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ू ना प्रौ ोिगकी िनयम, 2021

सच
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यह एिडटोिरयल िदनांक 28/05/2021 को 'द िहंद'ू म प्रकािशत लेख “Nine-pin bowling aimed at free
speech, privacy” पर आधािरत है। इसम सूचना प्रौ ोिगकी (म यवत सं थानों के िलये िदशा-िनदश और िडिजटल
मीिडया आचार संिहता) िनयम, 2021 से जुड़ी चुनौितयों के बारे म चचा की गई है।

संदभ

भारत सरकार ने सूचना प्रौ ोिगकी (म यवत सं थानों के िलये िदशा-िनदश और िडिजटल मीिडया आचार संिहता) िनयम,
2021 को फरवरी 2021 म अिधसूिचत िकया। इस िनयम के तहत सोशल मीिडया म य थों या लेटफॉम को तीन महीने
के अंदर िनयमों का पालन करना आव यक था, िजसकी अंितम ितिथ 25 मई को थी।

अब तक लगभग सभी प्रमुख सोशल मीिडया म य थों ने सभी पवू आव यक शत का पालन नहीं िकया है।
इन शत का अनुपालन न करने से ि थितयाॅं केवल िबगड़ सकती ह, खासकर ऐसी ि थित म िजसम ि वटर और
सरकार जैसे कु छ लेटफॉम के म य संबंध िबगड़ रहे ह।
जबिक उ त िदशािनदशों के कु छ सकारा मक पहल ू ह, तो कु छ प ट अ प टताएँ और सीमाएँ ह जो लोकतंतर् और
संवैधािनक म ू यों के मल
ू िस ांतों के िवपरीत प्रतीत होती ह।

सकारा मक पहलू
ये िनयम कु छ कत यों को अिनवाय बनाते ह जैसे:
24 घंटे के भीतर गैर-सहमित वाली अंतरंग त वीरों को हटाना,
पारदिशता बढ़ाने के िलये अनुपालन िरपोट का प्रकाशन,
सामग्री हटाने के िलये िववाद समाधान तंतर् थािपत करना,
उपयोगक ाओं को यह जानने के िलये जानकारी म एक लेबल जोड़ना िक सामग्री िव ािपत, वािम व,
प्रायोिजत या िवशेष प से िनयंित्रत है या नहीं।

इससे जुड़ी चुनौितयाॅं

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ऐसे अिधकार जो आईटी अिधिनयम के दायरे से परे है: यह िचंता का िवषय है िक िबना िवधायी कारवाई के सचू ना
एवं प्रौ ोिगकी (Information Technology) अिधिनयम, 2000 के दायरे का िव तार कर िडिजटल समाचार
मीिडया को इसके अंतगत ला िदया गया है।
ऐसे कई नए िनयमों को लाने के कारण इसकी आलोचना की गई है, िज ह सामा य प से केवल िवधायी
कारवाई के मा यम से लाया जाना चािहये।
उिचत प से म य थता या िववाद िनवारण तंतर् का न होना: िकसी सोशल मीिडया लेटफॉम को अब सरकार से
आदेश प्रा त होने के 36 घंटे के भीतर सामग्री को हटाना होगा।
एक समय-सीमा के अंदर सरकार के आदेश से असहमत होने की ि थित म सोशल मीिडया लेटफॉ स को
उिचत प से म य थता का कोई प्रावधान नहीं है।
अिभ यि त की वतंतर् ता से जुड़े मु े: इन िनयमों के तहत ऑनलाइन आपि जनक सामग्री का अंितम िनणायक
सरकार है। अतः इससे अिभ यि त की वतंतर् ता प्रभािवत होती है।
ट् रेसिबिलटी (Traceability) का मु ा: अब तक सोशल मीिडया लेटफॉ स के पास यह अिधकार है िक
उपयोगक ाओं को एंड-टू-एंड एि क् र शन (End to End Encryption) की सुिवधा प्रा त होती है, िजससे
िबचौिलयों के पास उनकी जानकारी नहीं पहुॅंचती है।
ट् रेसिबिलटी की इस अिनवाय आव यकता को लाग ू करने से सोशल मीिडया लेटफॉ स का यह अिधकार
समा त हो जाएगा, िजससे इन वातालापों की गोपनीयता की सुर ा कम हो जाएगी।
डेटा गोपनीयता कानन ू की अनुपि थित: डेटा गोपनीयता कानन ू का न होना उस देश म घातक सािबत हो सकता है
जहाॅं नागिरकों के पास अभी भी िकसी भी पाट ारा गोपिनयता भंग करने के प चात् खुद को बचाने के िलये डेटा
गोपनीयता कानन ू नहीं है।
अनुपालन बोझ: ये िनयम म य थों के िलये भारतीय नोडल अिधकािरयों, अनुपालन अिधकािरयों और िशकायत
अिधकािरयों को काम पर रखने की आव यकता के कारण िनरथक अितिर त पिरचालन लागत पै दा करते ह।
यह कई छोटी िडिजटल सं थाओं के प म नहीं हो सकता है और सभी प्रकार के ह त ेपों की संभावना
बढ़ सकती है।

आगे की राह

कानन ू का एक समान अनुप्रयोग: कानन ू के अनुप्रयोग सभी के िलये एक समान होगा। कोई भी लेटफाम इसका
अपवाद नहीं होगा।
इसके अलावा गैरकाननू ी सामग्री से िनपटने के िलये कानन
ू पहले से ही मौजदू ह। आव यकता है उनके
एकसमान अनुप्रयोग की।
िहतधारकों के साथ िवचार-िवमश: नए िनयमों के साथ कई सम याएँ ह, लेिकन प्रमुख मु ा यह था िक इ ह िबना
िकसी सावजिनक चचा के पेश िकया गया था। इसके समाधान का बेहतर तरीका है िक इससे जुड़ा एक वे त पत्र
पुनः जारी िकया जाना चािहये।
वै धािनक समथन: उसके बाद भी यिद इसका िविनयमन आव यक समझा जाता है तो इसे कानन ू के मा यम से लाग ू
िकया जाना चािहये। इसके िलये कायकारी शि तयों पर भरोसा करने के बजाय संसद म के ज़िरये लाया जाना
चािहये।
डेटा संर ण कानन ू म मजबूती लाना: िकसी भी लेटफॉम के साथ अिधक जानकारी साझा करना उस देश म
खतरनाक सािबत हो सकता है जहाॅं नागिरकों के पास अभी भी िकसी भी पाट ारा गोपनीयता भंग करने पर खुद
को बचाने के िलये डेटा गोपनीयता कानन ू नहीं है।
इस संदभ म यि तगत डेटा संर ण िवधेयक, 2019 को ज द पािरत करने की आव यकता है।

िन कष

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जीवन बीमा िनगम बनाम प्रो. मनुभाई डी. शाह (1992) के मामले म उ चतम यायालय ने अपने िवचारों को प्रकट करने
की वतंतर् ता को िकसी भी लोकतांित्रक सं था की जीवन रेखा बताया था।

इस संदभ म सीआईआई, िफ की और यूएस-इंिडया िबजनेस काउंिसल सिहत पाॅंच औ ोिगक िनकायों ने इन िनयमों के
अनुपालन करने की समय सीमा को 6-12 महीने िव तत ृ करने की मांग की है। यह सरकार के िलये औ ोिगक इकाई की
बात सुनने और िबना बीच का रा ता िनकाले िनयम बनाने के अपने तरीके को बदलने का एक अवसर है।

अ यास प्र न: हालाॅंिक सूचना प्रौ ोिगकी (म यवत सं थानों के िलये िदशा-िनदश और िडिजटल मीिडया आचार संिहता)
िनयम, 2021 के कु छ सकारा मक पहल ू ह िकंतु इसके साथ ही कु छ अ प टताएँ एवं सीमाएँ भी ह। चचा कीिजये।

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