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CA Compilation Nvr2020 PDF
CA Compilation Nvr2020 PDF
ह द
िं ी सिंकलन
नवम्बर 2020
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2
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3
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4
3. मख्
ु यमींत्र : ननयक्ु तर्, िक्तर्याीं, कायत और पद 1. सरना आददवाशसयों के शलए एक झारखींड में
4. मख्
ु यमींत्र जगन मामले पर सन
ु वाई से पथ
ृ क धाशमतक कोड
न्यायाध ि द्वारा सन
ु वाई से इींकार
5. लोकसभा अध्यक्ष
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5
2. अनस
ु चू िर् जानर् एवीं अन्य पारीं पररक 4. ववश्व भर में फैले नर्ब्बनर्यों द्वारा
वनवास (वन अचधकार मान्यर्ा) ‘ननवातशसर्- सींसद’ का िुनाव
अचधननयम, 2006 5. UNSC में , भारर् द्वारा अफगाननस्र्ान में
3. महात्मा गाींध राष्ट्रीय ग्राम र् रोजगार र्त्काल यद्
ु ध ववराम की माींग
गारीं टी योजना (MGNREGS) 6. ि न की ब्रह्मपत्र
ु नदी पर एक बड़ा बाींध
ववषय: स्वास््य, शिक्षा, मानव सींसाधनों से सींबचीं धर् बनाने की योजना
सामाक्जक क्षेत्र/सेवाओीं के ववकास और प्रबींधन से ववषय: द्ववपक्ष य, क्षेत्र य और वैक्श्वक समह
ू और
सींबचीं धर् ववषय। भारर् से सींबचीं धर् और/अथवा भारर् के दहर्ों को
1. बॉड मास इींडत
े स (BMI) में भारर् य क्रकिोरों प्रभाववर् करने वाले करार।
की क्स्थनर् 1. पेररस जलवायु समझौर्े से अमेररका के
2. ननमोननया और डायररया प्रगनर् ररपोटत बाहर
3. ऑनलाइन शिक्षा की समस्यायों पर एक 2. ववदे ि मींत्र द्वारा व्यापार समझौर्े व
अध्ययन वैश्व करर् की आलोिना
4. प्लाज्मा थेरेप के अींधाधुींध प्रयोग पर 3. भारर् और लतसमबगत के मध्य दो दिकों
भारर् य आयवु वतज्ञान अनस
ु ध
ीं ान पररषद में पहली बैठक
(ICMR) का ववरोध 4. वेस्ट बैंक एवीं इससे सींबचीं धर् मद्
ु दे
5. राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन ववषय: भारर् के दहर्ों पर ववकशसर् र्था ववकासि ल
6. िापरे वायरस दे िों की न नर्यों र्था राजन नर् का प्रभाव; प्रवास
भारर् य।
7. राष्ट्रपनर् रम्प को कोववड-19 के ईलाज हे र्ु
1. दटग्रे, इचथयोवपया में सिस्त्र सींघषत एवीं हॉनत
दी गय प्रायोचगक दवा को FDA की अनम
ु नर्
ऑफ अफ्रीका के शलए इसके ननदहर्ाथत
8. पोषर् अशभयान
2. ‘जो बबडेन’ का अमेररकी राष्ट्रपनर् पद पर
ववषय: िासन व्यवस्था, पारदशितर्ा और जवाबदे ही के
ननवातिन र्था इसका भारर्-अमेररकी सींबध
ीं ो
महत्त्वपर्
ू त पक्ष।
1. टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट (TRP) मानदीं डों की पर प्रभाव
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6
ववषय: महत्त्वपर्
ू त अींर्रातष्ट्रीय सींस्थान, सींस्थाएँ और 8. राजकोष य घाटा सालाना लक्ष्य के 120
मींि- उनकी सींरिना, अचधदे ि। प्रनर्िर् पर पहुींिा
1. प्रिासननक और बजट सींबध
ीं प्रश्नों पर
ववषय: समावेि ववकास र्था इससे उत्पन्न ववषय।
सलाहकार सशमनर् (ACABQ) 1. कॉरपोरे ट घरानों को बैंक्रकींग लाइसेंस दे ने के
2. ओपेक प्लस प्रस्र्ाव पर कड़ आलोिना
3. अींर्रातष्ट्रीय परमार्ु ऊजात एजेंस (IAEA) ववषय: मख्
ु य फसलें- दे ि के ववशभन्न भागों में
4. सबसे बड़े मत
ु र् व्यापार ब्लॉक ‘क्षेत्र य फसलों का पैटनत- शसींिाई के ववशभन्न प्रकार एवीं
व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP) की शसींिाई प्रर्ाली।
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बौद्चधक सींपदा अचधकारों से सींबचीं धर् ववषयों के 4. WWF द्वारा वषत 2050 र्क ‘गींभ र जल-
सींबध
ीं में जागरुकर्ा। सींकट’ का सामना करने वाले 100 िहरों की
1. िावल को पोषर्यत
ु र् बनाने हे र्ु पररयोजना पहिान
2. आकािगींगा में पहली बार ‘र् व्र रे डडयो 5. जैव-अपघटक र्कन क
प्रस्फोट‘ (FRB) की जानकारी 6. स्मॉग एवीं इसके हाननकारक प्रभाव
3. EOS-01: भारर् का नव नर्म प्
ृ व 7. दहमालय वार्ावरर् में भरू े काबतन ‘टारबॉल्स’
ननगरान उपग्रह की मौजूदग
4. फाइजर वैतस न
8. र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) मानदीं ड
5. थटी म टर टे लीस्कोप (TMT) पररयोजना
9. पटाखों की बबक्री का वायु गर्
ु वत्ता से सींबध
ीं :
6. OTT प्लेटफॉम्सत पर सरकारी ननयींत्रर्
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर्
7. स्पेसएतस-नासा का आगाम क्रू -1 शमिन
10. ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान (GRAP)
8. केरल फाइबर ऑक्प्टक नेटवकत पररयोजना
11. पन्ना टाइगर ररजवत को यन
ू ेस्को
(KFONP) ‘बायोस्फीयर ररजवत’ का दजात
9. यरू ोप य अींर्ररक्ष एजेंस का एररयल स्पेस 12. डोनाल्ड रम्प के पश्िार् अमेररका एवीं
शमिन
जलवायु समझौर्े
10. उच्ित्तम न्यायालय द्वारा केंद्र से फजी 13. कनातटक सरकार द्वारा ‘ड म्ड फॉरे स्ट’ का
खबरों पर ननयींत्रर् व्यवस्था सींबध
ीं पछ
ू र्ाींछ अवगीकरर्
11. कॉडत ब्लड बैंक्रकीं ग 14. वैक्श्वक नव करर् य ऊजात ननवेि सम्मलेन
12. सेंदटनल-6 सेटेलाइट और प्रदितन
13. इसरो का िक्र
ु यान 15. मब
ुीं ई की समद्र
ु ीय र्टरे खा पर ‘न ला ज्वार’
14. िाींग’ई-5 प्रोब 16. प लीभ र् टाइगर ररजवत के शलए प्रथम TX2
15. सींसदीय सशमनर् की बैठक के दौरान जम्म-ू
परु स्कार
कश्म र में इींटरनेट प्रनर्बींध पर वववाद
ववषय: ववकास और फैलर्े उग्रवाद के ब ि सींबध
ीं ।
16. जापान का हायाबस
ु ा-2 अींर्ररक्ष यान 1. महाराष्ट्र-कनातटक स मा वववाद पर महाजन
आयोग की ररपोटत
ववषय: सींरक्षर्, पयातवरर् प्रदष
ू र् और क्षरर्, पयातवरर्
ववषय: आींर्ररक सरु क्षा के शलये िुनौर् उत्पन्न करने
प्रभाव का आकलन।
वाले िासन ववरोध र्त्त्वों की भशू मका।
1. यमन
ु ा में अमोननया के स्र्र में वद्
ृ चध
1. ि न द्वारा माइक्रोवेव हचथयारों के प्रयोग
2. श्र लींका में समद्र
ु र्ट पर फींस 100 से
सींबध
ीं ररपोर्टतस का भारर् द्वारा खींडन
अचधक ह्वेल
2. इनर लाइन परशमट (ILP)
3. प्रोजेतट लायन: छह पन
ु वातस स्थलों की
ववषय: सींिार नेटवकत के माध्यम से आींर्ररक सरु क्षा
पहिान
को िुनौर् ।
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8. केरल लोक सेवा आयोग में सामान्य श्रेर् 33. दरस्टन दा कुन्हा
के गरीबों के शलए 10% कोटा 34. राजस्थान में ‘िाींनर् प्रनर्मा’ का अनावरर्
12. विअ
ुत ल ग्लोबल इनवेस्टर राउीं डटे बल (VGIR) 37. लीलावर् परु
ु स्कार 2020 का िभ
ु ारीं भ
कायतक्रम सवेक्षर्
14. लह
ु री जल ववद्यर्
ु पररयोजना
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सामान्य अध्ययन-I
भारतीय ववरासत और सिंस्कृतत, ववश्व का इतत ास एविं भग
ू ोल और समाज
ववषय: 18व ीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय र्क का आधुननक भारर् य इनर्हास- महत्त्वपर्
ू त
घटनाएँ, व्यक्तर्त्व, ववषय।
4. राष्ट्रीय एकता हदवस (Rashtriya Ekta Diwas)
सिंदभा: 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटे ल की जयिंती के अवसर पर, परू े दे ि में राष्ट्रीय एकर्ा ददवस
मनाया गया।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सरकार द्वारा वषा 2014 में सरदार वल्लभभाई पटे ल जयींर् को एकर्ा ददवस के रूप में मनाने का फैसला
क्रकया गया था। यह ददवस, एकर्ा, अखींडर्ा और सरु क्षा हे र्ु खर्रों का सामना करने के शलए राष्ट्र की अींर्ननतदहर्
िक्तर् और लि लेपन की पन
ु ाः पक्ु ष्ट्ट करने का मौका प्रदान करर्ा है ।
सरदार वल्लभाई पटे ल के बारे में :
सरदार बल्लभ भाई पटे ल का जन्म 31 अक्तब
ू र, 1875 को गज
ु रात के नाडियाि नामक श र में हुआ था।
सरदार पटे ल को स्वतिंत्र भारत में सभी 562 ररयासतों का ववलय करके भारर् गर्राज्य के ननमातर् करने का
श्रेय ददया जार्ा है ।
भारतीय राष्ट्रीय आिंदोलन में भमू मका:
1. सरदार पटे ल को वषत 1917 में भारर् य राष्ट्रीय काींग्रेस की गज
ु रार् िाखा के सचिव के रूप में ननवातचिर्
क्रकये गए।
2. इन्होने वषत 1918 में गज
ु रार् के ‘खेडा’ में एक व्यापक क्रकसान आन्दोलन का नेर्त्ृ व क्रकया। खेड़ा में
भींयकर सख
ू े के बाबजूद अींग्रेजों द्वारा कर िुकाने पर जोर ददया जा रहा था, सरदार पटे ल ने क्रकसानों
से ‘कर न ीिं’ िुकाने का आग्रह क्रकया।
3. सरदार पटे ल ने महात्मा गाींध द्वारा िरू
ु क्रकए गए अस योग आिंदोलन में भाग शलया और उनके साथ
परू े राष्ट्र का दौरा क्रकया।
4. वषत 1928 में सरकार द्वारा अनर्ररतर् कर का भग
ु र्ान करने से इींकार करने के बाद क्रकसानों की ज़म नें
जब्र् कर ली गय थ । सरदार पटे ल ने बब्रदटि सरकार और क्रकसान-प्रनर्ननचधयों के ब ि एक समझौर्ा
करके क्रकसानों का सहयोग क्रकया। अपने क्षेत्र के क्रकसानों को एक साथ लाने के प्रयासों के िलर्े इन्हें
'सरदार' की उपाचध प्रदान की गय ।
5. इन्हें वषत 1930 में महात्मा गाींध द्वारा िरू
ु क्रकए गए प्रमसद्ध नमक सत्याग्र आिंदोलन में भाग लेने
के कारर् कारावास की सजा सन
ु ाई गय ।
6. इन्हें वषा 1931- कराची अगधवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कािंग्रेस के अध्यक्ष के रूप में ननवातचिर् क्रकया
गया।
7. इन्होने, है दराबाद के ननज़ाम द्वारा पाक्रकस्र्ान में िाशमल होने या स्वर्ींत्र रहने के इरादों के बाद
है दराबाद को स्वर्ींत्र और राष्ट्र में एकीकृर् करने के शलए ‘ऑपरे शन पोलो’ िरू
ु क्रकया।
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11
स्रोर्: प आईब
2. राष्ट्रीय मशक्षा हदवस (National Education Day)
सिंदभा: वषत 2008 से, भारर् में 11 नविंबर को मौलाना अबल
ु कलाम आजाद की जयिंती को, शिक्षा क्षेत्र में उनके
ववशिष्ट्ट योगदान के सम्मान में राष्ट्रीय शिक्षा ददवस के रूप में मनाया जार्ा है ।
मौलाना अबल
ु कलाम आजाद और उनके प्रमख
ु योगदान
मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद ने स्वतिंत्र भारत के प ले मशक्षा मिंत्री के रूप में कायत क्रकया।
वह एक प्रशसद्ध भारर् य ववद्वान, स्वर्ींत्रर्ा सेनान और भारतीय राष्ट्रीय कािंग्रस
े के वररष्ट्ठ नेर्ाओीं में
से एक थे।
उन्होंने शिक्षा मींत्र के रूप में अपने कायतकाल के दौरान एक राष्ट्रीय मशक्षा प्रणाली का गठन क्रकया।
उनका लक्ष्य सभी के मलए मफ्
ु त प्राथममक मशक्षा प्रदान करने पर था।
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आजाद को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के शलए वषा 1992 में भारत रत्न से सम्माननर् क्रकया गया
था।
उन्होंने भारतीय प्रौद्योगगकी सिंस्थान (IIT) की स्थापना करने और ववश्वववद्यालय अनद
ु ान आयोग
(UGC) की नीिंव रखने में भ अग्रर् भशू मका ननभाई थ ।
भारतीय राष्ट्रीय आिंदोलन में भमू मका:
मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद ने वषत 1912 में अल-ह लाल (Al-Hilal) नामक उदत ू में एक साप्र्ादहक
पबत्रका िरू
ु क्रकया।
इस साप्र्ादहक पबत्रका ने मोले-शमींटो सध
ु ारों (Morley-Minto reforms) के बाद दो समद
ु ायों के मध्य
उत्पन्न हुई नफरर् की खाई को समाप्र् करने र्था दहींद-ू मक्ु स्लम एकर्ा स्थावपर् करने में महत्वपर्
ू त
भशू मका ननभाई। सरकार ने अल-दहलाल के शलए अलगाववादी वविारधारा को फ़ैलाने वाला मानर्े हुए
वषत 1914 में प्रनर्बींचधर् कर ददया।
मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद ने गाींध ज द्वारा िरू
ु क्रकए गए अस योग आिंदोलन का समथतन क्रकया
और वषा 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कािंग्रेस में सजम्ममलत ो गए।
वषत 1923 में , उन्हें पहली बार भारर् य राष्ट्रीय काींग्रस
े के अध्यक्ष के रूप में िुना गया र्था वह वषत
1940 में क्रफर से काींग्रेस के अध्यक्ष बने।
धमातनरपेक्षता के सशजक्तकरण में योगदान:
आज़ाद के शलए धमतननरपेक्षर्ा ने एक र्रफ व ादत-ए-दीन (wahadat-e-din) के शसद्धाींर् पर आधाररर्
थ और दस
ू री ओर उन्होंने मध्यस्थों के रूप में परु ोह त वगा की उपेक्षा करते ु ए धमा को सिंस्थागत
करने का ववरोध ककया।
उन्होंने धमतननरपेक्षर्ा के वास्र्ववक स्वरूप को ग्रहर् क्रकया और मानव मक्स्र्ष्ट्क की शिक्षा और ववकास
र्था मनष्ट्ु य की चेतना को ववकमसत करने को सवाागधक म त्व हदया।
शिक्षा मींत्र आज़ाद का वविार था, क्रक धाशमतक शिक्षा के साथ-साथ धमतननरपेक्ष शिक्षा भ प्रदान की जाए
तयोंक्रक धाशमतक शिक्षा जैसा गींभ र ववषय, ववशभन्न समद
ु ायों के धाशमतक नेर्ाओीं के हाथों में नहीीं ददया
जा सकर्ा। अचधकाींिर्ाः धाशमतक नेर्ाओीं की प्रववृ त्त वितस्ववादी और साींप्रदानयक होर् है ।
मौलाना अबल
ु कलाम आज़ाद की इच्छा थ क्रक छात्रों को सभी धमों के सामान्य मल्
ू यों के बारे में
पढाया जाना चाह ए र्ाक्रक उनमे एक-दस
ू रे के प्रनर् पव
ू ातग्रह ववकशसर् न हो सकें।
आजाद के अनस
ु ार, धमातनरपेक्षता का मतलब, धमत को, घर की िाहरदीवारी में कुछ कमतकाींडों के पालन करने
र्क स शमर् करना नहीीं था, बक्ल्क धमत के द्वारा अनय
ु ानययों को उचिर् रास्र्े पर िलने और सवतिक्तर्मान
ईश्वर से उचिर् रास्र्े को समझने हे र्ु मागतदितन प्राप्र् करने के शलए प्रेररर् करना था। इसके शलए प्रत्येक
मनष्ट्ु य को अपने-अपने धमों का बेहर्र अनय
ु ाय बनने के शलए सींघषत करना पड़र्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अबल
ु आज़ाद की महत्वपर्
ू त सादहक्त्यक कृनर्याँ
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ववषय:स्वर्ींत्रर्ा सींग्राम- इसके ववशभन्न िरर् और दे ि के ववशभन्न भागों से इसमें अपना योगदान दे ने वाले
महत्त्वपर्
ू त व्यक्तर्/उनका योगदान।
1. बबरसा मि
ुिं ा (Birsa Munda)
सिंदभा: 15 नविंबर को आददवास नेर्ा बबरसा मड
ींु ा (Birsa Munda) की जयींर् के रूप में मनाया जार्ा है ।
राष्ट्रीय आींदोलन में उनके महत्वपर्
ू त योगदान को स्व कार करर्े हुए वषत 2000 में उनके जन्मददवस पर झारखींड
राज्य का गठन क्रकया गया था।
बबरसा मि
िंु ा के बारे में :
बबसरा मड
ुीं ा एक लोक नायक और मड
ुीं ा जनजानर् का एक आददवास स्वर्ींत्रर्ा सेनान थे।
उन्होंने 19 व ीं िर्ाब्दी में बब्रदटि उपननवेि के अध न बबहार और झारखींड क्षेत्र में धाशमतक , सामाक्जक,
र्था राजन नर्क आींदोलन (Millenarian Movement) का नेर्त्ृ व क्रकया।
इन्हें 'धरती आबा' (Dharti Abba) या ‘जगत वपता’ के रूप में भ जाना जार्ा है ।
बबरसाइत (Birsait)
उलगल
ु ान के नेर्त्ृ वकर्ात जननायक बबरसा मड
ुीं ा को झारखींड सदहर् छत्त सगढ़ के लोग भगवान की र्रह पज
ू र्े
हैं। बबसरा मड
ींु ा, आददवास समाज में सध
ु ार करना िाहर्े थे और इसशलए उन्होंने लोगों से जाद ू टोने में ववश्वास
न करने और इसके बजाय प्राथतना करने पर जोर ददया र्था िराब से दरू रहने, ईश्वर में ववश्वास रखने और
सही आिरर् का पालन करने का आग्रह क्रकया। इस आधार पर उन्होंने बबरसा- धमत की िरु
ु आर् की और इस
धमत के अनय
ु ानययों को बबरसाइर् कहा जार्ा है ।
उपलजधधयािं:
बबसरा मड
ुीं ा ने 'उलगल
ु ान' (Ulgulan) आींदोलन का आरीं भ क्रकया, इसे ‘महान ववद्रोह’ (The Great Tumult) भ
कहा जार्ा है ।
आददवाशसयों के िोषर् और भेदभाव के खखलाफ उनका सींघषत बब्रदटि सरकार पर बहुर् भारी पड़ा, और इसके
पररर्ामस्वरूप वषत 1908 में छोटानागपरु काश्तकारी
अगधतनयम (Chotanagpur Tenancy Act) पाररर्
क्रकया गया, क्जसके द्वारा आददवास लोगों से गैर-
आददवाशसयों के शलए भशू म के हस्र्ाींर्रर् को
प्रनर्बींचधर् कर ददया गया।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. बबरसा मड
ुीं ा का जन्म कहाँ हुआ था?
2. उलगल
ु ान तया है?
3. छोटानागपरु काश्र्कारी अचधननयम, 1908
का अवलोकन
में स मलिंक:
बबरसा मड
ींु ा और भारर् के स्वर्ींत्रर्ा सींग्राम में उनके महत्वपर्
ू त योगदान पर एक दटप्पर् शलखखए।
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15
स्रोर्: प आईब
ववषय:मदहलाओीं की भशू मका और मदहला सींगठन, जनसींख्या एवीं सींबद्ध मद्
ु दे , गरीब और ववकासात्मक ववषय,
िहरीकरर्, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
1. वैवाह क मामलों के मलए हदशातनदे श
सिंदभा: हाल ही उच्ित्तम न्यायालय द्वारा एक फैसले में वैवाह क मामलों में गज
ु ारा भत्ता के भग
ु तान पर
हदशातनदे श जारी क्रकए गए है ।
म ाराष्ट्र के एक वैवाह क मामले की सन
ु वाई के दौरान ि षत अदालर् द्वारा यह फैसला सन
ु ाया गया। इस मामले
में दिं ि प्रकिया सिंह ता की धारा 125 के अींर्गतर् पत्न और बेटे के शलए गज
ु ारा भत्ते का सवाल उठाया गया था।
उच्चत्तम न्यायालय के हदशातनदे शों के अनस
ु ार (सींक्षक्षप्र् अवलोकन):
पररत्यतर् पक्त्नयाीं और बच्िे, अदालर् में आवेदन करने की र्ारीख से, अपने पनर् से गज
ु ारा भत्ता /
भरर्-पोषर् के हकदार हैं।
इस ननदे ि का उल्लींघन करने पर शसववल कारावास की सजा हो सकर् है र्था पररसींपवत्त को प डड़र्
के नाम क्रकया जा सकर्ा है ।
पनर् द्वारा क्रकस आय-श्रोर् नहीीं होने की दलील, यदद वह अपादहज नहीीं है और पढ़ा-शलखा है , र्ो
र््यर्ाः उसे पत्न की क्जम्मेदारी उठाने के नैनर्क कर्तव्य से मत
ु र् नहीीं करे ग ।
आवेदन करने वाली पत्न और जबाबदे ह पनर्, दोनों को, गज
ु रा-भत्ता सींबध
ीं मामले में अपन सींपवत्तयों
और दे नदाररयों का खल
ु ासा करना होगा। यदद क्रकस अन्य कानन
ू के र्हर् इनके ऊपर पहले से कोई
न्यानयक मामला लींबबर् है , र्ो उसे भ अदालर् में घोवषर् करना होगा।
बच्िों के खित, उनकी शिक्षा, बनु नयादी जरूरर्ों और अन्य व्यावसानयक गनर्ववचधयों को अदालर्ों द्वारा
गज
ु ारा भत्ता की गर्ना करर्े समय सक्म्मशलर् क्रकया जाना िादहए।
"महीं गाई दर और ज वन यापन की उच्ि लागर्" जैसे अन्य कारकों पर वविार क्रकया जाना िादहए।
पत्न को वैवादहक घर में उपयोग क्रकये जाने वाले ज वन-मानकों के अनक
ु ू ल गज
ु ारा भत्ता शमलना िादहए।
आवश्यकता
पनर्यों द्वारा पररत्यतर् मदहलाएीं कठोर हालार् में छोड़ दी जार् है , अतसर उनके पास खुद को और अपने
बच्िों को पालने के शलए कोई साधन नहीीं होर्े है और वे र्ींगहाली में ज वन-यापन करने को वववि होर् हैं।
तनह ताथा:
मदहलाओीं द्वारा उनके ववरतर् पनर्यों से गज
ु ारे -भत्ते की माींग करने सींबध
ीं याचिकाओीं पर सन
ु वाई करर्े हुए
पाररवाररक अदालर्ों, मक्जस्रे टों और ननिली अदालर्ों इन एकसमान और व्यापक ददिा-ननदे िों का पालन क्रकया
जाना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक और मेन्स मलिंक:
उच्ित्तम न्यायालय द्वारा वैवादहक मामलों में गज
ु ारा भत्ता के भग
ु र्ान पर जारी ददिाननदे िों और उनके महत्व
का अवलोकन कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GCG7UBMLG.1&imageview=0.
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16
स्रोर्: द दहींद ू
2. राजस्थान सरकार द्वारा दस
ू री सिंतान ोने पर मातत्ृ व लाभ योजना का आरिं भ
सिंदभा: राजस्थान सरकार द्वारा िार क्जलों में मातत्ृ व लाभ योजना का आरीं भ क्रकया गया है , इसके र्हर्, दस
ू री
सिंतान ोने पर माताओिं को छः जार रुपए की आगथाक स ायता प्रदान की जाएग । इस योजना को इिंहदरा गािंधी
मातत्ृ व पोषण योजना का नाम ददया गया है ।
यह योजना, केंद्र सरकार की प्रधानमिंत्री मात ृ विंदना योजना (PMMVY) की स ायक योजना होग । ज्ञार् हो क्रक,
PMMVY के र्हर् मार्ाओीं को पहली सींर्ान के जन्म होने पर पािंच जार रुपए की आगथाक स ायता प्रदान की
जार् है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
इस योजना को प्रायोचगक आधार पर उदयपरु , प्रर्ापगढ़, बाींसवाड़ा और डूग
ीं रपरु में पाँि वषों के शलए लागू
क्रकया जा रहा है ।
इन ियननर् क्जलों में बच्िों का पोषर् स्र्र और मार्ाओीं में एन शमया का स्र्र राज्य के समग्र औसर्
से काफी कम है ।
योजना की प्रमख
ु ववशेषताएिं:
इस योजना का उद्दे श्य: काम करने वाली मदहलाओीं के शलए गभातवस्था के दौरान और प्रसव के बाद
होने वाली मजदरू ी के नक
ु सान की भरपाई करना; बच्िों में दब
ु ल
त र्ा और नाटे पन पर ननयींत्रर् करना;
मार्ाओीं में एन शमया की कम पर अींकुि लगाना है ।
लाभाचथतयों को कुछ िर्ों के अध न पाींि क्रकस्र्ों में नकद आचथतक सहायर्ा प्रदान की जाएग ।
केंद्रीय योजना के ववपरीर्, इन्हें राज्य योजना के अींर्गतर् लाभ प्राप्र् करने के शलए आधार काडत जमा
नहीीं करना होगा और पैसा स धे उनके बैंक खार्ों में स्थानाींर्ररर् क्रकया जाएगा।
प्रधानमिंत्री मात ृ विंदना योजना के बारे में :
प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (PMMVY) केंद्र सरकार की एक मार्त्ृ व लाभ योजना है ।
इस योजना को 2010 में इींददरा गाींध मार् ृ सहयोग योजना (IGMSY) के रूप में िरू
ु क्रकया गया था
क्जसे 1 जनवरी 2017 से प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (प एमएमव वाई) के रूप में परू े दे ि में लागू
क्रकया गया है ।
यह योजना गभावती और स्तनपान कराने वाली मह लाओिं के मलए एक सशता नकद स्तािंतरण योजना
है ।
इस योजना के र्हर् काम-काज मदहलाओीं के शलए गभातवस्था के दौरान और प्रसव के बाद होने वाली
मजदरू ी के नक
ु सान की आींशिक भरपाई, र्था सरु क्षक्षर् प्रसव और अच्छे भोजन एवीं पोषर् हे र्ु आचथतक
सहायर्ा प्रदान की जार् है।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (PMMVY) के बारे में
2. पात्रर्ा
3. लाभ
4. इींददरा गाींध मार्त्ृ व पोषर् योजना और PMMVY के मध्य अींर्र
में स मलिंक:
इींददरा गाींध मार्त्ृ व पोषर् योजना के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFUK.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. जमानी में मह लाओिं के मलए नया बोिारूम कोटा (What is Germany’s new boardroom quota for
women?)
सिंदभा: जमतन में दे श की सच
ू ीबद्ध किंपतनयों में वररष्ट्ठ प्रबिंधन पदों पर काम करने वाली मह लाओिं की सिंख्या
े तु एक अतनवाया कोटा लागू क्रकये जाने की योजना बनाई जा रही है
इस ऐनर्हाशसक कदम को दे ि में लैंगगक असमानता की खाई को कम करने सींबध
ीं अगले कदम के रूप में दे खा
जा रहा है ।
जमानी में ‘मह लाओिं के मलए नया बोिारूम कोटा’ क्या ै ?
स मत प्रावधानों के अनस
ु ार:
1. यदद सि
ू बद्ध कींपननयों के कायतकारी बोडत में र् न से अचधक सदस्य हैं, र्ो उनमें से एक सदस्य मदहला
होग ।
2. क्जन कींपननयों में सींघ य सरकार की दहस्सेदारी है , उनके शलए न्यन
ू र्म 30 प्रनर्िर् पयतवेक्ष बोडत कोटा
और कायतकारी बोडों में न्यन
ू र्म भाग दारी आवश्यक होग ।
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19
यद्
ु ध र्क जारी रहा। इस कारर् राज्य के इस क्षेत्र की जनसाींक्ख्यकीय सींरिना में पररवर्तन भ हुआ
है ।
ब र्े वषों में , इसने रूदढ़बद्ध र्रीके से ‘शमया’ कहा जाने लगा और अतसर ‘बींगलादे ि ’ कहकर इनका
उपहास क्रकया जार्ा है ।
‘चार-चापोरी’ क्या ैं?
‘चार’ (Char) एक र्ैरर्ा हुआ द्व प होर्ा है , र्था ‘चपोरी’ (Chapori) बाढ़ प्रभाववर् नदी र्ट के ननकटवर्ी
ननिले इलाके होर्े हैं।
बाढ़ और कटाव से ग्रशसर् इन इलाकों को ननम्न ववकास सि
ू काींकों द्वारा चिक्ह्नर् क्रकया जार्ा है । और
लगभग 80% िार-आबादी गरीब रे खा से न िे रहर् है ।
UNDP असम मानव ववकास की 2014 ररपोटत में िार-क्षेत्रों को ‘सींिार-सवु वधाओीं के अभाव, प्राथशमक
शिक्षा से आगे पयातप्र् स्कूली शिक्षा सवु वधाओीं की कम , बाल वववाह, गरीब और अशिक्षा’ से ग्रशसर् क्षेत्र
के रूप में बर्ाया गया है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. शमया कौन हैं?
2. िार-िापोरी तया हैं?
3. असम समझौर्े का अनच्
ु छे द-6
में स मलिंक:
शमया कौन हैं? उन्हें क्रकन िन
ु ौनर्यों का सामना करना पड़ रहा है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-the-miyas-of-assam-and-their-char-chapori-
culture-6943279/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. ‘जन्म-मत्ृ यु सािंजख्यकी ररपोटा ’, 2018
सिंदभा: हाल ही में , भारत के म ापिंजीयक (Registrar-General of India) द्वारा ‘नागररक पिंजीकरण प्रणाली पर
आधाररत भारत की ‘जन्म-मत्ृ यु सािंजख्यकी ररपोटा ’, 2018 (2018 report on “Vital statistics of India based on
the Civil Registration System”) जारी की गय । इस ररपोटत में दे ि के ववशभन्न राज्यों के शलींगानप
ु ार् पर प्रकाि
डाला गया है ।
जन्म के समय मलिंगानप
ु ात (Sex ratio), प्रनर् एक हज़ार परु
ु षों पर पैदा होने वाली मदहलाओीं की सींख्या होर्
है ।
प्रमख
ु तनष्ट्कषा:
सवाश्रेष्ट्ठ मलिंगानप
ु ात वाला राज्य: अरुर्ािल प्रदे ि (1084)
सबसे ख़राब मलिंगानप
ु ात वाला राज्य: मखर्परु (757)
सवतश्रेष्ट्ठ शलींगानप
ु ार् वाला राज्यों में अरुर्ािल प्रदे ि के बाद नागालैंड (965) शमजोरम (964), केरल
(963) और कनातटक (957) का स्थान है ।
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इस सिंबध
िं में सरकार द्वारा ककये गए प्रयास
सरकार द्वारा कई योजनाएीं लागू की गय है । इनमें िाशमल है :
1. बेटी बिाओ, बेटी पढाओ
2. सक
ु न्या समद्
ृ चध योजना (SSY)
3. बाशलका सरु क्षा योजना।
4. प्रधानमींत्र मार् ृ वींदना योजना (PMMVY)
5. राष्ट्रीय मदहला कोष (RMK)
मह ला सशजक्तकरण े तु योजनाओिं और कानन
ू ों को लागू करते समय आने वाली चुनौततयािं
योजनाओीं और कानन
ू ों के ननरीक्षर् और ननगरान करने के शलए पयातप्र् सींसाधनों का अभाव।
अपयातप्र् योग्य कमतिारी।
ववशभन्न स्र्रों पर सलाहकार सशमनर्यों का खराब प्रदितन।
कानन
ू ों और प्रक्रक्रयाओीं की अपयातप्र् समझ।
जागरूकर्ा का अभाव।
इन योजनाओीं के कायातन्वयन में सहयोग करने के शलए स शमर् बनु नयादी ढाँिा
आगे की रा
भ्रर्
ू हत्या पर प्रनर्बींध लगाने वाले कानन
ू ों को सख्र् से लागू करना;
सींर्ान के रूप में पत्र
ु -ववहीन मार्ा-वपर्ा के शलए दहर्कारी योजनाएीं उपलब्ध कराना;
लड़क्रकयों के शलए मफ्
ु र् और अननवायत शिक्षा;
मदहलाओीं को नौकरी में आरक्षर् ददया जाना िादहए;
सींबचीं धर् कानन
ू ों के कायातन्वयन हे र्ु आधारभर्
ू सींरिना और प्रशिक्षर् को सनु नक्श्िर् करना िादहए;
शिक्षा प्रर्ाली में मदहला सिक्तर्करर्, र्था दहे ज एवीं कन्या भ्रर्
ू हत्या, जैस बरु ाइयों के बारे में
जागरूकर्ा प्रदान करने पर ध्यान केंदद्रर् करना िादहए।
मदहलाओीं को बिपन से ही सितर् और सामाक्जक बनाया जाना िादहए र्ाक्रक वे खुद को परु
ु षों के
बराबर समझ सकें।
इस मद्
ु दे को हल करने के शलए सरकार को समाज की मानशसकर्ा को बदलने पर ध्यान दे ना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. शलींगानप
ु ार् को क्रकस प्रकार पररभावषर् क्रकया जार्ा है ?
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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GVQ7VGNVN.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. ब्रू शरणागथायों द्वारा अवस्थापन समझौते के तत्काल कायाान्वयन की मािंग
(Bru refugees demand immediate implementation of settlement pact)
सिंदभा: जनवरी 2020 में केंद्र सरकार द्वारा ब्रू िरर्ाचथतयों की समस्या के स्थाय समाधान के शलए एक
ऐनर्हाशसक िर्ष्ट्ु पक्ष य समझौर्े पर हस्र्ाक्षर क्रकए गए थे। ममजोरम ब्रू शरणागथायों (Mizoram Bru Refugees)
के नेर्ाओीं द्वारा समझौर्े के प्रावधानों के अनस
ु ार बत्रपरु ा में अपने स्थाय पन
ु वातस की िरू
ु आर् क्रकए जाने की
माींग की जा रही है ।
इसमें दे री का कारण
सरकार द्वारा ब्रू िरर्ाचथतयों को बसाने के शलए उत्तरी बत्रपरु ा में कींिनपरु प्रखींड सदहर् 12 स्थानों का ियन
क्रकया गया था। वषत 1997 से ब्रू िरर्ाथी कींिनपरु प्रखींड में छह अस्थाय शिववरों में रह रहे हैं। क्रफर भ , सिंयक्
ु त
आिंदोलन (Joint Movement) नामक एक स्थान य मींि द्वारा िरर्ाचथतयों को बसाने के फैसले का ववरोध क्रकया
जा रहा है ।
ब्र-ू रे यािंग शरणाथी समझौते के बारे में :
23 वषत परु ाने ब्र-ू रे यािंग शरणाथी सिंकट को समाप्र् करने के शलए केंद्र सरकार, बत्रपरु ा सरकार, ममजोरम सरकार
और ब्रू प्रतततनगधयों के मध्य जनवरी 2020 में एक समझौर्ा क्रकया गया था, क्जसके र्हर् बत्रपरु ा में िरर्ाथी
के रूप में रह रहे ब्र-ू जनजार् य समद
ु ायों को बत्रपरु ा में ही बसाने की बार् की गई थ ।
समझौते की प्रमख
ु ववशेषताएिं:
1. इस समझौर्े के र्हर्, केंद्र सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषर्ा की गय ।
2. समझौर्े के अनस
ु ार ब्रू जनजानर्यों को बत्रपरु ा में बसने के शलए जम न प्रदान की जाएग ।
3. सरकारी सहायर्ा राशि के रूप में प्रत्येक पररवार के शलए 4 लाख रु. की राशि उनके बैंक खार्ों में
जमा की जायेग इस , राशि को वे दो साल बाद ननकाल सकेंगे।
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समझौते की आवश्यकता:
शमजोरम में वषत 1997 से जार् य दहींसा जारी है , इससे बिने के शलए 30,000 से अचधक ब्र-ू जनजार् य के सदस्यों
ने बत्रपरु ा में िरर् ली हुई है ।
ब्र-ू रे याींग िरर्ाथी समझौर्ा, बत्रपरु ा में हजारों ब्र-ू रे याींग लोगों के पन
ु वातस हे र्ु एक स्थाय समाधान प्रदान करे गा।
इसके कायातन्वयन के पश्िार् ब्र-ू रे याींग समद
ु ाय सरकार की सभ सामाक्जक-कल्यार् योजनाओीं का लाभ उठा
सकेंगे।
ब्रू जनजातत
ब्रू अथवा रे यािंग )Bru or Reang) जनजातीय समद
ु ाय ै , जो पव
ू ोत्तर भारर् के मल
ू ननवास हैं र्था मख्
ु यर्ाः
बत्रपरु ा, शमज़ोरम और असम में ववस्र्र्
ृ हैं।
बत्रपरु ा में , इन्हें ) ’ववशेष रूप से कमजोर जनजातीय समू ‘ Particularly Vulnerable Tribal Groups -
PVTG) का दजात ददया गया है ।
शमजोरम में , शमज़ो समद
ु ायों के लोग ब्रू जनजानर् के लोगों को बाहरी अथवा ववदे ि मानर्े हैं ,र्था
इन्हें जार् य दहींसा का शिकार बनार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ब्रू कौन हैं?
2. ब्रू समद
ु ायों का सींकट तया है ?
3. इन्हें कहाँ बसाया जा रहा है?
4. िाींनर् समझौर्े की प्रमख
ु वविेषर्ाएीं तया है ?
5. िाींनर् समझौर्े पर हस्र्ाक्षरकर्ात
6. PVTG के बारे में
में स मलिंक:
सफलर्ापव
ू क
त प्रत्यावर्तन और दीघतकाशलक समाधान के शलए शमजो और ब्रू समद
ु ायों के ब ि सल
ु ह आवश्यक है ।
ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G9S7VO6HS.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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23
ववषय:भक
ू ीं प, सन
ु ाम , ज्वालामख
ु य हलिल, िक्रवार् आदद जैस महत्त्वपर्
ू त भ-ू भौनर्कीय घटनाएँ, भौगोशलक
वविेषर्ाएँ।
टाइफून गोनी (Typhoon Goni)
सींदभा: हाल ही में , क्रफशलप स
ीं में एक िक्तर्िाली टाइफून गोन (Typhoon Goni) ने दस्र्क दी है , इसे टाइफून
रॉली (Rolly) भ कहा जा रहा है । राजधान मन ला सदहर् टाइफून के रास्र्े में पड़ने वाले स्थानों से करीब 10
लाख लोगों को सरु क्षक्षर् स्थानों पर पहुींिाया गया है ।
ररकेन, टाइफून और चिवात: में अिंतर
ये सभ उष्ट्णकहटबिंधीय चिवातों के प्रकार होर्े हैं। इन्हें अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग नामों से जाना
जार्ा है ।
उत्तरी अटलाींदटक महासागर और पव
ू ोत्तर प्रिाींर् महासागर में उत्पन्न इन िक्रवार्ों को ररकेन
(Hurricanes) कहा जार्ा है ।
उत्तर पक्श्िम प्रिाींर् महासागर में उत्पन्न होने वाले इस प्रकार के िक्रवार्ों को टाइफून (Typhoon)
के रूप में जाना जार्ा है ।
दक्षक्षर् प्रिाींर् और दहींद महासागर में इन्हें चिवात (Cyclone) कहा जार्ा है , जो इस प्रकार की
वायम
ु ड
ीं लीय गनर्ववचधयों के शलए सही िब्द है ।
चिवातों की उत्पवत्त
उष्ट्र् सागरीय जल के सींपकत में आने पर वायु गमत होकर र् व्रर्ा से ऊपर उठर् है ।
जैसे ही वायु ठीं ड होर् है , इसे सागरीय सर्ह से उपर उठने वाली गमत हवा द्वारा दस
ू री ओर धकेल
ददया जार्ा है ।
यह प्रक्रक्रया र् व्र हवाओीं का कारर् बनर् है । सागर के ऊपर ननशमतर् उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार् से वविाल
लहरों उत्पन्न होर् है ।
जब ये लहरें भशू म पर पहुँिर् हैं, जो र्टीय क्षेत्रों में भयावह बाढ़ का कारर् बन जार् है ।
स्थल पर र् व्र हवाओीं से अत्याचधक क्षनर् हो सकर् है – ये हवाएीं र्टीय क्षेत्रों में मकानों, पेड़ों व वाहनों
को अपने साथ उड़ा सकर् हैं।
चिवात के ववमभन्न भाग
आिंख (Eye): र्फ
ू ान के केंद्र में एक िाींर् क्षेत्र होर्ा है , इसे र्फ़
ू ान की ‘आींख’ कहर्े हैं। इस क्षेत्र में
हल्की हवाएँ बहर् हैं। आसमान में हलके बादल छाए रहर्े हैं र्था कभ -कभ आसमान बबल्कुल
साफ होर्ा है ।
आँख की पररगध (Eye wall): र्फ़
ू ान की आँख के िारो ओर एक झींझावार्ों की मेखला होर् है । ये
र्फ़
ू ान ‘आँख के िारो ओर वर्
ृ ाकार पथ में घम
ू र्े है। आँख की पररचध में र्ेज हवाओीं के साथ
मस
ू लाधार वषात होर् है ।
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24
वषाा कहटबिंध (Rain bands): हररकेन की आँख की पररचध से बाहर की ओर दरू र्क वषात कदटबींधो
र्था बादलों का ववस्र्ार होर्ा है । इनके द्वारा गरज के साथ भारी वषात होर् है र्था कभ -कभ
टोरनाडो भ ननशमतर् हो जार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्रवार् की उत्पवत्त हेर्ु
उत्तरदाय कारक
2. दनु नया के ववशभन्न क्षेत्रों में
िक्रवार्ों का नामकरर्
3. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक
िक्रवार् आने का कारर्
4. कोररओशलस बल तया है ?
5. सींघनन की गप्ु र् ऊष्ट्मा
में स मलिंक:
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारकों पर ििात कीक्जए। उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों के
ववशभन्न प्रकारों के बारे में बर्ाइए।
स्रोर्: द दहींद ू
2. ला–नीना (La Niña)
सिंदभा: 29 अतटूबर, 2020 को जारी ववश्व मौसम सींगठन (World Meteorological Organization- WMO) के
नव नर्म वैजश्वक मौसमी अपिेट के अनस
ु ार- मध्य और पव
ू ी भम
ू ध्यरे ख य प्रिाींर् महासागर में लगभग एक
दिक के पश्िार् ला–नीना (La Niña) मौसम पररघटना की वापस हुई है ।
तनह ताथा:
ला–न ना के पररर्ामस्वरूप सागरीय सर्ह के र्ापमान में औसर् से दो-र् न डडग्र सेक्ल्सयस र्क की
कम आ सकर् है ।
ला–न ना की क्स्थनर् वषत 2021 र्क कायम रह सकर् है , क्जससे ववश्व के कई भागों में र्ापमान, वषात
और िक्रवार्ों के पैटनत प्रभाववर् हो सकर्े हैं।
ला–नीना क्या ै?
ला–नीना (La Niña) एक मौसम पररघटना है , क्जसके दौरान मध्य और पव
ू ी भम
ू ध्यरे खीय प्रशािंत म ासागर के
सत ीय तापमान में असामन्य रूप से कमी आती ै और इसके साथ ही उष्ट्र्कदटबींध य वायम
ु ड
ीं लीय पररसींिरर्,
अथातर् ् हवाओीं, दबाव और वषात में व्यापक रूप से पररवर्तन होर्ा है ।
ला–न ना का मौसम और जलवायु पर अल–न नो के ठीक ववपरीर् प्रभाव पड़र्ा है । अल-नीनो दक्षक्षणी
दोलन (El Niño Southern Oscillation- ENSO) के दौरान प्रिाींर् महासागरीय क्षेत्र में सर्हीय र्ापमान
में वद्
ृ चध हो जार् है ।
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26
https://www.downtoearth.org.in/news/climate-change/la-nina-is-back-what-does-that-mean-for-
africa-asia-74021.
स्रोर्: डाउन टू अथत
3. इस वषा अक्टूबर मा में चिवात न ीिं आने का कारण (Why did cyclones give October a miss?)
सिंदभा: अतटूबर से ददसींबर र्क की अवचध बींगाल की खाड़ और अरब सागर में िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए
अनक
ु ू ल होर् है । इस वषत, हालाींक्रक, अतटूबर माह के दौरान कोई भ िक्रवार् र्फ़
ू ान नहीीं दे खा गया।
सामान्यतः चिवातों की उत्पावत्त और इनके भारतीय तटों पर प ु ँचने का समय
परू े ववश्व में प्रनर्वषत लगभग 80 िक्रवार्ों का ननमातर् होर्ा है , क्जनमें से पाँि िक्रवार्, उतरी ह द
िं म ासागर
के ‘बींगाल की खाड़ ’ और ‘अरब सागर’ क्षेत्र में उत्पन्न होर्े हैं।
उत्तर दहींद महासागर में उत्पन्न होने वाले िक्रवार् प्रकृनर् में द्ववब ु लक (Bi-modal) होर्े हैं, अथाात ये
दो मौसमों में तनममात ोते ैं- अप्रैल से जून (मॉनसन
ू -पव
ू )त और अतटूबर से ददसींबर (मॉनसन
ू के बाद)।
इनमें से, मई और नवींबर महीने, िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए सबसे अनक
ु ू ल होर्े है ।
इस वषा चिवात न ीिं बनने के कारण
आमर्ौर पर महासागरीय ववक्षोभ दक्षक्षर् ि न सागर की ओर से बींगाल की खाड़ में प्रवेि करर्े हैं,
और भारर् य र्ट की ओर मड़
ु जार्े है । इस वषत, अब र्क उत्तरी दहींद महासागर में , िक्रवार् ननमातर् के
शलए आवश्यक र् व्रर्ा वाले, क्रकस महासागरीय ववक्षोभ का प्रवेि नहीीं हुआ।
इस वषत िक्रवार् नहीीं बनने का एक अन्य कारर् भम
ू ध्यरे ख य प्रिाींर् महासागर में ला-नीना की कमजोर
जस्थतत भ है ।
मैडन
े जूशलयन ऑशसलेिन (Madden Julian Oscillation- MJO) के प्रभाव से भ उत्तरी दहींद महासागर
में िक्रवार्ों का अभाव रहा है । मैडन
े -जशू लयन ऑस लेिन (MJO) एक समद्र
ु ी-वायम
ु ड
ीं लीय घटना है जो
उष्ट्र्कदटबींध य क्षेत्रों में बाररि, हवाओीं, समद्र
ु की सर्ह के र्ापमान और बादलों को प्रभाववर् करर् है ,
और यह आमर्ौर पर प्रनर् 30 से 60 ददनों में स्वयीं की पन
ु राववृ त्त करर् है ।
इसके अलावा, नवींबर माह के दौरान, उच्ि और ननिले वायम
ु ड
ीं लीय स्र्र के मध्य प्रवादहर् होने वाली
हवाओीं की गनर् में अींर्र से ऊध्वााधर पवन अपरूपण होर्ा है , जो ननम्न-दाब प्रर्ाली और अवदाब के
शलए िक्रवार् सींबध
ीं दिाओीं को मजबर्
ू करने से रोक दे र्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्रवार् की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारक
2. ववश्व के ववशभन्न क्षेत्रों में िक्रवार्ों का नामकरर्
3. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक िक्रवार् आने का कारर्
4. कोररओशलस बल तया है ?
5. सींघनन की गप्ु र् ऊष्ट्मा तया होर् है ?
6. मैडन
े जूशलयन ऑशसलेिन (MJO) तया है ?
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में स मलिंक:
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार्ों की उत्पवत्त के शलए क्जम्मेदार कारकों पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-why-did-cyclones-give-october-a-miss-
6980511/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
4. ररकेन आयोटा (Hurricane Iota)
सिंदभा: हाल ही में , हररकेन आयोटा (Hurricane Iota) के कारर् मध्य अमेररका के ननकारागआ
ु में भारी भस्
ू खलन
हुआ है और यह पाींिव श्रेर् (Category Five) का र्फ़
ू ान बन िुका है ।
ररकेन आने की अवगध
अटलािंहटक क्षेत्र में ररकेन (Hurricanes) आने का मौसम जन
ू से नवींबर र्क जारी रहर्ा है और यह अटलाींदटक
महासागर, कैरे बबयन सागर और मैक्तसको की खाड़ क्षेत्रों में आर्े है , जबक्रक पव
ू ी प्रशािंत क्षेत्र में ररकेन आने का
मौसम 15 मई से 30 नवींबर र्क रहर्ा है ।
हररकेन को सैकफर-मसिंपसन वविंि स्केल (Saffir-Simpson Hurricane Wind Scale) के आधार पर वगीकृर्
क्रकया जार्ा है । इसमें हवा की गनर् के आधार पर 1 से 5 र्क की रे दटींग दी जार् है ।
तीसरी श्रेणी अथवा उससे अगधक तीव्रता वाले ररकेन को ‘प्रमख
ु हररकेन अथवा ववनािकारी हररकेन’
कहा जार्ा है तयोंक्रक इनकी वजह से जान-माल की अपार क्षनर् होर् है ।
ररकेन की उत्पवत्त ककस प्रकार ोती ै?
उष्ट्र्कदटबींध य िक्रवार् अथवा हररकेन, उष्ट्ण व आद्र वायु को ईंधन के रूप इस्र्ेमाल करर्े है , और इसशलए
अचधकाींिर्ाः भम
ू ध्य रे खा के तनकट उष्ट्ण सागरीय जल के ऊपर ननशमतर् होर्े हैं।
नासा के अनस
ु ार- जब उष्ट्र् व आद्रर्ायत
ु र् हवा समद्र
ु की सर्ह से ऊपर की ओर उठर् है , र्ो इसके
न िे की ओर ननम्न दाब का क्षेत्र बन जार्ा है ।
आसपास की हवा इस ननम्न वायद
ु ाब क्षेत्र की ओर र्ेज से बढ़र् है , और अींर्र्ाः गमत और आद्र होकर
ऊपर उठ जार् है ।
जब गमा वा ऊपर उठ कर ठिं िी ोती ै , तो इसमें उपजस्थत आद्रता बादलों का तनमााण करती है । बादलों
और हवाओीं की यह प्रर्ाली र्ेज से ववकशसर् होकर ितकर काटने लगर् है , और इसे सागरीय ऊष्ट्मा
और उसकी सर्ह से वाक्ष्ट्पर् होने वाला जल इस प्रक्रक्रया में ईधन का कायत करर्ा है ।
जैसे ही इस प्रकार ननशमतर् िक्रवार् प्रर्ाली र् व्रर्ा से घम
ू र् है , इसके केंद्र में एक आिंख (Eye) बन
जार् है ।
भम
ू ध्य रे खा के उत्तर की ओर बनने वाले िक्रवार् वामावता हदशा (counter-clockwise) में घम
ू र्े हैं,
जबक्रक भम
ू ध्य रे खा के दक्षक्षर् में बनने वाले िक्रवार्, प्
ृ व के घर्
ू नत के कारर् दक्षक्षणावता हदशा
(clockwise) में घम
ू र्े हैं।
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चिवातों का नामकरण
ववश्व मौसम ववज्ञान मौसम सींगठन (World Meteorological Organisation- WMO) और एशिया और प्रिाींर्
के शलए सींयत
ु र् राष्ट्र आचथतक और सामाक्जक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for
Asia and the Pacific) द्वारा वषत 2000 में आयोक्जर् अपने 27 वें सत्र के दौरान ननधातररर् क्रकए गए फामल
ूत े के
अनस
ु ार, बिंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उत्पन्न ोने वाले उष्ट्णकहटबिंधीय चिवातों के नाम, बाींग्लादे ि,
भारर्, मालदीव, म्याींमार, ओमान, पाक्रकस्र्ान, श्र लींका, थाईलैंड, ईरान, कर्र, सऊदी अरब, सींयत
ु र् अरब अम रार् और
यमन द्वारा सझ
ु ाए जार्े हैं।
फामल
ूत े के अनस
ु ार, प्रत्येक दे ि िक्रवार्ों के शलए सि
ू में 13 नाम प्रदान करर्ा है ।
नवीनतम सच
ू ी में भारत द्वारा प्रस्ताववत नाम:
िक्रवार्ों के शलए नामों की नव नर्म सि
ू में भारर् द्वारा गनर्, र्ेज, मरासु (र्शमल में सींग र् वाद्ययींत्र), आग
और न र, आदद नाम प्रस्र्ाववर् क्रकए गए है ।
अप्रैल 2020 में सदस्य दे शों द्वारा आगामी चिवातों के मलए तनम्नमलखखत नाम प्रस्ताववत ककये गए ैं:
बरु े व (Burevi) मालदीव, र्ौतर्े (Tauktae) म्याींमार, यास (Yaas) ओमान, और गल
ु ाब (Gulab) पाक्रकस्र्ान।
ये 13 दे िों द्वारा सझ
ु ाए गए कुल 169 नामों में से िक्रवार्ों के शलए प्रस्र्ाववर् कुछ नाम हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. िक्रवार्ों के शलए भारर् द्वारा सझ
ु ाए गए नामों की सि
ू ।
2. िक्रवार् की उत्पवत्त के शलए उत्तरदाय कारक
3. ववश्व के ववशभन्न क्षेत्रों में िक्रवार्ों का नामकरर्।
4. भारर् के पव
ू ी र्ट में अचधक िक्रवार् तयों?
5. िक्रवार्ों की स्थल पर र् व्रर्ा में अींर्र का कारर्
में स मलिंक:
िक्रवार् तया होर्े हैं? इनका नामकरर् क्रकस प्रकार क्रकया जार्ा है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/tamil-nadu-cyclone-nivar-impact-7062838/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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6. इस वषा ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ के मिंद ोने के कारण (Why has the Northeast monsoon remained subdued
this year?)
सिंदभा: इस वषत, दक्षक्षर् प्रायद्व प य क्षेत्र में अब र्क होने वाली वषात सामान्य स्र्र से कम रही है ।
इसके तनम्नमलखखत कारण बताए गए ैं:
1. ‘ला नीना’ जस्थतत की व्यापकर्ा और साथ में तनम्न दाब पेटी (low pressure belt) की सामान्य से
हटकर उत्तर की ओर वर्तमान क्स्थनर्।
2. अींर्र उष्ट्र्कदटबींध य अशभसरर् क्षेत्र (Inter Tropical Convective Zone- ITCZ) की वर्तमान क्स्थनर्।
‘ला नीना’ (La Niña), क्या ै ?
ला नीना (स्पेननि भाषा में ‘ला न ना’ ‘छोटी लडकी’ को कहा जार्ा है ), एक मौसम पररघटना है , क्जसके दौरान
मध्य और पव
ू ी भम
ू ध्यरे ख य प्रिाींर् महासागर के सर्हीय र्ापमान में असामान्य रूप से कम आर् है ।
अल न नो (El Niño) और ला न ना (La Niña) पररघटनाओीं को सींयत
ु र् रूप से अल नीनो दक्षक्षणी दोलन (El
Niño Southern Oscillation - ENSO) कहा जार्ा है ।
ये वैक्श्वक मौसम- हवाएीं, र्ापमान और वषात- को प्रभाववर् करने वाली व्यापक महासागरीय पररघटनाएीं
हैं।
ये ववश्व स्र्र पर सख
ू ा, बाढ़, गमी और ि र् पररक्स्थनर्यों जैसे मौसम की िरम पररघटनाएँ उत्पन्न
करने में सक्षम होर् है ।
इस पररघटना का सामान्य िक्र 9 से 12 माह र्क का होर्ा है , जो कभ -कभार 18 महीने र्क ववस्र्ाररर् हो
जार्ा है - और इसकी प्रत्येक र् न से पाींि वषों के अींर्राल पर पन
ु रावनृ र् होर् है।
‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ (Northeast Monsoon)
‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ की उत्त्पवत्त अतटूबर से ददसींबर के मध्य होर् है , और दक्षक्षर्-पक्श्िम मानसन
ू की
र्ल
ु ना में इसकी अवचध कम होर् है ।
यह मानसन
ू प्रायाः दक्षक्षर् प्रायद्व प र्क ही स शमर् रहर्ा है ।
‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ से होने वाली वषात, र्शमलनाडु, पद
ु ि
ु ेरी, कराईकल, यनम, र्टीय आींध्र प्रदे ि, केरल, उत्तर
आींर्ररक कनातटक, माहे और लक्षद्व प के शलए काफी महत्वपर्
ू त होर् है ।
इस मानसन
ू के कारर्, कुछ दक्षक्षर् एशियाई दे िों, जैसे क्रक मालदीव, श्र लींका और म्याींमार में भ
अतटूबर से ददसींबर के मध्य वषात होर् है ।
ला-नीना का ‘उत्तर-पव
ू ी मानसन
ू ’ से सिंबध
िं
ला-न ना की क्स्थनर् से दक्षक्षर्-पक्श्िम मानसन
ू से होने वाली वषात में वद्
ृ चध होर् है , जबक्रक इससे ‘उत्तर-पव
ू ी
मानसन
ू ’ के दौरान होने वाली वषात पर नकारात्मक प्रभाव पड़र्ा है ।
ला-नीना (La Niña) के वषों के दौरान, बींगाल की खाड़ में ननशमतर् सींयत
ु र् प्रर्ाली (Synoptic Systems)-
ननम्नदाब अथवा िक्रवार्- की क्स्थनर्, सामान्य से काफी उत्तर की ओर हो जार् है ।
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सामान्य अध्ययन-II
शासन व्यवस्था, सिंववधान, शासन प्रणाली, सामाजजक न्याय तथा अिंतरााष्ट्रीय सिंबध
िं
ववषय: भारर् य सींववधान- ऐनर्हाशसक आधार, ववकास, वविेषर्ाएँ, सींिोधन, महत्त्वपर्
ू त प्रावधान और बनु नयादी
सींरिना।
1. सिंववधान के अनच्
ु छे द 102 (1) एविं अनच्
ु छे द 191 (1)
सींववधान के अनच्
ु छे द 102 (1) और अनच्
ु छे द 191 (1) के र्हर्, क्रकस साींसद अथवा ववधायक (अथवा ववधान
पररषद् सदस्य) को केंद्र या राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धाररत करने से तनवषद्ध क्रकया गया है ।
चचाा का कारण
‘लाभ के पद’ (Office of Profit) पर गदठर् सींयत
ु र् सींसदीय सशमनर् द्वारा इस बार् पर वविार-ववमित क्रकया जा
रहा है , क्रक ‘क्या कोई सािंसद ककसी ववश्वववद्यालय में अध्यापन काया जारी रख सकता ै ? र्था तया इस पर
‘लाभ के पद’ हे र्ु ननधातररर् ननयमों लागू होर्े हैं?
‘लाभ के पद’ से तात्पया:
यदद कोई साींसद अथवा ववधायक क्रकस सरकारी पद पर आस न होर्ा है र्था उस पद से लाभ प्राप्र् करर्ा है ,
र्ो उस पद को ‘लाभ का पद’ (Office of Profit) कहा जार्ा है ।
क्रकस साींसद अथवा ववधायक को केंद्र या राज्य सरकार के अध न लाभ का पद धारर् करने पर सदस्यर्ा हे र्ु
अयोग्य घोवषर् कर ददया जाएगा। हालाींक्रक, सिंसद अथवा ववधानसभा द्वारा पाररत तनयम के त त तनधााररत
पदों पर आसीन ोने पर से सािंसद अथवा ववधायक अयोग्य घोवषत न ीिं ककये जा सकते।
'लाभ के पद' को अयोग्यता मानदिं ि के रूप में सजम्ममलत करने के तनह ताथा:
सींववधान ननमातर्ाओीं का मानना था, क्रक ववचध-ननमातर्ाओीं को क्रकस भ प्रकार के दबाव से मत
ु र् होना
िादहए, र्ाक्रक वे ववधाय कायों का ननवतहन करर्े समय क्रकस से प्रभाववर् नहीीं हो सकें।
दस
ू रे िब्दों में , ककसी सािंसद या ववधायक को ककसी भी प्रकार के सरकारी दबाव के बबना अपने कताव्यों
को परू ा करने के मलए स्वतिंत्र ोना चाह ए। अथातर्, ननवातचिर् सदस्य के कर्तव्यों और दहर्ों के ब ि
कोई सींघषत नहीीं होना िादहए।
‘लाभ के पद’ सींबध
ीं प्रावधान सींववधान में वखर्तर्- ववधानयका और कायतपाशलका के मध्य शजक्त के
पथ
ृ क्करण के मसद्धािंत को लागू करने का एक प्रयास है ।
वववाद का कारण:
‘लाभ के पद’ को सींववधान अथवा ‘जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम’, 1951 में पररभावषर् नहीीं क्रकया गया है ।
‘लाभ के पद’ शसद्धाींर् के महत्व और अथत की न्यायालय द्वारा व्याख्या की गय है । न्यायालय ने
समय-समय पर ववशिष्ट्ट र््यात्मक क्स्थनर्यों के सींदभत इस मामले पर अपने ननर्तय ददए हैं।
भारतीय सिंववधान में अनच्
ु छे द (1)102 तथा अनच्
ु छे द (1)191 में लाभ के पद का उल्लेख क्रकया गया
है , क्जनमे केंद्रीय और राज्य स्र्र पर ववचध-ननमातर्ाओीं द्वारा सरकारी पदों को स्व कार करने पर
प्रनर्बींचधर् क्रकया गया है ।
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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFT2.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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इस ववधान में क्रकस दल के द्वारा क्रकस अन्य दल में ववलय करने करने की अनम
ु नर् दी गय है
बिर्े क्रक उसके कम से कम दो-नर्हाई ववधायक ववलय के पक्ष में हों।
ऐसे पररदृश्य में , अन्य दल में ववलय का ननर्तय लेने वाले सदस्यों र्था मल
ू दल में रहने वाले सदस्यों
को अयोग्य नहीीं ठहराया जा सकर्ा है ।
पीठासीन अगधकारी के तनणाय की न्यातयक समीक्षा
इस ववधान के प्रारम्भ में कहा गया है क्रक प ठास न अचधकारी का ननर्तय न्यानयक सम क्षा के अध न
नहीीं होगा। वषा 1992 में उच्चत्तम न्यायालय ने इस प्रावधान को खाररज कर हदया र्था इस सन्दभत
में प ठास न अचधकारी के ननर्तय के ववरूद्ध उच्ि न्यायालय र्था उच्िर्म न्यायालय में अप ल की
अनम
ु नर् प्रदान की।
हालाँक्रक, यह र्य क्रकया गया क्रक प ठास न अचधकारी के आदे ि के बबना कोई भ न्यानयक हस्र्क्षेप नहीीं
क्रकया जायेगा।
दल-बदल ववरोधी कानन
ू पर सममततयािं
चुनावी सध
ु ारों पर हदनेश गोस्वामी सममतत :
ददनेि गोस्वाम सशमनर् ने कहा क्रक ननरहतर्ा उन मामलों र्क स शमर् होन िादहए जहाँ:
कोई सदस्य स्वेच्छा से अपन राजन नर्क पाटी की सदस्यर्ा छोड़ दे र्ा है ,
कोई सदस्य मर्दान से परहे ज करर्ा है , अथवा ववश्वास प्रस्र्ाव या अववश्वास प्रस्र्ाव में पाटी क्व्हप के
ववपरीर् वोट करर्ा है । राजन नर्क दल र्भ क्व्हप केवल र्भ जारी कर सकर्े है जब सरकार खर्रे में
हो।
ववगध आयोग (170 वीिं ररपोटा )
इसके अनस
ु ार- ऐसे प्रावधान, जो ववभाजन और ववलय को ननरहतर्ा (Disqualification) से छूट प्रदान
करर्े हैं, समाप्र् क्रकये जाने िादहए।
िन
ु ाव पव
ू त िन
ु ाव मोिो (गोलबींदी) को दलबदल ववरोध कानन
ू के र्हर् राजन नर्क दलों के रूप में
माना जाना िादहए।
इसके अलावा राजन नर्क दलों को क्व्हप जारी करने को केवल उन मामलों में स शमर् करना िादहए जब
सरकार खर्रे में हो।
चुनाव आयोग
राष्ट्रपनर् / राज्यपाल द्वारा, दसव ीं अनस
ु ि
ू के अींर्गतर्, क्रकये जाने वाले ननर्तयों में िुनाव आयोग की सलाह
बाध्यकारी सलाह होन िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. दल-बदल कानन
ू सींबचधर् ववशभन्न सशमनर्यों और आयोगों के नाम
2. सशमनर् र्था आयोग में अींर्र
3. प ठास न अचधकारी र्था न्यानयक सम क्षा का ननर्तय
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सिंबगिं धत प्रावधान:
1. भारतीय सिंववधान के अनच्
ु छे द 129 और 215 में क्रमिाः सवोच्ि न्यायालय और उच्ि न्यायालय को
न्यायालय की अवमानना के शलए दोष व्यक्तर्यों को दीं डडर् करने की िक्तर् प्रदान की गय है ।
2. 1971 की अवमानना अगधतनयम की धारा 10 में उच्ि न्यायालय द्वारा अपने अध नस्थ न्यायालयों
को अवमानना करने पर दीं डडर् करने सींबध
ीं िक्तर्यों को पररभावषर् क्रकया गया है ।
3. सींववधान में लोक व्यवस्था र्था मानहानन जैसे सींदभो सदहर् अदालर् की अवमानना के रूप में , अनच्
ु छे द
19 के अींर्गतर् अशभव्यक्तर् की स्वर्ींत्रर्ा पर उचिर् प्रनर्बींध को भ सक्म्मशलर् क्रकया गया है ।
कृपया ध्यान दें :
उच्ित्तम न्यायालय के शलए आपराचधक अवमानना कायतवाही िरू
ु करने हे र्ु महान्यायवादी की सहमनर् लेने की
कोई आवश्यकर्ा नहीीं होर् है । वह, सींववधान द्वारा प्रदत्त िक्तर्यों का प्रयोग करर्े हुए ‘कारर् बर्ाओ’ नोदटस
जारी कर अवमानना कायतवाही िरू
ु कर सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अवमानना के सींदभत में उच्ित्तम न्यायालय र्था उच्ि न्यायलय की िक्तर्याीं
2. इस सींबध
ीं में सींवध
ै ाननक प्रावधान
3. न्यायलय की अवमानना अचधननयम (सींिोधन), 2006 द्वारा क्रकये गए पररवर्तन
4. शसववल बनाम आपराचधक अवमानना
5. अनच्
ु छे द 19 के र्हर् अचधकार
6. 1971 की अवमानना अचधननयम की धारा 10 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
में स मलिंक:
भारर् में सवोच्ि न्यायालय द्वारा अवमानना मामलों को क्रकस प्रकार हल क्रकया जार्ा है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GF17U4IR0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. सािंसदों पर मक
ु द्दमा चलाने े तु ववशेष अदालतों के गठन पर सवाल
सिंदभा: हाल ही में , मद्रास उच्ि न्यायालय के र् न-न्यायाध िों की सशमनर् द्वारा सािंसदों और ववधायकों द्वारा
ककये गए ववमभन्न अपराधों की सन
ु वाई के मलए ववशेष अदालतों के गठन करने की सिंवध
ै ातनक वैधता पर सवाल
उठाया गया है ।
पथ
ृ क अदालतों का गठन क्यों न ीिं ककया जाना चाह ए?
अदालर्ें ‘अपराध-केंहद्रत’ होन िादहए न क्रक ‘अपराधी-केंहद्रत’।
वविेष अदालर्ों का गठन केवल ववगध द्वारा ककया जा सकता ै । इन्हें कायतकारी या न्यानयक आदे ि
द्वारा स्थावपर् नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
उच्च न्यायालय की इन हटप्पखणयों का म त्व
ररपोटा का समय: उच्ि न्यायालय की सशमनर् की यह ररपोटत , वषत 2017 में सप्र
ु ीम कोटा द्वारा एक
आदे श के ववपरीर् है । उच्ित्तम न्यायालय ने अपने आदे ि में केंद्र सरकार को ववशिष्ट्ट रूप से आपराचधक
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राजनेर्ाओीं पर मक
ु द्दमा िलाने हे र्ु दे ि भर में 12 वविेष अदालर्ें स्थावपर् करने के शलए अचधकृर्
क्रकया था।
यह ररपोटत ऐसे समय में आय है , जब शीषा न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की एक पीठ इस प्रक्रक्रया
को ि घ्रर्ा से ननपटाने के र्रीकों पर वविार रही है , तयोंक्रक कुछ मामलों में सन
ु वाई वषों से और कुछ
में दिकों से अटकी हुई है ।
ववशेष अदालतों की आवश्यकता
परू े दे ि में ववधायकों के खखलाफ 4000 से अचधक मामले लींबबर् हैं। इनमें से 2,556 मामले मौजूदा
सींसद सदस्यों और ववधायकों के खखलाफ हैं।
इन सींसद सदस्यों और ववधायकों के खखलाफ भ्रष्ट्टािार, मन लॉक्न्ड्रींग, सावतजननक सींपवत्त को नक
ु सान,
मानहानन और धोखाधड़ आदद से सींबचीं धर् मामले लींबबर् हैं।
इनमे से अचधकाँि मामले IPC की धारा 188 के र्हर् लोक सेवकों द्वारा जारी क्रकये गए आदे िों के
उल्लींघन सींबध
ीं हैं।
काफी मामले सन
ु वाई के पहले िरर् में ही लींबबर् हैं, और यहाँ र्क क्रक अदालर्ों द्वारा जारी क्रकये गए
कई ‘गैर-जमानर् वारीं र्टस’ (NBW) पर अमल र्क नहीीं क्रकया गया है ।
इसके अलावा, बबहार के 89% ववधानसभा क्षेत्रों में र् न या इससे अचधक उम्म दवारों द्वारा वर्तमान में
जारी िन
ु ावों के शलए अपने हलफनामों में अपने खखलाफ दजत आपराचधक मामले घोवषर् क्रकए गए हैं।
आगे की रा
1. राजन नर्क दलों को दाग उम्म दवारों को दटकट दे ने से मना कर दे ना िादहए।
2. जघन्य प्रकृनर् के मामलों में नामजद उम्म दवारों को िन
ु ाव लड़ने से प्रनर्बींचधर् करने हे र्ु जनप्रतततनगधत्व
अगधतनयम में सींिोधन क्रकया जाना िादहए।
3. दाग ववधायकों से सींबचीं धर् मामलों को फास्ट-रै क अदालर्ों के माध्यम से र्ेज से ननपटाना िादहए।
4. िन
ु ाव प्रिार अशभयान के ववत्तपोषर् में अचधक पारदशितर्ा लाय जाए।
5. भारर् ननवातिन आयोग (ECI) को राजन नर्क दलों के ववत्त य खार्ों के लेखा परीक्षर् की िक्तर् प्रदान
की जान िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम की धारा 8
2. उच्ित्तम न्यायालय के ददिाननदे ि
3. भारर् ननवातिन आयोग (ECI) - सींरिना और कायत
4. उम्म दवारों के ननवातिन से सींबचीं धर् मामलों पर ननवातिन आयोग की िक्तर्याीं
में स मलिंक:
राजन नर् के अपराध करर् से जुड़ चिींर्ाओीं, और इस सींदभत में उच्ित्तम न्यायालय द्वारा उठाये गए कदमो के
बारे में ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GK07U4EFR.1&imageview=0.
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स्रोर्: द दहींद ू
3. ररयाणा में पिंचायत सदस्यों को ‘वापस बल
ु ाने का अगधकार’ सिंबध
िं ी ववधेयक पाररत (Haryana clears Bill
on right to recall panchayat member)
सिंदभा: हाल ही में , हररयार्ा राज्य ववधानसभा द्वारा हररयार्ा पींिायर् राज (द्ववर् य सींिोधन) ववधेयक, 2020
(Haryana Panchayati Raj (Second Amendment) Bill, 2020) पाररर् कर ददया गया है ।
इस सींिोधन का उद्दे श्य पींिायर् सदस्यों की मर्दार्ाओीं के प्रनर् जवाबदे ही में वद्
ृ चध करना है ।
ववधेयक के प्रमख
ु बबिंद:ु
ववधेयक में , ननवातिकों के शलए पींिायर् राज सींस्थाओीं के सदस्यों को वापस बल
ु ाने का अचधकार (Right
to Recall) प्रदान क्रकया गया है ।
इसके अींर्गतर्, ग्राम र् ननकायों में मदहलाओीं के शलए 50% आरक्षर् का प्रावधान क्रकया गया है ।
इसके अनर्ररतर्, वपछड़े वगों में ‘अचधक वींचिर् वगों’ को 8% आरक्षर् प्रदान क्रकया गया है ।
इस ववधेयक में काम ना करने वाले सरपींिों, ब्लाक सशमनर् सदस्यों व क्जला पररषद सदस्यों को कायतकाल
परू ा होने से पहले ही हटाने का अचधकार मर्दार्ाओीं को ददया गया है ।
अपनाई जाने वाली प्रकिया:
पींिायर् राज ननकायों के सदस्यों व सरपींि को वापस बल
ु ाने हे र्ु कायतवाही िरू
ु करने के शलए वाडत
अथवा ग्राम सभा के 50% सदस्यों को मलखखत में दे ना ोगा।
इसके पश्िार्, एक गप्ु र् मर्दान कराया जायेगा, क्जसमें दो-तत ाई मतदाताओिं द्वारा जन प्रतततनगध के
खखलाफ मतदान करने पर उन्हें पदमत
ु र् कर ददया जाएगा।
73वें और 74वें सिंशोधन के प्रमख
ु प्रावधान
सभ स्थान य ननकायों के शलए प्रत्यक्ष ननवातिन
राज्य स्र्रीय िुनाव आयोग और ववत्त आयोगों की स्थापना
प्रत्येक स्थान य ननकाय में दशलर्ों और आददवाशसयों के शलए, उनकी आबादी के अनप
ु ार् में , स टों का
अननवायत आरक्षर्।
स्थान य ननकायों में मदहलाओीं के शलए 33% आरक्षर्
ग्राम र् और िहरी ननकायों की योजनाओीं को समेक्रकर् करने हे र्ु क्जला योजना सशमनर्यों का गठन
प्रीमलम्स मलिंक:
1. 73 वें और 74 वें सींववधान सींिोधन का अवलोकन
2. भारर् य सींववधान की 11 व ीं अनस
ु ि
ू में िाशमल ववषयों की सि
ू
3. राज्य िुनाव आयोग के बारे में
4. हररयार्ा पींिायर् राज (दस
ू रा सींिोधन) ववधेयक, 2020 का अवलोकन
में स मलिंक:
हररयार्ा पींिायर् राज (द्ववर् य सींिोधन) ववधेयक, 2020 के प्रावधानों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GH87UKA0F.1&imageview=0.
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40
स्रोर्: द दहींद ू
4. समय पर जािंच परू ी न ोने पर अमभयक्
ु त को जमानत का अगधकार (Accused can get bail if probe is not
over in time)
सिंदभा: हाल में एक फैसले के दौरान सवोच्ि न्यायालय द्वारा ददए गए ननर्तय के अनस
ु ार, यदद जाींि एजेंस
द्वारा एक ननधातररर् समय स मा के भ र्र जाींि परू ी नहीीं क्रकए जाने पर क्रकस अशभयत
ु र् को, उसके खखलाफ
क्रकस भ दजे का मामला होने के बाबजद
ू , "डिफॉल्ट" अथवा "अतनवाया" जमानत प्रदान की जान िादहए।
इस सिंबध
िं में प्रावधान:
यदद जाींि एजेंस समय पर जाींि परू ी करने में ववफल रहर् है र्ो अशभयत
ु र् के शलए दिं ि प्रकिया सिंह ता
की धारा 167(2) के र्हर् डिफॉल्ट जमानत का "अलोप्य अचधकार (Indefeasible Right)" प्राप्र् होर्ा
है ।
धारा 167 के र्हर्, क्रकस अशभयत
ु र् को मत्ृ य,ु आज वन कारावास या 10 साल से अचधक की सजा वाले
अपराध के शलए अचधकर्म 90 ददनों र्क दहरासर् में रखा जा सकर्ा है । क्रकस अन्य अपराध से
सींबचीं धर् जाींि के मामले में अशभयत
ु र् को अचधकर्म 60 ददनों की दहरासर् में रखा जा सकर्ा है ।
इसके अलावा, मक्जस्रे टों के शलए अशभयत
ु र्ों को, वविेष रूप से गरीब र्बके के लोगों को, अननवायत रूप
से, डडफ़ॉल्ट जमानर् के शलए आवेदन करने सींबध
ीं उनके वैधाननक अचधकार के बारे में सचू िर् करना
होगा।
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पशु लस और जेल अचधकारी अतसर अपन भशू मकाओीं को परू ा करने में ववफल रहर्े हैं, क्जस कारर्
मामलों की सन
ु वाई में दे री होर् है ।
अचधकाींि वविारर्ाध न मामले वींचिर् सामाक्जक समह
ू ों से होर्े हैं - कई सवेक्षर्ों से ज्ञार् हुआ है क्रक
50-55% अशभयोगाध न मामले अल्पसींख्यक समद
ु ायों और दशलर् वगों से सींबचीं धर् होर्े हैं।
सींसाधनों की कम के कारर् वह अपने शलए वकीलों की र्लाि नहीीं कर पार्े हैं, र्था पशु लस और जेल
अचधकाररयों का रवैया उनके प्रनर् ित्रर्
ु ापर्
ू त होर्ा है , और ये िायद ही उनकी कभ मदद करर्े हो-
हालाींक्रक 1980 के सप्र
ु म कोटत के फैसले के अनस
ु ार, सींववधान के अनच्
ु छे द 21 के र्हर्, कैददयों को
ज वन और स्वर्ींत्रर्ा के उनके मल
ू अचधकार के रूप में ननष्ट्पक्ष और त्वररर् सन
ु वाई का अचधकार है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. दीं ड प्रक्रक्रया सींदहर्ा की धारा 167
2. भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 20 और 22
3. अनच्
ु छे द 21 का अवलोकन
में स मलिंक:
बड़ सींख्या में गरीब, दशलर् और अल्पसींख्यक समद
ु ायों के लोग सींपवत्त-आधाररर् जमानर् प्रर्ाली और लिर
कानन
ू सहायर्ा र्ींत्र के कारर् जेलों में बींद हैं। इन वविारर्ाध न मामलों का न्याय हे र्ु त्वररर् ननपटान क्रकस
प्रकार सनु नक्श्िर् क्रकया जा सकर्ा है ? दटप्पर् कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GE07VGTVC.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. अनच्
ु छे द 32 और बीते वषो में उच्चतम न्यायालय द्वारा इसकी व्याख्या
सिंदभा: हाल ही में , भारर् के मख्
ु य न्यायाध ि एस ए बोबडे की अध्यक्षर्ा वाली सवोच्ि न्यायालय की खींडप ठ
ने कहा है क्रक वह सींववधान के अनच्
ु छे द 32 के त त यागचका दायर करने को तोत्साह त करने की कोमशश
कर र े ैं।
अनच्
ु छे द 32 क्या ै?
सींववधान का अनच्
ु छे द 32 ‘सिंवध
ै ातनक उपचारों के अगधकार’ से सींबचीं धर् है , र्था सिंववधान के भाग तीन में प्रदत्त
अगधकारों के प्रवतान े तु उपयत
ु र् प्रक्रक्रया द्वारा सवोच्च न्यायालय में समावेदन करने का अगधकार प्रदान करता
ै।
इसमें कहा गया है , क्रक सिंववधान के भाग तीन द्वारा प्रदत्त अगधकारों में से ककसी को प्रवततात कराने के मलए
उच्चतम न्यायालय को ऐसे तनदे श अथवा आदे श या ररट, क्जनके अींर्गतर् बींदी प्रत्यक्ष करर् (Habeas Corpus),
परमादे ि (Mandamus), प्रनर्षेध (Prohibition), अचधकार-पच्
ृ छा (Quo Warranto) और उत्प्रेषर् (Certiorari)
ररट िाशमल हैं, जो भी समगु चत ो, जारी करने की शजक्त ोगी।
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प्रमख
ु बबिंद:ु
इस सींववधान द्वारा अन्यथा प्रावधान क्रकए जाने के शसवाय, इस अनच्
ु छे द द्वारा प्रत्याभत
ू अगधकारों को
तनलिंबबत न ीिं ककया जाएगा।
केवल इन मौशलक अचधकारों के उल्लींघन क्रकए जाने पर कोई व्यक्तर् अनच्
ु छे द 32 के र्हर् स धे
उच्िर्म न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकर्ा है ।
क्या मल
ू अगधकारों के उल्लिंघन सिंबध
िं ी मामलों में उच्च न्यायालय से सिंपका ककया जा सकता ै?
मसववल या आपरागधक मामलों में , क्रकस प डड़र् व्यक्तर् के शलए उपलब्ध सबसे पहला उपाय रायल कोटत होर्े
हैं, उसके बाद उच्ि न्यायालय और क्रफर उच्िर्म न्यायालय में अप ल की जार् है।
मल
ू अचधकारों के उल्लींघन सींबध
ीं मामलों में प डड़र् व्यक्तर् अनच्
ु छे द 226 के त त उच्च न्यायालय
अथवा अनच्
ु छे द 32 के त त सीधे उच्चतम न्यायालय में अप ल कर सकर्ा है ।
अनच्
ु छे द 226, हालाँक्रक, अनच्
ु छे द 32 की भाींनर् मल
ू अचधकारों से सींबचीं धर् नहीीं है ।
अनच्
ु छे द 32 पर उच्चतम न्यायालय द्वारा की गयी ाल ी में की गयी हटप्पखणयािं
रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य (1950) मामले में , सवोच्ि न्यायालय द्वारा की गय दटप्पर् में कहा गया,
क्रक अनच्
ु छे द 32 मल
ू अचधकारों के प्रवर्तन हे र्ु ‘प्रत्याभर्
ू ’ उपाय प्रदान करर्ा है ।
यह अनच्
ु छे द, इस अदालर् को मल
ू अचधकारों के रक्षक और प्रत्याभनू र् प्रदार्ा के रूप में अचधकार प्रदान
करर्ा है , और यह अदालर्, सौंपे गए उत्तरदानयत्वों सदहर्, मल
ू अचधकारों के उल्लींघन क्रकये जाने के
ववरुद्ध सरु क्षा की माींग करने वाली याचिकाओीं पर सन
ु वाई करने से लगार्ार इींकार नहीीं कर सकर्ा है ।
अततररक्त जजला मजजस्रे ट जबलपरु बनाम एस एस शक्
ु ला (1976) मामले में , उच्िर्म न्यायालय ने
कहा था क्रक आपार्काल के दौरान, नागररकों को अनच्
ु छे द 32 के र्हर् अदालर् में अप ल करने का
अचधकार रद्द हो जार्ा है ।
सींवध
ै ाननक वविेषज्ञों का कहना है क्रक यह
अींर्र्ाः उच्िर्म न्यायालय और इसके
न्यायाध ि के वववेक पर ननभतर करर्ा है
क्रक, क्जस मामले की सन
ु वाई उच्ि
न्यायालय में भ की जा सकर् है , उस
मामले में उच्िर्म न्यायालय द्वारा
हस्र्क्षेप क्रकया जाये अथवा नहीीं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ररट के प्रकार
2. सवोच्ि न्यायालय र्था उच्ि
न्यायालय के ररट सींबध
ीं
क्षेत्राचधकार
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3. अनच्
ु छे द 226 और अनच्
ु छे द 32 के बारे में
4. अनच्
ु छे द 32 के र्हर् सवोच्ि न्यायालय में अप ल करने का अचधकार
में स मलिंक:
भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 32 के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/article-32-and-supreme-court-fundamental-rights-
7055040/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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7. ‘चिंिीगढ़’ पर ररयाणा की तल
ु ना में पिंजाब का दावा अगधक मजबत
ू
सिंदभा: हाल ही में , हररयार्ा सरकार ने सझ
ु ाव ददया है , क्रक यह उचिर् होगा क्रक हररयार्ा और पींजाब दोनों एक
केंद्र शामसत प्रदे श के रूप में चिंिीगढ़ पर स मत ों र्था दोनों प्रदे श अपनी स्वतिंत्र राजधातनयाँ और उच्च
न्यायालयों की स्थापना करें ।
चिंिीगढ़ का तनमााण क्यों ककया गया था?
ववभाजन के दौरान र्त्कालीन पींजाब की राजधान लाहौर, पाक्रकस्र्ान का दहस्सा बन गय थ , इसके
पश्िार् पींजाब की नय राजधान के रूप में िींड गढ़ का ननमातर् क्रकया गया था।
1952 से 1966 र्क (हररयार्ा राज्य के पींजाब से अलग होने र्क) िींड गढ़, पींजाब की राजधान रहा।
1966 में पिंजाब के पन
ु गाठन के समय से इस िहर को पींजाब और हररयार्ा दोनों की राजधान होने का
अनठ
ू ा गौरव प्राप्र् है । हालाींक्रक, इसे केंद्र िाशसर् प्रदे ि घोवषर् कर ददया गया और इस पर केंद्र का
प्रत्यक्ष ननयींत्रर् है ।
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तत्कालीन घोषणा
र्त्कालीन प्रधान मींत्र इींददरा गाींध ने उस समय घोषर्ा की थ क्रक उचिर् समय पर हररयार्ा की अपन
राजधान होग र्था िींड गढ़ पींजाब राज्य में सक्म्मशलर् हो जाएगा।
पन
ु ाः वषत 1985 में, राजीव-लोंगोवाल समझौते (Rajiv-Longowal accord) के र्हर्, 26 जनवरी, 1986 को िींड गढ़
को पींजाब को सौंपा जाना था, लेक्रकन राज व गाींध सरकार ने अींनर्म समय पर ननर्तय वापस ले शलया।
ामलया घटनािम
वषत 2018 में , हररयार्ा के मख्
ु यमींत्र मनोहर लाल खर्टटर द्वारा िींड गढ़ के ववकास हे र्ु एक वविेष ननकाय गदठर्
करने का सझ
ु ाव ददया गया, लेक्रकन पींजाब के मख्
ु यमींत्र ने इसे अस्व कार कर ददया गया, और िहर को "तनववावाद
रूप से पिंजाब का भाग बर्ाया"।
हररयार्ा, अपन ओर से, एक अलग उच्ि न्यायालय की माींग कर रहा है र्था ववधानसभा में एक प्रस्र्ाव पाररर्
क्रकया है , क्जसमे ववधानसभा पररसर में पींजाब के कब्जे वाले 20 कमरों की माींग की गय है ।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
8. MPLADS को तनलिंबबत करना केंद्र सरकार के अगधकार क्षेत्र में आता ै : बॉम्बे उच्च न्यायालय
सिंदभा: बॉम्बे उच्ि न्यायालय के हाशलया फैसले:
सिंसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र ववकास (MPLAD) योजना को ननलींबबर् करना और इसकी ननचध का
इस्र्ेमाल कोववड-19 से ननपटने के शलए करना केंद्र सरकार के अचधकार क्षेत्र में है ।
साथ ही, यह (कोववड-19) एक आपदा है , इसशलए सरकार को आपदा प्रबिंधन कानन
ू (Disaster
Management Act) का सहारा लेना पड़ा। इस कानन
ू को लागू करना केंद्र सरकार का अचधकार है ।’
सिंबगिं धत प्रकरण
इस वषत अप्रैल में , केंद्र सरकार ने सिंसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र ववकास योजना (Members of Parliament Local
Area Development Scheme- MPLADS)को ननलींबबर् करने के शलए आपदा प्रबिंधन अगधतनयम का सहारा
शलया था।
सरकार के इस फैसले के खखलाफ उच्ि न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थ ।
‘सिंसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र ववकास योजना’ (MPLADS)
(Members of Parliament Local Area Development Scheme)
इस योजना की िरु
ु आर् ददसींबर, 1993 में की गय थ ।
इसका उद्दे श्य सींसद सदस्यों के शलए, स्थान य जरूरर्ों के आधार पर सामद
ु ातयक अवसिंरचनाओिं सह त
मल
ू भत
ू सवु वधाओिं और स्थाई सामद
ु ातयक पररसिंपवत्तयों का ववतनमााण करने के शलए ववकासात्मक प्रकृनर्
के कायों की शसफाररि करने हे र्ु एक र्ींत्र प्रदान करना था।
MPLAD योजना, परू ी र्रह से भारत सरकार द्वारा ववत्त पोवषत योजना है ।
इसके र्हर् प्रत्येक सिंसदीय क्षेत्र को वावषाक रूप से 5 करोड़ रुपए की MPLADS तनगध प्रदान की जार्
है ।
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ववशेष बबिंद:ु
साींसदों के शलए, वावषतक रूप से दी जाने वाली MPLADS ननचध का न्यन
ू र्म 15 प्रनर्िर् अनस
ु चू िर्
जानर् की आबादी वाले क्षेत्रों में , र्था 7.5 प्रनर्िर् अनस
ु चू िर् जनजानर् की आबादी वाले क्षेत्रों में कराए
जाने वाले कायों पर व्यय करना अननवायत है ।
आददवास लोगों की भलाई के शलए कायतरर्, रस्टों और सोसाइटीज को प्रोत्सादहर् करने हे र्,ु योजना
ददिाननदे िों में ननधातररर् िर्ों के अध न इनके द्वारा पररसींपवत्तयों के ननमातर् के शलए 75 लाख रुपये
की अचधकर्म स मा ननधातररर् की गय है ।
तनगध का ववतरण
इस योजना के र्हर्, साींसद ननचध, स धे क्जला अचधकाररयों को सहायर्ा अनद
ु ान (Grants- in-Aid) के
रूप में जारी की जार् है ।
योजना के र्हर् जारी की गय ननचध गैर-व्यपगर् (Non-Lapsable) होर् है ।
यदद क्रकस वविेष वषत में ननचध जारी नहीीं जार् है र्ो इसे पात्रर्ा के अनस
ु ार, अगले वषो में कराए
जाने वालों कायों में जोड़ ददया जाएगा।
इस योजना के र्हर् सािंसदों की भमू मका अनस
ु श
िं ा करने की होर् है
जजला प्रागधकरण के मलए, कायों सिंबध
िं ी पात्रता की जािंच करने, तनगध स्वीकृत करने और कायाान्वयन
े तु एजेंमसयों का चयन करने, कायों को प्राथशमकर्ा दे ने, समग्र ननष्ट्पादन का ननरीक्षर् करने और
योजना की जम न स्र्र पर ननगरान करने का अगधकार ोता ै
क्जला प्राचधकरर् द्वारा, सम्बींचधर् जजले में कायाान्वतयत की जा र ी कम से कम 10% पररयोजनाओिं
का प्रतत वषा तनरीक्षण क्रकया जाएगा।
कायों के मलए अनस
ु श
िं ा:
1. लोकसभा सदस्य अपने सींबचीं धर् ननवातिन क्षेत्रों में कराए जाने वाले कायों की शसफाररि कर सकर्े हैं।
2. राज्यसभा के ननवातचिर् सदस्य, सींबचीं धर् राज्य में कहीीं भ कराए जाने वाले कायों की शसफाररि कर
सकर्े हैं।
3. लोकसभा और राज्यसभा के नाशमर् सदस्य, दे ि में कहीीं भ कराए जाने वाले कायों का ियन व
शसफाररि कर सकर्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. MPLADS सींसद आदित ग्राम योजना से क्रकस प्रकार सम्बद्ध है ?
2. नाशमर् साींसद अपने कायों की शसफाररि क्रकन क्षेत्रों में कर सकर्े हैं?
3. तया एसस और एसटी कल्यार् पर कोई वविेष ध्यान केंदद्रर् है ?
4. अनद
ु ान और ऋर् के ब ि अींर्र?
5. कायातन्वयन करने वाली एजेंस ज
में स मलिंक:
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तया MPLADS द्वारा सावतजननक सेवाओीं को प्रदान क्रकए जाने वाले प्रावधानों में मौजूदा अींर्राल को पाटने में
सहायर्ा की गय है ? आलोिनात्मक परीक्षर् कीक्जए।
https://m.timesofindia.com/india/centre-within-its-rights-to-suspend-mplads-says-bombay-high-
court/amp_articleshow/79390186.cms.
स्रोर्: टाइम्स ऑफ इींडडया
9. अगधशासी प्रकायों पर उच्च न्यायालय का कधजा: आिंध्र प्रदे श सरकार (HC has taken over executive
functions: A.P)
सिंदभा: हाल ही में , आिंध्र प्रदे श सरकार ने उच्िर्म न्यायालय को बर्ाया है , क्रक आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय ने
"राज्य के अचधिास प्रकायों को लगभग अपने हाथों में शलया है "।
इस आरोप को साबबत करने वाले साक्ष्य:
2 नवींबर को, आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय ने राज्य को वविाखापत्तनम में प्रस्र्ाववर् गेस्ट हाउस की ननमातर्
योजना को इसके समक्ष प्रस्र्र्
ु करने का ननदे ि ददया है ।
वतामान प्रकरण
राज्य सरकार का कहना है क्रक उच्ि न्यायालय द्वारा "शजक्तयों के पथ
ृ क्करण के मसद्धािंत का गींभ र उल्लींघन"
क्रकया गया है ।
इसके अलावा, ऐसा करने में , उच्ि न्यायालय ने सप्र
ु म कोटत द्वारा समय-समय पर दी गय िेर्ावन को पर्
ू र्
त याः
नजरअींदाज कर ददया है , क्जसमे उच्िर्म न्यायालय द्वारा अदालतों को राज्य के अन्य स -समान अिंगों का
सम्मान करने र्था इस र्रह की िक्तर्यों को स्वयीं धाररर् करने से बिने की सलाह दी गय है ।
इस ववषय पर उच्चतम न्यायालय का तनणाय
सप्र
ु म कोटत द्वारा वषत 2008 के एक फैसले में कहा गया था, "न्यातयक सकियता (judicial activism) के नाम
पर, न्यायाध ि अपन स मा पार नहीीं कर सकर्े हैं, और न ही राज्य के अन्य अींगो से सींबचीं धर् कायों को अपने
हाथों में लेने की कोशिि कर सकर्े हैं।"
न्यातयक सकियता से सिंबगिं धत गचिंताएँ:
जब अदालर्ें र्ात्काशलक जन
ू न
ू में उलझ जार् हैं, र्ो न्यायपाशलका की स्वर्ींत्रर्ा खर्रे में पड़ जार् है । (The
independence of the judiciary is jeopardised when courts become embroiled in the passions of the day).
(अमेररकी सप्र
ु म कोटत द्वारा की गय दटप्पर् )
‘न्यातयक सकियता’ क्या ै?
न्यानयक सक्रक्रयर्ा (judicial activism) का र्ात्पयत, अदालर् के उन फैसलों से होर्ा है , क्जसमे न्यायाध िों द्वारा,
ववधानयका द्वारा बनाए गए कानन
ू लेखों की बजाय, ननज ववद्वर्ा और ज्ञान के आधार पर ननर्तय शलया
जार्ा है और ववशभन्न सामाक्जक कुरीनर्यों से राहर् प्रदान करने के शलए समचु िर् न्याय सनु नक्श्िर् करने हेर्ु
न्यानयक िक्तर् का प्रयोग क्रकया जार्ा है ।
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शजक्तयों के पथ
ृ क्करण का मसद्धािंत:
सींववधान में , ववशभन्न प्रावधानों के र्हर्, ववधानयका और न्यायपाशलका के ब ि सींबचीं धर् कायतप्रर्ाली में अपन
स्वर्ींत्रर्ा बनाए रखने के शलये स्पष्ट्ट रूप से रे खा ख ि
ीं गय है ।
अनच्
ु छे द 121 और 211 के द्वारा, ववधानयका को, क्रकस न्यायाध ि के, अपने कर्तव्यों के ननवतहन में
क्रकए गए आिरर् के ववषय में ििात करने से प्रनर्बींचधर् क्रकया गया है ।
अनच्
ु छे द 122 और 212 में , अदालर्ों को ववधानयका की आींर्ररक कायतवाही पर ननर्तय लेने पर रोक
लगाई गय है ।
अनच्
ु छे द 105 (2) और 194 (2) में ववधायकों को उनके भाषर् की स्वर्ींत्रर्ा और मर्दान करने की
स्वर्ींत्रर्ा के सींबध
ीं में अदालर्ों के हस्र्क्षेप से सरु क्षा प्रदान की गय है ।
न्यातयक सकियता के लाभ:
1. सरकार की ववशभन्न प्रिाखाओीं में सींर्ल
ु न स्थावपर् करने हे र्ु एक प्रर्ाली प्रदान करर्ा है ।
2. यह समाधान के रूप में आवश्यक नवािार प्रस्र्र्
ु करर् है ।
3. न्यायाध िों को उन मामलों में अपने व्यक्तर्गर् ज्ञान का उपयोग करने का अवसर प्रदान करर् है
जहाँ कानन
ू एक सींर्ल
ु न प्रदान करने में ववफल रहर्ा है ।
4. यह स्थावपर् न्याय प्रर्ाली और उसके ननर्तयों में ववश्वास को दिातर् है ।
5. सावतजननक िक्तर् के दरु
ु पयोग पर रोक लगार् है ।
6. ववधानयका के बहुमर् सींबध
ीं मामलों में फसने पर, यह ि घ्र समाधान उपलब्ध करार् है ।
न्यातयक सकियता से ातनयाँ अथवा सिंबगधत गचिंताएिं
1. सींववधान द्वारा स्पष्ट्ट रूप से ख ि गई स मा रे खा का उल्लींघन करर् है ।
2. न्यायाध िों की न्यानयक राय अन्य मामलों पर ननर्तय करने के शलये मानक बन जार् है ।
3. ननर्तय ननज या स्वाथी उद्दे श्यों से प्रेररर् हो सकर्े हैं।
4. अदालर्ों के बार-बार हस्र्क्षेप से सरकारी सींस्थानों की गर्
ु वत्ता, अखींडर्ा और दक्षर्ा के प्रनर् लोगों का
ववश्वास कम हो सकर्ा है ।
5. अदालर् द्वारा जब सरकारी एजेंशसयों द्वारा िक्तर् के दरु
ु पयोग को रोकने के शलए अपन िक्तर् का
प्रयोग क्रकया जार्ा है , र्ो यह सरकार के कामकाज को स शमर् करर्ा है ।
तनष्ट्कषा:
राम जवाया बनाम पिंजाब राज्य (1955) मामले में , अदालर् ने दटप्पर् की: "हमारे सींववधान में , क्रकस एक अींग
अथवा राज्य के कायों का, क्रकस दस
ू रे अींग द्वारा कायतभार-ग्रहर् करने पर वविार नहीीं क्रकया गया है ।“
इसका र्ात्पयत है क्रक राज्य के र् नों अींगों (ववधाय , कायतकारी, न्यायपाशलका) के मध्य सींववधान में िक्तर्यों का
व्यापक पथ
ृ तकरर् क्रकया गया है और एक अींग को दस
ू रे के क्षेत्र में अनर्क्रमर् नहीीं करे गा। ऐसा होने पर
सींववधान द्वारा स्थावपर् क्रकया गया सींवेदनि ल सींर्ल
ु न बबगड़ जाएगा और इससे अराजकर्ा फ़ैल सकर् है ।
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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GBA80MLB9.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:भारर् य सींवध
ै ाननक योजना की अन्य दे िों के साथ र्ल
ु ना।
1. अमेररकी राष्ट्रपतत के मलए तनवााचन प्रकिया
(How is the American President elected?)
सिंयक्
ु त राज्य अमेररका (USA) के राष्ट्रपतत पद पर चन
ु े जाने े तु पात्रताएिं
सींयत
ु र् राज्य अमेररका के राष्ट्रपनर् पद पर िुने जाने के शलए क्रकस उम्म दवार को ननम्नशलखखर् िर्े परू ा
करना आवश्यक होर्ा है :
1. उम्म दवार को सींयत
ु र् राज्य अमेररका का जन्म से नागररक होना िादहए।
2. न्यन
ू र्म 14 साल से सींयत
ु र् राज्य अमेररका का ननवास होना िादहए।
3. उम्म दवार की आयु 35 वषत से कम नहीीं होन िादहए।
मतदान कौन कर सकता ै?
अमेररकी राष्ट्रपनर् और उपराष्ट्रपनर् का ननवातिन लोगों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीीं क्रकया जार्ा है । इसके बजाय,
इन्हें तनवााचक मण्िल (Electoral College) नामक एक प्रक्रक्रया के माध्यम से ‘तनवााचकों’ (Electors) द्वारा
िुना जार्ा है ।
तनवााचक मिंिल पद्धतत प्रकिया
प्रत्येक राज्य से ननवातिकों की सींख्या, उस राज्य की जनसँख्या-आकार के लगभग अनरू
ु प होर् है ।
प्रत्येक राज्य के पास ननवातिकों की सींख्या शभन्न होर् है, यह सींख्या अमेररकी कािंग्रस
े ( ाउस ऑफ ररप्रेजेन्टे हटव्स
और सीनेट) में राज्य के प्रनर्ननचधयों की सींख्या के अनप
ु ार् में ननधातररर् होर् है ।
ननवातिक मण्डल में कुल 538 सदस्य होर्े हैं जो अलग-अलग राज्यों से आर्े हैं। जनर्ा स धे र्ौर पर
इन्हीीं सदस्यों को िन
ु र् है जो आगे जाकर राष्ट्रपनर् का िन
ु ाव करर्े हैं।
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प्रत्येक ननवातिक एक िुनाव मर् का प्रनर्ननचधत्व करर्ा है , और राष्ट्रपनर् बनने के शलए क्रकस भ
उम्म दवार को 270 या अचधक ननवातिकों के समथतन की जरूरर् होर् है ।
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इसके बाद भ , यदद राष्ट्रपनर्, पद छोड़ने से इनकार करर्े हैं, र्ो स क्रेट सववतस और एफब आई द्वारा कायतवाही
की जाएग । व् ाइट ाउस का तनयिंत्रण एफबीआई और सीिेट सववास द्वारा ककया जाता ै।
क्या ककसी राष्ट्रपतत द्वारा प ले कभी व् ाइट ाउस छोड़ने से इनकार ककया गया ै ?
नहीीं। अमेररकी इनर्हास में कभ भ राष्ट्रपनर् ने व्हाइट हाउस छोड़ने, या िाींनर्पव
ू क
त सत्ता हस्र्ाींर्रर् करने से
इनकार नहीीं क्रकया है । रम्प से पहले 44 अमेररकी राष्ट्रपनर्यों में से, 35 राष्ट्रपनर्यों द्वारा उनके दो कायतकालों
की स मा समाप्र् होने पर अथवा िन
ु ाव में हार जाने पर या दोबारा िन
ु ाव नहीीं लड़ने के उनके फैसले से, अपने
उत्तराचधकारी को स्वेच्छा से सत्ता सौंप दी गय ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJT7V9DPT.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. अमेररका तथा भारत के राष्ट्रपतत की क्षमा करने सिंबध
िं ी शजक्तयाँ
सिंदभा: हाल ही में , अमेररकी राष्ट्रपनर् डोनाल्ड रम्प द्वारा सींववधान द्वारा प्रदत्त िक्तर्यों का प्रयोग करर्े हुए,
अपने पव
ू त राष्ट्रीय सरु क्षा सलाहकार माइकल क्फ्लन (Michael Flynn) को क्षमा कर ददया गया। माइकल क्फ्लन
को फ़ेडरल ब्यरू ो ऑफ़ इन्वेस्टीगेिन (FBI) के समक्ष दो बार गलर् बयान दे ने का दोष ठहराया गया था।
अमेररकी राष्ट्रपतत की क्षमादान-शजक्त का ववस्तार
अमेररकी राष्ट्रपनर् को सींघ य अपराधों से सींबचीं धर् मामलों में क्षमा प्रदान करने अथवा सजा कम करने
का सींवध
ै ाननक अचधकार प्राप्र् है ।
अमेररकी राष्ट्रपनर् की यह िक्तर् अस शमर् होर् है , और यह काींग्रेस द्वारा प्रनर्बींचधर् नहीीं की जा
सकर् है ।
अमेररकी सींववधान के अनस
ु ार, क्षमादान (Clemency) एक व्यापक कायतकारी िक्तर् है और राष्ट्रपनर् के
वववेकाध न होर् है - अथातर्, राष्ट्रपनर्, क्षमा प्रदान करने पर क्रकस के प्रनर् जवाबदे ह नहीीं है , और इसके
शलए उसे कोई भ कारर् स्पष्ट्ट करना आवश्यक नहीीं है ।
सीमाएिं:
अमेररकी राष्ट्रपनर् की क्षमादान-िक्तर् का महाशभयोग के मामलों में प्रयोग नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
यह िक्तर् केवल सींघ य अपराधों पर लागू होर् है और राज्य अपराधों पर नहीीं।
अनच्
ु छे द 72 के त त भारतीय राष्ट्रपतत की क्षमादान शजक्तयाँ:
भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 72 में कहा गया है क्रक, राष्ट्रपनर् को, क्रकस अपराध के शलए शसद्धदोष ठहराए
गए क्रकस व्यक्तर् के दीं ड को क्षमा, उसका प्रववलिंबन (Reprieve), ववराम (Respite) या परर ार (Remission)
करने की अथवा दीं डादे ि के तनलिंबन, परर ार या लघक
ु रण (Commutation) करने की िक्तर् होग ।
राष्ट्रपतत द्वारा क्षमादान शजक्त का प्रयोग
उन सभ मामलों में, क्जनमें दीं ड या दीं डादे ि सेना न्यायालय ने ददया है ,
उन सभ मामलों में , क्जनमें दीं ड या दीं डादे ि ऐसे ववषय सींबध
ीं क्रकस ववचध के ववरुद्ध अपराध के शलए
ददया गया है क्जस ववषय र्क सींघ की कायतपाशलका िक्तर् का ववस्र्ार है ,
उन सभ मामलों में, क्जनमें दीं डादे ि, मत्ृ यु की सजा होर् है ।
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प्रमख
ु तथ्य:
1. राष्ट्रपनर् द्वारा क्षमादान िक्तर् का प्रयोग मींबत्रपररषद की सलाह पर क्रकया जार्ा है ।
2. सींववधान में , राष्ट्रपनर् अथवा राज्यपाल के ‘दया अचधकार क्षेत्र’ (mercy jurisdiction) से सींबचधर् ननर्तय
की वैधर्ा पर प्रश्न उठाने का कोई प्रावधान नहीीं क्रकया गया है ।
3. हालाींक्रक, ईपरु
ु सध
ु ाकर (Epuru Sudhakar) मामले में उच्िर्म न्यायालय द्वारा, क्रकस भ मनमान
को रोकने के उद्दे श्य से राष्ट्रपनर् और राज्यपालों की क्षमादान िक्तर्यों की न्यानयक सम क्षा का
ववकल्प ददया गया है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् में राष्ट्रपनर् र्था राज्यपाल की क्षमादान िक्तर्यों में अींर्र
2. न्यानयक सम क्षा की प्रयोज्यर्ा
3. अनच्
ु छे द 72 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
4. अमेररकी राष्ट्रपनर् को क्षमा करने की िक्तर्
में स मलिंक:
भारर् में राष्ट्रपनर् र्था राज्यपाल की क्षमादान िक्तर्यों की ववस्र्ार से र्ल
ु ना कीक्जए।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
ववषय:सींसद और राज्य ववधानयका- सींरिना, कायत, कायत-सींिालन, िक्तर्याँ एवीं वविेषाचधकार और इनसे उत्पन्न
होने वाले ववषय।
1. राज्यों द्वारा केंद्र सरकार तनममात कानन
ू ों को लागू करने से इनकार करने की शजक्त
सिंदभा: हाल ही में , राजस्थान ववधानसभा द्वारा केंद्र सरकार के कृवष सींबचीं धर् कानन
ू ों को ननष्ट्प्रभाव करने हे र्ु
र् न ववधेयकों को पाररर् क्रकया गया है ।
केंद्रीय कृवष कानन
ू ों के खखलाफ राज्य ववधानसभा में पाररर् र् न कृवष सींिोधन ववधेयक:
1. कृषक उपज व्यापार और वाखर्ज्य (सींवधतन और सरलीकरर्)(राजस्थान सींिोधन) ववधेयक 2020
2. कृषक (सिक्तर्करर् और सींरक्षर्) कीमर् आश्वासन और कृवष सेवा कर पर करार (राजस्थान सींिोधन)
ववधेयक 2020
3. आवश्यक वस्र्ु (वविेष उपबींध और राजस्थान सींिोधन) ववधेयक 2020
वववाद का कारण
केंद्र सरकार के र् नों कृवष कानन
ू , राज्यों के सिंबगिं धत ववषयों पर कानन
ू बनाने के अगधकार का स्पष्ट्ट उल्लिंघन
ैं।
केंद्र सरकार के र् नों कृवष अचधननयमों का मख्
ु य ववषय कृवष और बाजार हैं। सींववधान की सार्व ीं
अनस
ु ि
ू के अनस
ु ार ‘कृवष और बाजार’ वास्तव में राज्य के ववषय हैं।
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इसके अलावा, सींववधान में यह स्पष्ट्ट नहीीं क्रकया गया है , क्रक, सिंसद सत्र कब और ककतने हदन आयोक्जर्
क्रकए जाने िादहए।
सिंसदीय सत्र का म त्व
ववगध-तनमााण अथाात क़ानन
ू बनाने का काया सींसदीय सत्र के दौरान क्रकया जार्ा है ।
इसके अलावा, सरकार के कामकाज की ग न जािंच और राष्ट्रीय मद्
ु दों पर ववचार-ववमशा केवल र्भ हो
सकर्ा है जब सींसद के दोनों सदन सत्र जारी होर्े हैं।
सींसदीय कायत-पद्धनर् का पव
ू ातनम
ु ान, एक अच्छी र्रह से काम कर रहे लोकर्ींत्र के शलए आवश्यक होर्ा
है ।
सिंसदीय सत्र के परू े वषा भर जारी रखने के लाभ
इसके मख्
ु य रूप से र् न लाभ हैं।
1. इससे परू े वषत भर ववधाय और न नर्गर् कायत हे र्ु ववस्र्र्
ृ योजना बनाना सींभव होर्ा है ।
2. इससे अध्यादे िों को लागू करने की आवश्यकर्ा नहीीं होर् है ।
3. इससे परू े वषत भर सींसद द्वारा सरकारी कामकाज की जवाबदे ही र्य की जा सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. सींसद के सत्र को आहूर् करने की िक्तर् क्रकसे प्राप्र् है?
2. अनच्
ु छे द 85
3. सींसद के सत्र
4. सींसद एक वषत में क्रकर्ने ददनों के शलए एकत्र होर् है ?
5. सींसद के सींयत
ु र् अचधवेिन की अध्यक्षर्ा कौन करर्ा है ?
में स मलिंक:
सींसदीय सत्र तयों महत्वपर्
ू त होर्े है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8F7VL1CE.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:कायतपाशलका और न्यायपाशलका की सींरिना, सींगठन और कायत- सरकार के मींत्रालय एवीं ववभाग, प्रभावक
समह
ू और औपिाररक/अनौपिाररक सींघ र्था िासन प्रर्ाली में उनकी भशू मका।
1. 'अदालत की अवमानना' और इसकी कायावा ी े तु म ान्यायवादी की स मतत
सिंदभा: हाल ही में , महान्यायवादी (Attorney General) के के वेर्ुगोपाल द्वारा स्टैंड-अप कॉमेडडयन कुर्ाल कामरा
के खखलाफ आपरागधक अवमानना कायावा ी िरू
ु करने के शलए अपन सहमनर् दे दी गय है ।
कुर्ाल कामरा ने टे लीववजन एींकर अनतब गोस्वाम को अींर्ररम जमानर् दे ने के सप्र
ु म कोटत के फैसले के बाद
र्टव र्टस के माध्यम से र्थाकचथर् आपवत्तजनक दटप्पर् की थ ।
‘अदालत की अवमानना’ क्या ै?
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https://indianexpress.com/article/explained/explained-contempt-of-court-attorney-general-
7049560/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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1. अनच्
ु छे द 83, सींसद के सदनों के कायतकाल से सींबचीं धर् है , इसमें सींिोधन क्रकए जाने की आवश्यकर्ा
होग ।
2. अनच्
ु छे द 85 (राष्ट्रपनर् द्वारा लोकसभा को भींग करने सींबध
ीं अनच्
ु छे द)
3. अनच्
ु छे द 172 (राज्य ववधानसभाओीं के कायतकाल से सींबचीं धर् अनच्
ु छे द)
4. अनच्
ु छे द 174 (राज्य ववधानसभाओीं के ववघटन से सींबचीं धर् अनच्
ु छे द)
5. अनच्
ु छे द 356 (राष्ट्रपनर् िासन से सींबचीं धर् अनच्
ु छे द)
सींसद और ववधानसभाओीं, दोनों के कायतकालों की क्स्थरर्ा हे र्ु जनप्रतततनगधत्व अगधतनयम (Representation
of People Act), 1951 में सींिोधन क्रकये जाने की आवश्यकर्ा होग ।
इसमें ननम्नशलखखर् महत्वपर्
ू त र्त्व सक्म्मशलर् क्रकए जाने िादहए:
1. एक साथ िुनाव कराने सींबध
ीं आवश्यक प्रक्रक्रयाओीं को सवु वधाजनक बनाने हेर्ु भारत के तनवााचन
आयोग (ECI) की िक्तर्यों और कायों का पन
ु गतठन।
2. जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम, 1951 की धारा 2 में ‘एक साथ चुनाव’ की पररभाषा जोड़ जा सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. आदित आिार सींदहर्ा तया है ?
2. ननवातिन आयोग की िुनाव कराने सींबध
ीं िक्तर्याँ
3. जनप्रनर्ननचधत्व अचधननयम, 1951 अचधननयम का अवलोकन
4. अनच्
ु छे द 83, 85 और 172 का अवलोकन
में स मलिंक:
भारर् य राजन नर् के शलए "एक दे ि- एक िन
ु ाव" की अवधारर्ा के लाभ और हाननयों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3680MLE4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:ववशभन्न सींवध
ै ाननक पदों पर ननयक्ु तर् और ववशभन्न सींवध
ै ाननक ननकायों की िक्तर्याँ, कायत और
उत्तरदानयत्व।
1. राजीव गािंधी त्या के दोवषयों की यागचका पर राज्यपाल को तनणाय करने की शजक्त
सिंदभा: हाल ही में , उच्ित्तम न्यायालय ने कहा है , क्रक वषत 1991 में हुए राज व गाींध हत्याकाींड के प छे ‘बड़
साक्जि’ की जाींि कर रही ब ु -ववषयक तनगरानी एजेंसी (Multi-Disciplinary Monitoring Agency- MDMA)
द्वारा र्शमलनाडु के राज्यपाल को ए.ज . पेराररवलन जैसे दोवषयों की क्षमा-यािना पर ननर्तय लेने में बाधक
पहुिाने की आवश्यकर्ा नहीीं है । ये दोष दो दिक से अचधक समय से जेल की सजा भग
ु र् रहे हैं।
न्यायालय ने यह भ स्पष्ट्ट क्रकया है क्रक वह अपने क्षेत्राचधकार का प्रयोग नहीीं करना िाहर्े हैं, तयोंक्रक सिंववधान
के अनच्
ु छे द 161 के त त पेराररवलन की क्षमा-यागचका पर तनणाय करने का अगधकार राज्यपाल को प्रदान
ककया गया ै।
पष्ट्ृ ठभमू म:
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ववत्त आयोग को इसके वविारर् य ववषयों (ToR) में कई अद्ववर् य और व्यापक मद्
ु दों पर शसफाररिें
दे ने के शलए कहा गया था।
ऊध्वातधर और क्षैनर्ज कर ववर्रर्, स्थान य स्र्र पर सरकारी अनद
ु ान, आपदा प्रबींधन अनद
ु ान के
अनर्ररतर् आयोग को ववशभन्न क्षेत्रों जैसे बबजली क्षेत्र, प्रत्यक्ष लाभ हस्र्ाींर्रर् (DBT) को लागू करने,
ठोस अपशिष्ट्ट प्रबींधन आदद की जाींि करने और राज्यों के शलए प्रदितन प्रोत्साहन हे र्ु शसफाररि करने
का भ अचधदे ि ददया गया था।
आयोग से रक्षा और आींर्ररक सरु क्षा के ववत्त यन हे र्ु एक पथ
ृ क र्ींत्र स्थावपर् क्रकए जाने की आवश्यकर्ा
सींबध
ीं जाींि करने के शलए कहा गया था। इसके साथ ही, यदद ऐसे र्ींत्र की आवश्यकर्ा होने पर, इसके
पररिालन हे र्ु सझ
ु ाव दे ने को भ कहा गया था।
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स्रोर्: प आईब
3. मख्
ु यमिंत्री: तनयजु क्त, शजक्तयािं, काया और पद
सिंदभा: जनर्ा दल (यन
ू ाइटे ड) के अध्यक्ष न र् ि कुमार को बबहार में राष्ट्रीय जनर्ाींबत्रक गठबींधन (NDA) ववधायक
दल का नेर्ा िुना गया है । वह अब लगातार चौथी बार राज्य के मख्
ु यमिंत्री के रूप में िपथ लेंगे।
तनयजु क्त:
राज्य के मख्
ु यमींत्र की तनयजु क्त राज्यपाल द्वारा की जार् है ।
भारतीय सिंववधान के अनच्
ु छे द 164 के अनस
ु ार- राज्यपाल की सहायर्ा और सलाह प्रदान करने हे र्ु मख्
ु यमींत्र
सदहर् एक मींबत्रपररषद होग ।
मख्
ु यमिंत्री के रूप में ककसे तनयक्
ु त ककया जा सकता ै?
राज्य ववधान सभा के शलए आम िुनाव के बाद, सदन में बहुमर् हाशसल करने वाले दल अथवा गठबींधन के
द्वारा अपने नेर्ा का िुनाव क्रकया जार्ा है और राज्यपाल को इसके बारे में सचू िर् क्रकया जार्ा है ।
राज्यपाल, बहुमर् प्राप्र् दल अथवा गठबींधन द्वारा िुने गए व्यक्तर् को औपिाररक रूप से मख्
ु यमींत्र
के पद पर ननयत
ु र् करर्ा है र्था उससे मींबत्रपररषद का गठन करने के शलए कहर्ा है ।
राज्य ववधानसभा में क्रकस भ दल को स्पष्ट्ट बहुमर् नहीीं प्राप्र् होने की क्स्थनर् में , राज्यपाल,
सामान्यर्ाः, सदन में सबसे बड़े दल के नेर्ा को सरकार बनाने के शलए कहर्े हैं।
कायाकाल
सैद्धाींनर्क रूप से, मख्
ु यमींत्र , राज्यपाल के प्रसादपयंर् पद धारर् करर्ा है । हालाींक्रक, व्यवहाररक रूप से, राज्य
ववधानसभा में बहुमर् प्राप्र् दल के नेर्ा बने रहने र्क मख्
ु यमींत्र अपने पद पर बना रहर्ा है ।
सदन में बहुमर् का समथतन खो दे ने की क्स्थनर् में राज्यपाल द्वारा मख्
ु यमींत्र को बखातस्र् क्रकया जा
सकर्ा है ।
राज्य ववधान सभा भ अववश्वास प्रस्र्ाव पाररर् करके मख्
ु यमींत्र को पद से हटा सकर् है ।
मख्
ु यमिंत्री की शजक्तयािं एविं काया
राज्यपाल को सहायर्ा और सलाह दे ना।
मख्
ु यमींत्र मींबत्रपररषद के प्रमख
ु होर्ा है ।
वह सदन के नेर्ा होर्ा है ।
वह राज्य के प्रिासन से सींबचीं धर् मींबत्रपररषद के सभ ननर्तयों के बारे में राज्यपाल को सचू िर् करर्ा
है ।
उसके द्वारा सदन में सभ न नर्यों की घोषर्ा की जार् है ।
वह राज्यपाल को ववधान सभा भींग करने की शसफाररि करर्ा है ।
वह राज्यपाल को समय-समय पर राज्य ववधान सभा के सत्रों को बल
ु ाने र्था समाप्र् करने के सींबध
ीं
में सलाह दे र्ा है ।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. मख्
ु यमींत्र के रूप में क्रकसे ननयत
ु र् क्रकया जा सकर्ा है?
2. मख्
ु यमींत्र की ननयक्ु तर् में राज्यपाल की भशू मका
3. मींबत्रपररषद
4. िक्तर्याीं
5. कायत
6. कायतकाल
में स मलिंक:
राज्य के मख्
ु यमींत्र की भशू मका और कायों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GFE7VGUH6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. मख्
ु यमिंत्री जगन मामले पर सन
ु वाई से न्यायाधीश द्वारा सन
ु वाई से इिंकार
सिंदभा: उच्िर्म न्यायालय के न्यायमनू र्त य.ू य.ू लशलर् ने आींध्र प्रदे ि सरकार और मख्
ु यमींत्र वाई.एस. जगन
मोहन रे ड्ड के खखलाफ कायतवाही करने सिंबध
िं ी ररट यागचका पर सन
ु वाई करने से स्वयिं को अलग कर मलया ै ।
याचिका में जगन रे ड्ड पर उच्िर्म न्यायालय के न्यायाध ि एन व रमन्ना और उच्ि न्यायालय के अन्य
न्यायाध िों के खखलाफ ‘शम्या, सींददग्ध और राजन नर्क आरोप’ लगाने के शलए कायतवाही की माींग की गय थ ।
न्यायाधीश द्वारा सन
ु वाई से इिंकार का कारण
न्यायमनू र्त य.ू य.ू लशलर्, मख्
ु यमींत्र जगन मामले पर सन
ु वाई से अलग हो गए हैं तयोंक्रक, वह इससे पव
ू ,त इस
मामले से जुड़े पक्षकारों का एक वकील के रूप प्रनर्ननचधत्व कर िुके हैं।
‘सन
ु वाई से इिंकार’ करना क्या ै?
क्रकस प ठास न न्यायानयक अचधकारी अथवा प्रिासननक अचधकारी द्वारा दहर्ों के टकराव के कारर् क्रकस
न्यानयक सन
ु वाई अथवा आचधकाररक कारत वाई में भाग दारी से इींकार करने को न्यातयक तनर ाता (Judicial
disqualification), ‘सन
ु वाई से इींकार’ करना अथवा ‘ररक्यज
ु ल’ (Recusal) कहा जार्ा है ।
‘सन
ु वाई से इिंकार’ करने े तु सामान्य आधार:
क्रकस न्यायाध ि अथवा अन्य ननर्तयकर्ात को क्रकस मामले की सन
ु वाई से अलग करने हे र्ु ववशभन्न आधारों
पर प्रस्र्ाव पेि क्रकया जार्ा है ।
आमर्ौर पर, ये प्रस्र्ाव इस प्रकार के दावों पर आधाररर् होर्ें हैं क्जनमे कहा जार्ा है क्रक, न्यायाधीश ककसी
एक पक्षकार के प्रतत सद्भाव रखता ै , अथवा अन्य पक्षकार के प्रतत द्वेषपण
ू ा ै, या क्रकस र्कति ल ननष्ट्पक्ष
पयतवेक्षक को लगर्ा है , क्रक न्यायाधीश ककसी के प्रतत पक्षपाती ो सकता है ।
इन प्रस्र्ावों में सन
ु वाई हे र्ु ननयत
ु र् न्यायाध ि को ननम्नशलखखर् अन्य आधारों पर भ िुनौर् दी जार् है :
1. न्यायाध ि का मामले में व्यक्तर्गर् दहर् है अथवा वह मामले में व्यक्तर्गर् दहर् रखने वाले क्रकस
व्यक्तर् से सींबध
ीं रखर्ा है ।
2. न्यायाध ि की पष्ट्ृ ठभशू म अथवा अनभ
ु व, जैसे क्रक न्यायाध ि के वकील के रूप में क्रकये गए पव
ू त कायत।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. न्यानयक ननरहतर्ा के शलए आधार।
2. सवोच्ि न्यायालय और उच्ि न्यायालय के न्यायाध िों को िपथ कौन ददलार्ा है ?
3. भारर् य सींववधान के अनच्
ु छे द 127 और 128 क्रकससे सींबचीं धर् हैं?
में स मलिंक:
‘सन
ु वाई से इींकार’ (Recusal), सप्र
ु म कोटत के न्यायाध िों के शलए नैनर्कर्ा की एक ियनात्मक आवश्यकर्ा
बन गया है । ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8F7VL1C0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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स्वास््य सेवा क्षेत्र में मानव सींसाधन और बनु नयादी ढाींिे सींबध
ीं आवश्यकर्ाओीं का आकलन करना।
ववधेयक के र्हर् बनाए गए ननयमों का राज्य चिक्रकत्सा पररषदों द्वारा अनप
ु ालन सनु नक्श्िर् करना।
ननज चिक्रकत्सा सींस्थानों में 50% स्थानों हे र्ु िल्
ु क ननधातरर् करने के शलए ददिाननदे ि जारी करना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् य चिक्रकत्सा पररषद (MCI) के बारे में
2. राष्ट्रीय चिक्रकत्सा आयोग (NMC) के बारे में
3. गदठर् स्वायत्त बोडत के बारे में
4. NMC के कायत
5. NMC की सींरिना
में स मलिंक:
नवगदठर् राष्ट्रीय चिक्रकत्सा आयोग (NMC) की भशू मकाओीं एवीं कायों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
2. गग
ू ल द्वारा ‘प्रभावी जस्थतत’ के दरु
ु पयोग पर जािंच
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (Competition Commission of India-CCI) द्वारा गग
ू ल पे के
सिंदभा में अपनी प्रभावी जस्थतत (Dominant Position) का दरु
ु पयोग करने के शलए इींटरनेट क्षेत्र की ददग्गज
कींपन गग
ू ल के खखलाफ ववस्र्र्
ृ जाींि का आदे ि ददया गया है ।
गग
ू ल के ववरुद्ध मामला
गग
ू ल पर अपन प्रभाव क्स्थनर् के दरु
ु पयोग से सींबचीं धर् कई उदाहरर् है , क्जनमे एींड्राइड स्माटत फोंस में गग
ू ल
पे (GPay) का पहले से ही इींस्टालेिन र्था ऐप के माध्यम से भग
ु र्ान के शलए डेवलपसत द्वारा भग
ु र्ान की
ववचध के रूप में गग
ू ल पे का उपयोग, आदद िाशमल हैं।
आगे की रा
भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (CCI) का प्रथम दृष्ट्टया वविार है क्रक कींपन ने अचधननयम के अनच्
ु छे द 4 के ववशभन्न
प्रावधानों का उल्लींघन क्रकया है । इन सारे पहलओ
ु ीं पर एक ववस्र्र्
ृ जाींि की आवश्यकर्ा है ।
प्रततस्पधाा अगधतनयम का अनच्
ु छे द 4 बाजार में अपन प्रभाव क्स्थनर् के दरु
ु पयोग से सींबचीं धर् है ।
भारतीय प्रततस्पधाा आयोग
भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग (CCI), भारर् सरकार का एक सािंववगधक तनकाय है । यह सींपर्
ू त भारर् में प्रनर्स्पद्तधा
अचधननयम, 2002 (Competition Act, 2002) के प्रवर्तन और प्रनर्स्पधात पर प्रनर्कूल प्रभाव डालने वाली
गनर्ववचधयों को रोकने के शलए उत्तरदाय है ।
प्रततस्पधाा आयोग के काया:
1. भारर् य प्रनर्स्पधात आयोग का कायत, प्रनर्स्पद्तधा पर प्रनर्कूल प्रभाव डालने वाले अभ्यासों को समाप्र्
करना, प्रनर्स्पद्तधा को बढ़ावा दे ना और उसे जारी रखना, उपभोतर्ाओीं के दहर्ों की रक्षा करना र्था
भारर् य बाज़ारों में व्यापार की स्वर्ींत्रर्ा सनु नक्श्िर् करना है ।
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राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् की स्थापना के साथ भारर् ‘ववशेष पयाावरण न्यायागधकरण’ स्थावपर् करने वाला ववश्व
में ऑस्रे मलया और न्यज
ू ीलैंि के बाद तीसरा दे श तथा प ला ववकासशील दे श बन गया है ।
राष्ट्रीय ररत अगधकरण की सिंरचना:
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर्, में एक पण
ू क
ा ामलक अध्यक्ष और न्यन
ू तम 10 तथा अगधकतम 20 पण
ू क
ा ामलक न्यातयक
एविं ववशेषज्ञ सदस्य होर्े हैं।
अध्यक्ष: इस अचधकरर् का प्रिासननक प्रमख
ु होर्ा है र्था वह न्यानयक सदस्य के रूप में भ कायत करर्ा है ।
अध्यक्ष पद पर ननयत
ु र् क्रकये जाने वाले व्यक्तर् के शलए उच्च न्यायालय का सेवारत अथवा सेवातनवत्त
ृ मख्
ु य
न्यायाधीश या भारत के सवोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना आवश्यक है ।
सदस्यों का चयन:
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् के सदस्यों को एक ियन सशमनर् (भारर् के सवोच्ि न्यायालय के एक न्यायाध ि की
अध्यक्षर्ा में) द्वारा िुना जार्ा है । यह सशमनर् सभ आवेदनों की सम क्षा करर् है और साक्षात्कार आयोक्जर्
करर् है ।
न्यातयक सदस्यों के रूप में उच्ि न्यायालय के न्यायाध ि या सेवाननवत्त
ृ न्यायाध िों का ियन क्रकया जार्ा है ।
ववशेषज्ञ सदस्यों के रूप में ियननर् होने क शलए आवेदकों को, भारर् सरकार के अनर्ररतर् सचिव या उससे
ऊपर के पद पर कायतरर् अथवा सेवाननवर्
ृ नौकरिाह; राज्य सरकार के अध न सेवारर् प्रधान सचिव पद पर
कायतरर् अथवा सेवाननवर्
ृ नौकरिाह र्था पयातवरर् य मामलों से ननपटने का न्यन
ू र्म पाींि वषत का अनभ
ु व
होना िादहए। अथवा वविेषज्ञ सदस्य सदस्यों के पास सींबचीं धर् क्षेत्र में डॉतटरे ट डडग्र होना िादहए।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NGT के बारे में
2. सींरिना
3. कायत
4. प्रमख
ु ननर्तय
में स मलिंक:
राष्ट्रीय हररर् अचधकरर् की भशू मकाओीं और कायों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:सरकारी न नर्यों और ववशभन्न क्षेत्रों में ववकास के शलये हस्र्क्षेप और उनके अशभकल्पन र्था कायातन्वयन
के कारर् उत्पन्न ववषय।
1. ‘प्रत्यपाण’ क्या ोता ै ? (What is Extradition?)
सिंदभा: हाल ही में , उच्िर्म न्यायालय ने भगोड़े व्यवसाय ववजय माल्या के वकील की उसे मामले से बरी करने
सींबध
ीं याचिका को खाररज कर ददया और केंद्र सरकार से छह हफ्र्े के अींदर ववजय माल्या को यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम
से भारर् को प्रत्यवपतर् क्रकए जाने सींबध
ीं प्रगनर् पर स्टे टस ररपोटत दायर करने को कहा है ।
पष्ट्ृ ठभमू म
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इस कायतक्रम की िरु
ु आर् वषत 2008 में की गय थ , र्था वषा 2015 में इस योजना को क्रफर से नए
रूप में क्रकया िरू
ु गया था।
कायाान्वयन
इस योजना का कायातन्वयन ‘भारर् य फामात प एसयू ब्यरू ो’ (Bureau of Pharma PSUs of India- BPPI)
के द्वारा क्रकया जार्ा है ।
भारर् य फामात प एसयू ब्यरू ो’ (BPPI) की स्थापना फामातस्यदु टकल ववभाग, भारर् सरकार के अींर्गतर् की
गई है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. इस योजना का आरीं भ कब क्रकया गया था?
2. इसका नाम पररवर्तन कब क्रकया गया?
3. यह योजना क्रकस मींत्रालय द्वारा िरू
ु की गई थ ?
4. BPPI के बारे में - स्थापना और कायत
5. जेनेररक दवाएीं तया है ?
में स मलिंक:
प्रधानमींत्र भारर् य जन औषचध योजना (PMBJP) की आवश्यकर्ा और महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
3. मध्यस्थता एविं सल
ु (सिंशोधन) अध्यादे श, 2020 (Arbitration and Conciliation (Amendment)
Ordinance)
सिंदभा: हाल ही में , राष्ट्रपनर् राम नाथ कोववींद द्वारा ‘मध्यस्थता एविं सल
ु अगधतनयम’ 1996 में सिंशोधन करने
के शलए ‘मध्यस्थता और सल
ु (सिंशोधन) अध्यादे श’ 2020 पर हस्र्ाक्षर कर ददए गए हैं।
‘मध्यस्थता और सल
ु (सिंशोधन) अध्यादे श’ 2020 के प्रमख
ु बबिंद:ु
इस अध्यादे ि में , ‘धोखाधड़ या भ्रष्ट्टािार से क्रकये जाने वाले मध्यस्थर्ा समझौर्े अथवा अनब
ु ध
ीं ों’ के मामले
में सिंबगिं धत पक्षकारों को ‘मध्यस्थता तनणाय’ के प्रवतान पर बबना शता ‘रोक’ (Stay) आदे श हदए जाने का प्रावधान
क्रकया गया है ।
इसके अलावा, अध्यादे ि में मध्यस्थता अगधतनयम की 8 वीिं अनस
ु च
ू ी को तनरमसत कर ददया गया है ।
8व ीं अनस
ु ि
ू में मध्यस्थों (Arbitrators) की आवश्यक अहर्ात के प्रमार्न सींबध
ीं प्रावधान सक्म्मशलर्
थे।
अध्यादे ि के द्वारा, मध्यस्थता अगधतनयम की धारा 36 में एक प्रावधान जोड़ा गया है जो 23 अतटूबर,
2015 से पव
ू व्त याप रूप से लागू होगा।
इस सींिोधन के अनस
ु ार, यदद न्यायालय सींर्ष्ट्ु ट होर्ा है, क्रक सींबचीं धर् मामले में ददया गया ‘मध्यस्थर्ा
ननर्तय’, प्रथमदृष्ट्टया, ‘धोखाधड़ या भ्रष्ट्टािार से क्रकये जाने वाले मध्यस्थर्ा समझौर्े अथवा अनब
ु ध
ीं ों’
पर आधाररर् है , र्ो अदालर् अगधतनयम की धारा 34 के त त, प्रदान ककये गए ‘मध्यस्थता तनणाय’
पर अपील लिंबबत र ने तक बबना शता रोक लगा दे गी।
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पष्ट्ृ ठभमू म:
अभ र्क क्रकस मध्यस्थर्ा फैसले के खखलाफ कानन
ू की धारा 36 के र्हर् अप ल दायर क्रकए जाने के बावजूद
इसे लागू क्रकया जा सकर्ा था। हालाींक्रक, अदालर् उपयत
ु र् िर्ों के साथ इस पर स्थगन दे सकर् थ ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. मध्यस्थर्ा (Arbitration) तया होर् है ?
2. मध्यस्थर्ा एवीं सल
ु ह (सींिोधन) अचधननयम में क्रकये गए हाशलया सींिोधन
3. अींर्रराष्ट्रीय मध्यस्थर्ा केंद्र के बारे में
4. भारर् य मध्यस्थर्ा पररषद के बारे में
5. 1996 अचधननयम के र्हर् मध्यस्थों की ननयक्ु तर्
में स मलिंक:
मध्यस्थर्ा एवीं सल
ु ह (सींिोधन) अचधननयम के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/ordinance-to-ensure-that-
stakeholders-can-seek-stay-on-arbitral-awards/article33025948.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
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4. राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अगधतनयम (NFSA) 2013 (National Food Security Act)
सिंदभा: हाल ही में , सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (NFSA) के र्हर् सही लाभाचथतयों की पहिान
करने के शलए 2013 से 4.39 करोड़ फजी रािन काडों को रद्द क्रकया गया है ।
राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अगधतनयम का उद्दे श्य
राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (National Food Security Act- NFSA) 2013 का उद्दे श्य एक गररमापर्
ू त
ज वन ज ने के शलए लोगों को वहन य मल्
ू यों पर अच्छी गर्
ु वत्र्ा के खाद्यान्न की पयातप्र् मात्रा उपलब्ध करार्े
हुए उन्हें मानव ज वन-िक्र दृक्ष्ट्टकोर् में खाद्य और पौषखर्क सरु क्षा प्रदान करना है ।
अगधतनयम की प्रमख
ु ववशेषताऐिं:
लक्षक्षत सावाजतनक ववतरण प्रणाली (TPDS) के त त कवरे ज और पात्रता: TPDS के अींर्गतर् 5 क्रकलोग्राम प्रनर्
व्यक्तर् प्रनर् माह की एक-समान हकदारी के साथ 75% ग्राम र् आबादी और 50% िहरी आबादी को कवर
क्रकया जाएगा। हालाींक्रक, मौजद
ू ा अींत्योदय अन्न योजना (AAY) में सक्म्मशलर् ननधतनर्म पररवारों की 35 क्रकलोग्राम
प्रनर् पररवार प्रनर् माह की हकदारी सनु नक्श्िर् रख जाएग ।
टीपीिीएस के अिंतगात राजस ायता प्राप्त मल्
ू य और उनमें सिंशोधन: इस अचधननयम के लागू होने की र्ारीख से
3 वषत की अवचध के शलए टीप ड एस के अींर्गतर् खाद्यान्न अथातर् ् िावल, गेहूीं और मोटा अनाज क्रमि: 3/2/1
रूपए प्रनर् क्रकलोग्राम के राजसहायर्ा प्राप्र् मल्
ू य पर उपलब्ध कराया जाएगा। र्दप
ु रान्र् इन मल्
ू यों को न्यन
ू र्म
समथतन मल्
ू य के साथ उचिर् रूप से जोड़ा जाएगा।
पररवारों की प चान: टीप ड एस के अींर्गतर् प्रत्येक राज्य के शलए ननधातररर् कवरे ज के दायरे में पात्र पररवारों
की पहिान सींबध
ीं कायत राज्यों/सींघ राज्य क्षेत्रों द्वारा क्रकया जाएगा।
मह लाओिं और बच्चों के मलए पोषण स ायता: गभतवर् मदहलाएीं और स्र्नपान कराने वाली मार्ाएीं र्था 6 माह
से लेकर 14 वषत र्क की आयु वगत के बच्िे एकीकृर् बाल ववकास सेवाओीं (आईस ड एस) और मध्याह्न भोजन
(एमड एम) स्कीमों के अींर्गतर् ननधातररर् पौषखर्क मानदण्डों के अनस
ु ार भोजन के हकदार होंगे । 6 वषत की
आयु र्क के कुपोवषर् बच्िों के शलए उच्ि स्र्र के पोषर् सींबध
ीं मानदण्ड ननधातररर् क्रकए गए हैं।
मह लाओिं और बच्चों को पोषण सिंबध
िं ी स ायता: 6 महीने से 14 वषत की आयु के बच्िों और गभतवर् मदहलाओीं
और स्र्नपान कराने वाली मार्ाओीं को एकीकृर् बाल ववकास सेवा (ICDS) और शमड-डे म ल (MDM) योजनाओीं
के र्हर् ननधातररर् पोषर् मानदीं डों के अनस
ु ार भोजन का अचधकार होगा। 6 वषत की आयु र्क के कुपोवषर् बच्िों
के शलए उच्ि पोषर् मानदीं ड ननधातररर् क्रकये गए है ।
मातत्ृ व लाभ: गभतवर् मदहलाओीं और स्र्नपान कराने वाली मार्ाओीं को 6,000 रु. का मार्त्ृ व लाभ भ प्रदान
क्रकया जाएगा।
मह ला सशक्तीकरण: रािन काडत जारी करने के उद्दे श्य से, पररवार में 18 वषत या उससे अचधक आयु की
मदहला को पररवार का मखु खया माना जाएगा।
मशकायत तनवारण तिंत्र: क्जला और राज्य स्र्र पर शिकायर् ननवारर् र्ींत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
खाद्यान्न की रखरखाव व पररव न लागत तथा उगचत मल्
ू य की दक
ु ान (FPS) व्यापाररयों का लाभ:
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राज्य के भ र्र खाद्यान्न के पररवहन पर खित, इसके रखरखाव र्था उचिर् मल्
ू य की दक
ु ान (FPS) व्यापाररयों
के लाभ को इस प्रयोजन हे र्ु र्ैयार क्रकए गए मानदीं डों के अनस
ु ार ननधातररर् क्रकया जाएगा, र्था उपरोतर् व्यय
को परू ा करने के राज्यों केंद्र सरकार द्वारा सहायर्ा प्रदान की जाएग ।
पारदमशाता और जवाबदे ी: पारदशितर्ा और जवाबदे ही सनु नक्श्िर् करने हे र्,ु प ड एस, सामाक्जक लेखापरीक्षा और
सर्कतर्ा सशमनर्यों के गठन से सींबचीं धर् ररकॉडत को ददखाए जाने सींबध
ीं प्रावधान क्रकए गए हैं।
खाद्य सरु क्षा भत्ता: उपयत
ु र् खाद्यान्न अथवा भोजन की आपनू र्त नहीीं होने की क्स्थनर् में , लाभाचथतयों के शलए
खाद्य सरु क्षा भत्ता का प्रावधान क्रकया गया है ।
दिं ि अथवा जुमााना: यदद कोई लोक सेवक या प्राचधकरर्, क्जला शिकायर् ननवारर् अचधकारी द्वारा अनि
ु शीं सर्
राहर् सहायर्ा प्रदान करने में ववफल रहर्ा है , र्ो प्रावधान के अनस
ु ार राज्य खाद्य आयोग द्वारा जुमातना
लगाया जाएगा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. TPDS के बारे में
2. योजना के र्हर् खाद्य सरु क्षा भत्ता क्रकसे प्रदान क्रकया जार्ा है ?
3. अचधननयम के र्हर् दीं ड प्रावधान
4. मार्त्ृ व लाभ सींबचीं धर् प्रावधान
5. एकीकृर् बाल ववकास सेवा (ICDS) योजना का अवलोकन
6. मध्याह्न भोजन (MDM) योजना का अवलोकन
7. योजना के र्हर् पात्र पररवारों की पहिान
में स मलिंक:
राष्ट्रीय खाद्य सरु क्षा अचधननयम (NFSA), 2013 के महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
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पैकेज के प्रमख
ु घटक:
इन उपायों की आवश्यकता:
हाल ही में , भारर् य ररजवत बैंक (RBI) के व्यतर्व्य के अनस
ु ार- ववत्त य वषत 2020-21 की पहली छमाही के दौरान
दे ि ‘तकनीकी मिंदी’ (Technical Recession) में प्रवेि कर गया है ।
हालाींक्रक, आरब आई ने अथतव्यवस्था में यथोचिर् वद्
ृ चध की वापस होने सींबध
ीं भववष्ट्यवार् भ की है । यहाीं र्क
क्रक रे दटींग एजेंस मि
ू ीज इन्वेस्टर सववास ने भ भारर् के सींदभत में अपने ज ड प अनम
ु ानों को सकारात्मक ददिा
में सींिोचधर् क्रकया है ।
‘तकनीकी मिंदी’ क्या ोती ै ?
‘र्कन की मींदी’ (Technical Recession), वपछले दो ततमाह यों के दौरान सकल घरे लू उत्पाद (GDP) में लगातार
ोने वाली गगरावट को दिातर् है । ‘र्कन की मींदी’ अथाव्यवस्था में सिंकुचन का सिंकेतक होर् है , तयोंक्रक, GDP
क्रकस दे ि में , एक ववशिष्ट्ट अवचध के दौरान उत्पाददर् सभ वस्र्ओ
ु ीं और सेवाओीं की कीमर्ों को मापक होर्ा
है , अथातर्, ये अथतव्यवस्था में कुल व्यय को मापर्ा है ।
क्या भारत में ‘तकनीकी मिंदी’ अप्रत्यामशत थी?
महामारी की समस्या के मद्दे नजर माित के महीने में र्ालाबींदी की घोषर्ा होर्े ही अचधकाींि अथतिाक्स्त्रयों
ने भारर् य अथतव्यवस्था के मींदी में िले जाने की आिींका व्यतर् की थ ।
वास्र्व में , अचधकाींि अनम
ु ानों के अनस
ु ार, अथतव्यवस्था में कम से कम एक और नर्माही, अतटूबर से
ददसींबर, र्क सींकुिन होने की सींभावना है ।
मिंदी-काल की अवगध
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आमर्ौर पर, मींदी कुछ नर्मादहयों र्क जारी रहर् है । यदद, यदद क्रकस अथतव्यवस्था में मींदी की अवचध
(Recessionary Phase) एक वषत या उससे अचधक र्क जारी रहर् है र्ो, इसे अथतव्यवस्था में म ामिंदी
(Depressions) कहा जार्ा है ।
यद्यवप, क्रकस भ अथतव्यवस्था में महामींदी (Depressions) की क्स्थनर् काफी दल
ु भ
त होर् है और कम
ही दे ख जार् है । महामींदी की क्स्थनर्, आखखरी बार अमेररका में 1930 के दिक में दे ख गई थ ।
वर्तमान पररदृश्य में , क्रकस भ अथतव्यवस्था को मींदी से बिने के शलए, कोववड-19 के प्रसरर् पर ननयींत्रर्
करना, एक ननर्ातयक कारक है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. मींदी से ननपटने हे र्ु सरकार द्वारा घोवषर् उपाय और योजनायें
2. ‘र्कन की मींदी’ तया होर् है ?
3. मींदी और महामींदी के मध्य अींर्र
में स मलिंक:
‘आत्मननभतर भारर् अशभयान’ तया है ? कोववड महामारी की र्रह सींकट के समय में आत्मननभतरर्ा और आत्म-
दक्षर्ा के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G417V9Q1P.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. राष्ट्रीय जनसिंख्या रजजस्टर (NPR) (National Population Register)
सिंदभा: भारर् के महापींज यक (Registrar General of India- RGI) के कायातलय द्वारा स्पष्ट्ट क्रकया गया है क्रक
राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (National Population Register - NPR) के सि
ू पत्र अथवा प्रश्नावली को ‘अींनर्म
रूप’ ददया जा रहा है र्था 2021 में होने वाली जनगर्ना के पहले िरर् की सींभाववर् नर्चथ के बारे में जानकारी
उपलब्ध नहीीं है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
हाल ही में , सच
ू ना के अगधकार अगधतनयम के र्हर् एक सवाल में जनगर्ना के पहले िरर् की सींभाववर् नर्चथ
– मकान सि
ू करर् और मकानों की गर्ना- राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR), क्जसे 1 अप्रैल से िरू
ु क्रकया
जाना था, पर अद्यर्न जानकारी माँग गय थ ।
इन दोनों को अप्रैल से शसर्ींबर के मध्य एक साथ आयोक्जर् क्रकया जाना था, क्रकीं र्ु महामारी के कारर् 25 माित
को अननक्श्िर् काल के शलए स्थचगर् कर ददया गया।
राष्ट्रीय जनसिंख्या रजजस्टर (NPR)
यह ‘दे श के सामान्य तनवामसयों’ की एक सच
ू ी होर् है।
राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (National Population Register- NPR) को नागररकता कानन
ू , 1955 और
नागररकता (नागररकों का पिंजीकरण और राष्ट्रीय प चान-पत्र जारी करना) तनयम, 2003 के प्रावधानों
के अनस
ु ार स्थान य, उप-क्ज़ला, क्ज़ला, राज्य और राष्ट्रीय स्र्र पर र्ैयार क्रकया जार्ा है ।
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राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR) में पींज करर् कराना भारर् के प्रत्येक ‘सामान्य तनवासी’ के शलये
अननवायत है ।
उद्दे श्य: दे ि के प्रत्येक आम नागररक की ववस्र्र्
ृ पहिान का डेटाबेस र्ैयार करना।
‘दे श के सामान्य तनवासी’ कौन ै?
गह
ृ मींत्रालय के अनस
ु ार, ‘दे ि का सामान्य ननवास ’ को ननम्नशलखखर् रूप से पररभावषर् क्रकया गया है - वह
व्यक्तर्, जो कम-से-कम वपछले छह महीनों से क्रकस स्थान य क्षेत्र में रहर्ा है अथवा अगले छह महीने या
उससे अचधक समय र्क के शलये क्रकस वविेष स्थान पर रहने का इरादा रखर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. नागररकर्ा से सींबचीं धर् सींवध
ै ाननक प्रावधान
2. NPR डेटा के घटक।
3. सामान्य ननवास कौन है ?
4. NPR कौन र्ैयार करर्ा है ?
5. कोई व्यक्तर् भारर् य नागररकर्ा कैसे प्राप्र् कर सकर्ा है ?
6. तया एक भारर् य नागररक दोहरी नागररकर्ा रख सकर्ा है ?
में स मलिंक:
राष्ट्रीय जनसींख्या रक्जस्टर (NPR) के र्हर् डेटा सींग्रह के शलए राज्यों द्वारा ववरोध तयों क्रकया जा रहा है ।
ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G6D7VRMRS.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. ऑफसेट दे यर्ा तया है ?
2. आधार अनब
ु ध
ीं मल्
ू य तया है ?
में स मलिंक:
रक्षा अचधग्रहर् प्रक्रक्रया 2020 के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRESK.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
8. जम्म-ू कश्मीर का ‘रोशनी अगधतनयम’ (What is J&K’s Roshni Act?)
सिंदभा: हाल ही में , जम्म-ू कश्म र प्रिासन द्वारा रोशनी अगधतनयम (Roshni Act) के त त लाभागथायों की एक
सच
ू ी जारी की गय है ।
इन लाभाचथतयों की सि
ू में पव
ू त मींत्र , और सेवाननवत्त
ृ शसववल सेवक भ िाशमल हैं।
हाल ही में , सरकार द्वारा इस कानन
ू को अमान्य (null and void) घोवषर् कर ददया गया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
जम्म-ू कश्म र राज्य भशू म (कब्जाधारकों के शलए स्वाशमत्व अचधकार) अचधननयम (Jammu and Kashmir States
Land (vesting of ownership to the occupants) Act), को ‘रोशनी अगधनयम’ के नाम से भ जाना जार्ा
है । प्रायाः, इस अचधननयम के कायातन्वयन में अननयशमर्र्ाओीं से सींबचीं धर् आरोप लगाए जार्े रहे है । सरकार ने
हाल ही में , इस अचधननयम को अमान्य घोवषर् कर ददया है ।
‘रोमशनी अगधतनयम’ के बारे में :
इस अचधननयम को वषत 2001 में लागू क्रकया गया था, इसका उद्दे श्य अनचधकृर् भशू म को ननयशमर् करना था।
इस अचधननयम में , सरकार द्वारा ननधातररर् की गय कीमर् िुकाए जाने के पश्िार्, राज्य की भशू म पर
र्त्कालीन कब्जाधारकों के शलए स्वाममत्व अगधकारों को स्तािंतररत करने का प्रावधान क्रकया गया था।
सरकार द्वारा, इस प्रकार प्राप्र् होने वाले राजस्व को पनबबजली पररयोजनाएिं शरू
ु करने पर, व्यय करने
का वविार क्रकया गया था, इस शलये इस अगधतनयम का नाम ‘रोशनी’ रख ददया गया।
इसके अलावा, सींिोधनों के माध्यम से, सरकार द्वारा ककसानों को अगधकृत कृवष भमू म पर मफ्
ु त में
स्वाममत्व अगधकार प्रदान क्रकये गए, इसके शलए मात्र 100 रुपये प्रनर् कनाल, प्रलेखन िल्
ु क शलया गया।
इस अगधतनयम को ‘अमान्य’ करने सिंबध
िं ी कारण
वषत 2009 में , राज्य सर्कतर्ा सींगठन द्वारा कई सरकारी अचधकाररयों के खखलाफ प्राथशमकी दजत की
गय थ , इन अचधकाररयों पर, रोिन अचधननयम के मानदीं डो को परू ा नहीीं करने वाले कब्जाधारकों को
गैरकानन
ू र्रीके से भशू म के स्वाशमत्व अचधकार प्रदान करने की आपराचधक साक्जि करने का आरोप
लगाए गए थे।
वषत 2014 में, ननयींत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक ररपोटत के अनस
ु ार, वषत 2007 से वषत 2013
के ब ि, अनर्क्रशमर् भशू म के हस्र्ाींर्रर् से 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व प्राक्प्र् का लक्ष्य रखा गया
था, क्रकीं र्ु मात्र 76 करोड़ रुपये की प्राक्प्र् हुई थ । इस प्रकार इस क़ानन
ू का उद्दे श्य ही फेल हो गया।
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ररपोटत में , राजनेर्ाओीं और प्रभाविाली लोगों को लाभ पहुींिाने के शलए, ‘स्थाय सशमनर्’ द्वारा र्य की
गई कीमर्ों में मनमान ढीं ग से कम क्रकये जाने सींबध
ीं अननयशमर्र्ाओीं को दोष ठहराया गया था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. रोिन अचधननयम तया है ?
2. अचधननयम की वविेषर्ाएीं
3. अचधननयम में सींिोधन
में स मलिंक:
जम्म-ू कश्म र का ‘रोिन अचधननयम’ तया है ? हाल ही में इसे तयों समाप्र् कर ददया गया? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2M80CBT9.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
9. उत्तर प्रदे श ववगध ववरुद्ध धमा समपररवतान प्रततषेध अध्यादे श 2020 (U.P. Unlawful Religious Conversion
Prohibition Ordinance, 2020)
सिंदभा: हाल ही में , उत्तर प्रदे ि सरकार द्वारा 'उत्तर प्रदे ि ववचध ववरुद्ध धमत समपररवर्तन प्रनर्षेध अध्यादे ि
2020' (U.P. Unlawful Religious Conversion Prohibition Ordinance, 2020) पाररर् क्रकया गया है ।
अध्यादे श का अवलोकन:
1. इसके र्हर्, वववाह के उद्दे श्य से क्रकए गए धमत-पररवर्तन को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है ।
2. ‘धमत-पररवर्तन का उद्दे श्य वववाह के शलए नहीीं था’, यह साबबत करने का दातयत्व ‘अमभयक्
ु त’
(Defendant) का ोगा।
3. धमत पररवर्तन के शलए जजलागधकारी से अनम
ु तत लेनी ोगी और इसके शलए दो म ीने का नोहटस दे ना
होगा।
4. यदद क्रकस मदहला द्वारा, मात्र वववाह के उद्दे श्य से धमत-पररवर्तन क्रकया जार्ा है , र्ो उस वववाह को
अमान्य घोवषर् क्रकया जाएगा।
दिं ि:
1. कानन
ू के प्रावधानों का उल्लींघन करने पर 15,000 के जम
ु ातने और न्यन
ू र्म एक साल की कारावास,
क्जसे पाींि साल र्क बढाया जा सकर्ा है , का दीं ड ददया जाएगा।
2. यदद क्रकस नाबाशलग मदहला अथवा अनस
ु चू िर् जानर् या अनस
ु चू िर् जनजानर् समद
ु ाय की मदहला का
उतर् गैरकानन
ू र्रीकों से धमत पररवर्तन कराया गया र्ो र् न से दस साल र्क की सजा के साथ कम
से कम 25,000 ₹ का जुमातना दे ना होगा।
3. इसके अनर्ररतर् अध्यादे ि में सामदू हक धमत पररवर्तन कराने वाले सींगठनों का रक्जस्रे िन रद्द करने
सदहर् कड़ कारत वाई करने सींबध
ीं प्रावधान क्रकए गए हैं।
इस क़ानन
ू से सिंबगिं धत वववाद
हाल ही में , इलाहाबाद उच्ि न्यायालय ने एक मामले (सलामर् अींसारी-वप्रयींका खरवार मामले) में ननर्तय सन
ु ार्े
हुए कहा क्रक, ककसी साथी को चुनने का अगधकार अथवा अपनी पसिंद के व्यजक्त के साथ र ने का अगधकार,
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10. आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम (ESMA) (Essential Services Maintenance Act)
सिंदभा: उत्तर प्रदे ि सरकार द्वारा राज्य में आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम (Essential Services
Maintenance Act- ESMA) अथातर् एस्मा ऐक्ट की अवचध में ववस्र्ार कर ददया गया है । इसके र्हर् अगले
छह महीने र्क सभ ववभागों और ननगमों हड़र्ाल पर प्रनर्बींध रहे गा।
एस्मा ऐक्ट, 1968
आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम (Essential Services Maintenance Act- ESMA) अथातर् एस्मा ऐक्ट
भारर् की सींसद का एक अचधननयम है ।
उद्दे श्य: इस कानन
ू को सामान्य ज वन को प्रभाववर् करने वाली कुछ आवश्यक सेवाओीं के प्रनर्पादन को
सनु नक्श्िर् करने के शलए अचधननयशमर् क्रकया गया था।
इनमें सावाजतनक पररव न (बस सेवा), स्वास्थ्य सेवाएिं (िॉक्टर और अस्पताल) जैस सेवाएीं िाशमल की
गय हैं।
ESMA के र्हर् पशु लस को, अचधननयम के प्रावधानों का उल्लींघन करने वालों के शलए बबना ककसी वारिं ट
के गगरफ्तार करने की शजक्त प्रदान की गय है ।
कायाान्वयन:
आवश्यक सेवा अनरु क्षर् अचधननयम (ESMA), भारर् के सिंववधान की सातवीिं अनस
ु च
ू ी की समवती सच
ू ी में
प्रववजष्ट्ट सिंख्या 33 के त त सींसद द्वारा बनाया गया कानन
ू है ।
हालाींक्रक, यह एक बहुर् िक्तर्िाली कानन
ू है , क्रकीं र्ु इसका कियान्वयन परू ी तर से राज्य सरकार के वववेक पर
तनभार करर्ा है । भारर् सींघ में प्रत्येक राज्य में , केंद्रीय कानन
ू के प्रावधानों में कुछ शभन्नर्ा के साथ, राज्य
आवश्यक सेवा अनरु क्षण अगधतनयम हैं। राज्यों के शलए यह स्वर्ींत्रर्ा, इस केंद्रीय कानन
ू में ननदहर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. एस्मा ऐतट का क्रक्रयान्वयन
2. प्रमख
ु प्रावधान
3. समवर्ी सि
ू में प्रमख
ु ववषय
में स मलिंक:
आवश्यक सेवा अनरु क्षर् अचधननयम (ESMA) के कायातन्वयन से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GMD80ISG6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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सिंदभा: हाल ही में , झारखींड सरकार द्वारा सरना धमा को मान्यता दे ने और 2021 की जनगणना में एक पथ
ृ क
कोि के रूप में सजम्ममलत करने के मलए एक प्रस्ताव पाररत ककया गया ै । इस पप्रस्र्ाव को केंद्र सरकार के
पास भेजा जाएगा।
‘सरना धमा’ क्या ै?
‘सरना धमत’ के ववश्वास के मल
ू र्त्व "जल, जिंगल, जमीन" हैं और इसके अनय
ु ाय वक्ष
ृ ों और प ाडड़यों की पज
ू ा
करते ैं तथा वन क्षेत्रों की रक्षा करने में ववश्वास करर्े हैं।
ऐसा माना जार्ा है , क्रक 2011 की जनगर्ना में समस्र् दे ि के 50 लाख आददवाशसयों ने अपने धमत को ‘सरना’
घोवषर् क्रकया था, यद्यवप जनगर्ना में ऐसा कोई कोड नहीीं था।
वतामान वववाद का ववषय
इस धमत को मानने वाले कई आददवास बाद में धमा पररवततात कर ‘ईसाई’ बन गए ैं- राज्य की कुल आबादी
में लगभग 4% से अचधक ईसाई हैं, क्जनमें से अचधकाींि आददवास हैं।
वर्तमान में वववाद का ववषय यह है , क्रक धमा पररवततात कर ‘ईसाई’ बने आहदवासी अल्पसिंख्यक के रूप
में आरक्षण का लाभ ले र े ैं और साथ ी अनस
ु गू चत जनजाततयों को ममलने वाले लाभ भी ले र े ैं।
सरना धमत का पालन करने वाले आददवाशसयों का कहना हैं, क्रक अनस
ु गू चत जनजाततयों को ममलने वाले
लाभ धमा पररवततात कर ‘ईसाई’ बने लोगों को न दे कर केवल उन् ें ममलने चाह ए।
पथ
ृ क कोि की आवश्यकता
राज्य में सरना आददवाशसयों की जनसींख्या वषत 1931 में कुल आबादी की 38.3 प्रनर्िर् थ , जो वषत
2011 में घटकर 26.02 प्रनर्िर् हो गई है । इसका एक कारर् दस
ू रे राज्यों में काम के शलए जाने वाले
आददवास भ थे, इन्हें राज्य की जनगर्ना में दजत नहीीं क्रकए गया था।
अन्य राज्यों में इनकी गर्ना जनजानर् में रूप में नहीीं की जार् है ।
इसशलए, एक पथ
ृ क कोि सरना आददवाशसयों को जनगर्ना में दजत क्रकया जाना सनु नक्श्िर् करे गा।
पथ
ृ क कोि का औगचत्य
1871 और 1951 के ब ि, जनगर्ना में आददवाशसयों के शलए एक पथ
ृ क कोड सक्म्मशलर् क्रकया जार्ा था, मगर,
1961-62 के आसपास इसमें पररवर्तन कर ददया गया।
वविेषज्ञों का कहना है क्रक आज जब सम्पर्
ू त ववश्व में प्रदष
ू र् को कम करने और पयातवरर् की रक्षा
करने पर ध्यान ददया जा रहा है , र्ो ऐसे में सरना को धमत का दजात प्रदान करना दरू दिी ननर्तय होगा,
तयोंक्रक इस धमत का मल
ू र्त्व प्रकृनर् और पयातवरर् की रक्षा करना है ।
इनकी भाषा और इनर्हास का सींरक्षर् भ आददवाशसयों से जुड़ा एक महत्वपर्
ू त पहलू है ।
यदद केंद्र ने नए सरना कोि को मींजूरी प्रदान कर दे र्ा है वषत 2021 में होने वाली जनगर्ना में एक
नए धमत के शलए स्थान दे ना होगा।
वर्तमान में , जनगर्ना के प्रारूप में नागररक केवल छ धमों, दहींद,ू इस्लाम, ईसाई, शसख, बौद्ध और जैन
में से क्रकस एक को अपना धमत घोवषर् कर सकर्े हैं।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. एक पथ
ृ क कोड के ननदहर्ाथत
2. सरना आददवाशसयों के बारे में
3. सरना आददवाशसयों की आस्था और ववश्वास
में स मलिंक:
एक पथ
ृ क कोि का क्या औगचत्य ै ? सरना समद
ु ाय द्वारा इसे एक अलग धमत के रूप में मान्यर्ा दे ने और
2021 की जनगर्ना में एक अलग कोड के रूप में िाशमल करने की माींगों के सींदभत में ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/why-jharkhand-is-seeking-a-separate-religious-code-for-
sarna-tribals-7048700/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. अनस
ु गू चत जातत एविं अन्य पारिं पररक वनवासी (वन अगधकार मान्यता) अगधतनयम, 2006
(The Scheduled Tribes and Other Forest Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006)
सिंदभा: हाल ही में , कनातटक के मैसरू क्जले के 1,000 से अचधक आददवाशसयों द्वारा ‘अनस
ु गू चत जातत एविं अन्य
पारिं पररक वनवासी (वन अगधकार मान्यता) अगधतनयम, 2006’ (The Scheduled Tribes and Other Forest
Dwellers (Recognition of Forest Rights) Act, 2006) के र्हर् वन भशू म पर उनके दावों की मान्यर्ा प्रदान
करने हे र्ु सम क्षा याचिका दायर की गय थ , क्जसे स्थान य अचधकाररयों द्वारा खाररज कर ददया गया।
आहदवामसयों की यागचकाएिं रद्द करने का कारण
आददवास , वन के अींदर अपने ननवास सींबध
ीं दावों को साबबर् करने हे र्ु प्रमार् प्रस्र्र्
ु करने में ववफल रहे थे।
वविेषज्ञों ने इस र्रह के ननर्तयों पर चिींर्ा व्यतर् करर्े हुए कहा है - क्रक दे ि में जहाीं साक्ष्य और दस्र्ावेजों के
ररकॉडत को सींभाल कर रखना, आधनु नक समय की एक नव न व्यवस्था है , ऐसे में आददवाशसयों से 1972 में
उनके बेदखल होने से पहले के, वन के अींदर ननवास सींबध
ीं दावों को साबबर् करने हे र्ु प्रमार् प्रस्र्र्
ु करना
हास्यास्पद है और यह प्राकृततक न्याय की अवधारणा का उल्लिंघन है ।
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सिंबगिं धत प्रकरण
उच्िर्म न्यायालय द्वारा एक मामले की सन
ु वाई के दौरान वन अगधकार अगधतनयम (Forest Rights Acts-
FRA) की वैधर्ा पर सवाल उठार्े हुए एक आदे ि जारी क्रकया गया था, क्जसके अनप
ु ालन हे र्ु कनातटक सरकार
द्वारा जारी ननदे िों के र्हर् आददवाशसयों द्वारा क्रकये गए दावों की सम क्षा की गय थ ।
वषत 2019 में सवोच्ि न्यायालय द्वारा परू े भारर् में लगभग दस लाख वनवाशसयों को वनों से बेदखल
करने का आदे ि ददया गया था। इन लोगों के दावे वन अगधकार अगधतनयम (FRA) के र्हर् खाररज
कर ददए गए थे।
बाद में , अदालर् ने अपने पव
ू त आदे ि पर रोक लगा दी और सभ राज्य सरकारों के शलए सम क्षा
याचिका दायर करने और एक ररपोटत प्रस्र्र्
ु करने का ननदे ि ददया था।
इस प्रकरण में क्या ककया जा सकता था?
इन मामलों में अचधकाररयों के शलए पहले वनवाशसयों के अचधकारों को मान्यर्ा प्रदान करन िादहए थ ,
र्त्पश्िार्, इनके दावों को खाररज करने के बजाय पन
ु वातस के माध्यम से वैकक्ल्पक समाधान प्रदान क्रकया जा
सकर्ा था।
वन अगधकार अगधतनयम (FRA) के बारे में :
अनस
ु चू िर् जनजानर् एवीं अन्य पारीं पररक वन क्षेत्र के ननवाशसयों को (वन अचधकार मान्यर्ा) अचधननयम 2006
, क्जसे वन अगधकार अगधतनयम (Forest Rights Acts- FRA) भ कहा जार्ा है , वषत 2006 में पाररर् क्रकया गया
था। यह अचधननयम पारीं पररक वन वास समद
ु ायों के अचधकारों को कानन
ू मान्यर्ा प्रदान करर्ा है ।
अगधतनयम के त त अगधकार:
स्वाममत्व अगधकार – वनवाशसयों अथवा आददवाशसयों द्वारा 13 ददसींबर 2005 र्क कृवष की जाने वाली
भशू म पर, जो क्रक 4 हेतटे यर से अचधक नहीीं होन िादहए, उतर् र्ारीख र्क वास्र्व में कृवष करने वाले
सींबचीं धर् पररवार को स्वाशमत्व अचधकार प्रदान क्रकए जाएींगे। अथातर्, कोई अन्य नय भशू म प्रदान नहीीं
की जाएग ।
अगधकारों का उपयोग- वनवाशसयों अथवा आददवाशसयों के शलए, लघु वन उपज (स्वाशमत्व सदहर्),
िारागाह क्षेत्र, र्था पिि
ु ारक मागत सींबध
ीं अचधकार उपलब्ध होंगे।
रा त और ववकास अगधकार - वनवाशसयों अथवा आददवाशसयों के शलए अवैध ननकास या बलपव
ू क
त
ववस्थापन के मामले में पन
ु वातस का अचधकार र्था वन सींरक्षर् हे र्ु प्रनर्बींधों के अध न बनु नयादी
सवु वधाओीं का अचधकार प्राप्र् होगा।
वन प्रबिंधन अगधकार - जींगलों और वन्यज वों की रक्षा करने सींबध अचधकार होंगे।
पात्रता मापदिं ि:
वन अचधकार अचधननयम (FRA) की धारा 2(c) के अनस
ु ार, वनवासी अनस
ु गू चत जनजातत (Forest Dwelling
Scheduled Tribe - FDST) के रूप में अहतर्ा प्राप्र् करने और FRA के र्हर् अचधकारों की मान्यर्ा हे र्ु पात्र
होने के शलए, आवेदक द्वारा ननम्नशलखखर् र् न िर्ों को परू ा क्रकया जाना आवश्यक है ।
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महात्मा गाींध राष्ट्रीय ग्राम र् रोजगार गारीं टी योजना (MGNREGS) पर तनभार अगधकािंश ग्रामीण श्रममकों
के मलए, उनका काम केवल कायत-स्थल पर ही समाप्र् नहीीं होर्ा है ।
इनमे से कई श्रशमकों को अपनी मजदरू ी प्राप्त करने के मलए बैंकों के चक्कर लगाने के शलए मजबरू
क्रकया जार्ा है , जहाँ उन्हें भग
ु र्ान की बारीं बार नामींजरू ी, बायोमेदरक त्रदु टयों और गलर् जानकारी का
सामना करना पड़र्ा है , क्जसमें उन्हें क्रकराए-भाड़े में व्यय करना पड़र्ा है , इसके साथ ही उनकी आय
की हानन भ होर् है ।
सामान्य क्स्थनर् में भ , ये अिंततम पड़ाव वाली चुनौततयािं श्रशमकों को समय पर ढीं ग से अपने स्वयीं की
मजदरू ी का उपयोग करना कदठन बना दे र् हैं।
कोववड-19 महामारी के दौरान, यह क्स्थनर् और ख़राब हो गय तयोंक्रक इस दौरान पररवहन व्यवस्था
बाचधर् होने से बैंकों के ितकर लगाना कदठन हो गया और एक ग्राम र् बैंक में िारीररक-दरू ी बनाए
रखने का र्ो कोई सवाल ही नहीीं है ।
‘म ात्मा गािंधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारिं टी अगधतनयम’ (MGNREGA) के बारे में :
मनरे गा (MGNREGA) को भारर् सरकार द्वारा वषत 2005 में एक सामाक्जक उपाय के रूप में प्रस्र्र्
ु क्रकया गया
था। क्जसके अींर्गतर् ‘काम करने के अचधकार’ (Right to Work) की प्रदान की जार् है ।
इस सामाक्जक उपाय और श्रम कानन
ू का मख्
ु य शसद्धाींर् यह है क्रक स्थानीय सरकार को ग्रामीण भारत में
न्यन
ू तम 100 हदनों का वैततनक रोजगार प्रदान करना ोगा र्ाक्रक ग्राम र् श्रशमकों के ज वन स्र्र में वद्
ृ चध की
जा सके।
मनरे गा कायािम के प्रमख
ु उद्दे श्य:
1. मनरे गा कायतक्रम के र्हर् प्रत्येक पररवार के अकुिल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों के शलये
न्यन
ू र्म 100 ददन का वैर्ननक रोजगार।
2. ग्राम र् ननधतनों की आज ववका के आधार को सितर् करके सामाक्जक समावेिन सनु नक्श्िर् करना।
3. कुओीं, र्ालाबों, सड़कों और नहरों जैसे ग्राम र् क्षेत्रों में स्थाई पररसींपवत्त का ननमातर् करना।
4. ग्राम र् क्षेत्रों से होने वाले िहरी प्रवासन को कम करना।
5. अप्रशिक्षक्षर् ग्राम र् श्रम का उपयोग करके ग्राम र् अवसींरिना का ननमातर् करना।
मनरे गा योजना के त त लाभ प्राप्त करने े तु पात्रता मानदिं ि:
1. मनरे गा (MGNREGA) लाभ लेने के शलए भारर् का नागररक होना िादहए।
2. कायत हे र्ु आवेदन करने के शलए व्यक्तर् की आयु 18 वषत अथवा इससे अचधक होन िादहए।
3. आवेदक के शलए एक स्थान य पररवार का भाग होना िादहए (अथातर्, आवेदन स्थान य ग्राम पींिायर्
के माध्यम से क्रकया जाना िादहए)।
4. आवेदक को स्वेच्छा से अकुिल श्रम के शलए र्ैयार होना िादहए।
योजना से सिंबगिं धत प्रमख
ु तथ्य:
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1. इस योजना के सींपर्
ू त कायातन्वयन की ननगरान , ग्राम र् ववकास मींत्रालय (MRD), भारर् सरकार द्वारा
राज्य सरकारों के साथ शमलकर की जार् है ।
2. व्यक्तर्गर् लाभाथी-उन्मख
ु कायों को, अनस
ु चू िर् जानर्यों और अनस
ु चू िर् जनजानर्यों, लघु या स माींर्
क्रकसानों या भशू म सध
ु ार लाभाचथतयों र्था भारर् सरकार की इींददरा आवास योजना लाभाचथतयों के काडत
पर क्रकया जा सकर्ा है ।
3. आवेदन जमा करने के 15 ददनों के भ र्र या क्जस ददन से काम की माींग होर् है , उस ददन से आवेदक
को वैर्ननक रोजगार प्रदान क्रकया जाएगा।
4. रोजगार उपलब्ध नहीीं होने की क्स्थनर् में , आवेदन जमा करने के पींद्रह ददनों के भ र्र या काम की
माींग करने की नर्चथ से बेरोजगारी भत्ता पाने का अचधकार होगा।
5. मनरे गा के कायों का सामाक्जक लेखा-परीक्षर् (Social Audit) अननवायत है , क्जससे कायतक्रम में जवाबदे ही
और पारदशितर्ा सनु नक्श्िर् होर् है ।
6. मजदरू ी की माींग करने वालों के शलए अपन आवाज उठाने और शिकायर्ें दजत कराने के शलए ग्राम सभा
एक प्रमख
ु मींि है ।
7. मनरे गा के र्हर् कराए जाने वाले कायों को मींजूरी दे ने और उनकी प्राथशमकर्ा र्य करने का दानयत्व
ग्राम सभा और ग्राम पींिायर् का होर्ा है ।
ग्राम पिंचायत की भमू मका:
पींज करर् के शलए आवेदन प्राप्र् करना
पींज करर् आवेदनों का सत्यापन
पररवारों का पींज करर् करना
जॉब काडत (JCs)जारी करना
काम के शलए आवेदन प्राप्र् करना
काम की माींग करने वाले इन आवेदनों के शलए ददनाींक्रकर् रस दें जारी करना
आवेदन जमा करने के पींद्रह ददनों के भ र्र या उस र्ारीख से काम आवींदटर् करना।
कायों की पहिान और ननयोजन, उनकी प्राथशमकर्ा के क्रम के ननधातरर् सदहर् योजना बनाना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. मनरे गा के र्हर् ग्राम सभा, ग्राम पींिायर्, राज्यों, राज्य खाद्य आयोग, केंद्र की भशू मकाएँ तया हैं?
2. जॉब काडत तया हैं, जो उन्हें जारी करर्ा है ?
3. SEGF की स्थापना कौन करर्ा है ?
4. वैर्ननक रोजगार तया होर्ा है ?
5. सामाक्जक लेखा परीक्षर् क्रकसके द्वारा क्रकया जार्ा है ?
में स मलिंक:
मनरे गा की प्रमख
ु वविेषर्ाओीं और महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRESI.1&imageview=0.
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स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:स्वास््य, शिक्षा, मानव सींसाधनों से सींबचीं धर् सामाक्जक क्षेत्र/सेवाओीं के ववकास और प्रबींधन से सींबचीं धर्
ववषय।
1. बॉिी मास इिंिक्
े स (BMI) में भारतीय ककशोरों की जस्थतत
सिंदभा: हाल ही में , मेडडकल जनतल ‘द लािंसेट’ (The Lancet) में ववशभन्न दे िों के बॉड मास इींडत
े स (Body Mass
Index- BMI) की सम क्षा प्रकाशिर् हुई थ ।
लाींसेट द्वारा क्रकये गए अध्ययन में 200 दे िों से प्राप्र् वपछले 34 वषों के डेटा का ववश्लेषर् क्रकया गया था।
बॉिी मास इिंिक्
े स (BMI) क्या ोता ै?
बॉड मास इींडत
े स (BMI), क्रकस व्यक्तर् की ऊींिाई और वजन का अनप
ु ार् होर्ा है ।
BMI की गर्ना व्यक्तर् के भार (क्रकग्रा) को उसकी उीं िाई (म टर) के वगत से ववभाक्जर् करके की जार्
है । अथातर्, बॉड मास इींडत
े स (BMI)= वजन / (लींबाई)2
सामान्यर्ाः क्रकस स्वस्थ व्यजक्त का बॉिी मास इिंिक्
े स, 20 से 25 के मध्य होर्ा है ।
ररपोटा के भारत सिंबध
िं ी प्रमख
ु तनष्ट्कषा:
अध्ययन में , भारर् को बॉड मास इींडत
े स (BMI) के सींदभत में 196 वािं स्थान प्रदान क्रकया गया है ।
भारर् के 19 वषीय लड़के और लड़क्रकयों का बॉड मास इींडत
े स 20.1 है ।
र्ल
ु नात्मक रूप से, ि न को लड़कों और
लडक्रकयों के बॉड मास इींडत
े स के सींदभत
में क्रमिाः 88 वाीं र्था 119 वाीं स्थान
ददया गया है , इसके लड़के और
लड़क्रकयों का बॉड मास इींडत
े स क्रमिाः
23 र्था 22.2 है ।
भारर् को, 19 वषीय लड़के और
लड़क्रकयों के कम बॉिी मास इिंिक्
े स
वाले दे शों के समू में न िे से क्रमिाः
र् सरे और पाींिवें स्थान पर रखा गया
है ।
भारत के मलए गचिंता का ववषय:
िूींक्रक, व्यक्तर् की ऊींिाई बॉड मास
इींडत
े स का घटक होर् है , इसका
स्वभाववक नर् जा यह है क्रक, भारर् य
क्रकिोर, ववश्व में सबसे कम ऊींिाई
वाले व्यक्तर्यों में आर्े हैं।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. BMI तया होर्ा है ?
2. ररपोटत में भारर् का प्रदितन
3. ररपोटत में भारर् और उसके पड़ोशसयों के प्रदितन का र्ल
ु नात्मक ववश्लेषर्
में स मलिंक:
भारर् में सरकारी दावों के अनस
ु ार, भारर् य क्रकिोरों की कुपोषर् अथवा नाटे पन में एक दिक पव
ू त की क्स्थर्
से सध
ु ार हुआ है । ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/m.timesofindia.com/city/mumbai/indian-teens-rank-low-on-bmi-
among-shortest/amp_articleshow/79072544.cms.
स्रोर्: टाइम्स ऑफ़ इींडडया
2. तनमोतनया और िायररया प्रगतत ररपोटा (Pneumonia and Diarrhoea Progress Report)
सिंदभा: ननमोननया और डायररया प्रगनर् ररपोटत , प्रनर्वषत अींर्रातष्ट्रीय वैतस न एतसेस सेंटर (International Vaccine
Access Centre- IVAC) द्वारा जारी की जार् है ।
इस वषा की ररपोटा के प्रमख
ु बबिंद:ु
ननमोननया और डायररया के कारर् होने वाली बच्िों की मौर्ों को रोकने के शलए भारर् ने अपने
टीकाकरर् कवरे ज में महत्वपर्
ू त प्रगनर् की है ।
हालाँक्रक, कुल शमलाकर ववश्व की स्वास््य प्रर्ाशलयाीं बच्िों के शलए ब मारी की रोकथाम और उपिार
सेवाओीं र्क पहुँि उपलब्ध कराने में पर्ू र्
त याः सफल नहीीं हो पा रही हैं, क्रफर भ भारत ने ररपोटा में
कवरे ज सिंबध
िं ी तनगरानी ककये जाने वाले पाँच टीकों में से तीन टीकों के मलए 90% कवरे ज का वैजश्वक
लक्ष्य ामसल कर मलया ै।
ररपोटा में कवरे ज तनगरानी ककये जाने वाले टीके ै : डडप्थ ररया, पटुतशसस (काली खाींस ) और टे टनस
(DPT) वैतस न, खसरा-रोध वैतस न की पहली खुराक, हीमोक्रफलस इन्फ्लए
ु ज
ीं ा टाइप ब , न्यम
ू ोकोकल
कींजुगेट वैतस न (Pneumococcal Conjugate Vaccine- PCV) और रोटावायरस वैतस न।
भारर् ने अभर्
ू पव
ू त र्रीके से राष्ट्रीय स्र्र पर रोटावायरस वैतस न का ‘100-ददवस य एजेंडा’ भ परू ा
कर शलया है । यह महत्वपर्
ू त वैतस न ववस्र्ार, रोटावायरस डायररया के जानलेवा मामलों में प्रनर्वषत 26
शमशलयन बच्िों को बिाने में मदद करे गा।
हालाींक्रक, भारर् उपिार के शलए ननधातररर् सभ िार लक्ष्यों- स्र्नपान एवीं टीकाकरर्, दे खभाल की माींग
और एींटीबायोदटक दवाओीं, ओरल ररहाइड्रेिन सोल्यि
ू न (ORS) (ओआरएस), और क्जींक अनप
ु रू र्, को परू ा
करने में ववफल रहा है ।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. ननमोननयाप्रकार -, कारर् और लक्षर्
2. एींटीजन बनाम एींटीबाड
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www.insightsonindia.com InsightsIAS
95
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRET4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. राष्ट्रीय डिजजटल स्वास्थ्य ममशन (National Digital Health Mission)
सिंदभा: केंद्र सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय डिजजटल स्वास्थ्य ममशन’ को राष्ट्रीय स्र्र पर आरीं भ करने की र्ैयारी की
जा रही है ।
नव न डडक्जटल स्वास््य कायतक्रम का उद्दे श्य सभी नागररकों को सस्ती गचककत्सा स्वास्थ्य सवु वधाएिं उपलधध
कराना ै।
‘राष्ट्रीय डिजजटल स्वास्थ्य ममशन’ की शरु
ु आत
स्वर्ींत्रर्ा ददवस पर राष्ट्र को अपने सींबोधन में , प्रधानमींत्र द्वारा ‘राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन’ की घोषर्ा
की गय थ ।
इस योजना को प्रायोगगक पर िींड गढ़, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली र्था दमन और दीव, पड
ु ु िेरी, अींडमान और
ननकोबार द्व प समह
ू र्था लक्षद्व प, केंद्र शामसत प्रदे शों में िरू
ु गया था।
प्रमख
ु ववशेषताऐिं:
1. यह एक डडक्जटल स्वास््य पाररर्ींत्र है , क्जसके अींर्गतर् प्रत्येक भारर् य नागररक को एक यनू नक स्वास््य
पहिान पत्र ददया जायेगा क्जसमे व्यक्तर् के सभ डॉतटरों के साथ-साथ नैदाननक परीक्षर् और ननधातररर्
दवाओीं का अींकीकृर् स्वास््य ररकॉडत (Digitised Health Records) सक्म्मशलर् होगा।
2. यह नई योजना आयष्ट्ु मान भारत प्रधानमिंत्री जन आरोग्य योजना के र्हर् िरू
ु की जायेग ।
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3. इस योजना के छ प्रमख
ु घटक ैं - स्वास््य पहिान पत्र (HealthID), डडज डॉतटर (DigiDoctor),
स्वास््य सवु वधा रक्जस्री, व्यक्तर्गर् स्वास््य ररकॉडत, ई-फामेस और टे लीमेडडशसन।
4. दे ि में इस शमिन के डडजाइन, ननमातर्, र्था कायातन्वयन का दानयत्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रागधकरण
(National Health Authority) को सौंपा गया है ।
5. शमिन के मख्
ु य घटकों, े ल्थ आईिी, डिजीिॉक्टर और स्वास्थ्य सवु वधा रजजस्री को भारत सरकार के
स्वाममत्व में रखा जाएगा र्था इनके सींिालन और रखरखाव की क्जम्मेदारी भ भारर् सरकार की होग ।
6. तनजी साझेदारों को बाजार के शलए अपने उत्पादों का ननमातर् करने व समन्वय करने के शलए समान
अवसर ददया जाएगा। हालाींक्रक, मख्
ु य गततववगधयों तथा सत्यापन प्रकिया का अगधकार केवल सरकार के
पास रहे गा।
7. राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन के र्हर्, प्रत्येक भारर् य को एक हे ल्थ आईड काडत ददया जाएगा जो
े ल्थ अकाउिं ट के रूप में काया करे गा क्जसमें व्यक्तर् की वपछली चिक्रकत्सा क्स्थनर्यों, उपिार और ननदान
के बारे में भ जानकारी सक्म्मशलर् होंग ।
8. परामित हे र्ु अस्पर्ाल जाने पर, नागररक अपने डॉतटरों और स्वास््य दे खभाल प्रदार्ाओीं के शलए इस
डेटा के अवलोकन की अनम
ु नर् दे सकेंगे।
ममशन की आवश्यकता
इस शमिन का उद्दे श्य नागररकों के शलए सही डॉतटरों को खोजने, मल
ु ाकार् के समय, परामित िल्
ु क का भग
ु र्ान
करने, चिकत्स य नख्
ु सों के शलए अस्पर्ालों के ितकर लगाने से मक्ु तर् ददलाना है। इसके साथ ही यह लोगों के
शलए सवोत्तम सींभव स्वास््य सवु वधायें प्राप्र् करने के शलए एक सवु वज्ञ ननर्तय लेने में सक्षम बनायेगा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. राष्ट्रीय डडक्जटल स्वास््य शमिन का अवलोकन
2. शमिन के घटक
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वैज्ञाननकों के अनस
ु ार, कोरोनावायरस की र्ल
ु ना में िापरे वायरस की पहिान करना अचधक कदठन है , तयोंक्रक
यह श्वसन मागा से न ीिं फैलता है । िापरे वायरस केवल तरल पदाथों के सीधे सिंपका में आने से फैलर्ा है ।
इस ब मारी से, सींक्रशमर् लोगों के ननकट सींपकत में आने वाले पररवार के सदस्यों र्था स्वास््य
कायतकर्ातओीं के सींक्रशमर् होने के सवातचधक जोखखम रहर्ा है ।
इसके शलए आमर्ौर पर सबसे अचधक उष्ट्णकहटबिंधीय क्षेत्रों में फैलने वाली बीमारी माना जार्ा है । यह
वविेष रूप से दक्षक्षर् अमेररका के कुछ दहस्सों में , जहाीं प्रायाः छोटे कान वाले वपग्मी राइस चू े पाए
जार्े हैं, इस ब मारी के फैलने का सबसे बड़ा खर्रा है ।
प्रीमलम्स और मेन्स मलिंक:
1. िापरे वायरस, प्रसार, उपिार और खर्रे ।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/explained-all-about-the-rare-
ebola-like-chapare-virus-that-can-spread-from-human-to-human-7055914/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
7. राष्ट्रपतत रम्प को कोववि-19 के ईलाज े तु दी गयी प्रायोगगक दवा को FDA की अनम
ु तत
सिंदभा: वपछले महीने राष्ट्रपनर् रम्प को कोववड-19 से सींक्रशमर् होने पर एक प्रायोचगक एींटीबॉड उपिार ददया
गया था। हाल ही में , खाद्य एविं औषगध प्रशासन (Food and Drug Administration- FDA) द्वारा इस प्रायोचगक
एींटीबॉड उपिार के आपातकालीन इस्तेमाल े तु अनम
ु तत प्रदान की गय है ।
दवा के बारे में :
यह दवा, रे जेनेरॉन फामातस्यदू टकल्स (Regeneron Pharmaceuticals) द्वारा ननशमतर् की गय है ।
यह दवाई, कामसरववमाब (Casirivimab) तथा इमिेववमाब (Imdevimab) नामक दो एिंटीबािीज का
शमश्रर् है ।
इसे सिंिममत व्यजक्तयों को गिंभीर बीमारी ोने से बचाने े तु र्ैयार क्रकया गया है ।
िरीर द्वारा अपन सरु क्षात्मक प्रनर्रक्षा प्रनर्क्रक्रया ववकशसर् करने की प्रर् क्षा के स्थान पर, य दवा
स्वतः ी शरीर में प्राकृततक सरु क्षा की प्रततकृतत के रूप में कायत करर् है ।
मोनोतलोनल एींटीबॉड के नाम से जान जाने वाली य इस प्रकार की दस
ू री दवा ै - क्जसे कोववड-19
के इलाज के शलए मींजूरी प्रदान की गय है ।
मोनोक्लोनल एिंटीबॉिी क्या ैं?
मोनोक्लोनल एिंटीबॉिी (Monoclonal Antibodies) एक प्रकार का प्रोटीन होर् हैं जो वायरस पर हमला
करने के शलए जो प्रनर्रक्षा प्रर्ाली में मानव एींटीबॉड की भाींनर् कायत करर् है ।
ये मानव-तनममात प्रोटीन होर् हैं
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. एींटीबॉड तया होर् हैं?
2. एींटीजन तया होर्े हैं?
3. इम्यनू नटी शसस्टम हमारे िरीर में
क्रकस प्रकार कायत करर्ा है?
4. मोनोतलोनल एींटीबॉड तया हैं?
5. पॉलीतलोनल एींटीबॉड तया हैं?
में स मलिंक:
मोनोतलोनल एींटीबॉड तया होर् हैं? ये
क्रकस प्रकार कायत करर् है? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G4P808NB0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
8. पोषण अमभयान
सिंदभा: हाल ही में न नर् आयोग द्वारा पोषर् अशभयान पर एक सम क्षा ररपोटत जारी की गय है ।
ररपोटा में हदए गए सझ
ु ाव:
केंद्र द्वारा वषत 2022 र्क नाटे पन, दब
ु ल
त र्ा और रतर्-अल्पर्ा को कम करने हे र्ु ननधातररर् लक्ष्यों को
परू ा करने के शलए इस कायतक्रम को आगे बढ़ाया जाना िादहए।
एक पोषण प्लस रणनीतत के शलए, अशभयान में िार प्रमख
ु स्र्म्भों को सितर् बनाने के साथ ही
NHM/ICDS ववर्रर् र्ींत्र सींबध
ीं की िुनौनर्यों को दरू करने के अलावा अन्य सामाक्जक ननधातरकों पर
भ नए शसरे से ध्यान केंदद्रर् करने की आवश्यकर्ा है ।
स्र्नपान के साथ-साथ परू क आहार प्रदान क्रकये जाने पर भ जोर ददया जाए। इससे भारर् में नाटे पन
के कुल मामलों में 60% से अचधक कम की जा सकर् है ।
पोषण अमभयान के बारे में :
इस कायतक्रम को बच्चों, गभावती मह लाओिं और स्तनपान कराने वाली माताओिं के शलए पोषर् पररर्ामों
में सध
ु ार करने हे र्ु िरू
ु क्रकया गया है ।
इस कायतक्रम को वषत 2022 र्क परू े क्रकये जाने वाले ववशिष्ट्ट लक्ष्यों सदहर् वषत 2018 में आरीं भ क्रकया
गया था।
इस कायािम का उद्दे श्य:
बच्िों में नाटे पन और दब
ु ल
त र्ा में प्रनर्वषत 2% (वषत 2022 र्क कुल 6%) की कम करना।
बच्िों, क्रकिोररयों और गभतवर् मदहलाओीं और स्र्नपान कराने वाली मार्ाओीं में प्रनर् वषत 3% (वषत
2022 र्क कुल 9%) रतर्-अल्पर्ा को कम करना।
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इस शमिन का लक्ष्य वषत 2022 र्क 0-6 साल आयु वगत के बच्िों में नाटे पन को 38.4% से 25% र्क कम
करना है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
पाींि साल के कम आयु के एक नर्हाई से अचधक बच्िे नाटे पन और दब
ु ल
त र्ा, र्था एक से िार आयु वगत के
40% बच्िे रतर्-अल्पर्ा से ग्रशसर् हैं। वषत 2016 में जारी क्रकये गए राष्ट्रीय पररवार स्वास््य सवेक्षर् 4 के
अनस
ु ार, 50% से अचधक गभतवर् और अन्य मदहलाओीं में रतर्-अल्पर्ा पाय गय ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पोषर् अशभयान के र्हर् लक्ष्य और उद्दे श्य।
में स मलिंक:
पोषर् अशभयान के उद्दे श्यों और महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2L80FCFU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:गरीब एवीं भख
ू से सींबचीं धर् ववषय।
ववषय:िासन व्यवस्था, पारदशितर्ा और जवाबदे ही के महत्त्वपर्
ू त पक्ष, ई-गवनेंस- अनप्र
ु योग, मॉडल, सफलर्ाएँ, स माएँ
और सींभावनाएँ; नागररक िाटत र, पारदशितर्ा एवीं जवाबदे ही और सींस्थागर् र्था अन्य उपाय।
1. टे लीववजन रे हटिंग पॉइिंट (TRP) मानदिं िों की समीक्षा े तु सममतत का गठन
हाल ही में , सि
ू ना और प्रसारर् मींत्रालय द्वारा टे लीववजन रे दटींग एजेंशसयों के शलए लागू ददिाननदे िों की सम क्षा
करने हे र्ु िार सदस्य य सशमनर् का गठन क्रकया गया है ।
इस सशमनर् की अध्यक्षर्ा प्रसार भारती के मख्
ु य कायाकारी अगधकारी शमश शेखर वेम्पती द्वारा की जाएग ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सि
ू ना और प्रसारर् मींत्रालय द्वारा द्वारा यह कदम मब
ुीं ई पशु लस की TRP मामले की जाींि के बाद उठाया
गया है । मब
ुीं ई पशु लस की जाींि के अनस
ु ार, कुछ समािार िैनलों द्वारा टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट के साथ छे ड़छाड़
की गय थ ।
नए हदशातनदे शों की आवश्यकता:
भारर् य दरू सींिार ववननयामक प्राचधकरर् (TRAI) द्वारा हाल ही में की गय शसफाररिों और र्कन की प्रगनर्
को ध्यान में रखर्े हुए और एक ववश्वसन य और पारदिी रे दटींग प्रर्ाली प्रक्रक्रयाओीं को अचधक सितर् बनाने
हे र्ु टे लीववज़न रे दटींग पॉइींट (TRP) सींबध
ीं नए ददिाननदे िों की आवश्यकर्ा महसस
ू की गई है ।
टे लीववजन रे हटिंग पॉइिंट (TRP) क्या ोते ै?
टे लीववज़न रे दटींग पॉइींर्टस (Television Rating Points- TRP), ववपर्न और ववज्ञापन एजेंशसयों द्वारा
क्रकस कायतक्रम अथवा िैनल को दे खने वालों की गर्ना करने हे र्ु उपयोग क्रकये जाने वाले मापक होर्े
हैं।
TRP यह दिातर् है क्रक क्रकस सामाक्जक-आचथतक श्रेर् से क्रकर्ने लोगों द्वारा क्रकस वविेष अवचध के
दौरान क्रकर्ने समय र्क क्रकन िैनलों या प्रोग्राम को दे खा जार्ा है ।
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स्रोर्: द दहींद ू
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. LoC तया है और इसकी स्थापना, भौगोशलक स मा और महत्व
2. LAC तया है ?
3. नाथू ला कहाँ है ?
4. पैंगोंग त्सो कहाँ है ?
5. अतसाई चिन का प्रिासन कौन करर्ा है ?
6. नाकु ला कहाँ है ?
7. पैंगोंग त्सो झ ल क्षेत्र में में ननयींत्रर्
में स मलिंक:
भारर् और ि न के शलए पैंगोंग त्सो के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8V7V5P0O.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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106
8. समझौर्े में 2014 को टै ररफ कटौर् का आधार वषत ननक्श्िर् क्रकया गया था, भारर् इसके शलए र्ैयार
नहीीं था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RCEP - सींरिना और उद्दे श्य
2. आशसयान दे िों के साथ भारर् के मत
ु र् व्यापार समझौर्े
3. भारर् का डेयरी क्षेत्र
4. आशसयान दे िों की भौगोशलक अवक्स्थनर्
में स मलिंक:
भारर् द्वारा क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी (RCEP) में सक्म्मशलर् नहीीं होने सींबध
ीं कारर्ों पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJG7V9LND.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. ववश्व भर में फैले ततधबततयों द्वारा ‘तनवाामसत- सिंसद’ का चन
ु ाव
सिंदभा: लगभग 1.3 लाख से अचधक नर्ब्बर् ननवातसन (Exile) में रह रहे हैं र्था भारर् और ववश्व के एन दहस्सों
में बसे हुए हैं। इनके द्वारा मई 2021 में अपन अगली ‘तनवाामसत-सिंसद’ (Parliament-in-Exile) का िुनाव
क्रकया जाएगा।
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कशाग (मिंबत्रमिंिल) केंद्रीय नर्ब्बर् प्रिासन का सवोच्ि कायतकारी कायातलय होर्ा है और इसमें सार् सदस्य होर्े
हैं।
इसका नेर्त्ृ व मसक्योंग (Sikyong) अथातर् राजन नर्क नेर्ा, द्वारा क्रकया जार्ा है । शसतयोंग को स धे ननवातशसर्
नर्ब्बर् आबादी द्वारा िुना जार्ा है ।
बाद में , शसतयोंग द्वारा सार् कलोन (Kalons) अथातर् मींबत्रयों को नाशमर् क्रकया जार्ा है और इसके
शलए सींसद की मींजरू ी प्राप्र् की जार् है ।
किाग का कायाकाल पाँच वषों का होर्ा है ।
ततधबती तनवाामसत-सिंसद (TPiE) के मलए ववश्व के दे शों द्वारा आगधकाररक मान्यता
नर्ब्बर् ननवातशसर्-सींसद (TPiE) के शलए भारर् सदहर् ववश्व के क्रकस भ दे ि दे ि द्वारा आचधकाररक रूप से
मान्यर्ा प्राप्र् नहीीं है ।
हालाींक्रक, सींयत
ु र् राज्य अमेररका और यरू ोप य दे िों सदहर् कई अन्य दे ि ववशभन्न मींिों के माध्यम से
स धे शसतयोंग और अन्य नर्ब्बर् नेर्ाओीं के साथ सींवाद क्रकया जार्ा है ।
TPiE का दावा है क्रक लोकर्ाींबत्रक िुनाव प्रक्रक्रया से नर्ब्बर् मामलों का प्रबींधन करने और ववश्व भर
में नर्ब्बर् मद्
ु दों को उठाने में मदद शमलर् है ।
वर्तमान शसतयोंग, लोबसाींग साींगे, मई 2014 में प्रधानमींत्र नरें द्र मोदी के िपथग्रहर् समारोह में िाशमल
होने वाले अनर्चथयों में सक्म्मशलर् थे और सींभवर्ाः पहले नर्ब्बर् प्रमख
ु थे।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/tibet-parliament-in-exile-
election-2021-explained-7058428/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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109
6. चीन की ब्रह्मपत्र
ु नदी पर एक बड़ा बािंध बनाने की योजना
सिंदभा: पव
ू ी लद्दाख में वास्तववक तनयिंत्रण रे खा (Line of Actual Control- LAC) पर भारर् के साथ जारी स मा
वववाद के मध्य, ि न नर्ब्बर् में ब्रह्मपत्र
ु नदी पर एक प्रमख
ु जल ववद्यर्
ु पररयोजना का ननमातर् करने की
योजना बना रहा है और इसके शलए अगले वषा से शरू
ु ोने वाली 14 वीिं पिंचवषीय योजना एक प्रस्र्ाव को
सक्म्मशलर् क्रकया जा िक
ु ा है ।
भारत एविं बािंग्लादे श की प्रततकिया:
ब्रह्मपत्र
ु नदी, भारर् और बाींग्लादे ि से होकर गज
ु रर् है र्था ऐसे में बाींध ननमातर् के प्रस्र्ाव से इन दे िों की
चिींर्ाएीं बढ़ गई हैं। हालाींक्रक ि न ने इन चिींर्ाओीं को खाररज करर्े हुए कहा है क्रक वह उनके दहर्ों को भ ध्यान
में रखेगा।
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110
भारत की गचिंताएिं
1. ि न की बाींध ननमातर् अनर्सक्रक्रय गनर्ववचधयाँ, भारर् के शलए एक चिींर्ा का ववषय है तयोंक्रक, चीन के
साथ भारत का कोई द्ववपक्षीय या ब ु पक्षीय समझौता न ीिं ैं।
2. ि न का मानना है क्रक ब्रह्मपत्र
ु पर बाींध बनाने से उसका अरुणाचल प्रदे श पर दावा मजबत
ू ोगा।
3. भारर् का मानना है क्रक नर्ब्बर् पठार में ि न की पररयोजनाएँ भारत में नदी के प्रवा को कम करने
की धमकी ै ।
4. बाींध, नहरें , शसींिाई प्रर्ाशलयाँ, यद्
ु ध के समय अथवा िाींनर् काल में सह-र्टवर्ी दे ि को खखन्नर्ा का
सन्दे ि दे ने हे र्,ु जल को एक राजनैततक गथयार में बदल सकर् हैं।
5. नदी में प्रवाह बहुर् अचधक होने पर ाइड्रोलॉजजकल िेटा साझा करने से मना करने पर सींकटमय हो
जार्ा है ।
6. ि न, यारलिंग जोंगबो (Yarlung Zangbo- ब्रह्मपत्र
ु का ततधबती नाम) की धारा, उत्तर की ओर मोड़ने
पर भी ववचार कर रहा है ।
7. ब्रह्मपत्र
ु नदी के प्रवाह में पररवर्तन करने सींबध
ीं वविार पर ि न सावतजननक रूप से ििात नहीीं करर्ा है ,
तयोंक्रक इससे भारर् के उत्तरपव
ू ी मैदान इलाकों और बाींग्लादे ि में या र्ो बाढ़ से, या क्रफर पान की
कम से र्बाही हो सकर् है ।
ब्रह्मपत्र
ु नदी का भारत के मलए म त्व:
ब्रह्मपत्र
ु नदी, नर्ब्बर्, भारर् और बाींग्लादे ि से होकर 3,000 क्रकम र्क प्रवादहर् होर् है ।
भारर् के शलए काफी महत्वपर्
ू त है तयोंक्रक ब्रह्मपत्र
ु नदी बेशसन, अरुर्ािल प्रदे ि, असम, मेघालय, शसक्तकम,
नागालैंड और पक्श्िम बींगाल के शलए एक महत्वपर्
ू त जल स्रोर् है ।
ब्रह्मपत्र
ु घाटी कई दे ि स्थान य समद
ु ायों के ज वन-ननवातह में सहायक है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ब्रह्मपत्र
ु के प्रवाह मागत वाले दे ि
2. ब्रह्मपत्र
ु पर ननशमतर् बाींध
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3. ब्रह्मपत्र
ु को ि न में तया कहा जार्ा है ? इसकी सहायक नददयाँ कौन स हैं?
4. भारर् और ि न के मध्य जल साझाकरर् सींबध
ीं समझौर्ा
5. ब्रह्मपत्र
ु के प्रवाह मागत वाला दहमालय क्षेत्र
में स मलिंक:
ब्रह्मपत्र
ु नदी की उपरी धारा पर ि न द्वारा की जाने वाली गनर्ववचधयों से, ननिली धारा के र्टवर्ी दे िों और
आसपास की पाररक्स्थनर्की पर तया प्रभाव पड़र्ा है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GL48108JP.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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में स मलिंक:
व्यापार समझौर्े और वैश्व करर्, ‘मत
ु र् बाजार के नाम पर’ अन्य दे िों को अन्यायपर्
ू त व्यापार और ववननमातर्
लाभ पहुींिार्े हैं। ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GMK7VKL9T.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. भारत और लक्समबगा के मध्य दो दशकों में प ली बैठक
सिंदभा: हाल ही में , भारर् और लतज़मबगत के ब ि 20 वषों में पहली बैठक आयोक्जर् की गय ।
भारर्-लतज़मबगत विअ
ुत ल सशमट के दौरान तीन नए द्ववपक्षीय समझौतों पर स्ताक्षर क्रकये गए।
ये र् नो समझौर्े भारत और लक्जमबगा के बीच व्यापार सिंबध
िं ों को बढ़ावा दे ने े तु ववत्तीय क्षेत्र में ककये
गए।
लतज़मबगत, भारर् का तीसरा सबसे बड़ा ववदे शी तनवेशक है ।
स्ताक्षररत समझौते:
1. भारर् य स्टे ट बैंक और लतज़मबगत स्टॉक एतसिें ज के मध्य समझौर्ा ज्ञापन
2. इींडडया इींटरनेिनल एतसिें ज (इींडडया INX) और लतज़मबगत स्टॉक एतसिें ज के मध्य समझौर्ा ज्ञापन
3. इन्वेस्ट इींडडया और लक्तसनोवेिन (LuxInnovation) के मध्य समझौर्ा ज्ञापन
आपदा रोधी अवसिंरचना े तु गठबिंधन (CDRI)
भारर् द्वारा लतसमबगत को आपदा रोधी अवसिंरचना े तु गठबिंधन (Coalition for Disaster Resilient
Infrastructure- CDRI) के शलए गठबींधन में िाशमल होने के शलए भ आमींबत्रर् क्रकया गया है ।
CDRI के बारे में :
आपदा रोध अवसींरिना हे र्ु गठबींधन (CDRI) की िरु
ु आर्, शसर्ींबर 2019 में अमेररका के न्यय
ू ॉकत में आयोक्जर्,
सिंयक्
ु त राष्ट्र जलवायु कायावा ी मशखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमिंत्री नरें द्र मोदी द्वारा की गयी थी।
इस मींि पर आपदा एवीं जलवायु रोध अवसींरिना के ववशभन्न पहलओ
ु ीं पर ज्ञान र्था जानकारी का
आदान-प्रदान क्रकया जार्ा है ।
CDRI द्वारा दे िों को उनकी जोखखम सींबध
ीं और आचथतक जरूरर्ों के अनस
ु ार बनु नयादी ढाींिे के ववकास
के सींबध
ीं में उनकी क्षमर्ाओीं और उनके र्रीकों को उन्नर् करने हे र्ु सहायर्ा के शलए एक प्रर्ाली
ववकशसर् की जाएग ।
लाभ और म त्व:
इस पहल से समाज के सभ वगों को लाभ प्राप्र् होगा।
मदहलाएीं और बच्िे र्था समाज के आचथतक रूप से कमजोर वगत, आपदाओीं से सवातचधक प्रभाववर् होर्े हैं
और ये आपदा रोध अवसींरिनाओीं में ननमातर् में सध
ु ार होने से लाभाक्न्वर् होंगे।
भारर् में , उत्तर-पव
ू ी और दहमालय क्षेत्रों में भक
ू ीं प, र्टीय क्षेत्रों में िक्रवार् और सन
ु ाम और मध्य
प्रायद्व प य क्षेत्र में सख
ू ा पड़ने का खर्रा रहर्ा है ।
यह उच्ि आपदा जोखखम वाले सभ क्षेत्रों के शलए भ लाभाक्न्वर् करे गा।
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भारत का ववचार:
भारर्, पारीं पररक रूप से दो-राज्य समाधान (Two-state solution) में ववश्वास करर्ा है और एक सिंप्रभु स्वतिंत्र
और कफमलस्तीन राज्य की स्थापना का समथान करर्ा है । हालाींक्रक, क्रफशलस्र् न के शलए भारर् का समथतन,
भारर्-इजरायल के मध्य बढ़र्े सींबध
ीं ों में बाधक नहीीं बना है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. शसतस डे वॉर तया है ?
2. कहाँ ’गाजापर्टटी‘ अवक्स्थर् है ?
3. जेरुिलम कहाँ अवक्स्थर् है ?
4. क्रफशलस्र् न कौन है और उनकी माींगे तया है ?
5. इजरायल के िारो ओर के दे ि
में स मलिंक:
तया भारर् क्रफशलस्र् न के सींप्रभु स्वर्ींत्र राज्य के रूप में स्थापना का समथतन करर्ा है ? ििात कीक्जए।
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:भारर् के दहर्ों पर ववकशसर् र्था ववकासि ल दे िों की न नर्यों र्था राजन नर् का प्रभाव; प्रवास भारर् य।
1. हटग्रे, इगथयोवपया में सशस्त्र सिंघषा एविं ॉना ऑफ अफ्रीका के मलए इसके तनह ताथा
सिंदभा: इचथयोवपया, ‘गह
ृ यद्
ु ध’ की क्स्थनर् में पहुँि िक
ु ा है । वर्तमान में दे ि के उत्तरी दटग्रे (Northern Tigray)
क्षेत्र में आींर्ररक सींघषत जारी है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
इचथयोवपया में सिंघीय प्रणाली सिंरचना के अींर्गतर् दे ि में दस क्षेत्रों को म त्वपण
ू ा स्वायत्तता प्रदान की गयी ै ।
इन क्षेत्रों की अपन सींसद र्था ननज सरु क्षा बल हैं, और इन्हें स्वर्ींत्र िासन के शलए जनमर् सींग्रह कराने का
अचधकार भ प्राप्र् है ।
Impact on the Horn of Africa:
ॉना ऑफ अफ्रीका पर प्रभाव:
इचथयोवपया में जारी सिस्त्र सींघषों से, दटग्रे का ननकटस्थ दे ि ‘इरीदरया’ सवातचधक प्रभाववर् हो सकर्ा
है ।
यदद यह सींघषत व दहींसा इचथयोवपया की स माओीं के फैलटी है , र्ो यह सींभवर्ाः परू े ॉना ऑफ अफ्रीका
क्षेत्र को अजस्थर कर सकती ै।
इस क्षेत्र में अमेररका और ि न के कई रर्न नर्क सैन्य दठकाने हैं, इनमे जजबत
ू ी (Djibouti), दटग्रे के
सवातचधक नजदीक सैन्य दठकाना है । यदद सिस्त्र उपद्रवों की वजह से इन सैन्य-दठकानों को कोई क्षनर्
पहुँिर् है , तो इस क्षेत्रीय सिंघषा में ववदे शी सैन्य शजक्तयािं भी सजम्ममलत ो सकती ैं।
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https://indianexpress.com/article/explained/explained-why-there-are-armed-clashes-in-ethiopias-
tigray-and-what-it-means-for-horn-of-africa-6992109/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. ‘जो बबिेन’ का अमेररकी राष्ट्रपतत पद पर तनवााचन तथा इसका भारत-अमेररकी सिंबध
िं ो पर प्रभाव
सिंदभा: हाल ही में , डेमोक्रेट उम्मेदवार ‘जो बबिेन’ (Joe Biden) को वषत 2020 के अमेररकी राष्ट्रपनर् िुनाव में
ववजेर्ा घोवषर् क्रकया गया है ।
जो बबिेन और भारत- पष्ट्ृ ठभमू म
जो बबडेन, बराक ओबामा प्रिासन में उपराष्ट्रपनर् बनने से काफी पहले से ही भारर् के साथ मजबर्
ू सींबध
ीं ों की
वकालर् करर्े रहे हैं।
बबडेन, अमेररकी स नेट की ववदे ि सींबध
ीं सशमनर् के अध्यक्ष र्था बाद में उपराष्ट्रपनर् के रूप में भारत
के साथ रणनीततक सिंबध
िं ो को बाकायदा मजबत
ू बनाने में म त्वपण
ू ा भमू मका तनभा चुके ैं।
वस्र्र्
ु ाः, वषत 2006 में , अमेररका के उपराष्ट्रपनर् बनने से र् न साल पहले, बबडेन ने अमेररका-भारर् सींबध
ीं ों
के भववष्ट्य हे र्ु अपना दृक्ष्ट्टकोर् स्पष्ट्ट क्रकया था, उन्होंने कहा था, क्रक “मेरा सपना ै , कक, वषा 2020
में ‘भारत और अमेररका’ ववश्व में दो सबसे नजदीकी दे श बने”।
उपराष्ट्रपतत के रूप में जो बबिेन का भारत-अमेररकी सिंबध
िं ो के सिंदभा में योगदान
1. पन
ु गतदठर् और ववस्र्ाररर् सिंयक्
ु त राष्ट्र सरु क्षा पररषद में भारर् की सदस्यर्ा के शलए अमेररका ने
आचधकाररक र्ौर पर अपना समथतन घोवषर् क्रकया।
2. भारर् को अमेररकी काींग्रेस द्वारा अनम
ु ोददर् ‘प्रमख
ु रक्षा स योगी’ (Major Defense Partner) का दजात
प्रदान क्रकया गया। इससे रक्षा सींबध
ीं ों को मजबर्
ू करने हे र्ु भारर् के शलए उन्नर् और महत्वपर्
ू त
प्रौद्योचगकी को साझा करना आसान हो गया। सिंयक्
ु त राज्य अमेररका द्वारा अपने पारिं पररक गठबिंधन
स योगगयों के अलावा प ली बार ककसी अन्य दे श को य दजाा प्रदान ककया गया था।
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3. अगस्र् 2016 में , दोनों पक्षों ने मध्य गहन सैन्य सहयोग के शलए र् न ‘बनु नयादी समझौर्ों’ में से एक
'लॉजजजस्टक्स एक्सचें ज मेमोरैंिम ऑफ एग्रीमें ट' (Logistics Exchange Memorandum of Agreement-
LEMOA) पर हस्र्ाक्षर क्रकए।
4. आर्ींकवाद से लड़ने के शलए अमेररका-भारर् सहयोग भ मजबर्
ू हुआ।
बबिेन के राष्ट्रपतत-काल में भारत की अथाव्यवस्था पर प्रभाव
1. व्यापर की दृक्ष्ट्ट से, जो बबिेन, वतामान रम्प प्रशासन की तल
ु ना में कम बाधक ो सकते है । रम्प की
वैक्श्वक दृक्ष्ट्ट में, व्यापार एक ‘शन्
ू य-सिंचय खेल’ (Zero-Sum Game) था, क्जसमे एक दे ि को क्जर्ना
लाभ होर्ा है , क्रकस अन्य दे ि को ठीक उर्न ही हानन होर् है ।
2. बबडेन प्रिासन के दौरान ववश्व में , रम्प के ‘प्रत्यक्ष र्दथतवाद’ (Outright Ad-hocism) के ववपरीर्, एक
क़ानन
ू -आधाररत व्यापार प्रणाली की ददिा में नए शसरे से जोर ददया जा सकर्ा है । इसके साथ ही, ववश्व
में जड़ जमा रहे सींरक्षर्वादी रवैये में भ पररवर्तन होने की सींभावना है ।
3. इसके अलावा, की H1-B वीजा मद्
ु दे पर अमेररकी राष्ट्रपनर् की न नर्, क्रकस अन्य दे ि की अपेक्षा
भारर् य भारर् य यव
ु ाओीं को की सींभावनाओीं को अचधक प्रभाववर् करर् है । बबडेन, भारर् य प्रवाशसयों
और श्रशमकों को सींभवर्ाः रम्प की भाींनर् सींदेहास्पद नजररया नहीीं रखें गे।
4. इस र्रह, बबडेन प्रिासन द्वारा अमेररकी 'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' (Generalized System of
Preferences) से भारर् के बदहष्ट्कार पर पन
ु ववतिार क्रकया जा सकर्ा है ।
5. िेटा स्थानीयकरण अथवा दवाओिं और गचककत्सा उपकरणों की कीमतों पर सीमा-तनधाारण जैसे पेि दा
मद्
ु दों को, बबडेन के प्रिासन काल में व्यावहाररक रूप से हल क्रकया जा सकर्ा है।
6. भारर् जैस अथतव्यवस्था के शलए, क्जसे र्ेज से बढ़ने के शलए सस्र्े र्ेल की ननयशमर् आपनू र्त की
आवश्यकर्ा है , अमेररका-ईरान सिंबध
िं ो (प्रततबिंधों को टाना) का सामान्य ोना काफी लाभप्रद होगा।
7. बबडेन प्रिासन द्वारा, भारर् और ि न के प्रनर् एक समान दृक्ष्ट्टकोर् रखने की बजाय, चीन के खखलाफ
भारत की मदद करने की सिंभावना ै।
8. बबडेन द्वारा पेररस जलवायु समझौते में कफर से शाममल ोने का वादा क्रकया गया है , इससे भारर् जैसे
दे िों को इस ववषय पर, र्कन की और ववत्त य, दोनों र्रह की बड़ िुनौनर्यों से ननपटने में मदद शमल
सकर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. सींसदीय बनाम अध्यक्ष य िासन प्रर्ाली
2. पेररस समझौर्े के बारे में
3. अमेररकी 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' का अवलोकन
4. अमेररका द्वारा जारी क्रकए जाने वाले व जा के प्रकार
5. बनु नयादी समझौर्े तया हैं?
में स मलिंक:
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ओबामा प्रिासन में उपराष्ट्रपनर् के रूप में जो बबडेन के तया योगदान थे? बबडेन के राष्ट्रपनर्-काल में भारर् की
अथतव्यवस्था क्रकस प्रकार प्रभाववर् हो सकर् है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/how-a-biden-presidency-may-affect-indias-economy-
explainspeaking-7019832/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
3. 'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' (GSP) व्यापार ववशेषागधकार (Generalized System of Preferences trade
privilege)
सिंदभा: भारर् दवारा बबडेन प्रिासन पर भारर् के शलए 'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' व्यापार ववशेषागधकार
(Generalized System of Preferences trade privilege- GSP trade privilege) बहाल करने हे र्ु दबाव
बनाया जा सकर्ा है ।
भारत के GSP व्यापार ववशेषागधकार कब समाप्त ककये गए थे?
जून 2019 में ननवर्तमान राष्ट्रपनर् डोनाल्ड रम्प के प्रिासन द्वारा भारर् के 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली'
व्यापार वविेषाचधकार (GSP व्यापार ववशेषागधकार) को समाप्र् कर ददया गया था। भारर् द्वारा इसकी बहाली
के शलए प्रयास क्रकए जा रहे हैं।
'सामान्यीकृत अगधमानी प्रणाली' (GSP) क्या ै?
यह सींयत
ु र् राज्य अमेररका का एक व्यापार कायतक्रम है , क्जसके र्हर् ववकासशील दे शों में आगथाक वद्
ृ गध को
प्रोत्साह त करने े तु 129 ननददत ष्ट्ट लाभाथी दे िों और राज्य-क्षेत्रों के 4,800 उत्पादों को वरीयता दे ते ु ए शल्
ु क
मक्
ु त प्रवेश की अनम
ु नर् प्रदान की जार् है
'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP) की स्थापना 1 जनवरी, 1976 को व्यापार अगधतनयम, 1974
(Trade Act of 1974) के द्वारा की गई थ ।
GSP दजात गैर- व्यत्ु िममक (non-reciprocal) आधार पर प्रदान क्रकया जार्ा है । क्रफर भ अमेररका इसे
बाजार र्क पहुींि और टै ररफ में कम के साथ जोड़र्ा है , जो क्रक ज एसप के मल
ू शसद्धाींर्ों के ववपरीर्
है ।
GSP के उद्दे श्य
'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP) का उद्दे श्य ववकासि ल दे िों और अल्प ववकशसर् दे िों में ननयातर्
को बढ़ावा दे कर आचथतक ववकास को बढ़ावा दे ना है ।
सींयत
ु र् राज्य अमेररका के साथ व्यापार को बढ़ाने और इसमें ववववधर्ा लाने के शलए लाभाथी दे िों को
सहायर्ा प्रदान करके सर्र् ववकास को बढ़ावा दे ना।
GSP के लाभ
भारतीय तनयाातकों को अप्रत्यक्ष लाभ – ननददतष्ट्ट उत्पादों पर ननम्न िल्
ु क दर अथवा िल्
ु क मत
ु र् प्रवेि
से आयार्क को होने वाले लाभ से भारर् य ननयातर्कों को अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्र् होर्ा है ।
भारर् य उत्पादों पर आयार् िल्
ु क में कम अथवा छूट से आयार्क के शलए ये उत्पाद अगधक प्रततस्पधी
ो जाते ै । तयोंक्रक अन्य दे िों से सामान उत्पाद लेने पर आयार्कों को अचधक कर िुकाना पड़र्ा है ।
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इस टै ररफ वरीयर्ा से नए तनयाातकों को बाजार में प्रवेि करने और स्थावपर् ननयातर्कों को बाजार में
दहस्सेदारी बढ़ाने और GSP प्रदार्ा दे ि में लाभाींि सध
ु ार करने में सहायर्ा शमलर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ज एसप के बारे में
2. इस कायतक्रम के अींर्गतर् आने वाले दे ि
3. भारर् के GSP व्यापार वविेषाचधकार कब समाप्र् क्रकये गए थे?
4. कायतक्रम के र्हर् लाभ
में स मलिंक:
भारर् के शलए 'सामान्य कृर् अचधमान प्रर्ाली' (GSP) व्यापार वविेषाचधकार के तया लाभ हैं? ििात कीक्जए।
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
4. आमेतनया एविं अजरबैजान के मध्य शािंतत समझौते पर स मतत
सिंदभा: हाल ही में , आमेननया और अज़रबैजान द्वारा रूस की मध्यस्थर्ा में नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र में जारी
भयींकर लड़ाई को समाप्र् करने के शलए एक समझौर्े पर सहमनर् व्यतर् की गय है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र में आमेननया और अज़रबैजान के मध्य लड़ाई को समाप्र् कराने के उद्दे श्य से रूस, फ्राींस
और सींयत
ु र् राज्य अमेररका की मध्यस्थर्ा में क्रकये गए र् न सींघषत ववराम समझौर्े ि घ्र ही टूट गए।
रूस द्वारा यह िाक्न्र् समझौर्े का यह नया प्रयास पहले क्रकये गए प्रयासों से शभन्न है , इसमें रूस द्वारा
नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र में शािंतत सेना र्ैनार् की गय है , और आमेतनया को यद्
ु ध के नक
ु सानों की भरपाई के
मलए व्यापक ररयायतें प्रदान की गय है ।
सिंघषा का कारण
नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र पर आमेननया और अजरबैजान के मध्य दिकों से जारी सींघषत शसर्ींबर के अींर्
में भयींकर यद्
ु ध में बदल गया। यह, इस क्षेत्र में 1990 के दिक में हुए क्रूरर्ापर्
ू त जार् य यद्
ु ध के
बाद सबसे भयानक लड़ाई थ ।
नागोनो-काराबाख़ की स मा पर होने वाली झड़पें वषो से आम बार् हो िुकी हैं। इस क्षेत्र को अिंतरराष्ट्रीय
स्तर पर अजरबैजान के एक ह स्से के रूप में मान्यता प्राप्त ै , लेक्रकन इसमें जार् य र्ौर पर अमेननयाई
लोगों की आबादी है ।
सिंघषा भड़कने के ामलया कारण
1. यह क्षेत्र एक नस्लीय ववस्फोटक क्स्थनर् वाला स्थान (tinderbox) है ।
2. क्षेत्र य र्ाकर्ों के मध्य स्थान य लड़ाईयाीं।
3. िेर्ावन सींकेर्ों की अनदे ख ।
नागोनो-काराबाख़ की क ानी:
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नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र को आत्शााख़ (Artsakh) नाम से भ जाना जार्ा है । य काराबाख़ पवात श्रेणी में जस्थत
दक्षक्षण काकेशस का स्थलरुद्ध क्षेत्र ै । यह अींर्रराष्ट्रीय स्र्र पर अजरबैजान के दहस्से के रूप में मान्यर्ा
प्राप्र् है ।
यह स्थलरुद्ध नागोनो-काराबाख़ का यह पवतर् य क्षेत्र, अजरबैजान र्था इसकी आमीतनयाई मल
ू की
आबादी के ब ि अनसल
ु झे वववाद का ववषय बना हुआ है । अलगाववाददयों को पड़ोस दे ि आमेननया का
समथतन शमला हुआ है ।
वषत 1991 में सोववयर् सींघ के पर्न के बाद एक सींघषत में यह अज़रबैजान से अलग हो गया। हालाींक्रक
वषत 1994 में एक सींघषत ववराम पर सहमनर् बन थ , क्रकींर्ु अजरबैजान और अमेननया, अतसर एक-दस
ू रे
पर नागोनो-काराबाख़ क्षेत्र के आसपास हमले का आरोप लगार्े रहर्े हैं।
अमेननया में ईसाई बहुसींख्यक है जबक्रक अजरबैजान में मक्ु स्लम बहुसींख्यक है । र्ुकी का अजरबैजान से
घननष्ट्ठ सींबध
ीं है , जबक्रक रूस को आमेननया के साथ जोड़ा जार्ा है - हालाँक्रक रूस के अजरबैजान के
साथ भ अच्छे सींबध
ीं हैं।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GTJ7V27U3.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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5. चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा (What is the Sino-British Joint Declaration?)
सिंदभा: हाल ही में , ब क्जींग द्वारा सरु क्षा आधार पर हाींगकाींग की (Hong Kong) की लेक्जस्लेदटव काउीं शसल से
लोकर्ींत्र समथतक िार ववपक्ष साींसदों को ननष्ट्काशसर् करने के बाद बब्रटे न ने ि न पर अपने अींर्रराष्ट्रीय सींचध
दानयत्वों को र्ोड़ने का आरोप लगाया है ।
बब्रटे न ने कहा क्रक ननवातचिर् ववधानसभा सदस्यों को अयोग्य ठहराने सींबध
ीं नए ननयम "कानन
ू ी रूप से बाध्यकारी
चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा का स्पष्ट्ट उल्लींघन" हैं।
चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा के बारे में :
1. यह हाींगकाींग का भववष्ट्य ननधातररर् करने के शलए वषत 1984 में बब्रटे न और ि न के मध्य एक समझौर्ा
है ।
2. 1840 में हुए अफीम यद्
ु ध (Opium War) के बाद से हाींगकाींग पर बब्रटे न का कब्ज़ा था। बब्रटे न र्था
ि न, दोनों दे िों के मध्य 1 जुलाई 1997 से हाींगकाींग पर ि न के ननयींत्रर् पर सहमनर् हुई थ ।
3. इस सींबध
ीं में की गय ि न-बब्रदटि सींयत
ु र् घोषर्ा को बाद में सींयत
ु र् राष्ट्र को सौंप ददया गया था।
सिंयक्
ु त घोषणा के प्रमख
ु बबिंद ु
• इसमें कहा गया है , क्रक ि न की हाींगकाींग के सींबध
ीं में मल
ू न नर्याीं अगले ‘50 वषों र्क अपररवनर्तर्
रहें ग ’, इसके साथ ही घोषर्ा में , िहर के शलए उच्ि स्र्र की स्वायत्तर्ा बरकरार रखने का वादा क्रकया
गया था।
• इसमें यह भ कहा गया है क्रक 1997 के बाद से हाींगकाींग की कानन
ू और न्यानयक प्रर्ाली भ 50 वषों
र्क अपररवनर्तर् रहे ग ।
• ि न-बब्रदटि सींयत
ु र् घोषर्ा के अनस
ु ार, वषत 1997 र्क हाींगकाींग पर बब्रटे न का प्रिासन जारी रहे गा और
ि न सरकार इसमें अपना सहयोग प्रदान करे ग ।
बीजजिंग द्वारा ािंगकािंग पर तनयिंत्रण के पश्चात चीन-बब्रहटश सिंयक्
ु त घोषणा की जस्थतत
• वषत 1997 में हुए हस्र्ाींर्रर् के समय ब क्जींग द्वारा हाींगकाींग को उच्ि स्र्र की स्वायत्तर्ा ददए जाने
का वादा उस समय से एक पेि दा ववषय रहा है ।
• जून 2014 में स्टे ट काउीं शसल द्वारा जारी एक श्वेर् पत्र में ब क्जींग ने हाींगकाींग पर ‘व्यापक अचधकार
क्षेत्र’ की घोषर्ा की, क्जससे यह ववषय और अचधक बबगड़ गया।
• ि न का कहना है क्रक सींयत
ु र् घोषर्ा "अब अमान्य है और इसमें केवल वषत 1984 में हस्र्ाक्षर क्रकए
जाने से लेकर वषत 1997 में हस्र्ाींर्ररर् क्रकये जाने की अवचध को ही िाशमल क्रकया गया था।"
• लेक्रकन, बब्रटे न का र्कत है क्रक यह समझौर्ा अभ भ प्रभाव है और कानन
ू रूप से बाध्यकारी है क्जसका
पालन जाना िादहए।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. हाींगकाींग की भौगोशलक अवक्स्थनर्
2. ‘एक दे ि दो प्रर्ाली’ ननयम तया है ?
4. ि न- मकाऊ सींबध
ीं
5. ि न-बब्रटे न सींयत
ु र् घोषर्ा के बारे में
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJT7V9DQ1.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. UAE द्वारा ‘गोल्िन’ वीजा े तु पात्रता मानदिं ि में ववस्तार
सिंदभा: हाल ही में , सिंयक्
ु त अरब अमीरात (United Arab Emirates- UAE) द्वारा पेिव
े रों, ववशिष्ट्ट डडग्र धारकों
और अन्य लोगों के शलए अपन ‘गोल्डन’ व जा प्रर्ाली का ववस्र्ार क्रकया जाएगा।
पष्ट्ृ ठभमू म:
सींयत
ु र् अरब अम रार् (UAE) द्वारा वषत 2018 में पहली बार दीघतकाशलक व जा योजना की घोषर्ा की गय
थ , इसके पश्िार्, यए
ू ई द्वारा वषत 2019 में कुछ ववदे ि ननवेिकों, उद्यशमयों, मख्
ु य कायतकारी अचधकाररयों,
वैज्ञाननकों और उत्कृष्ट्ट छात्रों को पाींि और दस वषीय नव करर् य व जा दे ने की िरु
ु आर् की गय थ ।
‘गोल्िन कािा’ स्थायी तनवास योजना के बारे में :
सींयत
ु र् अरब अम रार् (UAE) द्वारा ववश्व के समद्
ृ ध व्यक्तर्यों और असाधारर् प्रनर्भाओीं को लभ
ु ाने के शलए
‘गोल्िन कािा’ स्थायी तनवास योजना (Golden Card’ Permanent Residency Scheme) आरीं भ की गय है।
‘गोल्िन कािा’ वीजा की श्रेखणयािं:
1. सामान्य ननवेिकों को 10 वषत का स्थाय ननवास व जा प्रदान क्रकया जाएगा।
2. ररयल एस्टे ट ननवेिक, 5 वषीय व जा प्राप्र् कर सकर्े हैं।
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सिंयक्
ु त व्यापक काया योजना (JCPOA) के र्हर् र्ेहरान ने मध्यम सींवचधतर् यरू े ननयम के अपने भींडारर्
को पर्
ू त रूप से समाप्र् करने, ननम्न-सींवद्तचधर् यरू े ननयम के भण्डारर् को 98% र्क कम करने र्था
आगाम 13 वषों में अपने गैस सेंरीफ्यज
ू ों की सींख्या को दो-नर्हाई र्क कम करने पर सहमनर् व्यतर्
की।
इस समझौर्े के माध्यम से ईरान के परमार्ु कायतक्रम पर लगाये गए प्रनर्बींधों की ननगरान के शलए
कठोर र्ींत्रों की स्थापना की गई थ ।
अमेररका द्वारा इस समझौते से अलग ोने के कारण
रम्प र्था इस समझौर्े के ववरोचधयों का कहना है कक ‘ईरान परमाणु समझौता’ दोषपण
ू ा ै तयोंक्रक इससे ईरान
को अरबों डॉलर की सहायर्ा र्क पहुींि प्राप्र् होर् है , लेक्रकन यह हमास और दहजबल्
ु लाह जैसे सींगठनों को
ईरान द्वारा समथतन दे ने पर प्रनर्बींध नहीीं लगार्ा है । इन सींगठनो को अमेररका द्वारा आर्ींकवादी सींगठन
घोवषर् क्रकया गया है ।
अमेररका का यह भ कहना है क्रक, यह समझौर्ा ईरान के बैशलक्स्टक शमसाइल कायतक्रमों पर अींकुि नहीीं लगार्ा
है र्था यह मात्र 2030 र्क लागू होगा। इसका कहना है क्रक ईरान ने अर् र् में अपने परमार्ु कायतक्रम के बारे
में झठ
ू बोला था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. JCPOA तया है ? हस्र्ाक्षरकर्ात
2. ईरान और उसके पड़ोस ।
3. IAEA तया है ? सींयत
ु र् राष्ट्र के साथ सींबध
ीं
4. IAEA के सदस्य
5. IAEA के कायतक्रम।
6. बोडत ऑफ गवनतर- रिना, मर्दान और कायत
7. यरू े ननयम सींवधतन तया है?
में स मलिंक:
सींयत
ु र् व्यापक कायत योजना (JCPOA) पर एक दटप्पर् शलखखए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGH7VRENQ.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:महत्त्वपर्
ू त अींर्रातष्ट्रीय सींस्थान, सींस्थाएँ और मींि- उनकी सींरिना, अचधदे ि।
1. प्रशासतनक और बजट सिंबध
िं ी प्रश्नों पर सला कार सममतत (ACABQ)
(Advisory Committee on Administrative and Budgetary Questions)
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य राजननयक ववददिा मैत्रा को सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा की प्रशासतनक और बजटीय प्रश्न
(ACABQ) पर सिंयक्
ु त राष्ट्र सला कार सममतत के शलए िुना गया है ।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. OPEC के सींस्थापक सदस्य
2. ि षत र्ेल उत्पादक
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https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GJT7V9DPP.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
4. सबसे बड़े मक्
ु त व्यापार धलॉक ‘क्षेत्रीय व्यापक आगथाक साझेदारी’ (RCEP) की शरु
ु आत
सिंदभा: हाल ही में , 37वें आशसयान शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्य दे िों के मध्य ‘क्षेत्रीय व्यापक आगथाक
साझेदारी’ (Regional Comprehensive Economic Partnership- RCEP) की िरु
ु आर् का समारोह आयोक्जर्
क्रकया गया था।
‘क्षेत्रीय व्यापक आगथाक साझेदारी’ (RCEP) के बारे में :
RCEP मेगा रे ड ब्लॉक में ि न के नेर्त्ृ व में 15 दे श (10 आमसयान राष्ट्र और ऑस्रे मलया, चीन, जापान,
दक्षक्षण कोररया और न्यज
ू ीलैंि) िाशमल हैं।
यह समह
ू , सींभाववर् रूप से कम से कम 30% वैक्श्वक ज ड प का प्रनर्ननचधत्व करे गा और यह ववश्व
का सबसे बड़ा मत
ु र् व्यापार समझौर्ा होगा।
यह मेगा व्यापार ब्लॉक, एशिया-प्रिाींर् क्षेत्र में फैले सदस्य दे िों के मध्य व्यापार वाखर्ज्य को बढ़ावा
दे गा।
RCEP के लक्ष्य और उद्दे श्य:
उभरर् अथतव्यवस्थाओीं को ववश्व के िेष भागों के साथ प्रनर्स्पधात करने में सहायर्ा करने हे र्ु टै ररफ
कम करना, र्था सेवा क्षेत्र में व्यापार और ननवेि को बढ़ावा दे ना।
कींपननयों के शलए समय और लागर् की बिर् करने हे र्ु ब्लॉक के सदस्य दे िों में शभन्न-शभन्न
औपिाररकर्ाओीं को परू ा क्रकये बबना क्रकस उत्पाद के ननयातर् करने की सवु वधा प्रदान करना।
इस समझौर्े में बौद्चधक सींपदा सींबध
ीं पहलओ
ु ीं को िाशमल क्रकया गया है , क्रकीं र्ु इसमें पयातवरर् सींरक्षर्
और श्रम अचधकारों को सक्म्मशलर् नहीीं क्रकया गया है ।
RCEP का म त्व
‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP), मख्
ु य रूप से इस अथत में महत्वपर्
ू त है , तयोंक्रक यह एशिया-प्रिाींर्
क्षेत्र के शलए नए व्यापार ननयमों को ननधातररर् करर्ा है - और इसके शलए ि न का समथतन प्राप्र् है लेक्रकन
इसमें सींयत
ु र् राज्य अमेररका िाशमल नहीीं है ।
पयतवेक्षकों का कहना है , क्रक RCEP एशिया-प्रिाींर् क्षेत्र में ि न की व्यापक भरू ाजन नर्क महत्वाकाींक्षाओीं को
सितर् करे गा।
RCEP में भारत की अनप
ु जस्थतत
भारर् वपछले साल ‘क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी’ (RCEP) से ि न द्वारा उत्पाददर् सस्र्े सामान के दे ि में
प्रवेि करने सींबध
ीं चिींर्ाओीं के कारर् अलग हो गया था। हालाींक्रक, भारर् बाद में इस समझौर्े में िाशमल हो
सकर्ा है ।
भारर् ने बाजार पहुींि से सींबचीं धर् मद्
ु दों के बारे में आवाज उठाई, र्था घरे लू उत्पादकों द्वारा दे ि में
सस्र्े ि न सामानों की अत्याचधक आपनू र्त होने सींबध
ीं आिींका को जायज ठहरार्े हुए समझौर्े से अलग
हो गया।
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क्षेत्र य व्यापक आचथतक साझेदारी से सवातचधक प्रभाववर् होने वाले र् न कमजोर उद्योगों के रूप में कपड़ा,
डेयरी और कृवष उद्योगों को चिक्ह्नर् क्रकया गया था।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RCEP - सींरिना और उद्दे श्य
2. आशसयान दे िों के साथ भारर् के मत
ु र् व्यापार समझौर्े
3. आशसयान दे िों की भौगोशलक अवक्स्थनर्
4. RCEP के लक्ष्य और उद्दे श्य
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GFE7VGUH4.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत रक्षा अमभयान (UNPK) (United Nations Peace Keeping (UNPK) missions)
सिंदभा: ि न द्वारा सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत रक्षा अमभयानों (United Nations Peace Keeping missions- UNPK
missions) में सैन्य योगदान में वद्
ृ चध की जा रही है । इसे दे खर्े हुए भारर् और अमेररका द्वारा अफ्रीकी दे िों
के शलए जारी पहल की र्जत पर दक्षक्षर् पव
ू त एशियाई दे िों से िाींनर् रक्षा शमिनों के शलए सैन्य कशमतयों को
प्रशिक्षर् प्रदान करने पर वविार कर रहे हैं।
भारत और सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना
भारर्, सींयत
ु र् राष्ट्र में सैन्य िक्तर् का योगदान करने वाले ि षत दे िों में लगार्ार बना हुआ है , और
इस मामले में वैजश्वक स्तर पर पािंचवे स्थान पर है । भारर् के 5,424 सैन्य कममायों द्वारा आठ दे शों
में सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना में सेवाएँ दी जा रही है ।
भारर् द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र ननयशमर् बजट में 0.83% और िाींनर् सेना बजट में 0.16% का योगदान
क्रकया जार्ा है ।
भारर् ने सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना के कुल 71 अशभयानों में से 51 अशभयानों में भाग शलया है , और
इनमे 2 लाख से अचधक कशमतयों का योगदान ददया है ।
भारर् के िाींनर् सैननक, लेबनान, गोलन हाइर्टस, काींगो और दक्षक्षर् सड
ू ान में र्ैनार् क्रकये गए है , इसके
अलावा भारर् य सैन्य कशमतयों को अन्य अशभयानों में स्टाफ अचधकाररयों के रूप में र्ैनार् क्रकया गया
है ।
भारर् द्वारा दक्षक्षर् सड
ू ान और काींगो में क्रमिाः दो र्था एक क्षेत्र य अस्पर्ाल भ स्थावपर् क्रकये गए
है ।
वषत 2018 से, भारर् ने लेबनान शमिन में कजाक्रकस्र्ान की एक सैन्य टुकड़ को सहयोक्जर् क्रकया है ।
अमेररका और सिंयक्
ु त राष्ट्र शािंतत सेना
अमेररका द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना में सैन्य कशमतयों का कोई योगदान नहीीं क्रकया जार्ा है , क्रकीं र्ु
यह सींयत
ु र् राष्ट्र िाींनर् सेना के बजट में 27% का योगदान करर्ा है ।
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सिंरचना:
इस 20-सदस्य य समह
ू में ववशभन्न दे िों के राज्य प्रमख
ु , वर्तमान और पव
ू त मींत्र , र्था ननज क्षेत्र और
नागररक समाज के नेर्त्ृ वकर्ात सक्म्मशलर् हैं।
समह
ू के सह-अध्यक्ष बारबाडोस के प्रधानमींत्र शमया मोर्टटले (Mia Mottley) र्था बाींग्लादे ि की प्रधानमींत्र
िेख हस ना वाजेद हैं।
खाद्य और कृवष सींगठन (FAO), ववश्व पिु स्वास््य सींगठन (OIE) और ववश्व स्वास््य सींगठन (WHO)
के प्रमख
ु इस समह
ू के पदे न सदस्य हैं।
इस समू का उद्दे श्य:
इस समह
ू का उद्दे श्य, सक्ष्
ू मज व रोध दवाइयों का सींरक्षर् करने र्था सक्ष्
ू मज व रोध प्रनर्रोधक क्षमर्ा
(Antimicrobial Resistance- AMR) के ववनािकारी पररर्ामों से बिने हे र्ु वैक्श्वक ध्यानाकषतर् व कायतवादहयों
को उत्प्रेररर् करना है ।
समू के काया:
1. सक्ष्
ू मज व रोध प्रनर्रोधक क्षमर्ा के प्रनर् वैक्श्वक प्रनर्क्रक्रया की ननगरान करना।
2. सावतजननक सक्रक्रयर्ा को बनाए रखना।
3. सक्ष्
ू मज व रोध प्रनर्रोधक क्षमर्ा (AMR) सींबध
ीं ववज्ञान और साक्ष्यों के बारे में सींयत
ु र् राष्ट्र के सदस्य
दे िों को ननयशमर् ररपोटत प्रदान करना।
4. कृवष, स्वास््य, ववकास, खाद्य और िारा उत्पादन पर ननवेि में AMR लेंस को िाशमल करने की वकालर्
करना।
5. सींबचधर् ववषय पर बहु-दहर्धारकों को जड़
ु ाव के शलए प्रोत्सादहर् करना।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. एींटीबायोदटक प्रनर्रोधक क्षमर्ा तया है ?
2. एींटीबॉड तया हैं?
3. भारर् में दग्ु ध उत्पादन एवीं खपर्
4. गींभ र रूप से महत्वपर्
ू त एींटीबायोदटतस (CIA) तया होर्े हैं?
5. िरु
ु आर् क्रकये गए नए समह
ू के बारे में
में स मलिंक:
एींटीबायोदटक प्रनर्रोधक क्षमर्ा, 21 व ीं सदी की सबसे बड़ स्वास््य िुनौनर्यों में से एक है । परीक्षर् कीक्जए।
https://www.downtoearth.org.in/news/health/three-un-organisations-launch-a-new-global-coalition-
of-global-leaders-to-tackle-amr-74340.
स्रोर्: डाउन टू अथत
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सामान्य अध्ययन-III
प्रौद्योगगकी, आगथाक ववकास, जैव ववववधता, पयाावरण, सरु क्षा तथा आपदा प्रबिंधन
ववषय:भारर् य अथतव्यवस्था र्था योजना, सींसाधनों को जट
ु ाने, प्रगनर्, ववकास र्था रोज़गार से सींबचीं धर् ववषय।
1. गैर-बैंककिं ग ववत्तीय किंपनी - सक्ष्
ू म ववत्त सिंस्थान (NBFC-MFIs)
(Non-Banking Financial Company - Micro Finance Institutions)
सिंदभा: कई बड़े सक्ष्
ू म ववत्त सिंस्थानों (MFIs) के लघु ववत्तीय बैंकों में पररवततात ो जाने से, समग्र सक्ष्
ू म ववत्त
क्षेत्र में गैर-बैंक्रकीं ग ववत्त य कींपननयों - सक्ष्
ू म ववत्त सींस्थानों (NBFC-MFIs) की भागेदारी लगभग 30% र्क रह
गय है ।
NBFC- MFI क्या ?ैं
NBFC-MFIs एक प्रकार की गैर बैंक्रकीं ग ववत्त य कींपन (भारर् य कींपन अचधननयम, 1956 की धारा 25 के र्हर्
लाइसेंस प्राप्र् कींपन से शभन्न) होर्े है , क्जसमें धन जमा करने की सवु वधा नहीीं होर् ।
NBFC-MFIs को ननम्नशलखखर् िर्ें परू ा करना अननवायत होर्ा है :
NBFC-MFIs की न्यन
ू र्म सकल स्वाशमत्व ननचध (Minimum Net Owned Funds - NOF) 5 करोड़ रु.
होन िादहए। दे ि के पव
ू ोत्तर क्षेत्र में पींज कृर् NBFC-MFIs के शलए यह राशि 2 करोड़ रुपये होन
आवश्यक है ।
NBFC-MFIs की कुल सींपवत्त में से 85% अहतक सींपवत्त (Qualifying Assets) के रूप में होन िादहये।
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• अगधतनयम के त त छूट प्राप्त पद: वाींनछर् कौिल, योग्यर्ा अथवा प्रव र्र्ा के पयातप्र् सींख्या में
स्थान य उम्म दवार उपलब्ध नहीीं होने पर ननयोतर्ा द्वारा अचधननयम के र्हर् छूट का दावा क्रकया जा
सकर्ा है ।
• दिं ि अथवा जुमााना: इस अचधननयम के प्रावधानों का पालन नहीीं करने पर ननयोतर्ा को 5 लाख रु. र्क
के जुमातने का दीं ड ददया जा सकर्ा है ।
ववशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की गई गचिंताएिं:
• हररयार्ा सरकार के इस ववधेयक द्वारा अनच्
ु छे द 16 का उल्लींघन हो सकर्ा है । हालाींक्रक, हररयार्ा
सरकार का दावा है क्रक जबक्रक अनच्
ु छे द 16 ‘सावतजननक रोजगार’ के बारे में है , और यह ववधेयक केवल
"ननज क्षेत्र के रोजगार" से सींबचीं धर् है ।
• इसके अलावा, यह उद्योगों के शलए लाभप्रद नहीीं होगा।
• ऐस आिींकाएीं वयतर् की जा रही हैं क्रक यदद हररयार्ा में इस र्रह का आरक्षर् लागू क्रकया जार्ा है ,
र्ो अन्य राज्य भ इसका अनस
ु रर् करें गे और इसके पररर्ामस्वरूप ‘पर्
ू त अराजकर्ा’ की क्स्थनर् हो
जाएग ।
• इससे पहले, आींध्र प्रदे ि के स्थान य उम्म दवारों को 75% आरक्षर् प्रदान करने सींबध
ीं आींध्र प्रदे ि सरकार
के फैसले को असींवध
ै ाननक बर्ार्े हुए आींध्र प्रदे ि उच्ि न्यायालय में िुनौर् दी गई थ ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ववधेयक के प्रमख
ु प्रावधान
2. भारर् य सींववधान का अनच्
ु छे द 16 क्रकससे सींबचीं धर् है ?
में स मलिंक:
हररयार्ा द्वारा 75% ननज नौकररयों को आरक्षक्षर् करने के ननर्तय से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-what-haryanas-move-to-reserve-75-private-
jobs-means-for-companies-6995688/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
3. उत्पादन सिंबद्ध प्रोत्सा न (PLI) योजना (Production-Linked Incentive (PLI) scheme)
सिंदभा: हाल ही में , केंद्र सरकार द्वारा दस अन्य क्षेत्रों में घरे लू ववननमातर् ननवेि को प्रोत्सादहर् करने के शलए
उत्पादन सिंबद्ध प्रोत्सा न योजना (Production-Linked Incentive Scheme- PLI Scheme) का आरीं भ क्रकया
गया है । इसके अींर्गतर् अगले पाींि वषों के शलए 1.46 लाख करोड़ रूपये का अनम
ु ाननर् पररव्यय ननधातररर् क्रकया
गया है ।
इन क्षेत्रों को रोजगार उत्पन्न करने और भारर् को आत्मननभतर बनाने सींबध
ीं क्षमर्ा के आधार पर चिक्ह्नर्
क्रकया गया है ।
इन दस क्षेत्रों में शाममल ैं:
खाद्य प्रसींस्करर्, दरू सींिार, इलेतरॉननतस, वस्त्र, औषचध, वविेष प्रकार के इस्पार्, मोटर वाहन और वाहन कल-
पज
ु े, उच्ि दक्षर्ा वाले सौर फोटो-वोक्ल्टक मोड्यल्
ू स, एयर कींड िनर और एलईड जैसे उत्पाद (व्हाइट गड्
ु स)।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. राष्ट्रीय इलेतरॉननतस न नर् के र्हर् प्रमख
ु प्रस्र्ाव।
2. इसकी घोषर्ा -योजना ’उत्पादन से सींबद्ध प्रोत्साहन‘
कब की गई थ ?
3. इस योजना के र्हर् प्रोत्साहन राशि है ?
4. क्रकस र्रह के ननवेि पर वविार क्रकया जाएगा?
5. योजना की अवचध
6. इसे कौन कायातक्न्वर् करे गा?
में स मलिंक:
इलेतरॉननतस ववननमातर् के शलए ‘उत्पादन से सींबद्ध प्रोत्साहन’
योजना तया है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8V7V5P0I.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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भारर् में कोववड-19 महामारी के बाद कॉरपोरे ट सेतटर का 15.52 लाख करोड़ रुपये का ऋर् र्नावग्रस्र् हो
िुका है , र्था 22.20 लाख करोड़ रुपये का ऋर् महामारी से पहले ही र्नावग्रस्र् था।
अथातर्, प्रभाव रूप से कुल 37.72 लाख रुपये का ऋर् (उद्योगों के शलए बैंक्रकीं ग क्षेत्र के ऋर् का 72%)
र्नावग्रस्र् है ।
यह कुल गैर-खाद्य बैंक ऋर् (non-food bank credit) का लगभग 37% है ।
इसके अलावा, खद
ु रा व्यापार, थोक व्यापार, पररवहन और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में कींपननयों को र्नाव का
सामना करना पड़ रहा है ।
कोववड से पहले र्नावग्रस्र् ऋर्ों वाले क्षेत्रों में NBFCs, ववद्यर्
ु , इस्पार्, ररयल एस्टे ट और ववननमातर्
िाशमल हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NBFC तया हैं?
2. भग
ु र्ान बैंक और वाखर्क्ज्यक बैंक के ब ि अींर्र।
3. केव कामथ सशमनर् क्रकससे सींबचीं धर् है ?
4. केव कामथ सशमनर् की प्रमख
ु शसफाररिें।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G237VNVGH.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. तनजी क्षेत्रक बैंक सध
ु ार (Private sector banks reforms)
सिंदभा: भारर् य ररज़वत बैंक द्वारा भारर् य ननज क्षेत्र के बैंकों के शलए वर्तमान स्वाशमत्व ददिाननदे िों और कॉपोरे ट
सींरिना की सम क्षा करने के शलए एक आिंतररक काया समू (Internal Working Group- IWG) का गठन
क्रकया गया था।
इसकी अध्यक्षर्ा आरब आई के केंद्रीय बोडत के ननदे िक िॉ. प्रसन्न कुमार मो िं ती द्वारा की गय थ ।
आिंतररक काया समू े तु सिंदभा शतें (Terms Of Reference):
1. बैंक्रकीं ग लाइसेंस के शलए आवेदन करने के शलए व्यक्तर्यों / सींस्थाओीं के शलए पात्रर्ा मानदीं ड की सम क्षा;
2. बैंकों के शलए अचधमान्य कॉपोरे ट सींरिना की जाींि और इस सींबध
ीं में मानदीं डों का सामींजस्य;
3. प्रवर्तकों और अन्य िेयरधारकों द्वारा बैंकों में दीघातवचध िेयरधाररर्ा के मानदीं डों की सम क्षा करना।
आींर्ररक कायत समह
ू (IWG) द्वारा हाल ही में भारर् य ररज़वत बैंक को अपन शसफाररिें प्रस्र्र्
ु की गय हैं।
मख्
ु य मसफाररशें:
1. लींब अवचध (15 वषत) में प्रवर्तकों की दहस्सेदारी पर ननधातररर् स मा को वर्तमान स्र्र से बढ़ाकर 26
प्रनर्िर् क्रकया जा सकर्ा है ।
2. बड़े कॉरपोरे ट / औद्योचगक घरानों को बैंककारी ववननयमन अचधननयम (Banking Regulation Act), 1949
में आवश्यक सींिोधन के बाद ही, (बैंकों और अन्य ववत्त य और गैर-ववत्त य समह
ू सींस्थाओीं के ब ि जुड़े
हुए उधार और जोखखम को रोकने के शलए) बैंकों के प्रवर्तकों के रूप में अनम
ु नर् दी जा सकर् है ।
4. समेक्रकर् पयतवेक्षर् सदहर् बड़े समह
ू ों के शलए पयतवक्ष
े र्ींत्र को मजबर्
ू करना।
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5. अच्छी र्रह से िल रही बड़ गैर-बैंक्रकीं ग ववत्त कींपननयाँ (NBFCs), क्जनकी पररसींपवत्त का आकार ₹50,000
करोड़ या उससे अचधक है , क्जनमें कॉरपोरे ट घराने के स्वाशमत्व वाले भ िाशमल हैं, को बैंकों में रूपाींर्रर्
के शलए वविार क्रकया जा सकर्ा है बिर्े पररिालन के 10 वषत पर्
ू त हुए हो र्था ननधातररर् मानदीं डों का
अनप
ु ालन और इस सींबध
ीं में ननददत ष्ट्ट अनर्ररतर् िर्ों का अनप
ु ालन क्रकया जा रहा हो।
6. गैर-प्रवर्तक िेयरधाररर्ा के सींबध
ीं में , सभ प्रकार के िेयरधारकों के शलए बैंक की प्रदत्त वोदटींग इक्तवटी
िेयर पज
ींू का 15 प्रनर्िर् का एक समान स मा ननधातररर् की जा सकर् है ।
7. भग
ु र्ान बैंकों, जो एक लघु ववत्त बैंक (Small Finance Bank- SFB) में पररवनर्तर् होने का इरादा रखर्े हैं,
के शलए , भग
ु र्ान बैंक के रूप में 3 वषों के अनभ
ु व का रै क ररकॉडत पयातप्र् माना जा सकर्ा है ।
8. लघु ववत्त बैंक और भग
ु र्ान बैंक ‘सावतभौशमक बैंकों के शलए ननधातररर् मौजूदा प्रववक्ष्ट्ट पज
ूीं गर् अपेक्षाओीं
के बराबर ननवल सींपवत्त र्क पहुँिने की र्ारीख से 6 वषत’ के भ र्र या ‘पररिालन िरू
ु होने की र्ारीख
से 10 वषत’, जो भ पहले हो सि
ू बद्ध हो सकर्े हैं।
9. नए बैंकों को लाइसेंस दे ने के शलए न्यन
ू र्म प्रारीं शभक पज
ूीं गर् अपेक्षाओीं को सावतभौशमक बैंकों के शलए
₹500 करोड़ से ₹1000 करोड़ और छोटे ववत्त बैंकों के शलए ₹200 करोड़ से ₹300 करोड़ र्क बढ़ाया
जाना िादहए।
10. पररिालनेर्र ववत्त य धारक कींपन (Non-operative financial holding company- NOFHC) को
सावतभौशमक बैंकों के शलए जारी क्रकए जाने वाले सभ नए लाइसेंसों के शलए अचधमान्य सींरिना के रूप
में बने रहना िादहए।
11. वर्तमान में NOFHC सींरिना के अींर्गतर् आने वाले बैंकों को ऐस सींरिना से बाहर ननकलने की अनम
ु नर्
दी जा सकर् है यदद उनके पास अन्य समह
ू सींस्थाएीं नहीीं हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भग
ु र्ान बैंक तया हैं?
2. NBFC तया हैं?
3. SFB तया हैं?
4. IWG द्वारा की गई प्रमख
ु शसफाररिें।
में स मलिंक:
आींर्ररक कायत समह
ू (IWG) द्वारा की गय शसफाररिों के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3T802JPU.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. चालू खाता अगधशेष की सिंभावना (Current account surplus likely)
सिंदभा: भारर् में ववत्त य वषत 2011 के दौरान चालू खाता अगधशेष (Current Account Surplus) दजत क्रकये जाने
की सींभावना है । कोववड-19 महामारी की वजह से अथतव्यवस्था में उत्पादन अचधक है , जबक्रक माींग कम है अथातर्,
अथतव्यवस्था में ‘अिंिर ीहटिंग’ (Under Heating) की क्स्थनर् है , क्जसके कारर् आयार् में कम होग और
पररर्ाम स्वरूप दे ि के िालू खार्े में अचधिेष की क्स्थनर् हो सकर् है ।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. ‘िालू खार्ा’ तया होर्ा है ?
2. घटक
3. िालू खार्ा अचधिेष का प्रभाव
4. टे पर टें रम तया होर्ा है ?
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GH080C1C8.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. नेगेहटव यील्ि बॉण्ि (Negative Yield Bonds)
सिंदभा: हाल ही में ,ि न द्वारा पहली बार तनगेहटव-यील्ि ऋण (Negative Yield Debt) की बबक्री की गय ।
5-वषीय बॉण्ड की कीमर् -0.152%, और 10-वषीय और 15-वषीय प्रनर्भनू र्यों की सकारात्मक लाभ सदहर्
कीमर् 0.318% और 0.664% ननधातररर् की गय ।
‘नेगेहटव यील्ि बॉण्ि’ क्या ै?
नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड ऐसे ऋर् प्रपत्र (Debt Instruments) होर्े हैं, क्जनके द्वारा तनवेशक को बॉण्ि की पररपक्वता
अवगध पर बॉण्ि के िय मल्
ू य से कम रामश प्राप्त ोती ै।
ये केंद्रीय बैंकों अथवा सरकारों द्वारा जारी क्रकए जा सकर्े है ।
इसमें तनवेशकों द्वारा ऋण-कतााओिं को, अपन राशि उनके पास रखने के शलए, ब्याज का भग
ु र्ान क्रकया
जार्ा है
तनवेशकों द्वारा ‘नेगेहटव यील्ि बॉण्ि’ खरीदने का कारण
इस प्रकार के प्रलेखों की प्रायाः र्नाव और अननक्श्िर्र्ा की क्स्थनर् में अचधक माींग होर् है । ये ननवेिकों
की पज
ूीं में होने वाली चगरावट से सरु क्षा प्रदान करर्े हैं।
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मद्र
ु ा के उर्ार-िढ़ाव से लेकर मद्र
ु ा अपस्फीनर् जैस क्स्थनर्यों से ‘नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड’ में ननवेि करने
वाले सरु क्षक्षर् ननकल सकर्े है ।
बॉण्ि कीमत और प्राजप्त (यील्ि) के मध्य सिंबध
िं :
इसमें , बॉण्ड की कीमर् और बॉण्ड य ल्ड अथवा ब्याज के मध्य नकारात्मक सींबध
ीं होर्ा है ; अथातर् जब बॉण्ड
की कीमर् बढ़र् है र्ो बॉण्ड य ल्ड घटर्ा है ।
िींक्रू क, नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड एक ‘क्रफतस्ड रे ट इन्वेस्टमें ट’ होर्े हैं, और यही आींशिक रूप से बॉण्ड मल्
ू य और बॉण्ड
य ल्ड के ब ि व्यत्ु क्रम सींबध
ीं ों का कारर् होर्ा है ।
भववष्ट्य में ब्याज दरों में वद्
ृ चध की सींभावना होने पर ननवेिक अपने बॉण्ड को बेि सकर्े हैं और बाद
में ऊँि दर वाले बॉण्ड को पन
ु ाः खरीद सकर्े है ।
इसके ववपरीर्, बॉण्ड ननवेिक भववष्ट्य में ब्याज दरों में कम होने की सींभावना होने पर बॉण्ड खरीद
सकर्े है ।
वतामान में नेगेहटव यील्ि बॉण्ि की मािंग के प्रमख
ु कारक
महामारी फैलने के बाद से वैजश्वक केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़ी मात्रा में नकदी प्रवाह त की गयी ै , क्जससे,
इक्तवटी, ऋर् और वस्र्ओ
ु ीं सदहर् ववशभन्न पररसींपवत्तयों की कीमर्ों में वद्
ृ चध हुई है ।
कई ननवेिक, इक्तवटी में अपने जोखखम पोटत फोशलयो का बिाव करने हे र्ु नकारात्मक प्राजप्त दे ने वाले
सरकारी ऋण में अस्थाय रूप से अपन पज
ींू लगा सकर्े हैं।
यदद कोववड-19 महामारी की र्ाजा लहर से अथतव्यवस्थाओीं में और अचधक मींदी आर् है , र्ो ब्याज दरों
पर नकारात्मक दबाव पड़ सकर्ा है , क्जससे य ल्ड में और भ कम आ सकर् है और इससे वर्तमान में
क्जन ननवेिकों ने नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड में ननवेि क्रकया है , उन्हें लाभ हो सकर्ा है।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड तया हैं?
2. बॉण्ड मल्
ू य और बॉण्ड य ल्ड के ब ि सींबध
ीं
में स मलिंक:
वर्तमान में नेगेदटव य ल्ड बॉण्ड लोकवप्रयर्ा तयों बढ़ रही है ? ििात कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-why-chinas-negative-yield-bonds-are-in-
demand-7063061/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
8. राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य के 120 प्रततशत पर प ुिंचा (Fiscal deficit reaches 120% of annual
target)
सिंदभा: केंद्र सरकार का राजकोष य घाटा िालू ववत्त वषत में अतटूबर के अींर् र्क बढ़कर 9.53 लाख करोड़ रुपये
पहुींि गया जो सालाना बजट अनम
ु ान का करीब 120 प्रततशत है ।
कारण:
राजकोष य घाटे में वद्
ृ चध का मख्
ु य कारर् राजस्व सींग्रह में कम होना रहा है ।
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कोरोनावायरस सींक्रमर् के प्रसार को रोकने के शलए लगाए गए लॉकडाउन से कारोबारी गनर्ववचधयाीं बरु ी
र्रह प्रभाववर् हुई थ ,ीं क्जससे राजस्व प्राक्प्र् सस्
ु र् पड़ गई।
‘राजकोषीय घाटा’ क्या ोता ै ?
‘राजकोष य घाटा’ (Fiscal Deficit), सरकार के गैर-ऋण पज
ूिं ी प्राजप्तयों (Non-debt Capital Receipts- NDCR)
सह त राजस्व प्राजप्तयों तथा कुल व्यय के बीच का अिंतर होर्ा है ।
दस
ू रे िब्दों में , राजकोष य घाटा “सरकार की कुल ऋण आवश्यकताओिं को दशााता ै ” ।
उच्च राजकोषीय घाटे का प्रभाव:
अथतव्यवस्था में , तनवेश योग्य बचतों का सीममत पल
ू ोता है । इन बिर्ों का उपयोग ववत्त य सींस्थानों, जैसे क्रक
बैंकों, द्वारा ननज व्यवसायों (लघु और बड़े, दोनों प्रकार के) और सरकारों (केंद्र और राज्य) को ऋर् प्रदान
करने हे र्ु क्रकया जार्ा है ।
• यदद राजकोष य घाटे का अनप
ु ार् काफी अचधक होर्ा है , र्ो इसका र्ात्पयत है क्रक बाजार में , ननज
उद्यशमयों और व्यवसायों को ऋर् प्रदान करने हे र्ु कम राशि बि है ।
• बाजार में ऋर् प्रदान करने हे र्ु कम राशि होने से, ऋर् पर ब्याज दरें उच्ि हो जार् हैं।
• उच्ि राजकोष य घाटे और उच्ि ब्याज दरों का र्ात्पयत यह भ होर्ा है क्रक भारर् य ररजवत बैंक द्वारा
ब्याज दरों को कम करने के प्रयास प्रभाव साबबर् नहीीं हुए हैं।
ववकासशील अथाव्यवस्था के मलए राजकोषीय घाटे का स्वीकाया स्तर
ववकासि ल अथतव्यवस्था में ननवेि करने हे र्ु प्रायाः ननज उद्यमों की र्ल
ु ना में सरकार बेहर्र क्स्थनर् में होर्
है , और ववकशसर् अथतव्यवस्था की र्ल
ु ना में राजकोष य घाटा अचधक हो सकर्ा है ।
• ववकासि ल अथतव्यवस्था में सरकारों को राजस्व वद्
ृ चध के पयातप्र् साधन नहीीं होने पर भ सामाक्जक
और भौनर्क अवसींरिनाओीं पर अचग्रम ननवेि करना पड़र्ा है ।
• भारर् में , राजकोष य उत्तरदानयत्व और बजट प्रबींधन (Fiscal Responsibility and Budget Management
- FRBM) अचधननयम के र्हर्, राजकोष य घाटे में सकल घरे लू उत्पाद (GDP) के लगभग 3 प्रनर्िर् र्क
की कम एक आदित क्स्थनर् बर्ाई गय है । दभ
ु ातग्य से, सरकारें इस लक्ष्य को प्राप्र् करने में असमथत
रही हैं।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/business/Economy/fiscal-deficit-reaches-120-
of-annual-target/article33195919.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
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सिंबगधत प्रकरण
भारर् य ररजवत बैंक ने "भारर् य ननज क्षेत्र के बैंकों के स्वाशमत्व ददिाननदे ि और कॉपोरे ट सींरिना की सम क्षा”
हे र्ु एक आींर्ररक कायत समह
ू (IWG) का गठन क्रकया था। IWG द्वारा, हाल ही में अपन ररपोटत सौंप गय है ।
कायत समह
ू की एक प्रमख
ु शसफाररि, बड़े कॉपोरे ट या औद्योगगक घरानों को बैंकों के प्रवताक बनने की अनम
ु तत
हदए जाने के सींबध
ीं में थ
वतामान वववाद
• भारर् य ररजवत बैंक (RBI) के पव
ू त गवनतर रघरु ाम राजन और पव
ू त डडप्टी गवनतर ववरल आिायत ने IWG
के सझ
ु ाव की आलोिना करर्े हुए इसे ‘िौंकाने वाला’ बर्ाया है ।
• इनका मानना है , क्रक, सावतजननक क्षेत्र / सरकार के स्वाशमत्व वाले बैंकों के मौजद
ू ा ढाँिे के लिर प्रिासन
को औद्योचगक घरानों के स्वाशमत्व वाले अत्यचधक वववाददर् ढाींिे के साथ प्रत्स्थावपर् करना, ‘छोटे -छोटे
व्यय में क्रकफायर् करना और बड रकम उडाना’ (penny wise pound foolish) होगा।
बड़े कॉपोरे ट्स को तनजी बैंक स्थावपत करने की अनम
ु तत दे ने सिंबधी मसफाररश की आलोचना का कारण
ऐनर्हाशसक रूप से, भारर् य ररजवत बैंक का वविार रहा है , क्रक बैंकों के आदशा स्वाममत्व दजे को दक्षता, इजक्वटी
और ववत्तीय जस्थरता के मध्य सिंतल
ु न को बढ़ावा दे ना चाह ए।
तनजी बैंकों की बड़ी भमू मका इसके जोखखमों से मक्
ु त न ीिं ोती है । वषत 2008 का वैक्श्वक ववत्त य सींकट
इस र््य को सही साबबर् करर्ा है ।
मख्
ु य रूप से सरकारी स्वाममत्व वाली बैंककिं ग प्रणाली ववत्तीय रूप से अगधक जस्थर मानी जाती ै , तयोंक्रक
सींस्था के रूप में सरकार पर ववश्वास होर्ा है ।
वविेष रूप से, इस मामले में , बड़े कॉपोरे र्टस को ननज बैंक खोलने की अनम
ु नर् दे ने के सींबध
ीं में मख्
ु य
चिींर्ा का ववषय ‘दहर्ों का सींघषत’ है , अथवा र्कन की र्ौर पर ‘सींबद्ध ऋर्’ (Connected Lending) है ।
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ववषय:मख्
ु य फसलें- दे ि के ववशभन्न भागों में फसलों का पैटनत- शसींिाई के ववशभन्न प्रकार एवीं शसींिाई प्रर्ाली-
कृवष उत्पाद का भींडारर्, पररवहन र्था ववपर्न, सींबचीं धर् ववषय और बाधाएँ; क्रकसानों की सहायर्ा के शलये ई-
प्रौद्योचगकी।
1. पोलावरम पररयोजना (Polavaram project)
सिंदभा: हाल ही में , आींध्र प्रदे ि सरकार ने वषत 2022 के खरीफ फसलों के मौसम र्क पोलावरम पररयोजना
(Polavaram project) को परू ा करने को कहा है , इसके साथ ही अन्य पररयोजनाओीं, विंशधारा- चरण 2, विंशधारा-
नागवली मलिंक, ऑवक सरु िं ग (Owk tunnel)-2, वेलग
ु ोंिा-चरण 1 और नेल्लोर और सिंगम बैराज को वषत 2020-
21 र्क परू ा करने की योजना बना रही है ।
(कृपया ध्यान दें : महत्वपर्
ू त शसींिाई पररयोजनाओीं और सींबचीं धर् नददयों का अवलोकन करने का प्रयास करें र्था
उन्हें मानचित्र पर खोजें।)
पोलावरम पररयोजना के बारे में :
पोलावरम पररयोजना ,एक बहुद्दे ि य पररयोजना है । इसके र्हर् आिंध्र प्रदे श में गोदावरी नदी पर एक
बाँध बनाया जा रहा है ।
इस पररयोजना के परू ी होने पर, गोदावरी के जल को इसकी दाय ीं ओर की नहर के माध्यम से कृष्ट्र्ा
नदी बेशसन में अींर्र-बेशसन स्थान्र्ररर् क्रकया जा सकेगा।
इस पररयोजना का जलािय, छत्त सगढ़ और उड़ सा राज्यों के कुछ भागों र्क ववस्र्र्
ृ है ।
यह पररयोजना शसींिाई, जल ववद्यर्
ु और पेयजल सवु वधाओीं के ववकास हे र्ु एक बहुउद्दे ि य प्रमख
ु
टशमतनल जलािय पररयोजना है ।
इस पररयोजना को वषत 2014 में ‘आींध्र प्रदे ि ववभाजन अचधननयम’ (Andhra Pradesh Bifurcation Act)
के अींर्गतर् राष्ट्रीय दजात प्रदान क्रकया गया था और इसके साथ ही इसके स्वरूप में भ पररवर्तन क्रकया
गया था।
प्रीमलम्स मलिंक:
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4. समाधान-उन्मख
ु योजनाओीं और कायतक्रमों की ददिा में कायत करना।
5. दीघतकाशलक प्रभाव के शलए अींर्रातष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी का ववस्र्ार करना।
इस प्रकार के सिंयक्
ु त प्रयासों की आवश्यकता
• खाद्य और कृवष सींगठन (FAO) द्वारा 5 नवींबर को जारी क्रकये गए खाद्य मल्
ू य सि
ू काींक के अनस
ु ार,
वैक्श्वक खाद्य कीमर्ों में लगार्ार पाींिवें महीने से हो रही वद्
ृ चध अतटूबर में भ जारी है । हालाींक्रक,
वैक्श्वक अनाज उत्पादन में कम होने का पव ु ान क्रकया गया था, क्रकींर्ु वषत 2020 में
ू ातनम कुल अनाज
उत्पादन में वद्
ृ चध होने की उम्म द की गय थ ।
• कोववड-19 के कारर् ववश्व में वषत 2020 के दौरान 132 शमशलयन से अचधक लोग कुपोवषर्-श्रेर् में
िाशमल हो सकर्े हैं और यह वषत 2030 र्क भख
ू -उन्मल
ू न के लक्ष्य प्राक्प्र् के शलए एक गींभ र िुनौर्
है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. FAO के बारे में
2. प्रस्र्ाववर् गठबींधन के बारे में
3. FAO खाद्य मल्
ू य सि
ू काींक का अवलोकन
में स मलिंक:
कोववड-19 के कारर् ववश्व में वषत 2020 के दौरान 132 शमशलयन से अचधक लोग कुपोवषर्-श्रेर् में िाशमल हो
सकर्े हैं और यह वषत 2030 र्क भख
ू -उन्मल
ू न के लक्ष्य प्राक्प्र् के शलए एक गींभ र िुनौर् है । इस क्स्थनर् से
बिने के शलए सींभाववर् उपायों पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: डाउन टू अथत
2. मेगा फूि पाका (Mega Food Park)
सिंदभा: हाल ही में , पींजाब में मेगा फूड पाकत का उद्घाटन क्रकया गया है ।
‘मेगा फूि पाका’ योजना:
खाद्य प्रसिंस्करण उद्योग मिंत्रालय द्वारा, वषत 2008 में सम्पर्
ू त दे ि में ‘मेगा फूड पाकत’ योजना का आरीं भ क्रकया
गया था।
मेगा फूड पाकत स्कीम का उद्दे श्य क्रकसानों, प्रसींस्करर्कर्ातओीं र्था खद
ु रा बबक्रेर्ाओीं को एक साथ लार्े हुए कृवष
उत्पादों को बाजार से जोड़ने के मलए एक तिंत्र उपलधध कराना है ।
म त्व: इन मेगा फूड पाकों के अींर्गतर् मख्
ु यर्ाः कृवष-उत्पाद कीमर्ों में वद्
ृ चध करने, खाद्य पदाथों की बबातदी
रोकने, क्रकसानों की आय में वचृ ध र्था ग्राम र् क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उपलब्ध करने पर ज़ोर ददया जार्ा
है ।
ववत्त पोषण: कुल पररयोजना लागर् में केवल 50% योगदान के साथ न्यन
ू र्म 50 एकड़ भशू म में मेगा फ़ूड पाकत
स्थावपर् करने के शलए 50 करोड़ रुपये का अचधकर्म अनद
ु ान ददया जार्ा है ।
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कायाान्वयन:
मेगा फूड पाकत पररयोजना का कायातन्वयन एक ‘वविेष प्रयोजन उपाय’ (Special Purpose Vehicle- SPV)
द्वारा क्रकया जार्ा है , जो क्रक कींपन अचधननयम के अींर्गतर् एक पींज कृर् कॉरपोरे ट ननकाय होर्े है ।
राज्य सरकार, राज्य सरकार की सींस्थाओीं एवीं सहकाररर्ा पररषदों को मेगा फूड पाकत पररयोजना के
कायातन्वयन हे र्ु अलग से SPV बनाने की आवश्यकर्ा नहीीं होर् है ।
योजना ददिाननदे िों की िर्ों को परू ा करने के अध न SPV को ननचधयाीं जारी की जार् हैं ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् में कायातत्मक मेगा फूड पाकत।
2. पहला मेगा फूड पाकत।
3. यह योजना क्रकस मींत्रालय के र्हर् सींिाशलर् होर् है ।
4. शमजोरम का पहला मेगा फूड पाकत।
5. योजना के र्हर् अनद
ु ान।
में स मलिंक:
मेगा फूड पाकत योजना के महत्व पर एक दटप्पर् शलखखए।
स्रोर्: प आईब
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2. राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना कोष (NIIF) (National Investment and Infrastructure Fund)
सिंदभा: हाल ही में , केंद्रीय मींबत्रमींडल द्वारा राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना कोष (NIIF) द्वारा प्रायोजजत- NIIF
ऋण प्लेटफॉमा में सरकार द्वारा 6000 करोड़ रुपये के इक्तवटी सींिार के प्रस्र्ाव को स्व कृनर् दी गय है ।
सरकार का यह प्रस्र्ाव, इस महीने की िरु
ु आर् में घोवषर् क्रकए गए आत्मतनभार भारत 3.0 पैकेज का दहस्सा
है ।
राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना कोष (NIIF) के बारे में :
सरकार द्वारा वषत 2015 में व्यावसानयक रूप से व्यवहायत ग्र नफ़ील्ड, ब्राउनफ़ील्ड और रुकी हुई अवसींरिना
पररयोजनाओीं के ववत्तपोषर् हे र्ु ननवेि साधन के रूप में 40,000 करोड़ रूपये के राष्ट्रीय तनवेश और अवसिंरचना
कोष (NIIF) की स्थापना की गय थ ।
इसे श्रेर् -II के वैकजल्पक तनवेश कोष (Alternate Investment Fund) के रूप में स्थावपर् क्रकया गया था।
• NIIF में , भारर् सरकार द्वारा 49% ननवेि क्रकया जाएगा और िेष राशि का ववत्त पोषर् ननज ननवेिकों
द्वारा स्वर्न्त्र सींपवत्त कोष, ब मा और पेंिन ननचध, दान आदद के माध्यम से जुटाया जाएगा।
• राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष के अचधदे ि में , भारर् में ऊजात, पररवहन, आवास, जल, अपशिष्ट्ट
प्रबींधन और अन्य बनु नयादी ढाँिे से सींबचीं धर् क्षेत्रों में ननवेि क्रकया जाना िाशमल है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. NIIF तया है ?
2. इसे क्रकस प्रकार प्रिाशसर् क्रकया जार्ा है ?
3. श्रेर् -II का‘ वैकक्ल्पक ननवेि कोष’ तया है ?
4. राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष का अचधदे ि
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/cabinet-approves-6000-crore-
infustion-in-niif-debt-platform/article33177501.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
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156
कोई राज्य, बल्क ड्रग पाकत के ननमातर् हे र्ु केवल एक स्थल का प्रस्ताव कर सकता ै , क्जसका क्षेत्रफल
एक हजार एकड़ से कम नहीीं होना िादहए है । पहाड़ राज्यों के मामले में न्यन
ू र्म स मा 700 एकड़
ननधातररर् की गय है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. उपयत
ुत र् योजना की प्रमख
ु वविेषर्ाएीं।
2. अनद
ु ान सहायर्ा
3. लक्ष्य
4. सक्रक्रय दवा सींघटक (API) तया होर् है ?
5. क्रफतस्ड-डोज़ दवाओीं बनाम शसींगल-डोज़ दवा सींयोजनों में API
6. औषचधयों में एतसशसवपएींर्टस (excipients) तया होर्े हैं?
https://indianexpress.com/article/explained/what-is-a-bulk-drug-park-and-why-himachal-wants-one-
6911710/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगगकी पाका (STPI)
सिंदभा: भारर् य सॉफ्टवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (Software Technology Parks of India- STPI) द्वारा कई िहरों
में कायातलय और कनेक्तटववटी अवसींरिना ढाींिा स्थावपर् करने हे र्ु 400 करोड़ रुपए का ननवेि क्रकया जा रहा
है । इसके शलए STPI छोटी प्रौद्योचगकी फमों को ‘प्लग-एींड-प्ले’ सवु वधा प्रदान कर रहा है ।
भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगगकी पाका (STPI) के बारे में :
सॉफ्टवेयर टे तनोलॉज पातसत ऑफ इींडडया, भारर् सरकार के इलेक्रॉतनकी और सच
ू ना प्रौद्योगगकी मिंत्रालय के
र्हर् स्वायत्तशासी सोसायटी है ।
इसकी स्थापना सॉफ्टवेयर ननयातर् को बढ़ावा दे ने के शलए की गई है ।
STPI को वषत 1991 में स्थावपर् क्रकया गया था।
STPI की गवतनिंग काउिं मसल के अध्यक्ष केंद्रीय इलेतरॉननतस और सि
ू ना प्रौद्योचगकी मींत्र होर्े हैं।
STPI के अन्य प्रमख
ु उद्दे श्य:
सॉफ्टवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (STP) / इलेतरॉननतस और हाडतवेयर प्रौद्योचगकी पाकत (EHTP) योजना
र्था समय-समय पर भारर् सरकार द्वारा सौंप गई इस र्रह की अन्य योजनाओीं को र्ैयार व
कायातक्न्वर् करके ननयातर्कों को वैधाननक सेवाएँ प्रदान करना।
IT/ITES क्षेत्र में उद्यमि लर्ा के शलए अनक
ु ू ल वार्ावरर् बनाकर सक्ष्
ू म, लघु और मध्यम उद्यममयों
को बढ़ावा दे ना।
सि
ू ना प्रौद्योचगकी और सींबचीं धर् उद्योगों को सि
ू ना प्रौद्योचगकी/सि
ू ना प्रौद्योचगकी योग्य सेवाओीं में
ववशभन्न मल्
ू य वचधतर् सेवाओीं सदहर् आींकड़ा सींिार सेवाएीं प्रदान करना।
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157
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G0M7UFOVF.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
3. mRNA वैक्सीन के बारे में प्रमख
ु तथ्य
सिंदभा: पर्
ु े क्स्थर् जेनोवा बायोफामातस्यदू टकल्स की नोवल mRNA वैक्सीन कैं डििेट के शलए जैव प्रौद्योचगकी
ववभाग (DBT) द्वारा जल
ु ाई की िरु
ु आर् में ववत्तपोषर् हे र्ु मींजरू ी दी गई थ ।
• िूींक्रक, यह एक जैववक उत्पाद है और इसमें आनव
ु ाींशिक हे र-फेर क्रकये जाने की आवश्यकर्ा है , अर्ाः इसके
मानव परीक्षर् हे र्ु भारर् य औषचध महाननयींत्रक (Drug Controller General of India) की अनम
ु नर् लेने
से पव
ू त जैव प्रौद्योचगकी ववभाग की आनव
ु ाींशिक हे र-फेर सम क्षा सशमनर् (Review Committee on Genetic
Manipulation- RCGM) की मींजूरी प्राप्र् करना आवश्यक होगा।
• अब, इस वैतस न के अगले वषत माित में र्ैयार होने की सींभावना बर्ाई जा रही है ।
टीकाकरण काया-ववगध
टीकों के द्वारा, ववषाणु अथवा जीवाणु रोगजनकों (Pathogens) द्वारा तनममात प्रोटीन को प चानने और उसे
नष्ट्ट करने के मलए शरीर को प्रमशक्षक्षत क्रकया जार्ा है ।
पारीं पररक टीके, रोगजनक जीवों अथवा इनके द्वारा उत्पन्न की गयी प्रोटीन के सक्ष्
ू म अथवा तनजष्ट्िय अिंश से
तनममात ककये जाते ैं, क्जन्हें प्रनर्रक्षा प्रर्ाली की प्रनर्क्रक्रया िक्तर् को सक्रक्रय करने हे र्ु िरीर में प्रववष्ट्ट कराया
जार्ा है ।
‘mRNA वैक्सीन’ क्या ैं?
mRNA वैतस न द्वारा रोग की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली को वायरल प्रोटीन का स्वर्ाः उत्पादन करने के शलए भ्रशमर्
क्रकया जार्ा है ।
• इसके शलए मैसज
ें र RNA अथवा mRNA उपयोग क्रकये जार्ा है । mRNA अर्ु, ड एनए (DNA) ननदे िों को
कायत करने हे र्ु सक्रक्रय करर्े हैं।
• कोशिका के भ र्र mRNA का उपयोग एक ‘नमन
ू े’ (Template) के रूप में क्रकया जार्ा है ।
य ककस प्रकार काया करता ै ?
1. ‘mRNA वैतस न’ का उत्पादन करने के शलए, वायरस द्वारा सींक्रामक प्रोटीन के ननमातर् में प्रयत
ु र् mRNA
का वैज्ञाननक एक शसींथदे टक सींस्करर् र्ैयार करर्े हैं।
2. इस शसींथदे टक mRNA को मानव िरीर में प्रववष्ट्ट कराया जार्ा है , िरीर की कोशिकाएीं शसींथेदटक mRNA
को वायरल प्रोटीन के ननमातर् करने के शलए ननदे िों के रूप में पढ़र् हैं, और इसशलए वायरस के कुछ
अर्ओ
ु ीं को स्वर्ाः ननमातर् करर् हैं।
3. ये प्रोटीन एकाकी होर्े हैं, अर्ाः ये वायरस ननमातर् हे र्ु एकबत्रर् नहीीं होर्े हैं।
4. िरीर की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली र्ब इन वायरल प्रोटीनों का पर्ा लगार् है और उनके शलए सरु क्षात्मक
प्रनर्क्रक्रया उत्पन्न करना िरू
ु कर दे र् है ।
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(नोट: समद्र
ु ी वार्ातलाप में ज ाजों की श्रेणी (class of ships), समान बनावट, उद्दे श्य और ववस्थापन वाले
जहाजों का एक समह
ू होर्ा है ।)
प्रीमलम्स के मलए तथ्य:
ऊपर उक्ल्लखखर् जहाजों का नामकरर्:
1. कलवरी (Kalvari) - टाइगर िाकत।
2. वाग र (Vagir) का नाम एक शिकारी समद्र
ु ी प्रजानर् सैंड क्रफि के नाम पर रखा गया है ।
3. खींडरे ी (Khanderi)- छत्रपनर् शिवाज द्वारा ननशमतर् एक द्व प क्रकले के नाम पर रखा गया है , क्जसने
उनकी नौसेना में महत्वपर्
ू त भशू मका ननभाई थ ।
4. करीं ज (Karanj)- मब
ुीं ई के दक्षक्षर् में क्स्थर् एक द्व प के नाम पर रखा गया है ।
भारत का पनिुधबी बेड़ा:
वर्तमान में , भारर् के पनडुब्ब बेड़े में , परमार्ु िाशलर् श्रेर् िक्र और अररहीं र् में , प्रत्येक में एक-एक पनडुब्ब
है । इसके अलावा ड जल इलेक्तरक श्रेर् के र् न वगों - कलवरी, शििक
ु ु मार और शसींधुघोष, में 14 पनडुक्ब्बयाीं
िाशमल हैं।
https://indianexpress.com/article/explained/explained-a-look-at-kalvari-class-of-submarines-and-its-
strategic-significance-7049172/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
5. ‘िीप ओशन ममशन' के आरिं भ े तु भारत तैयार
सिंदभा: भारर् द्वारा ि घ्र ही एक महत्वाकाींक्ष 'िीप ओशन ममशन' (Deep Ocean Mission) की िरु
ु आर् की
जाएग । इसके शलए आवश्यक अनम
ु ोदन प्राप्र् क्रकए जा रहे हैं।
भारत का ‘िीप ओशन ममशन’
'ड प ओिन शमिन' (Deep Ocean Mission) के र्हर्, 35 साल पहले इसरो द्वारा िरू
ु क्रकये गए अींर्ररक्ष
अन्वेषर् के समान गहरे महासागर में अन्वेषर् करने का प्रस्र्ाव क्रकया गया है ।
य ममशन, गहरे समद्र
ु में खनन, समद्र
ु ी जलवायु पररवर्तन सींबध
ीं सलाहकारी सेवाओीं, अन्र्जतलीय वाहनों
एवीं अन्र्जतलीय रोबोदटतस सींबध
ीं प्रौद्योचगक्रकयों पर केंहद्रत ोगा।
ररपोटत के अनस
ु ार, 'ड प ओिन शमिन' में दो प्रमख
ु पररयोजनाओीं, ज्वारीय ऊजात द्वारा सींिाशलर् एक
ववलवर् करर् सींयत्र
ीं (Desalination Plant) र्था कम से कम 6,000 म टर की गहराई पर अन्वेषर्
करने में सक्षम एक पनडुब्ब वाहन (Submersible Vehicle) को सक्म्मशलर् क्रकया गया है ।
म त्व:
यह शमिन भारर् के वविाल वविेष आचथतक क्षेत्र और महाद्व प य िेल्फ में अन्वेषर् करने सींबध
ीं प्रयासों
को बढ़ावा दे गा।
यह योजना भारर् को मध्य दहींद महासागर बेशसन (Central Indian Ocean Basin- CIOB) में सींसाधनों
का दोहन करने की क्षमर्ा ववकशसर् करने में सक्षम बनाएग ।
सिंभावनाएिं:
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भारर् को मध्य ह द
िं म ासागर बेमसन (CIOB) में पॉली-मेटैशलक नॉड्यल्
ू स (Polymetallic nodules- PMN)
अन्वेषर् के शलये सिंयक्
ु त राष्ट्र सागरीय तनतल प्रागधकरण (UN International Sea Bed Authority for
exploration) द्वारा 75,000 वगत क्रकलोम टर का आवींटन क्रकया गया है ।
मध्य दहींद महासागर बेशसन क्षेत्र में लो ा, मैंगनीज, तनकल और कोबाल्ट जैसी धातओ
ु िं के भण्िार हैं।
अनम
ु ाननर् है क्रक, इस वविाल भण्डार के मात्र 10% दोहन से भारर् की अगले 100 वषों के शलए
ऊजात आवश्यकर्ाएीं परू ी हो सकर् हैं।
पॉली-मेटैमलक नॉड्यल्
ू स (PMN)
• पॉली-मेटैशलक नॉड्यल्
ू स (क्जन्हें मैंगन ज नॉड्यल्
ू स भ कहा जार्ा है ) आलू के आकार के र्था प्रायाः
नछद्रयत
ु र् होर्े हैं। ये ववश्व महासागरों में गहरे समद्र
ु र्लों पर प्रिुर मात्रा में बबछे हुए पाए जार्े हैं।
• अवगठन: पॉली-मेटैशलक नॉड्यल्
ू स में मैंगन ज और लोहे के अलावा, ननकल, र्ाींबा, कोबाल्ट, स सा,
मोशलब्डेनम, कैडशमयम, वैनेडडयम, टाइटे ननयम पाए जार्े है , क्जनमें से ननकल, कोबाल्ट और र्ाींबा आचथतक
और सामररक महत्व के माने जार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. ‘गहरे समद्र
ु में खनन’ तया होर्ा है ?
2. PMN तया हैं?
3. मध्य दहींद महासागर बेशसन (CIOB) की अवक्स्थनर्
4. सींयत
ु र् राष्ट्र सागरीय ननर्ल प्राचधकरर् के कायत
में स मलिंक:
भारर् द्वारा िरू
ु क्रकए जाने वाले 'ड प ओिन शमिन' की आवश्यकर्ा और महत्व पर ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GNP8090AI.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
6. अलवणीकरण सिंयत्र
िं (Desalination Plant)
सिंदभा: हाल ही में , महाराष्ट्र के मख्
ु यमींत्र उद्धव ठाकरे द्वारा मब
ुिं ई में प ले अलवणीकरण सिंयत्र
िं (Desalination
Plant) की स्थापना हे र्ु मींजूरी प्रदान की गय है ।
इस प्रस्र्ाववर् सींयत्र
ीं द्वारा 200 मममलयन लीटर प्रततहदन (MLD) जल सींसाचधर् क्रकया जाएगा, इससे मब
ुीं ई में ,
मई और जन
ू के महीनों के दौरान होने वाली पान की कम को दरू क्रकया जा सकेगा।
जस्वस चैलेंज ववगध (Swiss Challenge method)
‘क्स्वस िैलेंज ववचध’ बोली लगाने का एक र्रीका होर् है , क्जसे प्रायाः सावतजननक पररयोजनाओीं में उपयोग क्रकया
जार्ा है ।
इस पररयोजना के शलए बह
ृ न्मब
ुीं ई नगर ननगम )Brihanmumbai Municipal Corporation -BMC) द्वारा
क्स्वस िैलेंज ववचध) Swiss Challenge methodका ( उपयोग क्रकये जाने की योजना बनाय जा रही है ।
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इस ववचध में ,पररयोजना को एक अनापेक्षक्षर् बोली लगाने वाले क्रकस ननज व्यक्तर् के शलए प्रदान
क्रकया जा सकर्ा है ।
इसमें , सबसे पहले प्रस्र्ाव पेि करने वाली ननज फमत से स धे वार्ात के शलए सींपकत क्रकया जा सकर्ा
है और , इसके सहमर् नही होने पर अन्य बोली लगाने वालों को आमींबत्रर् क्रकया जार्ा है ।
‘अलवणीकरण सिंयत्र
िं ’ क्या ैं?
अलवर् करर् सींयत्र
ीं (Desalination Plant) द्वारा खारे पान को प ने योग्य पान में पररवनर्तर् क्रकया जार्ा है ।
इस प्रक्रक्रया में सवातचधक इस्र्ेमाल की जाने वाली र्कन क ‘उत्क्रम परासरर्/ ररवसत ऑस्मोशसस (Reverse
osmosis- RO) होर् है ।
इसके र्हर्, बाहरी दबाव (Pressure) का उपयोग करके पान में दवू षर् पदाथो को उच्ि साींद्रर् वाले क्षेत्र
से, एक अधतपारगम्य खझल्ली (Membrane) के माध्यम से, दवू षर् पदाथो के ननम्न साींद्रर् वाले क्षेत्र में
धकेला जार्ा है ।
खझल्ली में मौजूद सक्ष्
ू म नछद्रों से होकर स्वच्छ जल-अर्ु दस
ू री और पहुँि जार्े है, र्था दवू षर् पदाथत
प छे रह जार्े हैं।
इन अलवर् करर् सींयत्रों को अचधकाींिर्ाः सागरीय जल की प ु ँच वाले क्षेत्रों में स्थावपत ककया जाता ै ।
भारत में इस तकनीक का उपयोग
यह र्कन क, मख्
ु यर्ाः अभ र्क मध्य पव ृ ध दे िों र्क ही स शमर् है क्रकींर्ु हाल ही में सींयत
ू त के समद् ु र् राज्य
अमेररका और ऑस्रे शलया के कुछ दहस्सों में इसका प्रयोग िरू
ु क्रकया गया है ।
भारर् में , इस र्कन क का सबसे पहले र्शमलनाडु में प्रयोग क्रकया गया है । राज्य में िेन्नई के ननकट
वषत 2010 और 2013 में दो अलवर् करर् सींयत्र
ीं स्थावपर् क्रकए गए।
गज
ु रार् और आींध्र प्रदे ि भ इस र्कन क के उपयोग पर वविार कर रहे हैं।
चुनौततयािं:
अलवर् करर् सींयत्र
ीं स्थावपर् करने और इसके पररिालन की उच्ि लागर्।
अलवर् करर् प्रक्रक्रया के फलस्वरूप उपोत्पादों, जैसे उच्ि साींदद्रर् लवर् य जल (Brine) का ननपटान।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. अलवर् करर् तया है ?
2. अलवर् करर् सींयत्र
ीं तया है?
3. ररवसत ऑस्मोशसस तया होर् है ?
4. भारर् में अलवर् करर् सींयत्र
ीं
में स मलिंक:
अलवर् करर् तया होर्ा है ? हाल ही में मब
ींु ई में अलवर् करर् सींयत्र
ीं की स्थापना का तया कारर् है ? ििात
कीक्जए।
https://indianexpress.com/article/explained/mumbai-desalination-plant-7063528/.
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लाभ:
1. लागर् प्रभाव
2. नई क्रकट की आवश्यकर्ा के बबना आसान र्रीके से इस्र्ेमाल
3. मौज़ूदा जनिक्तर् को बबना कोई अनर्ररतर् प्रशिक्षर् ददये इसे प्रयत
ु र् क्रकया जा सकर्ा है
4. दे ि में परीक्षर् क्षमर्ा में र् व्र वद्
ृ चध करने में सक्षम
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RNA और DNA में अींर्र
2. RT- PCR र्था एींटीबॉड परीक्षर्ों में अींर्र
3. RNA वायरस तया है ?
4. एींटीबॉड तया हैं?
5. ड्राई स्वाब डायरे तट आरटी-प स आर परीक्षर् ववचध तया है ?
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में स मलिंक:
ड्राई स्वाब डायरे तट आरटी-प स आर परीक्षर् ववचध के महत्व पर ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
ववषय:सि
ू ना प्रौद्योचगकी, अींर्ररक्ष, कींप्यट
ू र, रोबोदटतस, नैनो-टै तनोलॉज , बायो-टै तनोलॉज और बौद्चधक सींपदा
अचधकारों से सींबचीं धर् ववषयों के सींबध
ीं में जागरुकर्ा।
1. चावल को पोषणयक्
ु त बनाने े तु पररयोजना (Scheme on Fortification of Rice)
सिंदभा: िावल को पोषर्यत
ु र् बनाने (Fortification of Rice) र्था सावाजतनक ववतरण प्रणाली के जररए इसके
ववर्रर् को मजबर्
ू करने हे र्ु केन्द्र प्रायोजजत पायलट योजना लागू करने के शलए 15 राज्यों की पहिान की
गई है ।
इस पायलट योजना को 2019-2020 से आरीं भ होकर र् न साल की अवचध के शलए मींजरू ी दी गई है ।
पोषणयक्
ु त चावल ककस प्रकार बनाया जाता ै?
क्रकस खाद्यान्न को पोषर्यत
ु र् बनाने के शलए उसमे सावधान से आवश्यक सक्ष्
ू म पोषक र्त्वों अथातर् ् ववटाशमन
और खननज र्त्वों, की मात्रा में वद्
ृ चध की जार् है । इसका उद्दे श्य आपनू र्त क्रकए जाने वाले खाद्यान्न की पोषर्
गर्
ु वत्ता में सध
ु ार करना र्था न्यन
ू र्म जोखखम के साथ उपभोतर्ाओीं को स्वास््य लाभ प्रदान करना है ।
चावल को पोषणयक्
ु त बनाना (Rice Fortification), िावल में आवश्यक सक्ष्
ू म पोषक र्त्वों की मात्रा की वद्
ृ चध
करना और िावल की पोषर् गर्
ु वत्ता में सध
ु ार करने की एक ववचध होर् है ।
पोषणयक्
ु त चावल/ राइस फोहटा कफकेशन की आवश्यकता
िावल ववश्व का सबसे महत्वपर्
ू त प्रमख
ु भोजन है । प्रनर्ददन लगभग 2 बबशलयन लोग िावल का भोजन के रूप
में खार्े हैं र्था यह एशिया और अफ्रीका के अचधकाँि भाग में आहार का मख्
ु य आधार है ।
• शमल से ननकले हुए सामान्य िावल में सक्ष्
ू म पोषक र्त्वों की कम होर् है , और यह िरीर में मख्
ु य
रूप से केवल काबोहाइड्रेट की आपनू र्त करर्ा है । पोषर् को बेहर्र बनाने के शलए राइस फोदटत क्रफकेिन
एक प्रमख
ु र्रीका है ।
• पोषर्यत
ु र् िावल में ववटाशमन ए, ववटाशमन ब 1, ववटाशमन ब 12, फोशलक एशसड, आयरन और क्जींक
उपयत
ु र् मात्रा में पाए जार्े हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. जैव फोदटत क्रफकेिन बनाम आनव
ु शीं िक पररवर्तन
2. सक्ष्
ू म पोषक बनाम वह
ृ द पोषक र्त्व
3. भारर् में जैव उवतरक और ज एम फसलों के शलए स्व कृनर्
4. भारर् में अनम
ु नर् प्राप्र् ज एम फसलें
में स मलिंक:
क्रकस खाद्यान्न को पोषर्यत
ु र् बनाने से आप तया समझर्े हैं? इसके फायदों के बारे में ििात कीक्जए।
स्रोर्: प आईब
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. रे डडयो र्रीं गें तया होर् हैं?
2. ववद्यर्
ु िम्
ु बकीय स्पेतरम तया होर्ा है ?
3. 'मैग्नेटर' तया हैं?
4. न्यर
ू ॉन र्ारा तया है ?
https://www.downtoearth.org.in/news/energy/fast-radio-bursts-detected-in-the-milky-way-for-the-
first-time-74114.
स्रोर्: डाउन टू अथत
3. EOS-01: भारत का नवीनतम पथ्
ृ वी तनगरानी उपग्र
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य अींर्ररक्ष अनस
ु ध
ीं ान सींस्थान (ISRO) द्वारा श्र हररकोटा के सर् ि धवन स्पेस सेंटर
से ‘पथ्
ृ वी तनगरानी उपग्र ’ / ‘अथा ऑधजवेशन सैटेलाइट-1 (EOS-1) को प्रक्षेवपर् क्रकया गया है । वपछले साल
11 ददसींबर को RISAT-2BR1 के प्रक्षेपण के बाद से य ISRO का प ला ममशन है ।
(नोट: इसरो द्वारा इस वषत जनवरी में एक सिंचार उपग्र जीसैट -30 को भ अींर्ररक्ष में भेजा गया था, क्रकीं र्ु
इस उपग्रह को फ्रेंि गय
ु ाना एररयन रॉकेट द्वारा प्रक्षेवपर् क्रकया गया था)।
EOS-01 क्या ै?
यह एक प्
ृ व ननगरान उपग्रह (Earth Observation Satellite) है ।
EOS-01 एक अन्य रडार इमेक्जींग सैटेलाइट (Radar Imaging Satellite-RISAT) है , यह वपछले साल
प्रक्षेवपर् क्रकये गए RISAT-2B और RISAT-2BR1 उपग्रहों के साथ शमलकर काम करे गा।
EOS-01 के प्रक्षेपण के बाद से सभ प्
ृ व ननगरान उपग्रहों को EOS – सीरीज कहा जाएगा।
पथ्
ृ वी तनगरानी उपग्र ों का उपयोग
प्
ृ व ननगरान उपग्रहों (Earth Observation Satellites) का उपयोग, भशू म एवीं वन मानचित्रर् र्था ननगरान ,
जल एवीं खननज या मछशलयाीं आदद सींसाधनों का मानचित्रर्, मौसम और जलवायु ननगरान , मद
ृ ा-अवलोकन, भ-ू
स्थाननक समोच्ि मानचित्रर् आदद कायो हे र्ु क्रकया जार्ा है । ऑजप्टकल उपकरणों की अपेक्षा रिार इमेजजिंग के
लाभ
रडार इमेक्जींग में मौसम, बादल, कोहरे अथवा सौर-प्रकाि की कम आदद का कोई प्रभाव नहीीं पड़र्ा है । यह सभ
पररक्स्थनर्यों में और हर समय उच्ि-गर्
ु वत्ता वाले चित्र प्रदान कर सकर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. रडार इमेक्जींग तया है ?
2. प्
ृ व -ननगरान उपग्रह तया हैं?
3. GSLV और PSLV के ब ि अींर्र
4. EOS-01 के अनप्र
ु योग
5. प्
ृ व की ननिली कक्षा और भक्ू स्थर कक्षाओीं के मध्य अींर्र
में स मलिंक:
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ध्रुव य उपग्रह प्रक्षेपर् वाहन (PSLV) दनु नया के सबसे ववश्वसन य अींर्ररक्ष प्रक्षेपर् वाहनों में से एक तयों माना
जार्ा है ? यह भारर् को व्यावसानयक और र्कन की रूप से कैसे मदद कर रहा है ?
https://indianexpress.com/article/explained/what-is-eos-01-india-earth-observation-satellite-
6988784/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
4. फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine)
सिंदभा: हाल ही में , अमेररकी फामात कींपन फाइजर (Pfizer) और उसकी जमतन की पाटत नर कींपन BioNTech ने
दावा क्रकया है क्रक उनके द्वारा सींयत
ु र् रूप से ववकशसर् कोरोना वायरस वैतस न तीसरे चरण के रायल में 90
फीसदी प्रभाव है ।
तीसरे चरण का परीक्षण
वैतस न के र् सरे िरर् के परीक्षर्ों के दौरान दवा-ननमातर्ाओीं का प्रमख
ु लक्ष्य वैक्सीन की प्रभावकाररता और
सरु क्षा तनधााररत करना होर्ा है ।
इसका उद्दे श्य ,दवाओीं के अनम
ु ोदन और पींज करर् को ववननयशमर् करने वाले ववशभन्न वैक्श्वक और
राष्ट्रीय ननकायों के समक्ष प्रस्र्र्
ु करने हे र्ु स्पष्ट्ट आींकड़ों को एकत्र करना होर्ा है ।
यदद टीका, प्रभाव और अपेक्षाकृर् सरु क्षक्षर् पाया जार्ा है , र्ो इसे ववर्रर् हे र्ु अनम
ु ोददर् कर ददया
जार्ा है ।
उपरोक्त वैक्सीन ककस प्रकार ववकमसत की गयी?
• फाइजर (Pfizer) और BioNTech वैतस न में मैसज
ें र RNA (mRNA) र्कन क का उपयोग क्रकया गया है ।
यह र्कन क ‘शसींथेदटक ज न’ पर ननभतर करर् है । इस शसींथदे टक ज न को कुछ हफ्र्ों में उत्पन्न और
ननशमतर् क्रकया जा सकर्ा है।
• पारीं पररक टीकों के द्वारा, रोगजनकों (Pathogens) द्वारा ननशमतर् प्रोटीन को पहिानने और उसे नष्ट्ट
करने के शलए िरीर को प्रशिक्षक्षर् क्रकया जार्ा है । इसके ववपरीर्, mRNA द्वारा रोग की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली
को खद
ु से वायरल प्रोटीन का उत्पादन करने के शलए भ्रशमर् क्रकया जार्ा है । ये प्रोटीन हाननरदहर् होर्े
हैं, क्रकीं र्ु एक सितर् प्रनर्रक्षा प्रनर्क्रक्रया सक्रक्रय करने हे र्ु पयातप्र् होर्े है ।
आगामी चुनौततयािं:
• फाइजर की कोववड-19 वैतस न को अनर्ि र् र्ापमान (Ultracold Temperatures) पर भींडारर् क्रकये
जाने की आवश्यकर्ा होर् है । ववश्व के कई दे िों में अचधकाँि लोगों के पास इस वैतस न अथवा अन्य
परीं परागर् कोरोनावायरस वैतस न के भण्डारर् हे र्ु आवश्यक बनु नयादी ढाींिा नहीीं है ।
• यह वैतस न द्वारा क्रकर्ने समय र्क सरु क्षा प्रदान करे ग ? यह प्रश्न अभ अनत्त
ु ररर् है ।
• ववश्व स्वास््य सींगठन (WHO) द्वारा $ 4.5 बबशलयन की ववत्त य कम होने की िेर्ावन दी गय है ,
इससे ननम्न और मध्यम आय वाले दे िों में परीक्षर्, दवाओीं और टीकों की पहुींि में दे री हो सकर् है ।
सामान्यतः टीकाकरण आवश्यकता क्यों ोती ै?
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सवतसाधारर् के टीकाकरर् करने का लक्ष्य उस ववभजक्त बबिंद ु र्क पहुींिना होर्ा है, जहाँ लगभग सभ लोगों को
टीका ददया जार्ा है और उनकी प्रनर्रक्षा प्रर्ाली आींशिक रूप से काफी प्रबल हो जार् है , क्रक क्रकस ब मारी के
वायरस को मनष्ट्ु य से मनष्ट्ु य में सिंिमण करने े तु उपयक्
ु त मेजबान न ीिं ममलता ै , और अींर्र्ाः वायरस नष्ट्ट
हो जार्ा है । यह सामदू हक रोग प्रनर्रोधक िक्तर् (Herd Immunity) का एक स्वरूप होर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. RT- PCR, रै वपड एींटीबॉड और रै वपड एींटीजन टे स्ट के मध्य अींर्र
2. एींटीबॉड तया होर्े हैं?
3. एींटीजन तया होर्े हैं?
4. िरीर की प्रनर्रक्षा प्रर्ाली क्रकस प्रकार कायत करर् है ?
5. शलम्फोसाइर्टस (lymphocytes) तया हैं?
6. mRNA र्कन क तया है ?
में स मलिंक:
रै वपड एींटीजन परीक्षर् पर एक दटप्पर् शलखखए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GEC7UUGO6.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
5. थटी मीटर टे लीस्कोप (TMT) पररयोजना
सिंदभा: भारर् य खगोलववदों द्वारा थटी म टर टे लीस्कोप प्रोजेतट पर नोबेल परु स्कार ववजेर्ा के साथ सहयोग में
कायत क्रकया जा रहा है ।
वषा 2020 के भौततकी नोबेल परु स्कार ववजेता प्रोफेसर घेज ने दरू ब न पररयोजना में प्रयत
ु र् बैक एींड उपकरर्ों
से जुड़े र्कन की पहलओ
ु ीं के ववकास में भारर् य खगोलववदों के साथ अहम भशू मका ननभाई है ।
थटी मीटर टे लीस्कोप (TMT) के सिंबध
िं में :
थटी म टर टे लीस्कोप (Thirty Meter Telescope- TMT), वविालकाय टे शलस्कोप (Extremely Large
Telescope- ELT) वाली एक खगोलीय वेधिाला है ।
यह कनाडा, ि न, भारर्, जापान और सींयत
ु र् राज्य अमेररका के वैज्ञाननक सींगठनों द्वारा ववत्त पोवषर्
एक अींर्रातष्ट्रीय पररयोजना है ।
ननयोक्जर् स्थान: अमेररका के हवाई प्राींर् में हवाई द्व प समह
ू के मौना की (Mauna Kea) पर TMT
पररयोजना को स्थावपर् क्रकया जा रहा है ।
उद्दे श्य: TMT को मध्य-अवरतर् से लेकर पराबैंगन अवलोकन के शलए डडज़ाइन क्रकया गया है । इसमें
चित्रों के धुींधलेपन को सही करने में सहायर्ा करने हे र्ु अनक
ु ू लक प्रकाशिकी को प्रयत
ु र् क्रकया गया है ।
म त्व:
TMTबैज्ञाननकों , के शलए ब्रहमाींड में दरू क्स्थर् धुींधले वपींडो का अध्ययन करने में सक्षम बनाएगा ,
क्जससेब्रहमाींड की उत्पवत्त के प्रारक्म्भक िरर्ों के सींबध
ीं में जानकारी प्राप्र् होग ।
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यह अज्ञार् ग्रहों और सौर मींडल में अन्य वपींडो र्था अन्य र्ारों के सम प क्स्थर् ग्रहों के बारे में सक्ष्
ू म
वववरर् प्रदान करे गा।
स्रोर्: प आईब
ववषय: सि
ू ना प्रौद्योचगकी, अींर्ररक्ष, कींप्यट
ू र, रोबोदटतस, नैनो-टै तनोलॉज , बायो-टै तनोलॉज और बौद्चधक सींपदा
अचधकारों से सींबचीं धर् ववषयों के सींबध
ीं में जागरुकर्ा।
6. OTT प्लेटफॉम्सा पर सरकारी तनयिंत्रण
सिंदभा: हाल ही में , सरकार द्वारा ‘ओवर द टॉप’ (OTT) प्लेटफॉम्सा या वीडियो स्रीममिंग सेवा प्रदाताओिं को सच
ू ना
और प्रसारण मिंत्रालय के दायरे में लाया गया है ।
राजपबत्रत अगधसच
ू ना के अनस
ु ार:
ऑनलाइन क्रफल्में, डडक्जटल समािार और समसामनयक मद्
ु दों से सींबचीं धर् सामग्र अब सि
ू ना और
प्रसारर् मींत्रालय के दायरे के अध न है । I & B मींत्रालय के प्रमख
ु केंद्रीय मींत्र प्रकाि जावड़ेकर हैं।
OTT प्लेटफॉम्सत अभ र्क ववननयशमर् नहीीं क्रकये गए थे, सरकार के इस आदे ि से OTT प्लेटफॉमत
सरकारी ननयींत्रर् के अध न आ जाएींगे।
अब तक इस क्षेत्र को ककस प्रकार ववतनयममत ककया जाता था?
वर्तमान में , डडक्जटल सामग्र को ननयींबत्रर् करने वाला कोई कानन
ू अथवा स्वायत्त ननकाय नहीीं है । लेक्रकन, समय-
समय पर, सरकार द्वारा इन प्लेटफामों की ननगरान क्रकये जाने की आवश्यकर्ा का सींकेर् ददया जार्ा रहा।
वपछले वषत अतटूबर में सरकार ने सींकेर् ददया था क्रक वह नेटक्फ्लतस और हॉटस्टार जैस व डडयो
स्रीशमींग सेवाओीं के शलए ननवषद्ध कायतक्रमों की एक‘ नकारात्मक ’सि
ू जारी करे ग ।
सरकार द्वारा इन प्लेटफॉम्सत से समािार प्रसारर् मानक प्राचधकरर् की र्जत पर एक स्वननयामक -
सींस्थागदठर् क्रकये जान की अपेक्षा की गय थ ।
स्व-तनयामक कोि:
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जनवरी 2019 में , आठ व डडयो स्रीशमींग सेवा प्रदार्ाओीं द्वारा एक स्व-ननयामक कोड पर हस्र्ाक्षर
क्रकए गए थे, क्जसके र्हर् इन प्लेटफामों पर ददखाई जाने वाली सामग्र के शलए ननदे िक शसद्धाींर्ों का
एक सेट र्ैयार क्रकया गया था।
इस स्व-ननयामक कोड को OTT द्वारा वपछली जनवरी में अपनाया गया, और इसमें पाींि प्रकार की
सामग्र को प्रनर्बींचधर् क्रकया गया है , क्जसमें , क्रकस भ प्रकार से जानबझ
ू कर और दभ
ु ातवनापव
ू क
त राष्ट्रीय
प्रर् क या ध्वज का अपमान करने वाली सामग्र र्था बाल पोनोग्राफी को बढ़ावा दे ने वाली स्टोरी-
लाइन्स को िाशमल क्रकया गया है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8V7V5P0S.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
7. स्पेसएक्स-नासा का आगामी िू -1 ममशन
सिंदभा: हाल ही में , नासा द्वारा स्पेसएतस के िू ड्रैगन कैप्सल
ू (Crew Dragon capsule) और फाल्कन 9
(Falcon 9) रॉकेट को प्रमाखर्र् कर ददया गया है । यह अींर्ररक्ष एजेंस द्वारा प्रदान क्रकया गया प ला अिंतररक्ष
यान प्रमाणन (first spacecraft certification) है ।
इसका र्ात्पयत है क्रक स्पेसएतस अब अींर्ररक्ष स्टे िन के शलए ननयशमर् उड़ानें सींिाशलर् कर सकर्ा है ।
स्पेसएतस का क्रू ड्रैगन अींर्ररक्ष यान 14 नवींबर को फ्लोररडा में नासा के कैनेड स्पेस सेंटर से उड़ान
भरे गा।
‘िू-1 ममशन’ क्या ै?
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• क्रू-1 (Crew-1) शमिन, नासा के कमशितयल क्रू प्रोग्राम का एक दहस्सा है , क्जसका उद्दे श्य लागर् के सींदभत
में अींर्ररक्ष र्क पहुींि को आसान बनाना है , क्जससे कागो और िालक दल को अींर्ररातष्ट्रीय अींर्ररक्ष
स्टे िन (ISS) से आसान से भेजा और लाया जा सके। इससे वैज्ञाननक िोध में सग
ु मर्ा हो सकेग ।
• गौरर्लब है क्रक, क्रू -1, अींर्ररातष्ट्रीय अींर्ररक्ष स्टे िन के शलए फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा स्पेसएतस क्रू ड्रैगन
अींर्ररक्ष यान की पहली पररिालन उड़ान होग र्था यह 2020-2021 के दौरान ननधातररर् र् न उड़ानों
में से पहली उड़ान है ।
स्पेसएक्स िू ड्रैगन कैप्सल
ू के बारे में :
स्पेसएतस का क्रू ड्रैगन कैप्सल
ू , नासा के शमिनों पर िार अींर्ररक्ष याबत्रयों को ले जाएगा र्था अींर्ररक्ष स्टे िन
पर सार् सदस्यों के दल की दे ख-रे ख करे गा, क्जससे इन्हें अींर्ररक्ष में पररक्रमा कर रही प्रयोगिाला पर वैज्ञाननक
अनस
ु ध
ीं ान के शलए अचधकर्म समय शमल सकेगा।
अिंतररााष्ट्रीय अिंतररक्ष स्टे शन पर िू-1 के सदस्यों का काया
• क्रू -1 टीम, ISS पर माइक्रोग्रैववटी का अध्ययन करे ग ।
• इसके सदस्यों द्वारा खाद्य िरीर क्रक्रया ववज्ञान (food physiology) पर िोध क्रकया जा रहा है , क्जससे
अींर्ररक्ष यात्रा के दौरान िालक दल की िरीर प्रनर्रक्षा प्रर्ाली और पािन र्ींत्र के अनक
ु ू लन में सहयोग
शमल सकर्ा है ।
• कक्षा में पहुिने के बाद अींर्ररक्ष यात्र , प्
ृ व पर वैज्ञाननकों के शलए डेटा प्रदान करने हे र्ु नमन
ू े एकत्र
करें ग,े क्जससे आहार पररवर्तन से िरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन क्रकया जा सकेगा।
• इसके अलावा, छात्रों द्वारा डडजाइन क्रकया गया ‘ज ींस इन स्पेस-7’ नामक प्रयोग क्रकया जाएगा, इसका
उद्दे श्य यह समझना है , क्रक अींर्ररक्ष उड़ान, मक्स्र्ष्ट्क के कायत को क्रकस प्रकार प्रभाववर् करर् है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. नासा का कमशितयल क्रू प्रोग्राम -भाग दार
2. अींर्ररक्ष िटल कायतक्रम
3. डेमो-1 बनाम डेमो -2 शमिन
4. ISS तया है ?
5. अींर्ररक्ष स्टे िन के बारे में
https://indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-spacex-nasas-upcoming-crew-1-
mission-launch-7048037/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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8. केरल फाइबर ऑजप्टक नेटवका पररयोजना (KFONP) (Kerala Fibre Optic Network Project)
सिंदभा: केरल सरकार का लक्ष्य केरल फाइबर ऑजप्टक नेटवका पररयोजना (KFONP) के माध्यम से ददसींबर र्क
गरीब पररवारों, सावतजननक कायातलयों के शलए मफ्
ु र् इींटरनेट प्रदान करना है ।
पररयोजना के बारे में :
• केरल फाइबर ऑक्प्टक नेटवकत पररयोजना का लक्ष्य, केरल सरकार द्वारा ‘इींटरनेट एतसेस’ को 'नागररक
अचधकार' बनाने सींबध
ीं उद्दे श्य को परू ा करना है ।
• इसके र्हर् 20 लाख से अचधक गरीब रे खा से न िे रहने वाले (BPL) पररवारों के शलए मफ्
ु र् उच्ि गनर्
सदहर् इींटरनेट सवु वधा प्रदान की जाएग ।
• यह पररयोजना केरल राज्य बबजली बोडत (Kerala State Electricity Board) और केरल राज्य सि
ू ना
प्रौद्योचगकी इन्फ्रास्रतिर शलशमटे ड (Kerala State Information Technology Infrastructure Limited-
KSITIL) की एक सहयोगात्मक पहल है । इींटरनेट सेवा प्रदार्ा और केबल टे लीववजन ऑपरे टर भ अपन
सेवाएँ प्रदान करने के शलये इस पररयोजना में िाशमल हो सकर्े हैं।
• राज्य सरकार के अनस
ु ार- लगभग 30,000 से अचधक सरकारी कायातलयों और स्कूलों को इस पररयोजना
के र्हर् हाई-स्प ड नेटवकत के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
KFONP का म त्व:
यह पररयोजना आरीं भ होने पर, राज्य के शलए एक और म ल का पत्थर साबबर् होग । केरल राज्य पहले से ही
मानव ववकास सींकेर्कों में ि षत पर है , र्था कई सींकेर्कों में , वविेषकर स्वास््य सींकेर्कों में ववश्व के ववकशसर्
दे िों से समानर्ा करर्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. KFON पररयोजना के बारे में
2. भारर् नेट के बारे में
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G8F7VL15T.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
9. यरू ोपीय अिंतररक्ष एजेंसी का एररयल स्पेस ममशन (Ariel Space Mission adopted by the European Space
Agency)
सिंदभा: हाल ही में , यरू ोपीय अिंतररक्ष एजेंसी (European Space Agency- ESA) द्वारा औपिाररक रूप से एररयल
(Ariel) शमिन को अपनाया गया है ।
एररयल क्या ै?
एररयल (एटमॉस्फेररक ररमोट-सेंशसींग इन्फ्रारे ड एतसोप्लेनेट लाजत-सवे) अथातर् Ariel (Atmospheric Remote-
sensing Infrared Exoplanet Large-survey) को वषत 2029 में लॉन्ि क्रकया जाएगा।
यह िार साल की अवचध के दौरान एक हजार से अचधक एतसोप्लैनेट का व्यापक स्र्र पर सवेक्षर्
करे गा।
इसके र्हर्, यह एतसोप्लैनट
े की प्रकृनर्, उसकी सींरिना और ववकास का अध्ययन करे गा।
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ये स्टे म सेल, कैं सर, एन शमया जैसे रतर् ववकारों और िरीर की रक्षा प्रक्रक्रया को बाचधर् करने वाले कुछ
प्रनर्रक्षा प्रर्ाली ववकारों का इलाज कर सकने में सक्षम होर् हैं।
गभतनाल द्रव्य को एकबत्रर् करना आसान होर्ा है और इसमें अक्स्थ मज्जा की र्ल
ु ना में 10 गन
ु ा अचधक
स्टे म कोशिकाएीं होर् हैं।
कॉडत ब्लड की स्टे म कोशिकाएीं द्वारा क्रकस सींक्रामक रोग फैलने की सींभावना काफी कम होर् है ।
‘स्टे म सेल बैंककिं ग’ सम्बिंगधत गचिंताएँ:
• वपछले कुछ दिकों में ‘स्टे म सेल बैंक्रकीं ग’ की माकेदटींग का बहुर् र्ेज से ववकास हुआ है , जबक्रक क्रफलहाल
यह अपने प्रायोचगक िरर्ों से गज
ु र रहा है । क्रकीं र्,ु कोशिकाओीं को सींरक्षक्षर् करने के नाम पर कींपननयाीं
पेरेंर्टस से अत्यचधक िल्
ु क वसल
ु र् हैं।
• यहाँ चिींर्ा का ववषय यह है क्रक, कींपननयाीं केवल इमोिनल माकेदटग के जररए भववष्ट्य के चिक्रकत्स य
उपयोग का वादा करर्े हुए कई वषों र्क मार्ा-वपर्ा को कोशिकाओीं को बैंक करने के शलए मनार् हैं।
• िूींक्रक, कॉडत ब्लड का भववष्ट्य में इस्र्ेमाल का अभ र्क कोई भ वैज्ञाननक आधार स्थावपर् नहीीं है ,
इसशलए यह नैनर्क और सामाक्जक रूप से दोनों से ही चिींर्ा का ववषय है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. स्टे म सेल तया हैं?
2. स्टे म सेल के प्रकार?
3. उनके लाभ?
4. स्टे म सेल थेरेप तया है ?
5. इस सींबध
ीं में ववशभन्न पररयोजनाएँ।
में स मलिंक:
कॉडत ब्लड तया होर्ा है ? मार्ा-वपर्ा, क्रकस प्रकार स्टे म सेल बैंक्रकीं ग कींपननयों द्वारा भावनात्मक ववपर्न रर्न नर्
का शिकार हो रहे हैं? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GQK7VVFUS.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
12. सेंहटनल-6 सेटेलाइट (Sentinel-6 satellite)
सिंदभा: 'कोपननतकस सेंदटनल-6 माइकल फ्रीलीि उपग्रह' (Copernicus Sentinel-6 Michael Freilich satellite)
का ननमातर् महासागरों की ननगरान के शलए क्रकया गया है ।
इसे, हाल ही में , कैशलफोननतया से स्पेसएतस फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा प्रक्षेवपर् क्रकया गया है ।
यह वैजश्वक समद्र
ु ीय स्तर में ोने वाले पररवतानों की तनगरानी करने े तु एक शमिन का एक दहस्सा
है ।
सेंहटनल-6 ममशन (Sentinel-6 Mission)
इस शमिन को जेसन तनरिं तरता सेवा (Jason Continuity of Service: Jason-CS) ममशन भ कहा जार्ा है ।
सेंहटनल-6 उपग्र का काया
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में स मलिंक:
जेसन ननरीं र्रर्ा सेवा (Jason-CS) शमिन के महत्व पर ििात कीक्जए।
https://www.google.com/amp/s/indianexpress.com/article/explained/explained-what-is-the-
sentinel-6-satellite-and-why-is-it-important-7060713/lite/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
13. इसरो का शि
ु यान (ISRO’s Shukrayaan)
सिंदभा: भारर् य अींर्ररक्ष अनस
ु ध
ीं ान सींगठन (ISRO) द्वारा अपने प्रस्ताववत शि
ु यान (Shukrayaan) ममशन के
शलए अींर्ररक्ष-आधाररर् 20 प्रायोचगक प्रस्र्ावों का ियन क्रकया गया है ।
शि
ु यान के बारे में :
इस शमिन के र्हर् िक्र
ु (Venus) ग्रह का िार वषत र्क अध्ययन क्रकया जाएगा।
• वैज्ञाननक उद्दे श्य: िक्र
ु ग्रह की बनावट, िक्रर्, सर्ह ववकास र्था सहज ग्र नहाउस सींकल्पना, सर्ही/उप-
सर्ही वविेषर्ाएँ र्था प्रक्रक्रयाएँ, िक्र
ु ीय वायम
ु ड
ीं ल का अनर् घर्
ू नत र्था ववकास, और सौर ववक्रकरर्/सौर
पवन से अन्योन्यक्रक्रया के बारे में अध्ययन।
• इस उपग्रह को ज एसएलव माकत II राकेट (GSLV Mk II rocket) से प्रक्षेवपर् क्रकये जाने की योजना है ।
• इसकी प्रस्र्ाववर् कक्षा, िक्र
ु ग्रह से लगभग 500 x 60,000 क्रकम दरू होने की सींभावना है । इस कक्षा
को िरर्बद्ध र्रीके कम क्रकया जाएगा, और कुछ माह पश्िार् यह िक्र
ु से न्यन
ू र्म अपोआपशसस
(apoapsis) अथातर् ग्रह के दरू स्थ बबींद,ु पर स्थावपर् हो जाएग ।
शि
ु ग्र के अध्ययन की आवश्यकता
िक्र
ु ग्रह को अतसर आकार, द्रव्यमान, घनत्व, बनावट और गरु
ु त्वाकषतर् में समानर्ा के कारर् पथ्
ृ वी की
‘जुड़वािं ब न’ के रूप में वखर्तर् क्रकया जार्ा है ।
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नमन
ू े एकबत्रत करने े तु गचजह्नत स्थान:
िाींग’ई-5 प्रोब, ओमशयनस प्रोसेलरम (Oceanus Procellarum) या ‘ओमशयन ऑफ स्टॉमा’ (Ocean of Storms)
के नाम से जाने जाने वाले, अब र्क अनन्वेवषर् (Unexplored), और वविाल लावा ननशमतर् मैदान से 2
क्रकलोग्राम सर्ही नमन
ू े एकत्र करे गा।
चािंग’ई-5 प्रोब ममशन द्वारा, चीन के अिंतररक्ष इतत ास में तनम्नमलखखत ‘चार घटनाएिं’ प ली बार ोंगी:
1. िींद्रमा की सर्ह से उड़ान भरने वाला यह पहला प्रोब होगा।
2. िींद्रमा की सर्ह से ,स्विाशलर् रूप से नमन
ू े एकत्र करने वाला पहला प्रोब।
3. िींदमा की सर्ह पर पहली बार मानवरदहर् प्रोब का भ्रमर् और िन्द्र कक्षा में डॉक्रकींग।
4. िींद्रसर्ह- से नमन
ू ों सदहर् पलायन वेग (Escape Velocity) से प्
ृ व पर लौटने का पहला अवसर।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GUC80C6EB.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
15. सिंसदीय सममतत की बैठक के दौरान जम्म-ू कश्मीर में इिंटरनेट प्रततबिंध पर वववाद
सिंदभा: जम्म-ू कश्म र प्रिासन द्वारा गींदेरबल (Ganderbal) और उधमपरु , दो क्जलों को छोड़कर िेष राज्य में
3G-4G मोबाइल इींटरनेट पर प्रनर्बींध बढ़ा ददया था।
हाल ही में , सि
ू ना और प्रौद्योचगकी पर सींसद की स्थाय सशमनर् द्वारा इस मद्
ु दे पर ििात करने हे र्ु बैठक
बल
ु ाई गय थ ।
सिंबगिं धत प्रकरण
सि
ू ना एवीं प्रौद्योचगकी पर सींसद की स्थाय सशमनर् द्वारा ‘इींटरनेट पर पाबींदी’ की क्स्थनर् पर सवाल पछ
ू ा गया
था।
अनरु ाधा भसीन मामले में सप्र
ु म कोटत द्वारा ददए गए फैसले के अनस
ु ार, इींटरनेट सेवाओीं को अननक्श्िर्
काल के शलए ननलींबबर् नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
सप्र
ु म कोटत के आदे ि के पश्िार्, केंद्र सरकार ने दरू सींिार ननलींबन ननयम (Telecom Suspension Rules)
2017 में सींिोधन करर्े हुए ‘ननयम 2A’ को जोड़ा गया। क्जसमें यह ननददतष्ट्ट क्रकया गया है , क्रक इींटरनेट
िटडाउन आदे ि अचधकर्म 15 ददनों र्क जारी रह सकर्ा है ।
उच्चतम न्यायालय का तनणाय:
न्यायालय ने कहा, क्रक दण्ड प्रक्रक्रया सींदहर्ा (CrPC) की धारा 144 के र्हर् सभ प्रनर्बींधात्मक आदे िों
और जम्म-ू कश्मीर में इिंटरनेट सेवाओिं के तनलिंबन की प्रिासन द्वारा सम क्षा की जाए।
उच्िर्म न्यायालय द्वारा, इींटरनेट को क्रकस प्रकार ननलींबबर् क्रकया जा सकर्ा है और इींटरनेट ननलींबबर्
होने के दौरान नागररकों के अचधकार र्था कानन
ू उपायों के बारे में एक रूपरे खा भ जारी की गय ।
न्यायालय द्वारा की गयी हटप्पखणयाँ:
इींटरनेट प्रनर्बींधों पर:
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ायाबस
ु ा 2 ममशन का दो रा वैज्ञातनक उद्दे श्य:
1. वह
ृ दस्र्रीय पैमाने पर ररमोट सेंशसींग अवलोकन (मल्टीस्पेतरल कैमरों, ननकटवर्ी अवरतर् स्पेतरोम टर,
थमतल अवरतर् इमेजर, लेजर अल्टीम टर आदद के माध्यम से) करके क्षुद्रग्रह का वववरर् प्राप्र् करना।
2. सक्ष्
ू मस्र्रीय पैमाने पर क्षुद्रग्रह से लाए गए नमन
ू ों का ववश्लेषर् करना।
ममशन का म त्व
‘क्षुद्रग्रह रायग
ु ’ु एक सी-टाइप क्षुद्रग्र (C-type asteroid)- सौर प्रर्ाली के िरु
ु आर् काल का एक अविेष- है ।
वैज्ञाननकों का मानना है , क्रक सी-टाइप क्षुद्रग्र ों में काबतननक पदाथत और जल के फसे हुए कर्, दोनों उपक्स्थर्
होर्े है , और सींभवर्ाः ये ही काबतननक
पदाथों र्था जल को प्
ृ व पर लाने
के शलए क्जम्मेदार हो सकर्े हैं, क्जससे
प्
ृ व पर ज वन की िरु
ु आर् के शलए
आवश्यक पदाथत शमले होंगे।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. हायाबस
ु ा शमिन के बारे में
2. हायाबस
ु ा 2 शमिन के उद्दे श्य
3. क्षुद्रग्रह रायग
ु ु
में स मलिंक:
हायाबस
ु ा-2 शमिन के महत्व पर ििात
कीक्जए।
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चुनौततयािं:
1. ददल्ली, पान सींबचीं धर् 70 प्रनर्िर् आवश्यकर्ाओीं के शलए हररयार्ा पर ननभतर है ।
2. ररयाणा में बड़ी सिंख्या में लोग कृवषकायों- में सलिंग्न ैं र्था इस कारर् हररयार्ा के पास पान की
अपन समस्या है ।
3. दोनों राज्यों के मध्य यमन
ु ा में सदै व 10 तयम
ू ेतस (तयबू बक म टर प्रनर् सेकींड) प्रवाह बनाए रखने के
प छे अतसर वववाद रहर्ा है।
4. वपछले एक दिक में दोनों राज्य, जल-बटवारे के शलए कई बार अदालर्ों में ननर्तय के शलए अप ल कर
िुके है ।
5. नदी में न्यन
ू तम पाररजस्थततक प्रवा की कमी ोने से अन्य प्रदष
ू कों का सिंचय ोता ै । यमन
ु ा के
अिोचधर् पान को उत्तरी पव
ू ी ददल्ली में िोचधर् क्रकया जार्ा है , इस क्षेत्र से काफी मात्रा में अनप
ु िाररर्
स वेज र्था घरों से ननकाला गींदा पान , गींदे नाले र्था गैर-कानन
ू कारखानों से सींदवू षर् पदाथत यम
ु ना
में प्रवादहर् होर्े है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. यमन
ु ा नदी क्रकर्ने राज्यों और केंद्र िाशसर् प्रदे िों से होकर बहर् है ?
2. यमन
ु ा की सहायक नददयाँ
3. अमोननया का उत्पादन क्रकस प्रकार क्रकया जार्ा है ?
4. अमोननया के अनप्र
ु योग
5. प ने के पान में अमोननया की अचधकर्म स्व कायत स मा?
https://indianexpress.com/article/explained/explained-how-spike-in-ammonia-levels-in-yamuna-
affected-delhi-water-supply-6913558/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
2. श्रीलिंका में समद्र
ु तट पर फिंसी 100 से अगधक ह्वेल
सिंदभा: हाल ही में श्र लींका में समद्र
ु र्ट पर फींस 100 से अचधक ह्वेल मछशलयों को बिाया गया है । इस बिाव
कायत को नौसेना द्वारा पयातवरर् सींरक्षर् अचधकाररयों, पशु लस और स्थान य ननवाशसयों की सहायर्ा से क्रकया
गया।
ह्वेल मछमलयों के समद्र
ु तट स्वतः आने का कारण
ह्वेल अिंतपाणन (Cetacean stranding) को आमर्ौर पर समद्र
ु तट पर आने/ बीगचिंग (Beaching) के रूप में
जाना जार्ा है । इस िब्द का प्रयोग, प्रायाः डॉक्ल्फन और ह्वेल मछशलयों के समद्र
ु र्ट पर फींस जाने की घटना
के सींदभत में क्रकया जार्ा है ।
ह्वेल ब चिींग, कोई असामान्य घटना न ीिं ै । वैज्ञाननकों का कहना है क्रक हालाींक्रक इस पररघटना के कारर्ों के
बारे अभ र्क पर्ा नहीीं है , क्रकीं र्ु इस सींदभत में कई शसद्धाींर् पेि क्रकये गए हैं, क्जनमें िाशमल हैं:
पान के र्ापमान में पररवर्तन
ह्वेल के प्रनर्ध्वननस्थान-ननधातरर् (Echolocation) में अननयशमर्र्ाएँ
भ-ू िुम्बकत्व में गड़बड़ (Geomagnetic disturbances)
नेववगेिन में त्रदु टयाीं
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समद्र
ु र्ट के ननकट भोजन की उपक्स्थनर्
सोनार व्यनर्करर् (Sonar interference)
कठोर मौसम
सामहू क अिंतरपणन (Mass Stranding) का कारण:
ह्वेलों (Cetaceans) का एक जहटल समाजजक व्यवस्था के त त बड़े समू ों में र ना एक आम बात ै । यदद
इनके समह
ू के कोई सदस्य ब मार हो जार्ा है , अथवा क्रकस मस
ु बर् में फींस जार्ा है , र्ो उसकी सहायर्ा की
पक
ु ार सन
ु कर समह
ू के अन्य सदस्य समद्र
ु र्ट की ओर पहुँि जार्े है , क्जसके पररर्ामस्वरूप बड़े पैमाने पर
सामदू हक अींर्रपर्न (Mass Stranding) की घटनाएँ होर् है ।
पायलट ह्वेल (Pilot Whales) काफी सामाक्जक स्र्नधारी ज व होर्े हैं, र्था वविेष रूप से सामदू हक अींर्रपर्न
के शलए जाने जार्े है । पायलट ह्वेल, बड़े और परस्पर गचु थर् समह
ू ों में यात्रा करर्े हैं और सर्र् सींिार पर
ननभतर रहर्े हैं।
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https://www.downtoearth.org.in/news/wildlife-biodiversity/project-lion-proposal-identifies-6-
relocation-sites-apart-from-kuno-palpur-73922.
स्रोर्: डाउन टू अथत
4. WWF द्वारा वषा 2050 तक ‘गिंभीर जल-सिंकट’ का सामना करने वाले 100 श रों की प चान
सिंदभा: प्रकृतत सिंरक्षण े तु ववश्व वन्यजीव कोष (Worldwide Fund for Nature-WWF) की एक हाशलया ररपोटत
के अनस
ु ार, ववश्व के 100 िहरों के सामने वषत 2050 र्क ‘गींभ र जल-सींकट’ की समस्या का सींकट उत्पन्न हो
जायेगा, क्जसमे भारर् के भ 30 िहर सक्म्मशलर् है ।
इन गचजह्नत श रों में सजम्ममलत प्रमख
ु श र:
वैजश्वक केंद्र :ब क्जींग, जकार्ात, जोहान्सबगत, इस्र्ाींबल
ु , हाींगकाींग, मतका और ररयो ड जनेररयो आदद।
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यह, को रे (Fog), घल
ू कणों और और वायु प्रदष
ू कों जैसे नाइरोजन ऑतसाइड, वाष्ट्पि ल काबतननक यौचगकों
आदद का एक हाननकारक शमश्रर् होर्ा है । स्मॉग, सौर-प्रकाश के साथ ममलकर धरातल के ऊपर ओजोन की
घनी परत का तनमााण करता ै।
वायम
ु ड
ीं ल में ऊिंचाई पर पायी जाने वाली ओजोन लाभकारी होर् है , क्रकीं र्ु धरातल के तनकट ओजोन की उपक्स्थनर्
स्वास््य पर हाननकारक प्रभाव डालर् है ।
(नोट: 'स्मॉग' िब्द पहली बार प्रयोग जल
ु ाई 1905 में डॉ. हे नरी अींर्ोइन दे वू (Dr Henry Antoine des Voeux)
द्वारा अपने िोधपत्र ‘धआ
ु ीं एवीं कोहरा’ (Fog and Smoke) में क्रकया गया था।)
स्मॉग का तनमााण
यह, ओजोन र्था सल्फर डाइऑतसाइड, नाइरोजन डाइऑतसाइड, काबतन मोनोऑतसाइड और PM10 जैसे
हाननकारक पदाथों से बना होर्ा है । ये पदाथत मनष्ट्ु य के फेफड़ों के शलए अनर्-हाननकारक होर्े हैं।
स्मॉग तनमााण के स्रोत
1. क्रकस क्षेत्र में बड़ मात्रा में कोयला-दहन
2. कटाई एवीं दहन कृवष / फसल-अपशिष्ट्ट का जलाना (ददल्ली में स्मॉग का एक प्रमख
ु स्रोर्)
3. स्मॉग का ननमातर् करने वाले प्रदष
ू क के स्रोर्, जैसे क्रक, ऑटोमोबाइल उत्सजतन, ववद्यर्
ु ् सींयत्र
ीं , आनर्िबाज ,
पें ट, हे यरस्प्रे, िारकोल स्टाटत र द्रव और प्लाक्स्टक पॉपकॉनत पैकेक्जींग आदद।
स्मॉग तनमााण स्थानीय मौसम की भमू मका:
स्मॉग के ननमातर् में तापमान, सौर-प्रकाश और शािंत वाओिं की म त्वपण
ू ा भमू मका होर् है । एक उष्ट्र् ददन होने
पर स्मॉग का ननमातर् अन्य ददनों की अपेक्षा अचधक र् व्रर्ा से हो सकर्ा है ।
स्मॉग के प्रकार
अब र्क दो शभन्न प्रकारों के स्मॉग की पहिान की गय है : गींधकीय स्मॉग (Sulfurous Smog) और प्रकाि-
रसायननक स्मॉग (Photochemical Smog)।
गिंधकीय स्मॉग को लींदन स्मॉग (London Smog) के नाम से भ जाना जार्ा है । यह वायु में सल्फर
ऑतसाइड की उच्ि साींद्रर्ा के कारर् ननशमतर् होर्ा है ।
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प्रीमलम्स मलिंक:
1. टारबॉल तया हैं?
2. ब्लैक काबतन और ब्राउन काबतन के ब ि अींर्र
3. टारबॉल के स्रोर्
4. प्रभाव
में स मलिंक:
दहमालय पर टारबॉल की बढ़र् हुई प्रनर्िर्-मात्रा से पड़ने वाले प्रभाव की जाींि कीक्जए।
https://www.downtoearth.org.in/news/climate-change/brown-carbon-tarballs-that-hasten-glacial-
melt-found-in-himalayan-atmosphere-study-74105.
स्रोर्: डाउन टू अथत
8. तटीय ववतनयमन क्षेत्र (CRZ) मानदिं ि (Coastal Regulation Zone norms)
सिंदभा: उच्िर्म न्यायालय द्वारा कोक्च्ि क्जले में मराद ु नगरपाशलका के फ्लैट माशलकों को ददए जाने वाले
मआ
ु वजे को र्य करने हे र्ु गदठर् केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमतू ता के. बालाकृष्ट्णन अय्यर की
एक सदस्यीय सममतत के अचधदे ि में ववस्र्ार क्रकया गया है ।
इन फ्लैट माशलकों के घरों को राज्य में तटीय ववतनयमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone- CRZ) मानदीं डो
का उल्लींघन के कारर् चगरा ददया गया था।
सिंबगिं धत प्रकरण (मामले की पष्ट्ृ ठभमू म)
वपछले साल 23 शसर्ींबर को ि षत अदालर् द्वारा की गय दटप्पर् के अनस
ु ार, केरल के र्टीय इलाकों में क्रकया
गया अवैध ननमातर्, पयातवरर् के शलए एक ‘बहुर् बड़ा नक
ु सान’ है , और कोक्च्ि के मराद ु में इर्ने बड़े पैमाने
पर इन अनाचधकृर् सींरिनाओीं का ननमातर् आश्ियतजनक है ।
ि षत अदालर् ने केरल सरकार द्वारा र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) का उल्लींघन करर्े हुए बनाये गए
िार अपाटत मेंर्टस को ध्वस्र् करने सींबध
ीं आदे ि का पालन नहीीं क्रकये जाने पर रोष व्यतर् क्रकया और
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राज्य के मख्
ु य सचिव को इस अवैध ननमातर् के कारर् प्रकृनर् को होने वाली क्षनर् को मापने के शलए
एक सवेक्षर् करने को कहा।
8 मई, 2019 को ि षत अदालर् ने अचधसचू िर् र्टीय ववननयमन क्षेत्र (CRZ) में ननशमतर् इन इमारर्ों को
एक महीने के भ र्र हटाए जाने का ननदे ि ददया। कोक्च्ि का यह र्टीय ववननयमन क्षेत्र, केरल के ज्वार-
प्रभाववर् जल ननकाय का एक भाग है ।
तटीय ववतनयमन क्षेत्र मानदिं ि
पहली बार फरवरी 1991 में , भारर् के पयाावरण सिंरक्षण अगधतनयम, 1986 की धारा 3 के र्हर्, र्टीय ववननयमन
क्षेत्र अचधसि
ू ना जारी की गई थ ।
वषत 2018 में , र्टीय ववननयमन क्षेत्र सींबध
ीं नए ननयम जारी क्रकए गए थे। इनका उद्दे श्य इस क्षेत्र में ननमातर्
पर लगे कुछ प्रनर्बींधों को हटाना, अनापवत्त प्रक्रक्रया को सव्ु यवक्स्थर् करना और र्टीय क्षेत्रों में पयतटन को
प्रोत्सादहर् करना था।
तटीय ववतनयमन क्षेत्र मानदिं िों का उद्दे श्य:
ये मानदीं ड, सागर र्ट से एक ननक्श्िर् दरू ी के भ र्र कुछ वविेष गनर्ववचधयों, जैसे- बड़े ननमातर्, नए उद्योगों
की स्थापना, खर्रनाक सामग्र का भींडारर् या ननपटान, खनन, भशू म-उपयोग पररवर्तन और बाींध ननमातर् पर रोक
लगार्े हैं ।
‘ववतनयमन क्षेत्र’ की पररभाषा
सभ ननयमों में , ववतनयमन क्षेत्र (Regulation Zone) को उच्ि-ज्वार रे खा से 500 म टर र्क के क्षेत्र के रूप में
पररभावषर् क्रकया गया है ।
CRZ में प्रततबिंध
CRZ में प्रनर्बींध ,क्षेत्र की आबादी, पाररक्स्थनर्क सींवेदनि लर्ा, क्रकनारे से दरू ी र्था क्षेत्र के प्राकृनर्क
उद्यान अथवा वन्यज व क्षेत्र के रूप में अचधसचू िर् होने जैसे मानदिं िों पर तनभार करते ै ।
नए ननयमों के अनस
ु ार, मख्
ु यभशू म के र्ट के ननकटवर्ी सभ द्व पों और मख्
ु य भशू म के सभ अप्रवाही
जल वाले (Backwater) द्व पों के शलए 20 म टर की स मा र्क नो-डेवलपमें ट ज़ोन घोवषर् क्रकया गया
है ।
CRZ-III (ग्रामीण) के शलए प्रनर्बींधो की दो शभन्न श्रेखर्यों को ननधातररर् क्रकया गया है :
वषत 2011 की जनगर्ना के अनस
ु ार, 2,161 प्रनर् वगत क्रकम जनसींख्या घनत्व सदहर् घन आबादी वाले
ग्राम र् क्षेत्रों (CRZ-IIIA) में , नो-डेवलपमें ट ज़ोन की स मा, उच्ि-ज्वार रे खा से 50 म टर र्क ननधातररर्
की गय है , जबक्रक पहले यह स मा 200 म टर थ ।
CRZ-IIIB श्रेर् (2,161 प्रनर् वगत क्रकम से कम जनसींख्या घनत्व वाले ग्राम र् क्षेत्र) में नो-डेवलपमेंट
ज़ोन की स मा, उच्ि-ज्वार रे खा से 200 म टर र्क ननधातररर् की गय है ।
कायाान्वयन
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प्राचधकरर् द्वारा सतत ववकास के मलए रोजगार और राजस्व घाटे की अपेक्षा ए ततयाती मसद्धािंतों
(Precautionary Principle) को प्रधानता दी गय है ।
यह साफ़-जादहर है , क्रक कोववड-19 का प्रभाव माित के महीने में ही स्पष्ट्ट हो गया था, और सददत यों के
दौरान इसके सींक्रमर् में वद्
ृ चध की आिींका थ । यह पर्
ू र्
त याः केंद्र के ऊपर था, क्रक वह राज्यों के साथ
समन्वय से कायत करे और दीपावली से पहले फसल-अपशिष्ट्ट/ पराली को जलाने से रोकने का उपाय
करे ।
वावषतक रूप से होने वाली इस घटना से उत्तर और पव
ू ी भारर् की वायु हमेिा दवू षर् होर् है , क्जसका
स्वास््य और उत्पादकर्ा पर भारी प्रभाव पड़र्ा है ।
आगे की रा
अब, केवल क्षनर् ननयींत्रर् ही क्रकया जा सकर्ा है , क्जसमे आनर्िबाज उद्योग से सींबचीं धर् मामलों का समाधान
करना िाशमल है ।
र्शमलनाडु जैसे राज्यों में , जहाीं 90% पटाखों का उत्पादन होर्ा है , इस वषत आनर्िबाज उद्योग का भववष्ट्य सींकट
में है । इन राज्यों के आनर्िबाज ननमातर्ाओीं के अनस
ु ार, इस साल लगभग 2,300 करोड़ रुपये की आनर्िबाज
ननशमतर् की गय है ।
अर्ाः, कारीगरों के शलए उचिर् मआ
ु वजा योजना और ननमातर्ाओीं के शलए उपयत
ु र् राहर् प्रदान क्रकए जाने
की आवश्यकर्ा है ।
दीघतकाशलक समाधान के रूप में आनर्िबाज उद्योग पर ननभतरर्ा समाप्र् करने हे र्ु व्यापक आधार
वाली अन्य आचथतक गनर्ववचधयाीं आरीं भ की जान िादहए।
शिवकाि क्षेत्र में व्यापक आधार वाली आचथतक गनर्ववचध में ननदहर् हो सकर्ा है , पटाखों पर ननभतरर्ा को कम
कर सकर्ा है ।
तनष्ट्कषा:
राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र वषत 2019 के दौरान 148 ददन र्क वायु गर्
ु वत्ता का स्र्र खराब रहा, इससे वपछले वषत
2018 में खराब वायु गर्
ु वत्ता वाले ददनों की सींख्या 206 ददन थ । दे ि के कई अन्य िहरों में इस प्रकार की
क्स्थनर् है , क्रकीं र्ु इन पर कम ध्यान ददया जार्ा है ।
प्रमख
ु उभरर् अथतव्यवस्थाओीं में प्रदष
ू र् से होने वाली 40% मौर्ें वायु की गर्
ु वत्ता खराब होने से होर् हैं।
अमेररका में उच्ि प्रदवू षर् क्षेत्रों में कोववड-19 के कारर् होने वाली मौर्ों में वद्
ृ चध के प्रमार् शमले है । यह
सरकारों के शलए ‘स्वच्छ वा में सािंस लेने के अगधकार’ पर जवाबदे ी की भावना प्रदशितर् करने का समय है।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/opinion/editorial/no-fireworks-on-ngt-ban-on-
sale-and-use-of-firecrackers/article33061044.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
10. ग्रेिि
े ररस्पािंस एक्शन प्लान (GRAP)
सिंदभा: ददल्ली और नोएडा में वायु गर्
ु वत्ता क्स्थनर् लगार्ार छठे ददन भ ‘गींभ र’ श्रेर् में बन रही।
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‘वायु गण
ु वत्ता प्रबिंधन आयोग’ के सिंबध
िं में :
‘वायु गर्
ु वत्ता प्रबींधन आयोग’ की स्थापना इस साल अतटूबर में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों
में वायु गण
ु वत्ता प्रबिंधन े तु आयोग अध्यादे श’, 2020 (‘Commission for Air Quality Management in National
Capital Region and Adjoining Areas Ordinance’) के र्हर् की गय थ ।
यह केंद्रीय प्रदष
ू र् ननयींत्रर् बोडत और ददल्ली, पींजाब, हररयार्ा, उत्तर प्रदे ि और राजस्थान के राज्य प्रदष
ू र्
ननयींत्रर् बोडत जैसे ननकायों का अचधक्रमर् (Supersede) करे गा।
इस आयोग को वायु प्रदष
ू र् से सींबचीं धर् मद्
ु दों पर इन राज्य सरकारों को ननदे ि जारी करने की िक्तर्याीं
प्राप्र् होंग ।
सिंरचना:
‘वायु गर्
ु वत्ता प्रबींधन आयोग’ एक स्थायी तनकाय होगा और इसमें 20 से अगधक सदस्य होंगे।
आयोग की अध्यक्षता भारर् सरकार के सचिव अथवा राज्य सरकार के मख्
ु य सचिव के रैंक के अचधकारी
द्वारा की जाएग ।
अगधकार-क्षेत्र:
इस आयोग का वायु प्रदष
ू र् से सींबचीं धर् मामलों में हररयार्ा, पींजाब, उत्तर प्रदे ि और राजस्थान के क्षेत्रों सदहर्
राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र (NCR) पर वविेष अचधकार क्षेत्र होगा, र्था यह सींबचीं धर् राज्य सरकारों र्था CPCB और
ISRO के साथ कायत करे गा।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. तया EPCA एक वैधाननक ननकाय है ?
2. यह कब और तयों स्थावपर् क्रकया गया था?
4. िक्तर्याँ और कायत
5. रिना
6. ग्रेडड
े ररस्पाींस एतिन प्लान तया है ?
7. ‘राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गर्
ु वत्ता प्रबींधन हे र्ु आयोग अध्यादे ि’, 2020 का
अवलोकन'।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GTJ7V28IB.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
11. पन्ना टाइगर ररजवा को यन
ू ेस्को ‘बायोस्फीयर ररजवा’ का दजाा
सिंदभा: हाल ही में , मध्य प्रदे ि के पन्ना नेशनल पाका को यन
ू ेस्को बायोस्फीयर ररजवत घोवषर् क्रकया गया है ।
यन
ू ेस्को के मान्यर्ा प्रमार्पत्र में पन्ना टाइगर ररजवा (PTR) को एक म त्वपण
ू ा बाघ तनवास स्थान के रूप में
उद्धर्
ृ क्रकया गया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
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यन
ू ेस्को (UNESCO) द्वारा, जैव ववववधर्ा सींरक्षर् को बढ़ावा दे ने, मानव-ज व सींघषत का समाधान करने र्था
प्राकृनर्क सींसाधनों के सींवहन य उपयोग के शलए प्रनर्वषत नए जैव मींडल सींरक्षक्षर् क्षेत्रों (Biosphere Reserves)
को सक्म्मशलर् क्रकया जार्ा है ।
यन
ू ेस्को का ‘मैन एिंि द बायोस्फीयर प्रोग्राम’ (MAB)
यन
ू ेस्को द्वारा बायोस्फीयर ररजवा के वविार की िरु
ु आर् 1974 में ‘मैन एिंि द बायोस्फीयर प्रोग्राम’ (Man and
the Biosphere Programme-MAB) के त त की गय थ , इसका उद्दे श्य जैवमींडल सींरक्षर् के शलए अींर्रातष्ट्रीय
सहयोग जुटाना था।
यन
ू ेस्को के MAB कायािम की शरु
ु आत 1971 में की गयी थी। यह एक अींर्र सरकारी वैज्ञाननक
कायतक्रम है क्जसका उद्दे श्य मनष्ट्ु यों और उनके वार्ावरर् के मध्य सींबध
ीं ों में सध
ु ार हे र्ु एक वैज्ञाननक
आधार स्थावपर् करना है ।
MAB के र्हर्, प्राकृततक और सामाजजक ववज्ञान, अथाशास्त्र और मशक्षा को मानव आज ववका और लाभों
के समान बींटवारे में सध
ु ार करने र्था प्राकृनर्क और प्रबींचधर् पाररक्स्थनर्क र्ींत्र की सरु क्षा हे र्ु समजन्वत
ककया जाता ै । इस प्रकार यह ,कायतक्रम पयातवरर् य रूप से सींवहन य ,सामाक्जक और साींस्कृनर्क रूप
से उपयत
ु र् आचथतक ववकास के शलए अशभनव दृक्ष्ट्टकोर् को बढ़ावा दे र्ा है ।
इसके र्हर्, सींरक्षक्षर् क्षेत्र के वनस्पततयों और जीवों को सिंरक्षण ददया जार्ा है और साथ ही इन क्षेत्रों
में तनवास करने वाले मानव समद
ु ायों और उनकी जीवन पद्धततयों को भी सिंरक्षक्षत क्रकया जार्ा है ।
सींरक्षर् न केवल सींरक्षक्षर् क्षेत्र के वनस्पनर्यों और ज वों को ददया जार्ा है , बक्ल्क उन मानव समद
ु ायों
को भ ददया जार्ा है , जो इन क्षेत्रों में ननवास करर्े हैं, और उनके ज वन के र्रीके।
र्शमलनाडु में क्स्थर् नीलगगरी बायोस्फीयर ररजवा यन
ू स्
े को की सच
ू ी में भारर् के सबसे पहला जैव मींडल
सींरक्षक्षर् क्षेत्र था, इसे वषत 2000 में िाशमल क्रकया गया था।
पन्ना बाघ अभ्यारण्य के बारे में :
पन्ना बाघ अभयारण्य मध्य प्रदे श के उत्तरी भाग में वविंध्य पवात श्रिंख
ृ ला में क्स्थर् है ।
केन नदी (यमन
ु ा नदी की एक सहायक नदी) पन्ना बाघ अभयारण्य से होकर बहर् है ।
यह क्षेत्र पन्ना व हीरा खनन के शलए भ प्रशसद्ध है ।
केन-बेर्वा नदी इींटरशलींक्रकींग पररयोजना बाघ अभ्यारण्य में स्थावपर् की जाएग ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पन्ना टाइगर ररजवत के बारे में
2. यन
ू ेस्को के MAB नेटवकत के बारे में
3. भारर् में बायोस्फीयर ररजवत
4. भारर् की राष्ट्रीय जैव ववववधर्ा कायत योजना
में स मलिंक:
यन
ू ेस्को के मैन एींड बायोक्स्फयर प्रोग्राम (MAB) पर एक दटप्पर् शलखखए।
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198
स्रोर्: दहींदस्
ु र्ान टाइम्स
12. िोनाल्ि रम्प के पश्चात अमेररका एविं जलवायु समझौते
सिंदभा: राष्ट्रपनर्-ननवातचिर् जो बबडेन (Joe Biden) ने सावतजननक रूप से कहा है , उनके पद ग्रहर् करर्े ही सींयत
ु र्
राज्य अमेररका द्वारा पेररस समझौर्े में क्रफर िाशमल होने की कोशिि करे गा।
पेररस समझौता
वषत 2015 में क्रकये गए पेररस समझौर्े में पव
ू -त औद्योचगक काल की र्ल
ु ना में वैक्श्वक र्ापमान वद्
ृ चध को 2
डडग्र सेक्ल्सयस के अींदर स शमर् रखने का लक्ष्य ननधातररर् क्रकया गया था। इस लक्ष्य को सींभवर्ाः अमेररका की
सक्रक्रय भाग दारी के बबना परू ा नहीीं क्रकया जा सकर्ा है ।
चीन, ववश्व में ग्रीन ाउस गैसों का सबसे बड़ा उत्सजाक दे श ै , इसके पश्चात अमेररका का स्थान है ।
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199
https://indianexpress.com/article/explained/explained-us-and-climate-after-trump-7051072/.
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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200
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201
इस शिखर सम्मेलन का आयोजन नवीन एविं नवीकरणीय ऊजाा मिंत्रालय द्वारा क्रकया जार्ा है ।
RE-Invest 2020 का ववषय ‘सींवहन य ऊजात पररवर्तन के शलए नवािार’ (Innovations for Sustainable
Energy Transition) है ।
इस क्षेत्र में भारत का प्रदशान
भारर् नवीकरणीय ऊजाा क्षमता में ववश्व में चौथे स्थान पर पहुींि गया है और दनु नया के सबसे र्ेज
नव करर् य ऊजात उत्पादन वाले दे िों में र् व्र गनर् से आगे बढ़ रहा है ।
भारर् की नवीकरणीय ऊजाा उत्पादन क्षमता वतामान में बढ़ कर 136 गीगावॉट ो गई है जो क्रक हमारे
कुल ऊजात क्षमर्ा का 36 प्रनर्िर् है ।
2017 के बाद से भारर् की वावषतक नव करर् य ऊजात उत्पादन क्षमर्ा कोयला आधाररत तापीय ववद्यत
ु
उत्पादन के समान बढ़ र ी ै।
ब र्े 6 वषों में भारर् की नव करर् य ऊजात क्षमर्ा में ढाई गन
ु ा की वद्
ृ गध हुई है ।
कुल शमलाकर, भारर् ने दनु नया को ददखा ददया है क्रक, नव करर् य ऊजात क्षेत्र में जजस समय तनवेश सस्ता न ीिं
था, उस समय ककए गए तनवेश के चलते आज इसके उत्पादन में य अपेक्षक्षत और उल्लेखनीय वद्
ृ गध ु ई है
और इस के िलर्े अब लागर् में कम आने लग है । पयातवरर् अनक
ु ू ल न नर्याीं भ अथतव्यवस्था के शलए बेहर्र
हो सकर् हैं।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G3680MG82.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
15. मब
ुिं ई की समद्र
ु ीय तटरे खा पर ‘नीला ज्वार’
सिंदभा: मब
ुीं ई के जुहू ब ि और शसींधुदग
ु त के दे वगढ़ ब ि सदहर् महाराष्ट्र में समद्र
ु ीय र्टरे खाओीं पर न ले ज्वार
(Blue Tide) की घटना दे ख गय है । इस नीले रिं ग के प्रततदीप्त (Fluorescent Blue Hue) ज्वार को लोकवप्रय
रूप में जैव-सिंदीजप्त / बायोलमु मनेसस
ें (Bioluminescence) के नाम से जाना जार्ा है ।
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202
पष्ट्ृ ठभमू म:
वषत 2016 के बाद से, वविेष रूप से नवींबर और ददसींबर के महीनों के दौरान, भारर् के पक्श्िम र्ट पर जैव-
सिंदीजप्त (Bioluminescence) एक वावषतक घटना है ।
सिंबगिं धत कारण
यह अद्भर्
ु दृश्य, आमर्ौर पर डाइनोफ्लैगलेर्टस (Dinoflagellates) के रूप में पहिाने जाने वाले पादप प्लवकों
(Phytoplankton), सक्ष्
ू म समद्र
ु ीय पौधों के कारर् होर्ा है । इन डाइनोफ्लैगलेर्टस के प्रोटीन में रासायननक
अशभक्रक्रयाओीं के माध्यम से हल्के प्रकाि का उत्पादन ननकलर्ा है । समद्र
ु की ल रें इन एककोमशकीय सक्ष्
ू मजीवों
में लचल पैदा करती ै , जजससे ये सक्ष्
ू मजीव नीली रोशनी छोड़ते है ।
इस घटना का एक प्रमख
ु कारक अततपोषण (Eutrophication)- जल में ऑतस जन की कम – हो सकर्ा है ।
यर
ू ोक्रफकेिन की क्स्थनर् में पादप प्लवकों (फाइटोप्लाींतटन) की सींख्या में काफी वद्
ृ चध होर् है ।
इसके खतरनाक ोने के कारण
ये दृश्य खूबसरू र् होने के साथ साथ खर्रे का सींकेर् भ हो सकर्ा है ।-इस समू की कई प्रजाततयािं
ववषाक्त ोती ैं। यदद, डाइनोफ्लैगलेर्टस में र्ेज से प्रजनन होर्ा है , र्ो र्थाकचथर् 'लाल ज्वार' (Red
Tides) का कारर् भ बन सकर्े हैं।
इस दौरान, डाइनोफ्लैगलेर्टस का भक्षर् करने वाले सभ ज व (मोलस्क, मछली, आदद) भ ववषातर् हो
जार्े हैं। इन ज वों में डाइनोफ्लैगलेर्टस का भक्षर् करने से काफी मात्रा में ववषातर् पदाथों के सींिय हो
जार्ा है ।
इस र्रह के समद्र
ु ी ज वों (मछशलयों, आदद) को आहार के रूप में लेना हाननकारक है , तयोंक्रक इनमे मौजूद
ववषातर् पदाथों के ववशभन्न अवाींनछर् प्रभाव हो सकर्े है ; कुछ के द्वारा फ़ूड पॉइज़ननींग र्था आींर् सींबध
ीं
समस्याएीं हो सकर् है , जबक्रक कुछ के न्यरू ोटॉक्तसन होने के कारर् याददािर् पर भ प्रभाव पड़ सकर्ा
है ।
कुछ प्रजानर्याँ, जैसे क्रक स -स्पाकतल
(Noctiluca scintillans) ववषातर् नहीीं होर् हैं,
लेक्रकन इनके भ अन्य अवप्रय प्रभाव हो सकर्े
हैं।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. न ला ज्वार (Blue Tide) तया होर्ा है ?
2. 'लाल ज्वार' (Red Tides) तया होर्ा हैं?
3. यर
ू ोक्रफकेिन तया है ?
4. जैव-सींदीक्प्र् (Bioluminescence) तया है ?
स्रोर्: इींडडयन एतसप्रेस
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203
16. पीलीभीत टाइगर ररजवा के मलए प्रथम TX2 परु स्कार (Pilibhit tiger reserve gets the first TX2 award)
सिंदभा: उत्तर प्रदे ि के प लीभ र् टाइगर ररजवत (Pilibhit Tiger Reserve- PTR) को तनधााररत समय से कम
समय में बाघों की सिंख्या दोगन
ु ा करने वाले र्ेरह टाइगर रें ज के दे िों में पहला अिंतरराष्ट्रीय परु स्कार ‘TX2’
प्रदान क्रकया गया है ।
वषत 2014 में अखखल भारर् य बाघ अनम
ु ानों के र्हर्, प लीभ र् में 25 बाघों का अनम
ु ान लगाया गया था, और
वषत 2018 के अनम
ु ानों के अनस
ु ार प लीभ र् टाइगर ररजवत (PTR) में बाघों की सींख्या बढ़ कर 65 हो गय है ।
सिंरक्षण उत्कृष्ट्टता परु स्कार, 2020
(Conservation Excellence Award for 2020)
भारर्-भट
ू ान स मा पर ववस्र्ाररर् पारदे शीय मानस सिंरक्षण क्षेत्र को वषत 2020 का TX2 सींरक्षर् उत्कृष्ट्टर्ा
परु स्कार (TX2 Conservation Excellence Award) प्रदान क्रकया गया है ।
पारदे शीय मानस सिंरक्षण क्षेत्र (Transboundary Manas Conservation Area or TraMCA) में भारर् के मानस
राष्ट्रीय उद्यान का 500 वगत क्रकम क्षेत्र र्था भट
ू ान के रॉयल मानस नेिनल पाकत का 1,057 वगत क्रकम क्षेत्र
सक्म्मशलर् है ।
TX2 क्या ै?
यह एक वैजश्वक परु स्कार ै जजसे वषा 2010 में WWF, UNDP, IUCN, ग्लोबल टाइगर फींड (GTF), CATS और द
लायन िेयर (Lion's Share) जैसे बाघ सींरक्षर् से जड़
ु े अींर्रराष्ट्रीय सींगठनों द्वारा रूस के सेंट पीटसाबगा में
स्थावपत क्रकया गया था।
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204
प्रीमलम्स मलिंक:
1. राष्ट्रीय उद्यान, वन्यज व अभयारण्य और ज वमींडल सींरक्षक्षर् क्षेत्र के मध्य अींर्र।
2. भारर् में महत्वपर्
ू त बायोस्फीयर ररजवत।
3. M-STREIPES क्रकससे सींबचीं धर् है ?
4. GTIC तया है ?
5. प्रोजेतट टाइगर कब लॉन्ि क्रकया गया था?
6. NTCA -रिना और कायत।
https://www.google.com/amp/s/www.thehindu.com/news/national/other-states/wildlife-preserve-
straddling-assam-bhutan-gets-tiger-conservation-award/article33169212.ece/amp/.
स्रोर्: द दहींद ू
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205
ववषय:आींर्ररक सरु क्षा के शलये िुनौर् उत्पन्न करने वाले िासन ववरोध र्त्त्वों की भशू मका।
1. चीन द्वारा माइिोवेव गथयारों के प्रयोग सिंबध
िं ी ररपोट्ास का भारत द्वारा खिंिन
सिंदभा: भारर् य सेना ने उन ऑनलाइन म डडया ररपोर्टतस को खाररज क्रकया है क्जनमें दावा क्रकया गया था क्रक
ि न की प पल्स शलबरे िन आमी (PLA) ने लद्दाख में माइक्रोवेव हचथयारों का इस्र्ेमाल क्रकया था।
भारर् य सेना के एक वररष्ट्ठ अचधकारी ने इन ररपोर्टतस को स मा पार से मनोवैज्ञाननक ऑपरे िन का दहस्सा
करार ददया है , और इसे आधारहीन र्था फजी खबर बर्ाया है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
ब क्जींग और नई ददल्ली के मध्य, मई के बाद से, लद्दाख में वास्र्ववक ननयींत्रर् रे खा पर गनर्रोध जारी है ।
‘माइिोवेव गथयार’ क्या ोते ैं?
‘माइक्रोवेव हचथयारों’ (Microwave Weapons) को प्रत्यक्ष ऊजात हचथयारों (Direct Energy Weapons) का एक
प्रकार माना जार्ा है , क्जनके द्वारा क्रकस लक्ष्य पर ध्वनन, लेजर या माइक्रोवेव के रूप में अत्यचधक केंदद्रर् ऊजात
से हमला क्रकया जार्ा है ।
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207
ववषय:सींिार नेटवकत के माध्यम से आींर्ररक सरु क्षा को िुनौर् , आींर्ररक सरु क्षा िुनौनर्यों में म डडया और
सामाक्जक नेटवक्रकंग साइटों की भशू मका, साइबर सरु क्षा की बनु नयादी बार्ें , धन-िोधन और इसे रोकना।
1. राज्य, साइबर अपराधों के मलए प्राथममकी (FIR) दजा करें : ग ृ मिंत्रालय
(File FIRs for cybercrime, States told)
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209
प्रीमलम्स मलिंक:
1. भारर् य साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के बारे में
2. राष्ट्रीय अनर्-सींवेदनि ल सि
ू ना अवसींरिना सींरक्षर् केंद्र (NCIIPC)
3. CERT-In
4. साइबर स्वच््र्ा केन्द्र
में स मलिंक:
डडक्जटल इींडडया में साइबर सरु क्षा की भशू मका का परीक्षर् कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G277U0IE0.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
2. आरबीआई के िेटा स्थानीकरण मानदिं ि (RBI Data Localisation Norms)
सिंदभा: हाल ही में , भारर् य राष्ट्रीय भग
ु र्ान ननगम (National Payments Corporation of India-NPCI) द्वारा
फेसबक
ु के स्वाशमत्व वाले मैसेजजिंग प्लेटफॉमा व् ाट्सएप को दे ि में िरर्बद्ध र्रीके से अपन भग
ु र्ान सेवा
िरू
ु करने की अनम
ु नर् प्रदान कर दी गय है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
भारर् य राष्ट्रीय भग
ु र्ान ननगम (NPCI) ने व्हार्टसएप को एकीकृर् भग
ु र्ान इींटरफेस (Unified Payments
Interface-UPI) के माध्यम से भग
ु र्ान सेवाओीं के पररिालन की अनम
ु नर् दी है ।
व्हार्टसएप उपयोगकर्ात अपने UPI सक्षम बैंक खार्ों को शलींक कर सकर्े हैं और मैसेक्जींग ऐप के माध्यम
से धन स्थानाींर्ररर् कर सकर्े हैं।
एकीकृत भग
ु तान इिंटरफेस (UPI) क्या ै?
यह, भारर् य राष्ट्रीय भग
ु र्ान ननगम (NPCI) द्वारा ववकशसर् एक र्त्काल ररयल-टाइम भग
ु र्ान प्रर्ाली
है ।
इसे अप्रैल 2016 में एक पायलट प्रोजेतट के रूप में िरू
ु क्रकया गया था।
UPI को भारर् य ररजवत बैंक (RBI) द्वारा ववननयशमर् क्रकया जार्ा है ।
ररजवा बैंक द्वारा तनधााररत िेटा स्थानीकरण मानदण्िो के अनस
ु ार-
1. िूींक्रक, भारर् के बाहर भग
ु र्ान-लेनदे न के प्रसींस्करर् पर कोई रोक नहीीं है , अर्ाः भग
ु र्ान प्रर्ाली ऑपरे टरों
(Payment System Operators- PSOs) को यह सनु नक्श्िर् करना होगा क्रक प्रसींस्करर् के बाद डेटा केवल
भारर् में सींग्रहीर् क्रकया जाए।
2. यदद डेटा प्रसींस्करर् का ववदे ि में क्रकया जार्ा है , र्ो डेटा को ववदे ि में क्स्थर् शसस्टम से शमटा कर,
भग
ु र्ान प्रसींस्करर् से आगाम 24 घींटे के भ र्र भारर् में वापस लाया जाना िादहए। इस प्रसींस्कररर्
डेटा को केवल भारर् में सींग्रहीर् क्रकया जाना िादहए।
3. आवश्यकर्ा पड़ने पर, भारर् में सींग्रहीर् डेटा को ग्राहक वववादों से ननपटने के शलए एतसेस क्रकया जा
सकर्ा है ।
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अथवा सींपवत्त को क्षनर् पहुँिर् है , र्ो साबबर् होने पर उसे र् न साल र्क का कारावास अथवा दस हजार रुपये
र्क का जुमातना या दोनों से दक्ण्डर् क्रकया जा सकर्ा है ।“
अथातर्, क्रकस व्यक्तर् को सोिल म डडया पर ‘घर्
ृ ास्पद’ या "अपमानजनक" समझ जाने वाली पोस्ट
करने पर र् न साल की जेल और दस हजार रुपये के जुमातने का सामना करना पड़ सकर्ा है ।
इस प्रकार की पोस्ट अथवा वविारों को शलखने और बनाने वाले के अलावा इसे साझा करने वालों को
समान दीं ड भग
ु र्ना पड़ेगा।
इस कानन
ू की आवश्यकता
वषत 2015 में , सप्र
ु म कोटत द्वारा आईटी एक्ट की धारा 66A सदहर् इस र्रह का एक क़ानन
ू - केरल पमु लस
अगधतनयम की धारा 118(d)- अशभव्यक्तर् की स्वर्ींत्रर्ा को खर्रा बर्ार्े हुए रद्द कर ददया गया था।
इन दोनों कानन
ू ों के रद्द हो जाने से, ननजर्ा के शलए खर्रा उत्पन्न करने वाले साइबर हमलों और समाज में
मदहलाओीं के शलए काफी र्कलीफ दे ने वाले ऑनलाइन अपराधों को रोकने में वर्तमान क़ानन
ू अपयातप्र् साबबर्
हो रहे थे, अर्ाः इस कम को परू ा करने के शलए केरल सरकार द्वारा यह नया कानन
ू लाया गया।
इस नए कानन
ू की आलोचना का कारण
वविेषज्ञों द्वारा इस कानन
ू को ‘क्रूर’ बर्ाया जा रहा है , तयोंक्रक:
1. इस क़ानन
ू को न केवल ‘अस मतत’, बजल्क वाक् एविं अमभव्यजक्त की स्वतिंत्रता का भ दमन करने के
प्रयास के रूप में दे खा जा रहा है ।
2. इस क़ानन
ू के द्वारा, आईटी एक्ट की धारा 66A के कानन
ू दोषों को पन
ु जीववर् कर ददया गया है , क्जन्हें
उच्िर्म न्यायालय ने क़ानन
ू रद्द कर समाप्र् कर ददया था।
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3. यह कानन
ू , व्यापक और अस्पष्ट्ट है और इसका क्रकन्ही व्यक्तर्यों द्वारा, अथवा सरकार और पशु लस
द्वारा, अपने पक्ष में असहमनर् रखने वालों के ववरुद्ध अींधाधध
ुीं र्रीके से दरु
ु पयोग क्रकया जा सकर्ा है ।
4. हालाींक्रक केरल सरकार का दावा है , क्रक इस क़ानन
ू का प्रयोग मदहलाओीं के खखलाफ साइबर अपराधों से
लड़ने के शलए क्रकया जायेगा, लेक्रकन इसका कानन
ू में कोई उल्लेख नहीीं क्रकया गया है ।
5. यह क़ानन
ू , बबना क्रकस क्षेत्र स मा के अशभव्यक्तर् को प्रनर्बींचधर् करर्ा है र्था सक्रक्रय रूप से सींववधान
के अनच्
ु छे द 19 को बाचधर् करर्ा है और इसमें अनच्
ु छे द 19 (2) के र्हर् सींरक्षर् नहीीं ददया गया है ।
6. यह क़ानन
ू , राज्य में पशु लस कायतप्रर्ाली पर प्रभाव रूप से ड ड ओएस हमला (Denial-of-Service Attack)
होगा। इससे लोगों के ब ि हर र्रह के मद्
ु दों को लेकर एफआईआर दजत कराने के शलए भारी भ ड़ लग
जाएग ।
7. इस क़ानन
ू में , पशु लस को क्रकस के भ खखलाफ स्वर्ाः सींज्ञान लेकर मामला दजत करने की िक्तर् प्रदान
की गय है ।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GNP8090RL.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
ववषय:स मावर्ी क्षेत्रों में सरु क्षा िुनौनर्याँ एवीं उनका प्रबींधन- सींगदठर् अपराध और आर्ींकवाद के ब ि सींबध
ीं ।
1. बब्रक्स दे शों की आतिंकवाद तनरोधक रणनीतत (BRICS counter-terror strategy)
सिंदभा: हाल ही में , बब्रतस समह
ू द्वारा सदस्य दे िों के मध्य द्ववपक्ष य र्था बहुपक्ष य सहयोग को मजबर्
ू करने
के शलए आर्ींकवादी सींबध
ीं खर्रों से प्रभाव र्रीके से ननपटने हे र्ु आर्ींकवाद ननरोधक रर्न नर् जारी की गय
है ।
नई आर्ींकवाद रोध रर्न नर् को, समह
ू के हाल ही में आभास प्रारूप में आयोक्जर् वावषतक शिखर सम्मेलन के
दौरान अपनाया गया था।
रणनीतत का अवलोकन:
इस रर्न नर् का उद्दे श्य सदस्य राष्ट्रों के सरु क्षा और कानन
ू -प्रवर्तन अचधकाररयों के मध्य व्यावहाररक
सहयोग में सध
ु ार करना है र्ाक्रक समय पर और सही जानकारी साझा करके आर्ींकवाद को रोका जा
सके।
रर्न नर् में आर्ींकवादी समह
ू ों, सींस्थाओीं और सींबचीं धर् व्यक्तर्यों को प्राप्र् हो रही सहायर्ा को समाप्र्
क्रकये जाने पर ध्यान केक्न्द्रर् क्रकया जाएगा, इसके शलए उनके ववत्त य और भौनर्क सींसाधनों पर रोक
लगाई जाएग ।
बब्रतस दे िों द्वारा आर्ींकवाद में सहायक ‘अनर्वादी बयानों’ से ननपटने हे र्ु सींकल्प शलया गया और
आर्ींकी समह
ू ों द्वारा, इींटरनेट और सोिल म डडया प्लेटफॉमत का उपयोग, भर्ी और कर्टटरर्ा फ़ैलाने पर
रोक लगाने का प्रर् क्रकया गया।
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214
में स मलिंक:
हमें स माींर् राजमागत पररयोजना की आवश्यकर्ा तयों है ? ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GNP8090RN.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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215
ि न , डोकलाम नामक स्थान पर कब्ज़ा करना िाहर्े थे, र्था इनका उद्दे श्य भारर् के शसशलगड़
ु कॉररडोर के
नजदीक आना था। शसलीगड़
ु कॉररडोर को मग
ु े की गदत न (chicken's neck) के रूप में भ जाना जार्ा है , यह दे ि
के पव
ू ोत्तर राज्यों को दे ि के बाकी दहस्सों से जोड़र्ा है ।
प्रीमलम्स मलिंक:
1. पाींग्दा गाींव
2. डोकलाम कहाीं है ?
3. िुम्ब घाटी कहाँ है ?
4. गलवान नदी के बारे में ।
5. शसलीगड़
ु कॉररडोर।
6. LAC बनाम LOC।
7. डोकलाम के पड़ोस भारर् य राज्य।
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216
में स मलिंक:
सरकार को लद्दाख में ‘वास्र्ववक ननयींत्रर् रे खा’ (LAC) पर, स्टैंड-ऑफ से पहले की ‘क्स्थनर्’ की बहाली हे र्ु
समझौर्ा क्रकये बबना ‘सैन्य-र् व्रर्ा’ में कम करने पर सहमर् तयों नहीीं होना िादहए, ििात कीक्जए।
https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=G2M80CGO3.1&imageview=0.
स्रोर्: द दहींद ू
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218
चचाा का कारण
एक हाशलया अध्ययन में पाया गया है क्रक यह क्षुद्रग्रह पर्
ू र्
त याः धार्ु से ननशमतर् हो सकर्ा है और इसकी
कीमर् अनम
ु ाननर् रूप से $ 10,000 तवाडड्रशलयन हो सकर् है – जो क्रक प्
ृ व की परू ी अथतव्यवस्था से
अचधक होग ।
नासा के हबल स्पेस टे लीस्कॉप के चित्रों से पर्ा िला है क्रक इस क्षुद्रग्रह की सर्ह, प्
ृ व की कोर की
भाींनर्, लोहे और ननकल से बन हो सकर् है ।
4. केवडिया टूररज्म सककाट
सिंदभा: हाल ही में प एम मोदी द्वारा स्टै च्यू ऑफ यनू नटी (Statue of Unity- SoU) के आसपास 17 पयतटन
पररयोजनाओीं का उद्घाटन क्रकया गया है , क्जन्हें अब ‘केवडडया टूररज्म सक्रकतट’ कहा जाएगा।
प्रमख
ु बबिंद:ु
केवडडया (Kevadia) आददवास नमतदा क्जले का एक गाँव है । यहाँ पर नमतदा नदी पर सरदार सरोवर
बाींध जलािय का ननमातर् क्रकया गया है ।
केवडडया सक्रकतट में फूलों की घाटी, ववश्व वान, कैतटस गाडतन, बटरफ्लाई गाडतन सदहर् 35 पयतटन स्थल
िाशमलहैं।
5. वैभव मशखर सम्मेलन (VAIBHAV Summit)
वैजश्वक भारतीय वैज्ञातनक (VAIBHAV) मशखर सम्मेलन, प्रवास और ननवास भारर् य वैज्ञाननकों और शिक्षाववदों
का एक वैक्श्वक शिखर सम्मेलन है ।
इस वैक्श्वक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 2 अक्टूबर 2020 - म ात्मा गािंधी की जयिंती पर ककया गया
था तथा इसका समापन 31st अक्टूबर 2020 सरदार वल्लभभाई पटे ल जयिंती, के अवसर हुआ।
इसके र्हर् ििात के प्रमख
ु क्षेत्रों, तवाींटम प्रौद्योचगक्रकयाँ, कृबत्रम बद्
ु चधमत्ता और मि न लननंग, सींिार
प्रौद्योचगक्रकयाँ, कम्प्यट
ू े िनल और डेटा ववज्ञान और एयरोस्पेस प्रौद्योचगक्रकयाँ आदद को सक्म्मशलर् क्रकया
गया।
6. मानसर झील पररयोजना
सिंदभा: हाल ही में , जम्मू और कश्म र क्स्थर् मानसर झ ल ववकास योजना का उद्घाटन क्रकया गया था।
इस पररयोजना के लागू होने के बाद, मानसर क्षेत्र में प्रनर् वषत पयतटकों और र् थतयाबत्रयों की सींख्या
मौजूदा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख हो जाएग ।
मानसर कायाकल्प योजना से लगभग 1.15 करोड़
मानव ददन रोजगार सक्ृ जर् होंगे और प्रनर् वषत-800
करोड़ रुपये से अचधक की आय होग ।
मानसर झील के बारे में :
मानसर झ ल जम्मू से 62 क्रकम दरू क्स्थर् है ।
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219
नवींबर 2005 में सरु रनसरमानसर झ ल- को रामसर स्थल के रूप में घोवषत क्रकया गया था।
7. ओडिशा में नशीले पदाथों की खेती का पता लगाने के मलए उपग्र का उपयोग
ओडिशा अिंतररक्ष अनप्र
ु योग केंद्र (Odisha Space Application Centre- OSAC) द्वारा सद
ु रू सींवेदन और कृबत्रम
बद्
ु चधमत्ता र्कन कों का उपयोग करर्े हुए कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों को अवैध गाींजा (भाींग की एक क्रकस्म) की
खेर् का पर्ा लगाने में सहयोग करने का प्रस्र्ाव ददया गया है ।
जम न स्र्र के अचधकाररयों के शलए मोबाइल-आधाररर् एप्लीकेिन ववकशसर् करने के अनर्ररतर्, OSAC ने
नागररक द्वारा अवैध गाींजा की खेर् के बारे में ररपोटत करने हे र्ु एक प्रर्ाली बनाने का प्रस्र्ाव ददया है । इस
प्रर्ाली के माध्यम से लोग गैर-कानन
ू गाींजा की खेर् की र्स्व रें और व डडयो ले सकर्े हैं और ररपोटत कर
सकर्े हैं।
आवश्यकता: ओडडिा, भारर् के अग्रर् भाींग उत्पादक राज्यों में से एक है । हालाींक्रक कानन
ू प्रवर्तन एजेंशसयों ने
गैर-कानन
ू नि ले पदाथों की खेर् पर ननयींत्रर् करने हे र्ु छापेमारी र्ेज कर दी है , लेक्रकन वास्र्ववक समय के
आधार पर खेर् का पर्ा लगाना मक्ु श्कल है ।
8. केरल लोक सेवा आयोग में सामान्य श्रेणी के गरीबों के मलए 10% कोटा
केरल लोक सेवा आयोग (PSC) में आचथतक रूप से कमजोर वगों (EWS) के शलए सरकारी नौकररयों में
10% आरक्षर् कोटा लागू क्रकया जाएगा। हाल ही में राज्य मींबत्रमींडल द्वारा इस सींदभत में मींजूरी दी
गय है ।
केरल सरकार का यह ननर्तय, सींववधान के 103 वें सींिोधन के आधार पर 10% आरक्षर् प्रदान करने
सींबध
ीं केंद्र के ननर्तय के अनरू
ु प है ।
9. त्रावणकोर कछुआ (Travancore Tortoise)
यह बड़े आकार का एक जींगली कछुआ होर्ा है , क्जसकी लम्बाई 330 शमलीम टर र्क होर् है ।
सिंरक्षण जस्थतत:
IUCN लाल सि
ू - सभ
ु द्
े य (Vulnerable);
भारर् य वन्यज व (सींरक्षर्) अचधननयम: अनस
ु ि
ू IV
ववतरण: पक्श्िम घाट, केरल, कनातटक और र्शमलनाडु राज्यों में पाया जार्ा है ।
10. ममशन सागर- II
शमिन सागर-II के एक अींग के रूप में , भारर् य नौसेना जहाज ऐरावर् सड
ू ान, दक्षक्षर् सड
ू ान, क्जबर्
ू और इररदरया
को खाद्यान्न सहायर्ा पहुींिाएगा।
शमिन सागर-II, मई-जून 2020 में सींपन्न क्रकए गए प्रथम ‘शमिन सागर’ का अनस
ु रर् करर्ा है ।
प्रथम ‘शमिन सागर’ के र्हर् भारर् ने मालदीव, मॉरीिस, सेिल्
े स, मेडागास्कर और कोमोरोस को खाद्य
सहायर्ा और दवाइयाीं प्रदान की थ ।
11. म ारानी जजन्द कौर
वह महाराजा रर्ज र् शसींह की सबसे छोटी पत्न थ ीं।
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220
महारान क्जन्द कौर, शसख साम्राज्य के अींनर्म िासक महाराजा दलीप शसींह की माीं थ ीं। दलीप शसींह का
पालन-पोषर् अींग्रेजों द्वारा क्रकया गया था।
उसने पींजाब में अींग्रेजों के ववरुद्ध एक जोि ले ववद्रोह का नेर्त्ृ व क्रकया, लेक्रकन अींर्र्ाः उन्हें आत्मसमपतर्
करने के शलए वववि होना पड़ा।
चचाा का कारण
हाल में लींदन के बोंह्मस इस्लाममक और इिंडियन आटा (Bonhams Islamic and Indian Art) द्वारा आयोक्जर्
एक ‘सेल’ में उनके कुछ आभष
ू र्ों की न लाम की गय थ ।
12. वचअ
ुा ल ग्लोबल इनवेस्टर राउिं िटे बल (VGIR)
प्रधानमींत्र श्र नरे न्द्र मोदी 5 नवींबर, 2020 को विअ
ुत ल ग्लोबल इन्वेस्टर राउीं डटे बल (VGIR) की अध्यक्षर्ा करें गे।
इस VGIR का आयोजन ववत्त मींत्रालय, भारर् सरकार र्था राष्ट्रीय ननवेि और अवसींरिना कोष
(एनआईआईएफ) द्वारा क्रकया जा रहा है ।
यह अग्रर् वैक्श्वक सींस्थागर् ननवेिकों, भारर् य व्यापार जगर् के प्रमख
ु ों और भारर् सरकार र्था ववत्त य
बाजार ननयामकों के ि षत न नर्-ननमातर्ाओीं के ब ि एक वविेष सींवाद है ।
13. ‘आस-पास की चुनौततयों से तनपटना’ कायािम
इस कायतक्रम को केंद्रीय आवास और िहरी मामलों के मींत्रालय द्वारा िरू
ु क्रकया गया है ।
यह छोटे बच्िों और उनके पररवारों के शलए िहरों को आकार दे ने पर ध्यान केंदद्रर् करने के शलए
अड़ोस-पड़ोस की िुनौनर्यों से ननपटने के शलए एक कायतक्रम है ।
यह कायतक्रम 100 स्माटत िहरों, 5 लाख से अचधक आबादी वाले िहरों और राज्य / केंद्र िाशसर् प्रदे िों
की राजधाननयों में िरू
ु क्रकया
जाएगा।
14. लु री जल ववद्यत
ु पररयोजना
मींबत्रमींडल की आचथतक मामलों की सशमनर् (CCEA) ने दहमािल प्रदे ि सतलज
ु नदी पर जस्थत 210
मेगावाट क्षमर्ा वाली लह
ु री जल ववद्यर्
ु पररयोजना के शलए 1810.56 करोड़ रुपये के ननवेि प्रस्र्ाव
को मींजूरी दी है ।
यह पररयोजना ह माचल प्रदे श के कुल्लू और मशमला जजलों में क्स्थर् है ।
15. म त्वपण
ू ा तततली प्रजाततयािं
नोट: ननम्नशलखखर् प्रजानर्याीं और उनके वास-स्थल, आज के ‘द दहींद’ू समािार पत्र में ददए गए एक लेख पर
आधाररर् हैं। इन सभ प्रजानर्यों के नामों को रटना आवश्यक नहीीं है । बस एक सींक्षक्षप्र् अवलोकन पयातप्र् है ।
सिंदभा:
नर्र्शलयों का मौसम आमर्ौर पर दक्षक्षर्-पक्श्िम मानसन
ू की िरु
ु आर् के साथ िरू
ु होर्ा है ; और मानसन
ू के
जाने के बाद फरवरी र्क जारी रहर्ा है । इस साल, दे ि भर में वविेष रूप से कई दल
ु भ
त नर्र्ली प्रजानर्यों को
दे खा गया है ।
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221
प्रमख
ु बबिंद:ु
वषत 2015-16 के दौरान केरल के नेय्यार वन्यज व अभयारण्य में 100 वषों के बाद पाींि धाररयों वाली
(Striated Five-ring) नर्र्ली की प्रजानर् दे ख गई।
नर्र्शलयों के बारे के खोज व्यक्तर्यों द्वारा 130 साल बाद न लचगरर प्लेन ऐस (Nilgiri Plain Ace)
प्रजानर् क्रफर से खोजा गया।
वविाखापत्तनम में पहली बार दे ख गय माबतल मैप नर्र्ली (Marbled Map butterfly) को वन्यज व
सींरक्षर् अचधननयम की अनस
ु ि
ू II के र्हर् सींरक्षक्षर् क्रकया गया है । यह 'दल
ु भ
त ' प्रजानर् शसक्तकम,
अरुर्ािल प्रदे ि, झारखींड, भट
ू ान और म्याींमार के पहाड़ जींगलों र्क स शमर् है ।
मालाबार बैंडड
े प कॉक (Malabar Banded Peacock) प्रजानर् दक्षक्षर् भारर् के शलए स्थाननक है ।
हाल ही में , ब्राींडड
े रॉयल (Branded Royal) प्रजानर् 130 से अचधक वषों के अींर्राल के बाद यह न लचगरी
क्षेत्र में पाई गय ।
ब्लू मॉमतन (Blue Mormon), एक काले रीं ग की मखमली पींखों वाली नर्र्ली, पक्श्िम घाट में पाई जाने
वाली एक प्रजानर्, पटना में दे ख गय ।
छत्त सगढ़ के सींरक्षक्षर् वनों में एींजल बटरफ्लाई (Angle butterfly) नर्र्ली दे ख गई है ।
लीशलएक शसल्वरलाइन (Liliac Silverline), एक सींरक्षक्षर् प्रजानर्, जो बेंगलरु
ु में पाय जार् है , पहली बार
राजस्थान के अरावली रें ज में दे ख गई।
(https://epaper.thehindu.com/Home/MShareArticle?OrgId=GGA7UBB92.1&imageview=0.)
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उपराष्ट्रपनर् श्र एम. वेंकैया नायडू ने कहा क्रक एक सादहक्त्यक गनर्ववचध के र्ौर पर 'अवधानम' ने र्ेलग
ु ू भाषा
की गौरविाली परीं परा में व्यापक योगदान ददया है ।
18. राष्ट्रीय मानसन
ू ममशन
इसे वषा 2012 में पथ्
ृ वी ववज्ञान मिंत्रालय (MoES) द्वारा िरू
ु क्रकया गया था।
इसका उद्दे श्य लघ,ु मध्यम और लींब दरू ी के क्षेत्रों हे र्ु पव
ू ातनम
ु ानों के शलए अत्याधुननक, गनर्ि ल
मानसन
ू भववष्ट्यवार् प्रर्ाली ववकशसर् करना है ।
राष्ट्रीय मानसन
ू शमिन के र्त्वाधान में 12 क्रकलोम टर क्षेत्र के शलए छोटी और मध्यम श्रेर् की
भववष्ट्यवार् हे र्ु एक ग्लोबल एनसेंबल पव
ू ाानम
ु ान प्रणाली ववकशसर् की गय है ।
19. बािंग्लादे श में रािंसजेंिरों के मलए मदरसा
बाींग्लादे ि में राींसजेंडर मस
ु लमानों के शलए अपना पहला इस्लाशमक स्कूल खोला गया है । मौलववयों ने इसे
समाज में भेदभाव से ग्रस्र् इस अल्पसींख्यक समद
ु ाय को मख्
ु यधारा में एकीकृर् करने की ददिा में पहला कदम
बर्ाया है ।
20. राष्ट्रीय जल परु स्कार
जल सींसाधन सींरक्षर् और प्रबींधन के क्षेत्र में कायत कर रहे लोगों के प्रयासों का सम्मान करने के शलए दस
ू रे
राष्ट्रीय जल परु स्कार प्रदान क्रकये जायेंगे।
परु स्कार के बारे में :
ये परु स्कार, जल सींसाधन, नदी ववकास और गींगा सींरक्षर् ववभाग, जल िक्तर् मींत्रालय, भारर् सरकार
द्वारा परु स्कार प्रदान क्रकये जार्े हैं।
राष्ट्रीय जल परु स्कार ववशभन्न श्रेखर्यों, जैसे सवतश्रेष्ट्ठ राज्य, सवतश्रेष्ट्ठ क्जला, सवतश्रेष्ट्ठ ग्राम पींिायर्, सवतश्रेष्ट्ठ
िहरी स्थान य ननकाय, सवतश्रेष्ट्ठ अनस
ु ध
ीं ान / नवािार / नई र्कन क आदद में प्रदान क्रकये जार्े है ।
21. स्टै नफोिा द्वारा जारी शीषा 2 प्रततशत वैज्ञातनकों की सच
ू ी
स्टै नफोडत यनू नवशसतटी ने हाल ही में एक सि
ू जारी की है जो ववशभन्न ववषयों में सबसे अचधक उद्धर्
ृ वैज्ञाननकों
में से 2 प्रनर्िर् का प्रनर्ननचधत्व करर् है ।
इस परू ी सि
ू में 1,59,683 वैज्ञाननक सक्म्मशलर् क्रकये गए हैं।
सि
ू में 1,492 भारर् यों ने स्थान पाया है , क्जनमें से अचधकाींि IIT और IISc और अन्य ि षत सींस्थानों
से हैं, जो भौनर्क ववज्ञान, भौनर्क ववज्ञान, रसायन इींज ननयररींग, पादप ज व ववज्ञान, ऊजात और अन्य जैसे
क्षेत्रों का प्रनर्ननचधत्व करर्े हैं।
दो अकाबातनक और परमाणु रसायन ववज्ञान के क्षेत्र में दो भारर् य वैज्ञाननकों प्रो गौर्म दे स राजू (रैंक
2) और CNR राव (रैंक 3) को सि
ू में ि षत के करीब स्थान शमला है ।
22. अटल बीममत व्यजक्त कल्याण योजना (ABVKY)
इस योजना को वषत 2018 में कमतिारी राज्य ब मा (ESI) द्वारा लॉन्ि क्रकया गया था।
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उद्दे श्य: इसका उद्दे श्य उन लोगों का आचथतक रूप से सहयोग करना है , क्जन्होंने रोजगार प्रर्ाली में पररवर्तन
होने के कारर् अपन नौकरी खो दी है अथवा क्रकस अन्य कारर्वि बेरोजगार हैं।
इस योजना के र्हर् अगस्र् में पात्रर्ा मानदीं डो में ढील दी गई थ :
अचधकर्म 90 ददनों की बेरोज़गारी के शलये, योजना के र्हर् भग
ु र्ान राशि को औसर् मज़दरू ी के 25%
से बढ़ाकर 50% र्क बढ़ा ददया गया है ।
बेरोज़गारी के 90 ददनों के बाद राहर् भग
ु र्ान क्रकये जाने के बजाय अब 30 ददनों के बाद भग
ु र्ान क्रकया
जाएगा।
ब शमर् व्यक्तर् को उसकी बेरोज़गारी से पव
ू त न्यन
ू र्म दो वषत की अवचध के शलये ब मा योग्य रोज़गार
में होना िादहये र्था उसका बेरोज़गारी से ठीक पहले की योगदान अवचध में 78 ददनों से कम का
योगदान नहीीं होना िादहये। बेरोज़गारी से 2 वषत पहले की िेष र् न योगदान अवचधयों में से एक में
न्यन
ू र्म 78 ददनों का योगदान होना िादहये।
23. इिंडिया मोबाइल कािंग्रेस (IMC)
सिंदभा: हाल ही में , इींडडया मोबाइल काींग्रेस 2020 के चौथे सिंस्करण के आयोजन की घोषर्ा की गय है ।
इस वषत इींडडया मोबाइल काींग्रेस (IMC) की थ म - "समावेशी नवाचार – स्माटा , सरु क्षक्षत, हटकाऊ" (Inclusive
Innovation - Smart I Secure I Sustainable)।
प्रमख
ु बबिंद:ु
इींडडया मोबाइल काींग्रेस (IMC) को दरू सींिार ववभाग (DoT) और सेलल
ु र ऑपरे टसत एसोशसएिन ऑफ
इींडडया (COAI) द्वारा सींयत
ु र् रूप से आयोक्जर् क्रकया जार्ा है ।
डिजजटल प्रौद्योगगकी के एमशया के सबसे बड़ेमच
िं के तौर पर IMC ने खद
ु को, आदटत फीशसयल इींटेशलजेंस
(Al), इींटरनेट ऑफ चथींग्स (loT), डेटा एनाशलदटतस, तलाउड एींड एज कम्प्यदू टींग, जैसे प्रमख
ु ववषयों के
सींबचधर् नव नर्म उद्योग प्रौद्योचगकी रुझानों के बारे में ििात, वविार और प्रदितन करने के शलए
उद्योग, सरकार, शिक्षाववद और अन्य पाररक्स्थनर्की र्ींत्र के लोगों को एकसाथ लाने वाले एक प्रमख
ु मींि
के रूप में स्थावपर् क्रकया है।
24. केसर (Saffron)
केसर का कटोरा) Saffron bowl of Kashmir (जो अभ र्क कश्म र र्क ही स शमर् था अब उसका
जल्द ही भारर् के पव
ू ोत्तर क्षेत्र र्क ववस्र्ार हो सकर्ा है ।
केसर के ब जों से ननकले पौधे कश्म र से शसक्तकम ले जाए गए और उन्हें वहाीं रोपा गया। ये पौधे
पव
ू ोत्तर राज्य के दक्षक्षण भाग में जस्थत यािंगयािंग में फल-फूल रहे हैं।
पींपोर (कश्म र) और याींगयाींग (शसक्तकम) में जलवायु और भौगोशलक पररक्स्थनर्यों की समानर्ा से
याींगयाींग में केसर की नमन
ू ा खेर् की सफलर्ा को बढ़ावा शमला है ।
पव
ू ोत्तर क्षेत्र में केसर उगाने की व्यवहायतर्ा का पर्ा लगाने के शलए नॉथत ईस्ट सेंटर फॉर टे तनोलॉज
एक्प्लकेिन और रीि (NECTAR) द्वारा पायलट पररयोजना िरू
ु की गय है ।
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पष्ट्ृ ठभमू म: भारर् में पींपोर क्षेत्र को आमर्ौर पर कश्म र के केसर के कटोरे के रूप में जाना जार्ा है । इसका
केसर के उत्पादन में मख्
ु य योगदान है । इसके बाद बडगाम, श्र नगर और क्रकश्र्वाड़ क्जलों का स्थान आर्ा हैं।
25. ममिंक्स (Minks)
शमींक (Mink) मस्टे शलडे (Mustelidae) पररवार के धुँधले रीं ग के माींसाहारी स्र्नधारी होर्े हैं। इस पररवार
में नेवला (weasels), उदबबलाव (otters) और गींधबबलाव (ferrets) भ िाशमल क्रकये जार्े हैं।
मख्
ु यर्ाः ि न, डेनमाकत, न दरलैंड और पोलैंड में सालाना 50 शमशलयन से अचधक शमींतस को फर (fur) के
शलए प्रजननर् करके पाला जार्ा है ।
शमींक के र्ेल का उपयोग कुछ चिक्रकत्सा उत्पादों और सौंदयत प्रसाधनों में क्रकया जार्ा है ।
‘शमींक’ की दो ववस्र्ाररर् प्रजानर्याँ पाय जार् हैं: अमेररकन शमींक और यरू ोप य शमींक।
यरू ोप य शमींक को IUCN द्वारा गींभ र रूप से लप्ु र्प्राय के रूप में सि
ू बद्ध क्रकया गया है ।
चचाा का कारण
डेनमाकत में शमींकपालन- से जुड़े 200 से अचधक व्यक्तर्यों को SARS-CoV-2 वेररएींट से सींक्रशमर् पाया
गया है ।
शमींक, अपने पररवार के अन्य सदस्य गींधबबलाव (ferrets) की भाींनर् कोरोनावायरस के प्रनर् अनर्सींवद
े नि ल
माने जार्े हैं।
मनष्ट्ु यों की भाींनर् इनमे भ कोववड-19 के लक्षर्ों की एक श्रींख
ृ ला दे ख जा सकर् हैं, क्जनमें प्रारम्भ में
ब मारी के कोई लक्षर् नहीीं दीखर्ा है , क्रफर ननमोननया जैस गींभ र समस्याएीं उत्पन्न हो जार् है ।
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पष्ट्ृ ठभमू म:
FCRA 2011 के तनयम 3 के खिंि V के अनस
ु ार- ‘क्रकसानों, श्रशमकों, छात्रों, जानर्, समद
ु ाय, धमत, भाषा या क्रकस अन्य
पर आधाररर् सींगठनो’, जो प्रत्यक्ष रूप से क्रकस भ राजन नर्क दल से जड़
ु ा नहीीं होर्े हैं, क्रकन्र्ु उनके सींगठन
के ज्ञापन के अनस
ु ार या उनकी गनर्ववचधयों आदद से राजन नर्क दहर्ों की ददिा में कायत करने के भौनर्क
साक्ष्य शमलर्े हैं, को राजन नर्क समह
ू के रूप में माना जाएगा।
32. प्यट
ू ो ररको (Puerto Rico)
सिंदभा: दस वषों में र् सरी बार, सींयत
ु र् राज्य अमेररका के प्यट
ू ो ररको क्षेत्र में राज्य का दजात ददए जाने के पक्ष
में मर्दान क्रकया गया है ।
प्रमख
ु बबिंद:ु
प्यट
ू ो ररको कैररबबयन सागर में
क्स्थर् एक स्पेननि भाष द्व प
है ।
1493 में क्रक्रस्टोफर कोलींबस
द्वारा 1493 में खोज क्रकये जाने
के बाद से, प्यट
ू ो ररको 4
िर्ाक्ब्दयों र्क स्पेननि साम्राज्य
का एक दहस्सा था, वषत 1898 में
सींयत
ु र् राज्य द्वारा इसका
राज्यहरर् कर शलया गया था।
वषत 1917 में , प्यट
ू ो ररको के
ननवाशसयों को अमेररकी नागररकर्ा प्रदान की गई थ , लेक्रकन इस द्व प को कभ भ पर्
ू त राज्य नहीीं
बनाया गया था, और गआ
ु म, उत्तरी मैररयाना द्व प समह
ू , अमेररकी समोआ और यए
ू स वक्जतन द्व प समह
ू
सदहर् एक "अमेररकी क्षेत्र" बना हुआ है ।
33. हरस्टन दा कुन् ा (Tristan da Cunha)
दरस्टन दा कुन्हा अटलाींदटक महासागर में एक द्व प है क्जसमें लगभग 300 ननवास हैं।
यह दक्षक्षर् अटलाींदटक में लींदन से 6,000 म ल की दरू ी पर द्व पों की एक छोटी श्रींख
ृ ला है और द्व पों
के आसपास के पान को दनु नया में सबसे अम र माना जार्ा है ।
यह बब्रटे न का पारसमद्र
ु ीय क्षेत्र है ।
इसे हाल ही में अटलाींदटक महासागर में 687,000 वगत क्रकलोम टर का सबसे बड़ा परू ी र्रह से सींरक्षक्षर्
समद्र
ु ी भींडार घोवषर् क्रकया गया था।
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वैजश्वक सप
ु र किंप्यट
ू र
Top500 पररयोजना दनु नया के सबसे िक्तर्िाली सप
ु र कींप्यट
ू रों को रै क करर् है र्था वषत में दो बार
इस सि
ू को प्रकाशिर् क्रकया जार्ा है ।
सि
ू के अनस
ु ार, जापान सप
ु रकींप्यट
ू र फुगाकू (Fugaku), 442 पेटाफ्लॉप्स और आईब एम का सशमट
(IBM’s Summit), 148.8 पेटाफ्लॉप्स, ववश्व के दो सबसे िक्तर्िाली सप
ु र कींप्यट
ू र हैं ।
45. वैजश्वक एचआईवी रोकथाम गठबिंधन (Global HIV Prevention Coalition)
यह सिंयक्
ु त राष्ट्र के सदस्य दे शों, दानकतााओिं (Donors), नागररक समाज सिंगठनों का एक वैजश्वक
गठबिंधन ै।
वषत 2017 में इसकी स्थापना, एिआईव रोकथाम में र्ेज लाने के वैक्श्वक प्रयासों का समथतन करने के
उद्दे श्य से की गय थ ।
इस वषत का सम्मेलन 2016 में सींयत
ु र् राष्ट्र महासभा के वषत 2030 र्क एड्स को समाप्र् करने के
उद्दे श्य को प्राप्र् करने के शलए बेहद महत्व रखर्ा है ।
ज प स के सदस्य दे िों ने 2010 की र्ल
ु ना में नये वयस्कों में एिआईव सींक्रमर् को 2020 के अींर्
र्क 75 प्रनर्िर् र्क कम करने पर सहमनर् व्यतर् की थ ।
46. तग
ुिं भद्रा पष्ट्ु करालु (Tungabhadra Pushkaralu)
र्ग
ींु भद्रा पष्ट्ु कराल,ु तग
िंु भद्रा नदी के सम्मान में आयोक्जर् क्रकया जाने वाला 12 ददवस य त्योहार है ।
इसे बह
ृ स्पनर् के मकर राि में प्रवेि करने पर मनाया जार्ा है ।
र्ग
ुीं भद्रा पष्ट्ु करालु प्रत्येक 12 वषो में एक बार आयोक्जर् क्रकया जार्ा है । और ऐसा मन जार्ा है , क्रक
इस अवसर पर पववत्र नदी में स्नान करने से पाप-मक्ु तर् हो जार् है ।
पष्ट्ु करालु या पष्ट्ु करम दे ि भर में प्रवादहर् होने वाली 12 प्रमख
ु नददयों की पज
ू ा के शलए समवपतर् एक
धाशमतक त्योहार है ।
47. अिंतर सिंसदीय सिंघ (Inter-Parliamentary Union-IPU)
अींर्र सींसदीय सींघ (IPU) राष्ट्रीय सिंसदों का वैजश्वक सिंगठन है ।
उत्पवत्त: वषत 1889 में साींसदों के एक छोटे समह
ू के रूप में स्थापना की गय थ । इसका उद्दे श्य
सींसदीय कूटन नर् और बार्ि र् के माध्यम से िाींनर् को बढ़ावा दे ना था।
सिंरचना: इसमें ववश्व के ववशभन्न दे िों की 179 सींसदें , 13 सहयोग सदस्य, और समह
ू के उद्दे श्य के
प्रनर् अशभरुचि रखने वाले दनु नया भर के साींसद सक्म्मशलर् है ।
IPU का नारा ै : “लोकर्ींत्र के शलए, सभ के शलए।" (For democracy. For everyone)
मख्
ु यालय: क्जनेवा, क्स्वर्टजरलैंड में हैं।
चचाा का कारण
भारर् के ननयींत्रक और महालेखा परीक्षक, गगरीश चिंद्र मम
ु ूा को र् न साल के कायतकाल के शलए अींर्र सींसदीय
सींघ (IPU), क्जनेवा का बाहरी लेखा परीक्षक िन
ु ा गया है ।
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48. बक
ु र परु स्कार 2020
स्कॉदटि लेखक डगलस स्टुअटत को उनके पहले और प्रशसद्ध उपन्यास शग्गी बैन (Shuggie Bain) के शलए वषा
2020 के बक
ु र परु स्कार से सम्माननर् क्रकया गया है । िग्ग बैन’ की कहान इनके गह
ृ नगर ग्लासगो की पष्ट्ृ ठभशू म
पर आधाररर् है ।
बक
ु र परु स्कार अींग्रेज भाषा का अग्रर् सादहक्त्यक परु स्कार है ।
यह परु स्कार, अींग्रज
े भाषा की अथवा अींग्रेज में अनव
ु ाददर् र्था यन
ू ाइटे ड क्रकीं गडम या आयरलैंड में
प्रकाशिर् क्रकस एक पस्
ु र्क के शलए प्रनर्वषत प्रदान क्रकया जार्ा है ।
49. ऑस्रे मलया द्वारा अस्थायी तौर पर इसरो उपग्र रै ककिं ग सवु वधाओिं का प्रबिंधन
भारर् और ऑस्रे शलया की अींर्ररक्ष एजेंशसयाीं ऑस्रे शलया में अस्थाय रूप से भारर् य रै क्रकींग सवु वधाओीं को
उपयत
ु र् स्थानों पर स्थावपर् करने हे र्ु शमलकर काम कर रही हैं।
इन रै क्रकीं ग सवु वधाओीं में , प्
ृ व ननगरान और डेटा एनाशलदटतस, रोबोदटतस, और अींर्ररक्ष ज वन ववज्ञान
आदद सक्म्मशलर् हैं।
इससे भारर् की मानव अींर्ररक्ष उड़ान कायतक्रम को सहायर्ा शमलग ।
भारर्-ऑस्रे शलया अींर्ररक्ष सहयोग के शलए वषत 2012 में दोनों दे िों के मध्य औपचाररक समझौता ज्ञापन
हस्र्ाक्षररर् क्रकया गया था।
50. भारत में ‘कट्टरता की जस्थतत’ पर अध्ययन
केंद्रीय गह
ृ मींत्रालय ने पहली बार, "भारर् में कर्टटरर्ा की क्स्थनर्" पर एक िोध अध्ययन को मींजूरी दी है ।
• यह अध्ययन कानन
ू रूप से "कर्टटरर्ा" (Radicalisation) को पररभावषर् करने और गैरकानन
ू
गनर्ववचधयाँ (रोकथाम) अचधननयम (UAPA) में सींिोधन का सझ
ु ाव दे गा।
• यह अध्ययन धमत-र्टस्थ होगा और र््यों और इसके र्हर् दजत क्रकए गए मामलों की जाँि की जाएग ।
आवश्यकर्ा: कर्टटरर्ा को अभ र्क कानन
ू रूप से पररभावषर् क्रकया जाना बाकी है , इससे पशु लस का दरु
ु पयोग
होर्ा है , इसके अलावा यह UAPA के शलए आवश्यक सींिोधन हे र्ु सझ
ु ावों की भ आवश्यकर्ा है ।
51. ववश्व मत्स्यन हदवस (World Fisheries Day)
सींपर्
ू त ववश्व में सभ मछुआरों, मछली पालकों और सींबचीं धर् दहर्धारकों के साथ एकजुटर्ा को प्रदशितर् करने के
शलये प्रत्येक वषत 21 नवींबर को ववश्व मत्स्य ददवस मनाया जार्ा है ।
इसकी िरु
ु आर् वषत 1997 में , नई ददल्ली में आयोक्जर् ‘वल्िा फोरम ऑफ कफश ावेस्टसा एिंि कफश वकासा’
(World Forum of Fish Harvesters and Fish Workers) की बैठक में की गय थ । इस बैठक में 18 दे िों
के प्रनर्ननचधयों ने भाग शलया था और एक ‘ववश्व मत्स्य मींि’ (World Fisheries Forum-WFF) का गठन क्रकया
गया था।
52. मसटमैक्स-20 (SITMEX-20)
यह भारर्, थाईलैंड और शसींगापरु के ब ि एक बत्रपक्ष य नौसेना अभ्यास है ।
इसका नव नर्म सींस्करर् अींडमान सागर में आयोक्जर् क्रकया जा रहा है ।
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यह अभ्यास कोववड-19 महामारी के मद्दे नजर बबना क्रकस सींपकत के, शसफत सागर में (non-contact, at
sea only) आयोक्जर् क्रकया जा रहा है ।
इसका लक्ष्य र् नों शमत्र दे िों और िाींनर्कालीन पड़ोशसयों के ब ि िाींनर्काल में समन्वय, सहयोग और
साझेदारी का ववकास करना है ।
53. आपरागधक ववत्त और किप्टोकरें सी पर वैजश्वक सम्मेलन (Global Conference on Criminal Finances and
Cryptocurrencies)
● हाल ही में आपराचधक ववत्त और क्रक्रप्टोकरें स पर 4 वाीं वैक्श्वक सम्मेलन आयोक्जर् क्रकया गया था।
● इसका आयोजन इिंटरपोल, यरू ोपोल और बेसल सिंस्थाओिं द्वारा क्रकया गया।
● प्रततभागी: कानन
ू प्रवर्तन और न्यायपाशलका, ववत्त य खुक्रफया इकाइयों (FIUs), अींर्रराष्ट्रीय सींगठनों और
ननज क्षेत्र के प्रनर्ननचध।
पष्ट्ृ ठभमू म:
यह सम्मेलन 2016 में स्थावपर् किप्टोकरें सी और मनी लॉजन्ड्रिंग पर गहठत एक काया समू की एक पहल है ।
इसे विअ
ुत ल सींपवत्तयों और क्रक्रप्टोकरें स से सम्बींचधर् ववत्त य अपराधों और खुक्रफया मामलों की जाींि के शलए
ज्ञान, वविेषज्ञर्ा और सवोत्तम ववचधयों को मजबर्
ू करने के उद्दे श्य से िरू
ु क्रकया गया था।
54. राष्ट्रीय नवजात सप्ता 2020 (National Newborn Week)
इसे प्रनर्वषत 15 से 21 नवींबर के मध्य मनाया जार्ा है ।
2020 के मलए थीम: ‘हर स्वास््य केंद्र और हर जगह, हर नवजार् शििु के शलए गर्
ु वत्ता, समानर्ा, गररमा।’
इस सप्र्ाह का मख्
ु य उद्दे श्य स्वास््य क्षेत्र के प्रमख
ु प्राथशमकर्ा वाले क्षेत्र के रूप में नवजार् शििु
स्वास््य के महत्व को सदृ
ु ढ़ करना और नवजार् अवचध में शििओ
ु ीं के शलए स्वास््य सींबध
ीं क्स्थनर्यों
में सध
ु ार करके शििु मत्ृ यु दर को कम करना है ।
भारर् 2014 में , ग्लोबल एवरी न्यब
ू ोनत एतिन प्लान (Global Every Newborn Action Plan) के अनरू
ु प
नवजार् कायत योजना (Newborn Action Plan- INAP) िरू
ु करने वाला पहला दे ि बना था। इस कायतक्रम
का उद्दे श्य, ‘रोके न सकने वाली नवजार्ों की मौर् और जन्म के समय मर्
ृ पाए जाने की समस्या को
खत्म करना है ’।
55. अवास हदवस और अवास सप्ता
नवींबर 2016 में प्रधानमींत्र आवास योजना – ग्राम र् (PMAY-G) नामक ग्राम र् आवास योजना का िभ
ु ारीं भ
क्रकया गया था। इसका उद्दे श्य वषत 2022 र्क ‘‘सभ के शलए आवास’’ उपलब्ध कराना था।
PMAY-G के िभ
ु ारीं भ की वषतगाींठ मनाने के शलए हर वषत ’’आवास हदवस‘‘ नविंबर को 20 के रूप में
मनाने का ननर्तय शलया गया था।
इस कायतक्रम में यह पररकल्पना की गई थ क्रक वषत 2022 र्क सभ आधारभर्
ू सवु वधाओीं से सींपन्न
2.95 करोड PMAY-G मकानों का ननमातर् कायत सींपन्न क्रकया जाएगा।
56. ’अभयम’ ऐप (Abhayam’ app)
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आिंध्र प्रदे श सरकार ने, हाल ही में , “अभयम” मोबाइल फोन एक्प्लकेिन लॉन्ि क्रकया है । यह ऐप टै क्तसयों और
ऑटोररतिा में यात्रा करने वाली मदहलाओीं व बच्िों की सरु क्षा के शलए र्ैयार क्रकया गया है । यात्रा के दौरान
रै क्रकीं ग के शलए इस ऐप खास उपकरर्ों की व्यवस्था की गई है ।
'अभयम' ऐप का पररिालन पररवहन ववभाग की दे खरे ख में क्रकया जा रहा है । अभयम ऐप, मदहलाओीं द्वारा
मस
ु बर् में फसने पर पैननक बटन दबाने पर, पशु लस को सर्कत करे गा।
57. राष्ट्रीय सिंकट प्रबिंधन सममतत (NCMC)
प्राकृनर्क आपदाओीं के मद्दे नजर राहर् उपायों के प्रभाव कायातन्वयन हे र्,ु भारर् सरकार द्वारा एक
राष्ट्रीय सींकट प्रबींधन सशमनर् (National Crisis Management Committee- NCMC) का गठन क्रकया गया
है ।
इसकी अध्यक्षर्ा कैबबनेट सचिव द्वारा की जार् है ।
अन्य सदस्य: सभ सींबचीं धर् मींत्रालयों / ववभागों र्था सींगठनों के सचिव इस सशमनर् के सदस्य होर्े हैं।
NCMC, आवश्यक समझे जाने पर, सींकट प्रबींधन समह
ू के शलए ददिा-ननदे ि जारी करर् है ।
58. अटल सिंकाय ववकास कायािम (FDP) (ATAL Faculty Development Programmes)
हाल ही में , AICTE द्वारा आयोक्जर् 46 ऑनलाइन अटल सींकाय ववकास कायतक्रम का उद्घाटन क्रकया
गया है ।
इसका उद्दे श्य अखखल भारर् य र्कन की शिक्षा पररषद (AICTE) से जड़
ु े उच्ि शिक्षा सींस्थानों के शिक्षकों
को प्रौद्योचगकी में महत्वपर्
ू त और उभरर्े क्षेत्रों में प्रशिक्षक्षर् करना है ।
बक
ु ऑफ वल्डत ररकॉड्तस, लींदन द्वारा ‘सींकाय ववकास कायतक्रम के र्हर् 100 से ज्यादा उभरर्े क्षेत्रों में
1000 ऑनलाइन कायतक्रमों में एक लाख से अचधक सदस्यों के प्रशिक्षर् को ववश्व ररकॉडत के रूप में
अींक्रकर् क्रकया गया है ।
अटल अकादम का मख्
ु य उद्दे श्य दे ि में गर्
ु वत्तापर्
ू त र्कन की शिक्षा प्रदान करना और ववशभन्न उभरर्े क्षेत्रों
में प्रशिक्षर् के माध्यम से अनस
ु ध
ीं ान और उद्यशमर्ा को बढ़ावा दे ना है ।
59. 15वािं G20 मशखर सम्मेलन
सऊदी अरब की अध्यक्षर्ा में विअ
ुत ल माध्यम से आयोक्जर् क्रकया गया।
शिखर सम्मेलन की समाक्प्र्, ‘लीडसत डडतलेरेिन’ को अपनाने और अगले G20 शिखर सम्मेलन की
अध्यक्षर्ा इटली को सौपने के साथ हुई।
इसके साथ ही भारर् द्वारा वषत 2023 में शिखर सम्मेलन की मेजबान क्रकये जाने की घोषर्ा की गय -
पव
ू त में , भारर् द्वारा 2022 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबान की जान थ ।
वपछले साल G20 की ओसाका घोषर्ा में भारर् को 2022 में शिखर सम्मेलन की मेजबान करने के
शलए कहा गया था।
60. सरकार द्वारा 43 अन्य ऐप्स पर प्रततबिंध
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64. MQ-9B सी-गाजजायन अनआम्िा ड्रोन्स (MQ-9B Sea Guardian unarmed drones)
हल ही में , अमेररका से लीज पर शलए गए दो MQ-9B सी-गाजजायन अनआम्िा ड्रोन्स को भारर् य नौसेना के बेड़े
में िाशमल क्रकया गया है ।
यह ड्रोन लगभग 40 घींटे से अचधक समय र्क 40,000 फीट की अचधकर्म ऊँिाई पर उड़ान भरने में
सक्षम है ।
इसमें 3600 समद्र
ु ीय ननगरान रडार और एक वैकक्ल्पक मल्टीमोड
समद्र
ु ीय सर्ह खोज रडार सक्म्मशलर् है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
हाल ही में जारी की गय रक्षा अगधग्र ण प्रकिया (Defence Acquisition
Procedure- DAP) 2020 में सैन्य प्लेटफामों को लीज पर लेने दे ने
का ववकल्प उपलब्ध कराया गया है ।
65. ‘भारत-ऑस्रे मलया सिंयक्
ु त नौसैतनक अभ्यास’ (AUSINDEX)
फ्राींस, भारर्-ऑस्रे शलया द्ववपक्ष य नौसैननक अभ्यास AUSINDEX में सक्म्मशलर् होने के शलए उत्सक
ु है ।
AUSINDEX (ऑस्रे शलया-भारर् नौसैननक अभ्यास), भारर् य नौसेना और रॉयल ऑस्रे शलयाई नौसेना के
मध्य क्रकया जाने वाला एक द्ववपक्ष य समद्र
ु ी अभ्यास है ।
66. भट
ू ान तथा जमानी के मध्य औपचाररक सिंबध
िं ो की शरु
ु आत
हाल ही में , भट
ू ान द्वारा जमतन के साथ राजननयक सींबध
ीं स्थावपर् करने की घोषर्ा की गय है । इसके बाद
राजधानी गथम्पू के यरू ोपीय सिंघ तथा 53 दे शों के साथ औपचाररक राजनतयक सिंबध
िं ो गए ैं।
यह वपछले सार् वषों में भट
ू ान द्वारा की गय पहला राजननयक अशभयान है ।
पष्ट्ृ ठभमू म:
भट
ू ान द्वारा प ली बार 1949 में , भारत के साथ एक मैत्री समझौते पर स्ताक्षर ककए थे, क्जसके र्हर्, सभ
ववदे ि न नर् के मद्
ु दों पर दोनों दे िों में काफी ननकटर्ा रही है । भट
ू ान, ऐनर्हाशसक रूप से, अन्य दे िों के साथ
सींबध
ीं स्थावपर् करने सावधान रहर्ा है ।
भट
ू ान में वषत ,2007 में पहला िुनाव आयोक्जर् क्रकया गया था, उस समय भट
ू ान के मात्र 22 दे िों के
साथ औपिाररक सींबध
ीं थे, क्जनमे जापान, ऑस्रे शलया और कई नॉडडतक दे ि सक्म्मशलर् थे।
अमेररका और ि न के कई अनरु ोधों के बावजद
ू , भट
ू ान के द्वारा सींयत
ु र् राष्ट्र सरु क्षा पररषद के स्थाय
पाँि सदस्यों में से क्रकस के साथ भ सींबध
ीं स्थावपर् नहीीं करने का ननर्तय क्रकया गया है ।
वषत 2008 में प्रधान मींत्र क्जग्मे चथनले ननवातिन के बाद से, भट
ू ान सरकार ने अपने राजननयक सींबध
ीं ो
में र्ेज से वद्
ृ चध की है । और, पाींि सालों में 31 दे िों के साथ समझौर्ों पर हस्र्ाक्षर क्रकए है ।
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68. सच
ू ना प्रबिंधन और ववश्लेषण केंद्र (IMAC)
(Information Management and Analysis Centre)
सिंदभा: भारर् य नौसेना का सच
ू ना प्रबिंधन और ववश्लेषण
केंद्र (Information Management and Analysis
Centre- IMAC) ि घ्र ही राष्ट्रीय समद्र
ु ी िोमेन जागरूकता (National Maritime Domain Awareness- NMDA)
केंद्र बन जाएगा, क्जसमें सभ दहर्धारकों की भाग दारी होग ।
सच
ू ना प्रबिंधन और ववश्लेषण केंद्र (IMAC) के बारे में :
यह समद्र
ु ी डेटा सींलयन के शलए नोडल एजेंस है ।
इसे 26/11 में हुए मब
ुीं ई आर्ींकवादी हमलों के बाद स्थावपर् क्रकया गया था।
वषत 2012 में रक्षा अचधग्रहर् पररषद द्वारा अनम
ु ोददर् क्रकया गया।
वषत 2014 से कायत करना आरीं भ क्रकया और यह गरु
ु ग्राम में क्स्थर् है ।
यह नेिनल कमाींड कींरोल कम्यनु नकेिन एींड इींटेशलजेंस शसस्टम (NC3I) का नोडल केंद्र है ।
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240
5,423 म टर (17,790 फुट) उीं िाई वाला यह पवतर्, इींडोनेशिया में जावा द्व प पर मेराप (Merapi) और
सम
ु ात्रा द्व प पर शसनाबींग (Sinabung) ज्वालामख
ु सदहर् वर्तमान में र् न प्रस्फुदटर् ज्वालामखु खयों में
से एक है ।
73. वैजश्वक नवाचार और प्रौद्योगगकी गठबिंधन (GITA) (Global Innovation and Technology Alliance)
यह एक “नॉट-फॉर-प्रॉक्रफट” सेतिन -8 पक्ब्लक प्राइवेट पाटत नरशिप (PPP) कींपन है।
वैक्श्वक नवािार और प्रौद्योचगकी गठबींधन (GITA), ववज्ञान और प्रौद्योचगकी ववभाग (TDB) के र्हर् प्रौद्योचगकी
ववकास बोडत (TDB) र्था भारर् य उद्योग पररसींघ (CII) के ब ि सावतजननक-ननज भाग दारी है ।
काया: GITA प्लेटफ़ॉमत, प्रौद्योचगकी अींर्राल मानचित्रर्, ववश्व भर में उपलब्ध प्रौद्योचगक्रकयों का वविेषज्ञ
मल्
ू याींकन, भारर् य अथतव्यवस्था के शलए उपयत
ु र् र्कन की-रर्न नर्क सहयोग साझेदारी और प्रौद्योचगकी
ववकास / अचधग्रहर् हे र्ु आसान धन उपलब्ध कराने, के माध्यम से नव न प्रौद्योचगकी समाधानों के शलए
औद्योचगक ननवेि को प्रोत्सादहर् करर्ा है ।
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