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Article 3
Article 3
लाडले के मुंह से ऐसी बातें सुनकर है रत में पड़ जाते हैं, साथ ही भविष्य को लेकर सशंकित
भी। वहीं, सवाल भी खड़ा करते हैं कि अब अगर कोई बच्चा मां से इस भाषा में बात करे तो
क्या कहें गे। साथ ही स्वीकार करते हैं कि बच्चों में जिद्दीपन और बड़ों से बदसलक
ू ी तो आम
होती जा रही है ।
हॉट सिटी के कई अभिभावकों ने तो यहां तक कहा कि बच्चों की बिगड़ती आदतों को देे खते
हुए कार्टून चैनल बंद करा दिए हैं।
आक्रामक भी हो रहे बच्चे
पैरेंट्स काउं सलर्स के पास बच्चों की भाषा से जड़
ु ी समस्या का समाधान प्राप्त करने के लिए
बड़ी संख्या में अभिभावक पहुंच रहे हैं। कार्टून कैरे क्टर्स का असर बच्चों पर इतना अधिक
दिखाई दे रहा है कि कई बार बच्चे अपने साथी या फिर भाई-बहन के साथ आक्रामक भी हो
जाते हैं।
पैरेंट्स का वर्किं ग होना भी वजह
बच्चों की बिगड़ी भाषा की वजह पैरेंट्स का वर्किं ग होना भी सामने आ रहा है । कुछ पैरेंट्स
बच्चों को न सिर्फ कार्टून शो में व्यस्त रखना चाहते हैं, बल्कि उन्हें गैजेट फ्रेंडली भी बना रहे
हैं। डोरे मॉन, शिन चैन, शिवा, जैसे कार्टून के पात्र बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।
http://www.amarujala.com/delhi-ncr/ghaziabad/yes-watching-cartoon-movies-are-
deteriorating-child