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Roopantar Part2
Roopantar Part2
हिमवन में सबसे अहिक पाए जाने वाले पेड़ दे वदाि के थे | उसकी लकड़ी का प्रय ग
मेिवान की िस्त-कला औि िहथयाि बनाने में हकया जा सकता था |
हिमवन के बािि सीतल नाम का एक गााँ व था | रिवेनी उस गााँ व के मुखिया से हमलने गया |
"प्रणाम मुखिया जी " रिवेनी ने किा "मेिा नाम दीपचोंद िै |" मैं दू ि दे श मेिवान से आया हाँ "|
"प्रणाम दीपचोंद जी", मुखिया ने किा, "िमािे गााँ व में आपका स्वागत िै | आप हकस कािण
से िमािे छ टे से गााँ व में पिािे िैं ?"
"आपके गााँ व की सुोंदिता औि हिमवन ने मुझे आकहषित हकया िै ," रिवेनी ने किा | "मैं
हिमवन में हशकाि किने जाना चािता हाँ | क्या आप मेिे साथ चाि युवक ों क भेज सकते िैं ? "
"हिमवन में हशकाि किना त बहुत सोंकट की बात िै | क्या आप हिमवन के शेि ों के बािे में
निीों जानते ?" मुखिया ने किा |
"जानता हाँ , " रिवेनी ने किा "लेहकन मेिे पास मेिवान के घातक िहथयाि िैं | "इनके सामने
शेि भी निीों हटक सकते | मैं युवक ों क एक-एक स ने की म िि दे ने क तैयाि हाँ | "
सीतल गााँ व से रिवेनी ने वापस अिाकान की ओि जाने का हनणिय हलया | कुछ हदन ों बाद वि
िाजा सुजान के नगि में पहुों चा | "िाजा जी क सन्दे श भेहजए हक मैं-रिवेनी-उनके हलए एक
उपिाि लाया हाँ | "