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जीरा / Jeera
जीरा / Jeera
िविभ न भाषाओ ं
म जीरे के नाम :
संकृत जी ।
े ी यूिमसीड।
अ ज
गुजराती जी ।
मराठी िजर।
ंाली जीरा।
बग
तेलगू जीलकरी।
1. द त का दद:
काले जीरे के उबले ए पानी से कु ला करने से द त का दद
दरू होता है ।
4. मलेिरया का बुखार:
12. तन का जमा आ दध
ू िनकालना: जीरा 50 ाम को गाय
के घी म भून पीसकर इसम ख ड 50 ाम की मा ा म िमला देते
ू के साथ योग करना
ह। इसे 5-5 ाम की मा ा म सुबह दध
चािहए। इससे गभ शय भी शु हो जाता है और छाती म दध
ू
भी बढ़ जाता है ।
13. तन म दध
ू की वृि :
जीरा, आं
वला और कपास के प को िमलाकर ठ डे पानी म
पीसकर लेप बना ल। कुछ िदन तक लगातार इस लेप को िसर
पर लगाकर प टी ब धने से रत धी दरू होती है ।
ंकोष की सूजन:
24. अड
34. द त:
ंहो जाती है ।
जीरे की बीड़ी बनाकर पीने से िहचकी बद
ंकी दग
38. मुह ंव स स की
ु ध: जीरा को भूनकर खाने से मुह
बदबू ख म हो जाती है ।
39. गभवती ी की उ टी: जीरे को रेशमी कपड़े म लपेटकर
ं सूघ
ब ी बना ल। इसे जलाकर इसका धुआ ंने से पुरानी उ टी
ंहो जाती है ।
भी बद
ू के साथ
41. कान से कम सुनाई देना: थोड़े से जीरे को दध
फ कने से कम सुनाई देने का रोग दरू हो जाता है ।
ंी परेशािनय :
46. मािसक-धम स बध
47. आं
वर (पेिचश): 3 ाम काला जीरा और अनार के प
को पानी म डालकर पीने से खूनी पेिचश के रोगी का रोग दरू
हो जाता है ।
48. अ नमा (हाजमे की खराबी):
51. अ लिप :
जीरा, धिनया और िम ी तीन को बराबर मा ा म पीसकर
िमलाकर 2-2 च मच सुबह और शाम भोजन के बाद ठ डे पानी
से फं
की लेने से अ लिप ठीक हो जाता है ।
54. शीतिप :
75. तुिं
डका शोथ (ट िसल): 3 ाम जीरी और 2 ाम गे को
एक साथ पीसकर पानी के साथ गले पर लेप करने से गले की
सूजन और दद दरू हो जाती है ।
76. िवसप-फुं
िसय का दल बनना: गम पानी के साथ जीरे को
पीसकर खुजली, फुं
सी, जलन, दद आिद वचा के रोग म लेप
करने से लाभ होता है ।
ंपर
78. जल जाना: जीरे को पानी के साथ पीसकर जले अग
लेप करने से लाभ िमलता है ।
ंदोष: 10-10 ाम कपूर, जीरा, जािव ी, ल ग और
79. िलग
कपूर सभी को एक साथ पीसकर इसम 40 ाम ख ड िमला ल।
ंकी
इसे 5 ाम लेकर बासी पानी के साथ सेवन करने से िलग
इ य के दोष दरू हो जाते ह।
80. क ठमाला:
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