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असमान पश्चिम बनाम असमान इस्लाम?
असमान पश्चिम बनाम असमान इस्लाम?
मानव अधिकारों की सार्वभौमिक उद्घोषणा| धारा 13(1)| धारा 21| सार्वजनिक सुविधाओं| अधिकार| समानता|
असमानता
यही विसंगति मानव अधिकारों की सार्वभौमिक उद्घोषणा में है . उद्घोषणा के धारा 13(1)
में कहा गया कि “हर व्यक्ति को अपने दे श के अंदर यात्रा और रिहाइश की छूट होनी
चाहिए.” धारा 21 में कहा गया कि “हर व्यक्ति को अपने दे श के सार्वजनिक सुविधाओं पर
बराबर का अधिकार होना चाहिए.” प्रश्न है कि यदि संपर्ण
ू मानवता एक है तो फिर व्यक्ति
को केवल दे श के अंदर यात्रा करने की छूट क्यों, उसको परू े विश्व में यात्रा करने की छूट
क्यों नहीं है ? और यदि मानवता एक है तो किसी भी व्यक्ति को विश्व के सभी दे शों की
सार्वजनिक सुविधाओं के प्रति अधिकार क्यों नहीं है ? इस प्रकार पश्चिमी सभ्यता ने
अपने दे शों के अंदर समानता स्थापित की लेकिन दस
ू रे दे शों के प्रति घोर असमानता
स्थापित की. नतीजा है कि कुछ दे श अमीर है और दस
ू रे दे श गरीब हैं यद्यपि मानवता का
नारा दिया जा रहा है .
इस्लाम| क़ु रआन| आयत 17.60| अल्लाह| पैगंबर| अबू बक्र| ओमर| समानतावादी
इस्लाम की स्थिति बिल्कुल इससे विपरीत लेकिन फिर भी इसके समान है . क़ुरआन की
आयत 17.60 में कहा गया कि “अल्लाह ने लोगों को घेर रखा है .” हमें इसे इस प्रकार
समझना चाहिए अल्लाह ने सब लोगों को घेर रखा है . अल्लाह की नजर में लोगों के बीच
कोई भेद नहीं है . इसी समानतावादी विचारधारा को अपनाते हुए पैगंबर के समय सादगी
का पैगाम दिया गया. पैगंबर स्वयं बहुत सादगी से रहते थे. उनके बाद के पहले दो इमाम
और ओमर भी सादगी से रहते थे.
लेस्ली हे ज़ल्टन की पुस्तक “आफ्टर द प्रोफेट” में बताया गया है कि तीसरे इमाम
उथमान के समय परिस्थिति बिल्कुल बदल गई. उन्होंने राज महल बनाए जिसमें
संगमरमर के खंबे लगे थे, जिसमें चारदीवारी के बीच बगीचे थे, जहां विदे शों से लाया गया
भोजन परोसा जाता था और उथमान ने अपने परिजनों को बड़े भमि
ू खंड आवंटित किये
और साथ में हजारों घोड़े और दास भी दान में दिए. इस प्रकार इस्लाम की जो
समानतावादी विचारधारा थी वह पूर्णतः असमानतावादी बन गई.
वर्तमान में यही परिस्थिति विद्यमान है . सऊदी अरब में आलीशान महल बनाये गए हैं.
पाकिस्तान में यद्यपि दास प्रथा अवैध है लेकिन एक आकलन के अनुसार वहां कम से
कम 20 लाख बंधवा मजदरू है जो दयनीय परिस्थिति में जीवनयापन कर रहे हैं.