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वै टलड पि लके शसं ाइवेट िलिमटेड

अ छे अंक पाने के 13 प के तरीके

अशिवन
् सांघी
अशिवन् सांघी भारत म सबसे यादा िबकने वाले अं ेजी उप यास के लेखक ह। आपने कई बे ट सेिलंग िकताब िलखी ह जैसे िक, ‘द रोज़ाबाल लाइन’,
‘चाण याज़ चट’, ‘द कृ णा क ’, ‘द िसयालकोट सागा। जे स पैटरसन के साथ िमलकर आपने ययू ॉक टाइ स का मशहर बे ट सेिलंग ाइम ि लर ‘ ाइवेट
इिं डया’ िलखा। सांघी ने ‘13 टे स टू लडी गडु लक’ के नाम से नॉन िफ शन भी िलखा है। इसके साथ ही आपने सह-लेखक के तौर पर ‘13 टेप टू लडी
गडु वे थ’ िकताब भी िलखी है। आपका नाम फो स इिं डया क सेिलि टी 100 क सचू ी म शािमल िकया गया और आप ॉसवड पॉपल ु र चॉइस अवॉड के
िवजेता रहे ह। आपक पढ़ाई मबंु ई के कै थी ल एडं जॉन कॉनन कूल और सट जेिवयर कॉलेज म हई। आपने येल यनू ीविसटी से एमबीए क िड ी हािसल क
है। अशिवन
् सांघी के प रवार म आपक प नी अनिु शखा और बेटा रघवु ीर ह।
आप सांघी से िन निलिखत मा यम से सपं क कर सकते ह-
वेबसाइट- www.sanghi.in
फे सबक
ु - www.facebook.com/shawnhaigins
ट्िवटर- www.twitter.com/ashwinsanghi
यू ट्यबू - www.youtube.com/user/ashwinsanghi
इं टा ाम- instagram.com/ashwin.sanghi
िलं डइन- www.linkedin.com/in/ashwinsanghi
अशोक राजानी

अशोक एल. राजानी ने सट मेरी कूल, चे नई, लायला कॉलेज, चे नई और गंडु ी के कॉलेज ऑफ इजं ीिनय रंग से पढ़ाई क है। आपने 1978 म िडपाटमटल
ऑिफसर के प म आं ा बक म नौकरी शु क , बिकंग परी ा (सीएआईआईबी) पास क , एमबीए (िव ) परू ा िकया और बक के ेिनंग कॉलेज म
अ यापन काय भी िकया। सेवािनवृ होने के बाद आपने एपीए िदशािनदश का अ ययन िकया और भारतीय तथा अतं रा ीय ितभािगय के इजं ीिनय रंग से
संबंिधत तकनीक प और शोध बंध का संपादन िकया। आपको क यिू नके शन ि कल और बंधन पर बीबीए और एमबीए के छा के िलए क ाएं भी
ल । इसके साथ ही भारतीय, ि िटश तथा अमे रक लेखक क बहत सी िकताब का सपं ादन भी िकया।
अशोक पांच भाषाएं बोलते ह और चे नई म अपनी प नी सल
ु ोचना के साथ रहते ह जो एक ी रोग िवशेष ह। आपका एक बेटा, िस ाथ और दो पोते ह।
अ यापन आपका पहला यार है।
आप उनसे िन निलिखत मा यम से संपक कर सकते ह–
फे सबक
ु : www.facebook.com/Ashok Lr
िलं डइन: http://in.linkedin.com/in/ashok-lr-20769210
िदपांशु गोयल
आप पेशे से प कार ह। आप राज थान के रहने वाले ह। आपने भारतीय जनसंचार सं थान (आईआईएमसी),िद ली से प का रता क पढ़ाई क है। साथ ही
आपने दरू दशन समाचार के साथ 10 वष तक प कार के तौर पर काम भी िकया है। आप वेबजगत के सि य लेखक म से एक ह। आपका ‘दिु नयादेखो’ के
नाम से वयं का या ा लॉग और वेबसाइट भी है।
First published in English in 2017 by Westland Publications Private Limited
First published in Hindi in 2018 by Westland Publications Private Limited in association with Yatra Books
61, 2nd Floor, Silverline Building, Alapakkam Main Road, Maduravoyal, Chennai 600095
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Copyright © Ashwin Sanghi, 2018
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िवषय सच
ू ी

1. भिू मका
2. तावना
3. पहला क़दम: BUS—(B)ELIEVE िव ास, (U)NLEARN
भलु ा देना AND 1 WORK (S)MART माट तरीके से काम करना
4. दसू रा क़दम: फे ल टू लान = लान टू फे ल
5. तीसरा क़दम: क ा म समझने क कोिशश करो
6. चौथा क़दम: क ा के बाद भी िनयिमत अ ययन कर
7. पांचवां क़दम: पढ़ने के िव ान म महारथ हािसल कर
8. छठा क़दम: अपनी मरण शि बढ़ाय
9. सातवां क़दम: लगातार अ यास अ यास से आप बेहतर बनते ह
10. आठवां क़दम: अपना नेटवक बनाय
11. नौवां क़दम: अित र यो यताओ ं को बढ़ाओ
12. दसवां क़दम: आसपास के वातवरण को सही रख
13. यारहवां क़दम: िदमाग और शरीर का संतल
ु न बनाएं
14. बारहवां क़दम: परी ा क रणनीित
15. तेरहवां क़दम: अक
ं से आगे
16. चौदहवां
17. संदभ
भूिमका

साल 2014 म मने जब ‘13 टे स टू लडी गडु लक’ िलखी तो मझु े पाठक के बहत से संदश े िमले िजसम पाठक ने िलखा िक इस िकताब ने िजंदगी के बारे
म नए तरीके सोचने का रा ता िदखाया। इससे ख
ंृ ला क दसू री िकताब ‘13 टेप टू लडी गडु वे थ’ िलखने क ेरणा िमली। यह िकताब मने सनु ील दलाल
के साथ िमलकर िलखी, पैसा कमाने को लेकर उनका अलग ही नज़ रया है।
पहली िकताब के बाद मझु े जो संदश
े िमले उनम से एक िकसी छा ा का था। िजसने कहा िक या ‘13 कदम’ जैसी िकताब पढ़ने वाले छा के िलए भी
िलखी जा सकती है िजससे उ ह बेहतर तरीके से पढ़ने और अ छे अकं हािसल करने म मदद िमल सके ? मझु े इस िकताब को िलखने के िलए तरु ं त अशोक
राजानी का नाम िदमाग म आया।
बहत वष पहले जब मने अपनी भारत ख ंृ ला क िकताब, िजसे ‘द कृ णा क ’ कहा गया था, कािशत क थी तो मझु े एक अप रिचत का लंबा सा ईमेल
िमला था। उस अजं ान यि ने िकताब म क गई गलितय क तरफ यान िदलाया था जो तक, शोध और याकरण से जड़ु ी थी। ये गलितयां तीन बार के
संपादन के बावजदू हई थ । वह अप रिचत यि अशोक राजानी ही थे। बाद म उ ह ने 13 टेप टू लडी गडु लक का संपादन भी िकया।
अशोक ने बहत सी नौक रयां क थ और सभी म िकसी ना िकसी तरह अ यापन शािमल रहा था। कूल के िदन म उ ह ने अपने भतीजे और भतीिजय को
पढ़ाया । उसके बाद इजं ीिनय रंग के समय उ ह ने समहू म पढ़ाई क । उसके बाद उ ह ने अपने ब चे को पढ़ाया। टाफ िनग कॉलेज म बक किमय के िलए
कं यटू रीकरण से जड़ु ी क ाएं ल । सहयोिगय को बक से जड़ु ी परी ाओ ं म मदद क । बीबीए और एमबीए के छा क क ाएं ल । पीचडी के शोधािथय क
मदद क । अपने पोत को पढ़ाया... यह सचू ी बहत लंबी है।
मेरा मानना है िक उनके िविवध और समृ अनभु व से उ ह एक कॉलेज के ोफे सर या एक कोिचगं लास अ यापक क तल ु ना म अ ययन, सीखने और
अक ं लेने से संबंिधत िवषय म एक खास अतं ि िमलती है। िवशेष के पास एक संक ण ि होती है, जबिक म चाहता था िक हम एक ऐसी िकताब पेश
कर िजसका े कह अिधक यापक हो। मझु े लगता है िक हम ऐसा करने म सफल हए ह।
ऐसा कहा जाता है िक कुछ शु करने से पहले आपका महान होना ज़ री नह है, लेिकन महान बनने के िलए शु आत आपको ही करनी होगी। तो आप
िकसका इतं ज़ार कर रहे ह? कृ पया शु कर!
अशिवन
् सांघी
मबंु ई, 2017
तावना

जब अशिवन् सांघी (िजनसे म कभी िमला नह था। 13 टेप टू लडी गडु लक िकताब के संपादन के समय उनसे बातचीत हई थी।) ने जब मझु े 13 टेप टू
लडी गडु मा स का सह लेखक बनने के िलए कहा तो मने तरु ं त हां कर दी। उनके इस िनमं ण से मझु े अपने सहयोिगय और छा के साथ िबताई बहत सी
घटनाएं याद आई ं य िक मने उ ह पढ़ाते हए काफ कुछ सीखा था। इस दौरान मझु से छा और उनके अिभभावक ने बहत से पछ ू े थे। उनम से कुछ बार-
बार दोहराए जाने वाले , िवशेष और िट पिणय को नीचे िलखा है:
1. यह सब सीखना य ज़ री है?
2. हम इस तरह क जिटल साम ी को कै से याद कर?
3. येक अ यापक के वल एक िवषय िसखाता है। जबिक छा से कई िवषय को सीखने क उ मीद क जाती है, जो िक अनिु चत है।
4. जब हमारे पास कै ल यल
ू ेटर और कं यटू र है तो हम गिणत य सीख?
5. मेरे प रवार के िलए ब चे का परी ा पास करना ही बहत है। मेरे ब चे पर अनाव यक दबाव ना डाल।
6. कल मने मिं दर म िवशेष पजू ा क है। मेरे ब चे को अ छे अक
ं ज़ र िमलगे।
7. म एक एथलीट बनना चाहता ह,ं तो मझु े पढ़ाई करने क या ज़ रत है? मझु े खेल से जड़ु े आर ण का फायदा िमल जाएगा।
8. म एक िच कार बनना चाहता ह।ं आप मझु े िव ान पढ़ने पर य मजबरू कर रहे ह?
9. अगर म इजं ीिनयर बनता हं तो मझु े इितहास, भगू ोल, अं ेज़ी या दसू री भाषाओ ं को सीखने क या ज़ रत है?
10. म यह जानता था लेिकन भल
ू गया। आप इतना सब कै से याद कर लेते ह?
मने कुछ अ छे आिखर के िलए बचा रखे ह। ये ऐसे ह िजनका मेरे पास कोई जवाब नह था जैसे, या आपके पास िबना अित र मेहनत िकए या
िबना पढ़े अ छे अक
ं पाने का कोई शॉटकट है?
म कभी पणू कािलक अ यापक नह रहा और ना ही बी.एड. क परी ा पास क है । मने इस को काफ पढ़े िलखे और अनभु वी अ यापक के सामने
रखा। पहले तो उ ह ने इसे मज़ाक ही समझा लेिकन जब उ ह लगा िक मने काफ गभं ीरता से पछ
ू ा है तो उ ह ने कुछ उ र िदए िज ह मने नीचे िलखा है:
1. या आप मज़ाक कर रहे ह? अगर सही म कोई शॉटकट होता तो िफर हमारी या ज़ रत है?
2. बहत सरल सी बात है, मेहनत से पढ़ाई करो और आपको अ छे अक
ं िमल जाएगं े। यईू डी यानी इित िस ं।
3. अगर क ा म यान लगाएगं े तो आपको पढ़ाई क ज़ रत ही नह है। सारे पाठ आपके िदमाग म दज हो जाएगं ।े
4. क ा से वापस आते ही पाठ को दोहराओ। कल पढ़ाए जाने वाले पाठ क आज ही तैयारी करो।
5. अपने भोजन को बदलो। पया न द लो।
6. दसू रे ट्यश
ू न या कोिचगं क ाएं बेकार ह। कोिचगं करनी है तो मेरे पास आओ। म बस इतना पैसा…
7. बड़े आकार के अ र म िलखो और परी ा म िजतनी यादा हो सके उतनी उ रपिु तकाएं भरो। परी क यादा उ रपिु तकाओ ं से खश
ु होते ह।
8. यान मत भटकने दो। हमारे समय म टीवी, मोबाइल या इटं रनेट जैसी चीज़ नह थ । इ ह बंद कर देना चािहए।
9. कुछ खास मं ह िजनका पाठ करो। आप जानना चाहते ह वे या ह?
10. या आपने स मोहन को आज़माया है?
मझु े अहसास हआ िक अभी तक मझु े उ र नह िमला, तो मने सोचा िक पढ़ाई करने का सरल और भावी तरीका ढूंढ़ने के िलए मझु े छा के पढ़ाई करने के
तरीके का िव े षण करना होगा। मेरा खदु का अनभु व और छा के साथ िबताया लंबा व भी इसम काम आया।
पहली चीज़ मझु े समझ आई िक अलग-अलग पाठ्य म को पढ़ने के बहत से अलग तरीके थे। उदाहरण के िलए, शासिनक सेवाओ ं क परी ा तैयारी और
आईआईटी, जेईई क तैयारी म बहत अतं र है और इनके मक ु ाबले सीबीएसई क क ा 10 या कै ट क परी ा तैयारी म बहत अतं र है। एक समय तो मझु े
लगने लगा िक म ऐसा कोई तरीका नह खोज सकता िजसे एक साथ सभी परी ाओ ं पर लागू िकया जा सके । मझु े िव ास भी नह था िक सभी परी ाओ ं के
िलए पढ़ने के एक तरीके का िवचार काम करे गा िक नह ।
इसिलए शोध के दौरान मने अपनी खोज के बारे म िकसी को नह बताया। इसी समय अशिवन
् िमले। उनका भी िवचार था िक परी ा या पाठ्य म से इतर
सभी परी ाओ ं के िलए एक सामा य तरीका खोजा जा सकता है। उनके उ साह और िव ास को देखकर मझु े लगा िक म ऐसा कर सकता ह।ं हालांिक मने
अशिवन
् क चनु ौती को वीकार िकया लेिकन मझु े इस बात को वीकार करने म कुछ समय लगा।
पहली िकताब िलखना बहत अनोखा अनभु व होता है। अतीत म, म एक िश क के प म यं यकार, एक संपादक के प म कठोर, समी क के प म
स त, और परी क के प म िनदयी रहा ह।ं लेिकन इस पु तक को िलखने से मझु े िलखे गए श द क अहिमयत का अदं ाज़ा हआ। एक लंबे और कठोर
प र म के बाद। यह िकताब अब तैयार है।
अशोक राजानी,
चे नई, 2017
पहला क़दम: BUS—(B)ELIEVE, (U)NLEARN
AND WORK (S)MART

1. िव ास: वयं म िव ास करना


2. भल
ु ा देना: परु ाने पड़ चक
ु े तरीक को भल
ु ा देना
3. माट: के वल कठोर मेहनत क जगह माट तरीके से काम करना
िव ास
अमे रका के 26 व रा पित िथयोडोर ज़वे ट ने एक बार कहा था, ‘िव ास करो िक आप कर सकते ह और आपका आधा काम हो जाएगा ।’ यह बहत
मह वपणू है। आपको यह िव ास रखना होगा िक आप यह काम कर सकते ह।
कहा जाता है िक एक बार एक आदमी ान क खोज म यनू ान के दाशिनक, सा तीज़ से िमलने गया। उसे आ य हआ िक सा तीज़ उसे लेकर एक झील पर
गए और उसका िसर पानी म डुबा िदया। वह यि सांस लेने के िलए बाहर आने क कोिशश करने लगा लेिकन सा तीज़ ने उसका िसर डुबोए रखा।
बाद म उस यि ने सा तीज़ से पछ
ू ा िक उ ह ने उसे लगभग डुबा य िदया था, सा तीज़ ने जवाब िदया, ‘जब तमु पानी के अदं र थे तो तु ह सबसे यादा
िकसक ज़ रत महससू हई?’‘हवा,’ उस यि ने उ र िदया।
सा तीज़ ने कहा, ‘जब ान पाने क तु हारी चाह इतनी बढ़ जाए िजतनी क सांस लेने क थी, तो तु ह ान ा हो जाएगा।’
आप इस िकताब को पढ़ रहे ह इसका मतलब है िक आप बेहतर तरीके से पढ़ने के साथ यादा अक ं भी हािसल करना चाहते ह। आपको यह यान रखना
होगा िक यह िकताब कोई जादू क छड़ी नह है, यह तो आपको के वल एक रा ता िदखा सकती है। लेिकन यह रा ता आपको खदु ही तय करना होगा और
बेहतर अकं पाने के िलए आपको लगातार मेहनत करनी होगी।
आप मेरा िव ास कर। आपम वह सब कुछ है जो आपको एक सव े छा बना सकता है। या आप ऐसा नह सोचते? या आपने ीकांत बो ला के बारे
म सनु ा है?
ीकांत का ज म आं देश के एक गांव म हआ था। वे ज म से ही देख नह सकते थे। पड़ोिसय ने उनके माता-िपता को सलाह दी िक वे ीकांत को जान से
मार द । लेिकन मा 20000 पए सालाना कमाने वाले उनके माता-िपता ने इस तरह क सलाह पर यान नह िदया। उ ह ने बहत यार के साथ उनक
परव रश क ।
ि हीन और गरीब होने के कारण गांव के कूल म ीकांत को सबसे पीछे क बच पर बैठना पड़ता था। उ ह दसू रे ब च के साथ खेलने क इजाज़त भी नह
थी। उनके िपता ने उनका दािखला हैदराबाद म िवशेष ब च के िलए बने एक कूल म करवा िदया। यहां ना िसफ उ ह ने शतरंज और ि के ट खेलना सीखा
बि क उसम महारथ भी हािसल क । उ ह ने ना िसफ अपनी क ा म उ च थान हािसल िकया बि क उ ह भतू पवू रा पित ए पी जे अ दल ु कलाम के लीड
इिं डया ोजे ट म भी काम करने का मौका िमला।
उ ह ने 90% से भी यादा अक
ं से साथ अपनी दसव क परी ा पास क । लेिकन उनक िवकलांगता के कारण उ ह िव ान के िवषय म दािखला नह िमला।
ीकांत ने इसके िखलाफ काननू ी लड़ाई लड़ी और आिखरकार सरकारी आदेश से उ ह ‘खदु क जोिखम’ पर िव ान म दािखला िमला। यहां तक क उ ह ने
अपनी सभी िकताब को ऑिडयो बक ु म बदल िलया। उनक कड़ी मेहनत का ही नतीजा था िक उ ह 12व क ा म 98% अकं हािसल हए।
आईआईटी, िबट्स और ऐसे कई दसू रे बड़े इजं ीिनय रंग सं थान ने ि हीन होने के कारण उ ह वेश परी ा म नह बैठने िदया। लेिकन ीकांत अमे रका के
िति त मेसाचसु ेट्स इं टीट्यटू ऑफ टे नोलोजी (MIT) म दािखला पाने वाले दिु नया के पहले ि हीन बने।
मेसाचसु ेट्स इं टीट्यटू ऑफ टे नोलोजी (MIT) म पढ़ाई परू ी करने बाद उ ह ने अमे रका म नौकरी के ताव को ठुकरा कर भारत वापस आने का फै सला
िकया। वह भारत वापस आकर रोजगार पैदा करने क िदशा म काम करना चाहते थे। आज ीकांत एक उ मी ह। उनके चार कारखाने ह जहां वे पयावरण
अनकु ू ल पैकेिजंग का सामान बनाते ह। उनका एक परू ी तरह सौर ऊजा से चलने वाले संयं ज द ही आं देश म चालू होने वाला है। उनके यहां काम करने
वाले लोग म 70% लोग िवकलांग ह और उनक सालाना िब 50 करोड़ पए को पार कर गई है।
ीकांत अपने िन य को दोहराते हए कहते ह: ‘अगर दिु नया मझु े कहती है िक ीकांत तमु कुछ नह कर सकते तो म उसे पलट कर कहता हं िक म कुछ भी
कर सकता ह।ं ’
इक
ं एडं ो रच के लेखक नेपोिलयन िहल ने कहा था, ‘मनु य का िदमाग जो कुछ सोच सकता है और िव ास कर सकता है, वह उन सब को हािसल कर
सकता है।’ आगे बढ़ते समय आपको भी इसी बात को यान म रखना होगा िक आप जो चाह हािसल कर सकते ह। िव ास के िबना कुछ हािसल नह होगा।
ाचीन भारत म गु अपने िश य से ‘संक प’ लेने के िलए कहते थे। सं कृ त भाषा के इस श द का मतलब होता है एक िवचार या संक पना िजसने आपके
िदल और िदमाग म जगह बना ली है। यह कुछ हािसल करने क ढ़ ित ा क तरह है। यह कुछ हािसल करने के िलए आपका ल य है। अब आपक बारी है
िक कुछ संक प ल और उसे परू ा कर िदखाए।ं
भुला देना
अ बट आइं टाइन एक महान वै ािनक थे। उ ह ने मख ू ता को प रभािषत करते हए कहा था, ‘बार-बार एक ही काम को करते हए अलग प रणाम पाने क
आशा रखना ही मख
ू ता है।’ दभु ा य से पढ़ाई के समय अिधकतर लोग यही करते ह। मेरी कोिशश है िक आप बार-बार जो गलती कर रहे ह उसे रोका जाए।
चिलए मान लेते ह िक आप कुछ नया सीखना चाहते ह। उदाहरण के िलए, आप अिधकतर अं ेज़ी म िलखते ह और उसके िलए रोमन िलपी का उपयोग
करते ह और अब आप न तालीक िलपी का इ तेमाल कर उदू िलखना सीखना चाहते ह। आपको बाई ं से दाई ं तरफ िलखने क आदत है लेिकन उदू के िलए
आपको दाई ंसे बाई ंतरफ िलखना होगा। साथ ही आपको नई वणमाल के अ र और िलखने के तरीके को भी सीखना होगा। एक तरह से देख तो आपको बाई ं
से दाई ंतरफ िलखने क अपनी वाभािवक वृि को छोड़ना होगा।
लेखक और भिव यवे ा एलिवन टोफलर ने िकतनी सही बात कही थी, ‘21व सदी म अिशि त वे नह ह गे जो पढ़ना या िलखना नह जानते ह गे बि क वे
ह गे जो सीखने, सीख कर भल
ू जाने और िफर से सीखने क कला को नह जानते ह गे।’
म आपको िलखने के एक िब कुल नए तरीके के बारे म बता रहा ह।ं म चाहता हं िक आप भावी तरीके से पढ़ना सीख जैसा िक आपने पहले कभी ना िकया
हो। नए तरीक को सीखने के म म आपको पढ़ाई के उन तरीक को भल ू ना होगा जो अब तक आपके िलए बेहतर सािबत नह हए ह।
माट, नॉट हाड
हमारे साथ पढ़ने वाले बहत से दो त ऐसे होते ह जो सब कुछ आसानी से समझ लेते ह। उनको शायद ही कभी पढ़ते देखा हो, उनके पास बहत सा खाली
समय होता है, उस समय म वे खेलते ह, दो त से िमलते ह बात करते ह और इन सबके बावजदू उनके बहत अ छे अक
ं आते ह। वे यह सब कै से कर लेते ह?
इस िकताब म म उनके ारा इ तेमाल िकए गए तरीक के बारे म बताऊंगा।
आपके मन म यह सवाल आ रहा होगा िक अगर ये तरीके इतने ही बेहतर ह तो िफर इ ह कूल म य नह िसखाया जाता? मने अिधकतर यही देखा है िक
अ यापक और माता-िपता ब च से हमेशा कड़ी मेहनत करने क बात करते ह लेिकन यह मेहनत कै से क जाए इस बारे म कोई कुछ नह बताता। बहत
मेहनत से पढ़ाई करने के बजाय माट तरीके से कै से पढ़ाई क जाए यही इस िकताब म बताया जाएगा। म एक कहानी के ज रए दोन के बीच का अतं र
समझाता ह।ं
एक बार एक राजा था िजसके तीन ब चे थे। राजा बढ़ू ा हो रहा था इसिलए उसने सोचा िक िकसी बेटे को उ रािधकारी चनु ा जाए। उसने अपने तीन ब च को
बल
ु ाया और उ ह एक काम परू ा करने को कहा। उन तीन म से हर एक को एक कमरा िकसी एक चीज से इस तरह भरना था िक कमरे म कोई जगह खाली ना
रहे। उन सभी को काम परू ा करने के िलए कुछ घटं का समय िदया गया।
तीन राजकुमार अपने-अपने कमरे को भरने क कोिशश म लग गए। पहले वाले ने अपने कमरे को प थर से भरने का सोचा। उसने नौकर को काम परू ा करने
के िलए कहा लेिकन इस काम म बहत मेहनत बहत थी इसिलए उ ह बहत समय लग रहा था।
दसू रे राजकुमार ने कमरे को भसू े से भरने का सोचा। प थर क तल
ु ना म इसे उठाना आसान था। दसू रे राजकुमार ने िदए गए समय म परू े कमरे को भर िदया।
तीसरा राजकुमार िकसी य से भरी बोतल लाया और कमरे म चला गया। उसने कमरे क िखड़िकयां और दरवाजे बंद िकए और य को परू े कमरे म िछड़क
िदया।
समय परू ा होने के बाद राजा सभी कमरे देखने के िलए आया। पहला कमरा परू ा नह भर पाया था य िक प थर से भरने का काम इतना मेहनत भरा था िक
समय से काम परू ा नह हो पाया।
दसू रा कमरा भसू े से परू ी तरह भरा था लेिकन भसू े के बीच कुछ जगह थी िजसम से रोशनी अदं र आ रही थी। इसके कारण राजा क बताई शत परू ी नह हई थी।
राजा अब तीसरे कमरे क तरफ गया। जैसे ही उसने कमरे का दरवाज़ा खोला कमरे म भरी चमेली क खश ु बु ने उसका वागत िकया। राजा ने कमरे के एक-
एक कोने को देखा उसे हर जगह से चमेली क खश ब
ु ू आई। उसको समझ आया िक तीसरे राजकु मार ने परू े कमरे म चमेली का इ िछड़क िदया है।
राजा मु कराया। उसे अपना यो य उ रािधकारी िमल गया था। राजकुमार ने बहत समझदारी से काम िकया था।
तो बात यह है िक हम मेहनत से काम करने के साथ माट भी बनना चािहए? बहत से लोग सोचते ह माट होने का मतलब है कम मेहनत म सब कुछ हािसल
करना जो िक सही नह है। माट तरीके से काम करने का मतलब है िक भावी और िनयोिजत तरीके से काम करना।
1. सिु नयोिजत: आप अपनी क ा के िलए बेहतर तरीके से तैयारी कै से कर। सिु नयोिजत तरीके से काम करने का मतलब है िक आप पर काम या पढ़ाई का
कोई बोझ नह पड़ेगा।
2. स म: अपने समय को कै से इ तेमाल कर िक कम समय म यादा से यादा सीखा जा सके ?
3. भावी: आप िकस तरह सिु नयोिजत और स म तरीका इ तेमाल कर िजससे बेहतर तरीके से सीखने के साथ यादा अक
ं भी हािसल हो सक?
हम यह भी याद रखना चािहए िक अ छे अक ं हािसल करना ही काफ नह है। िबना समझे रटने का मतलब पढ़ाई नह है। रटना कुछ ऐसा है िक जैसे िबना
समझे पजू ा के िलए मं का पढ़ना। अगर आपको मं का मतलब ही नह पता तो वे आप पर असर कै से करगे? अ छी िश ा और अ छे अक ं के बीच भी
यही अतं र है।

आगे बढ़ने से पहले…


जब तक आप को खदु पर िव ास नह होगा िक आप अ छे अक ं हािसल कर सकते ह तब तक कोई कुछ नह कर सकता। साथ ही आपको वे सब तरीके
भल
ू ने ह गे िजनसे अभी तक कुछ हािसल नह हआ। िफर आपको यादा मेहनत क जगह यादा माट तरीके से काम करना सीखना होगा। िकताब म
आगे बढ़ने से पहले ऊपर बताए तीन िबंदओ
ु ं को अ छे से समझ ल।
दूसरा क़दम: फेल टू लान = लान टू फेल

एक ि थित पर िवचार कर: आपके अमीर चाचा क मृ यु हो जाती है और वह आपके िलए एक करोड़ पए छोड़ जाते ह—लेिकन उसके साथ एक शत है।
आपको वह पैसा एक ही िदन म खच करना है कै से करना है यह आप पर िनभर करता है। 24 घटं े के बाद जो भी पैसा बचेगा उसे वापस ले िलया जाएगा।
आप उस पैसे को बक म नह जमा करा सकते। आप उसे िकस तरह खच करगे? या आप उस पैसे को यंू ही जाने दगे?
मझु े लगता है उस पैसे से आप वह सब कुछ खरीदना चाहगे िजसके आप सपने देखते ह गे—जैसे बेहतरीन लैप-टॉप, या सबसे महगं ा मोबाइल फोन, महगं े
िडज़ाइनर कपड़े और सामान, मोटरसाइिकल या कार, गहने या माता-िपता और भाई-बहन के िलए महगं े उपहार। हो सकता है आप कोई ज़मीन खरीदना चाह
या िकसी सं था को दान देना चाह। उसके बाद आप उन चीजो को बेचने वाली दक
ु ान और चीज़ क क मत के बारे म पता करगे। एक समझदार यि क
तरह आप इस बात का यान रखगे िक तय सीमा से यादा खच ना हो जाए या िफर पैसा बचा हआ ना रह जाए। सही कहा ना ?
लैक हो स को हटाने का यास कर
इसका मतलब यही है िक िकसी भी काम से पहले उसक योजना बनाना ज़ री है। अब इस एक करोड़ पए को आपके जीवन के िमनट से बदल देते ह।
आपको एक िनि त समय ही िमला है और आप समय को जमा करके भी नह रख सकते। यह िनणय आपको लेना है िक इसे बेहतर तरीके से कै से इ तेमाल
कर—या हमेशा के िलए खो द।
िजस तरह से आपने एक करोड़ पए को 24 घटं े म खच करने क योजाना बनाई उसी तरह आपको यह रकॉड बनाना होगा िक आप परू े िदन म अपने समय
को कै से खच करते ह। आमतौर पर एक छा का िदन नीचे बताए 6 तरीक से बीतता है।
1. कूल या कॉलेज म िबताया समय
2. खाने, सोने, आराम करने जैसे दसू री गितिविधय के िलए लगाया गया समय
3. कूल से िमला गृहकाय या पढ़ाई म लगा समय
4. िकताब या पि काएं पढ़ने, खेलने या अपने शौक पर लगाया समय
5. दो त और प रवार के साथ िबताया समय
6. लैक हो स: इटं रनेट, बातचीत, टीवी देखने, माटफोन, वीिडयो गेम खेलने म िबताया समय। इन चीज़ पर िबताया समय एक तरह से िकसी काम का नह
है।
आप इस समय का यादा से यादा कै से इ तेमाल कर सकते ह? इसका सीधा सा उ र है िक बेकार क चीज़ पर िबताए समय को कम से कम कर। उदाहरण
के िलए मेरे एक जानकार ने अपने नहाने का समय उ नीस िमनट से घटा कर नौ िमनट कर िलया। मेरे पड़ोस म रहने वाला एक लड़का कॉलेज से आने और
जाने के समय ऑिडयो ले चर सनु ने लगा। उसक बहन ने टीवी देखते हए खाना खाना बंद कर िदया और माता-िपता के साथ खाना खाने लगी। इससे प रवार
के साथ िबताया समय और खाना दोन एक ही साथ हो गए।
वा तिवक ल य िनधा रत कर
कनाडा के रहने वाले एक घमु कड़ ह जां बेिलवो। उ ह ने यारह वष म छ: महा ीप के च सठ देश का पैदल सफर िकया है। इस दौरान उ ह ने पैदल 47,000
मील का सफर तय िकया। उ ह ने ब च को अिहसं ा और शांित का सदं श े देने के िलए यह या ा क । उनक इस िबना के क गई पैदल या ा को दिु नया क
सबसे लंबी या ा माना जाता है।
या ा शु करते समय जां के िदमाग म ज़ र रहा होगा िक उ ह यह या ा कहां ख म करनी है। इतनी लंबी या ा को परू ा करने के िलए उ ह ने ितिदन 20
मील कर सफर तय िकया। अगर वह इस सफर को एक िदन या एक साल म ख म करने के बारे म सोचते तो बहत बेवकूफ भरी बात होती। इसी तरह आपको
भी धीरे -धीरे आगे बढ़ने का ल य बनाना होगा।
आपके ल य सोचे समझे, प , मािणक, फायदा देने वाले और ासंिगक होने चािहए। इससे या मतलब है?
1. िववेकपणू : ल य का िनधारण वा तिवकता को यान म रखकर करना चािहए, उदाहरण के िलए, एक सामा य छा साठ िमनट म िकतनी सम याओ ं को
सलु झा सकता है?
2. प : ल य िब कुल प होना चािहए, उदाहरण के िलए, ‘भौितक क िकताब का चौथा अ याय पढ़’। इसक जगह ‘भौितक पढ़’ कहना सही नह
माना जाएगा।
3. मािणक: ल य परू ा होने पर इसका पता चलना चािहए।
4. फायदा पहचं ाने वाला: येक ल य के साथ कोई छोटा या बड़ा ईनाम जड़ु ा होना चािहए। जैसे िक एक घटं े तक गिणत क पढ़ाई करने पर तु ह दस िमनट
तक टीवी देखने को िमलेगा।
5. ासिं गक: ल य मह वपणू और उिचत होना चािहए। अ छा ेड लाने म मदद करने वाले लास टे ट के िलए पढ़ाई करना िकसी दसू री पढ़ाई करने से
बेहतर है।
छमाही, सा ािहक या दैिनक योजना
आपको शु आत म ही परू े समय या छमाही के िलए पढ़ाई क योजना तैयार कर लेनी चािहए। सबसे पहले उन घटं से शु करो िजस दौरान आप कूल या
कॉलेज म रहते हो। उसके बाद, उस समय म पढ़ाई से िलए कुछ घटं े जोड़ो। उसके बाद रोजमरा के काम जैसे यायाम, सोना, दो त से िमलना, प रवार के साथ
व िबताना जैसी चीज़ का समय जोड़ो।
उसके बाद, उस छमाही के दौरान परू ा िकए जाने वाले पाठ्य म क सचू ी बनाओ। उस पाठ्य म को पढ़ाई के िलए बनाए गए समय के दौरान आपको परू ा
करना है।
एक बात का यान रख िक अपने काय म म कुछ खाली समय ज़ र रख। हर चीज़ समय सारणी के िहसाब से नह क जा सकती। बहत बार हर चीज़ को
समय सारणी के िहसाब से काम करना कामयाबी नह िदला पाता, य िक हमारी समय सारणी म कुछ और करने के िलए समय ही नह होता है। अपनी मता
के िहसाब से पाठ्य म को दोहराने का समय ज़ र रख। कुछ लोग सबु ह के समय बेहतर पढ़ाई कर पाते ह और कुछ लोग को देर रात तक पढ़ने क आदत
होती है। यह आप बेहतर समझ पाएगं े िक आपके िलए पढ़ने का कौन सा समय सही है।
आपक छमाही या ितमाही योजना कुछ इस तरह क नज़र आनी चािहए जैसे िक पृ सं या 12 से 14 पर आपको नज़र आ रही है। आपक इस सारणी म
नज़र आएगा िक कूल और कॉलेज के समय के अलावा, पाठ्य म को दोहराने का समय, सोने, खाने, आराम करने और हॉबीज़ को परू ा करने के समय को
योजना के तहत बांटा गया है।
इस सारणी को हमने माइ ोसॉ ट ए सल पर बनाया है लेिकन आप हाथ से काग़ज़ के चाट पर भी इसे बना सकते ह।
अगली चीज़ यह यान रखनी है िक आपक छमाही या ितमाही योजना को ितिदन िकए जाने वाले काय के िहसाब से बांटना होगा। मेरे िहसाब से इसे करने
का सबसे अ छा तरीका है िक परू े वष के िलए एक डायरी बनाई जाए िजसम हर िदन का काम एक अलग प ने पर िलखा होना चािहए, जैसा िक आप पृ
सं या 14 म देख सकते ह।
इस बात का यान रख क पाठ्य म के हर िह से को अलग-अलग तर पर अलग तरह क तैयारी क ज़ रत होती है। उदाहरण के िलए क ा म नोट्स
बनाना, गृहकाय को परू ा करना, क ा म जो पढ़ाया गया उसे दोहराना और परी ा के िलए तैयारी करना।
ितिदन क पढ़ाई करने क सचू ी को चार िह स म बांटना बेहतर होता है। पहले के िह से म गृहकाय क जानकारी होनी चािहए।
अगले िह से म उस िदन क पढ़ाई को दोहराने से जड़ु े काम, तीसरा िह सा अगले िदन क ा म या पढ़ाया जा सकता है, उसक तैयारी से जड़ु ा होना चािहए
और चौथे िह से म वे बचे हए काम होने चािहए िज ह उस िदन परू ा करना है।
परी ाओ ं के पास आने पर िजतना समय बचा है उसके िलए एक कै लडर बनाएं और उसके िहसाब से पाठ्य म को दोहराने क योजना बनाए।ं इस कै लडर
को अपने पढ़ने के कमरे या मेज़ के सामने टांग ल।
यह आपक िज़ मेदारी है िक आपक योजना वा तिवक और परू ी होने यो य होनी चािहए। इस बात का याल रखना होगा िक परू े िदन क योजना म—खाना,
सोना, खेलना, पढ़ना, लास जाना और दसू री गितिविधय के िलए समय बंटा होना चािहए।
योजना बनाएं लेिकन उनम बदलाव क गुंजाइश रख
हर हाल म अपनी योजना के िहसाब से चलने क कोिशश करनी चािहए लेिकन परी ाओ ं का समय नज़दीक आने पर पढ़ाई के िलए यादा समय देने म कोई
गलत बात नह है। योजना म इतना लचीलापन होना चािहए िक ज़ रत के समय बदलाव िकया जा सके ।
अपनी योजना को िकसी जीपीएस के बताए रा ते क तरह समझ। जैसे आगे रा ता िकसी कारण से बंद होने पर जीपीएस रा ता बदलने क सलाह देता है,
उसी तरह आपको भी ज़ रत के िहसाब से योजना म बदलाव के िलए तैयार रहना होगा।
ाथिमकता के आधार पर काय तय कर
आपक डायरी का प ना िदन म ‘िकए जाने वाले काम क सचू ी’ क तरह काम करे गा। इसम कूल म िलए गए नोट्स को दोहराना और उ ह पढ़ना, गृहकाय
को परू ा करना और आगे आने वाली क ाओ ं के िलए पढ़ाई करना शािमल है। इन काय क ाथिमकता तय कर।
लेिकन ये ाथिमकता असल म है या? यह एक तरह क सचू ी है िजससे यह तय िकया जाता है िक काय को िकस म से िकया जाना है। म एक उदाहरण से
समझाता ह:ं
मान लीिजये आपके पास एक खाली बा टी है। आपके पास कुछ बड़े प थर, कंकड़, िम ी और पानी भी ह, िजनसे आपको बा टी भरनी है। आप बड़े प थर
से बा टी को ऊपर तक भर देते ह। या बा टी परू ी तरह भर गई ह?
अब आप बड़े प थर के बीच क जगह म कंकड़ भर देते ह। या अब बा टी भर गई है?
अब आप बा टी म रे त डालते ह और रे त खाली जगह म बैठ जाती है? या अब बा टी भर चक
ु है?
आिखर म आप बा टी म पानी भरते ह और इस तरह बा टी परू ी भर जाती है।
मेरा कहने का मतलब है िक िजस म से आपने चीज़ को बा टी म भरा—सबसे पहले प थर, िफर कंकड़, उसके बाद रे त और आिखर म पानी—अगर आप
इसके अलावा िकसी दसू रे म से भरते तो आप सभी चीज़ को बा टी म नह डाल पाते। कहने का मतलब है िक ज़ री िवषय को पढ़ाई क सचू ी म पहले
जगह दो।
अब िकसी चीज़ क ाथिमकता कै से िनधा रत क जाए इसके िलए म एक रणनीित का इ तेमाल करता ह।ं इसका योग अमे रका के च ितसव रा पित
ड्वाइट आइनज़हावर िकया करते थे। अपने सभी काय को अगले पृ पर बताई गई मेि स के अनसु ार म जगह दो।
अगर काय मह वपणू होने के साथ तरु ं त करना ज़ री है तो उसे सबसे यादा ाथिमकता देते हए अभी परू ा करो। उदाहरण से िलए कूल से िमलने वाला
गृहकाय िजसे कल ही कूल म िदखाना होगा। अगर काम मह वपणू है लेिकन उसे तरु ं त करना ज़ री नह है तो उसे ज़ री काम क सचू ी म दसू रे थान पर
रखा जा सकता है। जैसे िक क ा म पढ़ाए पाठ को घर आकर दोहराने का काम। अगर कोई काम मह वपणू नह है लेिकन ज़ री है तो उसे िकसी दसू रे को
करने के िलए िदया जा सकता है।

जैसे िकसी दो त को गृहकाय करने म मदद क ज़ रत है तो खदु उसको ना समझाकर उसे िकसी य-ू ट्यबू िविडयो को देखने क सलाह दी जा सकती है
िजससे िक संबंिधत िवषय तो सही से समझाया गया हो। अगर कोई काम ना तो मह वपणू है ना उसे तरु ं त करना ज़ री है तो उसे छोड़ा जा सकता है। इस तरह
का काम करने से आपके समय क बबादी ही होगी।
मैि स ािफ स के श द क िह दी—अ याव यक, मह वपणू , हां, नह , अब, काम स प देना, छोड़ देना, सचू ी
बचे समय का इ तेमाल समझदारी से कर
मने अ सर इस बात को महससू िकया है िक कूल या कॉलेज म छा अपने समय का भावी इ तेमाल नह करते। उदाहरण के िलए, िकसी वजह से एक
क ा र हो जाती है और अगली क ा से पहले एक घटं ा िमल जाता है। छा इस समय म कटीन चले जाते ह या िफर अपने मोबाइल के साथ समय िबताते
ह। इसक जगह पु तकालय चले जाना या िपछले िदन के पाठ को दोहराना कह बेहतर िवक प है।
हां, आपने अपने सेमे टर को लेकर एक योजना बनाई है और उस योजना म पढ़ाई के िलए एक घटं े और आधे घटं े के िलए कई लॉक बनाए गए ह। िफर भी
कुछ समय ऐसा ज़ र रह गया होगा िजसक सही योजना नह बन पाई होगी। उदाहरण के िलए, दो क ाओ ं के बीच िमलने वाला दस िमनट का समय या िफर
बस के आने-जाने के समय उसके िलए इतं ज़ार का समय। आप अपने साथ रखे एश काड (इसके बारे म िकताब म आगे बात करगे) के ज रए इस व का
सही इ तेमाल कर सकते ह। बीच-बीच म िमलने वाले ऐसे समय म ये काड आपको पाठ दोहराने म मदद करगे। एक बात याद रख, समय आपका सबसे बड़ा
संसाधन है इसिलए येक ण का सही और भावी इ तेमाल कर।

आगे बढ़ने से पहले…


बजािमन किलन क एक लोकि य उि है, ‘अगर आप योजना बनाने म असफल रहते ह तो आप असफल होने क योजना बना रहे ह।’ इस बात को
प का कर क पढ़ाई के परू े साल के िलए आपक योजना पहले से ही तैयार हो।
रोजाना िकए जाने वाले कामो क एक ‘टू-डू िल ट’ तैयार कर और इस सरल ि या से इस बात को तय कर िक िकस काम को यादा समय देना है।
अगर आप इसे करते ह तो आपको खदु के दशन म अतं र िदखाई देगा।
तीसरा क़दम: क ा म समझने क कोिशश करो

हमम से अिधकांश लोग को क ा और या यान उबाऊ य लगते ह?


एक औसत अ यापक एक औसत ब चे के अनसु ार पढ़ाते ह। अिधकतर वे एक िमनट म 50 श द का इ तेमाल करते ह। लेिकन शायद ही कोई ब चा
औसत होता हो इसिलए शायद ही कोई ब चा अ यापक के िहसाब से पढ़ पाता है। आपका िदमाग 1000 श द ित िमनट क दर से सचू ना को हण कर
सकता है जबिक क ा म पढ़ाई के दौरान 50 श द ित िमनट बताए जाते ह।
इसक पिू त करने के िलए आपका िदमाग दसू री चीज़ और जानका रय को भी साथ-साथ जमा करता रहता है। इसका असर यह होता है िक पाठ पर िदमाग
का यान ही नह जाता। आपक आख ं िखड़क से बाहर कुछ तलाशने लगती ह। या िफर आपका िदमाग िपछले िदन िबताई गई छु य और वहां क गई
मौज-म ती के बारे म सोचने लगता है। जब तक आप समझ पाते ह क ा का समय ख म हो जाता है और आप घर चले आते ह, िबना कुछ जाने िक आपने
क ा म या पढ़ा।
इस बात क बहत ज़ रत है िक क ा म पढ़ाए जाने वाली चीज़ को समझने के सही तरीके सीखे जाए।ं म आपको कुछ सलाह देता हं जो आपके काम आ
सकती है।
क ा के िलए पहले से तैयारी कर
कहा जाता है िक महान धनधु ारी अजनु अपने गु के उठने से बहत पहले अधं रे े म ही तीरंदाज़ी का अ यास शु कर देते थे। इस वजह से वे धनिु व ा म सबसे
आगे रहते थे। उ ह ने क ा क तैयारी पहले से ही क होती थी।
काननू क पढ़ाई कर चकु े एक छा ने बताया िक इसी सलाह क वजह से वह काननू क किठन पढ़ाई भी आराम से परू ी कर पाए। उसका भरोसा है िक अगर
आप क ा म पढ़ाए जाने वाले पाठ को पहले से ही पढ़ कर जाते ह तो क ा म पढ़ाए जाने पर आप उसे दसू री बार पढ़गे। िजससे ना के वल उसे समझना
आसान हो जाता है बि क परी ा क तैयारी करते समय भी यह पढ़ाई बहत काम आती है। कहने का मतलब यही है िक क ा म पढ़ाए जाने से पहले एक बार
पाठ को समझ लेना चािहए। इसिलए कल पढ़ाए जाने वाले पाठ क तैयारी आज ही कर ल। जो समझ ना आए उसे िलख कर नोट्स बना ल।
इस तरह पहले से तैयारी करने लेने पर क ा म पढ़ाए जाने पर आप पाठ को आसानी से समझ सकगे।
आगे बैठना सही म सहायता करता है
मझु े याद है िक मेरे कॉलेज म क ा म पहली पिं म बैठने वाले छा को ‘उबाऊ’ समझा जाता था। िपछली पिं म बैठने वाल को माट माना जाता था।
पीछे बैठने म एक सम या है िक आपके आगे क पंि म बैठे लोग जो करते ह आपका यान उस पर जाता रहता है। सबसे आगे क पंि या शु आत क
कुछ पंि य म बैठना सबसे सही होता है। आगे बैठने से आपके और अ यापक के बीच म िकसी तरह कावट नह होती और आप लैकबोड को सही तरह
से देख सकते ह। अ यापक के सामने बैठने के कारण आप इधर-उधर नह देखते और आपका यान पाठ पर लगा रहता है।
दरवाज़े और िखड़िकयां भी यान भटकाते ह इसिलए जहां तक हो उनसे अलग बैठ। तो बैठने के िलए ऐसी जगह चनु जो आगे क पिं म भी हो और बीच म
हो।
सदं ेह को दूर कर, गित को सही कर, और भागीदारी कर
एक चीनी कहावत है िक पछ ू ने वाले को पांच िमनट के िलए मख
ू समझा जाएगा, लेिकन जो नह पछ ू े गा वह हमेशा के िलए मख
ू रहेगा। मझु े पता है
िक कुछ छा मख ू िदखने के भय से नह पछ ू ते। याद रख— पछ ू ने से कोई मख
ू नह होता लेिकन क ा म अवसर िमलने पर भी अपने को नह
पछ
ू ना ज़ र मख ू ता है। वैसे भी, अगर आपने पहले से क ा म पढ़ाए जाने वाले पाठ क तैयारी क है तो इस बात क संभावना बेहद कम है िक आप कोई
मखू ता भरा सवाल करगे।
िनि त प से पछ
ू ने को लेकर हर अ यापक के अपने-अपने िनयम होते ह। उदाहरण के िलए, कुछ ोफे सर पहले पाठ परू ा करना चाहते ह और उसके
बाद क ा के आिखर म लेते ह। इस बात को यान रख क अ यापक के िनयम के अनसु ार ही पछ
ू ।
अगर आपको लगता है िक ोफे सर के पढ़ाने क गित आपके समझने के िहसाब से बहत तेज़ है तो उ ह िवन ता से धीरे पढ़ाने या िफर से पढ़ाने के िलए कह।
परू ी क ा के िलए पढ़ाने क गित िनधा रत करना मिु कल काम है लेिकन िफर भी यादातर अ यापक आपके िनवेदन के िहसाब से बदलाव करने के िलए
तैयार रहते ह। बस उ ह इस बात का भरोसा होना चािहए िक छा ईमानदारी से पढ़ना चाहता है।
क ा म पढ़ाई के समय परू ी तरह से िह सा ल। इसके कारण आपका िदमाग पढ़ाई जा रही बात पर यादा यान देगा। इसका एक फायदा यह भी है िक
अ यापक को लगता है िक आप पढ़ाई को लेकर काफ ईमानदार ह (इसका मतलब है िक ज़ रत पड़ने पर आपके िलए छु ी लेना भी आसान हो जाएगा।)
यादा बात करने वाले िम से बच
अपने सहपाठी और िम को साफ बता द िक पढ़ाई के दौरान आप क ा म बात नह करगे। क ा के बाद भी बातचीत करने के िलए काफ समय िमलता है।
अगर आपको लगता है िक कोई सहपाठी िफर भी नह सधु र रहा है तो अ यापक से कह कर अपने बैठने क जगह बदल ल। माक ट्वेन का यह कथन बहत
सही है, ‘अगर हम सनु ने क बजाय बोलने का काम यादा करना होता तो हमारे दो महंु और एक कान होता।’
भाव का असर
अपने अ यापक के सामने अ छा भाव बनाना हमेशा बेहतर होता है। जो छा पढ़ाई को लेकर अपनी िच िदखाते ह उनसे दसू र क अपे ा अलग यवहार
िकया जाता है। कभी-कभी इसका असर आपके परी ा के अक
ं म भी िदखाई देता है। इस बात को याद रख िक आपके अ यापक भी मनु य ही ह और उनको
भी भािवत िकया जा सकता है।
अ यापक क पसदं -नापसदं के बारे म उनसे पहले पढ़ चक
ु े छा से जान लेना अ छा होता है। हर अ यापक अलग होता है। कुछ अ यापक खल ु कर िह सा
लेना पसंद करते ह तो कुछ शांत रहना। कुछ अ यापक को परी ा म छोटे और िवषय से संबंिधत उ र ही पसंद होते ह तो कुछ िनबंध क तरह लंबे और
िव तार से िलखे गए उ र पसंद करते ह। अपने अ यापक क पसंद के बारे म पता करने से आप उसका फायदा ले सकते ह।
समय के पाबंद बन
क ा के िलए समय से पहचं । हो सके तो क ा के समय से पहले पहचं ने क कोिशश कर। देर से आने वाले छा को अ यापक पसंद नह करते य िक उनके
कारण पढ़ाई म बाधा पहचं ती है। इसके साथ ही हमेशा देरी से आने वाले छा क ा के साथ तालमेल नह बैठा पाते य िक हमेशा उनका कोई िवषय छूट
जाता है।
क ा ना छोड़
एक साधारण सी बात का यान रख िक कभी क ा छोड़ नह । हर क ा एक ईटं क तरह होती िजसके जड़ु ने से परू ी दीवार बनती है। एक भी क ा को छोड़ने
का मतलब है िक आपक दीवार कमज़ोर रह जाएगी। एक क ा इमारत के एक िह से क तरह होती है इसिलए ज़ री है िक िकसी िह से को छोड़ा ना जाए।
अगर िकसी कारण से क ा म नह पहचं पाते ह तो क ा म उस िदन पढ़ाए गए पाठ के बारे म परू ी जानकारी ले ल। िकसी दो त से उस िदन के पाठ के बारे म
समझ ल और उनके नोट्स से अपने नोट्स तैयार कर ल। आगे आप देखगे िक पढ़ाई म मदद करने वाले दो त का साथ भी बहत मह वपणू होता है।
गृहकाय
गृहकाय एक ऐसी चीज़ है िजससे हम सब नफरत करते ह य िक कूल या कॉलेज से आने के बाद हम अपना समय इसके िलए िनकालना पड़ता है। गृहकाय
अ सर उसी पाठ से संबंिधत होता है िजसे उस िदन क ा म पढ़ाया जाता है। गृहकाय के कारण पढ़ाया गया िवषय आपको बेहतर तरीके से याद हो जाता है।
सही समय पर गृहकाय को परू ा करना आपके िलए फायदेमदं है।
आप आगे ‘द फोरगेिटंग कव’ नाम के एक िस ांत के बारे म पढ़गे। इस िस ांत म कहा गया है िक िकसी चीज़ को सीखने पर 24 घटं े के अदं र अगर आप उसे
दोहरा लेते ह तो उस चीज़ के कम से कम 80 फ सदी िह से को आप नह भल ू ते। गृहकाय भी आपके िलए यही काम करता है। जो कुछ क ा म पढ़ा, आप
उसे गृहकाय के ज़ रए दोहराते ह।
नोट्स बनाने क अहिमयत
वॉिशगं टन के सट लईु स िव िव ालय के दो ोफे सर, हेनरी रोिडगर और माक मकडेिनयल ने लेखक पीटर ाउन से साथ िमलकर पढ़ाई क बेहतर तकनीक
से जड़ु े वै ािनक शोध को मेक इट ि टक: द साइसं ऑफ स सेस लिनग के नाम से एक जगह जमा िकया। पढ़ाई म सफलता हािलस करने क उ ह ने जो
सबसे बड़ी सलाह दी, वह यह थी िक अपने हाथ से नोट्स बनाओ (िकसी कं यटू र पर नही) और जो भी िलख रहे हो उस पर यान दो। नोट्स आपको खदु ही
तैयार करने ह। िकसी के बताए नोट्स को िलख लेने से उसका असर आपके िदमाग पर नह होता। जबिक खदु नोट्स तैयार करने का मतलब है िक आप िकसी
बात को सनु कर, समझकर अपने श द म िलख रहे ह।
नोट्स बनाएं या सनु ?
तो या आपको नोट्स तैयार करने चािहए या ले चर सनु ने म यान लगाना चािहए? कुछ कूल और कॉलेज म अ यापक ारा पढ़ाते समय नोट्स बनाने के
िलए मना िकया जाता है। इसका उ े य यही है िक छा उस पाठ और उसके िस ांत को सही तरह से समझ और उसके बाद अपने संदहे को दरू करने के िलए
सवाल पछ ू । अगर िकसी कूल या कॉलेज म क ा म नोट्स बनाने के िलए मना िकया जाता है तो क ा के ख म होते ही नोट्स बना ल। आपके मन म सवाल
आएगा िक ऐसा य करना चािहए? जब हम क ा म अ यापक को सनु ते ह तो हमारे िदमाग का सनु ने और भाषा से जड़ु ा िह सा काम करता है। िदमाग का
यह िह सा कुछ सचू नाओ ं को याद करने के िलए भेज देता है लेिकन यहां ज़ री सचू नाओ ं और साधारण बात दोन को एक ही तरह से िलया जाता है। जब
हम नोट्स बनाते ह तो कुछ अलग घिटत होता है। हम जब कुछ िलखते ह तो उस िह से म िलखी सचू ना के साथ हमारा खास र ता बन जाता है। खास काम
को करने के िलए हमारे िदमाग का अलग िह सा काम करता है। जब हम िलखते ह तो हम इस सचू ना का मू यांकन करते ह। िलखने क यह ि या हम
सीखने म मदद करती है।
नीचे कुछ बात बताई गई ह िज ह एक अ छे नोट्स म नह होना चािहए:
1. क ा म जो पढ़ा उसे वैसे का वैसा िलखना।
2. िबना समझे िकताब म िह स को हाई लाइट करना।
3. िकताब के िह स को सीधा नोट्स म िलख लेना।
4. चनु कर िलखने क बजाए हर िकसी चीज़ को नोट्स म शािमल करना
आखरी बात, क ा से िनकलने म ज दबाज़ी नह कर। जब आप ज दी म िनकलते ह तो आपको यान नह रहेगा िक नोट्स म कुछ ज़ री चीज़ छूटी ह या
नह ।
काग़ज़ और क़लम का साथ
हाथ से िलखना और िच बनाना सबसे बेहतर होता है। जब आप हाथ से नोट्स बनाते ह तो आपका िदमाग भी इसम शािमल होता है। कं यटू र पर क -बोड
के ज़ रए िलखने पर यह बात नह होती। 2014 म साइकोलॉिजकल साइसं ने एक शोध कािशत िकया था िजसम उ ह ने सािबत िकया था िक हाथ से नोट्स
बनाने वाले छा को कं यटू र, टेबलेट या माट फोन पर नोट्स बनाने वाल क तल
ु ना म बेहतर प रणाम हािसल हए।
ज़ूम इन
अ यापक ने जो पढ़ाया उसे गहराई से समझो। उ ह ने अगर िकसी चीज़ को मह वपणू बताया हो या कहा हो िक इसे ज़ र याद रख, तो उन बात पर यान दो।
अगर ोफे सर कह रह ह िक यह चीज मह वपणू है तो इसका मतलब है िक वह मह वपणू होगी। उस चीज़ को नोट्स म शािमल कर और कोई िनशान लगा ल
िजससे पढ़ते समय आपका यान उस पर चला जाए।
रेखािच
अगर ोफे सर लैकबोड पर खासतौर से कोई िच , रे खािच , या चाट बनाते ह तो इस बात क सभं ावना है िक वह अगली परी ा म आ सकता है। उनको
ज़ र अपने नोट्स म शािमल कर ल।
सिं श द का योग कर
क ा म नोट्स बनाते समय श द को संि प म िलख सकते ह। इससे आप कम समय म आराम से नोट्स िलख पाएगं ।े आप खदु से संि श द तैयार
कर सकते ह या सामा य प से इ तेमाल िकए जाने वाले श द जैसे ‘b/t’for between, ‘w/o’ for without, ‘b/c’ for because and ‘y’ or ‘n’ for
yes and no का योग कर सकते ह। आप िजन संि श द का योग करते ह उनक एक सचू ी तैयार कर ल िजससे बाद म श द को समझने म आपको
परे शानी नह होगी।
नोट्स को यवि थत रख
नोट्स को यवि थत रखने का तरीका भी बहत मह वपणू है। कुछ छा हर िवषय के िलए अलग नोटबक
ु रखते ह और बाद म िफर से अलग-अलग नोटबक

म फाइनल नोट्स बनाते ह। कुछ अलग-अलग प न पर नोट्स बनाते ह। कुछ छा को मने इतने यवि थत नोट्स बनाते देखा है िक वे सू , िस ांत ,
याकरण के िनयम या ऐितहािसक तारीख के िलए अलग-अलग फो डर बना कर रखते ह।
आपको जैसे नोट्स बनाने क आदत हो उसी तरह से नोट्स बनाते रह िजससे बाद म नोट्स को समझने म कोई परे शानी नही होगी। अगर आपको नोट्स बनाने
म परे शानी होती है तो अपने िकसी साथी क मदद से इसे सीखने क कोिशश कर।
नोट्स म सध
ु ार कर
नोट्स बनाने से आपको दो तरह से मदद िमलती है। एक, इससे पाठ आपके िदमाग म सही तरह से बैठ जाता है, जैसा िक ऊपर बताया गया है। दसू रा, इससे
आगे आपको दोहराने म मदद िमलती है। एक बार क ा म नोट्स बनाने के बाद आप घर पर उन नोट्स म सधु ार कर सकते ह। इससे आप चौबीस घटं े से भीतर
क ा म पढ़ाई चीज़ को दोहरा भी लगे।
आपके नोट्स म क ा म पढ़ाई गई मह वपणू जानका रयां शािमल होनी चािहए। नोट्स म चीज़ को बल ु ेट पॉइटं या चाट के प म िलखना चािहए। लंबे नोट्स
बनाने का कोई फायदा नह है। लंबे नोट्स बनाने से नोट्स बनाने का उ े य ही ख म हो जाता है।
मझु े याद है िक म हर िवषय के िलए अ सी पेज क पतली सी नोटबक
ु तैयार करता था। म एक पेज के एक तरफ के िह से पर क ा का एक ले चर नोट िकया
करता था और साल ख म होने पर िसफ उसी को पढ़ने से मेरा काम चल जाता था। दसू रे छा कई तरह क गाइड्स और कोिचगं लास का सहारा लेते थे वह
मेरे िलए हाथ से िलखे नोट्स ही काफ होते थे।
24 घंटे वाला िनयम
इस बात को याद रख िक क ा परू ी होने के बाद आप उसम पढ़ाया गया 80% िह सा भल
ू जाते ह। अगर आपको ले चर के समय सब कुछ समझ आ गया
िफर भी आप उसे भल
ू जाएगं ।े
लेिकन इसी के साथ एक बात जड़ु ी है। अगर आप क ा म पढ़ने के चौबीस घटं े के अदं र अपने नोट्स को दोहरा लगे तो वह सचू ना आपके िदमाग क लॉ ग
टम मेमरी म जमा हो जाएगी। (अगर आप क ा म पढ़ाए जाने से पहले ही उस पाठ को पढ़कर गए ह गे तो िफर आप दसू र से बहत आगे ह गे)
जब आप नोट्स को िफर से पढ़ तो इस बात का यान रख क जो बात आपको समझ नह आ रही ह उनको रे खांिकत कर ल। िफर उनके बारे म कुछ और
तलाश कर और पढ़ने क कोिशश कर िजससे आपको वे बात समझ आ सक। अगर आप चौबीस घटं े के िनयम का पालन िनयिमत प से करगे तो ज दी ही
आपको समझ आएगा िक परी ा क तैयारी करना आपके िलए एक सामा य बात हो जाएगी।
ि यू- यू- र यू
मने आपको बताया था िक क ा म जाने से पहले ही िवषय को पढ़कर जाने से आपको क ा म पढ़ाई चीज़ बेहतर समझ आएगं ी। उसके बाद मने क ा म
यान से पढ़ने और नोट्स बनाने के िलए कहा। आिखर म मने कहा िक क ा म जो कुछ भी पढ़ाया गया उसे चौबीस घटं े से भीतर एक बार िफर से पढ़ ल और
नोट्स को सधु ार कर बेहतर बनाए।ं
ि य-ू य-ू र यू का मह वपणू िनयम याद रख। अमे रक अरबपित जॉन रॉकफे लर कहते थे, ‘सफलता का रह य यही है िक सामा य चीज़ को असामा य
तरीके से अ छी तरह िकया जाए।’ ि य-ू य-ू र यू ऐसी ही सामा य चीज़ है िजसे असामा य तरीके से अ छा करना आपको सीखना होगा।
अपने अ यापक से बात कर
बहत से छा शम के कारण अ यापक से बात नह करते। ऐसी गलती ना कर। पढ़ाई या आने वाली परी ा के बारे म पछ ू ने से ना डर। आपको आ य होगा
िक अपने ोफे सर से एक बार बात करते ही आपको न जाने िकतनी बात का पता चलेगा। इसके साथ ही उनसे सहायता मांगने म डर नह । अ यापक हमेशा
अपने छा क मदद करने के िलए तैयार रहते ह।

आगे बढ़ने से पहले…


ि य-ू य-ू र यू को सभी क ाओ ं म इ तेमाल कर। क ा के िलए पहले से तैयारी कर। क ा म पढ़ाई जा रही बात पर परू ा यान द। क ा म या क ा के
बाहर अपने अ यापक से कुछ पछू ने म डर नह । नोट्स बनाएं और उनको यवि थत रख और उनम सधु ार करते रह।
क ा म पढ़ी गई बात को दोहराने के िलए चौबीस घटं े के िनयम का पालन कर। समय के पाबंद बने, िकसी क ा को ना छोड़ और यादा बातचीत करने
वाले दो त से दरू रह। क ा म परू ी सहभािगता िदखाएं और अपने अ यापक पर अ छा भाव बनाएं ।
चौथा क़दम: क ा के बाद भी िनयिमत अ ययन कर

कभी जो िगराड का नाम सनु ा है? उसे िगनीज़ बक


ु ऑफ व ड रकॉड्स ने दिु नया का सबसे महान से समेन बताया था। िगराड क सबसे मह वपणू िश ा यही
है, ‘सफलता पाने के िलए िल ट काम नह करती है। आपको सीिढ़यां ही चढ़नी ह गी! एक बार म एक कदम।’
िगराड ने उसी मौिलक िनयम को दोहराया है िक लगातार मेहनत करने का कोई िवक प नह है। इसी तरह, रोमन किव और दाशिनक लू े िटयस ने कहा था
िक प थर पर िगरती पानी क बंदू उस पर एक िदन म छे द नह कर पात बि क वे लगातार उस पर िगरने के कारण िनशान बनाती ह।
जापान म एक िस ांत है िजसे काइज़ेन कहा जाता है। यह एक चीनी-जापानी श द है िजसका मतलब है ‘बेहतरी के िलए बदलाव’। इस मल ू भतू िस ांत का
इ तेमाल जापानी उ ोग म हर िदन के काम को लगातार बेहतर बनाते रहने के िलए िकया जाता है। िनरंतरता को िदखाने का यह आदश तरीका है। म आपको
एक कहानी सनु ाता हं िजससे यह िवचार और भी प प से समझ आएगा।
चीन के दरू दराज के गांव से एक लड़का िभ ु बनने के िलए िस शाओिलन मठ म पहचं ा।
शाओिलन िभ ओ ु ं को उनक कंु ग-फू जैसी माशल आट कला िसखाने के िलए दिु नया भर म जाना जाता है। मठ के व र िभ ु ने लड़के का सा ा कार
िलया और उसे मठ म रहने क अनमु ित िमल गई।
पहले िदन लड़के के िश क ने लकड़ी क भारी बा टी पहाड़ी से नीचे झरने तक ले जाने को कहा। उसे वह बा टी पानी से भर कर वापस भी लानी थी।
लड़के ने वैसा ही िकया जैसा उसे कहा गया, लेिकन उसे समझ आया िक पानी से भरी बा टी को मठ तक वापस लाने म बहत मेहनत करनी पड़ती है। जब
तक वह वापस पहचं ा बा टी का यादातर पानी छलक कर िगर चक ु ा था। िश क ने बा टी के बचे पानी को खाली करके लड़के से िफर वही काम दोहराने
को कहा और िहदायत दी िक इस बार बा टी परू ी तरह भरी हई आनी चािहए। लड़के ने िफर से वही काम िकया और इस बार वह लगभग भरी बा टी लेकर
मठ म पहचं ा।
‘बिढ़या,’ िश क ने कहा। ‘अब बा टी के पास खड़े होकर पानी पर अपनी हथेिलय से मारो और तब तक करो जब तक बा टी का सारा पानी बह ना
जाए।’ थोड़ी देर म लड़के के हाथ पानी पर मारने से लाल हो गए और उनम जलन होने लगी लेिकन वह पानी के बाहर िनकलने तक उस पर मारता रहा।
‘बहत बिढ़या,’ िश क ने कहा। ‘अब जाओ और एक बा टी पानी और लेकर आओ और इसी को दोहराओ।’ यह काम परू े िदन चलता रहा। लड़के को
जान कर िनराशा हई िक अगले िदन भी उसे यही करना पड़ेगा। यह काम कई ह त और महीन तक चलता रहा, लड़का भरी बा टी लेकर आता और िफर
पानी को हाथ से मारकर बा टी से बाहर िनकालता। लड़के को लगा िक उसे कोई सज़ा दी जा रही है। उसे आ य हआ िक उसके अ यापक उसे कंु ग-फू य
नह िसखा रहे। एक वष के बाद मु य िभ ु ने लड़के को अपने कमरे म बलु ाया। ‘तमु यहां एक वष से हो। म चाहता हं िक तमु कुछ िदन छु ी लेकर अपने
प रवार से िमल आओ। लेिकन अपना िश ण जारी रखने के िलए दो ह ते म वापस लौट आना।’
जब गांव वाल को पता चला िक यवु ा शाओिलन िभ ु घर आ रहा है तो वे बहत खशु हए। गांव के लोग ने उसके स मान म भोज क यव था क । वे िभ ु
को गांव के बीच बनी जगह पर ले गए जहां प थर क मेज़ पर खाना सजा रखा था। खाने के बाद गांव वाल ने उससे कंु ग-फू कला को िदखाने को कहा। उसे
बहत शम आई और उसने कहा िक वह ऐसा कोई दशन नह करना चाहता। लेिकन गांव वाल ने बहत ज़ोर डाला। लड़के ने बहत अपमािनत महससू िकया
य िक उसे कोई कला आती ही नह थी।
‘मझु े अके ला छोड़ द,’ वह िच लाया और मेज़ से उठकर चला गया। ‘मने सही म कुछ नह सीखा!’ उसने गु से म अपना हाथ मेज़ पर मारा। वहां खड़ा हर
यि चिकत रह गया। वहां एक शांित छा गई, हर कोई उस प थर क मेज़ को देख रहा था िजसके उस लड़के ने दो टुकड़े कर िदए थे।
इस कहानी से या सीखने को िमलता है? साधारण सी बात है। येक िदन अपने काम को दोहराते रहो और िनयिमत गृहकाय परू ा करो। कुछ िदन क रटने
वाली पढ़ाई िनयिमत पढ़ाई क जगह नह ले सकती। लेखक रॉबट कोिलयर ने कहा था, ‘सफलता हर िदन लगातार िकए जाने वाले छोटे-छोटे यास से ही
हािसल होती है।’
अपने ितिदन क योजना को देख
जैसा िक पहले ही बताया गया है िक अपने परू े िदन म िकए जाने वाले काय क डायरी म सचू ी बनाकर रख। उन काय क वरीयता िनधा रत कर और पढ़ने के
समय एक के बाद उ ह परू ा करते चले जाए।ं
अपनी गित से पढ़
हर छा अपनी खास गित से चीज़ को पढ़ता और समझता है। खदु क तल ु ना िकसी दसू रे से ना कर। उस गित से पढ़ जो आपके िलए सही हो। कुछ िवषय या
िस ांत आप ज दी समझ लेग तो कुछ को समझने म समय लगेगा। पढ़ने क कोई आदश गित नह हो सकती। आपको अपनी गित खदु ही समझनी होगी।
माइ ोसॉ ट के सं थापक िबल गेट्स ने एक बार कहा था, ‘अिधकतर लोग इस बात को कुछ यादा ही आक ं लेते ह िक वे एक साल म या- या काम कर
सकते ह, वह कुछ लोग इस बात को कम आक ं ते ह िक दस साल म वे या- या कर सकते ह,’ अपनी गित को समझकर उसके िहसाब से चलते रह।
टालमटोल करना
कहा जाता है िक सबसे आगे रहने का रह य यही है िक काम शु कर िदया जाए। हालांिक हम सभी को पता है िक एक आदत है जो काम करना मिु कल
बना देती है। वह है काम को टालने क आदत। यह आदत मह वपणू काय को ख म करना मिु कल बना देती है। इसम नीचे बताई कुछ चीज़ शािमल ह:
1. काम करने म िबताए समय से यादा समय के िलए आराम करना।
2. कम ज़ री काम को यादा मह व देना या इसका ठीक उ टा करना।
3. सोशल मीिडया, इटं रनेट खगं ालने या मैसजर एप पर यादा व िबताना।
4. बहत मह वपणू काय को शु करने के बाद काय के परू ा होने से पहले ही क जाना।
5. मिु कल या पसंद ना आने वाले काय को शु करने के िलए सही समय का इतं ज़ार करना।
6. ितिदन िकए जाने वाले काय क सचू ी ना बनाना, इस वजह से पता नह चल पाता िक कौन से काय परू े करने ह।
7. आइज़न हावर िनयम को इ तेमाल करते हए काय क ाथिमकता तय ना करना।
टालमटोल करने का नतीजा होता है िक हमारे सामने सम याओ ं का पहाड़ खड़ा हो जाता है। टालमटोल करने के नकारा मक भाव के बारे म ब च क इस
किवता म सही से बताया है।
For want of a nail the shoe was lost.
For want of a shoe the horse was lost.
For want of a horse the rider was lost.
For want of a rider the message was lost. For want of a message the battle was lost. For want of a battle the kingdom was
lost. And all for the want of a horseshoe nail.
घोड़े क नाल क क ल न होने क वजह से घोड़ा बेकार हो गया। घोड़ा बेकार हआ तो घड़ु सवार नह पहचं ा। घड़ु सवार के ना पहचं ने से संदश
े समय से नह
पहचं ा। जब सदं श
े समय से नह पहचं ा तो लड़ाई म हार हो गई। समय से लड़ाई न कर पाने पर रा य गवं ाना पड़ा।
उपयु किवता का सार ये है िक घोड़े क नाल क एक क ल क वजह से िकसी को अपने रा य से हाथ धोना पड़ा। ये टालमटोल करने का ही प रणाम है।
या आपने कभी सोचा है िक सेना, वायसु ेना या नौसेना से रटायर होने वाले लोग को बड़ी-बड़ी कंपिनयां य नौकरी देना चाहती ह? इसका सबसे बड़ा
कारण है, अनश ु ासन, जो वष क सेना क नौकरी के कारण उन म िवकिसत होता है। उनका िश ण का सबसे बड़ा िह सा यही होता है िक िबना टालमटोल
के काम कै से परू ा िकया जाए। हर िवषय और उस िवषय के हर िस ांत को घोड़े क नाल म लगी क ल क तरह मानो। अगर आप यह काम कर लेते ह तो म
वादा करता हं िक आप ज़ र सफल ह गे।
टालमटोल के यवहार को बदलने के िलए आप या कर सकते ह?
1. रोज़ाना िकए जाने वाले काम क सचू ी बनाए।ं
2. काय क ाथिमकता तय करने के िलए आइज़नहावर िनयम का पालन कर।
3. काम को परू ा करने के िलए पोमोडोरो तकनीक का उपयोग कर। इस सचू ी के आिखर म यह तकनीक बताई गई है।
4. िबना भटकाव के एक बार म एक काम पर यान लगाए।ं हो सके तो अपने मोबाइल फोन को दरू रख।
5. सचू ी म शािमल िकए गए काय के परू ा नह होने पर उसके गलत भाव को यान म रख।
6. काम परू ा होने पर िमलने वाली खश
ु ी के बारे म सोच। परी ा म बेहतर अक
ं िमलने पर होने वाली खश
ु ी के बारे म सोच। यह भी यान रख िक िपछले समय
म टालमटोल के कारण आपको िकतनी परे शानी उठानी पड़ी थी।
7. जो काम आपको सबसे खराब लगता हो उससे शु आत कर। उसे परू ा करने पर आपका आ मिव ास बढ़ेगा।
8. अपनी सचू ी म परू ा हए काय के आगे िनशान लगाते जाए,ं इससे कुछ हािसल होने का अहसास होगा।
9. काम परू ा होने क खश
ु ी मनाएं जैसे थोड़ा घमू , न द ल, कुछ िपए,ं िजम जाएं या खेल खेल। यह करना भी काम करने िजतना ही ज़ री है।
10. काम परू ा नह होने पर खदु के िलए दडं भी िनधा रत कर। खदु ही सोच िक या दडं सही रहेगा। लेिकन यान रख दडं का सही उ े य परू ा हो इसके िलए
आपको मज़बतू बनना होगा।
पोमोडोरो तकनीक का योग कर
एक बार िदन म िकए जाने वाले काम क योजना बन जाए तो आपको इस तरह क यव था बनानी होगी िक आप परू ी द ता और भावपणू तरीके से काम
को परू ा कर पाए।ं मनु य का िदमाग लंबे समय तक िकसी एक ही काम पर भावी तरीके से यान नह लगा सकता। इसका उपाय या है?
या आपने पोमोडोरो के बारे म सनु ा है? यह टमाटर के आकार का टाइमर है िजसे रसोई म चीज़ को पकाने, ठंडा करने या भनू ने के समय क िनगरानी के
िलए रखा जाता है।

ांिस को िस र लो ने इस उपकरण से े रत होकर 1980 म एक तकनीक का िवकास िकया िजसे पोमोडोरो तकनीक कहा जाता है। इस तकनीक को अपनाने
के पांच सरल से चरण ह।
1. काम को चनु
2. अपनी घड़ी को 25 िमनट के िलए सेट कर
3. 25 िमनट तक िबना िकसी बाधा के उस काम को करते रह।
4. उसके बाद 3-5 िमनट के िलए क और िफर अगला काम कर।
5. इस तरह से 4 काम परू ा कर और िफर 15-30 िमनट का िवराम ल।
इस तकनीक म काम को छोटे-छोटे िह स म बांट िदया जाता है इसिलए उ ह परू ा करना आसान हो जाता है। एक लंबा काम करने क बजाय यह करना
यादा आसान है। जां बेिलवो के बारे म सोच िज ह ने 47000 मील क दरू ी चल कर परू ी क । छोटी-छोटी दू रय म काम को बांटकर ही वे इस बड़े काम को
परू ा कर पाए।
यह बात सािबत हो चक
ु है िक समय के साथ फोकस और एका ता म कमी आती है। िकसी एक काम पर यान कि त करने के मनु य के िदमाग क मता
—िजसे एटशन पैन कहा जाता है—पर हए शोध से पता चलता है िक समय के साथ यान लगाने क मता कम हो जाती है। नीचे िदए ाफ को देखने से
आपको पता चलेगा िक तीस िमनट के बाद मनु य के यान लगाने क मता बेहद कम हो जाती है।

इसिलए पोमोडोरो तकनीक हर काम को 25 िमनट के अतं राल म बांटती है, िजसके परू ा होने के बाद आप कुछ देर का आराम कर सकते ह। इस िवराम के
दौरान आप थोड़ा चल, पानी िपएं या ह का सा आराम कर। इस थोड़ी देर के आराम के बाद आप अगले काम को परू ा करने के िलए तरोताज़ा हो जाएगं े। चार
पोमोडोरो काय को परू ा करने के बाद 15-30 िमनट का िवराम आप कुछ खाने, कुछ देर पैदल घमू ने या ह क न द लेने के िलए कर सकते ह। ऐसा समझ क
आप जो काम कर रह ह वह लकड़ी काटने जैसा ही है और बीच म िलए आराम के समय आप चाकू क धार को तेज़ कर रहे ह।
वयं को े रत कर
आप से फ टाटर ह, िकक- टाटर ह, पश
ु - टाटर ह या नॉन- टाटर? आपने ठीक समझा ये सभी श द मोटरसाइिकल से जड़ु े ह। हम इनके आधार पर लोग
को बांट सकते ह:
‘से फ- टाटर’ जो िकसी के कहे िबना अपनी पढ़ाई करते ह; ‘िकक- टाटर’ और ‘पशु - टाटर’ को याद िदलाना पढ़ता है या दबाव डालना पड़ता है; ‘नॉन-
टाटर’ पर कोई िकतना भी दबाव बना ले काम नह करवा सकता, वे अपनी इ छा से ही काम करगे। हमम से हर कोई अलग-अलग समय और प रि थितय
के िहसाब से ऊपर बताई िकसी एक णे ी म आता है। सबसे बेहतर यही है िक आप से फ- टाटर कब बनते ह।
एक बार आपने काम शु िकया और उस परू ी ि या को िदल से अपना िलया तो आपको वह काम और उसम आने वाली चनु ौितय का सामना करने म
मज़ा आएगा। काम को परू ा करने के बाद जो खशु ी िमलती है वही स चा परु कार है। एक बार सफल होने पर आपको बार-बार यह काम करने म मज़ा
आएगा। यह ऐसा ही है िक जैसे एक िवषय िजसे आप जानते ह वही आपका पसदं ीदा िवषय बन जाए। अब आप हर नई चनु ौती का डटकर सामना करने के
िलए तैयार ह। अब आप से फ- टाटर बन गए ह।
एक साथ बहत से काम ना कर
आपने देखा होगा िक जब आप कं यटू र पर बहत सारे वेबपेज या एप खोलते ह तो कं यटू र धीमा पड़ जाता है। मशीन बहत यादा रै म का इ तेमाल करने
लगती है और इसे ठीक करने का एक ही तरीका है िक रै म पर असर डाल रहे कुछ ो ा स को बंद कर िदया जाए।
बहत बार आप ये सोचते ह िक पढ़ते समय िकसी को मैसेज करने से आप समय का सदपु योग कर रहे ह लेिकन स चाई यह है िक आप गैर-ज़ री
गितिविधय म रै म को खपा रहे होते ह। इिं डयाना िव िव ालय के एक अ ययन म सामने आया है िक म टीटाि कंग करने से सचू नाओ ं को हण करने और
समझने क मता भािवत होती है। ओिहयो टेट यनू ीविसटी और कै सर फै िमली फाउंडेशन ने भी सािबत िकया है िक पढ़ते समय म टीटाि कंग करना
बेवकूफाना है।
या आपने कभी मै नीफाइगं लास क मदद से जलते हए काग़ज़ को देखा है? उस लास को इस तरह से पकड़ना होता है िक उसम से गज़ु रती सरू ज क
रोशनी लास से िनकल कर काग़ज़ के एक िबंदु पर इक ा हो जाए। कुछ देर म काग़ज़ से धआु ं िनकलने लगता है और वह आग पकड़ लेता है। एक जगह
यान लगाने का यही फायदा है। िबना िकसी भटकाव के यान से क गई पढ़ाई आपके िदमाग म बैठ जाती है।
अगर आप सोच रहे ह िक यह कहना आसान है और करना मिु कल, तो म आपसे सहानभु िू त रखता हं और आपको सलाह देता हं िक हमेशा याद रख,
‘िदमाग बंदर क तरह है।’ इसको दसू री तरह से समझाऊं तो इसका मतलब है िक मनु य का िदमाग लंबे समय तक एक चीज़ पर यान नह लगा सकता (जैसे
बंदर लंबे समय तक एक जगह पर नह बैठ सकते)। लेिकन एक बार िदमाग या बंदर काम म लग जाता है तो वह काम को करता रहता है। िजस तरह से बंदर
को िश ण िदया जा सकता है उसी तरह आप अपने िदमाग को भी फालतू , यान भटकाने वाली चीज़ से हटा कर परू ी तरह से काम पर यान लगाने के
िलए तैयार कर सकते ह। अगर आप एक बार से फ- टाटर बन गए तो आप खदु को सफलता क सीिढ़यां चढ़ते हए देखगे। एक बार एक पाठ या चनु ौती
सफलतापवू क परू ी हो गई तो िफर आपको सफलता क लत लग जाएगी। बस सचू ी म परू ी हई चनु ौितय पर िनशान लगाते रह और आगे बढ़ते रह।
कहा जाता है िक िचिड़या क आख
ं पर िनशाना लगाते समय अजनु को के वल उसक आख
ं ही िदखाई देती थी। आपको भी सफलता पाने के िलए इसी तरह
का यान लगाने क ज़ रत है।
िविवधता से सीखने क मता बढ़ती है
वै ािनक ने खोजा है िक एक ही िवषय पर यान लगाने क बजाय आप उसी िवषय से जड़ु े अलग-अलग िवषय पर एक साथ यान लगाने से सीखने क
मता को बढ़ा सकते ह। बेहतर यही है िक एक ही िवषय को लंबे समय तक ना पढ़ा जाए। जब एक िवषय से मन ऊबने लगे तो आप दसू रा िवषय पढ़।
इसी को यान म रखते हए अपने पढ़ने क समय-सारणी बनाए।ं दो िबलकुल अलग िवषय के बीच म समय को बांट जैसे भाषा के िवषय के बाद गिणत,
उसके बाद इितहास और उसके बाद भौितक । अगर श द को याद करना है तो पढ़ और उ ह समझने क कोिशश कर।
अगर गिणत पढ़ रहे ह तो एक क बजाय कई सारे िस ांत हल करने क कोिशश कर। आपको एक सरल उदारहरण से समझाते ह। अगर कोई िवभाजन से
जड़ु ी दस सम याएं हल कर रहा है तो हर सम या को हल करते समय हम पता होता है िक इसम िवभाजन ही करना है। इसके बजाय, हम कोई दस सम याएं ल
िजनम गणु नफल, भाग, जोड़ना और घटाना सभी शािमल ह तो हम अपने िदमाग को यादा सि य करना होगा। वह सोचगा िक अगली सम या को कै से हल
िकया जाए। इससे हमारी सतकता का तर बेहतर होगा।
सहनशि का िश ण
यह िश ण यि क सहनशि को बढ़ाने के िलए िकया जाता है। सहनशि श द का गहरा मतलब है। मिु कल हालात या सम याओ ं का डटकर
मक
ु ाबला करने क मता ही सहनशि कहलाती है। हमने िफ म म देखा है िक धावक के िश क हर िदन उनके िलए किठनाई का तर बढ़ाकर उनक
सहनशि को बढ़ाते ह। मझु े भरोसा है िक आप पढ़ाई म भी इस िश ण का बेहतर इ तेमाल कर सकते ह। इसे कै से िकया जाए?
सबसे पहले खदु को एक क जगह दो चीज़ सीखने के िलए तैयार कर (जैसे, गिणत क सम या सल ु झाना और अं ेज़ी के वा य बनाना)। दसू रा, इनम से एक
चीज़ पर काम करना शु कर द। तीसरा, जब आपको लगे िक िदमाग एक चीज़ से थक रहा है तो दसू रा काम करना शु कर द, लेिकन दसू रे काम से पहले जो
काम कर रहे थे उसम कुछ काम और परू ा कर। यह से सहनशि का िवकास होता है। उदाहरण के िलए, अगर आपने दस सम याओ ं म से पांच हल कर ली
ह, तो दसू रा काम शु करने से पहले खदु पर दबाव बढ़ाकर छठी सम या भी सल ु झाए।ं चौथा, दसू रा काम शु कर। पांचवां, इसको परू ा करते समय जब
िदमाग थकने लगे तो पहले वाले काम पर वापस जाने से पहले िह मत करके कुछ देर इसी को करते रह। इसको करने से आपक सहनशि बढ़ेगी।
सबसे बेहतर को याद कर
सीखने से जड़ु ी एक तकनीक है जो वष 1885 से ही सब लोग जानते ह लेिकन छा या अ यापक कोई भी इसको मह व नह देता। हमन एिबंगहाउस ने 1885
म एक िस ांत िदया था िजसे द फोरगेिटंग कव कहा गया। आपने जो कुछ भी सीखा है अगर आप उसको सीखने के चौबीस घटं े के भीतर दोहरा लेते ह तो
आप उसका 80% िह सा याद रख पाते ह। एक स ाह के बाद पांच िमनट के भीतर आपको 100% िह सा याद हो जाएगा।

आप इसका योग कै से कर सकते ह? मान ल िक आप क ा म ह और ोफे सर आपको ऐसा िवषय पढ़ा रहे ह िजससे आप अनजान ह। अगर आप इसी चीज़
को चौबीस घटं े के भीतर दोबारा पढ़ लगे तो आपको उसका 80% िह सा याद रहेगा। सैन िडएगो के कै िलफोिनया िव िव ालय के मनोवै ािनक ने अपने
अ ययन म पाया िक परी ा के नज़दीक आने पर कुछ पढ़ने से बेहतर है िक सीखने के थोड़े समय बाद ही उस चीज़ को िफर से पढ़ िलया जाए। उनके अनसु ार,
सीखने और परी ा के बीच के समय के 10% समय के भीतर इसे कर िलया जाना चािहए। जैसे िक आपने पहले िदन कुछ सीखा और परी ा 30 व िदन है,
तो आपको सीखे हए पाठ को तीन िदन के भीतर दोहरा लेना चािहए।
म इस िकताब म आपको जो भी शोध या अ ययन के बारे म बता रहा हं उन पर यादा भरोसा ना कर। अ ययन से पता चला है िक िकसी बात को वीकार
करवाने के िलए लोग से यह कहना ही बहत होता है िक यह बात एक अ ययन से पता चली है। इस जाल म ना फंस!

आगे बढ़ने से पहले…


अपनी रोज़ाना के काय क सचू ी देख और क ा के बाद क िदनचया का िनयम से पालन कर। मनु य क टालने क आदत से सावधान रह। क ा म पढ़ी
चीज़ को चौबीस घटं े के भीतर दोहरा ल। िवषय बदल-बदल कर पढ़। एक साथ कई काम ना कर। पोमोडोरो तकनीक का फायदा उठाए।ं पढ़ाई के िलए
अपनी खदु क गित तय कर।
पांचवां क़दम : पढ़ने के िव ान म महारथ हािसल कर

अपनी िकताब को कई बार पढ़ने से छा को इस बात का वहम हो जाता है िक वे इसे अ छी तरह से समझ गए ह। य ? य िक आख
ं के सामने िकताब के
खल
ु ने से ही वे इस बात क क पना करने लग जाते ह।
इस सम या को 2009 म साइकोलॉिजकल साइसं नाम के जनल म कािशत अ ययन म उठाया गया था। सट लईु स के वॉिशगं टन िव िव ालय म
मनोिव ान के ोफे सर ने इसे िलखा था। इसम कहा गया था िक पहले पढ़ना और िफर उसे याद करना एक बेहतर रणनीित है। आप पहले िकताब या पाठ को
पढ़ते ह। उसके बाद िकताब बंद कर दी जाती है और नोट्स िछपा िदए जाते ह। अब आप सब कुछ याद करने क कोिशश करते ह जो आपने पढ़ा था। जो याद
आ रहा है उसे िलख या ज़ोर से बोल। इस ि या को ‘एि टव रकॉल’ कहा जाता है इससे आपका िदमाग लंबे समय तक साम ी को याद रख पाता है।
अगर आप यह नह कर पाते ह और िफर भी भरोसा करते ह िक आपको सब कुछ पता है तो आप ‘ रपीट रीिडंग’ क बीमारी के िशकार ह।
चिलए कुछ िबंदओ
ु ं पर नज़र डालते ह जो आपको पढ़ने और उसे बेहतर तरीके से याद रखने म मदद कर सकते ह।
बैठने का तरीका
पढ़ते समय आपके बैठने का तरीका बहत मह वपणू है। अगर आप सोफे पर आराम से बैठते ह (िजस पर बैठ कर आप टेलीिवज़न देखते ह) या िब तर पर
बैठते ह (जहां आप सोते ह), तो सीधी सी बात है िक इस पर बैठकर आपको न द ही आएगी? पढ़ते समय कुस पर िब कुल सीधे होकर बैिठए। आप खड़े
होकर भी पढ़ सकते ह। आपको ऐसी िकसी जगह नह बैठना है जो आराम करने के िलए बनी है।
को पहले पढ़
अगर आप पाठ्यपु तक पढ़ रहे ह तो िकसी भी अ याय को पढ़ने से पहले आपको अ याय के पीछे िलखे पढ़ने चािहए। म अ सर वे बात होती ह
जोिक िकताब िलखने वाले क नज़र म बहत मह वपणू होती ह। को पढ़ने के बाद आप अ याय को पढ़ते हए उसके िस ांत को आसानी से समझ लगे।
एस यू3आर (SQ3R) का योग कर
SQ3R पढ़ने और समझने का एक तरीका है िजसका नाम इसके पांच चरण —Survey (िनरी ण), Question ( ), Read (पढ़ना), Recite
(सनु ाना), and Review (समी ा) पर रखा गया है। इस िविध को 1946 म ांिसस लेज़े ट रॉिब सन ने खोजा था।
पहला कदम है िनरी ण या सव, िजसका मतलब है अ याय को सरसरी नज़र से देखना। उसम से शीषक और उप-शीषक को िलखना। अ याय म दी गई
िकसी सारणी, िच या सारांश को िलखना। िनरी ण के इस काम म के वल तीन से पांच िमनट ही लगने चािहए। इससे पढ़ने वाले को अदं ाज़ा हो जाता है िक
अ याय म वह या पढ़ने वाला है। यह कह जाने से पहले उस जगह के न शे को समझने जैसा है।
दसू रा कदम, पछ ू ना या वेशचिनय रंग, इसम शीषक और उप-शीषक के आधार पर तैयार करना और उनके उ र खोजना शािमल है। उदाहरण के
िलए, अ याय िकस बारे म है? इस अ याय म िकसी का उ र देने क कोिशश क जा रही है? इस ि या म भी तीन से पांच िमनट ही लगने चािहए।
लेिकन इससे पता चलता है िक पढ़ने वाला इन मु य के उ र तलाश करने क कोिशश करे गा।
अगला कदम है, अ याय को सि य प से पढ़ना। पढ़ने से पहले क तैयारी पहले के दो चरण म परू ी हो चक
ु है। सि य पढ़ाई सामा य पढ़ाई से अलग है।
सि य पढ़ाई म पछ ू ने के चरण म सामने आए के उ र तलाशने क कोिशश क जाती है। इसके िवप रत सामा य पढ़ाई म पाठ क साम ी से आपका
जड़ु ाव नह हो पाता।
अगला कदम है, सनु ाना या रसाइट करना । इसका मतलब है पढ़ाई के बाद िकताब को बंद करके अ याय के मु य िबंदओ ु ं को याद करने क कोिशश करना
। पढ़ने वाला अपनी मरण शि से मह वपणू िबंदओ ु ं को याद करता है। यह एक तरह से िकसी दसू रे यि को अ याय के िवषय म बताने जैसा ही है। पाठक
को खदु ही अ याय के मु य िबंदओ
ु ं को खोज कर दसू रे चरण के के उ र देने क कोिशश करनी चािहए। सनु ाने क इस ि या को बोलकर या काग़ज़
पर िलख कर दोन ही तरह से िकया जा सकता है। ऐसा करने से लंबे समय तक चीज़ को याद रखने क मता का िवकास होता है।
आखरी कदम है, समी ा। इस कदम तक आने पर छा के पास एक टडी शीट होनी चािहए िजसम चौथे कदम से सामने आए सभी मह वपणू श द और
वा य िलखे होने चािहए। अब इसक समी ा का समय है िजससे पता चलेगा िक अ याय का भाव, मु य और मह वपणू िबंदु परू ी तरह समझ आ गए ह
या नह ।
या िफर पी यूआरएसटी (PQRST ) का योग कर
यह SQ3Rक तरह ही है लेिकन इसम कुछ आगे क बात क जाती है। PQRST तकनीक म नीचे बताए कदम शािमल ह:
1. समी ा (Preview)
2. (Question)
3. पढ़ना (Read)
4. वयं-सनु ाना (Self-recite)
5. परी ा (Test)
पहले, सरसरी िनगाह से अ याय क समी ा कर। इसम अ याय के मु य िबंदओ
ु ं और सारांश को पढ़ा जाता है। साथ ही अ याय के िविभ न िह स के
शीषक और उप-शीषक पर यान रखा जाता है। इससे पता चलता है िक अ याय म या- या शािमल िकया गया है।
दसू रा, िविभ न िह स के शीषक और उप-शीषक से बनाकर खदु से ही उन को पछ
ू ना।
तीसरा, दसू रे चरण म तैयार िकए के उ र तलाश करने के िलए अ याय को पढ़ना।
चौथा, िकताब को बंद कर मु य िबंदओ
ु ं को याद करने क कोिशश करना। ज़ोर से खदु को ही सनु ाना। अगर आप अटकते ह तो िफर से तीसरे चरण पर जाना।
पांचवां, अ याय के आिखर म िदए और आपके दवू ारा वयं बनाए गए के जवाब देने क कोिशश करना। आपके िलए यह समझना बहत मह वपणू
है िक आप िकतने के जवाब तलाश कर पाते ह।
काग़ज़ क जीत
ईबु स, वेबपेज और य-ू ट्यबू बिढ़या मा यम ह लेिकन शोध से पता चला है काग़ज़ पर छपी िकताब से पढ़ना यादा बेहतर होता है। अमे रका म हए एक
शोध से पता चला िक छपी हई िकताब क तल ु ना म आईपैड से छा 6.2% धीमे पढ़ते ह। आईपैड िनि त ही िकताब पढ़ने के िलए अ छा है पर पढ़ाई के
िलए नह ।
इसी शोध को आगे बढ़ाते हए इं लड के ले टर िव िव ालय ने पाया िक कं यटू र न के ज़ रए िकसी नए िवषय को याद करने म छा को िकताब क
तल
ु ना म यादा दोहराने क ज़ रत पड़ती है। इसिलए पढ़ाई के समय छपी हई िकताब से पढ़ने क कोिशश कर।
तेज़ी से पढ़ने क कला
कुछ छा को लगता है िक तेज़ी से पढ़ने क कला के कारण परी ा के समय वे बहत यादा पढ़ाई कर सकते ह। इस गलत धारणा को दरू करने के िलए म इस
बारे म कुछ बताना चाहता ह।ं
हम पहले अ र पढ़ना सीखते ह। िफर उ ह जोड़ कर श द बनाते ह। िफर श द से वा य बनते ह िजनसे कुछ अथ िनकलता है। आिखरकार हमारा िदमाग
श द क जगह वा य को समझना सीख जाता है।
या आपने ि कोण म िलखे वा य को पढ़ा? या आपने यान िदया िक ‘द’ श द को दोहराया गया है? बहत से लोग इस दोहराव पर यान नह दे पाते
य िक वे श द नह वा य को पढ़ते ह। इसका मतलब है िक हम पहले से ही तेज़ गित से पढ़ने का अ यास कर रहे ह।
सीखने के शु आती समय म हम अ सर ज़ोर से बोलकर पढ़ते ह। इसे उ चारण या वोकलाइज़ेशन कहा जाता है। जैसे-जैसे हमारी भाषा और पढ़ने क समझ
िवकिसत होती है हम ज़ोर से पढ़ना बंद कर देते ह। हालांिक कुछ लोग बाद म भी ह ठ के ज़ रए बदु बदु ाकर पढ़ते ह। अगली कड़ी म हम लोग ह ठ का
इ तेमाल बंद कर देते ह लेिकन िफर िदमाग म हर श द को सनु ते ह। इसे सब-वोकलाइज़ेशन कहते ह। इससे हमारी पढ़ने क गित 150-200 श द ित िमनट
तक हो जाती है। सब-वोकलाइज़ेशन के कुछ फायद ह लेिकन इससे हमारी पढ़ने क गित म कावट आती है।
सब-वोकलाइज़ेशन श द के उ चारण करने, नए िवचार और भाषाओ ं को समझने म मदद करता है। इसिलए जब आप पहली बार कोई अ याय पढ़ तो उसे
सामा य गित से सब-वोकलाइज़ेशन के साथ पढ़। िजस तरह खाने को िनगलने क जगह चबा-चबा कर खाना बेहतर होता है वैसे ही सामा य गित से सब-
वोकलाइज़ेशन के साथ पढ़ना तेज़ गित से पढ़ने से बेहतर होता है। लेिकन दोहराते समय या कर? इस जगह पर तेज़ गित से पढ़ना काम आता है।
यह सही है िक िदमाग 1000 श द ित िमनट क दर से डाटा को समझता है और हमारी पढ़ने क गित 150-200 श द ित िमनट ही है। इसिलए बहत से
लोग को पढ़ना उबाऊ लगता है। 1000 श द ित िमनट पढ़ना िसखाने का दावा करने वाल पर आपको यान नह देना चािहए। इसक जगह नीचे बताए गए
तरीके का इ तेमाल करके आप अपनी सामा य गित क तल
ु ना म तेज़ी से पढ़ सकते ह ।
पढ़ते समय अपनी उंगली या पिसल को श द के नीचे तेज़ गित से चलाकर आप अपनी सामा य गित से तेज़ पढ़ सकते ह। आप िकसी के ल या सफे द
काग़ज़ का इ तेमाल भी कर सकते ह। हर पिं के साथ इ ह नीचे लाते रिहए। इससे भी आपक गित बढ़ेगी।
जब आप इस तकनीक का इ तेमाल करते ह तो महससू करगे िक आप तेज़ी से पढ़ रहे ह। आपको महससू होगा िक छोटे श द ( a, an, and, the, of, on
…) पर िबना यान िदए पढ़ रहे ह और िफर भी वा य का परू ा मतलब समझ आ रहा है। अब आप छोटे टुकड़ या लॉक म पढ़ रहे ह। इस तकनीक से तब
तक पढ़ते रह जब तक िक पिसल या िकसी पॉइटं र के साथ पढ़ने क आदत चली ना जाए और याद रखने क मता के साथ पढ़ने क गित 400-500 श द
ित िमनट ना हो जाए। आपक मता इस गित से पढ़ने क होनी चािहए। अ याय को सीखने के बाद उसे दोहराने म यह बहत काम आएगा। जब आप पहली
या दसू री बार िकसी साम ी को पढ़ तो तेज़ गित से पढ़ने के बजाय अपनी सामा य गित और सब-वोकलाइज़ेशन के साथ पढ़। याद रख िक आपको यह
सीखना होगा।
इसके साथ ही जब भी आप पढ़े तो आख ं झपकाना ना भल
ू । इससे आख
ं म थकान नह होती और झपकाने के दौरान िदमाग को उस सचू ना को सरं ि त करने
का समय िमल जाता है। िकताब को कुछ दरू रखकर पढ़ने से आख ं यादा बड़े े को देख पाती ह िजससे यादा श द पढ़े जा सकते ह। य िक आप खदु
को तेज़ गित से पढ़ने क चनु ौती दे रहे ह इसिलए आपके िदमाग का भटकाव बहत कम होता है। िजससे पढ़ते समय समझने क मता बढ़ जाती है। ज़ री
िह स के नीचे रे खा ख चने से परी ा के समय तेज़ गित से पढ़ना आसान हो जाता है।
अगर आपको लगे िक तेज़ गित से पढ़ना मिु कल काम है तो इस बात को याद रख क सामा य जीवन म आप वैसे भी तेज़ गित से पढ़ने का इ तेमाल करते ह
जैसे सड़क पर लगे िच को पढ़ने म, जीपीएस देखने म या िफ म के सब-टाइटल पढ़ने म । अगर आपको शक है िक या इतना यास करना लाभदायक है
तो इस बात को समझ ल िक यह बैलगाड़ी और बल ु ेट ेन के बीच चनु ाव करने जैसा है। आप अपने आप इस बात को तय कर सकते ह।
लेिकन यान रख क तेज़ गित से पढ़ना सीखने के िलए काफ मेहनत करनी होगी। हॉलीवडु के िस कलाकार वडु ी एलन ने तेज़ गित से पढ़ने को लेकर
मज़ाक़ िकया था, ‘मने तेज़ गित से पढ़ना सीखा और उप यास वॉर एडं पीस को 20 िमनट म परू ा पढ़ िलया। यह स के बारे म है।’
1000 श द ित िमनट पढ़ने क मता का दावा सरासर झठू ा है। लेिकन 400-500 श द ित िमनट क गित ा क जा सकती है। आप अपनी मता को
बढ़ाकर इसे पा सकते ह।
हाइलाइटर का इ तेमाल कर
पढ़ते समय मह वपणू िबंदओ
ु ,ं वा य या श द के नीचे रे खा ख चना या िचि त करना चािहए िजससे िदमाग एका िचत रहे। अगर पाठ क भाषा किठन है तो
उसके िलए आसान वैकि पक श द तलाश कर उ ह प ने के िकनारे पर िलख ल। इससे पाठ को समझने म आसानी हो जाएगी।
ज़ री िह स को हाइलाइटर या पैन से रे खांिकत करना अ छा तरीका है। इससे परी ा के समय पढ़ने या दोहराते समय उन बात पर यादा यान रखा जा
सकता है।
हाइलाइट करते समय आपको सही चनु ाव करना होगा, बहत यादा िह स को हाइलाइट करने से उसका उ े य ख म हो जाएगा।
िकताब के प न के हािशए म पिसल से नोट्स बनाना भी अ छा रहता है। इससे मु य िबंदओ
ु ं को समझने म आसानी होती है। अगर िकताब म िलखना नह
चाहते तो उस पर िचपकने वाले काग़ज़ म नोट्स िलख कर िचपका सकते ह।
मु य श द को समझ
जब भी पाठ्यपु तक म आप कोई अ याय पढ़ते ह तो आपको महससू होगा िक कोई एक श द या वा य होता है जो परू े पैरा ाफ के सार को भावी तरीके से
समझा देता है। इस तरह से श द या वा य को समझकर परी ा म उ ह िव तार के साथ िलखा जा सकता है। इन श द को बंद छाते क तरह समझ जो बंद
होने पर बहत कम जगह लेता है लेिकन ज़ रत पड़ने पर परू ा खल
ु जाता है।
अ याय म इ तेमाल िकए गए मह वपणू श द को समझना भी बहत ज़ री है। जब भी कोई िस ांत लाया जाता है तो एक िवशेष श द होता है जो उसक
या या कर सकता है। यह आपका क वड या मु य श द बन सकता है। इन श द को परी ा म िलखने से एक फायदा यह भी होता है िक परी क को पता
चल जाता है िक आपने सही तरह से पढ़ाई क है।
ज़ोर से बोलकर पढ़
इस तरह से आपके पढ़ने क गित धीमी हो सकती है लेिकन समझने क मता बढ़ जाती है। खास तौर से मिु कल, उबाऊ िवषय पर यह बहत काम करता है।
जैसे नई भाषा सीखना।
मझु े अपनी जीव-िव ान क क ा म आने वाले श द ‘platyhelminthes’ याद है। म पढ़ते समय इसे ज़ोर से बोला करता था। जब श द से आपको डर
लगना बंद हो जाए और सही तरह से उ चारण करना आ जाए तो उसे याद करना भी आसान हो जाता है।
पढ़ने के िलए सबसे बेहतर साम ी चुन
मने देखा है िक बहत से छा बताई गई िकताब के अलावा दसू री पाठ्यपु तक भी तलाश करते रहते ह। यह गलत है। आपक पाठ्यपु तक पाठ्य म के
आधार पर ही तैयार क जाती ह, परी ा म भी उ ह म से पछ ू े जाते ह। इसिलए उनक जगह दसू री िकताब क तलाश करके आप खदु का ही नकु सान
करते ह।
कुछ कूल या कॉलेज िकताब के सारांश, नोट्स, कुछ सम याओ ं को हल करने क िकताब भी उपल ध करवाते ह हो सके तो उनका योग कर। कुछ नया
तलाश करने क कोिशश ना कर।
एडीएचडी (ADHD) और िड लेि सया
बहत बार कूल यह नह बता पाते िक जो ब चा पढ़ाई म यान नह लगा रहा या भटक रहा है वह असल म अटशन डेिफिसट हाइपरएि टव िडसऑडर
(ADHD), िड लेि सया या दोन का िशकार हो सकता है। बहत से छा को कूल जाने पर आलसी या बेवकूफ समझा जाता है लेिकन कूल उनके पढ़ने
क मता को समझने म िवफल रहते ह।
अटशन डेिफिसट हाइपरएि टव िडसऑडर (ADHD) वाले हर चार छा म से एक म िड लेि सया पाया जाता है। िड लेि सया के िशकार 15% से 40%
छा म अटशन डेिफिसट हाइपरएि टव िडसऑडर (ADHD) भी पाया गया है। आजकल दवाइयां, िवशेष इलाज और खास तरह से पढ़ाई के तरीके
उपल ध ह िजससे इन ि थितय से िनपटा जा सकता है। सबसे बड़ी चनु ौती इस बीमारी को पहचानने क है।

आगे बढ़ने से पहले…


पढ़ते समय अपने बैठने के तरीके पर यान द। पढ़ते समय SQ3R या PQRST तकनीक का इ तेमाल कर। कं यटू र क जगह काग़ज़ पर नोट्स बनाए।ं
तेज़ गित से पढ़ने क आदत आपको पाठ्य म दोहराने म मदद करे गी। हाइलाइटर का इ तेमाल कर और प न के हािशए पर नोट्स बनाए।ं ज़ोर से बोल
कर पढ़। अ याय के खास श द और वा य को पहचानने म महारथ हािसल कर। वीकृ त िकताब या साम ी से ही पढ़ाई कर।
छठा क़दम : अपनी मरण शि बढ़ाएं

लोग कहते ह िक पढ़ाई याद करने से यादा समझने क चीज़ है। लेिकन यह एक झठू है। पढ़ाई करने म समझना और याद करना दोन शािमल ह। यहां
तक िक गिणत और भौितक जैसे योग आधा रत िवषय म भी फ़ॉमला ू याद करना ज़ री होता है। इसिलए याद करने का अपना मह व है।
िकसी चीज़ को तीन तर म याद िकया जाता है: समझना (रिज ेशन), याद करना ( रटशन), ज़ रत पड़ने पर उनको याद करने क मता ( रकॉल)।
रिज ेशन का मतलब है सचू ना के बारे म जानकारी हािसल करना। उदाहरण के िलए, कोई आपको अपना फोन नंबर बताता है। दसू रा है, रटशन। इस
तर म आप यह तय करते ह िक इस सचू ना को आप याद रखना चाहते ह या नह , अगर हां तो िकतने समय के िलए। रकॉल या याद रखना इसका
आखरी तर है। इसम ज़ रत पड़ने पर आप उस सचू ना को िफर से याद करते ह। इससे आपक मरणशि बेहतर होती है।

एि टवेिटंग
िकताब म िदए गए िकसी भी अ याय को पढ़ने से पहले जो काम करना चािहए उसे ‘एि टवेशन’ कहते ह। मान लेत ह िक आप कोई नया अ याय पढ़ने वाले
ह। ये हो सकता है िक आप इस अ याय के बारे म थोड़ा बहत पहले से जानते ह। पढ़ाई शु करने से पहले, एक प ने पर आप उस अ याय म शािमल बात
या उससे जडु े़ त य के बारे म जो कुछ भी जानते ह िलख। अब आपके मन म सवाल आएगा िक आपको यह य करना चािहए? इसका उ र बहत सरल है।
य िक िजन चीज़ को आप पहले से जानते ह उससे जड़ु ी बात को आप लंबे समय तक याद रख सकते ह।
उदाहरण के िलए, आप मगु ल बादशाह अकबर के बारे म पढ़ने जा रहे ह। इस बात क संभावना है िक आपको अकबर से जड़ु े कुछ त य के बारे म पता
होगा। अगर पाठ को पढ़ने से पहले आप इन त य को िलख लगे तो आप एक तरह से इ ह पु ता कर रहे ह गे। ये इस तरह है जैसे िक हम दीवार म क ल ठोक
और बाद म उन क ल का उपयोग अपने कपड़े (यािन िक वा तिवक पढ़ाई) टांगने म कर सक।
द फॉरगेिटंग कव
जैसा िक हमने पहले भी बताया, द फॉरगेिटंग कव हम बताता है िक कुछ भी सीखने के चौबीस घटं े के भीतर अगर हम उस बात को दोहरा लेते ह तो उसका
80% िह सा हम याद रह जाता है। एक ह ते के बाद उसे 100% करने के िलए हम के वल पांच िमनट क ज़ रत होगी। इसिलए हर िदन इस बात का फायदा
ज़ र उठाए।ं

हमन एिबंगहॉस िस ांत (1885) बताता है िक सीखने के दौरान िकया गया हर दोहराव अगले दोहराव के िलए ज़ री समय के अतं र को बढ़ा देता है (लगभग
सबकुछ याद रखने के िलए, सबसे पहले एक िदन के भीतर दोहराना ज़ री है, लेिकन बाद म एक वष बाद भी उसे दोहराया जा सकता है)। ऊपर िदए रे खािच
से हम ात होता है िक हर अित र दोहराव के साथ याद रखने क मता म इजाफा हो जाता है।
समी ा क योजना बनाने के िलए सबसे बेहतर है िक:
1. ले चर परू ा होने के तरु ं त बाद उसे पढ़
2. एक घटं े के बाद उसे िफर पढ़
3. िफर एक िदन के बाद
4. िफर एक स ाह के बाद
5. आिखर म एक महीने के बाद पढ़
माइडं मैप
माइडं मैप इस तरह के रे खािच ह िजनका इ तेमाल सचू ना को यवि थत करने के िलए िकया जाता है। सामा यत: माइडं मैप एक िस ांत के आधार पर तैयार
िकया जाता है िजसम िस ांत को िच का प देकर खाली प ने के बीच म बनाया जाता है। िफर उसके चार तरफ उससे जड़ु े िवचार को दिशत िकया जाता
है। क म बनाए िस ांत से मु य िवचार िनकलता है । िफर मु य िवचार से दसू रे िवचार िनकलते ह। ये मु य तने से िनकलने वाली जड़ या शाखाओ ं क
तरह ह। हालांिक माइडं मैप का यह िस ांत लंबे समय से मौजदू है लेिकन इस िवचार को स र के दशक म टोनी बज़ु ान क िलखी एक िकताब यज़ू योर हेड म
सबसे पहले सामने रखा गया।
खशु द बाट्लीवाला और िदनेश घोड़के क िकताब रे डी, टडी, गो: माट वेज़ टू लन के अनसु ार माइडं मैप म 6C शािमल होते ह ये ह—Central idea
(क ीय िवचार), Conciseness (सिं ता), Craziness (पागलपन), Curves (घुमाव), Colours (रंग) और Cartoons (काटू स)। मान लेते
ह िक क ीय िवचार है ‘िलखने क कला’। उस क ीय िवचार से वतनी, याकरण, भाव या िवषय व तु जैसी शाखाएं िनकलती ह। िफर इनक
भी शाखाएं िनकलगी। उदाहरण के िलए याकरण को ि याओ,ं िवशेषण, ि या िवशेषण, सं ा, सवनाम और इसी तरह क चीज़ म
िवभािजत िकया जा सकता है।
हमारे िदमाग को य यादा अ छे लगते ह। िदमाग का बायां िह सा रै िखक प से सोचता है िजससे उससे जड़ु े िवचार से सीधा संबंध बनता है। दसू री तरफ
िदमाग का दायां िह सा रंग और वाह के साथ परू े य को देखना पसंद करता है। एक माइडं मैप िदमाग के दोन िह स के बीच क दरू ी को ख म करता है।
इस तरह सचू ना को सरं ि त रखने और याद करने का यह सबसे बेहतर तरीका है।
लेखक का कहना है िक शाखाएं बनाने के िलए घमु ाव का योग करना चािहए य िक हमारे िदमाग को घमु ाव पसंद होते ह।
वे यह भी कहते ह िक इन माइडं मैप को बनाने म हम बहत अलग तरह से सोचना चािहए। ये मैप िजतना अलग और अनोखे तरीके से बने ह गे, िदमाग को
सचू ना याद करने म उतनी ही आसानी होगी। रंग से सचू ना को िे णय म बांटना और याद रखना आसान हो जाता है। लेखक काग़ज़ पर अनोखे िच बनाने
को भी कहते ह िजससे मैप अलग िदखाई दे।
नीचे माइडं मैप का एक उदाहरण िदया गया है िजसम टेिनस के बारे म बात क गई है । घमु ावदार जोड़, अनोखे फॉ ट और िच ( हालांिक आप लैक-एडं
हाइट के कारण यहां रंग को नह देख सकते) पर नज़र डाल। इन सभी के कारण माइडं मैप याद रखने लायक चीज़ बन जाता है। इससे चीज़ को याद रखने
क मता का िवकास होता है।

http://mindmapping.bg/mindmaps/examples/handmade/#!prettyphoto
कहानी बनाना
एं यू िविलयम अपनी िकताब ने ेिनंग: 32 एडं र यू ड टेि न स टू इं वू मेमरी एडं ि िटकल िथंिकंग म कहते ह, ‘आप भी उन छोटी-छोटी चीज़ को सीख
सकते ह िजनके इ तेमाल से आपक मरण शि म बहत इजाफा होता है। अगर आप इनम से एक को भी चनु ते ह तो आपको महससू होगा िक आपक
याददा त काफ बेहतर हो गई है।’
उदाहरण के िलए, या आप अ छी तरह फटी गई ताश क गड्डी को एक घटं े म याद कर सकते ह? चाइ ड जीिनयस नाम क ितयोगी ख ंृ ला म अमे रका
के सबसे तेज़ ब चे को यह चनु ौती दी गई थी। िवल ण ितभा क धनी यारह वष य, के थरीन, ने तीन िमनट से भी कम समय म यह काम कर िदखाया। उसने
गड्डी म रखे बावन प को सीधे और उलटे दोन म म बता िदया। यही नह गड्डी म रखे गए प म से अचानक पछ ू े गए िकसी िवशेष प े क ि थित
का सही अनमु ान भी उसने लगा िलया।
उसने यह कै से िकया? कै थरीन हर प े को िकसी खास िच जैसे यि , थान, जानवर, या िकसी चीज़ से जोड़ लेती थी और िफर इन िच को जोड़कर एक
कहानी बनु लेती थी। इससे कहानी का हर प ा आपस म जड़ु जाता था। अमे रकन आई यू सोसाइटी क लीसा वान गेमट कहती ह िक िवल ण ितभा वाले
ब च का इस तरह क तकनीक इ तेमाल करना आम बात है। वे कहती ह, ‘आप इस तरह क तकनीक का इ तेमाल कर रहे ब च और उन ब च म अतं र
साफ बता सकते ह जो चीज़ को बार-बार दोहराकर याद करने क कोिशश करते ह, ये िबलकुल वैसा ही है जैसा िक हम और आप वष से फोन नंबर को
याद करने के िलए करते ह।’
यह बात अब सािबत हो चक ु है िक सचू ना को याद रखने का सबसे बेहतर तरीका यही है िक इसे पहले से याद सचू नाओ ं के साथ जोड़ िदया जाए। इस तरह
क तकनीक से बहत फायदा िमलता है। आपको पहले सोचना होगा िक ऐसा या है िजसे आप आसानी से सीख और याद कर सकते ह। िकसी गाने के
बोल? िच ? नृ य? अगर िकसी चीज़ को याद रखने म आपको मिु कल आ रही है तो इसके बारे म कोई किवता या छोटा सा गाना िलख लीिजए। या कोई
इससे जड़ु ा नृ य भी सीखा जा सकता है। या कोई िच कथा बना लीिजए। आसान बात को याद रखना भी आसान होता है।
जब म अपने दो साल के भांजे को क ा दो का अक ं गिणत समझा रहा था तो उसने कहा िक उसे सवाल मिु कल और उबाऊ लगते ह। तो मने िकताब बंद कर
दी और उसे एक कहानी सनु ाने लगा। कहानी म मेरा भांजा खदु बीस पए लेकर बाज़ार जाता है, कुछ िखलौने, िब कुट और ऐसी ही कुछ चीज़ लेता है। मने
उससे पछू ा िक हर बार कुछ खरीदने पर उसके पास िकतने पैसे बचे। उसे कहानी पसंद आई और उसने िबना काग़ज़ कलम का इ तेमाल िकए हर बार सही
उ र िदया। लेिकन मने उसके उ र को काग़ज़ पर उतार िलया। िफर मने उसे िकताब खोलकर िदखाई िक कै से उसने सब के सही उ र िदए। इससे उसका
आ मिव ास बहत बढ़ गया। आज वह एक सफल यवसायी और चाटड अकाउंटट है। वह आज भी के कुलेटर का इ तेमाल नह करता और सरसरी िनगाह
से ही ए सल शीट क गलितय को पकड़ लेता है। देखा एक कहानी या कर सकती है!
डेल कानगी ने 1936 म िस िकताब िलखी थी हाउ टू िवन डस एडं इन लएू सं पीपल। उ ह ने बाद म मता बढ़ाने से जड़ु े बहत से पाठ्य म बनाए िज ह
करीब 80 लाख लोग ने सीखा। अरबपित यापारी वॉरे न बफे ट भी उ ह लोग म से एक थे।
अपनी िकताब पि लक पीिकंग और इं लएु िं सगं मैन इन िबजनेस म कानगी िलखते ह िक, ‘अ छी मरण शि का रह य असल म त य को बहत सी
चीज़ से जोड़ कर देखना है, िजन त य को हम याद रखना चाहते ह।’ इसिलए हम ‘वड िप चर’ बनाना चािहए, उनको दोहराना चािहए, िजस भी चीज़ को
हम याद करना चाहते ह उनको उन िच से जोड़कर इ तेमाल करना चािहए: जैसे तारीख, त य, नाम, िनयम, सिू चयां, वणमाला या दसू री चीज़।
आप िजतनी याद रखने लायक कहानी बना पाएगं े उसको याद करना उतना ही आसान होगा। म आपको एक उदाहरण देता ह।ं परीकथा नो हाइट म सात
बौन के नाम याद रखने के िलए, आप यह कहानी बना सकते ह: I’m usually Sleepy when I wake up at seven in the morning, but
today I was wide awake and Grumpy because I knew I had to visit the Doc. I’m normally quite Bashful about going,
but a friend told me not to be so Dopey, as I had an allergy that was making me very Sneezy. After that I went and
was given an antihistamine and was really very Happy.
म सबु ह सात बजे उठने पर अ सर लीपी ( Sleepy) महससू करता ह,ं लेिकन आज म उठा और मने ंपी ( Grumpy) महससू िकया य िक मझु े पता था
िक आज डॉक (Doc) के पास जाना है। म वैसे तो जाने म बै फुल (Bashful) हं लेिकन मेरे दो त ने मझु े कहा िक इतना डोपी (Dopey) मत बन य िक मझु े
एलज थी िजससे मझु े नीज़ी (Sneezy) महससू हो रहा था। उसके बाद म गया और मझु े दवाई दी िजससे म बहत है पी (Happy) हो गया।
मृित-िव ान
इस वा य को देख, ‘My Very Easy Method Just Speeds Up Naming Planets’ अं ज़े ी के इस वा य के हर श द के पहले अ र को देख। ये
अ र ह - M, V, E, M, J, S, U, N, P. इस साधारण से अं ेजी के वा य से आप सौरमडं ल के ह के नाम आसानी से याद कर सकते ह। अ र के म
म पढ़ने पर - बधु
(Mercury), शु (Venus,) पृ वी (Earth), मगं ल (Mars), बृह पित (Jupiter),
शिन (Saturn), अ ण (Uranus), व ण (Neptune) and यम (Pluto), (आपक इ छा है िक आप लटू ो को इसम शािमल करना चाहते ह या नह )।
एक और वा य देख - ‘Please Excuse My Dear Aunt Sally’ यह गिणत के सू याद करने म आपक मदद करे गा—परे थसीज़ या क े े ट, ए सपोन ट
या घात सं या, म टी लाई या गणु ा, िडवाइड या भाग देना, एड या जोड़ना और सब े ट या घटाना। इसी के परु ाने प को बोडमास (BOEDMAS
—Brackets O, Exponents, Divide, Multiply, Add and Subtract). कहा जाता था।
गाने
अं ेज़ी याकरण को सीखने के िलए ेपोिज़शन (prepositions) सीखना बहत ज़ री है। ये श द सं ा और सवनाम के बीच संबंध बताते ह। अमे रका के
कूल म ब चे एक गाना गाते ह जो यक डूडल क धनु पर बना है।
Yankee Doodle went to town
A-riding on a pony
Stuck a feather in his cap
And called it macaroni
इस गाने क तरह हम द पोिज़शन सॉ ग गाते ह–
Aboard, about, above, across
Against, along, around
Amid, among, after, at
Except, for, during, down
Behind, below, beneath, beside
Between, before, beyond
By, in, from, off , on, over, of
Until, unto, upon
Under, underneath, since, up
Like, near, past, throughout, through
With, within, without, outside
Toward, inside, into, to
लैश काड
लैश काड याददा त बढ़ाने का बेहतरीन तरीका है। बस आपको बहत सारे काड चािहए िजनम आप श द, ऐितहािसक तारीख, प रभाषाए,ं सू , रासायिनक
नाम… वह सबकुछ िलख सकते ह िज ह आप याद करना चाहते ह। ये काड इतना अ छा काम इसिलए कर पाते ह य िक आप लगातार खदु से सवाल
करते रहते ह।
आज कल आप कं यटू र ो ाम डाउनलोड कर सकते ह िजससे इडं े स काड खरीदने और उसे रखने क सम या ख म हो गई है। उदाहरण के िलए, आप
quizlet.com जैसी वेब साइट का इ तेमाल करके लैश काड बना सकते ह। उसके बाद आप माट फोन के िलए मौजदू िकसी भी लैश काड एप का योग
कर सकते ह (quizlet.com का भी अपना मोबाइल एप है) और इसम िसफ अपने लैश काड ही नह बि क दसू रे के लैश काड भी डाउनलोड कर सकते
ह।
िवक प के तौर पर, आप िकसी सादे काग़ज़ को बीच से मोड़ कर अपने काड बना सकते ह (एक ीिटंग काड क तरह)। मड़ु े काड के कवर पेज पर िलख,
अदं र के मड़ु े िह से म उ र िलख। खदु से तब तक पछ ू ते रह जब तक क आपम सभी के सही उ र देने का भरोसा ना आ जाए। कहा जाता है िक
दोहराना हर तरह क कुशलता से बढ़कर है। इसे याद रख।
सि य लैश काड
‘ लैश काड’ और ‘एि टव लैश काड’ म या अतं र है। लैश काड के एक तरफ और दसू री तरफ उ र िलखने से साथ अगर आप उ र को िकसी िच
या डाय ाम से भी दशा द तो आपका काड एि टव लैश काड बन जाएगा। िच या डाय ाम से मरण शि बेहतर होती है और सीखने क ि या सि य
होती है िजससे चीज़ बहत ज दी याद आ जाती ह।
पॉप ि वज़
यह एक खेल है जो आप दो त के साथ खेल सकते ह। मेरे िपताजी मझु े पहाड़े याद करवाने के िलए इसका इ तेमाल करते थे। िदन म िकसी भी समय बात
करते हए वे अचानक से पछ ू ते थे, जैसे 9×13 िकतना होगा? इसके कारण आप हमेशा सि य बने रहते ह और आपम िकसी भी समय चीज़ को याद करने
क मता आ जाती है। सबसे ज़ री बात है िक यह कभी भी पछ ू ा जा सकता है। आपको याद होगा क 13 से िकसी एक सं या के गणु ा को याद करने क
बजाय 13 के परू े पहाड़े को याद करना आसान होता था। य िक आपके िदमाग ने पहाड़ को इसी म से याद िकया है जैसे 13, 26, 39, 52, 65...। पॉप
ि वज़ तकनीक आपके िदमाग को म के िबना भी चीज़ को याद रखने के िलए े रत करती है।
लाइटनर िस टम
लैश काड के ज़ रए पढ़ाई करने के िलए लाइटनर िस टम एक लोकि य तरीका है। इसे 1970 म जमनी के िव ान प कार सबैि टयन लाइटनर ने िवकिसत
िकया था।
इसम सही उ र वाले लैश काड को पीछे के िड ब म रखा जाता है और गलत उ र वाले काड को आगे के िड ब म रखा जाता है। इस वजह से गलत उ र
वाले काड ज दी आगे आते ह। ज दी आगे आने के कारण आप इन काड म िलखी बात को यादा बार दोहराते ह।
भूलना
यह लगभग हम सभी के साथ हआ होगा जब हमन ऐितहािसक तारीख को याद करने क कोिशश क हो और उनम से कुछ को भल ू गए ह । िचतं ा ना कर।
नए शोध से पता चला है िक भल
ू ना असल म अ छी बात है
। जब आपका िदमाग परू ी तरह भल च
ू ु क बात को याद करने क कोिशश करता है तो उसे बहत
मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से िदमाग म इस खास सचू ना से जड़ु े िह से और मज़बतू बनते ह। इसका फायदा यह होता है िक याददा त तेज़ होती है।
पढ़कर सो जाना
बहत कम लोग इस तकनीक के बारे म बात करते ह। सोने से ठीक पहले पांच िमनट के िलए अपने नोट्स दोहरा ल। यह बात शोध से सािबत हो चक
ु है िक
सोते समय िदमाग नई सीखी चीज़ को याद करता है। इसिलए सोने से ठीक पहले पढ़ी गई साम ी के याद रहने क उ मीद बढ़ जाती है।
जान, आप िकस तरह के िव ाथ ह
इस बात को समझना ज़ री है िक हर यि के सीखने के तरीके अलग होते ह। सीखने वाले लोग तीन तरह के होते ह—िवजअ ु ल लनस, ऑिड ी लनस और
िकने थेिटक लनस। िवजअ
ु ल लनस िलखे गए श द , डाय ाम या िविडयो से सीखते ह। ऑिड ी लनस सनु कर बे हतर सीख पाते ह। आिखर म िकने थेिटक
लनस होते ह जो लोग िकसी चीज़ को महससू करके सीखना चाहते ह। परे शानी यह है िक हमारी िश ण यव था देखकर सीखने पर आधा रत है। कोिशश
कर और जानने क कोिशश कर िक आप िकस तरह से सीखना चाहते ह।
ऑिडयो से याद करना
िकसी क ा म पढ़ाई के समय हाथ से नोट्स बनाने क जगह ऑिडयो रकॉड करने क सलाह नह दी जाती। इस तरह क ि थित म सीखने वाला आलसी हो
जाता है और सीखने क ि या बाद के िलए टल जाती है। हालांिक, अगर आप नोट्स बनाने के साथ ऑिडयो रकॉिडग करते ह तो यह ठीक है।
अगर हम सीखने के िलए नई चीज़ का इ तेमाल कर तो वह और भी बेहतर हो सकती है। अगर आपका कूल या कॉलेज या यान को रकॉड करने क
अनमु ित देता है तो िफर इसका इ तेमाल बाद म सनु ने के िलए िकया जा सकता है।
आशीष गोयल के मामले को देख, वह लू े ट कै िपटल म हेज़ फंड मैनेजर ह। उ ह ने नारसी मजंु ी इं टीट्यटू ऑफ मैनेजमट टडीज़, मबंु ई से बंधन म
नातको र क िड ी ली है। उ ह ने आईएनजी वै य बक के ेजरी िवभाग म काम िकया और उसके बाद वाटन िबज़नेस कूल म पढ़ने के िलए गए जहां
उ ह ने जोसेफ पी. वाटन अवाड जीता । यह अवाड हर साल उस छा को िदया जाता है जो ‘वाटन क िज़ंदगी’ का तीक होता है। जे.पी मॉगन म चार वष
काम करने के बाद उ ह ने लू े ट कै िपटल, लंदन म काम करना शु िकया।
आप पछ ू गे िक इसम या खास है? बात यह है िक नौ वष क उ म आशीष को आख ं म रे िटिनिटस िप मटोसा हो गया था और धीरे -धीरे उनक आख
ं क
रोशनी जाने लगी। बाईस वष क उ म उनक आख ं क रोशनी परू ी तरह चली गई। लेिकन इसके कारण उ ह ने सफलता के दरवाज़े को बंद नह होने िदया।
उ ह वष 2010 म भारत के रा पित ारा िवकलांग यि य के सशि करण के िलए रा ीय परु कार िदया गया।
आशीष ने पढ़ाई करने के िलए नई तकनीक का इ तेमाल िकया। वे पढ़ने वाली न का योग करते थे। वह न उ ह सब कुछ पढ़कर सनु ाती थी। अब वे
सामा य लोग िजस गित से बोलते या समझते ह, उससे दस गनु ा यादा गित से चीज को सनु कर, समझकर उसे याद रख सकते ह। उसके आधार पर वे अपने
यापार के िनणय लेते ह।
सारांश - याददा त बढ़ाने क एक तकनीक
पढ़ने का एक ज़बरद त तरीका है मु य िबंदओ ु ं को िलखना जैसे जो कुछ सीखा उसका सार िलख रहे ह । सार िलखते समय अलग-अलग रंग का योग कर।
यह त य सािबत हो चक
ु ा है िक सचू ना के िकसी रंग से जड़ु ा होने पर िदमाग उसको बेहतर तरीके से याद रखता है।
नोट्स के िलए रंग का योग
कई शोध से पता चला है िक अलग-अलग रंग के इ तेमाल से िदमाग के अलग-अलग े सि य होते ह। इससे सचू ना को याद रखने म मदद िमलती है।
लेिकन रंग के योग म एक सम पता रख। कुछ मेधावी छा प रभाषा, चाट और उदाहरण के िलए िकसी एक खास रंग का योग करते ह।
इिं यां
एक छोटा सा योग करते ह। पहले अपनी आख ं बंद कर। दसू रा, रसोई म रखे िकसी ख े न बू क क पना कर। तीसरा, सोच क आप इसे दो िह स म काट
रहे ह। चौथा, सोच क आप ख ी खश ु बू को संघू रहे ह। पांचवां, सोच क आप कटे हए िह से को महंु म िनचोड़ रहे ह। आपने यान िदया होगा िक आपके
महंु म पानी आने लगा है और आपको सचमचु यह सवं ेदना महससू हो रही होगी। हमारी इिं य और याददा त म यह एक मज़बतू सबं ंध है। अगर आप सचू ना
को इिं य के साथ जोड़ सकते ह तो आपक याद करने क मता काफ बढ़ जाती है।
ज़ोर से बोल कर सनु ाएं
अपने पढ़ाई के नोट्स या दसू री साम ी पढ़ने के बाद इसे दो त या प रवार के बीच ज़ोर से पढ़। इसके ज़ रए आप अपने दो त को भी समझा सकते ह िज ह
पाठ समझ ना आया हो। ज़ोर से बोलने पर वह चीज़ िदमाग म गहरे बैठ जाती ह।
या आपने िकंडरगाटन िनयम के बारे म सनु ा है? यह िनयम कहता है िक िकसी साम ी को भावी तरीके से पढ़ने या सीखने करने के िलए, वह साम ी इतनी
आसान होनी चािहए िक िकसी छह साल के ब चे को भी समझाया जा सके । यह तो साफ है िक िडफरिशयल कै कुलस या ऑगिनक के िम ी पर यह िनयम
काम नह करे गा लेिकन इस िनयम का यही कहना है िक पढ़ने क साम ी को इतना आसान बना देना चािहए िक हर कोई इसे समझ सके ।
यादा सीखने से होने वाला नुकसान
मान लेते ह िक आप याद करने के िलए लैश काड का इ तेमाल कर रहे ह। अब आप िबना िकसी गलती के सभी काड का उ र दे सकते ह। इस िकया को
चलाए रखने म या कोई फायदा है? जारी रखने को यादा सीखना भी माना जाता है और परु ाने अ यापक या सं थान इसको बढ़ावा नह देते। लेिकन साउथ
लॉ रडा और यू सी सैन िडएगो िव िव ालय म हए शोध से पता चला, यादा सीखने पर िडिमिनिशगं रटन का िनयम काम करने लगता है। इसका अथ यही
है िक एक बार आप अ याय को समझ ल और दोहराते समय िबना गलती के उसे दोहरा ल, तो क जाएं और कुछ और पढ़।
िच बनाएं
कुछ चीज़ िच के ज़ रए बेहतर याद होती ह। उदाहरण के िलए, िजस तरह से समु ी हवा बनती है। उसी तरह सारणी या वेन डाय ाम के ज़ रए आक
ं ड़ को
दशाया जा सकता है। यही बात भगू ोल म न श और जीव-िव ान म तंि का तं पर लागू होती है। इस तरह के डाय ाम बनाने से आपको वह बात सही तरह
से याद हो जाती है। या आपको वह कहावत याद है िक एक िच एक हज़ार श द के बराबर होता है? यह बात िब कुल सही है। आप सोच कर देख, िकसी
िफ म के य िबना रटे आपको याद हो जाते ह। इस तरह के डाय ाम परी ा म बनाने पर आप कुछ अित र अक ं भी ा कर सकते ह।
दिु नया भर म याददा त से जड़ु ी ितयोिगताओ ं के िवजेता िच का इ तेमाल करते ह। अगर वे इसके इ तेमाल क वकालत करते ह तो हम ज़ र यान देना
चािहए। िकसी सं या या श द को याद करते समय उसे िच म याद करने क कोिशश करो। िच के साथ जड़ु ने पर ज़ रत पड़ने पर आसानी से याद आने
क संभावना यादा रहती है।
टडी शीट बनाएं
मने अपने सह-लेखक अशिवन
् सांघी से पछ ू ा था िक हाल म लघु कहािनय क एक ितयोिगता म उ ह ने सबसे अ छी कहानी का चनु ाव कै से िकया। उनका
उपाय बहत सरल था। उ ह ने शिनवार के िदन सभी कहािनयां पढ़ । िफर उ ह ने सोमवार को उन कहािनय को याद करने क कोिशश क । जो कहािनयां याद
रह उ ह आखरी दौर के िलए चनु ा गया। उ ह ने सही तरीका खोजा।
िश ा जगत म हम यह समझने क ज़ रत है िक हम या याद रखना चािहए। इसका एक तरीका है िक टडी शीट बनाई जाए।
िकसी खास िवषय से जड़ु ी सारी सचू ना को आपको एक प ने म समेटना होगा (अगले प ने पर इसे िदखाया गया है)। इससे आप पर िसफ ज़ री चीज़ को
चनु ने का दबाव होता है। परी ा से पहले यह शीट बहत काम आती ह।
पक
पक अिभ यि का ऐसा प है जो दो असंबंिधत लेिकन कुछ एक जैसी िवशेषता वाली चीज़ के बीच िछपी हई तल ु ना करता है। उदाहरण के िलए, ‘म
गु से से उबल रहा था’, यहां मेरे गु से क उबलते पानी के साथ तल
ु ना क गई है। आपको जानकर आ य होगा िक पक चीज़ को याद रखने का बहत
बेहतर तरीका ह। उदाहरण के िलए, कं यटू र ो ािमगं के दौर म, िकसी को भी पेरामीटर, फं शन और ोसेस के िस ांत को समझना होगा। अब, अगर एक
िबना नोक क पिसल को पेरामीटर, पिसल छीलने वाले शापनर को फं शन और नोक तेज़ करने को ोसेस समझ तो सारे िस ांत को समझना और याद
रखना आसान हो जाएगा।
टुकड़ म बांटना
हाल म हए शोध से पता चला िक िजन लोग को तीस श द क सचू ी याद करने के िलए दी गई, उन लोग ने शु और आिखर के कुछ श द को याद रखा
लेिकन बीच म से बहत कम श द उनको याद रहे। यहां दो भाव काम कर रहे ह: ाइमेसी और रीससी।
ाइमेसी भाव के कारण सचू ी म नीचे के श द के बजाय शु आती श द को याद रखना आसान हो जाता है। रीससी भाव के कारण हाल म पढ़े गए श द
(सामा यत: सचू ी के आिखर के श द) याद रखना आसान हो जाता है।
इसका या उपाय है? इसे चिं कंग या बांटना कहा जाता है। उदाहरण के िलए, तीस श द क सचू ी को दस श द क तीन सचू ी म बांटा जा सकता है। अब इन
तीन िह स को अलग-अलग याद िकया जा सकता है। इसम आपका या फायदा है? हर सचू ी क एक शु आत और एक आिखर का िह सा होता है,
इसिलए श द को याद करने क आपक मता बढ़ जाएगी।
समूह बनाना
मान ल िक आपको श द क एक सचू ी याद करने के िलए दी गई है। उदाहरण के िलए, यहां प चीस श द क सचू ी है िजसे याद करना है:
शेर, काग़ज़, जैज़, कार, सडिवच, हाथी, पेन, रॉक, हवाई जहाज़, िप ज़ा, भस, ि लप, पॉप, ेन, सपू , िहरण, याही, शा ीय, बस, सलाद, बंदर, इरे ज़र,
लज़ू , जहाज़, कुक ।
अगर आप सचू ी को देख और सचू ी को अलग रखकर सोच िक आपको कौन से श द याद रहे। आप आधे श द को याद रख पाएगं । लेिकन अगर आप इन
श द को कुछ िे णय के िहसाब से समहू म बांट द तो या होगा। उदाहरण के िलए:
पश:ु शेर, हाथी, भस, िहरण, बंदर
टेशनरी: काग़ज़, पेन, ि लप, याही, इरे ज़र
संगीत: जैज़, रॉक, पॉप, लािसकल, लज़ू
ांसपोट: कार, हवाई जहाज़, ेन, बस, जहाज़
भोजन: सडिवच, िप ज़ा, सपू , सलाद, कुक
इस बात क संभावना है िक आप परू ी सचू ी को आसानी से याद कर पाएगं ।े

आगे बढ़ने से पहले…


फॉरगिटंग कव बताता है िक पहली बार िकसी चीज़ को पढ़ने के चौबीस घटं े के भीतर हम उसे िफर से पढ़ लेना चािहए। मह वपणू िस ांत को याद रखने
के िलए माइडं मैप बनाए।ं बेहतर याददा त के िलए कहािनयां, गाने और पक का इ तेमाल कर। मृित-िव ान, ऑिडयो रकॉल, समहू बनाने, टडी
शीट, िच , लैश काड (िलटनर िनयम का इ तेमाल करके ), एि टव लैश काड, पॉप ि वज़ और ज़ोर से बोल कर याद करने का इ तेमाल कर। अगर
आप कुछ भल ू जाते ह और उसे याद करने क कोिशश करते ह तो इससे आपक याददा त बेहतर होती है। रात को सोने से पहले मु य िबंदओु ं को पढ़ने
से वह याददा त म बैठ जाती है।
सातवां क़दम: लगातार अ यास से आप बेहतर बनते ह

यहां एक कहानी सनु ाता ह:ं


जगं ल म एक िशकारी ने बाघ को देखा। बाघ को बहत पास देख िशकारी ने िनशाना लगाया लेिकन वह चक
ू गया। इसी बीच बाघ िशकारी पर झपटा लेिकन
वह इतना ज़ोर से झपटा िक िशकारी से आगे जा िगरा। िशकारी को बचाव का मौका िमल गया।
िशकारी वहां से बच कर कप म वापस आया लेिकन गलत िनशाना लगाना उसे परे शान कर रहा था। अगले िदन वह कप के पास ही नज़दीक से िनशाना
लगाने का अ यास करने लगा।
तभी झािड़य म कुछ आवाज़ सनु कर वह क गया। वह आवाज़ क तरफ बढ़ा और जो उसे िदखाई िदया उससे वह च क गया।
वहां वह बाघ छोटी दरू ी क कूद लगाने का अ यास कर रहा था िजससे अगली बार कोई गलती ना हो।
मज़ाक़ अपनी जगह लेिकन स चाई यही है िक अ यास हर िकसी के िलए ज़ री है। मॉडल पेपर को हल करने से बहत सीखने को िमलता है। इन मॉडल पेपर
को असली पेपर क तरह ही हल कर। इससे आपका आ मिव ास बढ़ेगा और काफ कुछ सीखने को िमलेगा।
मॉडल टे ट हल करने से आपक परी ा के िलए सही रणनीित बनाने का भी मौका िमलता है। अिधकतर ट्यटू ो रल क रणनीित छा से बहत से मॉडल पेपर
हल करवाने क होती है इससे छा को वेश परी ा पास करने म बहत सहायता िमलती है। अगर आप मॉडल पेपर के िकसी को नह हल कर पाते ह तो
उसे पेपर को परू ा करने के तरु ं त बाद सीख।
अमे रक लेखक और व ा, अल नाइिटंगेल, ने कहा था, “यिद कोई यि लगातार पांच साल तक एक घटं ा एक िवषय को पढ़ने म लगाए, तो वह उस
िवषय का िवशेष बन सकता है।”
इसी तरह प कार मालकॉम लैडवेल ने 10000 घटं े का िनयम िदया। 2008 म लैडवेल ने अपनी बे ट सेलर िकताब ‘आउटलीयस’ िलखी। इसम उन लोग
क कहानी शािमल क गई थी जो अपने े म बेहद सफल रहे थे। लैडवेल ने सबम एक बात सामा य प से पाई िक सबने उस कला या े को सीखने म
एक जैसे घटं े लगाए थे। उ ह ने कहा िक 10000 घटं े या िफर बीस वष तक ितिदन न बे िमनट लगाने पर कोई यि िकसी भी े का िवशेष बन सकता
है।
यही िनयम परी ा पर भी लागू होता है। साइसं पि का म छपे लेख म बताया गया िक िकसी अ याय को पढ़ने के बाद जो छा खदु क परी ा लेते ह उ ह एक
ह ते बाद उन छा क तल ु ना म 50% साम ी यादा याद रहती है िज ह ने अ यास परी ा नह दी होती है।
अपने पढ़ने के िनयम म अ यास परी ा को शािमल कर। हेलेन के लर ने कहा था, ‘िकसी चीज को सीखने का कोई शॉटकट नह होता।’ यही बात परी ा पर
भी लागू होती है।
कहा जाता है िक एकल य ने गु ोणाचाय को अपना गु मानकर खदु ही धनिु व ा सीखी थी। इसी तरह वष क मेहनत के बाद वह महान धनधु र बन गया।
करने वाले बनाम पढ़ने वाले िवषय
महान दाशिनक कॉ यिू शयस ने कहा था, ‘म सनु ता हं और म भलू जाता ह।ं म देखता हं और म याद रखता ह।ं म करता हं और म समझ लेता ह।ं ’ इसिलए
याद रख: िवषय दो तरह के होते ह—‘करने वाले’ और ‘पढ़ने वाले’। गिणत और भौितक जैसे िवषय करने वाले िवषय ह। इसम पारंगत होने के िलए आपको
सवाल हल करने ह गे। दसू री तरफ भाषा और समाजिव ान के िवषय ‘पढ़ने वाले’ िवषय ह। पढ़ना, िफर से पढ़ना और िफर याद करने का फामलाू इन िवषय
पर काम करता है। यह याद रखना ज़ री है िक एक िवषय के िलए इ तेमाल क गई रणनीित को दसू रे पर लागू करने क कोिशश ना कर।
िपछले वष क िकताब देख
कई बार आपने देखा होगा िक गिणत या भौितक जैसे िवषय म आप उसके मौिलक िस ांत को सही से नह समझ पाते। इससे ज़ािहर है िक आप पाठ्य म
का कुछ िह सा करना भल
ू गए ह। इसिलए िपछले दो वष क िकताब को देखना अ छा रहता है। छु य के समय आप पहले के उन िस ांत और सू को
समझने के िलए परु ानी िकताब को पढ़ सकते ह।
अ यास करने क साम ी
िकसी िस ांत क तैयारी करने के िलए क ा म उससे जड़ु े सवाल , िकताब म िदए गए , िपछले साल के प या टडी गाइड म मौजदू को हल
कर सकते ह। आप िजतना यादा सम याओ ं और को हल करगे उतना ही वो आपके िलए आसान होते चले जाएगं े।
काय करने के िलए उसे समझना ज़ री है
परी ा के िलए िकसी चीज़ को िबना समझे रट लेने से कोई फायदा नह होगा। िकसी अ याय को समझकर अपने श द म िलखने से बहत फायदा िमलता है।
इससे वह चीज़ आपके िदमाग म बैठ जाती है और िवषय पर पकड़ बेहतर होती है। अमे रका के अ यापक े ग म ौ, ने सही कहा था, ‘आप िजतना यादा
समझगे, याद करने क ज़ रत उतनी ही कम होगी।’
जब आप ेजएु ट या पो ट- ेजएु ट के िलए ोज ट रपोट बनाते ह या पीएचडी के िलए थीिसस िलखते ह तो आप बहत से ोत से सचू ना इक ा करते ह,
उसे समझते ह और अपने िन कष के आधार पर रपोट तैयार करते ह। जब तक आप उसे समझ कर अपने श द म नह िलखगे तब तक उसे नकल ही माना
जाएगा और नकल के कारण आपक रपोट को नकार िदया जाएगा। इसिलए िकसी भी अ याय को समझना और अपने श द म िलखना बहत ज़ री है।
हमारा िदमाग अलमा रय क तरह काम करता है। यह हमारे परू े िदन क गितिविधय से जड़ु ी सचू ना को संभाल कर रखता है। लेिकन ऐसा य है िक कुछ
बात हम याद रह जाती ह और कुछ हम भल ू जाते ह? हम उन बात को भलू जाते ह िजनके साथ िकसी तरह का कोई जड़ु ाव नह होता। इसिलए पढ़ते समय
धीरे -धीरे पढ़, िवषय को समझ, उसके बारे म िवचार कर। खदु से पछ
ू िक या आपको यह समझ आया, अगर आया तो पता कर िक पहले क सचू ना के साथ
यह िकस तरह से जड़ु ता है। हो सके तो उससे जड़ु े उदाहरण तलाश कर। इस तरह आप तेज़ गित से सीखना शु कर दगे। साथ ही िवषय को याद रखना और
भिव य म ज़ रत पड़ने पर उनका इ तेमाल करना आसान हो जाएगा।
चीज़ को सनु ने, देखने या समझने और खाना खाने और पचाने म अतं र होता है। चीज़ को रटने और समझने म अतं र होता है। जब आप परी ा के िलए रटते
ह तो आप िदमाग क शॉट-टम मेमरी म बहत सी सचू ना भर देते ह, उसम से ज़ री सचू ना का इ तेमाल परी ा म उ र देने के िलए करते ह और िफर उसे भल

जाते ह।
कहने का मतलब यह नह है िक इस तरह चीज़ को रटकर याद करना और परी ा म अ छे अक ं लाना गलत बात है लेिकन िबना समझे परी ा म यादा
अक
ं लाने के िलए चीज़ को रट लेना गलत है। अगर आप चीज़ को समझकर उ ह याद रखगे तो परी ा म कभी कम अकं नह आएगं े।
इटं रनेट का इ तेमाल कर लेिकन सावधानी से
आज के छा बहत भा यशाली ह । उनके पास बेहतरीन िकताब के साथ इटं रनेट पर भी पढ़ने के िलए बहत कुछ उपल ध है। इटं रनेट पर उनके िवषय को
िच और एिनमेशन के ज़ रए बेहतर तरीके से दशाया जाता है। साथ ही पढ़ाई से जड़ु े बहत से ए स और ट्यटू ो रय स भी मौजदू ह।
आज के छा िजस दौर म ह वहां हर मख ु िवषय के बारे म इटं रनेट पर िव तार से जानकारी उपल ध है। आप जो चाह यहां तलाश कर सकते ह। िकसी भी
िवषय से जड़ु े वीिडयो को भी यहां देखा जा सकता है।
इटं रनेट पर मौजदू डॉ यमू टरी या वीिडयो क ाओ ं म इितहास या िव ान से जड़ु ी चीज़ को सं ेप म मगर बेहतर तरीके से िदखाया जाता है। इस तरह के
वीिडयो देखने से आप चीज़ को आसानी से समझ सकते ह जो शायद िकताब से सभं व नह हो पाता। लेिकन य-ू ट्यबू या ऐसी िकसी वेबसाइट का इ तेमाल
अित र ोत के प म ही करना चािहए, इसे मु य ोत ना बनाए।ं लेिकन बहत से दसू रे छा क तरह इटं रनेट क दिु नया म फंसने से बच।
ासिं गक िश ा सहायक होती है
एक चटु कला पिढ़ए: एक भौितक क अ यापक छा को बताती है, ‘आइज़ैक यटू न पेड़ के नीचे बैठे थे िक उनके िसर पर सेब आकर िगरा, िजससे उ ह ने
गु वाकषण के िनयम क खोज क । या यह अ ु त बात नह है?’ एक ब चा उठा और उसने कहा, ‘हां मैम। और अगर वह भी हमारी तरह परू ा िदन क ा म
बैठकर िकताब को देख रहा होता तो वह यह खोज नह कर पाता।’
कुछ लोग पढ़कर सीखते ह, कुछ सनु कर और कुछ देखकर सीखते ह। लेिकन कुछ लोग होते ह जो खदु काम करके सीखते ह। इसे ासंिगक िश ा कहते ह—
इसम िवषय को वा तिवक दिु नया क ि थितय से जोड़ा जाता है। इस तरह क पढ़ाई क अपनी सीमाएं ह य िक आप परू े पाठ्य म को यावहा रक
उदाहरण के ज़ रए नह सीख सकते। लेिकन कुछ तरीके ज़ र ह िज ह आप सीखने क ि या म शािमल कर सकते ह।
गिणत को इस तरीके से सीखा जा सकता है। गिणत क हर सम या वा तिवक िज़ंदगी पर आधा रत होती है इसिलए वा तिवक दिु नया म इसे सीखने के
उदाहरण तलाश करना आसान है।
सम िश ा
या आपने वह कहानी सनु ी है िजसम छह ि हीन यि य से एक हाथी को छूकर उसके अगं का वणन करने के िलए कहा जाता है?
एक ने हाथी के पैर को छुआ और कहा िक हाथी खबं े क तरह है। दसू रे ने पंछ
ू को छुआ और कहा िक हाथी र सी क तरह है। तीसरे ने उसक संड़ू को छुआ
और कहा िक हाथी लंबे सांप क तरह होता है। चौथे ने कान को छुआ और कहा िक हाथी हाथ से झलने वाले पंखे क तरह है। पांचव ने उसके पेट को छुआ
और कहा िक हाथी दीवार क तरह है। छठे ने लंबे दांत को छुआ और कहा िक यह मड़ु ी हई नक ु ली छड़ी जैसा है।
छह लोग ने एक ही जानवर को छुआ लेिकन िफर भी अलग-अलग वणन िकया। ऐसा य हआ? य िक वे परू े हाथी को नह छू पाए थे। परू े िवषय को
समझना ही सम िश ा है। इसका मतलब है गहराई से जाकर िस ांत को समझना। एक बात याद रख। आप परी ा से एक रात पहले सम िश ा क बात
नह कर सकते। इसे तो ह त पहले से ही करना होगा।
िवचार का िवषय यह है िक : आपको िवचार और सचू ना को एक साथ जोड़कर सम प से सीखने का यास करना चािहए। यि गत त व—सू , मेय,
तारीख या नाम—एक बड़ी पहेली के छोटे टुकड़े क तरह ह। इसिलए इन सभी को अलग-अलग सीखने क बजाय एक साथ िमलाकर सीखना होगा। म
आपको एक उदाहरण से समझाता ह।ं
भौितक म दो िवपरीत िस ांत ह: वरण और अव वरण। पहले वाले म समय के साथ व तु क गित बढ़ती है और दसू रे म समय के साथ गित कम होती है।
वरण और अव वरण के भाव को नीचे ाफ के ज रए िदखाया गया है:

अथशा म एक िस ांत है: लॉ ऑफ िडमिनिशगं माजनल यटू ीिलटी। इसके अनसु ार जब यि िकसी व तु का इ तेमाल बढ़ाता है तो उसक माजनल
यटू ीिलटी म िगरावट होती है जो िक उस व तु के हर अित र सं या को इ तेमाल करने से उस यि को िमलती है।
दसू रा िस ांत है च वृि याज, िजसम च वृि के गणु के कारण समय के साथ िकसी िनवेश म वृि बढ़ती जाती है। इन दोन ही िवचार को नीचे ाफ के
ज़ रए िदखाया गया है।
आगे बढ़ने से पहले…
करके देखने और पढ़ने वाले िवषय के बीच अतं र समझना चािहए। करने देखने वाले िवषय को वा तिवक योग के ज रए समझना चािहए।काम को
करके देखने का मतलब है रटने क जगह समझने क कोिशश करना। िजतना यादा हो सके उतना परी ा म आने वाले या पेपर को हल करने क
कोिशश कर। अगर आपको परे शानी हो रही है तो िपछले साल के िवषय को िफर से देख हो सकता है िक वहां से कोई बात आप को समझ ना आई हो।
य-ू ट्यबू या ऐसे दसू रे वीिडयो से फायदा ल जहां िवषय को आसान तरीके से समझाने क कोिशश क गई हो। सीखी गई बात को वा तिवक दिु नया म
लागू करने क कोिशश कर। इसे ासिं गक िश ा कहा जाता है। िवचार , सचू नाओ ं और िस ांतो◌ं को आपस म जोड़ने क कोिशश कर िजससे िदमाग
क सम िश ा सीखने क मता बढे़गी।
आठवां क़दम : अपना नेटवक बनाएं

या आपने टॉमी नाम के शेर क दतं कथा सनु ी है?


टॉमी जब ब चा था तभी अपने झडंु से अलग हो गया और भेड़ के साथ रहने लगा। भेड़ के बीच रहने के कारण वह खदु को भेड़ ही मानने लगा।
एक िदन, टॉमी ने शेर क दहाड़ सनु ी। दसू री भेड़ क तरह वह भी िछपने के िलए भागा। दहाड़ मार रहा शेर टॉमी को देखकर हैरान हआ िक एक वय क शेर
भेड़ क तरह यवहार कर रहा था।
उसने िकसी तरह टॉमी को उस झडंु से अलग िकया और टॉमी को समझाया िक वह भेड़ नह बि क एक शेर है। लेिकन टॉमी को उसक बात पर भरोसा नह
हआ। उसने तो अपना परू ा जीवन भेड़ के साथ ही िबताया था।
शेर टॉमी को एक तालाब पर ले गया और उसने पानी म दोन क परछाई िदखा कर कहा िक हम दोन एक जैसे ही लगते ह। तब टॉमी को स चाई का भान
हआ। वह भेड़ क तरह यवहार कर रहा था य िक वह उनके साथ ही रहा था।
आपने यह कहावत तो सनु ी होगी िक मनु य क पहचान उन लोग से होती है िजनके साथ वह रहता है।
यह कहावत यहां कै से लागू होती है? जब आप समहू म होते ह तो आप समहू क तरह ही यवहार करने लगते ह य िक या तो आप नेता का अनसु रण करते
ह या समहू के दबाव म होते ह।
या आपको लोहे के टुकड़े और चबंु क के बीच का अतं र पता है? दोन क अणु संरचना एक जैसी है; लोहे का हर अणु एक चबंु क है िजसम उ र और
दि ण वु होता है। एक साधारण लोहे के टुकड़े म ये अणु यंू ही जड़ु े होते ह जहां हर उ र वु साथ के िकसी दि णी वु के कारण बेअसर होता है या इसका
उ टा होता है। इसके कारण लोहे का चबंु क य गणु सामने नह आ पाता। जब इसे िकसी चबंु क या इले ोमे नेट के पास लाया जाता है तो लोहे का वही
टुकड़ा चबंु क क तरह यवहार करने लगता है लेिकन चबंु क के दरू जाते ही लोहा बन जाता है। और चबंु क गम िकए जाने या ज़ोर से पटकने पर चबंु क य गणु
छोड़ देता है। इसिलए अ छे और समझदार लोग के साथ रहने पर आपके िवचार भी बेहतर िदशा म सोचगे। इससे आप नई ऊंचाइय को छुएगं े। गलत लोग
के साथ रहने पर आप असफल ही ह गे।
सहपाठी
अगर आपके साथी हमेशा िफ म , खेल या टीवी सी रयल के बारे म बात करते ह तो आप पढ़ाई पर यान नह लगा पाएगं े। अगर आप पढ़ाई म बेहतर बनना
चाहते ह तो ऐसे सािथय क जगह पढ़ाई म यान लगाने वाले दो त के साथ रहना शु कर। दो त के साथ समहू म पढ़ने से भी बहत फायदा िमलता है।
आप एक साथ क ा म पढ़ाई गई बात पर चचा कर सकते ह, एक दसू रे क सम याओ ं का समाधान कर सकते ह। इसका मतलब यह नह है िक पढ़ाई म
यान ना देने वाले दो त को आप परू ी तरह छोड़ द । बस इतना कर िक उनसे कुछ दरू ी बनाना शु कर। पढ़ाई के िलए अपना अलग समहू बनाए।ं
अ यापक
दसू रा मह वपणू संसाधन है अ यापक िजस पर यादा यान नह िदया जाता। अिधकांश छा क ा के बाद उनसे बात नह करते या क ा म सवाल नह
पछ ू ते। इस आदत को बदल। अिधकतर अ यापक क ा के अदं र ह या बाहर अपने छा क मदद करने से मना नह करते।
समूह म पढ़ना
समहू म पढ़ना या है? खदु से पछ
ू िक आपको समहू के साथ पढ़ने पर फायदा होता है या आप अके ले पढ़ना पसंद करते ह? कभी दो त के साथ पढ़ते समय
अपने माता या िपता म से िकसी एक को उसम शािमल कर तो वे सही से बता पाएगं े िक आपको इससे फायदा हो रहा है या नह । अगर आपको सबके साथ
पढ़ने म मज़ा नह आ रहा हो तो आप िफर से अपने परु ाने िनयम को अपना सकते ह। सभी अलग-अलग िकसी अ याय को पढ़ और िफर समहू म पढ़ने पर
एक-दसू रे को वह अ याय समझाएं तो ये फायदेमदं हो सकता है। लेिकन यह समहू पर िनभर करता है िक वह ऐसे पढ़ना चाहते ह या नह । अ सर देखा गया है
िक साथ पढ़ने पर फालतू बात यादा होती ह।
दूसर को पढ़ाने क अहिमयत
िदमाग म 100 अरब तंि काओ ं का एक जाल होता है। जब हम कुछ नया सीखते ह तो परु ानी तंि काओ ं म से नए डे ाइट िनकलते ह। जब ये डे ाइट बढ़ते
ह तो इनके बीच संबंध बनता है। इसे साइनै सेस कहते ह। जैसे-जैसे हम कुछ चीज़ सीखते जाते ह ये साइनै सेस मोटे और मज़बतू होते जाते ह। सीखने क
ि या म िजतनी यादा इिं य का इ तेमाल होगा ये साइनै सेस उतने ही मज़बतू ह गे।
इसके बारे म ज़रा सोच। हम गंध, वाद और गान को आसानी से याद कर लेते ह। हम सखु द, दख
ु द, खशु ी, गम या मज़ाक़ के अनभु व को आसानी से याद
कर लेते ह। लेिकन आसानी से याद होने क यह आदत उन अनभु व पर लागू नह होती िजनसे कोई जड़ु ाव नह होता। िकताबो म िलखे अिधकांश िवषय बस
श द ह िज ह अ यापक बोलते ह और हम उ ह सनु कर िलख लेते ह। लेिकन हमारी याददा त चीज़ को िच , आवाज़ , गंध, वाद, पश से हए अनभु व के
आधार पर याद रखती है इसिलए िकसी श द को याद करना मिु कल होता है। तो हम िच ो और श द के बीच एक सबं ंध बनाना होगा िजससे िकसी िवषय
को याद करना आसान हो जाए।
एडगर डेल ने एक िस ांत बनाया िजसे कोन ऑफ़ ए सपी रयंस कहा गया। यह िस ांत मोिबल ऑइल कंपनी के कमचारी डी.जी. े लर ारा 1967 म िलखे
एक लेख पर आधा रत था। इस िस ांत को कोलोराडो िश ा िवभाग ने 1999 म कुछ सधु ारा और इसे बेहतर बनाया। इसम िव तार से बताया गया है िक हम
िन निलिखत चीज़ से िकतना सीख पाते ह:
जो भी हम या यान म सनु ते ह उसका 5%
जो भी हम पढ़ते ह उसका 10%
जो भी हम ऑिडयो-वीिडयो म देखते ह उसका 20%
जो हमारे सामने दिशत िकया जाता है उसका 30%
िजस पर हम िवचार करते ह उसका 50%
िजसे हम खदु करके देखते ह उसका 75%
जो हम दसू र को पढ़ाते ह उसका 90%
ऊपर बताई इन बात को संपणू स य ना मान। यह उतना सच नह है। लेिकन यह एक बात दशाता है िक हम जैसे-जैसे यादा इिं य को शािमल करते ह हमारे
सीखने क ि या म बढ़ोतरी होती है। और िकसी चीज़ को सीखने का सबसे अ छा तरीका है उसे िकसी को पढ़ाया जाए।
आप अपने सहपािठय को पढ़ा सकते ह या अपने प रवार के सामने सीखी हई बात को िव तार से बोल कर सनु ा सकते ह। दसू र के सामने िकसी चीज़ को
समझाने या उ ह पढ़ाने से बहत फक पड़ता है।
कोिचंग लास
हम इस बात का सामना करना होगा िक हम ितयोगी परी ाओ ं के दौर म रह रहे ह। िफर चाहे यह दसव क ा क परी ा हो या बारहव क या आईआईटी,
कै ट, मैट या शासिनक सेवाओ ं क ितयोगी परी ाएं ह । इतने ितयोगी माहौल क वजह से देशभर म जगह-जगह कोिचगं सं थान खल ु गए ह।
म कोिचगं क ाओ ं को लेकर अितवादी िवचार नह रखता। एक अितवादी िवचार है िक सभी कोिचगं सं थान पैसा बनाने क मशीन बन गए ह। दसू रा
अितवादी िवचार है िक अ छे अक
ं पाने का एकमा ज़ रया कोिचगं ही ह। तो आपको या करना चािहए? दसू रे मु क तरह इसके भी अ छे और बरु े पहलू
ह।
कोिचगं के अ छे पहल:ू
1. अिधकांश कोिचगं सं थान िकसी खास तरह क ितयोगी परी ा क तैयारी करवाते ह। वे आपको उस परी ा को पास करने क तकनीक, िट स और
ि स बताएगं ।े आपको उससे जड़ु ी अ ययन साम ी भी दगे जो दसू री जगह िमलना मिु कल होता है।
2. िकसी परी ा के िलए जो कुछ चािहए वह सब कुछ कोिचगं म एक ही जगह पर िमल जाता ह। उनके नोट्स और पाठ्य साम ी को समझना आसान होता
है।
3. कोिचगं सं थान अपने छा को यवि थत पाठ्य म देते ह। उनके यहां ेि टस टे ट और पर काफ ज़ोर िदया जाता है। इससे छा असली परी ा के
िलए सही से तैयार हो जाते ह।
4. कोिचगं सं थान म आलसी छा को भी पढ़ाई पर यान देना होता है।
5. शासिनक सेवा, एमबीए, इजं ीिनय रंग या मेिडकल म वेश क तैयारी कर रहे छा को तैयारी के साथ सही सलाह क भी ज़ रत होती है। कोिचगं
सं थान से इस तरह क सलाह हािसल हो जाती है।
कोिचगं के खराब पहल:ू
1. बहत से छा कोिचगं जॉइन करते ह या तो दो त के दबाव म या माता-िपता के दबाव म ना िक वो खदु उस कोिचगं लास का सही तरह से मू यांकन
करके उसम दािखला लेते ह।
2. कोिचगं सं थान म काफ पैसा िलया जाता है और यादातर शु आत म ही ले िलया जाता है। इसका मतलब है िक बीच म छोड़ने पर आपका काफ
िव ीय नकु सान होगा।
3. कोिचगं सं थान के बीच तगड़ी ित पधा देखने को िमलती है। इस वजह से वे लोग िव ापन पर बहत पैसा खच करते ह। िजसका नतीजा होता है िक छा
इस िव ापन के झांसे म आ जाते ह।
4. कोिचगं क ाएं छा को िवषय समझने का मौका नह देती। वहां परी ा पास करने क तकनीक और िट स पर ही ज़ोर िदया जाता है। यह सही पढ़ाई नह
है।
5. इस तरह क क ाओ ं म कमज़ोर दशन करने वाले छा बहत दबाव महससू करते ह। कोिचगं क ाएं सभी छा से तेज़ी से आगे िनकलने क उ मीद
करती ह और कमज़ोर छा ऐसा नह कर पाने पर खदु को ठगा सा महससू करता है।
6. कोिचगं सं थान म परी ा के अक
ं को हािसल करने के िलए इतना जनु नू देखा जाता है िक कई बार इसके प रणाम बहत घातक होते ह। कई बार इस
दबाव के कारण छा आ मह या तक कर लेते ह।
जब कोिचगं के िलए िनणय लेना हो तो या कर? आप कुछ िबंदओ ु ं का यान रख सकते ह: िव ापन पर भरोसा ना कर। मु त के झांसे म ना आए।ं परु ाने
छा से बात कर। बहत से कोिचगं सं थान वेश से पहले कुछ क ा लेने क अनमु ित देते ह। उससे समझने क कोिशश कर िक यह कोिचगं आपके िलए
ठीक रहेगा या नह । साथ ही कोिचगं म वेश लेने वाले और वहां से सफल होने वाले छा का अनपु ात देख। बहत से सं थान सफल छा के नाम िव ापन
म इ तेमाल करते ह लेिकन आप यान द िक िकतने ितशत ब चे सफल हए?
होम ट्यूशन या ुप ट्यूशन
घर पर आकर पढ़ाने वाला एक अ छा अ यापक आपम काफ सधु ार ला सकता है लेिकन यह काफ महगं ा भी होगा। अगर घर पर ट्यश
ू न ले रहे ह तो
िन निलिखत बात का यान रख:
1. ट्यटू र के अनभु व और यो यता को जांच ल।
2. उसके परु ाने छा से बात कर।
3. दसू रे ट्यटू स क फ स से आपके ट्यटू र क फ स का िमलान कर ल।
4. शु करने से पहले एक परी ण क ा लेकर जांच ल िक यह आपके िलए ठीक है या नह ।
5. सिु नि त कर िक ट्यटू र आपसे काफ सारे टे ट और हल करवाए।

आगे बढ़ने से पहले…


अपने जैसी सोच वाले सहपािठय के साथ रह और एक-दसू रे के ान का फायदा उठाए।ं पता कर िक समहू म पढ़ने से आपको फायदा हो रहा है या नह ,
अगर फायदा हो रहा है तो इसे सीखने के भावी मा यम क तरह इ तेमाल कर। अ यापक क मदद लेने म कभी मत िझझक। अिधकतर िश क को
छा क मदद करके खश ु ी होती है। अपने दो त को पढ़ाकर या प रवार वाल के सामने बोलकर आप अपने िदमाग म िवषय को गहरे बैठा सकते ह।
कोिचगं क ा म वेश लेने से पहले उसे भली-भांित जांच ल। इसी तरह घर पर आने वाले ट्यटू र या समहू ट्यश
ू न क जांच भी कर।
नौवां क़दम: अित र यो यताओ ं को बढ़ाओ

आपको जानकर आ य होगा िक िकतनी बड़ी सं या म छा खराब िलखावट, ना करने यो य गलितय और साधारण से िहसाब म बहत समय लगा देने के
कारण अक
ं गंवा देते ह । बहत सी अित र यो यताएं ह जो य या अ य प से परी ा के अक
ं पर असर डालती ह। चिलए कुछ पर नज़र डालते ह।
अपने मि त क को कसरत करवाएं
मि त क के तीन िह से होते ह—रे ि टिलअन, िलि बक और कॉिटकल।
मि त क के एक िह से को रे ि टिलअन िदमाग इसिलए कहा जाता है य िक यह िवचार के िन नतम तर, जैसे भख
ू , सांस लेना आिद से जड़ु ा है। अगर आप
भख
ू े ह तो रे ि टिलअन मि त क िनयं ण अपने हाथ म ले लेगा और ऊपरी मि त क क गितिविधय को कम कर देगा।
इसका मतलब है िक आपके भख
ू ,े उन दे, तनाव यु होने पर आपक सीखने क मता बरु ी तरह भािवत होती है।
िलि बक मि त क, इसे म य मि त क भी कहा जाता है। यह आपक भावनाओ,ं से स, हाम न, और ितर ा के िलए िज़ मेदार होता है। िलि बक मि त क
ही वह िह सा है जहां लंबे समय क याददा त होती है। मतलब यह है िक अगर आप सीखने क ि या को भावनाओ ं से जोड़ लगे को उसे बेहतर समझ
पाएगं ।े
आिखर म होता है कॉिटकल मि त क जो सबसे ऊंची और बाहरी परत होती है। यह तक, बिु म ा और भाषा से जड़ु ा िह सा है।
इस बात को याद रख िक आपके िदमाग के तीन िह से एक बनकर काम करते ह। जब आप आराम करते ह तो ये आपस म संवाद करते ह। लेिकन जब आप
तनाव म होते ह तो इनके आपसी संवाद म कावट आ जाती है।
इस बात को यान रखना ज़ री है िक आपके िदमाग म अरब मि त क कोिशकाएं होती ह। िसफ कोिटकल मि त क म ही 100 अरब यरू ॉन होते ह। हर
यरू ॉन एक सपु र कं यटू र से यादा शि शाली होता है। लोग सोचते ह िक ये यरू ॉन बिु म ा से जड़ु े ह। ऐसा कुछ नह है। मह वपणू बात यह है िक हर यरू ॉन
म दसू रे यरू ॉ स के साथ बीस हज़ार संबंध बनाने क मता होती है। इन संबंध को डे ाइट्स और ए सोन कहते ह।
डे ाइट्स और ए सोन म या अतं र ह? डे ाइट्स आपके घर और टेिलफोन ए सचज के बीच िबछे तार क तरह ह। ए सोन लंबी दरू ी के समु के नीचे
िबछे इटं रनेट के तार क तरह ह।
जब आप कुछ नया सीखते ह तो आपके िदमाग म एक नए डे ाइट का िनमाण होता है। डे ाइट क सं या ही आपक बिु म ा पर िनयं ण करती है।
आइं टीन और आपके िदमाग म यरू ॉन क सं या समान ही होगी, लेिकन आइं टीन के िदमाग म डे ाइट क सं या बहत होगी। अ छी बात यह है िक
डे ाइट िकसी भी उ म पैदा हो सकते ह। बरु ी बात यह है िक अगर आप िदमाग का सही इ तेमाल नह करगे तो यह डे ाइट ख म भी हो सकते ह। एक
मज़ािकया कहावत है िक आपका िदमाग पैराशटू क तरह होता है, यह तभी काम करता है जब खलु ता है।
अपने िदमाग का इ तेमाल कर जो एक मांसपेशी क तरह ही है। इसका सही योग कर पहेिलयां सल
ु झाए,ं सडु ोकू, े बल, और दसू रे िदमागी खेल खेल
इससे यह और मज़बतू बनेगा। िदमाग को लगातार काम म लगाए रखने से अ ज़ाइमर का खतरा काफ कम हो जाता है।
अगर आप इसका सही इ तेमाल नह करगे तो िदमाग बहत ज दी ख म हो जाएगा। इसिलए कं यटू र और कै कुलेटर जैसे उपकरण से अपनी िनभरता को
कम करके िदमाग को दौड़ाना शु क िजए। ऑनलाइन भी बहत से िदमागी खेल आपको िमल जाएगं े।
िलखावट
आपक उ र पिु तका जांचने वाले ोफे सर पर समय का बहत दबाब होता है इसिलए अगर उ ह िलखावट समझ नह आती तो वे उस उ रपिु तका पर यान
नह देते। खराब िलखावट के कुछ कारण िन निलिखत ह:
1. िलखने के िलए गलत पेन या पिसल का इ तेमाल (पिसल क याही बहत ह क है, याही फै ल रही है, ऐसे रंगे वाले पेन का इ तेमाल िजसक अनमु ित
नह है आिद)।
2. अगं ठू े और तजनी उंगली या म यमा उंगली के बीच पेन या पिसल को ना पकड़ना।
3. परू े हाथ क बजाय के वल उंगिलय से िलखना।
4. िलखने के िलए पेन को बहत कसकर या बहत ढीले पकड़ना।
5. पेन या पिसल को उसक नोक से एक ितहाई ऊपर से ना पकड़ना।
6. िलखने के िलए ऐसे पेन या पिसल का इ तेमाल करना जो आपके िलए ठीक ना हो जैसे उसका वज़न या आकार।
7. बहत यादा ितरछा िलखना।
8. कम िलखने के कारण हाथ से िलखने क आदत छूट जाना।
9. अ र और उनके आकार म असमानता होना।
अगर आपक िलखावट खराब है तो सही पेन या पिसल का इ तेमाल कर। पहली क ा के ब च ारा अ र सीखने के िलए इ तेमाल क जाने वाले पेपर
शीट का इ तेमाल कर और उसम अ र िलख कर, तब तक अ यास कर जब तक आप खदु संतु ना हो जाए।ं
िदमागी अंकगिणत
म अभी भी यह देखकर चिकत रह जाता हं िक परु ानी पीढ़ी के लोग िकतनी तेज़ी से गणु ा, भाग या जोड़, घटा जैसी चीज़ कर लेते ह। मेरे िपता और दादा पणू
सं याओ ं के साथ िभ न अक ं ( ै शन) के भी पहाड़े सनु ा िदया करते थे। मेरी सलाह है िक िदमाग के ज़ रए अक
ं गिणत के सवाल हल करने क आदत डाल
इससे परी ा म आपको बहत सहायता िमलेगी। हालांिक आपको उ र पिु तका म परू ा सवाल हल करके िदखाना होगा, लेिकन िफर भी आप इसे ज दी कर
पाएगं ।े िदमाग से अक
ं गिणत हल करने क मता ितयोगी परी ाओ ं म बहत काम आती है।
भाषा पर पकड़
िजस भाषा म आप सीख रहे ह उस पर पकड़ होना बहत ज़ री है। अगर आपको भाषा के कारण पाठ समझने म परे शानी होती है तो अपने भाषा ान को
बेहतर करने क कोिशश कर। िकसी अ याय या पाठ को समझकर अपने श द म उसे य करने से काफ फायदा होगा।
आप भाषा को कै से बेहतर कर सकते ह? मान लेते ह िक पढ़ाई अं ेजी भाषा म हो रही है। पहले तय कर िक आप कौन सी अं ेज़ी सीखना चाहते ह।
अिधकतर भारतीय ि िटश अं ेज़ी म ही बात करते ह तो यही सीखना सही रहेगा। आप अपनी िकताब के पढ़ना शु कर और उनम िलखी बात को समझने
क कोिशश कर। श द के अथ और उ चारण सीखने के िलए िड शनरी का इ तेमाल कर। श द के इ तेमाल, याकरण और वा य को बनाने पर यान द।
िकसी अ छे अं ेज़ी अखबार को ितिदन पढ़ने क आदत डाल। शु आत म धीरे पढ़। समझ आने पर बाद म आपक गित खदु ही बढ़ने लगेगी । इस भाषा
के जानकार दो त , अ यापक से बात करके बहत मदद िमलेगी। िकसी अं ेज़ी समाचार चैनल को देख। अ छी िकताब का कोई िवक प नह है और म यह
मानता हं िक िश ा के वल पाठ्यपु तक तक सीिमत नह रहनी चािहए। इस तकनीक का योग िकसी भी भाषा को सीखने के िलए िकया जा सकता है।
िकसी भी दसू रे देश के लोग क तल
ु ना म भारत के पढ़े-िलखे लोग को एक फायदा है, वे कम से कम दो भाषाएं िलख, बोल और पढ़ सकते ह। बहत कम
भारतीय ह गे जो यह कह सकते ह िक उनक मातृभाषा अं ेज़ी है लेिकन भारत म बड़ी सं या म लोग अं ेज़ी बोल सकते ह। भारत म अं ेज़ी का फै लाव
भारतीय को दिु नया भर के लोग के मकु ाबले एक बढ़त देता है। अं ेज़ी सीखने से परी ा म यादा अक
ं कै से पाए जा सकते ह? अं ेज़ी म हर िवषय क
िकताब मौजदू ह इसिलए अं ेज़ी जानने से फायदा ज़ र होगा।
वॉिशगं टन डीसी के जॉजटाउन िव िव ालय मेिडकल सटर के एक अ ययन से पता चला िक दो या दो से यादा भाषा जानने वाले लोग यादा बिु मान
होते ह। पहले यह सोचा जाता था िक दो भाषाएं सीखने से ब चे को नक
ु सान होगा य िक दो याकरण सीखने से उन पर दबाव पड़ेगा। लेिकन नए शोध से
पता चला है िक ऐसे ब चे यादा यान रखने वाले काम और शाट-टम मेमरी से जड़ु े काम को बेहतर तरीके से करते ह। इसिलए यादा भाषाओ ं को सीखने
से आपको काफ फायदा होगा।
बहत से लोग ने बचपन से ही अं ेज़ी पढ़ी होती है इसिलए आगे अं ेज़ी मा यम क पढ़ाई के समय उ ह नए िसरे से अं ेज़ी भाषा नह सीखनी पड़ती। वे लोग
क ा म पढ़ाई चीज़ को आसानी से समझ लेते ह। बहत से भारतीय अपनी मातृभाषा क तल ु ना म अं ेज़ी यादा अ छे से समझते ह। लेिकन िजनक अं ेज़ी
भाषा पर पकड़ मज़बतू नह है और अं ेज़ी मा यम से पढ़ रहे ह, उ ह बहत ज दी और तेज़ी से अं ेज़ी सीखनी होगी। यहां तक क जो लोग अं ेज़ी मा यम म
नह पढ़ रहे ह उ ह भी अपनी अं ेज़ी सधु ारनी चािहए। अं ेज़ी दिु नया भर म सवं ाद का मा यम बन गई है।
कई भाषाएं जानने का यह फायदा भी है िक आप अपने माता-िपता या दो त से पढ़ाई के बारे म बात करते हए उनक भाषा म िविश िवषय को समझा सकते
ह। इससे आपक अ याय को सीखने मता बढ़ने के साथ सभी भाषाओ ं पर आपक पकड़ भी मज़बतू होती है।
श द क ताकत
अं ेज़ी या इितहास जैसे िवषय के मामले म श द बहत अहम भिू मका िनभाते ह। आप िजतना पढ़गे आपका श द ान भी उतना ही बढ़ेगा। पढ़ने के िलए
बस पाठ्यपु तक तक सीिमत ना रह , इसके अलावा दसू री िकताब भी पढ़। इन िकताब म उप यास (िफ शन) और नॉन-िफ शन दोन ही तरह क िकताब
शािमल ह। इस काम को आप रोज़ाना नह कर सकते लेिकन छु ी के िदन म इस तरह क िकताब पढ़ी जा सकती ह। इसके अलावा ऐसी िकताब भी ह जो
आपके श द ान और भाषा दोन म सधु ार ला सकती ह। जैसे िक नोमन लईु स क िलखी िकताब वड पावर मेड ईज़ी। दसू री िकताब है मािसया राफ़र जॉनसन
क िलखी वड अप! आपको रोज़ाना अखबार पढ़ने क आदत भी डालनी चािहए और िजन श द के अथ आप समझ ना पाए,ं उनके अथ िड शनरी म
तलाश कर। कुछ समय के बाद आपको लगेगा िक आपक पढ़ने, िलखने और समझने क मता बेहतर हो गई है।
िच
परी ा म उ र देते समय डाय ाम बनाकर समझाने से अ यापक जान जाता है िक आपको िवषय क समझ है। अगर म डाय ाम नह पछ ू ा गया है और
िफर भी आपको लगता है िक डाय ाम बनाने से उ र को बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है तो उसे उ र म ज़ र शािमल कर। परू ी जानकारी के साथ
सफाई से बने डाय ाम अ छे अकं िदलाने म ज़ र मदद करगे। पहले डाय ाम को पिसल से ही बनाएं िजससे कोई गलती होने पर उसे िमटाया जा सके । बाद
म परी ा के िनयम के आधार पर आप चाह तो उसे पिसल से ही िलखा रहने द या िफर उस पर पेन से रे खा ख च द। जीव िव ान और भगू ोल जैसे िवषय म
पहले से डाय ाम क तैयारी करनी चािहए।
सामा य ान
कुछ िवषय म आपसे परु ानी घटनाओ ं क नई घटनाओ ं से तल ु ना करने के िलए कहा जाता है। या िकसी ऐितहािसक यि व क वतमान िकसी यि से
तल
ु ना करवाई जाती है। इस तरह के मामल म आपका सामा य ान बहत काम आता है। सामा य ान वह ान है िजसे आपने पाठ्यपु तक से अलग दसू री
चीज़ से हािसल िकया है। आप िकसी िवषय क तरह सामा य ान क तैयारी नह कर सकते। आपको घटनाओ ं और खबर के बारे म पता होना चािहए।
नॉन-िफ शन िकताब पढ़ने से भी फायदा होता है। लेिकन इन सभी सझु ाव का पालन लंबे समय तक करना होगा। यही नह सीखने क इस ि या को और
बढ़ाने के िलए आप ितयोगी परी ाओ ं के िलए कािशत िकताब को पढ़ सकते ह।

आगे बढ़ने से पहले…


आप अपनी अित र यो यताएं िवकिसत करके परी ा म अक ं गंवाने से बच सकते ह। जैसे िक अपनी िलखावट सधु ारना, िदमाग म अक ं गिणत हल
करना, डाय ाम बनाना, भाषा सधु ारना, श द ान बेहतर करना और सामा य ान सधु ारना। सबसे ज़ री है िक िदमाग से काम लेते रह िजससे वह सि य
बना रहे।
दसवां क़दम: आसपास के वातावरण को सही रख

पढ़ने के िलए शांत जगह का चनु ाव कर। इसम िकसी तरह का भटकाव नह होना चािहए। उदाहरण के िलए, अगर आपके घर म प रवार के सद य क सं या
बहत है तो आप कूल या कॉलेज के पु तकालय म पढ़ाई कर सकते ह। नीचे मने कुछ जगह के बारे म बताया है जहां छा को नह पढ़ना चािहए।
• िब तर
• रसोई या खाना खाने क मेज़
• बैठक म लगा सोफा
• कॉफ शॉप जैसी जगह जहां आप दो त से िमलते ह
• कॉलेज क कटीन
आपको एक स ची बात बताता हं िक ऊपर बताई कोई भी जगह पढ़ाई के िलए बेहतर नह है। आपको िकसी शांत जगह पर पढ़ाई करनी चािहए, जहां िकसी
तरह का यवधान ना हो। आप अपने सोने के कमरे क डे क, कॉलेज के िकसी शांत िह से, कूल के पु तकालय या खाली लास म म पढ़ाई कर सकते ह।
यवि थत कर
अपनी पढ़ाई क मेज़ पर बेकार क चीज़ ना रख। िकताब और पढ़ाई क दसू री साम ी को सही तरीके से लगाएं िजससे ज़ रत के समय उसे आसानी से
तलाश िकया जा सके । आपको पहले से पता होना चािहए िक नोट्स, िकताब, काग़ज़, और पढ़ने से जड़ु ी दसू री चीज़ कहां रखी गई ह। इससे पढ़ाई के दौरान
आपका समय खराब नह होगा।
सही तरह से यव था कर
इस बात को यान रख िक पढ़ाई करने क जगह आरामदायक हो वहां आप िबना िकसी बाधा के पढ़ाई कर पाए।ं पढ़ने क जगह पर पया रोशनी, बैठने क
सही जगह, पढ़ाई क साम ी, पीने का पानी आिद का होना ज़ री है। साथ ही कोिशश कर क वहां आपको िकसी तरह का यवधान ना हो। संगीत पसंद
करते ह तो कुछ समय के िलए उसे सनु ने का इतं ज़ाम भी कर सकते ह। अगर िकसी चीज़ जैसे मोबाइल फोन, पि का या उप यास से आपका यान भटकता हो
तो उसे वहां से हटा द। पता चला है िक 23 से 26 िड ी के बीच का तापमान िदमाग के िलए सबसे बेहतर होता है।
ि िकस ओर हो
मेरा मानना है िक पढ़ाई क मेज़ दीवार से लगी होनी चािहए। दीवार सामने होने से आपक आख
ं के सामने कुछ नह होता और यान नह भटकता।
जगह बदलने से मदद िमलेगी
कै िलफोिनया िव िव ालय म मनोवै ािनक रॉबट िबजॉक ने पाया िक जगह बदलने से पढ़ाई पर यान लगाने म मदद िमलती है। उ ह ने पाया िक अगर आप
रोज़ाना के पढ़ने क जगह पर यान नह लगा पा रहे ह तो िकसी दसू रे कमरे या दसू री जगह जाकर पढ़ाई करना बेहतर रहता है।
भटकाव
भटकाव दो तरह के होते ह—बाहरी और आतं रक। बाहरी भटकाव म बहत सी चीज़ शािमल हो सकती ह जैसे आपक कुस आरामदायक ना हो, कमरे का
तापमान बहत ठंडा या गम हो, कमरे के सामने क सड़क पर बहत शोर हो रहा हो। इसी के साथ हमारे फोन या कं यटू र पर भी लगातार संदश
े आते रहते ह
िजनसे भी यान भटकता है। इस बात का प का िनयम बना ल िक पढ़ते समय फोन को साइलट पर करके कह दरू रख। कं यटू र को बंद रख। अगर पढ़ाई के
िलए कं यटू र क ज़ रत है तो उस पर गैर ज़ री वेबसाइट और सोशल मीिडया के नोिटिफके शन को बंद कर द। कै िलफोिनया िव िव ालय के शोध म पता
चला िक इस तरह के भटकाव के कारण चीज़ को समझने और उ ह याद करने म परे शानी होती है। selfcontrolapp.com जैसी वेबसाइट आपके ारा
पहले से तय िकए गए समय म िकसी तरह के इले ॉिनक भटकाव से आपको दरू रखती ह। आतं रक भटकाव को दरू करना काफ मिु कल होता है।
उदाहरण के िलए, अगर आप सही से न द नह ले रहे, या र ते म बरु े दौर से गज़ु र रहे ह, या िकसी तरह क आिथक या वा य से जड़ु ी परे शानी के िशकार ह
तो इन सबसे पढ़ाई पर बहत बरु ा असर पड़ सकता है।
सच
ू ी बनाएं
बहत बार हमारी पढ़ाई म कावट आ जाती है य िक हम अचानक कुछ काम यान आ जाता है। जैसे िकसी के ज मिदन म जाना हो या िकसी पा रवा रक
समारोह म िह सा लेना हो। इस तरह के काम के िलए टू-डू िल ट बनाने क आदत डाल। इससे आपक पढ़ाई का या संबंध है? अगर आप इन सबको पहले
से िलखकर रखगे तो इ ह याद करने के िलए िदमाग को काम नह करना पड़ेगा। इससे पढ़ाई म आप यादा मन लगा पाएगं ।े
सगं ीत
अगर आप बाहर से आ रही आवाज़ को बंद करने के िलए संगीत का सहारा लेते ह तो ऐसे ईयर- लग का इ तेमाल कर जो बाहर के शोर को कम कर सके ।
कुछ छा संगीत के िबना पढ़ना पसंद करते ह तो कुछ संगीत के साथ पढ़ाई करते ह। संगीत आपका यान बनाए रखने और आपको शांत करने म मदद करता
है इसिलए संगीत का सहारा लेने म कोई बरु ाई नह है। अगर आप संगीत का सहारा नह लेना चाहते तो दसू री कोई चीज़ तलाश क िजए िजससे आपको शांत
रहने म मदद िमल सके । कहा जाता है िक धीमे संगीत से िदमाग को आराम महससू होता है िजससे िदमाग बेहतर तरीके से चीज़ को सीख पाता है।
इसका कोई सही या गलत उ र नह हो सकता। ये आपको तय करना होगा िक आप िकस तरह से बेहतर पढ़ाई कर सकते ह। इस बात को यान रख िक पढ़ते
समय रे िडयो सनु ना या टीवी देखना अ छा िवचार नह है।
अमे रका क वतं ता का घोषणाप िलखते समय सगीत से थॉमस जेफरसन को बहत मदद िमली थी। जब भी उ ह श द यान नह आते थे वे वायिलन
बजाने लगते थे। अ बट आइं टीन कूल के समय पढ़ाई म बहत अ छे नह थे और उ ह कूल छोड़ना पड़ा था। उनक मां ने उ ह वायिलन से प रिचत
करवाया और बाद म उ ह ने मोजाट और बाख के संगीत को भी सनु ना शु िकया। इस बात क परू ी संभावना है िक आइं टीन को बल
ु ंदी तक पहचं ाने म
संगीत ने भी अपनी भिू मका िनभाई हो।
शोध से पता चला है िक बरोक काल के पि मी शा ीय सगं ीत से िदल क धड़कन और न ज़ दोन क गित सगं ीत क गित से सा य हो जाती है।
उदाहरण के िलए, ित िमनट 60 बीट्स क लय के साथ िनकलता बरोक सगं ीत िदमाग के दाएं और बाएं दोन िह स को सि य कर देता है।
दोन िह स के सि य होने से याद करने और सीखने क मता बढ़ जाती है। सटर फॉर यू िड कवरीज़ इन लिनग के शोध म पता चला िक 60
बीट्स ित िमनट का सगं ीत सनु ने से सीखने क मता पांच गुना बढ़ जाती है। भारतीय शा ीय सगं ीत और जापानी सगं ीत भी बहत फायदा
पहंचाता है।

आगे बढ़ने से पहले…


अपनी पढ़ने क जगह का चनु ाव बेहद सावधानी से कर िजससे पढ़ाई म कम से कम बाधा पहचं ।े अपनी मेज पर सामान को यवि थत रख िजससे ज रत
पड़ने पर तरु ं त चीज िमल जाय। पीने का पानी और ज़ रत पड़ने पर खाने का कुछ सामान अपने पास ही रख। अगर आपको लगे िक पढ़ाई म यान नह
लग रहा तो पढ़ने क जगह को बदल कर देख। आ त रक और बाहरी दोन तरह के भटकाव पर रोक लगाना सीख। अगर संगीत पसंद है तो ऐसे संगीत
का सहारा ले सकते ह िजससे पढ़ाई म सहायता िमले। िदमाग को उलझाव से बचाने के िलए रोजाना के काम क सचू ी बनाय।
यारहवां क़दम : िदमाग और शरीर का सतं ुलन बनाएं

िदमाग क कई अव थाएं होती ह और हर अव था को अलग ने वेव क ज़ रत होती है। ये ह—बीटा वेव, थीटा वेव, डे टा वेव, अ फा वेव और गामा
वेव।
बीटा वेव रोज़मरा के काम जैसे बात करने, चलने से जड़ु ी इलेि क इपं स होती ह। थीटा वेव िसर िहलाने से जड़ु ी होती ह। डे टा वेव गहरी न द म उ प न
होती ह और उनका इपं स बहत धीमा होता है। अ फा हमारे परू ी तरह जागृत लेिकन आराम क अव था म उ प न होती ह। गामा वेव उ च आवृि के
आवेग ह जो चीज़ को याद रखने, यान और पढ़ाई से जड़ु ी ह।
हैरानी क बात है िक िव कॉि सन िव िव ालय म हए एक शोध से पता चला है िक यान गामा तरंग का उ पादन करने के सबसे बेहतर तरीक म से एक है,
इसम ज़ेन यान िवशेष प से फायदा पहचं ाता है। आप पछ ू सकते ह िक इस बात का या मतलब है। बात यह है िक सीखने के िलए आपके शरीर और मन म
परू ी तरह सा य होना होगा। तो जो लोग सोचते ह िक वे पढ़ते समय भी टेलीफोन पर बातचीत कर सकते ह, उनको अपनी रणनीित पर िफर से िवचार करने क
ज़ रत है।
तनाव से सीखने पर असर पड़ता है
तनाव सबसे अ छा कारण है िक आपको आखरी समय म चीज़ को य नह रटना चािहए। कै िलफोिनया िव िव ालय ने शोध म पाया िक कुछ घटं के
तनाव से कॉिटको ोिफन हाम न िनकलते ह जो याददा त को बनाने और उ ह दज करने क ि या म बाधा डालते ह। पढ़ाई के बीच म कुछ देर के आराम,
यान और यायाम से कॉिटको ोिफन के तर को नीचा रखने म मदद िमलती है, िजससे आपक सीखने क मता बढ़ती है। लेिकन इस बात को याद रख
िक आखरी व म पढ़ने से तनाव बढ़ता है।
तरोताज़ा होने के िलए न द ल
परू ी रात जागकर पढ़ना अ छी बात नह है। नॉ े डेम िव िव ालय के शोध म सामने आया िक िकसी सचू ना को याद रखने का सबसे अ छा तरीका यह है
िक उसे याद करने के बाद न द ली जाए। इससे सचू ना िदमाग म छप जाती है। नॉ े डेम के शोध म दो तरह के छा के समहू को शािमल िकया गया—पहला,
वे छा जो सबु ह 9 बजे पढ़ते थे और उसके बाद परू े िदन का काम करते थे। दसू रा वे जो रात 9 बजे तक पढ़ते थे और िफर सोने चले जाते थे। दोन समहू क
दो बार जांच क गई। एक बार बारह घटं े के बाद और दसू री बार चौबीस घटं े के बाद (िजससे यह सिु नि त हो जाए िक दोन समहू ने अ छे से रात क न द
परू ी क है)। जो लोग पढ़ाई के तरु ं त बाद सो जाते थे उनके नतीजे लगातार बेहतर आए।
कहा जाता है िक आपको हर रात एक ही समय पर सोने क कोिशश करनी चािहए साथ ही कमरा ऐसा होना चािहए िजसम िकसी तरह का यवधान ना हो।
रात का खाना बहत तैलीय या भारी नह होना चािहए । सोने से करीब तीन से चार घटं े पहले रात का खाना खा लेना चािहए। सोने के पहले, टेलीिवजन,
इटं रनेट और वीिडयो गेम जैसी चीज़ का इ तेमाल नह करना चािहए। लेिकन यान रख क यादा भी ना सोए।ं यादा सोने से आपम आलस आ सकता है
साथ ही आपका क मती व भी खराब होगा।
िकतना सोना चािहए? इसका कोई सही उ र नह है। यह आपक उ , वा य और ज़ रत पर िनभर करता है। लेिकन कम से कम 6 घटं े क न द ज़ र लेनी
चािहए। रात म अगर न द कम समय के िलए आई हो तो दोपहर म पावर नैप (30 िमनट से यादा नह ) लेकर उस कमी को परू ा िकया जा सकता है।
अ छे सबं ंध बनाएं
अ छे संबंध से शरीर म सही मा ा म हाम स का ाव होता है। इससे आपक काम करने क मता भी बढ़ती है। इससे सीखने का बेहतर माहौल भी बनता
है। यान रख क प रवार या दो त के साथ संबंध खराब होने पर पढ़ाई पर यान लगाना भी मिु कल हो जाता है।
यायाम
कहावत है िक ‘ व थ शरीर म ही व थ िदमाग का वास होता है।’ िदमाग पर यायाम के भाव पर काफ शोध िकया गया है। पढ़ाई शु करने से पहले कुछ
देर पसीना बहाकर आप भी सीखने क मता को बढ़ा सकते ह। इिं डयाना िव िव ालय मेिडकल सटर के डॉ. डगलस बी. मक ग ने शोध म पाया िक
यायाम करने से िदमाग म खनू का दौरा यवि थत हो जाता है िजससे सीखने क मता बढ़ती है। एरोिब स का आपक सेहत के साथ मरण शि पर भी
अ छा भाव पड़ता है। कािडयोव कूलर यायाम जैसे िक दौड़ना, तैरना, साइिकल चलाना भी एक अ छा िवक प है। इससे आपक बेसल मेटाबॉिलक दर
बढ़ती है िजससे आप यादा कै लोरी क खपत करते ह और इससे आपके िदमाग के एरं ोहैनल कॉट स का िवकास होता है, िदमाग का यह िह सा मरण
शि से जड़ु ा होता है। दो त के साथ यायाम करने का भी अ छा असर होता है। आप तेज़ चलने से शु आत कर सकते ह और मता के बढ़ने पर दसू रे
किठन यायाम कर सकते ह।
नैक माट
अगर आपको पढ़ते समय भख
ू लगती है तो खाने का कुछ सामान अपने पास लेकर बैठ िजससे ज़ रत पड़ने पर सामान तलाश करने म आपका समय ना
खराब हो।
कोिशश कर क पोषक नैक खाएं ना िक चीनी और फै ट से भरी चीज़। आप फल या मेवे खा सकते ह। मीठे का शौक है तो डाक चॉकलेट खाएं या िच क
खा सकते ह िजसम मेवे और गड़ु होता है। फै ट और चीनी से भरा ोसे ड खाना खाने से सीखने क ि या भािवत होती है।
नडू स, िच स या कडी खाने से बच य िक इनसे तरु ं त ऊजा तो िमलेगी लेिकन उतनी ही ज दी वह ख म भी हो जाएगी। पानी भी पीए।ं
कै फ न क ज़ रत महससू हो तो चाय ही पीए।ं एनज ि ंक और सोडा जैसी चीज़ से बच य िक इनम मौजदू चीनी नक
ु सानदायक हो सकती है। अगर कॉफ
और चाय से आपका काम चल जाता हो तो चीनी से बचना ही ठीक है।
कुछ तरह क मछिलय , मेव और जैतनू के तेल म िमलने वाले ओमेगा-3 फै टी एिसड से िदमाग तेज़ होता है। एक शोध से पता चला है िक परी ा से पहले
ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फै टी एिसड लेने से परी ा से जड़ु ा तनाव कम हो जाता है।
आपके िदमाग म 70 फ सदी पानी है, इसिलए पानी का सेवन करते रह। अ सर हमारे शरीर म पानी क कमी होती है लेिकन हम उसे महससू नह कर पाते।
पढ़ाई करने या परी ा से पहले ह का खाना खाएं िजससे आपको न द नह आएगी।
शरीर के अनुसार काम कर
हर यि का शरीर अलग होता है। हर िकसी का एक िनधा रत समय होता है जब वह सबसे यादा सि य होता है। िकसी के िलए सबु ह का समय सही होता
है तो िकसी को देर रात का समय अ छा लगता है। जानने क कोिशश कर िक िदन के िकस समय आप यादा सि य रहते ह। एक बार पता चलने पर उसी
समय के अनसु ार पढ़ने का समय िनधा रत करने क कोिशश कर।
अपने प रवार से बात कर और उ ह कह िक आपको उनसे सकारा मकता चािहए
म आपको एक कहानी सनु ाता ह।ं
एक िदन थॉमस अ वा एिडसन कूल से घर आए और उ ह ने अपनी मां को एक िलफाफा िदया। उ ह ने मां से कहा, ‘मेरे अ यापक ने कहा है िक यह
िलफाफा अपनी मां को देना।’ िलफाफे म रखे प को पढ़कर सनु ाते समय मां क आख ं भर आई ं । उ ह ने पढ़ना शु िकया, ‘आपका बेटा ितभाशाली है।
यह कूल उसके िलए बहत छोटा है और यहां उसे पढ़ाने लायक अ छे अ यापक भी नह है। कृ या उसे खदु ही पढ़ाए।ं ’ इस तरह एिडसन ने घर पर ही पढ़ाई
शु कर दी। बहत िदन के बाद एिडसन क मां क मृ यु हो गई, तब तक एिडसन सदी के सबसे बड़े अिव कारक म िगने जाने लगे थे। एक िदन घर म परु ानी
चीज़ को देखते समय वह िलफाफा उनको िमला। उ ह ने उस िलफाफे को खोला िजसम वही प रखा हआ था। प म िलखा था, ‘आपका ब चा िदमागी
तौर से कमज़ोर है। हम उसे अपने कूल म नह पढ़ने दगे।’ एिडसन ने कई बार वह प पढ़ा और रोने लगे। तब उ ह ने अपनी डायरी म िलखा, ‘थॉमस िदमागी
प से परे शान ब चा था जो अपनी मां के कारण सदी का सबसे ितभाशाली यि बन गया।’
कहने का मतलब है िक सीखने के िलए सकारा मक सोच बेहद ज़ री है। इसक िज़ मेदारी के वल छा क नह बि क उनके अिभभावको और दो त क
भी है। सम या यह है िक हम वयं क िज़ मेदारी तो ले सकते ह लेिकन दसू र क नह ले सकते।
अपनी िदमाग क शि को कभी कम मत समिझए। अगर आपके साथी, अिभभावक या अ यापक आपको कमज़ोर छा समझते ह तो इसे चनु ौती क तरह
ल और उ ह गलत सािबत कर द। एक परु ानी कहावत है: तमु रा ते के सभी कांट को नह हटा सकते, लेिकन खदु को सरु ि त रखने के िलए मज़बतू जतू े
ज़ र पहन सकते हो! आप सोचते ह िक आप यह काम कर सकते ह तो आप उसे कर सकते ह। मसु ीबत के समय भी सकारा मक सोच बनाए रख। यान
लगाने और संगीत सनु ने से भी बहत मदद िमलती है।
ाथना और यान
जब आप यान या ाथना करते ह तो आपके िदमाग क गितिविधयां सामने के दाएं िह से (यह िह सा तनाव के िलए िज़ मेदार होता है) से शांत बाएं िह से
क तरफ चली जाती ह। आराम क इस अव था से आपक सांस क गित धीमी हो जाती है। जब आपक सांस क गित ित िमनट छह पर आ जाए तो
इसका मतलब है िक आपक सांस आपके िदल के साथ सा य हो गई ह और यह आपके कािडयोव कूलर िस टम के िलए बहत अ छा है। शारी रक फायदे
जैसे खनू के दबाव म कमी के साथ इसके मानिसक फायदे भी िमलते ह। इसम समझने क बेहतर मता, बढ़ती रचना मकता, िचतं ा और अवसाद म कमी,
बेहतर मरणशि और बढ़ी हई भावना मक ि थरता शािमल ह। िदन म कुछ समय ाथना के िलए िनकालने से आपक पढ़ने क मता म नाटक य सधु ार
आता है।
लेिकन इस बात को याद रख िक ाथना या यान पढ़ाई का िवक प नह हो सकता। मझु े इससे जड़ु ी एक मज़ेदार कहानी याद आ रही है।
एक यि को भगवान पर बहत िव ास था। एक िदन उसका घर बाढ़ के पानी से िघर जाता है। वह वह रहता है य िक उसे भरोसा था िक भगवान आकर
उसे बचा लगे। उसने पड़ोिसय , फायर ि गेड, नाव या हेिलकॉ टर िकसी क भी सहायता लेने से मना कर िदया। पानी बढ़ा और वह डूब कर मर गया। जब वह
भगवान से िमला तो उसने भगवान से िशकायत करते हए कहा िक उसे बचाने य नह आए। भगवान ने कहा, ‘म चार बार तु ह बचाने आया लेिकन तमु ने
इक
ं ार कर िदया।’ इससे िमलती जल
ु ती एक कहावत है—भगवान उन लोग क ही मदद करते ह जो अपनी मदद वयं करते ह।
खड़े रह
जब आप खड़े रहते ह तो आपके िदमाग को 18 ितशत ऑ सीजन यादा िमलती है। य िक खड़े रहने से िदमाग म खनू का वाह बढ़ जाता है। म बहत से
छा को जानता हं जो खड़े रहकर या घमू -घमू कर पढ़ाई करते ह।
गहरी सांस ल
िदमाग का वज़न आपके शरीर के वज़न का के वल 2 ितशत होता है लेिकन यह 20 ितशत ऑ सीजन का इ तेमाल करता है। यादा ऑ सीजन से सीखने
क ि या भी तेज़ होती है। इसिलए पढ़ाई के दौरान बीच म ककर कुछ देर के िलए गहरी सांस ल।
अिधकतर लोग यह गलती करते ह िक वे बहत तेज़-तेज़ सांस लेते ह। इसका मतलब है िक वे जो सांस ले रहे ह वह िदखावटी है। एक िमनट म 20 बार सांस
लेने का मतलब है िक आप अपने फे फड़ क मता का 16 ितशत ही इ तेमाल कर रहे ह। इसका या उपाय है?
सरल सा उपाय है। गित धीमी कर। पढ़ाई के दौरान कुछ देर के िलए िव ाम ल और उस समय ित िमनट छह से सात बार सांस लेने क कोिशश कर। आपको
महससू होगा िक िदमाग म ऑ सीजन क मा ा बढ़ने से आपक एका ता बढ़ गई है।
उ साह बनाए रखने के िलए खुद को बहलाएं
माक ट्वेन क िकताब द एडवचर ऑफ टॉम सॉयर म टॉम क चाची उसे घर क बाड़ पर रंग करने क सज़ा देती ह। लेिकन टॉम ने ऐसे िदखाया िक बाड़ रज
का काम बहत मज़े का काम है और वो अपने दो त को इसे रंगने का एक अनोखा अवसर दे रहा है, िजसके चलते वो उसे पैसे देने को तैयार हो गए। मतलब
यही है िक हर हालत म आपको सकारा मकता बनाए रखनी है।
इस िकताब के सह-लेखक, अशिवन ् सांघी को काशक से सतािलस बार ना सनु नी पड़ी। मने एक बार उनसे पछ ू ा िक इतना होने पर भी वे सकारा मक कै से
बने रहे। उ ह ने कहा िक मने एक काग़ज़ पर िलख िलया िक जे.के .रोिलंग, टीफन िकंग और जॉन ि शम जैसे महान लेखक को िकतनी बार ठुकराया गया
था। इसिलए खदु के ठुकराए जाने का उ ह बरु ा नह लगता था। बरु ी से बरु ी प रि थित म भी सकारा मक बने रहने के िलए खदु को बहलाने का यह उनका
तरीका था। अमे रका म ऑटो जगत के िद गज हेनरी फोड ने एक बार कहा था, ‘चाहे आप सोच िक आप कर सकते ह या आप सोच िक आप नह कर
सकते, आप दोन बात म सही ह।’ उनके कहने का मतलब था िक सकारा मक सोच रखने से काम भी सकारा मक िदशा म आगे बढ़गे और इसका उ टा भी
उतना ही सही होगा।
या आपने रोनडा बन का द सी े ट पढ़ा है? िकताब का मलू िवषय यही है िक सकारा मक सोच से जीवन म बदलाव लाया जा सकता है। सकारा मकता,
जोिक अ छे अक ं लाने के िलए ज़ री है, प रि थितय से नह बि क आपके भीतर से ही आती है। यह सब सोच पर िनभर करता है। आपक अतं ः ावी
ंिथयां आपक सकारा मक सोच के िहसाब से ही काम करने लगती ह। छा अ सर पछ ू ते ह िक ये सब बात तो ठीक ह लेिकन परी ा म कम अकं आने पर
सकारा मक कै से रहा जाए? इसका उ र बहत आसान है। अपने परु ाने प और रपोट काड को देख। आपको उनम कुछ अ छे अक ं भी िदखाई दगे। उ ह
अपनी पढ़ने क मेज़ के सामने लगा ल और खदु पर भरोसा कर िक भिव य म सभी िवषय म अ छे अक ं ा ह गे। कम अक ं को एक चनु ौती क तरह ल!
आगे बढ़ने से पहले…
तनाव से पढ़ाई पर बरु ा असर पड़ता है इसिलए तनाव से दरू रह। अ छी पढ़ाई और तरोताज़ा रहने के िलए पया न द लेना बहत ज़ री है। पया न द से
मरण शि भी तेज़ होती है। दो त और प रवार वाल से अ छे संबंध भी पढ़ाई के िलए बहत ज़ री ह। यायाम से िदमाग म ऑ सीजन क आपिू त
बढ़ती है और सीखने क ि या बेहतर होती है। पोषक खाना खाए।ं पढ़ाई के िलए सबसे अ छे समय को पहचान कर उस समय पर पढ़ाई कर। प रवार
को भरोसे म लेकर उनसे सकारा मक होने के िलए कह। अगर हो सके तो तो थोड़ा समय यान के िलए िनकाल। माना गया है िक यान से गामा िकरण
िनकलती ह जो पढ़ाई म सहायता करती ह। गहरी सांस लेना और खड़े रहकर पढ़ना भी अ छा होता है। अतं म, हर व खदु का उ साह बढ़ाते रह।
बारहवां क़दम: परी ा क रणनीित

अब इस िकताब के सार क तरफ बढ़ रहे ह। आपने पढ़ने, समझने, याद करने और तैयारी करने म बहत िदन लगाए ह और अब परी ाएं आने वाली ह। या
परी ाओ ं क तैयारी का कोई दसू री तरीका भी है (पढ़ाई के साथ-साथ)? िब कुल है...
प का पैटन
कोिचगं सटर िपछले वष के प का िव े षण करते ह, मॉडल पेपर तैयार करते ह और मॉक टे ट लेते ह। िपछले तीन-चार साल के प का िव े षण
करना ठीक रहता है। लेिकन िपछले प को देखने से पहले प का कर ल िक पाठ्य म म िकसी तरह का बदलाव नह हआ है। अब प के पैटन
और पाठ्य म के बीच सबं ंध को पता करना है। कुछ बार-बार पछ ू े जाते ह इसिलए उनके भिव य म िफर से पछ ू े जाने क सभं ावना होती है। पाठ्य म के
कुछ िह से ऐसे होते ह िजनसे हमेशा कम अकं के या लघु उ र ही पछ ू े जाते ह। आप इसके िहसाब से तैयारी कर सकते ह। इस िव े षण के आधार पर
संभािवत प या मॉडल पेपर बनाया जाता है। ये मॉडल पेपर वा तिवक प जैसे ही होते ह। ये मॉडल प िकताब क दक ु ान या बेवसाइट पर
िमल जाते ह। लेिकन इस बात का यान रख िक िति त काशक या कोिचगं सटर के प का ही इ तेमाल कर। इस बात का यान रख िक इन मॉडल
प पर परू ी तरह से िनभर ना रह ऐसा भी हो सकता है िक परी ा म परू ी तरह दसू रे पछ ू िलए जाए।ं
िश क समी ा
अगर अ यापक परी ा से पहले परू े पाठ्य म क समी ा करके कुछ खास बात बताएं तो उनके नोट्स ज़ र बनाए।ं बहत सभं ावना है िक उसम से कुछ
परी ा म भी आ जाए।
परी ा के समय या कर
1. ाथना तैयारी का िवक प नह है। तैयारी करते रह। साथ ही मॉक टे ट भी देते रह इससे परी ा का डर िनकल जाता है। गिणत, या िनबंध जैसे क
यादा तैयारी कर।
2. कुछ छा परू े साल तो पढ़ाई करते ह लेिकन परी ा के पहले िदन ठीक से पढ़ाई नह करते। यह अ छी बात नह है। यह बात सही है िक अगर आपने परू े
साल सही से पढ़ाई क है तो आपको 90% िह सा याद रहेगा और परी ा म अक ं भी बिढ़या आएगं े। लेिकन यह भी सही है िक परी ा के िदन ह क
घबराहट म आपका यान भगं भी हो सकता है।
3. इस बात को प का कर ल िक आप अगले पेपर क ही तैयारी कर रहे ह। म कई बार देख चक
ु ा हं िक परी ा से पहले छा गलत िवषय क तैयारी कर रहे
होते ह।
4. परी ा से पहले पया आराम कर और तरोताज़ा होकर परी ा देने जाए।ं परी ा से ठीक पहले ऐसी चीज़ ना पढ़ िज ह आपने पहले नह पढ़ा है। परी ा से
तीस िमनट पहले पढ़ना बंद कर द।
5. परी ा के दौरान िकसी छा से बात करने से बच। परी ा के समय अिधकतर छा तनाव म होत ह ऐसे म उनके तनाव का असर आप पर भी हो सकता है।
6. यान रख क परी ा का वेश प , िलखने का सामान, पेन, पीने का पानी और दसू री ज़ री चीज़ अपने साथ लेकर जाए।ं परी ा क म िकसी तरह का
िलखा हआ काग़ज़ लेकर ना जाय।
7. इस बात को प का कर िक सही समय पर सही परी ा क पर पहचं । अगर पहली बार जा रहे ह तो पहले से जाकर परी ा क क जगह को देख ल। समय
से परी ा क के िलए िनकल िजससे रा ते म िकसी तरह क परे शानी होने पर भी समय से पहचं सक।
8. आरामदायक कपड़े पहन और जतू े पहने। परे शान करने वाले कपड़ या जतू से आपका यान भगं हो सकता है।
9. परी ा से पहले यादा ना खाए।ं लेिकन भख
ू े पेट भी ना जाए।ं पानी क ज़ रत हो तो पी कर ही जाए।ं
10. परी ा क म पहचं कर अपनी सीट पर आराम से बैठ और गहरी सांस लेकर खदु को सामा य कर, इससे आपका िदमाग भी शांत होगा।
11. हड़बड़ाहट म उ र देना शु ना कर। कुछ गहरी सांस ल, ज़ रत हो तो छोटी सी ाथना कर ल और िफर आराम से प को पढ़। उसके बाद िनणय ल
िक कौन से हल करने ह और िकस म म करने ह। साथ ही हर के िलए उ र देने का समय भी तय कर ल। अगर आपने पहले इसी तरह के
समय को यान म रखकर मॉक टे ट से तैयारी क होगी तो आपको घबराहट नह होगी। बाद म सभी उ र को एक बार देखने के िलए भी समय बचा
कर रख। सभी िनदश को यान से पढ़ और परी क क बात सनु । यादा अक ं वाले के िलए यादा समय रख।
12. आपके प म िदए म के अनसु ार ही को हल करने क ज़ रत नह है। सबसे पहले उन को हल कर िजनके बारे म आपको परू ा भरोसा है
िक आप उसका उ र जानते ह। दसू रा तरीका है िक लघु उ र वाले को पहले करके उन अकं को प का कर िलया जाए।
13. गणना करने के िलए अलग से एक रफ काग़ज़ या उ रपिु तका के एक प ने का इ तेमाल कर। अगर आपको कुछ सू याद ह और आपको लगता है िक
उ ह भल
ू सकते ह तो उ ह प ने पर पहले ही िलख ल।
14. उ र पिु तका पर सही रोल नंबर िलखने का यान रख (मने छा को इसम गलती करते देखा है) और उ र पिु तका के िकनारे छोड़ कर िलख िजससे
जांच करने वाले को अकं देने क जगह रहे। इस बात का भी यान रख िक प म का जो नंबर िदया गया है उसके उ र के सामने वही नंबर
िलख।
15. सफाई से िलखने क कोिशश कर और उन रंग क याही या हाईलाइटस का इ तेमाल ना कर िजनक अनमु ित नह है।
16. अगर आपने अित र उ र पिु तका ली है तो उ ह सही म से लगाए।ं िकसी का जवाब अगर मु य पिु तका के साथ अित र उ र पिु तका म
भी है तो उ ह म से लगाने का यान ज़ र रख। जमा करने से पहले िगन ल िक िकतनी उ र पिु तका ली ह और उनक सं या को िनधा रत जगह पर
ज़ र िलख द।
17. दो उ र के बीच यादा जगह ना छोड़। इस तरह क खाली जगह को परी ा के आिखर म ठीक कर द िजससे परी क को िकसी तरह क परे शानी ना हो।
18. प हल करने के बाद गहरी सांस ल और इसे सही से दोहरा ल। अपना रोल नंबर जांच ल। यान द िक आपने सभी हल िकए ह या नह । कोई
उ र परू ा नह लगता है तो उसे परू ा कर द। आिखर म सभी के उ र को यान से पढ़ और िकसी तरह के सधु ार क ज़ रत हो तो उसे कर द।
ु भरी कहानी है: हाई कूल क परी ा
19. आिखर म िन कष या उ र को सफाई से िलख, हो सके तो उसके नीचे सफाई से एक लाइन ख च द। (मेरी एक दख
म गिणत म मझु े 200 म से 199 िमले थे य िक एक मेय को हल करने के बाद ‘Q.E.D.’ िलखना भल ू गया था। हालांिक मझु े पता है आजकल
‘Q.E.D.’ क जगह ‘Thus proved’ िलखा जाता है।)
20. वतनी क गलितय और गलत वा य िव यास से बच।
21. उ र क शु आत म हमेशा िलख िक आप उस उ र म या िस करने जा रहे ह। इससे परी क को पता चल जाएगा िक आपको समझ म आ गया
है।
22. बह िवक प वाले म साफ तौर से गलत लग रहे उ र को तरु ं त हटा द और बािक बचे िवक प म से सही उ र तलाश कर।
23. परी ा के समय िकसी शॉटकट या अलग तरीके का इ तेमाल ना कर, गिणत म इसका खास याल रख। को पढ़ और क ा म िसखाए गए तरीके के
अनसु ार हल कर। य ? य िक अगर आिखर म आपका उ र गलत भी हो िफर भी हर टेप पर आपको नंबर िमल जाएगं े। (आप रफ काग़ज़ पर वैिदक
गिणत जैसे तरीक का इ तेमाल कर सकते ह।)
24. एक अ छे पेन का इ तेमाल कर और साफ-साफ िलख। ज़ री िह स के नीचे रे खा ख च, बल
ु ेट पॉइटं बनाए,ं सचू ी के आगे नंबर लगाए,ं िनबंध शैली के
उ र को तावना-मु य िह से-उपसंहार म बांट और गिणत के को मवार हल कर।
25. गिणत के हल करते समय आखरी उ र के नीचे रे खा ख चना ना भल ू । मेय के आिखर म Q.E.D. ज़ र िलख, िनबंध के के आिखर म िन कष
िलख, उ र ख म होने पर उसके नीचे रे खा ख च द, डाय ाम, लोचाट, न श और ाफ को सफाई से बनाए।ं इनसे आपका उ र गलत होने पर भी
आपको कुछ अकं िमल सकते ह।
26. हर िह से के िलए िजतनी ज़ रत हो उतने ही को हल कर। अगर िकसी का उ र नह पता है तो उस पर समय खराब ना कर और आगे के
को हल कर।
27. अगर उ र म िकसी तरह के बदलाव करने ह तो यान रख िक ये सब सफाई से कर। परु ाने को काट कर दोबारा से हल करना यादा अ छा रहता है।
28. दसू रे या कर रहे ह या िकस को हल कर रहे ह इस पर यान ना द। आपका परू ा यान प हल करने पर होना चािहए।
29. रफ काम एक अलग उ र पिु तका पर कर और उस पर साफ-साफ िलख द िक यह रफ काम है। अगर िकसी को हल करते समय िकसी दसू रे का
उ र याद आ जाए तो उसे रफ काग़ज़ पर िलख ल। बाद म िलखते समय यह काम आएगा।
30. अगर समय से पहले काम परू ा हो जाए तो परी ा क से बाहर िनकलने क हड़बड़ी ना कर। बचे समय म उ र को एक बार िफर से जांच ल।
31. खदु को उ र पिु तका जांचने वाले अ यापक क जगह रख कर सोच। उसे शायद िदन म एक सौ से यादा उ र पिु तकाएं जांचनी ह गी और वह भी
अपना रोजाना का पढ़ाने का काम करते हए। इसिलए ज़ री है िक आपके उ र बहत साफ िलखाई म हो िजससे उ ह समझने म परे शानी ना हो।
32. अगर जांचने और अकं देने के बाद आपको उ र पिु तका देखने के िलए वापस िमलती है तो यान से देख िक आपने या गलितयां क । कोिशश कर िक
आगे से ऐसी कोई गलती ना हो।
मझु े परू ा िव ास है िक इस िकताब क बात और िनदश का पालने करने पर छा परी ाओ ं म अ छे अक
ं हािसल कर सकते ह।

समा करने से पहले...


परी ा से पहले यादा से यादा मॉडल पेपर हल करने क कोिशश कर। इससे परी ा के िदन आप आ मिव ास से भरे ह गे। परी ा से जड़ु ी जो बात इस
िकताब म बताई गई ह उन पर यान द और सफलता आपके सामने होगी।
तेरहवां क़दम: अंक से आगे

माक ट्वेन क एक िस उि है, ‘मने अपने कूल को कभी अपनी पढ़ाई म ह त ेप नह करने िदया।’ ये सनु ने म अजीब लगता है लेिकन माक ट्वेन क
बात म दम था। परी ा म अ वल आने क दौड़ म फंसना आसान है और उस दौड़ म हम भल ू जाते ह िक िश ा का असली उ े य खश
ु और जीवन को
उपयोगी बनाना है। एक ज़माने म िश ा पाना पहला उ े य होता था और अक ं हािसल करना उसका परू क। लेिकन आज क िश ा यव था म अक
ं पाना
पहला उ े य बन गया है और िश ा उसक परू क बन गई है। यह दभु ा यपणू है।
चिलए कुछ दाशिनक बात करते ह। अपनी मह वाका ांओ ं को यथाथवादी बनाए रखने के िलए हम वयं क और दसू र क किमय को भी वीकार करना
होगा। बहत यादा ित पधा या अपने ब च , अपने छा या वयं से बहत यादा अपे ा करना नक ु सानदायक हो सकता है। चीन के िकसी रटने पर ज़ोर देने
वाले कूल और कोटा म आईआईटी वेश परी ा क तैयार के िलए आने वाले छा म आ मह या करने क ऊंची दर को देख। हर कोई परी ा म 100 नंबर
या िकसी ओलि पक म वण पदक नह ला सकता। बेहतर बनने क कोिशश करते रह लेिकन उसके पीछे अपनी मन क शांित और वा य पर असर मत
डाल।
या आपने कभी वाबी-साबी के बारे म सनु ा है? यह एक जापानी श द है जो जीवन क न रता और किमय को वीकार करने से जड़ु ा है। यह िवचार बौ
धम के जीवन के तीन िच (अ थािय व, पीड़ा और शू यता) से उपजा है। यह कहता है िक संदु रता अ थायी, अपणू और दोषयु हो सकती है। वाबी-साबी
के ल ण म असमिमित, अशांित, कठोरता, अिनयिमतता, सादगी, अथ यव था और तप या जैसे त व शािमल ह।
तो आप आ य कर रहे ह गे, ‘अ छे अक ं का वाबी-साबी से या लेना देना है?’ तो, स चाई यह है िक येक यि क ा का अ वल छा या क ा
ितिनिध नह बन सकता। अपनी परू ी कोिशश कर लेिकन अपने शारी रक और मानिसक वा य क क मत पर इसे हािसल करने क कोिशश ना कर। उ च
िश ा के िलए अपना िवषय चनु और अपनी मताओ ं और पसंद के आधार पर कै रयर का चनु ाव कर। अपने कै रयर म सबसे बेहतर करने क कोिशश कर।
एक दीवार पर रंग-रोगन करने म मािहर यि िकसी अ म इजं ीिनयर के मक ु ाबले यादा खश ु और सफल होगा। माइ ोसॉ ट के सं थापक िबल गेट्स ने
सही कहा, ‘दिु नया म िकसी के साथ खदु क तल
ु ना ना कर... अगर आप ऐसा करते ह तो आप खदु का ही अपमान करते ह।’
भारत क एक िस कथा है िक एक यि रोज़ घड़ म कुएं से पानी भरकर अपने खेत म ले जाता था। एक डंडे के दोन िकनारे पर घड़ को लटकाकर वह
डंडा अपने कंधे पर रख लेता था। परु ाने घड़े म कुछ दरार आ गई थ इसिलए जब तक वह आदमी घर पहचं ता घड़ा आधा खाली हो जाता था। दसू रा घड़ा परू ा
भरा रहता था। वह घड़ा दरार वाले घड़े का मज़ाक़ बनाता था।
टूटे घड़े ने सही काम नह करने के कारण एक िदन उस यि से माफ मांगी। उस यि ने हसं कर उ र िदया, ‘जब हम लौटते ह तो उस रा ते को देखना
िजससे हम वापस आते ह।’
उस घड़े ने देखा क रा ते के उस िकनारे पर बहत से फूल के पौधे िखले हए ह िजस िकनारे पर उससे रसने वाला पानी िगरता था। िफर यि ने समझाया,
‘मझु े तु हारी दरार के बारे म पता था लेिकन मने तु ह फकने क बजाय उसका फायदा उठाने का िनणय िलया। तमु से रसे पानी ने िकतने सारे फूल , सि ज़य
और फल के पेड़ को उगा िदया है।’
अपणू ता कभी-कभी पणू ता से बेहतर हो सकती है। िजसे कोई अपनी कमज़ोरी मानता है, सही से इ तेमाल करने पर वही उसक ताकत बन सकती है। खदु क
दसू र के साथ तल
ु ना करना बंद कर द।
असाधारण संगीतकार और बीट स के सद य जॉन लेनन ने कहा था, ‘जब म पांच वष का था तो मेरी मां हमेशा कहती थी िक खश
ु ी जीवन का मल
ू मं है।
जब म कूल गया तो वहां मझु से पछ
ू ा िक म बड़ा होकर या बनना चाहता ह।ं मने िलखा ‘खश
ु रहना’।
‘उ ह ने कहा िक मझु े समझ नह आया, और मने उ ह कहा िक उ ह जीवन समझ नह आया।’
कृ या इस बारे म सोच।
चौदहवां

जो लोग 13 टेप टू लडी गडु लक या 13 टेप टू लडी गडु वै थ पढ़ चकु े ह उ ह याद होगा िक इस ख
ंृ ला म हम एक खास बात करते ह: आिखर म एक
बोनस अ याय जोड़ते ह। यह एक िमठाई क तरह होता है। िकताब से सभी तेरह अ याय पढ़ने का एक ईनाम होता है।
यहां हमने आपके िलए कुछ अलग िकया है। हमने इस िकताब के सभी तेरह अ याय को एक माइडं मैप म बदल िदया है। ( टेप 6 याद है : मरण शि को
बढ़ाए?ं )
इस िकताब को परू ा पढ़ने के बाद आपको बस माइडं मैप क ज़ रत है िजसे आप समय-समय पर पढ़ते रह। इससे िकताब के मु य िबंदु आपको याद रहगे
और आपक पढ़ाई म सहायक ह गे।
सदं भ ंथ

(अिधक जानकारी के िलए भी इ ह पढ़ा जा सकता है)


1. 13 टे स टू लडी गडु लक – अशिवन
् सांघी
2. 14 डेज़ टू ए ज़ाम स सेस – लिु संडा बे कर
3. 251 टडी सी े ट्स – बी. के . नारायण एडं ीित नारायण
4. ने टॉम: ई पवार एडं परपस ऑफ थे टीनेज ने : डेिनअल जे. सीगल एम. डी.
5. हाउ टू अचीव 100% इन ए जीसीएसई – गाइड टू जीसीएसई ए ज़ामएडं रवीज़न टे नीक – रॉबट लेक
6. हाउ टू िबकम ए ेट – ए टूडट: ई अनक वशनल ैटेजीज़ रयल कॉलेज टूडट्स यज़ू टू कोर हाई हाइल टड ग लेस – काल यपू ोट
7. हाउ टू गेट ए फ ट: इसं ाइट्स एडं एडवाइस ॉम ए फ ट- लास ेजएु ट - माइकल तेफुला
8. आई हेट रिवज़न: टडी ि क स एडं रिवज़न टे नी स फॉर जीसीएसई, ए-लेवल एडं अडं र ेजएु ट ए ज़ा स – रॉबट लेक
9. इ नाईट माइडं ् स – डॉ. ए. पी. जे. अ दल
ु कलाम
10. रे डी, टडी, गो! – खरु शेद बाटलीवाला एडं िदनेश गोखले
11. िस स सी े ट्स माट टूडट्स ड ट टेल यू – चदं न देशमख

12. पीड रीिडंग: हाउ तो डबल (ऑर ि पल) यौर रीिडंग पीड एडं बीकम एन ई एि टव लनर – ऑिलवर ओ सन
13. टडी ि क स एसिशय स: ऑ सफ़ोड ेजएु ट्स रवील देयर टडी टैि टस, ए से सी े ट्स एडं ए ज़ाम एडवाइस – पैि क मैकमरु
14. टडी माटर, नॉट हाडर – के िवन पॉल
15. सपु र ने : अनलीिशगं द ए स लोिसव पावर ऑफ यौर माइडं टू मेि समाइज़ हे थ, है पीनेस एडं ि चअ
ु ल वेल-ब ग – डॉ फ ई. ता ज़ी एडं दीपक
चोपड़ा
16. द आट ऑफ टडी – डॉ. िवजय अ वाल
17. द मेमोरी बक
ु – हैरी लोरा ने एडं जेरी यक
ू स
18. द पवार ऑफ फोकस – जैक कै नफ ड एडं अदस
19. द टडी ि क स बक
ु – कै थलीन मकिमलन
20. द टडी ि कल हडबक
ु – टेला कॉ ेल
21. यज़ू यौर हेड – टोनी बज़ु ान
22. हाट माट टूडट्स नो: मैि समम ेड्स. ऑपिटमम लिनग. िमिनमम टाइम – एडम रॉिबंसन
23. वड अप! – मिसया रीफ़र ज टन

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