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दियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृ तिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिंधु (सिन्धु)

तथा गंगा (गङ्गा) नदी की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं - सिंधु (सिन्धु) घाटी तथा आर्य सभ्यता का
आर्विभाव हुआ। आज भी देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं कृ षि का संकें द्रण (संके न्द्रण) नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है।
प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे
तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से संबद्ध (सम्बद्ध) है।
नदियों के देश कहे जाने वाले भारत में मुख्यतः चार नदी प्रणालियाँ है (अपवाह तंत्र) हैं। उत्तरी भारत में सिंधु, मध्य भारत
में गंगा, उत्तर-पूर्व भारत में ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली है। प्रायद्वीपीय भारत में नर्मदा कावेरी महानदी आदी नदियाँ विस्तृत नदी
प्रणाली का निर्माण करती हैं।
भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृ त किया जा सकता है जैसे :-

 हिमालय से निकलने वाली नदियाँ


 दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
 तटवर्ती नदियाँ
 अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

भारत की प्रमुख नदियों की सूची[संपादित करें]


मुख्य लेख:  भारत की नदियों की सूची

 गंगा नदी
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 कालिंदी
 कावेरी
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 सतलुज
 सरयू
 सिन्धु नदी
 सुवर्णरेखा
 हुगली
 गोमती नदी
 माही नदी
 शिप्रा नदी

इन्हें भी देखें[संपादित करें]


नदी जोड़ो परियोजना

बाहरी कडियाँ[संपादित करें]

 नदियों के किनारे बसें विश्व के प्रमुख  शहर


 भारत की नदियाँ (इण्डिया वाटर पोर्टल)
 भारतीय नदियों का इतिहास Archived 25 मार्च 2011 at the वेबैक मशीन.

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भारत की नदियाँ

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भूत-प्रेत
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एक प्रसिद्ध जापान की भूत

भूत-प्रेत लोककथा और संस्कृ ति में अलौकिक प्राणी होते हैं जो किसी मृतक की आत्मा से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि
जिस किसी की मृत्यु से पहले कोई इच्छा पूर्ण नहीं हो पाती और वो पुनर्जन्म के लिये स्वर्ग या नरक नहीं जा पाते वो भूत बन
जाते हैं। इसका कारण हिंसक मृत्यु हो सकती है, या मृतक के जीवन में अनिश्चित मामलों होते हैं या उनकी अंत्येष्टि उचित
संस्कार से नहीं की गई होती हैं।
भूत-प्रेत में विश्वास पीढ़ियों से भारत के लोगों के दिमाग में गहराई से जुड़ा हुआ है और यह आधुनिक तकनीक और
वैज्ञानिक विकास के युग में अभी भी बना हुआ है।[1] भारत में कई कथित तौर पर भूत से पीड़ित स्थान हैं, जैसे कि जीर्ण
इमारतें, शाही मकान, किले, बंगले, घाट आदि। कई फ़िल्मों का निर्माण इसपर किया जा चुका हैं। मुहावरें के रूप में भी इनका
प्रयोग होता हैं, जैसे: भूत सवार होना, भूत उतारना, भूत लगना, आदि।

भूत मनमनमें डरावना भय का प्रतीक


वैज्ञानिक सत्यता:

जब CH4 ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो दहन को अंग्रेजी में दहन कहा जाता है। तो आइए देखें कि दहन कै से होता है ...
आग के लिए, हमें मुख्य रूप से ईंधन और हवा की आवश्यकता होती है। जब मिथेन ऑक्सीजन के साथ जोड़ती है, तो आग बन जाती है।
रात के समय बहुत अंधेरा रहाता हैं उस अभिक्रिया दरम्यान आग लगती हैं और लोग उसे भूत समझ के बैठते हैं।[2][1][मृत कड़ियाँ][3]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

 भूत-प्रेत का अपसारण
 भूत बंगला
 पिशाच
 चुड़ैल

सन्दर्भ[संपादित करें]

1. ↑ Wen, Tiffanie (2014-09-05).  "Why Do People Believe in


Ghosts?".  The Atlantic  (अंग्रेज़ी में). मूल से 11 अक्तू बर 2019
को  पुरालेखित. अभिगमन तिथि  2019-11-21.
2. ↑ "भूत  : सत्य की असत्य वैज्ञानिक दृष्टिकोन". अभिगमन तिथि 2020-05-18.[मृत
कड़ियाँ]

3. ↑ "भूत  : सत्य की असत्य वैज्ञानिक दृष्टिकोन". अभिगमन तिथि 2020-05-18.[मृत


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