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दिनचर्या हमयरी लॉकडयउन के समर् की #कोविड-19

सोचा नह ीं था कभी कक एक दिन एक विलेन की कहानी इस तरह से िर्ाानी पडेगी। आज


मानिता के ललए जो सबसे बडा विलेन है िो है कोरोना िायरस (कोविड-19)। कोरोना की कहानी
कोई नई नह ीं है । इस खानिान के बबगडैल िायरसों ने पहले भी कई बार मानि सभ्यता पर
हमला ककया है , लेककन हर बार इींसानी जज्बे ने उस पर जीत हालसल की है । मगर हर पराजय
के बाि िायरसों ने पहले से ज्यािा र्क्तत हालसल कर इींसानों पर हमला ककया है । एक बार
किर इस िींर् के कोविड-19 ने पूर िनु नया में तबाह मचा रखी है ।

हमारे भारत में माननीय प्रधानमींत्री श्री नरें द्र मोि जी ने िे र्दहत में 22 माचा (01 दिन) को जनता
कर्फ़यूा (लॉकडाउन); तत्पश्चात 25 माचा से 14 अप्रैल (21 दिन) का लॉकडाउन(1.0); पन
ु ः 15 अप्रैल
से 03 मई (19 दिन) का लॉकडाउन(2.0) का एलान अबतक िे र्भर में ककया है । इस लॉकडाउन का
मकसि कोरोना के सींक्रमण को िैलने से रोकना है । इस िरम्यान लोगों को घरों में रहने को
कहा गया है ।

(Source-Google)

लॉकडाउन िह क्थथनत है जब लोगों को उनके ह सीलमत इलाके में कैि कर दिया जाता है ।
िाथति में इसमें आम लोगों को बाहर जाने से रोक दिया जाता है । लॉकडाउन का मतलब यह
है कक आप जहाीं पर हैं, िह ीं रहें । लॉकडाउन में व्यक्तत-विर्ेष को ककसी बबक््डींग, इलाके, या
राज्य, िे र् तक सीलमत ककया जा सकता है । यह एक इमरजेंसी व्यिथथा है जो महामार या
ककसी प्राकृनतक आपिा के ितत ककसी इलाके में लागू होती है । लॉकडाउन की क्थथनत में लोगों
को घरों से ननकलने की अनुमनत नह ीं होती है , उन्हें लसिा ििा या खाने-पीने की जरूर चीजों
के ललए घर से बाहर ननकलने की इजाजत लमलती है । ककसी इलाके में लॉकडाउन के िौरान
सामान्य तौर पर जरूर चीजों की आपूनता प्रभावित नह ीं होती है । इसमें रार्न, मेडडकल से जुडी
चीजें, बैंक, िध
ू आदि की िक
ु ान चलती रहती हैं। लॉकडाउन में गैर-जरूर गनतविधधयों को रोक
दिया जाता है । यात्रा पर रोक इसमें अहम है । यातायात के सािाजननक साधनों को लॉकडाउन
में बींि कर दिया जाता है । भारत में लॉकडाउन के िौरान ननजी कींपननयों को भी कमाचाररयों से
घर से काम कराने के ननिे र् दिए गए हैं। दिहाडी मजिरू ों को केंद्र और राज्य सरकार ने अपनी
तरि से आधथाक सहायता िे ने की बात की है । सरकार ने यह भी आिे र् दिया है कक कींपननयाीं
लॉकडाउन की अिधध की सैलर नह ीं काट सकतीीं। अगर लॉकडाउन की अिधध में कोई मेडडकल
इमरजेंसी होती है तो केंद्र और राज्य सरकार की आपातकाल क्थथनत के ललए मेडडकल सेिा
चालू रहती है । हर इलाके में हॉक्थपटल, िामेसी चालू रहती है , कोई व्यक्तत इलाज कराने या
ििा लेने सािधानीपूिक
ा घर से ननकल सकते हैं।

ककसी भी बीमार को िरू करने के ललए यूीं तो धचककत्सा की आिश्यकता होती है , लेककन इसके
ललए जीिन में सींयम भी बहुत हि तक कारगर साबबत होता है । कोरोना िायरस की रोकथाम
के ललए अभी तक जो भी बातें सामने आ रह हैं , उसके अनुसार सामाक्जक िरू रयाीं बनाना ह
इसे आगे बढ़ने से रोक सकती है । आज जब लसर पर मींडरा रहा यह िायरस हमार मौत बनकर
बाहर घम
ू रहा है , तब हम अपने घरों में कैि होने के ललए बाध्य हैं । आज िनु नया के लोग इस
िायरस से बचने के ललए अपने आपको तिारें टाइन कर रहे हैं। लेककन हम अध्ययन करें गे तो
पाएींगे कक हमार भारतीय सींथकृनत में तिारें टाइन की परम्परा आदिकाल से रह है । इसी कडी में
अब सभी को यह समझ में आने लगा है कक थिागत करने के ललए नमथकार करना विश्ि के
थिाथ्य के ललए दहतकर है । आज सभी को कोरोना का भय यह सब समझा रहा है। आज हमें
गिा होना चादहए कक परू ा विश्ि हमार सींथकृनत को सम्मान की दृक्टट से िे ख रहा है ।

मयनि व्र्िहयर और उनकी दिनचर्या: महामाररयों के इनतहास को िे खने से पता चलता है कक जब


कोई रोग िनु नया के बडे िलक पर िैलता है तो िह न केिल लोगों के रहन-सहन को परू
तरह बिल िे ता है , बक््क व्यापार, राजनीनत और अथाव्यिथथाओीं के सींचालन के तौर-तर कों पर
भी असर डालता है । इस लॉकडाउन में कोविड-19 नामक बीमार यानी कोरोना िायरस के
सींक्रमण से जो पहल चीज बिल है , िह सामान्य मानि व्यिहार और हमार दिनचयाा है । इस
समय सभी सरकार एिम ् गैर-सरकार कमाचार अपने िर्फ़तर का काया घर से ह इींटरनेट सेिा
के माध्यम से ननपटा रहे हैं । सभी विभागीय मीदटींग िीडडयो-कॉन्िरे क्न्सींग के ज़ररए सम्पन्न
कराई जा रह हैं। बच्चों के थकूल तलास िीडडयो-कॉन्िरे क्न्सींग के ज़ररए सींचाललत ककए जा रहे
हैं। घर के सभी सिथय ककचन कायों में एिम ् घर के िै ननक कायों में थोडा-बहुत योगिान िे कर
समय का सिप
ु योग कर रहे हैं। िह ीं िस
ू र ओर टे ल विज़न पर धालमाक धारािादहक पुनः प्रसाररत
ककए जा रहे हैं, क्जससे अच्छे आिर्ा, सींथकार, लर्क्षा, कताव्य, त्याग, क्षमा, तपथया, धमापरायणता
आदि अपनाए जाने की सीख लमल रह है । रामायण, महाभारत, श्री मिभगिद् महापुराण जैसी
महाकाव्य का पुनः प्रसारण टे ल विज़न पर दिखाए जाने से बच्चे िो सबकुछ थितः सीख रहें हैं
जो उन्हें आज के िौर में सीखना बहुत ज़रूर है । अलभभािकों के साथ-साथ बच्चे भी अब प्रकृनत
के प्रनत पहले की तुलना में ज़्यािा जागरूक होकर इसपर पररचचाा कर रहे हैं। अलभभािकों को
इस लॉकडाउन में लमले समय का सिप
ु योग कर बच्चों की दिनचयाा को ऐसे ढालना चादहए जो
जीिनभर उन्हें र्ार ररक और मानलसक रूप से थिथथ रख सके। उनकी दिनचयाा में व्यायाम,
योग, ध्यान, पढ़ाई, खेल से लेकर हॉबी तक को र्ालमल करना चादहए। अपने घर में बींि होने के
ख्याल से परे र्ान होना थिाभाविक है , लेककन इस समय लॉकडाउन एक जरूर किम है । यह
क्जतना मानि सभ्यता के ललए जरूर है , र्ायि उतना ह अपनी प्
ृ िी के ललए भी। प्रकृनत की
व्यिथथा में जो भी होता है , बहुत ह सुव्यिक्थथत तर के से होता है । यह समय है हम सबको
अपनी क्जम्मेिार दिखाने एिम ् ननभाने की। जैस-े जैसे प्
ृ िी की आयु बढ़ रह है , उसकी आींतररक
फ्रीतिेंसी भी बढ़ती जा रह है । मानिीय कक्रयाकलापों से जो र्ोर पैिा हो रहा है , िह इसके ललए
मुख्य रूप से क्जम्मेिार है । घर में बींि रहने से, रोज एक जैसी दिनचयाा से बोर होने से बचने
के ललए अपनी दिनचयाा में आिश्यक बिलाि एिम ् थोडी विविधता लाकर समय का सिप
ु योग
कर इसे साथाक बनाया जा सकता है । समय बबताने के ललए िाईिाई और इींटरनेट की लत के
आि न बनकर, िे र तक अपनी िाईिाई डडिाइस के सीधे सींपका में आने से बचना चादहए,
तयूींकी इसका रे डडएर्न हमारे थिाथ्य के ललए अच्छा नह ीं होता। इस समय र्ार ररक िकाआउट,
हे ्ि -डाइट और अच्छी नीींि लेना हमार सेहत के ललए बहुत जरूर है । सींसार के सारे काया-
व्यिहार आर्ाओीं पर ह चलते है , इसी के अनुरूप हमें अपना व्यिहार इस समय रखना है ।
अगर हम अपने व्यिहार में सींयम और क्थथरता दिखाएींगे, तभी इस महामार से ननजात लमल
सकेगी। उम्मीि की जानी चादहए कक ज्ि ह कोरोना की िैतसीन ईजाि कर ल जाएगी। तब
तक अपने घरों के िरिाजे बींि रखने में ह हमसब की भलाई है ।

मनीष कुमयर
सहयर्क प्रबंधक (फिशरीज)
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