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मु मं ी जी, कृपया गौ-नीित क़ानून गेजेट म छापकर हम वोट वापसी पासबुक जारी कर

To , Book Post
मु मं ी कायालय
................................... (राजधानी)

भे जने वाले का नाम ..................................................................................िच ी नं...............वोटर नं...............................................


गाँ व या मोह ा .......................................................................................वाड नं ...............तारीख.................................................
िजले का नाम ..........................................................िपन कोड ............................................रा ...................................................
रे फेरस - इस क़ानून के बारे म आपको िकसने सूिचत िकया......................................................................................................
( मतदाता के िलए सूचना : यिद आप वोट वापसी पासबुक चाहते है तो ऊपर 4 के डाक िटकेट लगाकर अपना नाम पता भरे और
आने वाली 5 तारीख को 5 बजे इसे लेटर बॉ म डाल। अ ज री िनदशों एवं अिधक जानकारी के िलए बुकलेट का अंितम पे ज दे ख )
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गौ-नीित : भारतीय न के गौ-धन को सरं ि त करने के िलए ािवत क़ानू न


( Gau-Neeti : Proposed Notification to Protect Indian Cow )
इस कानून का सार : इस क़ानून के गेजेट म आने से देशी गाय क ह या म कमी आएगी और गौ वंश का सरं ण होगा। इस
कानून को िवधानसभा से पास करने क ज रत नह है। मु यमं ी अिधसूचना के प म इसे सीधे गेजेट म छाप सकते है।
#GauNiti , #VoteVapsiPassBook , #RRP11

िट णी : ट पिणयाँ इस क़ानून का िह सा नह है। नाग रक ट पिणय का इ तेमाल दशा िनदश के िलए कर सकते है।

भाग (I) : सभी नाग रकों के िलए सामा िनदश

01 इस क़ानून के गेजेट म छपने के 30 दन के भीतर येक मतदाता को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी। िनचे दए 3
अिधकारी इस वोट वापसी पासबुक के दायरे म आयगे :
1. गौ र ा अिधकारी ( Deputy S.P. - Cow Protection Cell Incharge )
2. गौ क याण मं ी ( Cow Welfare Minister )
3. जूरी शासक ( Jury Administrator )
तब य द आप ऊपर दए गए कसी अिधकारी के काम-काज से संतु नह है, और उसे िनकालकर कसी अ य ि
को लाना चाहते है तो पटवारी कायालय म जाकर अपनी हाँ दज करवा सकते है। आप अपनी हाँ SMS, ATM या
मोबाईल APP से भी दज करवा सकगे। आप कसी भी दन अपनी वीकृ ित दे सकते है, या वीकृ ित र कर सकते है।
आपक वीकृ ित क एं ी वोट वापसी पासबुक म आएगी। यह वीकृ ित आपका वोट नही है, बि क यह एक सुझाव है।

02 य द आपका नाम वोटर िल ट म है तो इस कानून के पा रत होने के बाद आपको जूरी ूटी के िलए बुलाया जा
सकता है। िनचे दए गए मामले जूरी ूटी के दायरे म आयगे :
1. गौ र ा अिधकारी, गौ क याण मं ी, जूरी शासक एवं उनके टाफ से स बंिधत सभी नाग रक िशकायत।
2. गौ वंश क त करी, गौ ह या एवं देशी गाय से संबिधत सभी कार के मुकदम।
3. देशी गाय के उ पाद म जस या अ य न ल क गाय के उ पाद क गैर कानूनी िमलावट क िशकायत।
जूरी मंडल का चयन लॉटरी से कया जाएगा, मुकदमे क गंभीरता को देखते ए जूरी मंडल म 15 से 1500 तक सद य
हो सकगे। य द लॉटरी म आपका नाम िनकल आता है तो आपको आरोपी, पीिड़त, गवाह और दोन प के वक ल
ारा तुत सबूत आ द देखकर बहस सुननी होगी और सजा / जुमाना या रहाई का फै सला देना होगा।
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03 य द आपका नाम वोटर िल ट म है और आप इस क़ानून क कसी धारा म कोई आंिशक या पूण प रवतन चाहते है,
तो अपने कले टर कायालय म इस क़ानून क धारा (15.1) के तहत एक शपथप तुत कर सकते है। कले टर 20
ित पृ क दर से शु क लेकर शपथप वीकार करे गा, और मु यमं ी क वेबसाईट पर इसे कै न करके रखेगा।
भाग (II) : नाग रकों और अिधका रयों के िलए िनदश
04 [ िट णी 1 : इस क़ानून म गाय श द से आशय है देशी गाय एवं उसका वंश। इस क़ानून म गौ र ा अिधकारी से आशय है,
िजले का वह पुिलस अिधकारी िजसके पास गौ को ( Cow Protection Cell ) का चाज है। गौ क याण मं ी / मु यमं ी
यह क़ानून पास होने के 180 दन के भीतर िन िलिखत िब दुओ का िन पादन करने के िलए नो ट फके शन िनकालगे िज ह
इस क़ानून म जोड़ा जाएगा ]
1. मु यमं ी एक गौ क याण मं ी क िनयुि करगे। गौ मं ी रा य म देशी/ भारतीय न ल क गाय के सरं ण
एवं देशी गाय के सभी उ पाद आ द को बढ़ावा देने के िलए नीित-िनधारण, बंधन एवं िनयमन करेगा।
2. मु यमं ी येक िजले म एक गौ को ( Cow Protection Cell ) क थापना करगे। इस को का मुिखया
पुिलस उप अधी क या सहायक अधी क तर का पुिलस अिधकारी होगा, जो क गौ र ा अिधकारी
कहलायेगा। मामल क सं या को देखते ए कसी िजले म इसके िलए अलग से अिधकारी िनयु कया जा
सकता है, या फर कसी उप अधी क को इसका अित र चाज दया जा सकता है। क तु य द गौ र ा
अिधकारी नाग रको क वीकृ ित से िनयु कया गया है तो वह िसफ गौ को का काय ही करे गा।
3. मु यमं ी येक िजले म एक िजला जूरी शासक क िनयुि करगे। जूरी शासक गौ वंश से स बंिधत
िशकायत एवं मुकदमो क सुनवाई के िलए जूरी मंडल के गठन एवं संचालन का काय करे गा।
05 गौ वंश का प रवहन :

(5.1)गायो के प रवहन के िलए िसफ जालीदार वाहन का ही उपयोग कया जाएगा। इन वाहन पर गौ प रवहन
यान िलखा रहेगा और िसफ इ ही वाहन म गायो को ले जाया जा सके गा।

(5.2) गौ वंश को कसी िनचे दए गए रा य म ले जाने पर पाबंदी रहेगी :


1. य द अमुक रा य म गौ कशी कानूनी है
2. य द अमुक रा य म इस तरह का कोई क़ानून नह है जो ऐसे रा य म गौ प रवहन पर ितब ध लगाता है
िजन रा य म गौ कशी कानूनी है।
य द कोई ि ऐसे रा य म गौ वंश को ले जाता पाया जाता है तो मु यमं ी अिभयु को पाँच वष तक क सजा
देने का क़ानून बना सकते है।
06 गौ शाला क थापना एवं उनका संचालन :
(6.1) गौ क याण मं ी तहसील तर पर गौ-शालाओ के संचालन के िलए नीित बनाएगा एवं यह सुिनि त करेगा क
येक तहसील म गौ शालाओ का िविधवत संचालन हो। आव यकता अनुसार शहर म 10,000 से 30,000 आबादी
क येक ब ती म एवं पंचायत तर पर भी गौ शालाए खोली जा सकती है। इन गौ शाला को जो भी दान देगा
उसे टे स म कोई छू ट नह िमलेगी। गौ शालाएं बूढ़ी गाय को एक िनधा रत क मत पर खरीदेगी।
(6.2)रा य सरकार भारतीय न ल क गाय का िनषेचन जस सांडो से करने के िलए चलायी गयी सभी योजनाओ को
बंद करे गी तथा देशी न ल क गाय का गभाधान देशी न ल के उ त सांडो से कराने को ो साहन देगी। य द िनजी
क पिनयां या िनजी ि जस सांडो का योग देशी गाय के गभाधान म करते है तो इस पर कोई रोक नह होगी।
सरकार क पैदावार कम करने के िलए शु ाणु-िवभाजन क ौ ोिगक िवकिसत करने के िलये पूंजी िनवेश करेगी।
(6.3) मु यमं ी मं दर को रा य सरकार के िनयं ण से मु करने के िलए आव यक नो ट फके शन िनकालग ।

07 गाय का चमड़ा बेचने पर ितब ध लगाया जाएगा। मृत गाय को दफनाया जायेगा या जलाया जायेगा। जूत / बेग
आ द के िनमाता अपने उ पाद पर ‘हरा गो-ह या मु ’ लेबल लगा सकगे, िजसका मतलब होगा क चमड़ा िजस
पशु से आया है, उसक ाकृ ितक मृ यु ई है और उसका मांस खाने के िलए योग नह कया गया था।

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08 गौ उ पाद को ो साहन एवं सरं ण :
डेयरी उ ोग एवं दूध िव े ताओ को अपने दूध के िड बे या बोतल पर प
(8.1) प से यह अं कत करना होगा क
इसम जो दूध है वह देशी गाय का है या वण संकर जाित का । दूध िव े ता अपनी गाय क न ल क शु ता के िलए
िवभाग से स ट फके ट ले सकगे एवं छोटे पशुपालक अपनी गाय क न ल क शु ता का से फ स ट फके ट जारी कर
सकगे। गाय मं ी इन व घोिषत स ट फके ट को अनुमो दत करे गा।
(8.2)य द कोई िव े ता अपने दूध पर देशी गाय के दूध का िच ह अं कत करता है और उसमे 5% से अिधक िमलावट
पायी जाती है तो उस पर आ थक दंड या लाइसस का र ीकरण कया जाएगा। देशी गाय के उ पाद से स बंिधत
सभी मामलो म िमलावट आ द क सुनवाई भी नाग रको क जूरी करेगी। देशी गाय के दूध के अ य उ पाद जैसे
पनीर, घी आ द पर भी यही िनयम लागू ह गे।
09 अिधका रय ारा आवेदन एवं यो यताएं :
(9.1)गौ र ा अिधकारी के िलए : य द 30 वष से अिधक आयु का कोई भी भारतीय नाग रक जो िपछले 3000 दन
म 2400 से अिधक दन के िलए कसी िजले म पुिलस मुख नह रहा हो, तथा िजसने 5 वष से अिधक समय तक
सेना म काम कया हो, या पुिलस िवभाग म एक भी दन काम कया हो, या सरकारी कमचारी के प म 10 वष तक
काम कया हो अथवा उसने रा य लोक सेवा आयोग या संघ लोक सेवा आयोग ारा आयोिजत शासिनक सेवाओ
क िलिखत परी ा पास क हो, अथवा उसने िवधायक या सांसद या पाषद या िजला पंचायत के सद य का चुनाव
जीता हो, तो ऐसा ि गौ र ा अिधकारी के याशी के प म आवेदन कर सके गा।
(9.2)गौ क याण मं ी के िलए : 30 वष से अिधक आयु का कोई भी भारतीय नाग रक रा य का गौ क याण मं ी
बनने के िलए आवेदन कर सके गा।
(9.3) जूरी शासक के िलए : भारत का कोई भी नाग रक िजसक आयु 32 वष से अिधक हो एवं उसे LLB क िश ा
पूण कये ए 5 वष हो चुके हो तो वह िजला जूरी शासक पद के िलए आवेदन कर सके गा।

10 धारा 09 म दी गयी यो यता धारण वाला कोई भी नाग रक य द कले टर के सामने वयं या कसी वक ल के मा यम
से ऐ फडेिवट तुत करता है, तो िजला कले टर सांसद के चुनाव म जमा क जाने वाली रािश के बराबर शु क लेकर
अ हत पद के िलए उसका आवेदन वीकार कर लेगा, और मु यमं ी क वेबसाईट पर इसे कै न करके रखेगा।
11 मतदाता ारा यािशय का समथन करने के िलए "हाँ" दज करना
(11.1)कोई भी नाग रक कसी भी दन अपनी वोट वापसी पासबुक या मतदाता पहचान प के साथ पटवारी
कायालय म जाकर गौ र ा अिधकारी गाय मं ी एवं जूरी शासक के यािशय के समथन म हाँ दज करवा सके गा।
पटवारी अपने क यूटर एवं वोट वापसी पासबुक म मतदाता क हाँ को दज करके रसीद देगा। पटवारी मतदाता
क हाँ को याशीय के नाम एवं मतदाता क पहचान-प सं या के साथ िजले क वेबसाईट पर भी रखेगा। मतदाता
कसी पद के याशीय म से अपनी पसंद के अिधकतम 5 ि य को वीकृ त कर सकता है।

(11.2) वीकृ ित ( हाँ ) दज करने के िलए मतदाता 3 पये फ़ स देगा। BPL काड धारक के िलए फ़ स 1 पया होगी।

(11.3) य द मतदाता वीकृ ती र करवाने आता है तो पटवारी एक या अिधक नाम िबना फ़ स िलए र कर देगा।

(11.4) येक सोमवार को महीने क 5 तारीख को, कले टर िपछले महीने के अंितम दन तक ा येक यािशय
को िमली वीकृ ितय क िगनती कािशत करे गा। पटवारी अपने े क वीकृ ितयो का यह दशन येक सोमवार
को करे गा। गौ क याण मं ी क वीकृ ितय का दशन रा य के कै िबनेट सिचव ारा भी कया जाएगा।
[ िटप ी : कले टर ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता वीकृ ित SMS, ATM एवं मोबाईल एप ारा दज करवा सके ।
रज वोिटं ग - मु यमं ी ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता कसी याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे सके । य द
मतदाता िसफ हाँ दज करता है तो इसे 100 अंको के बराबर, और य द मतदाता वीकृ ित दज नही करता तो इसे शू य अंक
माना जाएगा। क तु य द मतदाता अंक देता है तो उसके ारा दए अंक ही मा य ह गे। रज वो टग क ये या वीकृ ित
णाली से बेहतर है, और ऐरो क थ अस भा ता मेय (Arrow’s Useless Impossibility Theorem) से ितर ा देती है।]

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12 गौ क याण मं ी एवं गौ र ा अिधकारी क िनयुि एवं िन कासन
(12.1)गौ र ा अिधकारी के िलए : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता ( सभी मतदाता, न क
के वल वे िज ह ने वीकृ ित दज क है ) के 35% से अिधक मतदाता कसी याशी के प म हाँ दज कर देते है और
य द ये वीकृ ितयां पदासीन गौ र ा अिधकारी से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी सबसे अिधक वीकृ ित ा करने
वाले ि को उस िजले म अगले 4 वष के िलए गौ र ा अिधकारी िनयु कर सकते है।
(12.2)गौ क याण मं ी के िलए : य द रा य क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता
कसी उ मीदवार के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां पदासीन गौ क याण मं ी से 1% अिधक भी है
तो मु यमं ी अमुक याशी को गाय मं ी िनयु कर सकते है।
(12.3) जूरीशासक के िलए : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी
उ मीदवार के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां पदासीन जूरी शासक से 1% अिधक भी है तो
मु यमं ी अमुक याशी को िजला जूरी शासक क नौकरी दे सकते है।
13 िजला महाजूरी मंडल = िडि ट ड यूरी का गठन
(13.1)थम महाजूरी मंडल का गठन : िजला जूरी शासक एक सावजिनक बैठक म मतदाता सूची म से 25 वष से
50 वष क आयु के म य के 50 मतदाता का चुनाव लॉटरी ारा करे गा। इन सद य का सा ा कार लेने के बाद
जूरी शासक क ही 20 सद य को िनकाल सकता है। इस तरह 30 महाजूरी सद य शेष रह जायगे।
(13.2)अनुगामी महाजूरी मंडल : थम महा जूरी मंडल म से िजला जूरी शासक पहले 10 महाजूरी सद य को हर
10 दन म सेवािनवृ करे गा। पहले महीने के बाद येक महाजूरी सद य का कायकाल 3 महीने का होगा, अत: 10
महाजूरी सद य हर महीने सेवािनवृ ह गे, और 10 नए चुने जाएंगे। नये 10 सद य चुनने के िलए जूरी शासक िजले
क मतदाता सूची म से लॉटरी ारा 20 सद य चुनग े ा और सा ा कार ारा इनम से क ही 10 क छं टनी कर देगा।
(13.3)यह महाजूरी मंडल िनरंतर काम करता रहेगा। महाजूरी सद य येक शिनवार एवं रिववार को बैठक करगे।
बैठक सुबह 11 बजे से पहले शु हो जानी चािहए और बैठक सांय 5 बजे तक चलेगी। जूरी सद य को ित उपि थित
500 एवं या ा य िमलेगा।
14 स बंिधत मामलो का नाग रको क जूरी ारा िनपटान
[ िट णी : मु यमं ी जूरी के गठन एवं संचालन क िव तृत याएं गेजेट म कािशत करगे, िज ह इस क़ानून म जोड़ा
जायेगा। मतदाता भी इसी क़ानून क धारा 15.1 का योग करते ए ऐसी याएं जोड़ने का शपथप दे सकता है। ]

(14.1) धारा 02 म दए गए सभी मामले जूरी मंडल ारा सुने जायगे। वादीगण अपने मामले क िशकायत िजला
महाजूरी मंडल को िलख कर दे सकते है। य द महाजूरी के सद य मामले को िनराधार पाते है तो िशकायत खा रज कर
सकते है । य द महाजूरी मंडल के अिधकांश सद य मानते है क िशकायत िबलकु ल आधारहीन और मनगड़ंत है तो वे
मामले क सुनवाई म ई समय क बबादी के िलए 5000 ित घंटे अिधकतम क दर से जुमाना भी लगा सकते है।
(14.2)य द महाजूरी मंडल िशकायत वीकार कर लेता है तो महाजूरी मंडल मामले क सुनवाई करे गा। महाजूरी
मंडल चाहे तो खुद सुनवाई कर सकता है, और य द मामले यादा है तो सुनवाई के िलए अलग से जूरी मंडल का गठन
भी कर सकता है। मामले क ज टलता एवं आरोपी क हैिसयत के अनुसार महाजूरी मंडल तय करे गा क 15-1500 के
बीच म कतने सद य क जूरी बुलाई जानी चािहए। तब जूरी शासक मतदाता सूची से लॉटरी ारा सद य का
चयन करते ए जूरी मंडल का गठन करे गा और मामला इ ह स प देगा।

(14.3)अब यह जूरी मंडल दोन प , गवाह आ द को सुनकर फै सला देगा। येक जूरी सद य अपना फै सला बंद
िलफ़ाफ़े म िलखकर जज को दगे। 2/3 सद य ारा मंजूर कये गये िनणय को जूरी का फै सला माना जाएगा। क तु
नौकरी से िनकालने एवं ना टे ट का फै सला लेने के िलए 75% सद य के अनुमोदन क ज रत होगी। जज या
ायल एडिमिन ेटर सभी के सामने जूरी का िनणय सुनायगे। य द जज जूरी के फै सले को खा रज करना चाहता है तो
वह ऐसा कर सकता है। येक मामले क सुनवाई के िलए अलग से जूरी मंडल होगा, और फै सला देने के बाद जूरी
भंग हो जाएगी। प कार फै सले क अपील वृत कानून के अनुसार उ जूरी मंडल या उ यायालय म कर सकते है।

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15 जनता क आवाज
(15.1)य द कोई मतदाता इस कानून म कोई प रवतन चाहता है तो वह कले टर कायालय म एक ए फडेिवट जमा
करवा सके गा। िजला कले टर 20 पए ित पृ क दर से शु क लेकर ए फडेिवट को मतदाता के वोटर आई.डी नंबर
के साथ मु यमं ी / धानमं ी क वेबसाइट पर कै न करके रखेगा।
(15.2)य द कोई मतदाता धारा 15.1 के तहत तुत कसी ए फडेिवट पर अपना समथन दज कराना चाहे तो वह
पटवारी कायालय म 3 पए का शु क देकर अपनी हां / ना दज करवा सकता है। पटवारी इसे दज करे गा और हाँ / ना
को मतदाता के वोटर आई.डी. न बर के साथ मु यमं ी / धानमं ी क वेबसाईट पर डाल देगा।
[िटप ी : यह क़ानून लागू होने के 4 वष बाद य द व था म सकारा मक एवं िनणायक बदलाव आते है तो कोई भी
नाग रक इस कानून क धारा (15.1) के तहत एक शपथप तुत कर सकता है, िजसमे उन कायकताओ को सां वना के प
म वािजब ितफल देने का ताव होगा, िज ह ने इस क़ानून को लागू करवाने के िलए यास कये है। य द कोई कायकता
तब जीिवत नही है तो ितफल उसके नोिमनी को दया जाएगा। यह ितफल कसी मृित िच ह / शि त प आ द या
अ य कसी प म हो सकता है। य द रा य के 51% नाग रक इस शपथप पर हाँ दज कर देते है तो धानमं ी / मु यमं ी
इ ह लागू करने के आदेश जारी कर सकते है, या नह भी कर सकते है। ]

अ िववरण जो नाग रको के िलए इस क़ानू न को समझने म सहायक है

(1) मुग़ल एवं ि टश काल म गौ वंश क ि थित :

1.1 मुग़लो के शासन काल म यादातर समय तक गौ कशी िनिष थी। बाबर, मायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहाँ आ द के
काल म गौ ह या पर ितबंध जारी रहे। जब बाबर मरणास था तो उसने अपने बेटे मायूँ को नसीहत दी थी क वह गाय
को स मान और सरं ण द। औरंगजेब के शासन के शु आती वष म गौ ह या क अनुमित थी, क तु बाद म औरं गजेब ने गौ
ह या पर रोक लगा दी थी। तब से लेकर बहादुरशाह जफर तक ब धा ितब ध जारी रहा। जफ़र के शासन म भी गौ कशी
पर मृ यु दंड का ावधान था। मुगल शासको ारा गौ ह या का समथन नह करने के कारण इस काल म गाय बची रही।

1.2. िटश गौ मांस खाते थे, और उ ह ने भारत म आने के साथ ही गाय काटने क अनुमित देनी शु क । जब क लखान
म गाय काटी जाने लगी तो मुि लम धमावल बी भी गौ मांस खाने लगे, और यहाँ से िह दू-मुि लम म गाय को लेकर
ितरोध ारं भ आ। ि टश ारा गौ कशी को ो साहन देने के पीछे दो कारण थे :

 िह दू-मुि लम म राजनैितक अलगाव खड़ा करना।


 धमातरण

1.3. सै य िनयं ण हािसल करने के बाद ई ट इि डया क पनी ने भारत के सैिनको को क वट करने के यास शु कर दए
थे। बैरको म िह दू देवी देवता के िच लगाने एवं धा मक िच ह शरीर पर धारण करने आ द पर ितब ध लगाये गए,
बैरको म चच खोले गए, और रिववार को पाद रय को बुलाकर उ ह उपदेश कये जाने लगे। 1857 से पहले तक कारतूसो
पर भस क चब चढ़ाई जाती थी, क तु वायसराय ने इस पर गाय एवं सूअर क चब िम स करके लगाने के आदेश दए।

1.4. ाि त तो असफल हो गयी थी, ले कन 1860 से भारत म देश के िविभ थान से गौ ह या पर ितब ध लगाने के
िलए छोटे मोटे आ दोलन शु ए, और ये फै लने-बढ़ने लगे। क तु गोरो ने गाय काटने पर ितब ध नह लगाया। गोरे
जानते थे क, य द गाय कटती रहेगी तो मुि लम गौ मांस खायगे और इससे िह दू मुि लम के बीच खाई बनेगी। गाय बचाने
क यह मूवमट देश ापी हो चुक थी, और 1860 से 1895 के दौरान गाय को लेकर सकड़ो दंगे ए। बाद म मह ष दयानंद
सर वती से लेकर देश के कई नेता, संत, महंत, राजनेता, सेनानी आ द भी इस मूवमट म जुड़ते चले गए। भारत म गौ र ा
का यह पहला आ दोलन था। क तु तमाम िवरोध दशन के बावजूद गोरो ने गौ ह या ितब ध का क़ानून नह बनाया।

(2) आजादी के बाद गौ नीित :

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2.1. आजादी के बाद गौ ह या पर ितब ध लगाने को लेकर पहला आ दोलन 1966 म आ। हजारो गौ र को ने संसद का
घेराव करके देश ापी गौ ह या पर रोक लगाने के िलए गेजेट नो ट फके शन िनकालने क मांग क । ि थित अिनयंि त होने
के कारण पहले लाठी चाज, फर टयर गैस और फर गोली चलाने के आदेश कये गये िजसम कई जाने भी गयी।

2.2. बाद म ता कािलक सरकार ने यादातर रा य म गौ ह या के क़ानून लागू कये। क तु उन रा य म गौ ह या के


क़ानून लागू नह ए जहाँ गौ ह या िनषेध के िलए िवधानसभा म समथन नह जुटाया जा सका। इस तरह 150 साल बाद
देश के कई रा य म फर से गौ ह या िनषेध के िबल पास ए !! पाठक यान द क गौ ह या रोकने का क़ानून क सरकार
ारा नह बनाया जा सकता। यह रा य का िवषय है। अत: िसफ रा य सरकार ही इस पर भावी क़ानून बना सकती है।

2.3. 1966से 1998 तक गाय राजनीती से लगभग बाहर रही। ऍफ़ डी आई का िव तार होने के साथ ही भारत म अमे रक -
ि टश धिनक का िनयं ण बढ़ने लगा और इस वजह से िमशनरीज क ताकत भी बढ़ना शु यी। िपछले 10 वष से गाय
फर से राजनीित क मु यधारा म है। तो वह च फर से शु हो चुका है जो गोर ने 200 साल पहले ारं भ कया था।
इसम कु छ नई चीजे यह है क, अब ि टश-अमे रक धिनक पहले के मुकाबले कई गुणा यादा ताकतवर है, और उनके
एजडे म देशी गाय पर एकािधकार करने क नीित भी शािमल है।

पाठक यान द क गाय िसफ धा मक मा यता का िवषय नह है, बि क यह अथ व था एवं वा य के िलए एक ब त ही


उपयोगी पशु है। य द भारत म देशी गाय क न ल ख़ म हो गयी तो भारत के सभी नाग रको को ब त हािन उठानी पड़ेगी।
यही वजह है क पा क तान म भी गाय काटने पर ितब ध लगाये गए। य क वहां के यादातर कसान यह मानते है क
देशी गाय का गोबर-गौ मू िम ी को बेहद उपजाऊ बना कर रखता है, अत: कृ िष म गाय क भूिमका मह वपूण है।

(3) ब रा ीय क पिनय के मािलको लाभ देने वाली मौजूदा नीित :

3.1. ब रा ीय क पिनयां A2 दूध के उ पादन पर एकािधकार बनाना चाहती है, ता क इ ह ऊँचे दाम पर बेचा जा सके ।
आज से कई दशको पहले अमे रक -ि टश धिनक ने भारत क देशी गाय क न ल आयात क और िवदेश म इसे संव धत
करना शु कया। क तु जब तक भारत म इस न ल क गाये इतनी बड़ी सं या म मौजूद है, तब तक देशी गाय के उ पाद
को ऊँची क मत पर नह बेचा जा सकता। तो भारत म देशी न ल क गायो क सं या कम करने के िलए उ ह ने 2014 म
गेजेट नो ट फके शन छपवाए िजससे भारत म देशी गाय का िनषेचन जमन सांडो से बड़े पैमाने पर करवाया जा सके ।

3.2. रा ीय डेयरी बोड अब पशुपालको को ो सािहत कर रहा है क वे गाय के गभाधान के िलए जस सांडो का इ तेमाल
कर। इस तरह के गभाधान से देशी गाय क अगली पीढ़ी म देशी गाय के िसफ 50% ज स ही देशी ह गे, और इससे अगली
पीढ़ी 25% देशी होगी। तीसरी और चौथी पीढ़ी म मश: देशी ज स 12% एवं इससे कम रह जायगे। एक गाय क अगली
पीढ़ी 6 वष म आती है। इस तरह अगले 20-30 वष म भारत क यादातर देशी गाय का आनुवंिशक पांतरण भस -
सुअर म हो चुका होगा। और इस िनषेचन के बाद देशी गाय A2 क जगह A1 दूध देने लगेगी !! देशी गाय कम दूध देती है
ले कन भारत क शु न ल क गाय के दूध म A2 ोटीन होने के कारण यह दूध ाकृ ितक प से सेहत के िलए लाभदायक
होता है। जब क जस जानवर के दूध म A1 ोटीन होने से यह दूध सेहत के िलए हािनकर है। A1 ोटीन होने से हाट अटेक,
हाई कोले ोल, एवं पाचन स ब धी बीमा रय का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

3.3. य द सरकार जस सांडो का आयात नह करे गी तब भी इस या को धीमा तो कया जा सकता है क तु रोका नह


जा सकता। य क सरकार के न करने से भी ाइवेट क पिनयां इन सांडो का आयात करे गी और पशुपालक मुनाफा कमाने
के िलए अपनी गाय का गभाधान इन सांडो से करवाएंगे। उदाहरण के िलए बाबा रामदेव ने भी ाजील के सांडो क सेवाएं
लेने का ोजे ट शु कया है। वे इस मद म 500 करोड़ पये का िनवेश कर रहे है। बड़े पैमाने पर इस दूध का उ पादन
होने के कारण इस दूध क लागत कम होती चली जाएगी जब क देशी गाय का दूध ब त महंगा पड़ने लगेगा। इस तरह
धीरे धीरे कु छ ही दशको म भारतीय जाती क शु न ल क गाये लु हो जायेगी। यह कु छ उसी तरह से होगा िजस तरह
से बाजार से देशी टमाटर, देशी बगन, देशी लौक , देशी आम आ द या तो गायब हो गए है, या काफ महंगे हो गए है।

3.4. भारत म इस तरह का कोई क़ानून नह है क य द कोई ि जस जानवर के दूध म देशी गाय का दूध बताकर बेचता
है या देशी गाय के दूध म जस गाय के दूध क िमलावट करता है तो उस पर कायवाही क जा सके । और इस क़ानून के न
होने क वजह से जो गौ पालक शु देशी गाय का दूध बेचना चाहते है, वे यह कभी सािबत नह कर पायगे क उनका दूध
#GauNiti, #RRP11, मु मं ी जी, यह क़ानू न गे जेट म छाप ..............................................................(भे जने वाले का ह ा र) K 6 of 8
शु देशी गाय का है। तो होगा यह क रं ग, प काठी म गाय देशी न ल क ही रहेगी ले कन उनके दूध क क म बदल
जायेगी। और जब देशी गाय क सं या काफ घट जायेगी तो वे इस तरह का क़ानून ले आयगे क जस गाय के दूध को देशी
गाय का दूध बताकर बेचना गैर कानूनी है। और तब तब वे देशी गाय के दूध के दोगुने दाम वसूलना शु करगे !! और उस
समय वे इस दूध के सबसे बड़े स लायर ह गे !! य द आज क तारीख म यह क़ानून गैजेट म छाप दया जाता है तो िजन
लोगो के पास देशी गाय है वे अपने दूध पर देशी गाय का दूध क छाप डालकर बेच सकगे और देशी गाय को सरं ण िमलने
लगेगा। उ लेखनीय है क अमे रका म इस तरह का क़ानून बनाया जा चुका है क य द आप दूध के पेकेट पर A2 (भारतीय
न ल क गाय A2 क म का दूध देती है ) दूध अं कत करते है तो इसम A1 ( जस गाय A1 क म का दूध देती है) दूध िम स
करना गैर कानूनी है। और वहां पर भारतीय न ल क गाय का दूध लेने के िलए 5 गुना दाम चुकाने पड़ते है।

(4) इस क़ानून क धारा 13 म बताया गया जूरी मंडल या है ? यह कै से काम करता है ?

(A) जू री िस कसी मुकदमे क सुनवाई के िलए 25-55 आयुवग के 12-15 नाग रको का चयन िजले क मतदाता सूची से
म:
लॉटरी ारा कया जाता है। नाग रको के इस समूह को जूरी मंडल कहते है। यह जूरी मुकदमे सुनती है और सबूत देखकर
फै सला देती है। येक मुकदमे के िलए अलग जूरी होती है, और फै सला देने के बाद जूरी भंग हो जाती है। इस तरह जूरी
णाली म हर मामले को नए ि य ारा सुना जाता है, और वे ही फै सला देते है।

(B) जज िस करोडो नाग रको के ऊपर सरकार कु छ ि य को 20-35 वष के िलए िनयु करती है, िज ह जज कहा
म:
जाता है। इन मु ी भर ि य को देश के सभी मामलो म दंड देने या रहा करने क थायी शि दे दी जाती है। उदाहरण
के िलए भारत म सभी कार के मुकदमो को सुनने एवं दंड देने क अंितम शि कु छ 18,000 यायधीशो के पास है।

जज िस टम जूरी िस टम
1 यादातर मुक़दमे एक ही ि के पास जाते है। एक हर मुकदमे के िलए अलग से जूरी होने के कारण फै सला
जज अपने सेवाकाल म लगभग 5,000 से 20,000 ह ते भर म आ जाता है। जो ि कसी मुकदम म फै सला
मामलो को सुनता है। अत: मुकदमे वष लटके रहते है। चुका है उसे अगले 5 वष तक जूरी म नह बुलाया जाता।
2 अमूमन जज कसी अदालत म 3-4 वष रहता है। पया यूरी सद य अ थायी होते है और िसफ ह ते दो ह ते के
समय होने के कारण अपरािधय एवं वक ल ारा जज िलए जूरी मंडल म आते है। कसी भी वक ल के िलए यह
से गठजोड़ बना लेना आसान हो जाता है। और यह बेहद क ठन है क वह इन 12 सद य म से 8 लोगो के साथ
गठजोड़ लगातार बना रहता है। कई अदालत म जज चुपचाप गठजोड़ बना ले। यह काम तब और भी क ठन हो
आपस म भी गठजोड़ बनाकर रखते है, और एक दुसरे के जाता है, जब वक ल को यह काम िसफ ह ते भर म करना
र तेदार के प म फै सले देते है। इसे Cross- हो । और वक ल को हर मामले के िलए जय गठजोड़
Nepotism कहते है। बनाना होगा !!

3 य द कसी गग एवं उसके सरगना के िखलाफ 4-5 वष के जूरी िस टम म येक मामला 12-15 नाग रको के अलग
दौरान 1000 मुकदमे दज होते है तो जज िस टम म ये जूरी मंडल के पास जाएगा, और 15*1000 = 15,000 जूरी
सभी मुकदमे 5-10 जज के पास जायगे। तो जज िस टम सद य का चयन लॉटरी से होगा। जूरी के पास िसफ एक
म गवाह को तोड़ने, उ ह धमकाने, जाँच भािवत करने मामला होने के कारण मुकदमे को लंिबत रखना मुि कल है।
और रहा होने के िलए मा फया सरगना को िसफ 5-10 जूरी िनयिमत प से सुबह 11 बजे से सायं 4 बजे तक
जज से ही गठजोड़ बनाना होगा, ता क जज उसके सुनवाई करती है। जूरी म अगली तारीख का मतलब होता
मुकदमो क सुनवाई क र तार धीमी कर दे। और ब धा है अगला दन !! और इसी छोटे अंतराल म सरगना को
मामलो म सरगना ऐसा करने म सफल हो जाता है। लगभग 12,000 जूरी सद य से गठजोड़ बनाना होगा।

पि म देशो के िवकिसत एवं समृ होने का सबसे बड़ा कारण यूरी िस टम है। ज दी व िन प दंड िमलने से अपराध म
कमी आती है। और अपराध कम होने से देश क उ पादकता बढ़ती है। जूरी मंडल ने वहां के छोटे-मझौले कारोबा रय क
जज-पुिलस-नेता के ाचार से र ा क और वे तकिनक प से उ त िवशालकाय ब रा ीय क पिनयां खड़ी कर पाए।
तो वोट वापसी क़ानूनो के अलावा जूरी िस टम दूसरी मु य वजह रही क अमे रका-ि टेन भारत जैसे देशो से आगे, काफ
आगे िनकल गए।
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इस क़ानून को गे जेट म कािशत करवाने के िलए आप ा सहयोग कर सकते है ?

1. कृ पया अपना नाम-पता िलखकर एवं 4 पये का डाक टके ट िचपका कर इसे 5 तारीख को 5 बजे लेटर बॉ स म डाल।
य द यह आपक पहली िच ी है तो िच ी न बर के खाने के सामने 1 एवं यह आपक दूसरी िच ी है तो 2 िलखे। कृ पया
येक पेज पर िनचे अपने साइन भी कर । पो ट करने से पहले इस बुकलेट के पहले पेज क एक फोटो कॉपी करवा ले।

2. मु म नाम से एक रिज टर बनाएं। लेटर बॉ स म डालने से पहले इस बुकलेट के पहले पेज क जो 1


ी जी से मेरी मांग
पेज क फोटो कॉपी आपने करवाई है उसे अपने रिज टर के प े पर िचपका देव। फर जब भी आप िच ी भेज तब
इसक फोटो कॉपी रिज टर के प ो पर िचपकाते रहे। इस तरह आपके पास भेजी गयी िच य का रकॉड रहेगा।

3. य द आपके पास यह िच ी नह है तो आप पो टकाड भी भेज सकते है। पो टकाड म यह िलखे : “मु यमं ी जी, कृ पया
तािवत गौ नीित क़ानून को गेजेट म छाप - #GauNiti

4. आप कसी भी दन यह िच ी भेज सकते है। क तु इस क़ानून ा ट के लेखको का मानना है क सभी नाग रको को यह
िच ी महीने क एक िनि त तारीख को और एक तय व पर ही भेजनी चािहए। तय तारीख व तय व पर ही य ?

(4.1) य द िच यां एक ही दन भेजी जाती है तो इसका यादा भाव होगा, और मु यमं ी कायालय को इ ह िगनने म
भी आसानी होगी। चूं क नाग रक कत दवस 5 तारीख को पड़ता है अत: पूरे देश म सभी शहरो के िलए िच ी भेजने
के िलए महीने क 5 तारीख तय क गयी है। तो य द आप Cm को ये िच ी भेजते है तो िसफ 5 तारीख को ही भेज
(4.2) 5 बजे इसिलए ता क पो ट ऑ फस के टाफ को इससे अित र परे शानी न हो। अमूमन 3 से 5 बजे के बीच लेटर
बॉ स खाली कर िलए जाते है, अब मान लीिजये य द कसी शहर से 100-200 नाग रक िच ी डालते है तो उ ह लेटर
बॉ स खाली िमलेगा, वना भरे ए लेटर बॉ स म इतनी िच यां आ नह पाएगी िजससे पो ट ऑ फस व नाग रको को
असुिवधा होगी। और इसके बाद पो ट मेन 6 बजे पो ट बॉ स खाली कर सकता है, य क ज दी ही वे जान जायगे क
पीएम को िनदश भेजने वाले िज मेदार नाग रक 5-6 के बीच ही िच यां डालते है। इससे उ ह इनक छं टनी करने म
अपना अित र व नह लगाना पड़ेगा। अत: य द आप यह िच ी भेजते है तो कृ पया 5 बजे से 6 बजे के बीच ही लेटर
बॉ स म डाले। य द आप 5 तारीख को िच ी नह भेज पाते है तो फर अगले महीने क 5 तारीख को भेजे।
(4.3) आप यह िच ी कसी भी लेटर बॉ स म डाल सकते है, क तु हमारे िवचार म यथा संभव इसे शहर या क बे के
हेड पो ट ऑ फस के बॉ स म ही डाला जाना चािहए । वजह यह है क, हेड पो ट ऑ फस का लेटर बॉ स अपे कृ त
बड़े आकार का होता है, और वहां से पो टमेन को िच याँ िनकालकर ले जाने म यादा दूरी भी तय नह करनी पड़ती ।

5. य द आप फे सबुक पर है तो मु मं ी जी / धानमं ी जी से मेरी मांग नाम से एक ए बम बनाकर रिज टर पर िचपकाए


गए पेज क फोटो इस ए बम म रख। य द आप ि वटर पर है तो मु यमं ी जी को रिज टर के पेज क फोटो के साथ
यह ि वट कर : @Cmo, यह क़ानून गेजेट म छाप - #GauNiti

6. Pm / Cm को िच ी भेजने वाले नाग रक य द आपसी संवाद के िलए कोई मी टग वगेरह करना चाहते है तो वे थानीय
तर पर महीने के दुसरे रिववार यानी सेके ड स डे को सांय 4 बजे मी टग कर सकते है। मी टग हमेशा सावजिनक थल
पर रखी जानी चािहए। इसके िलए आप कोई मं दर या रे लवे-बस टेशन के प रसर आ द चुन सकते है। 2nd Sunday के
अित र अ य दन म कायकता िनजी थल पर मी टग वगेरह रख सकते है, क तु महीने के ि तीय रिववार क
मी टग सावजिनक थल पर ही होगी। इस सावजिनक मी टग का समय भी अप रवतनीय रहेगा।

7. अ हसा मूत महा मा उधम सह जी से े रत यह एक िवके ि त जन आ दोलन है। (15) धारा का यह ा ट ही इस


आ दोलन का नेता है। य द आप भी यह मांग आगे बढ़ाना चाहते है तो अपने तर पर जो भी आप कर सकते है कर। यह
कॉपी ले ट प है, और आप इस बुकलेट को अपने तर पर छपवाकर नाग रको म बाँट सकते है। इस आ दोलन के
कायकता धरने, दशन, जाम, मजमे, जुलस ू जैसे उन कदम से ब धा परहेज करते है िजससे नाग रको को परे शानी
होकर समय- म-धन क हािन होती हो। अपनी मांग को प प से िलखकर िच ी भेजने से नाग रक अपनी कोई भी
मांग Pm तक प च
ं ा सकते है। इसके िलए नाग रको को न तो कसी नेता क ज रत है और न ही मीिडया क ।

( Author’s note : Anyone can freely print, distribute & circulate this document without any modification. Modification in this
doc is not Permissible - Rahul Chimanbhai Mehta & Pawan Kumar Sharma , Copy left 2019, 1st Edition) सहयोग रािश : 4 Rs
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