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रिवेनी ने हिमवन में पाए जाने वाले जानवि ों औि पेड़ ों का ध्यान से अध्ययन हकया |

हिमवन में सबसे अहिक पाए जाने वाले पेड़ दे वदाि के थे | उसकी लकड़ी का प्रय ग
मेिवान की िस्त-कला औि िहथयाि बनाने में हकया जा सकता था |

हिमवन के बािि सीतल नाम का एक गााँ व था | रिवेनी उस गााँ व के मुखिया से हमलने गया |
"प्रणाम मुखिया जी " रिवेनी ने किा "मेिा नाम दीपचोंद िै |" मैं दू ि दे श मेिवान से आया हाँ "|
"प्रणाम दीपचोंद जी", मुखिया ने किा, "िमािे गााँ व में आपका स्वागत िै | आप हकस कािण
से िमािे छ टे से गााँ व में पिािे िैं ?"

"आपके गााँ व की सुोंदिता औि हिमवन ने मुझे आकहषित हकया िै ," रिवेनी ने किा | "मैं
हिमवन में हशकाि किने जाना चािता हाँ | क्या आप मेिे साथ चाि युवक ों क भेज सकते िैं ? "

"हिमवन में हशकाि किना त बहुत सोंकट की बात िै | क्या आप हिमवन के शेि ों के बािे में
निीों जानते ?" मुखिया ने किा |

"जानता हाँ , " रिवेनी ने किा "लेहकन मेिे पास मेिवान के घातक िहथयाि िैं | "इनके सामने
शेि भी निीों हटक सकते | मैं युवक ों क एक-एक स ने की म िि दे ने क तैयाि हाँ | "

स ने की म िि पाने की बात पि सीतल के चाि नौजवान तैयाि ि गए| "अगले िी हदन वे सब


रिवेनी के साथ हिमवन में गए | दे वदाि के एक जोंगल के पास एक शेि से उनका सामना
हुआ | शेि ने उनकी ओि ध्यान न दे कि एक हििन की ओि कदम बढ़ाया | तभी रिवेनी ने
अपने कमान से एक तीि छ ड़ा ज शेि के पेट में जा लगा | शेि कुछ िी क्षण ों में ढे ि ि गया |

गााँ व के युवक िै िानी से यि दृश्य दे िते ििे | उन् न


ों े कभी एक िी तीि से शेि क मिते हुए
निीों दे िा था | रिवेनी ने उनके आश्चयि क दे िा औि किा "यि मेिे दे श के िहथयाि का
चमत्काि िै | "
मिे हुए शेि औि दे वदाि की कुछ लकड़ी ले कि रिवेनी वापस गााँ व पहुों चा | सभी गााँ व वाले
शेि के हशकाि के बािे में जान कि बहुत चहकत (िै िान) हुए |

आस-पास के गााँ व ों से भी ल ग ों ने आकि यि दे िा | कुछ िनी ल ग ों ने रिवेनी से मेिवान के


तीि कमान भी ििीदे | "मुझे प्रसन्नता िै हक आपक मेिे दे श के िहथयाि पसोंद आए , " रिवेनी
ने किा, "आपके पास भी एक बहुत बड़ा िन िै हजसका आपक शायद ज्ञान निीों | यि
दे वदाि की लकड़ी ज हिमवन में बहुत पाई जाती िै , मेिे दे श के कलाकाि ों क बहुत पसोंद
िै | अगि आप इसे लाकि िमें दें त मैं आपक इसके हलए बहुत अच्छा मूल्य हदलवा सकता
हाँ | यि शेि की िाल भी िमािे हलए बहुत मूल्यवान िै |"

सीतल गााँ व से रिवेनी ने वापस अिाकान की ओि जाने का हनणिय हलया | कुछ हदन ों बाद वि
िाजा सुजान के नगि में पहुों चा | "िाजा जी क सन्दे श भेहजए हक मैं-रिवेनी-उनके हलए एक
उपिाि लाया हाँ | "

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