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सूर्य ग्रहण

जेठ वद-अमास,ता 21-06-2020 रवववार, के ददन महाखतरनाक चूड़ामणण


नामक खंडग्रास कंकणवतृ त सूर्य ग्रहण भारत में ददखेगा,ममथुन राशी में होगा,
- प.प॰ू ज्र्ोततषाचार्य डो॰श्रीवव.हे मचंद्रसूरीश्वरजीम॰सा॰ 108
शंखेश्वरमहातीथय,
शहर सूर्य ग्रहण समर् सरु
ु अंत
मुंबई (महाराष्ट्र) सुबह 10-01-24 से दोपहर 01-29-00, तक,
अहमदाबाद (गज
ु रात) सुबह 10-03-47 से दोपहर 01-32-19, तक,
भुज (कच्छ) सुबह 09-58-26 से दोपहर 01-23-08, तक,
मद्रास (तममलनाडु) सुबह 10-22-08 से दोपहर 01-41-38, तक,
ददल्ही सुबह 10-20-02 से दोपहर 01-48-39, तक,
हुबली (कनायटक) सुबह 10-05-10 से दोपहर 01-28-52, तक,
इंदोर (म.प.) सुबह 10-10-31 से दोपहर 01-42-15, तक,
कोलकत्ता (प.बंगाल) सुबह 10-46-21 से दोपहर 02-17-21, तक,
बेंगलोर (कनायटक) सुबह 10-04-38 से दोपहर 01-21-54, तक,
पटना (बबहार) सुबह 10-37-04 से दोपहर 02-09-35, तक,
राजकोट (गज
ु रात) सुबह 90-59-36 से दोपहर 01-26-00, तक,
सूरत (गुजरात) सुबह 10-02-28 से दोपहर 01-31-03, तक,
उदर्पुर (राजस्थान) सुबह 10-07-38 से दोपहर 01-36-58, तक,
वाराणसी (उत्तरप्रदे श) सुबह 10-03-48 से दोपहर 02-04-06, तक,
धुमलर्ा (महाराष्ट्र) सुबह 10-06-36 से दोपहर 01-57-01, तक,
आकोला (महाराष्ट्र) सुबह 10-11-49 से दोपहर 01-43-47, तक,
ओरं गाबाद (महाराष्ट्र) सुबह 10-07-10 से दोपहर 01-37-24, तक,
नागपुर (महाराष्ट्र) सुबह 10-17-46 से दोपहर 01-51-00, तक,
पुणे (महाराष्ट्र) सुबह 10-02-53 से दोपहर 11-30-32, तक,
- प.पू॰ज्र्ोततषाचार्य डो॰श्रीवव.हे मचंद्रसूरीश्वरजीम॰सा॰ 108 शंखेश्वरमहातीथय,
मंत्र जाप - मेषराशी (अ.ल.इ.) वालोके मलए
{श्लोक} – || मंगलस्र् तनवासार्,सूर्ोच्च त्वकरार् च,
मेषार् पूवय संस्थार् नमः प्रथम राशर्े ||
(1) मंत्र – ॐ नमः मेषार् मम शान्तं तुनष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री वासुपूज्र्स्वामी मंगलार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो मसद्धाणं

मंत्र जाप – वष
ृ भ राशी (ब.व.उ.) वालोके मलए
{श्लोक} – || च्द्रो च्च करणे र्ाम्र्,ददमश स्थार्ी कवेग्रह
ृ म् ,
वष
ृ ः सवायणी पापानी शांततकेऽत्र तनक्रृ्ततु ||
(1) मंत्र – ॐ नमः वष
ृ ार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री सुववधधनाथार् शक्र
ु ार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो अररहं ताणं

मंत्र जाप – ममथुन राशी (क.छ.घ.) वालोके मलए


{श्लोक} – || शमश न्दन गहे र् राहूच्चत्वकरार् च,
पनश्चमाशानस्थतार्ास्तु ममथुनार् नमः सदा ||
(1) मंत्र – ॐ नमः ममथन
ु ार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पष्ट्ु टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री शान्तनाथार् बध
ु ार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो उवज्झार्ाणं

मंत्र जाप – ककय राशी (ड.ह.) वालोके मलए


{श्लोक} – || वाक् पतेरुच्चकरणं,शरणं तारकेमशतुः,
ककयटं धनदाशास्थं, पुज्र्ामो तनर्तरम ् ||
(1) मंत्र – ॐ नमः ककायर् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री चंद्रप्रभस्वामी चंद्रार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो अररहं ताणं
मंत्र जाप – मसंहराशी (म.ट.) वालोके मलए
{श्लोक} – || पद्ममनीपततसंवासः पव
ू ायशाकृत संश्रर्ः,
मसंहः समस्त दःु खातन, ववनाशर्तु धीमताम ् ||
(1) मंत्र – ॐ नमः सूर्ायर् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री पद्मप्रभस्वामी सूर्ायर् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो मसद्धाणं

मंत्र जाप – क्र्ा राशी (प.ठ.ण.) वालोके मलए


{श्लोक} – || बुधस्र् सदनं रम्र्ं, तस्र्ै वोच्चत्वकाररणी,
क्र्ा कृता्त ददग्वासा,समान्दं प्रर्च्छतु ||
(1) मंत्र – ॐ नमः क्र्ार्ै मम शान्तं तनु ष्ट्टं पष्ट्ु टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री शान्तनाथार् बध
ु ार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो उवज्झार्ाणं

मंत्र जाप – तल
ु ा राशी (र.त.) वालोके मलए
{श्लोक} – || र्ो दै त्र्ानां महा चार्ाय,स्तस्र्ावात्वमागतः,
शने रुच्च त्वदाताऽस्त,ु पनश्चमास्थ तुलाधरः ||
(1) मंत्र – ॐ नमः तुलार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री सुववधधनाथार् शक्र
ु ार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो अररहं ताणं

मंत्र जाप – वनृ श्चक कराशी (न.र्.) वालोके मलए


{श्लोक} – || भौमस्र् तु खलु क्षेत्रं,धनदाशाववभासकः,
वनृ श्चको दःु खसंघातं,शान्तकेऽत्र तनह्तु नः ||
(1) मंत्र – ॐ नमः वनृ चचकार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पष्ट्ु टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह
स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री वासुपूज्र्स्वामी मंगलार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो मसद्धाणं
मंत्र जाप – धन राशी (भ.घ.फ.ढ.) वालोके मलए
{श्लोक} – || सवय दे वगणा चर्यस्र्,सदनं पददातर्नः,
सुरे्द्रा शानस्थत ध्वी, धन वनृ धधं करोतु नः ||
(1) मंत्र – ॐ नमः ध्वीने मम शान्तं तुनष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री आददनाथार् गुरवे नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो आर्ररर्ाणं

मंत्र जाप – मकर राशी (ख.ज.) वालोके मलए


{श्लोक} – || तनवास – सूर्प
य ुत्रस्र्, भमू मपुत्रोच्चताकरः,
मकरो दक्षक्षणासंस्थः, संस्थामीततं ववह्तु नः ||
(1) मंत्र – ॐ नमः मकरार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पष्ट्ु टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री मुतनसुव्रतस्वामी शतनदे वार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो लोए सव्वसाहूणं

मंत्र जाप – कंु भ राशी (ग.स.श.ष.) वालोके मलए


{श्लोक} – || ग्रह शतेनर्स्थानं, पनश्चमान्ददार्कः
कंु भः करोतु तनदं भ,ं पुण्र्ारम्भं मनीवषणाम ् ||
(1) मंत्र – ॐ नमः कंु भार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री मुतनसुव्रतस्वामी शतनदे वार् नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो लोए सव्वसाहूणं

मंत्र जाप – मीन राशी (द.च.झ.थ.) वालोके मलए


{श्लोक} – || कवे रुच्चत्वदातारं क्षेत्रंसरु गरु ोरवप,
व्दामहे नध
ृ मायशा, पावनंम मीन मत्त
ु मम ् ||
(1) मंत्र – ॐ नमः मीनार् मम शान्तं तनु ष्ट्टं पुष्ट्टीं ऋधधीं वनृ धधं आरोग्र्ं दे दह दे दह स्वाहा
(2) मंत्र – ॐ ह्ीं श्री आददनाथार् गुरवे नमः
(3) मंत्र – ॐ ह्ीं नमो आर्ररर्ाणं

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