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(लोक सभा द्वारा 17.9.

2020 को पाररत रूप में)

2020 का ववधेयक संखयांक 113-सी


[दि फारमसस प्रोड्यूस ट्रे ड एंड कामसस (प्रोमोशन एंड फेसीलेशन) बिल, 2020 का दिन्िी
अनुवाि]

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवधसन


और सरलीकरि) ववधेयक, 2020
ऐसे पाररस्थिततक तंत्र के सज
ृ न का विां, जिां कृषक और व्यापारी, ऐसी कृषक उपज
के, ववक्रय और क्रय संिंधी चयन की थवतंत्रता का उपभोग करते िैं, जो
प्रततथपधासत्मक वैकस्पपक व्यापाररक चैनलों के माध्यम से लाभकारी
कीमतों को सुकर िनाता िै , का उपिंध करने के ललए; िाजारों के
भौततक पररसर या ववलभन्न राज्य कृवष उपज िाजार संिंधी
ववधानों के अधीन अधधसूधचत समझे गए िाजारों के
िािर कृषक उपज का िक्ष, पारिशी और तनिासध
अंतरास्ज्यक और अंतःरास्ज्यक व्यापार और
वाणिज्य के संवधसन के ललए; इलैक्ट्ट्रातनक
व्यापार के ललए सुसाध्य ढांचे का
और उससे संिंधधत या उसके
आनुषंधगक ववषयों का
उपिंध करने के ललए
ववधेयक

भारत गिराज्य के इकित्तरवें वषस में संसद् द्वारा तनम्नललणित रूप में यि
अधधतनयलमत िो :—

अध्याय 1

प्रारं लभक
1. (1) इस अधधतनयम का संक्षक्षप्त नाम कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संक्षक्षप्त नाम और
प्रारं भ ।
(संवधसन और सरलीकरि) अधधतनयम, 2020 िै ।
(2) यि 5 जन
ू , 2020 को प्रवत्त
ृ िुआ समझा जाएगा ।
2

पररभाषाएं । 2. इस अधधतनयम में, जि तक कक संिभस से अन्यिा अपेक्षक्षत न िो,—


(क) “इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस" से कृषक उपज
का, ककसी इलैक्ट्ट्रातनक युस्क्ट्तयों और इंटरनेट प्रयोग के नेटवकस के माध्यम से
व्यापार और वाणिज्य के संचालन िे तु प्रत्यक्ष और आनलाइन क्रय और ववक्रय
को सुकर िनाने के ललए थिावपत ऐसा प्लेटफामस अलभप्रेत िै , जिां प्रत्येक ऐसे
संव्यविार का पररिाम कृषक उपज का वाथतववक पररिान िोता िै ;
(ि) “कृषक” से ऐसा व्यस्क्ट्त अलभप्रेत िै जो थवयं या भाडे के श्रलमक
द्वारा या अन्यिा कृषक उपज के उत्पािन में लगा िुआ िै और इसके अंतगसत
तनमासता, कृषक तनमासता संगठन भी िै ;
(ग) “कृषक उपज” से तनम्नललणित अलभप्रेत िै ,—
(i) गेिूं, चावल या अन्य मोटा अनाज, िालें, िाद्य ततलिन, तेल,
सागभाजी, फल, मेवा, मसाले, गन्ना और कुक्ट्कुट, सूअर, िकरी, मत्थय
और डेरी उत्पाि सदित ऐसे िाद्य पिािस जो अपनी नैसधगसक या प्रसंथकृत
रूप में मानव उपभोग के ललए आशतयत िै ;
(ii) िली और अन्य सांद्रों सदित पशु चारा ; और
(iii) कच्ची कपास, चािे उसकी ओटाई की गई िै या ओटाई निीं
की गई िै , बिनौला और कच्चा पटसन ;
(घ) “कृषक उत्पािक संगठन” से, कृषकों का कोई ऐसा सगंम या समूि
अलभप्रेत िै , चािे वि ककसी नाम से ज्ञात िो, जो—
(i) तत्समय प्रवत्त
ृ ककसी ववधध के अधीन रस्जथट्रीकृत िै ; या
(ii) केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा प्रायोस्जत ककसी थकीम
या कायसक्रम के अधीन संवधधसत िै ;
(ङ) “अंतररास्ज्यक व्यापार” से कृषक उपज के क्रय या ववक्रय की ऐसी
कारसवाई अलभप्रेत िै स्जसमें एक राज्य का व्यापारी, अन्य राज्य के कृषक या
ककसी व्यापारी से कृषक उपज का क्रय करते िैं और ऐसी कृषक उपज का
पररविन उस राज्य से जिां से व्यापारी ने ऐसी कृषक उपज िरीिी िै या जिां
से ऐसी कृषक उपज उत्पन्न िोती िै , लभन्न राज्य में ककया जाता िै ;
(च) “अंतःरास्ज्यक व्यापार” से कृषक उपज के क्रय या ववक्रय की ऐसी
कारसवाई अलभप्रेत िै , स्जसमें एक राज्य का व्यापारी, उसी राज्य के ककसी कृषक
या व्यापारी से, कृषक उपज का क्रय करता िै , जिां से व्यापारी ने ऐसी कृषक
उपज िरीिी िै या जिां ऐसी कृषक उपज उत्पन्न िोती िै ;
(छ) “अधधसूचना” से केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में
प्रकालशत की गई कोई अधधसूचना अलभप्रेत िै और तद्नुसार “अधधसूधचत” पि
का विी अिस लगाया जाएगा ;
(ज) “व्यस्क्ट्त” के अंतगसत तनम्नललणित िै —
(क) कोई व्यस्टट;
(ि) कोई भागीिारी फमस;
(ग) कोई कंपनी;
(घ) कोई सीलमत िातयत्व भागीिारी;
3

(ङ) कोई सिकारी सोसाइटी;


(च) कोई सोसाइटी ; या
(छ) ऐसा कोई संगम या व्यस्क्ट्त तनकाय जो केन्द्रीय सरकार या
राज्य सरकार के ककसी चालू कायसक्रम के अधीन सम्यक् रूप से एक
समि
ू के रूप में तनगलमत या मान्यताप्राप्त िै ;
(झ) “ववदित” से इस अधधतनयम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा िनाए
गए तनयमों द्वारा ववदित अलभप्रेत िै ;
(ञ) “अनुसूधचत कृषक उपज” से ववतनयमन के ललए ककसी राज्य कृवष
उपज िाजार सलमतत अधधतनयम के अधीन ववतनदिस टट कोई कृवष उपज अलभप्रेत
िै ;
(ट) “राज्य” के अंतगसत संघ राज्यक्षेत्र भी िै ;
(ठ) “राज्य कृवष उपज िाजार सलमतत अधधतनयम” से भारत में प्रवत्त
ृ कोई
ऐसा राज्य ववधान या संघ राज्यक्षेत्र का ववधान, चािे ककसी भी नाम से ज्ञात
िो, अलभप्रेत िै , जो उस राज्य में की कृवष उपज को ववतनयलमत करता िैं;
(ड) “व्यापार क्षेत्र” से—
(क) फामस गेट;
(ि) कारिाना पररसर;
(ग) भांडागार;
(घ) ित्ती;
(ङ) शीतागार;
(च) कोई अन्य ढांचा या थिान,
सदित कोई ऐसा क्षेत्र या अवथिान, उत्पािन, संग्रिि और संकलन का ऐसा
थिान अलभप्रेत िै जिां से भारत के राज्यक्षेत्र में कृषक उपज का भारत के
राज्यक्षेत्र में व्यापार ककया जा सकेगा ककन्तु इसके अन्तगसत—
(i) भारत में प्रवत्त
ृ प्रत्येक कृवष उपज िाजार सलमतत अधधतनयम के
अधीन गदठत िाजार सलमततयों द्वारा व्यवस्थित और संचाललत मुखय
िाजार याडस, उप-िाजार याडस और िाजार उप-याडस की भौततक सीमाओं;
और
(ii) अनुज्ञस्प्तयां धारि करने वाले व्यस्क्ट्तयों द्वारा व्यवस्थित
प्राइवेट िाजार याडों, प्राइवेट िाजार उप याडों, प्रत्यक्ष ववपिन संग्रिि
केन्द्रों और प्राइवेट कृषक उपभोक्ट्ता िाजार याडों या ककन्िीं भांडागारों,
िवत्तयों, शीतागारों, भारत में प्रवत्त
ृ प्रत्येक राज्य कृवष उपज ववपिन
सलमतत अधधतनयम के अधीन िाजार या समझे गए िाजारों के रूप में
अन्य संरचनाओं, से लमलकर िना कोई पररसर, अिातों और संरचनाएं
सस्म्मललत निीं िैं;
(ढ) “व्यापारी” से कोई ऐसा व्यस्क्ट्त अलभप्रेत िै जो अन्तररास्ज्यक व्यापार
या अंतः रास्ज्यक व्यापार या उन िोनों के संयोजन द्वारा, िोक व्यापार,
िि
ु रा, अंत्य उपयोग, मप
ू य वधसन, प्रसंथकरि, ववतनमासि, तनयासत, उपभोग के
प्रयोजन के ललए या ऐसे अन्य प्रयोजनों के ललए थवयं या एक या अन्य
व्यस्क्ट्तयों की ओर से कृषक उपज का क्रय करता िै ।
4

अध्याय 2

कृषक उपज के व्यापार और वाणिज्य का संवधसन और सरलीकरि


ककसी व्यापार क्षेत्र 3. इस अधधतनयम के उपिन्धों के अधीन रिते िुए, ककसी कृषक या व्यापारी
में व्यापार और
या इलैक्ट्ट्रातनक व्यापार और संव्यविार प्लेटफामस को, ककसी व्यापार क्षेत्र में कृषक
वाणिज्य की
थवतन्त्रता।
उपज में अन्तररास्ज्यक या अंतःरास्ज्यक व्यापार और वाणिज्य करने की थवतन्त्रता
िोगी ।
अनुसूधचत कृषक 4. (1) कोई व्यापारी, ककसी व्यापार क्षेत्र में ककसी कृषक या ककसी अन्य
उपज का व्यापार
व्यापारी के साि अनस
ु धू चत कृषक का अन्तररास्ज्यक व्यापार या अंतःरास्ज्यक व्यापार
और वाणिज्य।
कर सकेगा :
परं तु कोई व्यापारी, कृषक तनमासता संगठनों या कृवष सिकारी सोसाइटी के
लसवाय ककसी अनस
ु धू चत कृषक उपज का ति तक व्यापार निीं करे गा जि तक ऐसे
व्यापारी को आय-कर अधधतनयम, 1961 के अधीन थिायी िाता संखयांक आिंदटत न 1961 का 43

ककया गया िो या उसके पास कोई ऐसा अन्य िथतावेज जो केन्द्रीय सरकार द्वारा
अधधसूधचत ककया जाए, न िो ।
(2) केन्द्रीय सरकार, यदि उसकी यि राय िै कक लोक दित में ऐसा करना
आवश्यक और समीचीन िै ककसी व्यापार क्षेत्र में ककसी व्यापारी के इलैक्ट्ट्रातनक
रस्जथट्रे शन प्रिाली, व्यापार संव्यविार की रीततयां और अनुसूधचत कृषक उपज के
भग
ु तान की पद्धतत ववदित कर सकेगी ।
(3) प्रत्येक व्यापारी जो कृषकों के साि संव्यविार करता िै , व्यापार की गई
अनुसूधचत कृषक उपज का भुगतान उसी दिन या यदि प्रकक्रयात्मक रूप से ऐसा
अपेक्षक्षत िै , तो इस शतस के अधीन रिते िुए कक कृषक को शोध्य भग
ु तान की रकम
में वणिसत पररिान की रसीि उसी दिन िी जाएगी, अधधकतम तीन कायसदिवस के
भीतर भुगतान करे गा:
परं तु केन्द्रीय सरकार, क्रेताओं से संिाय रसीि के साि जुडे िुए संिद्ध कृषक
उपज संगठन या कृवष सिकारी सोसाइटी, चािे ककसी भी नाम से ज्ञात िो, द्वारा
भुगतान की लभन्न लभन्न प्रकक्रया ववदित कर सकेगी।
इलैक्ट्ट्रातनक 5. (1) आय-कर अधधतनयम, 1961 के अधीन आिंदटत थिायी िाता संखयांक 1961 का 43
व्यापाररक और
या ऐसा कोई अन्य िथतावेज, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा अधधसूधचत ककया जाए,
संव्यविार
प्लेटफामस ।
रिने वाला कोई व्यस्क्ट्त (ककसी व्यस्टट से लभन्न) कोई कृषक तनमासता संगठन या
कृवष सिकारी सोसाइटी, ककसी व्यापार क्षेत्र में अनुसूधचत कृषक उपज के अन्तर-
रास्ज्यक या अंतःरास्ज्यक व्यापार को सक
ु र िनाने के ललए कोई इलैक्ट्ट्रातनक
व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस थिावपत कर सकेगा और उसका प्रचालन कर
सकेगा :
परन्तु इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस थिावपत और प्रचाललत
करने वाला व्यस्क्ट्त, व्यापार की रीतत, फीस, अन्य प्लेटफामों के साि अन्तर व्यविायस
सदित तकनीकी पैरामीटर, तकससंगत व्यवथिाएं, गुिवत्तापूिस तनधासरि, यिासमय
भुगतान, प्लेटफामस के प्रचालन के थिान की थिानीय भाषा में मागसिशसक लसद्धांतों
का प्रसारि जैसी उधचत व्यापार पद्धततयों और ऐसे अन्य ववषयों के ललए मागसिशसक
लसद्धांत तैयार करे गा और उनका कक्रयान्वयन करे गा ।
(2) यदि केन्द्रीय सरकार की यि राय िै कक लोक दित में ऐसा करना आवश्यक
और समीचीन िै तो वि, तनयमों द्वारा, ककसी व्यापार क्षेत्र में अनस
ु धू चत कृषक उपज
5

के उधचत अन्तर-रास्ज्यक और अंतरारास्ज्यक व्यापार और वाणिज्य को सुकर िनाने


के ललए इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक मंचों के ललए—
(क) रस्जथट्रीकरि की प्रकक्रया, मानिं ड, रीतत ववतनदिस टट कर सकेगी; और
(ि) आचार संदिता, अन्य प्लेटफामस के साि अन्तर व्यविायस सदित
तकनीकक पैरामीटर स्जसके अंतगसत अनस
ु धू चत कृषक उपज की तकससंगत
व्यवथिायें और उनका गुिवत्तापूिस तनधासरि भी िै , ववतनदिस टट कर सकेगी ।
6. ककसी राज्य कृवष उपज िाजार सलमतत अधधतनयम या ककसी अन्य राज्य व्यापार क्षेत्रों में
राज्य कृवष उपज
ववधध के अधीन ककसी कृषक या व्यापारी या इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार
िाजार सलमतत
प्लेटफामस से ककसी व्यापार क्षेत्र में अनुसूधचत कृषक उपज में व्यापार और वाणिज्य अधधतनयम, आदि
के ललए कोई िाजार फीस या उपकर या उद्ग्रिि चािे ककसी भी नाम से ज्ञात िो के अधीन िाजार
उद्गि
ृ ीत निीं ककया जाएगा। फीस ।

7. (1) केन्द्रीय सरकार, ककसी केन्द्रीय सरकार संगठन के माध्यम से, कृषक कीमत सूचना
और िाजार
उत्पाि के ललए कीमत सच
ू ना और िाजार आसच
ू ना प्रिाली और उससे सम्िंधधत
आसच
ू ना प्रिाली।
सूचना के प्रसारि िे तु एक रूपरे िा ववकलसत कर सकेगी।
(2) केन्द्रीय सरकार, ऐसे संव्यविारों के संिंध में, जो ववदित ककए जाएं, ककसी
व्यस्क्ट्त से, सूचना उपलब्ध करवाने के ललए एक इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और
संव्यविार प्लेटफामस का थवामी िोने की और उसके प्रचालन की अपेक्षा कर सकेगी।
थपटटीकरि—इस धारा के प्रयोजनों के ललए “केन्द्रीय सरकार संगठन” पि के
अन्तगसत कोई अधीनथि या सििद्ध कायासलय, सरकार के थवालमत्वाधीन या संिंधधत
कंपनी या सोसाइटी भी िै ।
अध्याय 3

वववाि समाधान
8. (1) इस अधधतनयम की धारा 4 के अधीन कृषक और ककसी व्यापारी के िीच कृषकों के ललए
वववाि समाधान
ककसी संव्यविार से उद्भूत ककसी वववाि की िशा में, पक्षकार, आवेिन फाइल करके
तंत्र ।
उपिंड मस्जथट्रे ट से, सल
ु ि के माफसत पारथपररक प्रततग्राह्य समाधान की ईप्सा कर
सकेंगे जो ऐसे वववाि को, वववाि के आिद्धकर पररतनधासरि को सुकर िनाने के ललए
उसके द्वारा तनयुक्ट्त सुलि िोडस को तनदिस टट करे गा।
(2) उपधारा (1) के अधीन उपिंड मस्जथट्रे ट द्वारा तनयुक्ट्त प्रत्येक सुलििोडस,
एक अध्यक्ष और कम से कम िो और चार से अनधधक ऐसे सिथयों से लमलकर
िनेगा स्जन्िें उपिंड मस्जथट्रे ट ठीक समझे।
(3) अध्यक्ष, उपिंड मस्जथट्रे ट के पयसवेक्षि और तनयंत्रि के अधीन सेवारत
कोई अधधकारी िोगा और अन्य सिथय वववाि के पक्षकारों का प्रतततनधधत्व करने िे तु
िरािर संखया में तनयुक्ट्त व्यस्क्ट्त िोंगे और ककसी पक्षकार का प्रतततनधधत्व करने के
ललए तनयुक्ट्त कोई व्यस्क्ट्त उस पक्षकार की लसफाररश पर तनयुक्ट्त ककया जाएगा :
परन्तु यदि कोई पक्षकार, सात दिन के भीतर ऐसी लसफाररश करने में असफल
रिे गा तो उपिंड मस्जथट्रे ट ऐसे व्यस्क्ट्तयों की तनयुस्क्ट्त करे गा स्जन्िें वि उस पक्षकार
का प्रतततनधधत्व करने के ललए ठीक समझे ।
(4) जिां, सुलि कायसवादियों के िौरान ककसी वववाि के संिंध में कोई समाधान
िो जाता िै विां तद्नुसार समाधान ज्ञापन िनाया जाएगा और वि ऐसे वववाि के
पक्षकारों द्वारा िथताक्षररत िोगा जो पक्षकारों पर आिद्धकर िोगा।
6

(5) यदि उपधारा (1) के अधीन संव्यविार के पक्षकार, इस धारा के अधीन


उपवणिसत रीतत में तीस दिन के भीतर वववाि का समाधान करने में असमिस रिते िैं
तो वे संिद्ध उपिंड मस्जथट्रे ट से सम्पकस कर सकेंगे जो ऐसे वववाि के समाधान के
ललए उपिंड प्राधधकारी िोगा।
(6) उपिंड प्राधधकारी, थवप्रेरिा से या ककसी याधचका के आधार पर या ककसी
सरकारी अलभकरि से तनिे श के आधार पर धारा 4 या उसके अधीन िनाए गए
तनयमों के उपिन्धों के ककसी उपलघंन का संज्ञान लेगा और उपधारा (7) के अधीन
कारसवाई करे गा।
(7) उपिंड प्राधधकारी, इस धारा के अधीन वववाि या उपलंघन का ववतनश्चय,
उसके फाइल ककए जाने की तारीि से तीस दिन के भीतर संक्षक्षप्त रीतत में करे गा
और—
(क) वववािाधीन रकम की वसल
ू ी का आिे श पाररत कर सकेगा; या
(ि) ऐसी शास्थत अधधरोवपत कर सकेगा जो धारा 11 की उपधारा (1) के
अधीन अनुिद्ध िै ; या
(ग) इस अधधतनयम के अधीन प्रत्यक्ष रूप या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी
अवधध के ललए, जो वि ठीक समझे अनुसूधचत कृषक उपज के ककसी व्यापार
और सम्िंधी व्यापाररक कायस को करने से वववािग्रथत व्यापारी को अवरुद्ध
करने का आिे श पाररत कर सकेगा।
(8) उपिंड प्राधधकारी के आिे श से व्यस्क्ट्त को पक्षकार, ऐसे आिे श के तीस
दिन के भीतर अपील प्राधधकारी (कलक्ट्टर या कलक्ट्टर द्वारा नामतनदिस टट अपर
कलक्ट्टर) के समक्ष अपील कर सकेगा जो ऐसी अपील फाइल ककए जाने की तारीि
से तीस दिन के भीतर अपील का तनपटारा करे गा।
(9) इस धारा के अधीन उपिंड प्राधधकारी या अपील प्राधधकारी का प्रत्ये क
आिे श ककसी लसववल न्यायालय की डडक्री का िल रिेगी और उस रूप में प्रवतसनीय
िोगी और डडक्रीत रकम की भू-राजथव के िकाए के रूप में वसूली की जाएगी।
(10) उपिंड प्राधधकारी के समक्ष कोई याधचका या कोई आवेिन और अपील
प्राधधकारी के समक्ष कोई अपील फाइल करने की रीतत और प्रकक्रया वि िोगी जो
ववदित की जाए।
इलैक्ट्ट्रातनक 9. (1) कृवष ववपिन सलािकार, ववपिन और तनरीक्षि तनिे शालय, भारत
व्यापाररक और
सरकार या राज्य सरकार का ऐसा कोई अधधकारी स्जसे केन्द्रीय सरकार द्वारा राज्य
संव्यविार
प्लेटफामस के
सरकार के परामशस से ऐसी शस्क्ट्तयां प्रत्यायोस्जत की गई िैं, थवप्रेरिा से या ककसी
प्रचालन के याधचका के आधार पर या ककसी सरकारी अलभकरि के तनिे श के आधार पर,
अधधकार का प्रकक्रयाओं, मानिण्डों, रस्जथट्रीकरि की रीतत और आचार संदिता के ककसी अंग का
तनलंिन या
या धारा 5 के अधीन थिावपत इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस द्वारा
रद्िकरि।
उधचत व्यापार पद्धततयों के मागसिशसक लसद्धांतों के ककसी अंग का संज्ञान ले सकेगा
और प्रास्प्त की तारीि से साठ दिन के भीतर आिे श द्वारा और ऐसे कारिों से जो
लेििद्ध ककए जाएं, वि—
(क) कृषकों और व्यापाररयों को संिेय रकम की वसूली का आिे श पाररत
कर सकेगा;

(ि) ऐसी शास्थत अधधरोवपत कर सकेगा, जो धारा 11 की उपधारा (2) में


तनयत की गई िै ; या
7

(ग) इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस के रूप में प्रचालन


के अधधकार को ऐसी अवधध के ललए, जो वि ठीक समझे तनलस्म्ित कर सकेगा
या उसे रद्ि कर सकेगा:

परं तु रकम की वसूली, शास्थत के अधधरोपि या प्रचालन के अधधकार के


तनलम्िन या रद्िकरि का कोई आिे श, ऐसे इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार
प्लेटफामस के प्रचालक को सुनवाई का अवसर दिए बिना पाररत निीं ककया जाएगा ।

(2) उपधारा (1) के अधीन ककया गया प्रत्येक आिे श का लसववल न्यायालय की
डडक्री का िल िोगा और उस रूप में प्रवतसनीय िोगा तिा डडक्रीत रकम भू-राजथव के
िकाए के रूप में वसूल की जाएगी ।

10. (1) धारा 9 के अधीन ककसी आिे श से व्यधित कोई व्यस्क्ट्त, ऐसे आिे श प्रवतसन के
अधधकार के
की तारीि से साठ दिन के भीतर, केन्द्रीय सरकार द्वारा इस प्रयोजन के नाम-
रद्िकरि के
तनदिस टट ऐसे अधधकारी को, जो भारत सरकार के संयुक्ट्त सधचव की पंस्क्ट्त से नीचे का ववरुद्ध अपील।
न िो, अपील कर सकेगा :

परन्तु कोई अपील साठ दिन की उक्ट्त अवधध की समास्प्त के पश्चात ् ककन्तु
नब्िे दिन की कुल अवधध के अपश्चात ् भी ग्रिि की जा सकेगी यदि अपीलािी अपील
प्राधधकारी का यि समाधान कर िे ता िै कक उसके पास उक्ट्त अवधध के भीतर अपील
न करने का पयासप्त िे तुक िा ।

(2) इस धारा के अधीन की गई प्रत्येक अपील ऐसे प्ररुप और रीतत में की


जाएगी और उसके साि उस आिे श की एक प्रतत, स्जसके ववरुद्ध अपील की गई िै
और ऐसी फीस संलग्न िोगी, जो ववदित की जाए ।

(3) ककसी अपील के तनपटान की प्रकक्रया वि िोगी जो ववदित की जाए ।

(4) इस धारा के अधीन फाइल की गई अपील की सुनवाई और उसका तनपटान,


उसके फाइल ककए जाने की तारीि से नब्िे दिन की अवधध के भीतर ककया जाएगा :

परन्तु ककसी अपील के तनपटान से पूवस अपीलािी को सुनवाई का अवसर दिया


जाएगा ।

अध्याय 4

शास्थतयां
11. (1) जो कोई धारा 4 या उसके अधीन िनाए गए तनयमों का उपलंघन अधधतनयम और
तनयमों के
करे गा, वि ऐसी शास्थत के संिाय का, जो पांच िजार रुपए से कम की निीं िोगी
उपलंघन के ललए
ककन्तु जो पांच लाि रुपए तक की िो सकेगी और जिां उपलंघन जारी रिता िै विां शास्थत ।
पिले दिन के पश्चात ् उस प्रत्येक दिन के ललए, स्जसके िौरान उपलंघन जारी रिता िै ,
पांच िजार रुपए से अनधधक और शास्थत का िायी िोगा।
(2) यदि कोई व्यस्क्ट्त, जो ककसी इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार
प्लेटफामस का थवामी िै , उसका तनयंत्रि या प्रचालन करता िै , धारा 5 और धारा 7 या
उसके अधीन िनाए गए तनयमों के उपिन्धों का उपलंघन करे गा, वि ऐसी शास्थत के
संिाय का, जो पचास िजार रुपए से अधधक की निीं िोगी ककन्तु जो िस लाि रुपए
तक की िो सकेगी और जिां उपलंघन जारी रिता िै विां पिले दिन के पश्चात ्
प्रत्येक दिन के ललए स्जसके िौरान उपलंघन जारी रिता िै िस िजार रुपए से
अनधधक की और शास्थत का िायी िोगा।
8

अध्याय 5

प्रकीिस
केन्द्रीय सरकार की 12. केन्द्रीय सरकार, इस अधधतनयम के उपिन्धों को कायासस्न्वत करने के ललए
अनुिेश, तनिे श,
ऐसे अनुिेश, तनिे श, आिे श, िे सकेगी या मागसिशसक लसद्धांत जारी कर सकेगी जो
आिे श या
मागसिशसक लसद्धांत
वि, केन्द्रीय सरकार के अधीनथि ककसी प्राधधकारी या अधधकारी या ककसी राज्य
जारी करने की सरकार या ककसी राज्य सरकार के अधीनथि ककसी प्राधधकारी या अधधकारी, ककसी
शस्क्ट्त। इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस के ललए या ककसी ऐसे व्यस्क्ट्त के
ललए जो ककसी इलैक्ट्ट्रातनक व्यापाररक और संव्यविार प्लेटफामस का थवामी िै या
उसका प्रचालन करता िै या ककसी व्यापारी या व्यापररयों के वगस के ललए आवश्यक
समझे।
सद्भावपूवक
स की 13. इस अधधतनयम या उसके अधीन िनाए गए तनयमों या ककए गए आिे शों
गई कारसवाई के
के अधीन सद्भावपूवक
स की गई या की जाने के ललए आशतयत ककसी िात के सम्िन्ध
ललए संरक्षि ।
में कोई भी वाि, अलभयोजन या अन्य ववधधक कायसवािी केन्द्रीय सरकार या राज्य
सरकार या केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के ककसी अधधकारी या ककसी अन्य
व्यस्क्ट्त के ववरुद्ध निीं िोगी।
अध्यािे श का 14. इस अधधतनयम के उपिंध, ककसी राज्य कृवष उपज ववपिन सलमतत या
अध्यारोिी प्रभाव
तत्समय प्रवत्त
ृ ककसी अन्य ववधध या तत्समय प्रवत्त
ृ ककसी ववधध के कारि प्रभावी
िोना ।
ककसी ललित में अन्तववसटट उससे असंगत ककसी िात के िोते िुए भी प्रभावी िोंगे।
लसववल न्यायालय 15. ककसी लसववल न्यायालय को, ककसी ऐसे ववषय की िाित स्जसका इस
की अधधकाररता का
अधधतनयम या उसके अधीन िनाए गए तनयमों द्वारा या उसके अधीन सशक्ट्त ककसी
वजसन ।
प्राधधकारी द्वारा संज्ञान ललया जा सकता िै और उसका तनपटारा ककया जा सकता िै ,
कोई वाि या कायसवािी ग्रिि करने की अधधकाररता निीं िोगी।
कततपय संव्यविारों 16. इस अध्यािे श की कोई िात, प्रततभतू त संवविा (ववतनयमन) अधधतनयम,
को अध्यािे श का
1956 के और उसके अधीन मान्यताप्राप्त थटॉक एक्ट्सचें ज और क्ट्लीयररंग कारपोरे शन 1956 का 42
लागू न िोना ।
और उसके अधीन ककए गए संव्यविारों को लागू निीं िोगी।
केन्द्रीय सरकार की 17. (1) केन्द्रीय सरकार, इस अधधतनयम के उपिन्धों को कायासस्न्वत करने के
तनयम िनाने की
ललए, तनयम, अधधसूचना द्वारा िना सकेगी ।
शस्क्ट्त ।
(2) पूवग
स ामी शस्क्ट्त की व्यापकता पर प्रततकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे तनयम
तनम्नललणित सभी या ककन्िीं ववषयों के ललए उपिन्ध कर सकेंगे, अिासत ् :—
(क) धारा 4 की उपधारा (2) के अधीन अनुसूधचत कृषक उपज के ककसी
व्यापारी के ललए इलैक्ट्ट्रातनक रस्जथट्रीकरि प्रिाली और व्यापार संव्यविार की
रीततयां;
(ि) धारा 4 की उपधारा (3) के परन्तक
ु के अधीन संिाय की प्रकक्रया;
(ग) धारा 8 की उपधारा 10 के अधीन उप िंड प्राधधकारी के समक्ष
याधचका या आवेिन फाइल करने और अपील प्राधधकारी के समक्ष अपील फाइल
करने की रीतत और प्रकक्रया;
(घ) धारा 9 की उपधारा (2) के अधीन संव्यविारों की िाित सूचना;
(ङ) धारा 10 की उपधारा (2) के अधीन अपील फाइल करने का प्ररूप
और रीतत तिा संिेय फीस;
(च) धारा 10 की उपधारा (3) के अधीन ककसी अपील के तनपटान की
9

प्रकक्रया;
(छ) कोई अन्य ववषय जो ववदित ककया जाए या ववदित ककया जाना िै ।
18. इस अधधतनयम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा िनाया गया प्रत्येक तनयमों का रिा
जाना।
तनयम, िनाए जाने के पश्चात ् यिाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सिन के समक्ष, जि वि
सत्र में िो, कुल तीस दिन की अवधध के ललए रिा जाएगा। यि अवधध एक सत्र में
अिवा िो या अधधक आनुक्रलमक सत्रों में पूरी िो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूवोक्ट्त
आनक्र
ु लमक सत्रों के ठीक िाि के सत्र के अवसान के पव
ू स िोनों सिन उस तनयम में
कोई पररवतसन करने के ललए सिमत िो जाएं तो तत्पश्चात ् वि ऐसे पररवततसत रूप में
िी प्रभावी िोगा। यदि उक्ट्त अवसान के पूवस िोनों सिन सिमत िो जाएं कक वि
तनयम निीं िनाया जाना चादिए तो तत्पश्चात ् वि तनटप्रभावी िो जाएगा। ककन्तु
तनयम के ऐसे पररवततसत या तनटप्रभाव िोने से उसके अधीन पिले की गई ककसी िात
की ववधधमान्यता पर प्रततकूल प्रभाव निीं पडेगा।
19. (1) यदि इस अधधतनयम के उपिन्धों को प्रभावी करने में कोई कदठनाई कदठनाइयों को िरू
करने की शस्क्ट्त।
उत्पन्न िोती िै तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकालशत ऐसे आिे श द्वारा, ऐसे
उपिन्ध कर सकेगी जो इस अधधतनयम के उपिन्धों से असंगत न िो और जो उस
कदठनाई को िरू करने के ललए उसे आवश्यक प्रतीत िो :
परन्तु इस धारा के अधीन कोई आिे श इस अधधतनयम के प्रारं भ की तारीि से
तीन वषस की अवधध के पश्चात ् निीं ककया जाएगा ।
(2) इस धारा के अधीन ककया गया प्रत्येक आिे श, ककए जाने के पश्चात ्
यिाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सिन के समक्ष रिा जाएगा।
20. (1) कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवधसन और सरलीकरि) तनरसन और
व्याववृ त्तयां ।
2020 का अध्यािे श, 2020 तनरलसत ककया जाता िै ।
अध्यािे श सं0 10
(2) ऐसे तनरसन के िोते िुए भी उक्ट्त अध्यािे श के अधीन की गई कोई िात
या कारसवाई, इस अधधतनयम के तत्थिानी उपिंधों के अधीन की गई समझी जाएगी ।

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