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Ashish Kothari

4-5 minutes

आपने देखा है न उ�ह� !!

चौड़ा माथा, गहर� आंखे, ल�बा कद.. और वो मु�कान। जब म�ने भी उ�ह� पहली
बार देखा- तो बस देखते रह गयी। साथी से पूछा- कौन है ये खूबसूरत लड़का।
ह�डसम!! ह�डसम कहा था म�ने,

साथी ने बताया वो इं�डयन है। पि�डत नेह� क� फै�मली से है। म� देखती रही ..
पं�डत नेह� क� फै�मली के लड़के को।

कुछ �दन बाद, यू�नव�स�टी क�पस के रे�टोरे�ट म� लंच के �लए गयी। ब�त से
लड़के थे वहां। म�ने �र एक खाली टेबल ले ली। वो भी उन �सरे लोगो के साथ
थे। मुझे लगा, �क वह मुझे देख रहे है। नजर� उठाई, तो वे सचमुच मुझे ही देख रहे
थे। �ण भर को नजरे �मली, और दोनो सकपका गए। �नगाह� हटा ली, मगर �दल
जोरो से धड़कता रहा।

अगले �दन जब लंच के �लए वह� गयी, वो आज भी मौजूद थे। कह� मेरे �लए
इंतजार ...!!! मेर� टेबल पर वेटर आया, एक वाइन को बॉटल लेकर.. और साथ
मे एक नैप�कन, �जस पर एक क�वता �लखी थी। "द वन"...

वो पहली नजर का �यार था। वो �दन खुशनुमा थे। वो �वग� था। हम साथ घूमते,
न�दय� के �कनारे, कार म� �र �ाइव, हाघो म� हाथ �लए सड़क� पर घूमना, �फ�म�
देखना। मुझे याद नही क� हमने एक �सरे को �ोपोज भी �कया हो। ज�रत नही
थी, सब नैचुरल था, हम एक �सरे के �लए बने थे। हमे साथ रहना था। हमेशा ..

उनक� मां �धानमं�ी बन गयी थी। जब इं�ल�ड आयी तो राजीव ने �मलाया। हमने
शादी क� इजाजत मांगी। उ�ह�ने भारत आने को कहा।

भारत ... ?? ये ��नया के �जस �कसी कोने म� हो। राजीव के साथ कह� भी रह
सकती थी। तो आ गयी। गुलाबी साड़�, खादी क�, �जसे नेह� ने बुना था, �जसे

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इं�दरा ने अपनी शादी म� पहना था, उसे पहन कर इस प�रवार क� हो गयी। मेर�
मांग म� रंग भरा, �स��र कहते ह� उसे। म� राजीव क� �ई, राजीव मेरे, और म� यही
क� हो गयी।

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�दन पंख लगाकर उड़ गए। राजीव के छोटे भाई नही रहे। इं�दरा को सहारा चा�हए
था। राजीव राजनी�त म� जाने लगे। मुझे नही था पसंद, मना �कया। हर को�शश
क�, मगर आप �ह���तानी लोग, मां के सामने प�नी क� कहां सुनते है। वो गए,
और जब गए तो बंट गये। उनम� मेरा �ह�सा घट गया।

�फर एक �दन इं�दरा �नकल�। बाहर गो�लय� क� आवाज आई। दौड़कर देखा तो
खून से लथपथ। आप लोग� ने छलनी कर �दया था। उ�ह� उठाया, अ�पताल दौड़�,
उन खून से मेरे कपड़े भीगते रहे। मेर� बांह� म� दम तोड़ा। आपने कभी इतने कर�ब
से मौत देखी है?

उस �दन मेरे घर के एक नही, दो सद�य घट गए। राजीव पूर� तरह देश के हो गए।
म�ने सहा, हंसा, साथ �नभाया। जो मेरा था... �सफ� मेरा, उसे देश से बांटा। और
�या �मला। एक �दन उनक� भी लाश लौटी। कपड़े से ढंका चेहरा। एक हंसते,
गुलाबी चेहरे को लोथड़ा बनाकर लौटा �दया आप सबने।

उनका आखर� चेहरा म� भूल जाना चाहती �ं। उस रे�टोर�ट म� पहली बार क� वी
�नगाह, वो शाम�, वो मु�कान ... बस वही याद रखना चाहती �ं।

इस देश मे �जतना व� राजीव के साथ गुजारा है, उससे �यादा राजीव के बगैर
गुजार चुक� �ं। मशीन क� तरह �ज�मेदार� �नभाई है। जब तक श�� थी, उनक�
�वरासत को �बखरने से रोका। इस देश को समृ�� के सबसे गौरवशाली ल�हे
�दए। घर औऱ प�रवार को संभाला है। एक प�रपूण� जीवन �जया है। म�ने अपना
काम �कया है। राजीव को जो वचन नही �दए, उनका भी �नबाह म�ने �कया है।

राजनी�त है, सरकार� आती जाती है। आपको लगता है �क अब इन हार जीत का
मुझ पर फक� पड़ता है। आपक� गा�लयां, �वदेशी होने क� तोहमत, बार बाला,
जस� गाय, �वधवा ... इनका मुझे �ख होता है। �कसी टीवी चैनल पर दी जा रही
गा�लय� का �ख होता है, ��वटर और फेसबुक पर अनग�ल ��ड का �ख होता है??
नही, तरस ज�र आता है।

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याद र�खये, �जससे �ेम �कया हो, उसक� लाश देखकर जो �ख होता है। इसके
बाद �ख नही होता। मन प�थर हो जाता है। मगर आपको मुझसे नफरत है, बेशक
क��जये। आज ही लौट जाऊंगी। बस, राजीव लौटा दी�जए।

औऱ अगर नही लौटा सकते , तो शां�त से, राजीव के आसपास, यह� कह� इसी
�म�ी म� �मल जाने दी�जए। इस देश क� ब� को इतना तो हक �मलना चा�हए
शायद...
.........................…......….....…..….…
Manish Singh जी क� इस पो�ट से बेहतर आज सो�नया गांधी जी के
ज�म�दन पर �या हो सकता था.. एक प�नी,एक माँ,एक ब� क� भू�मका को पूर�
भारतीयता से जीने वाली सो�नया गांधी जी को ज�म�दन क� हा�द�क शुभकामनाएं
💐💐

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