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बच्चे दे खते हैं जरूरत से ज्यादा कार्टून तो हो जाएं अलर्ट

बच्चे आज -कल टीवी के काफी शौकीन हो गए हैं। स्कूल से घर वापस आते ही सबसे पहले
अपना फैवरे ट कार्टून दे खना शरू
ु कर दे ते हैं। जैसे - टॉम एंड जैरी, डिज्नी मिकी माउस, डोरी
मॉन आदि। टी.वी दे खने के अलावा उन्हें कोई और काम नजर ही नहीं आता। जैसे - पढ़ाई-
लिखाई आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार्टून बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है । जी
हां, एक शोध से बात सामने आई है कि कार्टून दे खने से बच्चों की काल्पनिक शक्ति पर
बहुत बरु ा असर पड़ता है । वे वास्तविक जीवन से दरू हो जाते हैं। इसके अलावा भी बहुत से
ऐसे कारण हैं जो बच्चे के लिए सही साबित नहीं होते। 
 
1. कार्टून की आवाज में बात करना
आजकल के बच्चे तो कार्टून के इतने दिवाने हो गए है कि वे बात करना भी उन्हीं की
आवाज में करना पसंद करते हैं। ऐसे में बच्चे पर उनकी भाषा का गलत प्रभाव पड़ता है ।
2. आंखे कमजोर
अब बच्चे जब सारा दिन कार्टून ही दे खते रहें गे तो जाहिर है उनकी आंखे भी कमजोर होगी।
क्या पता शायद यही कारण हो कि कम उम्र में बच्चों को चश्मा लगने का।
3. खाने-पीने की गलत आदतें
कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो उनकी हर आदत को फॉलो करते हैं। चाहे वह आदत खाने -पीने की
क्यों ना हो। जैसे कि छोटा भीम लड्डू खाता है और उसमें शैतान से लड़ने की ताकत आ
जाती है । इसी तरह बच्‍चे भी लड्डू खाने की जिद करने लगते हैं। लेकिन आपको बता दें
ज्यादा मीठा खाने से बच्चों के दांत में कीड़े भी लग सकते हैं।
4. लड़ाई 
कुछ कार्टून ऐसे होते हैं, जो हिंसा पर आधारित होते हैं। जिसे दे खकर बच्चे भी उनकी तरह
मारपीट, लड़ाई-झगड़ा शरू ु कर दे ते हैं।
http://nari.punjabkesari.in/nari/news/4-such-cartoons-of-children-who-put-on-children-the-
wrong-effect-590403

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