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मैं जैन धर्मगुरु यतिवर्य कुमार विजय पिछले लगभग 44 साल से ज्यादा से ज्योतिष विषय से

जुडा हुआ हु | मेरे ज्योतिष गुरु रहे मेरे पिता श्री जैनधर्म गुरु स्व. यतिवर्य श्री शांति विजय जी
महाराज साहेब उन्होंने मुझे बहुत छोटी उम्र में ही ज्योतिष का ज्ञान सिखाना आरम्भ कर दिया
था जो उनके जीवनकाल के बाद भी अब मैं दूसरी पीढ़ी के रूप में ज्योतिष विध्या को अपने
ज्ञान और अनुभव के आधार पर आगे बाढा रहा हु, और इन वर्षो में मैंने ज्योतिष विषय को
बहुत गहराई से जाना और समझा साथ ही हजारो बातो को व्यवहारिक जीवन में परखा और
बहुत कुछ अनुभव किया है| इतने लम्बे ज्योतिष के जीवनकाल में मैंने यही पाया की
ज्योतिष का आधार गणित और गणना है| इस ज्योतिष गणना का भी आधार होता है पंचांग
जिसमे शामिल होते है , तिथि, वार, नक्षत्र, योग करण| अगर कोई ज्योतिषी गणित की
गणना सही तरीके से करे तो भुत, भविष्य और वर्तमान के अलावा बहुत कुछ हजारो साल
पहले की घटना और हजारो साल बाद घटित होने की घटना को भी बताने में सक्षम होता है|
इसका एक उदहारण हमारे ज्योतिषियों ने एक हजार साल के पंचांगों का निर्माण किया हुआ
है जिसमे प्रत्येक वर्षो की तिथि, वार, नक्षत्र, योग, कारन, ग्रहों के राशी परिवर्तन का दिन
समय और कब किस दिन ग्रहण होगा और कितन बजे शुरू होगा मध्यकाल कब होगा और
मौक्ष कब होता आदि सब सेकेंडो में टाइम तक बताया गया है |

मैंने अपने इस लम्बे ज्योतिषीय जीवनकाल में लाखो कंु डलिया देखि है और सब कंु डलियो में
स्थित ग्रहों की स्थितियों को देखा और उनके अनुसार लोगो के जीवन में घटने वाली
घटनाओ ं को भी सुना और देखा है | अगर मैं कहू की ज्योतिष में ग्रहों ओर नक्षत्रो के आधार
पर यह सष्टि ृ और हमारा जीवन आधारित है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी| दूसरा अनुभव
यह की जिनकी उत्पति हुई है उसका विनाश भी होना उसकी उत्पति के साथ ही तय हो जाता
है| फिर चाहे वो कोई जीव् हो या अजीव वस्तु हो, जो उत्पन्न हुआ है उसका एक दिन विनाश
होना भी ग्रहों के योग के अनुसार तय होता है बस फर्क यह होता है की जीवो की जीवन यात्रा
संक्षिप्त रहती है ओर अजीवो का समय काल लम्बा रहता है |

मेरा जीवन का अनुभव जो मुझे इतने वर्षो की मेहनत से मिला है तो मैंने उसका अपना
अनुभति ु त संकलन भी तेयार किया है हालाँकि इसके पहले पड़ाव में मैंने जैन परं परा के
ऊपर यति विद्या के ज्ञान के अनुसार *यति ज्ञान संसार* एक किताब भी लिखा है और दूसरी
एक किताब मैंने *जैन कालसर्प विधि* पर भी लिखा है जो मैंने वर्षों के अनुसंधान करने के
बाद में यह पाया कि जैन धर्म के अंदर कालसर्प विधि के लिए कोई विधि नहीं है तो वह विधि
मैंने संपूर्ण रूप से बनाई है,, मेरी किताब तेयार है और जब कोई अच्छे पब्लिसर नहीं मिले है
इसलिए मैं जैन कालसर्प विद्धि की बुक को पब्लिक में नहीं ला पाया और तीसरी किताब
एक मत्ृ यु का रहस्य भी लिखा है उसके अंदर जीवन मत्ृ यु के बारे में बहुत गहरे ज्योतिषीय
ग्रहों और नक्षत्रो के अनुभव से रिसर्च करके इस किताब में बहुत जानकारियां दी है और अब
मैं इसको आगे भी लिख रहा हूं,, अभी थोड़ा पूर्ण नहीं हुआ है | इसी किताब के एक भाग में मैंने
इसके अंदर यति विध्या से सम्बंधित कुछ अति प्राचीन यंत्र मंत्र तंत्र से संबंधित विध्याओ का
वर्णन भी किया है| इस यन्त्र, तंत्र, मंत्र भाग में मैंने यति भगवन्तो के द्वारा कठोर तपस्या
और साधना करके जो जैन धर्म में चमत्कार किये गए और जैन धर्म का प्रचार किया गया
वह सब बाते उद्धरण सहित लिखे है और यतियो की साधना और तपस्या विद्धि के बारे में
बहुत कुछ लिखा है जो उनकी विध्या थी वो अब प्राय उनके सबके जीवनकाल में के सम्पति
के साथ लुप्त होती रही और वो सब विद्याये आज भी जो यति दीक्षित होते है उनके पास रहती है
|

अब बात करते है फिर से हमारे इस साईट के मूल मुद्दे ज्योतिष की |

भारतीय ज्योतिष में प्राचीनतम कुछ प्रमुख ज्योतिषियों द्वारा रचित ज्योतिष आज
हामरे बिच में प्रचलन में है और देखे तो हम लोग आज सबसे ज्यादा जिस ज्योतिषियों
के शास्त्रों को अनुभव के आधार पर सटीक मानते है उसी ज्योतिषी का ज्योतिष हम
देखते है और उपयोग में ला रहे है | उनमे पराशर ज्योतिष, के.पि.पद्धति, वाराह मिहिर
आदि प्रमुख है कुछ लोग रावन सहिंता या लाल किताब के अनुसार ज्योतिष का
काम करते है| जहां तक ज्योतिष की बात का सवाल है कि ज्योतिष से आम आदमी
को क्या लाभ मिलता है या क्या लाभ हो सकता है तो ज्योति से गणना पर आधारित
गणित का विषय है |ज्योतिष के अंदर कंु डली में 12 भाव होते हैं और नवग्रह इन बारह
भावो में गोचर या भ्रमण किया करते हैं तो इन 12 भावों के अंदर से ही किसी भी
व्यक्ति का जीवन से मरण तक का सीधा संबंध रहता है| जीवन का पूरा जीवन,
उसके जीवन का हर साल, हरे क महिना, प्रत्येक पखवाडा, प्रत्येक सप्ताह, प्रत्येक
दिन, प्रत्येक घंटा, प्रत्येक घंट े के 60 मिनिट, प्रत्येक मिनिट के 60 पल और उसके भी
विपल और व्यक्ति की एक एक स्वांस ज्योतिषीय ग्रहों नक्षत्रो आदि से सीधा
सम्बन्ध रखती है| कौन कब अपनी जीवन यात्रा शुरू करे ग,े पूरा जीवन कैसा
बीतेगा| जीवनकाल में उनका रं ग रूप व्यावहार और व्यक्तित्व कैसा रहेगा| कितनी
सफ्फलता मिलेगी, कितनी मेहनत करना पड़ेगी, उसका परिवार कैसा होगा,
भाग्योदय कब होगा, किस प्रकार का काम करके धन अर्जित करे गा, उसका
जीवनसाथी कैसा होगा, संतान कितन होगी कैसी होगी सेवाभावी होगी या नहीं,
उम्र आदि सब कंु डली के आधार पर तय किया जा सकता है | ज्योतिष विषय केवल
इसको जानने और समझने वालो के लिए है और इसमें आस्था और पर्ण ू विश्वास
रखने वालो के लिए है | जो लोग इसको जानते नहीं वो भरोसा करते नहीं और इसको
केवल एक व्यापारियों का व्यापार जैसा समझते है यह उनके समझ और सोच से
बाहर होता है तो ऐसे लोगो के लिए ज्योतिष कोई काम का शास्त्र नहीं होता |

जबकि ज्योतिष शास्त्र अपने आप में एक पूर्ण सटीक और अद्वित्य और अनमोल


शास्त्र है इसके बारे में एक कहावत बहुत मशहूर है की| ज्योतिष शास्त्र कभी गलत
नहीं होता बल्कि इसको सही तरीके से न जान्ने और समझने वाले ज्योतिषी गलत
हो सकते है |

अंत में इतना ही कहना चाहूँगा की अगर आपको ज्योतिषीय सही और सटीक
जानकारी लेना है तो आप मेरे चेनल दैनिक यति राशिफल और मेरी साईट जैन यति
साईट से लगातार जुड़े रहे और ज्योतिषीय आधारों और फलादेशो का आनंद उठाइये |

ज्योतिषाचार्य| यतिवर्य कुमार विजय

सम्पर्क केवल रविवार को दिन में 10 से 11 बजे तक | 94 625 75 291 पर संपर्क करे |

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