैव ववववधता, 2. राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष (NIIF)
पयाावरण, सरु क्षा तथा आपदा प्रबिंधन
ववषय: ववज्ञान एवीं प्रौद्योचगकी- ववकास एवीं
ववषय: भारर् य अथतव्यवस्था र्था योजना, सींसाधनों
अनप्र
ु योग और रोज़मरात के ज वन पर इसका प्रभाव।
को जुटाने, प्रगनर्, ववकास र्था रोज़गार से सींबचीं धर्
1. बल्क ड्रग्स पाकत हे र्ु दहमािल प्रदे ि की माींग
ववषय।
2. भारर् य सॉफ्टवेयर प्रौद्योचगकी पाकत
1. गैर-बैंक्रकीं ग ववत्त य कींपन - सक्ष्
ू म ववत्त
(STPI)
सींस्थान (NBFC-MFIs)
3. mRNA वैतस न के बारे में प्रमख
ु र््य
2. हररयार्ा में स्थान य लोगों को प्राइवेट
4. पनडुक्ब्बयों की कलवरी श्रेर्
नौकररयों में 75 प्रनर्िर् आरक्षर्
5. ‘ड प ओिन शमिन' के आरीं भ हे र्ु भारर्
3. उत्पादन सींबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना
र्ैयार
4. भारर् य ररजवत बैंक की ऋर् पन
ु गतठन
6. अलवर् करर् सींयत्र
ीं
योजना
7. ड्राई स्वाब डायरे तट आरटी-प स आर परीक्षर्
5. ननज क्षेत्रक बैंक सध
ु ार
ववचध
6. िालू खार्ा अचधिेष की सींभावना
ववषय: सि
ू ना प्रौद्योचगकी, अींर्ररक्ष, कींप्यट
ू र,
7. नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड
रोबोदटतस, नैनो-टै तनोलॉज , बायो-टै तनोलॉज और

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बौद्चधक सींपदा अचधकारों से सींबचीं धर् ववषयों के 4. WWF द्वारा वषत 2050 र्क ‘गींभ र जल-
सींबध
ीं में जागरुकर्ा। सींकट’ का सामना करने वाले 100 िहरों की
1. िावल को पोषर्यत
ु र् बनाने हे र्ु पररयोजना पहिान
2. आकािगींगा में पहली बार ‘र् व्र रे डडयो 5. जैव-अपघटक र्कन क
प्रस्फोट‘ (FRB) की जानकारी 6. स्मॉग एवीं इसके हाननकारक प्रभाव
3. EOS-01: भारर् का नव नर्म प्
ृ व 7. दहमालय वार्ावरर् में भरू े काबतन ‘टारबॉल्स’
ननगरान उपग्रह की मौजूदग
4. फाइजर वैतस न
8. र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) मानदीं ड
5. थटी म टर टे लीस्कोप (TMT) पररयोजना
9. पटाखों की बबक्री का वायु गर्
ु वत्ता से सींबध
ीं :
6. OTT प्लेटफॉम्सत पर सरकारी ननयींत्रर्
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर्
7. स्पेसएतस-नासा का आगाम क्रू -1 शमिन
10. ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान (GRAP)
8. केरल फाइबर ऑक्प्टक नेटवकत पररयोजना
11. पन्ना टाइगर ररजवत को यन
ू ेस्को
(KFONP) ‘बायोस्फीयर ररजवत’ का दजात
9. यरू ोप य अींर्ररक्ष एजेंस का एररयल स्पेस 12. डोनाल्ड रम्प के पश्िार् अमेररका एवीं
शमिन
जलवायु समझौर्े
10. उच्ित्तम न्यायालय द्वारा केंद्र से फजी 13. कनातटक सरकार द्वारा ‘ड म्ड फॉरे स्ट’ का
खबरों पर ननयींत्रर् व्यवस्था सींबध
ीं पछ
ू र्ाींछ अवगीकरर्
11. कॉडत ब्लड बैंक्रकीं ग 14. वैक्श्वक नव करर् य ऊजात ननवेि सम्मलेन
12. सेंदटनल-6 सेटेलाइट और प्रदितन
13. इसरो का िक्र
ु यान 15. मब
ुीं ई की समद्र
ु ीय र्टरे खा पर ‘न ला ज्वार’
14. िाींग’ई-5 प्रोब 16. प लीभ र् टाइगर ररजवत के शलए प्रथम TX2
15. सींसदीय सशमनर् की बैठक के दौरान जम्म-ू
परु स्कार
कश्म र में इींटरनेट प्रनर्बींध पर वववाद
ववषय: ववकास और फैलर्े उग्रवाद के ब ि सींबध
ीं ।
16. जापान का हायाबस
ु ा-2 अींर्ररक्ष यान 1. महाराष्ट्र-कनातटक स मा वववाद पर महाजन
आयोग की ररपोटत
ववषय: सींरक्षर्, पयातवरर् प्रदष
ू र् और क्षरर्, पयातवरर्
ववषय: आींर्ररक सरु क्षा के शलये िुनौर् उत्पन्न करने
प्रभाव का आकलन।
वाले िासन ववरोध र्त्त्वों की भशू मका।
1. यमन
ु ा में अमोननया के स्र्र में वद्
ृ चध
1. ि न द्वारा माइक्रोवेव हचथयारों के प्रयोग
2. श्र लींका में समद्र
ु र्ट पर फींस 100 से
सींबध
ीं ररपोर्टतस का भारर् द्वारा खींडन
अचधक ह्वेल
2. इनर लाइन परशमट (ILP)
3. प्रोजेतट लायन: छह पन
ु वातस स्थलों की
ववषय: सींिार नेटवकत के माध्यम से आींर्ररक सरु क्षा
पहिान
को िुनौर् ।

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1. राज्य, साइबर अपराधों के शलए प्राथशमकी 15. महत्वपर्


ू त नर्र्ली प्रजानर्याीं
(FIR) दजत करें : गह
ृ मींत्रालय 16. लीिमैननया डोनोवान
2. आरब आई के डेटा स्थान करर् मानदीं ड 17. अवधानम
3. केरल का नया वववादास्पद पशु लस कानन
ू 18. राष्ट्रीय मानसन
ू शमिन
118A 19. बाींग्लादे ि में राींसजेंडरों के शलए मदरसा
ववषय: स मावर्ी क्षेत्रों में सरु क्षा िुनौनर्याँ एवीं उनका
20. राष्ट्रीय जल परु स्कार।
प्रबींधन- सींगदठर् अपराध और आर्ींकवाद के ब ि
21. स्टै नफोडत द्वारा जारी ि षत 2 प्रनर्िर्
सींबध
ीं ।
वैज्ञाननकों की सि

1. बब्रतस दे िों की आर्ींकवाद ननरोधक रर्न नर्
22. अटल ब शमर् व्यक्तर् कल्यार् योजना
2. स माींर् राजमागत पररयोजना
(ABVKY)
3. पाींग्दा गाींव
23. इींडडया मोबाइल काींग्रेस (IMC)
ववषय: ववशभन्न सरु क्षा बल और सींस्थाएँ र्था उनके
24. केसर (Saffron)
अचधदे ि।
25. शमींतस (Minks)
1. आमी एववएिन कोर (AAC)
26. भारर् और मालदीव के मध्य िार समझौर्ा
प्रारक्म्भक परीक्षा हे र्ु र््य
ज्ञापनों पर हस्र्ाक्षर
1. एज्हुथािन परु स्कारम
27. 13वें अबतन मोबबशलटी इींडडया सम्मेलन
2. िचितर् स्थल: काज रीं गा राष्ट्रीय उद्यान एवीं
(UMI) सम्मेलन का उद्घाटन
टाइगर ररजवत (KNPTR)
28. है दरपरु आद्रभशू म
3. '16 साइकी' क्षुद्रग्रह
29. ि न की अध्यक्षर्ा में दक्षक्षर् एशियाई
4. केवडडया टूररज्म सक्रकतट
साझेदारों) आभास ( सम्मेलन
5. वैभव शिखर सम्मेलन
30. ि न द्वारा अरुर्ािल स मा र्क रे ल लाइन
6. मानसर झ ल पररयोजना पर काम का आरीं भ
7. ओडडिा में नि ले पदाथों की खेर् का पर्ा 31. गह
ृ मींत्रालय द्वारा FCRA ननयमों में सींिोधन
लगाने के शलए उपग्रह का उपयोग 32. प्यट
ू ो ररको (Puerto Rico)

8. केरल लोक सेवा आयोग में सामान्य श्रेर् 33. दरस्टन दा कुन्हा

के गरीबों के शलए 10% कोटा 34. राजस्थान में ‘िाींनर् प्रनर्मा’ का अनावरर्

9. त्रावर्कोर कछुआ 35. अनच्


ु छे द 363-A

10. शमिन सागर- II 36. क्तवक ररएतिन सरफेस टू एयर शमसाइल

11. महारान क्जन्द कौर (QRSAM)

12. विअ
ुत ल ग्लोबल इनवेस्टर राउीं डटे बल (VGIR) 37. लीलावर् परु
ु स्कार 2020 का िभ
ु ारीं भ

13. ‘आस-पास की िुनौनर्यों से ननपटना’ 38. जम्मू और कश्म र में वनवाशसयों का

कायतक्रम सवेक्षर्

14. लह
ु री जल ववद्यर्
ु पररयोजना

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39. मध्य प्रदे ि में 'गौ सींरक्षर् कैबबनेट' की 56. ’अभयम’ ऐप


स्थापना 57. राष्ट्रीय सींकट प्रबींधन सशमनर् (NCMC)
40. चगल्लन बरे शसींड्रोम (GBS) 58. अटल सींकाय ववकास कायतक्रम (FDP)
41. सफाई शमत्र सरु क्षा िैलेंज 59. 15वाीं G20 शिखर सम्मेलन
42. फाइव आइज़ 60. सरकार द्वारा 43 अन्य ऐप्स पर प्रनर्बींध
43. ववलो वाबतलर 61. दक्षक्षर् एशियाई ववश्वववद्यालय (SAU)
44. ववश्व के 100 सबसे िक्तर्िाली सप
ु र 62. सर छोटू राम
कींप्यट
ू र में भारर् के दो सप
ु र कींप्यट
ू र 63. सहकार प्रज्ञा
िाशमल 64. MQ-9B स -गाक्जतयन अनआम्डत ड्रोन्स
45. वैक्श्वक एिआईव रोकथाम गठबींधन 65. ‘भारर्-ऑस्रे शलया सींयत
ु र् नौसैननक
46. र्ग
ुीं भद्रा पष्ट्ु करालु अभ्यास’ (AUSINDEX)
47. अींर्र सींसदीय सींघ 66. भट
ू ान र्था जमतन के मध्य औपिाररक
48. बक
ु र परु स्कार 2020 सींबध
ीं ो की िरु
ु आर्
49. ऑस्रे शलया द्वारा अस्थाय र्ौर पर इसरो 67. सींववधान ददवस (Constitution Day)
उपग्रह रै क्रकींग सवु वधाओीं का प्रबींधन 68. सि
ू ना प्रबींधन और ववश्लेषर् केंद्र (IMAC)
50. भारर् में ‘कर्टटरर्ा की क्स्थनर्’ पर अध्ययन 69. स्कॉटलैंड, मफ्
ु र् सैननटरी पैड व टै म्पोन
51. ववश्व मत्स्यन ददवस प्रदान करने वाला पहला राष्ट्र
52. शसटमैतस-20 70. SDG ननवेिक मानचित्र
53. आपराचधक ववत्त और क्रक्रप्टोकरें स पर 71. िाहर्र्
ू बाींध
वैक्श्वक सम्मेलन 72. माउीं ट इली लेवोटोलोक
54. राष्ट्रीय नवजार् सप्र्ाह 2020 73. वैक्श्वक नवािार और प्रौद्योचगकी गठबींधन
55. अवास ददवस और अवास सप्र्ाह (GITA)

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सामान्य अध्ययन-I
भारतीय ववरासत और सिंस्कृतत, ववश्व का इतत ास एविं भग
ू ोल और समाज
ववषय: 18व ीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय र्क का आधुननक भारर् य इनर्हास- महत्त्वपर्
ू त
घटनाएँ, व्यक्तर्त्व, ववषय।
4. राष्ट्रीय एकता हदवस (Rashtriya Ekta Diwas)
सिंदभा: 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटे ल की जयिंती के अवसर पर, परू े दे ि में राष्ट्रीय एकर्ा ददवस
मनाया गया।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सरकार द्वारा वषा 2014 में सरदार वल्लभभाई पटे ल जयींर् को एकर्ा ददवस के रूप में मनाने का फैसला
क्रकया गया था। यह ददवस, एकर्ा, अखींडर्ा और सरु क्षा हे र्ु खर्रों का सामना करने के शलए राष्ट्र की अींर्ननतदहर्
िक्तर् और लि लेपन की पन
ु ाः पक्ु ष्ट्ट करने का मौका प्रदान करर्ा है ।
सरदार वल्लभाई पटे ल के बारे में :
सरदार बल्लभ भाई पटे ल का जन्म 31 अक्तब
ू र, 1875 को गज
ु रात के नाडियाि नामक श र में हुआ था।
सरदार पटे ल को स्वतिंत्र भारत में सभी 562 ररयासतों का ववलय करके भारर् गर्राज्य के ननमातर् करने का
श्रेय ददया जार्ा है ।
भारतीय राष्ट्रीय आिंदोलन में भमू मका:
1. सरदार पटे ल को वषत 1917 में भारर् य राष्ट्रीय काींग्रेस की गज
ु रार् िाखा के सचिव के रूप में ननवातचिर्
क्रकये गए।
2. इन्होने वषत 1918 में गज
ु रार् के ‘खेडा’ में एक व्यापक क्रकसान आन्दोलन का नेर्त्ृ व क्रकया। खेड़ा में
भींयकर सख
ू े के बाबजूद अींग्रेजों द्वारा कर िुकाने पर जोर ददया जा रहा था, सरदार पटे ल ने क्रकसानों
से ‘कर न ीिं’ िुकाने का आग्रह क्रकया।
3. सरदार पटे ल ने महात्मा गाींध द्वारा िरू
ु क्रकए गए अस योग आिंदोलन में भाग शलया और उनके साथ
परू े राष्ट्र का दौरा क्रकया।
4. वषत 1928 में सरकार द्वारा अनर्ररतर् कर का भग
ु र्ान करने से इींकार करने के बाद क्रकसानों की ज़म नें
जब्र् कर ली गय थ । सरदार पटे ल ने बब्रदटि सरकार और क्रकसान-प्रनर्ननचधयों के ब ि एक समझौर्ा
करके क्रकसानों का सहयोग क्रकया। अपने क्षेत्र के क्रकसानों को एक साथ लाने के प्रयासों के िलर्े इन्हें
'सरदार' की उपाचध प्रदान की गय ।
5. इन्हें वषत 1930 में महात्मा गाींध द्वारा िरू
ु क्रकए गए प्रमसद्ध नमक सत्याग्र आिंदोलन में भाग लेने
के कारर् कारावास की सजा सन
ु ाई गय ।
6. इन्हें वषा 1931- कराची अगधवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कािंग्रेस के अध्यक्ष के रूप में ननवातचिर् क्रकया
गया।
7. इन्होने, है दराबाद के ननज़ाम द्वारा पाक्रकस्र्ान में िाशमल होने या स्वर्ींत्र रहने के इरादों के बाद
है दराबाद को स्वर्ींत्र और राष्ट्र में एकीकृर् करने के शलए ‘ऑपरे शन पोलो’ िरू
ु क्रकया।

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उन् ें "सरदार" की उपागध ककसके द्वारा प्रदान की गयी?


वषत 1928 में बारदोली सत्याग्रह आींदोलन के सफल होने के बाद वहाीं की मदहलाओीं ने वल्लभभाई पटे ल को
‘सरदार’ की उपाचध प्रदान की।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. "सरदार" की उपाचध क्रकसके द्वारा प्रदान की गय ?
2. "ऑपरे िन पोली" तया है ?
3. भारर् य राष्ट्रीय काींग्रेस के कराि अचधवेिन 1931 का महत्व
4. 1918 ‘कर-नहीीं’ अशभयान क्रकसके द्वारा िरू
ु क्रकया गया?
5. सरदार वल्लभभाई पटे ल द्वारा अन्य महत्वपर्
ू त योगदान।
में स मलिंक:
सरदार वल्लभ भाई पटे ल एक सच्िे व ननस्वाथी नेर्ा थे, इनका सवोपरर लक्ष्य दे ि का एकीकरर् करना था,
और इसके प्रनर् अटूट श्रद्धा से इन्होने भारर् को एक आकार प्रदान क्रकया। ििात कीक्जए।

स्रोर्: प आईब
2. राष्ट्रीय मशक्षा हदवस (National Education Day)
सिंदभा: वषत 2008 से, भारर् में 11 नविंबर को मौलाना अबल
ु कलाम आजाद की जयिंती को, शिक्षा क्षेत्र में उनके
ववशिष्ट्ट योगदान के सम्मान में राष्ट्रीय शिक्षा ददवस के रूप में मनाया जार्ा है ।
मौलाना अबल
ु कलाम आजाद और उनके प्रमख
ु योगदान
 मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद ने स्वतिंत्र भारत के प ले मशक्षा मिंत्री के रूप में कायत क्रकया।
 वह एक प्रशसद्ध भारर् य ववद्वान, स्वर्ींत्रर्ा सेनान और भारतीय राष्ट्रीय कािंग्रस
े के वररष्ट्ठ नेर्ाओीं में
से एक थे।
 उन्होंने शिक्षा मींत्र के रूप में अपने कायतकाल के दौरान एक राष्ट्रीय मशक्षा प्रणाली का गठन क्रकया।
 उनका लक्ष्य सभी के मलए मफ्
ु त प्राथममक मशक्षा प्रदान करने पर था।

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 आजाद को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के शलए वषा 1992 में भारत रत्न से सम्माननर् क्रकया गया
था।
 उन्होंने भारतीय प्रौद्योगगकी सिंस्थान (IIT) की स्थापना करने और ववश्वववद्यालय अनद
ु ान आयोग
(UGC) की नीिंव रखने में भ अग्रर् भशू मका ननभाई थ ।
भारतीय राष्ट्रीय आिंदोलन में भमू मका:
 मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद ने वषत 1912 में अल-ह लाल (Al-Hilal) नामक उदत ू में एक साप्र्ादहक
पबत्रका िरू
ु क्रकया।
 इस साप्र्ादहक पबत्रका ने मोले-शमींटो सध
ु ारों (Morley-Minto reforms) के बाद दो समद
ु ायों के मध्य
उत्पन्न हुई नफरर् की खाई को समाप्र् करने र्था दहींद-ू मक्ु स्लम एकर्ा स्थावपर् करने में महत्वपर्
ू त
भशू मका ननभाई। सरकार ने अल-दहलाल के शलए अलगाववादी वविारधारा को फ़ैलाने वाला मानर्े हुए
वषत 1914 में प्रनर्बींचधर् कर ददया।
 मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद ने गाींध ज द्वारा िरू
ु क्रकए गए अस योग आिंदोलन का समथतन क्रकया
और वषा 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कािंग्रेस में सजम्ममलत ो गए।
 वषत 1923 में , उन्हें पहली बार भारर् य राष्ट्रीय काींग्रस
े के अध्यक्ष के रूप में िुना गया र्था वह वषत
1940 में क्रफर से काींग्रेस के अध्यक्ष बने।
धमातनरपेक्षता के सशजक्तकरण में योगदान:
 आज़ाद के शलए धमतननरपेक्षर्ा ने एक र्रफ व ादत-ए-दीन (wahadat-e-din) के शसद्धाींर् पर आधाररर्
थ और दस
ू री ओर उन्होंने मध्यस्थों के रूप में परु ोह त वगा की उपेक्षा करते ु ए धमा को सिंस्थागत
करने का ववरोध ककया।
 उन्होंने धमतननरपेक्षर्ा के वास्र्ववक स्वरूप को ग्रहर् क्रकया और मानव मक्स्र्ष्ट्क की शिक्षा और ववकास
र्था मनष्ट्ु य की चेतना को ववकमसत करने को सवाागधक म त्व हदया।
 शिक्षा मींत्र आज़ाद का वविार था, क्रक धाशमतक शिक्षा के साथ-साथ धमतननरपेक्ष शिक्षा भ प्रदान की जाए
तयोंक्रक धाशमतक शिक्षा जैसा गींभ र ववषय, ववशभन्न समद
ु ायों के धाशमतक नेर्ाओीं के हाथों में नहीीं ददया
जा सकर्ा। अचधकाींिर्ाः धाशमतक नेर्ाओीं की प्रववृ त्त वितस्ववादी और साींप्रदानयक होर् है ।
 मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद की इच्छा थ क्रक छात्रों को सभी धमों के सामान्य मल्
ू यों के बारे में
पढाया जाना चाह ए र्ाक्रक उनमे एक-दस
ू रे के प्रनर् पव
ू ातग्रह ववकशसर् न हो सकें।
आजाद के अनस
ु ार, धमातनरपेक्षता का मतलब, धमत को, घर की िाहरदीवारी में कुछ कमतकाींडों के पालन करने
र्क स शमर् करना नहीीं था, बक्ल्क धमत के द्वारा अनय
ु ानययों को उचिर् रास्र्े पर िलने और सवतिक्तर्मान
ईश्वर से उचिर् रास्र्े को समझने हे र्ु मागतदितन प्राप्र् करने के शलए प्रेररर् करना था। इसके शलए प्रत्येक
मनष्ट्ु य को अपने-अपने धमों का बेहर्र अनय
ु ाय बनने के शलए सींघषत करना पड़र्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अबल
ु आज़ाद की महत्वपर्
ू त सादहक्त्यक कृनर्याँ

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2. भारर् के स्वर्ींत्रर्ा सींघषत में भशू मका- प्रमख


ु घटनाएीं
3. खखलाफर् आींदोलन में भशू मका
4. धमतननरपेक्षर्ा पर उनके वविार
5. राष्ट्रीय शिक्षा ददवस के बारे में
में स मलिंक:
भारर् में धमतननरपेक्षर्ा को मजबर्
ू करने में मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद के योगदानों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
3. लागचत बोड़फुकन (Lachit Borphukan)
सिंदभा: प्रधानमींत्र ने लचिर् ददवस पर लाचिर् बोड़फुकन (Lachit Borphukan) को श्रद्धाींजशल अवपतर् की।
‘लागचत बोड़फुकन’ कौन थे?
 वह अ ोम साम्राज्य में एक सेनापतत थे।
 इन्हें सन ् 1671 में ु ए सराईघाट के प्रमसद्ध यद्
ु ध के शलए जाना जार्ा है , क्जसमे उन्होंने रामशसींह
प्रथम के नेर्त्ृ व में मग
ु ल सेना द्वारा अहोम साम्राज्य पर कब्जा करने के प्रयास को ववफल कर ददया।
 सराईघाट का यद्
ु ध गव
ु ा ाटी में ब्रह्मपत्र
ु के तट पर लड़ा गया था।
 राष्ट्रीय रक्षा अकादम (NDA) द्वारा वषत 1999 से प्रनर्वषत सवतश्रेष्ट्ठ कैडेट को लागचत बोड़फुकन स्वणा
पदक प्रदान क्रकया जार्ा है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सन ् 1671 में सराईघाट की लड़ाई के अींनर्म िरर् के दौरान, जब मग
ु लों ने सराईघाट में नदी से होकर असशमया
सेना पर हमला क्रकया, र्ो कई असशमया सैननकों की दहम्मर् उखड गय । ऐसे में आहोम साम्राज्य के सेनापनर्
लाचिर् ने सभ सैननकों का आह्वाहन क्रकया और उन्हें अींनर्म साींस र्क लड़ने के शलए प्रेररर् क्रकया, क्जसके
पररर्ामस्वरूप मग
ु लों की जबरदस्र् हार हुई।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. लाचिर् बोड़फुकन को क्रकस रूप में याद क्रकया जार्ा है ?
2. सराईघाट का यद्
ु ध क्रकसके मध्य लड़ा गया था?
3. क्रकस भारर् य सींस्थान द्वारा लाचिर् बोड़फुकन स्वर्त पदक प्रदान क्रकया जार्ा है?
में स मलिंक:
सराईघाट की लड़ाई के कारर्ों और पररर्ामों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब

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ववषय:स्वर्ींत्रर्ा सींग्राम- इसके ववशभन्न िरर् और दे ि के ववशभन्न भागों से इसमें अपना योगदान दे ने वाले
महत्त्वपर्
ू त व्यक्तर्/उनका योगदान।
1. बबरसा मि
ुिं ा (Birsa Munda)
सिंदभा: 15 नविंबर को आददवास नेर्ा बबरसा मड
ींु ा (Birsa Munda) की जयींर् के रूप में मनाया जार्ा है ।
राष्ट्रीय आींदोलन में उनके महत्वपर्
ू त योगदान को स्व कार करर्े हुए वषत 2000 में उनके जन्मददवस पर झारखींड
राज्य का गठन क्रकया गया था।
बबरसा मि
िंु ा के बारे में :
बबसरा मड
ुीं ा एक लोक नायक और मड
ुीं ा जनजानर् का एक आददवास स्वर्ींत्रर्ा सेनान थे।
 उन्होंने 19 व ीं िर्ाब्दी में बब्रदटि उपननवेि के अध न बबहार और झारखींड क्षेत्र में धाशमतक , सामाक्जक,
र्था राजन नर्क आींदोलन (Millenarian Movement) का नेर्त्ृ व क्रकया।
 इन्हें 'धरती आबा' (Dharti Abba) या ‘जगत वपता’ के रूप में भ जाना जार्ा है ।
बबरसाइत (Birsait)
उलगल
ु ान के नेर्त्ृ वकर्ात जननायक बबरसा मड
ुीं ा को झारखींड सदहर् छत्त सगढ़ के लोग भगवान की र्रह पज
ू र्े
हैं। बबसरा मड
ींु ा, आददवास समाज में सध
ु ार करना िाहर्े थे और इसशलए उन्होंने लोगों से जाद ू टोने में ववश्वास
न करने और इसके बजाय प्राथतना करने पर जोर ददया र्था िराब से दरू रहने, ईश्वर में ववश्वास रखने और
सही आिरर् का पालन करने का आग्रह क्रकया। इस आधार पर उन्होंने बबरसा- धमत की िरु
ु आर् की और इस
धमत के अनय
ु ानययों को बबरसाइर् कहा जार्ा है ।
उपलजधधयािं:
बबसरा मड
ुीं ा ने 'उलगल
ु ान' (Ulgulan) आींदोलन का आरीं भ क्रकया, इसे ‘महान ववद्रोह’ (The Great Tumult) भ
कहा जार्ा है ।
आददवाशसयों के िोषर् और भेदभाव के खखलाफ उनका सींघषत बब्रदटि सरकार पर बहुर् भारी पड़ा, और इसके
पररर्ामस्वरूप वषत 1908 में छोटानागपरु काश्तकारी
अगधतनयम (Chotanagpur Tenancy Act) पाररर्
क्रकया गया, क्जसके द्वारा आददवास लोगों से गैर-
आददवाशसयों के शलए भशू म के हस्र्ाींर्रर् को
प्रनर्बींचधर् कर ददया गया।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. बबरसा मड
ुीं ा का जन्म कहाँ हुआ था?
2. उलगल
ु ान तया है?
3. छोटानागपरु काश्र्कारी अचधननयम, 1908
का अवलोकन
में स मलिंक:
बबरसा मड
ींु ा और भारर् के स्वर्ींत्रर्ा सींग्राम में उनके महत्वपर्
ू त योगदान पर एक दटप्पर् शलखखए।

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स्रोर्: प आईब
ववषय:मदहलाओीं की भशू मका और मदहला सींगठन, जनसींख्या एवीं सींबद्ध मद्
ु दे , गरीब और ववकासात्मक ववषय,
िहरीकरर्, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
1. वैवाह क मामलों के मलए हदशातनदे श
सिंदभा: हाल ही उच्ित्तम न्यायालय द्वारा एक फैसले में वैवाह क मामलों में गज
ु ारा भत्ता के भग
ु तान पर
हदशातनदे श जारी क्रकए गए है ।
म ाराष्ट्र के एक वैवाह क मामले की सन
ु वाई के दौरान ि षत अदालर् द्वारा यह फैसला सन
ु ाया गया। इस मामले
में दिं ि प्रकिया सिंह ता की धारा 125 के अींर्गतर् पत्न और बेटे के शलए गज
ु ारा भत्ते का सवाल उठाया गया था।
उच्चत्तम न्यायालय के हदशातनदे शों के अनस
ु ार (सींक्षक्षप्र् अवलोकन):
 पररत्यतर् पक्त्नयाीं और बच्िे, अदालर् में आवेदन करने की र्ारीख से, अपने पनर् से गज
ु ारा भत्ता /
भरर्-पोषर् के हकदार हैं।
 इस ननदे ि का उल्लींघन करने पर शसववल कारावास की सजा हो सकर् है र्था पररसींपवत्त को प डड़र्
के नाम क्रकया जा सकर्ा है ।
 पनर् द्वारा क्रकस आय-श्रोर् नहीीं होने की दलील, यदद वह अपादहज नहीीं है और पढ़ा-शलखा है , र्ो
र््यर्ाः उसे पत्न की क्जम्मेदारी उठाने के नैनर्क कर्तव्य से मत
ु र् नहीीं करे ग ।
 आवेदन करने वाली पत्न और जबाबदे ह पनर्, दोनों को, गज
ु रा-भत्ता सींबध
ीं मामले में अपन सींपवत्तयों
और दे नदाररयों का खल
ु ासा करना होगा। यदद क्रकस अन्य कानन
ू के र्हर् इनके ऊपर पहले से कोई
न्यानयक मामला लींबबर् है , र्ो उसे भ अदालर् में घोवषर् करना होगा।
 बच्िों के खित, उनकी शिक्षा, बनु नयादी जरूरर्ों और अन्य व्यावसानयक गनर्ववचधयों को अदालर्ों द्वारा
गज
ु ारा भत्ता की गर्ना करर्े समय सक्म्मशलर् क्रकया जाना िादहए।
 "महीं गाई दर और ज वन यापन की उच्ि लागर्" जैसे अन्य कारकों पर वविार क्रकया जाना िादहए।
पत्न को वैवादहक घर में उपयोग क्रकये जाने वाले ज वन-मानकों के अनक
ु ू ल गज
ु ारा भत्ता शमलना िादहए।
आवश्यकता
पनर्यों द्वारा पररत्यतर् मदहलाएीं कठोर हालार् में छोड़ दी जार् है , अतसर उनके पास खुद को और अपने
बच्िों को पालने के शलए कोई साधन नहीीं होर्े है और वे र्ींगहाली में ज वन-यापन करने को वववि होर् हैं।
तनह ताथा:
मदहलाओीं द्वारा उनके ववरतर् पनर्यों से गज
ु ारे -भत्ते की माींग करने सींबध
ीं याचिकाओीं पर सन
ु वाई करर्े हुए
पाररवाररक अदालर्ों, मक्जस्रे टों और ननिली अदालर्ों इन एकसमान और व्यापक ददिा-ननदे िों का पालन क्रकया
जाना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक और मेन्स मलिंक:
उच्ित्तम न्यायालय द्वारा वैवादहक मामलों में गज
ु ारा भत्ता के भग
ु र्ान पर जारी ददिाननदे िों और उनके महत्व
का अवलोकन कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GCG7UBMLG.1&imageview=0.

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16

स्रोर्: द दहींद ू
2. राजस्थान सरकार द्वारा दस
ू री सिंतान ोने पर मातत्ृ व लाभ योजना का आरिं भ
सिंदभा: राजस्थान सरकार द्वारा िार क्जलों में मातत्ृ व लाभ योजना का आरीं भ क्रकया गया है , इसके र्हर्, दस
ू री
सिंतान ोने पर माताओिं को छः जार रुपए की आगथाक स ायता प्रदान की जाएग । इस योजना को इिंहदरा गािंधी
मातत्ृ व पोषण योजना का नाम ददया गया है ।
यह योजना, केंद्र सरकार की प्रधानमिंत्री मात ृ विंदना योजना (PMMVY) की स ायक योजना होग । ज्ञार् हो क्रक,
PMMVY के र्हर् मार्ाओीं को पहली सींर्ान के जन्म होने पर पािंच जार रुपए की आगथाक स ायता प्रदान की
जार् है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
 इस योजना को प्रायोचगक आधार पर उदयपरु , प्रर्ापगढ़, बाींसवाड़ा और डूग
ीं रपरु में पाँि वषों के शलए लागू
क्रकया जा रहा है ।
 इन ियननर् क्जलों में बच्िों का पोषर् स्र्र और मार्ाओीं में एन शमया का स्र्र राज्य के समग्र औसर्
से काफी कम है ।
योजना की प्रमख
ु ववशेषताएिं:
 इस योजना का उद्दे श्य: काम करने वाली मदहलाओीं के शलए गभातवस्था के दौरान और प्रसव के बाद
होने वाली मजदरू ी के नक
ु सान की भरपाई करना; बच्िों में दब
ु ल
त र्ा और नाटे पन पर ननयींत्रर् करना;
मार्ाओीं में एन शमया की कम पर अींकुि लगाना है ।
 लाभाचथतयों को कुछ िर्ों के अध न पाींि क्रकस्र्ों में नकद आचथतक सहायर्ा प्रदान की जाएग ।
 केंद्रीय योजना के ववपरीर्, इन्हें राज्य योजना के अींर्गतर् लाभ प्राप्र् करने के शलए आधार काडत जमा
नहीीं करना होगा और पैसा स धे उनके बैंक खार्ों में स्थानाींर्ररर् क्रकया जाएगा।
प्रधानमिंत्री मात ृ विंदना योजना के बारे में :
प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (PMMVY) केंद्र सरकार की एक मार्त्ृ व लाभ योजना है ।
 इस योजना को 2010 में इींददरा गाींध मार् ृ सहयोग योजना (IGMSY) के रूप में िरू
ु क्रकया गया था
क्जसे 1 जनवरी 2017 से प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (प एमएमव वाई) के रूप में परू े दे ि में लागू
क्रकया गया है ।
 यह योजना गभावती और स्तनपान कराने वाली मह लाओिं के मलए एक सशता नकद स्तािंतरण योजना
है ।
 इस योजना के र्हर् काम-काज मदहलाओीं के शलए गभातवस्था के दौरान और प्रसव के बाद होने वाली
मजदरू ी के नक
ु सान की आींशिक भरपाई, र्था सरु क्षक्षर् प्रसव और अच्छे भोजन एवीं पोषर् हे र्ु आचथतक
सहायर्ा प्रदान की जार् है।

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (PMMVY) के बारे में
2. पात्रर्ा
3. लाभ
4. इींददरा गाींध मार्त्ृ व पोषर् योजना और PMMVY के मध्य अींर्र
में स मलिंक:
इींददरा गाींध मार्त्ृ व पोषर् योजना के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFUK.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. जमानी में मह लाओिं के मलए नया बोिारूम कोटा (What is Germany’s new boardroom quota for
women?)
सिंदभा: जमतन में दे श की सच
ू ीबद्ध किंपतनयों में वररष्ट्ठ प्रबिंधन पदों पर काम करने वाली मह लाओिं की सिंख्या
े तु एक अतनवाया कोटा लागू क्रकये जाने की योजना बनाई जा रही है
इस ऐनर्हाशसक कदम को दे ि में लैंगगक असमानता की खाई को कम करने सींबध
ीं अगले कदम के रूप में दे खा
जा रहा है ।
जमानी में ‘मह लाओिं के मलए नया बोिारूम कोटा’ क्या ै ?
स मत प्रावधानों के अनस
ु ार:
1. यदद सि
ू बद्ध कींपननयों के कायतकारी बोडत में र् न से अचधक सदस्य हैं, र्ो उनमें से एक सदस्य मदहला
होग ।
2. क्जन कींपननयों में सींघ य सरकार की दहस्सेदारी है , उनके शलए न्यन
ू र्म 30 प्रनर्िर् पयतवेक्ष बोडत कोटा
और कायतकारी बोडों में न्यन
ू र्म भाग दारी आवश्यक होग ।

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जमानी में इस प्रकार के कोटा की आवश्यकता


 जमतन , यरू ोप की सबसे बड़ अथतव्यवस्था है । जमतन में , वषत 2015 से, मदहलाओीं के शलए पयतवेक्ष बोडों
में 30 प्रनर्िर् स्वैक्च्छक कोटा ननधातररर् था।
 हालाींक्रक, ववशभन्न ररपोर्टतस में इस बार् का सींकेर् क्रकया गया है , क्रक इस प्रावधान से वररष्ट्ठ कायतकारी
पदों पर मदहलाओीं की सींख्या के अनप
ु ार् में कोई अचधक सध
ु ार नहीीं हुआ था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ‘मदहलाओीं के शलए बोडतरूम कोटा’ तया है ?
2. हाल ही में क्रकस दे ि द्वारा इसे लागू क्रकया गया है ?
में स मलिंक:
जमतन सरकार के इस प्रावधान से वररष्ट्ठ कायतकारी पदों पर मदहलाओीं के अनप
ु ार् में क्रकस प्रकार सध
ु ार होगा?
ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/what-is-germanys-new-boardroom-quota-for-women-
7063682/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

ववषय:सामाक्जक सितर् करर्, सींप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धमतननरपेक्षर्ा।


1. असम के ममया और उनकी चार-चपोरी सिंस्कृतत (The Miyas of Assam and their char-chapori culture)
सिंदभा: हाल ही में , असम के ‘िार-िपोरी’ इलाके के ननवाशसयों की सींस्कृनर् और ववरासर् को प्रदशितर् करने हे र्ु
एक ‘शमया सींग्रहालय’ (Miya Museum) की स्थापना के प्रस्र्ाव से राज्य में वववाद उत्पन्न हो गया है ।
कुछ असमवामसयों की आपवत्त का कारण
‘शमया सींग्रहालय’ को श्र मींर् िींकरदे व कलाक्षेत्र, गव
ु ाहाटी के पररसर में बनाने का प्रस्र्ाव क्रकया गया है , यह
कलाक्षेत्र, गव
ु ाहाटी में एक साींस्कृनर्क पररसर है , क्जसका नाम नव-वैष्ट्र्व सध
ु ारक श्र मींर् िींकरदे व के नाम पर
रखा गया है ।
 आपवत्त करने वालों का कहना है , क्रक श्र मींर् िींकरदे व कालक्षेत्र जो असशमया सींस्कृनर् का प्रर् क है और
इसमें क्रकस अन्य सींस्कृनर् को सक्म्मशलर् नहीीं क्रकया जा सकर्ा।
 श्र मींर् िींकरदे व कलाक्षेत्र की स्थापना असम समझौते (Assam Accord) के अनच्
ु छे द-6 के र्हर् क्रकया
गया था। अनच्
ु छे द-6 में , असशमया लोगों की साींस्कृनर्क, सामाक्जक, भाषाय पहिान और धरोहर का
सींरक्षर् करने र्था उसे बढ़ावा दे ने के शलये उचिर् सींवध
ै ाननक, ववधाय र्था प्रिासननक उपाय करने का
प्रावधान क्रकया गया है ।
‘ममया’ कौन ैं?
‘शमया’ समद
ु ाय में पव
ू ी बींगाल (अब बाींग्लादे ि) से असम में आए हुए मक्ु स्लम प्रवाशसयों के वींिज िाशमल हैं।
इन्हें अतसर अपमानजनक र्रीके से ‘शमयाीं’ कहा जार्ा है ।
 इस समद
ु ाय का असम में पलायन कई बार में हुआ है - इसकी िरु
ु आर् 1826 में असम पर अींग्रेजों
द्वारा कब्ज़ा क्रकये जाने के पश्िार् हुई, और 1947 में हुए ववभाजन और 1971 में हुए बाींग्लादे ि मक्ु तर्

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19

यद्
ु ध र्क जारी रहा। इस कारर् राज्य के इस क्षेत्र की जनसाींक्ख्यकीय सींरिना में पररवर्तन भ हुआ
है ।
 ब र्े वषों में , इसने रूदढ़बद्ध र्रीके से ‘शमया’ कहा जाने लगा और अतसर ‘बींगलादे ि ’ कहकर इनका
उपहास क्रकया जार्ा है ।
‘चार-चापोरी’ क्या ैं?
‘चार’ (Char) एक र्ैरर्ा हुआ द्व प होर्ा है , र्था ‘चपोरी’ (Chapori) बाढ़ प्रभाववर् नदी र्ट के ननकटवर्ी
ननिले इलाके होर्े हैं।
 बाढ़ और कटाव से ग्रशसर् इन इलाकों को ननम्न ववकास सि
ू काींकों द्वारा चिक्ह्नर् क्रकया जार्ा है । और
लगभग 80% िार-आबादी गरीब रे खा से न िे रहर् है ।
 UNDP असम मानव ववकास की 2014 ररपोटत में िार-क्षेत्रों को ‘सींिार-सवु वधाओीं के अभाव, प्राथशमक
शिक्षा से आगे पयातप्र् स्कूली शिक्षा सवु वधाओीं की कम , बाल वववाह, गरीब और अशिक्षा’ से ग्रशसर् क्षेत्र
के रूप में बर्ाया गया है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. शमया कौन हैं?
2. िार-िापोरी तया हैं?
3. असम समझौर्े का अनच्
ु छे द-6
में स मलिंक:
शमया कौन हैं? उन्हें क्रकन िन
ु ौनर्यों का सामना करना पड़ रहा है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-the-miyas-of-assam-and-their-char-chapori-
culture-6943279/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. ‘जन्म-मत्ृ यु सािंजख्यकी ररपोटा ’, 2018
सिंदभा: हाल ही में , भारत के म ापिंजीयक (Registrar-General of India) द्वारा ‘नागररक पिंजीकरण प्रणाली पर
आधाररत भारत की ‘जन्म-मत्ृ यु सािंजख्यकी ररपोटा ’, 2018 (2018 report on “Vital statistics of India based on
the Civil Registration System”) जारी की गय । इस ररपोटत में दे ि के ववशभन्न राज्यों के शलींगानप
ु ार् पर प्रकाि
डाला गया है ।
जन्म के समय मलिंगानप
ु ात (Sex ratio), प्रनर् एक हज़ार परु
ु षों पर पैदा होने वाली मदहलाओीं की सींख्या होर्
है ।
प्रमख
ु तनष्ट्कषा:
 सवाश्रेष्ट्ठ मलिंगानप
ु ात वाला राज्य: अरुर्ािल प्रदे ि (1084)
 सबसे ख़राब मलिंगानप
ु ात वाला राज्य: मखर्परु (757)
 सवतश्रेष्ट्ठ शलींगानप
ु ार् वाला राज्यों में अरुर्ािल प्रदे ि के बाद नागालैंड (965) शमजोरम (964), केरल
(963) और कनातटक (957) का स्थान है ।

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20

 ददल्ली में शलींगानप


ु ार् 929, हररयार्ा में 914 और जम्मू और कश्म र में 952 दजत क्रकया गया है ।
 वषत 2018 में पींज कृर् जन्मों की सींख्या 2.33 करोड़ हो गई है , वपछले वषत 2.21 करोड़ जन्मों का
पींज करर् क्रकया गया था।
 जन्म पींज करर् का स्र्र वषत 2009 में 81.3% से बढ़कर वषत 2018 में 89.3% हो गया है ।

इस सिंबध
िं में सरकार द्वारा ककये गए प्रयास
सरकार द्वारा कई योजनाएीं लागू की गय है । इनमें िाशमल है :
1. बेटी बिाओ, बेटी पढाओ
2. सक
ु न्या समद्
ृ चध योजना (SSY)
3. बाशलका सरु क्षा योजना।
4. प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (PMMVY)
5. राष्ट्रीय मदहला कोष (RMK)
मह ला सशजक्तकरण े तु योजनाओिं और कानन
ू ों को लागू करते समय आने वाली चुनौततयािं
 योजनाओीं और कानन
ू ों के ननरीक्षर् और ननगरान करने के शलए पयातप्र् सींसाधनों का अभाव।
 अपयातप्र् योग्य कमतिारी।
 ववशभन्न स्र्रों पर सलाहकार सशमनर्यों का खराब प्रदितन।
 कानन
ू ों और प्रक्रक्रयाओीं की अपयातप्र् समझ।
 जागरूकर्ा का अभाव।
 इन योजनाओीं के कायातन्वयन में सहयोग करने के शलए स शमर् बनु नयादी ढाँिा
आगे की रा
 भ्रर्
ू हत्या पर प्रनर्बींध लगाने वाले कानन
ू ों को सख्र् से लागू करना;
 सींर्ान के रूप में पत्र
ु -ववहीन मार्ा-वपर्ा के शलए दहर्कारी योजनाएीं उपलब्ध कराना;
 लड़क्रकयों के शलए मफ्
ु र् और अननवायत शिक्षा;
 मदहलाओीं को नौकरी में आरक्षर् ददया जाना िादहए;
 सींबचीं धर् कानन
ू ों के कायातन्वयन हे र्ु आधारभर्
ू सींरिना और प्रशिक्षर् को सनु नक्श्िर् करना िादहए;
 शिक्षा प्रर्ाली में मदहला सिक्तर्करर्, र्था दहे ज एवीं कन्या भ्रर्
ू हत्या, जैस बरु ाइयों के बारे में
जागरूकर्ा प्रदान करने पर ध्यान केंदद्रर् करना िादहए।
 मदहलाओीं को बिपन से ही सितर् और सामाक्जक बनाया जाना िादहए र्ाक्रक वे खुद को परु
ु षों के
बराबर समझ सकें।
 इस मद्
ु दे को हल करने के शलए सरकार को समाज की मानशसकर्ा को बदलने पर ध्यान दे ना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. शलींगानप
ु ार् को क्रकस प्रकार पररभावषर् क्रकया जार्ा है ?

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21

2. ‘नागररक पींज करर् प्रर्ाली पर


आधाररर् भारर् की ‘जन्म-मत्ृ यु
साींक्ख्यकी ररपोटत ’ क्रकसके द्वारा
जारी की गई है ?
3. ररपोटत के नव नर्म सींस्करर् में
प्रमख
ु ननष्ट्कषत।
में स मलिंक:
भारर् में शलींगानप
ु ार् की प्रववृ त्त और दे ि
के सामाक्जक-आचथतक ववकास पर इसके
प्रभाव का ववश्लेषर् कीक्जए।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GVQ7VGNVN.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. ब्रू शरणागथायों द्वारा अवस्थापन समझौते के तत्काल कायाान्वयन की मािंग
(Bru refugees demand immediate implementation of settlement pact)
सिंदभा: जनवरी 2020 में केंद्र सरकार द्वारा ब्रू िरर्ाचथतयों की समस्या के स्थाय समाधान के शलए एक
ऐनर्हाशसक िर्ष्ट्ु पक्ष य समझौर्े पर हस्र्ाक्षर क्रकए गए थे। ममजोरम ब्रू शरणागथायों (Mizoram Bru Refugees)
के नेर्ाओीं द्वारा समझौर्े के प्रावधानों के अनस
ु ार बत्रपरु ा में अपने स्थाय पन
ु वातस की िरू
ु आर् क्रकए जाने की
माींग की जा रही है ।
इसमें दे री का कारण
सरकार द्वारा ब्रू िरर्ाचथतयों को बसाने के शलए उत्तरी बत्रपरु ा में कींिनपरु प्रखींड सदहर् 12 स्थानों का ियन
क्रकया गया था। वषत 1997 से ब्रू िरर्ाथी कींिनपरु प्रखींड में छह अस्थाय शिववरों में रह रहे हैं। क्रफर भ , सिंयक्
ु त
आिंदोलन (Joint Movement) नामक एक स्थान य मींि द्वारा िरर्ाचथतयों को बसाने के फैसले का ववरोध क्रकया
जा रहा है ।
ब्र-ू रे यािंग शरणाथी समझौते के बारे में :
23 वषत परु ाने ब्र-ू रे यािंग शरणाथी सिंकट को समाप्र् करने के शलए केंद्र सरकार, बत्रपरु ा सरकार, ममजोरम सरकार
और ब्रू प्रतततनगधयों के मध्य जनवरी 2020 में एक समझौर्ा क्रकया गया था, क्जसके र्हर् बत्रपरु ा में िरर्ाथी
के रूप में रह रहे ब्र-ू जनजार् य समद
ु ायों को बत्रपरु ा में ही बसाने की बार् की गई थ ।
समझौते की प्रमख
ु ववशेषताएिं:
1. इस समझौर्े के र्हर्, केंद्र सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषर्ा की गय ।
2. समझौर्े के अनस
ु ार ब्रू जनजानर्यों को बत्रपरु ा में बसने के शलए जम न प्रदान की जाएग ।
3. सरकारी सहायर्ा राशि के रूप में प्रत्येक पररवार के शलए 4 लाख रु. की राशि उनके बैंक खार्ों में
जमा की जायेग इस , राशि को वे दो साल बाद ननकाल सकेंगे।

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22

4. प्रत्येक ववस्थावपर् पररवार को 40 × 30 वगत फुट के आवास य भख


ू ींड प्रदान क्रकये जाएींगे।
5. इसके अलावा, प्रत्येक पररवार को दो वषत र्क प्रनर् माह 5,000 रु. की नकद राशि प्रदान की जायेग ।
6. इस समझौर्े में प्रत्येक ववस्थावपर् पररवार को दो साल के शलए मफ्
ु र् रािन र्था अपना घर बनाने
के शलए 1.5 लाख रु. की सहायर्ा राशि दी जायेग ।

समझौते की आवश्यकता:
शमजोरम में वषत 1997 से जार् य दहींसा जारी है , इससे बिने के शलए 30,000 से अचधक ब्र-ू जनजार् य के सदस्यों
ने बत्रपरु ा में िरर् ली हुई है ।
ब्र-ू रे याींग िरर्ाथी समझौर्ा, बत्रपरु ा में हजारों ब्र-ू रे याींग लोगों के पन
ु वातस हे र्ु एक स्थाय समाधान प्रदान करे गा।
इसके कायातन्वयन के पश्िार् ब्र-ू रे याींग समद
ु ाय सरकार की सभ सामाक्जक-कल्यार् योजनाओीं का लाभ उठा
सकेंगे।
ब्रू जनजातत
ब्रू अथवा रे यािंग )Bru or Reang) जनजातीय समद
ु ाय ै , जो पव
ू ोत्तर भारर् के मल
ू ननवास हैं र्था मख्
ु यर्ाः
बत्रपरु ा, शमज़ोरम और असम में ववस्र्र्
ृ हैं।
 बत्रपरु ा में , इन्हें ) ’ववशेष रूप से कमजोर जनजातीय समू ‘ Particularly Vulnerable Tribal Groups -
PVTG) का दजात ददया गया है ।
 शमजोरम में , शमज़ो समद
ु ायों के लोग ब्रू जनजानर् के लोगों को बाहरी अथवा ववदे ि मानर्े हैं ,र्था
इन्हें जार् य दहींसा का शिकार बनार्े हैं।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. ब्रू कौन हैं?
2. ब्रू समद
ु ायों का सींकट तया है ?
3. इन्हें कहाँ बसाया जा रहा है?
4. िाींनर् समझौर्े की प्रमख
ु वविेषर्ाएीं तया है ?
5. िाींनर् समझौर्े पर हस्र्ाक्षरकर्ात
6. PVTG के बारे में

में स मलिंक:
सफलर्ापव
ू क
त प्रत्यावर्तन और दीघतकाशलक समाधान के शलए शमजो और ब्रू समद
ु ायों के ब ि सल
ु ह आवश्यक है ।
ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G9S7VO6HS.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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23

ववषय:भक
ू ीं प, सन
ु ाम , ज्वालामख
ु य हलिल, िक्रवार् आदद जैस महत्त्वपर्
ू त भ-ू भौनर्कीय घटनाएँ, भौगोशलक
वविेषर्ाएँ।
टाइफून गोनी (Typhoon Goni)
सींदभा: हाल ही में , क्रफशलप स
ीं में एक िक्तर्िाली टाइफून गोन (Typhoon Goni) ने दस्र्क दी है , इसे टाइफून
रॉली (Rolly) भ कहा जा रहा है । राजधान मन ला सदहर् टाइफून के रास्र्े में पड़ने वाले स्थानों से करीब 10
लाख लोगों को सरु क्षक्षर् स्थानों पर पहुींिाया गया है ।
ररकेन, टाइफून और चिवात: में अिंतर
ये सभ उष्ट्णकहटबिंधीय चिवातों के प्रकार होर्े हैं। इन्हें अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग नामों से जाना
जार्ा है ।
 उत्तरी अटलाींदटक महासागर और पव
ू ोत्तर प्रिाींर् महासागर में उत्पन्न इन िक्रवार्ों को ररकेन
(Hurricanes) कहा जार्ा है ।
 उत्तर पक्श्िम प्रिाींर् महासागर में उत्पन्न होने वाले इस प्रकार के िक्रवार्ों को टाइफून (Typhoon)
के रूप में जाना जार्ा है ।
 दक्षक्षर् प्रिाींर् और दहींद महासागर में इन्हें चिवात (Cyclone) कहा जार्ा है , जो इस प्रकार की
वायम
ु ड
ीं लीय गनर्ववचधयों के शलए सही िब्द है ।
चिवातों की उत्पवत्त
 उष्ट्र् सागरीय जल के सींपकत में आने पर वायु गमत होकर र् व्रर्ा से ऊपर उठर् है ।
 जैसे ही वायु ठीं ड होर् है , इसे सागरीय सर्ह से उपर उठने वाली गमत हवा द्वारा दस
ू री ओर धकेल
ददया जार्ा है ।
 यह प्रक्रक्रया र् व्र हवाओीं का कारर् बनर् है । सागर के ऊपर ननशमतर् उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार् से वविाल
लहरों उत्पन्न होर् है ।
 जब ये लहरें भशू म पर पहुँिर् हैं, जो र्टीय क्षेत्रों में भयावह बाढ़ का कारर् बन जार् है ।
 स्थल पर र् व्र हवाओीं से अत्याचधक क्षनर् हो सकर् है – ये हवाएीं र्टीय क्षेत्रों में मकानों, पेड़ों व वाहनों
को अपने साथ उड़ा सकर् हैं।
चिवात के ववमभन्न भाग
 आिंख (Eye): र्फ
ू ान के केंद्र में एक िाींर् क्षेत्र होर्ा है , इसे र्फ़
ू ान की ‘आींख’ कहर्े हैं। इस क्षेत्र में
हल्की हवाएँ बहर् हैं। आसमान में हलके बादल छाए रहर्े हैं र्था कभ -कभ आसमान बबल्कुल
साफ होर्ा है ।
 आँख की पररगध (Eye wall): र्फ़
ू ान की आँख के िारो ओर एक झींझावार्ों की मेखला होर् है । ये
र्फ़
ू ान ‘आँख के िारो ओर वर्
ृ ाकार पथ में घम
ू र्े है। आँख की पररचध में र्ेज हवाओीं के साथ
मस
ू लाधार वषात होर् है ।

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24

 वषाा कहटबिंध (Rain bands): हररकेन की आँख की पररचध से बाहर की ओर दरू र्क वषात कदटबींधो
र्था बादलों का ववस्र्ार होर्ा है । इनके द्वारा गरज के साथ भारी वषात होर् है र्था कभ -कभ
टोरनाडो भ ननशमतर् हो जार्े हैं।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्रवार् की उत्पवत्त हेर्ु
उत्तरदाय कारक
2. दनु नया के ववशभन्न क्षेत्रों में
िक्रवार्ों का नामकरर्
3. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक
िक्रवार् आने का कारर्
4. कोररओशलस बल तया है ?
5. सींघनन की गप्ु र् ऊष्ट्मा
में स मलिंक:
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारकों पर ििात कीक्जए। उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों के
ववशभन्न प्रकारों के बारे में बर्ाइए।
स्रोर्: द दहींद ू
2. ला–नीना (La Niña)
सिंदभा: 29 अतटूबर, 2020 को जारी ववश्व मौसम सींगठन (World Meteorological Organization- WMO) के
नव नर्म वैजश्वक मौसमी अपिेट के अनस
ु ार- मध्य और पव
ू ी भम
ू ध्यरे ख य प्रिाींर् महासागर में लगभग एक
दिक के पश्िार् ला–नीना (La Niña) मौसम पररघटना की वापस हुई है ।
तनह ताथा:
 ला–न ना के पररर्ामस्वरूप सागरीय सर्ह के र्ापमान में औसर् से दो-र् न डडग्र सेक्ल्सयस र्क की
कम आ सकर् है ।
 ला–न ना की क्स्थनर् वषत 2021 र्क कायम रह सकर् है , क्जससे ववश्व के कई भागों में र्ापमान, वषात
और िक्रवार्ों के पैटनत प्रभाववर् हो सकर्े हैं।
ला–नीना क्या ै?
ला–नीना (La Niña) एक मौसम पररघटना है , क्जसके दौरान मध्य और पव
ू ी भम
ू ध्यरे खीय प्रशािंत म ासागर के
सत ीय तापमान में असामन्य रूप से कमी आती ै और इसके साथ ही उष्ट्र्कदटबींध य वायम
ु ड
ीं लीय पररसींिरर्,
अथातर् ् हवाओीं, दबाव और वषात में व्यापक रूप से पररवर्तन होर्ा है ।
 ला–न ना का मौसम और जलवायु पर अल–न नो के ठीक ववपरीर् प्रभाव पड़र्ा है । अल-नीनो दक्षक्षणी
दोलन (El Niño Southern Oscillation- ENSO) के दौरान प्रिाींर् महासागरीय क्षेत्र में सर्हीय र्ापमान
में वद्
ृ चध हो जार् है ।

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25

ला-नीना के कारण मौसम में बदलाव:


1. ला-न ना के कारर्, हॉनत ऑफ़ अफ्रीका और मध्य एशिया में औसर् से कम वषात होग ।
2. पव
ू ी अफ्रीका को सामान्य क्स्थनर्यों से अचधक सख
ू े का सामना करना पड़ सकर्ा है , इसके साथ ही इस
क्षेत्र में रे चगस्र्ान दटड्डडयों के हमलों के कारर् खाद्य सरु क्षा की क्स्थनर् भयावह हो सकर् है ।
3. ला-न ना के आने से दक्षक्षर् अफ्रीका में सामान्य से अचधक वषात हो सकर् है ।
4. इससे दक्षक्षर्-पक्श्िम दहींद महासागर उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों की र् व्रर्ा में कम हो सकर् है , क्जससे
इस क्षेत्र में मौसम व्यापक रूप से प्रभाववर् होगा।
5. इसके आने से दक्षक्षर् पव
ू त एशिया, कुछ प्रिाींर् द्व प समह
ू ों और दक्षक्षर् अमेररका के उत्तरी क्षेत्र में औसर्
से अचधक वषात होने की उम्म द है ।
6. ला-न ना के आने से भारर् में सामान्य से अचधक वषात होग , क्जससे दे ि के ववशभन्न भागों में बाढ़ की
प्रवर्र्ा में वद्
ृ चध होग ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अल-न नो तया है ?
2. ला-न ना तया है ?
3. ENSO तया है ?
4. ये घटनाएँ कब होर् हैं?
5. एशिया, अफ्रीका और ऑस्रे शलया पर ENSO का प्रभाव
में स मलिंक:
ला–न ना मौसम पररघटना के भारर् पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ििात कीक्जए।

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26

https://www.downtoearth.org.in/news/climate-change/la-nina-is-back-what-does-that-mean-for-
africa-asia-74021.
स्रोर्: डाउन टू अथत
3. इस वषा अक्टूबर मा में चिवात न ीिं आने का कारण (Why did cyclones give October a miss?)
सिंदभा: अतटूबर से ददसींबर र्क की अवचध बींगाल की खाड़ और अरब सागर में िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए
अनक
ु ू ल होर् है । इस वषत, हालाींक्रक, अतटूबर माह के दौरान कोई भ िक्रवार् र्फ़
ू ान नहीीं दे खा गया।
सामान्यतः चिवातों की उत्पावत्त और इनके भारतीय तटों पर प ु ँचने का समय
परू े ववश्व में प्रनर्वषत लगभग 80 िक्रवार्ों का ननमातर् होर्ा है , क्जनमें से पाँि िक्रवार्, उतरी ह द
िं म ासागर
के ‘बींगाल की खाड़ ’ और ‘अरब सागर’ क्षेत्र में उत्पन्न होर्े हैं।
 उत्तर दहींद महासागर में उत्पन्न होने वाले िक्रवार् प्रकृनर् में द्ववब ु लक (Bi-modal) होर्े हैं, अथाात ये
दो मौसमों में तनममात ोते ैं- अप्रैल से जून (मॉनसन
ू -पव
ू )त और अतटूबर से ददसींबर (मॉनसन
ू के बाद)।
 इनमें से, मई और नवींबर महीने, िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए सबसे अनक
ु ू ल होर्े है ।
इस वषा चिवात न ीिं बनने के कारण
 आमर्ौर पर महासागरीय ववक्षोभ दक्षक्षर् ि न सागर की ओर से बींगाल की खाड़ में प्रवेि करर्े हैं,
और भारर् य र्ट की ओर मड़
ु जार्े है । इस वषत, अब र्क उत्तरी दहींद महासागर में , िक्रवार् ननमातर् के
शलए आवश्यक र् व्रर्ा वाले, क्रकस महासागरीय ववक्षोभ का प्रवेि नहीीं हुआ।
 इस वषत िक्रवार् नहीीं बनने का एक अन्य कारर् भम
ू ध्यरे ख य प्रिाींर् महासागर में ला-नीना की कमजोर
जस्थतत भ है ।
 मैडन
े जूशलयन ऑशसलेिन (Madden Julian Oscillation- MJO) के प्रभाव से भ उत्तरी दहींद महासागर
में िक्रवार्ों का अभाव रहा है । मैडन
े -जशू लयन ऑस लेिन (MJO) एक समद्र
ु ी-वायम
ु ड
ीं लीय घटना है जो
उष्ट्र्कदटबींध य क्षेत्रों में बाररि, हवाओीं, समद्र
ु की सर्ह के र्ापमान और बादलों को प्रभाववर् करर् है ,
और यह आमर्ौर पर प्रनर् 30 से 60 ददनों में स्वयीं की पन
ु राववृ त्त करर् है ।
 इसके अलावा, नवींबर माह के दौरान, उच्ि और ननिले वायम
ु ड
ीं लीय स्र्र के मध्य प्रवादहर् होने वाली
हवाओीं की गनर् में अींर्र से ऊध्वााधर पवन अपरूपण होर्ा है , जो ननम्न-दाब प्रर्ाली और अवदाब के
शलए िक्रवार् सींबध
ीं दिाओीं को मजबर्
ू करने से रोक दे र्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्रवार् की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारक
2. ववश्व के ववशभन्न क्षेत्रों में िक्रवार्ों का नामकरर्
3. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक िक्रवार् आने का कारर्
4. कोररओशलस बल तया है ?
5. सींघनन की गप्ु र् ऊष्ट्मा तया होर् है ?
6. मैडन
े जूशलयन ऑशसलेिन (MJO) तया है ?

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में स मलिंक:
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारकों पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-why-did-cyclones-give-october-a-miss-
6980511/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
4. ररकेन आयोटा (Hurricane Iota)
सिंदभा: हाल ही में , हररकेन आयोटा (Hurricane Iota) के कारर् मध्य अमेररका के ननकारागआ
ु में भारी भस्
ू खलन
हुआ है और यह पाींिव श्रेर् (Category Five) का र्फ़
ू ान बन िुका है ।
ररकेन आने की अवगध
अटलािंहटक क्षेत्र में ररकेन (Hurricanes) आने का मौसम जन
ू से नवींबर र्क जारी रहर्ा है और यह अटलाींदटक
महासागर, कैरे बबयन सागर और मैक्तसको की खाड़ क्षेत्रों में आर्े है , जबक्रक पव
ू ी प्रशािंत क्षेत्र में ररकेन आने का
मौसम 15 मई से 30 नवींबर र्क रहर्ा है ।
 हररकेन को सैकफर-मसिंपसन वविंि स्केल (Saffir-Simpson Hurricane Wind Scale) के आधार पर वगीकृर्
क्रकया जार्ा है । इसमें हवा की गनर् के आधार पर 1 से 5 र्क की रे दटींग दी जार् है ।
 तीसरी श्रेणी अथवा उससे अगधक तीव्रता वाले ररकेन को ‘प्रमख
ु हररकेन अथवा ववनािकारी हररकेन’
कहा जार्ा है तयोंक्रक इनकी वजह से जान-माल की अपार क्षनर् होर् है ।
ररकेन की उत्पवत्त ककस प्रकार ोती ै?
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार् अथवा हररकेन, उष्ट्ण व आद्र वायु को ईंधन के रूप इस्र्ेमाल करर्े है , और इसशलए
अचधकाींिर्ाः भम
ू ध्य रे खा के तनकट उष्ट्ण सागरीय जल के ऊपर ननशमतर् होर्े हैं।
 नासा के अनस
ु ार- जब उष्ट्र् व आद्रर्ायत
ु र् हवा समद्र
ु की सर्ह से ऊपर की ओर उठर् है , र्ो इसके
न िे की ओर ननम्न दाब का क्षेत्र बन जार्ा है ।
 आसपास की हवा इस ननम्न वायद
ु ाब क्षेत्र की ओर र्ेज से बढ़र् है , और अींर्र्ाः गमत और आद्र होकर
ऊपर उठ जार् है ।
 जब गमा वा ऊपर उठ कर ठिं िी ोती ै , तो इसमें उपजस्थत आद्रता बादलों का तनमााण करती है । बादलों
और हवाओीं की यह प्रर्ाली र्ेज से ववकशसर् होकर ितकर काटने लगर् है , और इसे सागरीय ऊष्ट्मा
और उसकी सर्ह से वाक्ष्ट्पर् होने वाला जल इस प्रक्रक्रया में ईधन का कायत करर्ा है ।
 जैसे ही इस प्रकार ननशमतर् िक्रवार् प्रर्ाली र् व्रर्ा से घम
ू र् है , इसके केंद्र में एक आिंख (Eye) बन
जार् है ।
 भम
ू ध्य रे खा के उत्तर की ओर बनने वाले िक्रवार् वामावता हदशा (counter-clockwise) में घम
ू र्े हैं,
जबक्रक भम
ू ध्य रे खा के दक्षक्षर् में बनने वाले िक्रवार्, प्
ृ व के घर्
ू नत के कारर् दक्षक्षणावता हदशा
(clockwise) में घम
ू र्े हैं।

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ररकेन और उष्ट्णकहटबिंधीय चिवात में क्या अिंतर ोता ै?


इनमें कोई फकत नही होर्ा है । इनकी उत्पवत्त-स्थल के आधार पर हररकेन को टाइफून अथवा िक्रवार् कहा जा
सकर्ा है ।
 नासा के अनस
ु ार, इस प्रकार के सभ र्फ
ू ानों को वैज्ञाननक िब्दावली में उष्ट्णकहटबिंधीय चिवात
(Tropical Cyclones) कहा जार्ा है ।
 अटलाींदटक महासागर या पव
ू ी प्रिाींर् महासागर के ऊपर बनने वाले उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों को ररकेन
कहा जार्ा है और उत्तर-पक्श्िम प्रिाींर् महासागर में ननशमतर् िक्रवार्ो को टाइफून कहा जार्ा है ।
 बींगाल की खाड़ या अरब सागर में ननशमतर्
िक्रवार्ों को ‘चिवात’ (Cyclones) कहा जार्ा
है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. हररकेन की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारक
2. ववश्व के ववशभन्न क्षेत्रों में िक्रवार् / हररकेन
का नामकरर्
3. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक िक्रवार् आने
का कारर्
4. कोररओशलस बल तया होर्ा है ?
5. ‘सींघनन की गप्ु र् ऊष्ट्मा’ तया होर् है ?
में स मलिंक:
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारकों पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-how-severe-is-hurricane-iota-central-america-
7054740/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
5. चिवात ‘तनवार’ (Cyclone ‘Nivar’)
सिंदभा: अम्फान (Amphan), तनसगा (Nisarga) और गतत (Gati) िक्रवार्ों के पश्िार्, चिवात ‘तनवार’ (Cyclone
‘Nivar’) पड
ु ु िेरी के कराईकल की ओर बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में 25 नवींबर को र्बाही मिा सकर्ा है ।
 उत्तर दहींद महासागर िक्रवार्ों के नामों के शलए नई सि
ू वषत 2020 में जारी की गय थ , ‘तनवार’
(Nivar) इस सि
ू का र् सरा नाम है , क्जसे ईरान द्वारा सझ
ु ाया गया है ।
 अम्फान (Amphan), िक्रवार् का नामकरर् थाईलैंि द्वारा क्रकया गया था, और यह वषत 2004 की
श्रींख
ृ ला का अींनर्म नाम था।
 जून माह के दौरान महाराष्ट्र में आने वाले िक्रवार् तनसगा (Nisarga) का नामकरर् बाींग्लादे ि द्वारा
क्रकया गया था, जबक्रक भारर् ने, 22 नवींबर को सोमाशलया में र्बाही मिाने वाले िक्रवार् को ‘गतत
(Gati)’ नाम ददया था।

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चिवातों का नामकरण
ववश्व मौसम ववज्ञान मौसम सींगठन (World Meteorological Organisation- WMO) और एशिया और प्रिाींर्
के शलए सींयत
ु र् राष्ट्र आचथतक और सामाक्जक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for
Asia and the Pacific) द्वारा वषत 2000 में आयोक्जर् अपने 27 वें सत्र के दौरान ननधातररर् क्रकए गए फामल
ूत े के
अनस
ु ार, बिंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उत्पन्न ोने वाले उष्ट्णकहटबिंधीय चिवातों के नाम, बाींग्लादे ि,
भारर्, मालदीव, म्याींमार, ओमान, पाक्रकस्र्ान, श्र लींका, थाईलैंड, ईरान, कर्र, सऊदी अरब, सींयत
ु र् अरब अम रार् और
यमन द्वारा सझ
ु ाए जार्े हैं।
फामल
ूत े के अनस
ु ार, प्रत्येक दे ि िक्रवार्ों के शलए सि
ू में 13 नाम प्रदान करर्ा है ।
नवीनतम सच
ू ी में भारत द्वारा प्रस्ताववत नाम:
िक्रवार्ों के शलए नामों की नव नर्म सि
ू में भारर् द्वारा गनर्, र्ेज, मरासु (र्शमल में सींग र् वाद्ययींत्र), आग
और न र, आदद नाम प्रस्र्ाववर् क्रकए गए है ।
अप्रैल 2020 में सदस्य दे शों द्वारा आगामी चिवातों के मलए तनम्नमलखखत नाम प्रस्ताववत ककये गए ैं:
 बरु े व (Burevi) मालदीव, र्ौतर्े (Tauktae) म्याींमार, यास (Yaas) ओमान, और गल
ु ाब (Gulab) पाक्रकस्र्ान।
 ये 13 दे िों द्वारा सझ
ु ाए गए कुल 169 नामों में से िक्रवार्ों के शलए प्रस्र्ाववर् कुछ नाम हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्रवार्ों के शलए भारर् द्वारा सझ
ु ाए गए नामों की सि
ू ।
2. िक्रवार् की उत्पवत्त के शलए उत्तरदाय कारक
3. ववश्व के ववशभन्न क्षेत्रों में िक्रवार्ों का नामकरर्।
4. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक िक्रवार् तयों?
5. िक्रवार्ों की स्थल पर र् व्रर्ा में अींर्र का कारर्
में स मलिंक:
िक्रवार् तया होर्े हैं? इनका नामकरर् क्रकस प्रकार क्रकया जार्ा है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/tamil-nadu-cyclone-nivar-impact-7062838/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

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6. इस वषा ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ के मिंद ोने के कारण (Why has the Northeast monsoon remained subdued
this year?)
सिंदभा: इस वषत, दक्षक्षर् प्रायद्व प य क्षेत्र में अब र्क होने वाली वषात सामान्य स्र्र से कम रही है ।
इसके तनम्नमलखखत कारण बताए गए ैं:
1. ‘ला नीना’ जस्थतत की व्यापकर्ा और साथ में तनम्न दाब पेटी (low pressure belt) की सामान्य से
हटकर उत्तर की ओर वर्तमान क्स्थनर्।
2. अींर्र उष्ट्र्कदटबींध य अशभसरर् क्षेत्र (Inter Tropical Convective Zone- ITCZ) की वर्तमान क्स्थनर्।
‘ला नीना’ (La Niña), क्या ै ?
ला नीना (स्पेननि भाषा में ‘ला न ना’ ‘छोटी लडकी’ को कहा जार्ा है ), एक मौसम पररघटना है , क्जसके दौरान
मध्य और पव
ू ी भम
ू ध्यरे ख य प्रिाींर् महासागर के सर्हीय र्ापमान में असामान्य रूप से कम आर् है ।
अल न नो (El Niño) और ला न ना (La Niña) पररघटनाओीं को सींयत
ु र् रूप से अल नीनो दक्षक्षणी दोलन (El
Niño Southern Oscillation - ENSO) कहा जार्ा है ।
 ये वैक्श्वक मौसम- हवाएीं, र्ापमान और वषात- को प्रभाववर् करने वाली व्यापक महासागरीय पररघटनाएीं
हैं।
 ये ववश्व स्र्र पर सख
ू ा, बाढ़, गमी और ि र् पररक्स्थनर्यों जैसे मौसम की िरम पररघटनाएँ उत्पन्न
करने में सक्षम होर् है ।
इस पररघटना का सामान्य िक्र 9 से 12 माह र्क का होर्ा है , जो कभ -कभार 18 महीने र्क ववस्र्ाररर् हो
जार्ा है - और इसकी प्रत्येक र् न से पाींि वषों के अींर्राल पर पन
ु रावनृ र् होर् है।
‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ (Northeast Monsoon)
 ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ की उत्त्पवत्त अतटूबर से ददसींबर के मध्य होर् है , और दक्षक्षर्-पक्श्िम मानसन
ू की
र्ल
ु ना में इसकी अवचध कम होर् है ।
 यह मानसन
ू प्रायाः दक्षक्षर् प्रायद्व प र्क ही स शमर् रहर्ा है ।
 ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ से होने वाली वषात, र्शमलनाडु, पद
ु ि
ु ेरी, कराईकल, यनम, र्टीय आींध्र प्रदे ि, केरल, उत्तर
आींर्ररक कनातटक, माहे और लक्षद्व प के शलए काफी महत्वपर्
ू त होर् है ।
 इस मानसन
ू के कारर्, कुछ दक्षक्षर् एशियाई दे िों, जैसे क्रक मालदीव, श्र लींका और म्याींमार में भ
अतटूबर से ददसींबर के मध्य वषात होर् है ।
ला-नीना का ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ से सिंबध
िं
ला-न ना की क्स्थनर् से दक्षक्षर्-पक्श्िम मानसन
ू से होने वाली वषात में वद्
ृ चध होर् है , जबक्रक इससे ‘उत्तर-पव
ू ी
मानसन
ू ’ के दौरान होने वाली वषात पर नकारात्मक प्रभाव पड़र्ा है ।
 ला-नीना (La Niña) के वषों के दौरान, बींगाल की खाड़ में ननशमतर् सींयत
ु र् प्रर्ाली (Synoptic Systems)-
ननम्नदाब अथवा िक्रवार्- की क्स्थनर्, सामान्य से काफी उत्तर की ओर हो जार् है ।

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 इसके अलावा, ये प्रर्ाली पक्श्िम की ओर बढ़ने की बजाय, प छे की ओर मड़


ु जार् है । िूींक्रक, इस प्रर्ाली
की क्स्थनर् सामान्य से उत्तर की ओर होर् है , क्जसके पररर्ामस्वरूप दक्षक्षर् क्षेत्रों, जैसे र्शमलनाडु, में
अचधक वषात नहीीं होर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अल-न नो तया है ?
2. ला-न ना तया है ?
3. ENSO तया है ?
4. ये पररघटनाएँ कब होर् हैं?
5. एशिया, अफ्रीका और ऑस्रे शलया पर ENSO का प्रभाव।
में स मलिंक:
ला-न ना मौसम पररघटना के भारर् पर प्रभाव सींबध
ीं ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/india-northeast-monsoon-rainfall-deficiency-explained-
7063467/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

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सामान्य अध्ययन-II
शासन व्यवस्था, सिंववधान, शासन प्रणाली, सामाजजक न्याय तथा अिंतरााष्ट्रीय सिंबध
िं
ववषय: भारर् य सींववधान- ऐनर्हाशसक आधार, ववकास, वविेषर्ाएँ, सींिोधन, महत्त्वपर्
ू त प्रावधान और बनु नयादी
सींरिना।
1. सिंववधान के अनच्
ु छे द 102 (1) एविं अनच्
ु छे द 191 (1)
सींववधान के अनच्
ु छे द 102 (1) और अनच्
ु छे द 191 (1) के र्हर्, क्रकस साींसद अथवा ववधायक (अथवा ववधान
पररषद् सदस्य) को केंद्र या राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धाररत करने से तनवषद्ध क्रकया गया है ।
चचाा का कारण
‘लाभ के पद’ (Office of Profit) पर गदठर् सींयत
ु र् सींसदीय सशमनर् द्वारा इस बार् पर वविार-ववमित क्रकया जा
रहा है , क्रक ‘क्या कोई सािंसद ककसी ववश्वववद्यालय में अध्यापन काया जारी रख सकता ै ? र्था तया इस पर
‘लाभ के पद’ हे र्ु ननधातररर् ननयमों लागू होर्े हैं?
‘लाभ के पद’ से तात्पया:
यदद कोई साींसद अथवा ववधायक क्रकस सरकारी पद पर आस न होर्ा है र्था उस पद से लाभ प्राप्र् करर्ा है ,
र्ो उस पद को ‘लाभ का पद’ (Office of Profit) कहा जार्ा है ।
क्रकस साींसद अथवा ववधायक को केंद्र या राज्य सरकार के अध न लाभ का पद धारर् करने पर सदस्यर्ा हे र्ु
अयोग्य घोवषर् कर ददया जाएगा। हालाींक्रक, सिंसद अथवा ववधानसभा द्वारा पाररत तनयम के त त तनधााररत
पदों पर आसीन ोने पर से सािंसद अथवा ववधायक अयोग्य घोवषत न ीिं ककये जा सकते।
'लाभ के पद' को अयोग्यता मानदिं ि के रूप में सजम्ममलत करने के तनह ताथा:
 सींववधान ननमातर्ाओीं का मानना था, क्रक ववचध-ननमातर्ाओीं को क्रकस भ प्रकार के दबाव से मत
ु र् होना
िादहए, र्ाक्रक वे ववधाय कायों का ननवतहन करर्े समय क्रकस से प्रभाववर् नहीीं हो सकें।
 दस
ू रे िब्दों में , ककसी सािंसद या ववधायक को ककसी भी प्रकार के सरकारी दबाव के बबना अपने कताव्यों
को परू ा करने के मलए स्वतिंत्र ोना चाह ए। अथातर्, ननवातचिर् सदस्य के कर्तव्यों और दहर्ों के ब ि
कोई सींघषत नहीीं होना िादहए।
 ‘लाभ के पद’ सींबध
ीं प्रावधान सींववधान में वखर्तर्- ववधानयका और कायतपाशलका के मध्य शजक्त के
पथ
ृ क्करण के मसद्धािंत को लागू करने का एक प्रयास है ।

वववाद का कारण:
 ‘लाभ के पद’ को सींववधान अथवा ‘जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम’, 1951 में पररभावषर् नहीीं क्रकया गया है ।
 ‘लाभ के पद’ शसद्धाींर् के महत्व और अथत की न्यायालय द्वारा व्याख्या की गय है । न्यायालय ने
समय-समय पर ववशिष्ट्ट र््यात्मक क्स्थनर्यों के सींदभत इस मामले पर अपने ननर्तय ददए हैं।
 भारतीय सिंववधान में अनच्
ु छे द (1)102 तथा अनच्
ु छे द (1)191 में लाभ के पद का उल्लेख क्रकया गया
है , क्जनमे केंद्रीय और राज्य स्र्र पर ववचध-ननमातर्ाओीं द्वारा सरकारी पदों को स्व कार करने पर
प्रनर्बींचधर् क्रकया गया है ।

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'लाभ के पद' को पररभावषत करने में न्यायपामलका की भमू मका:


प्रद्योत बोरदोलोई बनाम स्वपन रॉय (2001) मामले में सवोच्ि न्यायालय ने क्रकस व्यक्तर् के लाभ के पद
पर आस न होने अथवा नहीीं होने सींबध
ीं जाींि करने हेर्ु िार शसद्धाींर्ों का ननधातरर् क्रकया:
1. तया सरकार, ‘पद’ पर ननयक्ु तर्, ननष्ट्कासन र्था इसके कायों पर ननयींत्रर् रखर् है ?
2. तया सरकार उस पद से सींबचीं धर् पाररश्रशमक को ननधातररर् करर् है ?
3. तया पद के मल
ू ननकाय में सरकारी िक्तर्याीं ननदहर् हैं (धन जारी करना, भशू म आवींटन, लाइसेंस दे ना
आदद)?
4. तया उस पद को धारर् करने वाला व्यक्तर् सींरक्षर् के माध्यम से क्रकस ननर्तय को प्रभाववर् करने में
सक्षम है ?
प्रीमलम्स मलिंक:
1. 'लाभ के पद' तया है ? तया इसे सींववधान में पररभावषर् क्रकया गया है ?
2. क्रकस साींसद या ववधायक को अयोग्य ठहराने हे र्ु आधाररक मापदीं ड तया हैं?
3. सींववधान के अनच्
ु छे द 102 और 191 क्रकससे सींबचीं धर् हैं?
4. सवोच्ि न्यायालय द्वारा क्रकस व्यक्तर् के लाभ के पद पर आस न होने अथवा नहीीं होने सींबध
ीं जाींि
करने हे र्ु ननधातररर् िार शसद्धाींर् कौन से है ?
में स मलिंक:
'लाभ के पद' की अवधारर्ा को स्पष्ट्ट कीक्जए। अयोग्यर्ा मानदीं ड के रूप में 'लाभ के पद' को सक्म्मशलर् करने
के ननदहर्ाथो पर ििात कीक्जए।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFT2.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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2. दलबदल ववरोधी कानन


ू (Anti-Defection Law)
सिंदभा: लोक सभा में ‘अयोग्य’ घोवषर् होने वाले भारर् के प्रथम सींसद सदस्य को, अब शमज़ोरम में ववधानसभा
सदस्य के रूप में भ अयोग्य घोवषर् कर ददया गया है।
हाल ही में , शमजोरम ववधानसभा अध्यक्ष के द्वारा जोरम पीपल्
ु स मव
ू में ट (Zoram People’s Movement -
ZPM) के ववधायक ‘लालिू ोमा’ (Lalduhoma) को अयोग्य घोवषर् करर्े हुए सदन से बाहर कर ददया गया है ।
तन ारता / अयोग्यता का आधार:
श्र लालडूहोमा को ववधायक के रूप में ननरहतर्ा (Disqualification) का आधार, उनके द्वारा सेरतछप ववधानसभा
क्षेत्र से एक स्वतिंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बावजद
ू स्वयीं को ज़ोरम प पल्
ु स मव
ू में ट (ZPM) के
प्रनर्ननचध के रूप में घोवषर् करना था।
ववधानसभा अध्यक्ष के अनस
ु ार, अपन इस घोषर्ा के कारर् उन्होंने एक स्वर्ींत्र ववधायक का दजात खो ददया।
दलबदल ववरोधी कानन
ू क्या ै?
सींववधान में , 52वें सिंववधान सिंशोधन अगधतनयम, 1985 द्वारा एक नय अनस
ु ि
ू (दसवीिं अनस
ु च
ू ी) जोड़ गई
थ।
 इसमें सदन के सदस्यों द्वारा एक राजन नर्क दल से दस
ू रे दल में सक्म्मशलर् होने पर ‘दल-बदल’ के
आधार पर ननरहतर्ा (Disqualification) के बारे में प्रावधान क्रकया गया है ।
 इसमें उस प्रक्रक्रया को ननधातररर् क्रकया गया है , क्जसके द्वारा ववधायकों र्था साींसदों को सदन के क्रकस
अन्य सदस्य की याचिका के आधार पर सदन के प ठास न अचधकारी द्वारा ‘दल-बदल’ के आधार पर
अयोग्य घोवषर् क्रकया जा सकर्ा है ।
 दल-बदल कानन
ू लागू करने के सभ अचधकार सदन के अध्यक्ष या सभापनर् को ददए गए हैं एवीं उनका
तनणाय अिंततम ोता ै।
यह कानन
ू सींसद और राज्य ववधानसभाओीं दोनों पर समान रूप से लागू होर्ा है।
तनर ाता (Disqualification) के आधार:
यदद क्रकस राजन नर्क दल से सींबचीं धर् सदन का सदस्य:
1. स्वेच्छा से अपन राजन नर्क पाटी की सदस्यर्ा त्याग दे र्ा है , अथवा
2. यदद वह सदन में अपने राजन नर्क दल के ननदे िों के ववपरीर् मर् दे र्ा है अथवा मर्दान में अनप
ु क्स्थर्
रहर्ा है र्था अपने राजन नर्क दल से उसने पींद्रह ददनों के भ र्र क्षमादान न पाया हो।
3. यदद चुनाव के बाद कोई तनदा लीय उम्मीदवार ककसी राजनीततक दल में शाममल ो जाता है ।
4. यदद ववधानयका का सदस्य बनने के छह महीने बाद कोई नाशमर् सदस्य (Nominated Member) क्रकस
पाटी में िाशमल होर्ा है ।
कानन
ू के त त अपवाद
सदन के सदस्य कुछ पररक्स्थनर्यों में ननरहतर्ा के जोखखम के बबना अपन पाटी बदल सकर्े सकर्े हैं।

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 इस ववधान में क्रकस दल के द्वारा क्रकस अन्य दल में ववलय करने करने की अनम
ु नर् दी गय है
बिर्े क्रक उसके कम से कम दो-नर्हाई ववधायक ववलय के पक्ष में हों।
 ऐसे पररदृश्य में , अन्य दल में ववलय का ननर्तय लेने वाले सदस्यों र्था मल
ू दल में रहने वाले सदस्यों
को अयोग्य नहीीं ठहराया जा सकर्ा है ।
पीठासीन अगधकारी के तनणाय की न्यातयक समीक्षा
 इस ववधान के प्रारम्भ में कहा गया है क्रक प ठास न अचधकारी का ननर्तय न्यानयक सम क्षा के अध न
नहीीं होगा। वषा 1992 में उच्चत्तम न्यायालय ने इस प्रावधान को खाररज कर हदया र्था इस सन्दभत
में प ठास न अचधकारी के ननर्तय के ववरूद्ध उच्ि न्यायालय र्था उच्िर्म न्यायालय में अप ल की
अनम
ु नर् प्रदान की।
 हालाँक्रक, यह र्य क्रकया गया क्रक प ठास न अचधकारी के आदे ि के बबना कोई भ न्यानयक हस्र्क्षेप नहीीं
क्रकया जायेगा।
दल-बदल ववरोधी कानन
ू पर सममततयािं
चुनावी सध
ु ारों पर हदनेश गोस्वामी सममतत :
ददनेि गोस्वाम सशमनर् ने कहा क्रक ननरहतर्ा उन मामलों र्क स शमर् होन िादहए जहाँ:
 कोई सदस्य स्वेच्छा से अपन राजन नर्क पाटी की सदस्यर्ा छोड़ दे र्ा है ,
 कोई सदस्य मर्दान से परहे ज करर्ा है , अथवा ववश्वास प्रस्र्ाव या अववश्वास प्रस्र्ाव में पाटी क्व्हप के
ववपरीर् वोट करर्ा है । राजन नर्क दल र्भ क्व्हप केवल र्भ जारी कर सकर्े है जब सरकार खर्रे में
हो।
ववगध आयोग (170 वीिं ररपोटा )
 इसके अनस
ु ार- ऐसे प्रावधान, जो ववभाजन और ववलय को ननरहतर्ा (Disqualification) से छूट प्रदान
करर्े हैं, समाप्र् क्रकये जाने िादहए।
 िन
ु ाव पव
ू त िन
ु ाव मोिो (गोलबींदी) को दलबदल ववरोध कानन
ू के र्हर् राजन नर्क दलों के रूप में
माना जाना िादहए।
 इसके अलावा राजन नर्क दलों को क्व्हप जारी करने को केवल उन मामलों में स शमर् करना िादहए जब
सरकार खर्रे में हो।
चुनाव आयोग
राष्ट्रपनर् / राज्यपाल द्वारा, दसव ीं अनस
ु ि
ू के अींर्गतर्, क्रकये जाने वाले ननर्तयों में िुनाव आयोग की सलाह
बाध्यकारी सलाह होन िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. दल-बदल कानन
ू सींबचधर् ववशभन्न सशमनर्यों और आयोगों के नाम
2. सशमनर् र्था आयोग में अींर्र
3. प ठास न अचधकारी र्था न्यानयक सम क्षा का ननर्तय

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4. राजन नर्क दलों के ववलय र्था ववभाजन में अींर्र


5. तया प ठास न अचधकारी पर दलबदल ववरोध कानन
ू लागू होर्ा है ?
6. सींबचीं धर् मामलों में उच्ित्तम न्यायालय के ननर्तय
में स मलिंक:
दलबदल ववरोध कानन
ू के प्रावधानों का परीक्षर् कीक्जए। तया यह कानन
ू अपने उद्दे श्यों को परू ा करने में
ववफल रहा है ? ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/other-states/mizoram-mla-who-
was-indira-gandhis-security-chief-disqualified/article33191798.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:ववशभन्न घटकों के ब ि िक्तर्यों का पथ


ृ तकरर्, वववाद ननवारर् र्ींत्र र्था सींस्थान।
1. न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court)
सिंदभा: हाल ही में , भारर् के महान्यायवादी (Attorney general) द्वारा आींध्र प्रदे ि के मख्
ु यमींत्र जगन रे ड्ड के
खखलाफ न्यायालय की अवमानना का मामला िरू
ु करने के शलए सहमनर् दे ने से इींकार कर ददया गया है ।
सिंबगिं धत प्रकरण
वपछले महीने, आींध्र प्रदे ि के मख्
ु यमींत्र जगन रे ड्ड द्वारा आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय की शिकायर् करर्े हुए
भारर् के मख्
ु य न्यायाध ि (CJI) एस.ए. बोबडे को एक पत्र शलखा गया था। पत्र में , मख्
ु यमींत्र ने आींध्र प्रदे ि
उच्ि न्यायालय पर उनकी लोकर्ाींबत्रक ढीं ग से ननवातचिर् सरकार को अक्स्थर करने र्था उसे चगराने के प्रयासों
में सहायर्ा करने का आरोप लगाया था।
इसके पश्िार्, एक वकील ने महान्यायवादी को पत्र शलखकर मख्
ु यमींत्र जगन रे ड्ड और उनके सलाहकार के
खखलाफ न्यायालय की अवमानना कायतवाही िरू
ु करने के शलए उनकी सहमनर् माँग थ ।
अवमानना क्या ोती ै?
भारर् य ववचधक सींदभत में अदालर् की अवमानना सींबध
ीं क़ानन
ू सबसे वववादास्पद र्त्वों में से एक है ।
यद्यवप, अवमानना कानन
ू की मल
ू अवधारणा, अदालत के आदे शों का सम्मान न ीिं करने वालों अथवा अव े लना
करने वालों को दिं डित करना ै , परन्र्,ु भारतीय सिंदभा में , अदालर् की गररमा को ठे स पहुिाने वाले व्यतर्व्यों
र्था न्यानयक प्रिासन में बाधा पहुिाने पर भ दक्ण्डर् करने हे र्ु अवमानना क़ानन
ू का उपयोग क्रकया जार्ा है ।
न्यायालय की अवमानना के प्रकार
भारर् में अदालर् की अवमानना दो प्रकार की होर् है :
1. मसववल अवमानना: न्यायालय के क्रकस भ फैसले, आदे ि, ददिा-ननदे ि, ररट या अदालर् की अन्य प्रक्रक्रयाओीं
के जानबझ
ू कर क्रकये गए उल्लींघन को शसववल अवमानना के अींर्गतर् रखा जार्ा है ।
2. आपरागधक अवमानना: आपराचधक अवमानना को क्रकस भ ववषय (मौखखक या शलखखर् िब्दों से, सींकेर्ों,
दृश्य प्रनर्बबींबो, अथवा क्रकस अन्य प्रकार से) के प्रकािन द्वारा अदालर् की ननींदा करने अथवा न्यानयक
कायतवाही में हस्र्क्षेप करने अथवा बाधा डालने के प्रयास को सक्म्मशलर् क्रकया जार्ा है ।

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सिंबगिं धत प्रावधान:
1. भारतीय सिंववधान के अनच्
ु छे द 129 और 215 में क्रमिाः सवोच्ि न्यायालय और उच्ि न्यायालय को
न्यायालय की अवमानना के शलए दोष व्यक्तर्यों को दीं डडर् करने की िक्तर् प्रदान की गय है ।
2. 1971 की अवमानना अगधतनयम की धारा 10 में उच्ि न्यायालय द्वारा अपने अध नस्थ न्यायालयों
को अवमानना करने पर दीं डडर् करने सींबध
ीं िक्तर्यों को पररभावषर् क्रकया गया है ।
3. सींववधान में लोक व्यवस्था र्था मानहानन जैसे सींदभो सदहर् अदालर् की अवमानना के रूप में , अनच्
ु छे द
19 के अींर्गतर् अशभव्यक्तर् की स्वर्ींत्रर्ा पर उचिर् प्रनर्बींध को भ सक्म्मशलर् क्रकया गया है ।
कृपया ध्यान दें :
उच्ित्तम न्यायालय के शलए आपराचधक अवमानना कायतवाही िरू
ु करने हे र्ु महान्यायवादी की सहमनर् लेने की
कोई आवश्यकर्ा नहीीं होर् है । वह, सींववधान द्वारा प्रदत्त िक्तर्यों का प्रयोग करर्े हुए ‘कारर् बर्ाओ’ नोदटस
जारी कर अवमानना कायतवाही िरू
ु कर सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अवमानना के सींदभत में उच्ित्तम न्यायालय र्था उच्ि न्यायलय की िक्तर्याीं
2. इस सींबध
ीं में सींवध
ै ाननक प्रावधान
3. न्यायलय की अवमानना अचधननयम (सींिोधन), 2006 द्वारा क्रकये गए पररवर्तन
4. शसववल बनाम आपराचधक अवमानना
5. अनच्
ु छे द 19 के र्हर् अचधकार
6. 1971 की अवमानना अचधननयम की धारा 10 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
में स मलिंक:
भारर् में सवोच्ि न्यायालय द्वारा अवमानना मामलों को क्रकस प्रकार हल क्रकया जार्ा है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GF17U4IR0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. सािंसदों पर मक
ु द्दमा चलाने े तु ववशेष अदालतों के गठन पर सवाल
सिंदभा: हाल ही में , मद्रास उच्ि न्यायालय के र् न-न्यायाध िों की सशमनर् द्वारा सािंसदों और ववधायकों द्वारा
ककये गए ववमभन्न अपराधों की सन
ु वाई के मलए ववशेष अदालतों के गठन करने की सिंवध
ै ातनक वैधता पर सवाल
उठाया गया है ।
पथ
ृ क अदालतों का गठन क्यों न ीिं ककया जाना चाह ए?
 अदालर्ें ‘अपराध-केंहद्रत’ होन िादहए न क्रक ‘अपराधी-केंहद्रत’।
 वविेष अदालर्ों का गठन केवल ववगध द्वारा ककया जा सकता ै । इन्हें कायतकारी या न्यानयक आदे ि
द्वारा स्थावपर् नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
उच्च न्यायालय की इन हटप्पखणयों का म त्व
 ररपोटा का समय: उच्ि न्यायालय की सशमनर् की यह ररपोटत , वषत 2017 में सप्र
ु ीम कोटा द्वारा एक
आदे श के ववपरीर् है । उच्ित्तम न्यायालय ने अपने आदे ि में केंद्र सरकार को ववशिष्ट्ट रूप से आपराचधक

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राजनेर्ाओीं पर मक
ु द्दमा िलाने हे र्ु दे ि भर में 12 वविेष अदालर्ें स्थावपर् करने के शलए अचधकृर्
क्रकया था।
 यह ररपोटत ऐसे समय में आय है , जब शीषा न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की एक पीठ इस प्रक्रक्रया
को ि घ्रर्ा से ननपटाने के र्रीकों पर वविार रही है , तयोंक्रक कुछ मामलों में सन
ु वाई वषों से और कुछ
में दिकों से अटकी हुई है ।
ववशेष अदालतों की आवश्यकता
 परू े दे ि में ववधायकों के खखलाफ 4000 से अचधक मामले लींबबर् हैं। इनमें से 2,556 मामले मौजूदा
सींसद सदस्यों और ववधायकों के खखलाफ हैं।
 इन सींसद सदस्यों और ववधायकों के खखलाफ भ्रष्ट्टािार, मन लॉक्न्ड्रींग, सावतजननक सींपवत्त को नक
ु सान,
मानहानन और धोखाधड़ आदद से सींबचीं धर् मामले लींबबर् हैं।
 इनमे से अचधकाँि मामले IPC की धारा 188 के र्हर् लोक सेवकों द्वारा जारी क्रकये गए आदे िों के
उल्लींघन सींबध
ीं हैं।
 काफी मामले सन
ु वाई के पहले िरर् में ही लींबबर् हैं, और यहाँ र्क क्रक अदालर्ों द्वारा जारी क्रकये गए
कई ‘गैर-जमानर् वारीं र्टस’ (NBW) पर अमल र्क नहीीं क्रकया गया है ।
 इसके अलावा, बबहार के 89% ववधानसभा क्षेत्रों में र् न या इससे अचधक उम्म दवारों द्वारा वर्तमान में
जारी िन
ु ावों के शलए अपने हलफनामों में अपने खखलाफ दजत आपराचधक मामले घोवषर् क्रकए गए हैं।
आगे की रा
1. राजन नर्क दलों को दाग उम्म दवारों को दटकट दे ने से मना कर दे ना िादहए।
2. जघन्य प्रकृनर् के मामलों में नामजद उम्म दवारों को िन
ु ाव लड़ने से प्रनर्बींचधर् करने हे र्ु जनप्रतततनगधत्व
अगधतनयम में सींिोधन क्रकया जाना िादहए।
3. दाग ववधायकों से सींबचीं धर् मामलों को फास्ट-रै क अदालर्ों के माध्यम से र्ेज से ननपटाना िादहए।
4. िन
ु ाव प्रिार अशभयान के ववत्तपोषर् में अचधक पारदशितर्ा लाय जाए।
5. भारर् ननवातिन आयोग (ECI) को राजन नर्क दलों के ववत्त य खार्ों के लेखा परीक्षर् की िक्तर् प्रदान
की जान िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम की धारा 8
2. उच्ित्तम न्यायालय के ददिाननदे ि
3. भारर् ननवातिन आयोग (ECI) - सींरिना और कायत
4. उम्म दवारों के ननवातिन से सींबचीं धर् मामलों पर ननवातिन आयोग की िक्तर्याीं
में स मलिंक:
राजन नर् के अपराध करर् से जुड़ चिींर्ाओीं, और इस सींदभत में उच्ित्तम न्यायालय द्वारा उठाये गए कदमो के
बारे में ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GK07U4EFR.1&imageview=0.

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स्रोर्: द दहींद ू
3. ररयाणा में पिंचायत सदस्यों को ‘वापस बल
ु ाने का अगधकार’ सिंबध
िं ी ववधेयक पाररत (Haryana clears Bill
on right to recall panchayat member)
सिंदभा: हाल ही में , हररयार्ा राज्य ववधानसभा द्वारा हररयार्ा पींिायर् राज (द्ववर् य सींिोधन) ववधेयक, 2020
(Haryana Panchayati Raj (Second Amendment) Bill, 2020) पाररर् कर ददया गया है ।
इस सींिोधन का उद्दे श्य पींिायर् सदस्यों की मर्दार्ाओीं के प्रनर् जवाबदे ही में वद्
ृ चध करना है ।
ववधेयक के प्रमख
ु बबिंद:ु
 ववधेयक में , ननवातिकों के शलए पींिायर् राज सींस्थाओीं के सदस्यों को वापस बल
ु ाने का अचधकार (Right
to Recall) प्रदान क्रकया गया है ।
 इसके अींर्गतर्, ग्राम र् ननकायों में मदहलाओीं के शलए 50% आरक्षर् का प्रावधान क्रकया गया है ।
 इसके अनर्ररतर्, वपछड़े वगों में ‘अचधक वींचिर् वगों’ को 8% आरक्षर् प्रदान क्रकया गया है ।
 इस ववधेयक में काम ना करने वाले सरपींिों, ब्लाक सशमनर् सदस्यों व क्जला पररषद सदस्यों को कायतकाल
परू ा होने से पहले ही हटाने का अचधकार मर्दार्ाओीं को ददया गया है ।
अपनाई जाने वाली प्रकिया:
 पींिायर् राज ननकायों के सदस्यों व सरपींि को वापस बल
ु ाने हे र्ु कायतवाही िरू
ु करने के शलए वाडत
अथवा ग्राम सभा के 50% सदस्यों को मलखखत में दे ना ोगा।
 इसके पश्िार्, एक गप्ु र् मर्दान कराया जायेगा, क्जसमें दो-तत ाई मतदाताओिं द्वारा जन प्रतततनगध के
खखलाफ मतदान करने पर उन्हें पदमत
ु र् कर ददया जाएगा।
73वें और 74वें सिंशोधन के प्रमख
ु प्रावधान
 सभ स्थान य ननकायों के शलए प्रत्यक्ष ननवातिन
 राज्य स्र्रीय िुनाव आयोग और ववत्त आयोगों की स्थापना
 प्रत्येक स्थान य ननकाय में दशलर्ों और आददवाशसयों के शलए, उनकी आबादी के अनप
ु ार् में , स टों का
अननवायत आरक्षर्।
 स्थान य ननकायों में मदहलाओीं के शलए 33% आरक्षर्
 ग्राम र् और िहरी ननकायों की योजनाओीं को समेक्रकर् करने हे र्ु क्जला योजना सशमनर्यों का गठन
प्रीमलम्स मलिंक:
1. 73 वें और 74 वें सींववधान सींिोधन का अवलोकन
2. भारर् य सींववधान की 11 व ीं अनस
ु ि
ू में िाशमल ववषयों की सि

3. राज्य िुनाव आयोग के बारे में
4. हररयार्ा पींिायर् राज (दस
ू रा सींिोधन) ववधेयक, 2020 का अवलोकन
में स मलिंक:
हररयार्ा पींिायर् राज (द्ववर् य सींिोधन) ववधेयक, 2020 के प्रावधानों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GH87UKA0F.1&imageview=0.

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स्रोर्: द दहींद ू
4. समय पर जािंच परू ी न ोने पर अमभयक्
ु त को जमानत का अगधकार (Accused can get bail if probe is not
over in time)
सिंदभा: हाल में एक फैसले के दौरान सवोच्ि न्यायालय द्वारा ददए गए ननर्तय के अनस
ु ार, यदद जाींि एजेंस
द्वारा एक ननधातररर् समय स मा के भ र्र जाींि परू ी नहीीं क्रकए जाने पर क्रकस अशभयत
ु र् को, उसके खखलाफ
क्रकस भ दजे का मामला होने के बाबजद
ू , "डिफॉल्ट" अथवा "अतनवाया" जमानत प्रदान की जान िादहए।
इस सिंबध
िं में प्रावधान:
 यदद जाींि एजेंस समय पर जाींि परू ी करने में ववफल रहर् है र्ो अशभयत
ु र् के शलए दिं ि प्रकिया सिंह ता
की धारा 167(2) के र्हर् डिफॉल्ट जमानत का "अलोप्य अचधकार (Indefeasible Right)" प्राप्र् होर्ा
है ।
 धारा 167 के र्हर्, क्रकस अशभयत
ु र् को मत्ृ य,ु आज वन कारावास या 10 साल से अचधक की सजा वाले
अपराध के शलए अचधकर्म 90 ददनों र्क दहरासर् में रखा जा सकर्ा है । क्रकस अन्य अपराध से
सींबचीं धर् जाींि के मामले में अशभयत
ु र् को अचधकर्म 60 ददनों की दहरासर् में रखा जा सकर्ा है ।
 इसके अलावा, मक्जस्रे टों के शलए अशभयत
ु र्ों को, वविेष रूप से गरीब र्बके के लोगों को, अननवायत रूप
से, डडफ़ॉल्ट जमानर् के शलए आवेदन करने सींबध
ीं उनके वैधाननक अचधकार के बारे में सचू िर् करना
होगा।

जेलों में ववचारणाधीन (Undertrials) मामलों की सिंख्या में वद्


ृ गध के कारण
 अत्यचधक बोझ से दब हुई न्यायपाशलका, न्याय में दे री का एक बड़ा कारर् है ।

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 पशु लस और जेल अचधकारी अतसर अपन भशू मकाओीं को परू ा करने में ववफल रहर्े हैं, क्जस कारर्
मामलों की सन
ु वाई में दे री होर् है ।
 अचधकाींि वविारर्ाध न मामले वींचिर् सामाक्जक समह
ू ों से होर्े हैं - कई सवेक्षर्ों से ज्ञार् हुआ है क्रक
50-55% अशभयोगाध न मामले अल्पसींख्यक समद
ु ायों और दशलर् वगों से सींबचीं धर् होर्े हैं।
 सींसाधनों की कम के कारर् वह अपने शलए वकीलों की र्लाि नहीीं कर पार्े हैं, र्था पशु लस और जेल
अचधकाररयों का रवैया उनके प्रनर् ित्रर्
ु ापर्
ू त होर्ा है , और ये िायद ही उनकी कभ मदद करर्े हो-
हालाींक्रक 1980 के सप्र
ु म कोटत के फैसले के अनस
ु ार, सींववधान के अनच्
ु छे द 21 के र्हर्, कैददयों को
ज वन और स्वर्ींत्रर्ा के उनके मल
ू अचधकार के रूप में ननष्ट्पक्ष और त्वररर् सन
ु वाई का अचधकार है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. दीं ड प्रक्रक्रया सींदहर्ा की धारा 167
2. भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 20 और 22
3. अनच्
ु छे द 21 का अवलोकन
में स मलिंक:
बड़ सींख्या में गरीब, दशलर् और अल्पसींख्यक समद
ु ायों के लोग सींपवत्त-आधाररर् जमानर् प्रर्ाली और लिर
कानन
ू सहायर्ा र्ींत्र के कारर् जेलों में बींद हैं। इन वविारर्ाध न मामलों का न्याय हे र्ु त्वररर् ननपटान क्रकस
प्रकार सनु नक्श्िर् क्रकया जा सकर्ा है ? दटप्पर् कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GE07VGTVC.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

5. अनच्
ु छे द 32 और बीते वषो में उच्चतम न्यायालय द्वारा इसकी व्याख्या
सिंदभा: हाल ही में , भारर् के मख्
ु य न्यायाध ि एस ए बोबडे की अध्यक्षर्ा वाली सवोच्ि न्यायालय की खींडप ठ
ने कहा है क्रक वह सींववधान के अनच्
ु छे द 32 के त त यागचका दायर करने को तोत्साह त करने की कोमशश
कर र े ैं।
अनच्
ु छे द 32 क्या ै?
सींववधान का अनच्
ु छे द 32 ‘सिंवध
ै ातनक उपचारों के अगधकार’ से सींबचीं धर् है , र्था सिंववधान के भाग तीन में प्रदत्त
अगधकारों के प्रवतान े तु उपयत
ु र् प्रक्रक्रया द्वारा सवोच्च न्यायालय में समावेदन करने का अगधकार प्रदान करता
ै।
इसमें कहा गया है , क्रक सिंववधान के भाग तीन द्वारा प्रदत्त अगधकारों में से ककसी को प्रवततात कराने के मलए
उच्चतम न्यायालय को ऐसे तनदे श अथवा आदे श या ररट, क्जनके अींर्गतर् बींदी प्रत्यक्ष करर् (Habeas Corpus),
परमादे ि (Mandamus), प्रनर्षेध (Prohibition), अचधकार-पच्
ृ छा (Quo Warranto) और उत्प्रेषर् (Certiorari)
ररट िाशमल हैं, जो भी समगु चत ो, जारी करने की शजक्त ोगी।

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प्रमख
ु बबिंद:ु
 इस सींववधान द्वारा अन्यथा प्रावधान क्रकए जाने के शसवाय, इस अनच्
ु छे द द्वारा प्रत्याभत
ू अगधकारों को
तनलिंबबत न ीिं ककया जाएगा।
 केवल इन मौशलक अचधकारों के उल्लींघन क्रकए जाने पर कोई व्यक्तर् अनच्
ु छे द 32 के र्हर् स धे
उच्िर्म न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकर्ा है ।
क्या मल
ू अगधकारों के उल्लिंघन सिंबध
िं ी मामलों में उच्च न्यायालय से सिंपका ककया जा सकता ै?
मसववल या आपरागधक मामलों में , क्रकस प डड़र् व्यक्तर् के शलए उपलब्ध सबसे पहला उपाय रायल कोटत होर्े
हैं, उसके बाद उच्ि न्यायालय और क्रफर उच्िर्म न्यायालय में अप ल की जार् है।
 मल
ू अचधकारों के उल्लींघन सींबध
ीं मामलों में प डड़र् व्यक्तर् अनच्
ु छे द 226 के त त उच्च न्यायालय
अथवा अनच्
ु छे द 32 के त त सीधे उच्चतम न्यायालय में अप ल कर सकर्ा है ।
 अनच्
ु छे द 226, हालाँक्रक, अनच्
ु छे द 32 की भाींनर् मल
ू अचधकारों से सींबचीं धर् नहीीं है ।
अनच्
ु छे द 32 पर उच्चतम न्यायालय द्वारा की गयी ाल ी में की गयी हटप्पखणयािं
रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य (1950) मामले में , सवोच्ि न्यायालय द्वारा की गय दटप्पर् में कहा गया,
क्रक अनच्
ु छे द 32 मल
ू अचधकारों के प्रवर्तन हे र्ु ‘प्रत्याभर्
ू ’ उपाय प्रदान करर्ा है ।
 यह अनच्
ु छे द, इस अदालर् को मल
ू अचधकारों के रक्षक और प्रत्याभनू र् प्रदार्ा के रूप में अचधकार प्रदान
करर्ा है , और यह अदालर्, सौंपे गए उत्तरदानयत्वों सदहर्, मल
ू अचधकारों के उल्लींघन क्रकये जाने के
ववरुद्ध सरु क्षा की माींग करने वाली याचिकाओीं पर सन
ु वाई करने से लगार्ार इींकार नहीीं कर सकर्ा है ।
 अततररक्त जजला मजजस्रे ट जबलपरु बनाम एस एस शक्
ु ला (1976) मामले में , उच्िर्म न्यायालय ने
कहा था क्रक आपार्काल के दौरान, नागररकों को अनच्
ु छे द 32 के र्हर् अदालर् में अप ल करने का
अचधकार रद्द हो जार्ा है ।
सींवध
ै ाननक वविेषज्ञों का कहना है क्रक यह
अींर्र्ाः उच्िर्म न्यायालय और इसके
न्यायाध ि के वववेक पर ननभतर करर्ा है
क्रक, क्जस मामले की सन
ु वाई उच्ि
न्यायालय में भ की जा सकर् है , उस
मामले में उच्िर्म न्यायालय द्वारा
हस्र्क्षेप क्रकया जाये अथवा नहीीं।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. ररट के प्रकार
2. सवोच्ि न्यायालय र्था उच्ि
न्यायालय के ररट सींबध
ीं
क्षेत्राचधकार

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43

3. अनच्
ु छे द 226 और अनच्
ु छे द 32 के बारे में
4. अनच्
ु छे द 32 के र्हर् सवोच्ि न्यायालय में अप ल करने का अचधकार
में स मलिंक:
भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 32 के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/article-32-and-supreme-court-fundamental-rights-
7055040/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

6. तनवााचन आयोग द्वारा राजनीततक दलों के प्रतीक गचह्नों पर तनणाय


सिंदभा: हाल ही में , केरल उच्च न्यायालय द्वारा केरल काींग्रेस (एम) प जे जोसेफ गट
ु , जो क्रक राज्य में यन
ू ाइटे ड
डेमोक्रेदटक फ्रींट का एक भाग है , द्वारा दायर की गय एक याचिका को खाररज कर ददया गया। याचिका में
ननवातिन आयोग द्वारा जोस के मखर् गट
ु को आचधकाररक केरल काींग्रेस (एम) के र्ौर पर मान्यर्ा दे ने और
उसे पाटी का चुनाव गचन् (दो पवत्तयािं) आवींदटर् करने सींबध
ीं ननर्तय को िुनौर् दी गय थ ।
न्यायाध ि ने कहा है क्रक, अदालर्, भारत के सिंववधान के अनच्
ु छे द 226 के द्वारा प्रदत्त अगधकार के त त
आयोग के तनणाय में स्तक्षेप न ीिं कर सकती है ।
राजनीततक दलों को प्रतीक गचन् ों का आविंटन
ननवातिन आयोग के ददिाननदे िों के अनस
ु ार- क्रकस राजन नर्क दल को िुनाव चिह्न का आवींटन करने हे र्ु
ननम्नशलखखर् प्रक्रक्रया अपनाई जार् है :
 नामाींकन पत्र दाखखल करने के समय राजन नर्क दल / उम्म दवार को ननवातिन आयोग की प्रर् क
चिह्नों की सि
ू में से र् न प्रर् क चिह्न प्रदान क्रकये जार्े हैं।
 उनमें से, राजन नर्क दल / उम्म दवार को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ आधार पर एक िन
ु ाव चिह्न आवींदटर्
क्रकया जार्ा है ।
 क्रकस मान्यर्ा प्राप्र् राजन नर्क दल के ववभाक्जर् होने पर, पाटी को आवींदटर् प्रर् क/िुनाव चिह्न पर
ननवातिन आयोग द्वारा ननर्तय शलया जार्ा है ।
तनवााचन आयोग की शजक्तयाँ:
चुनाव गचह्न (आरक्षण और आविंटन) आदे श, 1968 के अींर्गतर् ननवातिन आयोग को राजन नर्क दलों को मान्यर्ा
प्रदान करने और प्रर् क चिह्न आवींदटर् करने का अचधकार ददया गया है ।
 आदे श के अनच्
ु छे द 15 के त त, ननवातिन आयोग, प्रनर्द्वींद्व समह
ू ों अथवा क्रकस मान्यर्ा प्राप्र्
राजन नर्क दल के गट
ु ों द्वारा पाटी के नाम र्था प्रर् क चिह्न सींबध
ीं दावों के मामलों पर ननर्तय ले
सकर्ा है ।
 ननवातिन आयोग, राजनीततक दलों के ककसी वववाद अथवा ववलय पर तनणाय लेने े तु एकमात्र प्रागधकरण
भ है । सवोच्ि न्यायालय ने साहदक अली तथा अन्य बनाम भारत तनवााचन आयोग (ECI) मामले
(1971) में इसकी वैधर्ा को बरकरार रखा।

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44

चुनाव गचह्नों के प्रकार


चुनाव गचह्न (आरक्षण और आविंटन) (सिंशोधन) आदे श, 2017 के
अनस
ु ार, राजन नर्क दलों के प्रर् क चिह्न ननम्नशलखखर् दो प्रकार
के होर्े हैं:
1. आरक्षक्षत (Reserved): दे ि भर में आठ राष्ट्रीय दलों और
64 राज्य दलों को ‘आरक्षक्षर्’ प्रर् क चिह्न प्रदान क्रकये गए
हैं।
2. स्वतिंत्र (Free): ननवातिन आयोग के पास लगभग 200
‘स्वर्ींत्र’ प्रर् क चिह्नों का एक कोष है , क्जन्हें िुनावों से
पहले अिानक नजर आने वाले हजारों गैर-मान्यर्ा प्राप्र्
क्षेत्र य दलों को आवींदटर् क्रकया जार्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. राजन नर्क दलों को मान्यर्ा प्रदान करने हे र्ु प्रक्रक्रया।
2. राज्य दल और राष्ट्रीय दल तया हैं?
3. मान्यर्ा प्राप्र् दलों को प्राप्र् लाभ।
4. पाटी प्रर् क चिह्न क्रकसे कहर्े हैं? प्रकार तया हैं?
5. राजन नर्क दलों के ववलय से जुड़े मद्
ु दों पर ननर्तय कौन करर्ा है ?
में स मलिंक:
राजन नर्क दलों को प्रतीक गचन् ों का आविंटन क्रकस प्रकार क्रकया जार्ा हैं? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GIM8032BU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

7. ‘चिंिीगढ़’ पर ररयाणा की तल
ु ना में पिंजाब का दावा अगधक मजबत

सिंदभा: हाल ही में , हररयार्ा सरकार ने सझ
ु ाव ददया है , क्रक यह उचिर् होगा क्रक हररयार्ा और पींजाब दोनों एक
केंद्र शामसत प्रदे श के रूप में चिंिीगढ़ पर स मत ों र्था दोनों प्रदे श अपनी स्वतिंत्र राजधातनयाँ और उच्च
न्यायालयों की स्थापना करें ।
चिंिीगढ़ का तनमााण क्यों ककया गया था?
 ववभाजन के दौरान र्त्कालीन पींजाब की राजधान लाहौर, पाक्रकस्र्ान का दहस्सा बन गय थ , इसके
पश्िार् पींजाब की नय राजधान के रूप में िींड गढ़ का ननमातर् क्रकया गया था।
 1952 से 1966 र्क (हररयार्ा राज्य के पींजाब से अलग होने र्क) िींड गढ़, पींजाब की राजधान रहा।
 1966 में पिंजाब के पन
ु गाठन के समय से इस िहर को पींजाब और हररयार्ा दोनों की राजधान होने का
अनठ
ू ा गौरव प्राप्र् है । हालाींक्रक, इसे केंद्र िाशसर् प्रदे ि घोवषर् कर ददया गया और इस पर केंद्र का
प्रत्यक्ष ननयींत्रर् है ।

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45

तत्कालीन घोषणा
र्त्कालीन प्रधान मींत्र इींददरा गाींध ने उस समय घोषर्ा की थ क्रक उचिर् समय पर हररयार्ा की अपन
राजधान होग र्था िींड गढ़ पींजाब राज्य में सक्म्मशलर् हो जाएगा।
पन
ु ाः वषत 1985 में, राजीव-लोंगोवाल समझौते (Rajiv-Longowal accord) के र्हर्, 26 जनवरी, 1986 को िींड गढ़
को पींजाब को सौंपा जाना था, लेक्रकन राज व गाींध सरकार ने अींनर्म समय पर ननर्तय वापस ले शलया।
ामलया घटनािम
वषत 2018 में , हररयार्ा के मख्
ु यमींत्र मनोहर लाल खर्टटर द्वारा िींड गढ़ के ववकास हे र्ु एक वविेष ननकाय गदठर्
करने का सझ
ु ाव ददया गया, लेक्रकन पींजाब के मख्
ु यमींत्र ने इसे अस्व कार कर ददया गया, और िहर को "तनववावाद
रूप से पिंजाब का भाग बर्ाया"।
हररयार्ा, अपन ओर से, एक अलग उच्ि न्यायालय की माींग कर रहा है र्था ववधानसभा में एक प्रस्र्ाव पाररर्
क्रकया है , क्जसमे ववधानसभा पररसर में पींजाब के कब्जे वाले 20 कमरों की माींग की गय है ।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

8. MPLADS को तनलिंबबत करना केंद्र सरकार के अगधकार क्षेत्र में आता ै : बॉम्बे उच्च न्यायालय
सिंदभा: बॉम्बे उच्ि न्यायालय के हाशलया फैसले:
 सिंसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र ववकास (MPLAD) योजना को ननलींबबर् करना और इसकी ननचध का
इस्र्ेमाल कोववड-19 से ननपटने के शलए करना केंद्र सरकार के अचधकार क्षेत्र में है ।
 साथ ही, यह (कोववड-19) एक आपदा है , इसशलए सरकार को आपदा प्रबिंधन कानन
ू (Disaster
Management Act) का सहारा लेना पड़ा। इस कानन
ू को लागू करना केंद्र सरकार का अचधकार है ।’
सिंबगिं धत प्रकरण
इस वषत अप्रैल में , केंद्र सरकार ने सिंसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र ववकास योजना (Members of Parliament Local
Area Development Scheme- MPLADS)को ननलींबबर् करने के शलए आपदा प्रबिंधन अगधतनयम का सहारा
शलया था।
सरकार के इस फैसले के खखलाफ उच्ि न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थ ।
‘सिंसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र ववकास योजना’ (MPLADS)
(Members of Parliament Local Area Development Scheme)
 इस योजना की िरु
ु आर् ददसींबर, 1993 में की गय थ ।
 इसका उद्दे श्य सींसद सदस्यों के शलए, स्थान य जरूरर्ों के आधार पर सामद
ु ातयक अवसिंरचनाओिं सह त
मल
ू भत
ू सवु वधाओिं और स्थाई सामद
ु ातयक पररसिंपवत्तयों का ववतनमााण करने के शलए ववकासात्मक प्रकृनर्
के कायों की शसफाररि करने हे र्ु एक र्ींत्र प्रदान करना था।
 MPLAD योजना, परू ी र्रह से भारत सरकार द्वारा ववत्त पोवषत योजना है ।
 इसके र्हर् प्रत्येक सिंसदीय क्षेत्र को वावषाक रूप से 5 करोड़ रुपए की MPLADS तनगध प्रदान की जार्
है ।

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ववशेष बबिंद:ु
 साींसदों के शलए, वावषतक रूप से दी जाने वाली MPLADS ननचध का न्यन
ू र्म 15 प्रनर्िर् अनस
ु चू िर्
जानर् की आबादी वाले क्षेत्रों में , र्था 7.5 प्रनर्िर् अनस
ु चू िर् जनजानर् की आबादी वाले क्षेत्रों में कराए
जाने वाले कायों पर व्यय करना अननवायत है ।
 आददवास लोगों की भलाई के शलए कायतरर्, रस्टों और सोसाइटीज को प्रोत्सादहर् करने हे र्,ु योजना
ददिाननदे िों में ननधातररर् िर्ों के अध न इनके द्वारा पररसींपवत्तयों के ननमातर् के शलए 75 लाख रुपये
की अचधकर्म स मा ननधातररर् की गय है ।
तनगध का ववतरण
 इस योजना के र्हर्, साींसद ननचध, स धे क्जला अचधकाररयों को सहायर्ा अनद
ु ान (Grants- in-Aid) के
रूप में जारी की जार् है ।
 योजना के र्हर् जारी की गय ननचध गैर-व्यपगर् (Non-Lapsable) होर् है ।
 यदद क्रकस वविेष वषत में ननचध जारी नहीीं जार् है र्ो इसे पात्रर्ा के अनस
ु ार, अगले वषो में कराए
जाने वालों कायों में जोड़ ददया जाएगा।
इस योजना के र्हर् सािंसदों की भमू मका अनस
ु श
िं ा करने की होर् है
 जजला प्रागधकरण के मलए, कायों सिंबध
िं ी पात्रता की जािंच करने, तनगध स्वीकृत करने और कायाान्वयन
े तु एजेंमसयों का चयन करने, कायों को प्राथशमकर्ा दे ने, समग्र ननष्ट्पादन का ननरीक्षर् करने और
योजना की जम न स्र्र पर ननगरान करने का अगधकार ोता ै
 क्जला प्राचधकरर् द्वारा, सम्बींचधर् जजले में कायाान्वतयत की जा र ी कम से कम 10% पररयोजनाओिं
का प्रतत वषा तनरीक्षण क्रकया जाएगा।
कायों के मलए अनस
ु श
िं ा:
1. लोकसभा सदस्य अपने सींबचीं धर् ननवातिन क्षेत्रों में कराए जाने वाले कायों की शसफाररि कर सकर्े हैं।
2. राज्यसभा के ननवातचिर् सदस्य, सींबचीं धर् राज्य में कहीीं भ कराए जाने वाले कायों की शसफाररि कर
सकर्े हैं।
3. लोकसभा और राज्यसभा के नाशमर् सदस्य, दे ि में कहीीं भ कराए जाने वाले कायों का ियन व
शसफाररि कर सकर्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. MPLADS सींसद आदित ग्राम योजना से क्रकस प्रकार सम्बद्ध है ?
2. नाशमर् साींसद अपने कायों की शसफाररि क्रकन क्षेत्रों में कर सकर्े हैं?
3. तया एसस और एसटी कल्यार् पर कोई वविेष ध्यान केंदद्रर् है ?
4. अनद
ु ान और ऋर् के ब ि अींर्र?
5. कायातन्वयन करने वाली एजेंस ज
में स मलिंक:

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तया MPLADS द्वारा सावतजननक सेवाओीं को प्रदान क्रकए जाने वाले प्रावधानों में मौजूदा अींर्राल को पाटने में
सहायर्ा की गय है ? आलोिनात्मक परीक्षर् कीक्जए।
https://m.timesofindia.com/india/centre-within-its-rights-to-suspend-mplads-says-bombay-high-
court/amp_articleshow/79390186.cms.
स्रोर्: टाइम्स ऑफ इींडडया

9. अगधशासी प्रकायों पर उच्च न्यायालय का कधजा: आिंध्र प्रदे श सरकार (HC has taken over executive
functions: A.P)
सिंदभा: हाल ही में , आिंध्र प्रदे श सरकार ने उच्िर्म न्यायालय को बर्ाया है , क्रक आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय ने
"राज्य के अचधिास प्रकायों को लगभग अपने हाथों में शलया है "।
इस आरोप को साबबत करने वाले साक्ष्य:
2 नवींबर को, आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय ने राज्य को वविाखापत्तनम में प्रस्र्ाववर् गेस्ट हाउस की ननमातर्
योजना को इसके समक्ष प्रस्र्र्
ु करने का ननदे ि ददया है ।
वतामान प्रकरण
राज्य सरकार का कहना है क्रक उच्ि न्यायालय द्वारा "शजक्तयों के पथ
ृ क्करण के मसद्धािंत का गींभ र उल्लींघन"
क्रकया गया है ।
इसके अलावा, ऐसा करने में , उच्ि न्यायालय ने सप्र
ु म कोटत द्वारा समय-समय पर दी गय िेर्ावन को पर्
ू र्
त याः
नजरअींदाज कर ददया है , क्जसमे उच्िर्म न्यायालय द्वारा अदालतों को राज्य के अन्य स -समान अिंगों का
सम्मान करने र्था इस र्रह की िक्तर्यों को स्वयीं धाररर् करने से बिने की सलाह दी गय है ।
इस ववषय पर उच्चतम न्यायालय का तनणाय
सप्र
ु म कोटत द्वारा वषत 2008 के एक फैसले में कहा गया था, "न्यातयक सकियता (judicial activism) के नाम
पर, न्यायाध ि अपन स मा पार नहीीं कर सकर्े हैं, और न ही राज्य के अन्य अींगो से सींबचीं धर् कायों को अपने
हाथों में लेने की कोशिि कर सकर्े हैं।"
न्यातयक सकियता से सिंबगिं धत गचिंताएँ:
जब अदालर्ें र्ात्काशलक जन
ू न
ू में उलझ जार् हैं, र्ो न्यायपाशलका की स्वर्ींत्रर्ा खर्रे में पड़ जार् है । (The
independence of the judiciary is jeopardised when courts become embroiled in the passions of the day).
(अमेररकी सप्र
ु म कोटत द्वारा की गय दटप्पर् )
‘न्यातयक सकियता’ क्या ै?
न्यानयक सक्रक्रयर्ा (judicial activism) का र्ात्पयत, अदालर् के उन फैसलों से होर्ा है , क्जसमे न्यायाध िों द्वारा,
ववधानयका द्वारा बनाए गए कानन
ू लेखों की बजाय, ननज ववद्वर्ा और ज्ञान के आधार पर ननर्तय शलया
जार्ा है और ववशभन्न सामाक्जक कुरीनर्यों से राहर् प्रदान करने के शलए समचु िर् न्याय सनु नक्श्िर् करने हेर्ु
न्यानयक िक्तर् का प्रयोग क्रकया जार्ा है ।

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शजक्तयों के पथ
ृ क्करण का मसद्धािंत:
सींववधान में , ववशभन्न प्रावधानों के र्हर्, ववधानयका और न्यायपाशलका के ब ि सींबचीं धर् कायतप्रर्ाली में अपन
स्वर्ींत्रर्ा बनाए रखने के शलये स्पष्ट्ट रूप से रे खा ख ि
ीं गय है ।
 अनच्
ु छे द 121 और 211 के द्वारा, ववधानयका को, क्रकस न्यायाध ि के, अपने कर्तव्यों के ननवतहन में
क्रकए गए आिरर् के ववषय में ििात करने से प्रनर्बींचधर् क्रकया गया है ।
 अनच्
ु छे द 122 और 212 में , अदालर्ों को ववधानयका की आींर्ररक कायतवाही पर ननर्तय लेने पर रोक
लगाई गय है ।
 अनच्
ु छे द 105 (2) और 194 (2) में ववधायकों को उनके भाषर् की स्वर्ींत्रर्ा और मर्दान करने की
स्वर्ींत्रर्ा के सींबध
ीं में अदालर्ों के हस्र्क्षेप से सरु क्षा प्रदान की गय है ।
न्यातयक सकियता के लाभ:
1. सरकार की ववशभन्न प्रिाखाओीं में सींर्ल
ु न स्थावपर् करने हे र्ु एक प्रर्ाली प्रदान करर्ा है ।
2. यह समाधान के रूप में आवश्यक नवािार प्रस्र्र्
ु करर् है ।
3. न्यायाध िों को उन मामलों में अपने व्यक्तर्गर् ज्ञान का उपयोग करने का अवसर प्रदान करर् है
जहाँ कानन
ू एक सींर्ल
ु न प्रदान करने में ववफल रहर्ा है ।
4. यह स्थावपर् न्याय प्रर्ाली और उसके ननर्तयों में ववश्वास को दिातर् है ।
5. सावतजननक िक्तर् के दरु
ु पयोग पर रोक लगार् है ।
6. ववधानयका के बहुमर् सींबध
ीं मामलों में फसने पर, यह ि घ्र समाधान उपलब्ध करार् है ।
न्यातयक सकियता से ातनयाँ अथवा सिंबगधत गचिंताएिं
1. सींववधान द्वारा स्पष्ट्ट रूप से ख ि गई स मा रे खा का उल्लींघन करर् है ।
2. न्यायाध िों की न्यानयक राय अन्य मामलों पर ननर्तय करने के शलये मानक बन जार् है ।
3. ननर्तय ननज या स्वाथी उद्दे श्यों से प्रेररर् हो सकर्े हैं।
4. अदालर्ों के बार-बार हस्र्क्षेप से सरकारी सींस्थानों की गर्
ु वत्ता, अखींडर्ा और दक्षर्ा के प्रनर् लोगों का
ववश्वास कम हो सकर्ा है ।
5. अदालर् द्वारा जब सरकारी एजेंशसयों द्वारा िक्तर् के दरु
ु पयोग को रोकने के शलए अपन िक्तर् का
प्रयोग क्रकया जार्ा है , र्ो यह सरकार के कामकाज को स शमर् करर्ा है ।
तनष्ट्कषा:
राम जवाया बनाम पिंजाब राज्य (1955) मामले में , अदालर् ने दटप्पर् की: "हमारे सींववधान में , क्रकस एक अींग
अथवा राज्य के कायों का, क्रकस दस
ू रे अींग द्वारा कायतभार-ग्रहर् करने पर वविार नहीीं क्रकया गया है ।“
इसका र्ात्पयत है क्रक राज्य के र् नों अींगों (ववधाय , कायतकारी, न्यायपाशलका) के मध्य सींववधान में िक्तर्यों का
व्यापक पथ
ृ तकरर् क्रकया गया है और एक अींग को दस
ू रे के क्षेत्र में अनर्क्रमर् नहीीं करे गा। ऐसा होने पर
सींववधान द्वारा स्थावपर् क्रकया गया सींवेदनि ल सींर्ल
ु न बबगड़ जाएगा और इससे अराजकर्ा फ़ैल सकर् है ।

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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GBA80MLB9.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:भारर् य सींवध
ै ाननक योजना की अन्य दे िों के साथ र्ल
ु ना।
1. अमेररकी राष्ट्रपतत के मलए तनवााचन प्रकिया
(How is the American President elected?)
सिंयक्
ु त राज्य अमेररका (USA) के राष्ट्रपतत पद पर चन
ु े जाने े तु पात्रताएिं
सींयत
ु र् राज्य अमेररका के राष्ट्रपनर् पद पर िुने जाने के शलए क्रकस उम्म दवार को ननम्नशलखखर् िर्े परू ा
करना आवश्यक होर्ा है :
1. उम्म दवार को सींयत
ु र् राज्य अमेररका का जन्म से नागररक होना िादहए।
2. न्यन
ू र्म 14 साल से सींयत
ु र् राज्य अमेररका का ननवास होना िादहए।
3. उम्म दवार की आयु 35 वषत से कम नहीीं होन िादहए।
मतदान कौन कर सकता ै?
अमेररकी राष्ट्रपनर् और उपराष्ट्रपनर् का ननवातिन लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीीं क्रकया जार्ा है । इसके बजाय,
इन्हें तनवााचक मण्िल (Electoral College) नामक एक प्रक्रक्रया के माध्यम से ‘तनवााचकों’ (Electors) द्वारा
िुना जार्ा है ।
तनवााचक मिंिल पद्धतत प्रकिया
प्रत्येक राज्य से ननवातिकों की सींख्या, उस राज्य की जनसँख्या-आकार के लगभग अनरू
ु प होर् है ।
प्रत्येक राज्य के पास ननवातिकों की सींख्या शभन्न होर् है, यह सींख्या अमेररकी कािंग्रस
े ( ाउस ऑफ ररप्रेजेन्टे हटव्स
और सीनेट) में राज्य के प्रनर्ननचधयों की सींख्या के अनप
ु ार् में ननधातररर् होर् है ।
 ननवातिक मण्डल में कुल 538 सदस्य होर्े हैं जो अलग-अलग राज्यों से आर्े हैं। जनर्ा स धे र्ौर पर
इन्हीीं सदस्यों को िन
ु र् है जो आगे जाकर राष्ट्रपनर् का िन
ु ाव करर्े हैं।

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 प्रत्येक ननवातिक एक िुनाव मर् का प्रनर्ननचधत्व करर्ा है , और राष्ट्रपनर् बनने के शलए क्रकस भ
उम्म दवार को 270 या अचधक ननवातिकों के समथतन की जरूरर् होर् है ।

ककसी उम्मीदवार को स्पष्ट्ट ब ु मत प्राप्त न ीिं ोने पर क्या ोता ै?


िन
ु ाव में क्रकस उम्म दवार को स्पष्ट्ट बहुमर् प्राप्र् नहीीं होने की क्स्थनर् में अमेररकी कािंग्रेस के तनचले सदन
(House of Representatives) के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपनर् का िुनाव करने हे र्ु मर्दान क्रकया जार्ा है ।
 अमेररकी इनर्हास में इस प्रकार की क्स्थनर् केवल एक बार हुई है , वषत 1824 के राष्ट्रपनर् िुनाव में
‘ननवातिकों के मर्’ िार उम्म दवारों में ववभाक्जर् हो गए और क्रकस को भ स्पष्ट्ट बहुमर् नहीीं शमला
था।
 वर्तमान में अमेररकी िुनाव प्रर्ाली में दो
दलों का वितस्व होने के कारर्, इस प्रकार
की क्स्थनर् उत्पन्न होने की सींभावना नहीीं
है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िासन की सींसदीय और अध्यक्ष य प्रर्ाली
के मध्य अींर्र
2. अमेररकी राष्ट्रपनर् का ननवातिन क्रकस प्रकार
क्रकया जार्ा है?
3. भारर् और अमेररका के राष्ट्रपनर् के मध्य
अींर्र
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GP57U7VFT.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. अमेररकी राष्ट्रपतत रम्प द्वारा चुनावों में ार स्वीकार करने से इिंकार
सिंदभा: अमेररकी राष्ट्रपनर् डोनाल्ड रम्प, 3 नवींबर को हुए राष्ट्रपनर् िुनाव में अपने डेमोक्रेदटक प्रनर्द्वींद्व जो
बबडेन से हार स्व कार नहीीं कर रहे हैं।
रम्प और उनके समथतकों द्वारा कई क्स्वींग स्टे र्टस (Swing States) में मर्दार्ा धोखाधड़ का आरोप लगार्े हुए
इसे कानन
ू रूप से िुनौर् दी गय है ।
िोनाल्ि रम्प द्वारा व् ाइट ाउस छोड़ने से इिंकार करने की जस्थतत में क्या ोगा?
रम्प द्वारा कानन
ू दबाव बढ़ाने की कोशिि की जा रही है । उन्होंने पें शसल्वेननया, शमशिगन और एररज़ोना में
मक
ु दमे दायर क्रकए हैं और अदालर्ों से राज्य अचधकाररयों को वोट प्रमाखर्र् करने से रोकने के शलए कहा है ।
क्रकीं र्,ु कानन
ू वववादों का ननपटारा हो जाने और उनकी पराजय साबबर् हो जाने पर, उन्हें व्हाइट हाउस में रहने
का कोई कानन
ू अचधकार नहीीं है ।

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51

इसके बाद भ , यदद राष्ट्रपनर्, पद छोड़ने से इनकार करर्े हैं, र्ो स क्रेट सववतस और एफब आई द्वारा कायतवाही
की जाएग । व् ाइट ाउस का तनयिंत्रण एफबीआई और सीिेट सववास द्वारा ककया जाता ै।
क्या ककसी राष्ट्रपतत द्वारा प ले कभी व् ाइट ाउस छोड़ने से इनकार ककया गया ै ?
नहीीं। अमेररकी इनर्हास में कभ भ राष्ट्रपनर् ने व्हाइट हाउस छोड़ने, या िाींनर्पव
ू क
त सत्ता हस्र्ाींर्रर् करने से
इनकार नहीीं क्रकया है । रम्प से पहले 44 अमेररकी राष्ट्रपनर्यों में से, 35 राष्ट्रपनर्यों द्वारा उनके दो कायतकालों
की स मा समाप्र् होने पर अथवा िन
ु ाव में हार जाने पर या दोबारा िन
ु ाव नहीीं लड़ने के उनके फैसले से, अपने
उत्तराचधकारी को स्वेच्छा से सत्ता सौंप दी गय ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJT7V9DPT.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. अमेररका तथा भारत के राष्ट्रपतत की क्षमा करने सिंबध
िं ी शजक्तयाँ
सिंदभा: हाल ही में , अमेररकी राष्ट्रपनर् डोनाल्ड रम्प द्वारा सींववधान द्वारा प्रदत्त िक्तर्यों का प्रयोग करर्े हुए,
अपने पव
ू त राष्ट्रीय सरु क्षा सलाहकार माइकल क्फ्लन (Michael Flynn) को क्षमा कर ददया गया। माइकल क्फ्लन
को फ़ेडरल ब्यरू ो ऑफ़ इन्वेस्टीगेिन (FBI) के समक्ष दो बार गलर् बयान दे ने का दोष ठहराया गया था।
अमेररकी राष्ट्रपतत की क्षमादान-शजक्त का ववस्तार
 अमेररकी राष्ट्रपनर् को सींघ य अपराधों से सींबचीं धर् मामलों में क्षमा प्रदान करने अथवा सजा कम करने
का सींवध
ै ाननक अचधकार प्राप्र् है ।
 अमेररकी राष्ट्रपनर् की यह िक्तर् अस शमर् होर् है , और यह काींग्रेस द्वारा प्रनर्बींचधर् नहीीं की जा
सकर् है ।
 अमेररकी सींववधान के अनस
ु ार, क्षमादान (Clemency) एक व्यापक कायतकारी िक्तर् है और राष्ट्रपनर् के
वववेकाध न होर् है - अथातर्, राष्ट्रपनर्, क्षमा प्रदान करने पर क्रकस के प्रनर् जवाबदे ह नहीीं है , और इसके
शलए उसे कोई भ कारर् स्पष्ट्ट करना आवश्यक नहीीं है ।
सीमाएिं:
 अमेररकी राष्ट्रपनर् की क्षमादान-िक्तर् का महाशभयोग के मामलों में प्रयोग नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
 यह िक्तर् केवल सींघ य अपराधों पर लागू होर् है और राज्य अपराधों पर नहीीं।
अनच्
ु छे द 72 के त त भारतीय राष्ट्रपतत की क्षमादान शजक्तयाँ:
भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 72 में कहा गया है क्रक, राष्ट्रपनर् को, क्रकस अपराध के शलए शसद्धदोष ठहराए
गए क्रकस व्यक्तर् के दीं ड को क्षमा, उसका प्रववलिंबन (Reprieve), ववराम (Respite) या परर ार (Remission)
करने की अथवा दीं डादे ि के तनलिंबन, परर ार या लघक
ु रण (Commutation) करने की िक्तर् होग ।
राष्ट्रपतत द्वारा क्षमादान शजक्त का प्रयोग
 उन सभ मामलों में, क्जनमें दीं ड या दीं डादे ि सेना न्यायालय ने ददया है ,
 उन सभ मामलों में , क्जनमें दीं ड या दीं डादे ि ऐसे ववषय सींबध
ीं क्रकस ववचध के ववरुद्ध अपराध के शलए
ददया गया है क्जस ववषय र्क सींघ की कायतपाशलका िक्तर् का ववस्र्ार है ,
 उन सभ मामलों में, क्जनमें दीं डादे ि, मत्ृ यु की सजा होर् है ।

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52

प्रमख
ु तथ्य:
1. राष्ट्रपनर् द्वारा क्षमादान िक्तर् का प्रयोग मींबत्रपररषद की सलाह पर क्रकया जार्ा है ।
2. सींववधान में , राष्ट्रपनर् अथवा राज्यपाल के ‘दया अचधकार क्षेत्र’ (mercy jurisdiction) से सींबचधर् ननर्तय
की वैधर्ा पर प्रश्न उठाने का कोई प्रावधान नहीीं क्रकया गया है ।
3. हालाींक्रक, ईपरु
ु सध
ु ाकर (Epuru Sudhakar) मामले में उच्िर्म न्यायालय द्वारा, क्रकस भ मनमान
को रोकने के उद्दे श्य से राष्ट्रपनर् और राज्यपालों की क्षमादान िक्तर्यों की न्यानयक सम क्षा का
ववकल्प ददया गया है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् में राष्ट्रपनर् र्था राज्यपाल की क्षमादान िक्तर्यों में अींर्र
2. न्यानयक सम क्षा की प्रयोज्यर्ा
3. अनच्
ु छे द 72 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
4. अमेररकी राष्ट्रपनर् को क्षमा करने की िक्तर्
में स मलिंक:
भारर् में राष्ट्रपनर् र्था राज्यपाल की क्षमादान िक्तर्यों की ववस्र्ार से र्ल
ु ना कीक्जए।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

ववषय:सींसद और राज्य ववधानयका- सींरिना, कायत, कायत-सींिालन, िक्तर्याँ एवीं वविेषाचधकार और इनसे उत्पन्न
होने वाले ववषय।
1. राज्यों द्वारा केंद्र सरकार तनममात कानन
ू ों को लागू करने से इनकार करने की शजक्त
सिंदभा: हाल ही में , राजस्थान ववधानसभा द्वारा केंद्र सरकार के कृवष सींबचीं धर् कानन
ू ों को ननष्ट्प्रभाव करने हे र्ु
र् न ववधेयकों को पाररर् क्रकया गया है ।
केंद्रीय कृवष कानन
ू ों के खखलाफ राज्य ववधानसभा में पाररर् र् न कृवष सींिोधन ववधेयक:
1. कृषक उपज व्यापार और वाखर्ज्य (सींवधतन और सरलीकरर्)(राजस्थान सींिोधन) ववधेयक 2020
2. कृषक (सिक्तर्करर् और सींरक्षर्) कीमर् आश्वासन और कृवष सेवा कर पर करार (राजस्थान सींिोधन)
ववधेयक 2020
3. आवश्यक वस्र्ु (वविेष उपबींध और राजस्थान सींिोधन) ववधेयक 2020
वववाद का कारण
केंद्र सरकार के र् नों कृवष कानन
ू , राज्यों के सिंबगिं धत ववषयों पर कानन
ू बनाने के अगधकार का स्पष्ट्ट उल्लिंघन
ैं।
 केंद्र सरकार के र् नों कृवष अचधननयमों का मख्
ु य ववषय कृवष और बाजार हैं। सींववधान की सार्व ीं
अनस
ु ि
ू के अनस
ु ार ‘कृवष और बाजार’ वास्तव में राज्य के ववषय हैं।

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53

 हालाँक्रक, केंद्र सरकार ने खाद्य पदाथों पर क़ानन


ू बनाने के अपने अगधकार को गलत तरीके से कृवष
सिंबगधत ववषयों पर क़ानन
ू बनाने का अगधकार मानते ु ए तीनों कृवष अगधतनयमों को पाररत कर हदया
ै । खाद्य पदाथा सींववधान में समवर्ी सि
ू का ववषय है ।
 खाद्य पदाथत और कृवष उत्पाद अलग-अलग श्रेखणयों में आर्े हैं तयोंक्रक कई कृवष उत्पाद अपने मल

स्वरूप में खाद्य पदाथत नहीीं होर्े हैं, र्था कई खाद्य पदाथत अपने मल
ू स्वरूप में कृवष उत्पाद नहीीं होर्े
हैं।
इस सिंदभा में सिंवध
ै ातनक प्रावधान
सींववधान के र्हर् ‘कृवष’ राज्य सच
ू ी का ववषय है ।
परीं र्,ु समवती सच
ू ी की प्रववजष्ट्ट 33 के र्हर्, केंद्र और राज्य, दोनों को, कृवष सदहर् क्रकस भ उद्योग से
सींबचीं धर् उत्पादों के उत्पादन, आपनू र्त और ववर्रर् को ननयींबत्रर् करने की िक्तर्याीं प्रदान की गय हैं।
 आमर्ौर पर, जब कोई राज्य, समवर्ी सि
ू के क्रकस ववषय पर बने केंद्रीय कानन
ू में सींिोधन करना
िाहर्ा है , र्ो उसे केंद्र से स्वीकृतत लेने की आवश्यकता होर् है ।
 जब केंद्र तथा राज्य द्वारा एक ी ववषय पर क़ानन
ू बनाया जाता है , र्ो सींसद द्वारा पाररर् कानन

प्रभाव होर्ा है ।
सिंववधान में इस प्रकार के प्रावधान का कारण
इस व्यवस्था की पररकल्पना का कारर् है , क्रक सींसद द्वारा बनाये गए अचधकाींि कानन
ू परू े भारर् में लागू होर्े
हैं और राज्य द्वारा वववेक ीनता से केंद्रीय कानन
ू ों में सिंशोधन करने से दे श के ववमभन्न भागों में क़ानन
ू के
लागू ोने में असिंगतता ो सकती है । व्यापार और वाखर्ज्य के सींदभत में , इस प्रकार के मामले वविेष रूप से
गींभ र समस्याएीं पैदा कर सकर्े है ।
राज्यों के पास उपलधध अन्य ववकल्प
इन कानन
ू ों की वैधर्ा को लेकर राज्य, केंद्र के खखलाफ उच्ित्तम न्यायालय में मामले को ले जा सकर्े हैं।
 सिंववधान का अनच्
ु छे द 131 में सवोच्ि न्यायालय को राज्यों और केंद्र के ब ि होने वाले वववादों का
ननपटान करने सींबध
ीं अनन्य अचधकार क्षेत्र प्रदान क्रकया गया है ।
 सिंववधान का अनच्
ु छे द 254 (2) में राज्य सरकारों को समवर्ी सि
ू के ववषयों पर केंद्र द्वारा बनाए गए
कानन
ू ों को ननष्ट्प्रभाव करने हे र्ु अचधननयम पाररर् करने का अचधकार प्रदान क्रकया गया है ।
 अनच्
ु छे द 254 (2) के र्हर् राज्य द्वारा पाररर् कानन
ू को लागू होने के शलए भारत के राष्ट्रपतत की
स मतत आवश्यक होर् है ।
राज्य कृवष बाजारों की पररभाषा में सिंशोधन
राज्य द्वारा एक क़ानन
ू पाररर् करके राज्य कृवष बाजारों को केंद्रीय कानन
ू में ननददत ष्ट्ट व्यापार क्षेत्र के रूप में
पन
ु ाः पररभावषर् क्रकया जाना िादहए (कृवष बाजार वह जगह होर् है जहाीं क्रकसान अपन उपज बेिर्े हैं)।
एक बार, जब राज्य के बाजार की अवधारणा केंद्र सरकार की व्यापार क्षेत्र की अवधारणा के सामान हो जाएग ,
र्ो क्रफर इसके बाद राज्य सरकारें इसमें आसान से ववननदे िों और अनर्ररतर् उपायों को जोड़ सकर् हैं।

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54

इसके पश्िार्, राज्य अपने कानन


ू में न्यन
ू र्म समथतन मल्
ू य (MSP) को सभ राज्य कृवष बाजारों पर लागू
करने सींबध
ीं प्रावधान को िाशमल कर सकर्ा है ।
 िींक्रू क राज्य की बाजार अवधारर्ा, केंद्र की व्यापार क्षेत्र अवधारर्ा के समर्ल्
ु य है , अर्ाः राज्य क़ानन

का उपबींध स्वर्ाः ही केंद्रीय क़ानन
ू में उक्ल्लखखर् व्यापार क्षेत्र पर भ लागू हो जाएगा।
 जबक्रक, केंद्रीय कानन
ू ों में न्यन
ू र्म समथतन मल्
ू य (MSP) का कोई उल्लेख नहीीं है , राज्य द्वारा पाररर्
प्रावधान से ववसींगनर् का सवाल ही नहीीं उठर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. न्यन
ू र्म समथतन मल्
ू य का ननधातरर् कौन करर्ा है ?
2. अनच्
ु छे द 131 और अनच्
ु छे द 254 (2) के बारे में
3. भारर् य सींववधान की सार्व ीं अनस
ु ि
ू का अवलोकन
4. राज्य के कानन
ू द्वारा केंद्र के कानन
ू का उल्लींघन करने पर तया होर्ा है ?
में स मलिंक:
केंद्र द्वारा हाल ही में पाररर् र् नों कृवष कानन
ू , राज्यों के सींबचीं धर् ववषयों पर कानन
ू बनाने के अचधकार का
स्पष्ट्ट उल्लींघन हैं। ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GK07U4EGD.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. कोववि म ामारी के बढ़ते मामलों के मद्दे नजर सिंसद के शीतकालीन सत्र की सिंभावना कम
सिंदभा: सींसद का ि र्कालीन सत्र आमर्ौर पर नवींबर के अींनर्म सप्र्ाह या ददसींबर के पहले सप्र्ाह में िरू

होर्ा है , क्रकीं र्ु ददल्ली में कोववड-19 मामलों की सींख्या में वद्
ृ चध के कारर् ि र्कालीन सत्र आयोक्जर् क्रकये जाने
की सींभावना नहीीं है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 85 के अनस
ु ार,- राष्ट्रपनर्, जैसे उचिर् समझे, उस समय और स्थान पर सिंसद
के सत्र को आहूर् कर सकर्ा है । इस प्रकार, सरकार की शसफाररि पर सींसद सत्र आयोक्जर् क्रकया जा सकर्ा
है , र्था सरकार द्वारा सत्र की नर्चथ व अवचध र्य की सकर् है ।
इस प्रकार की घटना के पव
ू ा उदा रण
सींसदीय अशभलेखों के अनस
ु ार, अर् र् में र् न अवसरों पर, वषत 1975, 1979 और 1984 के दौरान सींसद के
ि र्कालीन सत्र का आयोजन नहीीं क्रकया गया था।
इस सिंदभा में सिंवध
ै ातनक प्रावधान
अनच्
ु छे द 85 के अनस
ु ार, सींसद के एक सत्र की अींनर्म बैठक और आगाम सत्र की प्रथम बैठक के शलए ननयर्
र्ारीख के ब ि छ मास से अगधक का अिंतर न ीिं ोना चाह ए।
 िूींक्रक, शसर्ींबर माह में सींसद का मानसन
ू सत्र आयोक्जर् क्रकया गया था, अर्ाः सरकार के शलए ि र्कालीन
सत्र आयोक्जर् करने की कोई सींवध
ै ाननक बाध्यर्ा नहीीं है ।

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55

 इसके अलावा, सींववधान में यह स्पष्ट्ट नहीीं क्रकया गया है , क्रक, सिंसद सत्र कब और ककतने हदन आयोक्जर्
क्रकए जाने िादहए।
सिंसदीय सत्र का म त्व
 ववगध-तनमााण अथाात क़ानन
ू बनाने का काया सींसदीय सत्र के दौरान क्रकया जार्ा है ।
 इसके अलावा, सरकार के कामकाज की ग न जािंच और राष्ट्रीय मद्
ु दों पर ववचार-ववमशा केवल र्भ हो
सकर्ा है जब सींसद के दोनों सदन सत्र जारी होर्े हैं।
 सींसदीय कायत-पद्धनर् का पव
ू ातनम
ु ान, एक अच्छी र्रह से काम कर रहे लोकर्ींत्र के शलए आवश्यक होर्ा
है ।
सिंसदीय सत्र के परू े वषा भर जारी रखने के लाभ
इसके मख्
ु य रूप से र् न लाभ हैं।
1. इससे परू े वषत भर ववधाय और न नर्गर् कायत हे र्ु ववस्र्र्
ृ योजना बनाना सींभव होर्ा है ।
2. इससे अध्यादे िों को लागू करने की आवश्यकर्ा नहीीं होर् है ।
3. इससे परू े वषत भर सींसद द्वारा सरकारी कामकाज की जवाबदे ही र्य की जा सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. सींसद के सत्र को आहूर् करने की िक्तर् क्रकसे प्राप्र् है?
2. अनच्
ु छे द 85
3. सींसद के सत्र
4. सींसद एक वषत में क्रकर्ने ददनों के शलए एकत्र होर् है ?
5. सींसद के सींयत
ु र् अचधवेिन की अध्यक्षर्ा कौन करर्ा है ?
में स मलिंक:
सींसदीय सत्र तयों महत्वपर्
ू त होर्े है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8F7VL1CE.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:कायतपाशलका और न्यायपाशलका की सींरिना, सींगठन और कायत- सरकार के मींत्रालय एवीं ववभाग, प्रभावक
समह
ू और औपिाररक/अनौपिाररक सींघ र्था िासन प्रर्ाली में उनकी भशू मका।
1. 'अदालत की अवमानना' और इसकी कायावा ी े तु म ान्यायवादी की स मतत
सिंदभा: हाल ही में , महान्यायवादी (Attorney General) के के वेर्ुगोपाल द्वारा स्टैंड-अप कॉमेडडयन कुर्ाल कामरा
के खखलाफ आपरागधक अवमानना कायावा ी िरू
ु करने के शलए अपन सहमनर् दे दी गय है ।
कुर्ाल कामरा ने टे लीववजन एींकर अनतब गोस्वाम को अींर्ररम जमानर् दे ने के सप्र
ु म कोटत के फैसले के बाद
र्टव र्टस के माध्यम से र्थाकचथर् आपवत्तजनक दटप्पर् की थ ।
‘अदालत की अवमानना’ क्या ै?

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अदालर् की अवमानना अचधननयम, 1971 (Contempt of Courts Act, 1971) के अनस


ु ार, अदालर् की
अवमानना दो प्रकार की हो सकर् है : शसववल अवमानना र्था आपराचधक अवमानना।
मसववल अवमानना: शसववल अवमानना को क्रकस भ फैसले, आदे ि, ददिा, ननदे ि, ररट या अदालर् की अन्य प्रक्रक्रया
अथवा अदालर् में ददए गए विन के जानबझ
ू कर क्रकये गए उल्लींघन के रूप में पररभावषर् क्रकया गया है ।
आपरागधक अवमानना :आपराचधक अवमानना से क्रकस भ ऐसे ववषय मौखखक या शलखखर् िब्दों से), या सींकेर्ों
से, या दृश्य प्रनर्ननचधत्व द्वारा, अथवा क्रकस अन्य प्रकार से के प्रकािन (अथवा क्रकस भ ऐसे कायत का करना
अशभप्रेर् है ;
1. जो क्रकस अदालर् की ननींदा करर्ा है अथवा क्जसकी प्रववृ त्त अदालर् की ननींदा करने की है ,या जो
अदालर् के प्राचधकार को अवनर् करने या क्जसकी प्रववृ त्त उसे अवनर् करने की है अथवा ;
2. जो क्रकस नयानयक कायतवाही के सम्यक अनक्र
ु म पर प्रनर्कूल प्रभाव डालर्ा है , अथवा उसमे हस्र्क्षेप
करर्ा है या क्जसकी प्रववृ त्त उसमे हस्र्क्षेप करने की है ; अथवा
3. जो न्याय प्रिासन में क्रकस अन्य रीनर् से हस्र्क्षेप करर्ा है या क्जसकी प्रववृ त्त उसमे हस्र्क्षेप करने
की है अथवा जो उसमे बाधा डालर्ा है या क्जसकी प्रववृ त्त उसमे बाधा डालने की है ।

अदालत की अवमानना कायावा ी शरू


ु करने े तु म ान्यायवादी की स मतत की आवश्यकता
अदालत की अवमानना अगधतनयम, 1971 के प्रावधानों के अनस
ु ार: अचधननयम की धारा 14 में ननददत ष्ट्ट
अवमानना से शभन्न ‘आपराचधक अवमानना के मामले में , उच्ित्तम न्यायलय या उच्ि न्यायलय या स्वप्रेरर्ा
से या- (a) महाचधवतर्ा के, अथवा (b) महाचधवतर्ा की शलखखर् सम्मनर् से क्रकस अन्य व्यक्तर् के समावेदन
पर कायतवाही कर सकेगा।
इस धारा में ‘महाचधवतर्ा’ पद से अशभप्रेर् है -
1. उच्ित्तम न्यायालय के सींबध
ीं में महान्यायवादी; र्था
2. उच्ि न्यायालय के सम्बन्ध में राज्य का महाचधवतर्ा।
अदालत की अवमानना के मामले में सजा
अदालर् की अवमानना मामले में दोषशसद्ध होने पर छह महीने र्क साधारर् कारावास, अथवा दो हजार रुपए
र्क का जुमातना अथवा दोनों की सजा दी जा सकर् है । आरोप द्वारा माफी माींगने और इससे अदालर् के
सींर्ष्ट्ु ट होने पर, आरोप की सजा माफ़ की जा सकर् है और उसे मत
ु र् क्रकया जा सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अवमानना के सींदभत में उच्ित्तम न्यायालय र्था उच्ि न्यायलय की िक्तर्याीं
2. न्यायलय की अवमानना (सींिोधन) अचधननयम, 2006 द्वारा क्रकये गए पररवर्तन
3. शसववल बनाम आपराचधक अवमानना
4. अनच्
ु छे द 19 के र्हर् अचधकार
5. अदालर् की अवमानना अचधननयम, 1971 की धारा 10 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
में स मलिंक:
भारर् में सवोच्ि न्यायालय द्वारा अवमानना मामलों को क्रकस प्रकार हल क्रकया जार्ा है ? ििात कीक्जए।

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57

https://indianexpress.com/article/explained/explained-contempt-of-court-attorney-general-
7049560/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

ववषय:जन प्रनर्ननचधत्व अचधननयम की मख्


ु य वविेषर्ाएँ।
1. एक दे श-एक चन
ु ाव (One Nation-One Election)
सिंदभा: हाल ही में , प्रधानमींत्र ने एक बार क्रफर दे ि में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की जरूरर् पर जोर दे र्े हुए
कहा है , क्रक दे ि में र कुछ म ीनों में चुनाव ोते ैं और इससे ववकास काया बागधत ोता ै।
 प्रधानमींत्र द्वारा यह सझ
ु ाव हाल ही में आयोक्जर् 80 वें अखखल भारतीय पीठासीन अगधकारी सम्मेलन
में ददया गया था।
 इसके साथ ही उन्होंने यह भ सझ
ु ाव ददया क्रक लोकसभा, ववधानसभा और अन्य िुनावों के शलए केवल
एक मर्दार्ा सि
ू का उपयोग क्रकया जाना िादहए।
‘एक दे श-एक चुनाव’ क्या ै?
एक दे ि-एक िुनाव / ‘वन नेिन वन इलेतिन’ (One Nation-One Election) का र्ात्पयत लोकसभा, राज्य
ववधानसभाओीं, पींिायर्ों और िहरी स्थान य ननकायों के शलए प्रनर् पाींि वषो में एक बार और एक साथ िुनाव
कराने से है ।
ब ु धा ोने वाले चुनावों ोने से उत्पन्न चुनौततयाँ
1. भारी व्यय।
2. िन
ु ाव के समय में आदशा आचार सिंह ता लागू ोने के पररणामस्वरूप नीततयों में रूकावट।
3. आवश्यक सेवाओिं के ववर्रर् पर प्रभाव।
4. िुनाव के दौरान र्ैनार् क्रकये जाने वाले जन-बल पर अततररक्त भार।
5. राजनीततक दलों, ववशेषकर छोटे दलों पर दबाव में वद्
ृ गध, तयोंक्रक ददन प्रनर्ददन महीं गे होर्े जा रहे हैं।
एक साथ चुनाव कराए जाने के लाभ:
 प्रशासन एविं अनरू
ु पता: सत्तारूढ़ दल, हमेिा िुनाव अशभयान मोड में रहने के बजाय कानन
ू और प्रिासन
पर ध्यान केंदद्रर् कर सकेंगे।
 धन के व्यय और प्रिासन में ककफायत।
 न नर्यों और कायतक्रमों में तनरिं तरता।
 प्रशासन क्षमता: सरकारों द्वारा लोकलभ
ु ावन उपायों में कम ।
 सभ िुनाव एक ही बार होने से मर्दार्ाओीं पर काले धन के प्रभाव में कम ।
क्षेत्रीय दलों पर प्रभाव:
लोकसभा और राज्य ववधान सभा िुनाव एक साथ होने पर, मर्दार्ाओीं में केंद्र व राज्य, दोनों में एक ही पाटी
को सत्ता में लाने के शलए मर्दान करने की प्रववृ त्त हमेिा होर् है
एक साथ चुनाव कराए जाने सिंबध
िं ी प्रावधान लागू ककये जाने पर, सिंववधान और कानन
ू ों में ककए जाने वाले
पररवतान:

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58

1. अनच्
ु छे द 83, सींसद के सदनों के कायतकाल से सींबचीं धर् है , इसमें सींिोधन क्रकए जाने की आवश्यकर्ा
होग ।
2. अनच्
ु छे द 85 (राष्ट्रपनर् द्वारा लोकसभा को भींग करने सींबध
ीं अनच्
ु छे द)
3. अनच्
ु छे द 172 (राज्य ववधानसभाओीं के कायतकाल से सींबचीं धर् अनच्
ु छे द)
4. अनच्
ु छे द 174 (राज्य ववधानसभाओीं के ववघटन से सींबचीं धर् अनच्
ु छे द)
5. अनच्
ु छे द 356 (राष्ट्रपनर् िासन से सींबचीं धर् अनच्
ु छे द)
सींसद और ववधानसभाओीं, दोनों के कायतकालों की क्स्थरर्ा हे र्ु जनप्रतततनगधत्व अगधतनयम (Representation
of People Act), 1951 में सींिोधन क्रकये जाने की आवश्यकर्ा होग ।
इसमें ननम्नशलखखर् महत्वपर्
ू त र्त्व सक्म्मशलर् क्रकए जाने िादहए:
1. एक साथ िुनाव कराने सींबध
ीं आवश्यक प्रक्रक्रयाओीं को सवु वधाजनक बनाने हेर्ु भारत के तनवााचन
आयोग (ECI) की िक्तर्यों और कायों का पन
ु गतठन।
2. जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम, 1951 की धारा 2 में ‘एक साथ चुनाव’ की पररभाषा जोड़ जा सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. आदित आिार सींदहर्ा तया है ?
2. ननवातिन आयोग की िुनाव कराने सींबध
ीं िक्तर्याँ
3. जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम, 1951 अचधननयम का अवलोकन
4. अनच्
ु छे द 83, 85 और 172 का अवलोकन
में स मलिंक:
भारर् य राजन नर् के शलए "एक दे ि- एक िन
ु ाव" की अवधारर्ा के लाभ और हाननयों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3680MLE4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:ववशभन्न सींवध
ै ाननक पदों पर ननयक्ु तर् और ववशभन्न सींवध
ै ाननक ननकायों की िक्तर्याँ, कायत और
उत्तरदानयत्व।
1. राजीव गािंधी त्या के दोवषयों की यागचका पर राज्यपाल को तनणाय करने की शजक्त
सिंदभा: हाल ही में , उच्ित्तम न्यायालय ने कहा है , क्रक वषत 1991 में हुए राज व गाींध हत्याकाींड के प छे ‘बड़
साक्जि’ की जाींि कर रही ब ु -ववषयक तनगरानी एजेंसी (Multi-Disciplinary Monitoring Agency- MDMA)
द्वारा र्शमलनाडु के राज्यपाल को ए.ज . पेराररवलन जैसे दोवषयों की क्षमा-यािना पर ननर्तय लेने में बाधक
पहुिाने की आवश्यकर्ा नहीीं है । ये दोष दो दिक से अचधक समय से जेल की सजा भग
ु र् रहे हैं।
न्यायालय ने यह भ स्पष्ट्ट क्रकया है क्रक वह अपने क्षेत्राचधकार का प्रयोग नहीीं करना िाहर्े हैं, तयोंक्रक सिंववधान
के अनच्
ु छे द 161 के त त पेराररवलन की क्षमा-यागचका पर तनणाय करने का अगधकार राज्यपाल को प्रदान
ककया गया ै।
पष्ट्ृ ठभमू म:

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59

पेराररवलन द्वारा 30 ददसींबर, 2015 को राज्यपाल के समक्ष क्षमा-यािना की अजी दी गय थ । लगभग र् न


साल बाद, शसर्ींबर 2018 में , सप्र
ु म कोटत ने राज्यपाल से क्षमा-यािना पर, जैसा वह उचिर् समझे, ननर्तय दे ने
को कहा था।
राज्यपाल की क्षमादान शजक्तयािं
सींववधान के अनच्
ु छे द 161 में राज्यपाल को क्षमादान की शजक्त प्रदान की गई है।
 इसके र्हर्, क्रकस राज्य के राज्यपाल को राज्य की कायतपाशलका िक्तर् के अींर्गतर् आने वाले ववषयों
के सींदभत में , क्रकस ववचध ववरुद्ध अपराध के शलए दोष-शसद्ध ठहराये गये क्रकस व्यक्तर् के दीं ड को
क्षमा, उसका प्रववलम्बन, ववराम या पररहार करने की अथवा दीं डादे ि के ननलम्बन, पररहार या लघक
ु रर्
की िक्तर् प्रदान की गय है ।
 राज्यपाल को मत्ृ यदिं ि को क्षमा करने का अगधकार न ीिं है । (मत्ृ यदीं ड को क्षमा करने की िक्तर् राष्ट्रपनर्
के पास होर् है )।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. राज्यपाल और राष्ट्रपनर् की क्षमादान िक्तर्यों का ववस्र्र्
ृ अवलोकन
2. सींबचीं धर् सींवध
ै ाननक प्रावधान
3. क्षमादान सींबचीं धर् फैसलों के खखलाफ अप ल
4. तया न्यायालय इन मामलों में हस्र्क्षेप कर सकर्ा है ?
5. इन मामलों में मींबत्रमींडल की भशू मका
में स मलिंक:
भारर् में राष्ट्रपनर् और राज्यपाल को प्राप्र् िक्तर्यों की ववस्र्र्
ृ र्ल
ु ना कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/rajiv-murder-case-probe-into-
larger-conspiracy-does-not-concern-convicts-already-in-jail-says-sc/article33010749.ece/amp/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. पिंद्र वािं ववत्त आयोग (Fifteenth Finance Commission)
सिंदभा: हाल ही में , पिंद्र वे ववत्त आयोग के अध्यक्ष एन के शसींह के द्वारा भारत के राष्ट्रपतत को आयोग की
ररपोटा सौंप दी गयी ै।
केंद्र सरकार द्वारा सींसद में इस ररपोटत को प्रस्र्र्
ु क्रकया जाएगा, इसके पश्िार् यह ररपोटत सावतजननक रूप से
उपलब्ध होग ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
वविारर् य ववषयों (ToR) की िर्ों के अनस
ु ार, आयोग को 2021-22 से 2025-26 र्क अथातर् पाींि साल की
अवचध के शलए 30 अतटूबर, 2020 र्क अपन शसफाररिें प्रस्र्र्
ु करना अननवायत था।
वपछले वषत आयोग द्वारा वषा 2020-21 के मलए मसफाररशों सह त प ली ररपोटा प्रस्र्र्
ु की गय थ । क्जसे
केन्द्र सरकार ने स्व कार कर शलया था और यह ररपोटत 30 जनवरी, 2020 को सींसद के पटल पर रख गई थ ।
ववचारणीय ववषय (Terms of reference- ToR)

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60

 ववत्त आयोग को इसके वविारर् य ववषयों (ToR) में कई अद्ववर् य और व्यापक मद्
ु दों पर शसफाररिें
दे ने के शलए कहा गया था।
 ऊध्वातधर और क्षैनर्ज कर ववर्रर्, स्थान य स्र्र पर सरकारी अनद
ु ान, आपदा प्रबींधन अनद
ु ान के
अनर्ररतर् आयोग को ववशभन्न क्षेत्रों जैसे बबजली क्षेत्र, प्रत्यक्ष लाभ हस्र्ाींर्रर् (DBT) को लागू करने,
ठोस अपशिष्ट्ट प्रबींधन आदद की जाींि करने और राज्यों के शलए प्रदितन प्रोत्साहन हे र्ु शसफाररि करने
का भ अचधदे ि ददया गया था।
 आयोग से रक्षा और आींर्ररक सरु क्षा के ववत्त यन हे र्ु एक पथ
ृ क र्ींत्र स्थावपर् क्रकए जाने की आवश्यकर्ा
सींबध
ीं जाींि करने के शलए कहा गया था। इसके साथ ही, यदद ऐसे र्ींत्र की आवश्यकर्ा होने पर, इसके
पररिालन हे र्ु सझ
ु ाव दे ने को भ कहा गया था।

ववत्त आयोग के बारे में :


ववत्त आयोग एक सिंवध
ै ातनक तनकाय ै और यह राजकोषीय सिंघवाद की धुरी है ।
 ववत्त आयोग का गठन सींववधान के अनच्
ु छे द 280 के अींर्गतर् क्रकया जार्ा है ।
 इसका प्रमख
ु कायत, केंद्र और राज्य सरकारों की ववत्त य क्स्थनर् का मल्
ू याींकन करना, उनके मध्य करों
के ववर्रर् हे र्ु शसफाररि करना, र्था राज्यों के मध्य ऐसे आगमों का आवींटन करने वाले शसद्धाींर्ों
का ननधातरर् करना है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ववत्त आयोग- सींरिना
2. ववत्त आयोग के कायत
3. ववत्त आयोग का गठन एवीं सदस्यों की ननयक्ु तर्
4. ववत्त आयोग द्वारा शसफाररि क्रकये जाने वाले अनद
ु ानों के प्रकार
5. 15 वें ववत्त आयोग द्वारा उपयोग क्रकया जाने वाला फॉमल
ूत ा
में स मलिंक:
भारर् के सींववधान में उक्ल्लखखर् ववत्त आयोग की सींरिना और कायों का वववरर् दीक्जए।

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61

स्रोर्: प आईब
3. मख्
ु यमिंत्री: तनयजु क्त, शजक्तयािं, काया और पद
सिंदभा: जनर्ा दल (यन
ू ाइटे ड) के अध्यक्ष न र् ि कुमार को बबहार में राष्ट्रीय जनर्ाींबत्रक गठबींधन (NDA) ववधायक
दल का नेर्ा िुना गया है । वह अब लगातार चौथी बार राज्य के मख्
ु यमिंत्री के रूप में िपथ लेंगे।
तनयजु क्त:
राज्य के मख्
ु यमींत्र की तनयजु क्त राज्यपाल द्वारा की जार् है ।
भारतीय सिंववधान के अनच्
ु छे द 164 के अनस
ु ार- राज्यपाल की सहायर्ा और सलाह प्रदान करने हे र्ु मख्
ु यमींत्र
सदहर् एक मींबत्रपररषद होग ।
मख्
ु यमिंत्री के रूप में ककसे तनयक्
ु त ककया जा सकता ै?
राज्य ववधान सभा के शलए आम िुनाव के बाद, सदन में बहुमर् हाशसल करने वाले दल अथवा गठबींधन के
द्वारा अपने नेर्ा का िुनाव क्रकया जार्ा है और राज्यपाल को इसके बारे में सचू िर् क्रकया जार्ा है ।
 राज्यपाल, बहुमर् प्राप्र् दल अथवा गठबींधन द्वारा िुने गए व्यक्तर् को औपिाररक रूप से मख्
ु यमींत्र
के पद पर ननयत
ु र् करर्ा है र्था उससे मींबत्रपररषद का गठन करने के शलए कहर्ा है ।
 राज्य ववधानसभा में क्रकस भ दल को स्पष्ट्ट बहुमर् नहीीं प्राप्र् होने की क्स्थनर् में , राज्यपाल,
सामान्यर्ाः, सदन में सबसे बड़े दल के नेर्ा को सरकार बनाने के शलए कहर्े हैं।
कायाकाल
सैद्धाींनर्क रूप से, मख्
ु यमींत्र , राज्यपाल के प्रसादपयंर् पद धारर् करर्ा है । हालाींक्रक, व्यवहाररक रूप से, राज्य
ववधानसभा में बहुमर् प्राप्र् दल के नेर्ा बने रहने र्क मख्
ु यमींत्र अपने पद पर बना रहर्ा है ।
 सदन में बहुमर् का समथतन खो दे ने की क्स्थनर् में राज्यपाल द्वारा मख्
ु यमींत्र को बखातस्र् क्रकया जा
सकर्ा है ।
 राज्य ववधान सभा भ अववश्वास प्रस्र्ाव पाररर् करके मख्
ु यमींत्र को पद से हटा सकर् है ।
मख्
ु यमिंत्री की शजक्तयािं एविं काया
 राज्यपाल को सहायर्ा और सलाह दे ना।
 मख्
ु यमींत्र मींबत्रपररषद के प्रमख
ु होर्ा है ।
 वह सदन के नेर्ा होर्ा है ।
 वह राज्य के प्रिासन से सींबचीं धर् मींबत्रपररषद के सभ ननर्तयों के बारे में राज्यपाल को सचू िर् करर्ा
है ।
 उसके द्वारा सदन में सभ न नर्यों की घोषर्ा की जार् है ।
 वह राज्यपाल को ववधान सभा भींग करने की शसफाररि करर्ा है ।
 वह राज्यपाल को समय-समय पर राज्य ववधान सभा के सत्रों को बल
ु ाने र्था समाप्र् करने के सींबध
ीं
में सलाह दे र्ा है ।

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. मख्
ु यमींत्र के रूप में क्रकसे ननयत
ु र् क्रकया जा सकर्ा है?
2. मख्
ु यमींत्र की ननयक्ु तर् में राज्यपाल की भशू मका
3. मींबत्रपररषद
4. िक्तर्याीं
5. कायत
6. कायतकाल
में स मलिंक:
राज्य के मख्
ु यमींत्र की भशू मका और कायों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GFE7VGUH6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. मख्
ु यमिंत्री जगन मामले पर सन
ु वाई से न्यायाधीश द्वारा सन
ु वाई से इिंकार
सिंदभा: उच्िर्म न्यायालय के न्यायमनू र्त य.ू य.ू लशलर् ने आींध्र प्रदे ि सरकार और मख्
ु यमींत्र वाई.एस. जगन
मोहन रे ड्ड के खखलाफ कायतवाही करने सिंबध
िं ी ररट यागचका पर सन
ु वाई करने से स्वयिं को अलग कर मलया ै ।
याचिका में जगन रे ड्ड पर उच्िर्म न्यायालय के न्यायाध ि एन व रमन्ना और उच्ि न्यायालय के अन्य
न्यायाध िों के खखलाफ ‘शम्या, सींददग्ध और राजन नर्क आरोप’ लगाने के शलए कायतवाही की माींग की गय थ ।
न्यायाधीश द्वारा सन
ु वाई से इिंकार का कारण
न्यायमनू र्त य.ू य.ू लशलर्, मख्
ु यमींत्र जगन मामले पर सन
ु वाई से अलग हो गए हैं तयोंक्रक, वह इससे पव
ू ,त इस
मामले से जुड़े पक्षकारों का एक वकील के रूप प्रनर्ननचधत्व कर िुके हैं।
‘सन
ु वाई से इिंकार’ करना क्या ै?
क्रकस प ठास न न्यायानयक अचधकारी अथवा प्रिासननक अचधकारी द्वारा दहर्ों के टकराव के कारर् क्रकस
न्यानयक सन
ु वाई अथवा आचधकाररक कारत वाई में भाग दारी से इींकार करने को न्यातयक तनर ाता (Judicial
disqualification), ‘सन
ु वाई से इींकार’ करना अथवा ‘ररक्यज
ु ल’ (Recusal) कहा जार्ा है ।
‘सन
ु वाई से इिंकार’ करने े तु सामान्य आधार:
क्रकस न्यायाध ि अथवा अन्य ननर्तयकर्ात को क्रकस मामले की सन
ु वाई से अलग करने हे र्ु ववशभन्न आधारों
पर प्रस्र्ाव पेि क्रकया जार्ा है ।
आमर्ौर पर, ये प्रस्र्ाव इस प्रकार के दावों पर आधाररर् होर्ें हैं क्जनमे कहा जार्ा है क्रक, न्यायाधीश ककसी
एक पक्षकार के प्रतत सद्भाव रखता ै , अथवा अन्य पक्षकार के प्रतत द्वेषपण
ू ा ै, या क्रकस र्कति ल ननष्ट्पक्ष
पयतवेक्षक को लगर्ा है , क्रक न्यायाधीश ककसी के प्रतत पक्षपाती ो सकता है ।
इन प्रस्र्ावों में सन
ु वाई हे र्ु ननयत
ु र् न्यायाध ि को ननम्नशलखखर् अन्य आधारों पर भ िुनौर् दी जार् है :
1. न्यायाध ि का मामले में व्यक्तर्गर् दहर् है अथवा वह मामले में व्यक्तर्गर् दहर् रखने वाले क्रकस
व्यक्तर् से सींबध
ीं रखर्ा है ।
2. न्यायाध ि की पष्ट्ृ ठभशू म अथवा अनभ
ु व, जैसे क्रक न्यायाध ि के वकील के रूप में क्रकये गए पव
ू त कायत।

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3. मामले से सींबचीं धर् र््यों अथवा पक्षकारों से व्यक्तर्गर् र्ौर पर पररिय।


4. वकीलों या गैर वकीलों के साथ-एक पक्ष य सींवाद।
5. न्यायाध िों के अचधननर्तय, दटप्पखर्याीं अथवा आिरर्।
इस सिंदभा में क़ानन

न्यायाध िों द्वारा ‘सन
ु वाई से इींकार’ करने सींबध
ीं कोई ननक्श्िर् ननयम नहीीं हैं।
• जजस्टस जे चेलमेश्वर ने सप्र
ु ीम कोटा एिवोकेट्स) ररकॉिा एसोमसएशन बनाम भारत सिंघ-ऑन-2015)
मामले में अपन राय दी थ क्रक’ जहाीं भ क्रकस न्यायाध ि के आचथतक दहर् प्रर् र् होर्े है , वहाीं पक्षपार्
सींबध
ीं क्रकस वास्र्ववक‘ खर्रे र्कत‘ अथवा ’पर्
ू त सींदेह की ’जाींि की आवश्यकर्ा नहीीं है ।
• इसके अलावा, सवोच्ि न्यायालय और उच्ि न्यायालयों के न्यायाध िों द्वारा पद की िपथ लेने के
समय, न्याय करने हे र्ु ‘बबना ककसी िर या पक्षपात, लगाव या वैमनस्य के ’अपने कर्तव्यों को ननभाने
का वादा क्रकया जार्ा है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. न्यानयक ननरहतर्ा के शलए आधार।
2. सवोच्ि न्यायालय और उच्ि न्यायालय के न्यायाध िों को िपथ कौन ददलार्ा है ?
3. भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 127 और 128 क्रकससे सींबचीं धर् हैं?
में स मलिंक:
‘सन
ु वाई से इींकार’ (Recusal), सप्र
ु म कोटत के न्यायाध िों के शलए नैनर्कर्ा की एक ियनात्मक आवश्यकर्ा
बन गया है । ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8F7VL1C0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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5. लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of the Lok Sabha)


सिंदभा: हाल ही में , ववजय कुमार शसन्हा को बबहार ववधानसभा अध्यक्ष िुना गया है ।
लोकसभा अध्यक्ष:
लोकसभा के अध्यक्ष या पीठासीन अगधकारी को स्पीकर क ा जार्ा है ।
 लोकसभा अध्यक्ष का िुनाव, लोक सभा के सभी तनवाागचत सदस्यों द्वारा साधारण ब ु मत के द्वारा
क्रकया जार्ा है ।
 लोकसभा के ककसी भी सदस्य को ‘लोकसभा अध्यक्ष/स्प कर’ के रूप में नाशमर् क्रकया जा सकर्ा है ,
हालाींक्रक, प्रायाः सत्तारूढ़ दल अथवा बहुमर् वाली पाटी का उम्म दवार ‘स्प कर’ के पद पर ननयत
ु र् होर्ा
है ।
लोकसभा अध्यक्ष के काया एविं शजक्तयािं:
1. लोकसभा अध्यक्ष, मल
ू रूप से सदन का प्रमख
ु होर्ा है और सींसद की बैठकों की अध्यक्षर्ा करर्ा है
र्था इसकी कायतवाई ननयींबत्रर् करर्ा है ।
2. सींववधान में ‘लोकसभा अध्यक्ष’ की स्वर्ींत्रर्ा व ननष्ट्पक्षर्ा सनु नक्श्िर् करने हे र्,ु इसका वेर्न ‘भारर् की
सींचिर् ननचध’ पर भाररर् क्रकया गया है , और इस पर सींसद में ििात नहीीं की जा सकर् है ।
3. क्रकस ववधेयक पर बहस अथवा सामान्य ििात के दौरान सींसद सदस्यों द्वारा केवल लोकसभा अध्यक्ष
को सींबोचधर् क्रकया जार्ा है।
4. सींसद में दोनों सदनों (लोकसभा और राज्य सभा) की सींयत
ु र् बैठक की अध्यक्षर्ा लोकसभा अध्यक्ष
द्वारा की जार् है ।
5. भारर् सरकार के वरीयर्ा क्रम में लोकसभा अध्यक्ष छठे स्थान पर आर्ा है ।
6. लोकसभा में सामान्य पररक्स्थनर्यों के दौरान लोकसभा अध्यक्ष द्वारा क्रकस भ मामले पर अपना मर्
नहीीं ददया जार्ा है । क्रकीं र्,ु सरकार और ववपक्ष के मध्य मर्ों के बराबर होने की क्स्थनर् में लोकसभा
अध्यक्ष द्वारा मर्दान क्रकया जा सकर्ा है ।
7. लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा सदन में होने वाली ववशभन्न ििातओीं के एजेंडे को र्य क्रकया जार्ा है ।
8. गर्पनू र्त (Quorum) के अभाव में लोकसभा अध्यक्ष को सदन/ बैठक स्थचगर् करने अथवा ननलींबबर्
करने की िक्तर् प्राप्र् होर् है ।
9. लोकसभा अध्यक्ष यह ननर्तय करर्ा है , क्रक सदन में पेि क्रकए गया ववधेयक, ‘धन ववधेयक’ है अथवा
नहीीं और इसके ननर्तय को िुनौर् नहीीं दी जा सकर् है ।
10. ववशभन्न प्रकार के प्रस्र्ावों और सींकल्पों, जैसे अववश्वास प्रस्र्ाव, स्थगन प्रस्र्ाव, ननींदा प्रस्र्ाव आदद
के शलए अनम
ु नर् प्रदान करने हे र्ु लोकसभा अध्यक्ष अींनर्म और एकमात्र प्राचधकरर् होर्ा है ।
11. ववधानयका के भींग होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष द्वारा पद-त्याग नहीीं क्रकया जार्ा है । वह नवगदठर्
ववधानयका की पहली बैठक होने र्था नए अध्यक्ष का िुनाव क्रकये जाने र्क अपने पद पर बना रहर्ा
है ।

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लोकसभा अध्यक्ष का कायाकाल स्वतः ी समाप्त ो जाता ै यहद:


1. वह सदन का सदस्य नहीीं रहर्ा है ।
2. यदद वह उपाध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंपर्ा है ।
3. यदद वह केंद्र सरकार अथवा क्रकस राज्य सरकार के अध न लाभ का पद धारर् करर्ा है ।
4. यदद वह मानशसक रूप से ववक्षक्षप्र् है और इसे अदालर् द्वारा घोवषर् क्रकया जा िुका है ।
5. यदद वह ददवाशलया घोवषर् क्रकया जार्ा है ।
6. यदद वह भारर् का नागररक नहीीं रहर्ा है अथवा उसने स्वेच्छा से क्रकस अन्य दे ि की नागररकर्ा
गह
ृ र् कर ली है ।
7. यदद उसे लोकसभा के सदस्यों द्वारा बहुमर् से प्रस्र्ाव पाररर् करके अध्यक्ष पद से हटा ददया जार्ा
है । इस मामले में वह मर् बराबर होने की क्स्थनर् में भ वह मर्दान नहीीं कर सकर्ा है ।
लोकसभा अध्यक्ष और सममततयाँ:
1. सदन की सशमनर्याँ, लोकसभा अध्यक्ष के समग्र ननदे ि के र्हर् कायत करर् हैं। इस प्रकार की सभ
सशमनर्यों का गठन लोकसभा अध्यक्ष अथवा सदन के द्वारा क्रकया जार्ा है
2. लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा सभ सींसदीय सशमनर्यों के अध्यक्ष नाशमर् क्रकए जार्े हैं।
3. सशमनर्यों के कामकाज में क्रकस भ प्रकार की कायातत्मक समस्या होने पर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा
ददिा-ननदे ि जारी क्रकये जार्े है ।
4. व्यापार सलाहकार सशमनर्, सामान्य प्रयोजन सशमनर् और ननयम सशमनर् जैस सशमनर्याँ प्रत्यक्षर्ाः
लोकसभा अध्यक्ष के अध न कायत करर् हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. लोकसभा अध्यक्ष का िुनाव।
2. कायत
3. िक्तर्याीं
4. पद-त्याग
5. पद-मक्ु तर् के शलए आधार
6. लोकसभा अध्यक्ष और सींबचीं धर् सशमनर्याीं
में स मलिंक:
लोकसभा अध्यक्ष की भशू मका एवीं कायों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GMD80ISH0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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ववषय:साींववचधक, ववननयामक और ववशभन्न अद्तध-न्यानयक ननकाय।


1. वावषाक एमबीबीएस प्रवेश ववतनयमन (2020) े तु न्यन
ू तम आवश्यकताएिं
(Minimum Requirements for Annual MBBS Admissions Regulations)
सिंदभा: हाल ही में , राष्ट्रीय गचककत्सा आयोग (National Medical Commission- NMC) द्वारा "वावषतक
एमब ब एस प्रवेि ववननयमन (2020) के शलए न्यन
ू र्म आवश्यकर्ाओीं" को अचधसचू िर् क्रकया गया है ।
इसके द्वारा, र्त्कालीन भारतीय गचककत्सा पररषद (Medical Council of India- MCI) के "मेडिकल कॉलेजों के
मलए न्यन
ू तम मानक आवश्यकताएिं, 1999 को प्रनर्स्थावपर् क्रकया गया है ।
नए ववतनयमन की प्रमख
ु ववशेषताएिं (सिंक्षक्षप्त वववरण):
 यह नया ववननयमन, सभ प्रस्र्ाववर् मेडडकल कॉलेजों र्था अकादशमक वषत 2021-22 से वावषतक
एमब ब एस प्रवेि सींख्या में बढ़ोर्री करने के इच्छुक पहले से स्थावपर् मेडडकल कॉलेजों पर लागू होगा।
 नए ववननयमन में एक मेडडकल कॉलेज और उससे सींबद्ध िैक्षक्षक अस्पर्ालों के शलए आवश्यक भमू म
सीमा की शता को टा हदया गया ै।
 नए ववननयमन के र्हर् अब छात्रों को प्रशिक्षर् दे ने के शलए पर्
ू त रूप से सस
ु क्ज्जर् एक "कौिल
प्रयोगिाला" (Skills Laboratory) का होना आवश्यक है ।
 इसमें ‘मेडडकल चिक्रकत्सा इकाई’ को शैक्षक्षक क्षेत्र में गचककत्सा मशक्षकों के प्रमशक्षण के तौर पर पररभावषर्
क्रकया गया है ।
 हाल ही के ददनों में चिक्रकत्सा छात्रों और हॉस्टल में रहने वाले छात्रों में बढ़र्े र्नाव को दे खर्े हुए छात्र
परामशा सेवाएँ अतनवाया की गय है ।
 इस ववननयमन में नये मेडडकल कॉलेज की स्थापना के शलए आवेदन के समय कम से कम 2 वषों से
परू ी तर सिंचामलत 300 बबस्तर वाले मल्टी-स्पेमशयमलटी अस्पताल की उपलधधता को अतनवाया क्रकया
गया है ।
 स्नार्क मेडडकल छात्रों के प्रशिक्षर् के शलए सभ मेडडकल कॉलेज अस्पर्ालों में अब दो नए शैक्षक्षक
ववभाग का होना अननवायत कर ददया गया है । इनमें आपार्कालीन चिक्रकत्सा सेवा र्था भौनर्क चिक्रकत्सा
ववभाग एवीं पन
ु वातस ववभाग सक्म्मशलर् है ।
राष्ट्रीय गचककत्सा आयोग के बारे में :
सरकार द्वारा राष्ट्रीय गचककत्सा आयोग (NMC) की स्थापना मख्
ु य रूप से चिक्रकत्सा शिक्षा क्षेत्र में सध
ु ार लाने
के शलये की गई है । यह नवगदठर् NMC, पव
ू त ननयामक सींस्था भारर् य चिक्रकत्सा पररषद (MCI) का स्थान लेगा।
 हाल ही में , केंद्र सरकार द्वारा सरु े ि िींद्र िमात की अध्यक्षर्ा में 33-सदस्य य राष्ट्रीय गचककत्सा आयोग
(NMC) को अचधसचू िर् क्रकया गया है , इसका कायतकाल र् न वषत का होगा।
 राष्ट्रीय चिक्रकत्सा आयोग में अध्यक्ष के अततररक्त 10 पदे न सदस्य और 22 अिंशकामलक सदस्य होंगे,
क्जनकी तनयजु क्त केंद्र सरकार द्वारा की जाएग ।
राष्ट्रीय गचककत्सा आयोग के काया:
 चिक्रकत्सा सींस्थानों और चिक्रकत्सा पेिव
े रों को ववननयशमर् करने हे र्ु न नर्यों का ननमातर् करना।

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67

 स्वास््य सेवा क्षेत्र में मानव सींसाधन और बनु नयादी ढाींिे सींबध
ीं आवश्यकर्ाओीं का आकलन करना।
 ववधेयक के र्हर् बनाए गए ननयमों का राज्य चिक्रकत्सा पररषदों द्वारा अनप
ु ालन सनु नक्श्िर् करना।
 ननज चिक्रकत्सा सींस्थानों में 50% स्थानों हे र्ु िल्
ु क ननधातरर् करने के शलए ददिाननदे ि जारी करना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् य चिक्रकत्सा पररषद (MCI) के बारे में
2. राष्ट्रीय चिक्रकत्सा आयोग (NMC) के बारे में
3. गदठर् स्वायत्त बोडत के बारे में
4. NMC के कायत
5. NMC की सींरिना
में स मलिंक:
नवगदठर् राष्ट्रीय चिक्रकत्सा आयोग (NMC) की भशू मकाओीं एवीं कायों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
2. गग
ू ल द्वारा ‘प्रभावी जस्थतत’ के दरु
ु पयोग पर जािंच
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (Competition Commission of India-CCI) द्वारा गग
ू ल पे के
सिंदभा में अपनी प्रभावी जस्थतत (Dominant Position) का दरु
ु पयोग करने के शलए इींटरनेट क्षेत्र की ददग्गज
कींपन गग
ू ल के खखलाफ ववस्र्र्
ृ जाींि का आदे ि ददया गया है ।
गग
ू ल के ववरुद्ध मामला
गग
ू ल पर अपन प्रभाव क्स्थनर् के दरु
ु पयोग से सींबचीं धर् कई उदाहरर् है , क्जनमे एींड्राइड स्माटत फोंस में गग
ू ल
पे (GPay) का पहले से ही इींस्टालेिन र्था ऐप के माध्यम से भग
ु र्ान के शलए डेवलपसत द्वारा भग
ु र्ान की
ववचध के रूप में गग
ू ल पे का उपयोग, आदद िाशमल हैं।
आगे की रा
भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (CCI) का प्रथम दृष्ट्टया वविार है क्रक कींपन ने अचधननयम के अनच्
ु छे द 4 के ववशभन्न
प्रावधानों का उल्लींघन क्रकया है । इन सारे पहलओ
ु ीं पर एक ववस्र्र्
ृ जाींि की आवश्यकर्ा है ।
प्रततस्पधाा अगधतनयम का अनच्
ु छे द 4 बाजार में अपन प्रभाव क्स्थनर् के दरु
ु पयोग से सींबचीं धर् है ।
भारतीय प्रततस्पधाा आयोग
भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (CCI), भारर् सरकार का एक सािंववगधक तनकाय है । यह सींपर्
ू त भारर् में प्रनर्स्पद्तधा
अचधननयम, 2002 (Competition Act, 2002) के प्रवर्तन और प्रनर्स्पधात पर प्रनर्कूल प्रभाव डालने वाली
गनर्ववचधयों को रोकने के शलए उत्तरदाय है ।
प्रततस्पधाा आयोग के काया:
1. भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग का कायत, प्रनर्स्पद्तधा पर प्रनर्कूल प्रभाव डालने वाले अभ्यासों को समाप्र्
करना, प्रनर्स्पद्तधा को बढ़ावा दे ना और उसे जारी रखना, उपभोतर्ाओीं के दहर्ों की रक्षा करना र्था
भारर् य बाज़ारों में व्यापार की स्वर्ींत्रर्ा सनु नक्श्िर् करना है ।

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68

2. आयोग, क्रकस क़ानन


ू के र्हर् स्थावपर् क्रकस साींववचधक प्राचधकरर् से प्राप्र् सींदभत पर प्रनर्स्पद्तधा
सींबध
ीं ववषयों पर परामित प्रदान करर्ा है , र्था प्रनर्स्पद्तधा की भावना को सींपोवषर् करर्ा है ।
3. इसके अनर्ररतर्, आयोग द्वारा सावतजननक जागरूकर्ा पैदा करने सींबध
ीं कायत एवीं प्रनर्स्पद्तधा के ववषयों
पर प्रशिक्षर् भ प्रदान क्रकया जार्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (CCI) के बारे में
2. कायत
3. प्रनर्योचगर्ा अचधननयम, 2002 का अवलोकन
4. CCI के आदे िों के खखलाफ अप ल
में स मलिंक:
दे ि में प्रनर्स्पधात कानन
ू क्रकस प्रकार लागू क्रकया जार्ा है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8A7UU204.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. राष्ट्रीय ररत अगधकरण में ववशेषज्ञ सदस्यों की तनयजु क्त े तु उच्चतम न्यायालय का तनदे श
सिंदभा: हाल ही में , उच्िर्म न्यायालय द्वारा ‘पयाावरण, वन एविं जलवायु पररवतान मिंत्रालय’ (MOEFCC) को
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् (National Green Tribunal- NGT) में ररतर् पदों पर लींबबर् ननयक्ु तर्यों की प्रक्रक्रया
को र्ेज करने का ननदे ि ददया गया है । न्यायालय ने प्रक्रक्रया परू ी करने हे र्ु िार सप्र्ाह का समय ददया है ।
सिंबगिं धत प्रकरण
उच्िर्म न्यायालय में दाखखल की गय याचिका में याचिकाकर्ातओीं ने दावा क्रकया है , क्रक राष्ट्रीय हररर्
अचधकरर् (NGT) में वविेषज्ञ सदस्यों की ननयक्ु तर्याीं, ननयक्ु तर् सशमनर् के समक्ष शसर्ींबर से लींबबर् है ।
राष्ट्रीय ररत अगधकरण (NGT) के बारे में :
 राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् (National Green Tribunal- NGT) की स्थापना 18 अक्तब
ू र, 2010 को राष्ट्रीय
ररत अगधकरण अगधतनयम, 2010 के र्हर् की गई थ ।
 इसकी स्थापना, पयातवरर् बिाव और वन सींरक्षर् और अन्य प्राकृनर्क सींसाधन सदहर् पयातवरर् से
े़
सींबचीं धर् क्रकस भ कानन
ू अचधकार के प्रवर्तन और इससे जुडे हुए मामलों का प्रभावी एविं त्वररत तनपटान
करने हे र्ु की गय है ।
 अचधकरर् की मख्
ु य पीठ नई हदल्ली में है , जबक्रक अन्य चार क्षेत्रीय पीठ भोपाल, पर्
ु े, कोलकार्ा एवीं
िेन्नई में क्स्थर् हैं।
 यह अचधकरर् मसववल प्रकिया सिंह ता, 1908 के त त तनधााररत प्रकिया से बाध्य न ीिं है , र्था यह
प्राकृततक न्याय के मसद्धािंतों से ननदे शिर् होगा।
 अचधकरर् के शलए, आवेदनों और याचिकाओीं को, उनके दायर ककये जाने से 6 मा के भीतर, तनपटान
करने का अगधदे श ददया गया है ।

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69

राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् की स्थापना के साथ भारर् ‘ववशेष पयाावरण न्यायागधकरण’ स्थावपर् करने वाला ववश्व
में ऑस्रे मलया और न्यज
ू ीलैंि के बाद तीसरा दे श तथा प ला ववकासशील दे श बन गया है ।
राष्ट्रीय ररत अगधकरण की सिंरचना:
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर्, में एक पण
ू क
ा ामलक अध्यक्ष और न्यन
ू तम 10 तथा अगधकतम 20 पण
ू क
ा ामलक न्यातयक
एविं ववशेषज्ञ सदस्य होर्े हैं।
अध्यक्ष: इस अचधकरर् का प्रिासननक प्रमख
ु होर्ा है र्था वह न्यानयक सदस्य के रूप में भ कायत करर्ा है ।
अध्यक्ष पद पर ननयत
ु र् क्रकये जाने वाले व्यक्तर् के शलए उच्च न्यायालय का सेवारत अथवा सेवातनवत्त
ृ मख्
ु य
न्यायाधीश या भारत के सवोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना आवश्यक है ।
सदस्यों का चयन:
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् के सदस्यों को एक ियन सशमनर् (भारर् के सवोच्ि न्यायालय के एक न्यायाध ि की
अध्यक्षर्ा में) द्वारा िुना जार्ा है । यह सशमनर् सभ आवेदनों की सम क्षा करर् है और साक्षात्कार आयोक्जर्
करर् है ।
न्यातयक सदस्यों के रूप में उच्ि न्यायालय के न्यायाध ि या सेवाननवत्त
ृ न्यायाध िों का ियन क्रकया जार्ा है ।
ववशेषज्ञ सदस्यों के रूप में ियननर् होने क शलए आवेदकों को, भारर् सरकार के अनर्ररतर् सचिव या उससे
ऊपर के पद पर कायतरर् अथवा सेवाननवर्
ृ नौकरिाह; राज्य सरकार के अध न सेवारर् प्रधान सचिव पद पर
कायतरर् अथवा सेवाननवर्
ृ नौकरिाह र्था पयातवरर् य मामलों से ननपटने का न्यन
ू र्म पाींि वषत का अनभ
ु व
होना िादहए। अथवा वविेषज्ञ सदस्य सदस्यों के पास सींबचीं धर् क्षेत्र में डॉतटरे ट डडग्र होना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NGT के बारे में
2. सींरिना
3. कायत
4. प्रमख
ु ननर्तय
में स मलिंक:
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् की भशू मकाओीं और कायों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:सरकारी न नर्यों और ववशभन्न क्षेत्रों में ववकास के शलये हस्र्क्षेप और उनके अशभकल्पन र्था कायातन्वयन
के कारर् उत्पन्न ववषय।
1. ‘प्रत्यपाण’ क्या ोता ै ? (What is Extradition?)
सिंदभा: हाल ही में , उच्िर्म न्यायालय ने भगोड़े व्यवसाय ववजय माल्या के वकील की उसे मामले से बरी करने
सींबध
ीं याचिका को खाररज कर ददया और केंद्र सरकार से छह हफ्र्े के अींदर ववजय माल्या को यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम
से भारर् को प्रत्यवपतर् क्रकए जाने सींबध
ीं प्रगनर् पर स्टे टस ररपोटत दायर करने को कहा है ।
पष्ट्ृ ठभमू म

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भारर्, मन लॉक्न्ड्रींग और धोखाधड़ के आरोपों की मामले में सन


ु वाई करने हे र्ु ववजय माल्या के प्रत्यपतर् के
शलए यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम पर दबाव बना रहा है । मई माह में , ववजय माल्या, बब्रदटि सप्र
ु म कोटत में भारर् को
प्रत्यपतर् क्रकये जाने के ववरुद्ध दायर अप ल में हार गया था।
हालाँक्रक, बब्रदटि सरकार से प्राप्र् सींकेर्ों के अनस
ु ार, माल्या को जल्दी ही प्रत्यवपतर् क्रकए जाने की सींभावना नहीीं
है । बब्रदटि सरकार का कहना है , क्रक उसके प्रत्यपतर् से पहले एक कानन
ू मद्
ु दा हल क्रकया जाना बाकी है ।
‘प्रत्यपाण’ क्या ोता ै?
भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गयी पररभाषा के अनस
ु ार- 'प्रत्यपतर्, एक दे ि द्वारा दस
ू रे दे ि में क्रकये
गए क्रकस अपराध में अशभयत
ु र् अथवा दोष ठहराए गए व्यक्तर्यो को सींबचीं धर् दे ि के शलए सौपना है , विर्े
वह अपराध उस दे ि की अदालर् द्वारा न्यायोचिर् हो।
प्रत्यपाण कायावा ी की प्रकिया
क्रकस अशभयत
ु र् के शलए प्रत्यपतर् सींबध
ीं कायतवाही को जाींि अथवा सन
ु वाई के दौरान र्था सजायाफ्र्ा अपराचधयों
के मामले में िरू
ु क्रकया जा सकर्ा है ।
 मामले में जाींि के दौरान अशभयत
ु र् के प्रत्यपतर् के शलए कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों को अत्याचधक सावधान
बरर्ने की आवश्यकर्ा होर् है ।
 कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों के पास ववदे ि अदालर् में अशभयत
ु र् के खखलाफ आरोपों को साबबर् करने वाले
प्रथम दृष्ट्टया अकार्टय सबर्
ू होना आवश्यक हैं।
भारत में प्रत्यपाण के मलए ववधायी आधार
भारतीय प्रत्यपाण अगधतनयम (Extradition Act),1962, भारर् में प्रत्यपतर् हे र्ु ववधाय आधार प्रदान करर्ा है ।
इस अचधननयम में भारर् से ववदे ि राज्यों में आपराचधक भगोड़ों के प्रत्यपतर् से सींबचीं धर् कानन
ू ों को समेक्रकर्
क्रकया गया है । वषत 1993 में भारतीय प्रत्यपाण अगधतनयम, 1962 को अगधतनयम 66 द्वारा सिंशोगधत क्रकया
गया था।
भारत में प्रत्यपाण का नोिल प्रागधकरण
कॉन्सल
ु र, पासपोटत और व ज़ा (CPV) प्रभाग, ववदे ि मींत्रालय, भारर् सरकार, प्रत्यपतर् अचधननयम का प्रवर्तन करने
के शलए केंद्रीय / नोडल प्राचधकरर् है । यह ननवर्तमान प्रत्यपतर् अनरु ोधों को सींसाचधर् करर्ा है ।
प्रत्यपाण के मलए प्रततबिंध
क्रकस अशभयत
ु र् को ननम्नशलखखर् मामलों में अनरु ोध करने वाले राष्ट्र को प्रत्यवपतर् नहीीं क्रकया जा सकर्ा है :
1. कोई सिंगध न ीिं ोने पर (No treaty) - सींचध के अभाव में , दे ि, एशलयींस/नागररकों के प्रत्यपतर् के शलए
बाध्य नहीीं होर्े हैं।
2. सिंगध में शाममल अपराध न ीिं ोने पर (No treaty crime) - आम र्ौर पर, प्रत्यपतर् सींचध में चिक्ह्नर्
अपराधों र्क ही स शमर् होर्े है , र्था यह सींचध में भाग दार दे िों के परस्पर सींबध
ीं ो के अनस
ु ार शभन्न
हो सकर्े हैं।

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3. सैन्य और राजनीततक अपराध - वविद्


ु ध रूप से सैन्य और राजन नर्क अपराधों के सींबध
ीं में प्रत्यपतर्
से इींकार क्रकया जा सकर्ा है। आर्ींकवादी अपराधों और दहींसक अपराधों को प्रत्यपतर् सींचधयों के प्रयोजनों
हे र्ु राजन नर्क अपराधों की पररभाषा से बाहर रखा गया है ।
4. दो री आपरागधकता का अमभयक्
ु त ोने पर (Want of Dual Criminality) – जब कोई अशभयत
ु र् क्रकस
अपराध के भारर् और अन्य दे ि, दोनों में वाींनछर् होर्ा है ।
5. प्रकियात्मक ववचार (Procedural considerations) - प्रत्यपतर् अचधननयम, 1962 द्वारा ननधातररर्
प्रक्रक्रया का पालन नहीीं क्रकए जाने पर प्रत्यपतर् से इींकार क्रकया जा सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. तया भारर् अपने नागररकों का प्रत्यपतर् करर्ा है ?
2. यदद कोई भगोड़ा अपराध भारर् में पाया जार्ा है र्ो चगरफ्र्ारी का वारीं ट प्राप्र् करने की तया प्रक्रक्रया
है ?
3. तया प्रत्यवपतर् क्रकए जाने के फैसले के खखलाफ कचथर् अपराध की अप ल की जा सकर् है ?
4. प्रत्यपतर् के शलए प्रनर्बींध तया हैं??
5. तया भारर् को अनींनर्म चगरफ्र्ारी अनरु ोध करने के शलए क्रकस ववदे ि दे ि के साथ सींचध की आवश्यकर्ा
है ?
6. भारर् की ओर से प्रत्यपतर् अनरु ोध कौन कर सकर्ा है?
में स मलिंक:
प्रत्यपतर् तया होर्ा है ? भारर् में प्रत्यपतर् के शलए ववधाय आधार पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GF17U4H9M.1&imageview=0.
https://mea.gov.in/extradition-faq-hi.htm
स्रोर्: द दहींद ू
2. प्रधानमिंत्री भारतीय जनऔषगध पररयोजना (PMBJP) (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushdhi Pariyojana)
सिंदभा: हाल ही में , केंद्रीय रसायन और उवतरक मींत्र द्वारा प्रधानमिंत्री भारतीय जन औषगध पररयोजना (PMBJP)
की सववस्र्ार सम क्षा बैठक की गय ।
 िालू ववत्त वषत के पहले सार् महीनों (31 अतटूबर र्क) के दौरान जन-आयष
ु दक
ु ानों के माध्यम से
358 करोड़ रुपये के फामात उत्पादों की बबक्री की गय ।
 2019-20 में 419 करोड़ रुपये के मक
ु ाबले इस ववत्त वषत में 600 करोड़ रुपये से अचधक के फामात उत्पादों
की बबक्री होने की सींभावना है
PMBJP के बारे में :
यह रसायन और उवतरक मींत्रालय के फामाास्यहु टकल्स ववभाग द्वारा िलाया गया एक अशभयान है ।
 इसके अींर्गतर् वविेष केंद्रों के माध्यम से आम लोगों को सस्र् कीमर् पर गर्
ु वत्ता वाली दवाएीं उपलब्ध
कराय जार् है । इन वविेष केंद्रों को प्रधान मिंत्री भारतीय जनऔषगध केंद्र के रूप में जाना जार्ा है ।

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72

 इस कायतक्रम की िरु
ु आर् वषत 2008 में की गय थ , र्था वषा 2015 में इस योजना को क्रफर से नए
रूप में क्रकया िरू
ु गया था।
कायाान्वयन
 इस योजना का कायातन्वयन ‘भारर् य फामात प एसयू ब्यरू ो’ (Bureau of Pharma PSUs of India- BPPI)
के द्वारा क्रकया जार्ा है ।
 भारर् य फामात प एसयू ब्यरू ो’ (BPPI) की स्थापना फामातस्यदु टकल ववभाग, भारर् सरकार के अींर्गतर् की
गई है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. इस योजना का आरीं भ कब क्रकया गया था?
2. इसका नाम पररवर्तन कब क्रकया गया?
3. यह योजना क्रकस मींत्रालय द्वारा िरू
ु की गई थ ?
4. BPPI के बारे में - स्थापना और कायत
5. जेनेररक दवाएीं तया है ?
में स मलिंक:
प्रधानमींत्र भारर् य जन औषचध योजना (PMBJP) की आवश्यकर्ा और महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
3. मध्यस्थता एविं सल
ु (सिंशोधन) अध्यादे श, 2020 (Arbitration and Conciliation (Amendment)
Ordinance)
सिंदभा: हाल ही में , राष्ट्रपनर् राम नाथ कोववींद द्वारा ‘मध्यस्थता एविं सल
ु अगधतनयम’ 1996 में सिंशोधन करने
के शलए ‘मध्यस्थता और सल
ु (सिंशोधन) अध्यादे श’ 2020 पर हस्र्ाक्षर कर ददए गए हैं।
‘मध्यस्थता और सल
ु (सिंशोधन) अध्यादे श’ 2020 के प्रमख
ु बबिंद:ु
इस अध्यादे ि में , ‘धोखाधड़ या भ्रष्ट्टािार से क्रकये जाने वाले मध्यस्थर्ा समझौर्े अथवा अनब
ु ध
ीं ों’ के मामले
में सिंबगिं धत पक्षकारों को ‘मध्यस्थता तनणाय’ के प्रवतान पर बबना शता ‘रोक’ (Stay) आदे श हदए जाने का प्रावधान
क्रकया गया है ।
 इसके अलावा, अध्यादे ि में मध्यस्थता अगधतनयम की 8 वीिं अनस
ु च
ू ी को तनरमसत कर ददया गया है ।
8व ीं अनस
ु ि
ू में मध्यस्थों (Arbitrators) की आवश्यक अहर्ात के प्रमार्न सींबध
ीं प्रावधान सक्म्मशलर्
थे।
 अध्यादे ि के द्वारा, मध्यस्थता अगधतनयम की धारा 36 में एक प्रावधान जोड़ा गया है जो 23 अतटूबर,
2015 से पव
ू व्त याप रूप से लागू होगा।
 इस सींिोधन के अनस
ु ार, यदद न्यायालय सींर्ष्ट्ु ट होर्ा है, क्रक सींबचीं धर् मामले में ददया गया ‘मध्यस्थर्ा
ननर्तय’, प्रथमदृष्ट्टया, ‘धोखाधड़ या भ्रष्ट्टािार से क्रकये जाने वाले मध्यस्थर्ा समझौर्े अथवा अनब
ु ध
ीं ों’
पर आधाररर् है , र्ो अदालर् अगधतनयम की धारा 34 के त त, प्रदान ककये गए ‘मध्यस्थता तनणाय’
पर अपील लिंबबत र ने तक बबना शता रोक लगा दे गी।

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73

पष्ट्ृ ठभमू म:
अभ र्क क्रकस मध्यस्थर्ा फैसले के खखलाफ कानन
ू की धारा 36 के र्हर् अप ल दायर क्रकए जाने के बावजूद
इसे लागू क्रकया जा सकर्ा था। हालाींक्रक, अदालर् उपयत
ु र् िर्ों के साथ इस पर स्थगन दे सकर् थ ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. मध्यस्थर्ा (Arbitration) तया होर् है ?
2. मध्यस्थर्ा एवीं सल
ु ह (सींिोधन) अचधननयम में क्रकये गए हाशलया सींिोधन
3. अींर्रराष्ट्रीय मध्यस्थर्ा केंद्र के बारे में
4. भारर् य मध्यस्थर्ा पररषद के बारे में
5. 1996 अचधननयम के र्हर् मध्यस्थों की ननयक्ु तर्
में स मलिंक:
मध्यस्थर्ा एवीं सल
ु ह (सींिोधन) अचधननयम के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/ordinance-to-ensure-that-
stakeholders-can-seek-stay-on-arbitral-awards/article33025948.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू

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4. राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अगधतनयम (NFSA) 2013 (National Food Security Act)
सिंदभा: हाल ही में , सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (NFSA) के र्हर् सही लाभाचथतयों की पहिान
करने के शलए 2013 से 4.39 करोड़ फजी रािन काडों को रद्द क्रकया गया है ।
राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अगधतनयम का उद्दे श्य
राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (National Food Security Act- NFSA) 2013 का उद्दे श्य एक गररमापर्
ू त
ज वन ज ने के शलए लोगों को वहन य मल्
ू यों पर अच्छी गर्
ु वत्र्ा के खाद्यान्न की पयातप्र् मात्रा उपलब्ध करार्े
हुए उन्हें मानव ज वन-िक्र दृक्ष्ट्टकोर् में खाद्य और पौषखर्क सरु क्षा प्रदान करना है ।
अगधतनयम की प्रमख
ु ववशेषताऐिं:
लक्षक्षत सावाजतनक ववतरण प्रणाली (TPDS) के त त कवरे ज और पात्रता: TPDS के अींर्गतर् 5 क्रकलोग्राम प्रनर्
व्यक्तर् प्रनर् माह की एक-समान हकदारी के साथ 75% ग्राम र् आबादी और 50% िहरी आबादी को कवर
क्रकया जाएगा। हालाींक्रक, मौजद
ू ा अींत्योदय अन्न योजना (AAY) में सक्म्मशलर् ननधतनर्म पररवारों की 35 क्रकलोग्राम
प्रनर् पररवार प्रनर् माह की हकदारी सनु नक्श्िर् रख जाएग ।
टीपीिीएस के अिंतगात राजस ायता प्राप्त मल्
ू य और उनमें सिंशोधन: इस अचधननयम के लागू होने की र्ारीख से
3 वषत की अवचध के शलए टीप ड एस के अींर्गतर् खाद्यान्न अथातर् ् िावल, गेहूीं और मोटा अनाज क्रमि: 3/2/1
रूपए प्रनर् क्रकलोग्राम के राजसहायर्ा प्राप्र् मल्
ू य पर उपलब्ध कराया जाएगा। र्दप
ु रान्र् इन मल्
ू यों को न्यन
ू र्म
समथतन मल्
ू य के साथ उचिर् रूप से जोड़ा जाएगा।
पररवारों की प चान: टीप ड एस के अींर्गतर् प्रत्येक राज्य के शलए ननधातररर् कवरे ज के दायरे में पात्र पररवारों
की पहिान सींबध
ीं कायत राज्यों/सींघ राज्य क्षेत्रों द्वारा क्रकया जाएगा।
मह लाओिं और बच्चों के मलए पोषण स ायता: गभतवर् मदहलाएीं और स्र्नपान कराने वाली मार्ाएीं र्था 6 माह
से लेकर 14 वषत र्क की आयु वगत के बच्िे एकीकृर् बाल ववकास सेवाओीं (आईस ड एस) और मध्याह्न भोजन
(एमड एम) स्कीमों के अींर्गतर् ननधातररर् पौषखर्क मानदण्डों के अनस
ु ार भोजन के हकदार होंगे । 6 वषत की
आयु र्क के कुपोवषर् बच्िों के शलए उच्ि स्र्र के पोषर् सींबध
ीं मानदण्ड ननधातररर् क्रकए गए हैं।
मह लाओिं और बच्चों को पोषण सिंबध
िं ी स ायता: 6 महीने से 14 वषत की आयु के बच्िों और गभतवर् मदहलाओीं
और स्र्नपान कराने वाली मार्ाओीं को एकीकृर् बाल ववकास सेवा (ICDS) और शमड-डे म ल (MDM) योजनाओीं
के र्हर् ननधातररर् पोषर् मानदीं डों के अनस
ु ार भोजन का अचधकार होगा। 6 वषत की आयु र्क के कुपोवषर् बच्िों
के शलए उच्ि पोषर् मानदीं ड ननधातररर् क्रकये गए है ।
मातत्ृ व लाभ: गभतवर् मदहलाओीं और स्र्नपान कराने वाली मार्ाओीं को 6,000 रु. का मार्त्ृ व लाभ भ प्रदान
क्रकया जाएगा।
मह ला सशक्तीकरण: रािन काडत जारी करने के उद्दे श्य से, पररवार में 18 वषत या उससे अचधक आयु की
मदहला को पररवार का मखु खया माना जाएगा।
मशकायत तनवारण तिंत्र: क्जला और राज्य स्र्र पर शिकायर् ननवारर् र्ींत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
खाद्यान्न की रखरखाव व पररव न लागत तथा उगचत मल्
ू य की दक
ु ान (FPS) व्यापाररयों का लाभ:

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राज्य के भ र्र खाद्यान्न के पररवहन पर खित, इसके रखरखाव र्था उचिर् मल्
ू य की दक
ु ान (FPS) व्यापाररयों
के लाभ को इस प्रयोजन हे र्ु र्ैयार क्रकए गए मानदीं डों के अनस
ु ार ननधातररर् क्रकया जाएगा, र्था उपरोतर् व्यय
को परू ा करने के राज्यों केंद्र सरकार द्वारा सहायर्ा प्रदान की जाएग ।
पारदमशाता और जवाबदे ी: पारदशितर्ा और जवाबदे ही सनु नक्श्िर् करने हे र्,ु प ड एस, सामाक्जक लेखापरीक्षा और
सर्कतर्ा सशमनर्यों के गठन से सींबचीं धर् ररकॉडत को ददखाए जाने सींबध
ीं प्रावधान क्रकए गए हैं।
खाद्य सरु क्षा भत्ता: उपयत
ु र् खाद्यान्न अथवा भोजन की आपनू र्त नहीीं होने की क्स्थनर् में , लाभाचथतयों के शलए
खाद्य सरु क्षा भत्ता का प्रावधान क्रकया गया है ।
दिं ि अथवा जुमााना: यदद कोई लोक सेवक या प्राचधकरर्, क्जला शिकायर् ननवारर् अचधकारी द्वारा अनि
ु शीं सर्
राहर् सहायर्ा प्रदान करने में ववफल रहर्ा है , र्ो प्रावधान के अनस
ु ार राज्य खाद्य आयोग द्वारा जुमातना
लगाया जाएगा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. TPDS के बारे में
2. योजना के र्हर् खाद्य सरु क्षा भत्ता क्रकसे प्रदान क्रकया जार्ा है ?
3. अचधननयम के र्हर् दीं ड प्रावधान
4. मार्त्ृ व लाभ सींबचीं धर् प्रावधान
5. एकीकृर् बाल ववकास सेवा (ICDS) योजना का अवलोकन
6. मध्याह्न भोजन (MDM) योजना का अवलोकन
7. योजना के र्हर् पात्र पररवारों की पहिान
में स मलिंक:
राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (NFSA), 2013 के महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब

5. सरकार द्वारा ₹ 1.19 लाख करोड़ के प्रोत्सा न पैकेज की घोषणा


सिंदभा: हाल ही में सरकार द्वारा अथतव्यवस्था में राहर् और प्रोत्साहन उपायों हे र्ु 1.19 लाख करोड़ रुपए के नए
पैकेज की घोषर्ा की गय है । इसे ‘आत्मतनभार भारत अमभयान 3.0’ का नाम ददया गया है ।
इन उपायों का म त्व:
वपछले सार् महीनों में इस र्रह के उपाय सरकार की 'राजकोषीय अपररवतानवाद' (Fiscal Conservatism) की
वविारधारा को सदृ
ु ढ़ कर रहे है - इसके वविारधारा के र्हर् ववकास का दितन, प्रत्यक्षर्ाः बड़े पैमाने पर नकदी
हस्र्ाींर्रर् के बजाय, घरे लू माींग को बढ़ावा दे ने, कींपननयों को रोजगार उत्पन्न करने और उत्पादन बढ़ाने हे र्ु
प्रोत्साहन दे ने और साथ ही कदठन ववपवत्तयों में फींसे व्यक्तर्यों र्था फमों के शलए लाभ प्रदान करने पर केंदद्रर्
होर्ा है ।

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पैकेज के प्रमख
ु घटक:

इन उपायों की आवश्यकता:
हाल ही में , भारर् य ररजवत बैंक (RBI) के व्यतर्व्य के अनस
ु ार- ववत्त य वषत 2020-21 की पहली छमाही के दौरान
दे ि ‘तकनीकी मिंदी’ (Technical Recession) में प्रवेि कर गया है ।
हालाींक्रक, आरब आई ने अथतव्यवस्था में यथोचिर् वद्
ृ चध की वापस होने सींबध
ीं भववष्ट्यवार् भ की है । यहाीं र्क
क्रक रे दटींग एजेंस मि
ू ीज इन्वेस्टर सववास ने भ भारर् के सींदभत में अपने ज ड प अनम
ु ानों को सकारात्मक ददिा
में सींिोचधर् क्रकया है ।
‘तकनीकी मिंदी’ क्या ोती ै ?
‘र्कन की मींदी’ (Technical Recession), वपछले दो ततमाह यों के दौरान सकल घरे लू उत्पाद (GDP) में लगातार
ोने वाली गगरावट को दिातर् है । ‘र्कन की मींदी’ अथाव्यवस्था में सिंकुचन का सिंकेतक होर् है , तयोंक्रक, GDP
क्रकस दे ि में , एक ववशिष्ट्ट अवचध के दौरान उत्पाददर् सभ वस्र्ओ
ु ीं और सेवाओीं की कीमर्ों को मापक होर्ा
है , अथातर्, ये अथतव्यवस्था में कुल व्यय को मापर्ा है ।
क्या भारत में ‘तकनीकी मिंदी’ अप्रत्यामशत थी?
 महामारी की समस्या के मद्दे नजर माित के महीने में र्ालाबींदी की घोषर्ा होर्े ही अचधकाींि अथतिाक्स्त्रयों
ने भारर् य अथतव्यवस्था के मींदी में िले जाने की आिींका व्यतर् की थ ।
 वास्र्व में , अचधकाींि अनम
ु ानों के अनस
ु ार, अथतव्यवस्था में कम से कम एक और नर्माही, अतटूबर से
ददसींबर, र्क सींकुिन होने की सींभावना है ।
मिंदी-काल की अवगध

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 आमर्ौर पर, मींदी कुछ नर्मादहयों र्क जारी रहर् है । यदद, यदद क्रकस अथतव्यवस्था में मींदी की अवचध
(Recessionary Phase) एक वषत या उससे अचधक र्क जारी रहर् है र्ो, इसे अथतव्यवस्था में म ामिंदी
(Depressions) कहा जार्ा है ।
 यद्यवप, क्रकस भ अथतव्यवस्था में महामींदी (Depressions) की क्स्थनर् काफी दल
ु भ
त होर् है और कम
ही दे ख जार् है । महामींदी की क्स्थनर्, आखखरी बार अमेररका में 1930 के दिक में दे ख गई थ ।
 वर्तमान पररदृश्य में , क्रकस भ अथतव्यवस्था को मींदी से बिने के शलए, कोववड-19 के प्रसरर् पर ननयींत्रर्
करना, एक ननर्ातयक कारक है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. मींदी से ननपटने हे र्ु सरकार द्वारा घोवषर् उपाय और योजनायें
2. ‘र्कन की मींदी’ तया होर् है ?
3. मींदी और महामींदी के मध्य अींर्र
में स मलिंक:
‘आत्मननभतर भारर् अशभयान’ तया है ? कोववड महामारी की र्रह सींकट के समय में आत्मननभतरर्ा और आत्म-
दक्षर्ा के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G417V9Q1P.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. राष्ट्रीय जनसिंख्या रजजस्टर (NPR) (National Population Register)
सिंदभा: भारर् के महापींज यक (Registrar General of India- RGI) के कायातलय द्वारा स्पष्ट्ट क्रकया गया है क्रक
राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (National Population Register - NPR) के सि
ू पत्र अथवा प्रश्नावली को ‘अींनर्म
रूप’ ददया जा रहा है र्था 2021 में होने वाली जनगर्ना के पहले िरर् की सींभाववर् नर्चथ के बारे में जानकारी
उपलब्ध नहीीं है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
हाल ही में , सच
ू ना के अगधकार अगधतनयम के र्हर् एक सवाल में जनगर्ना के पहले िरर् की सींभाववर् नर्चथ
– मकान सि
ू करर् और मकानों की गर्ना- राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR), क्जसे 1 अप्रैल से िरू
ु क्रकया
जाना था, पर अद्यर्न जानकारी माँग गय थ ।
इन दोनों को अप्रैल से शसर्ींबर के मध्य एक साथ आयोक्जर् क्रकया जाना था, क्रकीं र्ु महामारी के कारर् 25 माित
को अननक्श्िर् काल के शलए स्थचगर् कर ददया गया।
राष्ट्रीय जनसिंख्या रजजस्टर (NPR)
यह ‘दे श के सामान्य तनवामसयों’ की एक सच
ू ी होर् है।
 राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (National Population Register- NPR) को नागररकता कानन
ू , 1955 और
नागररकता (नागररकों का पिंजीकरण और राष्ट्रीय प चान-पत्र जारी करना) तनयम, 2003 के प्रावधानों
के अनस
ु ार स्थान य, उप-क्ज़ला, क्ज़ला, राज्य और राष्ट्रीय स्र्र पर र्ैयार क्रकया जार्ा है ।

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 राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR) में पींज करर् कराना भारर् के प्रत्येक ‘सामान्य तनवासी’ के शलये
अननवायत है ।
उद्दे श्य: दे ि के प्रत्येक आम नागररक की ववस्र्र्
ृ पहिान का डेटाबेस र्ैयार करना।
‘दे श के सामान्य तनवासी’ कौन ै?
गह
ृ मींत्रालय के अनस
ु ार, ‘दे ि का सामान्य ननवास ’ को ननम्नशलखखर् रूप से पररभावषर् क्रकया गया है - वह
व्यक्तर्, जो कम-से-कम वपछले छह महीनों से क्रकस स्थान य क्षेत्र में रहर्ा है अथवा अगले छह महीने या
उससे अचधक समय र्क के शलये क्रकस वविेष स्थान पर रहने का इरादा रखर्ा है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. नागररकर्ा से सींबचीं धर् सींवध
ै ाननक प्रावधान
2. NPR डेटा के घटक।
3. सामान्य ननवास कौन है ?
4. NPR कौन र्ैयार करर्ा है ?
5. कोई व्यक्तर् भारर् य नागररकर्ा कैसे प्राप्र् कर सकर्ा है ?
6. तया एक भारर् य नागररक दोहरी नागररकर्ा रख सकर्ा है ?
में स मलिंक:
राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR) के र्हर् डेटा सींग्रह के शलए राज्यों द्वारा ववरोध तयों क्रकया जा रहा है ।
ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G6D7VRMRS.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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7. रक्षा अगधग्र ण प्रकिया 2020 (Defence Acquisition Procedure- DAP) 2020


सिंदभा: भारर् य वायु सेना (IAF) द्वारा सेवा में िाशमल क्रकए जाने वाले स्वदे ि प्लेटफामों के पर्
ू र्
त याः ववकशसर्
होने र्क, लघु अवचध के शलए प्रशिक्षर् वाहनों र्था हल्के उपयोचगर्ा हे लीकॉप्टर (Light Utility Helicopters-
LUH) को लीज (lease) पर लेने का वविार क्रकया जा रहा है ।
हाल ही में जारी गय ‘रक्षा अगधग्र ण प्रकिया’ (Defence Procurement Procedure- DAP), 2020 में सैन्य
प्लेटफामों को लीज पर लेने की अनम
ु नर् ग गय है ।
DAP 2020 के बारे में :
रक्षा अचधग्रहर् प्रक्रक्रया (2020) को इस वषत शसर्ींबर में जारी क्रकया गया था। 1 अतटूबर से, नई न नर् के
द्वारा ‘रक्षा खरीद प्रकिया’ 2016 को समाप्त कर ददया गया।
नई नीतत की प्रमख
ु ववशेषताएिं:
1. स्वदे शी फमों के मलए आरक्षण:
न नर् में स्वदे ि फमों के शलए कई खरीद श्रेखर्याीं आरक्षक्षर् की गय हैं।
DAP 2020 में ‘भारतीय वविेता’ को ऐस कींपन के रूप में पररभावषर् क्रकया गया है , क्जसका स्वाशमत्व और
ननयींत्रर् ननवास भारर् य नागररकों के पास है और क्जसमें प्रत्यक्ष ववदे ि ननवेि (FDI) 49 प्रनर्िर् से अचधक
नहीीं है ।
2. नई खरीद (भारत में वैजश्वक-ववतनमााण) श्रेणी:
इसमें प्रौद्योचगकी हस्र्ाींर्रर् सदहर् भारर् में ववननशमतर् करने के आिय से की गय ववदे ि खरीद के समग्र
अनब
ु ध
ीं मल्
ू य के कम से कम 50 प्रनर्िर् भाग का स्वदे ि करर् क्रकए जाना अननवायत क्रकया गया है ।
1. अगधकतम स्वदे शी सामग्री का उपयोग:
इसमें लाइसेंस के र्हर् भारर् में ननशमतर् उपकरर्ों सदहर् हचथयारों और सैन्य खरीद के उपकरर्ों में अचथकर्म
स्वदे ि सामग्र के उपयोग को बढ़ावा ददया गया है । अचधकाींि अचधग्रहर् श्रेखर्यों में , रक्षा खरीद प्रक्रक्रया (DAP)
2016 की र्ल
ु ना में DAP-2020 में 10 प्रनर्िर् अचधक स्वदे ि करर् के अनब
ु ध
ीं िाशमल हैं।
2. आयात प्रततषेध सच
ू ी (Import embargo list):
ववगर् माह में सरकार द्वारा प्रवनर्तर् 101 वस्र्ओ
ु ीं की ‘आयार् प्रनर्षेध सि
ू ’ को रक्षा अचधग्रहर् प्रक्रक्रया 2020
में भ वविेष रूप से िाशमल क्रकया गया है । (व्यापार प्रनर्षेध एक सरकारी आदे ि होर्ा है , क्जसमे क्रकस ननददतष्ट्ट
दे ि से व्यापार अथवा ववशिष्ट्ट वस्र्ओ
ु ीं के आदान-प्रदान को प्रनर्बींचधर् क्रकया जार्ा है ।)
3. ऑफसेट दे यता:
सरकारी ननर्तय के अनस
ु ार- यदद अींर्र–सरकारी समझौर्े (IGA), सरकार–से–सरकार अथवा प्रारीं शभक एकल ववक्रेर्ा
के माध्यम से सौदा क्रकया जार्ा है , र्ो सरकार रक्षा उपकरर्ों की खरीद में ऑफसेट तलॉज का प्रावधान नहीीं
रखेग ।
ऑफसेट तलॉज़ के प्रावधान के र्हर् ववदे ि ववक्रेर्ा के शलए ‘अनब
ु ध
ीं मल्
ू य’ के एक भाग का ननवेि भारर् में
करना आवश्यक होर्ा है ।

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. ऑफसेट दे यर्ा तया है ?
2. आधार अनब
ु ध
ीं मल्
ू य तया है ?
में स मलिंक:
रक्षा अचधग्रहर् प्रक्रक्रया 2020 के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRESK.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
8. जम्म-ू कश्मीर का ‘रोशनी अगधतनयम’ (What is J&K’s Roshni Act?)
सिंदभा: हाल ही में , जम्म-ू कश्म र प्रिासन द्वारा रोशनी अगधतनयम (Roshni Act) के त त लाभागथायों की एक
सच
ू ी जारी की गय है ।
 इन लाभाचथतयों की सि
ू में पव
ू त मींत्र , और सेवाननवत्त
ृ शसववल सेवक भ िाशमल हैं।
 हाल ही में , सरकार द्वारा इस कानन
ू को अमान्य (null and void) घोवषर् कर ददया गया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
जम्म-ू कश्म र राज्य भशू म (कब्जाधारकों के शलए स्वाशमत्व अचधकार) अचधननयम (Jammu and Kashmir States
Land (vesting of ownership to the occupants) Act), को ‘रोशनी अगधनयम’ के नाम से भ जाना जार्ा
है । प्रायाः, इस अचधननयम के कायातन्वयन में अननयशमर्र्ाओीं से सींबचीं धर् आरोप लगाए जार्े रहे है । सरकार ने
हाल ही में , इस अचधननयम को अमान्य घोवषर् कर ददया है ।
‘रोमशनी अगधतनयम’ के बारे में :
इस अचधननयम को वषत 2001 में लागू क्रकया गया था, इसका उद्दे श्य अनचधकृर् भशू म को ननयशमर् करना था।
इस अचधननयम में , सरकार द्वारा ननधातररर् की गय कीमर् िुकाए जाने के पश्िार्, राज्य की भशू म पर
र्त्कालीन कब्जाधारकों के शलए स्वाममत्व अगधकारों को स्तािंतररत करने का प्रावधान क्रकया गया था।
 सरकार द्वारा, इस प्रकार प्राप्र् होने वाले राजस्व को पनबबजली पररयोजनाएिं शरू
ु करने पर, व्यय करने
का वविार क्रकया गया था, इस शलये इस अगधतनयम का नाम ‘रोशनी’ रख ददया गया।
 इसके अलावा, सींिोधनों के माध्यम से, सरकार द्वारा ककसानों को अगधकृत कृवष भमू म पर मफ्
ु त में
स्वाममत्व अगधकार प्रदान क्रकये गए, इसके शलए मात्र 100 रुपये प्रनर् कनाल, प्रलेखन िल्
ु क शलया गया।
इस अगधतनयम को ‘अमान्य’ करने सिंबध
िं ी कारण
 वषत 2009 में , राज्य सर्कतर्ा सींगठन द्वारा कई सरकारी अचधकाररयों के खखलाफ प्राथशमकी दजत की
गय थ , इन अचधकाररयों पर, रोिन अचधननयम के मानदीं डो को परू ा नहीीं करने वाले कब्जाधारकों को
गैरकानन
ू र्रीके से भशू म के स्वाशमत्व अचधकार प्रदान करने की आपराचधक साक्जि करने का आरोप
लगाए गए थे।
 वषत 2014 में, ननयींत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक ररपोटत के अनस
ु ार, वषत 2007 से वषत 2013
के ब ि, अनर्क्रशमर् भशू म के हस्र्ाींर्रर् से 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व प्राक्प्र् का लक्ष्य रखा गया
था, क्रकीं र्ु मात्र 76 करोड़ रुपये की प्राक्प्र् हुई थ । इस प्रकार इस क़ानन
ू का उद्दे श्य ही फेल हो गया।

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 ररपोटत में , राजनेर्ाओीं और प्रभाविाली लोगों को लाभ पहुींिाने के शलए, ‘स्थाय सशमनर्’ द्वारा र्य की
गई कीमर्ों में मनमान ढीं ग से कम क्रकये जाने सींबध
ीं अननयशमर्र्ाओीं को दोष ठहराया गया था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. रोिन अचधननयम तया है ?
2. अचधननयम की वविेषर्ाएीं
3. अचधननयम में सींिोधन
में स मलिंक:
जम्म-ू कश्म र का ‘रोिन अचधननयम’ तया है ? हाल ही में इसे तयों समाप्र् कर ददया गया? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2M80CBT9.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
9. उत्तर प्रदे श ववगध ववरुद्ध धमा समपररवतान प्रततषेध अध्यादे श 2020 (U.P. Unlawful Religious Conversion
Prohibition Ordinance, 2020)
सिंदभा: हाल ही में , उत्तर प्रदे ि सरकार द्वारा 'उत्तर प्रदे ि ववचध ववरुद्ध धमत समपररवर्तन प्रनर्षेध अध्यादे ि
2020' (U.P. Unlawful Religious Conversion Prohibition Ordinance, 2020) पाररर् क्रकया गया है ।
अध्यादे श का अवलोकन:
1. इसके र्हर्, वववाह के उद्दे श्य से क्रकए गए धमत-पररवर्तन को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है ।
2. ‘धमत-पररवर्तन का उद्दे श्य वववाह के शलए नहीीं था’, यह साबबत करने का दातयत्व ‘अमभयक्
ु त’
(Defendant) का ोगा।
3. धमत पररवर्तन के शलए जजलागधकारी से अनम
ु तत लेनी ोगी और इसके शलए दो म ीने का नोहटस दे ना
होगा।
4. यदद क्रकस मदहला द्वारा, मात्र वववाह के उद्दे श्य से धमत-पररवर्तन क्रकया जार्ा है , र्ो उस वववाह को
अमान्य घोवषर् क्रकया जाएगा।
दिं ि:
1. कानन
ू के प्रावधानों का उल्लींघन करने पर 15,000 के जम
ु ातने और न्यन
ू र्म एक साल की कारावास,
क्जसे पाींि साल र्क बढाया जा सकर्ा है , का दीं ड ददया जाएगा।
2. यदद क्रकस नाबाशलग मदहला अथवा अनस
ु चू िर् जानर् या अनस
ु चू िर् जनजानर् समद
ु ाय की मदहला का
उतर् गैरकानन
ू र्रीकों से धमत पररवर्तन कराया गया र्ो र् न से दस साल र्क की सजा के साथ कम
से कम 25,000 ₹ का जुमातना दे ना होगा।
3. इसके अनर्ररतर् अध्यादे ि में सामदू हक धमत पररवर्तन कराने वाले सींगठनों का रक्जस्रे िन रद्द करने
सदहर् कड़ कारत वाई करने सींबध
ीं प्रावधान क्रकए गए हैं।
इस क़ानन
ू से सिंबगिं धत वववाद
हाल ही में , इलाहाबाद उच्ि न्यायालय ने एक मामले (सलामर् अींसारी-वप्रयींका खरवार मामले) में ननर्तय सन
ु ार्े
हुए कहा क्रक, ककसी साथी को चुनने का अगधकार अथवा अपनी पसिंद के व्यजक्त के साथ र ने का अगधकार,

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नागररकों के ‘जीवन और स्वतिंत्रता सिंबध


िं ी मल
ू अगधकार’ का भाग ै । अदालर् के इस ननर्तय के अगले ददन ही
उत्तरप्रदे ि सरकार द्वारा यह अध्यादे ि लागू क्रकया गया है ।
अदालर् ने फैसले में यह भ कहा क्रक, अदालर् द्वारा इससे पहले ‘वववा े तु धमापररवतान अस्वीकरणीय ै’
बताया गया था, जो कक क़ानन
ू के रूप में उगचत न ीिं था।
अध्यादे श की आलोचना
 इस अध्यादे ि की कई कानन
ू ववद्वानों द्वारा र् ख आलोिना की गय है , इनका कहना है क्रक, 'लव
जज ाद' की अवधारणा का कोई भी सिंवध
ै ातनक या कानन
ू ी आधार न ीिं ै।
 ये सिंववधान के अनच्
ु छे द 21 का हवाला दे र्े हुए कहर्े हैं क्रक, सींववधान में नागररकों को अपन पसींद
के व्यक्तर् से वववाह करने का अचधकार ददया गया है ।
 इसके अलावा, अनच्
ु छे द 25 के त त, अींर्ाःकरर् की स्वर्ींत्रर्ा, अपन पसींद के धमत का पालन र्था
इच्छानस
ु ार धमत पररवर्तन करने और साथ ही क्रकस भ धमत को नहीीं मानने के अचधकार की गारीं टी
प्रदान की गय है ।
सिंबगिं धत गचिंताएिं और चुनौततयाँ
इस र्थाकचथर् नए 'लव क्जहाद' कानन
ू से सींबचीं धर् वास्र्ववक खर्रा इस क़ानन
ू की अस्पष्ट्टर्ा में है ।
 इस कानन
ू में "अनगु चत प्रभाव" (Undue Influence), "प्रलोभन" (Allurement) और "बल-पव
ू क
ा "
(Coercion) जैसे खल
ु ी बनावट वाले वातयाींिों का उपयोग क्रकया गया है ।
 वास्र्व में , ‘तया धमत पररवर्तन सि में मात्र वववाह के उद्दे श्य के शलए क्रकया गया है ?’ यह प्रश्न ही
मल
ू रूप से अस्पष्ट्ट है ।
 व्यक्तर्परक मल्
ू याींकन और इन सक्ष्
ू म वातयाींिों के अशभमल्
ू यन में है असली सींकट ननदहर् है – इसमें
मामले को परू ी तर से न्यायाधीश के वववेक पर छोड़ हदया गया ै।
उच्चतम न्यायालय के ववचार:
मलली थॉमस और सरला मद्
ु गल दोनों मामलों में भारर् के उच्िर्म न्यायालय ने पक्ु ष्ट्ट की है क्रक वास्र्ववक
आस्था के बबना और कुछ कानन
ू लाभ उठाने के उद्दे श्य से क्रकए गए धमत पररवर्तन का कोई आधार नहीीं है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अनच्
ु छे द 21 के बारे में
2. अनच्
ु छे द 25
3. सलामर् अींसारी-वप्रयींका खरवार मामले में इलाहाबाद उच्ि न्यायालय का ननर्तय
में स मलिंक:
क्रकस साथ को िुनने का अचधकार अथवा अपन पसींद के व्यक्तर् के साथ रहने का अचधकार, नागररकों के
‘ज वन और स्वर्ींत्रर्ा सींबध
ीं मल
ू अचधकार’ का भाग है। ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2L80FCH1.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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83

10. आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम (ESMA) (Essential Services Maintenance Act)
सिंदभा: उत्तर प्रदे ि सरकार द्वारा राज्य में आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम (Essential Services
Maintenance Act- ESMA) अथातर् एस्मा ऐक्ट की अवचध में ववस्र्ार कर ददया गया है । इसके र्हर् अगले
छह महीने र्क सभ ववभागों और ननगमों हड़र्ाल पर प्रनर्बींध रहे गा।
एस्मा ऐक्ट, 1968
आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम (Essential Services Maintenance Act- ESMA) अथातर् एस्मा ऐक्ट
भारर् की सींसद का एक अचधननयम है ।
उद्दे श्य: इस कानन
ू को सामान्य ज वन को प्रभाववर् करने वाली कुछ आवश्यक सेवाओीं के प्रनर्पादन को
सनु नक्श्िर् करने के शलए अचधननयशमर् क्रकया गया था।
 इनमें सावाजतनक पररव न (बस सेवा), स्वास्थ्य सेवाएिं (िॉक्टर और अस्पताल) जैस सेवाएीं िाशमल की
गय हैं।
 ESMA के र्हर् पशु लस को, अचधननयम के प्रावधानों का उल्लींघन करने वालों के शलए बबना ककसी वारिं ट
के गगरफ्तार करने की शजक्त प्रदान की गय है ।
कायाान्वयन:
आवश्यक सेवा अनरु क्षर् अचधननयम (ESMA), भारर् के सिंववधान की सातवीिं अनस
ु च
ू ी की समवती सच
ू ी में
प्रववजष्ट्ट सिंख्या 33 के त त सींसद द्वारा बनाया गया कानन
ू है ।
हालाींक्रक, यह एक बहुर् िक्तर्िाली कानन
ू है , क्रकीं र्ु इसका कियान्वयन परू ी तर से राज्य सरकार के वववेक पर
तनभार करर्ा है । भारर् सींघ में प्रत्येक राज्य में , केंद्रीय कानन
ू के प्रावधानों में कुछ शभन्नर्ा के साथ, राज्य
आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम हैं। राज्यों के शलए यह स्वर्ींत्रर्ा, इस केंद्रीय कानन
ू में ननदहर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. एस्मा ऐतट का क्रक्रयान्वयन
2. प्रमख
ु प्रावधान
3. समवर्ी सि
ू में प्रमख
ु ववषय
में स मलिंक:
आवश्यक सेवा अनरु क्षर् अचधननयम (ESMA) के कायातन्वयन से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GMD80ISG6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:केन्द्र एवीं राज्यों द्वारा जनसींख्या के अनर् सींवद


े नि ल वगों के शलये कल्यार्कारी योजनाएँ और इन
योजनाओीं का कायत-ननष्ट्पादन; इन अनर् सींवेदनि ल वगों की रक्षा एवीं बेहर्री के शलये गदठर् र्ींत्र, ववचध, सींस्थान
एवीं ननकाय।
1. सरना आहदवामसयों के मलए एक झारखिंि में पथ
ृ क धाममाक कोि

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सिंदभा: हाल ही में , झारखींड सरकार द्वारा सरना धमा को मान्यता दे ने और 2021 की जनगणना में एक पथ
ृ क
कोि के रूप में सजम्ममलत करने के मलए एक प्रस्ताव पाररत ककया गया ै । इस पप्रस्र्ाव को केंद्र सरकार के
पास भेजा जाएगा।
‘सरना धमा’ क्या ै?
‘सरना धमत’ के ववश्वास के मल
ू र्त्व "जल, जिंगल, जमीन" हैं और इसके अनय
ु ाय वक्ष
ृ ों और प ाडड़यों की पज
ू ा
करते ैं तथा वन क्षेत्रों की रक्षा करने में ववश्वास करर्े हैं।
ऐसा माना जार्ा है , क्रक 2011 की जनगर्ना में समस्र् दे ि के 50 लाख आददवाशसयों ने अपने धमत को ‘सरना’
घोवषर् क्रकया था, यद्यवप जनगर्ना में ऐसा कोई कोड नहीीं था।
वतामान वववाद का ववषय
इस धमत को मानने वाले कई आददवास बाद में धमा पररवततात कर ‘ईसाई’ बन गए ैं- राज्य की कुल आबादी
में लगभग 4% से अचधक ईसाई हैं, क्जनमें से अचधकाींि आददवास हैं।
 वर्तमान में वववाद का ववषय यह है , क्रक धमा पररवततात कर ‘ईसाई’ बने आहदवासी अल्पसिंख्यक के रूप
में आरक्षण का लाभ ले र े ैं और साथ ी अनस
ु गू चत जनजाततयों को ममलने वाले लाभ भी ले र े ैं।
 सरना धमत का पालन करने वाले आददवाशसयों का कहना हैं, क्रक अनस
ु गू चत जनजाततयों को ममलने वाले
लाभ धमा पररवततात कर ‘ईसाई’ बने लोगों को न दे कर केवल उन् ें ममलने चाह ए।
पथ
ृ क कोि की आवश्यकता
 राज्य में सरना आददवाशसयों की जनसींख्या वषत 1931 में कुल आबादी की 38.3 प्रनर्िर् थ , जो वषत
2011 में घटकर 26.02 प्रनर्िर् हो गई है । इसका एक कारर् दस
ू रे राज्यों में काम के शलए जाने वाले
आददवास भ थे, इन्हें राज्य की जनगर्ना में दजत नहीीं क्रकए गया था।
 अन्य राज्यों में इनकी गर्ना जनजानर् में रूप में नहीीं की जार् है ।
 इसशलए, एक पथ
ृ क कोि सरना आददवाशसयों को जनगर्ना में दजत क्रकया जाना सनु नक्श्िर् करे गा।
पथ
ृ क कोि का औगचत्य
1871 और 1951 के ब ि, जनगर्ना में आददवाशसयों के शलए एक पथ
ृ क कोड सक्म्मशलर् क्रकया जार्ा था, मगर,
1961-62 के आसपास इसमें पररवर्तन कर ददया गया।
 वविेषज्ञों का कहना है क्रक आज जब सम्पर्
ू त ववश्व में प्रदष
ू र् को कम करने और पयातवरर् की रक्षा
करने पर ध्यान ददया जा रहा है , र्ो ऐसे में सरना को धमत का दजात प्रदान करना दरू दिी ननर्तय होगा,
तयोंक्रक इस धमत का मल
ू र्त्व प्रकृनर् और पयातवरर् की रक्षा करना है ।
 इनकी भाषा और इनर्हास का सींरक्षर् भ आददवाशसयों से जुड़ा एक महत्वपर्
ू त पहलू है ।
 यदद केंद्र ने नए सरना कोि को मींजूरी प्रदान कर दे र्ा है वषत 2021 में होने वाली जनगर्ना में एक
नए धमत के शलए स्थान दे ना होगा।
 वर्तमान में , जनगर्ना के प्रारूप में नागररक केवल छ धमों, दहींद,ू इस्लाम, ईसाई, शसख, बौद्ध और जैन
में से क्रकस एक को अपना धमत घोवषर् कर सकर्े हैं।

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. एक पथ
ृ क कोड के ननदहर्ाथत
2. सरना आददवाशसयों के बारे में
3. सरना आददवाशसयों की आस्था और ववश्वास
में स मलिंक:
एक पथ
ृ क कोि का क्या औगचत्य ै ? सरना समद
ु ाय द्वारा इसे एक अलग धमत के रूप में मान्यर्ा दे ने और
2021 की जनगर्ना में एक अलग कोड के रूप में िाशमल करने की माींगों के सींदभत में ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/why-jharkhand-is-seeking-a-separate-religious-code-for-
sarna-tribals-7048700/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. अनस
ु गू चत जातत एविं अन्य पारिं पररक वनवासी (वन अगधकार मान्यता) अगधतनयम, 2006
(The Scheduled Tribes and Other Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006)
सिंदभा: हाल ही में , कनातटक के मैसरू क्जले के 1,000 से अचधक आददवाशसयों द्वारा ‘अनस
ु गू चत जातत एविं अन्य
पारिं पररक वनवासी (वन अगधकार मान्यता) अगधतनयम, 2006’ (The Scheduled Tribes and Other Forest
Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006) के र्हर् वन भशू म पर उनके दावों की मान्यर्ा प्रदान
करने हे र्ु सम क्षा याचिका दायर की गय थ , क्जसे स्थान य अचधकाररयों द्वारा खाररज कर ददया गया।
आहदवामसयों की यागचकाएिं रद्द करने का कारण
आददवास , वन के अींदर अपने ननवास सींबध
ीं दावों को साबबर् करने हे र्ु प्रमार् प्रस्र्र्
ु करने में ववफल रहे थे।
वविेषज्ञों ने इस र्रह के ननर्तयों पर चिींर्ा व्यतर् करर्े हुए कहा है - क्रक दे ि में जहाीं साक्ष्य और दस्र्ावेजों के
ररकॉडत को सींभाल कर रखना, आधनु नक समय की एक नव न व्यवस्था है , ऐसे में आददवाशसयों से 1972 में
उनके बेदखल होने से पहले के, वन के अींदर ननवास सींबध
ीं दावों को साबबर् करने हे र्ु प्रमार् प्रस्र्र्
ु करना
हास्यास्पद है और यह प्राकृततक न्याय की अवधारणा का उल्लिंघन है ।

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सिंबगिं धत प्रकरण
उच्िर्म न्यायालय द्वारा एक मामले की सन
ु वाई के दौरान वन अगधकार अगधतनयम (Forest Rights Acts-
FRA) की वैधर्ा पर सवाल उठार्े हुए एक आदे ि जारी क्रकया गया था, क्जसके अनप
ु ालन हे र्ु कनातटक सरकार
द्वारा जारी ननदे िों के र्हर् आददवाशसयों द्वारा क्रकये गए दावों की सम क्षा की गय थ ।
 वषत 2019 में सवोच्ि न्यायालय द्वारा परू े भारर् में लगभग दस लाख वनवाशसयों को वनों से बेदखल
करने का आदे ि ददया गया था। इन लोगों के दावे वन अगधकार अगधतनयम (FRA) के र्हर् खाररज
कर ददए गए थे।
 बाद में , अदालर् ने अपने पव
ू त आदे ि पर रोक लगा दी और सभ राज्य सरकारों के शलए सम क्षा
याचिका दायर करने और एक ररपोटत प्रस्र्र्
ु करने का ननदे ि ददया था।
इस प्रकरण में क्या ककया जा सकता था?
इन मामलों में अचधकाररयों के शलए पहले वनवाशसयों के अचधकारों को मान्यर्ा प्रदान करन िादहए थ ,
र्त्पश्िार्, इनके दावों को खाररज करने के बजाय पन
ु वातस के माध्यम से वैकक्ल्पक समाधान प्रदान क्रकया जा
सकर्ा था।
वन अगधकार अगधतनयम (FRA) के बारे में :
अनस
ु चू िर् जनजानर् एवीं अन्य पारीं पररक वन क्षेत्र के ननवाशसयों को (वन अचधकार मान्यर्ा) अचधननयम 2006
, क्जसे वन अगधकार अगधतनयम (Forest Rights Acts- FRA) भ कहा जार्ा है , वषत 2006 में पाररर् क्रकया गया
था। यह अचधननयम पारीं पररक वन वास समद
ु ायों के अचधकारों को कानन
ू मान्यर्ा प्रदान करर्ा है ।
अगधतनयम के त त अगधकार:
 स्वाममत्व अगधकार – वनवाशसयों अथवा आददवाशसयों द्वारा 13 ददसींबर 2005 र्क कृवष की जाने वाली
भशू म पर, जो क्रक 4 हेतटे यर से अचधक नहीीं होन िादहए, उतर् र्ारीख र्क वास्र्व में कृवष करने वाले
सींबचीं धर् पररवार को स्वाशमत्व अचधकार प्रदान क्रकए जाएींगे। अथातर्, कोई अन्य नय भशू म प्रदान नहीीं
की जाएग ।
 अगधकारों का उपयोग- वनवाशसयों अथवा आददवाशसयों के शलए, लघु वन उपज (स्वाशमत्व सदहर्),
िारागाह क्षेत्र, र्था पिि
ु ारक मागत सींबध
ीं अचधकार उपलब्ध होंगे।
 रा त और ववकास अगधकार - वनवाशसयों अथवा आददवाशसयों के शलए अवैध ननकास या बलपव
ू क

ववस्थापन के मामले में पन
ु वातस का अचधकार र्था वन सींरक्षर् हे र्ु प्रनर्बींधों के अध न बनु नयादी
सवु वधाओीं का अचधकार प्राप्र् होगा।
 वन प्रबिंधन अगधकार - जींगलों और वन्यज वों की रक्षा करने सींबध अचधकार होंगे।
पात्रता मापदिं ि:
वन अचधकार अचधननयम (FRA) की धारा 2(c) के अनस
ु ार, वनवासी अनस
ु गू चत जनजातत (Forest Dwelling
Scheduled Tribe - FDST) के रूप में अहतर्ा प्राप्र् करने और FRA के र्हर् अचधकारों की मान्यर्ा हे र्ु पात्र
होने के शलए, आवेदक द्वारा ननम्नशलखखर् र् न िर्ों को परू ा क्रकया जाना आवश्यक है ।

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व्यक्तर् अथवा समद


ु ाय:
1. अचधकार का दावा क्रकये जाने वाले क्षेत्र में अनस
ु चू िर् जनजानर् का सदस्य होना िादहए;
2. 13-12-2005 से पहले मल
ू रूप से वन अथवा वन भशू म का ननवास होना िादहए;
3. आज ववका हे र्ु वास्र्ववक रूप से वन अथवा वन भशू म पर ननभतर होना िादहए।
र्था, अन्य पारिं पररक वनवामसयों (Other Traditional Forest Dweller - OTFD) के रूप में अहतर्ा प्राप्र् करने
और FRA के र्हर् अचधकारों की मान्यर्ा हे र्ु पात्र होने के शलए, ननम्नशलखखर् दो िर्ों को परू ा करना आवश्यक
है :
व्यक्तर् अथवा समद
ु ाय:
1. जो 13 ददसम्बर, 2005 से पव
ू त कम से कम र् न प दढयों
े़ (75 वषत) र्क मल
ू रूप से वन या वन भशू म में
ननवास करर्ा हो।
2. आज ववका हे र्ु वास्र्ववक रूप से वन अथवा वन भशू म पर ननभतर हो।
म त्वपण
ू ा वन्यजीव वास स्थल:
महत्वपर्
ू त वन्यज व वास स्थलों (Critical Wildlife Habitats) को वन अगधकार अगधतनयम, 2006 के त त
पररभावषत ककया गया ै । इसके अनस
ु ार- ‘राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के कुछ क्षेत्रों को महत्वपर्
ू त वन्यज व
वास स्थल के रूप में घोवषर् क्रकया जार्ा है । इन क्षेत्रों को वन्यज व सींरक्षर् के उद्दे श्य से अक्षर् (inviolate)
रखने हे र्,ु मामलों के अनस
ु ार र्था वैज्ञाननक और ववशिष्ट्ट मानदीं डों के आधार पर वविेष रूप से और स्पष्ट्टर्या
ननधातररर् क्रकया जार्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पाींिव अनस
ु ि
ू के र्हर् क्षेत्रों को सक्म्मशलर् करने अथवा बदहष्ट्कृर् करने की िक्तर्
2. अनस
ु चू िर् क्षेत्र तया होर्े हैं?
3. वन अचधकार अचधननयम- प्रमख
ु प्रावधान
4. इस अचधननयम के र्हर् अचधकार
5. पात्रर्ा मानदीं ड
6. इन अचधकारों को मान्यर्ा दे ने में ग्राम सभा की भशू मका
7. महत्वपर्
ू त वन्यज व वास स्थल तया होर्े हैं?
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GE07VGUJI.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

3. म ात्मा गािंधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारिं टी योजना (MGNREGS)


सिंदभा: हाल ही में , शलबटे क इींडडया (LibTech India) द्वारा महात्मा गाींध राष्ट्रीय ग्राम र् रोजगार गारीं टी योजना
(Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme-MGNREGS) पर एक अध्ययन क्रकया गया
था, क्जसकी हाल ही में ररपोटत जारी की गई है ।
प्रमख
ु तनष्ट्कषा:

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 महात्मा गाींध राष्ट्रीय ग्राम र् रोजगार गारीं टी योजना (MGNREGS) पर तनभार अगधकािंश ग्रामीण श्रममकों
के मलए, उनका काम केवल कायत-स्थल पर ही समाप्र् नहीीं होर्ा है ।
 इनमे से कई श्रशमकों को अपनी मजदरू ी प्राप्त करने के मलए बैंकों के चक्कर लगाने के शलए मजबरू
क्रकया जार्ा है , जहाँ उन्हें भग
ु र्ान की बारीं बार नामींजरू ी, बायोमेदरक त्रदु टयों और गलर् जानकारी का
सामना करना पड़र्ा है , क्जसमें उन्हें क्रकराए-भाड़े में व्यय करना पड़र्ा है , इसके साथ ही उनकी आय
की हानन भ होर् है ।
 सामान्य क्स्थनर् में भ , ये अिंततम पड़ाव वाली चुनौततयािं श्रशमकों को समय पर ढीं ग से अपने स्वयीं की
मजदरू ी का उपयोग करना कदठन बना दे र् हैं।
 कोववड-19 महामारी के दौरान, यह क्स्थनर् और ख़राब हो गय तयोंक्रक इस दौरान पररवहन व्यवस्था
बाचधर् होने से बैंकों के ितकर लगाना कदठन हो गया और एक ग्राम र् बैंक में िारीररक-दरू ी बनाए
रखने का र्ो कोई सवाल ही नहीीं है ।
‘म ात्मा गािंधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारिं टी अगधतनयम’ (MGNREGA) के बारे में :
मनरे गा (MGNREGA) को भारर् सरकार द्वारा वषत 2005 में एक सामाक्जक उपाय के रूप में प्रस्र्र्
ु क्रकया गया
था। क्जसके अींर्गतर् ‘काम करने के अचधकार’ (Right to Work) की प्रदान की जार् है ।
इस सामाक्जक उपाय और श्रम कानन
ू का मख्
ु य शसद्धाींर् यह है क्रक स्थानीय सरकार को ग्रामीण भारत में
न्यन
ू तम 100 हदनों का वैततनक रोजगार प्रदान करना ोगा र्ाक्रक ग्राम र् श्रशमकों के ज वन स्र्र में वद्
ृ चध की
जा सके।
मनरे गा कायािम के प्रमख
ु उद्दे श्य:
1. मनरे गा कायतक्रम के र्हर् प्रत्येक पररवार के अकुिल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों के शलये
न्यन
ू र्म 100 ददन का वैर्ननक रोजगार।
2. ग्राम र् ननधतनों की आज ववका के आधार को सितर् करके सामाक्जक समावेिन सनु नक्श्िर् करना।
3. कुओीं, र्ालाबों, सड़कों और नहरों जैसे ग्राम र् क्षेत्रों में स्थाई पररसींपवत्त का ननमातर् करना।
4. ग्राम र् क्षेत्रों से होने वाले िहरी प्रवासन को कम करना।
5. अप्रशिक्षक्षर् ग्राम र् श्रम का उपयोग करके ग्राम र् अवसींरिना का ननमातर् करना।
मनरे गा योजना के त त लाभ प्राप्त करने े तु पात्रता मानदिं ि:
1. मनरे गा (MGNREGA) लाभ लेने के शलए भारर् का नागररक होना िादहए।
2. कायत हे र्ु आवेदन करने के शलए व्यक्तर् की आयु 18 वषत अथवा इससे अचधक होन िादहए।
3. आवेदक के शलए एक स्थान य पररवार का भाग होना िादहए (अथातर्, आवेदन स्थान य ग्राम पींिायर्
के माध्यम से क्रकया जाना िादहए)।
4. आवेदक को स्वेच्छा से अकुिल श्रम के शलए र्ैयार होना िादहए।
योजना से सिंबगिं धत प्रमख
ु तथ्य:

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1. इस योजना के सींपर्
ू त कायातन्वयन की ननगरान , ग्राम र् ववकास मींत्रालय (MRD), भारर् सरकार द्वारा
राज्य सरकारों के साथ शमलकर की जार् है ।
2. व्यक्तर्गर् लाभाथी-उन्मख
ु कायों को, अनस
ु चू िर् जानर्यों और अनस
ु चू िर् जनजानर्यों, लघु या स माींर्
क्रकसानों या भशू म सध
ु ार लाभाचथतयों र्था भारर् सरकार की इींददरा आवास योजना लाभाचथतयों के काडत
पर क्रकया जा सकर्ा है ।
3. आवेदन जमा करने के 15 ददनों के भ र्र या क्जस ददन से काम की माींग होर् है , उस ददन से आवेदक
को वैर्ननक रोजगार प्रदान क्रकया जाएगा।
4. रोजगार उपलब्ध नहीीं होने की क्स्थनर् में , आवेदन जमा करने के पींद्रह ददनों के भ र्र या काम की
माींग करने की नर्चथ से बेरोजगारी भत्ता पाने का अचधकार होगा।
5. मनरे गा के कायों का सामाक्जक लेखा-परीक्षर् (Social Audit) अननवायत है , क्जससे कायतक्रम में जवाबदे ही
और पारदशितर्ा सनु नक्श्िर् होर् है ।
6. मजदरू ी की माींग करने वालों के शलए अपन आवाज उठाने और शिकायर्ें दजत कराने के शलए ग्राम सभा
एक प्रमख
ु मींि है ।
7. मनरे गा के र्हर् कराए जाने वाले कायों को मींजूरी दे ने और उनकी प्राथशमकर्ा र्य करने का दानयत्व
ग्राम सभा और ग्राम पींिायर् का होर्ा है ।
ग्राम पिंचायत की भमू मका:
 पींज करर् के शलए आवेदन प्राप्र् करना
 पींज करर् आवेदनों का सत्यापन
 पररवारों का पींज करर् करना
 जॉब काडत (JCs)जारी करना
 काम के शलए आवेदन प्राप्र् करना
 काम की माींग करने वाले इन आवेदनों के शलए ददनाींक्रकर् रस दें जारी करना
 आवेदन जमा करने के पींद्रह ददनों के भ र्र या उस र्ारीख से काम आवींदटर् करना।
 कायों की पहिान और ननयोजन, उनकी प्राथशमकर्ा के क्रम के ननधातरर् सदहर् योजना बनाना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. मनरे गा के र्हर् ग्राम सभा, ग्राम पींिायर्, राज्यों, राज्य खाद्य आयोग, केंद्र की भशू मकाएँ तया हैं?
2. जॉब काडत तया हैं, जो उन्हें जारी करर्ा है ?
3. SEGF की स्थापना कौन करर्ा है ?
4. वैर्ननक रोजगार तया होर्ा है ?
5. सामाक्जक लेखा परीक्षर् क्रकसके द्वारा क्रकया जार्ा है ?
में स मलिंक:
मनरे गा की प्रमख
ु वविेषर्ाओीं और महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRESI.1&imageview=0.

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90

स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:स्वास््य, शिक्षा, मानव सींसाधनों से सींबचीं धर् सामाक्जक क्षेत्र/सेवाओीं के ववकास और प्रबींधन से सींबचीं धर्
ववषय।
1. बॉिी मास इिंिक्
े स (BMI) में भारतीय ककशोरों की जस्थतत
सिंदभा: हाल ही में , मेडडकल जनतल ‘द लािंसेट’ (The Lancet) में ववशभन्न दे िों के बॉड मास इींडत
े स (Body Mass
Index- BMI) की सम क्षा प्रकाशिर् हुई थ ।
लाींसेट द्वारा क्रकये गए अध्ययन में 200 दे िों से प्राप्र् वपछले 34 वषों के डेटा का ववश्लेषर् क्रकया गया था।
बॉिी मास इिंिक्
े स (BMI) क्या ोता ै?
बॉड मास इींडत
े स (BMI), क्रकस व्यक्तर् की ऊींिाई और वजन का अनप
ु ार् होर्ा है ।
 BMI की गर्ना व्यक्तर् के भार (क्रकग्रा) को उसकी उीं िाई (म टर) के वगत से ववभाक्जर् करके की जार्
है । अथातर्, बॉड मास इींडत
े स (BMI)= वजन / (लींबाई)2
 सामान्यर्ाः क्रकस स्वस्थ व्यजक्त का बॉिी मास इिंिक्
े स, 20 से 25 के मध्य होर्ा है ।
ररपोटा के भारत सिंबध
िं ी प्रमख
ु तनष्ट्कषा:
 अध्ययन में , भारर् को बॉड मास इींडत
े स (BMI) के सींदभत में 196 वािं स्थान प्रदान क्रकया गया है ।
 भारर् के 19 वषीय लड़के और लड़क्रकयों का बॉड मास इींडत
े स 20.1 है ।
 र्ल
ु नात्मक रूप से, ि न को लड़कों और
लडक्रकयों के बॉड मास इींडत
े स के सींदभत
में क्रमिाः 88 वाीं र्था 119 वाीं स्थान
ददया गया है , इसके लड़के और
लड़क्रकयों का बॉड मास इींडत
े स क्रमिाः
23 र्था 22.2 है ।
 भारर् को, 19 वषीय लड़के और
लड़क्रकयों के कम बॉिी मास इिंिक्
े स
वाले दे शों के समू में न िे से क्रमिाः
र् सरे और पाींिवें स्थान पर रखा गया
है ।
भारत के मलए गचिंता का ववषय:
 िूींक्रक, व्यक्तर् की ऊींिाई बॉड मास
इींडत
े स का घटक होर् है , इसका
स्वभाववक नर् जा यह है क्रक, भारर् य
क्रकिोर, ववश्व में सबसे कम ऊींिाई
वाले व्यक्तर्यों में आर्े हैं।

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91

 भारर् में सरकारी दावों के अनस


ु ार, भारर् य क्रकिोरों की कुपोषर् अथवा नाटे पन में एक दिक पव
ू त की
क्स्थर् से सध
ु ार हुआ है । ररपोटत के ये ननष्ट्कषत इन दावों को गलर् साबबर् करर्े है ।
 अध्ययन में , भारर् य क्रकिोरों की कम ऊींिाई के प छे कुपोषर् को सींभाववर् कारर् बर्ाया गया है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. BMI तया होर्ा है ?
2. ररपोटत में भारर् का प्रदितन
3. ररपोटत में भारर् और उसके पड़ोशसयों के प्रदितन का र्ल
ु नात्मक ववश्लेषर्
में स मलिंक:
भारर् में सरकारी दावों के अनस
ु ार, भारर् य क्रकिोरों की कुपोषर् अथवा नाटे पन में एक दिक पव
ू त की क्स्थर्
से सध
ु ार हुआ है । ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/m.timesofindia.com/city/mumbai/indian-teens-rank-low-on-bmi-
among-shortest/amp_articleshow/79072544.cms.
स्रोर्: टाइम्स ऑफ़ इींडडया
2. तनमोतनया और िायररया प्रगतत ररपोटा (Pneumonia and Diarrhoea Progress Report)
सिंदभा: ननमोननया और डायररया प्रगनर् ररपोटत , प्रनर्वषत अींर्रातष्ट्रीय वैतस न एतसेस सेंटर (International Vaccine
Access Centre- IVAC) द्वारा जारी की जार् है ।
इस वषा की ररपोटा के प्रमख
ु बबिंद:ु
 ननमोननया और डायररया के कारर् होने वाली बच्िों की मौर्ों को रोकने के शलए भारर् ने अपने
टीकाकरर् कवरे ज में महत्वपर्
ू त प्रगनर् की है ।
 हालाँक्रक, कुल शमलाकर ववश्व की स्वास््य प्रर्ाशलयाीं बच्िों के शलए ब मारी की रोकथाम और उपिार
सेवाओीं र्क पहुँि उपलब्ध कराने में पर्ू र्
त याः सफल नहीीं हो पा रही हैं, क्रफर भ भारत ने ररपोटा में
कवरे ज सिंबध
िं ी तनगरानी ककये जाने वाले पाँच टीकों में से तीन टीकों के मलए 90% कवरे ज का वैजश्वक
लक्ष्य ामसल कर मलया ै।
 ररपोटा में कवरे ज तनगरानी ककये जाने वाले टीके ै : डडप्थ ररया, पटुतशसस (काली खाींस ) और टे टनस
(DPT) वैतस न, खसरा-रोध वैतस न की पहली खुराक, हीमोक्रफलस इन्फ्लए
ु ज
ीं ा टाइप ब , न्यम
ू ोकोकल
कींजुगेट वैतस न (Pneumococcal Conjugate Vaccine- PCV) और रोटावायरस वैतस न।
 भारर् ने अभर्
ू पव
ू त र्रीके से राष्ट्रीय स्र्र पर रोटावायरस वैतस न का ‘100-ददवस य एजेंडा’ भ परू ा
कर शलया है । यह महत्वपर्
ू त वैतस न ववस्र्ार, रोटावायरस डायररया के जानलेवा मामलों में प्रनर्वषत 26
शमशलयन बच्िों को बिाने में मदद करे गा।
 हालाींक्रक, भारर् उपिार के शलए ननधातररर् सभ िार लक्ष्यों- स्र्नपान एवीं टीकाकरर्, दे खभाल की माींग
और एींटीबायोदटक दवाओीं, ओरल ररहाइड्रेिन सोल्यि
ू न (ORS) (ओआरएस), और क्जींक अनप
ु रू र्, को परू ा
करने में ववफल रहा है ।

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पष्ट्ृ ठभमू म- तनमोतनया और िायररया


ननमोननया और डायररया (Pneumonia and Diarrhoea) ववश्व में नवजार् शििओ
ु ीं की मौर्ों का सबसे बड़ा
कारर् है । 5 साल से कम उम्र के बच्िों की प्रनर्वषत होने वाली कुल मौर्ों में से 29 प्रनर्िर् अथवा 2 शमशलयन
से अचधक मौर्ें इन रोगों के कारर् होर् हैं। क्रफर भ , इन रोगों की रोकथाम और उपिार का स्र्र ववश्व में ,
वविेषकर गरीब आबादी के मध्य, काफी कम है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. ननमोननयाप्रकार -, कारर् और लक्षर्
2. एींटीजन बनाम एींटीबाड

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3. टीका कैसे काम करर्ा है ?


4. टीकों के प्रकार
5. DGCI के बारे में
6. भारर् में वैतस न की मींजूरी के शलए अपनाई जाने वाली प्रक्रक्रया
7. न्यम
ू ोकोकल पॉलीसेकेराइड कींजुगेट वैतस न के बारे में
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJG7V9MPT.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. ऑनलाइन मशक्षा की समस्यायों पर एक अध्ययन
सिंदभा: हाल ही में , अजीम प्रेमजी ववश्वववद्यालय द्वारा ई-लननंग की प्रभावकाररर्ा और इस र्क पहुींि पर एक
अध्ययन क्रकया गया था।
 इस अध्ययन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा के सींबध
ीं में बच्िों और शिक्षकों के अनभ
ु व की जाींि की गय ।
 ‘ऑनलाइन मशक्षा के ममथक’ (Myths of Online Education) ि षतक से यह अध्ययन पाँि राज्यों के
26 क्जलों में क्रकया गया र्था इसमें 1,522 स्कूलों को कवर क्रकया गया था।
अध्ययन के प्रमख
ु तनष्ट्कषा
 सरकारी स्कूलों में दाखखला लेने वाले 60% से अचधक उत्तरदार्ाओीं (Respondents) को ऑनलाइन शिक्षा
उपलब्ध नहीीं हुई थ ।
 ऑनलाइन कक्षाओीं के शलए स्माटत फोन की गैर-उपलब्धर्ा और अपयातप्र् सींख्या, और ऑनलाइन पढाई
के शलए ऐप्स का उपयोग करने में कदठनाई, छात्रों के ऑनलाइन कक्षाओीं में नहीीं पहुींिने के सबसे
महत्वपर्
ू त कारर् थे।
अध्ययन ररपोटा में व्यक्त की गयी गचिंताएिं
 ववकलाींग बच्िों के ऑनलाइन कक्षाओीं में भाग लेना सबसे कदठन था।
 ववकलाींग बच्िों के साथ काम करने वाले 90% शिक्षकों ने अपने छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओीं में भाग
लेने में असमथत पाया।
 सवेक्षर् में िाशमल लगभग 70% मार्ा-वपर्ा की राय थ क्रक ऑनलाइन कक्षाएीं प्रभाव नहीीं थ ीं और
इनके द्वारा उनके बच्िे की पढाई में कोई मदद नहीीं शमली।
 सवेक्षर् में िाशमल 80% से अचधक शिक्षकों के अनस
ु ार, वे ऑनलाइन कक्षाओीं के दौरान छात्रों के साथ
भावनात्मक जड़
ु ाव बनाए रखने में असमथत थे, जबक्रक 90% शिक्षकों ने महसस
ू क्रकया क्रक बच्िों की
पढाई का कोई साथतक मल्
ु याींकन सींभव नहीीं था।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G9S7VOH28.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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4. प्लाज्मा थेरेपी के अिंधाधध


ुिं प्रयोग पर भारतीय आयवु वाज्ञान अनस
ु ध
िं ान पररषद (ICMR) का ववरोध
सिंदभा: हाल ही में , भारतीय आयवु वाज्ञान अनस
ु ध
िं ान पररषद (Indian Council of Medical Research- ICMR)
द्वारा कोववड-19 के इलाज के शलए कान्वलेसट
िं प्लाज़्मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy-CPT) के
अींधाधध
ुीं इस्र्ेमाल के खखलाफ िेर्ावन जारी की गय है ।
कारण:
भारर् य आयवु वतज्ञान अनस
ु ध
ीं ान पररषद (ICMR) द्वारा कान्वलेसट
ीं प्लाज़्मा थेरेप (CPT) को कोववड की गींभ रर्ा
को फैलने से रोकने, अथवा कान्वलेसट
ीं प्लाज़्मा थेरेप प्राप्र् नहीीं करने वाले समह
ू की र्ल
ु ना में , ये थेरेप प्राप्र्
करने वाले समह
ू में होने वाली मौर्ों में कम करने में अप्रभाव पाया गया है ।
आगे की रा
 कान्वलेसट
ीं प्लाज़्मा थेरेप (CPT) के शलए ववशिष्ट्ट मानदीं डों सदहर् इस्र्ेमाल क्रकया जा सकर्ा है , क्जसमें
सींभाववर् प्रदार्ा में लक्षर्ों ददखने और उसके ठीक होने के 14 ददनों के बाद, वह प्लाज्मा दान कर
सकर्ा है ।
 एक सींभाववर् प्लाज़्मा प्राप्र्कर्ात में कोववड-19 िरु
ु आर् िरर् में होना िादहए (लक्षर्ों की िरु
ु आर् से
र् न से सार् ददन के मध्य, क्रकीं र्ु 10 ददनों से अचधक नहीीं) और उसके िरीर में उचिर् परीक्षर् द्वारा
प्राप्र् पररर्ामों में कोववड-19 के खखलाफ कोई IgG एींटीबॉड नहीीं पाय जान िादहए।
‘प्लाज्मा थेरेपी’ क्या ोती ै ?
प्लाज्मा, रतर् का एक र्रल भाग होर्ा है । सींक्रमर् से ठीक होने वाले रोचगयों के रतर् से ननकाले गए
कान्वलेसट
िं प्लाज़्मा (Convalescent plasma), सिंिमण के ववरुद्ध एिंटीबॉिीज का एक स्रोत होर्ा है ।
 इस थेरेप में कान्वलेसट
ीं प्लाज़्मा का प्रयोग अन्य रोचगयों को ठीक करने में क्रकया जार्ा है ।
 यह थेरेप कोववड-19 के शलए उपिार के शलए उपलब्ध ववकल्पों में से एक है । इसके र्हर् प्लाज्मा
दानकर्ातओीं को कोववड-19 सींक्रमर् से ठीक होने सींबचीं धर् प्रलेखखर् मामले के रूप में दजत होना िादहए
और सींक्रमर् के अींनर्म लक्षर्ों के समाप्र् होने के बाद 28 ददनों र्क स्वस्थ रहना आवश्यक होर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. टीकाकरर् और प्लाज्मा थेरेप के ब ि अींर्र?
2. अप्रनर्रोध प्रनर्रक्षर् तया है ?
3. एींटीबॉड और एींटीजन तया हैं?
4. चिक्रकत्सा में प्रथम नोबेल परु स्कार?
5. रतर्दान और प्लाज्मा दान के ब ि अींर्र।
में स मलिंक:
कान्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेप के महत्व पर ििात कीक्जए।

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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRET4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. राष्ट्रीय डिजजटल स्वास्थ्य ममशन (National Digital Health Mission)
सिंदभा: केंद्र सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय डिजजटल स्वास्थ्य ममशन’ को राष्ट्रीय स्र्र पर आरीं भ करने की र्ैयारी की
जा रही है ।
नव न डडक्जटल स्वास््य कायतक्रम का उद्दे श्य सभी नागररकों को सस्ती गचककत्सा स्वास्थ्य सवु वधाएिं उपलधध
कराना ै।
‘राष्ट्रीय डिजजटल स्वास्थ्य ममशन’ की शरु
ु आत
स्वर्ींत्रर्ा ददवस पर राष्ट्र को अपने सींबोधन में , प्रधानमींत्र द्वारा ‘राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन’ की घोषर्ा
की गय थ ।
इस योजना को प्रायोगगक पर िींड गढ़, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली र्था दमन और दीव, पड
ु ु िेरी, अींडमान और
ननकोबार द्व प समह
ू र्था लक्षद्व प, केंद्र शामसत प्रदे शों में िरू
ु गया था।
प्रमख
ु ववशेषताऐिं:
1. यह एक डडक्जटल स्वास््य पाररर्ींत्र है , क्जसके अींर्गतर् प्रत्येक भारर् य नागररक को एक यनू नक स्वास््य
पहिान पत्र ददया जायेगा क्जसमे व्यक्तर् के सभ डॉतटरों के साथ-साथ नैदाननक परीक्षर् और ननधातररर्
दवाओीं का अींकीकृर् स्वास््य ररकॉडत (Digitised Health Records) सक्म्मशलर् होगा।
2. यह नई योजना आयष्ट्ु मान भारत प्रधानमिंत्री जन आरोग्य योजना के र्हर् िरू
ु की जायेग ।

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3. इस योजना के छ प्रमख
ु घटक ैं - स्वास््य पहिान पत्र (HealthID), डडज डॉतटर (DigiDoctor),
स्वास््य सवु वधा रक्जस्री, व्यक्तर्गर् स्वास््य ररकॉडत, ई-फामेस और टे लीमेडडशसन।
4. दे ि में इस शमिन के डडजाइन, ननमातर्, र्था कायातन्वयन का दानयत्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रागधकरण
(National Health Authority) को सौंपा गया है ।
5. शमिन के मख्
ु य घटकों, े ल्थ आईिी, डिजीिॉक्टर और स्वास्थ्य सवु वधा रजजस्री को भारत सरकार के
स्वाममत्व में रखा जाएगा र्था इनके सींिालन और रखरखाव की क्जम्मेदारी भ भारर् सरकार की होग ।
6. तनजी साझेदारों को बाजार के शलए अपने उत्पादों का ननमातर् करने व समन्वय करने के शलए समान
अवसर ददया जाएगा। हालाींक्रक, मख्
ु य गततववगधयों तथा सत्यापन प्रकिया का अगधकार केवल सरकार के
पास रहे गा।
7. राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन के र्हर्, प्रत्येक भारर् य को एक हे ल्थ आईड काडत ददया जाएगा जो
े ल्थ अकाउिं ट के रूप में काया करे गा क्जसमें व्यक्तर् की वपछली चिक्रकत्सा क्स्थनर्यों, उपिार और ननदान
के बारे में भ जानकारी सक्म्मशलर् होंग ।
8. परामित हे र्ु अस्पर्ाल जाने पर, नागररक अपने डॉतटरों और स्वास््य दे खभाल प्रदार्ाओीं के शलए इस
डेटा के अवलोकन की अनम
ु नर् दे सकेंगे।
ममशन की आवश्यकता
इस शमिन का उद्दे श्य नागररकों के शलए सही डॉतटरों को खोजने, मल
ु ाकार् के समय, परामित िल्
ु क का भग
ु र्ान
करने, चिकत्स य नख्
ु सों के शलए अस्पर्ालों के ितकर लगाने से मक्ु तर् ददलाना है। इसके साथ ही यह लोगों के
शलए सवोत्तम सींभव स्वास््य सवु वधायें प्राप्र् करने के शलए एक सवु वज्ञ ननर्तय लेने में सक्षम बनायेगा।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन का अवलोकन
2. शमिन के घटक

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3. प्रस्र्ाववर् राष्ट्रीय स्वास््य पहिान पत्र


4. स्वास््य पहिान पत्र कौन जारी कर सकर्ा है ?
5. राष्ट्रीय स्वास््य न नर् 2017 की प्रमख
ु बबींद।ु
में स मलिंक:
राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GIM8032C4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. चापरे वायरस (Chapre Virus)
सिंदभा: हाल ही में , वैज्ञाननकों द्वारा एक और घार्क वायरस की खोज की गय है , क्जसे बोलीववया में चापरे
वायरस (Chapre Virus) के रूप में जाना जार्ा है ।
‘चापरे वायरस’ के बारे में :
यह, इबोला वायरस रोग (Ebola virus disease- EVD) फ़ैलाने के शलए क्जम्मेदार एरे नावायरस (Arenavirus)
पररवार का वायरस है , क्जसके कारर् चापरे रक्तस्रावी बख
ु ार (Chapare hemorrhagic fever- CHHF) फैलर्ा
है ।
इस वायरस सबसे पहले बोलीववया के ‘चापरे ’ (Chapare) प्रािंत में दे खा गया था, इस शलए इसे ‘िापरे वायरस’
नाम ददया गया है ।
लक्षण:
इसका सींक्रमर् होने पर इबोला जैसा रतर्स्राव बख
ु ार (Hemorrhagic Fevers) और साथ में पेट ददत , उल्टी, मसड़
ू ों
से खून ननकलने, त्विा पर छाले आने और आींखों के अींदर ददत , आदद लक्षर् ददखाई दे र्े हैं। वायरल रतर्स्राव
बख
ु ार एक गींभ र और जानलेवा ब मारी होर् है क्जससे िरीर के कई अींग प्रभाववर् हो सकर्े है और यह रतर्
वादहकाओीं को नक
ु सान पहुींिा सकर् है ।
प्रसरण:
िापरे वायरस जैसे एरे नावायरस, आमर्ौर पर िूहों द्वारा फैलर्े है । यह वायरस, सींक्रशमर् कीं ृ र्क ज वों के स धे
सींपकत, इनके मल या मत्र
ू के सींपकत में आने से, अथवा सींक्रशमर् व्यक्तर् के सींपकत से प्रसररर् होर्ा है ।
चापरे रक्तस्रावी बख
ु ार (CHHF) का उपचार
 िूींक्रक अभ इस ब मारी का इलाज करने के शलए कोई ववशिष्ट्ट दवाएीं उपलब्ध नहीीं हैं, इसशलए रोचगयों
को आमर्ौर पर इन्रावेनस र्रल पदाथत (Intravenous Fluids) जैसे सहायक उपिार व दे खभाल प्रदान
की जार् है ।
 इसके उपिार में , रोग के शलए, हाइड्रैिन (Hydration) को ननयशमर् रखना, र्रल पदाथो को ददया
जाना, बेहोि करने की प्रक्रक्रया, ददत -ननवारक, रतर्-आधान (Transfusions) आदद उपाय िाशमल क्रकये
जार्े हैं।
चापरे वायरस द्वारा उत्पन्न सिंकट

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वैज्ञाननकों के अनस
ु ार, कोरोनावायरस की र्ल
ु ना में िापरे वायरस की पहिान करना अचधक कदठन है , तयोंक्रक
यह श्वसन मागा से न ीिं फैलता है । िापरे वायरस केवल तरल पदाथों के सीधे सिंपका में आने से फैलर्ा है ।
 इस ब मारी से, सींक्रशमर् लोगों के ननकट सींपकत में आने वाले पररवार के सदस्यों र्था स्वास््य
कायतकर्ातओीं के सींक्रशमर् होने के सवातचधक जोखखम रहर्ा है ।
 इसके शलए आमर्ौर पर सबसे अचधक उष्ट्णकहटबिंधीय क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारी माना जार्ा है । यह
वविेष रूप से दक्षक्षर् अमेररका के कुछ दहस्सों में , जहाीं प्रायाः छोटे कान वाले वपग्मी राइस चू े पाए
जार्े हैं, इस ब मारी के फैलने का सबसे बड़ा खर्रा है ।
प्रीमलम्स और मेन्स मलिंक:
1. िापरे वायरस, प्रसार, उपिार और खर्रे ।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/explained-all-about-the-rare-
ebola-like-chapare-virus-that-can-spread-from-human-to-human-7055914/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
7. राष्ट्रपतत रम्प को कोववि-19 के ईलाज े तु दी गयी प्रायोगगक दवा को FDA की अनम
ु तत
सिंदभा: वपछले महीने राष्ट्रपनर् रम्प को कोववड-19 से सींक्रशमर् होने पर एक प्रायोचगक एींटीबॉड उपिार ददया
गया था। हाल ही में , खाद्य एविं औषगध प्रशासन (Food and Drug Administration- FDA) द्वारा इस प्रायोचगक
एींटीबॉड उपिार के आपातकालीन इस्तेमाल े तु अनम
ु तत प्रदान की गय है ।
दवा के बारे में :
 यह दवा, रे जेनेरॉन फामातस्यदू टकल्स (Regeneron Pharmaceuticals) द्वारा ननशमतर् की गय है ।
 यह दवाई, कामसरववमाब (Casirivimab) तथा इमिेववमाब (Imdevimab) नामक दो एिंटीबािीज का
शमश्रर् है ।
 इसे सिंिममत व्यजक्तयों को गिंभीर बीमारी ोने से बचाने े तु र्ैयार क्रकया गया है ।
 िरीर द्वारा अपन सरु क्षात्मक प्रनर्रक्षा प्रनर्क्रक्रया ववकशसर् करने की प्रर् क्षा के स्थान पर, य दवा
स्वतः ी शरीर में प्राकृततक सरु क्षा की प्रततकृतत के रूप में कायत करर् है ।
 मोनोतलोनल एींटीबॉड के नाम से जान जाने वाली य इस प्रकार की दस
ू री दवा ै - क्जसे कोववड-19
के इलाज के शलए मींजूरी प्रदान की गय है ।
मोनोक्लोनल एिंटीबॉिी क्या ैं?
 मोनोक्लोनल एिंटीबॉिी (Monoclonal Antibodies) एक प्रकार का प्रोटीन होर् हैं जो वायरस पर हमला
करने के शलए जो प्रनर्रक्षा प्रर्ाली में मानव एींटीबॉड की भाींनर् कायत करर् है ।
 ये मानव-तनममात प्रोटीन होर् हैं

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. एींटीबॉड तया होर् हैं?
2. एींटीजन तया होर्े हैं?
3. इम्यनू नटी शसस्टम हमारे िरीर में
क्रकस प्रकार कायत करर्ा है?
4. मोनोतलोनल एींटीबॉड तया हैं?
5. पॉलीतलोनल एींटीबॉड तया हैं?
में स मलिंक:
मोनोतलोनल एींटीबॉड तया होर् हैं? ये
क्रकस प्रकार कायत करर् है? ििात कीक्जए।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G4P808NB0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
8. पोषण अमभयान
सिंदभा: हाल ही में न नर् आयोग द्वारा पोषर् अशभयान पर एक सम क्षा ररपोटत जारी की गय है ।
ररपोटा में हदए गए सझ
ु ाव:
 केंद्र द्वारा वषत 2022 र्क नाटे पन, दब
ु ल
त र्ा और रतर्-अल्पर्ा को कम करने हे र्ु ननधातररर् लक्ष्यों को
परू ा करने के शलए इस कायतक्रम को आगे बढ़ाया जाना िादहए।
 एक पोषण प्लस रणनीतत के शलए, अशभयान में िार प्रमख
ु स्र्म्भों को सितर् बनाने के साथ ही
NHM/ICDS ववर्रर् र्ींत्र सींबध
ीं की िुनौनर्यों को दरू करने के अलावा अन्य सामाक्जक ननधातरकों पर
भ नए शसरे से ध्यान केंदद्रर् करने की आवश्यकर्ा है ।
 स्र्नपान के साथ-साथ परू क आहार प्रदान क्रकये जाने पर भ जोर ददया जाए। इससे भारर् में नाटे पन
के कुल मामलों में 60% से अचधक कम की जा सकर् है ।
पोषण अमभयान के बारे में :
 इस कायतक्रम को बच्चों, गभावती मह लाओिं और स्तनपान कराने वाली माताओिं के शलए पोषर् पररर्ामों
में सध
ु ार करने हे र्ु िरू
ु क्रकया गया है ।
 इस कायतक्रम को वषत 2022 र्क परू े क्रकये जाने वाले ववशिष्ट्ट लक्ष्यों सदहर् वषत 2018 में आरीं भ क्रकया
गया था।
इस कायािम का उद्दे श्य:
 बच्िों में नाटे पन और दब
ु ल
त र्ा में प्रनर्वषत 2% (वषत 2022 र्क कुल 6%) की कम करना।
 बच्िों, क्रकिोररयों और गभतवर् मदहलाओीं और स्र्नपान कराने वाली मार्ाओीं में प्रनर् वषत 3% (वषत
2022 र्क कुल 9%) रतर्-अल्पर्ा को कम करना।

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100

इस शमिन का लक्ष्य वषत 2022 र्क 0-6 साल आयु वगत के बच्िों में नाटे पन को 38.4% से 25% र्क कम
करना है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
पाींि साल के कम आयु के एक नर्हाई से अचधक बच्िे नाटे पन और दब
ु ल
त र्ा, र्था एक से िार आयु वगत के
40% बच्िे रतर्-अल्पर्ा से ग्रशसर् हैं। वषत 2016 में जारी क्रकये गए राष्ट्रीय पररवार स्वास््य सवेक्षर् 4 के
अनस
ु ार, 50% से अचधक गभतवर् और अन्य मदहलाओीं में रतर्-अल्पर्ा पाय गय ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पोषर् अशभयान के र्हर् लक्ष्य और उद्दे श्य।
में स मलिंक:
पोषर् अशभयान के उद्दे श्यों और महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2L80FCFU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:गरीब एवीं भख
ू से सींबचीं धर् ववषय।
ववषय:िासन व्यवस्था, पारदशितर्ा और जवाबदे ही के महत्त्वपर्
ू त पक्ष, ई-गवनेंस- अनप्र
ु योग, मॉडल, सफलर्ाएँ, स माएँ
और सींभावनाएँ; नागररक िाटत र, पारदशितर्ा एवीं जवाबदे ही और सींस्थागर् र्था अन्य उपाय।
1. टे लीववजन रे हटिंग पॉइिंट (TRP) मानदिं िों की समीक्षा े तु सममतत का गठन
हाल ही में , सि
ू ना और प्रसारर् मींत्रालय द्वारा टे लीववजन रे दटींग एजेंशसयों के शलए लागू ददिाननदे िों की सम क्षा
करने हे र्ु िार सदस्य य सशमनर् का गठन क्रकया गया है ।
इस सशमनर् की अध्यक्षर्ा प्रसार भारती के मख्
ु य कायाकारी अगधकारी शमश शेखर वेम्पती द्वारा की जाएग ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सि
ू ना और प्रसारर् मींत्रालय द्वारा द्वारा यह कदम मब
ुीं ई पशु लस की TRP मामले की जाींि के बाद उठाया
गया है । मब
ुीं ई पशु लस की जाींि के अनस
ु ार, कुछ समािार िैनलों द्वारा टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट के साथ छे ड़छाड़
की गय थ ।
नए हदशातनदे शों की आवश्यकता:
भारर् य दरू सींिार ववननयामक प्राचधकरर् (TRAI) द्वारा हाल ही में की गय शसफाररिों और र्कन की प्रगनर्
को ध्यान में रखर्े हुए और एक ववश्वसन य और पारदिी रे दटींग प्रर्ाली प्रक्रक्रयाओीं को अचधक सितर् बनाने
हे र्ु टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट (TRP) सींबध
ीं नए ददिाननदे िों की आवश्यकर्ा महसस
ू की गई है ।
टे लीववजन रे हटिंग पॉइिंट (TRP) क्या ोते ै?
 टे लीववज़न रे दटींग पॉइींर्टस (Television Rating Points- TRP), ववपर्न और ववज्ञापन एजेंशसयों द्वारा
क्रकस कायतक्रम अथवा िैनल को दे खने वालों की गर्ना करने हे र्ु उपयोग क्रकये जाने वाले मापक होर्े
हैं।
 TRP यह दिातर् है क्रक क्रकस सामाक्जक-आचथतक श्रेर् से क्रकर्ने लोगों द्वारा क्रकस वविेष अवचध के
दौरान क्रकर्ने समय र्क क्रकन िैनलों या प्रोग्राम को दे खा जार्ा है ।

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101

TRP की गणना ककस प्रकार की जाती ै?


भारर् में , TRP को ब्रॉिकास्ट ऑडियिंस ररसचा काउिं मसल द्वारा बार-ओ-मीटर (Bar-O-Meters) का उपयोग करके
ररकॉडत क्रकया जार्ा है ।
 इन बार-ओ-म टसत को ियननर् पररवारों के टीव सेट में लगाया जार्ा है ।
 ब्रॉडकास्ट ऑडडयींस ररसित काउीं शसल (BARC) द्वारा, अब र्क, दे ि भर में 44,000 घरों में बार-ओ-
म टसत लगाए गए हैं।
TRP का म त्व
 दितकों की गर्ना-आींकड़ों के आधार पर, टे लीववजन पर प्रसाररर् होने वाले ववशभन्न कायतक्रमों को रे दटींग्स
दी जार् है ।
 टे लीववज़न रे दटींग्स, दितकों के शलए बनाए गए कायतक्रमों को प्रभाववर् करर् हैं।
 बेहर्र रे दटींग क्रकस कायतक्रम को बढ़ावा दे र् है , जबक्रक खराब रे दटींग क्रकस कायतक्रम को हर्ोत्सादहर्
करर् है ।
 गलर् रे दटींग ददए जाने से वास्र्व में कम लोकवप्रय कायतक्रमों का प्रसारर् जारी रह सकर्ा है , जबक्रक
अच्छे कायतक्रमों का प्रसारर् रोआ जा सकर्ा है ।
 इसके अनर्ररतर्, ऐसा समझा जार्ा है क्रक, क्जस टीव िैनल अथवा कायतक्रम की रे दटींग सबसे ज्यादा
होग , उसे सबसे ज्यादा लोग दे खर्े होंगे।
 इसशलये ववज्ञापनदार्ा सवातचधक TRP वाले िैनलों/ कायतक्रमो के शलए ववज्ञापन दे ना पसींद करर्े हैं।
ब्रॉिकास्ट ऑडियिंस ररसचा काउिं मसल (BARC)
ब्रॉडकास्ट ऑडडयींस ररसित काउीं शसल (Broadcast Audience Research Council), ववज्ञापनदार्ाओीं, ववज्ञापन
एजेंशसयों और प्रसारर् कींपननयों के सींयत
ु र् स्वाशमत्व वाला एक औद्योचगक ननकाय है । क्जसका प्रनर्ननचधत्व द
इींडडयन सोसाइटी ऑफ एडवरटाइज़सत, इींडडयन ब्रॉडकाक्स्टीं ग फाउीं डेिन और एडवरटाइक्जींग एजेंस ज़ एसोशसएिन
ऑफ़ इींडडया द्वारा क्रकया जार्ा है ।
 इसका गठन वषत 2010 में क्रकया गया था।
 सि
ू ना एवीं प्रसारर् मींत्रालय द्वारा 10 जनवरी, 2014 को भारर् में टे लीववजन रे दटींग एजेंशसयों के शलए
न नर्गर् ददिाननदे िों को अचधसचू िर् क्रकया गया और इन ददिाननदे िों के र्हर् जल
ु ाई 2015 में BARC
को पिंजीकृत क्रकया गया।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. TRP तया है ?
2. TRP की गर्ना क्रकस प्रकार की जार् है ?
3. BARC तया है ?
में स मलिंक:
टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट (TRP) से आप तया समझर्े हैं? इसमें धाींधली कैसे हो सकर् है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GTU7UBIFJ.1&imageview=0

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102

स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:भारर् एवीं इसके पड़ोस - सींबध


ीं ।
1. गगलगगत-बाजल्टस्तान भारत का अमभन्न अिंग ै : ववदे श मिंत्रालय
(Gilgit-Baltistan a part of India, says MEA)
सिंदभा: पाक्रकस्र्ान ‘तथाकगथत गगलगगत-बाजल्टस्तान’ क्षेत्र को प्रािंतीय दजाा दे ने की योजना बना रहा है ।
नवीनतम घटनािम
 पाक्रकस्र्ान द्वारा इस महीने के अींर् र्क ‘चगलचगर्-बाक्ल्टस्र्ान’ में ववधान सभा िुनाव कराने की
घोषर्ा की गय है ।
 पाक्रकस्र्ान के सप्र
ु म कोटत द्वारा भ इस क्षेत्र में आम िुनाव कराने हे र्ु वषा 2018 के प्रशासतनक आदे श
में सिंशोधन करने की अनम
ु तत दी गय है ।
 गगलगगत-बाजल्टस्तान सरकार, आदे श 2018 के द्वारा क्षेत्र में प्रिासननक पररवर्तन क्रकये जाने सींबध
ीं
प्रावधान क्रकये गए है , क्जसके र्हर् पाक्रकस्र्ान के प्रधान मींत्र को ववशभन्न ववषयों पर कानन
ू बनाने के
शलए अचधकृर् क्रकया गया है।
भारत की प्रततकिया:
 भारर् द्वारा इस कदम को पाककस्तान द्वारा इस क्षेत्र पर ‘अवैध’ कधजे को तछपाने का का एक प्रयास
बताया गया ै।
 भारर् द्वारा स्पष्ट्ट क्रकया गया है क्रक 1947 के भारर् सींघ में राज्य-ववलय के वैधाननक और अखण्डन य
प्रावधानों के अनस
ु ार, सिंपण
ू ा केंद्र शामसत जम्म-ू कश्मीर, लद्दाख तथा गगलगगत-बाजल्टस्तान के क्षेत्र,
भारत के अमभन्न अिंग ैं।
गगलगगत-बाजल्टस्तान की अवजस्थतत
 चगलचगर्-बाक्ल्टस्र्ान, उत्तर में ि न, पक्श्िम में अफगाननस्र्ान, और दक्षक्षर् पव
ू त में कश्म र के साथ स मा
बनार्ा है ।
 यह पाक-अगधकृत कश्मीर के साथ एक भौगोशलक स मा साझा करर्ा है , र्था भारर् इसे अववभाक्जर्
जम्मू और कश्म र का दहस्सा मानर्ा है , जबक्रक पाक्रकस्र्ान इस क्षेत्र को पाक-अचधकृर् कश्म र (PoK)
से अलग मानर्ा है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
 चीन-पाककस्तान आगथाक गमलयारा (China-Pakistan Economic Corridor -CPEC) चगलचगर्-
बाक्ल्टस्र्ान क्षेत्र से होकर गज
ु रर्ा है ।
 इस क्षेत्र मे पाींि पवतर्-शिखरों की ऊींिाई ‘आठ-हजार’ म टर से अचधक है , र्था पिास से अचधक पवतर्-
शिखर 7,000 म टर (23,000 फीट) से अचधक ऊींिाई के है ।
 ध्रुव य क्षेत्रों के अलावा, दतु नया के तीन सबसे बड़े ग्लेमशयर चगलचगर्-बाक्ल्टस्र्ान में पाए जार्े हैं।

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103

पाककस्तान के समक्ष चुनौततयािं


 पाक्रकस्र्ान के इस ननर्तय से कराची समझौते तथा साथ ी सिंयक्
ु त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लिंघन होगा,
क्जससे कश्म र मद्
ु दे पर उसकी क्स्थनर् को नक
ु सान होगा। कराि समझौर्ा, सिंभवतः एकमात्र उपकरर्
जो पाक्रकस्र्ान के चगलचगर्- बाक्ल्टस्र्ान प्रिासन को अस्पष्ट्ट कानन
ू अचधकार प्रदान करर्ा है ।
 ऐसा कोई भ कदम, वषत 1963 के पाक-चीन सीमा समझौते का भी उल्लिंघन ोगा। क्जसके अनस
ु ार,
सींप्रभु प्राचधकरर् के साथ ि न की वार्ात, ‘पाक्रकस्र्ान और भारर् के ब ि कश्म र वववाद के ननपटारे के
बाद’ र्था 1972 के मशमला समझौते, (क्जसमे कहा गया है , क्रक ‘दोनों पक्ष, क्स्थनर् में एकर्रफा
पररवर्तन नहीीं करें गे’) को हल करने के बाद ही पन
ु ाः िरू
ु की जायेग ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. चगलचगट- बाक्ल्टस्र्ान- स्थान, पड़ोस और महत्वपर्
ू त नददयाँ।
2. कराि समझौर्ा क्रकससे सींबचीं धर् है ?
3. 1963 पाक- ि न स मा समझौर्ा।
4. 1972 शिमला समझौर्ा।
5. PoK और CPEC के बारे में ।
में स मलिंक:
चगलचगर्- बाक्ल्टस्र्ान कहाीं है ? यह पाक्रकस्र्ान के ननयींत्रर् में क्रकस प्रकार आया? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G907U099M.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. लद्दाख गततरोध: भारत व चीन द्वारा वापस टने की योजना को अिंततम रूप
सिंदभा: भारर् और ि न पव
ू ी लद्दाख में वास्र्ववक ननयींत्रर् रे खा पर िरर्बद्ध र्रीके से प छे हटने और सैन्य
दलों की वापस हे र्ु योजना को अींनर्म रूप दे ने की प्रक्रक्रया पर पर काम कर रहे हैं।
हाल ही में आयोक्जर् कोर कमािंिर वाताा के आठवें दौर में , ि न ने पैंगोंग त्सो के उत्तरी ककनारे पर कफिं गर 4 से
कफिं गर 8 तक अपने सैननकों और सैन्य उपकरर्ों को वापस बल
ु ाने का प्रस्र्ाव रखा गया है ।
इस स्थान पर वववाद का कारण
वास्तववक तनयिंत्रण रे खा (Line of Actual Control- LAC) – सामान्यर्ाः यह रे खा पैंगोंग त्सो के िौड़ाई में
ववस्र्ार को छोड़कर स्थलीय क्षेत्र से होकर गज
ु रर् है र्था वषत 1962 से भारर् य और ि न सैननकों को एक
दस
ू रे से अलग करर् है । पैंगोंग त्सो झील में य रे खा पानी से ोकर गज
ु रती ै ।
• दोनों पक्षों ने अपने क्षेत्रों को चिक्ह्नर् करर्े हुए अपने- अपने क्षेत्रों को घोवषर् क्रकया हुआ है ।
• भारत का पैंगोंग त्सो क्षेत्र में 45 ककमी की दरू ी तक तनयिंत्रण ै , र्था झ ल के िेष भाग को ि न के
द्वारा ननयींबत्रर् क्रकया जार्ा है ।
वर्तमान में मठ
ु भेड़ का स्थान, काराकोरम श्रेर् के पव
ू ी ववस्र्ार ‘चािंग चेनमो’ (Chang Chenmo) का एक उभरा
हुआ पवतर् स्कींध (Spur) है। इन बा र की ओर तनकले ु ए पवात स्किंधों को कफिं गसा (fingers) क ा जाता ै।

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104

इन कफिं गसा पर तनयिंत्रण जस्थतत


पैंगोंग त्सो झ ल को कफिं गसा के रूप में ववभाजजत ककया गया ै । इस क्षेत्र में भारर् और ि न के ब ि LAC को
लेकर मर्भेद है , र्था यहाँ पर 8 क्रफीं गसत वववाददर् है ।
 भारर् का दावा है क्रक LAC कफिं गर 8 से ोकर गज
ु रती है , और यही पर ि न की अींनर्म सेना िौकी है ।
 भारर् इस क्षेत्र में , क्रफीं गर 8 र्क, इस क्षेत्र की सींरिना के कारर् पैदल ही गश्र् करर्ा है । लेक्रकन
भारर् य सेना का ननयींत्रर् क्रफींगर 4 र्क ही है ।
 दस
ू री ओर, चीन का क ना ै कक LAC कफिं गर 2 से ोकर गज
ु रती ै । ि न सेना हल्के वाहनों से क्रफीं गर
4 र्क र्था कई बार क्रफीं गर 2 र्क गश्र् करर् रहर् है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. LoC तया है और इसकी स्थापना, भौगोशलक स मा और महत्व
2. LAC तया है ?
3. नाथू ला कहाँ है ?
4. पैंगोंग त्सो कहाँ है ?
5. अतसाई चिन का प्रिासन कौन करर्ा है ?
6. नाकु ला कहाँ है ?
7. पैंगोंग त्सो झ ल क्षेत्र में में ननयींत्रर्
में स मलिंक:
भारर् और ि न के शलए पैंगोंग त्सो के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8V7V5P0O.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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105

3. RCEP वॉकआउट के बावजूद भारत-आमसयान में मध्य व्यापार ववस्तार


सिंदभा: हाल ही में , भारर् और आशसयान दे िों द्वारा कहा गया है , क्रक वे भारर् के 15-दे शों की क्षेत्रीय व्यापक
आगथाक भागीदारी (Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP) समझौर्े से बाहर ननकल
जाने के बाद भ परस्पर व्यापार में वद्
ृ चध हे र्ु अन्य रास्र्ों की र्लाि करें गे।
RCEP क्या ै?
1. क्षेत्र य व्यापक आचथतक भाग दारी (RCEP) मल
ू रूप से एशिया-प्रिाींर् क्षेत्र के 16 दे िों के मध्य क्रकया
जाने वाला एक मत
ु र् व्यापार समझौर्ा है ।
2. हालाँक्रक, अब ि न, ऑस्रे शलया, दक्षक्षर् कोररया, जापान और आशसयान (ASEAN) के दस दे िों के मध्य
क्षेत्र य व्यापक आचथतक भाग दारी (RCEP) समझौर्े पर 15 नवींबर को हस्र्ाक्षर क्रकए जाने की उम्म द
है ।
3. इस समझौर्े में सदस्य दे िों के मध्य वस्र्ओ
ु ीं और सेवाओीं के स्वर्ींत्र प्रवाह हेर्ु करों व िल्
ु कों को
समाप्र् क्रकए जाना प्रस्र्ाववर् है
भारत और RCEP
भारर् के शलए क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी (RCEP) वार्ात में पन
ु ाः सक्म्मशलर् होने को एक नया प्रस्र्ाव
ददया गया था। भारर् के शलए इस प्रस्र्ाव पर प्रनर्क्रक्रया दे ने के शलए 15 मई र्क की समय स मा दी गय
थ।
भारत द्वारा RCEP पर स्ताक्षर न ीिं करने के कारण
1. भारर् का RCEP राष्ट्रों के साथ व्यापार घाटा $ 105 बबशलयन का है , क्जसमें अकेले ि न के साथ 54
बबशलयन डॉलर का व्यापार घाटा है । इस समझौर्े में प्रस्र्ाववर् छूटों से भारर् के व्यापार घाटे में
वद्
ृ चध होग ।
2. इसके अनर्ररतर्, ि न ननशमतर् वस्र्ओ
ु ीं और न्यज
ू लैंड के डेयरी उत्पादों की भारर् य बाजारों में भरमार
होने की सींभावना भ चिींर्ा का ववषय है ।
4. यह व्यापार समझौर्े, भारर् सरकार की मेक इन इींडडया पहल के शलए हाननकारक समझा जा रहा था।
5. भारर्, गैर-साझेदार दे िों द्वारा व्यापार समझौर्े का दरु
ु पयोग रोकने के शलए उत्पादों की उत्पवत्त सींबध
ीं
ननयमों को सक्म्मशलर् क्रकये जाने, र्था आयानर्र् वस्र्ओ
ु ीं की लहर को रोकने के शलए स्वर्ाः सक्रक्रय हो
जाने वाली प्रर्ाली की माींग कर रहा था।
6. समझौर्े में अन्य प्रमख
ु क्षेत्रों के साथ ई-कॉमसत और व्यापार सध
ु ारात्मक उपायों पर भ सींर्ोषजनक
समाधान नहीीं खोजा जा सका था।
7. भारर् ने अन्य दे िों के उत्पादों पर िल्
ु क कम करने र्था समाप्र् करने पर अपन चिींर्ा व्यतर् की है ,
तयोंक्रक यह भारर् के कृवष उत्पादों और औद्योचगक क्षेत्र को नकारात्मक रूप से प्रभाववर् करने वाले
थे।

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106

8. समझौर्े में 2014 को टै ररफ कटौर् का आधार वषत ननक्श्िर् क्रकया गया था, भारर् इसके शलए र्ैयार
नहीीं था।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. RCEP - सींरिना और उद्दे श्य
2. आशसयान दे िों के साथ भारर् के मत
ु र् व्यापार समझौर्े
3. भारर् का डेयरी क्षेत्र
4. आशसयान दे िों की भौगोशलक अवक्स्थनर्
में स मलिंक:
भारर् द्वारा क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी (RCEP) में सक्म्मशलर् नहीीं होने सींबध
ीं कारर्ों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJG7V9LND.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. ववश्व भर में फैले ततधबततयों द्वारा ‘तनवाामसत- सिंसद’ का चन
ु ाव
सिंदभा: लगभग 1.3 लाख से अचधक नर्ब्बर् ननवातसन (Exile) में रह रहे हैं र्था भारर् और ववश्व के एन दहस्सों
में बसे हुए हैं। इनके द्वारा मई 2021 में अपन अगली ‘तनवाामसत-सिंसद’ (Parliament-in-Exile) का िुनाव
क्रकया जाएगा।

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107

ततधबती तनवाामसत-सिंसद (Tibetan Parliament-in-Exile: TPiE) का मख्


ु यालय ह माचल प्रदे श के कािंगड़ा जजले
के धमाशाला में क्स्थर् है ।
ववदे शों में ततधबती:
परू े भारर् में नर्ब्बर् लोगों की सींख्या 1 लाख से अचधक हैं, जबक्रक िेष नर्ब्बर् सींयत
ु र् राज्य अमेररका,
ऑस्रे शलया, ब्राज ल, कनाडा, कोस्टा ररका, फ्राींस, मैक्तसको, मींगोशलया, जमतन , यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम, क्स्वर्टजरलैंड और
ववशभन्न अन्य दे िों में बसे हुए हैं।
ततधबती तनवाामसत-सिंसद (TPiE) की सिंरचना:
नर्ब्बर् ननवातशसर्-सींसद के प्रमख
ु ‘स्प कर’ और ‘डडप्टी स्प कर’ होर्े हैं।
16व ीं TPiE में 45 सदस्य हैं: क्जनमे से:
1. नर्ब्बर् के प्रत्येक पारीं पररक प्राींर्, य-ू त्साींग (U-Tsang), धोर्ो (Dhotoe) और धोमे (Dhomey) के दस
प्रनर्ननचध;
2. पव
ू -त बौद्ध बॉन धमत और नर्ब्बर् बौद्ध धमत के िार सींप्रदायों में से प्रत्येक के दो प्रनर्ननचध;
3. उत्तरी अमेररका और यरू ोप, प्रत्येक में से, नर्ब्बर् समद
ु ाय का प्रनर्ननचधत्व करने वाले दो प्रनर्ननचध;
4. आस्रे शलया और एशिया से (भारर्, नेपाल और भट
ू ान को छोड़कर) एक प्रनर्ननचध, सक्म्मशलर् है ।
ततधबती सिंववधान
नर्ब्बर् लोगों का केंद्रीय प्रिासन, नर्ब्बर् सरकार के सींववधान के आधार पर कायत करर्ा है क्जसे 'तनवाामसत
ततधबततयों का चाटा र' (The Charter of the Tibetans in Exile) कहा जार्ा है ।
 वषत 1991 में , दलाई लामा द्वारा गदठर् सींववधान पन
ु ननतमातर् सशमनर् द्वारा ननवातशसर् नर्ब्बनर्यों के
शलए िाटत र र्ैयार क्रकया गया था।
 28 जून, 1991 को इस सींववधान के शलए दलाई लामा द्वारा मींजूरी दी गई।
वोट दे ने का अगधकार
केवल भारर् य उपमहाद्व प के बाहर रहने वाले नर्ब्बर् अपने वर्तमान भौगोशलक स्थान के आधार पर अपने
साींसदों का िुनाव करें गे। वे साींसदों के अलावा, अपन पसींद का एक अध्यक्ष भ िुन सकर्े हैं।
चुनाव प्रकिया:
नर्ब्बर् ननवातशसर्-सींसद के शलए मर्दान दो दौरों में क्रकया जाएगा।
 प्रारीं शभक दौर में, कोई आचधकाररक उम्म दवार नहीीं होगा, अथातर् मर्दार्ा अपन पसींद के क्रकस भ
व्यक्तर् को िुन सकर्ा है , जो सींभाववर् उम्म दवारों में से एक होगा और मर्दार्ाओीं के ब ि प्रिार
करे गा।
 पहले दौर में 60 प्रनर्िर् मर् हाशसल करने वाले ि षत दो उम्म दवारों को 11 अप्रैल को होने वाले दस
ू रे
दौर के िुनावों के शलए आचधकाररक उम्म दवार घोवषर् क्रकया जाएगा।
‘कशाग’ (Kashag) क्या ोता ै?

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108

कशाग (मिंबत्रमिंिल) केंद्रीय नर्ब्बर् प्रिासन का सवोच्ि कायतकारी कायातलय होर्ा है और इसमें सार् सदस्य होर्े
हैं।
इसका नेर्त्ृ व मसक्योंग (Sikyong) अथातर् राजन नर्क नेर्ा, द्वारा क्रकया जार्ा है । शसतयोंग को स धे ननवातशसर्
नर्ब्बर् आबादी द्वारा िुना जार्ा है ।
 बाद में , शसतयोंग द्वारा सार् कलोन (Kalons) अथातर् मींबत्रयों को नाशमर् क्रकया जार्ा है और इसके
शलए सींसद की मींजरू ी प्राप्र् की जार् है ।
 किाग का कायाकाल पाँच वषों का होर्ा है ।
ततधबती तनवाामसत-सिंसद (TPiE) के मलए ववश्व के दे शों द्वारा आगधकाररक मान्यता
नर्ब्बर् ननवातशसर्-सींसद (TPiE) के शलए भारर् सदहर् ववश्व के क्रकस भ दे ि दे ि द्वारा आचधकाररक रूप से
मान्यर्ा प्राप्र् नहीीं है ।
 हालाींक्रक, सींयत
ु र् राज्य अमेररका और यरू ोप य दे िों सदहर् कई अन्य दे ि ववशभन्न मींिों के माध्यम से
स धे शसतयोंग और अन्य नर्ब्बर् नेर्ाओीं के साथ सींवाद क्रकया जार्ा है ।
 TPiE का दावा है क्रक लोकर्ाींबत्रक िुनाव प्रक्रक्रया से नर्ब्बर् मामलों का प्रबींधन करने और ववश्व भर
में नर्ब्बर् मद्
ु दों को उठाने में मदद शमलर् है ।
 वर्तमान शसतयोंग, लोबसाींग साींगे, मई 2014 में प्रधानमींत्र नरें द्र मोदी के िपथग्रहर् समारोह में िाशमल
होने वाले अनर्चथयों में सक्म्मशलर् थे और सींभवर्ाः पहले नर्ब्बर् प्रमख
ु थे।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/tibet-parliament-in-exile-
election-2021-explained-7058428/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

5. UNSC में , भारत द्वारा अफगातनस्तान में तत्काल यद्


ु ध ववराम की मािंग
सिंदभा: भारर् द्वारा अफगाननस्र्ान में ‘र्त्काल व्यापक यद्
ु ध ववराम’ की माींग की गय है ।
 हाल ही में , अररया-फामल
ूा ा (Arria Formula) के र्हर् बल
ु ाई गय सींयत
ु र् राष्ट्र सरु क्षा पररषद (United
Nations Security Council- UNSC) की बैठक में , भारर् ने क्रफर से दोहराया है , क्रक ‘अफगाननस्र्ान में
स्थाय िाींनर् के शलए िूरिं ि रे खा (Durand Line) के पार से जारी आर्ींकवाद के सरु क्षक्षर् दठकानों और
िरर् स्थलों को समाप्र् करना होगा।
 ज्ञार्व्य है , क्रक अररया-फामल
ूा ा के त त सींयत
ु र् राष्ट्र सरु क्षा पररषद (UNSC) के सदस्यों द्वारा
अनौपिाररक रूप से म दटींग बल
ु ाई जार् है ।
भारत की गचिंता का कारण
 अफगान िाींनर् प्रक्रक्रया और नाटो / अमेररकी गठबींधन सेना की समयपव
ू त वापस से आर्ींकवादी नेटवकत
के शलए क्रफर से सक्रक्रय होने के मौके शमल सकर्े है , क्जससे ये अफगाननस्र्ान और भारर्, दोनों को
ननिाना बना सकर्े हैं।

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109

 इस वषत मई में , सींयत


ु र् राष्ट्र द्वारा जारी एक ररपोटत में प्रमार् ददया गया क्रक, र्ाशलबान द्वारा सींयत
ु र्
राज्य अमेररका को ददए गए आश्वासन के बावजद
ू , इस क्षेत्र में अल-कायदा अभ भ मौजूद है र्था
र्ाशलबान द्वारा इसे आश्रय ददया जा रहा है और यह अफगाननस्र्ान में सक्रक्रय है।
आगे की रा
अफगाननस्र्ान में दहींसा समाप्र् करने के शलए आतिंकवादी आपतू ता श्रिंख
ृ लाओिं को नष्ट्ट करना होगा।
भारर् द्वारा अफगाननस्र्ान में िाींनर् और क्स्थरर्ा के शलए िार आवश्यकर्ाएीं सझ
ु ाई गय हैं:
1. इस प्रक्रक्रया को अफगान के नेर्त्ृ व में और अफगान के स्वाशमत्व में सींपन्न होना िादहए।
2. आर्ींकवाद के प्रनर् िन्
ू य सदहष्ट्र्ुर्ा (Zero Tolerance) होन िादहए।
3. मदहलाओीं के अचधकारों को मजबर्
ू से सींरक्षक्षर् क्रकये जाने िादहए और साथ ही अल्पसींख्यकों के
अचधकारों और ननबतल लोगों की सरु क्षा हे र्ु उपाय क्रकये जाने की आवश्यकर्ा है ।
4. अफगाननस्र्ान के पारगमन अचधकारों का उपयोग, अन्य दे िों द्वारा ‘अफगाननस्र्ान से राजन नर्क
कीमर्’ वसल
ू ने हे र्ु नहीीं क्रकया जाना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. डूरीं ड रे खा कहाँ क्स्थर् है ?
2. भारर् और इसकी ववशभन्न अींर्रातष्ट्रीय स माएँ
3. अफगाननस्र्ान और उसके पड़ोस
4. UNSC- स्थाय सदस्य
में स मलिंक:
अफगाननस्र्ान में "र्त्काल व्यापक यद्
ु ध ववराम" की आवश्यकर्ा पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/at-unsc-india-calls-for-
immediate-ceasefire-in-afghanistan/article33145829.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू

6. चीन की ब्रह्मपत्र
ु नदी पर एक बड़ा बािंध बनाने की योजना
सिंदभा: पव
ू ी लद्दाख में वास्तववक तनयिंत्रण रे खा (Line of Actual Control- LAC) पर भारर् के साथ जारी स मा
वववाद के मध्य, ि न नर्ब्बर् में ब्रह्मपत्र
ु नदी पर एक प्रमख
ु जल ववद्यर्
ु पररयोजना का ननमातर् करने की
योजना बना रहा है और इसके शलए अगले वषा से शरू
ु ोने वाली 14 वीिं पिंचवषीय योजना एक प्रस्र्ाव को
सक्म्मशलर् क्रकया जा िक
ु ा है ।
भारत एविं बािंग्लादे श की प्रततकिया:
ब्रह्मपत्र
ु नदी, भारर् और बाींग्लादे ि से होकर गज
ु रर् है र्था ऐसे में बाींध ननमातर् के प्रस्र्ाव से इन दे िों की
चिींर्ाएीं बढ़ गई हैं। हालाींक्रक ि न ने इन चिींर्ाओीं को खाररज करर्े हुए कहा है क्रक वह उनके दहर्ों को भ ध्यान
में रखेगा।

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110

भारत की गचिंताएिं
1. ि न की बाींध ननमातर् अनर्सक्रक्रय गनर्ववचधयाँ, भारर् के शलए एक चिींर्ा का ववषय है तयोंक्रक, चीन के
साथ भारत का कोई द्ववपक्षीय या ब ु पक्षीय समझौता न ीिं ैं।
2. ि न का मानना है क्रक ब्रह्मपत्र
ु पर बाींध बनाने से उसका अरुणाचल प्रदे श पर दावा मजबत
ू ोगा।
3. भारर् का मानना है क्रक नर्ब्बर् पठार में ि न की पररयोजनाएँ भारत में नदी के प्रवा को कम करने
की धमकी ै ।
4. बाींध, नहरें , शसींिाई प्रर्ाशलयाँ, यद्
ु ध के समय अथवा िाींनर् काल में सह-र्टवर्ी दे ि को खखन्नर्ा का
सन्दे ि दे ने हे र्,ु जल को एक राजनैततक गथयार में बदल सकर् हैं।
5. नदी में प्रवाह बहुर् अचधक होने पर ाइड्रोलॉजजकल िेटा साझा करने से मना करने पर सींकटमय हो
जार्ा है ।
6. ि न, यारलिंग जोंगबो (Yarlung Zangbo- ब्रह्मपत्र
ु का ततधबती नाम) की धारा, उत्तर की ओर मोड़ने
पर भी ववचार कर रहा है ।
7. ब्रह्मपत्र
ु नदी के प्रवाह में पररवर्तन करने सींबध
ीं वविार पर ि न सावतजननक रूप से ििात नहीीं करर्ा है ,
तयोंक्रक इससे भारर् के उत्तरपव
ू ी मैदान इलाकों और बाींग्लादे ि में या र्ो बाढ़ से, या क्रफर पान की
कम से र्बाही हो सकर् है ।
ब्रह्मपत्र
ु नदी का भारत के मलए म त्व:
ब्रह्मपत्र
ु नदी, नर्ब्बर्, भारर् और बाींग्लादे ि से होकर 3,000 क्रकम र्क प्रवादहर् होर् है ।
 भारर् के शलए काफी महत्वपर्
ू त है तयोंक्रक ब्रह्मपत्र
ु नदी बेशसन, अरुर्ािल प्रदे ि, असम, मेघालय, शसक्तकम,
नागालैंड और पक्श्िम बींगाल के शलए एक महत्वपर्
ू त जल स्रोर् है ।
 ब्रह्मपत्र
ु घाटी कई दे ि स्थान य समद
ु ायों के ज वन-ननवातह में सहायक है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. ब्रह्मपत्र
ु के प्रवाह मागत वाले दे ि
2. ब्रह्मपत्र
ु पर ननशमतर् बाींध

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3. ब्रह्मपत्र
ु को ि न में तया कहा जार्ा है ? इसकी सहायक नददयाँ कौन स हैं?
4. भारर् और ि न के मध्य जल साझाकरर् सींबध
ीं समझौर्ा
5. ब्रह्मपत्र
ु के प्रवाह मागत वाला दहमालय क्षेत्र
में स मलिंक:
ब्रह्मपत्र
ु नदी की उपरी धारा पर ि न द्वारा की जाने वाली गनर्ववचधयों से, ननिली धारा के र्टवर्ी दे िों और
आसपास की पाररक्स्थनर्की पर तया प्रभाव पड़र्ा है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GL48108JP.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:द्ववपक्ष य, क्षेत्र य और वैक्श्वक समह


ू और भारर् से सींबचीं धर् और/अथवा भारर् के दहर्ों को प्रभाववर् करने
वाले करार।
1. पेररस जलवायु समझौते से अमेररका के बा र
सिंदभा: हाल ही में , सींयत
ु र् राज्य अमेररका, औपिाररक रूप से, जलवायु पररवर्तन पर ननयींत्रर् करने सींबध
ीं पेररस
समझौर्े से अलग हो गया है ।
वर्तमान में वषत 2015 के पेररस समझौर्े में 189 सदस्य हैं।
पेररस समझौता
यह जलवायु पररवर्तन से ननपटने के शलये एक ऐनर्हाशसक अींर्रातष्ट्रीय समझौर्ा है, र्था य वैजश्वक ग्रीन ाउस
उत्सजान को कम करने े तु एक समान लक्ष्य तनधााररत करने के मलए लगभग 200 दे शों को एक साथ लाता
ै।
1. इस समझौर्े में काबतन उत्सजतन में कटौर् के जररये वैक्श्वक र्ापमान में वद्
ृ चध को 2 डडग्र सेक्ल्सयस
के अींदर स शमर् रखने और र्ापमान वद्
ृ चध को और 1.5 डडग्र सेक्ल्सयस रखने का लक्ष्य ननधातररर्
क्रकया गया है ।
2. इन उद्दे श्यों को परू ा करने हे र्,ु प्रत्येक दे ि ने उनके ग्र नहाउस गैस उत्सजतन को स शमर् करने वाली
लक्षक्षर् कायत योजनाओीं को लागू करने का सींकल्प शलया है ।
3. इस समझौर्े में जलवायु पररवर्तन से ननपटने र्था अनक
ु ू लन करने के प्रयास में , समद्
ृ ध और ववकशसर्
दे िों से, ववकासि ल दे िों को ववत्त य और र्कन की सहायर्ा प्रदान करने के शलए कहा गया है ।
कोई दे श समझौते से ककस प्रकार अलग ो सकता ै?
 पेररस समझौर्े का अनच्
ु छे द 28 के र्हर् क्रकस सदस्य राष्ट्र के शलए पेररस समझौर्े से अलग होने
सींबध
ीं प्रावधान क्रकये गए हैं।
 क्रकस सदस्य- राष्ट्र द्वारा पेररस समझौर्े के लागू होने के न्यन
ू र्म र् न साल बाद ही समझौर्े से
अलग होने का नोदटस ददया जा सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पेररस समझौर्ा तया है ?

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2. क्रकन दे िों ने हस्र्ाक्षर नहीीं क्रकए हैं?


3. पेररस समझौर्े के लक्ष्य
4. पेररस समझौर्े के र्हर् ननधातररर् ववत्त व्यवस्था।
में स मलिंक:
पेररस जलवायु समझौर्े के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GCG7UBK5E.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. ववदे श मिंत्री द्वारा व्यापार समझौते व वैश्वीकरण की आलोचना
सिंदभा: ‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी’ (Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP) की
िरु
ु आर् के अगले ददन ही ववदे ि मींत्र एस जयिींकर ने वैश्व करर् और व्यापार समझौर्े की आलोिना की है ।
इनके अनस
ु ार-
 व्यापार समझौर्े और वैश्व करर्, ‘मक्
ु त बाजार के नाम पर’ अन्य दे िों को अन्यायपण
ू ा व्यापार और
ववतनमााण लाभ पहुींिार्े हैं।
 अर् र् में क्रकए गए व्यापार समझौर्ों के प्रभाव से कुछ क्षेत्रों में वव-औद्योगीकरण हो रहा है ।
 भववष्ट्य में क्रकए जाने वाले व्यापार समझौर्ों के पररर्ामस्वरूप हम वैक्श्वक प्रनर्बद्धर्ाओीं से बींध
जाएींगे, क्जनमे से कई हमारे दहर् में नहीीं है ।
तनह ताथा:
ववदे ि मींत्र द्वारा हाल ही में की गय दटप्पखर्यों से सींकेर् शमलर्ा है क्रक भारर्, ‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक
साझेदारी’ (RCEP) समह
ू के राष्ट्रों द्वारा समझौर्े में पन
ु ाः सक्म्मशलर् होने के प्रस्र्ाव पर वविार नहीीं कर रहा
है ।
भारत के मलए RCEP से अलग ोने के आगथाक तनह ताथा
 ऐस चिींर्ाएीं व्यतर् की जा रहीीं हैं, क्रक ‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP) से अलग होने सींबध
ीं
भारत के तनणाय से RCEP समू के सदस्य दे शों साथ द्ववपक्षीय व्यापार सिंबध
िं प्रभाववत ोंगे, कयोंक्रक,
इन राष्ट्रों का झक
ु ाव समह
ू के सदस्य दे िों के मध्य आचथतक सींबध
ीं ों को मजबर्
ू करने की ददिा में हो
सकर्ा है ।
 भारर् का ननर्तय, इसे RCEP दे शों की ववस्तत
ृ बाजार का लाभ उठाने से विंगचत कर सकता ै - इस
समझौर्े का आकार बहुर् बड़ा है , इसमें सक्म्मशलर् दे िों की आबादी 2 बबशलयन से अचधक है ।
 भारर् को इस समझौर्े में पन
ु ाः िाशमल करने हे र्ु जापान जैसे दे िों द्वारा प्रयास क्रकये गए थे, इसे
दे खर्े हुए, इिंिो-पैमसकफक क्षेत्र में ऑस्रे मलया-भारत-जापान नेटवका पर प्रभाव पड़ने की आिींका है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RCEP तया है ?
2. आशसयान राष्ट्र
3. ‘राींस पैशसक्रफक पाटत नरशिप’ तया है ?

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113

में स मलिंक:
व्यापार समझौर्े और वैश्व करर्, ‘मत
ु र् बाजार के नाम पर’ अन्य दे िों को अन्यायपर्
ू त व्यापार और ववननमातर्
लाभ पहुींिार्े हैं। ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GMK7VKL9T.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. भारत और लक्समबगा के मध्य दो दशकों में प ली बैठक
सिंदभा: हाल ही में , भारर् और लतज़मबगत के ब ि 20 वषों में पहली बैठक आयोक्जर् की गय ।
 भारर्-लतज़मबगत विअ
ुत ल सशमट के दौरान तीन नए द्ववपक्षीय समझौतों पर स्ताक्षर क्रकये गए।
 ये र् नो समझौर्े भारत और लक्जमबगा के बीच व्यापार सिंबध
िं ों को बढ़ावा दे ने े तु ववत्तीय क्षेत्र में ककये
गए।
 लतज़मबगत, भारर् का तीसरा सबसे बड़ा ववदे शी तनवेशक है ।
स्ताक्षररत समझौते:
1. भारर् य स्टे ट बैंक और लतज़मबगत स्टॉक एतसिें ज के मध्य समझौर्ा ज्ञापन
2. इींडडया इींटरनेिनल एतसिें ज (इींडडया INX) और लतज़मबगत स्टॉक एतसिें ज के मध्य समझौर्ा ज्ञापन
3. इन्वेस्ट इींडडया और लक्तसनोवेिन (LuxInnovation) के मध्य समझौर्ा ज्ञापन
आपदा रोधी अवसिंरचना े तु गठबिंधन (CDRI)
भारर् द्वारा लतसमबगत को आपदा रोधी अवसिंरचना े तु गठबिंधन (Coalition for Disaster Resilient
Infrastructure- CDRI) के शलए गठबींधन में िाशमल होने के शलए भ आमींबत्रर् क्रकया गया है ।
CDRI के बारे में :
आपदा रोध अवसींरिना हे र्ु गठबींधन (CDRI) की िरु
ु आर्, शसर्ींबर 2019 में अमेररका के न्यय
ू ॉकत में आयोक्जर्,
सिंयक्
ु त राष्ट्र जलवायु कायावा ी मशखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमिंत्री नरें द्र मोदी द्वारा की गयी थी।
 इस मींि पर आपदा एवीं जलवायु रोध अवसींरिना के ववशभन्न पहलओ
ु ीं पर ज्ञान र्था जानकारी का
आदान-प्रदान क्रकया जार्ा है ।
 CDRI द्वारा दे िों को उनकी जोखखम सींबध
ीं और आचथतक जरूरर्ों के अनस
ु ार बनु नयादी ढाींिे के ववकास
के सींबध
ीं में उनकी क्षमर्ाओीं और उनके र्रीकों को उन्नर् करने हे र्ु सहायर्ा के शलए एक प्रर्ाली
ववकशसर् की जाएग ।
लाभ और म त्व:
इस पहल से समाज के सभ वगों को लाभ प्राप्र् होगा।
 मदहलाएीं और बच्िे र्था समाज के आचथतक रूप से कमजोर वगत, आपदाओीं से सवातचधक प्रभाववर् होर्े हैं
और ये आपदा रोध अवसींरिनाओीं में ननमातर् में सध
ु ार होने से लाभाक्न्वर् होंगे।
 भारर् में , उत्तर-पव
ू ी और दहमालय क्षेत्रों में भक
ू ीं प, र्टीय क्षेत्रों में िक्रवार् और सन
ु ाम और मध्य
प्रायद्व प य क्षेत्र में सख
ू ा पड़ने का खर्रा रहर्ा है ।
 यह उच्ि आपदा जोखखम वाले सभ क्षेत्रों के शलए भ लाभाक्न्वर् करे गा।

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114

वैजश्वक गठबिंधन की आवश्यकता


भारर् सदहर् कई दे िों द्वारा वषों में सितर् आपदा प्रबींधन प्रर्ाशलयों को ववकशसर् क्रकया गया है , जो आपदा
के दौरान जान-माल की हानन को कम करने में सहायक शसद्ध हुई हैं।
 हालाींक्रक, आपदा के दौरान, मख्
ु यर्ाः बड़े बनु नयादी ढाींिे को होने वाले नक
ु सान के कारन व्यापक आचथतक
क्षनर् होर् है ।
 आपदा रोधी अवसिंरचना के मलए वैजश्वक गठबिंधन, ववकासि ल और ववकशसर् दे िों, छोटी और बड़
अथतव्यवस्थाओीं, अवसींरिना ववकास के िरु
ु आर् और अचग्रम िरर्ों वाले दे िों र्था मध्यम या उच्ि
आपदा जोखखम वाले दे िों की आपदा सींबध
ीं आम समस्यों का समाधान करे गा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. लतसमबगत- अवक्स्थनर्
2. आपदा रोध अवसींरिना हे र्ु गठबींधन (CDRI) के बारे में
में स मलिंक:
आपदा रोध अवसींरिना हे र्ु गठबींधन (CDRI) के शलए गठबींधन के उद्दे श्यों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GB97VV4DV.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. वेस्ट बैंक एविं इससे सिंबगिं धत मद्
ु दे
सिंदभा: हाल ही में , माइक पोक्म्पयो (Mike Pompeo) द्वारा इजराइल के कधजे वाले वेस्ट बैंक (West Bank) में
एक इजरायली बस्र् की यात्रा की गय । य ककसी अमेररकी ववदे श सगचव द्वारा इस वववाहदत स्थान पर प ली
यात्रा थी। इसके अलावा, यह ननवर्तमान रम्प प्रिासन द्वारा प्रधान मींत्र बेंजाशमन नेर्न्याहू के साथ समन्वय
व एकजुटर्ा का आींशिक प्रदितन भ था।
अमेररकी ववदे ि सचिव ने इस बस्र् में ननशमतर् सींयत
ु र् राज्य अमेररका के शलए आयार् क्रकए जाने पर उत्पादों
पर "इजरायल-तनममात" अथवा "इजरायल के उत्पाद" के रूप में लेबल लगाए जाने के मलए हदशातनदे श जारी
क्रकए। इसका उद्दे श्य, इजरायल में ननशमतर् उत्पादों र्था कब्जे वाले क्षेत्र में ननशमतर् उत्पाददर् उत्पादों के मध्य
अींर्र को दरू करना था।
तनह ताथा:
अमेररकी ववदे ि सचिव माइक पोक्म्पयो का इस वववाददर् स्थल का दौरा अमेररका की वपछली न नर्यों से हटकर
था। अब र्क अमेररकी अचधकाररयों को इन वववाददर् बक्स्र्यों से दरू रखा जार्ा था, तयोंक्रक क्रफशलस्र् न इसे
राज्य के व्यवहाररक भववष्ट्य के शलए एक बाधा के रूप में मानर्े है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
क्रफशलस्र् न वेस्ट बैंक के इस क्षेत्र को अपने राज्य के रूप में मानर्ा है , र्था इसने माइक पोक्म्पयो पर इस
क्षेत्र पर इजराइल के कब्जे को मजबर्
ू करने का आरोप लगाया है ।

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‘वेस्ट बैंक’ की अवजस्थतत


यह पक्श्िम एशिया के भम
ू ध्यसागरीय तट के पास एक स्थल-रुद्ध क्षेत्र है । पव
ू त में इसकी स मा जॉिान से
शमलर् है र्था यह दक्षक्षर्, पक्श्िम और उत्तर में ‘ग्रीन-लाइन’ द्वारा इजराइल से पथ
ृ क ोता ै । वेस्ट बैंक के
अींर्गतर् पक्श्िम मर्
ृ सागर र्ट का काफी दहस्सा भ आर्ा है ।
इस क्षेत्र की वववाहदत बजस्तयाँ
1. वषत 1948 के अरब-इजरायल यद्
ु ध के पश्िार् ् वेस्ट बैंक पर जॉडतन द्वारा कब्जा कर शलया गया था।
2. इजरायल ने वषत 1967 के छह ददवस य यद्
ु ध के पश्िार् इसे वापस छीन शलया, और र्ब से वेस्ट बैंक
पर इसका अचधकार है ।
3. इजराइल ने वेस्ट बैंक में लगभग 130 बक्स्र्यों का ननमातर् क्रकया है , र्था वपछले 20-25 वषों के दौरान
इस क्षेत्र में इस र्रह की कई छोटी, अनौपिाररक बक्स्र्याीं ववकशसर् हो िुकी हैं।
4. इस क्षेत्र में 4 लाख से अचधक इजरायल उपननवेि ननवास करर्े है , उनमें से कई यहूदी धाशमतक लोग,
इस भशू म पर बाइबबल के अनस
ु ार अपने पैदाइि हक़ का दावा करर्े हैं।
5. इनके अनर्ररतत्त, इस क्षेत्र में 26 लाख क्रफशलस्र् ननयों इस क्षेत्र में ननवास करर्े है ।
इन बजस्तयों की वैधातनक जस्थतत
सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा, सींयत
ु र् राष्ट्र सरु क्षा पररषद और अींर्रातष्ट्रीय न्यायालय के अनस
ु ार- वेस्ट बैंक में क्स्थर्
इजराइली बक्स्र्याीं, चतथ
ु ा जेनेवा अमभसमय (Fourth Geneva Convention) का उल्लींघन करर् हैं।
 चौथे जजनेवा अमभसमय (1949) के अनस
ु ार- क्रकस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाली िक्तर्, अपन नागररक
आबादी के क्रकस भ दहस्से को अचधकृर् क्षेत्र में ननवातशसर् या स्थानाींर्ररर् नहीीं करे ग ।
 1998 में अिंतरााष्ट्रीय अपराध न्यायालय की स्थापना करने वाले रोम अगधतनयम (Rome Statute) के
अनस
ु ार- कब्ज़ा करने वाली िक्तर् द्वारा इस र्रह का कोई भ स्थानाींर्रर् ‘यद्
ु ध अपराध’ के समान
होगा, क्जसमे सैन्य बलों द्वारा अवैध और ननदत यर्ापव
ू क
त सींपनर्यों का नक
ु सान व उन पर कब्ज़ा क्रकया
जार्ा है ।

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भारत का ववचार:
भारर्, पारीं पररक रूप से दो-राज्य समाधान (Two-state solution) में ववश्वास करर्ा है और एक सिंप्रभु स्वतिंत्र
और कफमलस्तीन राज्य की स्थापना का समथान करर्ा है । हालाींक्रक, क्रफशलस्र् न के शलए भारर् का समथतन,
भारर्-इजरायल के मध्य बढ़र्े सींबध
ीं ों में बाधक नहीीं बना है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. शसतस डे वॉर तया है ?
2. कहाँ ’गाजापर्टटी‘ अवक्स्थर् है ?
3. जेरुिलम कहाँ अवक्स्थर् है ?
4. क्रफशलस्र् न कौन है और उनकी माींगे तया है ?
5. इजरायल के िारो ओर के दे ि
में स मलिंक:
तया भारर् क्रफशलस्र् न के सींप्रभु स्वर्ींत्र राज्य के रूप में स्थापना का समथतन करर्ा है ? ििात कीक्जए।
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:भारर् के दहर्ों पर ववकशसर् र्था ववकासि ल दे िों की न नर्यों र्था राजन नर् का प्रभाव; प्रवास भारर् य।
1. हटग्रे, इगथयोवपया में सशस्त्र सिंघषा एविं ॉना ऑफ अफ्रीका के मलए इसके तनह ताथा
सिंदभा: इचथयोवपया, ‘गह
ृ यद्
ु ध’ की क्स्थनर् में पहुँि िक
ु ा है । वर्तमान में दे ि के उत्तरी दटग्रे (Northern Tigray)
क्षेत्र में आींर्ररक सींघषत जारी है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
इचथयोवपया में सिंघीय प्रणाली सिंरचना के अींर्गतर् दे ि में दस क्षेत्रों को म त्वपण
ू ा स्वायत्तता प्रदान की गयी ै ।
इन क्षेत्रों की अपन सींसद र्था ननज सरु क्षा बल हैं, और इन्हें स्वर्ींत्र िासन के शलए जनमर् सींग्रह कराने का
अचधकार भ प्राप्र् है ।
Impact on the Horn of Africa:
ॉना ऑफ अफ्रीका पर प्रभाव:
 इचथयोवपया में जारी सिस्त्र सींघषों से, दटग्रे का ननकटस्थ दे ि ‘इरीदरया’ सवातचधक प्रभाववर् हो सकर्ा
है ।
 यदद यह सींघषत व दहींसा इचथयोवपया की स माओीं के फैलटी है , र्ो यह सींभवर्ाः परू े ॉना ऑफ अफ्रीका
क्षेत्र को अजस्थर कर सकती ै।
 इस क्षेत्र में अमेररका और ि न के कई रर्न नर्क सैन्य दठकाने हैं, इनमे जजबत
ू ी (Djibouti), दटग्रे के
सवातचधक नजदीक सैन्य दठकाना है । यदद सिस्त्र उपद्रवों की वजह से इन सैन्य-दठकानों को कोई क्षनर्
पहुँिर् है , तो इस क्षेत्रीय सिंघषा में ववदे शी सैन्य शजक्तयािं भी सजम्ममलत ो सकती ैं।

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117

https://indianexpress.com/article/explained/explained-why-there-are-armed-clashes-in-ethiopias-
tigray-and-what-it-means-for-horn-of-africa-6992109/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. ‘जो बबिेन’ का अमेररकी राष्ट्रपतत पद पर तनवााचन तथा इसका भारत-अमेररकी सिंबध
िं ो पर प्रभाव
सिंदभा: हाल ही में , डेमोक्रेट उम्मेदवार ‘जो बबिेन’ (Joe Biden) को वषत 2020 के अमेररकी राष्ट्रपनर् िुनाव में
ववजेर्ा घोवषर् क्रकया गया है ।
जो बबिेन और भारत- पष्ट्ृ ठभमू म
जो बबडेन, बराक ओबामा प्रिासन में उपराष्ट्रपनर् बनने से काफी पहले से ही भारर् के साथ मजबर्
ू सींबध
ीं ों की
वकालर् करर्े रहे हैं।
 बबडेन, अमेररकी स नेट की ववदे ि सींबध
ीं सशमनर् के अध्यक्ष र्था बाद में उपराष्ट्रपनर् के रूप में भारत
के साथ रणनीततक सिंबध
िं ो को बाकायदा मजबत
ू बनाने में म त्वपण
ू ा भमू मका तनभा चुके ैं।
 वस्र्र्
ु ाः, वषत 2006 में , अमेररका के उपराष्ट्रपनर् बनने से र् न साल पहले, बबडेन ने अमेररका-भारर् सींबध
ीं ों
के भववष्ट्य हे र्ु अपना दृक्ष्ट्टकोर् स्पष्ट्ट क्रकया था, उन्होंने कहा था, क्रक “मेरा सपना ै , कक, वषा 2020
में ‘भारत और अमेररका’ ववश्व में दो सबसे नजदीकी दे श बने”।
उपराष्ट्रपतत के रूप में जो बबिेन का भारत-अमेररकी सिंबध
िं ो के सिंदभा में योगदान
1. पन
ु गतदठर् और ववस्र्ाररर् सिंयक्
ु त राष्ट्र सरु क्षा पररषद में भारर् की सदस्यर्ा के शलए अमेररका ने
आचधकाररक र्ौर पर अपना समथतन घोवषर् क्रकया।
2. भारर् को अमेररकी काींग्रेस द्वारा अनम
ु ोददर् ‘प्रमख
ु रक्षा स योगी’ (Major Defense Partner) का दजात
प्रदान क्रकया गया। इससे रक्षा सींबध
ीं ों को मजबर्
ू करने हे र्ु भारर् के शलए उन्नर् और महत्वपर्
ू त
प्रौद्योचगकी को साझा करना आसान हो गया। सिंयक्
ु त राज्य अमेररका द्वारा अपने पारिं पररक गठबिंधन
स योगगयों के अलावा प ली बार ककसी अन्य दे श को य दजाा प्रदान ककया गया था।

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3. अगस्र् 2016 में , दोनों पक्षों ने मध्य गहन सैन्य सहयोग के शलए र् न ‘बनु नयादी समझौर्ों’ में से एक
'लॉजजजस्टक्स एक्सचें ज मेमोरैंिम ऑफ एग्रीमें ट' (Logistics Exchange Memorandum of Agreement-
LEMOA) पर हस्र्ाक्षर क्रकए।
4. आर्ींकवाद से लड़ने के शलए अमेररका-भारर् सहयोग भ मजबर्
ू हुआ।
बबिेन के राष्ट्रपतत-काल में भारत की अथाव्यवस्था पर प्रभाव
1. व्यापर की दृक्ष्ट्ट से, जो बबिेन, वतामान रम्प प्रशासन की तल
ु ना में कम बाधक ो सकते है । रम्प की
वैक्श्वक दृक्ष्ट्ट में, व्यापार एक ‘शन्
ू य-सिंचय खेल’ (Zero-Sum Game) था, क्जसमे एक दे ि को क्जर्ना
लाभ होर्ा है , क्रकस अन्य दे ि को ठीक उर्न ही हानन होर् है ।
2. बबडेन प्रिासन के दौरान ववश्व में , रम्प के ‘प्रत्यक्ष र्दथतवाद’ (Outright Ad-hocism) के ववपरीर्, एक
क़ानन
ू -आधाररत व्यापार प्रणाली की ददिा में नए शसरे से जोर ददया जा सकर्ा है । इसके साथ ही, ववश्व
में जड़ जमा रहे सींरक्षर्वादी रवैये में भ पररवर्तन होने की सींभावना है ।
3. इसके अलावा, की H1-B वीजा मद्
ु दे पर अमेररकी राष्ट्रपनर् की न नर्, क्रकस अन्य दे ि की अपेक्षा
भारर् य भारर् य यव
ु ाओीं को की सींभावनाओीं को अचधक प्रभाववर् करर् है । बबडेन, भारर् य प्रवाशसयों
और श्रशमकों को सींभवर्ाः रम्प की भाींनर् सींदेहास्पद नजररया नहीीं रखें गे।
4. इस र्रह, बबडेन प्रिासन द्वारा अमेररकी 'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' (Generalized System of
Preferences) से भारर् के बदहष्ट्कार पर पन
ु ववतिार क्रकया जा सकर्ा है ।
5. िेटा स्थानीयकरण अथवा दवाओिं और गचककत्सा उपकरणों की कीमतों पर सीमा-तनधाारण जैसे पेि दा
मद्
ु दों को, बबडेन के प्रिासन काल में व्यावहाररक रूप से हल क्रकया जा सकर्ा है।
6. भारर् जैस अथतव्यवस्था के शलए, क्जसे र्ेज से बढ़ने के शलए सस्र्े र्ेल की ननयशमर् आपनू र्त की
आवश्यकर्ा है , अमेररका-ईरान सिंबध
िं ो (प्रततबिंधों को टाना) का सामान्य ोना काफी लाभप्रद होगा।
7. बबडेन प्रिासन द्वारा, भारर् और ि न के प्रनर् एक समान दृक्ष्ट्टकोर् रखने की बजाय, चीन के खखलाफ
भारत की मदद करने की सिंभावना ै।
8. बबडेन द्वारा पेररस जलवायु समझौते में कफर से शाममल ोने का वादा क्रकया गया है , इससे भारर् जैसे
दे िों को इस ववषय पर, र्कन की और ववत्त य, दोनों र्रह की बड़ िुनौनर्यों से ननपटने में मदद शमल
सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. सींसदीय बनाम अध्यक्ष य िासन प्रर्ाली
2. पेररस समझौर्े के बारे में
3. अमेररकी 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' का अवलोकन
4. अमेररका द्वारा जारी क्रकए जाने वाले व जा के प्रकार
5. बनु नयादी समझौर्े तया हैं?
में स मलिंक:

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ओबामा प्रिासन में उपराष्ट्रपनर् के रूप में जो बबडेन के तया योगदान थे? बबडेन के राष्ट्रपनर्-काल में भारर् की
अथतव्यवस्था क्रकस प्रकार प्रभाववर् हो सकर् है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/how-a-biden-presidency-may-affect-indias-economy-
explainspeaking-7019832/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
3. 'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' (GSP) व्यापार ववशेषागधकार (Generalized System of Preferences trade
privilege)
सिंदभा: भारर् दवारा बबडेन प्रिासन पर भारर् के शलए 'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' व्यापार ववशेषागधकार
(Generalized System of Preferences trade privilege- GSP trade privilege) बहाल करने हे र्ु दबाव
बनाया जा सकर्ा है ।
भारत के GSP व्यापार ववशेषागधकार कब समाप्त ककये गए थे?
जून 2019 में ननवर्तमान राष्ट्रपनर् डोनाल्ड रम्प के प्रिासन द्वारा भारर् के 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली'
व्यापार वविेषाचधकार (GSP व्यापार ववशेषागधकार) को समाप्र् कर ददया गया था। भारर् द्वारा इसकी बहाली
के शलए प्रयास क्रकए जा रहे हैं।
'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' (GSP) क्या ै?
यह सींयत
ु र् राज्य अमेररका का एक व्यापार कायतक्रम है , क्जसके र्हर् ववकासशील दे शों में आगथाक वद्
ृ गध को
प्रोत्साह त करने े तु 129 ननददत ष्ट्ट लाभाथी दे िों और राज्य-क्षेत्रों के 4,800 उत्पादों को वरीयता दे ते ु ए शल्
ु क
मक्
ु त प्रवेश की अनम
ु नर् प्रदान की जार् है
 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP) की स्थापना 1 जनवरी, 1976 को व्यापार अगधतनयम, 1974
(Trade Act of 1974) के द्वारा की गई थ ।
 GSP दजात गैर- व्यत्ु िममक (non-reciprocal) आधार पर प्रदान क्रकया जार्ा है । क्रफर भ अमेररका इसे
बाजार र्क पहुींि और टै ररफ में कम के साथ जोड़र्ा है , जो क्रक ज एसप के मल
ू शसद्धाींर्ों के ववपरीर्
है ।
GSP के उद्दे श्य
 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP) का उद्दे श्य ववकासि ल दे िों और अल्प ववकशसर् दे िों में ननयातर्
को बढ़ावा दे कर आचथतक ववकास को बढ़ावा दे ना है ।
 सींयत
ु र् राज्य अमेररका के साथ व्यापार को बढ़ाने और इसमें ववववधर्ा लाने के शलए लाभाथी दे िों को
सहायर्ा प्रदान करके सर्र् ववकास को बढ़ावा दे ना।
GSP के लाभ
 भारतीय तनयाातकों को अप्रत्यक्ष लाभ – ननददतष्ट्ट उत्पादों पर ननम्न िल्
ु क दर अथवा िल्
ु क मत
ु र् प्रवेि
से आयार्क को होने वाले लाभ से भारर् य ननयातर्कों को अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्र् होर्ा है ।
 भारर् य उत्पादों पर आयार् िल्
ु क में कम अथवा छूट से आयार्क के शलए ये उत्पाद अगधक प्रततस्पधी
ो जाते ै । तयोंक्रक अन्य दे िों से सामान उत्पाद लेने पर आयार्कों को अचधक कर िुकाना पड़र्ा है ।

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 इस टै ररफ वरीयर्ा से नए तनयाातकों को बाजार में प्रवेि करने और स्थावपर् ननयातर्कों को बाजार में
दहस्सेदारी बढ़ाने और GSP प्रदार्ा दे ि में लाभाींि सध
ु ार करने में सहायर्ा शमलर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ज एसप के बारे में
2. इस कायतक्रम के अींर्गतर् आने वाले दे ि
3. भारर् के GSP व्यापार वविेषाचधकार कब समाप्र् क्रकये गए थे?
4. कायतक्रम के र्हर् लाभ
में स मलिंक:
भारर् के शलए 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP) व्यापार वविेषाचधकार के तया लाभ हैं? ििात कीक्जए।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
4. आमेतनया एविं अजरबैजान के मध्य शािंतत समझौते पर स मतत
सिंदभा: हाल ही में , आमेननया और अज़रबैजान द्वारा रूस की मध्यस्थर्ा में नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र में जारी
भयींकर लड़ाई को समाप्र् करने के शलए एक समझौर्े पर सहमनर् व्यतर् की गय है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र में आमेननया और अज़रबैजान के मध्य लड़ाई को समाप्र् कराने के उद्दे श्य से रूस, फ्राींस
और सींयत
ु र् राज्य अमेररका की मध्यस्थर्ा में क्रकये गए र् न सींघषत ववराम समझौर्े ि घ्र ही टूट गए।
रूस द्वारा यह िाक्न्र् समझौर्े का यह नया प्रयास पहले क्रकये गए प्रयासों से शभन्न है , इसमें रूस द्वारा
नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र में शािंतत सेना र्ैनार् की गय है , और आमेतनया को यद्
ु ध के नक
ु सानों की भरपाई के
मलए व्यापक ररयायतें प्रदान की गय है ।
सिंघषा का कारण
 नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र पर आमेननया और अजरबैजान के मध्य दिकों से जारी सींघषत शसर्ींबर के अींर्
में भयींकर यद्
ु ध में बदल गया। यह, इस क्षेत्र में 1990 के दिक में हुए क्रूरर्ापर्
ू त जार् य यद्
ु ध के
बाद सबसे भयानक लड़ाई थ ।
 नागोनो-काराबाख़ की स मा पर होने वाली झड़पें वषो से आम बार् हो िुकी हैं। इस क्षेत्र को अिंतरराष्ट्रीय
स्तर पर अजरबैजान के एक ह स्से के रूप में मान्यता प्राप्त ै , लेक्रकन इसमें जार् य र्ौर पर अमेननयाई
लोगों की आबादी है ।
सिंघषा भड़कने के ामलया कारण
1. यह क्षेत्र एक नस्लीय ववस्फोटक क्स्थनर् वाला स्थान (tinderbox) है ।
2. क्षेत्र य र्ाकर्ों के मध्य स्थान य लड़ाईयाीं।
3. िेर्ावन सींकेर्ों की अनदे ख ।
नागोनो-काराबाख़ की क ानी:

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नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र को आत्शााख़ (Artsakh) नाम से भ जाना जार्ा है । य काराबाख़ पवात श्रेणी में जस्थत
दक्षक्षण काकेशस का स्थलरुद्ध क्षेत्र ै । यह अींर्रराष्ट्रीय स्र्र पर अजरबैजान के दहस्से के रूप में मान्यर्ा
प्राप्र् है ।
 यह स्थलरुद्ध नागोनो-काराबाख़ का यह पवतर् य क्षेत्र, अजरबैजान र्था इसकी आमीतनयाई मल
ू की
आबादी के ब ि अनसल
ु झे वववाद का ववषय बना हुआ है । अलगाववाददयों को पड़ोस दे ि आमेननया का
समथतन शमला हुआ है ।
 वषत 1991 में सोववयर् सींघ के पर्न के बाद एक सींघषत में यह अज़रबैजान से अलग हो गया। हालाींक्रक
वषत 1994 में एक सींघषत ववराम पर सहमनर् बन थ , क्रकींर्ु अजरबैजान और अमेननया, अतसर एक-दस
ू रे
पर नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र के आसपास हमले का आरोप लगार्े रहर्े हैं।
 अमेननया में ईसाई बहुसींख्यक है जबक्रक अजरबैजान में मक्ु स्लम बहुसींख्यक है । र्ुकी का अजरबैजान से
घननष्ट्ठ सींबध
ीं है , जबक्रक रूस को आमेननया के साथ जोड़ा जार्ा है - हालाँक्रक रूस के अजरबैजान के
साथ भ अच्छे सींबध
ीं हैं।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GTJ7V27U3.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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5. चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा (What is the Sino-British Joint Declaration?)
सिंदभा: हाल ही में , ब क्जींग द्वारा सरु क्षा आधार पर हाींगकाींग की (Hong Kong) की लेक्जस्लेदटव काउीं शसल से
लोकर्ींत्र समथतक िार ववपक्ष साींसदों को ननष्ट्काशसर् करने के बाद बब्रटे न ने ि न पर अपने अींर्रराष्ट्रीय सींचध
दानयत्वों को र्ोड़ने का आरोप लगाया है ।
बब्रटे न ने कहा क्रक ननवातचिर् ववधानसभा सदस्यों को अयोग्य ठहराने सींबध
ीं नए ननयम "कानन
ू ी रूप से बाध्यकारी
चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा का स्पष्ट्ट उल्लींघन" हैं।
चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा के बारे में :
1. यह हाींगकाींग का भववष्ट्य ननधातररर् करने के शलए वषत 1984 में बब्रटे न और ि न के मध्य एक समझौर्ा
है ।
2. 1840 में हुए अफीम यद्
ु ध (Opium War) के बाद से हाींगकाींग पर बब्रटे न का कब्ज़ा था। बब्रटे न र्था
ि न, दोनों दे िों के मध्य 1 जुलाई 1997 से हाींगकाींग पर ि न के ननयींत्रर् पर सहमनर् हुई थ ।
3. इस सींबध
ीं में की गय ि न-बब्रदटि सींयत
ु र् घोषर्ा को बाद में सींयत
ु र् राष्ट्र को सौंप ददया गया था।
सिंयक्
ु त घोषणा के प्रमख
ु बबिंद ु
• इसमें कहा गया है , क्रक ि न की हाींगकाींग के सींबध
ीं में मल
ू न नर्याीं अगले ‘50 वषों र्क अपररवनर्तर्
रहें ग ’, इसके साथ ही घोषर्ा में , िहर के शलए उच्ि स्र्र की स्वायत्तर्ा बरकरार रखने का वादा क्रकया
गया था।
• इसमें यह भ कहा गया है क्रक 1997 के बाद से हाींगकाींग की कानन
ू और न्यानयक प्रर्ाली भ 50 वषों
र्क अपररवनर्तर् रहे ग ।
• ि न-बब्रदटि सींयत
ु र् घोषर्ा के अनस
ु ार, वषत 1997 र्क हाींगकाींग पर बब्रटे न का प्रिासन जारी रहे गा और
ि न सरकार इसमें अपना सहयोग प्रदान करे ग ।
बीजजिंग द्वारा ािंगकािंग पर तनयिंत्रण के पश्चात चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा की जस्थतत
• वषत 1997 में हुए हस्र्ाींर्रर् के समय ब क्जींग द्वारा हाींगकाींग को उच्ि स्र्र की स्वायत्तर्ा ददए जाने
का वादा उस समय से एक पेि दा ववषय रहा है ।
• जून 2014 में स्टे ट काउीं शसल द्वारा जारी एक श्वेर् पत्र में ब क्जींग ने हाींगकाींग पर ‘व्यापक अचधकार
क्षेत्र’ की घोषर्ा की, क्जससे यह ववषय और अचधक बबगड़ गया।
• ि न का कहना है क्रक सींयत
ु र् घोषर्ा "अब अमान्य है और इसमें केवल वषत 1984 में हस्र्ाक्षर क्रकए
जाने से लेकर वषत 1997 में हस्र्ाींर्ररर् क्रकये जाने की अवचध को ही िाशमल क्रकया गया था।"
• लेक्रकन, बब्रटे न का र्कत है क्रक यह समझौर्ा अभ भ प्रभाव है और कानन
ू रूप से बाध्यकारी है क्जसका
पालन जाना िादहए।

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. हाींगकाींग की भौगोशलक अवक्स्थनर्
2. ‘एक दे ि दो प्रर्ाली’ ननयम तया है ?
4. ि न- मकाऊ सींबध
ीं
5. ि न-बब्रटे न सींयत
ु र् घोषर्ा के बारे में
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJT7V9DQ1.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. UAE द्वारा ‘गोल्िन’ वीजा े तु पात्रता मानदिं ि में ववस्तार
सिंदभा: हाल ही में , सिंयक्
ु त अरब अमीरात (United Arab Emirates- UAE) द्वारा पेिव
े रों, ववशिष्ट्ट डडग्र धारकों
और अन्य लोगों के शलए अपन ‘गोल्डन’ व जा प्रर्ाली का ववस्र्ार क्रकया जाएगा।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सींयत
ु र् अरब अम रार् (UAE) द्वारा वषत 2018 में पहली बार दीघतकाशलक व जा योजना की घोषर्ा की गय
थ , इसके पश्िार्, यए
ू ई द्वारा वषत 2019 में कुछ ववदे ि ननवेिकों, उद्यशमयों, मख्
ु य कायतकारी अचधकाररयों,
वैज्ञाननकों और उत्कृष्ट्ट छात्रों को पाींि और दस वषीय नव करर् य व जा दे ने की िरु
ु आर् की गय थ ।
‘गोल्िन कािा’ स्थायी तनवास योजना के बारे में :
सींयत
ु र् अरब अम रार् (UAE) द्वारा ववश्व के समद्
ृ ध व्यक्तर्यों और असाधारर् प्रनर्भाओीं को लभ
ु ाने के शलए
‘गोल्िन कािा’ स्थायी तनवास योजना (Golden Card’ Permanent Residency Scheme) आरीं भ की गय है।
‘गोल्िन कािा’ वीजा की श्रेखणयािं:
1. सामान्य ननवेिकों को 10 वषत का स्थाय ननवास व जा प्रदान क्रकया जाएगा।
2. ररयल एस्टे ट ननवेिक, 5 वषीय व जा प्राप्र् कर सकर्े हैं।

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3. एींटरप्रेन्योसत और प्रनर्भावान पेिव


े र जैसे डॉतटर, ररसितसत और इनोवेटसत को 10 वषीय व जा शमल सकर्ा
है ।
4. ‘उत्कृष्ट्ट छात्रों’ को भ 5 साल के स्थाय ननवास व जा की अनम
ु नर् दी जाएग ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQD7VGIS1.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. अमेररकी प्रततबिंधों के टाए जाने पर परमाणु समझौते में वापसी: ईरान (Will return to nuclear deal if
U.S. sanctions are lifted: Iran)
सिंदभा: हाल ही में , ईरान ने कहा है क्रक यदद अमेररकी राष्ट्रपनर्-ननवातचिर्, जो बबडेन, वपछले दो वषों के दौरान
ईरान पर लगाए गए अमेररकी प्रनर्बींधों को हटा लेर्े हैं, र्ो व ‘स्वतः’ ी अपनी परमाणु प्रततबद्धताओिं पर
वापस लौट आएगा।
पष्ट्ृ ठभमू म:
वषत 2018 में अमेररकी राष्ट्रपनर् डोनाल्ड रम्प ने अमेररका को ऐतत ामसक परमाणु समझौते से एकतरफा रूप
से अलग कर शलया था, और ईरान पर कठोर प्रततबिंध लगा ददए थे। इसके पश्िार् से, दिकों परु ाने अमेररकी-
ईरान र्नाव में और अचधक वद्
ृ चध हो गय ।
मई 2019 के बाद से, ईरान ने समझौर्े के र्हर् ननधातररर् क्रकये गए अपने अचधकाींि महत्वपर्
ू त दानयत्वों को
ध रे -ध रे ननलींबबर् कर ददया है ।
ईरान के मलए आगे की रा
हालाींक्रक, डोनाल्ड रम्प द्वारा ईरान पर अचधकर्म दबाव बनाने और इसे ववश्व स्र्र पर अलग-थलग करने का
प्रयास क्रकया गया था, नवननवातचिर् अमेररकी राष्ट्रपनर् ‘जो बबडेन’ द्वारा इस्लाम गर्र्ींत्र को ‘दोनों दे शों के
मध्य राजनतयक सिंबध
िं ो की ब ाली के मलए ववश्वसनीय मागा’ की पेिकि करने का प्रस्र्ाव ददया है ।
इसके अलावा, अमेररका, सींयत
ु र् राष्ट्र और इसके सरु क्षा पररषद के सदस्य के रूप में सिंकल्प 2231 (Resolution
2231) को लागू करने के शलए भ बाध्य है ।
 20 जुलाई 2015 को सरु क्षा पररषद द्वारा सवतसम्मनर् से सिंयक्
ु त व्यापक काया योजना (Joint
Comprehensive Plan of Action- JCPOA) के समथतन में सिंकल्प 2231 (2015) को पाररर् क्रकया गया
था।
 सिंकल्प 2231 में , ईरानी परमाणु मद्
ु दे पर सरु क्षा पररषद द्वारा लागू ककए गए वपछले प्रस्तावों के
प्रावधानों को समाप्त करने का प्रावधान क्रकया गया है, और इसमें , बबना क्रकस अपवाद के सभ दे िों
पर लागू होने वाले ववशिष्ट्ट प्रनर्बींधों की स्थापना की गय है ।
ईरान परमाणु समझौता क्या था?
ईरान परमार्ु समझौर्ा, 2015 में ईरान तथा ववश्व के छ दे शों– अमेररका, ि न, रूस, बब्रटे न, फ़्ाींस और जमतन के
ब ि सम्पन्न हुआ था। इस समझौर्े में ईरान ने अपने परमार्ु कायतक्रम पर लगाम लगाने पर सहमनर् व्यतर्
की।

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 सिंयक्
ु त व्यापक काया योजना (JCPOA) के र्हर् र्ेहरान ने मध्यम सींवचधतर् यरू े ननयम के अपने भींडारर्
को पर्
ू त रूप से समाप्र् करने, ननम्न-सींवद्तचधर् यरू े ननयम के भण्डारर् को 98% र्क कम करने र्था
आगाम 13 वषों में अपने गैस सेंरीफ्यज
ू ों की सींख्या को दो-नर्हाई र्क कम करने पर सहमनर् व्यतर्
की।
 इस समझौर्े के माध्यम से ईरान के परमार्ु कायतक्रम पर लगाये गए प्रनर्बींधों की ननगरान के शलए
कठोर र्ींत्रों की स्थापना की गई थ ।
अमेररका द्वारा इस समझौते से अलग ोने के कारण
रम्प र्था इस समझौर्े के ववरोचधयों का कहना है कक ‘ईरान परमाणु समझौता’ दोषपण
ू ा ै तयोंक्रक इससे ईरान
को अरबों डॉलर की सहायर्ा र्क पहुींि प्राप्र् होर् है , लेक्रकन यह हमास और दहजबल्
ु लाह जैसे सींगठनों को
ईरान द्वारा समथतन दे ने पर प्रनर्बींध नहीीं लगार्ा है । इन सींगठनो को अमेररका द्वारा आर्ींकवादी सींगठन
घोवषर् क्रकया गया है ।
अमेररका का यह भ कहना है क्रक, यह समझौर्ा ईरान के बैशलक्स्टक शमसाइल कायतक्रमों पर अींकुि नहीीं लगार्ा
है र्था यह मात्र 2030 र्क लागू होगा। इसका कहना है क्रक ईरान ने अर् र् में अपने परमार्ु कायतक्रम के बारे
में झठ
ू बोला था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. JCPOA तया है ? हस्र्ाक्षरकर्ात
2. ईरान और उसके पड़ोस ।
3. IAEA तया है ? सींयत
ु र् राष्ट्र के साथ सींबध
ीं
4. IAEA के सदस्य
5. IAEA के कायतक्रम।
6. बोडत ऑफ गवनतर- रिना, मर्दान और कायत
7. यरू े ननयम सींवधतन तया है?
में स मलिंक:
सींयत
ु र् व्यापक कायत योजना (JCPOA) पर एक दटप्पर् शलखखए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRENQ.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:महत्त्वपर्
ू त अींर्रातष्ट्रीय सींस्थान, सींस्थाएँ और मींि- उनकी सींरिना, अचधदे ि।
1. प्रशासतनक और बजट सिंबध
िं ी प्रश्नों पर सला कार सममतत (ACABQ)
(Advisory Committee on Administrative and Budgetary Questions)
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य राजननयक ववददिा मैत्रा को सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा की प्रशासतनक और बजटीय प्रश्न
(ACABQ) पर सिंयक्
ु त राष्ट्र सला कार सममतत के शलए िुना गया है ।

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126

ACABQ के बारे में :


प्रिासननक और बजटीय प्रश्नों पर सलाहकार सशमनर् (Advisory Committee on Administrative and
Budgetary Questions- ACABQ), सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा का अींग है और यह सोलह सदस्यों की एक वविेषज्ञ
सशमनर् होर् है ।
 इसके सदस्यों का िुनाव सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा द्वारा व्यापक भौगोमलक प्रतततनगधत्व के आधार पर
क्रकया जार्ा है । इसके सदस्यों का कायाकाल तीन वषा का होर्ा है ।
 सशमनर् में सदस्य व्यक्तर्गर् रूप से कायत करर्े हैं र्था वे सशमनर् में सदस्य राष्ट्रों के प्रनर्ननचध के
रूप में नहीीं होर्े हैं।
 सशमनर् के प्रनर्वषत र् न सत्र आयोक्जर् क्रकये जार्े हैं, क्जनकी कुल अवचध नौ से दस महीने की होर्
है ।
 सशमनर् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का िुनाव सलाहकार सशमनर् के सदस्यों द्वारा क्रकया जार्ा है ।
ACABQ के काया:
1. सींयत
ु र् राष्ट्र महासचिव द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा में प्रस्र्र्
ु क्रकए गए बजट की जाींि करना र्था
ररपोटत करना।
2. सशमनर् के शलए सौंपे गए प्रिासननक और बजटीय मामलों से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा
को सलाह दे ना।
3. सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा की ओर से, वविेष एजेंशसयों के प्रिासननक बजट र्था इन एजेंशसयों के शलए
ववत्त य व्यवस्था हे र्ु प्रस्र्ावों की जाँि करना।
4. सींयत
ु र् राष्ट्र वविेष एजेंशसयों के खार्ों सींबध
ीं लेखा परीक्षकों के ररपोर्टतस को स्व कार करना और सींयत
ु र्
राष्ट्र महासभा को प्रस्र्र्
ु करना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ACABQ के बारे में
2. सींरिना
3. कायत
4. सदस्यों का िुनाव
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/indian-diplomat-elected-to-un-
advisory-committee-on-administrative-and-budgetary-questions/article33047693.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
2. ओपेक प्लस (OPEC+)
सिंदभा:
कोववड-19 के खखलाफ एक अत्यचधक प्रभाव फाइजर वैतस न (Pfizer vaccine) के आने की खबर र्था सऊदी
अरब द्वारा ‘बाजार को सिंतमु लत करने े तु ओपेक प्लस (OPEC+) तेल तनकासी समझौतों को समायोजजत’ क्रकए
जाने के आश्वासन के बाद, र्ेल की कीमर्ों में उछाल आया है ।

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127

‘ओपेक प्लस’ क्या ै?


ओपेक प्लस (OPEC+) कच्िे र्ेल का उत्पादन करने वाले दे िों का एक गठबींधन है । यह गठबींधन वषत 2017
से र्ेल बाजारों में की जाने वाली आपनू र्त में सध
ु ार कर रहा है ।
ओपेक प्लस दे शों में अज़रबैजान, बहरीन, ब्रन
ु ेई, कजाक्रकस्र्ान, मलेशिया, मैक्तसको, ओमान, रूस, दक्षक्षर् सड
ू ान और
सड
ू ान िाशमल हैं।
ओपेक (OPEC) क्या ै?
ओपेक (OPEC- Organization of the Petroleum Exporting Countries) ‘पेरोशलयम ननयातर्क दे िों का
सींगठन’ है ।
 इसकी स्थापना, मसतिंबर, 1960 में आयोजजत बगदाद सम्मेलन, इराक में पाींि दे िों, इस्लाशमक ररपक्ब्लक
ऑफ ईरान, इराक, कुवैर्, सऊदी अरब और वेनेजुएला द्वारा समझौर्े पर हस्र्ाक्षर के साथ की गय थ ।
ये पािंचो दे श ओपेक सिंगठन के सिंस्थापक सदस्य थे।
 OPEC एक स्थायी, अिंतर-सरकारी सिंगठन है ।
 इस सींगठन का उद्दे श्य अपने सदस्य दे िों के मध्य पेरोमलयम नीततयों का समन्वय और एकीकरण
करना र्था उपभोतर्ा राष्ट्रों के शलए पेरोशलयम की सफल, आचथतक और ननयशमर् आपनू र्त सनु नक्श्िर्
करने हे र्ु तेल बाजारों का जस्थरीकरण सतु नजश्चत करना है ।
 इसका मख्
ु यालय ऑजस्रया के ववयना श र में है ।
 पयााप्त मात्रा में तेल तनयाात करने वाला, तथा सिंगठन के आदशों को साझा करने वाला कोई भी दे श
OPEC का सदस्य बन सकर्ा है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. OPEC के सींस्थापक सदस्य
2. ि षत र्ेल उत्पादक

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128

3. भारर् द्वारा कच्िे र्ेल का आयार्


4. कच्िे र्ेल के घटक और िोधन
5. भारर् में कच्िे र्ेल के भींडारर् की सवु वधा
6. ओपेक सदस्यों का भौगोशलक अवस्थनर्
7. ओपेक और गैर-ओपेक सदस्यों द्वारा उत्पाददर् कच्िे र्ेल का प्रकार
में स मलिंक:
ओपेक जैसे समह
ू ववश्व भर में र्ेल की कीमर्ों को क्रकस प्रकार प्रभाववर् करर्े हैं? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8A7UU20K.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. अिंतरााष्ट्रीय परमाणु ऊजाा एजेंसी (IAEA) (International Atomic Energy Agency)
सिंदभा: हाल ही में अिंतरााष्ट्रीय परमाणु ऊजाा एजेंसी (International Atomic Energy Agency- IAEA) द्वारा
जारी एक ररपोटत में कहा गया था, क्रक उत्तर कोररया के परमार्ु हचथयार भींडार अींर्रराष्ट्रीय कानन
ू ों का उल्लींघन
कर रहे हैं। इसकी प्रनर्क्रक्रया में उत्तरी कोररया ने ‘अींर्रातष्ट्रीय परमार्ु ऊजात एजेंस ’ पर उसके ित्रु दे िों की
कठपर्
ु ली होने का आरोप लगाया है ।
उत्तर कोररया द्वारा की गयी हटप्पखणयाँ
• अींर्रातष्ट्रीय परमार्ु ऊजात एजेंस (IAEA) पक्श्िम दे िों के राजन नर्क उपकरर् से अचधक नहीीं है ।
• यह उत्तर कोररया के खखलाफ ‘ित्रु र्ाकर्ों की धुन पर नािने वाली कठपर्
ु ली’ है ।
सिंबगिं धत प्रकरण
उत्तरी कोररया वषत 2003 में परमाणु अप्रसार सिंगध (Non-Proliferation Treaty- NPT) से अलग हो गया था,
इसके बाद से इसने ध रे -ध रे एक बड़े परमार्ु भींडार का ननमातर् क्रकया है । NPT से बाहर ननकलने के बाद से
प्योंगयाींग द्वारा परमार्ु बमों के कई परीक्षर् क्रकए गए हैं।
• इसके अलावा, एक दिक से अचधक समय से IAEA के ननरीक्षकों को दे ि में प्रवेि की अनम
ु नर् नहीीं दी
गई है ।
• हाल ही में , IAEA द्वारा प्योंगयाींग का हचथयार कायतक्रम ‘अत्यींर् खेदजनक’, और दे ि की परमार्ु
गनर्ववचधयों को ‘गींभ र चिींर्ा का ववषय’ बर्ाया गया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
ऐसा माना जार्ा है क्रक उत्तर कोररया अपने िस्त्रागार को ववकशसर् करना व्यापक रूप से जारी रखेगा। उत्तर
कोररया का कहना है क्रक उसे अमेररकी आक्रमर् से खद
ु को बिाने के शलए िस्त्रागार ववकशसर् करना आवश्यक
है ।
अिंतरााष्ट्रीय परमाणु ऊजाा एजेंसी (IAEA) के बारे में
अींर्रातष्ट्रीय परमार्ु ऊजात एजेंस की स्थापना, वषत 1957 में सींयत
ु र् राष्ट्र सींघ भ र्र ‘वैजश्वक शािंतत के मलए
परमाणु सिंगठन’ के रूप की गयी थी। य एक अिंतरराष्ट्रीय स्वायत सिंगठन ै।

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129

• इसका उद्दे श्य ववश्व में परमार्ु ऊजात का िाींनर्पर्


ू त उपयोग सनु नक्श्िर् करना है । यह परमार्ु ऊजात के
सैन्य उपयोग को क्रकस भ प्रकार रोकने में प्रयासरर् रहर् है ।
• IAEA ,सिंयक्
ु त राष्ट्र म ासभा तथा सरु क्षा पररषद दोनों को ररपोटा करर् है ।
• इसका मख्
ु यालय ववयना, ऑक्स्रया में क्स्थर् है ।
प्रमख
ु काया
1. IAEAअपने , सदस्य दे िों र्था ववशभन्न भाग दारों के साथ शमलकर परमार्ु प्रौद्योचगक्रकयों के सरु क्षक्षर्,
सदृ
ु ढ़ और िाींनर्पर्
ू त उपयोग को बढ़ावा दे ने के शलए कायत करर्ा है ।
2. इसका उद्दे श्य परमार्ु ऊजात के िाींनर्पर्
ू त उपयोग को बढ़ावा दे ना र्था परमार्ु हचथयारों सदहर् क्रकस
भ सैन्य उद्दे श्य के शलए इसके उपयोग को रोकना है।
बोिा ऑफ गवनासा
• 22 सदस्य राज्यों (प्रत्येक द्वारा ननधातररर् भौगोशलक ववववधर्ा का प्रनर्ननचधत्व) – सामान्य सम्मेलन
द्वारा ननवातिन (प्रत्येक वषत 11 सदस्य) – 2 वषत का कायतकाल
• कम से कम 10 सदस्य दे ि – ननवर्तमान बोडत द्वारा नाशमर्
IAEA के काया:
• IAEA गनर्ववचधयों और बजट पर जनरल कॉन्फ्रेंस के शलए शसफाररिें करना
• IAEA मानकों को प्रकाशिर् करना
• IAEA की अचधकाींि न नर्यों का ननमातर् करना
• जनरल कॉन्फ्रेंस के अनम
ु ोदन से महाननदे िक की
ननयत
ु र् करना
IAEA द्वारा जारी कायािम
1. कैं सर थेरेप के शलए कारत वाई का कायतक्रम
(Program of Action for Cancer Therapy- PACT)
2. मानव स्वास््य कायतक्रम
3. जल उपलब्धर्ा सींवधतन पररयोजना
4. अशभनव परमार्ु ररएतटरों और ईंधन िक्र पर
अींर्रातष्ट्रीय पररयोजना, 2000
प्रीमलम्स मलिंक:
1. IAEA तया है ? सींयत
ु र् राष्ट्र के साथ सींबध
ीं
2. IAEA के सदस्य
3. IAEA के कायतक्रम।
4. बोडत ऑफ गवनतर- रिना, मर्दान और कायत
5. यरू े ननयम सींवधतन तया है?

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130

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJT7V9DPP.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. सबसे बड़े मक्
ु त व्यापार धलॉक ‘क्षेत्रीय व्यापक आगथाक साझेदारी’ (RCEP) की शरु
ु आत
सिंदभा: हाल ही में , 37वें आशसयान शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्य दे िों के मध्य ‘क्षेत्रीय व्यापक आगथाक
साझेदारी’ (Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP) की िरु
ु आर् का समारोह आयोक्जर्
क्रकया गया था।
‘क्षेत्रीय व्यापक आगथाक साझेदारी’ (RCEP) के बारे में :
 RCEP मेगा रे ड ब्लॉक में ि न के नेर्त्ृ व में 15 दे श (10 आमसयान राष्ट्र और ऑस्रे मलया, चीन, जापान,
दक्षक्षण कोररया और न्यज
ू ीलैंि) िाशमल हैं।
 यह समह
ू , सींभाववर् रूप से कम से कम 30% वैक्श्वक ज ड प का प्रनर्ननचधत्व करे गा और यह ववश्व
का सबसे बड़ा मत
ु र् व्यापार समझौर्ा होगा।
 यह मेगा व्यापार ब्लॉक, एशिया-प्रिाींर् क्षेत्र में फैले सदस्य दे िों के मध्य व्यापार वाखर्ज्य को बढ़ावा
दे गा।
RCEP के लक्ष्य और उद्दे श्य:
 उभरर् अथतव्यवस्थाओीं को ववश्व के िेष भागों के साथ प्रनर्स्पधात करने में सहायर्ा करने हे र्ु टै ररफ
कम करना, र्था सेवा क्षेत्र में व्यापार और ननवेि को बढ़ावा दे ना।
 कींपननयों के शलए समय और लागर् की बिर् करने हे र्ु ब्लॉक के सदस्य दे िों में शभन्न-शभन्न
औपिाररकर्ाओीं को परू ा क्रकये बबना क्रकस उत्पाद के ननयातर् करने की सवु वधा प्रदान करना।
 इस समझौर्े में बौद्चधक सींपदा सींबध
ीं पहलओ
ु ीं को िाशमल क्रकया गया है , क्रकीं र्ु इसमें पयातवरर् सींरक्षर्
और श्रम अचधकारों को सक्म्मशलर् नहीीं क्रकया गया है ।
RCEP का म त्व
‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP), मख्
ु य रूप से इस अथत में महत्वपर्
ू त है , तयोंक्रक यह एशिया-प्रिाींर्
क्षेत्र के शलए नए व्यापार ननयमों को ननधातररर् करर्ा है - और इसके शलए ि न का समथतन प्राप्र् है लेक्रकन
इसमें सींयत
ु र् राज्य अमेररका िाशमल नहीीं है ।
पयतवेक्षकों का कहना है , क्रक RCEP एशिया-प्रिाींर् क्षेत्र में ि न की व्यापक भरू ाजन नर्क महत्वाकाींक्षाओीं को
सितर् करे गा।
RCEP में भारत की अनप
ु जस्थतत
भारर् वपछले साल ‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP) से ि न द्वारा उत्पाददर् सस्र्े सामान के दे ि में
प्रवेि करने सींबध
ीं चिींर्ाओीं के कारर् अलग हो गया था। हालाींक्रक, भारर् बाद में इस समझौर्े में िाशमल हो
सकर्ा है ।
 भारर् ने बाजार पहुींि से सींबचीं धर् मद्
ु दों के बारे में आवाज उठाई, र्था घरे लू उत्पादकों द्वारा दे ि में
सस्र्े ि न सामानों की अत्याचधक आपनू र्त होने सींबध
ीं आिींका को जायज ठहरार्े हुए समझौर्े से अलग
हो गया।

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131

 क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी से सवातचधक प्रभाववर् होने वाले र् न कमजोर उद्योगों के रूप में कपड़ा,
डेयरी और कृवष उद्योगों को चिक्ह्नर् क्रकया गया था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RCEP - सींरिना और उद्दे श्य
2. आशसयान दे िों के साथ भारर् के मत
ु र् व्यापार समझौर्े
3. आशसयान दे िों की भौगोशलक अवक्स्थनर्
4. RCEP के लक्ष्य और उद्दे श्य
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GFE7VGUH4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत रक्षा अमभयान (UNPK) (United Nations Peace Keeping (UNPK) missions)
सिंदभा: ि न द्वारा सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत रक्षा अमभयानों (United Nations Peace Keeping missions- UNPK
missions) में सैन्य योगदान में वद्
ृ चध की जा रही है । इसे दे खर्े हुए भारर् और अमेररका द्वारा अफ्रीकी दे िों
के शलए जारी पहल की र्जत पर दक्षक्षर् पव
ू त एशियाई दे िों से िाींनर् रक्षा शमिनों के शलए सैन्य कशमतयों को
प्रशिक्षर् प्रदान करने पर वविार कर रहे हैं।
भारत और सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना
 भारर्, सींयत
ु र् राष्ट्र में सैन्य िक्तर् का योगदान करने वाले ि षत दे िों में लगार्ार बना हुआ है , और
इस मामले में वैजश्वक स्तर पर पािंचवे स्थान पर है । भारर् के 5,424 सैन्य कममायों द्वारा आठ दे शों
में सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना में सेवाएँ दी जा रही है ।
 भारर् द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र ननयशमर् बजट में 0.83% और िाींनर् सेना बजट में 0.16% का योगदान
क्रकया जार्ा है ।
 भारर् ने सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना के कुल 71 अशभयानों में से 51 अशभयानों में भाग शलया है , और
इनमे 2 लाख से अचधक कशमतयों का योगदान ददया है ।
 भारर् के िाींनर् सैननक, लेबनान, गोलन हाइर्टस, काींगो और दक्षक्षर् सड
ू ान में र्ैनार् क्रकये गए है , इसके
अलावा भारर् य सैन्य कशमतयों को अन्य अशभयानों में स्टाफ अचधकाररयों के रूप में र्ैनार् क्रकया गया
है ।
 भारर् द्वारा दक्षक्षर् सड
ू ान और काींगो में क्रमिाः दो र्था एक क्षेत्र य अस्पर्ाल भ स्थावपर् क्रकये गए
है ।
 वषत 2018 से, भारर् ने लेबनान शमिन में कजाक्रकस्र्ान की एक सैन्य टुकड़ को सहयोक्जर् क्रकया है ।

अमेररका और सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना
 अमेररका द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना में सैन्य कशमतयों का कोई योगदान नहीीं क्रकया जार्ा है , क्रकीं र्ु
यह सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना के बजट में 27% का योगदान करर्ा है ।

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132

 वषत 2016 में, भारर् और अमेररका द्वारा सींयत


ु र् राष्ट्र और क्षेत्र य िाींनर् अशभयानों में भाग लेने हे र्ु
अफ्रीकी सैन्य बलों और पशु लस कशमतयों के शलए सींयत
ु र् रूप से एक वावषतक पहल ‘अफ्रीकी साझेदारों के
मलए सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना कोसा’ (UN Peacekeeping Course for African Partners) की िरु
ु आर्
की गय है ।
 इसके साथ ही अमेररका द्वारा, ववयर्नाम और अन्य दक्षक्षर् पव
ू त एशियाई दे िों के शलए एक समान
पहल िरू
ु करने हे र्ु वविार क्रकया जा रहा है ।
चीन और सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना:
 वर्तमान में ि न द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र के ववशभन्न अशभयानों में 2,500 से अचधक सैननक कायतरर् हैं और
इसने 8,000 अनर्ररतर् सैननकों को सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् अशभयानों में भेजने की प्रनर्बद्ध व्यतर् की है ।
 इन सैननकों की र्ैनार् के बाद ि न सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् रक्षा अशभयानों (UNPK) में सवातचधक सैन्य
िक्तर् का योगदान करने वाला दे ि बन जायेगा।
 ि न द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र ननयशमर् बजट में 12% और िाींनर् सेना बजट में 15% का योगदान क्रकया
जा रहा है ।
शािंतत अमभयान क्या ोते ै?
 सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् अशभयान, डडपाटत मेंट ऑफ़ प स ऑपरे िन र्था डडपाटत मेंट ऑफ़ ऑपरे िनल सपोटत
का एक सींयत
ु र् प्रयास है ।
 प्रत्येक शािंतत रक्षा अमभयान को सिंयक्
ु त राष्ट्र सरु क्षा पररषद द्वारा मिंजूरी प्रदान की जार् है ।
 सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् अशभयानों के शलए ववत्त य आपनू र्त को सींयत
ु र् राष्ट्र के सदस्य दे िों द्वारा सामदू हक
रूप से वहन क्रकया जार्ा है।
 सींयत
ु र् राष्ट्र िाटत र के अनस
ु ार, प्रत्येक सदस्य राष्ट्र िाींनर् अशभयानों के शलए ननधातररर् राशि का भग
ु र्ान
करने के शलए कानन
ू ी रूप से बाध्य है ।
सिंरचना:
 सींयत
ु र् राष्ट्र के िाींनर् रक्षकों में सैननक, पशु लस अचधकारी और नागररक कमी सक्म्मशलर् हो सकर्े हैं।
 सदस्य दे िों द्वारा स्वैक्च्छक आधार पर िाींनर् सैननको का योगदान ददया जार्ा है।
 िाींनर् अशभयानों के नागररक कमतिारी, अींर्रातष्ट्रीय शसववल सेवक होर्े हैं, क्जन्हें सींयत
ु र् राष्ट्र सचिवालय
द्वारा भर्ी और र्ैनार् क्रकया जार्ा है ।
सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् अशभयान तीन बतु नयादी मसद्धािंतों द्वारा ननदे शिर् होर्े है :
1. पक्षकारों की सहमनर्
2. ननष्ट्पक्षर्ा
3. अचधदे ि की सरु क्षा और आत्मरक्षा के अलावा बल प्रयोग नहीीं क्रकया जाएगा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िाींनर् अशभयानों का ववत्त पोषर् क्रकसके द्वारा क्रकया जार्ा है ?

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133

2. UNSC की भशू मका


3. िाींनर्रक्षकों की सींरिना?
4. िाींनर् सैननकों को ब्लू हे ल्मेट तयों कहा जार्ा है ?
5. सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना के मागतदितक शसद्धाींर्
6. वर्तमान में जारी िाींनर् अशभयान
में स मलिंक:
सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् अशभयान और उसके महत्व पर एक दटप्पर् शलखखए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GE07VGTVE.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

6. एमशया-प्रशािंत आगथाक स योग (APEC) (Asia-Pacific Economic Cooperation)


सिंदभा: इस वषत महामारी के कारर्, एमशया-प्रशािंत आगथाक स योग (Asia-Pacific Economic Cooperation-
APEC) फोरम का आयोजन ऑनलाइन क्रकया गया था।
एपेक (APEC):
एशिया-प्रिाींर् आचथतक सहयोग (APEC), वषा 1989 में स्थावपत एशिया-प्रिाींर् क्षेत्र में दे िों के मध्य बढ़र् हुई
परस्पर ननभतरर्ा का लाभ उठाने के शलए एक क्षेत्रीय आगथाक मिंच है ।
उद्दे श्य: सींर्शु लर्, समावेि , सर्र्, अशभनव और सरु क्षक्षर् ववकास को बढ़ावा दे कर और क्षेत्र य आचथतक एकीकरर्
में र् व्रर्ा लाकर क्षेत्र के लोगों को समद्
ृ ध करना।
एपेक के काया:
1. APEC एशिया-प्रिाींर् के सभ ननवाशसयों के शलए वद्
ृ चधि ल अथतव्यवस्था में भागेदारी हे र्ु सहायर्ा प्रदान
करने का कायत करर्ा है ।
2. ववशभन्न पररयोजनाओीं के माध्यम से APEC द्वारा ग्राम र् समद
ु ायों को डडक्जटल कौिल प्रशिक्षर् प्रदान
क्रकया जार्ा हैं और स्थान य मदहलाओीं को बाहरी दे िों में अपने उत्पादों का ननयातर् करने में सहायर्ा
प्रदान की जार् है ।
3. जलवायु पररवर्तन के प्रभावों को पहिानर्े हुए, APEC सदस्यों द्वारा ऊजात दक्षर्ा बढ़ाने और वन एवीं
समद्र
ु ी सींसाधनों के स्थाय प्रबींधन को बढ़ावा दे ने हे र्ु पहलें की जार् हैं।
4. यह मींि सदस्य दे िों के शलए क्षेत्र की आचथतक भलाई हे र्ु महत्वपर्
ू त िुनौनर्यों से ननपटने की अनम
ु नर्
प्रदान करर्ा है । इसमें आपदा रोध अवसींरिना का ननमातर्, महामाररयों से ननपटने हे र्ु योजना ननमातर्
और आर्ींकवाद की समस्या का समाधान करना सक्म्मशलर् हैं।

एमशया-प्रशािंत आगथाक स योग (APEC) के सदस्य:

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134

APEC में 21 राष्ट्र सजम्ममलत ैं: ऑस्रे शलया, ब्रन


ु ेई दारुस्सलाम, कनाडा, चिली, ि न जनवादी गर्राज्य, हाींगकाींग-
ि न, इींडोनेशिया, जापान, कोररया गर्राज्य, मलेशिया, मेक्तसको, न्यज
ू लैंड, पापआ
ु न्यू चगन , पेरू, क्रफलीप ींस, रूस
सींघ, शसींगापरु , ि न -र्ाइपेई, थाईलैंड, सींयत
ु र् राज्य अमरीका, ववयर्नाम।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. APEC सदस्यों की भौगोशलक अवक्स्थनर्
2. क्षेत्र य समह
ू क्जनमे भारर् की सदस्यर्ा नहीीं है ?
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFQU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. आमसयान रक्षा मिंबत्रयों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) (ASEAN Defence Ministers’ Meeting Plus)
सिंदभा: ददसींबर 2020 में , ववयर्नाम की अध्यक्षर्ा में आशसयान रक्षा मींबत्रयों की बैठक-प्लस (ASEAN Defence
Ministers’ Meeting Plus- ADMM-Plus) आयोक्जर् की जा रही है । ववयर्नाम ने भारर् को बैठक में भाग
लेने के शलए आमींबत्रर् क्रकया है ।
‘ADMM-Plus’ के बारे में
आशसयान रक्षा मींबत्रयों की बैठक (ASEAN Defence Ministers’ Meeting- ADMM) के खुले और सावतजननक
प्रकार के मागतदितक शसद्धाींर्ों के अनरू
ु प, वषत 2007 में मसिंगापरु में मसिंगापरु में आयोजजत ADMM की दस
ू री
बैठक में ADMM Plus की स्थापना े तु सिंकल्पना पत्र (Concept Paper) अपनाया गया था।
 ADMM-Plus, आमसयान और इसके वाताा साझेदार (Dialogue partners) दे शों के मलए क्षेत्र में िाींनर्,
क्स्थरर्ा और ववकास हे र्ु सरु क्षा और रक्षा सहयोग को मजबर्
ू प्रदान करने वाला एक मींि है ।
 ADMM Plus के वाताा साझेदारों में ऑस्रे शलया, ि न, भारर्, जापान, न्यज़
ू लैंड, दक्षक्षर् कोररया , रूस और
सींयत
ु र् राज्य अमेररका िाशमल हैं। इन्हें सामदू हक रूप से "प्लस दे िों" के रूप में सींदशभतर् क्रकया जार्ा
है ।
इस तिंत्र के त त स योग के क्षेत्र:
इस नए र्ींत्र के र्हर् रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के ननम्नशलखखर् पाँि क्षेत्रों पर सहमनर् व्यतर् की गई है : समद्र
ु ी
सरु क्षा, आर्ींकवाद-रोध , मानव य सहायर्ा और आपदा राहर्, िाींनर् व्यवस्था और सैन्य चिक्रकत्सा।
वषत 2013 में , सहयोग के क्षेत्रों में एक नए प्राथशमकर्ा क्षेत्र ‘बारूदी सरु िं ग पर मानवीय कारा वाई (Humanitarian
Mine Action)’ पर सहमनर् व्यतर् की गय ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ADMM तया है ?
2. ADMM plus तया है ?
3. सदस्य
4. उद्दे श्य
5. ADMM plus के अींर्गतर् सहयोग क्षेत्र
स्रोर्: द दहींद ू

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135

8. इस्लाममक स योग सिंगठन (OIC) (Organisation of Islamic Cooperation)


सिंदभा: भारर् ने इस्लाशमक सहयोग सींगठन (Organisation of Islamic Conference-OIC) की कड़ आलोिना
करर्े हुए, इसके 47 वें काउिं मसल ऑफ फॉरे न ममतनस्टसा (Council of Foreign Ministers- CFM) सम्मलेन में
जम्म-ू कश्म र के सींदभत में पाररर् क्रकये गए अनचु िर् प्रस्र्ावों को खाररज कर ददया।
भारर् ने कहा है क्रक जम्म-ू कश्म र केंद्र िाशसर् प्रदे ि सदहर् भारर् के ननर्ाींर् आींर्ररक मामलों में दखल दे ने ले
शलए इस्लाशमक सहयोग सींगठन (OIC) की कोई अगधजस्थतत (locus standi) न ीिं है ।
इस्लाममक स योग सिंगठन (OIC) के बारे में :
 OIC, वषा 1969 में स्थावपत एक अिंतरााष्ट्रीय सिंगठन है , वर्तमान में इसमें 57 सदस्य दे ि सक्म्मशलर् हैं।
 यह सिंयक्
ु त राष्ट्र सिंघ के पश्चात दस
ू रा सबसे बड़ा अिंतर-सरकारी सिंगठन है ।
 इस सींगठन का कहना है क्रक यह "मजु स्लम ववश्व की सामहू क आवाज" है ।
 इसका उद्दे श्य अींर्रातष्ट्रीय िाींनर् और सद्भाव को बढ़ावा दे ना और साथ ही दनु नया के मक्ु स्लम समद
ु ायों
के दहर्ों की रक्षा और सींरक्षर् हे र्ु कायत करना है ।
 सींयत
ु र् राष्ट्र सींघ और यरू ोप य सींघ में OIC के स्थाय प्रनर्ननचधमींडल हैं।
 इसका स्थायी सगचवालय सऊदी अरब के जेद्दा में है ।
भारत के मलए OIC का म त्व:
हाल के ददनों में भारर् और OIC के मध्य आचथतक और ऊजात सींबध
ीं परस्पर ननभतरर्ा में वद्
ृ चध वविेष रूप
महत्वपर्
ू त हो गई है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. OIC- उद्दे श्य
2. कायत
3. सदस्य
4. सहायक सींगठन
स्रोर्: द दहींद ू
9. वन े ल्थ ग्लोबल लीिसा ग्रप
ु ऑन एिंटीमाइिोबबयल रजजस्टें स (One Health Global Leaders Group on
Antimicrobial Resistance)
सिंदभा: हाल ही में , खाद्य और कृवष सींगठन (FAO), ववश्व पिु स्वास््य सींगठन (World Organisation for Animal
Health- OIE) और ववश्व स्वास््य सींगठन (WHO) द्वारा सक्ष्
ू मजीवीरोधी प्रततरोधक क्षमता े तु एक वैजश्वक
स्वास्थ्य नेताओिं के समू (One Health Global Leaders Group on Antimicrobial Resistance) की िरु
ु आर्
की गय है ।

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सिंरचना:
 इस 20-सदस्य य समह
ू में ववशभन्न दे िों के राज्य प्रमख
ु , वर्तमान और पव
ू त मींत्र , र्था ननज क्षेत्र और
नागररक समाज के नेर्त्ृ वकर्ात सक्म्मशलर् हैं।
 समह
ू के सह-अध्यक्ष बारबाडोस के प्रधानमींत्र शमया मोर्टटले (Mia Mottley) र्था बाींग्लादे ि की प्रधानमींत्र
िेख हस ना वाजेद हैं।
 खाद्य और कृवष सींगठन (FAO), ववश्व पिु स्वास््य सींगठन (OIE) और ववश्व स्वास््य सींगठन (WHO)
के प्रमख
ु इस समह
ू के पदे न सदस्य हैं।
इस समू का उद्दे श्य:
इस समह
ू का उद्दे श्य, सक्ष्
ू मज व रोध दवाइयों का सींरक्षर् करने र्था सक्ष्
ू मज व रोध प्रनर्रोधक क्षमर्ा
(Antimicrobial Resistance- AMR) के ववनािकारी पररर्ामों से बिने हे र्ु वैक्श्वक ध्यानाकषतर् व कायतवादहयों
को उत्प्रेररर् करना है ।
समू के काया:
1. सक्ष्
ू मज व रोध प्रनर्रोधक क्षमर्ा के प्रनर् वैक्श्वक प्रनर्क्रक्रया की ननगरान करना।
2. सावतजननक सक्रक्रयर्ा को बनाए रखना।
3. सक्ष्
ू मज व रोध प्रनर्रोधक क्षमर्ा (AMR) सींबध
ीं ववज्ञान और साक्ष्यों के बारे में सींयत
ु र् राष्ट्र के सदस्य
दे िों को ननयशमर् ररपोटत प्रदान करना।
4. कृवष, स्वास््य, ववकास, खाद्य और िारा उत्पादन पर ननवेि में AMR लेंस को िाशमल करने की वकालर्
करना।
5. सींबचधर् ववषय पर बहु-दहर्धारकों को जड़
ु ाव के शलए प्रोत्सादहर् करना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. एींटीबायोदटक प्रनर्रोधक क्षमर्ा तया है ?
2. एींटीबॉड तया हैं?
3. भारर् में दग्ु ध उत्पादन एवीं खपर्
4. गींभ र रूप से महत्वपर्
ू त एींटीबायोदटतस (CIA) तया होर्े हैं?
5. िरु
ु आर् क्रकये गए नए समह
ू के बारे में
में स मलिंक:
एींटीबायोदटक प्रनर्रोधक क्षमर्ा, 21 व ीं सदी की सबसे बड़ स्वास््य िुनौनर्यों में से एक है । परीक्षर् कीक्जए।
https://www.downtoearth.org.in/news/health/three-un-organisations-launch-a-new-global-coalition-
of-global-leaders-to-tackle-amr-74340.
स्रोर्: डाउन टू अथत

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सामान्य अध्ययन-III
प्रौद्योगगकी, आगथाक ववकास, जैव ववववधता, पयाावरण, सरु क्षा तथा आपदा प्रबिंधन
ववषय:भारर् य अथतव्यवस्था र्था योजना, सींसाधनों को जट
ु ाने, प्रगनर्, ववकास र्था रोज़गार से सींबचीं धर् ववषय।
1. गैर-बैंककिं ग ववत्तीय किंपनी - सक्ष्
ू म ववत्त सिंस्थान (NBFC-MFIs)
(Non-Banking Financial Company - Micro Finance Institutions)
सिंदभा: कई बड़े सक्ष्
ू म ववत्त सिंस्थानों (MFIs) के लघु ववत्तीय बैंकों में पररवततात ो जाने से, समग्र सक्ष्
ू म ववत्त
क्षेत्र में गैर-बैंक्रकीं ग ववत्त य कींपननयों - सक्ष्
ू म ववत्त सींस्थानों (NBFC-MFIs) की भागेदारी लगभग 30% र्क रह
गय है ।
NBFC- MFI क्या ?ैं
NBFC-MFIs एक प्रकार की गैर बैंक्रकीं ग ववत्त य कींपन (भारर् य कींपन अचधननयम, 1956 की धारा 25 के र्हर्
लाइसेंस प्राप्र् कींपन से शभन्न) होर्े है , क्जसमें धन जमा करने की सवु वधा नहीीं होर् ।
NBFC-MFIs को ननम्नशलखखर् िर्ें परू ा करना अननवायत होर्ा है :
 NBFC-MFIs की न्यन
ू र्म सकल स्वाशमत्व ननचध (Minimum Net Owned Funds - NOF) 5 करोड़ रु.
होन िादहए। दे ि के पव
ू ोत्तर क्षेत्र में पींज कृर् NBFC-MFIs के शलए यह राशि 2 करोड़ रुपये होन
आवश्यक है ।
 NBFC-MFIs की कुल सींपवत्त में से 85% अहतक सींपवत्त (Qualifying Assets) के रूप में होन िादहये।

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138

‘अ ाक पररसिंपवत्तयािं’ क्या ोती ैं?


‘तनवल सिंपवत्तयािं (Net assets), नकदी, बैंक में जमा राशि और मद्र
ु ा बाजार के उपकरर्ों को छोड़कर कुल सींपवत्त
होर् है ।
‘अ ाक पररसिंपवत्तयािं’ (Qualifying Assets), वे सींपवत्तयाीं होर् हैं, क्जन्हें इक्च्छर् उपयोग अथवा बबक्री हे र्ु र्ैयार
होने के शलए पयातप्र् समय लगर्ा है । RBI द्वारा ‘अहतक पररसींपवत्तयों’ को क्रकस व्यक्तर् या समह
ू को ददए गए
ऋर् के रूप में पररभावषर् क्रकया है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NBFCs - अथत।
2. प्रकार
3. RBI के र्हर् NBFCs
4. NBFC-MFI- पात्रर्ा, कायत।
5. ननवल स्वाशमत्व राशि (NOF) तया है ?
6. अहतक सींपवत्त तया होर् हैं?
7. लघु ववत्त बैंक (SFB) तया हैं?
8. NBFCs, SFBs और भग
ु र्ान बैंकों के मध्य अींर्र
में स मलिंक:
गैर-बैंक्रकीं ग ववत्त य कींपन - सक्ष्
ू म ववत्त सींस्थान (NBFC-MFIs) के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2E7UJU93.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. ररयाणा में स्थानीय लोगों को प्राइवेट नौकररयों में 75 प्रततशत आरक्षण
सिंदभा: हाल ही में , राज्य ववधानसभा द्वारा ‘ ररयाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार ववधेयक’, 2020
(Haryana State Employment of Local Candidates Bill, 2020) पाररर् कर ददया गया है । इससे ननज क्षेत्र
में स्थान य लोगों के शलए रोजगार के अचधक अवसरों का मागत प्रिस्र् होगा।
प्रमख
ु प्रावधान:
• लागू ककये जाने वाले क्षेत्र: यह अचधननयम, सरकार द्वारा अचधसचू िर्, सभ कींपननयों, सोसाइटी, रस्ट,
स शमर् दे यर्ा भाग दारी फमत, साझेदारी वाली फमत और 10 या अचधक व्यक्तर्यों को ननयोक्जर् करने
वाला कोई व्यक्तर् अथवा इकाईयों पर लागू होगा।
• अगधतनयम के त त छूट: यह अचधननयम,केंद्र सरकार या राज्य सरकार के र्हर् नौकररयों और केंद्र या
राज्य सरकार के स्वाशमत्व वाली क्रकस सींस्था पर लागू नहीीं होगा।
• कवर ककये जाने वाले पद: इस अचधननयम में 50,000 रुपए या उससे कम कुल माशसक वेर्न या
मजदरू ी और समय-समय पर सरकार द्वारा अचधसचू िर् पदों को सक्म्मशलर् क्रकया गया है ।

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139

• अगधतनयम के त त छूट प्राप्त पद: वाींनछर् कौिल, योग्यर्ा अथवा प्रव र्र्ा के पयातप्र् सींख्या में
स्थान य उम्म दवार उपलब्ध नहीीं होने पर ननयोतर्ा द्वारा अचधननयम के र्हर् छूट का दावा क्रकया जा
सकर्ा है ।
• दिं ि अथवा जुमााना: इस अचधननयम के प्रावधानों का पालन नहीीं करने पर ननयोतर्ा को 5 लाख रु. र्क
के जुमातने का दीं ड ददया जा सकर्ा है ।
ववशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की गई गचिंताएिं:
• हररयार्ा सरकार के इस ववधेयक द्वारा अनच्
ु छे द 16 का उल्लींघन हो सकर्ा है । हालाींक्रक, हररयार्ा
सरकार का दावा है क्रक जबक्रक अनच्
ु छे द 16 ‘सावतजननक रोजगार’ के बारे में है , और यह ववधेयक केवल
"ननज क्षेत्र के रोजगार" से सींबचीं धर् है ।
• इसके अलावा, यह उद्योगों के शलए लाभप्रद नहीीं होगा।
• ऐस आिींकाएीं वयतर् की जा रही हैं क्रक यदद हररयार्ा में इस र्रह का आरक्षर् लागू क्रकया जार्ा है ,
र्ो अन्य राज्य भ इसका अनस
ु रर् करें गे और इसके पररर्ामस्वरूप ‘पर्
ू त अराजकर्ा’ की क्स्थनर् हो
जाएग ।
• इससे पहले, आींध्र प्रदे ि के स्थान य उम्म दवारों को 75% आरक्षर् प्रदान करने सींबध
ीं आींध्र प्रदे ि सरकार
के फैसले को असींवध
ै ाननक बर्ार्े हुए आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय में िुनौर् दी गई थ ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ववधेयक के प्रमख
ु प्रावधान
2. भारर् य सींववधान का अनच्
ु छे द 16 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
में स मलिंक:
हररयार्ा द्वारा 75% ननज नौकररयों को आरक्षक्षर् करने के ननर्तय से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-what-haryanas-move-to-reserve-75-private-
jobs-means-for-companies-6995688/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
3. उत्पादन सिंबद्ध प्रोत्सा न (PLI) योजना (Production-Linked Incentive (PLI) scheme)
सिंदभा: हाल ही में , केंद्र सरकार द्वारा दस अन्य क्षेत्रों में घरे लू ववननमातर् ननवेि को प्रोत्सादहर् करने के शलए
उत्पादन सिंबद्ध प्रोत्सा न योजना (Production-Linked Incentive Scheme- PLI Scheme) का आरीं भ क्रकया
गया है । इसके अींर्गतर् अगले पाींि वषों के शलए 1.46 लाख करोड़ रूपये का अनम
ु ाननर् पररव्यय ननधातररर् क्रकया
गया है ।
इन क्षेत्रों को रोजगार उत्पन्न करने और भारर् को आत्मननभतर बनाने सींबध
ीं क्षमर्ा के आधार पर चिक्ह्नर्
क्रकया गया है ।
इन दस क्षेत्रों में शाममल ैं:
खाद्य प्रसींस्करर्, दरू सींिार, इलेतरॉननतस, वस्त्र, औषचध, वविेष प्रकार के इस्पार्, मोटर वाहन और वाहन कल-
पज
ु े, उच्ि दक्षर्ा वाले सौर फोटो-वोक्ल्टक मोड्यल्
ू स, एयर कींड िनर और एलईड जैसे उत्पाद (व्हाइट गड्
ु स)।

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उत्पादन सिंबद्ध प्रोत्सा न योजना (PLI Scheme) के बारे में


भारर् को एक ववननमातर् केंद्र बनाने के शलए, हाल ही में , सरकार द्वारा मोबाइल फोन, फामाा उत्पादों और
गचककत्सा उपकरण क्षेत्रों के मलए उत्पादन सिंबद्ध प्रोत्सा न (Production Linked Incentive- PLI) योजना की
घोषर्ा की गय थ ।
 1 अप्रैल को, राष्ट्रीय इलेक्रॉतनक्स नीतत के भाग के रूप में PLI योजना को अगधसगू चत क्रकया गया था।
 इसके र्हर् घरे लू ववतनमााण को बढ़ावा दे ने और इलेक्रॉतनक घटकों के तनमााण में व्यापक तनवेश को
आकवषात करने के मलये ववत्तीय प्रोत्सा न प्रदान क्रकया जार्ा है ।
PLI योजना का लक्ष्य
1. घरे लू ववननमातर् के शलए प्रनर्स्पधी और कुिल बनाना।
2. भारर् के शलए वैक्श्वक आपनू र्त श्रख
ीं ृ ला का भाग दार बनाना।
3. प्रमख
ु ववननमातर् उद्योगों और अत्याधनु नक र्कन क में ननवेि आकवषतर् करना।
4. प्रनर्स्पधी ववननमातर् उद्योगों के पररर्ाम स्वरूप ननयातर् में वद्
ृ चध।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. राष्ट्रीय इलेतरॉननतस न नर् के र्हर् प्रमख
ु प्रस्र्ाव।
2. इसकी घोषर्ा -योजना ’उत्पादन से सींबद्ध प्रोत्साहन‘
कब की गई थ ?
3. इस योजना के र्हर् प्रोत्साहन राशि है ?
4. क्रकस र्रह के ननवेि पर वविार क्रकया जाएगा?
5. योजना की अवचध
6. इसे कौन कायातक्न्वर् करे गा?
में स मलिंक:
इलेतरॉननतस ववननमातर् के शलए ‘उत्पादन से सींबद्ध प्रोत्साहन’
योजना तया है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8V7V5P0I.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

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141

4. भारतीय ररजवा बैंक की ऋण पन


ु गाठन योजना (RBI's debt restructuring scheme)
सिंदभा: रे हटिंग एजेंसी किमसल के अनस
ु ार, इसके द्वारा रे दटींग की जाने वाली 99% प्रनर्िर् कींपननयों द्वारा
भारर् य ररज़वत बैंक (RBI) की एकमश्ु त ऋण-पन
ु गाठन (One-Time Debt Restructuring- OTDR) का ववकल्प
िुनने की सींभावना नहीीं है ।
• यह ननष्ट्कषत 3,523 गैर-सक्ष्
ू म लघु और मध्यम उद्यम (MSME) कींपननयों के प्रारीं शभक ववश्लेषर् पर
आधाररर् है ।
• के व कामथ सशमनर् (KV Kamath committee) द्वारा प्रस्र्ाववर् मापदीं डों के आधार पर रे दटींग की गय
दो-नर्हाई सींस्थाएीं पन
ु गतठन के शलए पात्र हैं, इसके बावजद
ू भ यह क्स्थनर् है ।
क्रक्रशसल के अनस
ु ार, कारोबारी धारर्ा में सध
ु ार और इसमें क्रशमक बहाली से इस सवु वधा का लाभ उठाने की
जरूरर् कम हो गय है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
इस वषत अगस्र् में , भारर् य ररजवत बैंक (RBI) द्वारा कोववि-19 म ामारी से प्रभाववत ऋणों के पन
ु गाठन पर के
वी कामथ (KV Kamath) की अध्यक्षता में एक सममतत का गठन क्रकया गया था।
इस सशमनर् को कॉपोरे ट ऋणों के एकमश्ु त पन
ु गाठन के शलए मापदीं डों की शसफाररि करने का कायत सौंपा गया
था।
सममतत द्वारा की गई मसफाररशें:
• ऋर्कर्ातओीं पर कोववड-19 महामारी प्रभाव की गींभ रर्ा के आधार पर र्नावग्रस्र् खार्ों के पन
ु गतठन के
शलए क्रशमक उपागम- सशमनर् द्वारा की गय अनि
ु स
ीं ाओीं के अनस
ु ार बैंक र्नावग्रस्र् खार्ों को मींद
(Mild), ननयींबत्रर् (Moderate) और सींज दा (Severe) श्रेखर्यों में वगीकृर् कर सकर्े हैं।
• कदठनाईयों का सामना करने वाले क्षेत्रों की हालर् का आकलन करने हे र्ु पाींि ववत्त य मानदीं ड-
समायोक्जर् भौनर्क ननवल सींपवत्त के शलए कुल बाहरी दे यर्ाएीं, ब्याज र्था कर एवीं मल्
ू यह्रास और
पररिोधन (Ebitda) से पव
ू त आय पर कुल ऋर्, ऋर् सेवा कवरे ज अनप
ु ार् (DSCR), वर्तमान अनप
ु ार् और
औसर् ऋर् सेवा कवरे ज अनप
ु ार् (ADSCR)।
• सशमनर् के द्वारा ऋर्ों के पन
ु गतठन हे र्ु वाहन, ववमानन, ननमातर्, आनर््य, ववद्यर्
ु ्, ररयल एस्टे ट और
पयतटन सदहर् 26 क्षेत्र चिक्ह्नर् क्रकए गए है ।
इन अनश
ु स
िं ाओिं की प्रयोज्यता:
• सशमनर् को 1500 करोड़ से अचधक के ऋर्ों के पन
ु गतठन की जाींि करने का कायत सौंपा गया था।
• इस फ्रेमवकत के र्हर् प्रावधान केवल कोववड महामारी से प्रभाववर् होने वाले ऋर्कर्ातओीं के शलए लागू
होंगे।
• इसके र्हर्, केवल मानक के रूप में वगीकृर्, और 1 माित, 2020 र्क 30 ददनों से कम के बकाया वाले
ऋर्कर्ातओीं को िाशमल क्रकया गया है ।
इन उपायों की आवश्यकता तथा ऋण समस्या की गिंभीरता

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142

भारर् में कोववड-19 महामारी के बाद कॉरपोरे ट सेतटर का 15.52 लाख करोड़ रुपये का ऋर् र्नावग्रस्र् हो
िुका है , र्था 22.20 लाख करोड़ रुपये का ऋर् महामारी से पहले ही र्नावग्रस्र् था।
 अथातर्, प्रभाव रूप से कुल 37.72 लाख रुपये का ऋर् (उद्योगों के शलए बैंक्रकीं ग क्षेत्र के ऋर् का 72%)
र्नावग्रस्र् है ।
 यह कुल गैर-खाद्य बैंक ऋर् (non-food bank credit) का लगभग 37% है ।
 इसके अलावा, खद
ु रा व्यापार, थोक व्यापार, पररवहन और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में कींपननयों को र्नाव का
सामना करना पड़ रहा है ।
 कोववड से पहले र्नावग्रस्र् ऋर्ों वाले क्षेत्रों में NBFCs, ववद्यर्
ु , इस्पार्, ररयल एस्टे ट और ववननमातर्
िाशमल हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NBFC तया हैं?
2. भग
ु र्ान बैंक और वाखर्क्ज्यक बैंक के ब ि अींर्र।
3. केव कामथ सशमनर् क्रकससे सींबचीं धर् है ?
4. केव कामथ सशमनर् की प्रमख
ु शसफाररिें।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G237VNVGH.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. तनजी क्षेत्रक बैंक सध
ु ार (Private sector banks reforms)
सिंदभा: भारर् य ररज़वत बैंक द्वारा भारर् य ननज क्षेत्र के बैंकों के शलए वर्तमान स्वाशमत्व ददिाननदे िों और कॉपोरे ट
सींरिना की सम क्षा करने के शलए एक आिंतररक काया समू (Internal Working Group- IWG) का गठन
क्रकया गया था।
इसकी अध्यक्षर्ा आरब आई के केंद्रीय बोडत के ननदे िक िॉ. प्रसन्न कुमार मो िं ती द्वारा की गय थ ।
आिंतररक काया समू े तु सिंदभा शतें (Terms Of Reference):
1. बैंक्रकीं ग लाइसेंस के शलए आवेदन करने के शलए व्यक्तर्यों / सींस्थाओीं के शलए पात्रर्ा मानदीं ड की सम क्षा;
2. बैंकों के शलए अचधमान्य कॉपोरे ट सींरिना की जाींि और इस सींबध
ीं में मानदीं डों का सामींजस्य;
3. प्रवर्तकों और अन्य िेयरधारकों द्वारा बैंकों में दीघातवचध िेयरधाररर्ा के मानदीं डों की सम क्षा करना।
आींर्ररक कायत समह
ू (IWG) द्वारा हाल ही में भारर् य ररज़वत बैंक को अपन शसफाररिें प्रस्र्र्
ु की गय हैं।
मख्
ु य मसफाररशें:
1. लींब अवचध (15 वषत) में प्रवर्तकों की दहस्सेदारी पर ननधातररर् स मा को वर्तमान स्र्र से बढ़ाकर 26
प्रनर्िर् क्रकया जा सकर्ा है ।
2. बड़े कॉरपोरे ट / औद्योचगक घरानों को बैंककारी ववननयमन अचधननयम (Banking Regulation Act), 1949
में आवश्यक सींिोधन के बाद ही, (बैंकों और अन्य ववत्त य और गैर-ववत्त य समह
ू सींस्थाओीं के ब ि जुड़े
हुए उधार और जोखखम को रोकने के शलए) बैंकों के प्रवर्तकों के रूप में अनम
ु नर् दी जा सकर् है ।
4. समेक्रकर् पयतवेक्षर् सदहर् बड़े समह
ू ों के शलए पयतवक्ष
े र्ींत्र को मजबर्
ू करना।

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143

5. अच्छी र्रह से िल रही बड़ गैर-बैंक्रकीं ग ववत्त कींपननयाँ (NBFCs), क्जनकी पररसींपवत्त का आकार ₹50,000
करोड़ या उससे अचधक है , क्जनमें कॉरपोरे ट घराने के स्वाशमत्व वाले भ िाशमल हैं, को बैंकों में रूपाींर्रर्
के शलए वविार क्रकया जा सकर्ा है बिर्े पररिालन के 10 वषत पर्
ू त हुए हो र्था ननधातररर् मानदीं डों का
अनप
ु ालन और इस सींबध
ीं में ननददत ष्ट्ट अनर्ररतर् िर्ों का अनप
ु ालन क्रकया जा रहा हो।
6. गैर-प्रवर्तक िेयरधाररर्ा के सींबध
ीं में , सभ प्रकार के िेयरधारकों के शलए बैंक की प्रदत्त वोदटींग इक्तवटी
िेयर पज
ींू का 15 प्रनर्िर् का एक समान स मा ननधातररर् की जा सकर् है ।
7. भग
ु र्ान बैंकों, जो एक लघु ववत्त बैंक (Small Finance Bank- SFB) में पररवनर्तर् होने का इरादा रखर्े हैं,
के शलए , भग
ु र्ान बैंक के रूप में 3 वषों के अनभ
ु व का रै क ररकॉडत पयातप्र् माना जा सकर्ा है ।
8. लघु ववत्त बैंक और भग
ु र्ान बैंक ‘सावतभौशमक बैंकों के शलए ननधातररर् मौजूदा प्रववक्ष्ट्ट पज
ूीं गर् अपेक्षाओीं
के बराबर ननवल सींपवत्त र्क पहुँिने की र्ारीख से 6 वषत’ के भ र्र या ‘पररिालन िरू
ु होने की र्ारीख
से 10 वषत’, जो भ पहले हो सि
ू बद्ध हो सकर्े हैं।
9. नए बैंकों को लाइसेंस दे ने के शलए न्यन
ू र्म प्रारीं शभक पज
ूीं गर् अपेक्षाओीं को सावतभौशमक बैंकों के शलए
₹500 करोड़ से ₹1000 करोड़ और छोटे ववत्त बैंकों के शलए ₹200 करोड़ से ₹300 करोड़ र्क बढ़ाया
जाना िादहए।
10. पररिालनेर्र ववत्त य धारक कींपन (Non-operative financial holding company- NOFHC) को
सावतभौशमक बैंकों के शलए जारी क्रकए जाने वाले सभ नए लाइसेंसों के शलए अचधमान्य सींरिना के रूप
में बने रहना िादहए।
11. वर्तमान में NOFHC सींरिना के अींर्गतर् आने वाले बैंकों को ऐस सींरिना से बाहर ननकलने की अनम
ु नर्
दी जा सकर् है यदद उनके पास अन्य समह
ू सींस्थाएीं नहीीं हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भग
ु र्ान बैंक तया हैं?
2. NBFC तया हैं?
3. SFB तया हैं?
4. IWG द्वारा की गई प्रमख
ु शसफाररिें।
में स मलिंक:
आींर्ररक कायत समह
ू (IWG) द्वारा की गय शसफाररिों के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3T802JPU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. चालू खाता अगधशेष की सिंभावना (Current account surplus likely)
सिंदभा: भारर् में ववत्त य वषत 2011 के दौरान चालू खाता अगधशेष (Current Account Surplus) दजत क्रकये जाने
की सींभावना है । कोववड-19 महामारी की वजह से अथतव्यवस्था में उत्पादन अचधक है , जबक्रक माींग कम है अथातर्,
अथतव्यवस्था में ‘अिंिर ीहटिंग’ (Under Heating) की क्स्थनर् है , क्जसके कारर् आयार् में कम होग और
पररर्ाम स्वरूप दे ि के िालू खार्े में अचधिेष की क्स्थनर् हो सकर् है ।

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यह सींकट, टै पर टैंरम (Taper Tantrum) के दौरान ववश्व की क्स्थनर् से अलग है ।


‘टै पर टैंरम’ क्या ै?
टै पर टैंरम (Taper Tantrum) का र्ात्पयत वषत 2013 के दौरान ननवेिकों की उस सामदू हक प्रनर्क्रक्रया से है , क्जससे
अमेररकी राजकोष में जबरदस्र् इजाफा हुआ।
ननवेिकों को जब पर्ा िलर्ा क्रक अमेररकी फेडरल ररजवत अपन उदार मौहद्रक नीतत (Quantitative Easing-
QE) कायतक्रम पर रोक लगाने जा रहा है र्ो उनकी सामदू हक प्रनर्क्रक्रया काफी घबराहटपर्
ू त रही, क्जससे अमेररका
में रे जरी प्राक्प्र् में महत्वपर्
ू त वद्
ृ चध हुई। इससे उभरर् अथतव्यवस्थाओीं की मद्र
ु ास्फीनर् में र्ेज आय और यह
दहाई अींक में पहुींि गय ।
‘चालू खाता’ क्या ोता ै?
चालू खाता (Current Account) के र्हर्, एक ननक्श्िर् अवचध में , वविेषकर वावषतक अथवा नर्माही अवचध के
दौरान हुए, वस्तु एविं सेवाओिं में शद्
ु ध व्यापार, तनवेश पर शद्
ु ध कमाई, और शद्
ु ध स्तािंतरण भग
ु तानों को
सक्म्मशलर् क्रकया जार्ा है ।
वस्र्र्
ु ाः, वस्र्ु एवीं सेवाओीं में िद्
ु ध व्यापार, िालू खार्े का एक प्रमख
ु घटक होर्ा है ।
प्रासिंगगकता:
िालू खार्ा, क्रकस दे ि की आचथतक क्स्थनर् के बारे में महत्वपर्
ू त जानकारी प्रदान करर्ा है । िालू खार्े का उच्ि
सींर्ल
ु न प्राय: आयार् से अचधक ननयातर् को व्यतर् करर्ा है , जो क्रक ववदे ि मद्र
ु ा भींडार के एक स्वस्थ आगम
को दिातर्ा है ।
भारत के चालू खाते की वतामान जस्थतत
• ननयातर् की र्ल
ु ना में महीं गे आयार् के कारर् भारर् का िालू खार्ा काफी हद र्क घाटे में रहा है ।
हमारे द्वारा आयार् की जाने वाली कुछ प्रमख
ु वस्र्ए
ु ँ कच्िा र्ेल, सोना और इलेतरॉननक वस्र्ए
ु ँ होर्
हैं।
• हमारे दे ि में , स शमर् घरे लू उत्पादन और घरे लू उद्योगों को, प्रनर्स्पधात से सींबचीं धर् मद्
ु दों, जैसे क्रक
स्थान य और श्रम कानन
ू , उच्ि पज
ूीं लागर् और उच्ि कर आदद के पररर्ामस्वरूप, ि न जैसे दे िों से
होने वाले सस्र्े आयार् से कड़ प्रनर्स्पधात करन पड़र् है ।
• नर् जर्न, इन दे िों के साथ हमारे व्यापार घाटे में वद्
ृ चध हुई है , क्जसका हमारे िालू खार्ा सींर्ल
ु न पर
प्रनर्कूल प्रभाव पड़ा है और इसकी कीमर् हमारे घरे लू ववननमातर्ाओीं को िुकान पड़ है ।
‘अगधशेष’ की जस्थतत सदै व अच्छी न ीिं ोती ै , कफर?
‘िालू खार्ा अचधिेष’ का अथत है , तनकासी की तल
ु ना में ववदे शी मद्र
ु ा का अगधक आगम।
यह ववदे ि मद्र
ु ा भींडार की वद्
ृ चध में सहायक होर्ा है जोक्रक, ववत्त य और बाहरी क्षेत्र की क्स्थरर्ा को बनाए रखने
के शलए महत्वपर्
ू त है ।

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145

हालाँक्रक, मौजूदा क्स्थनर् में , हमारे िालू खार्े में सध


ु ार आयार् के ननम्न स्र्र, और साथ ही घरे लू माींग में कम
के साथ हो रहा है । इस र्रह की क्स्थनर् अथतव्यवस्था में सींभाववर् कमजोरी के रूप में दे ख जार् है , र्था
सहायक न नर्गर् उपाय क्रकए जाने की आवश्यकर्ा का सींकेर् करर् है ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. ‘िालू खार्ा’ तया होर्ा है ?
2. घटक
3. िालू खार्ा अचधिेष का प्रभाव
4. टे पर टें रम तया होर्ा है ?
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GH080C1C8.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. नेगेहटव यील्ि बॉण्ि (Negative Yield Bonds)
सिंदभा: हाल ही में ,ि न द्वारा पहली बार तनगेहटव-यील्ि ऋण (Negative Yield Debt) की बबक्री की गय ।
5-वषीय बॉण्ड की कीमर् -0.152%, और 10-वषीय और 15-वषीय प्रनर्भनू र्यों की सकारात्मक लाभ सदहर्
कीमर् 0.318% और 0.664% ननधातररर् की गय ।
‘नेगेहटव यील्ि बॉण्ि’ क्या ै?
नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड ऐसे ऋर् प्रपत्र (Debt Instruments) होर्े हैं, क्जनके द्वारा तनवेशक को बॉण्ि की पररपक्वता
अवगध पर बॉण्ि के िय मल्
ू य से कम रामश प्राप्त ोती ै।
 ये केंद्रीय बैंकों अथवा सरकारों द्वारा जारी क्रकए जा सकर्े है ।
 इसमें तनवेशकों द्वारा ऋण-कतााओिं को, अपन राशि उनके पास रखने के शलए, ब्याज का भग
ु र्ान क्रकया
जार्ा है
तनवेशकों द्वारा ‘नेगेहटव यील्ि बॉण्ि’ खरीदने का कारण
 इस प्रकार के प्रलेखों की प्रायाः र्नाव और अननक्श्िर्र्ा की क्स्थनर् में अचधक माींग होर् है । ये ननवेिकों
की पज
ूीं में होने वाली चगरावट से सरु क्षा प्रदान करर्े हैं।

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146

 मद्र
ु ा के उर्ार-िढ़ाव से लेकर मद्र
ु ा अपस्फीनर् जैस क्स्थनर्यों से ‘नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड’ में ननवेि करने
वाले सरु क्षक्षर् ननकल सकर्े है ।
बॉण्ि कीमत और प्राजप्त (यील्ि) के मध्य सिंबध
िं :
इसमें , बॉण्ड की कीमर् और बॉण्ड य ल्ड अथवा ब्याज के मध्य नकारात्मक सींबध
ीं होर्ा है ; अथातर् जब बॉण्ड
की कीमर् बढ़र् है र्ो बॉण्ड य ल्ड घटर्ा है ।
िींक्रू क, नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड एक ‘क्रफतस्ड रे ट इन्वेस्टमें ट’ होर्े हैं, और यही आींशिक रूप से बॉण्ड मल्
ू य और बॉण्ड
य ल्ड के ब ि व्यत्ु क्रम सींबध
ीं ों का कारर् होर्ा है ।
 भववष्ट्य में ब्याज दरों में वद्
ृ चध की सींभावना होने पर ननवेिक अपने बॉण्ड को बेि सकर्े हैं और बाद
में ऊँि दर वाले बॉण्ड को पन
ु ाः खरीद सकर्े है ।
 इसके ववपरीर्, बॉण्ड ननवेिक भववष्ट्य में ब्याज दरों में कम होने की सींभावना होने पर बॉण्ड खरीद
सकर्े है ।
वतामान में नेगेहटव यील्ि बॉण्ि की मािंग के प्रमख
ु कारक
 महामारी फैलने के बाद से वैजश्वक केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़ी मात्रा में नकदी प्रवाह त की गयी ै , क्जससे,
इक्तवटी, ऋर् और वस्र्ओ
ु ीं सदहर् ववशभन्न पररसींपवत्तयों की कीमर्ों में वद्
ृ चध हुई है ।
 कई ननवेिक, इक्तवटी में अपने जोखखम पोटत फोशलयो का बिाव करने हे र्ु नकारात्मक प्राजप्त दे ने वाले
सरकारी ऋण में अस्थाय रूप से अपन पज
ींू लगा सकर्े हैं।
 यदद कोववड-19 महामारी की र्ाजा लहर से अथतव्यवस्थाओीं में और अचधक मींदी आर् है , र्ो ब्याज दरों
पर नकारात्मक दबाव पड़ सकर्ा है , क्जससे य ल्ड में और भ कम आ सकर् है और इससे वर्तमान में
क्जन ननवेिकों ने नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड में ननवेि क्रकया है , उन्हें लाभ हो सकर्ा है।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड तया हैं?
2. बॉण्ड मल्
ू य और बॉण्ड य ल्ड के ब ि सींबध
ीं
में स मलिंक:
वर्तमान में नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड लोकवप्रयर्ा तयों बढ़ रही है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-why-chinas-negative-yield-bonds-are-in-
demand-7063061/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
8. राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 120 प्रततशत पर प ुिंचा (Fiscal deficit reaches 120% of annual
target)
सिंदभा: केंद्र सरकार का राजकोष य घाटा िालू ववत्त वषत में अतटूबर के अींर् र्क बढ़कर 9.53 लाख करोड़ रुपये
पहुींि गया जो सालाना बजट अनम
ु ान का करीब 120 प्रततशत है ।
कारण:
 राजकोष य घाटे में वद्
ृ चध का मख्
ु य कारर् राजस्व सींग्रह में कम होना रहा है ।

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147

 कोरोनावायरस सींक्रमर् के प्रसार को रोकने के शलए लगाए गए लॉकडाउन से कारोबारी गनर्ववचधयाीं बरु ी
र्रह प्रभाववर् हुई थ ,ीं क्जससे राजस्व प्राक्प्र् सस्
ु र् पड़ गई।
‘राजकोषीय घाटा’ क्या ोता ै ?
‘राजकोष य घाटा’ (Fiscal Deficit), सरकार के गैर-ऋण पज
ूिं ी प्राजप्तयों (Non-debt Capital Receipts- NDCR)
सह त राजस्व प्राजप्तयों तथा कुल व्यय के बीच का अिंतर होर्ा है ।
दस
ू रे िब्दों में , राजकोष य घाटा “सरकार की कुल ऋण आवश्यकताओिं को दशााता ै ” ।
उच्च राजकोषीय घाटे का प्रभाव:
अथतव्यवस्था में , तनवेश योग्य बचतों का सीममत पल
ू ोता है । इन बिर्ों का उपयोग ववत्त य सींस्थानों, जैसे क्रक
बैंकों, द्वारा ननज व्यवसायों (लघु और बड़े, दोनों प्रकार के) और सरकारों (केंद्र और राज्य) को ऋर् प्रदान
करने हे र्ु क्रकया जार्ा है ।
• यदद राजकोष य घाटे का अनप
ु ार् काफी अचधक होर्ा है , र्ो इसका र्ात्पयत है क्रक बाजार में , ननज
उद्यशमयों और व्यवसायों को ऋर् प्रदान करने हे र्ु कम राशि बि है ।
• बाजार में ऋर् प्रदान करने हे र्ु कम राशि होने से, ऋर् पर ब्याज दरें उच्ि हो जार् हैं।
• उच्ि राजकोष य घाटे और उच्ि ब्याज दरों का र्ात्पयत यह भ होर्ा है क्रक भारर् य ररजवत बैंक द्वारा
ब्याज दरों को कम करने के प्रयास प्रभाव साबबर् नहीीं हुए हैं।
ववकासशील अथाव्यवस्था के मलए राजकोषीय घाटे का स्वीकाया स्तर
ववकासि ल अथतव्यवस्था में ननवेि करने हे र्ु प्रायाः ननज उद्यमों की र्ल
ु ना में सरकार बेहर्र क्स्थनर् में होर्
है , और ववकशसर् अथतव्यवस्था की र्ल
ु ना में राजकोष य घाटा अचधक हो सकर्ा है ।
• ववकासि ल अथतव्यवस्था में सरकारों को राजस्व वद्
ृ चध के पयातप्र् साधन नहीीं होने पर भ सामाक्जक
और भौनर्क अवसींरिनाओीं पर अचग्रम ननवेि करना पड़र्ा है ।
• भारर् में , राजकोष य उत्तरदानयत्व और बजट प्रबींधन (Fiscal Responsibility and Budget Management
- FRBM) अचधननयम के र्हर्, राजकोष य घाटे में सकल घरे लू उत्पाद (GDP) के लगभग 3 प्रनर्िर् र्क
की कम एक आदित क्स्थनर् बर्ाई गय है । दभ
ु ातग्य से, सरकारें इस लक्ष्य को प्राप्र् करने में असमथत
रही हैं।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/business/Economy/fiscal-deficit-reaches-120-
of-annual-target/article33195919.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:समावेि ववकास र्था इससे उत्पन्न ववषय।


1. कॉरपोरे ट घरानों को बैंककिं ग लाइसेंस दे ने के प्रस्ताव पर कड़ी आलोचना
सिंदभा: भारर् य ररजवत बैंक द्वारा गदठर् एक आिंतररक काया समू (Internal Working Group-IWG) की एक
हाशलया ररपोटत में ददए गए सझ
ु ावों की काफी आलोिना की जा रही है ।

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सिंबगधत प्रकरण
भारर् य ररजवत बैंक ने "भारर् य ननज क्षेत्र के बैंकों के स्वाशमत्व ददिाननदे ि और कॉपोरे ट सींरिना की सम क्षा”
हे र्ु एक आींर्ररक कायत समह
ू (IWG) का गठन क्रकया था। IWG द्वारा, हाल ही में अपन ररपोटत सौंप गय है ।
कायत समह
ू की एक प्रमख
ु शसफाररि, बड़े कॉपोरे ट या औद्योगगक घरानों को बैंकों के प्रवताक बनने की अनम
ु तत
हदए जाने के सींबध
ीं में थ

वतामान वववाद
• भारर् य ररजवत बैंक (RBI) के पव
ू त गवनतर रघरु ाम राजन और पव
ू त डडप्टी गवनतर ववरल आिायत ने IWG
के सझ
ु ाव की आलोिना करर्े हुए इसे ‘िौंकाने वाला’ बर्ाया है ।
• इनका मानना है , क्रक, सावतजननक क्षेत्र / सरकार के स्वाशमत्व वाले बैंकों के मौजद
ू ा ढाँिे के लिर प्रिासन
को औद्योचगक घरानों के स्वाशमत्व वाले अत्यचधक वववाददर् ढाींिे के साथ प्रत्स्थावपर् करना, ‘छोटे -छोटे
व्यय में क्रकफायर् करना और बड रकम उडाना’ (penny wise pound foolish) होगा।
बड़े कॉपोरे ट्स को तनजी बैंक स्थावपत करने की अनम
ु तत दे ने सिंबधी मसफाररश की आलोचना का कारण
ऐनर्हाशसक रूप से, भारर् य ररजवत बैंक का वविार रहा है , क्रक बैंकों के आदशा स्वाममत्व दजे को दक्षता, इजक्वटी
और ववत्तीय जस्थरता के मध्य सिंतल
ु न को बढ़ावा दे ना चाह ए।
 तनजी बैंकों की बड़ी भमू मका इसके जोखखमों से मक्
ु त न ीिं ोती है । वषत 2008 का वैक्श्वक ववत्त य सींकट
इस र््य को सही साबबर् करर्ा है ।
 मख्
ु य रूप से सरकारी स्वाममत्व वाली बैंककिं ग प्रणाली ववत्तीय रूप से अगधक जस्थर मानी जाती ै , तयोंक्रक
सींस्था के रूप में सरकार पर ववश्वास होर्ा है ।
 वविेष रूप से, इस मामले में , बड़े कॉपोरे र्टस को ननज बैंक खोलने की अनम
ु नर् दे ने के सींबध
ीं में मख्
ु य
चिींर्ा का ववषय ‘दहर्ों का सींघषत’ है , अथवा र्कन की र्ौर पर ‘सींबद्ध ऋर्’ (Connected Lending) है ।

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149

‘सिंबद्ध ऋण’ (Connected Lending) क्या ोते ैं?


‘सींबद्ध ऋर्’/ कनेतटे ड लेंडडींग एक ऐस क्स्थनर् होर् है , क्जसमे क्रकस बैंक का प्रवर्तक, खुद कजतदार भ होर्ा
है । ऐसे में प्रवर्तक द्वारा जमाकर्ातओीं के धन को अपने उपक्रमों में उपयोग करने की सींभावना रहर् है ।
 बैंक्रकीं ग प्रर्ाली में कनेतटे ड लेंडडींग काफी लींबे समय से जारी है और आरब आई इसे पकड़ पाने में हमेिा
प छे रहा है ।
 आईस आईस आई बैंक, यस बैंक, ड एिएफएल आदद के हाशलया प्रकरर्, कनेतटे ड लेंडडींग के उदाहरर् हैं।
 र्थाकचथर् ऋर्ों की सदाबहार क्स्थनर् (ever-greening of loans), क्जसमे कजतदार को परु ाना ऋर् िुकाने
के शलए नया ऋर् ददया जार्ा है , कनेतटे ड लेंडडींग का प्रारीं शभक बबींद ु होर्ा है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GH080C1CM.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:मख्
ु य फसलें- दे ि के ववशभन्न भागों में फसलों का पैटनत- शसींिाई के ववशभन्न प्रकार एवीं शसींिाई प्रर्ाली-
कृवष उत्पाद का भींडारर्, पररवहन र्था ववपर्न, सींबचीं धर् ववषय और बाधाएँ; क्रकसानों की सहायर्ा के शलये ई-
प्रौद्योचगकी।
1. पोलावरम पररयोजना (Polavaram project)
सिंदभा: हाल ही में , आींध्र प्रदे ि सरकार ने वषत 2022 के खरीफ फसलों के मौसम र्क पोलावरम पररयोजना
(Polavaram project) को परू ा करने को कहा है , इसके साथ ही अन्य पररयोजनाओीं, विंशधारा- चरण 2, विंशधारा-
नागवली मलिंक, ऑवक सरु िं ग (Owk tunnel)-2, वेलग
ु ोंिा-चरण 1 और नेल्लोर और सिंगम बैराज को वषत 2020-
21 र्क परू ा करने की योजना बना रही है ।
(कृपया ध्यान दें : महत्वपर्
ू त शसींिाई पररयोजनाओीं और सींबचीं धर् नददयों का अवलोकन करने का प्रयास करें र्था
उन्हें मानचित्र पर खोजें।)
पोलावरम पररयोजना के बारे में :
 पोलावरम पररयोजना ,एक बहुद्दे ि य पररयोजना है । इसके र्हर् आिंध्र प्रदे श में गोदावरी नदी पर एक
बाँध बनाया जा रहा है ।
 इस पररयोजना के परू ी होने पर, गोदावरी के जल को इसकी दाय ीं ओर की नहर के माध्यम से कृष्ट्र्ा
नदी बेशसन में अींर्र-बेशसन स्थान्र्ररर् क्रकया जा सकेगा।
 इस पररयोजना का जलािय, छत्त सगढ़ और उड़ सा राज्यों के कुछ भागों र्क ववस्र्र्
ृ है ।
 यह पररयोजना शसींिाई, जल ववद्यर्
ु और पेयजल सवु वधाओीं के ववकास हे र्ु एक बहुउद्दे ि य प्रमख

टशमतनल जलािय पररयोजना है ।
 इस पररयोजना को वषत 2014 में ‘आींध्र प्रदे ि ववभाजन अचधननयम’ (Andhra Pradesh Bifurcation Act)
के अींर्गतर् राष्ट्रीय दजात प्रदान क्रकया गया था और इसके साथ ही इसके स्वरूप में भ पररवर्तन क्रकया
गया था।

प्रीमलम्स मलिंक:

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150

1. गोदावरी और उसकी सहायक नददयाँ


2. पोलावरम पररयोजना- घाटी राज्य
3. वींिधारा- िरर् 2, वींिधारा-नागवली शलींक, ऑवक सरु ीं ग (Owk tunnel)-2, वेलग
ु ोंडा-िरर् 1 और नेल्लोर
और सींगम बैराज, इन पररयोजनाओीं को मानचित्र पर खोजें।
में स मलिंक:
पोलावरम पररयोजना के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GEC7UUGNG.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:प्रत्यक्ष एवीं अप्रत्यक्ष कृवष सहायर्ा र्था न्यन


ू र्म समथतन मल्
ू य से सींबचीं धर् ववषय; जन ववर्रर् प्रर्ाली-
उद्दे श्य, कायत, स माएँ, सध
ु ार; बफर स्टॉक र्था खाद्य सरु क्षा सींबध
ीं ववषय; प्रौद्योचगकी शमिन; पिु पालन सींबध
ीं
अथतिास्त्र।
1. भयाव खाद्य सिंकट के तनवारण े तु सिंयक्
ु त राष्ट्र का नया गठबिंधन (New UN alliance to stave off
‘catastrophic food crisis’)
सिंदभा: कोववड-19 महामारी के कारर् उत्पन्न होने वाले भयावह खाद्य सींकट से ननपटने के शलए सींयत
ु र् राष्ट्र
के खाद्य और कृवष सिंगठन (Food and Agriculture Organization- FAO) द्वारा एक खाद्य गठबिंधन (Food
Alliance) िरू
ु क्रकया गया है ।
खाद्य गठबिंधन के बारे में :
• खाद्य गठबींधन (Food Alliance) का प्रस्र्ाव इटली द्वारा क्रकया गया है और यह खाद्य और कृवष
सींगठन (FAO) के नेर्त्ृ व में कायत करे गा।
• इसका उद्दे श्य कृवष खाद्य प्रर्ाशलयों में लि लापन बढ़ाना और भोजन र्क वैक्श्वक पहुींि सनु नक्श्िर्
करना है ।
• इटली और न दरलैंड द्वारा गठबींधन को ववत्त य सींसाधन और र्कन की सहायर्ा प्रदान करने की घोषर्ा
की जा िुकी है ।
• यह गठबींधन COVID-19 की प्रनर्क्रक्रया में भोजन र्क पहुींि सनु नक्श्िर् करने और कृवष खाद्य प्रर्ाशलयों
में सग
ु मर्ा बढ़ाने वाले उपायों की सहायर्ा करने हे र्ु एकीकृर् वैक्श्वक कारत वाई (Unified Global Action)
के शलए नेटवकों के नेटवकत (network of networks) और बहु-दहर्धारक गठबींधन के रूप में कायत करे गा।
• प्रस्र्ाववर् गठबींधन में इस प्रयोजन हे र्ु समवपतर् एक रस्ट फींड और वेब-आधाररर् केंद्र सक्म्मशलर् क्रकया
गया है , क्जससे प्रनर्भाचगयों के शलए प्रोजेतट-केंदद्रर् जानकारी और डेटा र्क पहुींिने की सवु वधा उपलब्ध
होग । इसके साथ ही जारी पररयोजनाओीं के शलए आवश्यक धन और अन्य सहायर्ा भ प्रदान होग ।
गठबिंधन के प्रमख
ु उद्दे श्य:
1. सींसाधनों, वविेषज्ञर्ा और नवािार को जुटाना।
2. कोववड-19 महामारी का सामना करने हे र्ु सींयत
ु र् और समक्न्वर् प्रनर्क्रक्रया की वकालर् करना।
3. दे िों के मध्य सींवाद र्था ज्ञान और वविेषज्ञर्ा के आदान-प्रदान को बढ़ावा दे ना।

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151

4. समाधान-उन्मख
ु योजनाओीं और कायतक्रमों की ददिा में कायत करना।
5. दीघतकाशलक प्रभाव के शलए अींर्रातष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी का ववस्र्ार करना।
इस प्रकार के सिंयक्
ु त प्रयासों की आवश्यकता
• खाद्य और कृवष सींगठन (FAO) द्वारा 5 नवींबर को जारी क्रकये गए खाद्य मल्
ू य सि
ू काींक के अनस
ु ार,
वैक्श्वक खाद्य कीमर्ों में लगार्ार पाींिवें महीने से हो रही वद्
ृ चध अतटूबर में भ जारी है । हालाींक्रक,
वैक्श्वक अनाज उत्पादन में कम होने का पव ु ान क्रकया गया था, क्रकींर्ु वषत 2020 में
ू ातनम कुल अनाज
उत्पादन में वद्
ृ चध होने की उम्म द की गय थ ।
• कोववड-19 के कारर् ववश्व में वषत 2020 के दौरान 132 शमशलयन से अचधक लोग कुपोवषर्-श्रेर् में
िाशमल हो सकर्े हैं और यह वषत 2030 र्क भख
ू -उन्मल
ू न के लक्ष्य प्राक्प्र् के शलए एक गींभ र िुनौर्
है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. FAO के बारे में
2. प्रस्र्ाववर् गठबींधन के बारे में
3. FAO खाद्य मल्
ू य सि
ू काींक का अवलोकन
में स मलिंक:
कोववड-19 के कारर् ववश्व में वषत 2020 के दौरान 132 शमशलयन से अचधक लोग कुपोवषर्-श्रेर् में िाशमल हो
सकर्े हैं और यह वषत 2030 र्क भख
ू -उन्मल
ू न के लक्ष्य प्राक्प्र् के शलए एक गींभ र िुनौर् है । इस क्स्थनर् से
बिने के शलए सींभाववर् उपायों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: डाउन टू अथत
2. मेगा फूि पाका (Mega Food Park)
सिंदभा: हाल ही में , पींजाब में मेगा फूड पाकत का उद्घाटन क्रकया गया है ।
‘मेगा फूि पाका’ योजना:
खाद्य प्रसिंस्करण उद्योग मिंत्रालय द्वारा, वषत 2008 में सम्पर्
ू त दे ि में ‘मेगा फूड पाकत’ योजना का आरीं भ क्रकया
गया था।
मेगा फूड पाकत स्कीम का उद्दे श्य क्रकसानों, प्रसींस्करर्कर्ातओीं र्था खद
ु रा बबक्रेर्ाओीं को एक साथ लार्े हुए कृवष
उत्पादों को बाजार से जोड़ने के मलए एक तिंत्र उपलधध कराना है ।
म त्व: इन मेगा फूड पाकों के अींर्गतर् मख्
ु यर्ाः कृवष-उत्पाद कीमर्ों में वद्
ृ चध करने, खाद्य पदाथों की बबातदी
रोकने, क्रकसानों की आय में वचृ ध र्था ग्राम र् क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उपलब्ध करने पर ज़ोर ददया जार्ा
है ।

ववत्त पोषण: कुल पररयोजना लागर् में केवल 50% योगदान के साथ न्यन
ू र्म 50 एकड़ भशू म में मेगा फ़ूड पाकत
स्थावपर् करने के शलए 50 करोड़ रुपये का अचधकर्म अनद
ु ान ददया जार्ा है ।

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152

कायाान्वयन:
मेगा फूड पाकत पररयोजना का कायातन्वयन एक ‘वविेष प्रयोजन उपाय’ (Special Purpose Vehicle- SPV)
द्वारा क्रकया जार्ा है , जो क्रक कींपन अचधननयम के अींर्गतर् एक पींज कृर् कॉरपोरे ट ननकाय होर्े है ।
 राज्य सरकार, राज्य सरकार की सींस्थाओीं एवीं सहकाररर्ा पररषदों को मेगा फूड पाकत पररयोजना के
कायातन्वयन हे र्ु अलग से SPV बनाने की आवश्यकर्ा नहीीं होर् है ।
 योजना ददिाननदे िों की िर्ों को परू ा करने के अध न SPV को ननचधयाीं जारी की जार् हैं ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् में कायातत्मक मेगा फूड पाकत।
2. पहला मेगा फूड पाकत।
3. यह योजना क्रकस मींत्रालय के र्हर् सींिाशलर् होर् है ।
4. शमजोरम का पहला मेगा फूड पाकत।
5. योजना के र्हर् अनद
ु ान।

में स मलिंक:
मेगा फूड पाकत योजना के महत्व पर एक दटप्पर् शलखखए।
स्रोर्: प आईब

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ववषय:बनु नयादी ढाँिााः ऊजात, बींदरगाह, सड़क, ववमानपत्तन, रे लवे आदद।


1. गज
ु रात के GIFT मसटी में समद्र
ु ी क्लस्टर पररयोजना
सिंदभा: गज
ु रात मैरीटाइम बोिा (GMB) द्वारा अपन सहायक कींपन गज
ु रार् पोर्टतस इींफ्रास्रतिर एींड डेवलपमें ट
कींपन शलशमटे ड (GPIDCL) के माध्यम से राज्य की राजधान गाींध नगर में GIFT शसटी में एक समद्र
ु ी तलस्टर
(maritime cluster) को ववकशसर् करने का प्रयास क्रकया जा रहा है ।
‘समद्र
ु ी क्लस्टर’ क्या ोते ैं?
• समद्र
ु ी तलस्टर (maritime cluster) क्रकस क्षेत्र में फमों, सींस्थानों और व्यवसायों का एक समह
ू होर्ा है ,
जो भौगोशलक रूप से एक दस
ू रे के करीब क्स्थर् होर्े हैं।
• भारर् के शलए यह अवधारर्ा नई है , क्रकीं र्ु ये तलस्टर ववश्व के कुछ सवातचधक प्रनर्स्पद्तध बींदरगाहों
जैसे रॉटरडैम, शसींगापरु , हाींगकाींग, ओस्लो, िींघाई और लींदन में कायत कर रहे हैं।
गज
ु रात मैरीटाइम क्लस्टर में ववमशष्ट्ट सिंस्थान
 इस तलस्टर में गज
ु रात मैरीटाइम यतू नवमसाटी की स्थापना की जाएग ।
 इस यनू नवशसतटी में एक वैकक्ल्पक वववाद समाधान (ADR) केंद्र स्थावपर् क्रकया जाएगा।
 यह केंद्र भारर् य व्यापाररयों के शलए अींर्रराष्ट्रीय वैकक्ल्पक वववाद समाधान केंद्रों का एक ववकल्प
प्रदान करे गा, क्जससे उनके शलए ADR में लगने वाली लागर्, समय और यात्रा की बिर् होग ।
 इस तलस्टर को िायरे क्टर जनरल ऑफ मशवपिंग के अध न रखे जाने की सींभावना है ।
समद्र
ु ी क्लस्टर की आवश्यकता
• दे ि में सही पाररक्स्थनर्की र्ींत्र की अनप
ु क्स्थनर् के कारर् वषों से ववदे ि जगहों पर स्थानार्ररर् हो
िुके व्यवसायों को वापस लाना।
• गज
ु रार् में बहुर् सारे बींदरगाह हैं जो दे ि के लगभग 40 प्रनर्िर् नौभार (Cargo) की आवाजाही को
सींभालर्े हैं, क्रकीं र्ु ये बींदरगाह मल्
ू य-श्रख
ीं ृ ला को लक्षक्षर् नहीीं कर पार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ‘समद्र
ु ी तलस्टर’ तया होर्े हैं?
2. IFSCs तया होर्े हैं?
3. तया IFSC को SEZ में स्थावपर् क्रकया जा सकर्ा है ?
4. भारर् का पहला IFSC
5. IFSC द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएीं?
6. IFSC की स माएीं
https://indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-the-unique-maritime-cluster-coming-
up-at-gift-city-in-gujarat-7048302/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

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154

2. राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना कोष (NIIF) (National Investment and Infrastructure Fund)
सिंदभा: हाल ही में , केंद्रीय मींबत्रमींडल द्वारा राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना कोष (NIIF) द्वारा प्रायोजजत- NIIF
ऋण प्लेटफॉमा में सरकार द्वारा 6000 करोड़ रुपये के इक्तवटी सींिार के प्रस्र्ाव को स्व कृनर् दी गय है ।
सरकार का यह प्रस्र्ाव, इस महीने की िरु
ु आर् में घोवषर् क्रकए गए आत्मतनभार भारत 3.0 पैकेज का दहस्सा
है ।
राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना कोष (NIIF) के बारे में :
सरकार द्वारा वषत 2015 में व्यावसानयक रूप से व्यवहायत ग्र नफ़ील्ड, ब्राउनफ़ील्ड और रुकी हुई अवसींरिना
पररयोजनाओीं के ववत्तपोषर् हे र्ु ननवेि साधन के रूप में 40,000 करोड़ रूपये के राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना
कोष (NIIF) की स्थापना की गय थ ।
इसे श्रेर् -II के वैकजल्पक तनवेश कोष (Alternate Investment Fund) के रूप में स्थावपर् क्रकया गया था।
• NIIF में , भारर् सरकार द्वारा 49% ननवेि क्रकया जाएगा और िेष राशि का ववत्त पोषर् ननज ननवेिकों
द्वारा स्वर्न्त्र सींपवत्त कोष, ब मा और पेंिन ननचध, दान आदद के माध्यम से जुटाया जाएगा।
• राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष के अचधदे ि में , भारर् में ऊजात, पररवहन, आवास, जल, अपशिष्ट्ट
प्रबींधन और अन्य बनु नयादी ढाँिे से सींबचीं धर् क्षेत्रों में ननवेि क्रकया जाना िाशमल है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NIIF तया है ?
2. इसे क्रकस प्रकार प्रिाशसर् क्रकया जार्ा है ?
3. श्रेर् -II का‘ वैकक्ल्पक ननवेि कोष’ तया है ?
4. राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष का अचधदे ि
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/cabinet-approves-6000-crore-
infustion-in-niif-debt-platform/article33177501.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:ववज्ञान एवीं प्रौद्योचगकी- ववकास एवीं अनप्र


ु योग और रोज़मरात के ज वन पर इसका प्रभाव। ववज्ञान एवीं
प्रौद्योचगकी में भारर् यों की उपलक्ब्धयाँ; दे िज रूप से प्रौद्योचगकी का ववकास और नई प्रौद्योचगकी का ववकास।
1. बल्क ड्रग्स पाका े तु ह माचल प्रदे श की मािंग
सिंदभा: दहमािल प्रदे ि, केंद्र सरकार की एक योजना के र्हर् एक बल्क ड्रग्स पाका (Bulk Drug Park) आवींटन
क्रकये जाने की माींग कर रहा है ।
केंद्र सरकार द्वारा दे श भर में तीन ऐसे पाका स्थावपत करने की योजना बनाय जा रही है ।
बल्क ड्रग्स क्या ोते ैं?
बल्क ड्रग (Bulk Drug) को सक्रक्रय दवा सींघटक (Active Pharmaceutical Ingredient- API) भ कहा जार्ा
है ।
 यह क्रकस औषगध अथवा ड्रग के प्रमख
ु सिंघटक होर्े है , जो औषगध को वािंतछत गचककत्सीय प्रभाव प्रदान
करने में सक्षम बनाते ै अथवा इजच्छत औषधीय गततववगधयों को सकिय करते ै।

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 उदाहरर् के शलए, पैराशसटामोल एक बल्क ड्रग है , जो िरीर में ददत और बख


ु ार से राहर् दे र्ा है ।
 इसे रोचगयों के सेवन हे र्ु अींनर्म रूप से औवषध य उत्पाद, अथातर् ‘गोली, कैप्सल
ू या शसरप, के रूप में
र्ैयार करने के शलए ‘बाइींडडींग एजेंर्टस अथवा ‘ववलायकों’ (Solvents) के साथ शमचश्रर् क्रकया जार्ा है ।

API ककस प्रकार तनममात ककये जाते ैं?


सक्रक्रय दवा सींघटक (API) ववशभन्न रसायनों और ववलायकों द्वारा कई अशभक्रक्रयाओीं से र्ैयार क्रकये जार्े हैं।
• API र्ैयार करने की प्रक्रक्रया में ववशभन्न अशभक्रक्रयाओीं से होकर गज
ु रने वाले प्राथशमक रासायन या
आधारभर्
ू कच्िे माल को मख्
ु य िरु
ु आर् सामग्र (key starting material- KSM) कहा जार्ा है ।
• इन अशभक्रक्रयाओीं के मध्यवर्ी िरर्ों के दौरान ननशमतर् होने वाले रासायननक यौचगकों को मध्यवर्ी दवा
(drug intermediates or DIs) कहा जार्ा है ।
बल्क ड्रग्स पाका को प्रोत्सा न हदए जाने का कारण
भारर् य फामातस्यदू टकल उद्योग का ववश्व में तीसरा स्थान ै।
क्रकीं र्,ु यह उद्योग सकिय दवा सिंघटकों (APIs), मध्यवती दवाओिं (DIs) और मख्
ु य शरु
ु आती सामग्री (KSM)
के आयात े तु अन्य दे शों, ववशेषकर चीन पर ननभतर है।
 अर्ाः इन दे िों में होने वाले क्रकस व्यवधान से भारर् का दवा उद्योग प्रभाववर् हो सकर्ा है ।
 उदाहरर् के शलए, इस वषत, भारर् में दवा ननमातर्ाओीं को कोववि-19 के कारण आयात में व्यवधान ोने
से कई परे िाननयों का सामना करना पड़ा।
 भारत और चीन के मध्य सीमा सिंघषा से क्स्थनर् और भ ख़राब हुई।
भारत द्वारा इस सिंदभा में उठाए जा र े कदम
ब ृ त्तर आत्मतनभारता की आवश्यकता: इस वषत जून में , फामातस्यदु टकल्स ववभाग द्वारा दे ि में र् न बल्क ड्रग्स
पाकों को बढ़ावा दे ने के शलए एक योजना की घोषर्ा की गय ।
 बल्क ड्रग पाकत में, ववशिष्ट्ट रूप से सक्रक्रय दवा सींघटकों (APIs), मध्यवर्ी दवाओीं (DIs) और मख्
ु य
िरु
ु आर् सामग्र (KSM) के ननमातर् हे र्ु सामदू हक अवस्थापना सवु वधाओीं सदहर् एक सींस्पिी क्षेत्र
ननधातररर् क्रकया जायेगा, इसके अलावा इसमें एक सामदू हक अपशिष्ट्ट प्रबींधन प्रर्ाली भ होग ।
 इन पाकों से दे ि में बल्क ड्रग्स की ववननमातर् लागर् कम होने और घरे लू बल्क ड्रग्स उद्योग में
प्रनर्स्पधात बढ़ने की उम्म द है ।
बल्क ड्रग पाका योजना की प्रमख
ु ववशेषताएिं:
 यह योजना ,सामदू हक अवसींरिना सवु वधाओीं के ननमातर् हे र्ु एकमश्ु त अनद
ु ान स ायता प्रदान करर्े हुए
दे ि में र् न बल्क ड्रग पाकों की स्थापना में सहयोग करे ग ।
 सामदू हक अवसींरिना सवु वधाओीं के ननमातर् में व्यय होने वाली कुल राशि का 70 प्रनर्िर् अनद
ु ान
सहायर्ा के रूप में प्रदान क्रकया जायेगा, र्था दहमािल प्रदे ि और अन्य पहाड़ राज्यों के मामले में ,
अनद
ु ान सहायर्ा राशि 90 प्रनर्िर् होग ।
 केंद्र सरकार द्वारा प्रतत पाका अगधकतम 1,000 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएग ।

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 कोई राज्य, बल्क ड्रग पाकत के ननमातर् हे र्ु केवल एक स्थल का प्रस्ताव कर सकता ै , क्जसका क्षेत्रफल
एक हजार एकड़ से कम नहीीं होना िादहए है । पहाड़ राज्यों के मामले में न्यन
ू र्म स मा 700 एकड़
ननधातररर् की गय है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. उपयत
ुत र् योजना की प्रमख
ु वविेषर्ाएीं।
2. अनद
ु ान सहायर्ा
3. लक्ष्य
4. सक्रक्रय दवा सींघटक (API) तया होर् है ?
5. क्रफतस्ड-डोज़ दवाओीं बनाम शसींगल-डोज़ दवा सींयोजनों में API
6. औषचधयों में एतसशसवपएींर्टस (excipients) तया होर्े हैं?
https://indianexpress.com/article/explained/what-is-a-bulk-drug-park-and-why-himachal-wants-one-
6911710/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगगकी पाका (STPI)
सिंदभा: भारर् य सॉफ्टवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (Software Technology Parks of India- STPI) द्वारा कई िहरों
में कायातलय और कनेक्तटववटी अवसींरिना ढाींिा स्थावपर् करने हे र्ु 400 करोड़ रुपए का ननवेि क्रकया जा रहा
है । इसके शलए STPI छोटी प्रौद्योचगकी फमों को ‘प्लग-एींड-प्ले’ सवु वधा प्रदान कर रहा है ।
भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगगकी पाका (STPI) के बारे में :
सॉफ्टवेयर टे तनोलॉज पातसत ऑफ इींडडया, भारर् सरकार के इलेक्रॉतनकी और सच
ू ना प्रौद्योगगकी मिंत्रालय के
र्हर् स्वायत्तशासी सोसायटी है ।
 इसकी स्थापना सॉफ्टवेयर ननयातर् को बढ़ावा दे ने के शलए की गई है ।
 STPI को वषत 1991 में स्थावपर् क्रकया गया था।
 STPI की गवतनिंग काउिं मसल के अध्यक्ष केंद्रीय इलेतरॉननतस और सि
ू ना प्रौद्योचगकी मींत्र होर्े हैं।
STPI के अन्य प्रमख
ु उद्दे श्य:
 सॉफ्टवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (STP) / इलेतरॉननतस और हाडतवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (EHTP) योजना
र्था समय-समय पर भारर् सरकार द्वारा सौंप गई इस र्रह की अन्य योजनाओीं को र्ैयार व
कायातक्न्वर् करके ननयातर्कों को वैधाननक सेवाएँ प्रदान करना।
 IT/ITES क्षेत्र में उद्यमि लर्ा के शलए अनक
ु ू ल वार्ावरर् बनाकर सक्ष्
ू म, लघु और मध्यम उद्यममयों
को बढ़ावा दे ना।
 सि
ू ना प्रौद्योचगकी और सींबचीं धर् उद्योगों को सि
ू ना प्रौद्योचगकी/सि
ू ना प्रौद्योचगकी योग्य सेवाओीं में
ववशभन्न मल्
ू य वचधतर् सेवाओीं सदहर् आींकड़ा सींिार सेवाएीं प्रदान करना।

प्रीमलम्स और मेन्स मलिंक:


भारर् य सॉफ्टवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (STPI) - उद्दे श्य और कायत।

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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G0M7UFOVF.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. mRNA वैक्सीन के बारे में प्रमख
ु तथ्य
सिंदभा: पर्
ु े क्स्थर् जेनोवा बायोफामातस्यदू टकल्स की नोवल mRNA वैक्सीन कैं डििेट के शलए जैव प्रौद्योचगकी
ववभाग (DBT) द्वारा जल
ु ाई की िरु
ु आर् में ववत्तपोषर् हे र्ु मींजरू ी दी गई थ ।
• िूींक्रक, यह एक जैववक उत्पाद है और इसमें आनव
ु ाींशिक हे र-फेर क्रकये जाने की आवश्यकर्ा है , अर्ाः इसके
मानव परीक्षर् हे र्ु भारर् य औषचध महाननयींत्रक (Drug Controller General of India) की अनम
ु नर् लेने
से पव
ू त जैव प्रौद्योचगकी ववभाग की आनव
ु ाींशिक हे र-फेर सम क्षा सशमनर् (Review Committee on Genetic
Manipulation- RCGM) की मींजूरी प्राप्र् करना आवश्यक होगा।
• अब, इस वैतस न के अगले वषत माित में र्ैयार होने की सींभावना बर्ाई जा रही है ।
टीकाकरण काया-ववगध
टीकों के द्वारा, ववषाणु अथवा जीवाणु रोगजनकों (Pathogens) द्वारा तनममात प्रोटीन को प चानने और उसे
नष्ट्ट करने के मलए शरीर को प्रमशक्षक्षत क्रकया जार्ा है ।
पारीं पररक टीके, रोगजनक जीवों अथवा इनके द्वारा उत्पन्न की गयी प्रोटीन के सक्ष्
ू म अथवा तनजष्ट्िय अिंश से
तनममात ककये जाते ैं, क्जन्हें प्रनर्रक्षा प्रर्ाली की प्रनर्क्रक्रया िक्तर् को सक्रक्रय करने हे र्ु िरीर में प्रववष्ट्ट कराया
जार्ा है ।
‘mRNA वैक्सीन’ क्या ैं?
mRNA वैतस न द्वारा रोग की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली को वायरल प्रोटीन का स्वर्ाः उत्पादन करने के शलए भ्रशमर्
क्रकया जार्ा है ।
• इसके शलए मैसज
ें र RNA अथवा mRNA उपयोग क्रकये जार्ा है । mRNA अर्ु, ड एनए (DNA) ननदे िों को
कायत करने हे र्ु सक्रक्रय करर्े हैं।
• कोशिका के भ र्र mRNA का उपयोग एक ‘नमन
ू े’ (Template) के रूप में क्रकया जार्ा है ।
य ककस प्रकार काया करता ै ?
1. ‘mRNA वैतस न’ का उत्पादन करने के शलए, वायरस द्वारा सींक्रामक प्रोटीन के ननमातर् में प्रयत
ु र् mRNA
का वैज्ञाननक एक शसींथदे टक सींस्करर् र्ैयार करर्े हैं।
2. इस शसींथदे टक mRNA को मानव िरीर में प्रववष्ट्ट कराया जार्ा है , िरीर की कोशिकाएीं शसींथेदटक mRNA
को वायरल प्रोटीन के ननमातर् करने के शलए ननदे िों के रूप में पढ़र् हैं, और इसशलए वायरस के कुछ
अर्ओ
ु ीं को स्वर्ाः ननमातर् करर् हैं।
3. ये प्रोटीन एकाकी होर्े हैं, अर्ाः ये वायरस ननमातर् हे र्ु एकबत्रर् नहीीं होर्े हैं।
4. िरीर की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली र्ब इन वायरल प्रोटीनों का पर्ा लगार् है और उनके शलए सरु क्षात्मक
प्रनर्क्रक्रया उत्पन्न करना िरू
ु कर दे र् है ।

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‘mRNA वैक्सीन’ का म त्व


हमारी प्रनर्रक्षा प्रर्ाली के दो भाग होर्े हैं: जन्मजात (Innate), जन्म के साथ उत्पन्न रक्षा-प्रर्ाली और
अगधग्रह त (Acquired), क्जसे रोगजनकों के सींपकत में पर ववकशसर् क्रकया जार्ा है ।
 तलाशसकल वैतस न अर्ु आमर्ौर पर केवल अचधग्रहीर् प्रनर्रक्षा प्रर्ाली के साथ कायत करर्े हैं, र्था
जन्मजार् प्रनर्रक्षा प्रर्ाली क्रकस अन्य घटक द्वारा सक्रक्रय की जार् है , क्जसे सहायक (Adjuvant)
कहा जार्ा है ।
 ददलिस्प बार् यह है क्रक टीकों में mRNA भ जन्मजार् प्रनर्रक्षा प्रर्ाली को सक्रक्रय कर सकर्ा है , और
यह बबना क्रकस सहायक की आवश्यकर्ा के सरु क्षा की एक अनर्ररतर् परर् प्रदान करर्े है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. वैतस न तया होर् है ?
2. वैतस न क्रकस प्रकार कायत करर् है ?
3. प्रनर्रक्षा प्रर्ाली की कायतववचध
4. mRNA तया है ?
5. mRNA के टीकों के सींभाववर् अनप्र
ु योग
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GTJ7V27V3.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

4. पनिुजधबयों की कलवरी श्रेणी (Kalvari class of submarines)


सिंदभा: हाल ही में , भारर् य नौसेना की कलवरी श्रेणी की पािंचवी िीजल इलेजक्रक अटै क पनिुधबी आईएनएस
वागीर (INS Vagir) को मब
ींु ई के मझगाींव डॉक पर लॉन्ि क्रकया गया।
इस श्रेर् के अन्य पोर् आईएनएस कलवरी, आईएनएस खींडरे ी, आईएनएस करीं ज, आईएनएस वेला और आईएनएस
वाघि र हैं।
कलवरी श्रेणी पनिुजधबयों के बारे में
 पनडुक्ब्बयों के इस वगत में ड जल इलेक्तरक राींसशमिन शसस्टम होर्ा हैं और ये मख्
ु य रूप से आक्रमर्
करने वाली या ‘ िं टर’ककलर- पनडुक्ब्बयाीं होर् है । अथातर्, इन्हें ित्रु नौसेना जहाजों को लक्षक्षर् करने और
उन्हें नष्ट्ट करने के शलए डडज़ाइन क्रकया गया है ।
 इनका उपयोग, यद्
ु धपोर्-रोध और पनडुब्ब रोध अशभयानों-, खुक्रफया जानकारी जुटाने, ननगरान करने
और समद्र
ु ी सरुीं गें बबछाने में क्रकया जा सकर्ा है ।
 इन पनडुक्ब्बयों को प्रोजेक्ट 75 के र्हर् ननशमतर् क्रकया गया है और इनका डडज़ाइन स्कॉपीन श्रेणी की
पनिुजधबयों पर आधाररर् है ।
 इनका ननमातर् मब
ुीं ई में सावतजननक क्षेत्र के शिपबबल्डर मझगाींव डॉक शलशमटे ड (MDL) द्वारा क्रकया
जार्ा है ।
 इन पनडुक्ब्बयों का डडजाइन फ्राींस स डडफेंस के प्रमख
ु नौसेना ग्रप
ु (DCNS) और स्पेन के स्वाशमत्व वाली
इकाई नवें दटया (Navantia) द्वारा डडजाइन और ववकशसर् की गय स्कॉपीन श्रेर् पनडुक्ब्बयों के आधार
पर र्ैयार क्रकया गया है ।

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(नोट: समद्र
ु ी वार्ातलाप में ज ाजों की श्रेणी (class of ships), समान बनावट, उद्दे श्य और ववस्थापन वाले
जहाजों का एक समह
ू होर्ा है ।)
प्रीमलम्स के मलए तथ्य:
ऊपर उक्ल्लखखर् जहाजों का नामकरर्:
1. कलवरी (Kalvari) - टाइगर िाकत।
2. वाग र (Vagir) का नाम एक शिकारी समद्र
ु ी प्रजानर् सैंड क्रफि के नाम पर रखा गया है ।
3. खींडरे ी (Khanderi)- छत्रपनर् शिवाज द्वारा ननशमतर् एक द्व प क्रकले के नाम पर रखा गया है , क्जसने
उनकी नौसेना में महत्वपर्
ू त भशू मका ननभाई थ ।
4. करीं ज (Karanj)- मब
ुीं ई के दक्षक्षर् में क्स्थर् एक द्व प के नाम पर रखा गया है ।
भारत का पनिुधबी बेड़ा:
वर्तमान में , भारर् के पनडुब्ब बेड़े में , परमार्ु िाशलर् श्रेर् िक्र और अररहीं र् में , प्रत्येक में एक-एक पनडुब्ब
है । इसके अलावा ड जल इलेक्तरक श्रेर् के र् न वगों - कलवरी, शििक
ु ु मार और शसींधुघोष, में 14 पनडुक्ब्बयाीं
िाशमल हैं।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-a-look-at-kalvari-class-of-submarines-and-its-
strategic-significance-7049172/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
5. ‘िीप ओशन ममशन' के आरिं भ े तु भारत तैयार
सिंदभा: भारर् द्वारा ि घ्र ही एक महत्वाकाींक्ष 'िीप ओशन ममशन' (Deep Ocean Mission) की िरु
ु आर् की
जाएग । इसके शलए आवश्यक अनम
ु ोदन प्राप्र् क्रकए जा रहे हैं।
भारत का ‘िीप ओशन ममशन’
'ड प ओिन शमिन' (Deep Ocean Mission) के र्हर्, 35 साल पहले इसरो द्वारा िरू
ु क्रकये गए अींर्ररक्ष
अन्वेषर् के समान गहरे महासागर में अन्वेषर् करने का प्रस्र्ाव क्रकया गया है ।
 य ममशन, गहरे समद्र
ु में खनन, समद्र
ु ी जलवायु पररवर्तन सींबध
ीं सलाहकारी सेवाओीं, अन्र्जतलीय वाहनों
एवीं अन्र्जतलीय रोबोदटतस सींबध
ीं प्रौद्योचगक्रकयों पर केंहद्रत ोगा।
 ररपोटत के अनस
ु ार, 'ड प ओिन शमिन' में दो प्रमख
ु पररयोजनाओीं, ज्वारीय ऊजात द्वारा सींिाशलर् एक
ववलवर् करर् सींयत्र
ीं (Desalination Plant) र्था कम से कम 6,000 म टर की गहराई पर अन्वेषर्
करने में सक्षम एक पनडुब्ब वाहन (Submersible Vehicle) को सक्म्मशलर् क्रकया गया है ।
म त्व:
 यह शमिन भारर् के वविाल वविेष आचथतक क्षेत्र और महाद्व प य िेल्फ में अन्वेषर् करने सींबध
ीं प्रयासों
को बढ़ावा दे गा।
 यह योजना भारर् को मध्य दहींद महासागर बेशसन (Central Indian Ocean Basin- CIOB) में सींसाधनों
का दोहन करने की क्षमर्ा ववकशसर् करने में सक्षम बनाएग ।

सिंभावनाएिं:

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भारर् को मध्य ह द
िं म ासागर बेमसन (CIOB) में पॉली-मेटैशलक नॉड्यल्
ू स (Polymetallic nodules- PMN)
अन्वेषर् के शलये सिंयक्
ु त राष्ट्र सागरीय तनतल प्रागधकरण (UN International Sea Bed Authority for
exploration) द्वारा 75,000 वगत क्रकलोम टर का आवींटन क्रकया गया है ।
 मध्य दहींद महासागर बेशसन क्षेत्र में लो ा, मैंगनीज, तनकल और कोबाल्ट जैसी धातओ
ु िं के भण्िार हैं।
 अनम
ु ाननर् है क्रक, इस वविाल भण्डार के मात्र 10% दोहन से भारर् की अगले 100 वषों के शलए
ऊजात आवश्यकर्ाएीं परू ी हो सकर् हैं।

पॉली-मेटैमलक नॉड्यल्
ू स (PMN)
• पॉली-मेटैशलक नॉड्यल्
ू स (क्जन्हें मैंगन ज नॉड्यल्
ू स भ कहा जार्ा है ) आलू के आकार के र्था प्रायाः
नछद्रयत
ु र् होर्े हैं। ये ववश्व महासागरों में गहरे समद्र
ु र्लों पर प्रिुर मात्रा में बबछे हुए पाए जार्े हैं।
• अवगठन: पॉली-मेटैशलक नॉड्यल्
ू स में मैंगन ज और लोहे के अलावा, ननकल, र्ाींबा, कोबाल्ट, स सा,
मोशलब्डेनम, कैडशमयम, वैनेडडयम, टाइटे ननयम पाए जार्े है , क्जनमें से ननकल, कोबाल्ट और र्ाींबा आचथतक
और सामररक महत्व के माने जार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ‘गहरे समद्र
ु में खनन’ तया होर्ा है ?
2. PMN तया हैं?
3. मध्य दहींद महासागर बेशसन (CIOB) की अवक्स्थनर्
4. सींयत
ु र् राष्ट्र सागरीय ननर्ल प्राचधकरर् के कायत
में स मलिंक:
भारर् द्वारा िरू
ु क्रकए जाने वाले 'ड प ओिन शमिन' की आवश्यकर्ा और महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GNP8090AI.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. अलवणीकरण सिंयत्र
िं (Desalination Plant)
सिंदभा: हाल ही में , महाराष्ट्र के मख्
ु यमींत्र उद्धव ठाकरे द्वारा मब
ुिं ई में प ले अलवणीकरण सिंयत्र
िं (Desalination
Plant) की स्थापना हे र्ु मींजूरी प्रदान की गय है ।
इस प्रस्र्ाववर् सींयत्र
ीं द्वारा 200 मममलयन लीटर प्रततहदन (MLD) जल सींसाचधर् क्रकया जाएगा, इससे मब
ुीं ई में ,
मई और जन
ू के महीनों के दौरान होने वाली पान की कम को दरू क्रकया जा सकेगा।
जस्वस चैलेंज ववगध (Swiss Challenge method)
‘क्स्वस िैलेंज ववचध’ बोली लगाने का एक र्रीका होर् है , क्जसे प्रायाः सावतजननक पररयोजनाओीं में उपयोग क्रकया
जार्ा है ।
 इस पररयोजना के शलए बह
ृ न्मब
ुीं ई नगर ननगम )Brihanmumbai Municipal Corporation -BMC) द्वारा
क्स्वस िैलेंज ववचध) Swiss Challenge methodका ( उपयोग क्रकये जाने की योजना बनाय जा रही है ।

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 इस ववचध में ,पररयोजना को एक अनापेक्षक्षर् बोली लगाने वाले क्रकस ननज व्यक्तर् के शलए प्रदान
क्रकया जा सकर्ा है ।
 इसमें , सबसे पहले प्रस्र्ाव पेि करने वाली ननज फमत से स धे वार्ात के शलए सींपकत क्रकया जा सकर्ा
है और , इसके सहमर् नही होने पर अन्य बोली लगाने वालों को आमींबत्रर् क्रकया जार्ा है ।
‘अलवणीकरण सिंयत्र
िं ’ क्या ैं?
अलवर् करर् सींयत्र
ीं (Desalination Plant) द्वारा खारे पान को प ने योग्य पान में पररवनर्तर् क्रकया जार्ा है ।
 इस प्रक्रक्रया में सवातचधक इस्र्ेमाल की जाने वाली र्कन क ‘उत्क्रम परासरर्/ ररवसत ऑस्मोशसस (Reverse
osmosis- RO) होर् है ।
 इसके र्हर्, बाहरी दबाव (Pressure) का उपयोग करके पान में दवू षर् पदाथो को उच्ि साींद्रर् वाले क्षेत्र
से, एक अधतपारगम्य खझल्ली (Membrane) के माध्यम से, दवू षर् पदाथो के ननम्न साींद्रर् वाले क्षेत्र में
धकेला जार्ा है ।
 खझल्ली में मौजूद सक्ष्
ू म नछद्रों से होकर स्वच्छ जल-अर्ु दस
ू री और पहुँि जार्े है, र्था दवू षर् पदाथत
प छे रह जार्े हैं।
 इन अलवर् करर् सींयत्रों को अचधकाींिर्ाः सागरीय जल की प ु ँच वाले क्षेत्रों में स्थावपत ककया जाता ै ।
भारत में इस तकनीक का उपयोग
यह र्कन क, मख्
ु यर्ाः अभ र्क मध्य पव ृ ध दे िों र्क ही स शमर् है क्रकींर्ु हाल ही में सींयत
ू त के समद् ु र् राज्य
अमेररका और ऑस्रे शलया के कुछ दहस्सों में इसका प्रयोग िरू
ु क्रकया गया है ।
 भारर् में , इस र्कन क का सबसे पहले र्शमलनाडु में प्रयोग क्रकया गया है । राज्य में िेन्नई के ननकट
वषत 2010 और 2013 में दो अलवर् करर् सींयत्र
ीं स्थावपर् क्रकए गए।
 गज
ु रार् और आींध्र प्रदे ि भ इस र्कन क के उपयोग पर वविार कर रहे हैं।
चुनौततयािं:
 अलवर् करर् सींयत्र
ीं स्थावपर् करने और इसके पररिालन की उच्ि लागर्।
 अलवर् करर् प्रक्रक्रया के फलस्वरूप उपोत्पादों, जैसे उच्ि साींदद्रर् लवर् य जल (Brine) का ननपटान।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. अलवर् करर् तया है ?
2. अलवर् करर् सींयत्र
ीं तया है?
3. ररवसत ऑस्मोशसस तया होर् है ?
4. भारर् में अलवर् करर् सींयत्र
ीं
में स मलिंक:
अलवर् करर् तया होर्ा है ? हाल ही में मब
ींु ई में अलवर् करर् सींयत्र
ीं की स्थापना का तया कारर् है ? ििात
कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/mumbai-desalination-plant-7063528/.

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स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस


7. ड्राई स्वाब िायरे क्ट आरटी-पीसीआर परीक्षण ववगध (Dry Swab-Direct RT-PCR method)
सिंदभा: हाल ही में , 'भारर् य चिक्रकत्सा अनस
ु ध
ीं ान पररषद' (ICMR) द्वारा कोरोना वायरस जाींि प्रक्रक्रया को र्ेज
करने हे र्,ु ड्राई स्वाब डायरे तट आरटी-प स आर परीक्षर् ववचध (Dry Swab-Direct RT-PCR method) को मींजूरी
प्रदान की गय है ।
इस परीक्षर् ववचध को ‘वैज्ञातनक और औद्योगगक अनस
ु ध
िं ान पररषद- कोमशकीय एविं आणववक जीवववज्ञान केंद्र'
(CSIR-CCMB) द्वारा ववकशसर् क्रकया गया है ।
प ले, आइए म समझते ैं कक पारिं पररक परीक्षण ववगध ककस प्रकार काया करती ै ?
 पारीं पररक परीक्षर् ववचध में , नाक/नासाग्रसन सींबध
ीं - Nasopharyngeal) या गले की नली/ मख
ु -ग्रसन
(oropharyngeal) स्वाब के नमन
ू े एकत्र क्रकए जार्े हैं क्जन्हें प्रायाः वायरल राींसपोटत म डडयम (VTM)
नामक द्रव्य में रखा जार्ा है ।
 ररसाव से बिने के शलये इन नमन
ू ों को अच्छी र्रह से पैक क्रकया जार्ा है क्जससे नमन
ू ा सींग्रह और
परीक्षर् केंद्र पर अचधक समय लग जार्ा है ।
ड्राई स्वाब-िायरे क्ट आरटी-पीसीआर ववगध क्या ै?
 यह मौजूदा मानक आरटी-प स आर ववचध का एक सरल रूपाींर्रर् है ।
 इस ववचध में नाशसका स्वाब (Nasal Swab) को िष्ट्ु क अवस्था में सींग्रहीर् और पररवहन क्रकया जाया है ,
क्जससे नमन
ू ों के रख-रखाव में सरलर्ा होर् है र्था इसके ररसाव एवीं सींक्रमर् फैलने का खर्रा भ
कम होर्ा है ।
 ड्राई स्वाब ववचध में RNA ननष्ट्कषतर् प्रक्रक्रया की आवश्यकर्ा नहीीं होर् है और इसमें , ICMR द्वारा
सझ
ु ाई गई क्रकट का उपयोग करके डायरे तट RT-PCR के पश्िार् नमन
ू ों का केवल सरल प्रसींस्करर्
क्रकया जार्ा है ।

लाभ:
1. लागर् प्रभाव
2. नई क्रकट की आवश्यकर्ा के बबना आसान र्रीके से इस्र्ेमाल
3. मौज़ूदा जनिक्तर् को बबना कोई अनर्ररतर् प्रशिक्षर् ददये इसे प्रयत
ु र् क्रकया जा सकर्ा है
4. दे ि में परीक्षर् क्षमर्ा में र् व्र वद्
ृ चध करने में सक्षम
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RNA और DNA में अींर्र
2. RT- PCR र्था एींटीबॉड परीक्षर्ों में अींर्र
3. RNA वायरस तया है ?
4. एींटीबॉड तया हैं?
5. ड्राई स्वाब डायरे तट आरटी-प स आर परीक्षर् ववचध तया है ?

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में स मलिंक:
ड्राई स्वाब डायरे तट आरटी-प स आर परीक्षर् ववचध के महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब

ववषय:सि
ू ना प्रौद्योचगकी, अींर्ररक्ष, कींप्यट
ू र, रोबोदटतस, नैनो-टै तनोलॉज , बायो-टै तनोलॉज और बौद्चधक सींपदा
अचधकारों से सींबचीं धर् ववषयों के सींबध
ीं में जागरुकर्ा।
1. चावल को पोषणयक्
ु त बनाने े तु पररयोजना (Scheme on Fortification of Rice)
सिंदभा: िावल को पोषर्यत
ु र् बनाने (Fortification of Rice) र्था सावाजतनक ववतरण प्रणाली के जररए इसके
ववर्रर् को मजबर्
ू करने हे र्ु केन्द्र प्रायोजजत पायलट योजना लागू करने के शलए 15 राज्यों की पहिान की
गई है ।
इस पायलट योजना को 2019-2020 से आरीं भ होकर र् न साल की अवचध के शलए मींजरू ी दी गई है ।
पोषणयक्
ु त चावल ककस प्रकार बनाया जाता ै?
क्रकस खाद्यान्न को पोषर्यत
ु र् बनाने के शलए उसमे सावधान से आवश्यक सक्ष्
ू म पोषक र्त्वों अथातर् ् ववटाशमन
और खननज र्त्वों, की मात्रा में वद्
ृ चध की जार् है । इसका उद्दे श्य आपनू र्त क्रकए जाने वाले खाद्यान्न की पोषर्
गर्
ु वत्ता में सध
ु ार करना र्था न्यन
ू र्म जोखखम के साथ उपभोतर्ाओीं को स्वास््य लाभ प्रदान करना है ।
चावल को पोषणयक्
ु त बनाना (Rice Fortification), िावल में आवश्यक सक्ष्
ू म पोषक र्त्वों की मात्रा की वद्
ृ चध
करना और िावल की पोषर् गर्
ु वत्ता में सध
ु ार करने की एक ववचध होर् है ।
पोषणयक्
ु त चावल/ राइस फोहटा कफकेशन की आवश्यकता
िावल ववश्व का सबसे महत्वपर्
ू त प्रमख
ु भोजन है । प्रनर्ददन लगभग 2 बबशलयन लोग िावल का भोजन के रूप
में खार्े हैं र्था यह एशिया और अफ्रीका के अचधकाँि भाग में आहार का मख्
ु य आधार है ।
• शमल से ननकले हुए सामान्य िावल में सक्ष्
ू म पोषक र्त्वों की कम होर् है , और यह िरीर में मख्
ु य
रूप से केवल काबोहाइड्रेट की आपनू र्त करर्ा है । पोषर् को बेहर्र बनाने के शलए राइस फोदटत क्रफकेिन
एक प्रमख
ु र्रीका है ।
• पोषर्यत
ु र् िावल में ववटाशमन ए, ववटाशमन ब 1, ववटाशमन ब 12, फोशलक एशसड, आयरन और क्जींक
उपयत
ु र् मात्रा में पाए जार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. जैव फोदटत क्रफकेिन बनाम आनव
ु शीं िक पररवर्तन
2. सक्ष्
ू म पोषक बनाम वह
ृ द पोषक र्त्व
3. भारर् में जैव उवतरक और ज एम फसलों के शलए स्व कृनर्
4. भारर् में अनम
ु नर् प्राप्र् ज एम फसलें
में स मलिंक:
क्रकस खाद्यान्न को पोषर्यत
ु र् बनाने से आप तया समझर्े हैं? इसके फायदों के बारे में ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब

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2. आकाशगिंगा में प ली बार ‘तीव्र रे डियो प्रस्फोट‘(FRB) की जानकारी


सिंदभा: हाल ही में , खगोल वैज्ञाननकों ने मारी आकाशगिंगा में प ली बार ‘तीव्र रे डियो प्रस्फोट’ (fast radio
bursts- FRB) के रूप में जान जाने वाले ‘रे डडयो र्रीं गों के अत्याचधक र् व्र स्पींदन’ (Intense pulses of radio
waves) का पर्ा क्रकया है ।
अब र्क, अन्य आकािगींगाओीं में अतसर इस प्रकार के ‘र् व्र रे डडयो प्रस्फोटों’ का पर्ा िलर्ा रहा है ।
इस खोज का म त्व:
ये ‘र् व्र रे डडयो प्रस्फोट’ (FRB), पथ्
ृ वी से तनकटतम दरू ी पर ररकॉिा गए अब तक के सबसे नजदीकी मसग्नल
थे। इसके अनर्ररतर्, ये FRB शसग्नल, अब र्क ज्ञार् क्रकस भ अन्य मैग्नेटर रे डडयो शसग्नल (Magnetar
Radio Signal) की तल
ु ना में 3,000 गन
ु ा चमकीले थे।
FRB की उत्पवत्त
नए अध्ययन ने पक्ु ष्ट्ट की है , क्रक ‘र् व्र रे डडयो प्रस्फोट’ (FRB) की उत्पवत्त एक दल
ु भ
त प्रकार के न्यर
ू ॉन से होर्
है , क्जन्हें 'मैग्नेटर' (Magnetar) कहा जार्ा है
'मैग्नेटर' क्या ैं?
'मैग्नेटर' (Magnetar), न्यर
ू ॉन तारों (Neutron Star) का एक प्रकार होर्े हैं।
'मैग्नेटर', ब्रह्माण्ि में सबसे शजक्तशाली चुम्बकीय तारे ोते ैं। इनका िुींबकीय क्षेत्र प्
ृ व की र्ल
ु ना में 5,000
दरशलयन गन
ु ा अचधक िक्तर्िाली होर्ा हैं।

इन नए ‘तीव्र रे डियो प्रस्फोटों’ का स्रोत


• नव नर्म खोजे गए ‘र् व्र रे डडयो प्रस्फोट’ / फ़ास्ट रे डडयो बस्र्टतस (FRB) सींकेर्, प्
ृ व से लगभग 30,000
प्रकाि वषत की दरू ी पर क्स्थर् SGR 1935+2154 नामक एक 'मैग्नेटर' से उत्पन्न हुए थे।
• ये 'मैग्नेटर' आकािगींगा के केंद्र में वल्पेकुला (Vulpecula) र्ारामींडल में क्स्थर् है ।

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प्रीमलम्स मलिंक:
1. रे डडयो र्रीं गें तया होर् हैं?
2. ववद्यर्
ु िम्
ु बकीय स्पेतरम तया होर्ा है ?
3. 'मैग्नेटर' तया हैं?
4. न्यर
ू ॉन र्ारा तया है ?
https://www.downtoearth.org.in/news/energy/fast-radio-bursts-detected-in-the-milky-way-for-the-
first-time-74114.
स्रोर्: डाउन टू अथत
3. EOS-01: भारत का नवीनतम पथ्
ृ वी तनगरानी उपग्र
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य अींर्ररक्ष अनस
ु ध
ीं ान सींस्थान (ISRO) द्वारा श्र हररकोटा के सर् ि धवन स्पेस सेंटर
से ‘पथ्
ृ वी तनगरानी उपग्र ’ / ‘अथा ऑधजवेशन सैटेलाइट-1 (EOS-1) को प्रक्षेवपर् क्रकया गया है । वपछले साल
11 ददसींबर को RISAT-2BR1 के प्रक्षेपण के बाद से य ISRO का प ला ममशन है ।
(नोट: इसरो द्वारा इस वषत जनवरी में एक सिंचार उपग्र जीसैट -30 को भ अींर्ररक्ष में भेजा गया था, क्रकीं र्ु
इस उपग्रह को फ्रेंि गय
ु ाना एररयन रॉकेट द्वारा प्रक्षेवपर् क्रकया गया था)।
EOS-01 क्या ै?
यह एक प्
ृ व ननगरान उपग्रह (Earth Observation Satellite) है ।
 EOS-01 एक अन्य रडार इमेक्जींग सैटेलाइट (Radar Imaging Satellite-RISAT) है , यह वपछले साल
प्रक्षेवपर् क्रकये गए RISAT-2B और RISAT-2BR1 उपग्रहों के साथ शमलकर काम करे गा।
 EOS-01 के प्रक्षेपण के बाद से सभ प्
ृ व ननगरान उपग्रहों को EOS – सीरीज कहा जाएगा।
पथ्
ृ वी तनगरानी उपग्र ों का उपयोग
प्
ृ व ननगरान उपग्रहों (Earth Observation Satellites) का उपयोग, भशू म एवीं वन मानचित्रर् र्था ननगरान ,
जल एवीं खननज या मछशलयाीं आदद सींसाधनों का मानचित्रर्, मौसम और जलवायु ननगरान , मद
ृ ा-अवलोकन, भ-ू
स्थाननक समोच्ि मानचित्रर् आदद कायो हे र्ु क्रकया जार्ा है । ऑजप्टकल उपकरणों की अपेक्षा रिार इमेजजिंग के
लाभ
रडार इमेक्जींग में मौसम, बादल, कोहरे अथवा सौर-प्रकाि की कम आदद का कोई प्रभाव नहीीं पड़र्ा है । यह सभ
पररक्स्थनर्यों में और हर समय उच्ि-गर्
ु वत्ता वाले चित्र प्रदान कर सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. रडार इमेक्जींग तया है ?
2. प्
ृ व -ननगरान उपग्रह तया हैं?
3. GSLV और PSLV के ब ि अींर्र
4. EOS-01 के अनप्र
ु योग
5. प्
ृ व की ननिली कक्षा और भक्ू स्थर कक्षाओीं के मध्य अींर्र
में स मलिंक:

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166

ध्रुव य उपग्रह प्रक्षेपर् वाहन (PSLV) दनु नया के सबसे ववश्वसन य अींर्ररक्ष प्रक्षेपर् वाहनों में से एक तयों माना
जार्ा है ? यह भारर् को व्यावसानयक और र्कन की रूप से कैसे मदद कर रहा है ?
https://indianexpress.com/article/explained/what-is-eos-01-india-earth-observation-satellite-
6988784/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
4. फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine)
सिंदभा: हाल ही में , अमेररकी फामात कींपन फाइजर (Pfizer) और उसकी जमतन की पाटत नर कींपन BioNTech ने
दावा क्रकया है क्रक उनके द्वारा सींयत
ु र् रूप से ववकशसर् कोरोना वायरस वैतस न तीसरे चरण के रायल में 90
फीसदी प्रभाव है ।
तीसरे चरण का परीक्षण
वैतस न के र् सरे िरर् के परीक्षर्ों के दौरान दवा-ननमातर्ाओीं का प्रमख
ु लक्ष्य वैक्सीन की प्रभावकाररता और
सरु क्षा तनधााररत करना होर्ा है ।
 इसका उद्दे श्य ,दवाओीं के अनम
ु ोदन और पींज करर् को ववननयशमर् करने वाले ववशभन्न वैक्श्वक और
राष्ट्रीय ननकायों के समक्ष प्रस्र्र्
ु करने हे र्ु स्पष्ट्ट आींकड़ों को एकत्र करना होर्ा है ।
 यदद टीका, प्रभाव और अपेक्षाकृर् सरु क्षक्षर् पाया जार्ा है , र्ो इसे ववर्रर् हे र्ु अनम
ु ोददर् कर ददया
जार्ा है ।
उपरोक्त वैक्सीन ककस प्रकार ववकमसत की गयी?
• फाइजर (Pfizer) और BioNTech वैतस न में मैसज
ें र RNA (mRNA) र्कन क का उपयोग क्रकया गया है ।
यह र्कन क ‘शसींथेदटक ज न’ पर ननभतर करर् है । इस शसींथदे टक ज न को कुछ हफ्र्ों में उत्पन्न और
ननशमतर् क्रकया जा सकर्ा है।
• पारीं पररक टीकों के द्वारा, रोगजनकों (Pathogens) द्वारा ननशमतर् प्रोटीन को पहिानने और उसे नष्ट्ट
करने के शलए िरीर को प्रशिक्षक्षर् क्रकया जार्ा है । इसके ववपरीर्, mRNA द्वारा रोग की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली
को खद
ु से वायरल प्रोटीन का उत्पादन करने के शलए भ्रशमर् क्रकया जार्ा है । ये प्रोटीन हाननरदहर् होर्े
हैं, क्रकीं र्ु एक सितर् प्रनर्रक्षा प्रनर्क्रक्रया सक्रक्रय करने हे र्ु पयातप्र् होर्े है ।
आगामी चुनौततयािं:
• फाइजर की कोववड-19 वैतस न को अनर्ि र् र्ापमान (Ultracold Temperatures) पर भींडारर् क्रकये
जाने की आवश्यकर्ा होर् है । ववश्व के कई दे िों में अचधकाँि लोगों के पास इस वैतस न अथवा अन्य
परीं परागर् कोरोनावायरस वैतस न के भण्डारर् हे र्ु आवश्यक बनु नयादी ढाींिा नहीीं है ।
• यह वैतस न द्वारा क्रकर्ने समय र्क सरु क्षा प्रदान करे ग ? यह प्रश्न अभ अनत्त
ु ररर् है ।
• ववश्व स्वास््य सींगठन (WHO) द्वारा $ 4.5 बबशलयन की ववत्त य कम होने की िेर्ावन दी गय है ,
इससे ननम्न और मध्यम आय वाले दे िों में परीक्षर्, दवाओीं और टीकों की पहुींि में दे री हो सकर् है ।
सामान्यतः टीकाकरण आवश्यकता क्यों ोती ै?

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167

सवतसाधारर् के टीकाकरर् करने का लक्ष्य उस ववभजक्त बबिंद ु र्क पहुींिना होर्ा है, जहाँ लगभग सभ लोगों को
टीका ददया जार्ा है और उनकी प्रनर्रक्षा प्रर्ाली आींशिक रूप से काफी प्रबल हो जार् है , क्रक क्रकस ब मारी के
वायरस को मनष्ट्ु य से मनष्ट्ु य में सिंिमण करने े तु उपयक्
ु त मेजबान न ीिं ममलता ै , और अींर्र्ाः वायरस नष्ट्ट
हो जार्ा है । यह सामदू हक रोग प्रनर्रोधक िक्तर् (Herd Immunity) का एक स्वरूप होर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RT- PCR, रै वपड एींटीबॉड और रै वपड एींटीजन टे स्ट के मध्य अींर्र
2. एींटीबॉड तया होर्े हैं?
3. एींटीजन तया होर्े हैं?
4. िरीर की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली क्रकस प्रकार कायत करर् है ?
5. शलम्फोसाइर्टस (lymphocytes) तया हैं?
6. mRNA र्कन क तया है ?
में स मलिंक:
रै वपड एींटीजन परीक्षर् पर एक दटप्पर् शलखखए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GEC7UUGO6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. थटी मीटर टे लीस्कोप (TMT) पररयोजना
सिंदभा: भारर् य खगोलववदों द्वारा थटी म टर टे लीस्कोप प्रोजेतट पर नोबेल परु स्कार ववजेर्ा के साथ सहयोग में
कायत क्रकया जा रहा है ।
वषा 2020 के भौततकी नोबेल परु स्कार ववजेता प्रोफेसर घेज ने दरू ब न पररयोजना में प्रयत
ु र् बैक एींड उपकरर्ों
से जुड़े र्कन की पहलओ
ु ीं के ववकास में भारर् य खगोलववदों के साथ अहम भशू मका ननभाई है ।
थटी मीटर टे लीस्कोप (TMT) के सिंबध
िं में :
 थटी म टर टे लीस्कोप (Thirty Meter Telescope- TMT), वविालकाय टे शलस्कोप (Extremely Large
Telescope- ELT) वाली एक खगोलीय वेधिाला है ।
 यह कनाडा, ि न, भारर्, जापान और सींयत
ु र् राज्य अमेररका के वैज्ञाननक सींगठनों द्वारा ववत्त पोवषर्
एक अींर्रातष्ट्रीय पररयोजना है ।
 ननयोक्जर् स्थान: अमेररका के हवाई प्राींर् में हवाई द्व प समह
ू के मौना की (Mauna Kea) पर TMT
पररयोजना को स्थावपर् क्रकया जा रहा है ।
 उद्दे श्य: TMT को मध्य-अवरतर् से लेकर पराबैंगन अवलोकन के शलए डडज़ाइन क्रकया गया है । इसमें
चित्रों के धुींधलेपन को सही करने में सहायर्ा करने हे र्ु अनक
ु ू लक प्रकाशिकी को प्रयत
ु र् क्रकया गया है ।

म त्व:
 TMTबैज्ञाननकों , के शलए ब्रहमाींड में दरू क्स्थर् धुींधले वपींडो का अध्ययन करने में सक्षम बनाएगा ,
क्जससेब्रहमाींड की उत्पवत्त के प्रारक्म्भक िरर्ों के सींबध
ीं में जानकारी प्राप्र् होग ।

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168

 यह अज्ञार् ग्रहों और सौर मींडल में अन्य वपींडो र्था अन्य र्ारों के सम प क्स्थर् ग्रहों के बारे में सक्ष्
ू म
वववरर् प्रदान करे गा।

स्रोर्: प आईब
ववषय: सि
ू ना प्रौद्योचगकी, अींर्ररक्ष, कींप्यट
ू र, रोबोदटतस, नैनो-टै तनोलॉज , बायो-टै तनोलॉज और बौद्चधक सींपदा
अचधकारों से सींबचीं धर् ववषयों के सींबध
ीं में जागरुकर्ा।
6. OTT प्लेटफॉम्सा पर सरकारी तनयिंत्रण
सिंदभा: हाल ही में , सरकार द्वारा ‘ओवर द टॉप’ (OTT) प्लेटफॉम्सा या वीडियो स्रीममिंग सेवा प्रदाताओिं को सच
ू ना
और प्रसारण मिंत्रालय के दायरे में लाया गया है ।
राजपबत्रत अगधसच
ू ना के अनस
ु ार:
 ऑनलाइन क्रफल्में, डडक्जटल समािार और समसामनयक मद्
ु दों से सींबचीं धर् सामग्र अब सि
ू ना और
प्रसारर् मींत्रालय के दायरे के अध न है । I & B मींत्रालय के प्रमख
ु केंद्रीय मींत्र प्रकाि जावड़ेकर हैं।
 OTT प्लेटफॉम्सत अभ र्क ववननयशमर् नहीीं क्रकये गए थे, सरकार के इस आदे ि से OTT प्लेटफॉमत
सरकारी ननयींत्रर् के अध न आ जाएींगे।
अब तक इस क्षेत्र को ककस प्रकार ववतनयममत ककया जाता था?
वर्तमान में , डडक्जटल सामग्र को ननयींबत्रर् करने वाला कोई कानन
ू अथवा स्वायत्त ननकाय नहीीं है । लेक्रकन, समय-
समय पर, सरकार द्वारा इन प्लेटफामों की ननगरान क्रकये जाने की आवश्यकर्ा का सींकेर् ददया जार्ा रहा।
 वपछले वषत अतटूबर में सरकार ने सींकेर् ददया था क्रक वह नेटक्फ्लतस और हॉटस्टार जैस व डडयो
स्रीशमींग सेवाओीं के शलए ननवषद्ध कायतक्रमों की एक‘ नकारात्मक ’सि
ू जारी करे ग ।
 सरकार द्वारा इन प्लेटफॉम्सत से समािार प्रसारर् मानक प्राचधकरर् की र्जत पर एक स्वननयामक -
सींस्थागदठर् क्रकये जान की अपेक्षा की गय थ ।
स्व-तनयामक कोि:

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 जनवरी 2019 में , आठ व डडयो स्रीशमींग सेवा प्रदार्ाओीं द्वारा एक स्व-ननयामक कोड पर हस्र्ाक्षर
क्रकए गए थे, क्जसके र्हर् इन प्लेटफामों पर ददखाई जाने वाली सामग्र के शलए ननदे िक शसद्धाींर्ों का
एक सेट र्ैयार क्रकया गया था।
 इस स्व-ननयामक कोड को OTT द्वारा वपछली जनवरी में अपनाया गया, और इसमें पाींि प्रकार की
सामग्र को प्रनर्बींचधर् क्रकया गया है , क्जसमें , क्रकस भ प्रकार से जानबझ
ू कर और दभ
ु ातवनापव
ू क
त राष्ट्रीय
प्रर् क या ध्वज का अपमान करने वाली सामग्र र्था बाल पोनोग्राफी को बढ़ावा दे ने वाली स्टोरी-
लाइन्स को िाशमल क्रकया गया है ।

ओवर-द-टॉप (OTT) स्रीममिंग क्या ै?


• ‘ओवर-द-टॉप’ म डडया सेवा, एक ऑनलाइन सामग्र प्रदार्ा होर् है , जो एकल उत्पाद के रूप में स्रीशमींग
म डडया उपलब्ध करार् है ।
• ओवर-द-टॉप (OTT) का प्रयोग प्रायाः व डडयो-ऑन-डडमाींड प्लेटफॉमत के सींबध
ीं में क्रकया जार्ा है , लेक्रकन
इसका ऑडडयो स्रीशमींग, मैसेज सववतस या इींटरनेट-आधाररर् वॉयस कॉशलींग सोल्यि
ू न के सींदभत में भ
प्रयोग होर्ा है ।
• ‘ओवर-द-टॉप’ सेवाएीं पारीं पररक म डडया ववर्रर् िैनलों जैसे दरू सींिार नेटवकत या केबल टे लीववजन
प्रदार्ाओीं को दरक्रकनार करर् हैं।
• यदद आपके पास इींटरनेट कनेतिन है र्ो आप अपन सवु वधानस
ु ार ओवर-द-टॉप’ सेवा का उपयोग कर
सकर्े हैं।
ओवर-द-टॉप (OTT) की लोकवप्रयता का कारण
 कम कीमर् पर उच्ि मल्
ू य की सामग्र ।
 नेटक्फ्लतस और अमेज़़ॅन प्राइम जैसे ओररक्जनल सामग्र प्रदार्ा।
 कई उपकरर्ों के साथ सींगर्र्ा (Compatibility)।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8V7V5P0S.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. स्पेसएक्स-नासा का आगामी िू -1 ममशन
सिंदभा: हाल ही में , नासा द्वारा स्पेसएतस के िू ड्रैगन कैप्सल
ू (Crew Dragon capsule) और फाल्कन 9
(Falcon 9) रॉकेट को प्रमाखर्र् कर ददया गया है । यह अींर्ररक्ष एजेंस द्वारा प्रदान क्रकया गया प ला अिंतररक्ष
यान प्रमाणन (first spacecraft certification) है ।
 इसका र्ात्पयत है क्रक स्पेसएतस अब अींर्ररक्ष स्टे िन के शलए ननयशमर् उड़ानें सींिाशलर् कर सकर्ा है ।
 स्पेसएतस का क्रू ड्रैगन अींर्ररक्ष यान 14 नवींबर को फ्लोररडा में नासा के कैनेड स्पेस सेंटर से उड़ान
भरे गा।
‘िू-1 ममशन’ क्या ै?

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• क्रू-1 (Crew-1) शमिन, नासा के कमशितयल क्रू प्रोग्राम का एक दहस्सा है , क्जसका उद्दे श्य लागर् के सींदभत
में अींर्ररक्ष र्क पहुींि को आसान बनाना है , क्जससे कागो और िालक दल को अींर्ररातष्ट्रीय अींर्ररक्ष
स्टे िन (ISS) से आसान से भेजा और लाया जा सके। इससे वैज्ञाननक िोध में सग
ु मर्ा हो सकेग ।
• गौरर्लब है क्रक, क्रू -1, अींर्ररातष्ट्रीय अींर्ररक्ष स्टे िन के शलए फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा स्पेसएतस क्रू ड्रैगन
अींर्ररक्ष यान की पहली पररिालन उड़ान होग र्था यह 2020-2021 के दौरान ननधातररर् र् न उड़ानों
में से पहली उड़ान है ।
स्पेसएक्स िू ड्रैगन कैप्सल
ू के बारे में :
स्पेसएतस का क्रू ड्रैगन कैप्सल
ू , नासा के शमिनों पर िार अींर्ररक्ष याबत्रयों को ले जाएगा र्था अींर्ररक्ष स्टे िन
पर सार् सदस्यों के दल की दे ख-रे ख करे गा, क्जससे इन्हें अींर्ररक्ष में पररक्रमा कर रही प्रयोगिाला पर वैज्ञाननक
अनस
ु ध
ीं ान के शलए अचधकर्म समय शमल सकेगा।
अिंतररााष्ट्रीय अिंतररक्ष स्टे शन पर िू-1 के सदस्यों का काया
• क्रू -1 टीम, ISS पर माइक्रोग्रैववटी का अध्ययन करे ग ।
• इसके सदस्यों द्वारा खाद्य िरीर क्रक्रया ववज्ञान (food physiology) पर िोध क्रकया जा रहा है , क्जससे
अींर्ररक्ष यात्रा के दौरान िालक दल की िरीर प्रनर्रक्षा प्रर्ाली और पािन र्ींत्र के अनक
ु ू लन में सहयोग
शमल सकर्ा है ।
• कक्षा में पहुिने के बाद अींर्ररक्ष यात्र , प्
ृ व पर वैज्ञाननकों के शलए डेटा प्रदान करने हे र्ु नमन
ू े एकत्र
करें ग,े क्जससे आहार पररवर्तन से िरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन क्रकया जा सकेगा।
• इसके अलावा, छात्रों द्वारा डडजाइन क्रकया गया ‘ज ींस इन स्पेस-7’ नामक प्रयोग क्रकया जाएगा, इसका
उद्दे श्य यह समझना है , क्रक अींर्ररक्ष उड़ान, मक्स्र्ष्ट्क के कायत को क्रकस प्रकार प्रभाववर् करर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. नासा का कमशितयल क्रू प्रोग्राम -भाग दार
2. अींर्ररक्ष िटल कायतक्रम
3. डेमो-1 बनाम डेमो -2 शमिन
4. ISS तया है ?
5. अींर्ररक्ष स्टे िन के बारे में
https://indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-spacex-nasas-upcoming-crew-1-
mission-launch-7048037/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

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171

8. केरल फाइबर ऑजप्टक नेटवका पररयोजना (KFONP) (Kerala Fibre Optic Network Project)
सिंदभा: केरल सरकार का लक्ष्य केरल फाइबर ऑजप्टक नेटवका पररयोजना (KFONP) के माध्यम से ददसींबर र्क
गरीब पररवारों, सावतजननक कायातलयों के शलए मफ्
ु र् इींटरनेट प्रदान करना है ।
पररयोजना के बारे में :
• केरल फाइबर ऑक्प्टक नेटवकत पररयोजना का लक्ष्य, केरल सरकार द्वारा ‘इींटरनेट एतसेस’ को 'नागररक
अचधकार' बनाने सींबध
ीं उद्दे श्य को परू ा करना है ।
• इसके र्हर् 20 लाख से अचधक गरीब रे खा से न िे रहने वाले (BPL) पररवारों के शलए मफ्
ु र् उच्ि गनर्
सदहर् इींटरनेट सवु वधा प्रदान की जाएग ।
• यह पररयोजना केरल राज्य बबजली बोडत (Kerala State Electricity Board) और केरल राज्य सि
ू ना
प्रौद्योचगकी इन्फ्रास्रतिर शलशमटे ड (Kerala State Information Technology Infrastructure Limited-
KSITIL) की एक सहयोगात्मक पहल है । इींटरनेट सेवा प्रदार्ा और केबल टे लीववजन ऑपरे टर भ अपन
सेवाएँ प्रदान करने के शलये इस पररयोजना में िाशमल हो सकर्े हैं।
• राज्य सरकार के अनस
ु ार- लगभग 30,000 से अचधक सरकारी कायातलयों और स्कूलों को इस पररयोजना
के र्हर् हाई-स्प ड नेटवकत के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
KFONP का म त्व:
यह पररयोजना आरीं भ होने पर, राज्य के शलए एक और म ल का पत्थर साबबर् होग । केरल राज्य पहले से ही
मानव ववकास सींकेर्कों में ि षत पर है , र्था कई सींकेर्कों में , वविेषकर स्वास््य सींकेर्कों में ववश्व के ववकशसर्
दे िों से समानर्ा करर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. KFON पररयोजना के बारे में
2. भारर् नेट के बारे में
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8F7VL15T.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
9. यरू ोपीय अिंतररक्ष एजेंसी का एररयल स्पेस ममशन (Ariel Space Mission adopted by the European Space
Agency)
सिंदभा: हाल ही में , यरू ोपीय अिंतररक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) द्वारा औपिाररक रूप से एररयल
(Ariel) शमिन को अपनाया गया है ।
एररयल क्या ै?
एररयल (एटमॉस्फेररक ररमोट-सेंशसींग इन्फ्रारे ड एतसोप्लेनेट लाजत-सवे) अथातर् Ariel (Atmospheric Remote-
sensing Infrared Exoplanet Large-survey) को वषत 2029 में लॉन्ि क्रकया जाएगा।
 यह िार साल की अवचध के दौरान एक हजार से अचधक एतसोप्लैनेट का व्यापक स्र्र पर सवेक्षर्
करे गा।
 इसके र्हर्, यह एतसोप्लैनट
े की प्रकृनर्, उसकी सींरिना और ववकास का अध्ययन करे गा।

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एररयल ममशन का म त्व


एररयल, सैकड़ों एतसोप्लेनर्ट
े स की रासायननक सींघटन और र्ाप य सींरिनाओीं के मापन हे र्ु समवपतर् अपन र्रह
का पहला शमिन है ।
यह यरू ोप य अींर्ररक्ष एजेंस (ESA) के कॉक्स्मक ववजन प्लान के प्रमख
ु सवालों में से एक का जवाब खोजने में
मदद करे गा, क्रक ‘ककसी ग्र के तनमााण और जीवन के उद्भव के मलए कौन सी पररजस्थततयािं उत्तरदायी ोती
ै ?।
एक्सोप्लैनेट की खोज
नासा के अनस
ु ार, अब र्क केवल कुछ एतसोप्लेनेर्टस को टे शलस्कोप के माध्यम से खोजा गया है , जबक्रक अन्य
एतसोप्लेनेर्टस का अप्रत्यक्ष र्रीकों का उपयोग करके पर्ा लगाया गया है ।
इसमें िाशमल है :
 क्रकस र्ारे के सामने से क्रकस ग्रह के गज
ु रने पर र्ारे के प्रकाि की र् व्रर्ा में कम आर् है , इस
घटना पर नजर रख कर एतसोप्लेनेट की खोज की जार् है । नासा के केपलर स्पेस टे लीस्कोप द्वारा
हजारों ग्रहों को पदहिानने हे र्ु इस ववचध का उपयोग क्रकया जार्ा है ।
 ग्रेववटे िनल लेंशसींग (Gravitational lensing) और ‘वोबशलींग ववचध’ (Wobbling Method): यह ववचध इस
वविार पर आधाररर् है क्रक पररक्रमा करने वाला ग्रह के कारर् मल
ू र्ारा अपने केंद्र से हटकर
पररभ्रमर् करर्ा है ।

एक्सोप्लैनेट के अध्ययन का कारण


एतसोप्लेनेर्टस की खोज इस सींभावना से प्रेररर् है क्रक प्
ृ व से अन्यत्र भ ज वन मौजूद हो सकर्ा है और भले
ही इसका कोई प्रमार् न शमले, लेक्रकन वैज्ञाननकों का मानना है क्रक इस सवाल की खोज से यह अवश्य पर्ा
िलेगा क्रक, मानव जानर् कहाीं से आय थ था और हम कहाीं जा रहे है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
• अब र्क 4,000 से अचधक एतसोप्लैनेट के अक्स्र्त्व की पक्ु ष्ट्ट की जा िुकी है , जबक्रक हजारों अन्य ऐसे
सींभाववर् एतसोप्लैनेट हैं क्जन्हें एतसोप्लैनेट घोवषर् करने हे र्ु और अचधक अवलोकन र्था परीक्षर् क्रकये
जाने की आवश्यकर्ा है ।
• प्रॉक्तसमा सेंटॉरी ब (Proxima Centauri b) प्
ृ व का सबसे ननकटर्म एतसोप्लैनट
े है र्था िार प्रकाि
वषत की दरू ी पर क्स्थर् है । यह अपने र्ारे के ‘ननवास योग्य क्षेत्र’ में क्स्थर् है , अथातर् इसकी सर्ह पर
र्रल रूप में जल की उपक्स्थनर् हो सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. एररयल शमिन की प्रमख
ु वविेषर्ाएीं र्था महत्व
2. एतसोप्लेनेट तया होर्े हैं?
3. वास योग्य क्षेत्र तया होर्े है? इसकी पहिान कैसे की जार् है ?
4. प्रॉक्तसमा सेंटॉरी के बारे में ब ।

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5. ग्रेववटे िनल लेंशसींग और का अवलोकन ’वोबशलींग ववचध‘


6. नासा के केपलर स्पेस टे लीस्कोप के बारे में
https://indianexpress.com/article/explained/ariel-space-mission-europe-7050574/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
10. उच्चत्तम न्यायालय द्वारा केंद्र से फजी खबरों पर तनयिंत्रण व्यवस्था सिंबध
िं ी पछ
ू तािंछ
सिंदभा: हाल ही में , उच्ित्तम न्यायालय द्वारा केंद्र से फजी खबरों और कट्टरता को फैलने से रोकने के मलए
‘सरकारी तिंत्र’ का वववरर् दे ने और ऐस कोई व्यवस्था नहीीं होने पर, इसका ननमातर् करने को कहा गया है ।
सिंबगिं धत प्रकरण
अदालर् ने कहा क्रक वह तबमलगी जमात मामले में सि
ू ना एवीं प्रसारर् सचिव अशमर् खरे द्वारा दायर क्रकये
गए नव नर्म सरकारी हलफनामे में दी गय जानकारी से ‘ननराि’ हुआ है ।
 यह मामला, लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय राजधान में र्ब्लीग जमार् के आयोजन पर इलेतरॉननक
म डडया के कुछ वगों द्वारा साींप्रदानयक रीं ग ददए जाने के खखलाफ दायर की गय याचिका पर आधाररर्
है ।
 जमार् की याचिकाओीं में र्ब्लीग घटना को साींप्रदानयक रूप दे ने वाले म डडया वगों के खखलाफ कड़
कारत वाई करने के शलए अदालर् से मींत्रालय को ननदे ि दे ने की माींग की गय है ।
फजी ख़बरें क्या ोती ै ?
फजी ख़बरें (Fake news) वे खबरें , कहाननयाीं या धोखे होर्े हैं जो पाठकों को जानबझ
ू कर भ्रशमर् करने अथवा
धोखा दे ने के शलए र्ैयार की जार् हैं।
• आमर्ौर पर, ये फजी कहाननयाीं लोगों के वविारों को प्रभाववर् करने, राजन नर्क एजेंडे को आगे बढ़ाने,
अथवा भ्रम पैदा करने के शलए र्ैयार की जार् हैं, और प्रायाः ये ऑनलाइन प्रकािकों के शलए एक
लाभदायक व्यवसाय भ हो सकर् है ।
• फजी ख़बरों के र् न मल
ू र्त्व होर्े हैं: अववश्वास, गलर् सि
ू ना और हे राफेरी।
फजी ख़बरों में वद्
ृ गध के कारण:
1. इींटरनेट और सोिल म डडया का व्यापक उपयोग
2. प्रामाखर्कर्ा का अभाव
3. सोिल म डडया के शलए सदहींर्ा का अभाव
4. फ़ेक न्यज़
ू के स्र्रीकृर् सींगठन :ये फजी ख़बरों को लक्षक्षर् आबादी के शलए सींगदठर् रूप से और िर्रु र्ा
से फैलार्े है ।
सरकार द्वारा ककए गए ामलया प्रयास:
हाल ही में , केंद्रीय गह
ृ मींत्रालय के र्हर् एक चथींक-टैंक धयरू ो ऑफ पमु लस ररसचा एिंि िेवलपमें ट (BPRD) द्वारा
फजी ख़बरों और व डडयो की पहिान करने के शलए कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों की सहायर्ा हे र्ु ददिाननदे ि जारी
क्रकए गए हैं।

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अन्य उपायों की आवश्यकता


 सरकार को इस सि
ू ना यद्
ु ध की वास्र्ववकर्ाओीं के बारे में आबादी के सभ वगों को जागरूक करने के
शलए पहल करन िादहए और इससे लड़ने के शलए आम सहमनर् ववकशसर् करन िादहए।
 फजी समािार प्रदार्ाओीं के खखलाफ सख्र् कारत वाई की जान िादहए।
 सोिल और अन्य म डडया में प्रसाररर् क्रकए जा रहे डेटा को सत्यावपर् करने के शलए सरकार के पास
एक स्वर्ींत्र एजेंस होन िादहए। एजेंस को वास्र्ववक र््यों और आींकड़ों को प्रस्र्र्
ु करने का काम
सौंपा जाना िादहए।
 सोिल म डडया वेबसाइटों को इस प्रकार की गनर्ववचधयों के प्रनर् जवाबदे ह बनाया जाना िादहए र्ाक्रक
फजी खबरों के प्रसार पर बेहर्र ननयींत्रर् रखना उनकी क्जम्मेदारी बन जाए।
 कृबत्रम बद्
ु चधमत्ता र्कन क, मि न लननंग और नेिुरल लैंग्वेज प्रोसेशसींग, को फजी ख़बरों की समस्या से
ननपटने के शलए र्ैनार् क्रकया जा सकर्ा है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G9S7VOH3D.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
11. कॉिा धलि बैंककिं ग (Cord Blood Banking)
सिंदभा: लाइफ सेल (LifeCell) द्वारा 2017 में िरू
ु की गय स्टे म सेल बैंक्रकीं ग पहल के सामद
ु ातयक कॉिा धलि
बैंककिं ग (Community Cord Blood Banking) द्वारा एप्लाक्स्टक एन शमया (aplastic anaemia) से प डड़र्
नाशसक, महाराष्ट्र की एक सार् वषीय लड़की की जान बिाने में सहायर्ा शमली।
गभानाल रक्त (Cord Blood) क्या ोता ै?
गभतनाल रतर्, क्जसे सींक्षेप में कॉडत ब्लड (Cord Blood) कहा जार्ा है , जन्म के पश्िार् शििु की गभतनाल
(Umbilical Cord) और अपरा (प्लेसट
ें ा- Placenta) में बिा हुआ रतर् होर्ा है ।
इसमें े मटोपोइएहटक स्टे म सेल (Hematopoietic Stem Cells) नामक वविेष कोशिकाएीं होर् हैं क्जनका उपयोग
कुछ प्रकार के रोगों के उपिार के शलए क्रकया जा सकर्ा है ।
‘कॉिा धलि बैंककिं ग’ क्या ै?
प्रसव के पश्िार् शििु की गभानाल और अपरा (Placenta) में बचे रक्त को भववष्ट्य में गचककत्सकीय इस्तेमाल
के मलए एकबत्रत करने, िायोजेतनक रूप से प्रशीततत (freezing) करने और सिंग्र ीत करके रखने की प्रकिया को
कॉिा धलि बैंककिं ग कहा जार्ा है ।
 वैक्श्वक स्र्र पर, े मेटोलॉजजकल कैं सर और डिसऑिार में े मटापोएहटक स्टे म सेल प्रत्यारोपण े तु स्रोत
के रूप कॉिा धलि बैंककिं ग के उपयोग की मसफाररश की जार् है ।
 अन्य क्स्थनर्यों में , स्टे म कोशिकाओीं के स्रोर् के रूप में गभतनाल रतर् के उपयोग की अभ र्क अशभपक्ु ष्ट्ट
नहीीं की गय है ।
‘कॉिा धलि’ का सिंभाववत उपयोग
गभानाल (Umbilical Cord) द्रव्य में स्टे म कोशिकाएीं पाय जार् है ।

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175

 ये स्टे म सेल, कैं सर, एन शमया जैसे रतर् ववकारों और िरीर की रक्षा प्रक्रक्रया को बाचधर् करने वाले कुछ
प्रनर्रक्षा प्रर्ाली ववकारों का इलाज कर सकने में सक्षम होर् हैं।
 गभतनाल द्रव्य को एकबत्रर् करना आसान होर्ा है और इसमें अक्स्थ मज्जा की र्ल
ु ना में 10 गन
ु ा अचधक
स्टे म कोशिकाएीं होर् हैं।
 कॉडत ब्लड की स्टे म कोशिकाएीं द्वारा क्रकस सींक्रामक रोग फैलने की सींभावना काफी कम होर् है ।
‘स्टे म सेल बैंककिं ग’ सम्बिंगधत गचिंताएँ:
• वपछले कुछ दिकों में ‘स्टे म सेल बैंक्रकीं ग’ की माकेदटींग का बहुर् र्ेज से ववकास हुआ है , जबक्रक क्रफलहाल
यह अपने प्रायोचगक िरर्ों से गज
ु र रहा है । क्रकीं र्,ु कोशिकाओीं को सींरक्षक्षर् करने के नाम पर कींपननयाीं
पेरेंर्टस से अत्यचधक िल्
ु क वसल
ु र् हैं।
• यहाँ चिींर्ा का ववषय यह है क्रक, कींपननयाीं केवल इमोिनल माकेदटग के जररए भववष्ट्य के चिक्रकत्स य
उपयोग का वादा करर्े हुए कई वषों र्क मार्ा-वपर्ा को कोशिकाओीं को बैंक करने के शलए मनार् हैं।
• िूींक्रक, कॉडत ब्लड का भववष्ट्य में इस्र्ेमाल का अभ र्क कोई भ वैज्ञाननक आधार स्थावपर् नहीीं है ,
इसशलए यह नैनर्क और सामाक्जक रूप से दोनों से ही चिींर्ा का ववषय है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. स्टे म सेल तया हैं?
2. स्टे म सेल के प्रकार?
3. उनके लाभ?
4. स्टे म सेल थेरेप तया है ?
5. इस सींबध
ीं में ववशभन्न पररयोजनाएँ।
में स मलिंक:
कॉडत ब्लड तया होर्ा है ? मार्ा-वपर्ा, क्रकस प्रकार स्टे म सेल बैंक्रकीं ग कींपननयों द्वारा भावनात्मक ववपर्न रर्न नर्
का शिकार हो रहे हैं? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFUS.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
12. सेंहटनल-6 सेटेलाइट (Sentinel-6 satellite)
सिंदभा: 'कोपननतकस सेंदटनल-6 माइकल फ्रीलीि उपग्रह' (Copernicus Sentinel-6 Michael Freilich satellite)
का ननमातर् महासागरों की ननगरान के शलए क्रकया गया है ।
 इसे, हाल ही में , कैशलफोननतया से स्पेसएतस फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा प्रक्षेवपर् क्रकया गया है ।
 यह वैजश्वक समद्र
ु ीय स्तर में ोने वाले पररवतानों की तनगरानी करने े तु एक शमिन का एक दहस्सा
है ।
सेंहटनल-6 ममशन (Sentinel-6 Mission)
इस शमिन को जेसन तनरिं तरता सेवा (Jason Continuity of Service: Jason-CS) ममशन भ कहा जार्ा है ।
सेंहटनल-6 उपग्र का काया

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176

 इस शमिन को ‘महासागरों की ऊींिाई’ को मापने हे र्ु र्ैयार क्रकया गया है , जो क्रक, प्


ृ व की जलवायु में
होने वाले पररवर्तनों को समझने के शलए एक महत्वपर्
ू त घटक है ।
 सेंदटनल-6 शमिन को यरू ोप य अींर्ररक्ष एजेंस (ESA), नासा (NASA), मौसम सींबध
ीं उपग्रहों के उपयोग
हे र्ु यरू ोप य सींगठन (European Organisation for the Exploitation of Meteorological Satellites -
EUMETSAT) और सींयत
ु र् राज्य अमेररका के राष्ट्रीय महासागरीय और वायम
ु ड
ीं लीय एडशमननस्रे िन
(National Oceanic and Atmospheric Administration - NOAA) द्वारा सींयत
ु र् रूप से ववकशसर् क्रकया
गया है । इसमें फ़्ाींस के राष्ट्रीय अींर्ररक्ष अध्ययन केंद्र (France’s National Centre for Space Studies -
CNES) द्वारा सहयोग क्रकया गया है ।
 वैक्श्वक समद्र
ु -स्र्र में वद्
ृ चध सींबध
ीं आींकड़े प्रदान करना।
 स्पींदनो (Pulses) को प्
ृ व की सर्ह पर भेजना और उनके वापस लौटने में लगे समय की माप
करना, इससे वैज्ञाननकों को समद्र
ु ीय सर्ह की ऊँिाई मापने में मदद शमलेग ।
 मागत में उपक्स्थर् जल वाष्ट्प की माप करना और ज प एस और प्
ृ व पर क्स्थर् लेजर का उपयोग
करके इसकी अवक्स्थनर् का पर्ा लगाना।
ममशन का म त्व:
सेंदटनल-6 शमिन द्वारा उपलब्ध कराये गए आींकड़ों से अल-नीनो और ला लीना जैस मौसम क्स्थनर्यों के शलए
दीघतकाशलक पव
ू ातनम
ु ान और दो-से-िार-सप्र्ाह के दौरान (हररकेन र् व्रर्ा भववष्ट्यवार् ) अल्पकाशलक मौसम की
भववष्ट्यवार् हे र्ु सटीकर्ा में सध
ु ार करने में सहायर्ा प्रदान करें गे।
म ासागरों की ऊिंचाई को मापना क्यों म त्वपण
ू ा ै?
 वैक्श्वक स्र्र पर महासागरों की ऊींिाई की ननगरान करना और अींर्ररक्ष से महासागरीय धाराओीं और
उष्ट्मा भींडारर् में होने वाले महत्वपर्
ू त पररवर्तनों की ननगरान करना केवल अींर्ररक्ष से सींभव हो सकर्ा
है ।
 इससे वैज्ञाननकों को महासागरों में होने वाले पररवर्तनों से जलवायु पर पड़ने वाले प्रभाव को आींकने में
सहायर्ा शमलर् है ।
 महासागरीय र्ाप बजट में पररवर्तनों को मापने और उनका अध्ययन करने हे र्,ु वैज्ञाननकों को महासागरीय
धाराओीं और उष्ट्मा भींडारर् को जानने की आवश्यकर्ा होर् है , क्जसे सागरीय सर्ह की ऊींिाई से ही
ननधातररर् क्रकया जा सकर्ा है ।
वैक्श्वक स्र्र पर म ासागरों में ोने वाले पररवतानों का अध्ययन करने के मलए वषा 1992 से लािंच ककये गए
अन्य उपग्र ों में टोपेतस/ पोसेइडॉन (TOPEX/Poseidon), जैसन-1 (Jason-1), OSTN/Jason-2 िाशमल हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. सेंदटनल-6 शमिन का उद्दे श्य एवीं महत्व
2. टोपेतस/ पोसेइडॉन, जैसन-1, OSTN/Jason-2 के बारे में
3. महासागरीय धाराएँ तया हैं? ये क्रकस प्रकार उत्पन्न होर् हैं?

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177

में स मलिंक:
जेसन ननरीं र्रर्ा सेवा (Jason-CS) शमिन के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-the-
sentinel-6-satellite-and-why-is-it-important-7060713/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
13. इसरो का शि
ु यान (ISRO’s Shukrayaan)
सिंदभा: भारर् य अींर्ररक्ष अनस
ु ध
ीं ान सींगठन (ISRO) द्वारा अपने प्रस्ताववत शि
ु यान (Shukrayaan) ममशन के
शलए अींर्ररक्ष-आधाररर् 20 प्रायोचगक प्रस्र्ावों का ियन क्रकया गया है ।
शि
ु यान के बारे में :
इस शमिन के र्हर् िक्र
ु (Venus) ग्रह का िार वषत र्क अध्ययन क्रकया जाएगा।
• वैज्ञाननक उद्दे श्य: िक्र
ु ग्रह की बनावट, िक्रर्, सर्ह ववकास र्था सहज ग्र नहाउस सींकल्पना, सर्ही/उप-
सर्ही वविेषर्ाएँ र्था प्रक्रक्रयाएँ, िक्र
ु ीय वायम
ु ड
ीं ल का अनर् घर्
ू नत र्था ववकास, और सौर ववक्रकरर्/सौर
पवन से अन्योन्यक्रक्रया के बारे में अध्ययन।
• इस उपग्रह को ज एसएलव माकत II राकेट (GSLV Mk II rocket) से प्रक्षेवपर् क्रकये जाने की योजना है ।
• इसकी प्रस्र्ाववर् कक्षा, िक्र
ु ग्रह से लगभग 500 x 60,000 क्रकम दरू होने की सींभावना है । इस कक्षा
को िरर्बद्ध र्रीके कम क्रकया जाएगा, और कुछ माह पश्िार् यह िक्र
ु से न्यन
ू र्म अपोआपशसस
(apoapsis) अथातर् ग्रह के दरू स्थ बबींद,ु पर स्थावपर् हो जाएग ।

शि
ु ग्र के अध्ययन की आवश्यकता
 िक्र
ु ग्रह को अतसर आकार, द्रव्यमान, घनत्व, बनावट और गरु
ु त्वाकषतर् में समानर्ा के कारर् पथ्
ृ वी की
‘जुड़वािं ब न’ के रूप में वखर्तर् क्रकया जार्ा है ।

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178

 ऐसा माना जार्ा है क्रक दोनों ग्रह 4.5 बबशलयन वषत पव


ू त एक सघन गैस के बादल से एक ही समय पर
ननशमतर् हुए है , क्जससे दोनों की उत्पवत्त में समानर्ा प्रर् र् होर् है ।
 िक्र
ु ग्रह, प्
ृ व की तल
ु ना में सय
ू ा से लगभग 30 प्रततशत अगधक नजदीक ै , क्जसके पररर्ामस्वरूप इस
ग्रह पर सौर प्रवाह की र् व्रर्ा काफी अचधक है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्र
ु ग्रह की अवक्स्थनर्
2. िक्र
ु यान शमिन
3. उद्दे श्य
4. िक्र
ु ग्रह के शलए ववशभन्न शमिन
में स मलिंक:
िक्र
ु यान शमिन के उद्दे श्य और महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
14. चािंग’ई-5 प्रोब Chang'e-5 probe
सिंदभा: िाींग’ई-5 प्रोब, हाल ही में , चीन द्वारा प्रक्षेवपर् क्रकया गया मानवरह त अिंतररक्ष यान है ।
चािंग’ई-5 प्रोब के बारे में :
 इस प्रोब का नामकरर् एक पौराखणक चीनी चिंद्रमा
दे वी के नाम पर क्रकया गया है ।
 िाींग’ई-5 प्रोब, िार दहस्सों से शमलकर बना है : एक
ऑबबतटर (Orbiter), एक ररटनतर (Returner), एक
आरोहक (Ascender) और एक लैंडर (Lander)।
 इस शमिन का उद्दे श्य चिंद्रमा की सत से चट्टानों
के नमन
ू े पथ्
ृ वी पर लाना ै। यह वपछले िार दिकों
में , िींद्रमा से नमन
ू े लाने के शलए क्रकस भ राष्ट्र
द्वारा क्रकया गया पहला प्रयास है ।
 यदद यह शमिन सफल होर्ा है , र्ो 1960 और
1970 के दिक में सींयत
ु र् राज्य अमेररका और
सोववयर् सींघ की इस सफलर्ा के बाद, ि न, िींद्रमा
के नमन
ू े (Lunar Samples) लाने वाला र् सरा दे ि
बन जाएगा।
 इससे वैज्ञाननकों को चिंद्रमा की उत्पवत्त, तनमााण और
इसकी सत पर ोने वाली ज्वालामख
ु ी गततववगधयों
के बारे में समझने में मदद शमलेग ।

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179

नमन
ू े एकबत्रत करने े तु गचजह्नत स्थान:
िाींग’ई-5 प्रोब, ओमशयनस प्रोसेलरम (Oceanus Procellarum) या ‘ओमशयन ऑफ स्टॉमा’ (Ocean of Storms)
के नाम से जाने जाने वाले, अब र्क अनन्वेवषर् (Unexplored), और वविाल लावा ननशमतर् मैदान से 2
क्रकलोग्राम सर्ही नमन
ू े एकत्र करे गा।
चािंग’ई-5 प्रोब ममशन द्वारा, चीन के अिंतररक्ष इतत ास में तनम्नमलखखत ‘चार घटनाएिं’ प ली बार ोंगी:
1. िींद्रमा की सर्ह से उड़ान भरने वाला यह पहला प्रोब होगा।
2. िींद्रमा की सर्ह से ,स्विाशलर् रूप से नमन
ू े एकत्र करने वाला पहला प्रोब।
3. िींदमा की सर्ह पर पहली बार मानवरदहर् प्रोब का भ्रमर् और िन्द्र कक्षा में डॉक्रकींग।
4. िींद्रसर्ह- से नमन
ू ों सदहर् पलायन वेग (Escape Velocity) से प्
ृ व पर लौटने का पहला अवसर।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GUC80C6EB.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
15. सिंसदीय सममतत की बैठक के दौरान जम्म-ू कश्मीर में इिंटरनेट प्रततबिंध पर वववाद
सिंदभा: जम्म-ू कश्म र प्रिासन द्वारा गींदेरबल (Ganderbal) और उधमपरु , दो क्जलों को छोड़कर िेष राज्य में
3G-4G मोबाइल इींटरनेट पर प्रनर्बींध बढ़ा ददया था।
हाल ही में , सि
ू ना और प्रौद्योचगकी पर सींसद की स्थाय सशमनर् द्वारा इस मद्
ु दे पर ििात करने हे र्ु बैठक
बल
ु ाई गय थ ।
सिंबगिं धत प्रकरण
सि
ू ना एवीं प्रौद्योचगकी पर सींसद की स्थाय सशमनर् द्वारा ‘इींटरनेट पर पाबींदी’ की क्स्थनर् पर सवाल पछ
ू ा गया
था।
 अनरु ाधा भसीन मामले में सप्र
ु म कोटत द्वारा ददए गए फैसले के अनस
ु ार, इींटरनेट सेवाओीं को अननक्श्िर्
काल के शलए ननलींबबर् नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
 सप्र
ु म कोटत के आदे ि के पश्िार्, केंद्र सरकार ने दरू सींिार ननलींबन ननयम (Telecom Suspension Rules)
2017 में सींिोधन करर्े हुए ‘ननयम 2A’ को जोड़ा गया। क्जसमें यह ननददतष्ट्ट क्रकया गया है , क्रक इींटरनेट
िटडाउन आदे ि अचधकर्म 15 ददनों र्क जारी रह सकर्ा है ।
उच्चतम न्यायालय का तनणाय:
 न्यायालय ने कहा, क्रक दण्ड प्रक्रक्रया सींदहर्ा (CrPC) की धारा 144 के र्हर् सभ प्रनर्बींधात्मक आदे िों
और जम्म-ू कश्मीर में इिंटरनेट सेवाओिं के तनलिंबन की प्रिासन द्वारा सम क्षा की जाए।
 उच्िर्म न्यायालय द्वारा, इींटरनेट को क्रकस प्रकार ननलींबबर् क्रकया जा सकर्ा है और इींटरनेट ननलींबबर्
होने के दौरान नागररकों के अचधकार र्था कानन
ू उपायों के बारे में एक रूपरे खा भ जारी की गय ।
न्यायालय द्वारा की गयी हटप्पखणयाँ:
इींटरनेट प्रनर्बींधों पर:

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1. इींटरनेट र्क पहुँि का अचधकार (उचिर् प्रनर्बींधों के अध न) भारतीय सिंववधान के अनच्


ु छे द 19 के त त
अमभव्यजक्त की स्वतिंत्रता में सजम्ममलत एक मौमलक अगधकार है ।
2. अननयक्न्त्रर् िक्तर्यों का प्रयोग करर्े हुए मल
ू अगधकारों पर प्रततबिंध न ीिं लगाये जा सकते ै।
प्रा"सींचगक कारकों "पर वविार करने और कोई अन्य ववकल्प नहीीं होने की दिा में ही, मल
ू अचधकारों
को मात्र अींनर्म उपाय के रूप में प्रनर्बींचधर् क्रकया जा सकर्ा है ।
3. अननक्श्िर् काल के शलए इींटरनेट सेवाओीं का ननलींबन दरू सिंचार तनयमों का भी उल्लिंघन है ।
इिंटरनेट सेवाओिं को तनलिंबबत करने े तु प्रकिया
2017 से पहले, इींटरनेट ननलींबन आदे ि दण्ि प्रकिया सिंह ता की धारा 14 के र्हर् जारी क्रकए जार्े थे।
 वषत 2017 में , केंद्र सरकार द्वारा इिंटरनेट तनलिंबन को तनयिंबत्रत करने के मलए टे लीग्राफ अचधननयम के
र्हर् दरू सिंचार सेवाओिं के अस्थायी तनलिंबनतनयमों (पजधलक इमरजेंसी या पजधलक सववास) को अचधसचू िर्
क्रकया गया।
 इन ननयमों की िक्तर्यों का स्रोर् भारर् य टे लीग्राफ अचधननयम की धारा 5(2) है , क्जसमे "भारर् की
सींप्रभर्
ु ा और अखींडर्ा के दहर्" में सींदेिो के अवरोधन (Interception) का प्रावधान क्रकया गया है ।
 2017 के ननयमों के बावजूद, सरकार द्वारा प्रायाः धारा 144 के र्हर् व्यापक िक्तर्यों का उपयोग क्रकया
जार्ा है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GHP80IO5L.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
16. जापान का ायाबस
ु ा-2 अिंतररक्ष यान (Japan's Hayabusa2 spacecraft)
सिंदभा: जापान का हायाबस
ु ा-2 अींर्ररक्ष यान क्षुद्रग्र के मद
ृ ा-नमन
ू ों सह त पथ्
ृ वी के तनकट प ु ँच चुका ै।
हायाबस
ु ा-2 अींर्ररक्ष यान ने क्षुद्रग्र रायग
ु ु (asteroid Ryugu) से एक साल पव
ू त उड़ान भरी थ और यह सींभवर्ाः
6 ददसींबर को प्
ृ व पर पहुींिकर दक्षक्षर् ऑस्रे शलया में दल
ु भ
त नमन
ू ों से भरे कैप्सल
ू को चगराएगा।
क्षुद्रग्रह के मद
ृ ा-नमन
ू े और डेटा से सौर मींडल की उत्पवत्त के बारे में जानकारी प्राप्र् हो सकर् है ।
ायाबस
ु ा-2 पररयोजना
यह क्षुद्रग्र से पथ्
ृ वी पर नमन
ू े लेकर वापस आने का ममशन है , क्जसे जापान अींर्ररक्ष एजेंस (Japanese
Aerospace Exploration Agency- JAXA) द्वारा सींिाशलर् क्रकया जा रहा है ।
 ायाबस
ु ा-2 अन्र्ररक्ष यान, 3 ददसींबर 2014 को प्रक्षेवपर् क्रकया गया था और यह 27 जून 2018 को
क्षुद्रग्रह रायग
ु ु (asteroid Ryugu) की सर्ह पर उर्रा।
 इस शमिन पर, ररमोट सेंशसींग, नमन
ू ा-सींग्रहर् के शलए कई ववज्ञान अींर्ररक्ष उपकरर्, और िार छोटे
आकार के रोवसत भेजे गए थे। रोवसत का काम, नमन
ू ों के पयातवरर् य और भव
ू ज्ञ
ै ाननक सींदभत के बारे म
जानकारी दे ने हे र्ु क्षुद्रग्रह की सर्ह का परीक्षर् करना था।

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181

ायाबस
ु ा 2 ममशन का दो रा वैज्ञातनक उद्दे श्य:
1. वह
ृ दस्र्रीय पैमाने पर ररमोट सेंशसींग अवलोकन (मल्टीस्पेतरल कैमरों, ननकटवर्ी अवरतर् स्पेतरोम टर,
थमतल अवरतर् इमेजर, लेजर अल्टीम टर आदद के माध्यम से) करके क्षुद्रग्रह का वववरर् प्राप्र् करना।
2. सक्ष्
ू मस्र्रीय पैमाने पर क्षुद्रग्रह से लाए गए नमन
ू ों का ववश्लेषर् करना।
ममशन का म त्व
‘क्षुद्रग्रह रायग
ु ’ु एक सी-टाइप क्षुद्रग्र (C-type asteroid)- सौर प्रर्ाली के िरु
ु आर् काल का एक अविेष- है ।
वैज्ञाननकों का मानना है , क्रक सी-टाइप क्षुद्रग्र ों में काबतननक पदाथत और जल के फसे हुए कर्, दोनों उपक्स्थर्
होर्े है , और सींभवर्ाः ये ही काबतननक
पदाथों र्था जल को प्
ृ व पर लाने
के शलए क्जम्मेदार हो सकर्े हैं, क्जससे
प्
ृ व पर ज वन की िरु
ु आर् के शलए
आवश्यक पदाथत शमले होंगे।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. हायाबस
ु ा शमिन के बारे में
2. हायाबस
ु ा 2 शमिन के उद्दे श्य
3. क्षुद्रग्रह रायग
ु ु
में स मलिंक:
हायाबस
ु ा-2 शमिन के महत्व पर ििात
कीक्जए।

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182

स्रोर्: इींडडया टुडे

ववषय:सींरक्षर्, पयातवरर् प्रदष


ू र् और क्षरर्, पयातवरर् प्रभाव का आकलन।
1. यमन
ु ा में अमोतनया के स्तर में वद्
ृ गध (Spike in ammonia levels in Yamuna)
सिंदभा: हररयार्ा से होकर ददल्ली में बहने वाली यमन
ु ा नदी में अमोननया का स्र्र 3 पाटा पर मममलयन (3 PPM)
र्क पहुँि गया है , जो क्रक अचधकर्म स्व कायत स मा 0.5 PPM से लगभग छह गन
ु ा अचधक है ।
अमोतनया की पानी में स्वीकाया सीमा
भारर् य मानक ब्यरू ो (Bureau of Indian Standards- BIS) के अनस
ु ार, प ने के पान में अमोननया की
अचधकर्म स्व कायत स मा 0.5 पाटत पर शमशलयन (Parts Per Million-PPM) है ।
अमोतनया के बारे में प्रमख
ु तथ्य
अमोननया एक रिं ग ीन गैस है और इसका उपयोग उवतरक, प्लाक्स्टक, शसींथेदटक फाइबर, रीं जक और अन्य उत्पादों
के उत्पादन में औद्योचगक रसायन के रूप में क्रकया जार्ा है ।
 यह हाइड्रोजन र्था नाइरोजन से शमलकर बनर् है । द्रव अवस्था में इसे अमोतनयम ाइड्रॉक्साइि कहा
जार्ा है ।
 यह तीक्ष्ण गिंधयक्
ु त- एक अकाबतननक यौचगक है ।
 अमोननया, प्राकृनर्क रूप से वार्ावरर् में जैववक अपशिष्ट्ट पदाथत के ववघटन से ननशमतर् होर् है ।
 यह हवा की र्ल
ु ना में काफी हल्की होर् है ।
सिंदष
ू ण (Contamination):
 यह औद्योचगक अपशिष्ट्टों अथवा स वेज सींदष
ू र् के माध्यम से मद
ृ ा अथवा सर्ही जल स्रोर्ों में पहुँि
जार् है ।
 जल में अमोननया की मात्रा 1 PPM से अचधक होने पर, जल मछमलयों के मलए ववषाक्त हो जार्ा है ।
 मनष्ट्ु यों द्वारा 1 PPM या उससे अचधक के अमोननया यत
ु र् जल का लींबे समय र्क सेवन करने से
उसके आींर्ररक अींगों को नक
ु सान हो सकर्ा है ।
यमन
ु ा में अमोतनया के बढ़ते स्तर का कारण
यमन
ु ा नदी में अमोननया की अचधक मात्रा के शलए, हररयार्ा के पान पर् और सोन पर् क्जलों में डाई यनू नट
(Dye Units), डडक्स्टलरी से ननकले अपशिष्ट्ट व सींदवू षर् पदाथों र्था नदी के इस भाग में बबना स वर वाली
कालोननयों द्वारा अिोचधर् गींदे पान का प्रवाह को मख्
ु य कारर् माना जार्ा है ।
समय की मािंग
 यमन
ु ा नदी में हाननकारक अपशिष्ट्टों को डालने अथवा प्रवादहर् करने के खखलाफ ददिाननदे िों का सख्र्
से कायातन्वयन क्रकया जाना आवश्यक है ।
 अिोचधर् गींदे पान के यमन
ु ा में प्रवाह पर रोक सनु नक्श्िर् की जान िादहए।
 सर्र् न्यन
ू र्म प्रवाह, क्जसे पाररक्स्थनर्क प्रवाह भ कहा जार्ा है , को सनु नक्श्िर् क्रकया जाना िादहए।
पान की इस न्यन
ू र्म मात्रा को नदी के परू े ववस्र्ार में जलीय र्था ज्वारनदमख
ु य पररर्ींत्रो एवीं मानव-
आज ववका के वहन हे र्ु सदै व प्रवादहर् होना िादहए।

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183

चुनौततयािं:
1. ददल्ली, पान सींबचीं धर् 70 प्रनर्िर् आवश्यकर्ाओीं के शलए हररयार्ा पर ननभतर है ।
2. ररयाणा में बड़ी सिंख्या में लोग कृवषकायों- में सलिंग्न ैं र्था इस कारर् हररयार्ा के पास पान की
अपन समस्या है ।
3. दोनों राज्यों के मध्य यमन
ु ा में सदै व 10 तयम
ू ेतस (तयबू बक म टर प्रनर् सेकींड) प्रवाह बनाए रखने के
प छे अतसर वववाद रहर्ा है।
4. वपछले एक दिक में दोनों राज्य, जल-बटवारे के शलए कई बार अदालर्ों में ननर्तय के शलए अप ल कर
िुके है ।
5. नदी में न्यन
ू तम पाररजस्थततक प्रवा की कमी ोने से अन्य प्रदष
ू कों का सिंचय ोता ै । यमन
ु ा के
अिोचधर् पान को उत्तरी पव
ू ी ददल्ली में िोचधर् क्रकया जार्ा है , इस क्षेत्र से काफी मात्रा में अनप
ु िाररर्
स वेज र्था घरों से ननकाला गींदा पान , गींदे नाले र्था गैर-कानन
ू कारखानों से सींदवू षर् पदाथत यम
ु ना
में प्रवादहर् होर्े है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. यमन
ु ा नदी क्रकर्ने राज्यों और केंद्र िाशसर् प्रदे िों से होकर बहर् है ?
2. यमन
ु ा की सहायक नददयाँ
3. अमोननया का उत्पादन क्रकस प्रकार क्रकया जार्ा है ?
4. अमोननया के अनप्र
ु योग
5. प ने के पान में अमोननया की अचधकर्म स्व कायत स मा?
https://indianexpress.com/article/explained/explained-how-spike-in-ammonia-levels-in-yamuna-
affected-delhi-water-supply-6913558/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. श्रीलिंका में समद्र
ु तट पर फिंसी 100 से अगधक ह्वेल
सिंदभा: हाल ही में श्र लींका में समद्र
ु र्ट पर फींस 100 से अचधक ह्वेल मछशलयों को बिाया गया है । इस बिाव
कायत को नौसेना द्वारा पयातवरर् सींरक्षर् अचधकाररयों, पशु लस और स्थान य ननवाशसयों की सहायर्ा से क्रकया
गया।
ह्वेल मछमलयों के समद्र
ु तट स्वतः आने का कारण
ह्वेल अिंतपाणन (Cetacean stranding) को आमर्ौर पर समद्र
ु तट पर आने/ बीगचिंग (Beaching) के रूप में
जाना जार्ा है । इस िब्द का प्रयोग, प्रायाः डॉक्ल्फन और ह्वेल मछशलयों के समद्र
ु र्ट पर फींस जाने की घटना
के सींदभत में क्रकया जार्ा है ।
ह्वेल ब चिींग, कोई असामान्य घटना न ीिं ै । वैज्ञाननकों का कहना है क्रक हालाींक्रक इस पररघटना के कारर्ों के
बारे अभ र्क पर्ा नहीीं है , क्रकीं र्ु इस सींदभत में कई शसद्धाींर् पेि क्रकये गए हैं, क्जनमें िाशमल हैं:
 पान के र्ापमान में पररवर्तन
 ह्वेल के प्रनर्ध्वननस्थान-ननधातरर् (Echolocation) में अननयशमर्र्ाएँ
 भ-ू िुम्बकत्व में गड़बड़ (Geomagnetic disturbances)
 नेववगेिन में त्रदु टयाीं

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 समद्र
ु र्ट के ननकट भोजन की उपक्स्थनर्
 सोनार व्यनर्करर् (Sonar interference)
 कठोर मौसम
सामहू क अिंतरपणन (Mass Stranding) का कारण:
ह्वेलों (Cetaceans) का एक जहटल समाजजक व्यवस्था के त त बड़े समू ों में र ना एक आम बात ै । यदद
इनके समह
ू के कोई सदस्य ब मार हो जार्ा है , अथवा क्रकस मस
ु बर् में फींस जार्ा है , र्ो उसकी सहायर्ा की
पक
ु ार सन
ु कर समह
ू के अन्य सदस्य समद्र
ु र्ट की ओर पहुँि जार्े है , क्जसके पररर्ामस्वरूप बड़े पैमाने पर
सामदू हक अींर्रपर्न (Mass Stranding) की घटनाएँ होर् है ।
पायलट ह्वेल (Pilot Whales) काफी सामाक्जक स्र्नधारी ज व होर्े हैं, र्था वविेष रूप से सामदू हक अींर्रपर्न
के शलए जाने जार्े है । पायलट ह्वेल, बड़े और परस्पर गचु थर् समह
ू ों में यात्रा करर्े हैं और सर्र् सींिार पर
ननभतर रहर्े हैं।

ामलया उदा रण:


 शसर्ींबर महीने में , ऑस्रे मलया के तस्मातनया तट पर कई सौ व्हे लों की मौर् हो गई। यह ऑस्रे शलया के
ररकॉडत में अब र्क सबसे बड़े सामहू क अिंतरपणन की घटना थ ।
 अब र्क के ररकॉडत के अनस
ु ार -इनर्हास में सबसे बड़ा सामहू क अिंतरपणन वषत 1918 में प्रिाींर्
महासागर में न्यज
ू लैंड के केथम द्व प (Chatham Islands) के र्ट पर हुआ था, क्जसमे 1,000 ह्वेल
मछशलयाँ र्ट पर आकर फींस गय थ ।

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पायलट ह्वेल के बारे में :


 इन्हें पायलट ह्वेल नाम इसशलए ददया गया है तयोंक्रक इन ह्वेल के समह
ू को एक पायलट या नेर्ा
द्वारा नेववगेट क्रकया जार्ा है ।
 पायलट ह्वेल की दो प्रजाततयािं पायी जाती ैं: लघु पींख वाले पायलट ह्वेल, जो मख्
ु य रूप से
उष्ट्र्कदटबींध य और गमत समि र्ोष्ट्र्-क्षेत्रों में पाई जार् हैं, र्था लींबे पींख वाले पायलट ह्वेल, जो ठीं डे
पान में रहर्े हैं।
 दोनों प्रजानर्याीं IUCN की रे ि मलस्ट में अपयााप्त िेटा वाली सिंकटग्रस्त प्रजातत के रूप में दजत हैं।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GP57U7VFL.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. प्रोजेक्ट लायन: छ पन
ु वाास स्थलों की प चान
पष्ट्ृ ठभमू म: प्रधानमींत्र नरें द्र मोदी द्वारा 15 अगस्र्, 2020 को घोवषर् ‘प्रोजेक्ट लायन’ (Project Lion) के र्हर्
कूनो-पालपरु वन्यज व अभयारण्य के अलावा छह नए पन
ु वातस स्थलों की पहिान की गय है ।
इन नए छ स्थलों में तनम्नमलखखत को सजम्ममलत ककया गया ै:
1. माधव राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदे ि
2. स र्ामार्ा वन्यज व अभयारण्य, राजस्थान
3. मक
ु ींु दरा दहल्स टाइगर ररजवत, राजस्थान
4. गाींध सागर वन्यज व अभयारण्य, मध्य प्रदे ि
5. कुम्भलगढ़ वन्यज व अभयारण्य, राजस्थान
6. जेसोर बलराम अींबाज वन्यज व अभयारण्य और-ननकटवर्ी क्षेत्र, गज
ु रार्
वषत 1995 में कुनो वन्यज व अभयारण्य को िेरों के वास हे र्ु एक वैकक्ल्पक स्थल के रूप में चिक्ह्नर् क्रकये
जाने के समय से ही िेरों के पन
ु वातस सींबध
ीं बार्ें जारी हैं।
शेरों के पन
ु वाासन की आवश्यकता
 चगर में ज वों की आबादी में आनव
ु शीं िक ववववधर्ा काफी कम है , क्जससे इस क्षेत्र के ज वों में क्रकस
महामारी के फैलने सींबध
ीं खर्रे अचधक हैं।
 गज
ु रार् के 30,000 वगत क्रकम क्षेत्र में िेरों की आबादी पाय जार् है , क्जसे एशियाई िेर पररदृश्य
(Asiatic Lion Landscape- ALL) कहा जार्ा है ।
 इसके अलावा, सप्र
ु म कोटत द्वारा वषत 2013 में गज
ु रार् सरकार के शलए एशियाई िेरों को कूनो-पालपरु
वन्यज व अभयारण्य में स्थानाींर्ररर् करने का आदे ि ददया गया था।
एमशयाई शेरों के बारे में :
 अींर्रातष्ट्रीय प्रकृनर् सींरक्षर् सींघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की रे ड सि

के अींर्गतर् सींकटग्रस्र् (Endangered) के रूप में सि
ू बद्ध।
 ‘भारतीय वन्यजीव सिंरक्षण अगधतनयम, 1972’ के र्हर् अनस
ु ि
ू -I में सि
ू बद्ध।

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186

 एशियाई िेरों की आबादी भारर् के गज


ु रार् राज्य र्क ही स शमर् है । यह मख्
ु यर्ाः चगर के जींगलों और
जूनागढ़, अमरे ली र्था भावनगर क्ज़लों में फैले कुछ अन्य सींरक्षक्षर् क्षेत्रों में पाए जार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. एशियाई िेर बनाम अफ्रीकी िेर- सींरक्षर् क्स्थनर् और ववर्रर्
2. िेरों की पहली गर्ना कब हुई थ ?
3. गर्ना- नर-मादा सींख्या, सींख्या में वद्
ृ चध, क्षेत्र में ववस्र्ार
4. िेरों के पन
ु वातस पर सप्र
ु म कोटत का फैसला तया था?
5. एशियाई िेर सींरक्षर् पररयोजना तया है ?
6. भारर् य सींववधान की 7 व ीं अनस
ु ि
ू के र्हर् वन्यज व।
7. चगरर जींगलों के बारे में
में स मलिंक:
एशियाई िेर सींरक्षर् पररयोजना के महत्व पर ििात कीक्जए।

https://www.downtoearth.org.in/news/wildlife-biodiversity/project-lion-proposal-identifies-6-
relocation-sites-apart-from-kuno-palpur-73922.
स्रोर्: डाउन टू अथत
4. WWF द्वारा वषा 2050 तक ‘गिंभीर जल-सिंकट’ का सामना करने वाले 100 श रों की प चान
सिंदभा: प्रकृतत सिंरक्षण े तु ववश्व वन्यजीव कोष (Worldwide Fund for Nature-WWF) की एक हाशलया ररपोटत
के अनस
ु ार, ववश्व के 100 िहरों के सामने वषत 2050 र्क ‘गींभ र जल-सींकट’ की समस्या का सींकट उत्पन्न हो
जायेगा, क्जसमे भारर् के भ 30 िहर सक्म्मशलर् है ।
इन गचजह्नत श रों में सजम्ममलत प्रमख
ु श र:
 वैजश्वक केंद्र :ब क्जींग, जकार्ात, जोहान्सबगत, इस्र्ाींबल
ु , हाींगकाींग, मतका और ररयो ड जनेररयो आदद।

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 भारतीय श र: जयपरु , इींदौर, ठार्े, श्र नगर, राजकोट, बेंगलरु


ु आदद।
 ववश्व वन्यज व कोष द्वारा चिक्ह्नर् कुल िहरों में आधे से अचधक िहर ि न और भारर् के हैं।
सिंबगिं धत गचिंताएिं और चन
ु ौततयाँ
चिक्ह्नर् िहरों में ‘गींभ र जल-सींकट’ का प्रमख
ु कारर् इनकी आबादी में होने वाली नाटकीय वद्
ृ चध होगा। इन
िहरों की आबादी, वषत 2020 की 17 प्रनर्िर् की र्ल
ु ना में वषत 2050 र्क 51 प्रनर्िर् की वद्
ृ चध होग ।
आगे की रा
1. इन िहरों में प्रकृनर्-आधाररर् समाधानों में अचधक ननवेि क्रकये जाने, जल-सींकट को कम करने हे र्ु
नदी घादटयों, वाटरिेड और वेटलैंड्स के स्वास््य पर ध्यान दे ने की आवश्यकर्ा है।
2. इन पहलों का प्रबींधन करने के शलए, ननज क्षेत्र के साथ शमलकर ननवेि करने, जोखखम कम करने और
लाभ प्राप्र् करने र्था सर्र् आचथतक ववकास को बढ़ावा दे ने के शलए एक सावतजननक ववत्त पल
ू को
गदठर् करने की आवश्यकर्ा है ।
3. िहरों को इन हालार्ों र्क पहुँिने से बिने हे र्ु ग्र नहाउस गैस उत्सजतन को कम करने के शलए वैक्श्वक
प्रयासों का अचधकर्म समथतन करने की आवश्यकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. WWF के बारे में
2. WWF की ररपोटत में चिक्ह्नर् महत्वपर्
ू त वैक्श्वक िहर
3. WWF की ररपोटत में चिक्ह्नर् प्रमख
ु भारर् य िहर
में स मलिंक:
जल-सींकट से आप तया समझर्े हैं? भारर् में पान की कम और इसके कारर्ों की गींभ र रूप से ििात कीक्जए।
https://www.downtoearth.org.in/news/water/wwf-identifies-100-cities-including-30-in-india-facing-
severe-water-risk-by-2050-74058.
स्रोर्: डाउन टू अथत
5. जैव-अपघटक तकनीक (Bio-decomposer technique)
सिंदभा: मख्
ु यमींत्र अरववींद केजरीवाल के अनस
ु ार, फसल-अपशिष्ट्ट / पराली को खाद में पररवनर्तर् करने वाली जैव-
अपघटक तकनीक (Bio-decomposer technique) ने सफलर्ा ददखाई है ।
मख्
ु यमींत्र केजरीवाल का यह दावा एक खेर् में ददल्ली सरकार द्वारा इस र्कन क के प्रयोग से प्राप्र् प्रारीं शभक
पररर्ामों पर आधाररर् था। र्कन क में प्रयत
ु र् जैव-अपघटक घोल को पस
ू ा (PUSA) इिंजस्टट्यट
ू के तनदे शन में
ववकमसत क्रकया गया था।
तनह ताथा
 ददल्ली सरकार, कम लागर् और प्रभावकारी जैव-अपघटक र्कन क को प्रदष
ू र् से ननपटने के शलए एक
ववकल्प के रूप में उच्िर्म न्यायालय में पेि करे ग ।
 इस र्कन क को पींजाब और हररयार्ा में भ क्रकसानों द्वारा उपयोग क्रकया जा सकर्ा है ।
जैव-अपघटक का तनमााण

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इस र्कन क में प्रयत


ु र् जैव-अपघटक घोल को पस
ू ा िीकिंपोजर (Pusa Decomposer) भ कहा जा रहा है ।
 पस
ू ा ड कींपोजर सार् कवकों का एक शमश्रर् होर्ा है जो पराली (Paddy Straw) में पाए जाने वाले
सेल्यल
ु ोज, शलक्ग्नन और पेक्तटन को गलाने वाले एींजाइम का उत्पादन करर्ा है ।
 यह कवक 30-32 डडग्र सेक्ल्सयस र्ापमान वाले वार्ावरर् ववकशसर् होर्े है , और धान की कटाई और
गेहूीं की बव
ु ाई के समय यही र्ापमान होर्ा है ।
पस
ू ा िीकिंपोजर का खेतों में उपयोग ककस प्रकार ककया जाता ै?
पस
ू ा ड कींपोज़र कैप्सल
ू (Decomposer Capsules) का उपयोग करके एक ‘अपघटक घोल’ बनाया जार्ा है ।
 अपघटक घोल को 8-10 ददन क्रकक्ण्वर् (fermenting) करने के पश्िार् र्ैयार शमश्रर् का फसल
अपशिष्ट्ट/पराली के ि घ्र जैव-अपघटन के शलए खेर्ों में नछड़काव क्रकया जार्ा है ।
 क्रकसान, िार पस
ू ा ड कींपोज़र कैप्सल
ू , गड़
ु और िने के आटे से 25 लीटर अपघटक घोल शमश्रर् को
र्ैयार कर सकर्े हैं, और यह 1 हे तटे यर भशू म पर नछड़काव करने के शलए पयातप्र् होर्ा है ।
 जैव अपघटन की प्रक्रक्रया को परू ा होने में लगभग 20 ददनों का समय लगर्ा है । इसके बाद क्रकसान
पराली को जलाए बबना क्रफर से बव
ु ाई कर सकर्े हैं।
पस
ू ा िीकिंपोजर के लाभ:
 इस र्कन क के प्रयोग से मद
ृ ा की उवतरर्ा और उत्पादकर्ा में सध
ु ार होर्ा है तयोंक्रक पराली फसलों के
शलए उवतरक का काम करर् है और भववष्ट्य में कम खाद लगाने की आवश्यकर्ा होर् है ।
 यह फसल / अपशिष्ट्ट-पराली को जलाने से रोकने हे र्ु एक प्रभाव , सस्र् और व्यावहाररक र्कन क है ।
 यह पयातवरर् के अनक
ु ू ल और पयातवरर् की दृक्ष्ट्ट से उपयोग र्कन क भ है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पस
ू ा ड कींपोजर क्रकस प्रकार ववकशसर् क्रकए गया है ?
2. इनका क्रकस शलए उपयोग क्रकए जार्ा है ?
3. पराली जलाने पर उत्सक्जतर् प्रदष
ू क र्त्व
में स मलिंक:
पींजाब और हररयार्ा के राज्यों में पराली जलने से ददल्ली की वायु गर्
ु वत्ता क्रकस प्रकार प्रभाववर् होर् है ? ििात
कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GSC7UB2TI.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. स्मॉग एविं इसके ातनकारक प्रभाव
सिंदभा: ददल्ली के वार्ावरर् में उच्ि प्रदष
ू र् के धम्र
ू -कोहरे / स्मॉग (Smog) की मात्रा में वद्
ृ चध हुई है । इस वषत
अतटूबर माह में ददल्ली में वायु प्रदष
ू र् की मात्रा वपछले वषत की र्ल
ु ना में अचधक थ ।
धूम्र-को रा / स्मॉग क्या ोता ै?

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यह, को रे (Fog), घल
ू कणों और और वायु प्रदष
ू कों जैसे नाइरोजन ऑतसाइड, वाष्ट्पि ल काबतननक यौचगकों
आदद का एक हाननकारक शमश्रर् होर्ा है । स्मॉग, सौर-प्रकाश के साथ ममलकर धरातल के ऊपर ओजोन की
घनी परत का तनमााण करता ै।
वायम
ु ड
ीं ल में ऊिंचाई पर पायी जाने वाली ओजोन लाभकारी होर् है , क्रकीं र्ु धरातल के तनकट ओजोन की उपक्स्थनर्
स्वास््य पर हाननकारक प्रभाव डालर् है ।
(नोट: 'स्मॉग' िब्द पहली बार प्रयोग जल
ु ाई 1905 में डॉ. हे नरी अींर्ोइन दे वू (Dr Henry Antoine des Voeux)
द्वारा अपने िोधपत्र ‘धआ
ु ीं एवीं कोहरा’ (Fog and Smoke) में क्रकया गया था।)
स्मॉग का तनमााण
यह, ओजोन र्था सल्फर डाइऑतसाइड, नाइरोजन डाइऑतसाइड, काबतन मोनोऑतसाइड और PM10 जैसे
हाननकारक पदाथों से बना होर्ा है । ये पदाथत मनष्ट्ु य के फेफड़ों के शलए अनर्-हाननकारक होर्े हैं।
स्मॉग तनमााण के स्रोत
1. क्रकस क्षेत्र में बड़ मात्रा में कोयला-दहन
2. कटाई एवीं दहन कृवष / फसल-अपशिष्ट्ट का जलाना (ददल्ली में स्मॉग का एक प्रमख
ु स्रोर्)
3. स्मॉग का ननमातर् करने वाले प्रदष
ू क के स्रोर्, जैसे क्रक, ऑटोमोबाइल उत्सजतन, ववद्यर्
ु ् सींयत्र
ीं , आनर्िबाज ,
पें ट, हे यरस्प्रे, िारकोल स्टाटत र द्रव और प्लाक्स्टक पॉपकॉनत पैकेक्जींग आदद।
स्मॉग तनमााण स्थानीय मौसम की भमू मका:
स्मॉग के ननमातर् में तापमान, सौर-प्रकाश और शािंत वाओिं की म त्वपण
ू ा भमू मका होर् है । एक उष्ट्र् ददन होने
पर स्मॉग का ननमातर् अन्य ददनों की अपेक्षा अचधक र् व्रर्ा से हो सकर्ा है ।

स्मॉग के प्रकार
अब र्क दो शभन्न प्रकारों के स्मॉग की पहिान की गय है : गींधकीय स्मॉग (Sulfurous Smog) और प्रकाि-
रसायननक स्मॉग (Photochemical Smog)।
 गिंधकीय स्मॉग को लींदन स्मॉग (London Smog) के नाम से भ जाना जार्ा है । यह वायु में सल्फर
ऑतसाइड की उच्ि साींद्रर्ा के कारर् ननशमतर् होर्ा है ।

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 प्रकाश रसायतनक स्मॉग-का ननमातर् सौर-प्रकाि, नाइरोजन ऑतसाइड और वायम


ु ड
ीं ल में उपक्स्थर् क्रकस
वाष्ट्पि ल काबतननक यौचगक (Volatile Organic Compound- VOC) के परस्पर अशभक्रक्रया करने से होर्ा
है ।
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव:
 धूम्र-कोहरे में लींबे समय र्क साींस लेने से मनष्ट्ु य की श्वसन-नशलकाओीं में सज
ू न आ सकर् है ।
 स्मॉग के कारर् फेफड़ों में सज
ू न आ सकर् है , क्जसके पररर्ामस्वरूप फेफड़ों से इींटरल्यक्रू कन -6
(Interleukin-6) का स्राव होर्ा है , जो मनष्ट्ु य के हृदय और श्वसन नशलकाओीं में रतर् के थतके बनाने
का कारर् होर्ा है , और इससे ददल का दौरा पड़ने या स्रोक जैस ब माररयाीं हो सकर् है ।
 यह मनष्ट्ु य की नाक और गले की सरु क्षात्मक खझक्ल्लयों को सख
ु ा सकर्ा है ।
 यह िरीर में सींक्रमर्-प्रनर्रोध क्षमर्ा को हानन पींहुिा सकर्ा है , इसशलए, ब मारी के प्रनर् आपकी
सींवेदनि लर्ा बढ़ जार् है ।
 इससे पारा-बैगन ववक्रकरर् की मात्रा काफी कम हो जार् है , क्जससे ववटाशमन ड जैसे महत्वपर्
ू त र्त्वों
का बनना का हो सकर्ा है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GSC7UB2T6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. ह मालयी वातावरण में भरू े काबान ‘टारबॉल्स’ की मौजूदगी
सिंदभा: एक हाशलया अध्ययन के दौरान दहमालय-नर्ब्बर् के पठार में टारबॉल्स (काले और भरू े रीं ग के काबतन
कर्) की मौजद
ू ग दे ख गय है ।
उच्ि प्रदष
ू र् के ददनों में टारबॉल (Tarballs) की प्रनर्िर्-मात्रा में वद्
ृ चध हो जार् है , और इससे ग्लेशियसत के
वपघलने की गनर् और वैक्श्वक उष्ट्मन में वद्
ृ चध हो सकर् है ।
‘टारबॉल’ और इनका तनमााण
टारबॉल, छोटे आकार के, प्रकाश-अवशोवषत करने वाले, काबान कण ोते हैं जो बॉयोमास या ज वाश्म ईंधन के
जलाए जाने से ननशमतर् होर्े हैं, र्था जम हुई बफत पर बैठ जार्े हैं।
 टारबॉल्स बेहद छोटे और खर्रनाक कर् होर्े हैं जो अपने साथ कॉबतन, ऑतस जन और कम मात्रा में
नाइरोजन और सल्फर व पोटे शियम को भ शलए रहर्े हैं।
 इन कर्ों से ग्लेशियसत के वपघलने की गनर् बढ़ सकर् है ।
 ज वाश्म ईंधन के जलने के दौरान उत्सक्जतर् होर्े होने वाले भरू े काबतन से ननशमतर् होर्े हैं।
इनकी उत्पवत्त का स्रोत
टारबॉल्स की उत्पवत्त, गींगा के मैदान भागों में बॉयोमास या ज वाश्म ईंधन के जलाए जाने से प्रकाि अविोवषर्
करने वाले यह काबतन कर्ों से होर् है ।
सिंबगिं धत गचिंताएिं
टारबॉल्स, हवा के साथ लींब दरू ी र्य कर सकर्े हैं और जलवायु प्रभाव के बड़े कारक हो सकर्े हैं साथ ही
दहमालय क्षेत्र में ग्लेशियसत के वपघलने का वाहक भ बन सकर्े हैं।

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191

प्रीमलम्स मलिंक:
1. टारबॉल तया हैं?
2. ब्लैक काबतन और ब्राउन काबतन के ब ि अींर्र
3. टारबॉल के स्रोर्
4. प्रभाव
में स मलिंक:
दहमालय पर टारबॉल की बढ़र् हुई प्रनर्िर्-मात्रा से पड़ने वाले प्रभाव की जाींि कीक्जए।
https://www.downtoearth.org.in/news/climate-change/brown-carbon-tarballs-that-hasten-glacial-
melt-found-in-himalayan-atmosphere-study-74105.
स्रोर्: डाउन टू अथत
8. तटीय ववतनयमन क्षेत्र (CRZ) मानदिं ि (Coastal Regulation Zone norms)
सिंदभा: उच्िर्म न्यायालय द्वारा कोक्च्ि क्जले में मराद ु नगरपाशलका के फ्लैट माशलकों को ददए जाने वाले
मआ
ु वजे को र्य करने हे र्ु गदठर् केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमतू ता के. बालाकृष्ट्णन अय्यर की
एक सदस्यीय सममतत के अचधदे ि में ववस्र्ार क्रकया गया है ।
इन फ्लैट माशलकों के घरों को राज्य में तटीय ववतनयमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone- CRZ) मानदीं डो
का उल्लींघन के कारर् चगरा ददया गया था।
सिंबगिं धत प्रकरण (मामले की पष्ट्ृ ठभमू म)
वपछले साल 23 शसर्ींबर को ि षत अदालर् द्वारा की गय दटप्पर् के अनस
ु ार, केरल के र्टीय इलाकों में क्रकया
गया अवैध ननमातर्, पयातवरर् के शलए एक ‘बहुर् बड़ा नक
ु सान’ है , और कोक्च्ि के मराद ु में इर्ने बड़े पैमाने
पर इन अनाचधकृर् सींरिनाओीं का ननमातर् आश्ियतजनक है ।
 ि षत अदालर् ने केरल सरकार द्वारा र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) का उल्लींघन करर्े हुए बनाये गए
िार अपाटत मेंर्टस को ध्वस्र् करने सींबध
ीं आदे ि का पालन नहीीं क्रकये जाने पर रोष व्यतर् क्रकया और

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राज्य के मख्
ु य सचिव को इस अवैध ननमातर् के कारर् प्रकृनर् को होने वाली क्षनर् को मापने के शलए
एक सवेक्षर् करने को कहा।
 8 मई, 2019 को ि षत अदालर् ने अचधसचू िर् र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) में ननशमतर् इन इमारर्ों को
एक महीने के भ र्र हटाए जाने का ननदे ि ददया। कोक्च्ि का यह र्टीय ववननयमन क्षेत्र, केरल के ज्वार-
प्रभाववर् जल ननकाय का एक भाग है ।
तटीय ववतनयमन क्षेत्र मानदिं ि
पहली बार फरवरी 1991 में , भारर् के पयाावरण सिंरक्षण अगधतनयम, 1986 की धारा 3 के र्हर्, र्टीय ववननयमन
क्षेत्र अचधसि
ू ना जारी की गई थ ।
वषत 2018 में , र्टीय ववननयमन क्षेत्र सींबध
ीं नए ननयम जारी क्रकए गए थे। इनका उद्दे श्य इस क्षेत्र में ननमातर्
पर लगे कुछ प्रनर्बींधों को हटाना, अनापवत्त प्रक्रक्रया को सव्ु यवक्स्थर् करना और र्टीय क्षेत्रों में पयतटन को
प्रोत्सादहर् करना था।
तटीय ववतनयमन क्षेत्र मानदिं िों का उद्दे श्य:
ये मानदीं ड, सागर र्ट से एक ननक्श्िर् दरू ी के भ र्र कुछ वविेष गनर्ववचधयों, जैसे- बड़े ननमातर्, नए उद्योगों
की स्थापना, खर्रनाक सामग्र का भींडारर् या ननपटान, खनन, भशू म-उपयोग पररवर्तन और बाींध ननमातर् पर रोक
लगार्े हैं ।
‘ववतनयमन क्षेत्र’ की पररभाषा
सभ ननयमों में , ववतनयमन क्षेत्र (Regulation Zone) को उच्ि-ज्वार रे खा से 500 म टर र्क के क्षेत्र के रूप में
पररभावषर् क्रकया गया है ।
CRZ में प्रततबिंध
 CRZ में प्रनर्बींध ,क्षेत्र की आबादी, पाररक्स्थनर्क सींवेदनि लर्ा, क्रकनारे से दरू ी र्था क्षेत्र के प्राकृनर्क
उद्यान अथवा वन्यज व क्षेत्र के रूप में अचधसचू िर् होने जैसे मानदिं िों पर तनभार करते ै ।
 नए ननयमों के अनस
ु ार, मख्
ु यभशू म के र्ट के ननकटवर्ी सभ द्व पों और मख्
ु य भशू म के सभ अप्रवाही
जल वाले (Backwater) द्व पों के शलए 20 म टर की स मा र्क नो-डेवलपमें ट ज़ोन घोवषर् क्रकया गया
है ।
CRZ-III (ग्रामीण) के शलए प्रनर्बींधो की दो शभन्न श्रेखर्यों को ननधातररर् क्रकया गया है :
 वषत 2011 की जनगर्ना के अनस
ु ार, 2,161 प्रनर् वगत क्रकम जनसींख्या घनत्व सदहर् घन आबादी वाले
ग्राम र् क्षेत्रों (CRZ-IIIA) में , नो-डेवलपमें ट ज़ोन की स मा, उच्ि-ज्वार रे खा से 50 म टर र्क ननधातररर्
की गय है , जबक्रक पहले यह स मा 200 म टर थ ।
 CRZ-IIIB श्रेर् (2,161 प्रनर् वगत क्रकम से कम जनसींख्या घनत्व वाले ग्राम र् क्षेत्र) में नो-डेवलपमेंट
ज़ोन की स मा, उच्ि-ज्वार रे खा से 200 म टर र्क ननधातररर् की गय है ।
कायाान्वयन

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हालाींक्रक, र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) सींबध


ीं ननयम केंद्रीय पयातवरर् मींत्रालय द्वारा बनाए गए हैं, क्रकन्र्,ु इनका
कायातन्वयन तटीय क्षेत्र प्रबिंधन प्रागधकरणों (Coastal Zone Management Authorities) के माध्यम से राज्य
सरकारों द्वारा क्रकया जार्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. CRZ मानदीं ड तया हैं?
2. CRZ की पररभाषा
3. र्टीय ववननयमन क्षेत्रों का वगीकरर्
4. CRZ- III (ग्राम र्) क्षेत्रों के अींर्गतर् श्रेखर्याँ
में स मलिंक:
पयातवरर् य न्याय और ववर्रर्ात्मक न्याय के दृक्ष्ट्टकोर् से र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) ननयमों का तया
र्ात्पयत है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GH87UKA1T.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
9. पटाखों की बबिी का वायु गण
ु वत्ता से सिंबध
िं : राष्ट्रीय ररत अगधकरण
सिंदभा: राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् (National Green Tribunal- NGT) द्वारा राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र (NCR) में
पटाखों की बबिी और इनके उपयोग पर पण
ू ा प्रततबिंध लगा ददया गया है । इसके साथ ही, वपछले वषा जजन श रों
में वाय-ु गण
ु वत्ता 'खराब’ स्तर तक गगर गयी थी, वहाीं भ समान प्रनर्बींध लगाने का आदे ि ददया है ।
राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र में पटाखों पर प्रनर्बींध 9 नवींबर की मध्यराबत्र से िरू
ु होकर 30 नवींबर की मध्यराबत्र र्क
जारी रहे गा।
राष्ट्रीय ररत अगधकरण द्वारा जारी ककये गए अन्य तनदे श:
1. कोववड-19 महामारी की क्स्थनर् बबगड़ने की सींभावना को दे खर्े हुए सभ स्रोर्ों से होने वाले प्रदष
ू र् पर
ननयींत्रर् हे र्ु सभ राज्य /केंद्र िाशसर् प्रदे ि एक अशभयान िरू
ु करें ।
2. क्जन िहरों / कस्बों में हवा की गर्
ु वत्ता ‘औसर् दजे की’ या उससे ननम्न स्र्र की है , वहाीं केवल हररर्-
पटाखे (Green Crackers) बेिे जाएँ।
3. दीवाली, छठ, नव वषत / क्रक्रसमस की पव
ू त सींध्या आदद त्योहारों के दौरान पटाखों के उपयोग को दो घींटे
र्क स शमर् क्रकया जाए। उपयोग समय को सींबचीं धर् राज्य द्वारा ननददतष्ट्ट क्रकया जा सकर्ा है ।
सिंबगधत प्रकरण
हाल ही में , राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् (NGT) ने पटाखों के उपयोग से उत्पन्न प्रदष
ू र् सींबध
ीं मामलों की सन
ु वाई
के अपने अचधकार-क्षेत्र को ददल्ली-एनस आर क्षेत्र से आगे र्क ववस्र्र्
ृ करर्े हुए 19 राज्यों और केंद्र िाशसर्
प्रदे िों को नोदटस जारी क्रकया है । इन राज्यों में वायु गर्
ु वत्ता का स्र्र ननधातररर् मानदीं डों से ननम्नर्र क्स्थनर्
में है ।
इस प्रकार के उपायों की आवश्यकता

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प्राचधकरर् द्वारा सतत ववकास के मलए रोजगार और राजस्व घाटे की अपेक्षा ए ततयाती मसद्धािंतों
(Precautionary Principle) को प्रधानता दी गय है ।
 यह साफ़-जादहर है , क्रक कोववड-19 का प्रभाव माित के महीने में ही स्पष्ट्ट हो गया था, और सददत यों के
दौरान इसके सींक्रमर् में वद्
ृ चध की आिींका थ । यह पर्
ू र्
त याः केंद्र के ऊपर था, क्रक वह राज्यों के साथ
समन्वय से कायत करे और दीपावली से पहले फसल-अपशिष्ट्ट/ पराली को जलाने से रोकने का उपाय
करे ।
 वावषतक रूप से होने वाली इस घटना से उत्तर और पव
ू ी भारर् की वायु हमेिा दवू षर् होर् है , क्जसका
स्वास््य और उत्पादकर्ा पर भारी प्रभाव पड़र्ा है ।
आगे की रा
अब, केवल क्षनर् ननयींत्रर् ही क्रकया जा सकर्ा है , क्जसमे आनर्िबाज उद्योग से सींबचीं धर् मामलों का समाधान
करना िाशमल है ।
र्शमलनाडु जैसे राज्यों में , जहाीं 90% पटाखों का उत्पादन होर्ा है , इस वषत आनर्िबाज उद्योग का भववष्ट्य सींकट
में है । इन राज्यों के आनर्िबाज ननमातर्ाओीं के अनस
ु ार, इस साल लगभग 2,300 करोड़ रुपये की आनर्िबाज
ननशमतर् की गय है ।
 अर्ाः, कारीगरों के शलए उचिर् मआ
ु वजा योजना और ननमातर्ाओीं के शलए उपयत
ु र् राहर् प्रदान क्रकए जाने
की आवश्यकर्ा है ।
 दीघतकाशलक समाधान के रूप में आनर्िबाज उद्योग पर ननभतरर्ा समाप्र् करने हे र्ु व्यापक आधार
वाली अन्य आचथतक गनर्ववचधयाीं आरीं भ की जान िादहए।
शिवकाि क्षेत्र में व्यापक आधार वाली आचथतक गनर्ववचध में ननदहर् हो सकर्ा है , पटाखों पर ननभतरर्ा को कम
कर सकर्ा है ।
तनष्ट्कषा:
राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र वषत 2019 के दौरान 148 ददन र्क वायु गर्
ु वत्ता का स्र्र खराब रहा, इससे वपछले वषत
2018 में खराब वायु गर्
ु वत्ता वाले ददनों की सींख्या 206 ददन थ । दे ि के कई अन्य िहरों में इस प्रकार की
क्स्थनर् है , क्रकीं र्ु इन पर कम ध्यान ददया जार्ा है ।
प्रमख
ु उभरर् अथतव्यवस्थाओीं में प्रदष
ू र् से होने वाली 40% मौर्ें वायु की गर्
ु वत्ता खराब होने से होर् हैं।
अमेररका में उच्ि प्रदवू षर् क्षेत्रों में कोववड-19 के कारर् होने वाली मौर्ों में वद्
ृ चध के प्रमार् शमले है । यह
सरकारों के शलए ‘स्वच्छ वा में सािंस लेने के अगधकार’ पर जवाबदे ी की भावना प्रदशितर् करने का समय है।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/opinion/editorial/no-fireworks-on-ngt-ban-on-
sale-and-use-of-firecrackers/article33061044.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
10. ग्रेिि
े ररस्पािंस एक्शन प्लान (GRAP)
सिंदभा: ददल्ली और नोएडा में वायु गर्
ु वत्ता क्स्थनर् लगार्ार छठे ददन भ ‘गींभ र’ श्रेर् में बन रही।

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अर्ाः एक अींर्ररम उपाय के रूप में नवगदठर् वायु गण


ु वत्ता प्रबिंधन आयोग (Commission on Air Quality
Management) ने केंद्रीय प्रदष
ू ण तनयिंत्रण बोिा (CPCB) को वायु प्रदष
ू र् पर ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान
(Graded Response Action Plan- GRAP) के अींर्गतर् उपायों को लागू करने की िक्तर् प्रदान की है ।
ग्रेिि
े ररस्पािंस एक्शन प्लान (GRAP) क्या ोता ै?
GRAP, वायु गर्
ु वत्ता के आधार पर वायु प्रदष
ू र् को ननयींबत्रर् करने के शलए लागू क्रकए जाने वाले आपार्कालीन
उपाय होर्े हैं।
 ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान को वषत 2016 में सप्र
ु म कोटत द्वारा मींजूरी दी गय थ ।
 GRAP को पयातवरर् प्रदष
ू र् (रोकथाम और ननयींत्रर्) प्राचधकरर् द्वारा र्ैयार क्रकया जार्ा है ।
 GRAP केवल आपार्कालीन उपाय के रूप में कायत करर्े हैं।
 ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान, प्रकृनर् में वद्
ृ चधि ल होर्े हैं, र्था वायु की गर्
ु वत्ता ‘खराब’ से ‘बहुर् खराब’
होने पर सि
ू बद्ध उपायों का पालन क्रकया जार्ा है ।
योजना का अवलोकन
1. ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान के शलए ददल्ली, उत्तर प्रदे ि, हररयार्ा और राजस्थान (NCR क्षेत्रों) में 13
ववशभन्न एजेंशसयों के ब ि कारत वाई और समन्वय आवश्यक है ।
2. GRAP को लागू करने के शलए सवोच्ि न्यायालय द्वारा ि षत पर पयातवरर् प्रदष
ू र् ननयींत्रर् प्राचधकरर्
(EPCA) को ननयत
ु र् क्रकया गया है ।
3. EPCA द्वारा क्रकस भ उपाय को लागू करने से पहले, राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र के सभ राज्यों के
प्रनर्ननचधयों के साथ वार्ात की जार् है , इसके पश्िार् ववशभन्न िहरों में कायतवाही करने के सींबध
ीं में
ननर्तय क्रकये जार्े हैं।

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‘वायु गण
ु वत्ता प्रबिंधन आयोग’ के सिंबध
िं में :
‘वायु गर्
ु वत्ता प्रबींधन आयोग’ की स्थापना इस साल अतटूबर में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों
में वायु गण
ु वत्ता प्रबिंधन े तु आयोग अध्यादे श’, 2020 (‘Commission for Air Quality Management in National
Capital Region and Adjoining Areas Ordinance’) के र्हर् की गय थ ।
 यह केंद्रीय प्रदष
ू र् ननयींत्रर् बोडत और ददल्ली, पींजाब, हररयार्ा, उत्तर प्रदे ि और राजस्थान के राज्य प्रदष
ू र्
ननयींत्रर् बोडत जैसे ननकायों का अचधक्रमर् (Supersede) करे गा।
 इस आयोग को वायु प्रदष
ू र् से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर इन राज्य सरकारों को ननदे ि जारी करने की िक्तर्याीं
प्राप्र् होंग ।
सिंरचना:
 ‘वायु गर्
ु वत्ता प्रबींधन आयोग’ एक स्थायी तनकाय होगा और इसमें 20 से अगधक सदस्य होंगे।
 आयोग की अध्यक्षता भारर् सरकार के सचिव अथवा राज्य सरकार के मख्
ु य सचिव के रैंक के अचधकारी
द्वारा की जाएग ।
अगधकार-क्षेत्र:
इस आयोग का वायु प्रदष
ू र् से सींबचीं धर् मामलों में हररयार्ा, पींजाब, उत्तर प्रदे ि और राजस्थान के क्षेत्रों सदहर्
राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र (NCR) पर वविेष अचधकार क्षेत्र होगा, र्था यह सींबचीं धर् राज्य सरकारों र्था CPCB और
ISRO के साथ कायत करे गा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. तया EPCA एक वैधाननक ननकाय है ?
2. यह कब और तयों स्थावपर् क्रकया गया था?
4. िक्तर्याँ और कायत
5. रिना
6. ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान तया है ?
7. ‘राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गर्
ु वत्ता प्रबींधन हे र्ु आयोग अध्यादे ि’, 2020 का
अवलोकन'।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GTJ7V28IB.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
11. पन्ना टाइगर ररजवा को यन
ू ेस्को ‘बायोस्फीयर ररजवा’ का दजाा
सिंदभा: हाल ही में , मध्य प्रदे ि के पन्ना नेशनल पाका को यन
ू ेस्को बायोस्फीयर ररजवत घोवषर् क्रकया गया है ।
यन
ू ेस्को के मान्यर्ा प्रमार्पत्र में पन्ना टाइगर ररजवा (PTR) को एक म त्वपण
ू ा बाघ तनवास स्थान के रूप में
उद्धर्
ृ क्रकया गया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:

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यन
ू ेस्को (UNESCO) द्वारा, जैव ववववधर्ा सींरक्षर् को बढ़ावा दे ने, मानव-ज व सींघषत का समाधान करने र्था
प्राकृनर्क सींसाधनों के सींवहन य उपयोग के शलए प्रनर्वषत नए जैव मींडल सींरक्षक्षर् क्षेत्रों (Biosphere Reserves)
को सक्म्मशलर् क्रकया जार्ा है ।
यन
ू ेस्को का ‘मैन एिंि द बायोस्फीयर प्रोग्राम’ (MAB)
यन
ू ेस्को द्वारा बायोस्फीयर ररजवा के वविार की िरु
ु आर् 1974 में ‘मैन एिंि द बायोस्फीयर प्रोग्राम’ (Man and
the Biosphere Programme-MAB) के त त की गय थ , इसका उद्दे श्य जैवमींडल सींरक्षर् के शलए अींर्रातष्ट्रीय
सहयोग जुटाना था।
 यन
ू ेस्को के MAB कायािम की शरु
ु आत 1971 में की गयी थी। यह एक अींर्र सरकारी वैज्ञाननक
कायतक्रम है क्जसका उद्दे श्य मनष्ट्ु यों और उनके वार्ावरर् के मध्य सींबध
ीं ों में सध
ु ार हे र्ु एक वैज्ञाननक
आधार स्थावपर् करना है ।
 MAB के र्हर्, प्राकृततक और सामाजजक ववज्ञान, अथाशास्त्र और मशक्षा को मानव आज ववका और लाभों
के समान बींटवारे में सध
ु ार करने र्था प्राकृनर्क और प्रबींचधर् पाररक्स्थनर्क र्ींत्र की सरु क्षा हे र्ु समजन्वत
ककया जाता ै । इस प्रकार यह ,कायतक्रम पयातवरर् य रूप से सींवहन य ,सामाक्जक और साींस्कृनर्क रूप
से उपयत
ु र् आचथतक ववकास के शलए अशभनव दृक्ष्ट्टकोर् को बढ़ावा दे र्ा है ।
 इसके र्हर्, सींरक्षक्षर् क्षेत्र के वनस्पततयों और जीवों को सिंरक्षण ददया जार्ा है और साथ ही इन क्षेत्रों
में तनवास करने वाले मानव समद
ु ायों और उनकी जीवन पद्धततयों को भी सिंरक्षक्षत क्रकया जार्ा है ।
 सींरक्षर् न केवल सींरक्षक्षर् क्षेत्र के वनस्पनर्यों और ज वों को ददया जार्ा है , बक्ल्क उन मानव समद
ु ायों
को भ ददया जार्ा है , जो इन क्षेत्रों में ननवास करर्े हैं, और उनके ज वन के र्रीके।
 र्शमलनाडु में क्स्थर् नीलगगरी बायोस्फीयर ररजवा यन
ू स्
े को की सच
ू ी में भारर् के सबसे पहला जैव मींडल
सींरक्षक्षर् क्षेत्र था, इसे वषत 2000 में िाशमल क्रकया गया था।
पन्ना बाघ अभ्यारण्य के बारे में :
 पन्ना बाघ अभयारण्य मध्य प्रदे श के उत्तरी भाग में वविंध्य पवात श्रिंख
ृ ला में क्स्थर् है ।
 केन नदी (यमन
ु ा नदी की एक सहायक नदी) पन्ना बाघ अभयारण्य से होकर बहर् है ।
 यह क्षेत्र पन्ना व हीरा खनन के शलए भ प्रशसद्ध है ।
 केन-बेर्वा नदी इींटरशलींक्रकींग पररयोजना बाघ अभ्यारण्य में स्थावपर् की जाएग ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पन्ना टाइगर ररजवत के बारे में
2. यन
ू ेस्को के MAB नेटवकत के बारे में
3. भारर् में बायोस्फीयर ररजवत
4. भारर् की राष्ट्रीय जैव ववववधर्ा कायत योजना
में स मलिंक:
यन
ू ेस्को के मैन एींड बायोक्स्फयर प्रोग्राम (MAB) पर एक दटप्पर् शलखखए।

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स्रोर्: दहींदस्
ु र्ान टाइम्स
12. िोनाल्ि रम्प के पश्चात अमेररका एविं जलवायु समझौते
सिंदभा: राष्ट्रपनर्-ननवातचिर् जो बबडेन (Joe Biden) ने सावतजननक रूप से कहा है , उनके पद ग्रहर् करर्े ही सींयत
ु र्
राज्य अमेररका द्वारा पेररस समझौर्े में क्रफर िाशमल होने की कोशिि करे गा।
पेररस समझौता
वषत 2015 में क्रकये गए पेररस समझौर्े में पव
ू -त औद्योचगक काल की र्ल
ु ना में वैक्श्वक र्ापमान वद्
ृ चध को 2
डडग्र सेक्ल्सयस के अींदर स शमर् रखने का लक्ष्य ननधातररर् क्रकया गया था। इस लक्ष्य को सींभवर्ाः अमेररका की
सक्रक्रय भाग दारी के बबना परू ा नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।

चीन, ववश्व में ग्रीन ाउस गैसों का सबसे बड़ा उत्सजाक दे श ै , इसके पश्चात अमेररका का स्थान है ।

पेररस समझौते में अमेररकी भमू मका


पेररस समझौर्े के लक्ष्यों का अथत था क्रक अमेररका को अगले एक दिक में अपने उत्सजतन में कम से कम 1.5
बबशलयन टन की कम करन होग , और उसके बाद और अचधक कटौर् क्रकए जाने की उम्म द की गय थ ।
 लेक्रकन इससे भ अचधक महत्वपर्
ू त बार् यह है क्रक अमेररका के पास जलवायु ननचधयों को जुटाने की,
वविेष रूप से ननज ननगमों से, वविेष क्षमर्ा है , जो क्रक 2 ° C के लक्ष्य को प्राप्र् करने के शलए अनर्
आवश्यक है ।
 ननम्न काबतन वाली अथतव्यवस्था-में पररवर्तन करने हे र्ु प्रनर् वषत सैकड़ों अरबों डॉलर की आवश्यकर्ा है ।
 इस प्रक्रक्रया में एक महत्वपर्
ू त समन्वयक के रूप में अमेररका की अनप
ु क्स्थनर्, एक बहुर् बड़ा झटका है ।
जलवायु सिंबगिं धत मद्
ु दों पर रम्प प्रशासन के तनणायों का प्रभाव
 अपने िुनाव अशभयान के दौरान, रम्प ने जलवायु पररवर्तन को एक ‘धोखा’ (Hoax) बर्ाया था, और
मात्र एक साल पहले लागू क्रकये गए एनर्हाशसक पेररस समझौर्े से अलग होने का वादा क्रकया था।
रम्प ने अपने राष्ट्रपनर् पद पर ननयत
ु र् होने के छह महीने के भ र्र ही अपने वादे को परू ा क्रकया।
 कोयले और स्वच्छ ऊजात पर राष्ट्रपनर् रम्प के कई अन्य फैसलों से भ जलवायु उद्दे श्यों के शलए गहरी
क्षनर् पहुँि है ।
 घरे लू नौकररयों को बढ़ावा दे ने और आचथतक गनर्ववचधयों को बढ़ावा दे ने हे र्ु प्रत्यक्ष रूप से ज वाश्म-
ईंधन उद्योग को बढ़ावाददया गया, क्जसके पररर्ामस्वरूप उत्सजतन में वद्
ृ चध हुई।
 रम्प प्रिासन के द्वारा वषत 2015 के एक आदे ि को पररवनर्तर् कर ददया गया, क्जसमे अमेररकी सींघ य
सरकारी एजेंशसयों को आगाम दस वषों में अपने ग्र नहाउस गैस उत्सजतन को वषत 2008 के स्र्र की
र्ल
ु ना में 40% र्क कम करने के शलए कहा गया था।
आगे की रा
जो बबडेन के राष्ट्रपनर् पद सींभालने के साथ, अमेररका द्वारा जलवायु पररवर्तन पर न नर्गर् उलटफेर के एक
और दौर से गज
ु रने की सींभावना है , र्था पेररस समझौर्े में अमेररका की वापस लगभग र्य है ।

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199

https://indianexpress.com/article/explained/explained-us-and-climate-after-trump-7051072/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

13. कनााटक सरकार द्वारा ‘िीम्ि फॉरे स्ट’ का अवगीकरण


सिंदभा: कनातटक सरकार द्वारा राज्य में 9.94 लाख ेक्टे यर ‘िीम्ि फॉरे स्ट’ (Deemed Forests) के रूप में
वगीकृर् वनों के 6.64 लाख े क्टे यर क्षेत्र को अवगीकृर् करने और इसे राजस्व अचधकाररयों को सौंपने की योजना
बनाई जा रही है । राज्य के कुल वन क्षेत्र में लगभग 67% ‘िीम्ि फॉरे स्ट’ है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
कनातटक में ‘ड म्ड फॉरे स्ट’ (Deemed Forests) एक वववादास्पद मद्
ु दा है । यहाँ अतसर सभ राजन नर्क दलों के
नेर्ा, बड़ मात्रा में कृवष और गैर-वन भशू म को ‘ड म्ड फॉरे स्ट’ के रूप में ‘अवैज्ञाननक’ रूप से वगीकृर् क्रकए जाने
सींबध
ीं आरोप लगार्े रहर्े हैं।

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200

‘िीम्ि फॉरे स्ट’ क्या ोते ै?


सवोच्ि न्यायालय के आदे ि (टी एन गोडवमतन चथरुमलापाद (1996) मामले में ) के बाद कनातटक सरकार द्वारा
एक वविेषज्ञ सशमनर् गदठर् की गय थ । सशमनर् द्वारा वनों की ववशेषता रखने वाली समस्त भमू म को ‘िीम्ि
फॉरे स्ट’ के रूप में तनधााररत ककया गया, िाहे इस भशू म पर माशलकाना हक़ क्रकस का भ हो।
‘ड म्ड फॉरे स्ट’ के रूप में ननम्न प्रकार की भशू मयों को सक्म्मशलर् क्रकया गया है :
 राजस्व ववभाग के अध न र्था वन ववभाग को नहीीं सौंपे गए घने वन क्षेत्र।
 वे घने वन क्षेत्र, क्जन्हें वन ववभाग को सौंपने की शसफाररि की गई है ।
 अनद
ु ान के रूप में दी गय परीं र्ु अकृवषर् घने वनों वाली भशू म।
 वन ववभाग द्वारा क्रकया गया घने वन वक्ष
ृ ारोपर् क्षेत्र।
‘वनों’ की पररभाषा
टी एन गोिवमान गथरुमलापाद (1996) मामले में उच्िर्म न्यायालय द्वारा वन सिंरक्षण अगधतनयम के र्हर्
‘वनों’ की एक व्यापक पररभाषा को स्व कार की गई।
अदालर् ने कहा है , क्रक, 'वन' (Forest) िब्द को िब्दकोि में ददए गए अथत के अनस
ु ार समझा जाना िादहए।
 इसके र्हर्, वैधाननक रूप से मान्यर्ा प्राप्र्, आरक्षक्षर् (Reserved), सींरक्षक्षर् (Protected) अथवा वन
सींरक्षर् अचधननयम की धारा 2 (1) के प्रयोजन हे र्ु ननददत ष्ट्ट, सभ प्रकार के वन सक्म्मशलर् होर्े है ।
 इसके अनर्ररतर्, सरकारी ररकॉडत में वन के रूप में दजत सभ क्षेत्र ‘वन’ की पररभाषा के अींर्गतर् आर्े है ,
िाहे इन पर स्वाशमत्व क्रकस का भ हो।
कनााटक सरकार की इस घोषणा के पश्चात आगे की कायावा ी
 टी एन गोडवमतन चथरुमलापाद (1996) मामले के बाद से, भारर् में वन सींरक्षर् अचधननयम, 1980 के
र्हर् वन क्षेत्रों के सींरक्षर् की ननगरान उच्िर्म न्यायालय द्वारा लगार्ार की जा रही है ।
 कनातटक राज्य सरकार के शलए वनों के रूप में वगीकृर् भशू म के पररवर्तन को लागू करने हे र्ु उच्चतम
न्यायालय से मिंजरू ी लेनी ोगी।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. वनों की पररभाषा
2. ‘ड म्ड फॉरे स्ट’ तया होर्े हैं?
3. इन्हें क्रकस प्रकार वगीकृर् क्रकया जार्ा है ?
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/what-are-deemed-forests-and-
why-karnataka-wants-to-declassify-some-7056577/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
14. वैजश्वक नवीकरणीय ऊजाा तनवेश सम्मलेन और प्रदशानी (Global Renewable Energy Investment
Meeting and Expo)
सिंदभा: हाल ही में , र् सरी वैक्श्वक नव करर् य ऊजात ननवेि सम्मलेन और प्रदितन / आरई-इनवेस्ट 2020 (Global
Renewable Energy Investment Meeting and Expo (RE-Invest 2020) का उद्घाटन क्रकया गया है ।

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201

 इस शिखर सम्मेलन का आयोजन नवीन एविं नवीकरणीय ऊजाा मिंत्रालय द्वारा क्रकया जार्ा है ।
 RE-Invest 2020 का ववषय ‘सींवहन य ऊजात पररवर्तन के शलए नवािार’ (Innovations for Sustainable
Energy Transition) है ।
इस क्षेत्र में भारत का प्रदशान
 भारर् नवीकरणीय ऊजाा क्षमता में ववश्व में चौथे स्थान पर पहुींि गया है और दनु नया के सबसे र्ेज
नव करर् य ऊजात उत्पादन वाले दे िों में र् व्र गनर् से आगे बढ़ रहा है ।
 भारर् की नवीकरणीय ऊजाा उत्पादन क्षमता वतामान में बढ़ कर 136 गीगावॉट ो गई है जो क्रक हमारे
कुल ऊजात क्षमर्ा का 36 प्रनर्िर् है ।
 2017 के बाद से भारर् की वावषतक नव करर् य ऊजात उत्पादन क्षमर्ा कोयला आधाररत तापीय ववद्यत

उत्पादन के समान बढ़ र ी ै।
 ब र्े 6 वषों में भारर् की नव करर् य ऊजात क्षमर्ा में ढाई गन
ु ा की वद्
ृ गध हुई है ।
कुल शमलाकर, भारर् ने दनु नया को ददखा ददया है क्रक, नव करर् य ऊजात क्षेत्र में जजस समय तनवेश सस्ता न ीिं
था, उस समय ककए गए तनवेश के चलते आज इसके उत्पादन में य अपेक्षक्षत और उल्लेखनीय वद्
ृ गध ु ई है
और इस के िलर्े अब लागर् में कम आने लग है । पयातवरर् अनक
ु ू ल न नर्याीं भ अथतव्यवस्था के शलए बेहर्र
हो सकर् हैं।

https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3680MG82.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
15. मब
ुिं ई की समद्र
ु ीय तटरे खा पर ‘नीला ज्वार’
सिंदभा: मब
ुीं ई के जुहू ब ि और शसींधुदग
ु त के दे वगढ़ ब ि सदहर् महाराष्ट्र में समद्र
ु ीय र्टरे खाओीं पर न ले ज्वार
(Blue Tide) की घटना दे ख गय है । इस नीले रिं ग के प्रततदीप्त (Fluorescent Blue Hue) ज्वार को लोकवप्रय
रूप में जैव-सिंदीजप्त / बायोलमु मनेसस
ें (Bioluminescence) के नाम से जाना जार्ा है ।

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202

पष्ट्ृ ठभमू म:
वषत 2016 के बाद से, वविेष रूप से नवींबर और ददसींबर के महीनों के दौरान, भारर् के पक्श्िम र्ट पर जैव-
सिंदीजप्त (Bioluminescence) एक वावषतक घटना है ।
सिंबगिं धत कारण
यह अद्भर्
ु दृश्य, आमर्ौर पर डाइनोफ्लैगलेर्टस (Dinoflagellates) के रूप में पहिाने जाने वाले पादप प्लवकों
(Phytoplankton), सक्ष्
ू म समद्र
ु ीय पौधों के कारर् होर्ा है । इन डाइनोफ्लैगलेर्टस के प्रोटीन में रासायननक
अशभक्रक्रयाओीं के माध्यम से हल्के प्रकाि का उत्पादन ननकलर्ा है । समद्र
ु की ल रें इन एककोमशकीय सक्ष्
ू मजीवों
में लचल पैदा करती ै , जजससे ये सक्ष्
ू मजीव नीली रोशनी छोड़ते है ।
इस घटना का एक प्रमख
ु कारक अततपोषण (Eutrophication)- जल में ऑतस जन की कम – हो सकर्ा है ।
यर
ू ोक्रफकेिन की क्स्थनर् में पादप प्लवकों (फाइटोप्लाींतटन) की सींख्या में काफी वद्
ृ चध होर् है ।
इसके खतरनाक ोने के कारण
 ये दृश्य खूबसरू र् होने के साथ साथ खर्रे का सींकेर् भ हो सकर्ा है ।-इस समू की कई प्रजाततयािं
ववषाक्त ोती ैं। यदद, डाइनोफ्लैगलेर्टस में र्ेज से प्रजनन होर्ा है , र्ो र्थाकचथर् 'लाल ज्वार' (Red
Tides) का कारर् भ बन सकर्े हैं।
 इस दौरान, डाइनोफ्लैगलेर्टस का भक्षर् करने वाले सभ ज व (मोलस्क, मछली, आदद) भ ववषातर् हो
जार्े हैं। इन ज वों में डाइनोफ्लैगलेर्टस का भक्षर् करने से काफी मात्रा में ववषातर् पदाथों के सींिय हो
जार्ा है ।
 इस र्रह के समद्र
ु ी ज वों (मछशलयों, आदद) को आहार के रूप में लेना हाननकारक है , तयोंक्रक इनमे मौजूद
ववषातर् पदाथों के ववशभन्न अवाींनछर् प्रभाव हो सकर्े है ; कुछ के द्वारा फ़ूड पॉइज़ननींग र्था आींर् सींबध
ीं
समस्याएीं हो सकर् है , जबक्रक कुछ के न्यरू ोटॉक्तसन होने के कारर् याददािर् पर भ प्रभाव पड़ सकर्ा
है ।
 कुछ प्रजानर्याँ, जैसे क्रक स -स्पाकतल
(Noctiluca scintillans) ववषातर् नहीीं होर् हैं,
लेक्रकन इनके भ अन्य अवप्रय प्रभाव हो सकर्े
हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. न ला ज्वार (Blue Tide) तया होर्ा है ?
2. 'लाल ज्वार' (Red Tides) तया होर्ा हैं?
3. यर
ू ोक्रफकेिन तया है ?
4. जैव-सींदीक्प्र् (Bioluminescence) तया है ?
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

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203

16. पीलीभीत टाइगर ररजवा के मलए प्रथम TX2 परु स्कार (Pilibhit tiger reserve gets the first TX2 award)
सिंदभा: उत्तर प्रदे ि के प लीभ र् टाइगर ररजवत (Pilibhit Tiger Reserve- PTR) को तनधााररत समय से कम
समय में बाघों की सिंख्या दोगन
ु ा करने वाले र्ेरह टाइगर रें ज के दे िों में पहला अिंतरराष्ट्रीय परु स्कार ‘TX2’
प्रदान क्रकया गया है ।
वषत 2014 में अखखल भारर् य बाघ अनम
ु ानों के र्हर्, प लीभ र् में 25 बाघों का अनम
ु ान लगाया गया था, और
वषत 2018 के अनम
ु ानों के अनस
ु ार प लीभ र् टाइगर ररजवत (PTR) में बाघों की सींख्या बढ़ कर 65 हो गय है ।
सिंरक्षण उत्कृष्ट्टता परु स्कार, 2020
(Conservation Excellence Award for 2020)
भारर्-भट
ू ान स मा पर ववस्र्ाररर् पारदे शीय मानस सिंरक्षण क्षेत्र को वषत 2020 का TX2 सींरक्षर् उत्कृष्ट्टर्ा
परु स्कार (TX2 Conservation Excellence Award) प्रदान क्रकया गया है ।
पारदे शीय मानस सिंरक्षण क्षेत्र (Transboundary Manas Conservation Area or TraMCA) में भारर् के मानस
राष्ट्रीय उद्यान का 500 वगत क्रकम क्षेत्र र्था भट
ू ान के रॉयल मानस नेिनल पाकत का 1,057 वगत क्रकम क्षेत्र
सक्म्मशलर् है ।
TX2 क्या ै?
यह एक वैजश्वक परु स्कार ै जजसे वषा 2010 में WWF, UNDP, IUCN, ग्लोबल टाइगर फींड (GTF), CATS और द
लायन िेयर (Lion's Share) जैसे बाघ सींरक्षर् से जड़
ु े अींर्रराष्ट्रीय सींगठनों द्वारा रूस के सेंट पीटसाबगा में
स्थावपत क्रकया गया था।

राष्ट्रीय स्तर पर बाघ सिंरक्षण के प्रयास:


1. राष्ट्रीय बाघ सींरक्षर् प्राचधकरर् (National Tiger Conservation Authority- NTCA) द्वारा वन- रक्षकों
के शलए एक मोबाइल मॉननटररींग शसस्टम, M-STrIPES- मॉननटररींग शसस्टम फॉर टाइगसत इींटेंशसव
प्रोटे तिन एींड इकोलॉक्जकल स्टे र्टस (Monitoring system for Tigers’ Intensive Protection and
Ecological Status) लॉन्ि क्रकया गया है ।
2. वषत 2010 में आयोक्जर् प टसतबगत टाइगर सशमट में , वैक्श्वक स्र्र पर 13 बाघ रें ज वाले दे िों के
नेर्ाओीं ने ‘T X 2’ नारा के साथ बाघों की सींख्या को दोगन
ु ा करने हे र्ु अचधक प्रयास करने का सींकल्प
शलया।
3. ववश्व बैंक ने अपने ‘ग्लोबल टाइगर इननशिएदटव’ (GTI) कायतक्रम, के माध्यम से, अपन उपक्स्थनर्
और सींगठन क्षमर्ा का उपयोग करर्े हुए, बाघ एजेंडे को मजबर्
ू करने हे र्ु वैक्श्वक साझेदारों को
एक मींि पर एकबत्रर् क्रकया है ।
5. इन वषों में , ‘ग्लोबल टाइगर इननशिएदटव’ (GTI) पहल, ‘ग्लोबल टाइगर इननशिएदटव काउीं शसल (GTIC) के
सींस्थागर् रूप में स्थावपर् हो गय है , र्था अब यह, - ग्लोबल टाइगर फोरम (Global Tiger Forum) र्था
ग्लोबल स्नो लेपडत इकोशसस्टम प्रोटे तिन प्रोग्राम (Global Snow Leopard Ecosystem Protection
Program)- के माध्यम से बाघ सींरक्षर् सींबध
ीं कायतक्रम िला रही है ।
6. भारर् में वषत 1973 में ‘प्रोजेतट टाइगर’ की िरु
ु आर् की गय , जो वर्तमान में 50 से अचधक सींरक्षक्षर्
क्षेत्रों में, दे ि के भौगोशलक क्षेत्र के लगभग 2.2% के बराबर क्षेत्रफल, में सफलर्ापव
ू क
त जारी है ।

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204

प्रीमलम्स मलिंक:
1. राष्ट्रीय उद्यान, वन्यज व अभयारण्य और ज वमींडल सींरक्षक्षर् क्षेत्र के मध्य अींर्र।
2. भारर् में महत्वपर्
ू त बायोस्फीयर ररजवत।
3. M-STREIPES क्रकससे सींबचीं धर् है ?
4. GTIC तया है ?
5. प्रोजेतट टाइगर कब लॉन्ि क्रकया गया था?
6. NTCA -रिना और कायत।

https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/other-states/wildlife-preserve-
straddling-assam-bhutan-gets-tiger-conservation-award/article33169212.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:ववकास और फैलर्े उग्रवाद के ब ि सींबध


ीं ।
1. म ाराष्ट्र-कनााटक सीमा वववाद पर म ाजन आयोग की ररपोटा
सिंदभा: महाराष्ट्र के उप-मख्
ु यमींत्र अज र् पवार द्वारा म ाराष्ट्र-कनााटक सीमा वववाद पर, हाल ही में , एक
वववाददर् बयान ददया गया है ।
Genesis of the dispute:
वववाद की उत्पवत्त:
पव
ू व
त र्ी बॉम्बे प्रेस डेंस एक एक बहुभाष प्राींर् था, क्जसमे वर्तमान कनातटक राज्य के ब जापरु , बेलागव , धारवाड़
और उत्तर-कन्नड़ क्जले सक्म्मशलर् थे। बॉम्बे प्रेस डेंस में मराठी, गज
ु रार् और कन्नड भाषाएीं बोलने वाले लोग
रहा करर्े थे।
 वषत 1948 में , बेलगाम नगरीय ननकाय ने अनरु ोध क्रकया था क्रक मख्
ु य रूप से मराठी भाष जनसँख्या
वाले क्जले को प्रस्र्ाववर् महाराष्ट्र राज्य में िाशमल कर ददया जाए।
 हालाँक्रक, भाषाई और प्रिासननक आधार पर राज्यों को ववभाक्जर् करने वाले राज्य पन
ु गाठन अगधतनयम,
1956 के र्हर् बेलगाम और बॉम्बे प्रेस डेंस के 10 अन्य र्ालक
ु ों को र्त्कालीन मैसरू राज्य (क्जसे
1973 में कनातटक का नाम ददया गया था) का एक दहस्सा बना ददया गया।
म ाजन आयोग
राज्य पन
ु गतठन आयोग द्वारा, राज्यों का स माींकन करर्े हुए, 50 प्रततशत से अगधक कन्नड़ भाषी आबादी वाले
तालक
ु ों को मैसरू राज्य में शाममल कर हदया गया।
 इस क्षेत्र के मैसरू में शाममल ककए जाने का काफी ववरोध ककया गया। ववरोध करने वालों का कहना था,
क्रक इस क्षेत्र में मराठी भावषयों की सिंख्या 1956 में य ाँ र ने वाले कन्नड़ भावषयों से अगधक ो गयी
ै।
 शसर्ींबर 1957 में , बॉम्बे सरकार द्वारा इनकी माींग को आवाज दी गय और केंद्र के समक्ष ववरोध दजत
कराया गया, क्जसके पररर्ामस्वरूप अक्टूबर 1966 में पव
ू त मख्
ु य न्यायाध ि मेहर िींद महाजन की
अध्यक्षर्ा में म ाजन आयोग का गठन क्रकया गया।

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205

म ाजन आयोग की मसफाररश:


अगस्र् 1967 में आयोग ने अपन ररपोटत में शसफाररि के अनस
ु ार- 264 गाींवों को महाराष्ट्र (क्जसका 1960 में
गठन क्रकया गया) में स्थानाींर्ररर् क्रकया जाएगा र्था बेलगाम और 247 गाँव कनााटक में रखे जाएिंगे।
बाद का घटनािम:
 महाराष्ट्र द्वारा इस ररपोटत को खाररज कर ददया गया र्था इसे पक्षपार् और अर्ाक्रकतक बर्ार्े हुए
इसकी सम क्षा क्रकए जाने की माींग की गई।
 कनातटक ने इस ररपोटत का स्वागर् क्रकया और इसके कायातन्वयन हे र्ु दबाव दे र्ा रहा है , हालाींक्रक इसे
केंद्र द्वारा औपिाररक रूप से स्व कार नहीीं क्रकया गया है ।
 महाराष्ट्र, बेलगाम िहर, जो वर्तमान में कनातटक का दहस्सा है , सदहर् स मा पर क्स्थर् 814 से अचधक
गाँवों पर दावा करर्ा है ।
 महाराष्ट्र की सरकारों द्वारा इन क्षेत्रों को राज्य में सक्म्मशलर् क्रकये जाने की माींग की जार् रही है -
जबक्रक कनातटक के द्वारा इन दावों का ववरोध क्रकया जार्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. महाजन आयोग के बारे में
2. राज्य पन
ु गतठन अचधननयम, 1956 के बारे में ।
में स मलिंक:
राज्य पन
ु गतठन अचधननयम, 1956 की प्रमख
ु वविेषर्ाओीं पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-the-
mahajan-commission-report-on-the-maharashtra-karnataka-border-dispute-7056340/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

ववषय:आींर्ररक सरु क्षा के शलये िुनौर् उत्पन्न करने वाले िासन ववरोध र्त्त्वों की भशू मका।
1. चीन द्वारा माइिोवेव गथयारों के प्रयोग सिंबध
िं ी ररपोट्ास का भारत द्वारा खिंिन
सिंदभा: भारर् य सेना ने उन ऑनलाइन म डडया ररपोर्टतस को खाररज क्रकया है क्जनमें दावा क्रकया गया था क्रक
ि न की प पल्स शलबरे िन आमी (PLA) ने लद्दाख में माइक्रोवेव हचथयारों का इस्र्ेमाल क्रकया था।
भारर् य सेना के एक वररष्ट्ठ अचधकारी ने इन ररपोर्टतस को स मा पार से मनोवैज्ञाननक ऑपरे िन का दहस्सा
करार ददया है , और इसे आधारहीन र्था फजी खबर बर्ाया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
ब क्जींग और नई ददल्ली के मध्य, मई के बाद से, लद्दाख में वास्र्ववक ननयींत्रर् रे खा पर गनर्रोध जारी है ।
‘माइिोवेव गथयार’ क्या ोते ैं?
‘माइक्रोवेव हचथयारों’ (Microwave Weapons) को प्रत्यक्ष ऊजात हचथयारों (Direct Energy Weapons) का एक
प्रकार माना जार्ा है , क्जनके द्वारा क्रकस लक्ष्य पर ध्वनन, लेजर या माइक्रोवेव के रूप में अत्यचधक केंदद्रर् ऊजात
से हमला क्रकया जार्ा है ।

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206

"माइिोवेव गथयार" रखने वाले दे श


माना जार्ा है क्रक कुछ दे िों द्वारा मानव और इलेतरॉननक प्रर्ाशलयों, दोनों को लक्षक्षर् करने के उद्दे श्य से
इन हचथयारों को ववकशसर् क्रकया गया है ।
• ि न द्वारा पहली बार 2014 में एक एयर िो के दौरान पॉली डब्ल्यब
ू -1 (Poly WB-1) नामक "माइक्रोवेव
हचथयार" का प्रदितन क्रकया गया था।
• सींयत
ु र् राज्य अमेररका द्वारा एक प्रोटोटाइप माइक्रोवेव-िैली का हचथयार ववकशसर् क्रकया गया है , क्जसे
‘एक्तटव डेननयल शसस्टम’ का नाम ददया गया है ।
अतीत में ‘माइिोवेव गथयारों’ का प्रयोग
अमेररका द्वारा अफगाननस्र्ान में इस र्रह के एक हचथयार को र्ैनार् क्रकया गया था, क्रकीं र्ु क्रकस मानव लक्ष्य
के खखलाफ इस्र्ेमाल क्रकए बबना ही इसे वापस ले शलया।
 2017 के उत्तराधत में आय कुछ ररपोर्टतस में , वपछले साल हवाना, तयब
ू ा के अमेररकी दर्
ू ावास में
कमतिाररयों पर एक गप्ु र् ध्वननक हचथयार (covert sonic weapon) से सींभाववर् हमला क्रकए जाने का
क्जक्र क्रकया गया था।
 इसके बाद, 2018 में , ि न के ग्वाींगझू में अमेररकी वाखर्ज्य दर्
ू ावास के कमतिाररयों ने 2017 में इस
प्रकार के एक हमले की शिकायर् की थ ।
प्रीमलम्स और मेन्स मलिंक:
‘माइक्रोवेव हचथयार’ तया होर्े हैं? इनके उपयोग से सींबचीं धर् आिींकाओीं पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/microwave-weapons-india-
china-7056441/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

2. इनर लाइन परममट (ILP) (Inner Line Permit)


सिंदभा: मेघालय-क्स्थर् सार् सींगठनों द्वारा राज्य में प्रवेि करने हे र्ु बब्रदटि-कालीन इनर-लाइन परममट (Inner
Line Permit- ILP) को लागू करने और नागररकता (सिंशोधन) अगधतनयम (Citizenship (Amendment) Act)
को रद्द करने के शलए अपने आींदोलन को क्रफर से र् व्र क्रकया गया है ।
इनर लाइन परममट (ILP) क्या ै?
इनर लाइन परशमट, गैर-मल
ू ननवाशसयों के शलए ILP प्रणाली के अिंतगात सिंरक्षक्षत राज्य में प्रवेि करने अथवा
ठहरने हे र्ु आवश्यक दस्र्ावेज होर्ा है ।
वर्तमान में , पव
ू ोत्तर के िार राज्यों, अरुणाचल प्रदे श, ममजोरम, मखणपरु और नागालैंि में ILP प्रर्ाली लागू है ।
 इनर लाइन परशमट के द्वारा, क्रकस गैर-मल
ू ननवास के शलए, राज्य में ठहरने की अवचध र्था भ्रमर्
करने के क्षेत्र को ननधातररर् क्रकया जार्ा है ।
 ILP को सिंबगिं धत राज्य सरकार द्वारा जारी क्रकया जार्ा है और इसे ऑनलाइन या व्यक्तर्गर् रूप से
आवेदन करके प्राप्र् क्रकया जा सकर्ा है ।

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207

इसे कब लागू ककया गया था?


इनर लाइन परशमट, बिंगाल ईस्टना फ्रिंहटयर रे गल
ु ेशन एक्ट 1873 का एक ववस्र्ार है ।
 अींग्रेजों द्वारा कुछ ननददतष्ट्ट क्षेत्रों में प्रवेि को प्रनर्बींचधर् करने वाले ननयमों को बनाया गया था।
 ये ननयम, बब्रदटि िासन के दहर्ों की सरु क्षा हे र्ु कुछ राज्यों में ‘बब्रदटि प्रजा’ अथातर् भारर् यों को इन
क्षेत्रों में व्यापार करने से रोकने हे र्ु बनाए गए थे।
 वषत 1950 में, ‘बब्रदटि प्रजा’ िब्द को 'भारर् के नागररकों' के साथ बदल ददया गया।
 वर्तमान में , सभ गैर-मल
ू ननवाशसयों के शलए इन क्षेत्रों में प्रवेि करने के शलए परशमट की आवश्यकर्ा
होर् है । यह ननयम, इन राज्यों के स्थान य आददवास समद
ु ायों को िोषर् से बिाने के शलए आज भ
जारी हैं।
ववदे मशयों के सिंदभा में
इनर लाइन परशमट, केवल घरे लू पयतटकों के शलए मान्य होर्ा है । ववदे ि पयतटकों के शलए:
 मखर्परु : कोई परशमट की आवश्यकर्ा नहीीं है । लेक्रकन, खुद को रक्जस्टर करना होगा।
 शमजोरम: कोई परशमट की आवश्यकर्ा नहीीं है । लेक्रकन, पींज करर् करने की आवश्यकर्ा है ।
 नागालैंड: कोई परशमट की आवश्यकर्ा नहीीं है । हालाींक्रक, उनके शलए पींज करर् करने की आवश्यकर्ा है ।
 अरुर्ािल प्रदे ि: पयतटकों को भारर् सरकार के गह
ृ मींत्रालय से एक सींरक्षक्षर् क्षेत्र परशमट (Protected
Area Permit- PAP) या प्रनर्बींचधर् क्षेत्र परशमट (Restricted Area Permit- RAP) की आवश्यकर्ा होर्
है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. यात्रा करने हे र्ु इनर लाइन परशमट की अननवायतर्ा वाले राज्य
2. उत्तर-पव
ू ी राज्यों से जुड़े मानचित्र आधाररर् प्रश्नों पर ध्यान दें
3. पव
ू ोत्तर राज्य और उनके अींर्रातष्ट्रीय पड़ोस
में स मलिंक:
भारर् के पव
ू ोत्तर राज्यों में इनर लाइन परशमट (ILP) प्रर्ाली को लागू करने सींबध
ीं मद्
ु दे और इस प्रर्ाली
द्वारा भारर् सरकार के समक्ष पेि की गय दवु वधा का ववश्लेषर् कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3T8031VU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:सींिार नेटवकत के माध्यम से आींर्ररक सरु क्षा को िुनौर् , आींर्ररक सरु क्षा िुनौनर्यों में म डडया और
सामाक्जक नेटवक्रकंग साइटों की भशू मका, साइबर सरु क्षा की बनु नयादी बार्ें , धन-िोधन और इसे रोकना।
1. राज्य, साइबर अपराधों के मलए प्राथममकी (FIR) दजा करें : ग ृ मिंत्रालय
(File FIRs for cybercrime, States told)

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208

सिंदभा: हाल ही में , केंद्रीय गह


ृ मींत्रालय द्वारा सभ राज्यों को राष्ट्रीय साइबर िाइम ररपोहटिं ग पोटा ल,
www.cybercrime.gov.in. पर प्राप्र् शिकायर्ों के आधार पर प्राथममकी (First Information Report-FIR) दजत
करने और जाींि और करने के शलए पत्र शलखा गया है ।
आवश्यकता
 पोटत ल पर पींज कृर् होने वाली कुल शिकायर्ों में से मात्र 2.5% ही प्राथशमकी (FIR) में पररवनर्तर् होर्
है ।
 राष्ट्रीय अपराध ररकॉिा धयरू ो (NCRB) द्वारा सींकशलर् आींकड़ों के अनस
ु ार, वपछले वषा की तल
ु ना में वषा
2019 के दौरान पिंजीकृत साइबर अपराधों की सिंख्या में 63.5% की वद्
ृ गध हुई है ।
गृ मिंत्रालय द्वारा जागरूकता बढ़ाने के प्रयास:
 उपयत
ुत र् पोटत ल के माध्यम से, मींत्रालय का उद्दे श्य इींटरनेट पर ‘ववचधववरुद्ध सामग्र ’ (Unlawful
Content) को चिक्ह्नर् करने के शलए ‘साइबर अपराध स्वयींसेवकों’ (Cybercrime Volunteers) का एक
समह
ू गदठर् करना है ।
 गह
ृ मींत्रालय द्वारा ववचधववरुद्ध / अवैध ऑनलाइन सामग्र की पहिान व ररपोटत करने और इसे हटाने
में कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों की सहायर्ा करने हे र्ु ववचधववरुद्ध सामग्र चिक्ह्नर् करने वालों की भशू मका
ननभाने हे र्ु भले नागररकों को साइबर अपराध स्वयींसेवकों के रूप में पींज करर् कराने के शलए आमींबत्रर्
क्रकया गया है ।
ववगधववरुद्ध सामग्री क्या ोती ै?
ववगधववरुद्ध सामग्री (Unlawful Content) को भारर् की सींप्रभर्
ु ा और अखींडर्ा, भारर् व इसके राज्यों की सरु क्षा
र्था ववदे ि राज्यों के साथ मैत्र पर्
ू त सींबध
ीं ों के खखलाफ और साींप्रदानयक सद्भाव र्था सावतजननक व्यवस्था में
गड़बड़ उत्पन्न करने के उद्दे श्य से और बाल यौन िोषर् सींबध
ीं सामग्र के रूप में वगीकृर् क्रकया गया है ।
साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने के मलए सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदम:
 दे ि में साइबर अपराध से सींबचीं धर् मद्
ु दों को व्यापक और समक्न्वर् र्रीके से हल करने हे र्ु भारर् य
साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre - I4C) का गठन करने की
योजना बनाय गई है ।
 दे ि में महत्वपर्
ू त सि
ू ना ढाँिे की सरु क्षा हे र्ु ‘राष्ट्रीय अनर्-सींवेदनि ल सि
ू ना अवसींरिना सींरक्षर् केंद्र’
(National Critical Information Infrastructure Protection Centre- NCIIPC) की स्थापना।
 डडक्जटल सेवा प्रदान करने वाले सभ सींगठनों के शलए साइबर सरु क्षा की घटनाओीं को CERT-In में
ि घ्रर्ा से ररपोटत करने के शलए अननवायत क्रकया गया है।
 दभ
ु ातवनापर्
ू त प्रोग्राम और फ्री टूल्स का पर्ा लगाने और हटाने के शलए साइबर स्वच्छर्ा केंद्र (Cyber
Swachhta Kendra) िरू
ु क्रकया गया है ।
 साइबर हमलों और साइबर आर्ींकवाद का मक
ु ाबला करने के शलए सींकट प्रबींधन योजना (Crisis
Management Plan) का ननरूपर्।

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209

प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् य साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के बारे में
2. राष्ट्रीय अनर्-सींवेदनि ल सि
ू ना अवसींरिना सींरक्षर् केंद्र (NCIIPC)
3. CERT-In
4. साइबर स्वच््र्ा केन्द्र
में स मलिंक:
डडक्जटल इींडडया में साइबर सरु क्षा की भशू मका का परीक्षर् कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G277U0IE0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. आरबीआई के िेटा स्थानीकरण मानदिं ि (RBI Data Localisation Norms)
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य राष्ट्रीय भग
ु र्ान ननगम (National Payments Corporation of India-NPCI) द्वारा
फेसबक
ु के स्वाशमत्व वाले मैसेजजिंग प्लेटफॉमा व् ाट्सएप को दे ि में िरर्बद्ध र्रीके से अपन भग
ु र्ान सेवा
िरू
ु करने की अनम
ु नर् प्रदान कर दी गय है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
 भारर् य राष्ट्रीय भग
ु र्ान ननगम (NPCI) ने व्हार्टसएप को एकीकृर् भग
ु र्ान इींटरफेस (Unified Payments
Interface-UPI) के माध्यम से भग
ु र्ान सेवाओीं के पररिालन की अनम
ु नर् दी है ।
 व्हार्टसएप उपयोगकर्ात अपने UPI सक्षम बैंक खार्ों को शलींक कर सकर्े हैं और मैसेक्जींग ऐप के माध्यम
से धन स्थानाींर्ररर् कर सकर्े हैं।
एकीकृत भग
ु तान इिंटरफेस (UPI) क्या ै?
 यह, भारर् य राष्ट्रीय भग
ु र्ान ननगम (NPCI) द्वारा ववकशसर् एक र्त्काल ररयल-टाइम भग
ु र्ान प्रर्ाली
है ।
 इसे अप्रैल 2016 में एक पायलट प्रोजेतट के रूप में िरू
ु क्रकया गया था।
 UPI को भारर् य ररजवत बैंक (RBI) द्वारा ववननयशमर् क्रकया जार्ा है ।
ररजवा बैंक द्वारा तनधााररत िेटा स्थानीकरण मानदण्िो के अनस
ु ार-
1. िूींक्रक, भारर् के बाहर भग
ु र्ान-लेनदे न के प्रसींस्करर् पर कोई रोक नहीीं है , अर्ाः भग
ु र्ान प्रर्ाली ऑपरे टरों
(Payment System Operators- PSOs) को यह सनु नक्श्िर् करना होगा क्रक प्रसींस्करर् के बाद डेटा केवल
भारर् में सींग्रहीर् क्रकया जाए।
2. यदद डेटा प्रसींस्करर् का ववदे ि में क्रकया जार्ा है , र्ो डेटा को ववदे ि में क्स्थर् शसस्टम से शमटा कर,
भग
ु र्ान प्रसींस्करर् से आगाम 24 घींटे के भ र्र भारर् में वापस लाया जाना िादहए। इस प्रसींस्कररर्
डेटा को केवल भारर् में सींग्रहीर् क्रकया जाना िादहए।
3. आवश्यकर्ा पड़ने पर, भारर् में सींग्रहीर् डेटा को ग्राहक वववादों से ननपटने के शलए एतसेस क्रकया जा
सकर्ा है ।

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210

4. आवश्यक होने पर, भग


ु र्ान प्रर्ाली के डेटा को, आरब आई की अनम
ु नर् से, ववदे ि ननयामक के साथ
साझा क्रकया जा सकर्ा है ।
5. क्जन बैंकों, वविेष रूप से ववदे ि बैंकों, को ववदे िों में बैंक्रकींग डेटा सींग्रहीर् करने की अनम
ु नर् दी गई थ ,
उन पर ये ननयम लागू नहीीं होंगे। हालाींक्रक, घरे लू भग
ु र्ान लेनदे न के सींबध
ीं में , डेटा केवल भारर् में
सींग्रहीर् क्रकया जाएगा।
दे श में सिंग्र ीत िेटा के मलए आवश्यक शतें:
सींग्रहीर् डेटा में -
 भग
ु र्ान ननपटान या भग
ु र्ान से सींबचीं धर् एींड-टू-एींड राींजेतिन वववरर् और जानकारी साक्म्मशलर् होन
िादहए।
 ग्राहक का नाम, मोबाइल नींबर, ईमेल, आधार नींबर, पैन नींबर जैस जानकारी साक्म्मशलर् होन िादहए।
 भग
ु र्ान सींवेदनि ल डेटा जैसे ग्राहक और लाभाथी खार्ा वववरर्; ओटीप , वपन, पासवडत जैसे भग
ु र्ान
क्रेडेंशियल आदद िाशमल क्रकये जाने िादहए।
इस सिंबध
िं में हदशातनदे शों की आवश्यकता:
भारर् में भग
ु र्ान प्रर्ाली क्षेत्र में नवािार, ई-कामसत और क्रफनटे क आदद में र्ेज से प्रगनर् हुई है । अर्ाः ग्राहक,
उपयोगकर्ातओीं और सरकार के दहर्ों की सरु क्षा के शलए ददिाननदे ि और ववननयमन आदद जारी क्रकया जाना
स्वभाववक है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NPCI के बारे में
2. UPI के बारे में
3. UPI 2.0 में नव न पररवर्तन तया है ?
4. ररज़वत बैंक द्वारा ननधातररर् डेटा स्थान करर् मानदण्डो का अवलोकन
में स मलिंक:
डेटा स्थान करर् तया है ? इससे सींबचीं धर् मद्
ु दों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G0M7UFOV7.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. केरल का नया वववादास्पद पमु लस कानन
ू 118A
सिंदभा: हाल ही में , केरल सरकार द्वारा सोिल म डडया में ‘घर्
ृ ास्पद’, ‘अपमानजनक’ और ‘धमकी भरे ’ पोस्ट
डालने पर दीं डडर् करने हे र्,ु केरल पमु लस अगधतनयम में एक नई धारा 118A जोड़ गय है ।
इस क़ानन
ू को एक अध्यादे ि के माध्यम से जारी क्रकया गया है ।
नए कानन
ू के अनस
ु ार:
“सींिार के क्रकस माध्यम से, यदद कोई व्यक्तर् जानबझ
ू कर गलर् और भ्रामक र्रीके से, धमकाने, गाली दे ने,
अपमाननर् करने या बदनाम करने वाली क्रकस सामग्र का प्रकािन करर्ा है , क्जससे क्रकस अन्य व्यक्तर् अथवा
क्रकस वगत को या ननज दहर् साधने के शलए क्रकस अन्य व्यक्तर् को, मानशसक प्रर्ार्ना, उसकी प्रनर्ष्ट्ठा

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अथवा सींपवत्त को क्षनर् पहुँिर् है , र्ो साबबर् होने पर उसे र् न साल र्क का कारावास अथवा दस हजार रुपये
र्क का जुमातना या दोनों से दक्ण्डर् क्रकया जा सकर्ा है ।“
 अथातर्, क्रकस व्यक्तर् को सोिल म डडया पर ‘घर्
ृ ास्पद’ या "अपमानजनक" समझ जाने वाली पोस्ट
करने पर र् न साल की जेल और दस हजार रुपये के जुमातने का सामना करना पड़ सकर्ा है ।
 इस प्रकार की पोस्ट अथवा वविारों को शलखने और बनाने वाले के अलावा इसे साझा करने वालों को
समान दीं ड भग
ु र्ना पड़ेगा।
इस कानन
ू की आवश्यकता
वषत 2015 में , सप्र
ु म कोटत द्वारा आईटी एक्ट की धारा 66A सदहर् इस र्रह का एक क़ानन
ू - केरल पमु लस
अगधतनयम की धारा 118(d)- अशभव्यक्तर् की स्वर्ींत्रर्ा को खर्रा बर्ार्े हुए रद्द कर ददया गया था।
इन दोनों कानन
ू ों के रद्द हो जाने से, ननजर्ा के शलए खर्रा उत्पन्न करने वाले साइबर हमलों और समाज में
मदहलाओीं के शलए काफी र्कलीफ दे ने वाले ऑनलाइन अपराधों को रोकने में वर्तमान क़ानन
ू अपयातप्र् साबबर्
हो रहे थे, अर्ाः इस कम को परू ा करने के शलए केरल सरकार द्वारा यह नया कानन
ू लाया गया।

इस नए कानन
ू की आलोचना का कारण
वविेषज्ञों द्वारा इस कानन
ू को ‘क्रूर’ बर्ाया जा रहा है , तयोंक्रक:
1. इस क़ानन
ू को न केवल ‘अस मतत’, बजल्क वाक् एविं अमभव्यजक्त की स्वतिंत्रता का भ दमन करने के
प्रयास के रूप में दे खा जा रहा है ।
2. इस क़ानन
ू के द्वारा, आईटी एक्ट की धारा 66A के कानन
ू दोषों को पन
ु जीववर् कर ददया गया है , क्जन्हें
उच्िर्म न्यायालय ने क़ानन
ू रद्द कर समाप्र् कर ददया था।

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212

3. यह कानन
ू , व्यापक और अस्पष्ट्ट है और इसका क्रकन्ही व्यक्तर्यों द्वारा, अथवा सरकार और पशु लस
द्वारा, अपने पक्ष में असहमनर् रखने वालों के ववरुद्ध अींधाधध
ुीं र्रीके से दरु
ु पयोग क्रकया जा सकर्ा है ।
4. हालाींक्रक केरल सरकार का दावा है , क्रक इस क़ानन
ू का प्रयोग मदहलाओीं के खखलाफ साइबर अपराधों से
लड़ने के शलए क्रकया जायेगा, लेक्रकन इसका कानन
ू में कोई उल्लेख नहीीं क्रकया गया है ।
5. यह क़ानन
ू , बबना क्रकस क्षेत्र स मा के अशभव्यक्तर् को प्रनर्बींचधर् करर्ा है र्था सक्रक्रय रूप से सींववधान
के अनच्
ु छे द 19 को बाचधर् करर्ा है और इसमें अनच्
ु छे द 19 (2) के र्हर् सींरक्षर् नहीीं ददया गया है ।
6. यह क़ानन
ू , राज्य में पशु लस कायतप्रर्ाली पर प्रभाव रूप से ड ड ओएस हमला (Denial-of-Service Attack)
होगा। इससे लोगों के ब ि हर र्रह के मद्
ु दों को लेकर एफआईआर दजत कराने के शलए भारी भ ड़ लग
जाएग ।
7. इस क़ानन
ू में , पशु लस को क्रकस के भ खखलाफ स्वर्ाः सींज्ञान लेकर मामला दजत करने की िक्तर् प्रदान
की गय है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GNP8090RL.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:स मावर्ी क्षेत्रों में सरु क्षा िुनौनर्याँ एवीं उनका प्रबींधन- सींगदठर् अपराध और आर्ींकवाद के ब ि सींबध
ीं ।
1. बब्रक्स दे शों की आतिंकवाद तनरोधक रणनीतत (BRICS counter-terror strategy)
सिंदभा: हाल ही में , बब्रतस समह
ू द्वारा सदस्य दे िों के मध्य द्ववपक्ष य र्था बहुपक्ष य सहयोग को मजबर्
ू करने
के शलए आर्ींकवादी सींबध
ीं खर्रों से प्रभाव र्रीके से ननपटने हे र्ु आर्ींकवाद ननरोधक रर्न नर् जारी की गय
है ।
नई आर्ींकवाद रोध रर्न नर् को, समह
ू के हाल ही में आभास प्रारूप में आयोक्जर् वावषतक शिखर सम्मेलन के
दौरान अपनाया गया था।
रणनीतत का अवलोकन:
 इस रर्न नर् का उद्दे श्य सदस्य राष्ट्रों के सरु क्षा और कानन
ू -प्रवर्तन अचधकाररयों के मध्य व्यावहाररक
सहयोग में सध
ु ार करना है र्ाक्रक समय पर और सही जानकारी साझा करके आर्ींकवाद को रोका जा
सके।
 रर्न नर् में आर्ींकवादी समह
ू ों, सींस्थाओीं और सींबचीं धर् व्यक्तर्यों को प्राप्र् हो रही सहायर्ा को समाप्र्
क्रकये जाने पर ध्यान केक्न्द्रर् क्रकया जाएगा, इसके शलए उनके ववत्त य और भौनर्क सींसाधनों पर रोक
लगाई जाएग ।
 बब्रतस दे िों द्वारा आर्ींकवाद में सहायक ‘अनर्वादी बयानों’ से ननपटने हे र्ु सींकल्प शलया गया और
आर्ींकी समह
ू ों द्वारा, इींटरनेट और सोिल म डडया प्लेटफॉमत का उपयोग, भर्ी और कर्टटरर्ा फ़ैलाने पर
रोक लगाने का प्रर् क्रकया गया।

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213

 इस रर्न नर् का कायातन्वयन बब्रतस आर्ींकवाद-ननरोध कायत समह


ू (counter-terrorism working group
- CTWG) द्वारा क्रकया जाएगा और बब्रतस के उच्ि सरु क्षा प्रनर्ननचधयों को इस रर्न नर् के कायातन्वयन
की सम क्षा का दानयत्व सौंपा जाएगा।
महत्व:
इन प्रयासों से ‘आर्ींकवाद के आगे भौगोशलक ववस्र्ार’ पर रोक लगाने में मदद शमलेग और सींघषत क्षेत्रों से
अपने मल
ू दे ि अथवा क्रकस र् सरे दे ि में लौटने वाले आर्ींकवाददयों से होने वाले सींभाववर् खर्रों से भ
ननपटा जा सकेगा।
https://indianexpress.com/article/india/china-signs-off-on-brics-counter-terror-strategy-no-mention-
of-border-stand-off-7055121/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. सीमािंत राजमागा पररयोजना (Frontier Highway Project)
सिंदभा: भारर् य और ि न सेनाओीं के मध्य मई में हुए लद्दाख गनर्रोध के बाद से, अरुर्ािल प्रदे ि द्वारा यद्
ु ध
जैस पररक्स्थर्याीं होने पर सैन्य बलों की र् व्र आवाजाही में सग
ु मर्ा के शलए ‘भारत-ततधबत सीमा’ से लगे ु ए
एक महत्वाकाींक्ष फ्रिंहटयर राजमागा पररयोजना (Frontier Highway Project) पर जोर ददया जा रहा है ।
‘सीमािंत राजमागा पररयोजना’ के बारे में :
 इसे अरुर्ािल फ्रींदटयर हाईवे र्था मागो-गथिंग्ब-ु ववजयनगर बॉिार ाईवे (Mago-Thingbu–Vijaynagar
Border Highway) भ कहा जार्ा है ।
 यह 2,000 क्रकलोम टर लींब सड़क मैकमो न रे खा के साथ-साथ िलर् है ।
 यह राींस-अरुर्ािल हाईवे (ब ि से होर्े हुए) और अरुर्ािल पव
ू -त पक्श्िम कॉररडोर (असम की स मा के
साथ र्लहटी में ) के साथ अरुर्ािल प्रदे ि के प्रमख
ु राजमागों के रूप में लक
ु ईस्ट कनेक्तटववटी (Look
East connectivity) अवधारर्ा को आगे बढ़ार्ा है ।
 यह राजमागत, अरुर्ािल प्रदे ि की र्लहटी में भैरवकींु ड, असम और भट
ू ान की बत्रक-सींचध (Tri-Junction)
पर प्रस्र्ाववर् पव
ू ी-पक्श्िम औद्योचगक गशलयारे राजमागत से होकर गज
ु रे गा और पव
ू ी शसयाींग क्जले में
रुक्तसन र्क जाएगा।
 यह राजमागत ददबाींग वन्यज व अभयारण्य से होकर गज
ु रे गा, क्जससे पयातवरर् य मद्
ु दे उठने की सींभवना
है ।
आवश्यकता:
 यह राजमागत इन दग
ु म
त क्षेत्रों में पयतटन को बढ़ावा दे गा और रोजगार उत्पन्न करे गा।
 यह राजमागत भारर् य क्षेत्र में ि न घस
ु पैठ पर रोक लगाएगा। ि न द्वारा अपन स मा में सड़क और
रे लवे नेटवकत का ववस्र्र्
ृ ननमातर् क्रकया गया है , क्जससे भारर् को सरु क्षा के शलए खर्रा उत्पन्न हुआ
है । यह क्षेत्र भारर् य स मा की ओर से अपेक्षाकृर् अचधक दग
ु म
त है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. स माींर् राजमागत पररयोजना के बारे में

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2. राींस- अरुर्ािल हाईवे के बारे में

में स मलिंक:
हमें स माींर् राजमागत पररयोजना की आवश्यकर्ा तयों है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GNP8090RN.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

3. पािंग्दा गािंव (Pangda village)


 यह ि न द्वारा स मा के नजदीक बसाया गया एक नया गाँव है ।
 यह गाींव ि न और भट
ू ान के मध्य वववाददर् क्षेत्र पर क्स्थर् है ।
 यह क्षेत्र डोकलाम पठार पर भारर्-भट
ू ान-ि न बत्रक-सींचध (Tri-Junction) के पव
ू त में है । इस बत्रक-सींचध
पर वषत 2017 में भारर् और ि न के मध्य 72 ददनों र्क गनर्रोध जारी रहा था।
वपछले उदा रण:
 इस वषत जुलाई में , ब क्जींग ने, पव
ू ी भट
ू ान में क्स्थर् सकर्ें ग वन्यज व अभयारण्य, पर ि न का दावा
क्रकया था।
 ि न ने ‘वैक्श्वक पयातवरर् सवु वधा’ (Global Environment Facility-GEF) की 58 व ीं बैठक में भट
ू ान के
इस क्षेत्र पर अपना दावा जर्ाया था। क्जसमे ि न ने भट
ू ान में क्स्थर् सकर्ें ग वन्यज व अभयारण्य हे र्ु
एक पररयोजना के शलए ‘वैक्श्वक पयातवरर् सवु वधा’ (Global Environment Facility-GEF) द्वारा ववत्त
पोषर् करने का ववरोध क्रकया और क्रक यह वववाददर् क्षेत्र है ।

िोकलाम-वववाद क्या था?


भारर् का भट
ू ान के साथ स मा-सरु क्षा सींबध
ीं समझौर्ा है । डोकलाम में ि न से भारर् का आमना-सामना भट
ू ान
से सींबचीं धर् क्षेत्र में हुआ था।

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ि न , डोकलाम नामक स्थान पर कब्ज़ा करना िाहर्े थे, र्था इनका उद्दे श्य भारर् के शसशलगड़
ु कॉररडोर के
नजदीक आना था। शसलीगड़
ु कॉररडोर को मग
ु े की गदत न (chicken's neck) के रूप में भ जाना जार्ा है , यह दे ि
के पव
ू ोत्तर राज्यों को दे ि के बाकी दहस्सों से जोड़र्ा है ।

िोकलाम-वववाद ककस प्रकार समाप्त ु आ?


यह व्यावहाररक रूप से ‘आँख से आँख’ शमलाने वाला गनर्रोध था, जोक्रक बब्रतस (BRICS) आयोजन के मद्दे नजर
समाप्र् हुआ था। ि न BRICS की मेजबान कर रहा था, र्था भारर् ने डोकलाम से प छे नहीीं हटने पर दृढ़र्ा
ददखाई थ र्था भारर् द्वारा BRICS बैठक का बादहष्ट्कार क्रकये जाने की सींभावना थ । राजननयक हस्र्क्षेप से
इस गनर्रोध की समाक्प्र् हुई थ ।

प्रीमलम्स मलिंक:
1. पाींग्दा गाींव
2. डोकलाम कहाीं है ?
3. िुम्ब घाटी कहाँ है ?
4. गलवान नदी के बारे में ।
5. शसलीगड़
ु कॉररडोर।
6. LAC बनाम LOC।
7. डोकलाम के पड़ोस भारर् य राज्य।

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216

में स मलिंक:
सरकार को लद्दाख में ‘वास्र्ववक ननयींत्रर् रे खा’ (LAC) पर, स्टैंड-ऑफ से पहले की ‘क्स्थनर्’ की बहाली हे र्ु
समझौर्ा क्रकये बबना ‘सैन्य-र् व्रर्ा’ में कम करने पर सहमर् तयों नहीीं होना िादहए, ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2M80CGO3.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू

ववषय:ववशभन्न सरु क्षा बल और सींस्थाएँ र्था उनके अचधदे ि।


1. आमी एववएशन कोर (AAC)
सिंदभा: आमी एववएिन कॉप्सत (Army Aviation Corps- AAC) द्वारा 1 नवींबर को अपना पैर् सवाीं स्थापना ददवस
मनाया गया।
आमी एववएशन कोर (AAC) के बारे में :
 यह भारर् य सेना की सबसे यव
ु ा वादहन है ।
 1 नवींबर 1986 को आमी एववएिन कोर की स्थापना एक अलग सींगठन के रूप में की गय थ ।
 आमी एववएिन कोर एक स शमर् ननगरान एवीं प्रेक्षर् वाली िाखा से बढ़ कर भारर् य सेना की एक
सितर् वायरु क्षा प्रर्ाली के रूप में ववकशसर् हो गई है ।
सिंरचना: आमी एववएिन कोर (AAC) में अचधकाररयों व अन्य कशमतयों की भर्ी सेना के ववशभन्न अींगो से की
जार् है ।
भमू मकाएँ और काया:
 आमी एववएिन कोर (AAC) के हे लीकॉप्टरों द्वारा मख्
ु य रूप से टोही गनर्ववचधयाँ, ननगरान , आपदाकालीन
ननकास , आवश्यक वस्र्ओ
ु ीं को पहुिाना, यद्
ु धक खोज व बिाव आदद भशू मकाएँ ननभाई जार् हैं।
 AAC हे लीकॉप्टर िाींनर् काल में मानव य सहायर्ा और आपदा राहर् (Humanitarian Aid and Disaster
Relief- HADR) अशभयानों में भ भाग लेर्े हैं।
 कुछ क्स्थनर्यों में , सेना के हे शलकॉप्टर भ एयरबोनत कमाींड पोस्ट के रूप में कायत कर सकर्े हैं, र्था
जरूरर् पड़ने पर ग्राउीं ड कमाींड पोस्ट की जगह ले सकर्े हैं।
बेड़ा (Fleet)
वर्तमान में , आमी एववएिन कोर (AAC) के बेड़े में , िेर्क, ि र्ा, लाींसर, एडवाींस्ड लाइट हे लीकॉप्टर (ALH) ध्रुव,
और रुद्र (RUDRA) आदद सक्म्मशलर् है ।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-army-aviation-corps-the-youngest-
corps-of-the-indian-army-6912908/.

स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस

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प्रारजम्भक परीक्षा े तु तथ्य

1. एज् ु थाचन परु स्कारम (Ezhuthachan Puraskaram)


 वषत 1993 में स्थावपर्, यह केरल सरकार का सवोच्च साह जत्यक सम्मान है ।
 यह परू
ु स्कार केरल साह त्य अकादमी द्वारा प्रदान क्रकया जार्ा है ।
 यह परु स्कार प्रनर् वषत मलयालम सादहत्य के जनक ‘थुन्िाथथू एज्हुथािन' (Thunchaththu
Ezhuthachan) के नाम पर ददया जार्ा है । इसके र्हर् 5,00,000 का नकद परु स्कार और एक प्रिक्स्र्
पत्र प्रदान क्रकये जार्े है ।
सिंदभा: प्रशसद्ध मलयाली लेखक पॉल याचररया (Paul Zacharia) को 28वें एज्हुथािन परु स्कार के शलए िन
ु ा
गया है ।
2. चगचात स्थल: काजीरिं गा राष्ट्रीय उद्यान एविं टाइगर ररजवा (KNPTR)
 यह असम में क्स्थर् एक राष्ट्रीय उद्यान (National Park) है ।
 मैरी कजतन (Mary Curzon) की शसफाररि पर वषत 1908 में गदठर्, यह पाकत पव
ू ी दहमालय जैव ववववधर्ा
के आकषतर् केंद्र - गोलाघाट और नौगािंव जजले में क्स्थर् है ।
 इस पाकत में प्रशसद्ध एक स ींग वाले गैंडों की ववश्व की दो-नर्हाई आबादी पाय जार् है ।
 यह एक ववश्व धरो र स्थल है ।
 इसे प्रवास पक्ष प्रजानर्यों के सींरक्षर् हे र्ु बिालाइफ इिंटरनेशनल द्वारा एक म त्वपण
ू ा पक्षी क्षेत्र के रूप
में भ मान्यर्ा प्रदान की गय है ।
 काज रीं गा में मख्
ु यर्ाः ‘िार बड़ ’ प्रजानर्यों के सींरक्षर् प्रयासों फोकस क्रकया जार्ा है - गैंड,े हाथ , रॉयल
बींगाल टाइगर और एशियाई जल भैंसा।
 काज रीं गा, िार मख्
ु य नददयों - ब्रह्मपत्र
ु , ददफ्लू (Diphlu, मोरा ददफ्लू और मोरा धनशसरी के क्षेत्रों में
अवक्स्थर् है ।
3. '16 साइकी' क्षुद्रग्र (16 Psyche Asteroid)
 16 साइकी (16 Psyche) मींगल और
बह
ृ स्पनर् ग्रह के ब ि क्षुद्रग्रह पेदटका
(asteroid belt) में क्स्थर् है।
 यह ऐस्टरॉइड बेल्ट प्
ृ व से लगभग
370 शमशलयन क्रकलोम टर दरू क्स्थर् है ।
 इसे पहली बार 1853 में खोजा गया था
और इसका नामकरर् आत्माओीं की
प्राि न ग्र क दे व , साइके (Greek goddess
of the soul- Psyche) के नाम पर रखा
गया था।

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चचाा का कारण
 एक हाशलया अध्ययन में पाया गया है क्रक यह क्षुद्रग्रह पर्
ू र्
त याः धार्ु से ननशमतर् हो सकर्ा है और इसकी
कीमर् अनम
ु ाननर् रूप से $ 10,000 तवाडड्रशलयन हो सकर् है – जो क्रक प्
ृ व की परू ी अथतव्यवस्था से
अचधक होग ।
 नासा के हबल स्पेस टे लीस्कॉप के चित्रों से पर्ा िला है क्रक इस क्षुद्रग्रह की सर्ह, प्
ृ व की कोर की
भाींनर्, लोहे और ननकल से बन हो सकर् है ।
4. केवडिया टूररज्म सककाट
सिंदभा: हाल ही में प एम मोदी द्वारा स्टै च्यू ऑफ यनू नटी (Statue of Unity- SoU) के आसपास 17 पयतटन
पररयोजनाओीं का उद्घाटन क्रकया गया है , क्जन्हें अब ‘केवडडया टूररज्म सक्रकतट’ कहा जाएगा।
प्रमख
ु बबिंद:ु
 केवडडया (Kevadia) आददवास नमतदा क्जले का एक गाँव है । यहाँ पर नमतदा नदी पर सरदार सरोवर
बाींध जलािय का ननमातर् क्रकया गया है ।
 केवडडया सक्रकतट में फूलों की घाटी, ववश्व वान, कैतटस गाडतन, बटरफ्लाई गाडतन सदहर् 35 पयतटन स्थल
िाशमलहैं।
5. वैभव मशखर सम्मेलन (VAIBHAV Summit)
वैजश्वक भारतीय वैज्ञातनक (VAIBHAV) मशखर सम्मेलन, प्रवास और ननवास भारर् य वैज्ञाननकों और शिक्षाववदों
का एक वैक्श्वक शिखर सम्मेलन है ।
 इस वैक्श्वक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 2 अक्टूबर 2020 - म ात्मा गािंधी की जयिंती पर ककया गया
था तथा इसका समापन 31st अक्टूबर 2020 सरदार वल्लभभाई पटे ल जयिंती, के अवसर हुआ।
 इसके र्हर् ििात के प्रमख
ु क्षेत्रों, तवाींटम प्रौद्योचगक्रकयाँ, कृबत्रम बद्
ु चधमत्ता और मि न लननंग, सींिार
प्रौद्योचगक्रकयाँ, कम्प्यट
ू े िनल और डेटा ववज्ञान और एयरोस्पेस प्रौद्योचगक्रकयाँ आदद को सक्म्मशलर् क्रकया
गया।
6. मानसर झील पररयोजना
सिंदभा: हाल ही में , जम्मू और कश्म र क्स्थर् मानसर झ ल ववकास योजना का उद्घाटन क्रकया गया था।
 इस पररयोजना के लागू होने के बाद, मानसर क्षेत्र में प्रनर् वषत पयतटकों और र् थतयाबत्रयों की सींख्या
मौजूदा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख हो जाएग ।
 मानसर कायाकल्प योजना से लगभग 1.15 करोड़
मानव ददन रोजगार सक्ृ जर् होंगे और प्रनर् वषत-800
करोड़ रुपये से अचधक की आय होग ।
मानसर झील के बारे में :
 मानसर झ ल जम्मू से 62 क्रकम दरू क्स्थर् है ।

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 नवींबर 2005 में सरु रनसरमानसर झ ल- को रामसर स्थल के रूप में घोवषत क्रकया गया था।
7. ओडिशा में नशीले पदाथों की खेती का पता लगाने के मलए उपग्र का उपयोग
ओडिशा अिंतररक्ष अनप्र
ु योग केंद्र (Odisha Space Application Centre- OSAC) द्वारा सद
ु रू सींवेदन और कृबत्रम
बद्
ु चधमत्ता र्कन कों का उपयोग करर्े हुए कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों को अवैध गाींजा (भाींग की एक क्रकस्म) की
खेर् का पर्ा लगाने में सहयोग करने का प्रस्र्ाव ददया गया है ।
जम न स्र्र के अचधकाररयों के शलए मोबाइल-आधाररर् एप्लीकेिन ववकशसर् करने के अनर्ररतर्, OSAC ने
नागररक द्वारा अवैध गाींजा की खेर् के बारे में ररपोटत करने हे र्ु एक प्रर्ाली बनाने का प्रस्र्ाव ददया है । इस
प्रर्ाली के माध्यम से लोग गैर-कानन
ू गाींजा की खेर् की र्स्व रें और व डडयो ले सकर्े हैं और ररपोटत कर
सकर्े हैं।
आवश्यकता: ओडडिा, भारर् के अग्रर् भाींग उत्पादक राज्यों में से एक है । हालाींक्रक कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों ने
गैर-कानन
ू नि ले पदाथों की खेर् पर ननयींत्रर् करने हे र्ु छापेमारी र्ेज कर दी है , लेक्रकन वास्र्ववक समय के
आधार पर खेर् का पर्ा लगाना मक्ु श्कल है ।
8. केरल लोक सेवा आयोग में सामान्य श्रेणी के गरीबों के मलए 10% कोटा
 केरल लोक सेवा आयोग (PSC) में आचथतक रूप से कमजोर वगों (EWS) के शलए सरकारी नौकररयों में
10% आरक्षर् कोटा लागू क्रकया जाएगा। हाल ही में राज्य मींबत्रमींडल द्वारा इस सींदभत में मींजूरी दी
गय है ।
 केरल सरकार का यह ननर्तय, सींववधान के 103 वें सींिोधन के आधार पर 10% आरक्षर् प्रदान करने
सींबध
ीं केंद्र के ननर्तय के अनरू
ु प है ।
9. त्रावणकोर कछुआ (Travancore Tortoise)
यह बड़े आकार का एक जींगली कछुआ होर्ा है , क्जसकी लम्बाई 330 शमलीम टर र्क होर् है ।
सिंरक्षण जस्थतत:
 IUCN लाल सि
ू - सभ
ु द्
े य (Vulnerable);
 भारर् य वन्यज व (सींरक्षर्) अचधननयम: अनस
ु ि
ू IV
ववतरण: पक्श्िम घाट, केरल, कनातटक और र्शमलनाडु राज्यों में पाया जार्ा है ।
10. ममशन सागर- II
शमिन सागर-II के एक अींग के रूप में , भारर् य नौसेना जहाज ऐरावर् सड
ू ान, दक्षक्षर् सड
ू ान, क्जबर्
ू और इररदरया
को खाद्यान्न सहायर्ा पहुींिाएगा।
 शमिन सागर-II, मई-जून 2020 में सींपन्न क्रकए गए प्रथम ‘शमिन सागर’ का अनस
ु रर् करर्ा है ।
 प्रथम ‘शमिन सागर’ के र्हर् भारर् ने मालदीव, मॉरीिस, सेिल्
े स, मेडागास्कर और कोमोरोस को खाद्य
सहायर्ा और दवाइयाीं प्रदान की थ ।
11. म ारानी जजन्द कौर
वह महाराजा रर्ज र् शसींह की सबसे छोटी पत्न थ ीं।

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 महारान क्जन्द कौर, शसख साम्राज्य के अींनर्म िासक महाराजा दलीप शसींह की माीं थ ीं। दलीप शसींह का
पालन-पोषर् अींग्रेजों द्वारा क्रकया गया था।
 उसने पींजाब में अींग्रेजों के ववरुद्ध एक जोि ले ववद्रोह का नेर्त्ृ व क्रकया, लेक्रकन अींर्र्ाः उन्हें आत्मसमपतर्
करने के शलए वववि होना पड़ा।
चचाा का कारण
हाल में लींदन के बोंह्मस इस्लाममक और इिंडियन आटा (Bonhams Islamic and Indian Art) द्वारा आयोक्जर्
एक ‘सेल’ में उनके कुछ आभष
ू र्ों की न लाम की गय थ ।
12. वचअ
ुा ल ग्लोबल इनवेस्टर राउिं िटे बल (VGIR)
प्रधानमींत्र श्र नरे न्द्र मोदी 5 नवींबर, 2020 को विअ
ुत ल ग्लोबल इन्वेस्टर राउीं डटे बल (VGIR) की अध्यक्षर्ा करें गे।
 इस VGIR का आयोजन ववत्त मींत्रालय, भारर् सरकार र्था राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष
(एनआईआईएफ) द्वारा क्रकया जा रहा है ।
 यह अग्रर् वैक्श्वक सींस्थागर् ननवेिकों, भारर् य व्यापार जगर् के प्रमख
ु ों और भारर् सरकार र्था ववत्त य
बाजार ननयामकों के ि षत न नर्-ननमातर्ाओीं के ब ि एक वविेष सींवाद है ।
13. ‘आस-पास की चुनौततयों से तनपटना’ कायािम
 इस कायतक्रम को केंद्रीय आवास और िहरी मामलों के मींत्रालय द्वारा िरू
ु क्रकया गया है ।
 यह छोटे बच्िों और उनके पररवारों के शलए िहरों को आकार दे ने पर ध्यान केंदद्रर् करने के शलए
अड़ोस-पड़ोस की िुनौनर्यों से ननपटने के शलए एक कायतक्रम है ।
 यह कायतक्रम 100 स्माटत िहरों, 5 लाख से अचधक आबादी वाले िहरों और राज्य / केंद्र िाशसर् प्रदे िों
की राजधाननयों में िरू
ु क्रकया
 जाएगा।
14. लु री जल ववद्यत
ु पररयोजना
 मींबत्रमींडल की आचथतक मामलों की सशमनर् (CCEA) ने दहमािल प्रदे ि सतलज
ु नदी पर जस्थत 210
मेगावाट क्षमर्ा वाली लह
ु री जल ववद्यर्
ु पररयोजना के शलए 1810.56 करोड़ रुपये के ननवेि प्रस्र्ाव
को मींजूरी दी है ।
 यह पररयोजना ह माचल प्रदे श के कुल्लू और मशमला जजलों में क्स्थर् है ।
15. म त्वपण
ू ा तततली प्रजाततयािं
नोट: ननम्नशलखखर् प्रजानर्याीं और उनके वास-स्थल, आज के ‘द दहींद’ू समािार पत्र में ददए गए एक लेख पर
आधाररर् हैं। इन सभ प्रजानर्यों के नामों को रटना आवश्यक नहीीं है । बस एक सींक्षक्षप्र् अवलोकन पयातप्र् है ।
सिंदभा:
नर्र्शलयों का मौसम आमर्ौर पर दक्षक्षर्-पक्श्िम मानसन
ू की िरु
ु आर् के साथ िरू
ु होर्ा है ; और मानसन
ू के
जाने के बाद फरवरी र्क जारी रहर्ा है । इस साल, दे ि भर में वविेष रूप से कई दल
ु भ
त नर्र्ली प्रजानर्यों को
दे खा गया है ।

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प्रमख
ु बबिंद:ु
 वषत 2015-16 के दौरान केरल के नेय्यार वन्यज व अभयारण्य में 100 वषों के बाद पाींि धाररयों वाली
(Striated Five-ring) नर्र्ली की प्रजानर् दे ख गई।
 नर्र्शलयों के बारे के खोज व्यक्तर्यों द्वारा 130 साल बाद न लचगरर प्लेन ऐस (Nilgiri Plain Ace)
प्रजानर् क्रफर से खोजा गया।
 वविाखापत्तनम में पहली बार दे ख गय माबतल मैप नर्र्ली (Marbled Map butterfly) को वन्यज व
सींरक्षर् अचधननयम की अनस
ु ि
ू II के र्हर् सींरक्षक्षर् क्रकया गया है । यह 'दल
ु भ
त ' प्रजानर् शसक्तकम,
अरुर्ािल प्रदे ि, झारखींड, भट
ू ान और म्याींमार के पहाड़ जींगलों र्क स शमर् है ।
 मालाबार बैंडड
े प कॉक (Malabar Banded Peacock) प्रजानर् दक्षक्षर् भारर् के शलए स्थाननक है ।
 हाल ही में , ब्राींडड
े रॉयल (Branded Royal) प्रजानर् 130 से अचधक वषों के अींर्राल के बाद यह न लचगरी
क्षेत्र में पाई गय ।
 ब्लू मॉमतन (Blue Mormon), एक काले रीं ग की मखमली पींखों वाली नर्र्ली, पक्श्िम घाट में पाई जाने
वाली एक प्रजानर्, पटना में दे ख गय ।
 छत्त सगढ़ के सींरक्षक्षर् वनों में एींजल बटरफ्लाई (Angle butterfly) नर्र्ली दे ख गई है ।
 लीशलएक शसल्वरलाइन (Liliac Silverline), एक सींरक्षक्षर् प्रजानर्, जो बेंगलरु
ु में पाय जार् है , पहली बार
राजस्थान के अरावली रें ज में दे ख गई।
(https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGA7UBB92.1&imageview=0.)

16. लीशमैतनया िोनोवानी (Leishmania donovani)


लीिमैननया डोनोवान (कालाजार रोग परज व ), के रोगजनन क्षमर्ा एवीं उसके अक्स्र्त्व की रर्न नर् को समझने
की ददिा में क्रकए गए उनके महत्वपर्
ू त िोध कायत के शलए CSIR-CDRI लखनऊ के वैज्ञाननक को इस साल के
प्रोफेसर ए.एन. भादड़ु मेमोररयल लेतिर अवाडत के शलए िुना गया है ।
 लीिमैननया डोनोवान एक प्रोटोजोअन परज व है जो मैक्रोफेजकोशिकाओीं को सींक्रशमर् करर्ा है और
दनु नया भर में लाखों लोगों को प्रभाववर् करने वाले एक घार्क सींक्रामक रोग,लीश्मेन याशसस (कालाजार)
का मख्
ु य कारक है ।
 यह प्लीहा, यकृर् और अक्स्थ मज्जा सदहर् मोनोन्यक्ू तलयर फैगोसाइट शसस्टम को सींक्रशमर् करर्ा है ।
17. अवधानम (Avadhanam)
 ‘अवधानम' एक रोिक सादहक्त्यक गनर्ववचध है , क्जसमें मक्ु श्कल सादहक्त्यक पहे शलयों को हल
करना, कववर्ाओीं को सध
ु ारना और ऐसे कई कायों को एक साथ करने की एक व्यक्तर् की क्षमर्ा की
परीक्षा करना िाशमल है ।
 अवधानम' एक सींस्कृर् सादहक्त्यक प्रक्रक्रया के रूप में उत्पन्न हुआ और आधुननक समय में र्ेलग
ु ु और
कन्नड़ में कववयों द्वारा पन
ु जीववर् क्रकया जा रहा है ।
चचाा का कारण

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उपराष्ट्रपनर् श्र एम. वेंकैया नायडू ने कहा क्रक एक सादहक्त्यक गनर्ववचध के र्ौर पर 'अवधानम' ने र्ेलग
ु ू भाषा
की गौरविाली परीं परा में व्यापक योगदान ददया है ।
18. राष्ट्रीय मानसन
ू ममशन
इसे वषा 2012 में पथ्
ृ वी ववज्ञान मिंत्रालय (MoES) द्वारा िरू
ु क्रकया गया था।
 इसका उद्दे श्य लघ,ु मध्यम और लींब दरू ी के क्षेत्रों हे र्ु पव
ू ातनम
ु ानों के शलए अत्याधुननक, गनर्ि ल
मानसन
ू भववष्ट्यवार् प्रर्ाली ववकशसर् करना है ।
 राष्ट्रीय मानसन
ू शमिन के र्त्वाधान में 12 क्रकलोम टर क्षेत्र के शलए छोटी और मध्यम श्रेर् की
भववष्ट्यवार् हे र्ु एक ग्लोबल एनसेंबल पव
ू ाानम
ु ान प्रणाली ववकशसर् की गय है ।
19. बािंग्लादे श में रािंसजेंिरों के मलए मदरसा
बाींग्लादे ि में राींसजेंडर मस
ु लमानों के शलए अपना पहला इस्लाशमक स्कूल खोला गया है । मौलववयों ने इसे
समाज में भेदभाव से ग्रस्र् इस अल्पसींख्यक समद
ु ाय को मख्
ु यधारा में एकीकृर् करने की ददिा में पहला कदम
बर्ाया है ।
20. राष्ट्रीय जल परु स्कार
जल सींसाधन सींरक्षर् और प्रबींधन के क्षेत्र में कायत कर रहे लोगों के प्रयासों का सम्मान करने के शलए दस
ू रे
राष्ट्रीय जल परु स्कार प्रदान क्रकये जायेंगे।
परु स्कार के बारे में :
 ये परु स्कार, जल सींसाधन, नदी ववकास और गींगा सींरक्षर् ववभाग, जल िक्तर् मींत्रालय, भारर् सरकार
द्वारा परु स्कार प्रदान क्रकये जार्े हैं।
 राष्ट्रीय जल परु स्कार ववशभन्न श्रेखर्यों, जैसे सवतश्रेष्ट्ठ राज्य, सवतश्रेष्ट्ठ क्जला, सवतश्रेष्ट्ठ ग्राम पींिायर्, सवतश्रेष्ट्ठ
िहरी स्थान य ननकाय, सवतश्रेष्ट्ठ अनस
ु ध
ीं ान / नवािार / नई र्कन क आदद में प्रदान क्रकये जार्े है ।
21. स्टै नफोिा द्वारा जारी शीषा 2 प्रततशत वैज्ञातनकों की सच
ू ी
स्टै नफोडत यनू नवशसतटी ने हाल ही में एक सि
ू जारी की है जो ववशभन्न ववषयों में सबसे अचधक उद्धर्
ृ वैज्ञाननकों
में से 2 प्रनर्िर् का प्रनर्ननचधत्व करर् है ।
 इस परू ी सि
ू में 1,59,683 वैज्ञाननक सक्म्मशलर् क्रकये गए हैं।
 सि
ू में 1,492 भारर् यों ने स्थान पाया है , क्जनमें से अचधकाींि IIT और IISc और अन्य ि षत सींस्थानों
से हैं, जो भौनर्क ववज्ञान, भौनर्क ववज्ञान, रसायन इींज ननयररींग, पादप ज व ववज्ञान, ऊजात और अन्य जैसे
क्षेत्रों का प्रनर्ननचधत्व करर्े हैं।
 दो अकाबातनक और परमाणु रसायन ववज्ञान के क्षेत्र में दो भारर् य वैज्ञाननकों प्रो गौर्म दे स राजू (रैंक
2) और CNR राव (रैंक 3) को सि
ू में ि षत के करीब स्थान शमला है ।
22. अटल बीममत व्यजक्त कल्याण योजना (ABVKY)
इस योजना को वषत 2018 में कमतिारी राज्य ब मा (ESI) द्वारा लॉन्ि क्रकया गया था।

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उद्दे श्य: इसका उद्दे श्य उन लोगों का आचथतक रूप से सहयोग करना है , क्जन्होंने रोजगार प्रर्ाली में पररवर्तन
होने के कारर् अपन नौकरी खो दी है अथवा क्रकस अन्य कारर्वि बेरोजगार हैं।
इस योजना के र्हर् अगस्र् में पात्रर्ा मानदीं डो में ढील दी गई थ :
 अचधकर्म 90 ददनों की बेरोज़गारी के शलये, योजना के र्हर् भग
ु र्ान राशि को औसर् मज़दरू ी के 25%
से बढ़ाकर 50% र्क बढ़ा ददया गया है ।
 बेरोज़गारी के 90 ददनों के बाद राहर् भग
ु र्ान क्रकये जाने के बजाय अब 30 ददनों के बाद भग
ु र्ान क्रकया
जाएगा।
 ब शमर् व्यक्तर् को उसकी बेरोज़गारी से पव
ू त न्यन
ू र्म दो वषत की अवचध के शलये ब मा योग्य रोज़गार
में होना िादहये र्था उसका बेरोज़गारी से ठीक पहले की योगदान अवचध में 78 ददनों से कम का
योगदान नहीीं होना िादहये। बेरोज़गारी से 2 वषत पहले की िेष र् न योगदान अवचधयों में से एक में
न्यन
ू र्म 78 ददनों का योगदान होना िादहये।
23. इिंडिया मोबाइल कािंग्रेस (IMC)
सिंदभा: हाल ही में , इींडडया मोबाइल काींग्रेस 2020 के चौथे सिंस्करण के आयोजन की घोषर्ा की गय है ।
इस वषत इींडडया मोबाइल काींग्रेस (IMC) की थ म - "समावेशी नवाचार – स्माटा , सरु क्षक्षत, हटकाऊ" (Inclusive
Innovation - Smart I Secure I Sustainable)।
प्रमख
ु बबिंद:ु
 इींडडया मोबाइल काींग्रेस (IMC) को दरू सींिार ववभाग (DoT) और सेलल
ु र ऑपरे टसत एसोशसएिन ऑफ
इींडडया (COAI) द्वारा सींयत
ु र् रूप से आयोक्जर् क्रकया जार्ा है ।
 डिजजटल प्रौद्योगगकी के एमशया के सबसे बड़ेमच
िं के तौर पर IMC ने खद
ु को, आदटत फीशसयल इींटेशलजेंस
(Al), इींटरनेट ऑफ चथींग्स (loT), डेटा एनाशलदटतस, तलाउड एींड एज कम्प्यदू टींग, जैसे प्रमख
ु ववषयों के
सींबचधर् नव नर्म उद्योग प्रौद्योचगकी रुझानों के बारे में ििात, वविार और प्रदितन करने के शलए
उद्योग, सरकार, शिक्षाववद और अन्य पाररक्स्थनर्की र्ींत्र के लोगों को एकसाथ लाने वाले एक प्रमख
ु मींि
के रूप में स्थावपर् क्रकया है।
24. केसर (Saffron)
 केसर का कटोरा) Saffron bowl of Kashmir (जो अभ र्क कश्म र र्क ही स शमर् था अब उसका
जल्द ही भारर् के पव
ू ोत्तर क्षेत्र र्क ववस्र्ार हो सकर्ा है ।
 केसर के ब जों से ननकले पौधे कश्म र से शसक्तकम ले जाए गए और उन्हें वहाीं रोपा गया। ये पौधे
पव
ू ोत्तर राज्य के दक्षक्षण भाग में जस्थत यािंगयािंग में फल-फूल रहे हैं।
 पींपोर (कश्म र) और याींगयाींग (शसक्तकम) में जलवायु और भौगोशलक पररक्स्थनर्यों की समानर्ा से
याींगयाींग में केसर की नमन
ू ा खेर् की सफलर्ा को बढ़ावा शमला है ।
 पव
ू ोत्तर क्षेत्र में केसर उगाने की व्यवहायतर्ा का पर्ा लगाने के शलए नॉथत ईस्ट सेंटर फॉर टे तनोलॉज
एक्प्लकेिन और रीि (NECTAR) द्वारा पायलट पररयोजना िरू
ु की गय है ।

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224

पष्ट्ृ ठभमू म: भारर् में पींपोर क्षेत्र को आमर्ौर पर कश्म र के केसर के कटोरे के रूप में जाना जार्ा है । इसका
केसर के उत्पादन में मख्
ु य योगदान है । इसके बाद बडगाम, श्र नगर और क्रकश्र्वाड़ क्जलों का स्थान आर्ा हैं।
25. ममिंक्स (Minks)
 शमींक (Mink) मस्टे शलडे (Mustelidae) पररवार के धुँधले रीं ग के माींसाहारी स्र्नधारी होर्े हैं। इस पररवार
में नेवला (weasels), उदबबलाव (otters) और गींधबबलाव (ferrets) भ िाशमल क्रकये जार्े हैं।
 मख्
ु यर्ाः ि न, डेनमाकत, न दरलैंड और पोलैंड में सालाना 50 शमशलयन से अचधक शमींतस को फर (fur) के
शलए प्रजननर् करके पाला जार्ा है ।
 शमींक के र्ेल का उपयोग कुछ चिक्रकत्सा उत्पादों और सौंदयत प्रसाधनों में क्रकया जार्ा है ।
 ‘शमींक’ की दो ववस्र्ाररर् प्रजानर्याँ पाय जार् हैं: अमेररकन शमींक और यरू ोप य शमींक।
 यरू ोप य शमींक को IUCN द्वारा गींभ र रूप से लप्ु र्प्राय के रूप में सि
ू बद्ध क्रकया गया है ।
चचाा का कारण
 डेनमाकत में शमींकपालन- से जुड़े 200 से अचधक व्यक्तर्यों को SARS-CoV-2 वेररएींट से सींक्रशमर् पाया
गया है ।
 शमींक, अपने पररवार के अन्य सदस्य गींधबबलाव (ferrets) की भाींनर् कोरोनावायरस के प्रनर् अनर्सींवद
े नि ल
माने जार्े हैं।
 मनष्ट्ु यों की भाींनर् इनमे भ कोववड-19 के लक्षर्ों की एक श्रींख
ृ ला दे ख जा सकर् हैं, क्जनमें प्रारम्भ में
ब मारी के कोई लक्षर् नहीीं दीखर्ा है , क्रफर ननमोननया जैस गींभ र समस्याएीं उत्पन्न हो जार् है ।

26. भारत और मालदीव के मध्य चार समझौता ज्ञापनों पर स्ताक्षर


 इनमे ‘ग्रेटर माले कनेक्तटववटी प्रोजेतट’ के बेहर्र कायातन्वयन के शलए 100 शमशलयन डॉलर का अनद
ु ान
के र्ौर पर र्था 400 शमशलयन डॉलर नई लाइन ऑफ क्रेडडट (Line of Credit- LoC) के ववत्त य पैकेज
के जररये सहायर्ा प्रदान क्रकये जाने सींबध
ीं समझौर्े िाशमल है ।
 ग्रेटर माले कनेक्तटववटी प्रोजेतट (GMCP) मालदीव में अब र्क की सबसे बड़ नागररक अवसींरिना
पररयोजना है ।

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225

 दोनों दे िों द्वारा सामद


ु ातयक ववकास पररयोजनाओिं के मलए दो समझौता ज्ञापनों पर हस्र्ाक्षर क्रकए गए।
 इसके अलावा, खेल और यव
ु ा मामलों में सहयोग पर एक समझौर्ा ज्ञापन पर हस्र्ाक्षर क्रकए गए।
27. 13वें अबान मोबबमलटी इिंडिया सम्मेलन (UMI) सम्मेलन का उद्घाटन
 वावषतक अबतन मोबबशलटी इींडडया सम्मेलन (UMI) और एतसपो, भारर् सरकार के आवास और िहरी
मामलों के मींत्रालय के र्त्वावधान में आयोक्जर् क्रकया जाने वाला एक फ्लैगशिप इवें ट है ।
 UMI की िरु
ु आर्, भारर् सरकार की राष्ट्रीय िहरी पररवहन न नर्, 2006 (NUTP) से हुई है ।
 यह िहरी पररवहन के क्षेत्र में पेिव
े रों, वविेषज्ञों, शिक्षा, उद्योग, नागररक समाज, प्रौद्योचगकी, सेवा प्रदार्ाओीं
और अन्य दहर्धारकों के साथ वार्ात करने का एक मींि है ।
 अबतन मोबबशलटी इींडडया सम्मेलन 2020 की थ म: "िहरी गनर्ि लर्ा के उभरर्े रुझान"।
28. ै दरपरु आद्रभमू म (Haiderpur wetland)
सिंदभा: उत्तर प्रदे ि का वन ववभाग, ववशभन्न सींरक्षर् सींगठनों के साथ शमलकर मज
ु फ्फरनगर क्जले के है दरपरु
वेटलैंड को रामसर स्थल बनाने के शलए कायत कर रहा है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
उत्तरप्रदे ि में मज
ु फ्फरनगर जनपद की स मा के अींर्गतर् आने वाला है दरपरु वेटलैंड गींगा के र्टबींध का इलाका
है ।
 है दरपरु वेटलैंड को गींगा और सोलान नददयों द्वारा जल की आपनू र्त होर् है , र्था यह गींगा नदी पर
1984 में मध्य गींगा बैराज के ननमातर् के बाद अक्स्र्त्व में आया।
 यह 1,214 हे तटे यर में ववस्र्ाररर् है ।
 यह हक्स्र्नापरु वन्यज व अभयारण्य की स मा में क्स्थर् है ।
 यह सददत यों में प्रवास पक्षक्षयों जैसे, ग्रेलेग गज
ू (Greylag goose) और बारहे डड
े गज
ू (Bar-headed goose)
के शलए एक महत्वपर्
ू त पड़ाव स्थल है ।
 2014 में िरू
ु क्रकये गए भारर् सरकार के एक प्रमख
ु कायतक्रम, नमाशम गींगे के र्हर्, है दपरु वेटलैंड को
गींगा के क्रकनारे मॉडल वेटलैंड के रूप में चिक्ह्नर् क्रकया गया है ।
29. चीन की अध्यक्षता में दक्षक्षण एमशयाई साझेदारों (आभासी) सम्मेलन
प्रततभागी: ि न, श्र लींका, बाींग्लादे ि, नेपाल और पाक्रकस्र्ान।
उद्दे श्य: कोववड-19 की दस
ू री लहर पर सामदू हक प्रनर्क्रक्रया पर ििात।
द फाइव पाटीज: सम्मलेन में भाग लेने वाले दे िों ने खुद को "द फाइव पाटीज" का नाम ददया है ।
सम्मलेन का म त्व तथा तनह ताथा
 यह आभास सम्मलेन, लगभग िार माह पव
ू त ि न द्वारा अफगाननस्र्ान, नेपाल और पाक्रकस्र्ान के
ववदे ि मींबत्रयों के साथ कोरोना महामारी पर प्रनर्क्रक्रया और आचथतक सध
ु ार में सहयोग को मजबर्
ू करने
एक हे र्ु िर्श्ु पक्ष य बैठक क्रकये जाने के बाद आयोक्जर् क्रकया गया है ।
 ये दो आभास सम्मलेन, वैक्श्वक महामारी के मद्दे नजर इस क्षेत्र में ि न की गनर्ववचधयों में वद्
ृ चध
प्रर् र् होर्े हैं।

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226

30. चीन द्वारा अरुणाचल सीमा तक रे ल लाइन पर काम का आरिं भ


 ि न ने शसिआ
ु न प्राींर् को ननयींग्ि (Nyingchi) से जोड़ने वाली रर्न नर्क रूप से महत्वपर्
ू त रे लवे लाइन
पर काम िरू
ु कर ददया है ।
 यह रे लवे लाइन भारर् में अरुर्ािल प्रदे ि की स मा के पास क्स्थर् है ।
 ल्हासा को पष्ट्ृ ठक्षेत्र (Hinterland) से जोड़ने वाली, वषत 2006 में ननशमतर्, क्रकीं घई-नर्ब्बर् रे लवे लाइन की
भाींनर्, यह दस
ू रा ऐसा मागत होगा जो नर्ब्बर् स्वायत्त क्षेत्र (TAR) को भ र्री प्रदे ि से जोड़र्ा है ।

31. ग ृ मिंत्रालय द्वारा FCRA तनयमों में सिंशोधन


हाल ही में , गह
ृ मींत्रालय (MHA) द्वारा ववदे शी अिंशदान (ववतनयमन) अगधतनयम (FCRA), 2010 के र्हर् नए
ननयमों को अचधसचू िर् क्रकया गया है ।
नए तनयमों के अिंतगात:
1. अचधननयम के उप-ननयम (1) के खींड (v) और (vi) के र्हर् ननददत ष्ट्ट सींगठनों को, सक्रक्रय राजन नर् या
पाटी की राजन नर् में भाग लेने पर राजन नर्क प्रकृनर् का माना जाएगा।
2. अचधननयम में एक नया अनच्
ु छे द सक्म्मशलर् क्रकया गया है , क्जसमें कहा गया है क्रक अनच्
ु छे द V और
VI में उक्ल्लखखर् सींगठनों को "सक्रक्रय राजन नर् या पाटी राजन नर्" में भाग लेने पर केंद्र द्वारा उन्हें
मात्र राजन नर्क समह
ू माना जाएगा।
3. नए ननयमो में नए FCRA पींज करर्ों को अचधक सख्र् बनाया गया है । FCRA के र्हर् पींज करर् कराने
वाले क्रकस सींगठन के शलए ‘र् न साल से कायतरर् होना िादहए’ और इसके द्वारा "वपछले र् न ववत्त य
वषों के दौरान सामाक्जक दहर् में अपन मल
ू गनर्ववचधयों पर न्यन
ू र्म 15 लाख रुपये खित क्रकये जाने
िादहए।"

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227

पष्ट्ृ ठभमू म:
FCRA 2011 के तनयम 3 के खिंि V के अनस
ु ार- ‘क्रकसानों, श्रशमकों, छात्रों, जानर्, समद
ु ाय, धमत, भाषा या क्रकस अन्य
पर आधाररर् सींगठनो’, जो प्रत्यक्ष रूप से क्रकस भ राजन नर्क दल से जड़
ु ा नहीीं होर्े हैं, क्रकन्र्ु उनके सींगठन
के ज्ञापन के अनस
ु ार या उनकी गनर्ववचधयों आदद से राजन नर्क दहर्ों की ददिा में कायत करने के भौनर्क
साक्ष्य शमलर्े हैं, को राजन नर्क समह
ू के रूप में माना जाएगा।
32. प्यट
ू ो ररको (Puerto Rico)
सिंदभा: दस वषों में र् सरी बार, सींयत
ु र् राज्य अमेररका के प्यट
ू ो ररको क्षेत्र में राज्य का दजात ददए जाने के पक्ष
में मर्दान क्रकया गया है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
 प्यट
ू ो ररको कैररबबयन सागर में
क्स्थर् एक स्पेननि भाष द्व प
है ।
 1493 में क्रक्रस्टोफर कोलींबस
द्वारा 1493 में खोज क्रकये जाने
के बाद से, प्यट
ू ो ररको 4
िर्ाक्ब्दयों र्क स्पेननि साम्राज्य
का एक दहस्सा था, वषत 1898 में
सींयत
ु र् राज्य द्वारा इसका
राज्यहरर् कर शलया गया था।
 वषत 1917 में , प्यट
ू ो ररको के
ननवाशसयों को अमेररकी नागररकर्ा प्रदान की गई थ , लेक्रकन इस द्व प को कभ भ पर्
ू त राज्य नहीीं
बनाया गया था, और गआ
ु म, उत्तरी मैररयाना द्व प समह
ू , अमेररकी समोआ और यए
ू स वक्जतन द्व प समह

सदहर् एक "अमेररकी क्षेत्र" बना हुआ है ।
33. हरस्टन दा कुन् ा (Tristan da Cunha)
 दरस्टन दा कुन्हा अटलाींदटक महासागर में एक द्व प है क्जसमें लगभग 300 ननवास हैं।
 यह दक्षक्षर् अटलाींदटक में लींदन से 6,000 म ल की दरू ी पर द्व पों की एक छोटी श्रींख
ृ ला है और द्व पों
के आसपास के पान को दनु नया में सबसे अम र माना जार्ा है ।
 यह बब्रटे न का पारसमद्र
ु ीय क्षेत्र है ।
 इसे हाल ही में अटलाींदटक महासागर में 687,000 वगत क्रकलोम टर का सबसे बड़ा परू ी र्रह से सींरक्षक्षर्
समद्र
ु ी भींडार घोवषर् क्रकया गया था।

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34. राजस्थान में ‘शािंतत प्रततमा’ का अनावरण


प एम नरें द्र मोदी द्वारा राजस्थान में ‘िाींनर् प्रनर्मा’ (Statue of Peace) का अनावरर् क्रकया गया।
 जैनािायत श्र ववजय वल्लभ सरु रश्वर ज महाराज की 151व ीं जयींर् के उपलक्ष्य में िाींनर् प्रनर्मा का
ननमातर् क्रकया गया है ।
 अष्ट्टधार्ु से ननशमतर् 151 इींि ऊींि यह प्रनर्मा आठ धार्ओ
ु ीं से ननशमतर् है क्जसमें र्ाींबा मख्
ु य धार्ु है ।
 यह प्रनर्मा राजस्थान के पाली में जेतपरु ा में ववजय वल्लभ साधना केन्द्र में स्थावपर् की गई है ।
जैनाचाया श्री ववजय वल्लभ सरू रश्वर जी म ाराज के बारे में :
 जैनािायत श्र ववजय वल्लभ सरु रश्वर ज महाराज (1870-1954), ने ननस्वाथत भाव से और समवपतर् रूप
से भगवान महाव र के सींदेि को फैलाने में अपना ज वन व्यर् र् क्रकया।
 उन्होंने जनर्ा के कल्यार्, शिक्षा के प्रसार और सामाक्जक कुरीनर्यों के उन्मल
ू न के शलए भ अथक
पररश्रम क्रकया।
 उन्होंने प्रेरक सादहत्य (कववर्ा, ननबींध, भक्तर् भजन और स्र्वन) का लेखन क्रकया और स्वर्ींत्रर्ा आींदोलन
और स्वदे ि के समथतन में सक्रक्रय सहयोग ददया।
35. अनच्
ु छे द 363-A
सींववधान में अनच्
ु छे द 363-A को सिंववधान (छधबीसवाँ सिंशोधन) अगधतनयम, 1971 के माध्यम से सक्म्मशलर्
क्रकया गया था। इस सींिोधन को वप्रवी पसा उन्मल
ू न के शलए जाना जार्ा है ।
चचाा का कारण
है दराबाद के आखखरी ननजाम नवाब म र उस्मान अली खान के एक पोर्े नवाब नजफ अली खान ने है दराबाद
पशु लस के पास एक शिकायर् दजत कराई है क्जसमें ननजाम के कुछ अन्य वाररसों पर एफआईआर दजत करने की
माींग करर्े हुए आरोप लगाया गया है क्रक उन्होंने बब्रटे न के बैंक में जमा ननजाम का 35 शमशलयन पौंड की राशि
पर दावा करने के शलए झठ
ू े दस्र्ावेजों का इस्र्ेमाल क्रकया है ।

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उन्होंने कहा है , क्रक यह कदम सींववधान के अनच्


ु छे द 363-A का उल्लींघन करर्ा है ।
36. जक्वक ररएक्शन सरफेस टू एयर ममसाइल (QRSAM)
 क्तवक ररएतिन सरफेस टू एयर शमसाइल (Quick Reaction Surface-to-Air Missile: QRSAM) एक
कनस्र्र-आधाररर् प्रर्ाली है , क्जसका अथत है क्रक यह वविेष रूप से डडज़ाइन क्रकये गए डडब्बों के रूप में
सींग्रहीर् एवीं सींिाशलर् होर् है ।
 यह एक छोटी दरू ी की सर्ह-से-हवा में मार करने वाली शमसाइल (SAM) प्रर्ाली है । इसे DRDO द्वारा
मख्
ु य रूप से दश्ु मन के हवाई हमलों से सेना के बख्र्रबींद कर्ार को सरु क्षा कवि प्रदान करने हे र्ु
डडज़ाइन एवीं ववकशसर् क्रकया गया है ।
 इस सींपर्
ू त िस्त्र प्रर्ाली को वायु सरु क्षा प्रदान करने में सक्षम एक मोबाइल एवीं गनर्ि ल प्लेटफॉमत पर
स्थावपर् क्रकया गया है ।
 इसे सेना में िाशमल करने के शलये डडज़ाइन क्रकया गया है और इसकी रें ज 25 से 30 क्रकम . है ।
37. लीलावती परु
ु स्कार 2020 का शभ
ु ारिं भ
लीलावर् परु स्कार र्कन की शिक्षा ननयामक, अखखल भारतीय तकनीकी मशक्षा पररषद (AICTE) की एक पहल है ,
और इसका उद्दे श्य AICTE द्वारा अनम
ु ोददर् सींस्थानों द्वारा मदहलाओीं के साथ ‘समानर्ा और ननष्ट्पक्षर्ा’ के
व्यवहार के प्रयासों को मान्यर्ा दे ना है ।
 लीलावती परु स्कार की थीम‘ मदहला सिक्तर्करर्’ है । इसका उद्दे श्य "पारीं पररक भारर् य मल्
ू यों" का
उपयोग करके स्वच्छर्ा, स्वच्छर्ा, स्वास््य और पोषर् जैसे मद्
ु दों के बारे में जागरूकर्ा पैदा करना है ।
 लीलावर् परु
ु स्कार का उद्दे श्य मदहलाओीं के ब ि "साक्षरर्ा, रोजगार, प्रौद्योचगकी, ऋर्, ववपर्न, नवािार,
कौिल ववकास, प्राकृनर्क सींसाधन और अचधकार" जैसे मद्
ु दों के बारे में जागरूकर्ा पैदा करना है ।
 लीलावर् परु स्कार 2020 के शलए आवेदन सींस्थान या टीम के स्र्र पर प्रस्र्र्
ु क्रकए जा सकर्े हैं, क्जसमें
छात्र या सींकाय या एआईस टीई द्वारा अनम
ु ोददर् सींस्थान दोनों िाशमल हैं।
38. जम्मू और कश्मीर में वनवामसयों का सवेक्षण
जम्मू और कश्म र प्रिासन द्वारा वनवाशसयों को वनाचधकार प्रदान क्रकये हे र्ु ‘वन अगधकार अगधतनयम’ 2006
के को लागू करने की प्रक्रक्रया िरू
ु की गय है ।
पष्ट्ृ ठभमू म: वन अचधकार अचधननयम’ 2006 में दे ि भर के वनवाशसयों को वनाचधकार प्रदान प्रदान करने का
प्रावधान क्रकया गया है । यह अचधननयम 31 अक्टूबर, 2019 तक जम्म-ू कश्मीर में लागू न ीिं था।
39. मध्य प्रदे श में 'गौ सिंरक्षण कैबबनेट' की स्थापना
मध्य प्रदे ि सरकार द्वारा गोधन सिंरक्षण व सिंवधान ेतु ‘गौ कैबबनेट’ स्थावपर् करने का ननर्तय शलया है ।
 पिप
ु ालन, वन, पींिायर् व ग्राम र् ववकास, राजस्व, गह
ृ और क्रकसान कल्यार् ववभाग गौ कैबबनेट में
िाशमल होंगे।
 पहली बैठक बजे गौ अभ्यारर् 12 नवींबर को गोपाष्ट्टम पर दोपहर 22, आगर मालवा में आयोक्जर् की
जाएग ।

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40. गगल्लन बरे मसिंड्रोम (GBS) (Guillain Barre Syndrome)


सिंदभा: एक दल
ु भ
त जदटल मामले में , कोववड -19 से सींक्रशमर् कुछ रोचगयों को चगल्लन बरे शसींड्रोम (Guillain
Barre Syndrome- GBS) से प डड़र् पाया गया है । भारर् में अगस्र् से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
गगल्लन बरे मसिंड्रोम (GBS) क्या ै?
 यह एक बहुर् ही दल
ु भ
त स्वप्रनर्रक्ष ववकार (Autoimmune Disorder) है ।
 इसमें रोग की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली कोरोनोवायरस को नष्ट्ट करने के प्रयास में गलर् से पररध य र्ींबत्रका
र्ींत्र (Peripheral Nervous System) पर हमला करना िरू
ु कर दे र् है ।
 पररध य र्ींबत्रका र्ींत्र र्ींबत्रकाओीं का एक नेटवकत होर्ा है जो मक्स्र्ष्ट्क और रीढ़ की हड्ड द्वारा िरीर
के ववशभन्न दहस्सों से सींबद्ध होर्ा है । इस पर हमला करने से िरीर के अींगों की कायत करने की क्षमर्ा
प्रभाववर् होर् है ।
 चगल्लन बरे शसींड्रोम (GBS), बैतटीररया या वायरल सींक्रमर् के कारर् होर्ा है ।
 शसींड्रोम से प्रभाववर् होने के प्रारक्म्भक लक्षर्ों में त्विा में झुनझुन या खुजली की अनभ
ु नू र् होर् है ,
इसके बाद माींसपेशियों में कमजोरी, ददत और सन्
ु न होने लगर् है ।
41. सफाई ममत्र सरु क्षा चैलेंज
इसे केंद्रीय आवास और श री मामलों के मिंत्रालय द्वारा िरू
ु क्रकया गया है ।
 इसके र्हर् 30 अप्रैल, 2021 र्क 243 श रों को सीवरों और सेजप्टक टैंकों की मशीनीकृत सफाई पर
जस्वच करने की चुनौती दी गय है ।
 इस चैलेंज का उद्दे श्य स वरों और सेक्प्टक टैंकों की खर्रनाक सफाई को रोकना और उनकी मि न से
सफाई को बढ़ावा दे ना है ।
 इस पहल को ववश्व िौिालय ददवस (19 नवींबर) के अवसर पर िरू
ु क्रकया गया है।
पष्ट्ृ ठभमू म:
‘मैनअ
ु ल स्कैवें जसा के रूप में रोजगार का तनषेध और उनके पन
ु वाास अगधतनयम’ (2013) और मानन य उच्िर्म
न्यायालय के ववशभन्न ननर्तय स्पष्ट्ट रूप से खर्रनाक एवीं हाननकारक सफाई गनर्ववचधयों पर प्रनर्बींचधर् लगार्े
हैं, अथातर् कोई भ व्यक्तर् सरु क्षात्मक उपकरर् धारर् क्रकए बबना क्रकस सेक्प्टक टैंक या स वर में प्रवेि नहीीं
कर सकर्ा है और न ही ऐस क्रकस प्रक्रक्रयाओीं में भाग ले सकर्ा है ।
42. फाइव आइज (Five Eyes)
य एक खुकफया गठबिंधन ै, क्जसमें ऑस्रे शलया, कनाडा, न्यज
ू लैंड, यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम और सींयत
ु र् राज्य अमेररका
िाशमल हैं।
ये दे ि बहुपक्ष य यक
ू े -यए
ू सए समझौते (UKUSA Agreement) के पक्षकार हैं। यक
ू े -यए
ू सए समझौर्ा, शसग्नल की
खुक्रफया जानकारी हे र्ु सहयोग के शलए एक बहुपक्ष य समझौर्ा है ।

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उत्पवत्त: इसकी िरु


ु आर् वषत 1946 में हुई थ । इसके अींर्गतर्, सींयत
ु र् राज्य अमेररका और यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम,
अन्य ववदे ि राष्ट्रों के सींिार पर खक्रु फया जानकारी के आदान-प्रदान के शलए सहमर् हुए थे। वषत 1948 में
कनाडा र्था वषत 1956 में ऑस्रे शलया और न्यज
ू लैंड, इस गठबींधन में सक्म्मशलर् हुए।

43. ववलो वाबालर (Willow warbler)


 हाल ही में , इसे दे ि में पहली बार केरल के नर्रुवनींर्परु म में दे खा गया है ।
 यह सबसे लींबे समय र्क प्रवास करने वाले छोटे पक्षक्षयों में से एक है जो परू े उत्तरी एवीं समि र्ोष्ट्र्
यरू ोप और पैलआ
े कतदटक (Palearctic) क्षेत्र में प्रजनन करर्े
हैं।
 IUCN क्स्थनर्: सींकटमत
ु र् (Least Concern)
केरल से वाबतलर की 17 प्रजानर्याँ शमलने की पक्ु ष्ट्ट की गई है और
ववलो वाबतलर केरल में दजत की जाने वाली 18 व ीं प्रजानर् र्था 533
वाीं पक्ष है ।
44. ववश्व के 100 सबसे शजक्तशाली सप
ु र किंप्यट
ू र में भारत के दो
सप
ु र किंप्यट
ू र शाममल
वैक्श्वक सि
ू ना प्रौद्योचगकी सेवा प्रदार्ा एटोस (Atos) ने घोषर्ा की
है क्रक आहटा कफमशयल इिंटेलीजेंस (एचपीसी-एआई) सप
ु रकम्प्यट
ू र परम मसद्धी (PARAM Siddhi) को ववश्व के
सवातचधक िक्तर्िाली 500 नॉन-डडस्रीब्यट
ू े ड कम्प्यट
ू र प्रर्ाशलयों में 63वाीं स्थान प्राप्र् हुआ है । और यह भारर्
का सबसे बड़ा और सबसे र्ेज़ सप
ु र कींप्यट
ू र है ।
 PARAM Siddhi - AI सप
ु र कींप्यट
ू र को नेिनल सप
ु रकींप्यदू टींग शमिन (NSM) के र्हर् ननशमतर् क्रकया गया
है । NSM, इलेतरॉननतस और आईटी मींत्रालय (MeitY) र्था ववज्ञान और प्रौद्योचगकी ववभाग (DST) द्वारा
िरू
ु की गय एक पहल है ।
 इसके अनर्ररतर्, मौसम के पव
ू ातनम
ु ान के शलए इस्र्ेमाल होने वाले प्रत्यष
ू (Pratyush) को इस सि
ू में
78 वाीं स्थान ददया गया है ।

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232

वैजश्वक सप
ु र किंप्यट
ू र
 Top500 पररयोजना दनु नया के सबसे िक्तर्िाली सप
ु र कींप्यट
ू रों को रै क करर् है र्था वषत में दो बार
इस सि
ू को प्रकाशिर् क्रकया जार्ा है ।
 सि
ू के अनस
ु ार, जापान सप
ु रकींप्यट
ू र फुगाकू (Fugaku), 442 पेटाफ्लॉप्स और आईब एम का सशमट
(IBM’s Summit), 148.8 पेटाफ्लॉप्स, ववश्व के दो सबसे िक्तर्िाली सप
ु र कींप्यट
ू र हैं ।
45. वैजश्वक एचआईवी रोकथाम गठबिंधन (Global HIV Prevention Coalition)
 यह सिंयक्
ु त राष्ट्र के सदस्य दे शों, दानकतााओिं (Donors), नागररक समाज सिंगठनों का एक वैजश्वक
गठबिंधन ै।
 वषत 2017 में इसकी स्थापना, एिआईव रोकथाम में र्ेज लाने के वैक्श्वक प्रयासों का समथतन करने के
उद्दे श्य से की गय थ ।
 इस वषत का सम्मेलन 2016 में सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा के वषत 2030 र्क एड्स को समाप्र् करने के
उद्दे श्य को प्राप्र् करने के शलए बेहद महत्व रखर्ा है ।
 ज प स के सदस्य दे िों ने 2010 की र्ल
ु ना में नये वयस्कों में एिआईव सींक्रमर् को 2020 के अींर्
र्क 75 प्रनर्िर् र्क कम करने पर सहमनर् व्यतर् की थ ।
46. तग
ुिं भद्रा पष्ट्ु करालु (Tungabhadra Pushkaralu)
र्ग
ींु भद्रा पष्ट्ु कराल,ु तग
िंु भद्रा नदी के सम्मान में आयोक्जर् क्रकया जाने वाला 12 ददवस य त्योहार है ।
 इसे बह
ृ स्पनर् के मकर राि में प्रवेि करने पर मनाया जार्ा है ।
 र्ग
ुीं भद्रा पष्ट्ु करालु प्रत्येक 12 वषो में एक बार आयोक्जर् क्रकया जार्ा है । और ऐसा मन जार्ा है , क्रक
इस अवसर पर पववत्र नदी में स्नान करने से पाप-मक्ु तर् हो जार् है ।
 पष्ट्ु करालु या पष्ट्ु करम दे ि भर में प्रवादहर् होने वाली 12 प्रमख
ु नददयों की पज
ू ा के शलए समवपतर् एक
धाशमतक त्योहार है ।
47. अिंतर सिंसदीय सिंघ (Inter-Parliamentary Union-IPU)
अींर्र सींसदीय सींघ (IPU) राष्ट्रीय सिंसदों का वैजश्वक सिंगठन है ।
 उत्पवत्त: वषत 1889 में साींसदों के एक छोटे समह
ू के रूप में स्थापना की गय थ । इसका उद्दे श्य
सींसदीय कूटन नर् और बार्ि र् के माध्यम से िाींनर् को बढ़ावा दे ना था।
 सिंरचना: इसमें ववश्व के ववशभन्न दे िों की 179 सींसदें , 13 सहयोग सदस्य, और समह
ू के उद्दे श्य के
प्रनर् अशभरुचि रखने वाले दनु नया भर के साींसद सक्म्मशलर् है ।
 IPU का नारा ै : “लोकर्ींत्र के शलए, सभ के शलए।" (For democracy. For everyone)
 मख्
ु यालय: क्जनेवा, क्स्वर्टजरलैंड में हैं।
चचाा का कारण
भारर् के ननयींत्रक और महालेखा परीक्षक, गगरीश चिंद्र मम
ु ूा को र् न साल के कायतकाल के शलए अींर्र सींसदीय
सींघ (IPU), क्जनेवा का बाहरी लेखा परीक्षक िन
ु ा गया है ।

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233

48. बक
ु र परु स्कार 2020
स्कॉदटि लेखक डगलस स्टुअटत को उनके पहले और प्रशसद्ध उपन्यास शग्गी बैन (Shuggie Bain) के शलए वषा
2020 के बक
ु र परु स्कार से सम्माननर् क्रकया गया है । िग्ग बैन’ की कहान इनके गह
ृ नगर ग्लासगो की पष्ट्ृ ठभशू म
पर आधाररर् है ।
 बक
ु र परु स्कार अींग्रेज भाषा का अग्रर् सादहक्त्यक परु स्कार है ।
 यह परु स्कार, अींग्रज
े भाषा की अथवा अींग्रेज में अनव
ु ाददर् र्था यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम या आयरलैंड में
प्रकाशिर् क्रकस एक पस्
ु र्क के शलए प्रनर्वषत प्रदान क्रकया जार्ा है ।
49. ऑस्रे मलया द्वारा अस्थायी तौर पर इसरो उपग्र रै ककिं ग सवु वधाओिं का प्रबिंधन
भारर् और ऑस्रे शलया की अींर्ररक्ष एजेंशसयाीं ऑस्रे शलया में अस्थाय रूप से भारर् य रै क्रकींग सवु वधाओीं को
उपयत
ु र् स्थानों पर स्थावपर् करने हे र्ु शमलकर काम कर रही हैं।
 इन रै क्रकीं ग सवु वधाओीं में , प्
ृ व ननगरान और डेटा एनाशलदटतस, रोबोदटतस, और अींर्ररक्ष ज वन ववज्ञान
आदद सक्म्मशलर् हैं।
 इससे भारर् की मानव अींर्ररक्ष उड़ान कायतक्रम को सहायर्ा शमलग ।
 भारर्-ऑस्रे शलया अींर्ररक्ष सहयोग के शलए वषत 2012 में दोनों दे िों के मध्य औपचाररक समझौता ज्ञापन
हस्र्ाक्षररर् क्रकया गया था।
50. भारत में ‘कट्टरता की जस्थतत’ पर अध्ययन
केंद्रीय गह
ृ मींत्रालय ने पहली बार, "भारर् में कर्टटरर्ा की क्स्थनर्" पर एक िोध अध्ययन को मींजूरी दी है ।
• यह अध्ययन कानन
ू रूप से "कर्टटरर्ा" (Radicalisation) को पररभावषर् करने और गैरकानन

गनर्ववचधयाँ (रोकथाम) अचधननयम (UAPA) में सींिोधन का सझ
ु ाव दे गा।
• यह अध्ययन धमत-र्टस्थ होगा और र््यों और इसके र्हर् दजत क्रकए गए मामलों की जाँि की जाएग ।
आवश्यकर्ा: कर्टटरर्ा को अभ र्क कानन
ू रूप से पररभावषर् क्रकया जाना बाकी है , इससे पशु लस का दरु
ु पयोग
होर्ा है , इसके अलावा यह UAPA के शलए आवश्यक सींिोधन हे र्ु सझ
ु ावों की भ आवश्यकर्ा है ।
51. ववश्व मत्स्यन हदवस (World Fisheries Day)
सींपर्
ू त ववश्व में सभ मछुआरों, मछली पालकों और सींबचीं धर् दहर्धारकों के साथ एकजुटर्ा को प्रदशितर् करने के
शलये प्रत्येक वषत 21 नवींबर को ववश्व मत्स्य ददवस मनाया जार्ा है ।
इसकी िरु
ु आर् वषत 1997 में , नई ददल्ली में आयोक्जर् ‘वल्िा फोरम ऑफ कफश ावेस्टसा एिंि कफश वकासा’
(World Forum of Fish Harvesters and Fish Workers) की बैठक में की गय थ । इस बैठक में 18 दे िों
के प्रनर्ननचधयों ने भाग शलया था और एक ‘ववश्व मत्स्य मींि’ (World Fisheries Forum-WFF) का गठन क्रकया
गया था।
52. मसटमैक्स-20 (SITMEX-20)
यह भारर्, थाईलैंड और शसींगापरु के ब ि एक बत्रपक्ष य नौसेना अभ्यास है ।
 इसका नव नर्म सींस्करर् अींडमान सागर में आयोक्जर् क्रकया जा रहा है ।

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 यह अभ्यास कोववड-19 महामारी के मद्दे नजर बबना क्रकस सींपकत के, शसफत सागर में (non-contact, at
sea only) आयोक्जर् क्रकया जा रहा है ।
 इसका लक्ष्य र् नों शमत्र दे िों और िाींनर्कालीन पड़ोशसयों के ब ि िाींनर्काल में समन्वय, सहयोग और
साझेदारी का ववकास करना है ।
53. आपरागधक ववत्त और किप्टोकरें सी पर वैजश्वक सम्मेलन (Global Conference on Criminal Finances and
Cryptocurrencies)
● हाल ही में आपराचधक ववत्त और क्रक्रप्टोकरें स पर 4 वाीं वैक्श्वक सम्मेलन आयोक्जर् क्रकया गया था।
● इसका आयोजन इिंटरपोल, यरू ोपोल और बेसल सिंस्थाओिं द्वारा क्रकया गया।
● प्रततभागी: कानन
ू प्रवर्तन और न्यायपाशलका, ववत्त य खुक्रफया इकाइयों (FIUs), अींर्रराष्ट्रीय सींगठनों और
ननज क्षेत्र के प्रनर्ननचध।

पष्ट्ृ ठभमू म:
यह सम्मेलन 2016 में स्थावपर् किप्टोकरें सी और मनी लॉजन्ड्रिंग पर गहठत एक काया समू की एक पहल है ।
इसे विअ
ुत ल सींपवत्तयों और क्रक्रप्टोकरें स से सम्बींचधर् ववत्त य अपराधों और खुक्रफया मामलों की जाींि के शलए
ज्ञान, वविेषज्ञर्ा और सवोत्तम ववचधयों को मजबर्
ू करने के उद्दे श्य से िरू
ु क्रकया गया था।
54. राष्ट्रीय नवजात सप्ता 2020 (National Newborn Week)
इसे प्रनर्वषत 15 से 21 नवींबर के मध्य मनाया जार्ा है ।
2020 के मलए थीम: ‘हर स्वास््य केंद्र और हर जगह, हर नवजार् शििु के शलए गर्
ु वत्ता, समानर्ा, गररमा।’
 इस सप्र्ाह का मख्
ु य उद्दे श्य स्वास््य क्षेत्र के प्रमख
ु प्राथशमकर्ा वाले क्षेत्र के रूप में नवजार् शििु
स्वास््य के महत्व को सदृ
ु ढ़ करना और नवजार् अवचध में शििओ
ु ीं के शलए स्वास््य सींबध
ीं क्स्थनर्यों
में सध
ु ार करके शििु मत्ृ यु दर को कम करना है ।
 भारर् 2014 में , ग्लोबल एवरी न्यब
ू ोनत एतिन प्लान (Global Every Newborn Action Plan) के अनरू
ु प
नवजार् कायत योजना (Newborn Action Plan- INAP) िरू
ु करने वाला पहला दे ि बना था। इस कायतक्रम
का उद्दे श्य, ‘रोके न सकने वाली नवजार्ों की मौर् और जन्म के समय मर्
ृ पाए जाने की समस्या को
खत्म करना है ’।
55. अवास हदवस और अवास सप्ता
नवींबर 2016 में प्रधानमींत्र आवास योजना – ग्राम र् (PMAY-G) नामक ग्राम र् आवास योजना का िभ
ु ारीं भ
क्रकया गया था। इसका उद्दे श्य वषत 2022 र्क ‘‘सभ के शलए आवास’’ उपलब्ध कराना था।
 PMAY-G के िभ
ु ारीं भ की वषतगाींठ मनाने के शलए हर वषत ’’आवास हदवस‘‘ नविंबर को 20 के रूप में
मनाने का ननर्तय शलया गया था।
 इस कायतक्रम में यह पररकल्पना की गई थ क्रक वषत 2022 र्क सभ आधारभर्
ू सवु वधाओीं से सींपन्न
2.95 करोड PMAY-G मकानों का ननमातर् कायत सींपन्न क्रकया जाएगा।
56. ’अभयम’ ऐप (Abhayam’ app)

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आिंध्र प्रदे श सरकार ने, हाल ही में , “अभयम” मोबाइल फोन एक्प्लकेिन लॉन्ि क्रकया है । यह ऐप टै क्तसयों और
ऑटोररतिा में यात्रा करने वाली मदहलाओीं व बच्िों की सरु क्षा के शलए र्ैयार क्रकया गया है । यात्रा के दौरान
रै क्रकीं ग के शलए इस ऐप खास उपकरर्ों की व्यवस्था की गई है ।
'अभयम' ऐप का पररिालन पररवहन ववभाग की दे खरे ख में क्रकया जा रहा है । अभयम ऐप, मदहलाओीं द्वारा
मस
ु बर् में फसने पर पैननक बटन दबाने पर, पशु लस को सर्कत करे गा।
57. राष्ट्रीय सिंकट प्रबिंधन सममतत (NCMC)
 प्राकृनर्क आपदाओीं के मद्दे नजर राहर् उपायों के प्रभाव कायातन्वयन हे र्,ु भारर् सरकार द्वारा एक
राष्ट्रीय सींकट प्रबींधन सशमनर् (National Crisis Management Committee- NCMC) का गठन क्रकया गया
है ।
 इसकी अध्यक्षर्ा कैबबनेट सचिव द्वारा की जार् है ।
 अन्य सदस्य: सभ सींबचीं धर् मींत्रालयों / ववभागों र्था सींगठनों के सचिव इस सशमनर् के सदस्य होर्े हैं।
 NCMC, आवश्यक समझे जाने पर, सींकट प्रबींधन समह
ू के शलए ददिा-ननदे ि जारी करर् है ।
58. अटल सिंकाय ववकास कायािम (FDP) (ATAL Faculty Development Programmes)
 हाल ही में , AICTE द्वारा आयोक्जर् 46 ऑनलाइन अटल सींकाय ववकास कायतक्रम का उद्घाटन क्रकया
गया है ।
 इसका उद्दे श्य अखखल भारर् य र्कन की शिक्षा पररषद (AICTE) से जड़
ु े उच्ि शिक्षा सींस्थानों के शिक्षकों
को प्रौद्योचगकी में महत्वपर्
ू त और उभरर्े क्षेत्रों में प्रशिक्षक्षर् करना है ।
 बक
ु ऑफ वल्डत ररकॉड्तस, लींदन द्वारा ‘सींकाय ववकास कायतक्रम के र्हर् 100 से ज्यादा उभरर्े क्षेत्रों में
1000 ऑनलाइन कायतक्रमों में एक लाख से अचधक सदस्यों के प्रशिक्षर् को ववश्व ररकॉडत के रूप में
अींक्रकर् क्रकया गया है ।
अटल अकादम का मख्
ु य उद्दे श्य दे ि में गर्
ु वत्तापर्
ू त र्कन की शिक्षा प्रदान करना और ववशभन्न उभरर्े क्षेत्रों
में प्रशिक्षर् के माध्यम से अनस
ु ध
ीं ान और उद्यशमर्ा को बढ़ावा दे ना है ।
59. 15वािं G20 मशखर सम्मेलन
सऊदी अरब की अध्यक्षर्ा में विअ
ुत ल माध्यम से आयोक्जर् क्रकया गया।
 शिखर सम्मेलन की समाक्प्र्, ‘लीडसत डडतलेरेिन’ को अपनाने और अगले G20 शिखर सम्मेलन की
अध्यक्षर्ा इटली को सौपने के साथ हुई।
 इसके साथ ही भारर् द्वारा वषत 2023 में शिखर सम्मेलन की मेजबान क्रकये जाने की घोषर्ा की गय -
पव
ू त में , भारर् द्वारा 2022 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबान की जान थ ।
 वपछले साल G20 की ओसाका घोषर्ा में भारर् को 2022 में शिखर सम्मेलन की मेजबान करने के
शलए कहा गया था।
60. सरकार द्वारा 43 अन्य ऐप्स पर प्रततबिंध

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सरकार ने राष्ट्रीय सरु क्षा, अखींडर्ा और सींप्रभर्


ु ा के शलए खर्रे का हवाला दे र्े हुए प्रमख
ु ि न ऐप्स जैसे
अलीसप्लायर (AliSuppliers), अलीएतसप्रेस (AliExpress), अलीपे (Alipay) कैशियर, कैमकाडत और डडींगटॉक सदहर्
43 और मोबाइल ऐप को ब्लाक कर ददया है ।
इलेक्रॉतनक्स और सच
ू ना प्रौद्योगगकी मिंत्रालय (MeitY) ने सि
ू ना प्रौद्योचगकी अचधननयम की धारा 69A के
र्हर् 43 मोबाइल ऐप्स र्क पहुींि को रोकने के शलए एक आदे ि जारी क्रकया गया है ।
आईटी अगधतनयम की धारा 69A , केंद्र सरकार को यह आदे ि दे ने का अचधकार दे र् है क्रक दे ि की रक्षा, उसकी
सींप्रभर्
ु ा और अखींडर्ा, राज्य की सरु क्षा, ववदे ि राज्यों के साथ मैत्र पर्
ू त सींबध
ीं ों के दहर् में , लोक व्यवस्था या
अपराध करने हे र्ु उकसाने से रोकने के शलए कुछ वेबसाइटों और कींप्यट
ू र सींसाधनों र्क पहुींि अवरुद्ध कर दी
जाए।
61. दक्षक्षण एमशयाई ववश्वववद्यालय (SAU)
 वषत 2010 में स्थावपर्, भारर् में क्स्थर् यह एक अींर्रातष्ट्रीय ववश्वववद्यालय है ।
 इसे दक्षक्षर् एशियाई क्षेत्र य सहयोग सींगठन (SAARC) के आठ सदस्य दे िों द्वारा प्रायोक्जर् क्रकया जार्ा
है ।
 दक्षक्षर् एशियाई ववश्वववद्यालय (SAU) द्वारा प्रदान क्रकए गए डडग्र और प्रमार्पत्र, राष्ट्रीय
ववश्वववद्यालयों / सींस्थानों द्वारा ददए गए सींबचीं धर् डडग्र और प्रमार्पत्र के समान दजात रखर्े हैं।
62. सर छोटू राम
1881 में जन्मे, वह बब्रदटि भारर् में पींजाब प्राींर् के एक प्रमख
ु राजन नर्ज्ञ थे।
 उन्होंने भारर् य उपमहाद्व प के उत्प डड़र् समद
ु ायों के दहर् के शलए काम क्रकया। इस उपलक्ब्ध के शलए,
उन्हें 1937 में नाइट की उपाचध प्रदान की गय ।
 वे नेिनल यनू नयननस्ट पाटी के सह-सींस्थापक थे।
 उनके प्रयासों से दो कृवष कानन
ू लागू क्रकये गए थे- 1934 का पींजाब ऋर्ग्रस्र्र्ा राहर् अचधननयम
र्था 1936 का पींजाब कजतदार सरु क्षा अचधननयम।
 इन कानन
ू ों ने क्रकसानों को साहूकारों के िींगल
ु से मत
ु र् कराया और जम न पर जोर्दार के अचधकार
को बहाल क्रकया।
63. स कार प्रज्ञा
 प्राथममक स कारी सममततयों को आत्मतनभार भारत में बड़ी भमू मका तनभाने में स योग करने के उद्दे श्य
से, सरकार द्वारा दे ि में ऐस सींस्थाओीं से जुड़े क्रकसानों के शलए एक अशभनव क्षमर्ा ननमातर् पहल
‘सहकार प्रज्ञा’ िरू
ु की गय है ।
 इसके र्हर्, दे ि के ग्राम र् क्षेत्रों में प्राथशमक सहकारी सशमनर्यों में मींत्रालय के र्हर् स्वायत्त ननकाय
राष्ट्रीय स कारी ववकास तनगम (NCDC) द्वारा सहकार प्रज्ञा के र्हर् प्रशिक्षक्षर् क्रकया जाएगा।
 सहकार प्रज्ञा के र्हर्, ज्ञान, कौिल और सींगठनात्मक क्षमर्ाओीं को स्थानाींर्ररर् करने के शलए पैंतालीस
प्रमशक्षण मॉड्यल
ू र्ैयार क्रकए गए हैं।

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64. MQ-9B सी-गाजजायन अनआम्िा ड्रोन्स (MQ-9B Sea Guardian unarmed drones)
हल ही में , अमेररका से लीज पर शलए गए दो MQ-9B सी-गाजजायन अनआम्िा ड्रोन्स को भारर् य नौसेना के बेड़े
में िाशमल क्रकया गया है ।
 यह ड्रोन लगभग 40 घींटे से अचधक समय र्क 40,000 फीट की अचधकर्म ऊँिाई पर उड़ान भरने में
सक्षम है ।
 इसमें 3600 समद्र
ु ीय ननगरान रडार और एक वैकक्ल्पक मल्टीमोड
समद्र
ु ीय सर्ह खोज रडार सक्म्मशलर् है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
हाल ही में जारी की गय रक्षा अगधग्र ण प्रकिया (Defence Acquisition
Procedure- DAP) 2020 में सैन्य प्लेटफामों को लीज पर लेने दे ने
का ववकल्प उपलब्ध कराया गया है ।
65. ‘भारत-ऑस्रे मलया सिंयक्
ु त नौसैतनक अभ्यास’ (AUSINDEX)
 फ्राींस, भारर्-ऑस्रे शलया द्ववपक्ष य नौसैननक अभ्यास AUSINDEX में सक्म्मशलर् होने के शलए उत्सक
ु है ।
 AUSINDEX (ऑस्रे शलया-भारर् नौसैननक अभ्यास), भारर् य नौसेना और रॉयल ऑस्रे शलयाई नौसेना के
मध्य क्रकया जाने वाला एक द्ववपक्ष य समद्र
ु ी अभ्यास है ।
66. भट
ू ान तथा जमानी के मध्य औपचाररक सिंबध
िं ो की शरु
ु आत
हाल ही में , भट
ू ान द्वारा जमतन के साथ राजननयक सींबध
ीं स्थावपर् करने की घोषर्ा की गय है । इसके बाद
राजधानी गथम्पू के यरू ोपीय सिंघ तथा 53 दे शों के साथ औपचाररक राजनतयक सिंबध
िं ो गए ैं।
यह वपछले सार् वषों में भट
ू ान द्वारा की गय पहला राजननयक अशभयान है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
भट
ू ान द्वारा प ली बार 1949 में , भारत के साथ एक मैत्री समझौते पर स्ताक्षर ककए थे, क्जसके र्हर्, सभ
ववदे ि न नर् के मद्
ु दों पर दोनों दे िों में काफी ननकटर्ा रही है । भट
ू ान, ऐनर्हाशसक रूप से, अन्य दे िों के साथ
सींबध
ीं स्थावपर् करने सावधान रहर्ा है ।
 भट
ू ान में वषत ,2007 में पहला िुनाव आयोक्जर् क्रकया गया था, उस समय भट
ू ान के मात्र 22 दे िों के
साथ औपिाररक सींबध
ीं थे, क्जनमे जापान, ऑस्रे शलया और कई नॉडडतक दे ि सक्म्मशलर् थे।
 अमेररका और ि न के कई अनरु ोधों के बावजद
ू , भट
ू ान के द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र सरु क्षा पररषद के स्थाय
पाँि सदस्यों में से क्रकस के साथ भ सींबध
ीं स्थावपर् नहीीं करने का ननर्तय क्रकया गया है ।
 वषत 2008 में प्रधान मींत्र क्जग्मे चथनले ननवातिन के बाद से, भट
ू ान सरकार ने अपने राजननयक सींबध
ीं ो
में र्ेज से वद्
ृ चध की है । और, पाींि सालों में 31 दे िों के साथ समझौर्ों पर हस्र्ाक्षर क्रकए है ।

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67. सिंववधान हदवस (Constitution Day)


26 नविंबर, 1949 को दे ि की सींववधान सभा ने वर्तमान
सींववधान को ववचधवर् रूप से अपनाया गया था। इस
के उपलक्ष्य में प्रनर्वषत सिंववधान हदवस (Constitution
Day) मनाया जार्ा है । हालाींक्रक सींववधान को 26 जनवरी,
1950 को लागू क्रकया गया था।
26 नविंबर को 'सींववधान ददवस' के रूप में मनाने का
ननर्तय वषत 2015 में सामाजजक न्याय और अगधकाररता
मिंत्रालय द्वारा मलया गया था।

68. सच
ू ना प्रबिंधन और ववश्लेषण केंद्र (IMAC)
(Information Management and Analysis Centre)
सिंदभा: भारर् य नौसेना का सच
ू ना प्रबिंधन और ववश्लेषण
केंद्र (Information Management and Analysis
Centre- IMAC) ि घ्र ही राष्ट्रीय समद्र
ु ी िोमेन जागरूकता (National Maritime Domain Awareness- NMDA)
केंद्र बन जाएगा, क्जसमें सभ दहर्धारकों की भाग दारी होग ।
सच
ू ना प्रबिंधन और ववश्लेषण केंद्र (IMAC) के बारे में :
 यह समद्र
ु ी डेटा सींलयन के शलए नोडल एजेंस है ।
 इसे 26/11 में हुए मब
ुीं ई आर्ींकवादी हमलों के बाद स्थावपर् क्रकया गया था।
 वषत 2012 में रक्षा अचधग्रहर् पररषद द्वारा अनम
ु ोददर् क्रकया गया।
 वषत 2014 से कायत करना आरीं भ क्रकया और यह गरु
ु ग्राम में क्स्थर् है ।
 यह नेिनल कमाींड कींरोल कम्यनु नकेिन एींड इींटेशलजेंस शसस्टम (NC3I) का नोडल केंद्र है ।

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 इसे नौसेना के पररिालन केंद्रों और नौसेना र्था दे ि के समद्र


ु र्ट पर फैले कोस्ट गाडत के ननिले
अचधकाररयों में सींपकत स्थावपर् करने हे र्ु गदठर् क्रकया गया था।
69. स्कॉटलैंि, मफ्
ु त सैतनटरी पैि व टै म्पोन प्रदान करने वाला प ला राष्ट्र
 स्कॉटलैंड, माशसक धमत गरीब (Period Poverty) के खखलाफ एक कदम उठाने वाला ववश्व का पहला
राष्ट्र बन गया है । प ररयड पावटी (Period Poverty) का र्ात्पयत उस क्स्थनर् से है , क्जसके र्हर् मदहलाएीं
माशसक धमत के दौरान होने वाले रतर्स्राव को प्रबींचधर् करने के शलए सैननटरी पैड या टै म्पोन जैसे
उत्पादों का प्रयोग करने में समथत नहीीं होर् है ।
 प ररयड प्रोडतर्टस (फ्री प्रोववजन) स्कॉटलैंड बबल, के पाररर् होने के पश्िार् टै म्पोन और सैननटरी पैड्स,
सामद
ु ानयक केंद्रों, यव
ु ा तलबों और फामेशसयों जैसे सावतजननक स्थानों पर मफ्
ु र् उपलब्ध होंगे।
 इससे करदार्ाओीं पर लगभग 24 शमशलयन पाउीं ड (2,36,51,54,024 रुपये) वावषतक का भार पड़ेगा।
70. SDG तनवेशक मानगचत्र (SDG Investor Map)
 इस कायतक्रम को सींयत
ु र् राष्ट्र ववकास कायतक्रम (UNDP) और इन्वेस्ट इींडडया द्वारा िरू
ु क्रकया गया है ।
 इस मैप में छह महत्वपर्
ू त एसड ज सक्षम क्षेत्रों 18 ननवेि अवसर क्षेत्र (Investment Opportunities
Areas- IOAs) चिक्ह्नर् क्रकये गए है , जो भारर् को सर्र् ववकास लक्ष्यों की ददिा में आगे बढ़ने में
सहायर्ा करें गे।
 सावतजननक क्षेत्र की प्राथशमकर्ाओीं और ननज क्षेत्र के दहर्ों के मध्य ओवरलैप करने वाले र्था ररतर्
स्थानों का मानचित्रर् करके, SDG इन्वेस्टर मैप, ननज क्षेत्र के ननवेि और सावतजननक क्षेत्र के सहयोग
करने वाले र्रीकों को ननमातर् करर्ा है ।
71. शा तत
ू बािंध (Shahtoot Dam)
हाल ही में , भारर् द्वारा एक बैठक में अफगान
सरकार को काबल
ु के पास शा तत
ू बाँध के ननमातर्
में मदद करने पर सहमनर् जर्ाई गय है ।
 यह बाींध से काबल
ु िहर के 2 शमशलयन
लोगों को प ने के पान की आपनू र्त सनु नक्श्िर्
हो सकेग ।
 इस बाींध का ननमातर् काबल
ु नदी की सहायक,
मैदान नदी (Maidan river) पर क्रकया
जाएगा।

72. माउिं ट इली लेवोटोलोक (Mount Ili Lewotolok)


चचाा का कारण: हाल ही में ज्वालामख
ु ववस्फोट हुआ है ।
 अवजस्थतत: यह पव
ू ी इींडोनेशिया में क्स्थर् एक ज्वालामख
ु है ।

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240

 5,423 म टर (17,790 फुट) उीं िाई वाला यह पवतर्, इींडोनेशिया में जावा द्व प पर मेराप (Merapi) और
सम
ु ात्रा द्व प पर शसनाबींग (Sinabung) ज्वालामख
ु सदहर् वर्तमान में र् न प्रस्फुदटर् ज्वालामखु खयों में
से एक है ।
73. वैजश्वक नवाचार और प्रौद्योगगकी गठबिंधन (GITA) (Global Innovation and Technology Alliance)
यह एक “नॉट-फॉर-प्रॉक्रफट” सेतिन -8 पक्ब्लक प्राइवेट पाटत नरशिप (PPP) कींपन है।
वैक्श्वक नवािार और प्रौद्योचगकी गठबींधन (GITA), ववज्ञान और प्रौद्योचगकी ववभाग (TDB) के र्हर् प्रौद्योचगकी
ववकास बोडत (TDB) र्था भारर् य उद्योग पररसींघ (CII) के ब ि सावतजननक-ननज भाग दारी है ।
काया: GITA प्लेटफ़ॉमत, प्रौद्योचगकी अींर्राल मानचित्रर्, ववश्व भर में उपलब्ध प्रौद्योचगक्रकयों का वविेषज्ञ
मल्
ू याींकन, भारर् य अथतव्यवस्था के शलए उपयत
ु र् र्कन की-रर्न नर्क सहयोग साझेदारी और प्रौद्योचगकी
ववकास / अचधग्रहर् हे र्ु आसान धन उपलब्ध कराने, के माध्यम से नव न प्रौद्योचगकी समाधानों के शलए
औद्योचगक ननवेि को प्रोत्सादहर् करर्ा है ।

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