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Manjha – Vishal Mishra

हम्म..,हम्म..
है मांझा ते रा ते ज़
ये दिल की पतं ग को काटे हाय
तु झी से कटके ये
गिरे ते री छत पे आके हाय
है मांझा ते रा ते ज़
ये दिल की पतं ग को काटे हाय
तु झी से कटके ये
गिरे ते री छत पे आके हाय
मे री जान चली जाये है
तू जो मु ड़के दे खे हाय
तु झी से कटके ये
गिरे ते री छत पे आके हाय
है मांझा ते रा ते ज़
ये दिल की पतं ग को काटे हाय
ओ.. हम्म..,ओ.. हम्म..
तितली थी मैं बावरी सी इधर कभी उधर कभी
कैसे आ ठहरी ते री छत पे आके हाय
मनमानियों से है नज़ारे
क्या दरमियाँ है ये हमारे
हो.. मनमानियों से है नज़ारे
क्या दरमियाँ है ये हमारे
दिल कागज़ का एक पं छी
तू अम्बर सारा हाय
तु झे जो दे खे तो
ये फुर उड़ ही जाये हाय
है मांझा ते रा ते ज़
ये दिल की पतं ग को काटे हाय
तु झी से कटके ये गिरे ते री छत पे आके हाय
हम्म..
है मांझा ते रा ते ज़
ये दिल की पतं ग को काटे हाय
तु झी से कटके ये
गिरे ते री छत पे आके हाय

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