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11 GauNiti 08pages RRP
11 GauNiti 08pages RRP
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मु मं ी कायालय
................................... (राजधानी)
िट णी : ट पिणयाँ इस क़ानून का िह सा नह है। नाग रक ट पिणय का इ तेमाल दशा िनदश के िलए कर सकते है।
01 इस क़ानून के गेजेट म छपने के 30 दन के भीतर येक मतदाता को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी। िनचे दए 3
अिधकारी इस वोट वापसी पासबुक के दायरे म आयगे :
1. गौ र ा अिधकारी ( Deputy S.P. - Cow Protection Cell Incharge )
2. गौ क याण मं ी ( Cow Welfare Minister )
3. जूरी शासक ( Jury Administrator )
तब य द आप ऊपर दए गए कसी अिधकारी के काम-काज से संतु नह है, और उसे िनकालकर कसी अ य ि
को लाना चाहते है तो पटवारी कायालय म जाकर अपनी हाँ दज करवा सकते है। आप अपनी हाँ SMS, ATM या
मोबाईल APP से भी दज करवा सकगे। आप कसी भी दन अपनी वीकृ ित दे सकते है, या वीकृ ित र कर सकते है।
आपक वीकृ ित क एं ी वोट वापसी पासबुक म आएगी। यह वीकृ ित आपका वोट नही है, बि क यह एक सुझाव है।
02 य द आपका नाम वोटर िल ट म है तो इस कानून के पा रत होने के बाद आपको जूरी ूटी के िलए बुलाया जा
सकता है। िनचे दए गए मामले जूरी ूटी के दायरे म आयगे :
1. गौ र ा अिधकारी, गौ क याण मं ी, जूरी शासक एवं उनके टाफ से स बंिधत सभी नाग रक िशकायत।
2. गौ वंश क त करी, गौ ह या एवं देशी गाय से संबिधत सभी कार के मुकदम।
3. देशी गाय के उ पाद म जस या अ य न ल क गाय के उ पाद क गैर कानूनी िमलावट क िशकायत।
जूरी मंडल का चयन लॉटरी से कया जाएगा, मुकदमे क गंभीरता को देखते ए जूरी मंडल म 15 से 1500 तक सद य
हो सकगे। य द लॉटरी म आपका नाम िनकल आता है तो आपको आरोपी, पीिड़त, गवाह और दोन प के वक ल
ारा तुत सबूत आ द देखकर बहस सुननी होगी और सजा / जुमाना या रहाई का फै सला देना होगा।
#GauNiti, #RRP11, मु मं ी जी, यह क़ानू न गे जेट म छाप ..............................................................(भे जने वाले का ह ा र) K 1 of 8
03 य द आपका नाम वोटर िल ट म है और आप इस क़ानून क कसी धारा म कोई आंिशक या पूण प रवतन चाहते है,
तो अपने कले टर कायालय म इस क़ानून क धारा (15.1) के तहत एक शपथप तुत कर सकते है। कले टर 20
ित पृ क दर से शु क लेकर शपथप वीकार करे गा, और मु यमं ी क वेबसाईट पर इसे कै न करके रखेगा।
भाग (II) : नाग रकों और अिधका रयों के िलए िनदश
04 [ िट णी 1 : इस क़ानून म गाय श द से आशय है देशी गाय एवं उसका वंश। इस क़ानून म गौ र ा अिधकारी से आशय है,
िजले का वह पुिलस अिधकारी िजसके पास गौ को ( Cow Protection Cell ) का चाज है। गौ क याण मं ी / मु यमं ी
यह क़ानून पास होने के 180 दन के भीतर िन िलिखत िब दुओ का िन पादन करने के िलए नो ट फके शन िनकालगे िज ह
इस क़ानून म जोड़ा जाएगा ]
1. मु यमं ी एक गौ क याण मं ी क िनयुि करगे। गौ मं ी रा य म देशी/ भारतीय न ल क गाय के सरं ण
एवं देशी गाय के सभी उ पाद आ द को बढ़ावा देने के िलए नीित-िनधारण, बंधन एवं िनयमन करेगा।
2. मु यमं ी येक िजले म एक गौ को ( Cow Protection Cell ) क थापना करगे। इस को का मुिखया
पुिलस उप अधी क या सहायक अधी क तर का पुिलस अिधकारी होगा, जो क गौ र ा अिधकारी
कहलायेगा। मामल क सं या को देखते ए कसी िजले म इसके िलए अलग से अिधकारी िनयु कया जा
सकता है, या फर कसी उप अधी क को इसका अित र चाज दया जा सकता है। क तु य द गौ र ा
अिधकारी नाग रको क वीकृ ित से िनयु कया गया है तो वह िसफ गौ को का काय ही करे गा।
3. मु यमं ी येक िजले म एक िजला जूरी शासक क िनयुि करगे। जूरी शासक गौ वंश से स बंिधत
िशकायत एवं मुकदमो क सुनवाई के िलए जूरी मंडल के गठन एवं संचालन का काय करे गा।
05 गौ वंश का प रवहन :
(5.1)गायो के प रवहन के िलए िसफ जालीदार वाहन का ही उपयोग कया जाएगा। इन वाहन पर गौ प रवहन
यान िलखा रहेगा और िसफ इ ही वाहन म गायो को ले जाया जा सके गा।
07 गाय का चमड़ा बेचने पर ितब ध लगाया जाएगा। मृत गाय को दफनाया जायेगा या जलाया जायेगा। जूत / बेग
आ द के िनमाता अपने उ पाद पर ‘हरा गो-ह या मु ’ लेबल लगा सकगे, िजसका मतलब होगा क चमड़ा िजस
पशु से आया है, उसक ाकृ ितक मृ यु ई है और उसका मांस खाने के िलए योग नह कया गया था।
10 धारा 09 म दी गयी यो यता धारण वाला कोई भी नाग रक य द कले टर के सामने वयं या कसी वक ल के मा यम
से ऐ फडेिवट तुत करता है, तो िजला कले टर सांसद के चुनाव म जमा क जाने वाली रािश के बराबर शु क लेकर
अ हत पद के िलए उसका आवेदन वीकार कर लेगा, और मु यमं ी क वेबसाईट पर इसे कै न करके रखेगा।
11 मतदाता ारा यािशय का समथन करने के िलए "हाँ" दज करना
(11.1)कोई भी नाग रक कसी भी दन अपनी वोट वापसी पासबुक या मतदाता पहचान प के साथ पटवारी
कायालय म जाकर गौ र ा अिधकारी गाय मं ी एवं जूरी शासक के यािशय के समथन म हाँ दज करवा सके गा।
पटवारी अपने क यूटर एवं वोट वापसी पासबुक म मतदाता क हाँ को दज करके रसीद देगा। पटवारी मतदाता
क हाँ को याशीय के नाम एवं मतदाता क पहचान-प सं या के साथ िजले क वेबसाईट पर भी रखेगा। मतदाता
कसी पद के याशीय म से अपनी पसंद के अिधकतम 5 ि य को वीकृ त कर सकता है।
(11.2) वीकृ ित ( हाँ ) दज करने के िलए मतदाता 3 पये फ़ स देगा। BPL काड धारक के िलए फ़ स 1 पया होगी।
(11.3) य द मतदाता वीकृ ती र करवाने आता है तो पटवारी एक या अिधक नाम िबना फ़ स िलए र कर देगा।
(11.4) येक सोमवार को महीने क 5 तारीख को, कले टर िपछले महीने के अंितम दन तक ा येक यािशय
को िमली वीकृ ितय क िगनती कािशत करे गा। पटवारी अपने े क वीकृ ितयो का यह दशन येक सोमवार
को करे गा। गौ क याण मं ी क वीकृ ितय का दशन रा य के कै िबनेट सिचव ारा भी कया जाएगा।
[ िटप ी : कले टर ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता वीकृ ित SMS, ATM एवं मोबाईल एप ारा दज करवा सके ।
रज वोिटं ग - मु यमं ी ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता कसी याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे सके । य द
मतदाता िसफ हाँ दज करता है तो इसे 100 अंको के बराबर, और य द मतदाता वीकृ ित दज नही करता तो इसे शू य अंक
माना जाएगा। क तु य द मतदाता अंक देता है तो उसके ारा दए अंक ही मा य ह गे। रज वो टग क ये या वीकृ ित
णाली से बेहतर है, और ऐरो क थ अस भा ता मेय (Arrow’s Useless Impossibility Theorem) से ितर ा देती है।]
(14.1) धारा 02 म दए गए सभी मामले जूरी मंडल ारा सुने जायगे। वादीगण अपने मामले क िशकायत िजला
महाजूरी मंडल को िलख कर दे सकते है। य द महाजूरी के सद य मामले को िनराधार पाते है तो िशकायत खा रज कर
सकते है । य द महाजूरी मंडल के अिधकांश सद य मानते है क िशकायत िबलकु ल आधारहीन और मनगड़ंत है तो वे
मामले क सुनवाई म ई समय क बबादी के िलए 5000 ित घंटे अिधकतम क दर से जुमाना भी लगा सकते है।
(14.2)य द महाजूरी मंडल िशकायत वीकार कर लेता है तो महाजूरी मंडल मामले क सुनवाई करे गा। महाजूरी
मंडल चाहे तो खुद सुनवाई कर सकता है, और य द मामले यादा है तो सुनवाई के िलए अलग से जूरी मंडल का गठन
भी कर सकता है। मामले क ज टलता एवं आरोपी क हैिसयत के अनुसार महाजूरी मंडल तय करे गा क 15-1500 के
बीच म कतने सद य क जूरी बुलाई जानी चािहए। तब जूरी शासक मतदाता सूची से लॉटरी ारा सद य का
चयन करते ए जूरी मंडल का गठन करे गा और मामला इ ह स प देगा।
(14.3)अब यह जूरी मंडल दोन प , गवाह आ द को सुनकर फै सला देगा। येक जूरी सद य अपना फै सला बंद
िलफ़ाफ़े म िलखकर जज को दगे। 2/3 सद य ारा मंजूर कये गये िनणय को जूरी का फै सला माना जाएगा। क तु
नौकरी से िनकालने एवं ना टे ट का फै सला लेने के िलए 75% सद य के अनुमोदन क ज रत होगी। जज या
ायल एडिमिन ेटर सभी के सामने जूरी का िनणय सुनायगे। य द जज जूरी के फै सले को खा रज करना चाहता है तो
वह ऐसा कर सकता है। येक मामले क सुनवाई के िलए अलग से जूरी मंडल होगा, और फै सला देने के बाद जूरी
भंग हो जाएगी। प कार फै सले क अपील वृत कानून के अनुसार उ जूरी मंडल या उ यायालय म कर सकते है।
1.1 मुग़लो के शासन काल म यादातर समय तक गौ कशी िनिष थी। बाबर, मायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहाँ आ द के
काल म गौ ह या पर ितबंध जारी रहे। जब बाबर मरणास था तो उसने अपने बेटे मायूँ को नसीहत दी थी क वह गाय
को स मान और सरं ण द। औरंगजेब के शासन के शु आती वष म गौ ह या क अनुमित थी, क तु बाद म औरं गजेब ने गौ
ह या पर रोक लगा दी थी। तब से लेकर बहादुरशाह जफर तक ब धा ितब ध जारी रहा। जफ़र के शासन म भी गौ कशी
पर मृ यु दंड का ावधान था। मुगल शासको ारा गौ ह या का समथन नह करने के कारण इस काल म गाय बची रही।
1.2. िटश गौ मांस खाते थे, और उ ह ने भारत म आने के साथ ही गाय काटने क अनुमित देनी शु क । जब क लखान
म गाय काटी जाने लगी तो मुि लम धमावल बी भी गौ मांस खाने लगे, और यहाँ से िह दू-मुि लम म गाय को लेकर
ितरोध ारं भ आ। ि टश ारा गौ कशी को ो साहन देने के पीछे दो कारण थे :
1.3. सै य िनयं ण हािसल करने के बाद ई ट इि डया क पनी ने भारत के सैिनको को क वट करने के यास शु कर दए
थे। बैरको म िह दू देवी देवता के िच लगाने एवं धा मक िच ह शरीर पर धारण करने आ द पर ितब ध लगाये गए,
बैरको म चच खोले गए, और रिववार को पाद रय को बुलाकर उ ह उपदेश कये जाने लगे। 1857 से पहले तक कारतूसो
पर भस क चब चढ़ाई जाती थी, क तु वायसराय ने इस पर गाय एवं सूअर क चब िम स करके लगाने के आदेश दए।
1.4. ाि त तो असफल हो गयी थी, ले कन 1860 से भारत म देश के िविभ थान से गौ ह या पर ितब ध लगाने के
िलए छोटे मोटे आ दोलन शु ए, और ये फै लने-बढ़ने लगे। क तु गोरो ने गाय काटने पर ितब ध नह लगाया। गोरे
जानते थे क, य द गाय कटती रहेगी तो मुि लम गौ मांस खायगे और इससे िह दू मुि लम के बीच खाई बनेगी। गाय बचाने
क यह मूवमट देश ापी हो चुक थी, और 1860 से 1895 के दौरान गाय को लेकर सकड़ो दंगे ए। बाद म मह ष दयानंद
सर वती से लेकर देश के कई नेता, संत, महंत, राजनेता, सेनानी आ द भी इस मूवमट म जुड़ते चले गए। भारत म गौ र ा
का यह पहला आ दोलन था। क तु तमाम िवरोध दशन के बावजूद गोरो ने गौ ह या ितब ध का क़ानून नह बनाया।
2.3. 1966से 1998 तक गाय राजनीती से लगभग बाहर रही। ऍफ़ डी आई का िव तार होने के साथ ही भारत म अमे रक -
ि टश धिनक का िनयं ण बढ़ने लगा और इस वजह से िमशनरीज क ताकत भी बढ़ना शु यी। िपछले 10 वष से गाय
फर से राजनीित क मु यधारा म है। तो वह च फर से शु हो चुका है जो गोर ने 200 साल पहले ारं भ कया था।
इसम कु छ नई चीजे यह है क, अब ि टश-अमे रक धिनक पहले के मुकाबले कई गुणा यादा ताकतवर है, और उनके
एजडे म देशी गाय पर एकािधकार करने क नीित भी शािमल है।
3.1. ब रा ीय क पिनयां A2 दूध के उ पादन पर एकािधकार बनाना चाहती है, ता क इ ह ऊँचे दाम पर बेचा जा सके ।
आज से कई दशको पहले अमे रक -ि टश धिनक ने भारत क देशी गाय क न ल आयात क और िवदेश म इसे संव धत
करना शु कया। क तु जब तक भारत म इस न ल क गाये इतनी बड़ी सं या म मौजूद है, तब तक देशी गाय के उ पाद
को ऊँची क मत पर नह बेचा जा सकता। तो भारत म देशी न ल क गायो क सं या कम करने के िलए उ ह ने 2014 म
गेजेट नो ट फके शन छपवाए िजससे भारत म देशी गाय का िनषेचन जमन सांडो से बड़े पैमाने पर करवाया जा सके ।
3.2. रा ीय डेयरी बोड अब पशुपालको को ो सािहत कर रहा है क वे गाय के गभाधान के िलए जस सांडो का इ तेमाल
कर। इस तरह के गभाधान से देशी गाय क अगली पीढ़ी म देशी गाय के िसफ 50% ज स ही देशी ह गे, और इससे अगली
पीढ़ी 25% देशी होगी। तीसरी और चौथी पीढ़ी म मश: देशी ज स 12% एवं इससे कम रह जायगे। एक गाय क अगली
पीढ़ी 6 वष म आती है। इस तरह अगले 20-30 वष म भारत क यादातर देशी गाय का आनुवंिशक पांतरण भस -
सुअर म हो चुका होगा। और इस िनषेचन के बाद देशी गाय A2 क जगह A1 दूध देने लगेगी !! देशी गाय कम दूध देती है
ले कन भारत क शु न ल क गाय के दूध म A2 ोटीन होने के कारण यह दूध ाकृ ितक प से सेहत के िलए लाभदायक
होता है। जब क जस जानवर के दूध म A1 ोटीन होने से यह दूध सेहत के िलए हािनकर है। A1 ोटीन होने से हाट अटेक,
हाई कोले ोल, एवं पाचन स ब धी बीमा रय का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
3.4. भारत म इस तरह का कोई क़ानून नह है क य द कोई ि जस जानवर के दूध म देशी गाय का दूध बताकर बेचता
है या देशी गाय के दूध म जस गाय के दूध क िमलावट करता है तो उस पर कायवाही क जा सके । और इस क़ानून के न
होने क वजह से जो गौ पालक शु देशी गाय का दूध बेचना चाहते है, वे यह कभी सािबत नह कर पायगे क उनका दूध
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शु देशी गाय का है। तो होगा यह क रं ग, प काठी म गाय देशी न ल क ही रहेगी ले कन उनके दूध क क म बदल
जायेगी। और जब देशी गाय क सं या काफ घट जायेगी तो वे इस तरह का क़ानून ले आयगे क जस गाय के दूध को देशी
गाय का दूध बताकर बेचना गैर कानूनी है। और तब तब वे देशी गाय के दूध के दोगुने दाम वसूलना शु करगे !! और उस
समय वे इस दूध के सबसे बड़े स लायर ह गे !! य द आज क तारीख म यह क़ानून गैजेट म छाप दया जाता है तो िजन
लोगो के पास देशी गाय है वे अपने दूध पर देशी गाय का दूध क छाप डालकर बेच सकगे और देशी गाय को सरं ण िमलने
लगेगा। उ लेखनीय है क अमे रका म इस तरह का क़ानून बनाया जा चुका है क य द आप दूध के पेकेट पर A2 (भारतीय
न ल क गाय A2 क म का दूध देती है ) दूध अं कत करते है तो इसम A1 ( जस गाय A1 क म का दूध देती है) दूध िम स
करना गैर कानूनी है। और वहां पर भारतीय न ल क गाय का दूध लेने के िलए 5 गुना दाम चुकाने पड़ते है।
(A) जू री िस कसी मुकदमे क सुनवाई के िलए 25-55 आयुवग के 12-15 नाग रको का चयन िजले क मतदाता सूची से
म:
लॉटरी ारा कया जाता है। नाग रको के इस समूह को जूरी मंडल कहते है। यह जूरी मुकदमे सुनती है और सबूत देखकर
फै सला देती है। येक मुकदमे के िलए अलग जूरी होती है, और फै सला देने के बाद जूरी भंग हो जाती है। इस तरह जूरी
णाली म हर मामले को नए ि य ारा सुना जाता है, और वे ही फै सला देते है।
(B) जज िस करोडो नाग रको के ऊपर सरकार कु छ ि य को 20-35 वष के िलए िनयु करती है, िज ह जज कहा
म:
जाता है। इन मु ी भर ि य को देश के सभी मामलो म दंड देने या रहा करने क थायी शि दे दी जाती है। उदाहरण
के िलए भारत म सभी कार के मुकदमो को सुनने एवं दंड देने क अंितम शि कु छ 18,000 यायधीशो के पास है।
जज िस टम जूरी िस टम
1 यादातर मुक़दमे एक ही ि के पास जाते है। एक हर मुकदमे के िलए अलग से जूरी होने के कारण फै सला
जज अपने सेवाकाल म लगभग 5,000 से 20,000 ह ते भर म आ जाता है। जो ि कसी मुकदम म फै सला
मामलो को सुनता है। अत: मुकदमे वष लटके रहते है। चुका है उसे अगले 5 वष तक जूरी म नह बुलाया जाता।
2 अमूमन जज कसी अदालत म 3-4 वष रहता है। पया यूरी सद य अ थायी होते है और िसफ ह ते दो ह ते के
समय होने के कारण अपरािधय एवं वक ल ारा जज िलए जूरी मंडल म आते है। कसी भी वक ल के िलए यह
से गठजोड़ बना लेना आसान हो जाता है। और यह बेहद क ठन है क वह इन 12 सद य म से 8 लोगो के साथ
गठजोड़ लगातार बना रहता है। कई अदालत म जज चुपचाप गठजोड़ बना ले। यह काम तब और भी क ठन हो
आपस म भी गठजोड़ बनाकर रखते है, और एक दुसरे के जाता है, जब वक ल को यह काम िसफ ह ते भर म करना
र तेदार के प म फै सले देते है। इसे Cross- हो । और वक ल को हर मामले के िलए जय गठजोड़
Nepotism कहते है। बनाना होगा !!
3 य द कसी गग एवं उसके सरगना के िखलाफ 4-5 वष के जूरी िस टम म येक मामला 12-15 नाग रको के अलग
दौरान 1000 मुकदमे दज होते है तो जज िस टम म ये जूरी मंडल के पास जाएगा, और 15*1000 = 15,000 जूरी
सभी मुकदमे 5-10 जज के पास जायगे। तो जज िस टम सद य का चयन लॉटरी से होगा। जूरी के पास िसफ एक
म गवाह को तोड़ने, उ ह धमकाने, जाँच भािवत करने मामला होने के कारण मुकदमे को लंिबत रखना मुि कल है।
और रहा होने के िलए मा फया सरगना को िसफ 5-10 जूरी िनयिमत प से सुबह 11 बजे से सायं 4 बजे तक
जज से ही गठजोड़ बनाना होगा, ता क जज उसके सुनवाई करती है। जूरी म अगली तारीख का मतलब होता
मुकदमो क सुनवाई क र तार धीमी कर दे। और ब धा है अगला दन !! और इसी छोटे अंतराल म सरगना को
मामलो म सरगना ऐसा करने म सफल हो जाता है। लगभग 12,000 जूरी सद य से गठजोड़ बनाना होगा।
पि म देशो के िवकिसत एवं समृ होने का सबसे बड़ा कारण यूरी िस टम है। ज दी व िन प दंड िमलने से अपराध म
कमी आती है। और अपराध कम होने से देश क उ पादकता बढ़ती है। जूरी मंडल ने वहां के छोटे-मझौले कारोबा रय क
जज-पुिलस-नेता के ाचार से र ा क और वे तकिनक प से उ त िवशालकाय ब रा ीय क पिनयां खड़ी कर पाए।
तो वोट वापसी क़ानूनो के अलावा जूरी िस टम दूसरी मु य वजह रही क अमे रका-ि टेन भारत जैसे देशो से आगे, काफ
आगे िनकल गए।
#GauNiti, #RRP11, मु मं ी जी, यह क़ानू न गे जेट म छाप ..............................................................(भे जने वाले का ह ा र) K 7 of 8
इस क़ानून को गे जेट म कािशत करवाने के िलए आप ा सहयोग कर सकते है ?
1. कृ पया अपना नाम-पता िलखकर एवं 4 पये का डाक टके ट िचपका कर इसे 5 तारीख को 5 बजे लेटर बॉ स म डाल।
य द यह आपक पहली िच ी है तो िच ी न बर के खाने के सामने 1 एवं यह आपक दूसरी िच ी है तो 2 िलखे। कृ पया
येक पेज पर िनचे अपने साइन भी कर । पो ट करने से पहले इस बुकलेट के पहले पेज क एक फोटो कॉपी करवा ले।
3. य द आपके पास यह िच ी नह है तो आप पो टकाड भी भेज सकते है। पो टकाड म यह िलखे : “मु यमं ी जी, कृ पया
तािवत गौ नीित क़ानून को गेजेट म छाप - #GauNiti
4. आप कसी भी दन यह िच ी भेज सकते है। क तु इस क़ानून ा ट के लेखको का मानना है क सभी नाग रको को यह
िच ी महीने क एक िनि त तारीख को और एक तय व पर ही भेजनी चािहए। तय तारीख व तय व पर ही य ?
(4.1) य द िच यां एक ही दन भेजी जाती है तो इसका यादा भाव होगा, और मु यमं ी कायालय को इ ह िगनने म
भी आसानी होगी। चूं क नाग रक कत दवस 5 तारीख को पड़ता है अत: पूरे देश म सभी शहरो के िलए िच ी भेजने
के िलए महीने क 5 तारीख तय क गयी है। तो य द आप Cm को ये िच ी भेजते है तो िसफ 5 तारीख को ही भेज
(4.2) 5 बजे इसिलए ता क पो ट ऑ फस के टाफ को इससे अित र परे शानी न हो। अमूमन 3 से 5 बजे के बीच लेटर
बॉ स खाली कर िलए जाते है, अब मान लीिजये य द कसी शहर से 100-200 नाग रक िच ी डालते है तो उ ह लेटर
बॉ स खाली िमलेगा, वना भरे ए लेटर बॉ स म इतनी िच यां आ नह पाएगी िजससे पो ट ऑ फस व नाग रको को
असुिवधा होगी। और इसके बाद पो ट मेन 6 बजे पो ट बॉ स खाली कर सकता है, य क ज दी ही वे जान जायगे क
पीएम को िनदश भेजने वाले िज मेदार नाग रक 5-6 के बीच ही िच यां डालते है। इससे उ ह इनक छं टनी करने म
अपना अित र व नह लगाना पड़ेगा। अत: य द आप यह िच ी भेजते है तो कृ पया 5 बजे से 6 बजे के बीच ही लेटर
बॉ स म डाले। य द आप 5 तारीख को िच ी नह भेज पाते है तो फर अगले महीने क 5 तारीख को भेजे।
(4.3) आप यह िच ी कसी भी लेटर बॉ स म डाल सकते है, क तु हमारे िवचार म यथा संभव इसे शहर या क बे के
हेड पो ट ऑ फस के बॉ स म ही डाला जाना चािहए । वजह यह है क, हेड पो ट ऑ फस का लेटर बॉ स अपे कृ त
बड़े आकार का होता है, और वहां से पो टमेन को िच याँ िनकालकर ले जाने म यादा दूरी भी तय नह करनी पड़ती ।
6. Pm / Cm को िच ी भेजने वाले नाग रक य द आपसी संवाद के िलए कोई मी टग वगेरह करना चाहते है तो वे थानीय
तर पर महीने के दुसरे रिववार यानी सेके ड स डे को सांय 4 बजे मी टग कर सकते है। मी टग हमेशा सावजिनक थल
पर रखी जानी चािहए। इसके िलए आप कोई मं दर या रे लवे-बस टेशन के प रसर आ द चुन सकते है। 2nd Sunday के
अित र अ य दन म कायकता िनजी थल पर मी टग वगेरह रख सकते है, क तु महीने के ि तीय रिववार क
मी टग सावजिनक थल पर ही होगी। इस सावजिनक मी टग का समय भी अप रवतनीय रहेगा।
( Author’s note : Anyone can freely print, distribute & circulate this document without any modification. Modification in this
doc is not Permissible - Rahul Chimanbhai Mehta & Pawan Kumar Sharma , Copy left 2019, 1st Edition) सहयोग रािश : 4 Rs
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