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दिनचर्या हमारी लॉकडाउन के समय की
दिनचर्या हमारी लॉकडाउन के समय की
हमारे भारत में माननीय प्रधानमींत्री श्री नरें द्र मोि जी ने िे र्दहत में 22 माचा (01 दिन) को जनता
कर्फ़यूा (लॉकडाउन); तत्पश्चात 25 माचा से 14 अप्रैल (21 दिन) का लॉकडाउन(1.0); पन
ु ः 15 अप्रैल
से 03 मई (19 दिन) का लॉकडाउन(2.0) का एलान अबतक िे र्भर में ककया है । इस लॉकडाउन का
मकसि कोरोना के सींक्रमण को िैलने से रोकना है । इस िरम्यान लोगों को घरों में रहने को
कहा गया है ।
(Source-Google)
लॉकडाउन िह क्थथनत है जब लोगों को उनके ह सीलमत इलाके में कैि कर दिया जाता है ।
िाथति में इसमें आम लोगों को बाहर जाने से रोक दिया जाता है । लॉकडाउन का मतलब यह
है कक आप जहाीं पर हैं, िह ीं रहें । लॉकडाउन में व्यक्तत-विर्ेष को ककसी बबक््डींग, इलाके, या
राज्य, िे र् तक सीलमत ककया जा सकता है । यह एक इमरजेंसी व्यिथथा है जो महामार या
ककसी प्राकृनतक आपिा के ितत ककसी इलाके में लागू होती है । लॉकडाउन की क्थथनत में लोगों
को घरों से ननकलने की अनुमनत नह ीं होती है , उन्हें लसिा ििा या खाने-पीने की जरूर चीजों
के ललए घर से बाहर ननकलने की इजाजत लमलती है । ककसी इलाके में लॉकडाउन के िौरान
सामान्य तौर पर जरूर चीजों की आपूनता प्रभावित नह ीं होती है । इसमें रार्न, मेडडकल से जुडी
चीजें, बैंक, िध
ू आदि की िक
ु ान चलती रहती हैं। लॉकडाउन में गैर-जरूर गनतविधधयों को रोक
दिया जाता है । यात्रा पर रोक इसमें अहम है । यातायात के सािाजननक साधनों को लॉकडाउन
में बींि कर दिया जाता है । भारत में लॉकडाउन के िौरान ननजी कींपननयों को भी कमाचाररयों से
घर से काम कराने के ननिे र् दिए गए हैं। दिहाडी मजिरू ों को केंद्र और राज्य सरकार ने अपनी
तरि से आधथाक सहायता िे ने की बात की है । सरकार ने यह भी आिे र् दिया है कक कींपननयाीं
लॉकडाउन की अिधध की सैलर नह ीं काट सकतीीं। अगर लॉकडाउन की अिधध में कोई मेडडकल
इमरजेंसी होती है तो केंद्र और राज्य सरकार की आपातकाल क्थथनत के ललए मेडडकल सेिा
चालू रहती है । हर इलाके में हॉक्थपटल, िामेसी चालू रहती है , कोई व्यक्तत इलाज कराने या
ििा लेने सािधानीपूिक
ा घर से ननकल सकते हैं।
ककसी भी बीमार को िरू करने के ललए यूीं तो धचककत्सा की आिश्यकता होती है , लेककन इसके
ललए जीिन में सींयम भी बहुत हि तक कारगर साबबत होता है । कोरोना िायरस की रोकथाम
के ललए अभी तक जो भी बातें सामने आ रह हैं , उसके अनुसार सामाक्जक िरू रयाीं बनाना ह
इसे आगे बढ़ने से रोक सकती है । आज जब लसर पर मींडरा रहा यह िायरस हमार मौत बनकर
बाहर घम
ू रहा है , तब हम अपने घरों में कैि होने के ललए बाध्य हैं । आज िनु नया के लोग इस
िायरस से बचने के ललए अपने आपको तिारें टाइन कर रहे हैं। लेककन हम अध्ययन करें गे तो
पाएींगे कक हमार भारतीय सींथकृनत में तिारें टाइन की परम्परा आदिकाल से रह है । इसी कडी में
अब सभी को यह समझ में आने लगा है कक थिागत करने के ललए नमथकार करना विश्ि के
थिाथ्य के ललए दहतकर है । आज सभी को कोरोना का भय यह सब समझा रहा है। आज हमें
गिा होना चादहए कक परू ा विश्ि हमार सींथकृनत को सम्मान की दृक्टट से िे ख रहा है ।
मनीष कुमयर
सहयर्क प्रबंधक (फिशरीज)
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