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क्या बाइबल, एनुमा एलिश और वायु पुराण की कहानी एक ही है ?

बाइबल | एनुमा एलिश | वायु पुराण | क़ुरआन| सुमेरी सभ्यता


सामान्यत: माना जाता है कि बाइबल और क़ुरआन में उत्पत्ति  कि
कहानी के स्रोत  पश्चिम एशिया में है . विशेषकर  इराक में  जहाँ सुमेरी
सभ्यता कांस्य युग में  फलती-फूलती थी. माना जाता है कि जो
कहानियां उस समय सम
ु ेरी सभ्यता में प्रचलित थी उनके अंश को 
बाइबल में लिया गया और उन्हीं की कुछ अंश को क़ुरआन  में भी
समाहित किया गया है .

बाइबल और क़ुरआन में उत्पत्ति  कि कहानी के स्रोत  पश्चिम एशिया


में है या भारत में ?.

सुमेरी सभ्यता के बारे में एक विशेष कहानी है जिसे एनुमा एलिश के


नाम से जाना जाता है . इसके अलावा दो और स्रोत है , एक है अटरा
हासिस नाम की कहानी और दस
ू रा बेरोसेस नाम के इतिहासकार
द्वारा दिया गया विवरण.

बाइबल में “एलोहिम” “याहवे” और वायु परु ाण  में “ब्रह्म “ब्रह्मा” दो
नाम बताए गए हैं.

बाइबल | एलोहिम | याहवे | वायु परु ाण | ब्रह्म | ब्रह्मा | एनम


ु ा
एलिश | दे वताओं |

हम इस कहानी में बाइबल में दिए गए उत्पत्ति  के विवरण की तुलना


सम
ु ेरी कहानियों और हिंद ू धर्म के वायु परु ाण से करें गे. बाइबल के
पहले श्लोक में परमेश्वर के दो नाम बताए गए हैं “एलोहिम” “याहवे.”
इसके समकक्ष एनुमा एलिश में दो नाम नहीं है बल्कि एनुमा एलिश
में सर्वभौमिक परमेश्वर का कोई विवरण है ही नहीं. एनुमा एलिश में
दे वताओं मात्र की बात है . इसके सामने वायु परु ाण के 8.1 श्लोक में
कहा गया कि आदि पुरुष रात्रि के अंत में सष्टि
ृ करने की इच्छा से
ब्रह्मा का रूप धारण करते हैं. यहां आदि पुरुष का तात्पर्य ब्रह्म से है
जिसने ब्रह्मा को बनाया. इस प्रकार बाइबल में “एलोहिम” “याहवे”
परमेश्वर के दो नाम बताए गए और वायु पुराण  में भी “ब्रह्म
“ब्रह्मा” दो नाम बताए गए. जबकि एनम
ु ा एलिश में दो नाम नहीं
बताए गए हैं.

बाइबल के सामानांतर सुमेरी कहानी एनुमा एलिश में बताया गया कि


किसी समय स्वर्ग और धरती नहीं थी.

बाइबल | सष्टि
ृ | आकाश | पथ्ृ वी | वायु पुराण | स्वर्ग | धरती |
एनम
ु ा एलिश |

दस
ू रा बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि परमेश्वर ने सष्टि
ृ की, परमेश्वर
ने  आकाश और पथ्
ृ वी को बनाया. इसी के समानांतर एनुमा एलिश में
किसी समय ऊपर स्वर्ग और नीचे धरती अस्तित्व में नहीं आई थी
यानी किसी समय सब कुछ शून्य प्राय था. लेकिन वायु पुराण में
स्वर्ग और धरती का विभाजन का उल्लेख नहीं मिलता है . इसलिए इस
बिंद ु पर हम बाइबल को एनुमा एलिश के समानांतर पाते हैं और वायु
पुराण से भिन्न नहीं पाते हैं.

बाइबल में कहा गया कि किसी समय पथ्


ृ वी बेडौल थी. इसके सामानांतर वायु
पुराण में कहा गया सारा भूमंडल जल-मग्न था.

बाइबल | पथ्ृ वी | बेडौल | वायु परु ाण | भम


ू ंडल | जल-मग्न |
एनम
ु ा एलिश | यद्ध
ु |

तीसरा बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि पथ्


ृ वी बेडौल और सुनसान थी
यानी शन्
ू य प्राय थी. एनम
ु ा एलिश में ऐसा कोई  विवरण नहीं है . एनम
ु ा
एलिश में शुरू से ही दे वताओं के आपस में युद्ध इत्यादि की बात है .
जबकि  वायु पुराण के 8.2 श्लोक में कहा गया है कि किसी समय
सारा भम
ू ड
ं ल चारों ओर से जल-मग्न रहता था. बाइबल का कहना कि 
“पथ्
ृ वी बेडौल और सन
ु सान थी” और वायु परु ाण का कहना कि “सारा
भूमंडल चरों और से जल-मग्न था” समानांतर है .
बाइबल | वायु पुराण | एनुमा एलिश | जल | अप्सु | तियामत |
ब्रह्मा |

बाइबल में कहा गया कि परमेश्वर की आत्मा जल के ऊपर मंडरा रही


थी. यहां पर एनुमा एलिश में भी कहा गया की अप्सु और तियामत ने
अपने पानी को आपस में मिलाकर सष्टि
ृ की. तो पानी और सष्टि
ृ की
बात बाइबल और एनम
ु ा एलिश दोनों में मिलती है . इसी प्रकार वायु
पुराण में स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि ब्रह्मा जल के ऊपर इधर-
उधर घूमते रहते थे. बाइबल का यह कहना कि परमेश्वर की आत्मा
जल के ऊपर मंडराती थी और वायु परु ाण का कथन कि ब्रह्मा इधर-
उधर मंडरा रहे थे बिल्कुल समानांतर है . जबकि एनुमा एलिश आधा-
पढ़ता समानांतर है क्यूंकि एनुमा एलिश में पानी की बात है , मंडराने
की बात नहीं है .

बाइबल | वायु पुराण | एनुमा एलिश | जल | अप्सु | तियामत |


ब्रह्मा |

पांचवा बिंद.ु बाइबल के अनस


ु ार परमेश्वर ने जल को दो भाग में
अलग-अलग बाट दिया. इसी के समानांतर एनुमा एलिश में बोला गया
है कि किसी समय अप्सु और तियामत का पानी एक ही था और बाद
में ये पथ
ृ क होकर पन
ु ः मिले लेकिन वायु परु ाण में जल के विभाजन
का कोई विवरण नहीं मिलता है . वहां सिर्फ इतना कहा गया कि प्रभु
वराह रूप में जल में प्रवेश कर गए. जल में प्रवेश करने को हम जल
के बटवारे के समानांतर नहीं मानते हैं इसलिए हम यहां पर वायु
परु ाण को बाइबल से भिन्न मानते हैं जबकि एनम
ु ा एलिश को
समानांतर मानते हैं.
जल से धरती की उतपत्ति की बात बाइबल, एनुमा एलिश और वायु
पुराण में समानांतर है .

बाइबल | वायु पुराण | एनुमा एलिश | जल | धरती | भूमि |


छठवां बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि परमेश्वर ने कहा कि पानी एक
जगह एकत्रित हो जाए और भमि
ू उपस्थित हो जाए. इसी के
समानांतर एनुमा एलिश में कहा गया चरागाह आदि उपस्थित हो जाए
और वायु पुराण में कहा गया कि वराह परमेश्वर ने धरती को जल के
ऊपर स्थापित किया. इसलिए तीनों विवरणों को हम समानांतर पाते
हैं.
चंद्रमा, सर्य
ू और अन्य ग्रहों का विवरण बाइबल, एनम
ु ा एलिश और
वायु परु ाण में समानांतर है .

बाइबल | वायु पुराण | एनुमा एलिश | बेरोसेस | चंद्रमा | सूर्य |


ग्रहों |

सातवां बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि परमेश्वर ने दिन और रात को


अलग किया. इसी के समानांतर बेरोसेस कहते हैं कि बेल नामक दे व
ने तारे , सर्य
ू और चंद्रमा और पांच ग्रहों को बनाया और वायु परु ाण में
कहा गया है कि ब्रह्मा ने सबसे पहले चंद्रमा सूर्य और अन्य ग्रहों को
बनाया. इसलिए इस बिंद ु पर तीनों विवरण समानांतर हैं.
बाइबल, एनुमा एलिश और वायु पुराण में मनुष्य को बनाने की बात
समानांतर है .

बाइबल | वायु पुराण | एनुमा एलिश | मनुष्य | किंगु | ब्रह्मा |


मुख | वक्षस्थल | उरु | चरणों |

आठवां बिंद.ु बाइबल में कहा गया है कि परमेश्वर ने कहा कि अब


हम मनुष्य को बनाएं. इसी के समानांतर एनुमा एलिश कहा गया है
कि दे वताओं ने किंगु नाम के जीव को बांधा और उसके खून से
मनष्ु य को बनाया और वायु परु ाण में कहा गया कि ब्रह्मा ने अपने
मुख, वक्षस्थल, उरु और चरणों से हजार-हजार जोड़ों के चार समूह
मनुष्य को उत्पन्न किया. इसलिए मनुष्य के बनाने में तीनों विवरण
पन
ु ः समानांतर है .
बाइबल, एनम
ु ा एलिश और वायु परु ाण तीनों में कहा गया है कि किसी
समय पथ्
ृ वी पर कोई पेड़ पोधे नहीं थे.

बाइबल | वायु परु ाण | एनम


ु ा एलिश | पथ्ृ वी | पेड़ पोधे | धरती |
सष्टि
ृ |

नवा बिंद.ु बाइबल में कहा गया है कि उस समय पथ्


ृ वी पर कोई पेड़
पोधे नहीं थे. इसी के समानांतर बेरोसेस कहते हैं कि जब बेल ने दे खा
कि धरती पढ़ती थी तब उन्होंने मनुष्य बनाए. वायु पुराण में कहा
गया कि ब्रह्मा ने हजार-हजार लोगों की सष्टि
ृ पहले कर दी थी किंतु
किसी कारण वे प्रजागण निर्दिष्ट पथ पर प्रवर्तित नहीं हुए यानी कि
जो उन लोगों से सष्टि
ृ को आगे बढ़ाने की अपेक्षा थी वह उन्होंने
नहीं किया. इस प्रकार तीनों कहानियों में यह बात निकलती है कि
एक ऐसा समय था जब मनुष्य को बना दिया गया था लेकिन वह
वह आगे नहीं बढ़ा.

वायु पुराण में शोक और हिंसा से मनुष्य की उत्पत्ति बाइबल में धूल
से मनष्ु य को बनाने के समानांतर है .

बाइबल 2.7 | वायु पुराण 10.6 | एनुमा एलिश | योहोवा | धूल |


मनुष्य | ब्रह्मा | अधर्म | हिंसा |

दसवां बिंद.ु बाइबल में संकेत मिलता है कि मनुष्य के निचले गुणों


को लेकर सष्टि
ृ आगे बढ़ी. श्लोक 2.7 में कहा गया योहोवा ने पथ्ृ वी
से धूल उठाई और मनुष्य को बनाया. धूल से मनुष्य को बनाना एक
प्रकार से गंदगी से मनष्ु य को बनाना हुआ. इस प्रकार का कोई भी
विवरण एनुमा एलिश में नहीं मिलता है जबकि वायु पुराण के श्लोक
10.6 में कहा गया कि ब्रह्मा के चरण से अधर्म और ब्रह्मा के शोक
से हिंसा का जन्म हुआ फिर ब्रह्मा ने उस मलिन शरीर को दो भागों
में विभक्त किया जिसमें एक भाग परु ु ष और दस
ू रा भाग स्त्री हुआ.
इस प्रकार वायु पुराण में शोक और हिंसा से मनुष्य की उत्पत्ति
बताई गई है जो बाइबल में धल
ू से मनष्ु य को बनाने के समानांतर
दिखती हैं.

आदम के समय की नदियों का विवरण बाइबल, एनम


ु ा एलिश और
वायु पुराण में समानांतर है .

बाइबल | वायु परु ाण | एनम


ु ा एलिश | आदम | नदी | यफ्र
ू े ट्स |
टिगरिस | तियामत | मेरु पर्वत |
ग्यारहवां बिंद,ु जिस स्थान पर आदम रहते थे उस स्थान पर बाइबल
में चार नदियों का विवरण मिलता है . एनुमा एलिश में कहा गया कि
तियामत नाम की दे वी की दो आंखों से यूफ्रेट्स और टिगरिस दो
नदियां निकली. यहां दो नदियों की बात है लेकिन चार नदियों की
बात नहीं है . जबकि वायु पुराण के बयालीसवें अध्याय में कहा गया है
कि मेरु पर्वत जहां ब्रह्मा जी रहते थे वहां से चार नदियां चार
दिशाओं में निकलती हैं. इस प्रकार चार नदियों की बात बाइबल और
वायु परु ाण में मिलती है जबकि एनम
ु ा एलिश में केवल दो नदियों की
बात मिलती है . इसलिए एनुमा एलिश इनसे भिन्न दिखती है .

पुरुष और स्त्री को बनाने की बात बाइबल और वायु पुराण में


समानांतर है .

बाइबल | वायु परु ाण | अटरा हासिस | योहोवा | स्त्री | परु


ु ष |
मनष्ु य |
बाहरवां बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि योहोवा ने मनुष्य के शरीर से
एक पसली निकाल कर उससे स्त्री को बनाया. तो मनुष्य के शरीर का
स्त्री और पुरुष में एक प्रकार से विभाजन हुआ. इसी के समानांतर
अटरा हासिस में कहा गया कि गर्भ की दे वी मामी ने सात नर और
सात मादा बनाएं. इसके बाद वायु पुराण में कहा गया कि ब्रह्मा ने
अपने उस हिंसा और शोक के मलिन शरीर को दो भागों में विभक्त
किया जिसमें एक भाग पुरुष और एक भाग स्त्री हुआ. इसलिए
बाइबल की कहानी वायु पुराण के समानांतर है इसलिए एक मनुष्य
शरीर को स्त्री और परु
ु ष में विभक्त करने की बात बाइबल और वायु
परु ाण में समानांतर है जबकि अटरा हासिस में शरीर को विभक्त
करने की बात नहीं है .

बाइबल में परमेश्वर ने स्त्री की प्रजनन की पीड़ा को बढ़ाया जो वायु पुराण में
प्रजनन कि संख्या में वद्धि
ृ को दर्शाता है .

बाइबल | वायु पुराण 8.43 | एनुमा एलिश | आदम और ईव |


स्त्री | प्रजनन | संतान | मासिक धर्म | पीड़ा |
तेहरावां बिंद.ु बाइबल के अनुसार आदम और ईव ने परमेश्वर की
आज्ञा की अवहे लना की. उसके बाद परमेश्वर ने स्त्री से कहा कि जब
तू बच्चा जानेगी तब तुझे बहुत पीड़ा होगी. इस प्रकार का कोई
विवरण एनुमा एलिश में नहीं है जबकि वायु पुराण के श्लोक 8.43 में
कहा गया कि पहले स्त्रियां अपने जीवन के अंत में एक बार ही
प्रजनन करती थी. इसके बाद उनको मासिक धर्म होने लगा और वे
ज्यादा संख्या में संतान उत्पन्न करने लगी जिससे संकेत मिलता है
कि उन्हें प्रजनन की पीड़ा बार-बार होने लगी. इसलिए बाइबल की
कहानी कि स्त्री को बच्चा जनने में पीड़ा होगी और वायु परु ाण की
कहानी कि स्त्री ज्यादा संख्या में बच्चे पैदा करे गी यह दोनों
समानांतर दिखती हैं.

बाइबल | वायु परु ाण | एनम


ु ा एलिश | आदम | मिट्टी | खेती |
सिंचाई | भमि
ू | जोतकर |
चौदहवां बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि परमेश्वर ने आदम को कहा
कि तुम मिट्टी में खेती करके अपना पेट भरोगे. इसी के समानांतर
एनम
ु ा एलिश इसमें कहा गया कि एनबीलल
ू ू ने सिंचाई की व्यवस्था
की और गेहूं की सष्टि
ृ की. वायु पुराण में भी कहा गया कि ब्रह्मा ने
मनुष्यों की जीविका का उपाय किया और भमि ू को जोतकर अन
उपजाया जाने लगा. इसलिए इस बिंद ु पर तीनों विवरण समानांतर
दिखते हैं.

बाइबल | वायु पुराण 8.96 | एनुमा एलिश | चमड़े | कपड़े | ठं डक


| गर्मी | वस्त्र |
पन्द्रहवां बिंद.ु बाइबल में कहा गया कि मनष्ु य ने चमड़े से कपड़े
बनाएं. इस प्रकार का कोई विवरण एनुमा एलिश में नहीं है जबकि
वायु पुराण के श्लोक 8.96 में कहा गया कि ठं डक और गर्मी से
पीड़ित होकर लोग वस्त्र धारण करने लगे. इस प्रकार बाइबल और
वायु पुराण में कपड़े पहनने की बात है जिसे हम समानांतर मानते हैं.

मोरिया, सम
ु ेर और मेरु तीनो नाम में “म” और “र” के व्यंजन
उपलब्ध हैं.

बाइबल | वायु पुराण | यहूदी परं परा | सुमेर सभ्यता | मोरिया


पर्वत | अदन की वाटिका | सुमेर | मेरु पर्वत |
सोलहवां बिंद.ु यद्यपि बाइबल में मोरिया नाम के पर्वत का कोई
विवरण नहीं हैं लेकिन यहूदी परं परा में कहा गया है कि आदम को
जब को अदन की वाटिका से निष्कासित कर दिया गया था. तब वे
मोरिया नाम के पर्वत पर जाकर रहे थे. इस प्रकार मोरिया पर्वत का
अदन की वाटिका और आदम से संबंध दिखता है . यह जो सम
ु ेर शब्द
है इसके अंदर भी “म” र” व्यंजन पड़े हुए हैं इसी प्रकार वायु परु ाण में
कहा गया कि ब्रह्मा जी मेरु पर्वत के ऊपर के एक हिस्से में रहते थे.
इसलिए सुमेर और मेरु तीनों नामों को हम समानांतर मानते हैं तीनों
में ही “म” र” के व्यंजन उपलब्ध हैं.

बाइबिल के 16 बिंदओ
ु ं में केवल दो पर वायु पुराण समानांतर नहीं है .

इस प्रकार कुल परिस्थिति यह है कि इन सोलह बिंदओ


ु ं में से दो
बिंदओ
ु ं पर हम वायु पुराण और बाइबल में भिन्नता पाते हैं.

पहला बिंद ु यह है कि बाइबल में बताया गया कि स्वर्ग और पथ्ृ वी का


विभाजन किया गया. लेकिन वायु पुराण में स्वर्ग के निर्माण की कोई
चर्चा नहीं है .
दस
ू रा बिंद ु है कि बाइबल में पानी के बंटवारे की बात की गई है
लेकिन वायु पुराण में पानी के बंटवारे की बात नहीं है . इस प्रकार हम
इन दो बिन्दओ
ु ं पर बाइबल और वायु परु ाण को भिन्न मानते हैं.
तुलना में सात बिन्दओ
ु ं पर बाइबल और एनुमा एलिश आपस में मेल
नहीं खाते हैं जबकि वायु पुराण मेल खाती है . जो हम इस तालिका में
दे ख सकते हैं.

16 में से सात बिन्दओ


ु ं पर बाइबल और वायु परु ाण समानांतर है .

पहला बिंद ु है कि बाइबल में परमेश्वर के दो नाम है एलोहीम और


याहवे जबकि एनुमा एलिश में दे वताओं की बात की गई है और वायु
पुराण में भी दो नाम है ब्रह्म और ब्रह्मा.

दस
ू रा बिंद ु बाइबल में कहां गया किसी समय धरती बिना आकार के
थी जोकि वायु पुराण में भी कहा गया एनुमा एलिश में ऐसा नहीं
कहा गया.
तीसरा बिंद ु बाइबल में धुल से मनुष्य को बनाने की बात है . वायु
पुराण में अधर्म और शोक से मनुष्य को बनाने की बात है लेकिन
एनुमा एलिश में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है .
चौथा बिंद ु बाइबल में चार नदियों की बात कही गई है और वायु
पुराण में भी चार नदियों की बात कही गई है जबकि एनुमा एलिश
में दो नदियों की बात है .
पांचवा बिंद ु बाइबल में स्त्री को मनष्ु य के शरीर से बनाने की बात है .
वायु पुराण में ब्रह्मा के शरीर का विभाजन करके स्त्री और पुरुष
कोबनाने की बात कही गयी है . जबकि अटरा हासिस में शरीर को
विभक्त करने की कोई बात नहीं है .

छठा बिंद ु बाइबल में स्त्री को संतान उत्पति पीड़ा का श्राप दिया गया.
वायु पुराण में कहा गया कि स्त्री प्रजनन अधिक संख्या में करे गी.
एनम
ु ा एलिश में ऐसी कोई बात नहीं कही गयी है .

सातवां बिंद.ु बाइबल में मनुष्य को कपड़ा पहनाने की बात है और


वायु परु ाण में भी कहा गया कि मनष्ु य वस्त्र धारण करने लगे जबकि
एनुमा एलिश में ऐसा कुछ नहीं है .

इस प्रकार हम दे खते हैं सोलह बिंदओ


ु ं में से दो बिंदओ
ु ं पर वायु परु ाण
और बाइबल मेल नहीं खाते है जबकि सात बिंदओ
ु ं पर बाइबल और
एनुमा एलिश मेल नहीं खाते हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि यह
जो बाइबल की कहानी है उसका मूल स्रोत वायु पुराण या हिंद ू
सभ्यता हो सकती है न कि सम
ु ेर की सभ्यता. इसलिए हमको इस
बात पर विचार करना होगा कि बाइबल और क़ुरआन में जो उत्पति
का विवरण दिया गया है उसका मूल हिंद ू धर्म और सिंधु घाटी
सभ्यता में तो नहीं है ? जिससे कि हम इन धर्मों के बीच में एक
सौहार्दपर्ण
ू वार्तालाप स्थापित कर सकें.

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