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Implication of Recent Trends in Agriculture
Implication of Recent Trends in Agriculture
परिचयः-
भारतीय पारंपरिक कृषि की अपेक्षा वर्तमान विश्व में कृषि में प्रचलित
आधनि ु क उपायों द्वारा विकसित देशों के किसान अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वैज्ञानिक
शोधों पर आधारित आणविक प्रजनन और प्राविधिकियों से वाणिज्यिक पशु पालन,
बागवानी कृषि, वक्षृ ारोपण कृषि, औषधिय पौध उत्पादन, कृषि वानिकी आदि के माध्यम
से कृषि में नई क्रातिं लाई जा सकती है। कृषि भमि ू के वह्ृ द स्तरीय वाणिज्यिकरण,
सामदु ायिक व अनबु ंध खेती आदि माध्यमों से कृषि क्षेत्र में लगे अतिरिक्त श्रम को खाद्य
प्रस्संकरण, भंडारण तथा सेवा कार्यों की तरफ हस्तांतरित लिया जा सकता है।
ू क्षमता का ह्रासः-
1)भमि
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि एक ही प्रकार की खेती करने से भमि ू
से उस फसल के लिए आवश्यक तत्वों की कमी हो जाती है। अधिकत्तर हरियाणा – पजं ाब
के क्षेत्र में हरित क्राति
ं के प्रथम दौर से ही गेहूँ और चावल का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा
है।
चित्र 1. रोहतक शहर का कृषिय प्रतिरूप
शेष
9%
नकदी फसलें
12%
खाद्यान
79%
उद्देश्यः-
1. फसलों का चयनः-
वर्तमान समय में कृषकों की आय में बढ़ोतरी तथा जनसंख्या की
आहार पौष्टिकता को ध्यान में रखकर खाद्यानों के साथ बागवानी फसलों, दालों तथा
वक्ष
ृ ारोपण फसलों को भी योजनाबद्ध तरीके से बढ़ावा देने की आवश्यकता है। विभिन्न
साख्यि
ं की आक ं ड़ों की मदद से निश्चित भौगोलिक क्षेत्रों कि लिए उत्तम फसलों का चयन
करना। शस्य क्षेत्र की अवस्थिति के आधार पर अधिकतम लाभ की फसलों को बीजना।
शहरों के अतिरिक्त सीमांत क्षेत्रों तक भी योजनाबद्ध तरीके से परिवहन साधन विकसित
करके उनसे भी अधिकारिक लाभ प्राप्त करना चाहिए। बागवानी तथा वक्ष ृ ारोपण कृषि से
प्रति ईकाई क्षेत्र से कृषक की आय बढ़ने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं क्योंकि
इसमें खाद्यान कृषि की अपेक्षा अधिक श्रम लगता है।
2. पशपु ालनः-
रोहतक क्षेत्र में वर्ष 2010-2011 के आकं ड़ों के अनसु ार प्रति हजार व्यक्ति 65 गाय, 296
भैंसे, 11 भेड़, 11 बकरियां और गधे, घोड़े या टट्टू मात्र 1 ही हैं। कृषक सिर्फ स्वयं उपभोग
के लिए ही पशपु ालन करते हैं किन्तु जिले में वाणिज्यिक पशपु ालन की अपार संभावनाएं
हैं। इसके अतिरिक्त जिले में मर्गी
ु पालन, भेड़ पालन, सअ ू र पालन तथा जलभराव के क्षेत्रों में
मछली पालन की संभावनाएं हैं। जिले की दरू ी राजधानी क्षेत्र से मात्र 78 कि.मी. होने से
इनका परिवहन भी कम खर्च पर किया जा सकता है।
शोध परिणामः-
भारत की दो-तिहाई जनसख्ं या कृषि तथा उससे सल ं ग्न कार्यों में लगी
हुई है किन्तु उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। यह शोध वर्तमान विश्व में प्रचलित
नवाचारों को भारतीय परिपेक्ष्य में स्थापित करने की कठिनाईयाँ ज्ञात करने तथा उनके
प्रबधं न के सझु ाव देने से सबं धि
ं त है।
यह शोध क्षेत्र की सम्पर्णू समस्याओ ं तथा विशिष्टताओ ं का धरातलीय
अध्ययन करके योजनाओ ं के कार्यन्वयन के लिए आधार प्रस्ततु करे गा।
शोध क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक उत्थान तथा उत्पादन बढ़ाने के
सदं र्भ में सहायता प्राप्त होगी।
सदं र्भ सच
ू ीः-
1. Economic Survey of Haryana 2019-2020.
2. Report on Diversification of Agricultural crops in Haryana by
CRRID.
3. District fact book Rohtak by Datanet India Pvt. Ltd.
4. Report on performance and Suitability of Growing crops in
Haryana by Dr. Ranphul.
5. Report on Haryana Agriculture and farmers welfare by ICFA.
6. Wikipedia.com
7. Agriculture Export of India by APEDA.
8. UN Report on Malnutrition’s among Children in India.
9. Agricultural Geography by Dr. Alka Gautam.