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रूप ां तर

किष्न र न म ि एि सुन्दर और समृद्व दे श थ | आस-प स िे सभी दे श ां िे ल ग उस से


ईर्ष् ा िरते थे| किष्न र में ि ई र ज नहीां थ | ल ग ां िे चुने हुए मांकिय ां ि पररषद दे श में
र ज िरत थ | किष्न र िे ल ग अपने प्रज तांि से खुश थे |

किष्न र िे पड़ स में अर ि न न म ि दे श थ | अर ि न में शक्तिश ली र ज सुज न


र ज िरत थ ज किष्न र ि जीत िर अपने अधीन िरन च हत थ | लेकिन अर ि न
किष्न र िे सम न समृद्ध नहीां थ और किष्न र िी सेन अर ि न िी से न से बड़ी और
शक्ति-श ली थी | र ज सुज न अपनी सेन ि सम्पन्न रखने िे कलए प्रज से भ री िर लेत थ
| प्रज इस से अप्रसन्न थी लेकिन उनिे प स और ि ई कििल्प न थ |

अर ि न ने किष्न र पर तीन ब र आक्रमण किय थ पर हर ब र अर ि न िी ह र हुई


और उन्हें बहुत नुिस न (क्षकत) उठ न पड़ | र ज सुज न हत श ह गय लेकिन उसिे मन
में अब भी किष्न र ि अपने अधीन िरने िी ि मन थी | एि ब र जब िह अपनी र नी िे
कपत िे दे श मेरि न में थ , उसने अपने ससुर मे रि न िे र ज ि अपनी यह मन ि मन
बत ई |

मेरि न िे र ज ने िह - "कचांत नहीां िर र ज सुज न | मेरे प स एि बहुत च ल ि


सल हि र और य जन बन ने ि ल है ज आपिी समस्य ि हल बत सित है |
उसि न म ररिेनी है और िह आपिी मन ि मन पूरी िरने िे कलए आपिे स थ अर ि न
ज एग |"

र ज सुज न नए उत्स ह िे स थ अर ि न लौट | उसने ररिेनी से िह कि िह अपनी


य जन मांकिय ां िी सभ में प्रस्तुत िरे | समय आने पर ररिेनी सभ में आय | "किष्न र पर
किजय प ने िी तुम्ह री क्य य जन है ?" र ज सुज न ने पूछ , "मेरी सेन तुम्ह रे कलए तैय र
है |"

"र ज जी, आपिे लक्ष्य ि प ने िे कलए अभी आपिी सेन िी आिश्यित नहीां है " -
ररिेनी ने िह |
"सेन िी आिश्यित नहीां है ? त क्य तुम उन्हें कबन लड़े ही समपाण िरने ि र ज़ी िर
ल गे?" र ज ने पूछ |

"नहीां र जन," ररिेनी ने िह , "पहले मैं किष्न र ज िर उनिी शक्ति और िमज़ ररय ां ि
समझन च हत हूँ | जब मैं लौट िर आऊूँग , तब हम य जन बन सिते हैं |"

"ठीि है ," र ज ने िह , "तुम गुप्त रूप से ज ओ | मैं अपने किश्वसनीय सैकनि ां ि तुम्ह री
रक्ष िे कलए स थ भेजत हूँ |"
"उसिी आिश्यित नहीां र जन," ररिेनी ने िह , "मैं एि व्य प री िे रूप में किष्न र ज न
च हत हूँ , गुप्त रूप से नहीां |"

ररिेनी किष्न र िे कलए कनिल पड़ | उसने अपने स थ बहुत स र हस्त-िल ि स म न


और हकथय र ले कलय कजसिे कलए मेरि न प्रकसद्ध थ | किष्न र में उसि स्व गत हुआ |
िह ां िे ि कसय ां िे धन-सम्पकि और मेहनत ि दे ख िर ररिेनी बहुत प्रभ कित हुआ | दे श
में ऐसी ि ई िमज़ री उसे कदख ई नहीां दी कजसि कि ब हर से ल भ उठ य ज सिे |

किष्न र िे उिरी भ ग में घुमते हुए ररिेनी ि पत चल कि िह ूँ एि सुन्दर पह ड़ी क्षेि


थ कजसि न म कहमिन थ | िह ूँ घने िन थे कजसमें बहुत बड़े और पुर ने पेड़ थे | द बड़ी
नकदय ूँ कहमिन से कनिलती थीां ज स रे किष्न र िे कलए प नी ि स्र त थीां | ल ग खेती और
कनजी ज़रूरत ां िे स थ स थ उन नकदय ां ि उपय ग य त य त िे कलए भी िरते थे |
कहमि न से लिड़ी और दि इय ां िे कलए जड़ी-बूकटय ूँ भी प्र प्त ह ती थीां | कहमिन िे
किन रे ि ले भ ग ां में ज िर ल ग प्रिृकत िे स थ समय भी कबत ते थे | िह ूँ बहुत अन्य
दशानीय स्थ न और कहरण जैसे सुन्दर ज निर भी थे लेकिन शेर ां िे भय से ल ग कहमिन िे
अांदर दू र ति नहीां ज ते थे |

जब ररिेनी ने कहमिन ि दे ख त उसने मन-ही-मन िह "अब र ज सुज न िी


समस्य ि हल ह सित है |"

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