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02 EmptyLandTax 32pages RRP
02 EmptyLandTax 32pages RRP
Author’s note : Anyone can freely print , distribute & circulate this document without any modification.
Any kind of Modification in this doc is not Permissible - Rahul Chimanbhai Mehta & Pawan Kumar Sharma.
Copy left 2019, 1st Edition.
यह क़ानून अकायशील एवं अनुपयोगी जमीन को कर यो य बनाता है। इस क़ानून के गेजटे म छपने के बाद जीएसटी
र हो जाएगा और इसक जगह र भूिम कर लागू होगा। र भूिम कर क दर 1% सालाना होगी। इस कानून को
धानम ी धन िवधेयक के प म लोकसभा से पास कर सकते है, और इसे रा यसभा से अनुमित क ज रत नह है।
र भूिम कर के आने से आम नाग रको को या लाभ होगा, और यह कर णाली कै से छोटे-मझौले कारोबा रय को
अपना ापार करने म कस तरह सहायक होगी, इस बारे म िववरण भी इस पुि तका म दए गए है। #RRP02
य द आप जीएसटी र करके र भूिम कर लागू करना चाहते है कृ पया धानमं ी जी एक पो टकाड भेजे।
पो टकाड म यह िलखे : “ धानमं ी जी, कृ पया र भूिम कर क़ानून गेजेट म छाप- #EmptyLandTax ,
#CancelGst
2. इस क़ानून के आने के बाद माल बनाने, माल खरीदने, माल बेचने, टॉक रखने, ांसपोट करने आ द पर न तो
कोई टे स चुकाना होगा, और न ही कारोबारी को इसका िहसाब सरकार को देना होगा। करदाता साल म 1
बार िसफ र भूिम कर का रटन भरे गा। य द वह आयकर के दायरे म आता है, तो आयकर रटन उसे अलग
से भरना होगा। चुकाए गये आयकर को देय र भूिम कर म से घटा दया जाएगा।
5. सभी कार के ट, सोसाईटीयां, िसिमितयाँ, एनजीओ, यास, लब, राजनैितक पा टयाँ, धमाध संगठन,
अ पताल, कू ल, मं दर, मि जद, चच आ द सभी इकाइयां र भूिम कर के दायरे म होगी। य द इनके पास
अकायशील भूिम है, और इनका उपयोग नह कया जा रहा है तो ये कर यो य होगी। क तु य द कोई ट
आ द चाहे तो िजन सद य को वह सेवाए देता है ित सद य 500 सालाना क छू ट ा कर सकता है।
8. भारत म जमीन के बाजार मू य एवं स कल रे ट म बीच काफ अंतर होने के कारण जमीन के य-िव य म
बड़े पैमाने पर काले धन का इ तेमाल कया जाता है। इस क़ानून म ऐसे ावधान दए गए है िजससे स कल रे ट
एवं बाजार मू य के बीच अंतर नह रह जाएगा। इस िववरण के िलए कृ पया धारा (09) देख।
9. र भूिम कर क चोरी या कर अिधका रय एवं करदाताओ के बीच य द कसी भी कार का कोई िववाद या
मुकदमा दज होता है तो मामले क सुनवाई नाग रको क जूरी करे गी, जज नह । जूरी मंडल का चयन मतदाता
सूिचय म से रडमली कया जायेगा। येक मामले के िलए अलग से जूरी होगी, और फै सला देने के बाद जूरी
भंग हो जायेगी। इस तरह मुकदमे का फै सला ह ते दो ह ते म आ जाएगा, और कर अिधकारी एवं जज
कारोबा रय पर उ टे सीधे मुकदमे दज करके उ ह लटकाकर नह रख सकगे। कृ पया धारा (15) देख।
10. इस क़ानून के गेजेट म आने के 90 दन के भीतर भारत क सीमा म ि थत सम त भू- वािम व के िववरण
इं टरनेट पर पारदश प से सावजिनक कये जायगे। इसके अलावा सभी सरकारी कमचारी धारण क गयी
अपनी सम त संपि क घोषणा करगे िजसम जमीन, इमारत, लेट, सोना, क मती धातुए,ं शेयर, िडबचर,
ट िजनम वे जुड़े हए है, आ द शािमल है। यायाधीशो, शासिनक अिधका रय आ द को शािमल करते ए
सभी सरकारी कमचा रय के वेतन एवं उनके भू- वािम व के सभी यौरे इस तरह सावजिनक प से रखे
जायगे क कोई भी नाग रक इ ह पारदश ढंग से देख सके । कृ पया पाठक यान द क अपनी सम त संपि क
घोषणा िसफ सरकारी कमचा रय को करनी होगी, सभी नाग रको को नह । िववरण कृ पया धारा (08) म देख।
11. इस क़ानून के लागू होने के बाद येक नाग रक को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी। र भूिम कर का सं ह
करने वाला रा ीय र भूिम कर अिधकारी (National Empty Land Tax Officer = NELTO) इस पासबुक के
दायरे होगा, और नाग रक य द उसके काय से संतु नह है, या वे पाते है क, NELTO अपना काम ईमानदारी
से नह कर रहा है, तो नाग रक उसे िनकालकर कसी अ य ि को यह नौकरी देने के िलए अपनी वीकृ ित
दज करवा सकगे। इस ावधान के होने से NELTO नाग रको के िनय ण म रहेगा और ईमानदारी से काम
करे गा। नाग रको ारा वीकृ ित दज करने क या के िलए कृ पया धारा (12) एवं धारा (13) देख।
12. एक बार लागू होने के बाद य द धानमं ी या सांसद इस क़ानून म कोई प रवतन लाने के िलए कोई गेजेट
नो ट फके शन िनकालते है तो नाग रक इस प रवतन पर अपनी वीकृ ती या अ वीकृ ित दज कर सकगे। य द
नाग रको का ब मत तािवत बदलाव से असहमत है, तो अमुक ावधान इस क़ानून म जोड़े नह जा सकगे।
इसके अलावा कोई भी नाग रक इस क़ानून म कोई बदलाव चाहता है तो वह इस बारे म थानीय कले टर
कायालय म अपना शपथ प तुत कर सके गा। य द नाग रको का ब मत ऐसे शपथप को वीकृ त कर देता
है तो धानमं ी अमुक ावधान इस क़ानून म जोड़ सकते है । इस बारे म िववरण धारा (16) म देख।
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. अ ाय पेज सं
कै से DTSTP छोटे कारोबा रय के माल लागत बढ़ाकर उ ह GST म पंजीकृ त होने के िलए
बा य करे गा, और फर उ ह MTP क चपेट म लेकर बाजार से बाहर कर देगा ?
01 इस क़ानून के गेजेट म कािशत होने के साथ ही जीएसटी क़ानून र होगा, तथा नाग रको ारा धारण क गयी
अित र भूिम कर यो य होगी। सभी कार के भू-खंड एवं इमारत इस कानून के दायरे म आयगे। भू-खंड श द म सभी
कार क भूिम एवं लाट आ द शािमल है। इमारत म सभी कार के कायालय, बंगले, भवन, वेयरहाउस,
अपाटमे ट, औ ोिगक शेड, गोदाम और अ य सभी कार के िनमाण शािमल है। इस क़ानून म ोपट श द म सभी
कार के भू-खंड एवं इमारत शािमल है।
02 येक ि को 500 वग फु ट गैर-कृ िष भूिम, 1000 वग फु ट िनमाण और 2 एकड़ कृ िष भूिम रखने क छू ट होगी, ।
य द कसी ि के पास इस सीमा से अिधक भूिम एवं िनमाण का वािम व है तो धारा 3 म दी गयी कटौितयों को
घटाने के बाद इस अित र भूिम / िनमाण पर सालाना 1% क दर से कर देय होगा। धारा 4.2 म दए 10 शहरो म
गैर कृ िष भूिम क छू ट 250 वग फु ट एवं िनमाण के िलए छू ट 500 वग फु ट होगी।
03 िनचे दी गयी कटौितय के योग को सकल देय कर म से घटाने के बाद जो रािश आएगी वह वा तिवक देय कर होगा।
य द ये राशी ऋणा मक है तो करदाता इस टे स े िडट का इ तेमाल अगले वष भी कर सके गा। यह े िडट अगले 4
वष तक इ तेमाल कया जा सकता है।
(3.2) ा इस क़ानून के गेजेट म कािशत होने के बाद चुकायी गयी टा प ूटी पर करदाता को टे स
ू टी :
े िडट नह िमलेगा। टे स े िडट िसफ उस रािश पर िमलेगा जो इस क़ानून के लागू होने के पूव के 10 वष म
करदाता ारा चुकायी गयी है। रा य सरकार चाहे तो टा प ूटी र करके रा य तर पर र भूिम कर का क़ानून
लागू कर सकती है। य द रा य सरकार टा प ूटी जारी रखती है, तो इस क़ानून के गेजेट म कािशत होने के बाद
चुकायी गयी टा प ूटी पर करदाता को कटौती नह िमलेगी।
ीकरण : मान लीिजये कसी ट के 10 लाख अनुयायी है और अमुक ट को 7 लाख अनुयायी 1 अंक, 2 लाख
अनुयायी 2 अंक और 1 लाख अनुयायी 5 अंक ह तांत रत करते है। तब कु ल अ जत अंक ह गे = 7 लाख * 1 + 2 लाख
* 2 + 1 लाख * 5 = 16 लाख । अत: टे स े िडट 16 लाख * 100 ित अंक = 16 करोड़ होगा।
उदाहरण -1 : मान लीिजये एक 5 सद यीय प रवार के पास 1000 ायर फु ट का एक मकान है, तो 5 सद य के
िहसाब से उ ह 5*250 = 1250 वग फु ट क छू ट िमलेगी, अत: भवन के वामी को इस पर कोई टे स नह देना होगा।
क तु य द इस प रवार म िसफ 3 सद य है तो उनक छू ट क सीमा 250*3 = 750 वग फु ट होगी। इस तरह यहाँ
अित र भूिम 1000 – 750 = 250 वग फु ट ई। मान लीिजये क इस मकान का मू य य द 10,00,000 है तो देय
कर इस कार होगा ;
अब मान लीिजये क अमुक भू वामी एक वेतनभोगी कमचारी है और उसने िपछले वष 4,000 आयकर चुकाया है तो
बकाया देय कर म से 4,000 का 50% = 2,000 घटा दए जायगे। अत: शु देय कर 2,500-2000 = 500 होगा।
क तु य द भू- वामी वेतनभोगी कमचारी नह है तो उसे चुकाए गए आयकर क पूरी छू ट िमलेगी। इस ि थित म
गणना इस कार होगी : 2,500-4,000 = ( -1500 ) , यहाँ वा तिवक देय कर ऋणा मक है, अत: भू- वामी कोई कर
नह चुकाएगा, और ये 1500 अगले वष के िलए टे स े िडट बन जाएगा।
(i) अब मान लीिजये क इस प रवार के पास इस छू ट सीमा के ऊपर एक ऑ फस है, िजसक क मत 1 करोड़ है।
उसके पास 5 कमचा रय का टाफ है िज ह वेतन के प म 12 लाख का भुगतान कया गया है, व टाफ के िलए 1
लाख ोिवडट फ ड के चुकाये है। िबजली िबल पर उस वष म चुकाया कर 1 लाख था और मान लीिजये उसने
वयं क आय पर 3 लाख आयकर चुकाया है। तो र भूिम कर क गणना इस तरह होगी :
(ii) अब वा तिवक देय कर िनकालने के िलए सकल देय कर म से कटौितयां घटाई जायेगी। ऑ फस क क मत 1 करोड़
है, अत: सकल देय कर 1 लाख वा षक आ। अब वा तिवक देय कर : 1,00,000 - 4,75,000 = (-) 3,75,000 । चूं क
यह ऋणा मक है, अत: चुकाया जाने वाला कर शू य होगा और अगले वष के िलए टे स े िडट . 3,75,000 होगा।
उदाहरण -3 : मान लीिजये, एक ट के पास मुंबई म 4,000 एकड़ जमीन है, िजसका बाजार मू य 2,00,000 ित वग
फु ट है। अत: इस जमीन क क मत 3,20,000 करोड़ होगी, और टे स े िडट घटाने से पहले सकल देय कर इस रािश
का 1% यािन 3,200 करोड़ होगा।
(i) अब य द अमुक ट के कमचा रय के वेतन मामूली है, यह ट कोई उ लेखनीय गितिविधयाँ नह
करता है, और आयकर भी नग य चुकाता है, तो उसके टे स े िड स लगभग शू य हो सकते है। इस ि थित
म शु देय कर 3,200 करोड़ या इसके समान ही होगा।
उदाहरण - 4 :मान लीिजये, एक ि के पास 2000 वग फु ट भूिम है िजस पर उसने 4 लैट बनाए ए है। येक
लेट 1000 वग फु ट का है, और येक लैट क क मत 50 लाख है। इस तरह यहाँ लेट का कु ल िनमाण 4000 वग
फु ट आ। उसके प रवार म 4 सद य है तो ित सद य 250 वग फु ट भूिम और 500 वग फु ट िनमाण क उ ह छू ट
िमलेगी। और इस तरह कु ल छू ट 1000 वग फु ट भूिम और 2000 वग फु ट िनमाण क होगी। इस ि थित म इस
प रवार को 2 लैट के िलए र भूिम कर का सामना नह करना होगा। क तु शेष 2 लैट पर टे स आएगा, और
येक लेट को 50,000 ित लेट के िहसाब से कर का सामना करना होगा।
(i) अब मान लीिजये उसने 3 लैट कराये पर दे रखे है, और येक लैट का कराया 1,20,000 ित वष
है। अत: कु ल कराया आय = 3,60,000 ित वष ई। य द मािलक के पास अ य आय है जो उसे 20%
आयकर के दायरे म लाती है तो कराया आय पर आयकर 40,000 बनेगा। माना क येक करायेदार
40,000 वा षक िबजली खपत करता है, और वह उस पर 10,000 ित वष िबजली कर चुका रहा है।
(ii) ले कन य द मान लीिजये, उसके सभी लैट खाली है, तब उसे अपने दो लैटो के िलए 50,000 ित
लैट अथात कु ल 1,00,000 का र भूिम कर चुकाना पड़ेगा। क तु य द अमुक लैट मािलक को अ य
ोत से आय भी है, और य द वह इसका आयकर भी चुका रहा है, तब वह आयकर भी इस कर म से घटा
दया जायेगा और इस कार अंितम र भूिम कर शू य हो जायेगा।
उदाहरण - 5 : मान लीिजये, एक ि के पास 10,000 वग फु ट भूिम है, िजस पर उसके 20 लैट येक 1000 वग
फु ट, कु ल योग = 20,000 वग फु ट है। मान लीिजये, येक लैट क क मत 50 लाख है। य द उसके प रवार म 4
सद य है तो कु ल छू ट 1000 वग फु ट भूिम और 2000 वग फु ट िनमाण क होगी। अत: 2 लैट को कर का सामना नह
करना होगा, और शेष 18 लैट को येक लेट के िलए 50,000 के िहसाब से कर का सामना करना होगा।
(i) मान लीिजये उसने ये सभी लैट कराये पर दे रखे है, और येक लैट का कराया 1,50,000 ित
वष है। ऐसी कराया आय पर आयकर लगभग 30,000 ित वष का बनेगा, िजसमे माना गया है क उसक
कु ल आय 30% आयकर लेब के दायरे म आती है। मान लीिजये येक करायेदार 40,000 ित वष क
िबजली खपत कर रहा है, और िबजली कर 10,000 ित वष है। तब एक लेट के िलए कटौितयां 30,000
( आयकर ) + 10,000 ( िबजली कर ) = 40,000 होगी। मािलक ारा चुकाया जाने वाला वा तिवक
कर ित लैट 10,000 ( 50,000 – 40,000 ) होगा, जो क कराये से ा आय पर उसके ारा चुकाए
गए आयकर का लगभग 7% है।
(ii) ले कन य द उसने अपने सभी लैट कराये से नह देकर इ ह खाली रखा आ है, तब उसे 50,000
ित लैट के िहसाब से र भूिम कर चुकाना होगा।
(4.1) कसी ि पर र भूिम कर शू य हो जायेगा जब उसक और उसके प रवार के वािम व म मौजूद भूिम एवं
िनमाण के योग िनधा रत छू ट क सीमा से कम होगा। ित ि सामा य छू ट िनचे दी गयी है, और ि चाहे तो
इ तेमाल म नह ली गयी छू ट को अपने प रवार के एक या अिधक सद य को ह तांत रत कर सके गा।
(5.1) टे स े िडट को िसफ एक बार ही ह तांतरण कया जा सके गा। एक बार ह तांतरण होने के बाद इनका न तो
पुन: ह तांतरण कया जा सके गा, और न ही आगे कसी ि / इकाई आ द को ह तांत रत कया जा सके गा।
ह तांत रत कये गए टे स े िडट िसफ उसी िव ीय वष म उपयोग कये जा सकगे िजस िव वष म इ ह ह तांतरण
ारा ा कया गया था।
(5.2) ि य के टे स े िडट अह तांतरणीय ह गे, और इ ह कसी भी ि को या प रवा रक सद य या कसी
भी ट, सावजिनक कं पनी आ द को ह तांत रत नह कया जा सके गा।
(5.3) य द कोई ि कसी साझेदारी फम या क पनी का सं थापक सद य रहा है, या उसके पास कसी साझेदारी
फम या क पनी के 10% से अिधक शेयर 2 से अिधक वष के िलए रहे है तो ि अपने टे स े िडट अमुक साझेदारी
फम या क पनी को ह तांत रत कर सकता है। क तु य द अमुक साझेदारी फम या कं पनी का अिध हण / िवलय /
िव य हो जाता है, या अमुक फम / क पनी भंग हो जाती है तो ये टे स े िडट शू य हो जायगे।
(5.4) कसी ट या पि लक िलिमटेड कं पनी के टे स े िडट का ह तांतरण उसके शेयर धारक या ि टय या कसी
भी अ य ि को नही कया जा सके गा। क तु एक पि लक िलिमटेड कं पनी अपनी पूण वािम व वाली सहायक
कं पनी को टे स े िडट ह तांत रत कर भी सकती है, और उससे टे स े िडट का ह तांतरण ले भी सकती है। कोई भी
कं पनी अपने टे स े िडट अपनी पूण वािम व वाली सहायक कं पनी को ह तांत रत कर सकती है या ह तांतरण ले
भी सकती है, बशत मूल कं पनी सहायक कं पनी से थापना के समय से ही जुडी रही थी। य द कं पनी का अिध हण
बाद म आ था, तो िसफ वही टे स े िडट मा य ह गे िजनका ह तांतरण अिध हण के बाद आ हो।
(5.5) िवलय या अिध हण क ि थित म अिधकतम टे स े िडट धारण करने वाली कं पनी के टे स े िडट ही मा य
ह गे, क तु दोन कं पिनय के टे स े िडट जुड़गे नही।
#EmptyLandTax #CancelGst र भूिम कर लाओ , जीएसटी हटाओ B 9 of 32
(5.6) साझेदारी फम या ाइवेट िलिमटेड कं पनी के टे स े िडट उसके वािमय को उनके वािम व के अनुपात म
ह तांत रत कये जा सकगे।
(5.7) करायेदार चुकाए गए िबजली कर के टे स े िडट मकान मािलक को ह तांत रत कर सकता है, य द करायेदार
ने इसे अपने आयकर रटन म ावसाियक खच के प म नह दशाया हो। टे स े िडट ह तांत रत करने के स ब ध
म अंितम िनणय करायेदार का ही होगा। मकान मािलक इस टे स े िडट का उपयोग िसफ अमुक िविश वष म
अमुक िविश मकान पर आये कर म कटौती के िलए ही कर सके गा।
(7.1) िसफ उन भारतीय नाग रक को छोड़कर िजनके पास धारा (02) म बताई सामा य छू ट से कम भूिम है, येक
ि , सभी िवदेशी इकाइयां, सभी कं पिनयाँ, सभी ट और सभी इकाइयां िजनके वािम व म भूिम है, को ित वष
एक र भूिम कर का रटन फाइल करना ज री होगा। ऐसी इकाइयां िजनक करयो य भूिम 100 करोड़ से
अिधक होगी, उ ह हर महीने एक अंत रम रटन भरना होगा, और मािसक प से कर चुकाना होगा। उ ह अंितम प
से एक वा षक रटन भी भरना होगा।
(7.3) करदाता रटन फाइल करने के िलए पैन-आई.डी. या आधार-आई.डी. का इ तेमाल कर सकता है। य द उसके
पास दोन म से कोई भी आई.डी. नह है तो इस कानून के राजप म कािशत होने के 3 महीन के अ दर उसे
उपरो म से कोई एक आई.डी. ा करनी होगी।
(7.4) िह दू अिवभािजत प रवार के िलए मुिखया को एक वा षक रटन अलग से भरना ज री होगा। िह दू
अिवभािजत प रवार के सद य जमीन/िनमाण पर िमली अपनी सामा य छू ट का ह तांतरण अपने म य कर सकते है।
(8.3) NELTO सभी भूिम वािम व तथा दाव के अिभलेख का िववरण वामी के नाम, माता िपता के नाम, छाया
िच , पेन काड सं या, आधार काड सं या, मतदाता पहचान सं या, उनक मतदाता पहचान सं या, पेन काड सं या,
आधार सं या के साथ इं टरनेट पर पारदश प से सावजिनक करे गा। वामी के मिहला होने क ि थित म मिहला का
छाया िच कािशत नही कया जाएगा, क तु मिहला का ारा अनुमो दत उसके प रवार के कसी पु ष सद य, या
उसके ारा अनुमो दत अ य पु ष या उसके वक ल का छाया िच वेबसाईट पर रखा जायेगा। सरकारी सं था
ारा उपयोग म िलए जा रहे सभी कार के भूिम, लेट, चाहरदीवारी जैसे िजलाधीश कायालय, नगर प रषद आ द
के सम त अिभलेख और िववरण भी सावजिनक कये जायगे।
(8.4) सभी सरकारी कमचारी धारण क गयी अपनी सम त संपि क घोषणा करगे िजसम जमीन, इमारत, लेट,
सोना, क मती धातुए,ं शेयर, िडबचर, ट िजनम म जुड़े हए है आ द शािमल है। यायाधीशो, शासिनक
अिधका रय आ द को शािमल करते ए सभी सरकारी कमचा रय के वेतन एवं उनके भू- वािम व के सभी यौरे इस
तरह सावजिनक प से रखे जायगे क कोई भी नाग रक इ ह पारदश ढंग से देख सके । सरकारी कमचा रय के इन
यौरो को उनके िवभाग एवं मं ालय के आधार पर वग कृ त करके इं टरनेट पर रखा जाएगा। येक सरकारी
कमचारी क ोफाइल के साथ उसके सम त नजदीक र संबिं धय - र तेदार क सूचना भी जुडी (Linked) रहेगी।
(9.2) जब भी िव े ता कोई ॉपट बेचेगा तो इसका पंजीयन TELTO कायालय म कराया जाएगा। यह िववरण े ता
एवं िव े ता को TELTO कायालय म अलग अलग तुत करना होगा। दोन प कसी ोपट क खरीद फरो त होने
के 7 दवस के भीतर अमुक भूखंड का नंबर, ि थित, आकार, िनमाण का आकार, दोन प के नाम, पहचान प
सं या तथा भुगतान क गयी रािश का िववरण TELTO कायालय म या उसक वेबसाईट पर दज करायगे। य द ऐसे
िववरण िवल ब से तुत कये जाते है तो अमुक भूखड ं के मू य का 0.01% ित दन क दर से जुमाना देय होगा।
(9.3) जब भी TELTO को ऐसे कसी भूखंड के िव य क जानकारी िमलेगी वह अमुक भूखंड से स बंिधत स पूण
िववरण सावजिनक करने के िलए वेबसाईट पर दज करे गा। य द े ता कोई ट या क पनी है तो TELTO सभी
ि टय के नाम तथा पहचान प सं या वेबसाईट पर रखेगा। य द े ता कोई पि लक िलिमटेड क पनी है तो कं पनी
का नाम, िनदेशक मंडल तथा मु य अंश धारको के िववरण दज कये जायगे, न क सभी शेयर धारको के । TELTO
ोपट खरीदने वाले े ता को अमुक ोपट का संभािवत ामी के प म दज करे गा।
(9.4) सावजिनक प से दज होने के बाद यह ोपट 30 दवस तक सावजिनक नीलामी के िलए उपल ध रहेगी। य द
कोई तृतीय प 30 दन के भीतर इस ोपट के िव य मू य से 25% अिधक भुगतान करता है, तो TELTO पूव े ता
को 120% रािश का भुगतान करे गा तथा तृतीय प को अमुक भूखंड के अगले संभािवत वामी के प म दज करेगा।
संभािवत वामी ारा लगा गयी इस रािश को वीकार करने के बाद TELTO फर से अगले 30 दन तक अगली
बोली क ती ा करे गा। य द अ य कोई प कार इस भूखंड के िलए बोली लगाता है, तो यह बोली उस रािश से 25%
अिधक होनी चािहए िजस रािश का भुगतान संभािवत वामी ारा िपछली खरीद म कया गया था। य द अगले 30
दन के भीतर अ य कोई प अमुक भूखंड के िलए कोई बोली नही लगाता है, तो अंितम े ता को भूखडं का वामी
घोिषत कर दया जाएगा।
उदाहरण : माना क A एक भूखंड B को िव य करता है तथा B इसका मू य 1 करोड़ चुकाता है । A थानीय TELTO
को रपोट करता है क उसने B को भूखड
ं 1 करोड़ म िव य कया है।
(10.1) जमीन की कीमत : भू- वामी धारा (02) म बतायी गयी, वयं और उसके पा रवा रक सद य को िमलने वाली
छू टो को इि छत भू-खंडो म से घटा सकता है, और ये ज री नह है क वह उन भू-खंडो पर िनवास कर रहा हो। छू ट
घटाने बाद शेष भू-खंडो क स कल रे ट को जमीन क करयो य क मत क गणना के िलए िलया जायेगा।
(10.2) टे े िडट : िव वष के िलए बढ़ते म म अथात सबसे पुराना टे स े िडट पहले घटाया जायेगा। य द
अंितम राशी का मान सकारा मक है तो उतनी राशी का कर चुकाना होगा। य द अंितम राशी का मान नकारा मक है
तो टे स े िडट कम कर दए जायगे और चुकाए जाने वाला वा तिवक कर शू य होगा। टे स े िडट क शेष बची
रािश का उपयोग आने वाले वष म र भूिम कर के िनपटारे के िलए कया जा सकता है।
(10.4) वा िवक र भूिम कर की गणना : वािम व म मौजूद कु ल ोपट म से धारा (02) म बतायी गयी वयं
एवं पा रवा रक सद य क छू ट एवं धारा (03) म बताये गए टे स े िडट को घटाया जाएगा। इन मद को घटाने के
बाद जो भूिम एवं िनमाण कर यो य होगा उस पर स कल रे ट से 1% सालाना क दर से कर चुकाया जायेगा।
(10.5) ऊपर बताई गयी 1% क सालाना दर धानमं ी ारा बदली जा सकती है, जो आव यक सरकारी तं जैसे
सेना, पुिलस, अदालत, सड़क, गिणत / िव ान / हिथयार के योग क िश ा और सरकार के पोषण और श ु और
अपरािधय से संपि क र ा के िलए होने वाले अ य आव यक खच पर िनभर करे गी।
(10.6) र भूिम कर ना चुका पाने क दशा म भू- वामी अपनी ोपट को लॉक करने का िनवेदन कर सकता है,
और ऐसे मामले म 12% ित वष का याज लागू होगा। अमुक ोपट क क मत बकाया कर क क मत से कम से कम
दोगुनी होना चािहए। य द ोपट क क मत मांगे जाने वाले कर के दोगुने से भी कम हो जाती है तो रा ीय र
भूिम अिधकारी अमुक ोपट क नीलामी का आदेश दे सकता है। क तु य द अमुक ोपट क मािलक कोई मिहला है
या 60 वष क आयु से ऊपर का कोई पु ष है और इनके पास अमुक ोपट ही एकमा ोपट है, तो ऐसी ि थित म
बकाया कर जुड़ता रहेगा और इसका िनपटान अमुक ोपट के िव य या वा रसान के दौरान कया जायेगा।
(11.1) य द कराये का समझौता इस कानून के लागू होने के बाद कया गया था, तब पूरा कर के वल भू- वामी पर
लगेगा। भू- वामी और करायेदार कराया समझौता बनाने से पूव अपने भाग का र भूिम कर तय कर सकते है।
करायेदार को कर कम रखने के िलए जमीन या िनमाण क छू ट क अनुमित नह होगी।
(11.2) इस कानून के लागू होने के बाद 6 महीने के अ दर करायेदार िबना कसी जुमाने के कराया समझौता तोड़ने
के िलए वतं होगा। ऐसे मामले म इन 6 महीनो के िलए ना तो मािलक को और ना करायेदार को इस ोपट पर
कोई कर देना होगा। भू- वामी और करायेदार अब नया समझौता बना सकगे।
(11.3) य द कराया समझौता इस कानून के लागू होने से पूव हो चूका था, और इस कानून के लागू होने के बाद
करायेदार 6 महीने से अिधक के िलए यह समझौता जारी रखना चाहता है तो उस घर या ऑ फस पर सारा कर
करायेदार चुकाएगा, जब तक क वह ोपट खाली नह करता। करायेदार इस ोपट का कर कम करने के िलए
अपनी एवं अपने प रवार क छू ट का इ तेमाल कर सके गा। प रवार के िजस सद य क छू ट का उपयोग कया गया
हो यह ज री नह होगा क वह वहां िनवास भी कर रहा हो। ऐसी कराये पर दी गयी ोपट का रटन करायेदार
ारा अलग से भरा जायेगा और मािलक इस घर के िलए शू य िवि दज करे गा, क तु वह अपने रटन म
कराएदार का नाम, करायेदार से स बंिधत जानका रयाँ और अमुक ोपट का पता आ द दशायेगा।
(12.3) NELTO एवं रा ीय जूरी शासक के िलए : भारत का कोई भी नाग रक िजसक आयु 35 वष से अिधक हो वह
रा ीय र भूिम कर अिधकारी या रा ीय जूरी शासक पद के िलए आवेदन कर सके गा।
(12.4) जूरी शासक के िलए : भारत का कोई भी नाग रक िजसक आयु 30 वष से अिधक हो तो वह िजला एवं रा य
जूरी शासक पद के िलए आवेदन कर सके गा।
(12.5) धारा (12.3) एवं (12.4) म दी गयी यो यता रखने वाला कोई भी नाग रक य द िजला कले टर कायालय म
वयं या कसी वक ल के मा यम से कोई ए फडेिवट तुत करता है, तो िजला कले टर सांसद के चुनाव म जमा क
जाने वाली रािश के बराबर शु क लेकर अ हत पद के िलए उसका आवेदन वीकार करे गा और शपथप को कै न
करके धानमं ी क वेबसाईट पर रखेगा।
(13.1) कोई भी नाग रक कसी भी दन अपनी वोट वापसी पासबुक के साथ पटवारी कायालय म जाकर NELTO, िजला
जूरी शासक, रा य एवं रा ीय जूरी शासक के यािशय के समथन म हाँ दज करवा सके गा। पटवारी अपने क यूटर
एवं वोट वापसी पासबुक म मतदाता क हाँ दज करे गा। पटवारी मतदाता क हाँ को याशीय के नाम व मतदाता क
पहचान-प सं या के साथ िजले क वेबसाईट पर भी रखेगा। मतदाता कसी पद के याशीय म से अपनी पसंद के
अिधकतम 5 ि य को वीकृ त कर सकता है।
(13.2) वीकृ ित (हाँ) दज करने के िलए मतदाता 3 पये फ़ स देगा। BPL काड धारक के िलए फ़ स 1 पया होगी।
(13.3) य द मतदाता वीकृ ती र कराने आता है तो पटवारी एक या अिधक नाम को िबना फ़ स िलए र कर देगा।
(13.4) येक महीने क 5 तारीख को कले टर िपछले महीने म ा येक यािशय को िमली वीकृ ितय क िगनती
कािशत करे गा। पटवारी अपने े क वीकृ ितयो का यह दशन येक सोमवार को करे गा। NELTO एवं रा ीय जूरी
शासक क वीकृ ितय का दशन 5 तारीख को कै िबनेट सिचव ारा भी कया जाएगा।
[ िट णी : कले टर ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता अपनी हाँ SMS, ATM, मोबाईल एप से दज कर सके ।
रज वो टग - धानमं ी ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे सके । य द
मतदाता िसफ हाँ दज करता है तो इसे 100 अंको के बराबर, और वीकृ ित दज नही करने पर इसे शू य अंक माना जाएगा।
क तु य द मतदाता अंक देता है तब उसके ारा दए अंक ही मा य ह गे। रज वो टग क ये या वीकृ ित णाली से
बेहतर है, और ऐरो क थ अस भा ता मेय ( Arrow’s Useless Impossibility Theorem ) से ितर ा दान करती है।
(15.1) िजला जूरी शासक िजले क मतदाता सूची म से 30 सद यीय महाजूरी मंडल क िनयुि करे गा। इनमे से हर
10 दन म 10 सद य रटायर ह गे और नए 10 सद यो का चयन मतदाता सूची म से लॉटरी ारा कर िलया जाएगा।
यह महाजूरी मंडल िनरं तर कायरत रहेगा। महाजूरी सद य को ित उपि थित 500 व या ा- य िमलेगा।
(15.2) य द करदाता एवं कर अिधकारी के बीच िववाद का कोई भी मामला आता है तो वादी अपने मामले क
िशकायत महाजूरी मंडल के सद य को िलख कर दे सकते है। य द महाजूरी मंडल मामले को िनराधार पाते है तो
िशकायत खा रज कर सकते है, या इस मामले क सुनवाई के िलए 30 से 55 वष आयु वग के नाग रक के एक नए
जूरी मंडल के गठन का आदेश दे सकते है। जूरी सद य म वे नाग रक ह गे िज ह ने िपछले 10 वष के दौरान जूरी म
तुत न आ हो और पूव म कसी अपराध के िलए सजा का सामना ना कया हो।
(15.3) करदाता और कर अिधकारी के बीच उ प िववाद िजस िजले म दज होगा उसका ाथिमकता म इस तरह
होगा - य द करदाता अमुक िजले म एक मतदाता है या रहवासी है या वहां उसके पंजीकृ त कायालय ह अथवा या
िजस िजले म अमुक भूिम ि थत है। य द करदाता या कर अिधकारी सुनवाई का थान उसी रा य के कसी अ य िजले
म बदलना चाहता है तो वे रा य जूरी शासक या रा य उ यायालय से आदेश ा कर सकते है, और य द दोन म
कोई भी एक प सुनवाई का थान रा य के बाहर के कस िजले म बदलना चाहता है तब वे रा ीय जूरी शासक या
उ तम यायालय से आदेश ा कर सकते है।
(15.4) िजले म दज येक कर िववाद हेतु जूरी शासक मामल म सहायता करने क सहमित देने वाले चाटड
अकाउं टटस क सूची म से रडमली 3 से 10 चाटड अकाउं टटस का चयन करे गा। चयिनत C.A. क आयु 30 वष से 55
वष के म य होनी चािहए और उनके पास 5 वष का काय अनुभव चाटड अकाउं टट के तौर पर होना चािहए।
(15.6) य द 75% या अिधक जूरी सद य आरोपी कमचारी को नौकरी से िनकालने या जुमाना लगाने का िनणय देते
है तो NELTO अमुक कमचारी को िनकाल सकता है या उससे कराया वसूल सकता है, या NELTO को ऐसा करने क
ज रत नह है। य द िशकायतकता को लगता है क NELTO ने जूरी सद य के िनणय का ठीक से पालन नह कया है
तो वह भारत के मतदाता से मांग कर सकता है क वे धारा (13) म दी गयी वोट वापसी या का योग करके
उसे नौकरी से िनकालने क सहमती द।
जनता की आवाज :
(16.1) जब धानमं ी या संसद या NELTO इस क़ानून म प रवतन लाने के िलए कोई अिधसूचना या सूचना-प
जारी करते है, तो इसे पूरे भारत म कायरत सभी DELTO को भेजा जाएगा और DELTO मरिहत िविध से 12 जूरी
सद य को बुलावा भेजगे। DELTO इस सूचना-प का िववरण जूरी सद य के सम रखेगा और जूरी सद य इस
सूचना-प पर कसी चाटड अकाउं टट या अ य ि से अपने िवचार रखने के िलए कह सकते ह। य द पूरे भारत म
अिधकतर जूरी मंडल इस सूचनाप का िवरोध करते ह, तब धानमं ी या NELTO अपना पद याग सकते है या उ ह
ऐसा करने क ज रत नह है, या वे अमुक सूचना-प को िनर त कर सकते है या उ ह ऐसा करने क ज रत नह है।
(16.3) य द कोई मतदाता धारा 16.2 के तहत तुत कसी ए फडेिवट पर अपना समथन दज कराना चाहे तो वह
पटवारी कायालय म 3 पए का शु क देकर अपनी हां / ना दज करवा सकता है। पटवारी इसे दज करेगा और हाँ /
ना को मतदाता के वोटर आई.डी. न बर के साथ धानमं ी क वेबसाईट पर डाल देगा।
[ िटप ी : यह क़ानून लागू होने के 4 वष बाद य द व था म सकारा मक एवं िनणायक बदलाव आते है तो कोई
भी नाग रक इस कानून क धारा 16.2 के तहत एक शपथप तुत कर सकता है, िजसमे उन कायकताओ को
सां वना के प म वािजब ितफल देने का ताव होगा, िज ह ने इस क़ानून को लागू करवाने के िलए यास कये
है। य द कोई कायकता तब जीिवत नही है तो ितफल उसके नोिमनी को दया जाएगा। यह ितफल कसी मृित
िच ह / शि त प आ द या अ य कसी प म हो सकता है। य द रा य के 51% नाग रक इस शपथप पर हाँ दज
कर देते है तो धानमं ी / मु यमं ी इ ह लागू करने के आदेश जारी कर सकते है, या नह भी कर सकते है। ]
जीएसटी छोटी इकाईय का क लखाना है। ि तीय िव यु के बाद अपनी अथ व था को फर से खड़ा करने के िलए
अमे रक ब रा ीय क पिनय के मािलको ने 1950 म इसक ा टग क थी। इसे इस तरह ा ट कया गया है, क यह
बड़ी क पिनय को अित र फायदा प च ं ा कर छोटी इकाईय को बाजार से बाहर कर देता है। फर िजन भी देशो म
ब रा ीय क पिनयां गयी वहां उ ह ने जीएसटी लागू करवाया। और जहाँ जहाँ जीएसटी लागू आ वहां छोटी इकाईय का
कारोबार बड़ी क पिनय के िह से म चला गया। िनचे GST के 4 मु य ावधान दए गए है, जो नाग रको पर कर का बोझ
जाया तौर पर बढ़ाते है, छोटे कारोबा रय को अनुिचत प से घाटा, और बड़ी क पिनय को अित र फायदा प च ं ाते है।
िनचे िभ िभ आय वाले तीन ि य के उदाहरण ारा GST क इस र ेिसव नेस को दशाया गया है जैसी।
(i) छोटू सह क मािसक आय : 3,000 * 12 = 36,000 वा षक
(ii) हेमराज क मािसक आय : 30,000 * 12 = 3,60,000 वा षक
(iii) चैनसुख क मािसक आय : 3,00,000 * 12 = 36,00,000 वा षक
मान लीिजये क, छोटू महीने म 1000 पये क श र, आटा, दाल, तेल आ द राशन लाता है। हेमराज और चैनसुख भी
इतनी ही राशन पर खच करते है। य द इन जस पर टे स 18% है तो छोटू , हेमराज और चैनसुख समान प से टे स के
180 चुकायेग। देखने म लगता है क तीनो लोगो ने समान व तुओ क खरीद पर समान टे स रािश चुकाई है, अत: यह
यायपूण कर णाली है। क तु ऐसा नह है। दरअसल यहाँ कम आय वाला ि यादा एवं अिधक आय वाला कम टे स
चुका रहा है !!! और इसे समझने के िलए आपको इनक आय के बीच अंतर को देखना होगा।
चाय एवं राशन पर छोटू ारा दया गया मािसक जीएसटी = 300 है, क तु उसक मािसक आय 3000 है। अत: छोटू
सह ने अपनी आय का 10% टे स म दे दया है, जब क हेमराज मल क आय 30 हजार होने के कारण हेमराज ने उ ही
व तुओ क खरीद पर अपनी आय का िसफ 1% ही टे स दया है। और चैनसुख क आय 3 लाख मािसक है। क तु समान
व तुओ क खरीद पर चैनसुख ने अपनी आय का िसफ 0.1% टे स ही दया है !!
(i) छोटू ारा चु काया गया टे : लगभग सभी कार क आव यक सेवा एवं व तुओ को जीएसटी के दायरे म रखा गया है।
अत: य द छोटू कपड़ा खरीदेगा, या फोन का िबल चुकाएगा, या कोई बतन वगेरह भी खरीदेगा तो भी उसे हर बार 20%
टे स देना पड़ेगा। छोटू इस टे स को इसीिलए नह देख पर रहा है, य क यह टे स उसक लागत म जुड़ा आ है। चूं क
छोटू क आय बेहद कम है अत: वह 3000 म से लगभग पूरे 3000 जीवन यापन करने के िलए आव यक व तुओ एवं
सेवा पर खच कर देगा, और अपनी कु ल आय का लगभग 20% सरकार को चुका देगा।
छोटू क कु ल वा षक आय : 36,000
छोटू ारा आव यक व तुओ पर खच रािश : 30,000
छोटू ारा चुकाया गया जीएसटी : 6.000 ( 30,000 का 20% )
वा षक आय के अनुपात म चुकाया गया जीएसटी 16% ( 36,000 म से 6000 )
अत: यहाँ छोटू ने अपनी आय का 16% जीवन यापन क व तु को खरीदने के एवज म जीएसटी के प म दे दया है।
देिखये, छोटू क आय बेहद कम है, और वह इतना पैसा नह कमाता है क बचत कर सके । तो छोटू साल भर जो भी कमाता
है उसम से एक बड़ी रािश टे स के प म दे देता है !! और भारत म इस तरह के करोड़ो छोटू कोई पैसा नह बचाते क तु
सरकार को अपनी आय का 16% चुका देते है !!! य द र भूिम कर आ जाता है, तो छोटू को GST नह देना होगा, और
छोटू के पास अित र भूिम नह है तो उसे र भूिम कर भी नह देना होगा। तो छोटू को 6,000 साल क बचत होगी।
(ii) हे मराज हेमराज 3,60,000 सालाना कमाता है, और चूं क हेमराज का जीवन तर छोटू क
ारा चु काया गया टे :
तुलना म उ है अत: हम यह मानकर चलते है क हेमराज जीवन यापन क व तुएं खरीदने पर छोटू से 5 गुना यादा पैसा
खच करता है। मतलब, वह छोटू क तुलना म महंगा तेल, महंगी साबुन, महंगा आटा खरीदता है, और ऐसी कई व तुएं
खरीदता है, जो छोटू नह खरीदता।
हेमराज क वा षक आय : 3,60,000
हेमराज ारा आव यक व तुओ पर खच रािश : 1,80,000 ( छोटू का पांच गुना ; 36,000* 5 )
हेमराज ारा चुकाया गया जीएसटी : 36,000 ( 1,80,000 का 20% )
वा षक आय के अनुपात म चुकाया गया जीएसटी 10% ( 3,60,000 म से 1,80.000 )
तो हेमराज जब छोटू से 5 गुना पैसा व तु एवं सेवा पर खच करता है और 36,000 जीएसटी चुकाता है, तब भी यह
उसक आय का 10% है !! यानी छोटू से 6% कम है
अब मान लीिजये क हेमराज के पास एक मकान 1500 वग फु ट का है, िजसम वह अपने 6 सद यीय प रवार के साथ रहता
है, और उसके पास 10 एकड़ कृ िष भूिम भी है, और य द र भूिम कर लागू हो जाता है तो उसक भूिम छू ट के दायरे म
आएगी और उसे कोई र भूिम कर भी नह चुकाना होगा। इस तरह हेमराज को भी 36,000 बचने लगगे।
तो इस तरह र भूिम कर आने के बाद िजसके पास िजतनी यादा अकायशील भूिम होगी वह उतना यादा कर
चुकाएगा, और िजसके पास िजतनी कम भूिम अकायशील होगी वह उतना कम कर चुकाएगा। क तु व तुओ एवं सेवा
पर कोई कर नह िलया जाएगा। य द भूिम का इ तेमाल कया जा रहा है तो कर नह चुकाना होगा, या फर बेहद कम कर
चुकाना होगा। आज कम आय वाला ि अपनी आय का एक बड़ा ितशत टे स के प म चुका रहा है, जब क िजनके
पास कलोमीटरो के िहसाब से खाली जमीन पड़ी है, वे कोई कर नह चुकाते। यह क़ानून आने के बाद या तो वे इसका
इ तेमाल करना शु करगे या फर कर चुकायगे।
____________________________
(A) हेमराज 10 हजार का माल छोटू को बेचता है। माना क इस माल पर जीएसटी क दर 20% है।
माल क क मत 10,000
जीएसटी : 2000 10 हजार का 20% = 2000
योग : 12,000
छोटू सह हेमराज से माल और िबल लेगा और 12,000 पये हेमराज को चुका देगा। चुकाए गए इन 12 हजार म 10 हजार
माल क क मत है और 2000 जीएसटी है।
यहाँ हेमराज ारा सरकार को देय जीएसटी : 2000 है। ( देय यानी जो रािश चुकायी जाने वाली है )
छोटू माल के 11,000 पये अपने पास रख लेगा। अब छोटू 2200 का या करे गा ? चूं क छोटू जीएसटी के 2000 हेमराज
को दे चुका है, अत: छोटू अब इन 2200 पये म से सरकार को 200 पये ही चुकाएगा, तथा 2000 पये का सरकार से
इनपुट े िडट ा करे गा। इस तरह सरकार के पास जीएसटी के 2000 पये हेमराज के मा यम से और 200 पये छोटू के
मा यम से जमा ह गे।
छोटू ारा सरकार को देय जीएसटी : 200 ( देय मतलब यह रािश छोटू चुकाने वाला है, उसने अभी चुकाई नह है।)
(C) यद मांगी लाल इस माल पर 1000 मुनाफा कमाना चाहता है। तो मांगी लाल अपने य मू य म 1000 का मुनाफा
जोड़ कर यह माल 12 हजार म उपभो ा को बेच देगा। ( मांगी लाल का य मू य 11,000 + 1000 मुनाफा = 12,000 )
अब मांगी लाल ारा उपभो ा को दया गया गया िबल इस तरह होगा :
माल क क मत : 12,000
जीएसटी : 2,400 अब जीएसटी िव य मू य 12,000 पर लगेगा। 12,000 का 20% = 2400
योग : 14,400
मांगी लाल माल के 12,000 पये अपने पास रख लेगा। अब मांगी लाल 2400 का या करे गा ? चूं क मांगी लाल जीएसटी
के 2200 हेमराज को दे चुका है अत: मांगी लाल अब इन 2400 पये म से सरकार को 200 पये ही चुकाएगा तथा
2200 पये का सरकार से इनपुट े िडट ा करे गा। इस तरह सरकार के पास जीएसटी के 2000 पये हेमराज के मा यम
से और 200 पये छोटू के मा यम से तथा 200 मांगी लाल के मा यम से जमा ह गे।
अब मान लीिजये क छोटू सह जीएसटी नह चुकाता और फरार हो जाता है, या अपना धंधा बंद कर देता है या दवािलया
हो जाता है या मर जाता है। तो जीएसटी क़ानून क धारा 16.2.c के अनुसार मांगी लाल को 2200 का इनपुट े िडट नह
िमलेगा। मतलब मांगी लाल को जीएसटी के पूरे 2400 पये सरकार को चुकाने ह गे !!! उसे उस रािश म छू ट नह िमलेगी
जो रािश मांगी लाल ने छोटू को दे दी थी !!! अत: छोटू ने य द सरकार म जीएसटी जमा नह कया है तो मांगी लाल फर
से टे स चुकाएगा !!! इसी कार, य द छोटू फरार नह होता है क तु हेमराज िबना जीएसटी चुकाए फरार हो जाता है तो
छोटू को जीएसटी के 2000 पये सरकार के खाते म फर से चुकाने ह गे। छोटू को उस रािश क छू ट नह िमलेगी जो उसने
हेमराज को Gst के िलए चुकाई थी !!! िनचे Gst क वह धारा दी गयी है जो िम सग ेडर ॉ लम के िलए िज मेदार है।
2.2.2. कै से MTP कु छ ही वष म लाख छोटे कारोबा रय को बाजार से बाहर कर देगा और उनका िबजनेस बड़ी इकाइय
के हाथ म चला जाएगा ?
आम तौर पर L1 से L10 तक कोई भी उ पादक या ेडर फरार नही होगा, य क उनके पास काफ फै ली यी और चुर
संपि यां होती है। तथा घाटे क ि थित म वे अकायशील स पि यो के िववरण देकर खुले आम टे स चोरी क कानूनी
व था बना लेते है, अत: भागने क नौबत नह आती।
ले कन यादातर संभावना है क इन 1000 छोटे ( S1000 ) म से 1% ेडर धोखाधड़ी या घाटा खाने के कारण कर चोरी
करगे, और फरार हो जायेगे। ऐसा होने पर शेष 990 ईमानदार छोटे ेडस को भी संदह
े क नजरो से देखा जाएगा, और
जोिखम के चलते ापारी उनके साथ धंधा करने से घबराएंग।े
कारोबारी सोचगे - मेरा स लायर भी एक छोटा कारोबारी है। य द कल वह अपना धंधा बंद करके चला जाता है तो मुझे
फर से GST देना पड़ जाएगा। अत: मुझे ऐसे ेडर से माल लेना चािहए िजसके रात रात गायब होने के चांस कम हो।
जािहर है वह कसी ऐसे ेडर से माल लेना शु कर देगा जो क नामचीन है, या िजसके पास काफ फै ली यी संपि यां है।
अत: इस क़ानून के चलते िसफ 1% बेईमानो के कारण 99% ईमानदार ापारी अपना ापार खोना शु कर दगे !!! और
यह सब इतनी धीमी गित से होगा क यह बात कभी िनकलकर नह आएगी क GST के कारण वे अपने ाहक गँवा रहे है।
____________________
वाभािवक प से छोटे कारोबारी या तो क पोिजशन ेणी म जाएंगे या फर जीएसटी से पूरी तरह से बाहर रहगे।
DTSTP के इस अ याय म क पोिजशन एवं अपंजीकृ त कारोबा रय को छोटे ेडर कह कर स बोिधत कया गया है।
[ एक कागज़, पेन और के कु लेटर लीिजये ता क आप नीचे दी गयी गणना वयं कर सके । य द आपको लगता है क आप
जीएसटी, र भूिम कर आ द को िबना के कु लेटर समझ सकते है, तो आप सुपर जीिनयस है या फर ांित के िशकार है ]
DTSTP सम या को समझने के िलए हम दो िव य ुंखलाओ का अ ययन करगे :
ृ ला (A) म सभी ेडर जीएसटी म िनयिमत प से पंजीकृ त है । ृंखला (B) म छोटू लाल 75 लाख से कम टन ओवर
ंख
वाला कारोबारी है अत: वह कं पोिजट ेडर है या वह अपंजीकृ त है। हम यह मान कर चलते है क माल क उ पादन लागत
9,800 पये है तथा येक कारोबारी 200 का लाभ कमाता है।
पं 1 : मे वा राम लोभ चं द
मेवा राम उ पादक है। वह माल का उ पादन करता है िजसक लागत 9800 है। मेवा राम इसम 200 पये लाभ के
जोड़ता है और लोभ चंद को यह माल 10,000 म बेच देता है।
मेवा राम क लागत : 9,800
जोड़ा गया लाभ : 200
लागत + लाभ : 10,000
जीएसटी : 2,000 ( 10,000 का 20% )
मेवा राम का लोभ चंद को िबल यािन िव य मू य : 10,000 + 2000 = 12,000 ( यहाँ 2000 पये मेवा राम ारा लोभ
चंद को दया गया इनपुट े िडट है) ; मेवा राम ारा सरकार को जमा कया जाने वाला जीएसटी : 2,000
कृ पया यान द : जीएसटी म िव य मू य म दो मद होती है - क मत और जीएसटी। और दोन को अलग अलग िलखा जाता
है। ले कन य द िव े ता कं पोिजट ेडर है या फर अपंजीकृ त है तो इनके ारा जारी कये गए िबल पर जीएसटी नह िलखा
जाएगा। और लागत मू य म भी दो मद होती है - लागत मू य एवं जीएसटी इनपुट े िडट। इस इनपुट े िडट को ा करने
का बाद म दावा कया जाना है।
पं 2 : लोभ चंद चैनसुख
यहाँ इनपु ट े िडट शू य क छोटा कारोबारी चाहे वह क पोिजट ेडर हो या अपंजीकृ त, दोन ही
ों है ?
प रि थितय म न तो वह इनपुट े िडट का दावा कर सकता है और न ही वह इनपुट े िडट कसी अ य कारोबारी को
अ ेिसत कर सकता है !! और छोटू लाल यहाँ छोटा ेडर है।
चेनसुख को छोटू लाल से 0 इनपुट े िडट िमलेगा। य क छोटू लाल या तो क पोिजट ेडर है या Gst म अपंजीकृ त है !!
पं 3 : चैनसुख उपभो ा
दूसरे श द म, यहाँ उपभो ा को वही माल खरीदने के िलए चेनसुख को 14,880 का भुगतान करना पड़ेगा। इस तरह
आपू त ृंखला म एक छोटे ेडर के आ जाने से यहाँ माल क क मत 2400 अिधक हो गयी है !!! जहां जहाँ भी छोटे ेडर
िव य ृंखला म ह गे वहां माल क क मत 20% से ( या 12% , 18% या 28% जो भी जीएसटी क दर हो ) बढ़ जायेगी !!
तो इस बात से कोई फक नह आएगा क जीएसटी क दर या है। य द जीएसटी क दर 10% है तो उस कारोबारी का माल
10% और य द जीएसटी क दर 20% है तो 20% महंगा हो जाएगा जो जीएसटी म पंजीकृ त नह है। य द वह जीएसटी म
पंजीकृ त होता है तो िम सग ेडर ॉ लम का िशकार होगा, और य द वह जीएसटी म पंजीकृ त नह होता है इनपुट े िडट
नह िमलने के कारण उस पर डबल टे स आएगा और यह उसके माल क लागत म जुड़ जाएगा !!
और जब कोई कारोबारी यह माल छोटे ेडर से लेकर उपभो ा को बेचता है तो इनपुट े िडट नह िमलने के कारण उसे
इस माल को बेचने से जो जीएसटी िमलता है वह सरकार के पास जमा हो जाता है। इस तरह िजस भी कारोबारी ृंखला के
बीच म कोई छोटा ेडर होगा उस ृं ला म माल पर डबल जीएसटी आने से माल महंगा हो जायेगा !!
अत: खरीददार उस ृंखला से माल खरीदना बंद कर दगे िजस ृंखला म कोई छोटा कारोबारी ( क पोिजट या अपंजीकृ त
ेडर ) है। इस तरह छोटे कारोबारी फु ल जीएसटी म अपना पंजीयन कराने के िलए बा य हो जायेगे। य द वे ऐसा नह
करगे तो जीएसटी वाले कारोबारी उनसे माल खरीदना बंद कर दगे और वे अपना धंधा खो दगे !!! ज दी या धीरे धीरे, कु ल
िमलाकर जीएसटी का प रणाम यह होगा क - बाजार म छोटे कारोबा रय का धंधा िसकु ड़ता जाएगा। वे बाजार से बाहर
हो जाएंगे और बड़ी इकाइय का िह सा बढ़ जाएगा।
2.3.1. MTP एवं DTSTP का प रणाम : छोटी इकाइय का उ पादन िगरे गा और बड़ी कं पिनय का बढ़ेगा। आंकड़ म
अथ व था बढ़ेगी जब क वा तिवक प से घटेगी। और सकल प से घटेगी !! इसी तरह से, छोटी इकाइय के बंद हो जाने
से बेरोजगारी बढ़ेगी, क तु बड़ी कं पिनय का कारोबार बढ़ने से उ ह और कमचा रय क आव यकता होगी। तो वा तिवक
प से रोजगार घटेगा ले कन आंकड़ म यह बढ़ेगा !! और सकल प से रोजगार घटेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी !! इसके
अलावा अधेड़ एवं उ दराज लोग रोजगार खो दगे, और बड़ी कं पिनय का कारोबार बढ़ने से वे यादातर युवाओ को
नौकरी पर रखेगी। इसीिलए, म य वय के लोगो म बेरोजगारी बढ़ जायेगी जब क युवाओ म बेरोजगारी घटेगी !! ले कन
सकल बेरोजगारी म बढ़ोतरी होगी।
अब अमे रका जैसे कसी देश पर िवचार क िजये जहाँ जीएसटी नह है, जब क भारत जैसे देश म जीएसटी है। तब अमे रका
म छोटी इकाइय का धंधा बढ़ेगा और नए लोग भी आसानी से कारोबार शु कर सकगे, जब क भारत म DTSTP व MTP
के कारण छोटी इकाइयां तबाह हो जायेगी। इस वजह से अमे रका क अथ व था भारत क तुलना म यादा बेहतर ढंग से
काम करे गी। ( यूरी िस टम, वोट वापसी जैसे क़ानून उनक अथ व था को और भी बेहतर कर देते है )
2.3.2. भारत अमे रका एवं चीन के मुकाबले तकिनक उ पादन म इतना िपछड़ा आ य है ?
तकिनक उ पादन म गुणव ा लाने के िलए हम भारत म ढेर सारी छोटी छोटी उ पादन इकाइयाँ चािहए।
य क कोई भी िविश उ पाद कई कार के पा स को िमलाकर बनाया जाता है। सभी पा स य द उ गुणव ा वाले ह गे
तो ही उ पाद बेहतर बनेगा। एक भी पुजा कमतर होने से उ पाद अपनी गुणव ा खो देगा। उदाहरण के िलए एक मोबाईल
फोन िड ले न, बेटरी, माइ ोफोन, सेमी कं डकटर िचप, पीकर आ द जैसे कई पुरजो को जोड़कर बनाया जाता है।
िड ले न बनाने क सकड़ो क पिनयां हो सकती है। उनमे आपसी ित पधा होने से कोई दो-चार क पनी सबसे बेहतर
िड ले बना पायेगी। और यही या अ य पुरजो के साथ होगी। मोबाइल बनाने वाली क पनी इन क पिनयो से ये पुज
खरीदती है, और इ ह फट करके एक िडजाइन तैयार करती है। हवाई जहाज से लेकर कारो तक और कं यूटर तक इसी तरह
#EmptyLandTax #CancelGst र भूिम कर लाओ , जीएसटी हटाओ B 24 of 32
ोड ट तैयार कया जाता है। अत: कसी देश म एक बड़ी तकिनक उ पादक क पनी खड़ी करने के िलए यह ज री है क
वहां पर छोटी छोटी कई इकाइय हो जो बेहतर तकिनक व तुओ का उ पादन कर।
गिणत िव ान क बेहतर िश ा- छोटी छोटी इकाइय के िलए स ती जमीन क उपल धता छोटी इकाइय को
ो सािहत करने वाली कर णाली लागत घटाने एवं छोटी इकाइय के बीच व थ ित पधा बनाये रखने के िलए
ाचार मु शासन औ ोिगक मामलो को िनपटाने के िलए व रत, िन प एवं ईमानदार अदालत ।
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2.4.1. जीएसटी को जान बूझकर इस तरह ा ट कया गया है क छोटे छोटे कारोबा रय को ब त सारी खाना पूत करनी
होगी, और इससे उनक लागत िनरं तर बढती जायेगी। उदाहरण के िलए जीएसटी म हर महीने 1 से लेकर 6 तक रटन
फ़ाइल करने होते है। इसम कतना टॉक है, कतनी िब यी, कहाँ कतना माल भेजा आ द सभी यौरे डालने होते है,
और यह सब ऑनलाइन एवं क यूटराइ ड है। बड़ी क पिनयो के पास अलग से एकाउं स िडपाटमट होता है, अत उ ह
िबल, रटन वगैरह भरने म कसी अित र लागत का सामना नह करना पडेगा। उनका िबजनेस काफ फै ला आ होता है,
और ब धा मािलक खुद फै ी म कदम भी नह रखता। अत: बड़ी क पिनयो म एक बंधा आ िस टम होता है और सारा
िहसाब रोज के रोज िमला िलया जाता है।
क तु छोटे कारोबारी धंधा भी करते है, और टे स रटन आ द भी खुद ही भरते है। कई कारोबारी टे स के इन सब पचड़ो
को समझते भी नह है। जीएसटी म ित माह रटन फ़ाइल करने ह गे। अब वे खुद इसे करगे तो उनके काय घंटे कम हो
जाएंग,े और वे इसम उलझ कर अपनी काय मता गँवा दगे। य द वे इसके िलए टाफ रखते है तो उनक अित र लागत
बढ़ जायगी। य द रटन फ़ाइल करने क अविध को मािसक से बदल कर े मािसक कर दया जाता है, तो िम सग ेडर
ॉ लम तीन गुना तक बढ़ जायेगी !!
2.4.2. जीएसटी म e-way िबल का ावधान है। यह जीएसटी म सबसे तेज धार वाली आरी है। इसके तहत य द आप एक
जगह से दूसरी जगह 1 कलोमीटर पर भी माल भेजना चाहते है, और य द माल क क मत 50,000 से अिधक है तो माल
को क-टे पो म लोड करने से पहले ऑनलाइन िबल िनकालना होगा। इसमे क नंबर, ांसपोट क पनी का नाम, माल क
लागत, सं या के साथ गंत थल भी िलखकर सबिमट करना होगा। अब य द आपने बाद म इसम कोई माल अित र
जोड़ दया या कम कया मतलब आपका ो ाम बदल गया है , तो फर से संशोिधत िबल िनकालना पड़ेगा। इस िबल क
कॉपी य द क ाइवर के पास है तो ही वह माल लेकर जा सकता है।
e-way िबल िस टम ब त ही अ वहा रक है, क तु य द इसे लागू नह कया गया तो जीएसटी काम ही नह कर पायेगा,
और एक समानांतर आपू त ख
ृं ला खड़ी हो जायेगी। और य द इसे लागू कया गया तो छोटे और मझोले कारोबा रय को
बड़े पैमाने पर आ थक दंड का सामना करना पड़ेगा और उनके माल क लागत बढ़ जायेगी !!
देश भर म इस तरह क कई घटनाएं घट रही है, क तु पेड मीिडया म ये रपोट नह होती, और यादातर मामलो म कर
अिधकारी घूस वसूल कर माल छोड़ देते है। इस तरह जीएसटी डाल कर उ ह ने देश के लाख छोटे मझौले कारोबा रय को
कर अिधका रयो के पंजे म डाल दया है। ये लोग िशकारी क तरह कारोबा रय को ढू ंढ रहे है। वे उ ह पकड़ते और घूस
वसूलते है। जो घूस नह देता उसका माल ज त करके अख़बार म टे चोर बोल के छाप दया जाता है !!
तो सारी रचना इस तरह क गयी है क, छोटे-मझौले कारोबारी क लागत बढ़ेगी, पचड़े बढ़गे, माल पकड़ा जाएगा, कर
अिधकारी जांच के नाम पर छापे मारते रहगे और उनसे घूस वसूलते रहगे। य द वे जीएसटी म नह आते तो डबल टे सेशन
िस टम के िशकार ह गे, और जैसे ही जीएसटी म आयगे एकाउं टग, e-way िबल, रटन फाई लग म फं सगे और अंततोग वा
िम सग ेडर ो लम क तलवार से कट जायगे। यह सब इतनी खामोशी से होता है, क जो अपना धंधा खो देता है उसे
कभी मालूम नह हो पाता क एक गलत क़ानून ने उसका धंधा छीन कर बड़ी क पिनय के हवाले कर दया है !!
और पेड मीिडया ारा लगातार यह सुनाया जाएगा क GST का िवरोध वो कर रहे है, जो टे स चोर है !! िपछले 70 सालो
म पेड मीिडया ारा वैसे भी यह थािपत करने म काफ मेहनत क गयी है क, भारत के कारोबारी टे स चोर ही होते है।
तो अख़बार-टीवी क यूज फ डग क जुगाली करने वाले यादातर नाग रक जीएसटी को अ छी नजर से देखते रहगे।
पेड मीिडया और पेड बुि जीिवय ारा यह म बड़े पैमाने पर फै लाया गया है क मुंबई, द ली, अहमदाबाद जैसे
महानगरो म एवं अ य शहरी े ो म जगह क कमी है, और इसीिलए आवास, रोजगार, े फक आ द क सम या है।
दरअसल सम या जगह क नह है। सम या यह है क गलत कानून क वजह से शहरी े क क मती जमीनो का एक बड़ा
िह सा भू-सं हकताओ (Land Hoarders) ने रोक कर रखा आ है, और यह जमीन खाली पड़ी है। जैसे जैसे जमीन क कमी
होती है वैसे वैसे इन भू सं हकताओ क बेलस शीट म भी संपि क मद म इजाफा होता जाता है। तो ये लड होडस ऐसे
क़ानून चाहते है, िजससे जमीन क क लत हो और नतीजे म जमीन के दाम भी बढे !!
3.1. खाली पड़ी जमीन को बाजार म लाना ता क इसका इ तेमाल कया जा सके :
चंडीगढ़ से मुंबई क तुलना क िजये – चंडीगढ़ भारत का सबसे खुला एवं सबसे यादा िनयोिजत शहर है। चंडीगढ़ म
जनसं या घन व 10,000 ि ित वग कमी है। जब क मुंबई म यह घन व 21,000 ि ित वग कमी है !!
तो फर मुब
ं ई म चंडीगढ़ क तुलना म 5 गुणा े फक / भीड़ भड़ ा य है ? वहां जमीन क क लत य है ?
दरअसल मुंबई क लगभग 40% भूिम कु छ 100 प रवार के पास है और यह जमीन खाली पड़ी है। न तो वे इसका कोई
इ तेमाल करते है, और न ही इस पर कोई टे स देते है। अके ले गोदरे ज के पास मुंबई क 10% जमीन है। और मुंबई के शीष
10 भू सं हकताओ के पास मुंबई क कु ल जमीन का 20% िह सा है, और यह पूरी तरह अकायशील पड़ा है –
Nine landowners control a fifth of Mumbai's habitable area | Mumbai News - Times of India
इस तरह ये खाली पड़ी जमीन माकट म आएगी। क यी 40% जमीन के माकट म आने से मुब
ं ई म जमीन क क मत
धड़ाम हो जायेगी और जमीन लेना हर आदमी क प च
ँ म आ जाएगा।
उदाहरण के िलए , गोदरे ज के पास मुंबई के शहरी े म 3,000 एकड़ यानी 15 करोड़ ायर फु ट भूिम खाली पड़ी है !!
य द र भूिम कर लागू हो जाता है तो गोदरे ज 1 से 2 वष के भीतर इसम से कम से कम 10 करोड़ वग फु ट जमीन मा कट
म डाल देगा। इस 10 करोड़ म से 40% भूिम को सड़को और सामुदाियक उपयोग के िलए छोड़ने के बाद 6 करोड़ वग फु ट
भूिम बचती है िजस पर िनमाण कया जा सकता है। य द FSI ( Flor Surface Index) 4 भी हो तो इस भूिम पर 4 लाख 1
Bhk और 1 लाख 2 Bhk के लैट बनाये जा सकते है !!
मतलब मोटा मोटी य द गोदरे ज अपनी बेकार पड़ी जमीन को माकट म ले आता है और इसका इ तेमाल शु हो जाता है
तो लगभग 15 लाख लोगो के िलए आवास बनाए जा सकते है। और इतनी बड़ी मा ा म जब जमीन बाजार म आएगी, तो
मु बई म लेट के दाम लगभग 4 गुना तक िगर जायगे। और कराए पर लेट / दूकान लेना आदमी क प च
ँ म आ जाएगा।
चीन म सभी जमीन का वािम व चीन क सरकार के पास है, और िनजी ि य को जमीन लीज पर दी जाती है। य द
आप कम क मत म कोई छोटी मोटी व तु बनाने का ोजे ट बनाकर थानीय शासन को देते हो तो आपको बेहद कम लीज
पर जमीन िमल जायेगी। आपका धंधा चल रहा है तो लीज आगे बढा सकते है, वना जमीन खाली कर सकते है। य द आप
ए सपोट कर रहे हो तो वे आपको और भी कम लीज पर इि छत जमीन दे देते है। तो वहां िबना जमीन ख़रीदे ि कम
पैसे म फै ी शु कर लेता है। कम जोिखम होने से यादा लोग नए िवचार लेकर आते है और यास करते है। यादा लोगो
क आसान एं ी वहां पर ित पधा को ज म दे देती है, और चीन स ते म माल बना पाता है। दूसरी बड़ी वजह अदालत है।
भारत 18,000 जज क तुलना म चीन म 2 लाख जज है। जज क िनयुि म सा ा कार न होने के कारण भाई भतीजा
वाद कम है, और फै सले तेजी से आते है। जब क भारत म लाख कारखाना मािलको क टाँगे अदालत म फं सी यी है।
अ ाय 4 : अ र पू छे जाने वाले
जमीन ऐसी चीज है, जो कभी बढती नह है, और न ही इसका उ पादन होता है। काम म आने लायक जमीन सीिमत होती
है। लोगो को रहने, फै ी चलाने, दुकान-ऑ फस आ द लगाने के िलए सबसे पहले जमीन क ज रत होती है। आज जमीन
इतनी महंगी है क साधारण आदमी को शहरी े म जमीन का टु कड़ा खरीदने म आधी िज दगी िनकल जाती है। र
भूिम पर कर लगाए िबना जमीन स ती नह होगी। और जमीन को स ता कये िबना काम चलने वाला नह है।
#EmptyLandTax #CancelGst र भूिम कर लाओ , जीएसटी हटाओ B 27 of 32
4.2. टो को र भूिम कर के दायरे म य रखा गया है ? अब वे सेवा काय कै से करगे ?
य द कोई ट वा तव म लोगो को सेवा दे रहा है तो सेवा ाही नाग रको से दान सेवा अंक ले लेगा, और ट पर टे स
नह आएगा। क तु य द ट को िसफ जमीन रोकने के िलए ही बनाया गया है, और वह कोई सेवा नह दे रहा है तो उस
पर टे स आएगा। उ आय वग और अिधका रय -जज -नेता ने ट खोलकर कलोमीटरो के िहसाब से जमीने
दबाकर रखी है। य द टो को दायरे से बाहर रखा गया तो ये जमीने बाजार म नह आ पाएगी और क मत नह िगरे गी।
हमारा अनुमान है क, र भूिम कर जीएसटी से काफ यादा राज व जुटा लेगा, और हम जीएसटी क ज रत नह रह
जायेगी। इसीिलए हमने पहली धारा म ही इसे प प से िलखा है क र भूिम कर मौजूदा जीएसटी क जगह लेगा।
और वैसे भी यायपूण यही है क हम आव यक कर जमीन से ही इक ा करना चािहए। य द कम राज व आता है, तो र
भूिम कर क दर रवाईज क जा सकती है। व तु एवं सेवा पर कर लगाना एक अ यायपूण एवं बकवास णाली है।
4.5. जीएसटी के िबना सरकार को मालूम कै से होगा, क कौन कतना माल बनाकर कसे बेच रहा है ?
इस क़ानून के आने से व तुओ एवं सेवा पर कोई कर नह रह जाएगा, अत: सरकार को यह मालूम करने क ज रत भी
नह है क, कौन ि कतना माल बनाकर कसे बेच रहा है। य द कोई ि ितबंिधत व तु बनाता या बेचता है तो
उसके िलए भारत म अलग से क़ानून बने ए है, और सरकार उन कानून के आधार पर कायवाही कर सकती है। क तु य द
कोई ि वैध व तुएं बना रहा है या बेच रहा है तो सरकार को इससे कोई सरोकार नह रहेगा। ि के पास िसफ
अपनी फम या क पनी का रिज ेशन नंबर होना चािहए, और वह इस नंबर के आधार पर िबल काट कर दे सकता है।
कारोबारी साल म िसफ 2 रटन भरे गा। य द वह आयकर के दायरे म आता है, तो आयकर रटन भरे गा, और य द उसके
पास अित र भूिम है तो वह र भूिम कर भरे गा। य द उसने आय के बारे म गलत जानकारी दी है तो आयकर िवभाग,
और य द उसने अपनी जमीन के बारे म गलत जानकारी दी है तो, िजला र भूिम कर अिधकारी कायवाही कर सकता है।
इन दो िवभाग के अलावा कारोबारी को कसी भी कर अिधकारी के सामने अपने लेखे तुत करने क ज रत नह होगी।
देश क समृि इस बात पर िनभर करती है क कोई देश तकिनक व तु का कतना उ पादन करता है। तकिनक
उ पादन करने के िलए हम ढेर सारी फै ि यां और व थ ित पधा चािहए। फै ि यां लगाने म सबसे बड़ा रोड़ा जमीन क
क मत, और फै ि यां चलाने म सबसे बड़ा रोड़ा हमारी अदालत है।
(i) गरीबी म कमी आएगी : अभी आप जो भी व तु खरीद रहे है, उस पर GST चुका रहे है। य द आप साल म 2 लाख खच
करते है तो धीरे धीरे फु टकर म लगभग 30,000 से 40,000 GST के प म चुका देते है। य द आप साल म 1 लाख खच
करते है तो लगभग 15,000 से 20,000 टे स म चले जाते है। आप इसे इसीिलए देख नह पाते य क यह लागत म जुड़ा
आ है। टे स का भार ापारी पर कभी नह आता। ापारी िसफ टे स इक ा करके सरकार म जमा कराता है। पैसा तो
उपभो ा को ही चुकाना पड़ता है। उदाहरण के िलए य द आपने एक 10,000 का मोबाईल फोन िलया है तो इसम 2,000
GST के है। GST र होने से आपका यह पैसा सीधे तौर पर बचने लगेगा। और य द आप के पास अकायशील भूिम नह है,
तो आप पर र भूिम कर भी नह आएगा !!
(ii) घर, दूकान, ऑ फस आ द लेना आसान हो जाएगा : जमीन क क मत 5 से 10 गुना तक िगरने के बाद साधारण
नाग रक भी जमीन ले सकता है, और घर आ द बना सके गा। जमीन के दाम िगरने से कराया भी िगर जाएगा, और जो
नाग रक कराए पर रह रहे है, उ ह कम दाम चुकाने पड़गे। इस तरह िबना कसी सरकारी सहायता के आवास क सम या
हल हो जायेगी। अभी यादातर लोग सड़को पर ठे ल,े के िबन आ द पर अपना रोजगार चलाते है। इसक एक वजह जमीन
क ऊँची क मत है। जमीन स ती होने से उ ह स ते कराए म जगह िमलने लगेगी।
(iii) बड़े पैमाने पर कारखानो क थापना : इस क़ानून का मु य उ े य भारत म बड़े पैमाने पर नये कारखाने लगाने को
ो सािहत करना, और फै ी मािलको को सरं ण देना है। आज जो कारखाना मािलक आज फै ि यां चला रहे है, उनका
आधा दमाग / व टे स िस टम के झमेले ने खा रखा है। जीएसटी िनकलने और र भूिम कर आने के बाद उ ह साल म
िसफ एक बार र भूिम कर भरना पड़ेगा, िजससे उनक उ पादकता बढ़ेगी।
(iv) तकिनक व तु क क मत िगरना एवं रोजगार का सृजन : य द जमीन क क मत 10 गुणा कम हो जाती है, तो
फै ि यो क सं या भी कमोबेश 5 गुना तक बढ़ जायेगी। िजतनी यादा फै ि यां लगेगी, उतना ही क पीटीशन भी बढेगा।
इससे व तु क लागत भी िगरे गी और गुणव ा म भी सुधार आएगा। और इस वजह से तकिनक व तु के दाम िगरने
लगगे। और इ ह चलाने के िलए कारखाना मािलको को लोगो क ज रत होगी। इस तरह िबना कसी सरकारी योजना और
सहायता के बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर खुल जायगे। सभी कार के कारोबार जैसे रटेल, फु टकर, े डग, ांसपोटशन
आ द कारखानो क सं या पर िनभर करते है। अत: कारखाने बढ़ने से सभी तरह का धंधा बढेगा।
(v) तकिनक अिव कार एवं िवकास : जब कसी देश म छोटी छोटी इकाइय का यह आधार बन जाता है तो नए नए
आइिडया और अिव कार सामने आने लगते है। इस तरह ज दी ही भारत क वदेशी इकाइयां स ते दाम म बेहतर तकिनक
उ पादन करने लगेगी, जो क मझौली और बड़ी क पिनय को तकिनक सपोट उपल ध करवाएगी।
(vi) आयात कम होगा और िनयात बढ़ने लगेगा : अगले चरण म भारत के कारखाना मािलक चीन जैसे देशो से बेहतर और
स ता माल बनाने क मता जुटा लगे और तब चीन भारत म अपना बाजार खोने लगेगा। इससे पहले चरण म आयात म
कमी आएगी, और दुसरे चरण म भारत अपनी वदेशी व तु का िनयात अ य देशो म करने लगेगा।
(vii) वदेशी हिथयार का उ पादन : ऊपर दए गए सारे चरण अंत म हम वह आधार उपल ध करा दगे िजससे हम भारत
म वदेशी लड़ाकू िवमान और वदेशी बुलेट ेन जैसे ज टल िनमाण कर सके । और य द हम वदेशी लड़ाकू िवमान बनाने
क मता जुटा लेते है, तो हमारी सेना आ मिनभर हो जाएगी। कु ल िमलाकर इस क़ानून का मु य ल य वदेशी हिथयार
के िनमाण क तकनीक जुटाना है, और इस या और यह मता जुटाने के दौरान हम िजस या से गुजरगे उससे हम
रोजगार, गरीबी, आवास, महंगाई आ द सभी सम या का समाधान भी कर दगे।
1. कृ पया पेज नंबर 1 पर दए अनुसार धानमं ी जी को एक पो टकाड िलख एवं को 5 तारीख को 5 बजे लेटर
बॉ स म डाल। पो ट करने से पहले पो टकाड क एक फोटो कॉपी करवा ले।
(4.1) िच यां एक ही दन भेजी जाती है तो इसका यादा भाव होगा, और धानमं ी कायालय इ ह आसानी से
िगन पायेगा। चूं क नाग रक कत दवस 5 तारीख को पड़ता है अत: पूरे देश म सभी शहरो के िलए िच ी भेजने
के िलए महीने क 5 तारीख तय क गयी है। तो य द आप Pm को ये िच ी भेजते है तो िसफ 5 तारीख को ही भेज।
(4.2) 5बजे इसिलए ता क पो ट ऑ फस टाफ को अित र परे शानी न हो। अमूमन 3 से 5 बजे के बीच लेटर
बॉ स खाली कर िलए जाते है। अब य द कसी शहर से 100-200 नाग रक िच ी डालते है तो उ ह लेटर बॉ स
खाली िमलेगा, वना भरे ए लेटर बॉ स म इतनी िच यां आ नह पाएगी, व पो ट ऑ फस/ नाग रको को
असुिवधा होगी। और इसके बाद पो ट मेन 6 बजे पो ट बॉ स खाली कर सकता है, य क ज दी ही वे जान
जायगे क पीएम को िनदश भेजने वाले नाग रक 5 से 6 के बीच ही िच यां डालते है। इससे उ ह इनक छं टनी
करने म यादा व नह लगाना पड़ेगा। अत: य द आप यह िच ी भेजते है तो कृ पया 5 बजे से 6 बजे के बीच ही
लेटर बॉ स म डाले। य द आप 5 तारीख को िच ी नह भेज पाते है तो फर अगले महीने क 5 तारीख को भेज।े
(4.3)आप यह िच ी कसी भी लेटर बॉ स म डाल सकते है, क तु यथा संभव इसे शहर या क बे के हेड पो ट
ऑ फस के बॉ स म ही डाला जाना चािहए । य क हेड पो ट ऑ फस का लेटर बॉ स अपे ाकृ त बड़े आकार का
होता है, और वहां से पो टमेन को िच याँ िनकालकर ले जाने म यादा दूरी भी तय नह करनी पड़ती।
6. कायकता थानीय तर पर महीने के दुसरे रिववार को सांय 4 बजे मी टग कर सकते है। मी टग सावजिनक थल
पर रखी जानी चािहए। इसके िलए आप कोई मं दर या रे लवे-बस टेशन के प रसर आ द चुन सकते है। 2nd
Sunday के अित र अ य दन म कायकता िनजी थल पर मी टग वगेरह रख सकते है, क तु महीने के ि तीय
रिववार क मी टग सावजिनक थल पर ही होगी। इस सावजिनक मी टग का समय भी अप रवतनीय रहेगा।
पाट का एजडा : राईट टू रकॉल पाट का मु य एजडा िनचे दए गए क़ानून ा स को गेजेट म छपवाना है :
1. Evm हटाकर फर से मतप ारा चुनाव कराने का क़ानून लाना हमारी पाट का मु य एजडा है।
2. थान , अदालत , सरकारी कू ल एवं अ पताल को सुधारने के िलए जू री कोट क़ानून। जूरी कोट म
मुकदमो को सुनने एवं दंड देने क शि आम नाग रको क जूरी के पास रहेगी, जज के पास नह ।
3. खिनज क लूट रोकने के िलए येक नाग रक को धनवापसी पासबुक जारी करवाना। इस क़ानून के
आने से खिनजो क खुली नीलामी होगी, और ा रोय टी सीधे नाग रको के खाते म जमा होगी।
4. वदेशी हिथयार के उ पादन म सेना को आ मिनभर बनाने के िलए वोइक क़ानून गेजेट म िनकलवाना।
5. पंचायत राज एवं नगरीय शासन को ठीक करने के िलए तािवत जू री पंचायत क़ानून।
7. येक नाग रक को वोट वापसी पासबुक जारी करवाना, ता क भारतीय अपने नेता एवं अिधका रय
को िन कािसत करने के िलए अपनी सहमती दज करवा सके ।
8. मं दर को सरकारी िनयं ण से मु करने एवं िह दू बोड के गठन के िलए तािवत रा ीय िह दू बोड
क़ानून गेजेट म छपवाना।
9. अयो या म राम ज म भूिम देवालय, मथुरा म कृ ण ज म भूिम देवालय, काशी म िव नाथ देवालय एवं
क मीर म अमरनाथ देवालय के िनमाण के िलए देश ापी जनमत सं ह करवाना।
10. गौ ह या कम करने के िलए तािवत गौ नीित क़ानून गेजेट म कािशत करवाना ।
िपछले 20 वष से हम नाग रक एवं कायकता इन कानूनो को गेजेट म छपवाने के िलए आ दोलन चला रहे है।
अ हसामूत महा मा उधम सह जी से रे णा लेने वाला यह एक नेता-िवहीन, मीिडया-िवहीन जन आ दोलन है,
और राईट टू रकॉल पाट इसी जन आ दोलन का एक िह सा है। पाट के मेिनफे टो का थम सं करण 2008 म
जारी कया गया था। इसे आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते है : Rtrp.in/301h
पाट की काय शैली : पाट के कायकता नेता एवं मीिडया पर िनभर नह करते है, और चार के िलए िवके ि त
है तरीको का इ तेमाल करते है। िवके ि त तरीको म पच बांटना, बैनर लगाना, नाग रक सभाएं करना, आ द
शािमल है। पेड मीिडया का इ तेमाल िसफ िव ापन देने म कया जाता है। य द आप राईट टू रकॉल पाट के बारे
म कसी भी टीवी/ अख़बार आ द म कोई खबर/ सूचना /िव े ण आ द देख और य द यह िव ापन के प म नह
है, तो हमारा सुझाव है क इसे गंभीरता से न ले और इसक अवहेलना कर। पाट के सद य अपनी गितिविधय
आ द के बारे म सूचनाएं कािशत कराने के िलए समाचार प के द तर म लॉबीइं ग नह करते है। अत: य द
पेड मीिडया राईट टू रकॉल पाट के बारे म अ छी खबर छापता है, तब भी इस पर यान न द।