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मु मं ी जी, कृपया जूरी कोट गेजेट म छापकर हम वोट वापसी पासबुक जारी कर

To , Book Post
मु मं ी कायालय
............................................ (राजधानी)

भे जने वाले का नाम............................................................................................................. वोटर नं ...............................................


गाँ व या मोह ा ........................................................................................वाड नं ...............तारीख.................................................
िजले का नाम ..........................................................िपन कोड ............................................रा ....................................................
रे फरस : इस क़ानून के बारे म आपको िकसने सूिचत िकया.........................................................................................................

( मतदाता के िलए सूचना : यिद आप वोट वापसी पासबुक चाहते है तो ऊपर 4 के डाक िटकेट लगाकर अपना नाम पता भरे और
आने वाली 5 तारीख को 5 बजे इसे लेटर बॉ म डाल। अ ज री िनदशों एवं अिधक जानकारी के िलए बुकलेट का अंितम पे ज दे ख )
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रा जू री कोट – थानों-अदालतों व सरकारी िवभागों को सु धारने के िलए िजला अदालत
( State Jury Court – Proposed Notification to Enact Lower Jury Courts in India )
िनचे दया गया क़ानून रा य के थान , अदालत , सरकारी कू ल सरकारी अ पताल एवं अ य सरकारी िवभाग का काम
काज सुधारने के िलए िलखा गया है। इस कानून को लोकसभा या िवधानसभा से पास करने क ज रत नह है। धानमं ी
या मु यमं ी इसे सीधे गेजेट म छाप सकते है। #StateJuryCourt , #VoteVapsiPassBook , #RRP04

भाग (I) : भारत के सभी नाग रकों के िलए सामा िनदश

01 य द आपका नाम वोटर िल ट म है तो यह कानून पास होने के बाद आपको जूरी ूटी के िलए बुलाया जा सकता है।
जूरी ूटी म आपको आरोपी, पीिड़त, गवाह व दोन प के वक ल ारा तुत सबूत देखकर बहस सुननी होगी
और सजा / जुमाना या रहाई का फै सला देना होगा। जूरी का चयन वोटर िल ट से लॉटरी ारा कया जाएगा। य द
आपका नाम लॉटरी म िनकल आता है तो आपको िनचे दए अपराधो के मुकदमे सुनने के िलए बुलाया जा सकता है :
1. ह या, ह या के यास , मारपीट, हसा, अ ाकृ ितक मानव मृ यु, दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले।
2. अपहरण , बला कार , छेड़छाड़, काय थल पर उ पीड़न, दहेज़ , घरे लू हसा, िडवोस, वैवािहक झगड़े।
3. सभी कार के सावजिनक सारण से स बंिधत सभी मामले एवं स बंिधत सभी आपि यां।
4. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य क ोपट के िववाद। मृ यु भोज क िशकायत।

02 इस क़ानून के गेजेट म छपने के 30 दन के भीतर रा य के येक मतदाता को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी।
िन िलिखत अिधकारी इस वोट वापसी पासबुक के दायरे म आयगे :
1. िजला पुिलस मुख 4. िजला जज
2. िजला िश ा अिधकारी 5. िजला िमलावट रोकथाम अिधकारी
3. िजला िच क सा अिधकारी 6. रा य सूचना आयु

तब य द आप उपरो म से कसी अिधकारी के काम-काज से संतु नह है, और उसे िनकालकर कसी अ य ि


को लाना चाहते है तो पटवारी कायालय म वीकृ ित के प म अपनी हाँ दज करवा सकते है। आप अपनी हाँ SMS,
ATM या मोबाईल APP से भी दज करवा सकगे। आप कसी भी दन अपनी वीकृ ित दे सकते है, या इसे र कर सकते
है। वीकृ ित क एं ी वोट वापसी पासबुक म आएगी। यह वीकृ ित आपका वोट नही है। बि क यह एक सुझाव है ।

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03 य द आपका नाम वोटर िल ट म है और आप इस क़ानून क कसी धारा म कोई आंिशक या पूण प रवतन चाहते है,
तो कले टर कायालय म इस क़ानून क धारा (35.1) के तहत शपथप तुत कर सकते है। कले टर 20 ित पृ
क दर से शु क लेकर शपथप वीकार करे गा, और इसे कै न करके मु यमं ी क वेबसाईट पर रखेगा।

भाग (II) : नाग रकों और अिधका रयों के िलए िनदश


04 यह कानून आरोपी या पीिड़त क आयु क अवहेलना करते ए िन िलिखत मामलो पर लागू होगा :
1. ह या, ह या के यास, दुघटना या लापरवाही जिनत या कसी भी कार क अ ाकृ ितक मानव मृ यु।
2. सभी कार क शारी रक हसा, जान लेवा धमक , दुघटना एवं ऐसी लापरवाही िजससे शरीर को ित
का रत हो, या गंभीर चोट का रत होने क संभावना हो, दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले ।
3. अपहरण-बला कार-उ पीड़न-छेड़छाड़, ी का पीछा करना, दहेज़, घरे लू हसा, िडवोस, वैवािहक झगड़े।
4. सभी कार के सावजिनक सारण िजनम सभी कार के दृ य, , इले ोिनक आ द मा यम िजसम-
फ़ म, टीवी, समाचार प , पु तक, फे सबुक, यू ूब, सोशल मीिडया, फे क यूज - से स बंिधत सभी कार
के मामले व आपि यां।
5. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य क ोपट के िववाद। मृ यु भोज क िशकायत।
6. सभी कार के ऐसे अपराध या िववाद िज हे धानमं ी या मु यमं ी ने इस सूची म शािमल कया हो।
7. ऐसे अपराध या िववाद िज ह नाग रको के ब मत ने इस क़ानून क धारा (35) का इ तेमाल करते ए
अनुमो दत कया हो और धानमं ी / मु यमं ी ारा इ ह वीकृ त कया गया हो ।

[ िटप ी : इस कानून म शु आती तौर पर िसफ कु छ सरल वभाव के अपराध को शािमल कया गया है, ता क िविश
क म के बुि जीिवय ारा दए जा रहे इस तक को क - आम भारतीय नाग रक ‘ऐसे वाले और वैसे वाले’ अपराधो क
कृ ित समझने क अ ल नह रखते है , अत: उ ह जूरी म आने का अिधकार नह दया जाना चािहए - नाग रक ारा एक
सफ़े द झूठ के प म ख़ा रज कया जा सके । बाद म धानमं ी / मु यमं ी या मतदाता अ य अपराध एवं नाग रक िववादो
के अ य कार भी इसम जोड़ सकते है। इस तरह ये थािपत कया जा सके गा क बुि जीिवय का यह तक क - आम
भारतीय नाग रक ‘ऐसे वाले और वैसे वाले’ अपराधो को समझने क अ ल नह रखते है - अिधकतम मतदाता ारा एक
सफ़े द झूठ के प म ख़ा रज कया जा चुका है। तब गोह या, ाचार, भाईभतीजा वाद, चोरी, धोखाधड़ी, चेक बाउं स,
कज ना चुकाना, करायेदार-मकान मािलक िववाद, मजदूर-िनयो ा िववाद, जमीन िव य के द तावेज क जालसाजी
आ द जैसे अपराध भी धानमं ी / मु यमं ी / मतदाताओ ारा इस क़ानून म जोडे जा सकगे। ]

05 िजला सहायक िनदेशक अिभयोजन (A.D.P.) एवं जूरी शासक को शािमल करते ए धारा (02) म दए गए 6
अिधकारी वोट वापसी पासबुक के दायरे म रहगे। येक नाग रक को राशन काड क तरह एक वोट वापसी पासबुक
जारी क जायेगी, िजसम इन सभी अिधका रय के खाने (कॉलम) ह गे। धानम ी या मु यमं ी चाहे तो सभापित,
सरपंच आ द जन ितिनिधय या अ य अिधका रय के प े भी इसम जोड़ने के िलए अिधसूचना जारी कर सकते है।
इन अिधकारीय के िलए नाग रको ारा वीकृ ित दज करने और िनयुि के ावधान के िलए धारा (31) देख।

जूरी कोट की थापना एवं इसका अ थायी िनलंबन

06 मु यमं ी येक िजले म 1 िजला जूरी शासक क िनयुि करगे। य द नाग रक जूरी शासक के काम से संतु नही
है तो धारा (31) का योग करके जूरी शासको को बदलने क वीकृ ित दे सकते है।

07 कसी रा य म दज सभी मतदाता क 50% से अिधक वीकृ ितयां िमलने पर मु यमं ी ऊपर दी गयी सभी धारा
को िनलंिबत कर सकते है, और कसी एक या अिधक िजल म अपनी पसंद का जूरी शासक 5 वष के िलए िनयु
कर सकते है। मु यमं ी अमुक िजले के कसी मामले को लॉटरी से चुने ए कसी अ य िजले म भी भेज सकते है।

जूरी ूटी म नाग रको के चयन स ी िनयम

08 सभी कार के जूरी मंडलो एवं महाजूरी मंडल का गठन करते समय िन िलिखत िनयम का पालन कया जाएगा :

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1. मतदाता सूची ही जूरी ूटी क सूची होगी, और जूरी का गठन मतदाता सूची से ही कया जाएगा।
2. जूरी सद य क आयु 25 से 50 वष के बीच होगी। वोटर िल ट म दज उ ही ि क उ मानी जाएगी।
3. सभी ेणी के सरकारी कमचारी प प से जूरी ूटी के दायरे से बाहर रहगे।
4. जो नाग रक जूरी ूटी कर चुके है, उ ह अगले 10 वष तक जूरी म नह बुलाया जायेगा।
5. य द कसी मा यता ा िच क सक को जूरी ूटी पर बुलाया जाता है तो डॉ टर जूरी ूटी पर न आने क
सूचना दे सकता है। जूरी सद य डॉ टर पर जूरी ूटी न करने के एवज म कोई आ थक दंड नह लगायगे।
6. य द िनजी े के कमचारी को जूरी ूटी पर बुलाया गया है तो िनयो ा उसे आव यक दवस के िलए
अवैतिनक अवकाश दान करे गा। िनयो ा अवकाश के दन का वेतन कमचारी के वेतन से काट सकता है।

09 िजला महाजूरी मंडल = िड ड ू री का गठन

(9.1)थम महाजूरी मंडल का गठन : िजला जूरी शासक एक सावजिनक बैठक म मतदाता सूची म से 25 वष से 50
वष क आयु के म य के 50 मतदाता का चुनाव लॉटरी ारा करे गा। इन सद य का सा ा कार लेने के बाद जूरी
शासक क ही 20 सद य को िनकाल सकता है। इस तरह 30 महाजूरी सद य शेष रह जायगे।

(9.2) अनुगामी महाजूरी मंडल :थम महा जूरी मंडल म से िजला जूरी शासक पहले 10 महाजूरी सद य को हर 10
दन म सेवािनवृ करे गा। पहले महीने के बाद येक महाजूरी सद य का कायकाल 3 महीने का होगा, अत: 10
महाजूरी सद य हर महीने सेवािनवृ ह गे, और 10 नए चुने जाएंगे। नये 10 सद य चुनने के िलए जूरी शासक िजले
क मतदाता सूची म से लॉटरी ारा 20 सद य चुनग े ा और सा ा कार ारा इनम से क ही 10 क छंटनी कर देगा।

10 मरिहत तरीके ( लॉटरी ) से मतदाताओं को चुनने का तरीका

(10.1) जूरी शासक कसी अंक को मरिहत िविध से चुनने के िलए कसी भी इले ॉिनक उपकरण का योग नह
करे गा। य द मु यमं ी ने कसी या का िववरण नह दया है तो वह नीचे बताये तरीके का योग करे गा :
(10.2) मान लीिजये जूरी शासक को 1 और 4 अंको वाली सं या जैसे ABCD के म य क कोई सं या चुननी है। तब
वह हर अंक के िलए 4 दौर के पांसे फे के गा। पहले दौर म य द उसे ऐसा अंक चुनना है जो 0 से 5 के म य का है, तब
वह के वल 1 पांसे का, और य द उसे ऐसा अंक चुनना है जो 0-9 के म य है, तब वह 2 पांस का योग करे गा।
(10.3)चुनी गयी सं या उस सं या से 1 कम होगी जो एक अके ला पांसा फे कने पर आएगी, और दो पांसे फे कने क
ि थित म यह 2 से कम होगी। य द पांसे फे कने पर आई सं या ज रत क सबसे बड़ी सं या से बड़ी है तो पांसे दोबारा
फके जायगे।
1. मान लीिजये जूरी शासक को एक कताब िजसमे 3693 पेज है, म से एक पेज चुनना है। तब जूरी शासक
4 दौर (राउं ड) के पास फके गा। पहले दौर म वह एक ही पांसे का योग करे गा, य क उसे 0-3 के बीच क
सं या का चयन करना है। य द पांसा 5 या 6 दशाता ह तो वह पांसा दोबारा फे के गा। य द पांसा 3 दशाता है
तो चुनी ई सं या 3-1=2 होगी। अब जूरी शासक दूसरे दौर म चला जायेगा। इस दौर म उसे 0-6 के बीच
क एक सं या चुननी है, इसिलए वह दो पांसे फे के गा। य द उनका जोड़ 8 से अिधक हो जाता है तो वह पांसे
दुबारा फे के गा। य द जोड़ का मान 6 आया तो चुनी ई सं या 6-2=4 होगी। अब मान लीिजये चार दौर म
पांसा 3, 5, 10, 2 दशाता है, तो जूरी शासक (3-1), (5-2), (10-2) और (2-1) अथात पेज सं 2381 चुनग
े ा।
2. जूरी शासक सभी मतदाता क सूची तैयार कर सकता है और मरिहत िविध से को दो धान सं याए
चुन सकता है। मान लीिजये सूची म N मतदाता है। तब वह N/2 और 2N के बीच दो धान सं या िज ह ‘n
और m’ मान लेते है, चुन सकता है। चुने ए मतदाता हो सकते है - (n mod N), (n +m) mod N, (n+2m)
mod N से (n+ ( k-1)*m) mod N , जहाँ k का आशय चुने जाने वाले ि य क सं या है।

11 महाजूरी सद य येक शिनवार और रिववार पर बैठक करगे। य द 15 से अिधक महाजूरी सद य सहमित देते है तो वे
अ य दन भी िमल सकते है। ये सं या 15 से ऊपर तब भी होनी चािहए, जब 30 से कम महाजूरी सद य उपि थत ह ।
य द बैठक होती है तो आरं भ सुबह 11 बजे से और समा शाम 5 बजे तक हो जानी चािहए।

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12 महाजूरी सद य को ित उपि थती ित दन 500 . एवं साथ म या ा खच भी िमलेगा। मु यमं ी महंगाई दर के
अनुसार या या ा दूरी जैसी ि थितय म मुआवजा रािश बदल सकते है। ये रािश उसका कायकाल समा होने के 30
दन बाद दी जाएगी।य द कोई महाजूरी सद य बैठक म अनुपि थत रहता है तो उसे दैिनक भुगतान नह िमलेगा।
साथ ही वह भुगतान क जाने वाली रािश क ितगुनी राशी से भी वंिचत हो सकता है, तथा उसक संपि का
अिधकतम 0.05% तक और वा षक आय का 1% तक का जुमाना भी लगाया जा सकता है। महाजूरी सद य 60 दन
बाद जुमाना रािश तय करगे।

13 िजला महाजूरी मंडल ारा मु कदमो को ीकार करना

(13.1) य द कसी ि , कं पनी या कसी सं था का कसी और ि या सं था पर कोई आरोप है और यह आरोप


य द धारा (4) या उसके आधार पर जारी कये गए कसी गेजटे नोटी फके शन के अंतगत है, तो वे महाजूरी मंडल के
सद य को िलिखत म सूिचत कर सकते है, अथवा धारा (35.1) के अंतगत अपनी िशकायत धानमं ी या मु यमं ी
क वेबसाइट पर अपलोड कर सकते है। अिभयोग करने वाले अपनी तरफ से कानूनी सीमा के अ दर समाधान के प
म अिभयु क संपि ज करना, आ थक ितपू त लेना, अिभयु को कु छ वष या महीनो तक कारावास या
मृ युदंड का सुझाव दे सकते है।

(13.2) महाजूरी मंडल के 15 से अिधक सद य कसी गवाह, िशकायतकता या अिभयु को हािजर होने के िलए
बुलावा भेज सकते है। जूरी कसी वक ल या िवशेष को बोलने क अनुमित दे सकती है या नह भी दे सकती है।

य द महाजूरी मंडल के 15 से अिधक सद य कसी मामले को िवचार यो य मानते ह तो िवचार के िलए िजला
(13.3)
जूरी शासक 15 से 1500 नाग रक क जूरी बुलाएगा िजनक उ 25 से 50 वष क आयु के बीच होगी । य द 15 से
अिधक महा जूरी मंडल के सद य कहते ह क मामला िवचार यो य नह है तो मामले को िनर त कर दया जाएगा।

(13.4)य द महाजूरी मंडल के अिधकांश सद य मानते है क िशकायत िबलकु ल आधारहीन और मनगड़ंत है तो वे


मामले क सुनवाई म ई समय क बबादी के िलए 5000 पये ित घंटे अिधकतम क दर से जुमाना लगा सकते है।
महाजूरी मंडल का येक सद य जुमाने क रािश तािवत करे गा और सबके ारा तािवत जुमाने क म यरािश
(median) जुमाने क रािश मानी जाएगी। महाजूरी मंडल के सद य ये भी तय करगे क झूठे आरोप क ितपू त के
प म अिभयु को जुमाने क रािश म से कतनी रािश दी जाएगी। झूठा आरोप होने क ि थित म अिभयु अपने
समय , स मान और अ य नुकसान के िलए अिधकतम ितपू त पाने हेतु अलग से एक मामला दायर कर सकते है।

िकसी मामले के िलए आव क जूरी सद ों की सं ा का िनधारण

14 महाजूरी मंडल का येक सद य मामले के िवचार के िलए वांिछत जूरी क सं या तािवत करेगा और िजला जूरी
शासक सारे सद य ारा तािवत सं या के मा य को वांिछत जूरी सं या के प मे िनधा रत करेगा। य द
महाजूरी मंडल के सद य क सं या सम है तो िजला जूरी शासक उ तर म य सं या को वांिछत जूरी सं या के प
मे िनधा रत करगे। जूरी सद य क सं या के संबध म महाजूरी मंडल का फै सला अंितम होगा। महाजूरी सद य के
िलए दशा िनदश :

1. य द अिभयु क आ थक या राजनैितक हैिसयत यादा है तो जूरी सद य क सं या बढ़ाई जा सकती है।


2. य द अपराध जघ य है तो जूरी सद य क सं या बढ़ाई जा सकती है। उदाहरण के िलए य द मामला
100,000 पए या उससे कम धन रािश क चोरी का है तो जूरी सद य क सं या 15 हो सकती है। पर य द
चुराई धन रािश इससे अिधक है तो जूरी सद य क सं या यादा होगी। य द मामला ह या का है तो जूरी
सद य क सं या 50 या 100 या उससे भी अिधक हो सकती है।
3. य द कोई ि अतीत म एकािधक अपराध का अिभयु रहा है, और महाजूरी मंडल के सद य यादातर
मामल को िवचार यो य मानते है तो वे जूरी सद य क सं या बढ़ा सकते है।
4. य द मामला यादा पैस का है तो जूरी सद य क सं या यादा हो सकती है। यूनतम सं 15 होगी और हर
1 करोड़ क रािश पर 1 अित र सद य जोड़ा जाएगा। क तु जूरी का आकार 1500 से अिधक नह होगा।

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15 जूरी सद ों का चयन

(15.1) जूरी शासक मतदाता सूची से लॉटरी ारा वांिछत जूरी सं या से दुगनी सं या म नाग रक को चुनकर उ ह
बुलावा भेजेगा। उनमे से कसी भी प कार के र तेदार, पडोसी, सहकम आ द को जूरी म शािमल नह कया
जाएगा। िपछले 10 वष म कसी सरकारी पद पर रहे नाग रक भी जूरी से बाहर रहगे। शेष लोग म से िबना कसी
इं टर ू के जूरी शासक लाटरी ारा आव यक सं या के जूरी सद य चुनेगा। कसी ि को जूरी म शािमल नह
करने का िनणय जूरी शासक ारा िलया जाएगा और उसे िसफ महाजूरी मंडल के ब मत ारा बदला जा सके गा।
(15.2) िजलाजूरी शासक जूरी सद य को येक जूरी सद य क िश ागत यो यता, पेशा और संपि अथवा आय के
बारे म सूिचत करे गा। िजन जूरी सद य के पास कम जानकारी है या तक या गिणत म कम द ता है वे उन जूरी
सद य से सहायता ले सकते है, िजनके पास यादा जानकारी है या जो तक या गिणत म यादा द ह।
(15.3)िजला जूरी शासक िजला मु य यायधीश से मामले क सुनवाई म जूरी सद य को आव यक सलाह देने और
मामले के संचालन के िलए एक या अिधकतम 3 यायधीश क िनयु करने के िलए कहेगा। यायधीश के सं या के
बारे मे िजला मु य यायधीश का िनणय अंितम होगा। िजला जूरी शासक एक ायल एडिमिन ेटर को िनयु
करगे और ायल एडिमिन ेटर मामले पर िवचार करने क या एवं जूरी ायल का संचालन करेगा।

जूरी मं डल ारा मुकदमो की सुनवाई करना

16 सुनवाई ात: 11 से शाम 5 बजे तक चलेगी। सुनवाई िसफ तभी शु होगी जब चुने गए सम त जूरी सद य म से
(चुने गए सम त जूरी सद य म से, ना क िसफ उपि थत जूरी सद य के ) 75% सुनवाई शु करने को राजी ह ।

17 ायल एडिमिन ेटर िशकायतकता को एक घंटे तक बोलने क अनुमित देगा तथा इस दौरान उ हे कोई नह रोके गा।
इसके बाद अिभयु एक घंटे तक अपना प रखेगा। इस तरह एक के बाद एक दोन प बोलगे। भोजन िवराम
दोपहर 1 से 2 बजे के बीच शु होगा और 1 घंटे तक रहेगा। इसी तरह सुनवाई लगातार येक दन चलेगी। जूरी
सद य का ब मत कसी भी प के बोलने क अविध को बदल सके गा। इस क़ानून म सभी जगह जूरी का ब मत या
अिधकांश का अथ चुने गए सम त जूरी सद य के ब मत से है ना क िसफ उपि थत जूरी सद य के ब मत से।
18 मामले क सुनवाई यूनतम 2 दन तक चलेगी। तीसरे दन या उसके बाद य द जूरी सद य का ब मत कहता है क
हमने दोन प को पया सुन िलया है, तो सुनवाई एक दन और चलेगी। य द अगले दन ब मत कहता है क उ ह
और सुनना है तो सुनवाई तब तक चलती रहेगी जब तक जूरी का ब मत सुनवाई ख़ म करने को नही कहता। अंितम
दन दोन प 1-1 घंटे तक अपना प रखगे। इसके बाद जूरी सद य 2 घंटे तक आपस म िवचार मंथन करगे। य द 2
घंटे बाद जूरी िनणय लेती है क उ ह और िवचार मंथन क आव यकता नह है, तो जूरी अपना फै सला देगी।

19 जुमाने का िनधारण : येक जूरी सद य जुमाने क रािश तािवत करे गा, जो क वृत क़ानूनी सीमा के अ दर हो।
य द कसी सद य ारा तािवत जुमाना रािश कानूनी सीमा से अिधक है तो जुमाने क अिधकतम कानूनी सीमा को
तािवत जुमाने क रािश माना जाएगा। ायल एडिमिन ेटर सभी तािवत जुमाना राशीय को घटते म म
रखेगा। अथात सबसे अिधक तािवत रािश को सबसे ऊपर और सबसे अंत म सबसे कम जुमाने क रािश को रखा
जायेगा। दो ितहाई जूरी सद य ारा मंजूर जुमाने क रािश को जुमाने क रािश माना जाएगा। उदाहरण के िलए,
य द जूरी सद यो क सं या 100 ह तो घटते म म 67 मांक पर तािवत रािश जुमाने क रािश होगी। अथात,
य द 100 म से 34 जूरी सद य ने शू य जुमाना तािवत कया है तो जुमाने क रािश को शू य माना जाएगा।

20 कारावासीय दंड : ायल एडिमिन ेटर जूरी सद य ारा तािवत कारावास क अविध को घटते म म सजाएगा।
अथात सबसे अिधक दंड सबसे पहले और सबसे कम को अंत म रखा जायेगा। य द कसी सद य ारा बतायी
कारावास क अविध कानूनी सीमा से अिधक है तो उस मामले म कानून ारा बतायी सवािधक कारावास अविध को
तािवत कारावास क अविध माना जाएगा, और 2/3 जूरी सद यो ारा मंजूर कारावास क अविध को सि मिलत
प से तय क गयी कारावास क अविध माना जाएगा। अथात, य द 1/3 जूरी सद य कारावास क अविध शू य
तािवत करते ह तो अिभयु को िनरपराध घोिषत कया जाएगा। उदाहरण के िलए, य द जूरी सद य क सं या
100 है तो घटते म म 67 म सं या वाली तािवत कारावास क अविध को कारावास क सि मिलत अविध के
प म माना जाएगा और य द 34 जूरी सद य कारावास क अविध शू य तािवत करते ह तो कारावास नह होगा।
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21 मृ यु दंड एवं सावजिनक नारको टे ट के मामले म 75% जूरी सद य क मंजूरी आव यक होगी। इस तरह के मामल
म एक अ य जूरी मंडल ारा मामले पर पुन वचार कया जाएगा। दूसरी बार म आयी जूरी ही ये िनणय करेगी क
मृ युदड
ं होगा या नह । पुन वचार के िलए आयी जूरी भी मृ यु दंड को 75% सद य ारा अनुमो दत करे गी।

22 जूरी मंडल जो भी अंितम फै सला दगे उसे ायल के पदासीन जज ारा अनुमो दत कया जाएगा। य द जज चाहे तो
जूरी के फै सले म संशोधन कर सकता है, या फै सले को पूरी तरह से पलट सकता है। जज जब भी अपना फै सला
िलखेगा तब वह सबसे पहले जूरी का फै सला उ त करे गा। सरकारी द तावेजो, बुले टन एवं अ य सभी जगह जब भी
फै सले को दज / उ त कया जाएगा तो अिनवाय प से सबसे पहले जूरी ारा दए फै सले का िज कया जाएगा।

23 अनुपि थित या देर से आने पर जूरी सद य पर जुमाना - य द कोई जूरी सद य या कोई भी प सुनवाई म
अनुपि थत रहता ह या िवल ब से आते ह तो तीन महीने बाद महाजूरी मंडल जुमाने क राशी तय करे गा, जो क
उनक संपि का 0.1% अथवा वा षक आय का 1% हो सकता है।

24 य द कसी अ य समाधान क मांग क गयी है तो जूरी सद य दोन प को अिधकतम 5 या उससे कम वैकि पक


ताव दािखल करने को कहगे। इसके अलावा जूरी क अनुमित से कोई भी ि समाधान के िलए अपना ताव
जूरी के सामने रख सकता है। येक जूरी सद य येक वैकि पक ताव को 0 म से 100 के बीच अंक देगा। य द
कसी ताव को कसी जूरी सद य ने कोई भी अंक नह दया ह तो उस ताव के िलए उनके ारा दया गया अंक
शू य माना जाएगा। िजस वैकि पक समाधान ताव को सबसे यादा अंक िमलगे उस ताव को जूरी ारा मंजूर
कया गया ताव माना जाएगा।

25 य द 50% से यादा जूरी सद य मानते ह क िशकायत िबलकु ल िनराधार एवं मनगड़ंत है तो येक जूरी सद य
अिधकतम 1000 पए ित जूरी सद य तक का जुमाना लगा सकता है। येक जूरी सद य जुमाने क रािश
तािवत करेगा और िजला जूरी शासक तािवत रािशय के म य मान को जुमाने क रािश मानेगा। क तु जुमाने
क उ तम सीमा वह रािश होगी जो क िशकायतकता क संपि क 2% या वा षक आय क 10% म से उ है।
जुमाने क इस रािश म से अिभयु को जो रािश दी जायेगी उसक गणना इस कार होगी - अिभयु ारा िपछले
वष भरे गए आयकर रटन के अनुसार उसक ित दन आय का िनधारण कया जाएगा। तथा िजतने दन सुनवाई
चली और अिभयु को िजतने दन का नुकसान आ उस िहसाब से उसे मुआवजा दया जाएगा। अिभयु यादा
मुआवजे के िलए अलग से मामला दायर कर सकता है।

26 ज टल मामल म य द कोई तकिनक या कानूनी िवशेष जानकारी देने के इ छु क ह तो कोई भी प कार या ायल
एडिमिन ेटर उनक मदद ले सकते है। जूरी शासक उनक दैिनक भुगतान रािश तय करगे, जो उनक दैिनक आय से
अिधक नह होगी। जूरी सद य को भ के प म िजला महाजूरी मंडल के सद य के समान धनराशी दी जायेगी।

27 य द कसी िजले म तहसील तर के यायालय है तो जूरी शासक तहसील तर पर भी महाजूरी मंडल का गठन कर
सकता है। तहसील महाजूरी मंडल तहसील के अंतगत मामल क सुनवाई करे गा। िजला जूरी शासक तहसीलो म
तहसील जूरी शासक क िनयुि करगे और जूरी कोट क कायवाही ऊपर दी गयी धारा के अनु प ही होगी।

[ िटप ी : य द वादी गण को लगता है क जज ने अनुिचत फै सला दया है तो वे इस क़ानून के वोट वापसी खंड क धारा
(31) का योग करके िजले के नाग रको से िवनती कर सकते है क वे िजला जज को नौकरी से िनकालने क वीकृ ित द।

28 इसी क़ानून क धारा (04) म व णत मामलो म जूरी मंडल के 2/3 से अिधक ब मत ारा दी गयी सहमती िबना कसी
भी नाग रक को कसी भी सरकारी अिधकारी ारा न तो दि डत कया जा सके गा, और न ही जुमाना लगाया सके गा।
क तु िन िलिखत दशा म जूरी मंडल क सहमती आव यक नह होगी - य द ऐसे आदेश को उ या उ तम
यायालय ने अनुमो दत कया हो, अथवा ऐसे आदेश को इस क़ानून के जनता क आवाज खंड क धारा (35) के
ावधान का योग करते ए िजले / रा य / देश के मतदाताओ के ब मत ने अनुमो दत कया हो। कोई भी सरकारी
अिधकारी कसी भी नाग रक को यूरी मंडल के 2/3 से अिधक ब मत ारा दी गयी सहमती िबना या महाजूरी मंडल
के साधारण ब मत ारा दी गयी सहमती िबना या धारा (35) के ावधान के तहत दशाए गए िजला / रा य / देश के
नाग रको के ब मत िबना 48 घंटो से अिधक समय तक कारावास म नह रखेगा।
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29 िजला र के अिधका रयों के िलए आवेदन एवं यो ताएं

(29.1) िजला पुिलस मुख : य द 32 वष से अिधक आयु का कोई भारतीय नाग रक जो िपछले 3000 दन म 2400 से
अिधक दन के िलए कसी िजले म पुिलस मुख नह रहा हो, तथा िजसने 5 वष तक सेना म काम कया हो, या
पुिलस िवभाग म एक भी दन काम कया हो, या सरकारी कमचारी के प म 10 वष तक काम कया हो या उसने
रा य / संघ लोक सेवा आयोग ारा आयोिजत शासिनक सेवाओ क िलिखत परी ा पास क हो, या उसने िवधायक
/सांसद / पाषद या िजला पंचायत सद य का चुनाव जीता हो, तो ऐसा ि िजला पुिलस मुख के याशी के प
म आवेदन कर सके गा।
(29.2)िजला जज, िजला जूरी शासक एवं सहायक िनदेशक अिभयोजन : भारत का कोई भी नाग रक िजसक आयु
32 वष से अिधक हो एवं उसे LLB क िश ा पूण कये ए 8 वष हो चुके हो या वह सहायक लोक अिभयोजक ( APP
= Assistance Public Prosecutor ) के प म 3 वष तक सेवाएं दे चुका हो तो वह िजला जज, िजला जूरी शासक
एवं सहायक िनदेशक अिभयोजन ( ADP = Additional Director of Prosecution ) पद के िलए आवेदन कर सके गा।
(29.3) िजलािच क सा अिधकारी : 32 वष से अिधक आयु का भारतीय नाग रक िजसे ऐलोपेथी, आयुवद, हो योपेथ,
यूनानी या भारत सरकार ारा वीकार क गयी इसके समक कसी अ य िच क सा िव ान का मा यता ा
िच क सक होने के िलए वांिछत िड ी ा कये ए 5 वष हो चुके हो तो वह िजला िच क सा अिधकारी के िलए
आवेदन कर सके गा।
(29.4)िजला िश ा अिधकारी, रा य सूचना आयु एवं िजला िमलावट रोकथाम अिधकारी : भारत का कोई भी
नाग रक िजसक आयु 32 वष से अिधक हो तो वह उपरो पद म से कसी भी पद के िलए आवेदन कर सके गा।

30 धारा (29) म दी गयी यो यता धारण करने वाला कोई भी नाग रक य द िजला कले टर कायालय म वयं या कसी
वक ल के मा यम से कोई ए फडेिवट तुत करता है, तो िजला कले टर सांसद के चुनाव म जमा क जाने वाली
रािश के बराबर शु क लेकर अ हत पद के िलए उसका आवेदन वीकार कर लेगा, तथा इसे मु यमं ी क वेबसाईट
पर कै न करके रखेगा।
31 मतदाता ारा उ ीदवारों का समथन करने के िलए हाँ दज करना

(31.1)कोई भी नाग रक कसी भी दन अपनी वोट वापसी पासबुक या वोटर काड के साथ पटवारी कायालय म
जाकर कसी भी याशी के समथन म हाँ दज करवा सके गा। पटवारी अपने क यूटर एवं वोट वापसी पासबुक म
मतदाता क हाँ दज करे गा। पटवारी मतदाता क हाँ को याशीय के नाम व मतदाता क वोटर आईडी नं के साथ
िजला वेबसाईट पर भी सावजिनक करे गा। मतदाता कसी पद के याशीय म से अपनी पसंद के अिधकतम 5
ि य को वीकृ ित दे सकता है।
(31.2) वीकृ ित ( हाँ ) दज करने के िलए मतदाता 3 पये फ़ स देगा। BPL काड धारक के िलए फ़ स 1 पया होगी।

(31.3) य द मतदाता वीकृ ित र करवाने आता है तो पटवारी एक या अिधक नाम िबना कोई फ़ स िलए र कर देगा

(31.4)येक महीने क 5 तारीख को कले टर िपछले महीने म ा येक यािशय को िमली वीकृ ितय क
िगनती कािशत करे गा। पटवारी अपने े क वीकृ ितय का यह दशन येक सोमवार को करेगा।

[ िट णी : कले टर ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता अपनी हाँ SMS, ATM, मोबाईल एप से दज कर सके ।
रज वोिटं ग - मु यमं ी ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता कसी याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे सके । य द
मतदाता िसफ हाँ दज करता है तो इसे 100 अंको के बराबर माना जाएगा। य द मतदाता अपनी वीकृ ित दज नही करता
तो इसे शू य अंक माना जाएगा। क तु य द मतदाता अंक देता है तो दए गए अंक ही मा य ह गे। रज वो टग क ये या
वीकृ ित णाली से बेहतर है, और ऐरो क थ अस भा ता मेय (Arrow’s Useless Impossibility Theorem) से
ितर ा दान करती है। ]

32 अिधका रयों की िनयु एवं िन ासन

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(32.1) िजला पुिलस मुख एवं िजला िश ा अिधकारी : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता ( सभी
मतदाता, न क के वल वे िज ह ने सहमती दज क है ) के 50% से अिधक मतदाता कसी उ मीदवार के प म हाँ दज
कर देते है तो मु यमं ी इ तीफा दे सकते है, या सबसे अिधक वीकृ ित ा करने वाले ि को उस िजले म अगले
4 वष के िलए नया िजला पुिलस मुख या िश ा अिधकारी िनयु कर सकते है, या नही भी कर सकते है। िनयुि के
बारे म अंितम फै सला मु यमं ी करगे। य द द ली पुिलस मुख का कोई उ मीदवार 50% से अिधक वीकृ ित ा
कर लेता है तो द ली के मु यमं ी धानमं ी को िच ी िलख सकते है, और द ली पुिलस मुख क िनयुि का
अंितम फै सला धानमं ी करगे।
(32.2)जूरी शासक, िमलावट रोक अिधकारी, िच क सा अिधकारी एवं िजला सहायक िनदेशक अिभयोजन : य द
िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी याशी के प म हाँ दज कर देते
है, और य द ये वीकृ ितयां पदासीन अिधकारी से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी अमुक याशी को अ हत पद पर
िनयु कर सकते है ।

रा य सूचना आयु : य द रा य क वोटर िल ट म दज सभी मतदाताओ के 35% से अिधक मतदाता कसी


(32.3)
याशी के प म हाँ दज कर देते है और य द यह वीकृ ितयां पदासीन रा य सूचना आयु क वीकृ ितय से 1%
अिधक भी है तो सीएम उसक िनयुि के िलए पीएम को िच ी िलख सकते है।

िजला जज : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी याशी
(32.4)
के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां पदासीन िजला जज से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी उ
यायालय के मु य यायधीश को िच ी िलख सकते है। िजला जज क िनयुि का अंितम िनणय उ यायालय के
मु य यायधीश करगे।

िश ा अिधकारी : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी अिभभावक के 35% से अिधक अिभभावक


(32.5) िजला
कसी याशी के प म हाँ दज कर देते है तो मु यमं ी अमुक याशी को िजला िश ा अिधकारी क नौकरी दे
सकते है।
1. िजला िश ा अिधकारी को अिभभावक एवं आम नाग रक दोन अपनी वीकृ ितयां दे सकगे। 35%
अिभभावक क सहमती से मु यमं ी िजला िश ा अिधकारी क िनयुि कर सकते है, और य द आम
नाग रक िश ा अिधकारी के कसी याशी को 50% से अिधक वीकृ ितयां दे देते है तो नाग रको क मंशा
को उ माना जायेगा।
2. इस क़ानून म अिभभावक श द का अथ होगा - 0 से 18 वष आयुवग के ब ो के िपता या माता, जो उस िजले
का मतदाता भी हो। अिभभावको क सूची नह बनने तक 23 से 45 वष के बीच के मतदाता अिभभावक
माने जायगे।
3. मतदाताओ या अिभभावक क वीकृ ितय से िनयु आ िश ा अिधकारी एक से अिधक िजलो का भी
िश ा अिधकारी बन सकता है। वह कसी रा य म अिधक से अिधक 5 िजल का, और भारत भर म अिधक
से अिधक 20 िजल का िश ा अिधकारी बन सकता है। कोई ि अपने जीवन काल म कसी िजले का
िश ा अिधकारी 8 वष से अिधक समय के िलए नह रह सकता है। य द वह एक से अिधक िजलो का िश ा
अिधकारी है तो उसे उन सभी िजल के िश ा अिधकारी के पद का वेतन, भ ा, बोनस आ द िमलेगा।

33 िजला पुिलस मुख के िलए गु ीकृित की अित र ि या

(33.1) मु यमं ी एवं रा य के सभी मतदाता रा य चुनाव आयु से िवनती करते है क, जब भी िजले म कोई आम
चुनाव, िजला पंचायत चुनाव, ाम पंचायत चुनाव, थानीय िनकाय चुनाव, सांसद का चुनाव, िवधायक का चुनाव
या अ य कोई भी चुनाव करवाया जाएगा तो इन चुनाव के साथ रा य चुनाव आयु एस.पी. के चुनाव के िलए भी
मतदान क म एक अलग से मतप पेटी रखेगा, ता क िजले के मतदाता यह तय कर सके क वे मौजूदा एस.पी. क
नौकरी चालू रखना चाहते है या कसी अ य ि को एस.पी. क नौकरी देना चाहते है।

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(33.2) य द कोई उ मीदवार िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता (सभी, न क के वल वे िज ह ने गु
वीकृ ितय के िलए मतदान कया है) के 50% से अिधक गु वीकृ ितयां ा कर लेता है तो मु यमं ी यागप दे
सकते है, या 50% से अिधक गु वीकृ ितयां ा करने वाले ि को उस िजले म अगले 4 वष के िलए िजला पुिलस
मुख िनयु कर सकते है। य द द ली पुिलस मुख का कोई उ मीदवार 50% से अिधक गु वीकृ ित ा कर लेता
है, तो द ली के मु यमं ी धानमं ी को िच ी िलख सकते है, और द ली पुिलस मुख क िनयुि का अंितम
फै सला धानमं ी करगे।
(33.3) य द कोई ि िपछले 3000 दन म 2400 से अिधक दन के िलए पुिलस मुख रह चुका हो तो मु यमं ी
उसे अगले 600 दन के िलए िजला पुिलस मुख के पद पर रहने क अनुमित नह दगे। क तु य द पुिलस मुख गु
वीकृ ित क या म िजले के 50% से अिधक वीकृ ितयां ा कर लेता है तो वह पद पर बना रहेगा।

रा य के सभी मतदाता के 50% से अिधक मतदाता क प वीकृ ित लेकर मु यमं ी कसी िजले म
(33.4)
पुिलस मुख के िलए नाग रको ारा वीकृ त करने क इस या एवं उसके टाफ पर यूरी ायल को 4 वष के
िलए हटाकर अपनी पसंद का नया िजला पुिलस मुख िनयु कर सकते है। क तु मु यमं ी िश ा अिधकारी, िजला
जज, जूरी शासक एवं िच क सा अिधकारी को वीकृ त करने क याए तब भी जारी रख सकते है।

34 िजला िश ा अिधकारी : सा णाली के िलए िनदश

[ ट पणी : सा य णाली एक ऐसी व था क रचना करती है िजससे हम गिणत-िव ान के अ यापन म उन लोगो


को मु प से आक षत कर सके िजनमे ितभा एवं िश ण त व (टी चग मेटे रयल) है। साथ ही यह यादा से
यादा ितभाशाली छा को गिणत िव ान म कु शलता हािसल करने के िलए ो सािहत करती है।]

(34.1) कोई भी ि DEO ऑ फस म 200 जमा करके खुद को गिणत-िव ान के िश क के प म पंजीकृ त करवा
सके गा। िश ा अिधकारी उसे पंजीकृ त करे गा और एक रिज ेशन नंबर जारी करे गा। जब ि खुद को पंजीकृ त
करवाएगा तो एक शपथप भी देगा। इस शपथप के साथ वह गिणत-िव ान क अपनी िश ा स ब धी िडि यां एवं
अनुभव आ द के द तावेज सलं कर सकता है। यह शपथप सावजिनक रहेगा ता क अिभभावक इसे देख सके ।

(34.2) कोई भी छा िश ा अिधकारी कायालय म जाकर खुद को एक छा के प म पंजीकृ त करवा सके गा।

पंजीकृ त िश क छा को आक षत करगे और उ ह वत
(34.3) प से पढ़ायगे। पढ़ाने क जगह, लेक बोड,
फन चर आ द क व था िश क को वयं करनी होगी।
 य द िश क के पास 20 से अिधक छा हो जाते है तो DEO उसे कसी नजदीक सरकारी कू ल का क ा
क आवं टत कर सकता है। अमुक िश क अनुमित ा समय म अपने छा को यहाँ पढ़ा सकता है। य द
िनजी कू ल अनुमित देता है तो DEO कसी िनजी कू ल का क भी िश क को आवं टत कर सकता है।

िश ा अिधकारी िश को को कोई भी वेतन नह देगा। य द अिभभावक चाहे तो िश क को उसके िश ण क


(34.4)
गुणव ा एवं नतीजो के आधार पर फ़ स दे सकते है।
य द छा को पाठ समझ नह आ रहा है तो छा अपना िश क कसी भी समय बदल सकता है। छा जब
(34.5)
कसी एक िश क के पास से अपना नाम कटवाएगा तो कसी अ य िश क के पास खुद को पंजीकृ त करवाएगा।
(34.6)िश ा अिधकारी िसलेबस / पा म क एक माला पहले से कािशत करे गा। माला म 10,000 से कम
नह ह गे और ये 25,000 या उससे यादा भी हो सकते है।
(34.7) िश ा अिधकारी अिनवाय प से मािसक, ेमािसक, अध वा षक एवं वा षक परी ाएं आयोिजत करवाएगा।
इन सभी परी ा के अिनवाय प से ब वैकि पक कार के ह गे।

(34.8) DEO िजले के परी ा प रणाम के आधार पर े डग करे गा तथा दशन के अनु प िश को को पु कार देगा।
िजतना पु कार िश क को िमलेगा, उतना ही पु कार अ छा दशन करने वाले छा को भी दया जाएगा।

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 प ीकरण- मान लीिजये कोई िश क 30 छा को पढाता है। इनमे से 3 छा "अ, ब एवं स” वरीयता सूची
म थान पाते है, एवं 1 छा ‘द’ िजले म 100 व रक हािसल करता है। य द वरीयता सूची के िलए DEO
25,000 एवं 100 वी रक के िलए 5000 पा रतोिषक तय करता है तो िश क 25,000*3 = 75,000 +
5000 =80,000 ा करेगा एवं इन छा को भी मश: 25,000 एवं 5,000 का पु कार दगे।

35 जनता की आवाज

(35.1) य द कोई मतदाता इस कानून म कोई प रवतन चाहता है या कसी मांग, सुझाव आ द के प म अज देना
चाहता है तो वह कले टर कायालय म एक ए फडेिवट जमा करवा सके गा। िजला कले टर 20 पए ित पृ क दर
से शु क लेकर ए फडेिवट को मतदाता के वोटर आई.डी नंबर के साथ मु यमं ी क वेबसाइट पर कै न करके रखेगा।
य द कोई मतदाता धारा (35.1) के तहत तुत कसी ए फडेिवट पर अपना समथन दज कराना चाहे तो वह
(35.2)
पटवारी कायालय म 3 पए का शु क देकर अपनी हां / ना दज करवा सकता है। पटवारी इसे दज करेगा और हाँ / ना
को मतदाता के वोटर आई.डी. न बर के साथ मु यमं ी क वेबसाईट पर डाल देगा।

-------------------- इस क़ानून के बारे म अ सर पूछे जाने वाले एवं उनके उ र -----------------

(1) या यह संिवधान के िखलाफ नह है क आम नाग रक मुकदमो का फै सला द ?

जूरी मंडल सुनवाई करके जो भी फै सला देगा, वह परामश क तरह होगा, बा यकारी नह । अंितम फै सला जज ही देगा,
और जज चाहे तो फै सले म बदलाव कर सकता है। इस तरह यह पूरी तरह संिवधान स मत है। कृ पया ा ट म धारा (24)
देख। अमे रका- ांस-ि टेन समेत दुिनया के कई िवकिसत देशो म जज के साथ साथ नाग रक भी मुकदमा सुनते है और
अपनी सलाह देते है। जब अं ज
े ो के भारतीय मुलािजम भारतीय अवाम पर यादा दमन करने लगे तो ि टश ने भारत म
िनचले तर पर जूरी कोट क थापना क थी। तब भारतीय अिधकारी ारा भारतीय पर कोई जु म कया जाता था तो
इसक सुनवाई भारतीय नाग रको क जूरी करती थी। क तु य द कोई अं ेज भारतीय पर जु म करता था तो मुकदमा जज
ही सुनता था, और जज भी गोरा ही होता था। आजादी क बाद भी भारत म हसा मक मामल म िनचले तर पर जूरी
कोट चालू रही। क तु आजादी के बाद जब भूिम सुधार आ दोलन शु ए तो जमीदार के दबाव म 1958 म ी जवाहर
लाल नेह ने जूरी कोट को ख़ म कर दया था। य क जम दारो भूिम हीनो का हसा मक दमन कर रहे थे और जूरी
जमीदार के जु म से अवाम क र ा कर रही थी।

(2) आम नाग रको को तो क़ानून क समझ नह होती है, तो वो फै सला कै से दगे ?

इस क़ानून म ह या, अपहरण, मारपीट, आ द जैसे सरल कृ ित के अपराधो को शािमल कया गया है। भारत म शायद ही
ऐसा कोई ि हो जो यह न जानता हो क मारपीट, ह या और बला कार कसे कहते है !! तो िजस तरह जज दोन प
को सुनता है, और सबूत देखकर बताता है क गलती कसक है, वैसे ही आम नाग रको का समूह भी फै सला दे सकता है।
और जूरी सद य को सहायता देने एवं संचालन के िलए वहां जज, ायल एडिमिन ेटर आ द भी उपि थत रहगे।

(3) जूरी कोट कसी देश क व था म या बदलाव लाता है ?

(3.1) ीस पहला रा य था जहाँ 300 ई.पू. जूरी िस टम आया था। सुकरात को मृ युदंड जूरी ने ही दया था। 500 आम
नाग रको को जूरी म बुलाया गया, और उ ह ने सुकरात का मुकदमा सुना। इसम से 370 नाग रको ने फै सला दया क
सुकरात जो अपराध कर रहा है, उसके िलए उसे मृ यु दंड दे दया जाना चािहए। जूरी िस टम ने वहां के छोटे कारख़ाना
मािलको क राजवग से र ा क और तकिनक िवकास के कारण ीक दुिनया के सबसे बेहतर हिथयार बनाने म सफल ए।
जूरी कोट क वजह से ही िसक दर एक ताकतवर फ़ौज खड़ी कर पाया था।

(3.2) 1200 ई. म यूरोप म जूरी िस टम आया। इसे मै ाकाटा भी कहा जाता है। जूरी िस टम के कारण ि टेन एवं अ य
यूरोपीय देशो ने तेजी से तकिनक िवकास कया, और वे दुिनया के सबसे बेहतर हिथयार एवं ऐसी उ त तकिनक व तुएं
बनाने म सफल ए, शेष िव नह बना पा रहा था। किथत यूरोपीय पुनजागरण जूरी िस टम क ही देन था।

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(3.3) 1776 म जब अमे रका आजाद आ तो वहां पर भी जूरी िस टम लागू कया गया। क तु अमे रका का जूरी िस टम
ि टेन क तुलना म बेहद मजबूत एवं ापक है। नतीजा यह आ क अमे रका ज दी ही तकनीक के े म ि टेन समेत
िव के अ य सभी देशो को पीछे छोड़ने म सफल हो गया। िजन भी देशो म जूरी िस टम आया उ ह ने तेजी से तकिनक
िवकास कया। ले कन जज िस टम वाले देशो को जज , नेता एवं अिधका रयो ने लूटा और वे देश दुबल होते चले गए ।
आज दुिनया के कई िवकिसत देशो म जूरी कोट क व था लागू है। पि म देशो के िवकिसत एवं समृ होने का सबसे
बड़ा कारण यूरी कोट है। ज दी व िन प दंड िमलने से अपराध म कमी आती है। अपराध एवं दमन कम होने से कारखाने
लगाना आसान हो जाता है। कारखाने बढ़ने से देश क उ पादकता बढती है , बेरोजगारी घटती है और सभी तरह का
िवकास होता है। तो वोट वापसी याओ के अलावा जूरी कोट होना सबसे बड़ी वजह रही क अमे रका-ि टेन- ांस जैसे
देश भारत जैसे देशो से तकनीक के े म आगे, काफ आगे िनकल गए ।
जूरी मंडल ने वहां के छोटे-मझौले कारोबा रय क जज-पुिलस-नेता के ाचार से र ा क और वे तकिनक प से
उ त िवशालकाय ब रा ीय क पिनयां खड़ी कर पाए !!

(4) जूरी िस टम य जज िस टम से बेहतर काम करता है ?

जूरी िस टम म दंड देने क शि लगातार अलग अलग ि समूह के पास जाती रहती है, िजससे सांठ गाँठ बनाना, घूस
का लेन देन करना आ द ब त ही मुि कल होता है। इसके अलावा येक मामले म अलग जूरी होने के कारण मुकदमो का
फै सला बेहद तेजी से आता है, और क़ानून का भय बना रहता है। िनचे इन दोन व थाओ क तुलना दी गयी है।

जज िस म जूरी कोट
1. यादातर मुक़दमे एक ही ि के पास जाते है। एक हर मुकदमे के िलए अलग से जूरी होने के कारण फै सला
जज अपने सेवाकाल म लगभग 5,000 से 20,000 ह ते भर म आ जाता है। जो ि कसी मुकदम म फै सला
मामलो को सुनता है। अत: मुकदमे वष लटके रहते है। चुका है उसे अगले 5 वष तक जूरी म नह बुलाया जाता।

2. अमूमन जज कसी अदालत म 3-4 वष रहता है। पया यूरी सद य अ थायी होते है और िसफ ह ते दो ह ते के
समय होने के कारण अपरािधय एवं वक ल ारा जज िलए जूरी मंडल म आते है। कसी भी वक ल के िलए यह
से गठजोड़ बना लेना आसान हो जाता है। और यह बेहद क ठन है क वह इन 12 सद य म से 8 लोगो के साथ
गठजोड़ लगातार बना रहता है। कई अदालत म जज चुपचाप गठजोड़ बना ले। यह काम तब और भी क ठन हो
आपस म भी गठजोड़ बनाकर रखते है, और एक दुसरे के जाता है, जब वक ल को यह काम िसफ ह ते भर म करना
र तेदार के प म फै सले देते है। इसे Cross- हो । और वक ल को हर मामले के िलए जय गठजोड़
Nepotism कहते है। बनाना होगा !!

3. य द कसी गग एवं उसके सरगना के िखलाफ 4-5 वष जूरी िस टम म येक मामला 12-15 नाग रको के अलग
के दौरान 1000 मुकदमे दज होते है तो जज िस टम म ये जूरी मंडल के पास जाएगा, और 15*1000 = 15,000 जूरी
सभी मुकदमे 5-10 जज के पास जायगे। तो जज िस टम सद य का चयन लॉटरी से होगा। जूरी के पास िसफ एक
म गवाह को तोड़ने, उ ह धमकाने, जाँच भािवत करने मामला होने के कारण मुकदमे को लंिबत रखना मुि कल
और रहा होने के िलए मा फया सरगना को िसफ 5-10 है। जूरी िनयिमत प से सुबह 11 बजे से सायं 4 बजे तक
जज से ही गठजोड़ बनाना होगा, ता क जज उसके सुनवाई करती है। जूरी म अगली तारीख का मतलब होता
मुकदमो क सुनवाई क र तार धीमी कर दे। और ब धा है अगला दन !! और इसी छोटे अंतराल म सरगना को
मामलो म सरगना ऐसा करने म सफल हो जाता है। लगभग 12,000 जूरी सद य से गठजोड़ बनाना होगा।

भारत के सरकारी िवभाग एवं नेता के सारे ाचार क जड़ म अदालत का ाचार है। आप कोई भी क़ानून तोड़
दीिजये। य द आपके पास पैसा और पो ट है तो क़ानून आपका कु छ भी उखाड़ नह सके गा । यह क़ानून आने के बाद मुकदमो
को सुनने क शि नाग रको क जूरी के पास रहेगी और इस वजह से देश म हो रहे सभी कार के अपराधो एवं घूसखोरी
के मामल म तेजी से िगरावट आनी शु होगी।

#StateJuryCourt, मु मं ी जी, यह क़ानू न गेजेट म छाप ...............................................................(भेजने वाले का ह ा र) D 11 of 12


इस क़ानून को गेजेट म कािशत करवाने के िलए आप ा सहयोग कर सकते है ?

1. कृ पया अपना नाम-पता िलखकर एवं 4 पये का डाक टके ट िचपका कर इसे 5 तारीख को 5 बजे लेटर बॉ स म
डाल। पो ट करने से पहले इस बुकलेट के पहले पेज क एक फोटो कॉपी करवा ले।

2. धानम ी जी / मु नाम से एक रिज टर बनाएं। लेटर बॉ स म डालने से पहले इस बुकलेट के पहले


मं ी से मे री मांग
पेज क जो 1 पेज क फोटो कॉपी आपने करवाई है उसे अपने रिज टर के प े पर िचपका देव। धानमं ी को भेजे
जाने वाले प क फोटो कॉपी भी इसी रिज टर म रखे।

3. य द आप फे सबुक पर है तो धानमं ी जी से मेरी मांग नाम से एक ए बम बनाकर रिज टर पर िचपकाए गए पेज क


फोटो इस ए बम म रख। आप धानमं ी जी को पो टकाड या ि वट भी भेज सकते है। पो टकाड या ि वट म यह
िलखे : मु यमं ी जी, कृ पया रा य जूरी कोट क़ानून गेजेट म छाप - #StateJuryCourt , #VotevapsiPassbook

4. आप कसी भी दन यह िच ी भेज सकते है। क तु इस क़ानून ा ट के लेखको का मानना है क सभी नाग रको को
यह िच ी महीने क एक िनि त तारीख को और तय व पर ही भेजनी चािहए। तय तारीख व तय व पर य ?

4.1 य द िच यां एक ही दन भेजी जाती है तो इसका यादा भाव होगा, और धानमं ी कायालय को इ ह
िगनने म भी आसानी होगी। चूं क नाग रक कत दवस 5 तारीख को पड़ता है अत: पूरे देश म सभी शहरो के
िलए िच ी भेजने के िलए महीने क 5 तारीख तय क गयी है। अत: आप भी ये िच ी 5 तारीख को ही भेज

4.2 5 बजे इसिलए ता क पो ट ऑ फस के टाफ को इससे अित र परे शानी न हो। अमूमन 3 से 5 बजे के बीच
लेटर बॉ स खाली कर िलए जाते है, अब मान लीिजये य द कसी शहर से 100-200 नाग रक िच ी डालते है
तो उ ह लेटर बॉ स खाली िमलेगा, वना भरे ए लेटर बॉ स म इतनी िच यां आ नह पाएगी िजससे पो ट
ऑ फस व नाग रको को असुिवधा होगी। और इसके बाद पो ट मेन 6 बजे पो ट बॉ स खाली कर सकता है,
य क ज दी ही वे जान जायगे क पीएम को िनदश भेजने वाले नाग रक 5-6 के बीच ही िच यां डालते है।
इससे उ ह इनक छं टनी करने म अपना अित र व नह लगाना पड़ेगा। अत: य द आप यह िच ी भेजते है
तो कृ पया 5 बजे से 6 बजे के बीच ही लेटर बॉ स म डाले।

4.3 आप यह िच ी कसी भी लेटर बॉ स म डाल सकते है, क तु यथासंभव इसे शहर या क बे के हेड पो ट ऑ फस
के बॉ स म ही डाला जाना चािहए । वजह यह है क, हेड पो ट ऑ फस का लेटर बॉ स अपे कृ त बड़े आकार
का होता है, और वहां से पो टमेन को िच याँ िनकालकर ले जाने म यादा दूरी भी तय नह करनी पड़ती ।

5. Pm को िच ी भेजने वाले नाग रक य द आपसी संवाद के िलए कोई मी टग वगेरह करना चाहते है तो वे थानीय
तर पर महीने के दुसरे रिववार को सांय 4 बजे मी टग कर सकते है। मी टग हमेशा सावजिनक थल पर रखी जानी
चािहए। इसके िलए आप कोई मं दर या रे लवे-बस टेशन के प रसर आ द चुन सकते है। 2nd Sunday के अित र
अ य दन म कायकता िनजी थल पर मी टग वगेरह रख सकते है, क तु महीने के ि तीय रिववार क मी टग
सावजिनक थल पर ही होगी। इस सावजिनक मी टग का समय भी अप रवतनीय रहेगा।

6. अ हसा मूत महा मा उधम सह जी से े रत यह एक िवके ि त जन आ दोलन है। (35) धारा का यह ा ट ही इस


आ दोलन का नेता है। य द आप भी यह मांग आगे बढ़ाना चाहते है तो अपने तर पर जो भी आप कर सकते है कर।
यह कॉपी ले ट प है, और आप इस बुकलेट को अपने तर पर छपवाकर नाग रको म बाँट सकते है। इस आ दोलन
के कायकता धरने, दशन, जाम, जुलूस जैसे उन कदम से ब धा परहेज करते है िजससे नाग रको को परे शानी होकर
समय- म-धन क हािन होती हो। अपनी मांग को प प से िलखकर िच ी भेजने से नाग रक अपनी कोई भी मांग
Pm / Cm तक प च ं ा सकते है। इसके िलए न तो कसी नेता क ज रत है और न ही पेड मीिडया क ।

( Author’s note : Anyone can freely print, distribute & circulate this document without any modification. Modification in this
doc is not Permissible - Rahul Chimanbhai Mehta & Pawan Kumar Sharma , Copy left 2019, 1st Edition) सहयोग रािश : 4 Rs

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