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रा जूरी कोट – थानों-अदालतों एवं सरकारी

िवभागों को सुधारने के िलए जूरी अदालत


( State Jury Court – Proposed Notification to
Enact Lower Jury Courts in India )
इस क़ानून का सार : िनचे दया गया क़ानून रा य के थान ,
अदालत , कू ल , अ पताल एवं अ य सरकारी िवभाग का
काम काज सुधारने के िलए िलखा गया है। गेजेट म आने के
साथ ही यह क़ानून अमुक रा य म लागू होगा िजस रा य के
मु यमं ी ने इसे गेजेट म िनकाला है। इस कानून को लोकसभा
और रा यसभा से पास करने क ज रत नह है। धानमं ी
अपने ह ता र करके इस अिधसूचना को सीधे गेजेट म छाप
सकते है। #StateJuryCourt #VoteVapsiPassBook
#RRP04
इस पीडीऍफ़ म दो िह से है । पहले िह से म तािवत ा ट
दया गया है, तथा दुसरे िह से म यह बताया गया है क इस
क़ानून के गेजेट म आने से या बदलाव आयगे। आप क़ानून म
दए गए नाग रको के िलए िनदश खंड पढ़ कर सीधे दूसरा
िह सा पढ़ सकते है। ट पिणयाँ इस क़ानून का िह सा नह
है। अत: इनका पालन बा यकारी नह है।
य द आप इस क़ानून का समथन करते है तो मु यमं ी जी
को एक पो टकाड भेिजए । पो टकाड म यह िलखे :
मु यमं ी जी, कृ पया तािवत क़ानून को गेजेट म छापे -
#StateJuryCourt #VoteVapsiPassbook,

----------------क़ानून ा ट का ार भ--------------

भाग (I) नाग रको के िलए िनदश :


(01) य द आपका नाम वोटर िल ट म है तो यह कानून पास
होने के बाद आपको जूरी टू ी के िलए बुलाया जा सकता है।
जूरी ूटी म आपको आरोपी, पीिड़त, गवाह व दोन प के
वक ल ारा तुत सबूत देखकर बहस सुननी होगी और सजा /
जुमाना या रहाई का फै सला देना होगा। जूरी का चयन वोटर
िल ट म से लॉटरी ारा कया जाएगा और मामले क गंभीरता
देखते ए जूरी मंडल म 15 से 1500 तक सद य ह गे। य द
आपका नाम लॉटरी म िनकल आता है तो आपको िनचे दए
अपराधो के मुकदमे सुनने के िलए बुलाया जा सकता है :
1. ह या, ह या के यास, मारपीट, हसा, अ ाकृ ितक मानव
मृ यु, दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले
2. अपहरण, बला कार, छेड़छाड़, काय थल पर उ पीड़न,
दहेज़, घरे लू हसा, िडवोस, वैवािहक झगड़े ।
3. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य
क सभी कार क जमीन, ोपट , स पि य आ द के
िववाद । मृ यु भोज से स बंिधत िशकायत एवं आपि यां।
4. सभी कार के सावजिनक सारण से स बंिधत सभी
मामले एवं स बंिधत सभी आपि यां ।
(02) इस क़ानून के गेजेट म छपने के 30 दन के भीतर
येक
मतदाता को एक वोट वापसी पासबुक िमलेगी। िन िलिखत 6
अिधकारी इस वोट वापसी पासबुक के दायरे म आयगे।
1. िजला पुिलस मुख
2. िजला िश ा अिधकारी
3. िजला िच क सा अिधकारी
4. िजला जज
5. िजला िमलावट रोकथाम अिधकारी
6. रा य सूचना आयु

तब य द आप ऊपर दए गए कसी अिधकारी के काम-काज से


संतु नह है, और उसे िनकालकर कसी अ य ि को लाना
चाहते है तो पटवारी कायालय म जाकर वीकृ ित के प म
अपनी हाँ दज करवा सकते है। आप अपनी हाँ SMS, ATM या
मोबाईल APP से भी दज करवा सकगे। आप कसी भी दन
अपनी वीकृ ित दे सकते है, या अपनी वीकृ ित र कर सकते है।
आपक वीकृ ित क एं ी वोट वापसी पासबुक म आएगी। यह
वीकृ ित आपका वोट नही है। बि क यह एक सुझाव है ।
[ धारा (02) का ीकरण : यह धारा भारत के नाग रक को
यह अिधकार देती है क वे मह वपूण िवभाग का काम संभाल
रहे सरकारी अिधकारीय के काम काज पर अपनी राय दे सके ।
नाग रको क यह राय वीकृ ित के प म होगी, वोट के प म
नह । उदाहरण के िलए य द कसी िजले के नाग रक पाते है क
शहर म अपराध िनरं तर बढ़ रहे है, तो वे कसी अ य ि को
पुिलस मुख बनाने के िलए अपनी वीकृ ित दे सकते है। और
य द कसी िजले के 50% से अिधक नाग रक कसी ि को
पुिलस मुख बनाने के िलए वीकृ ितयां दज कर देते है तो
मु यमं ी उसे िजले का पुिलस मुख िनयु कर सकते है।
कृ पया इस बात पर यान द क अंितम फै सला मु यमं ी ही
करगे, और नाग रको क ये वीकृ ितयां सुझाव क तरह है। इससे
सरकार को सभी िवभाग के बारे म जनता का िनरं तर फ ड बैक
िमलेगा और शासन म सुधार आएगा। ]
(03) य द आपका नाम वोटर िल ट म है और आप इस क़ानून
क कसी धारा म कोई आंिशक या पूण प रवतन चाहते है, तो
अपने िजले के कले टर कायालय म इस क़ानून के जनता क
आवाज खंड क धारा (35.1) के तहत एक शपथप तुत कर
सकते है। कले टर 20 ित पृ क दर से शु क लेकर यह
शपथप मु यमं ी क वेबसाईट पर कै न करके रखेगा।
भाग (II) नाग रकों एवं अिधका रयों के िलए िनदश :
(04) यह कानून आरोपी या पीिड़त क आयु क अवहेलना करते
ए िन िलिखत मामलो पर लागू होगा :
1. ह या, ह या के यास, दुघटना या लापरवाही जिनत या
कसी भी कार क अ ाकृ ितक मानव मृ यु।
2. ऐसे सभी अपराध िजसमे हसा, जान लेवा धमक ,
दुघटना एवं ऐसी लापरवाही िजससे शरीर को ित
का रत हो, या गंभीर चोट का रत होने क संभावना हो,
दिलत उ पीड़न, Sc-St Act के मामले।
3. अपहरण-बला कार-छेड़छाड़-उ पीड़न, मिहला का पीछा
करना, दहेज़, घरे लू हसा, िडवोस, वैवािहक झगड़े।
4. सभी कार के सावजिनक सारण िजनम सभी कार के
दृ य, , इले ोिनक आ द मा यम िजसम- फ़ म,
टीवी, समाचार प , पु तक, फे सबुक, यू ूब आ द
शािमल है - से स बंिधत सभी कार के क आपि यां।
5. करायेदार-मकान मािलक िववाद, 2 करोड़ से कम मू य
क सभी कार क जमीन, ोपट , स पि य आ द के
िववाद । मृ यु भोज से स बंिधत िशकायत एवं आपि यां।
6. सभी कार के ऐसे अपराध या नाग रक िववाद िज हे
धानमं ी या मु यमं ी ने इस सूची म शािमल कया हो।
7. ऐसे अपराध या िववाद िज ह नाग रको के ब मत ने इस
क़ानून क धारा (35) ारा एवं धानमं ी / मु यमं ी
ारा वीकृ त कया गया हो ।
[ िटप ी : इस कानून म शु आती तौर पर िसफ कु छ सरल
वभाव के अपराध को शािमल कया गया है, ता क िविश
क म के बुि जीिवय ारा दए जा रहे इस तक को क - आम
भारतीय नाग रक ऐसे वाले और वैसे वाले अपराधो क कृ ित
समझने क अ ल नह रखते है , अत: उ ह जूरी म आने का
अिधकार नह दया जाना चािहए - नाग रक ारा एक सफ़े द
झूठ के प म ख़ा रज कया जा सके ।
बाद म धानमं ी / मु यमं ी या मतदाता अ य अपराध एवं
नाग रक िववादो के अ य कार भी इसम जोड़ सकते है। इस
तरह ये थािपत कया जा सके गा क बुि जीिवय का यह तक
क - आम भारतीय नाग रक ऐसे वाले और वैसे वाले अपराधो
को समझने क अ ल नह रखते है - अिधकतम मतदाता ारा
एक सफ़े द झूठ के प म ख़ा रज कया जा चुका है। तब गोह या,
ाचार, भाईभतीजा वाद, चोरी, धोखाधड़ी, चेक बाउं स, कज
ना चुकाना, करायेदार-मकान मािलक िववाद, मजदूर-िनयो ा
िववाद, जमीन िव य के द तावेज क जालसाजी आ द जैसे
अपराध भी धानमं ी / मु यमं ी / मतदाताओ ारा इस
क़ानून म जोडे जा सकगे। ]
(05) िजला सहायक िनदेशक अिभयोजन (A.D.P.) एवं िजला
जूरी शासक को शािमल करते ए धारा (02) म दए गए 6
अिधकारी वोट वापसी पासबुक के दायरे म रहगे। येक
नाग रक को राशन काड या गैस डायरी क तरह एक वोट
वापसी पासबुक जारी क जायेगी, िजसम इन सभी अिधका रय
के खाने (कॉलम) ह गे। धानम ी या मु यमं ी चाहे तो अ य
पद जैसे सभापित, सरपंच आ द जन ितिनिधय या अ य
अिधका रय के प े भी इसम जोड़ने के िलए अिधसूचना जारी
कर सकते है। कोई भी नाग रक इनम से कसी अिधकारी को को
बदलना चाहता है तो वह इसके िलए अपनी वीकृ ित दज करवा
सके गा। वीकृ ित दज करने और िनयुि के ावधान के िलए
धारा (31) देख।

(06) जूरी कोट क थापना एवं अ थायी िनलंबन :


मु यमं ी येक िजले म 1 िजला जूरी शासक क िनयुि
करगे। य द नाग रक उनके काम से संतु नही है तो धारा (31)
के तहत जूरी शासको को बदलने क वीकृ ित दे सकते है।
[ िट णी : िजला जूरी शासक वह अिधकारी होगा जो मुकदमो
के िलए जूरी मंडल का गठन करे गा और यह सुिनि त करे गा
क जूरी कोट सुचा प से काम कर। िजला जूरी शासक को
वोट वापसी पासबुक के अधीन कया गया है, ता क नाग रक
य द यह पाते है क वह ठीक से काम नह कर रहा है, तो वे जूरी
शासक को बदलने के िलए अपनी वीकृ ित दे सक। य द जूरी
शासक को वोट वापसी पासबुक के अधीन नह कया गया तो
जूरी शासक के िनक मे एवं प पाती होने क स भावना बढ़
जायेगी और जूरी कोट सुचा ढंग से काम नह कर सके गी। ]
(07) जूरी शासक क िनयुि एवं िनलंबन :
(7.1) कसी रा य म दज सभी मतदाता क 50% से अिधक
वीकृ ितयां िमलने पर मु यमं ी ऊपर दी गयी सभी धारा को
िनलंिबत कर सकते है और कसी एक या अिधक िजल म अपनी
पसंद का िजला जूरी शासक 5 वष के िलए िनयु कर सकते
है। मु यमं ी अमुक िजले के कसी मामले को मरिहत तरीके से
चुने ए कसी अ य िजले म भी भेज सकते है।
(7.2) भारत के सभी मतदाता के 51% मतदाताओ क
वीकृ ित लेकर धानमं ी एक या अिधक िजल या रा य म
ऊपर बतायी सभी धारा को िनलंिबत कर सकते है और अमुक
िजल म अपने िववेक से जूरी शासको को 5 वष के िलए
िनयु कर सकते है। धानमं ी कसी मामले को पड़ोसी रा य
के म रिहत तरीके से चुने ए िजले म भी भेज सकते है।

(08) जूरी टू ी म नाग रको के चयन स ब धी िनयम :


सभी कार के जूरी एवं महाजूरी मंडल का गठन करते समय
िन िलिखत िनयम का पालन कया जाएगा :
1. मतदाता सूची ही जूरी ूटी क सूची होगी और जूरी का
गठन मतदाता सूची से ही कया जाएगा।
2. जूरी सद य क आयु 25 से 50 वष के बीच होगी। ि
क उ वही मानी जायेगी जो वोटर िल ट म दज है।
3. सभी ेणी के सरकारी कमचारी प प से जूरी ूटी के
दायरे से बाहर रहगे।
4. जो नाग रक जूरी ूटी कर चुके है, उ ह अगले 10 वष तक
जूरी म नह बुलाया जायेगा।
5. य द कसी मा यता ा िच क सक को जूरी ूटी पर
बुलाया जाता है तो डॉ टर जूरी ूटी पर न आने के िलए
सूचना दे सकता है। जूरी सद य डॉ टर पर जूरी ूटी न
करने के एवज म कोई आ थक दंड नह लगायगे।
6. य द िनजी े के कमचारी को जूरी ूटी पर बुलाया
गया है तो िनयो ा उसे आव यक दवस के िलए
अवैतिनक अवकाश दान करे गा। िनयो ा अवकाश के
दन का वेतन कमचारी के वेतन म से काट सकता है।

(09) िजला महाजूरी मंडल = ड जूरी का गठन :


(9.1) थम महाजूरी मंडल का गठन : िजला जूरी शासक एक
सावजिनक बैठक म मतदाता सूची म से 25 वष से 50 वष क
आयु के म य के 50 मतदाता का चुनाव लॉटरी ारा करे गा।
इन सद य का सा ा कार लेने के बाद जूरी शासक क ही 20
सद य को िनकाल सकता है। इस तरह 30 महाजूरी सद य शेष
रह जायगे।
(9.2) अनुगामी महाजूरी मंडल : थम महा जूरी मंडल म से
िजला जूरी शासक पहले 10 महाजूरी सद य को हर 10 दन
म सेवािनवृ करेगा। पहले महीने के बाद येक महाजूरी
सद य का कायकाल 3 महीने का होगा, अत: 10 महाजूरी सद य
हर महीने सेवािनवृ ह गे, और 10 नए चुने जाएंगे। नये 10
सद य चुनने के िलए जूरी शासक िजले क मतदाता सूची म से
लॉटरी ारा 20 सद य चुनेगा और सा ा कार ारा इनम से
क ही 10 क छंटनी कर देगा।

(10) लॉटरी से जूरी सद य को चुनने का तरीका :

(10.1) जूरी शासक कसी अंक को मरिहत िविध से चुनने के


िलए कसी भी इले ॉिनक उपकरण का योग नह करे गा।
य द धानमं ी या मु यमं ी ने कसी या का िववरण नह
दया है तो वह नीचे बताये तरीके का योग करे गा -
(10.2) मान लीिजये जूरी शासक को 1 और 4 अंको वाली
सं या जैसे ABCD के म य क कोई सं या चुननी है । तब वह
हर अंक के िलए 4 दौर के िलए पांसे फे के गा। पहले दौर म य द
उसे ऐसा अंक चुनना है जो 0 से 5 के म य का है तब वह के वल
1 पांसे का इ तेमाल करे गा और य द उसे ऐसा अंक चुनना है जो
0-9 के म य है, तब वह 2 पांस का योग करे गा।
(10.3) चुनी गयी सं या उस सं या से 1 कम होगी जो एक
अके ला पांसा फे कने पर आएगी, और दो पांसे फे कने क ि थित
म यह 2 से कम होगी। य द पांसे फे कने पर आई सं या ज रत
क सबसे बड़ी सं या से बड़ी है तो वह पांसे दोबारा फे के गा।
1. मान लीिजये जूरी शासक को एक कताब िजसमे 3693
पेज है, म से एक पेज का चयन करना है। तब जूरी शासक
4 दौर ( राउं ड ) के पास फके गा। पहले दौर म वह एक ही
पांसे का योग करेगा, य क उसे 0-3 के बीच क सं या
का चयन करना है। य द पांसा 5 या 6 दशाता ह तो वह
पांसा दोबारा फे के गा। य द पांसा 3 दशाता है तो चुनी ई
सं या 3-1=2 होगी। अब जूरी शासक दूसरे दौर म चला
जायेगा। इस दौर म उसे 0-6 के बीच क एक सं या चुननी
है, इसिलए वह दो पांसे फे के गा। य द उनका जोड़ 8 से
अिधक हो जाता है तो वह पांसे दुबारा फे के गा। य द जोड़
का मान 6 आया तो चुनी ई सं या 6-2=4 होगी। इसी
कार मान लीिजये चार दौर म पांसा 3, 5, 10 और 2
दशाता है। तब जूरी शासक (3-1) , (5-2) , (10-2) और
(2-1) अथात पेज सं या 2381 चुनेगा।
2. जूरी शासक सभी मतदाता क सूची तैयार कर सकता
है और मरिहत तरीके से क ही दो बड़ी धान सं याओ
को चुन सकता है। मान लीिजये सूची म N मतदाता है।
तब वह N/2 और 2N के बीच दो धान सं या िज ह ‘n
और m’ मान लेते है, चुन सकता है। चुने ए मतदाता हो
सकते है - ( n mod N ) , ( n +m ) mod N , ( n+2m )
mod N से (n+ ( k-1 )*m ) mod N , जहाँ k का आशय
चुने जाने वाले ि य क सं या है।
(11) महाजूरी सद य येक शिनवार और रिववार पर बैठक
करगे। य द 15 से अिधक महाजूरी सद य सहमित देते है तो वे
अ य दन भी िमल सकते है। ये सं या 15 से ऊपर तब भी होनी
चािहए, जब 30 से कम महाजूरी सद य उपि थत ह । य द बैठक
होती है तो आरं भ सुबह 11 बजे से और समा शाम 5 बजे तक
हो जानी चािहए। महाजूरी सद य को ित उपि थती ित दन
500 . एवं साथ म या ा खच भी िमलेगा। मु यमं ी या
धानमं ी महंगाई दर के अनुसार या या ा दूरी जैसी ि थितय
म मुआवजा रािश बदल सकते है। ये रािश उसका कायकाल
समा होने के 30 दन बाद दी जाएगी।
(12) य द कोई महाजूरी सद य बैठक म अनुपि थत रहता है तो
उसे दैिनक भुगतान नह िमलेगा। साथ ही वह भुगतान क जाने
वाली रािश क ितगुनी राशी से भी वंिचत हो सकता है, तथा
उसक संपि का अिधकतम 0.05% तक और उसक वा षक
आय का 1% तक का जुमाना उस पर लगाया जा सकता है।
महाजूरी सद य 30 दन के बाद जुमाना रािश तय करगे।

(13) महाजूरी मंडल ारा मुकदमो को वीकार करना :


(13.1) य द कसी ि , कं पनी या कसी सं था का कसी और
ि या सं था पर कोई आरोप है और यह आरोप य द धारा
(4) या उसके आधार पर जारी कये गए कसी नोटी फके शन के
अंतगत है, तो वे महाजूरी मंडल के सद य को िलिखत म सूिचत
कर सकते है, अथवा धारा (34.1) के अंतगत अपनी िशकायत
धानमं ी या मु यमं ी क वेबसाइट पर अपलोड कर सकते है।
अिभयोग करने वाले अपनी तरफ से कानूनी सीमा के अ दर
समाधान के प म अिभयु क संपि ज करना, आ थक
ितपू त लेना, अिभयु को कु छ वष या महीनो तक कारावास
या मृ युदड
ं का सुझाव दे सकते है।
(13.2) य द महाजूरी मंडल के 15 से अिधक सद य य द कसी
गवाह, िशकायतकता या अिभयु को बुलावा देते है तो वे उनके
सम हािजर हो सकते है। वे कसी वक ल या िवशेष को
बोलने क अनुमित दे सकते है या नह भी दे सकते है।
(13.3) य द महाजूरी मंडल के 15 से अिधक सद य कसी
मामले को िवचार यो य मानते ह तो मामले के िवचार के िलए
िजला जूरी शासक 15 से 1500 नाग रक क जूरी बुलाएगा
िजनक उ 25 से 50 वष क आयु के बीच होगी । य द 15 से
अिधक महा जूरी मंडल के सद य कहते है क मामला िवचार
यो य नह है तो मामले को िनर त कर दया जाएगा।
(13.4) य द महाजूरी मंडल के अिधकांश सद य मानते है क
िशकायत िबलकु ल आधारहीन और मनगड़ंत है तो वे मामले क
सुनवाई म ई समय क बबादी के िलए 5000 पये ित घंटे
अिधकतम क दर से जुमाना लगा सकते है। महाजूरी मंडल का
येक सद य जुमाने क रािश तािवत करे गा और सबके ारा
तािवत जुमाने क म यरािश (Median) जुमाने क रािश
मानी जाएगी। महाजूरी मंडल के सद य ये भी तय करगे क झूठे
आरोप क ितपू त के प म अिभयु को जुमाने क रािश म
से कतनी रािश दी जाएगी। झूठा आरोप होने क ि थित म
अिभयु अपने समय, स मान और अ य नुकसान के िलए
ितपू त पाने हेतु अलग से मामला दायर कर सकते है।

(14) सुनवाई के िलए आव यक जूरी सद य क


सं या का िनधारण :
महाजूरी मंडल का येक सद य मामले के िवचार के िलए
वांिछत जूरी क सं या तािवत करे गा और िजला जूरी
शासक सारे सद य ारा तािवत सं या के मा य को
वांिछत जूरी सं या के प मे िनधा रत करे गा। य द महाजूरी
मंडल के सद य क सं या सम है तो िजला जूरी शासक
उ तर म य सं या को वांिछत जूरी सं या के प मे िनधा रत
करगे। जूरी सद य क सं या के संबध म महाजूरी मंडल का
फै सला अंितम होगा। महाजूरी सद य के िलए दशा िनदश :
1. य द अिभयु के पास अिधक आ थक या राजनैितक
हैिसयत है तो जूरी सद य क सं या बढ़ाई जा सकती है।
2. य द अपराध जघ य है तो जूरी सद य क सं या बढ़ाई
जा सकती है। उदाहरण के िलए य द मामला 100,000
पए या उससे कम धन रािश क चोरी का है तो जूरी
सद य क सं या 15 हो सकती है। पर य द चुराई धन
रािश इससे अिधक है तो जूरी सद य क सं या यादा
होगी। य द मामला ह या का है तो जूरी सद य क सं या
50 या 100 या उससे भी अिधक हो सकती है।
3. य द कोई ि अतीत म एकािधक अपराध का अिभयु
रहा है, और महाजूरी मंडल के सद य यादातर मामल
को िवचार यो य मानते है तो वे जूरी सद य क सं या
बढ़ा सकते है।
4. य द मामला यादा पैस का है तो जूरी सद य क सं या
यादा हो सकती है। यूनतम सं या 15 होगी और हर 1
करोड़ क रािश के िलए 1 अित र सद य जोड़ा जाएगा।
क तु जूरी का आकार 1500 से अिधक नह होगा।

(15) जूरी सद य का चयन :


(15.1) जूरी शासक मतदाता सूची से लॉटरी ारा वांिछत
जूरी सं या से दुगनी सं या म नाग रक को चुनकर उ ह बुलावा
भेजेगा। उनमे से कसी भी प कार के र तेदार, पडोसी,
सहकम आ द को जूरी सद य म शािमल नह कया जाएगा।
िजले म िपछले 10 वष म कसी सरकारी पद पर रहे नाग रक
भी जूरी से बाहर रहगे। शेष लोग म से िबना कसी इं टर ू के
जूरी शासक लाटरी ारा आव यक सं या के जूरी सद य
चुनेगा। कसी ि को जूरी म शािमल नह करने का िनणय
जूरी शासक ारा िलया जाएगा और उसे िसफ महाजूरी मंडल
के ब मत ारा बदला जा सके गा।
(15.2) िजला जूरी शासक जूरी सद य को येक जूरी सद य
क िश ागत यो यता, पेशा और संपि अथवा आय के बारे म
सूिचत करे गा। िजन जूरी सद य के पास कम जानकारी है या
तक या गिणत म कम द ता है वे उन जूरी सद य से सहायता
ले सकते है, िजनके पास यादा जानकारी है या जो तक या
गिणत म यादा द ह।
(15.3) िजला जूरी शासक िजला मु य यायधीश से मामले क
सुनवाई म जूरी सद य को आव यक सलाह देने और मामले के
संचालन के िलए एक या अिधकतम 3 यायधीश क िनयु
करने के िलए कहेगा। यायधीश के सं या के बारे मे िजला
मु य यायधीश का िनणय अंितम होगा। िजला जूरी शासक
एक ायल एडिमिन ेटर को िनयु करगे और ायल
एडिमिन ेटर मामले पर िवचार करने क या एवं जूरी
ायल का संचालन करे गा।
(16) जूरी ारा सुनवाई करना : सुनवाई सुबह 11 बजे से
शाम 5 बजे तक चलेगी। मामले क सुनवाई िसफ तभी शु
होगी जब चुने गए सम त जूरी सद य म से ( चुने गए सम त
जूरी सद य म से, ना क िसफ उपि थत जूरी सद य के ) 75%
सुनवाई शु करने को राजी ह ।
(17) ायल एडिमिन ेटर िशकायत कता को एक घंटे तक
बोलने क अनुमित देगा तथा इस दौरान उ ह कोई नह रोके गा।
इसके बाद अिभयु एक से डेढ़ घंटे तक अपना प रखेगा। इस
तरह एक के बाद एक दोन प बोलगे। भोजन िवराम दोपहर 1
बजे से 2 बजे के बीच शु होगा और 1 घंटे तक रहेगा। इसी
तरह सुनवाई लगातार येक दन चलेगी। जूरी सद य के
ब मत ारा कसी भी प के बोलने क अविध को बदला जा
सके गा। इस क़ानून म सभी जगह जूरी का ब मत या अिधकांश
का अथ चुने गए सम त जूरी सद य के ब मत से है ना क िसफ
उपि थत जूरी सद य के ब मत से।
(18) मामले क सुनवाई यूनतम 2 दन तक चलेगी । तीसरे
दन या उसके बाद य द जूरी सद य का ब मत कहता है क
हमने दोन प को पया सुन िलया है, तो सुनवाई एक दन
और चलेगी। य द अगले दन ब मत कहता है क उ ह और
सुनना है तो सुनवाई तब तक चलती रहेगी जब तक जूरी का
ब मत सुनवाई ख़ म करने को नही कहता। अंितम दन दोन
प 1-1 घंटे तक अपना प रखगे। इसके बाद जूरी सद य 2 घंटे
तक आपस म िवचार मंथन करगे। य द 2 घंटे बाद जूरी सद य ये
िनणय लेते है क उ ह और िवचार मंथन क आव यकता नह है,
तो जूरी अपना फै सला सावजिनक करेगी।
(19) जुमाने का िनधारण : येक जूरी सद य जुमाने क रािश
तािवत करे गा, जो क वृत क़ानूनी सीमा के अ दर हो। य द
कसी सद य ारा तािवत जुमाना रािश कानूनी सीमा से
अिधक है तो जुमाने क अिधकतम कानूनी सीमा को तािवत
जुमाने क रािश माना जाएगा। ायल एडिमिन ेटर सभी
तािवत जुमाना राशीय को घटते म म रखेगा। अथात सबसे
अिधक तािवत रािश को सबसे ऊपर और सबसे अंत म सबसे
कम जुमाने क रािश को रखा जायेगा। ायल एडिमिन ेटर दो
ितहाई जूरी सद य ारा मंजूर जुमाने क रािश को जुमाने क
रािश मानगे। उदाहरण के िलए, य द जूरी सद यो क सं या
100 ह तो घटते म म 67 मांक पर तािवत जुमाने क
रािश को जुमाने क रािश माना जाएगा। अथात, य द 100 म से
34 जूरी सद य ने शू य जुमाना तािवत कया है तो जुमाने
क रािश को शू य माना जाएगा।
(20) कारावासीय दंड : ायल एडिमिन ेटर जूरी सद य ारा
तािवत कारावास क अविध को घटते म म सजाएगा।
अथात सबसे अिधक दंड सबसे पहले और सबसे कम को अंत म
रखा जायेगा। य द कसी सद य ारा बतायी कारावास क
अविध कानूनी सीमा से अिधक है तो ायल एडिमिन ेटर उस
मामले म कानून ारा तािवत सवािधक कारावास अविध को
तािवत कारावास क अविध के प म दज करगे, और 2/3
जूरी सद यो ारा मंजूर कारावास क अविध को सि मिलत प
से तय क गयी कारावास क अविध माना जाएगा।
अथात, य द एक ितहाई जूरी सद य कारावास क अविध शू य
तािवत करते ह तो अिभयु को िनरपराध घोिषत कर दया
जाएगा। उदाहरण के िलए, य द जूरी सद य क सं या 100 है
तो घटते म म 67 म सं या वाली तािवत कारावास क
अविध को कारावास क सि मिलत अविध के प म माना
जाएगा और य द 34 जूरी सद य कारावास क अविध शू य
तािवत करते ह तो कारावास नह होगा।
(21) मृ यु दंड एवं सावजिनक नारको टे ट के मामले म 75% से
अिधक जूरी सद य क मंजूरी आव यक होगी। इस तरह के
मामल म एक अ य जूरी मंडल ारा मामले पर पुन वचार
कया जाएगा। दूसरी बार म आयी जूरी ही ये िनणय करे गी क
मृ युदड
ं होगा या नह । मृ यु दंड पर पुन वचार के िलए आयी
जूरी भी मृ यु दंड को 75% सद य ारा अनुमो दत करेगी।
(22) जूरी मंडल जो भी अंितम फै सला दगे उसे ायल के
पदासीन जज ारा अनुमो दत कया जाएगा। य द जज चाहे तो
जूरी के फै सले म संशोधन कर सकता है, या फै सले को पूरी तरह
से पलट सकता है। जज जब भी अपना फै सला िलखेगा तब वह
सबसे पहले जूरी के फै सले को उ त करे गा। सरकारी द तावेजो,
बुले टन एवं अ य सभी जगह जहाँ पर भी फै सले को दज / उ त
कया जाएगा, वहां पर अिनवाय प से सबसे पहले जूरी ारा
दए गए फै सले का िज कया जाएगा।
(23) य द कसी अ य समाधान क मांग क गयी है तो जूरी
सद य दोन प को अिधकतम 5 या उससे कम वैकि पक
ताव दािखल करने को कहगे। इसके अलावा जूरी क अनुमित
से कोई भी ि समाधान के िलए अपना ताव जूरी के
सामने रख सकता है। येक जूरी सद य येक वैकि पक
ताव को 0 म से 100 के बीच अंक देगा। य द कसी ताव
को कसी जूरी सद य ने कोई भी अंक नह दया ह तो उस
ताव के िलए उनके ारा दया गया अंक शू य माना जाएगा।
िजस वैकि पक समाधान ताव को सबसे यादा अंक िमलगे
उस ताव को जूरी ारा मंजूर ताव माना जाएगा।
(24) अनुपि थित या देर से आने पर जूरी सद य पर जुमाना -
य द कोई जूरी सद य या कोई भी प सुनवाई म अनुपि थत
रहता ह या िवल ब से आते ह तो तीन महीने बाद महा जूरी
मंडल जुमाने क राशी तय करे गा, जो क उनक संपि का
0.1% अथवा वा षक आय का 1% हो सकता है। जुमाने के
िनधारण म महा जूरी मंडल का फै सला अंितम होगा।
(25) य द 50% से यादा जूरी सद य मानते ह क िशकायत
िबलकु ल िनराधार एवं मनगड़ंत है तो येक जूरी सद य
अिधकतम 1000 पए ित जूरी सद य तक का जुमाना लगा
सकता है। येक जूरी सद य जुमाने क रािश तािवत करे गा
और िजला जूरी शासक तािवत रािशय के म य मान को
जुमाने क रािश मानेगा। क तु जुमाने क उ तम सीमा वह
रािश होगी जो क िशकायतकता क संपि क 2% या वा षक
आय क 10% म से उ है। जुमाने क इस रािश म से अिभयु
को जो रािश दी जायेगी उसक गणना इस कार होगी –

अिभयु ारा िपछले वष भरे गए आयकर रटन के अनुसार


उसक ित दन आय का िनधारण कया जाएगा। तथा िजतने
दन सुनवाई चली और अिभयु को िजतने दन का नुकसान
आ उस िहसाब से उसे मुआवजा दया जाएगा। अिभयु
यादा मुआवजे के िलए अलग से मामला दायर कर सकता है।
हायर जूरी एवं सु ीम जूरी म सुनवाई के दौरान भी सुनवाई
करने वाला जूरी मंडल भी मामले के पूणतया िनराधार होने पर
वा दय पर इस तरह का जुमाना लगा सकता है। क तु यह
जुमाना 20,000 ित सुनवाई घंटे से अिधक नह होगा।
(26) ज टल मामल म य द कोई तकिनक या कानूनी िवशेष
कोई जानकारी देने के इ छु क ह तो कोई भी प कार या ायल
एडिमिन ेटर उनक मदद ले सकते है। जूरी शासक उनक
दैिनक भुगतान रािश तय करगे, जो उनक दैिनक आय से अिधक
नह होगी। जूरी सद य को भ के प म िजला महाजूरी
मंडल के सद य के समान धनराशी दी जायेगी।
(27) य द कसी िजले म तहसील तर के यायालय है तो जूरी
शासक तहसील तर पर भी महाजूरी मंडल का गठन कर
सकता। तहसील का महाजूरी मंडल तहसील के अंतगत मामल
क सुनवाई करे गा। िजला जूरी शासक तहसील अदालत के
िलए तहसील जूरी शासक क िनयुि करगे और जूरी कोट क
कायवाही ऊपर दी गयी धारा के अनु प ही होगी।
[ िटप ी : य द वादी गण को लगता है क िजला जज ने
अनुिचत फै सला दया है तो वे इस क़ानून के वोट वापसी खंड
क धारा (31) का इ तेमाल करके िजले के नाग रको से िवनती
कर सकते है क नाग रक िजला जज को नौकरी से िनकालने क
वीकृ ित द। या वे इस क़ानून के जनता क आवाज खंड क धारा
(35.1) के तहत रा य के नाग रको के सम पुन वचार
(Riview) का एक शपथप दािखल कर सकता है। ]

(28) इसी क़ानून क धारा (04) म व णत मामलो या धारा (04)


के तहत जारी क गयी राजप अिधसूचना ारा िनधा रत
मामल म जूरी मंडल के 2/3 से अिधक ब मत ारा दी गयी
सहमती िबना कसी भी नाग रक को कसी भी सरकारी
अिधकारी ारा न तो दि डत कया जा सके गा, और न ही
जुमाना लगाया सके गा। क तु िन िलिखत दशा म जूरी मंडल
क सहमती आव यक नह होगी - य द ऐसे आदेश को उ या
उ तम यायालय ने अनुमो दत कया हो, अथवा ऐसे आदेश को
इस क़ानून के जनता क आवाज खंड क धारा (35) के ावधान
का योग करते ए िजले / रा य / देश के मतदाताओ के ब मत
ने अनुमो दत कया हो। कोई भी सरकारी अिधकारी कसी भी
नाग रक को यूरी मंडल के 2/3 से अिधक ब मत ारा दी गयी
सहमती िबना या महाजूरी मंडल के साधारण ब मत ारा दी
गयी सहमती िबना या धारा (35) के ावधान के तहत दशाए
गए िजला / रा य / देश के नाग रको के ब मत िबना 48 घंटो से
अिधक समय तक कारावास म नह रखेगा।
(37) अिधका रय के िलए आवेदन व यो यताएं :

(29.1) िजला पुिलस मुख : य द 32 वष से अिधक आयु का


कोई भारतीय नाग रक जो िपछले 3000 दन म 2400 से
अिधक दन के िलए कसी िजले म पुिलस मुख नह रहा हो,
तथा िजसने 5 वष तक सेना म काम कया हो, या पुिलस
िवभाग म एक भी दन काम कया हो, या सरकारी कमचारी के
प म 10 वष तक काम कया हो या उसने रा य / संघ लोक
सेवा आयोग ारा आयोिजत शासिनक सेवाओ क िलिखत
परी ा पास क हो, या उसने िवधायक /सांसद / पाषद या
िजला पंचायत सद य का चुनाव जीता हो, तो ऐसा ि िजला
पुिलस मुख के याशी के प म आवेदन कर सके गा।
(29.2) िजला जज, िजला जूरी शासक एवं सहायक िनदेशक
अिभयोजन : भारत का कोई भी नाग रक िजसक आयु 32 वष
से अिधक हो एवं उसे LLB क िश ा पूण कये ए 8 वष हो चुके
हो या वह सहायक लोक अिभयोजक (APP = Assistance
Public Prosecutor) के प म 3 वष तक सेवाएं दे चुका हो तो
वह िजला जज, िजला जूरी शासक एवं सहायक िनदेशक
अिभयोजन (ADP = Additional Director of Prosecution) पद
के िलए आवेदन कर सके गा।
(29.3) िजला िच क सा अिधकारी : 32 वष से अिधक आयु का
भारतीय नाग रक िजसे ऐलोपेथी, आयुवद, हो योपेथ, यूनानी
या भारत सरकार ारा वीकार क गयी इसके समक कसी
अ य िच क सा िव ान का मा यता ा िच क सक होने के िलए
वांिछत िड ी ा कये ए 5 वष हो चुके हो तो वह िजला
िच क सा अिधकारी के िलए आवेदन कर सके गा।
(29.4) िजला िश ा अिधकारी रा य सूचना आयु एवं िजला
िमलावट रोकथाम अिधकारी : भारत का कोई भी नाग रक
िजसक आयु 32 वष से अिधक हो तो वह िजला िश ा
अिधकारी एवं िजला िमलावट रोकथाम अिधकारी पद के िलए
आवेदन कर सके गा।
(30) धारा (37) म दी गयी यो यता धारण करने वाला कोई भी
नाग रक य द िजला कले टर कायालय म वयं या कसी वक ल
के मा यम से कोई ए फडेिवट तुत करता है, तो िजला
कले टर सांसद के चुनाव म जमा क जाने वाली रािश के
बराबर शु क लेकर अ हत पद के िलए उसका आवेदन वीकार
कर लेगा, तथा इसे सीएम क वेबसाईट पर कै न करके रखेगा।

(31) मतदाता ारा वीकृ ित दज करना :


(31.1) कोई भी नाग रक कसी भी दन अपनी वोट वापसी
पासबुक या वोटर आई डी के साथ पटवारी कायालय म जाकर
कसी भी याशी के समथन म हाँ दज करवा सके गा। पटवारी
अपने क यूटर एवं वोट वापसी पासबुक म मतदाता क हाँ दज
करे गा। पटवारी मतदाता क हाँ को याशीय के नाम व
मतदाता क पहचान-प सं या के साथ िजला वेबसाईट पर भी
सावजिनक करे गा। मतदाता कसी पद के याशीय म से
अपनी पसंद के अिधकतम 5 ि य को वीकृ ित दे सकता है।
(31.2) वीकृ ित (हाँ) दज करने के िलए मतदाता 3 पये फ़ स
देगा। BPL काड धारक के िलए फ़ स 1 पया होगी।
(31.3) य द मतदाता सहमती र करवाने आता है तो पटवारी
एक या अिधक नाम को िबना कोई फ़ स िलए र कर देगा
(31.4) येक महीने क 5 तारीख को कले टर िपछले महीने म
ा येक यािशय को िमली वीकृ ितय क िगनती
कािशत करेगा। पटवारी अपने े क वीकृ ितय का यह
दशन येक सोमवार को करे गा।
[ िट णी : कले टर ऐसा िस टम बना सकते है क मतदाता
अपनी हाँ SMS, ATM, मोबाईल एप से दज कर सके ।
रज वोिटं ग - धानमं ी या मु यमं ी ऐसा िस टम बना सकते है
क मतदाता कसी याशी को -100 से 100 के बीच अंक दे
सके । य द मतदाता िसफ हाँ दज करता है तो इसे 100 अंको के
बराबर माना जाएगा। य द मतदाता अपनी वीकृ ित दज नही
करता तो इसे शू य अंक माना जाएगा । क तु य द मतदाता
अंक देता है तब उसके ारा दए अंक ही मा य ह गे। रज वो टग
क ये या वीकृ ित णाली से बेहतर है, और ऐरो क थ
अस भा ता मेय (Arrow’s Useless Impossibility Theorem)
से ितर ा दान करती है। ]
(32) अिधका रय क िनयुि एवं िन कासन :
(32.1) िजला पुिलस मुख एवं िजला िश ा अिधकारी : य द
िजले क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता ( सभी
मतदाता, न क के वल वे िज ह ने सहमती दज क है ) के 50% से
अिधक मतदाता कसी उ मीदवार के प म हाँ दज कर देते है
तो मु यमं ी इ तीफा दे सकते है, या सबसे अिधक वीकृ ित
ा करने वाले ि को उस िजले म अगले 4 वष के िलए नया
िजला पुिलस मुख या िश ा अिधकारी िनयु कर सकते है, या
नही भी कर सकते है। िनयुि के बारे म अंितम फै सला
मु यमं ी करगे। य द द ली पुिलस मुख का कोई उ मीदवार
50% से अिधक वीकृ ित ा कर लेता है तो द ली के
मु यमं ी धानमं ी को िच ी िलख सकते है, और द ली
पुिलस मुख क िनयुि का अंितम फै सला धानमं ी करगे।
(32.2) जूरी शासक, िमलावट रोक अिधकारी, िच क सा
अिधकारी एवं िजला सहायक िनदेशक अिभयोजन : य द िजले
क मतदाता सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक
मतदाता कसी याशी के प म हाँ दज कर देते है, और य द ये
वीकृ ितयां पदासीन अिधकारी से 1% अिधक भी है तो
मु यमं ी अमुक याशी को जूरी शासक या सहायक िनदेशक
अिभयोजन क नौकरी दे सकते है ।
(32.3) िजला जज : य द िजले क मतदाता सूची म दज सभी
मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी याशी के प म
हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां पदासीन िजला जज से
1% अिधक भी है तो मु यमं ी उ यायालय के मु य
यायधीश को िच ी िलख सकते है। िजला जज क िनयुि का
अंितम िनणय उ यायालय के मु य यायधीश करगे।
(32.4) रा य सूचना आयु : य द कसी रा य क मतदाता
सूची म दज सभी मतदाता के 35% से अिधक मतदाता कसी
याशी के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां
पदासीन सूचना आयु से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी उसक
िनयुि के िलए पीएम को िच ी िलख सकते है।

(32.5) िजला िश ा अिधकारी : य द िजले क मतदाता सूची


म दज सभी अिभभावक के 35% से अिधक अिभभावक कसी
याशी के प म हाँ दज कर देते है और य द ये वीकृ ितयां
पदासीन िश ा अिधकारी से 1% अिधक भी है तो मु यमं ी
अमुक याशी को िश ा अिधकारी क नौकरी दे सकते है।
1. िजला िश ा अिधकारी को अिभभावक एवं आम नाग रक
दोन अपनी वीकृ ितयां दे सकगे। 35% अिभभावक क
सहमती से मु यमं ी िजला िश ा अिधकारी क िनयुि
कर सकते है, और य द आम नाग रक िश ा अिधकारी के
कसी याशी को 50% से अिधक वीकृ ितयां दे देते है तो
नाग रको क मंशा को उ माना जायेगा।
2. इस क़ानून म अिभभावक श द का अथ होगा - 0 से 18
वष आयुवग के ब ो के िपता या उनक माता, जो उस
िजले का मतदाता भी हो। जब तक अिभभावको क सूची
नह बनती, येक मतदाता जो 23 और 45 वष के बीच है,
इस क़ानून के िलए अिभभावक माना जायेगा।
3. मतदाताओ या अिभभावक क वीकृ ितय से िनयु आ
िश ा अिधकारी एक से अिधक िजलो का भी िश ा
अिधकारी बन सकता है। वह कसी रा य म अिधक से
अिधक 5 िजल का, और भारत भर म अिधक से अिधक
20 िजल का िश ा अिधकारी बन सकता है। कोई ि
अपने जीवन काल म कसी िजले का िश ा अिधकारी 8
वष से अिधक समय के िलए नह रह सकता है। य द वह
एक से अिधक िजलो का िश ा अिधकारी है तो उसे उन
सभी िजल के िश ा अिधकारी के पद का वेतन, भ ा,
बोनस आ द िमलेगा।

(33) िजला पुिलस मुख के िलए गु वीकृ ित क


अित र या एवं कायकाल :
(33.1) मु यमं ी एवं रा य के सभी मतदाता रा य चुनाव
आयु से िवनती करते है क, जब भी िजले म कोई आम चुनाव,
िजला पंचायत चुनाव, ाम पंचायत चुनाव, थानीय िनकाय
चुनाव, सांसद का चुनाव, िवधायक का चुनाव या अ य कोई भी
चुनाव करवाया जाएगा तो इन चुनाव के साथ रा य चुनाव
आयु एस.पी. के चुनाव के िलए भी मतदान क म एक अलग
से मतप पेटी रखेगा, ता क िजले के मतदाता यह तय कर सके
क वे मौजूदा एस.पी. क नौकरी चालू रखना चाहते है या
कसी अ य ि को एस.पी. क नौकरी देना चाहते है।
(33.2) य द कोई उ मीदवार िजले क मतदाता सूची म दज
सभी मतदाता (सभी, न क के वल वे िज ह ने गु वीकृ ितय
के िलए मतदान कया है) के 50% से अिधक गु वीकृ ितयां
ा कर लेता है तो मु यमं ी यागप दे सकते है, या 50% से
अिधक गु वीकृ ितयां ा करने वाले ि को उस िजले म
अगले 4 वष के िलए िजला पुिलस मुख िनयु कर सकते है।
य द द ली पुिलस मुख का कोई उ मीदवार 50% से अिधक
गु वीकृ ित ा कर लेता है, तो द ली के मु यमं ी
धानमं ी को िच ी िलख सकते है, और द ली पुिलस मुख क
िनयुि का अंितम फै सला धानमं ी करगे।
(33.3) य द कोई ि िपछले 3000 दन म 2400 से अिधक
दन के िलए पुिलस मुख रह चुका हो तो मु यमं ी उसे अगले
600 दन के िलए िजला पुिलस मुख के पद पर रहने क
अनुमित नह दगे। क तु य द पुिलस मुख गु वीकृ ित क
या म िजले के 50% से अिधक वीकृ ितयां ा कर लेता है
तो मु यमं ी उसे पद पर बनाए रख सकते है।
(33.4) रा य के सभी मतदाता के 50% से अिधक मतदाता
क प वीकृ ित लेकर मु यमं ी कसी िजले म पुिलस मुख के
िलए नाग रको ारा वीकृ त करने क इस या एवं उसके
टाफ पर यूरी ायल को 4 वष के िलए हटाकर अपनी पसंद
का नया िजला पुिलस मुख िनयु कर सकते है। क तु
मु यमं ी िश ा अिधकारी, िजला जज, जूरी शासक एवं
िच क सा अिधकारी को वीकृ त करने क याए तब भी
जारी रख सकते है।

(34) िजला िश ा अिधकारी : सा य णाली के िलए


िनदश

[ ट पणी : सा य णाली एक ऐसी व था क रचना करती है


िजससे हम गिणत-िव ान के अ यापन म उन लोगो को मु
प से आक षत कर सके िजनमे ितभा एवं िश ण त व
(टी चग मेटे रयल) है। साथ ही यह यादा से यादा
ितभाशाली छा को गिणत िव ान म कु शलता हािसल करने
के िलए ो सािहत करती है।]
(34.1) कोई भी ि DEO ऑ फस म 200 जमा करके खुद
को गिणत-िव ान के िश क के प म पंजीकृ त करने के िलए
एक शपथप दे सके गा। िश ा अिधकारी उसे पंजीकृ त करे गा
और एक रिज ेशन नंबर जारी करेगा। इस शपथप के साथ
वह अपनी िश ा स ब धी िडि यां, अनुभव आ द के द तावेज
सलं कर सकता है। यह शपथप सावजिनक रहेगा ता क
अिभभावक इसे देख सके ।
(34.2) कोई भी छा िश ा अिधकारी कायालय म जाकर खुद
को एक छा के प म पंजीकृ त करवा सके गा।

(34.3) पंजीकृ त िश क छा को आक षत करगे और उ ह


वत प से पढ़ायगे। पढ़ाने क जगह, लेक बोड, फन चर
आदक व था िश क को वयं करनी होगी।

प ीकरण - य द िश क के पास 20 से अिधक छा हो जाते है


तो DEO उसे कसी नजदीक सरकारी कू ल का क ा क
आवं टत कर सकता है। अमुक िश क अनुमित ा समय म
अपने छा को यहाँ पढ़ा सकता है। य द िनजी कू ल अनुमित
देता है तो DEO कसी िनजी कू ल का क भी िश क को
आवं टत कर सकता है।

(34.4) िश ा अिधकारी िश को को कोई भी वेतन नह देगा।


य द अिभभावक चाहे तो िश क को उसके िश ण क गुणव ा
एवं नतीजो के आधार पर फ़ स दे सकते है।

(34.5) य द छा को पाठ समझ नह आ रहा है तो छा अपना


िश क कसी भी समय बदल सकता है। छा जब कसी एक
िश क के पास से अपना नाम कटवाएगा तो कसी अ य िश क
के पास खुद को पंजीकृ त करवाएगा।
(34.6) िश ा अिधकारी िसलेबस / पा म क एक माला
पहले से कािशत करे गा। माला म 10,000 से कम नह
ह गे और ये 25,000 या उससे यादा भी हो सकते है।

(34.7) िश ा अिधकारी अिनवाय प से मािसक, ेमािसक,


अध वा षक एवं वा षक परी ाएं आयोिजत करवाएगा। इन
सभी परी ा के अिनवाय प से ब वैकि पक कार के
ह गे।

(34.8) DEO िजले के परी ा प रणाम के आधार पर े डग


करे गा तथा दशन के अनु प िश को को पु कार देगा।
िजतना पु कार िश क को िमलेगा, उतना ही पु कार अ छा
दशन करने वाले छा को भी दया जाएगा।

प ीकरण- मान लीिजये कोई िश क 30 छा को पढाता है।


इनमे से 3 छा "अ, ब एवं स” वरीयता सूची म थान पाते है,
एवं 1 छा ‘द’ िजले म 100 व रक हािसल करता है। य द
वरीयता सूची के िलए DEO 25,000 एवं 100 वी रक के िलए
5000 पा रतोिषक तय करता है तो िश क 25,000*3 =
75,000 + 5000 =80,000 ा करे गा एवं इन छा को भी
मश: 25,000 एवं 5,000 का पु कार दगे।
(34.9) गिणत-िव ान के अित र इितहास, सामािजक
िव ान, भूगोल आ द िवषय से ेड का िनधारण नह होगा,
एवं इन िवषय म छा को िसफ पास होना होगा। छा
उपरो िवषय म 100 म से 100 अंक लाता है तब भी माकशीट
म िसफ पास अं कत कया जाएगा।

(35) जनता क आवाज :

(35.1) य द कोई मतदाता इस कानून म कोई प रवतन चाहता


है या कसी मांग, सुझाव आ द के प म अज देना चाहता है तो
वह कले टर कायालय म एक ए फडेिवट जमा करवा सके गा।
िजला कले टर 20 पए ित पृ क दर से शु क लेकर
ए फडेिवट को मतदाता के वोटर आई.डी नंबर के साथ
मु यमं ी / धानमं ी क वेबसाइट पर कै न करके रखेगा।
(35.2) य द कोई मतदाता धारा (35.1) के तहत तुत कसी
ए फडेिवट पर अपना समथन दज कराना चाहे तो वह पटवारी
कायालय म 3 पए का शु क देकर अपनी हां / ना दज करवा
सकता है। पटवारी इसे दज करे गा और हाँ / ना को मतदाता के
वोटर आई.डी. न बर के साथ मु यमं ी / धानमं ी क
वेबसाईट पर डाल देगा।
[ िटप ी : यह क़ानून लागू होने के 4 वष बाद य द
व था म
सकारा मक बदलाव आते है तो इस कानून क धारा (35.1) के
तहत एक शपथप दया जा सके गा, िजसमे उन कायकताओ को
सां वना के प म वािजब ितफल देने का ताव होगा,
िज ह ने इस क़ानून को लागू करवाने के यास कये है।
कायकता के जीिवत नही होने पर ितफल उसके नोिमनी को
दया जाएगा। यह ितफल कसी मृित िच ह / शि त प या
अ य कसी प म हो सकता है। य द 51% नाग रक इस
शपथप पर हाँ दज कर देते है तो धानमं ी इ ह लागू करने के
आदेश जारी कर सकते है, या नह भी कर सकते है। ]
------------------क़ानून ा ट का समापन----------------
(1) या यह संिवधान के िखलाफ नह है क आम नाग रक
मुकदमो का फै सला द ?

जूरी मंडल सुनवाई करके जो भी फै सला देगा, वह परामश क


तरह होगा, बा यकारी नह । अंितम फै सला जज ही देगा, और
जज चाहे तो फै सले म बदलाव कर सकता है। इस तरह यह पूरी
तरह संिवधान स मत है।
अमे रका- ांस-ि टेन समेत दुिनया के कई िवकिसत देशो म जज
के साथ साथ नाग रक भी मुकदमा सुनते है और अपनी सलाह
देते है। जब अं ेजो के भारतीय मुलािजम भारतीय अवाम पर
यादा दमन करने लगे तो ि टश ने भारत म िनचले तर पर
जूरी कोट क थापना क थी। तब भारतीय अिधकारी ारा
भारतीय पर कोई जु म कया जाता था तो इसक सुनवाई
भारतीय नाग रको क जूरी करती थी। क तु य द कोई अं ेज
भारतीय पर जु म करता था तो मुकदमा जज ही सुनता था,
और जज भी गोरा ही होता था। आजादी क बाद भी भारत म
हसा मक मामल म िनचले तर पर जूरी कोट चालू रही।
क तु आजादी के बाद जब भूिम सुधार आ दोलन शु ए तो
जमीदार के दबाव म 1958 म ी जवाहर लाल नेह ने जूरी
कोट को ख़ म कर दया था। य क जम दारो भूिम हीनो का
हसा मक दमन कर रहे थे और जूरी जमीदार के जु म से
अवाम क र ा कर रही थी।
(2) आम नाग रको को तो क़ानून क समझ नह होती है, तो
वो फै सला कै से दगे ?
इस क़ानून म ह या, अपहरण, मारपीट, बला कार आ द जैसे
सरल कृ ित के अपराधो को शािमल कया गया है। भारत म
शायद ही ऐसा कोई ि हो जो यह न जानता हो क
मारपीट, ह या और बला कार कसे कहते है !! तो िजस तरह
जज दोन प को सुनता है, और सबूत देखकर बताता है क
गलती कसक है, वैसे ही आम नाग रको का समूह भी फै सला दे
सकता है। और जूरी सद य को सहायता देने एवं मुकदमे के
संचालन के िलए वहां जज, ायल एडिमिन ेटर आ द भी
उपि थत रहगे।
(3) जूरी कोट जज िस टम से बेहतर कै से है ?

जूरी िस टम : कसी मुकदमे क सुनवाई के िलए 25-55


(A)
आयुवग के 12-15 नाग रको का चयन िजले क मतदाता सूिचय
म से लॉटरी ारा कया जाता है। 12-15 नाग रको का यह
समूह जूरी मंडल कहलाता है। यह जूरी मुकदमे क सुनवाई
करती है , सबूत देखती है, बयान सुनती है और मुकदमे का
फै सला देती है। येक मुकदमे के िलए अलग जूरी होती है, और
मुकदमे का फै सला देने के बाद जूरी भंग हो जाती है। इसे आप
एक तरह क पंचायत समझ सकते हो। ले कन पचायत म पंच
पहले से तय होते है जब क जूरी म हर मामले के िलए नए
आदमी बुलाये जाते है। जो आदमी एक बार जूरी म आ जाता है,
उसे दुबारा 5 वष तक नह बुलाया जाता। जूरी िस टम म
प पात ब त कम होता है, और 12-15 नाग रक मामले पर
िवचार करके ब मत से अपना फै सला दे देते है।
(B) जज िस टम : करोडो नाग रको के ऊपर सरकार कु छ 200-
2000 ि य को 20-35 वष के िलए िनयु करती है , िज ह
जज कहा जाता है। इन मु ी भर ि य को देश के सभी
मामलो म दंड देने या रहा करने क थायी शि दे दी जाती
है। उदाहरण के िलए भारत म सभी कार के मुकदमो को सुनने
एवं दंड देने क शि कु छ 18,000 यायधीशो के पास है।

जज िस म जूरी िस म
1 यादातर मुक़दमे एक ही हर मुकदमे के िलए अलग
ि के पास जाते है। इससे जूरी होने के कारण फै सला
मुकदमे वष लटके रहते है। ह ते भर म आ जाता है।
2 एक जज अपने सेवा काल म जो ि एक बार फै सला दे
लगभग 5,000 से 20,000 चुका है, उसे अगले 5 वष तक
मुकदमो म फै सला देता है। जूरी म नह बुलाया जाता
3 जज कसी अदालत म 3-4 यूरी सद य अ थायी होते है
वष रहता है। पया समय और िसफ ह ते दो ह ते के
होने के कारण अपरािधय िलए जूरी मंडल म आते है।
एवं वक ल ारा जज से इतने कम समय म 12 जूरी
गठजोड़ बना लेना काफ सद य से चुपचाप गठजोड़
आसान हो जाता है। बनाना काफ दु कर काय है ।
4 अमूमन जज-वक ल का यह कसी भी वक ल के िलए हर
गठजोड़ लगातार बना रहता बार 12 सद य म से क ही
है। कई अदालत म जज 8 जन से गठजोड़ बनाना
आपस म भी गठजोड़ बनाए काफ मुि कल है। यह काम
रखते है, और एक दुसरे के तब और मुि कल हो जाता है
र तेदार के प म फै सले जब वक ल को यह काम िसफ
देते है। ह ते भर म करना हो ।
5 यद कसी गग एवं उसके जूरी िस टम म येक
सरगना के िखलाफ 4-5 वष मामला 15 लोगो के अलग
के दौरान 1000 मुकदमे दज अलग जूरी मंडल के पास
होते है तो जज िस टम म ये जाएगा। और इन 15*1000 =
सभी मुकदमे 5-10 जज के 15,000 सद य का चयन
पास जायगे। तो जज िस टम लॉटरी से होगा। हर मामले
म गवाह को तोड़ने, उ ह के िलए अलग जूरी होने से
धमकाने, जांच भािवत मुकदमे को लंिबत रखना
करने और रहा होने के िलए मुि कल है। जूरी सुबह 11 से
मा फया सरगना को िसफ 5- सायं 4 तक रोज सुनवाई
10 जज से गठजोड़ बनाना करती है, और अगली तारीख
है ता क जज उसके मामलो का मतलब होता है अगला
म सुनवाई क र तार दन !! इस छोटे अंतराल म
धीमी कर दे। और ऐसा ही सरगना को 15,000 जूरी
करना काफ आसान है सद य से गठजोड़ बनाना
होगा !!!
पि म देशो के िवकिसत एवं समृ होने का सबसे बड़ा कारण
यूरी िस टम का होना है। ज दी व िन प दंड िमलने से
अपराध म कमी आती है। और अपराध कम होने से देश क
उ पादकता बढ़ती, और तकिनक िवकास म तेजी आती है।
(4) जूरी कोट कसी देश क व था म या बदलाव
लाता है ?
(4.1) ीस पहला रा य था जहाँ 300 ई.पू. जूरी िस टम आया
था। सुकरात को मृ युदड ं जूरी ने ही दया था। 500 आम
नाग रको को जूरी म बुलाया गया, और उ ह ने सुकरात का
मुकदमा सुना। इसम से 370 नाग रको ने फै सला दया क
सुकरात जो अपराध कर रहा है, उसके िलए उसे देश िनकाला दे
देना चािहए। क तु सुकरात देश छोड़ने को राजी नह आ,
अत: जूरी ने उसे मृ यु दंड दया। जूरी िस टम ने वहां के छोटे
कारख़ाना मािलको क राजवग से र ा क और तकिनक
िवकास के कारण ीक दुिनया के सबसे बेहतर हिथयार बनाने म
सफल ए। जूरी कोट क वजह से ही िसक दर एक ताकतवर
फ़ौज खड़ी कर पाया था।
(4.2) 1200 ई वी के आस पास यूरोप एवं ि टेन म जूरी िस टम
आया। इसे मै ाकाटा भी कहा जाता है। जूरी िस टम के कारण
ि टेन एवं अ य यूरोपीय देशो ने तेजी से तकिनक िवकास
कया, और वे दुिनया के सबसे बेहतर हिथयार एवं ऐसी उ त
तकिनक व तुएं बनाने म सफल ए, शेष िव नह बना पा
रहा था। किथत यूरोपीय पुनजागरण जूरी कोट क ही देन था।
(4.3) 1776 म जब अमे रका आजाद आ तो वहां पर भी जूरी
िस टम लागू कया गया। क तु अमे रका का जूरी िस टम ि टेन
क तुलना म बेहद मजबूत एवं ापक है। नतीजा यह आ क
अमे रका ज दी ही तकनीक के े म ि टेन समेत िव के अ य
सभी देशो को पीछे छोड़ने म सफल हो गया। िजन भी देशो म
जूरी िस टम आया उ ह ने तेजी से िवकास कया । ले कन जज
िस टम वाले देशो को जज , नेता एवं
अिधका रयो ने जमकर लूटा और वे देश तबाह होते चले गए ।
आज दुिनया के कई िवकिसत देशो म जूरी कोट क व था
लागू है। पि म देशो के िवकिसत एवं समृ होने का सबसे बड़ा
कारण यूरी कोट है। ज दी व िन प दंड िमलने से अपराध म
कमी आती है। अपराध एवं दमन कम होने से कारखाने लगाना
आसान हो जाता है । कारखाने बढ़ने से देश क उ पादकता
बढती है, बेरोजगारी घटती है और सभी ढंग से िवकास होता है।
जूरी मंडल ने वहां के छोटे -मझौले कारोबा रय क जज-पुिलस-
नेता के ाचार से र ा क और वे तकिनक प से उ त
िवशालकाय ब रा ीय क पिनयां खड़ी कर पाए।
तो वोट वापसी याओ के अलावा जूरी कोट होना सबसे बड़ी
वजह रही क अमे रका-ि टेन- ांस जैसे देश भारत जैसे देशो से
तकनीक के े म आगे, काफ आगे िनकल गए । भारत क
हालत यह है क िजसक जेब म पैसा है उसक जेब म क़ानून है।
तो बड़े लोग कभी भी क़ानून के पंजे म नह आते। भारत के
सरकारी िवभाग एवं नेता के सारे ाचार क जड़ म
अदालत का ाचार है । आप कोई भी क़ानून तोड़ दीिजये ।
य द आपके पास पैसा और पो ट है तो क़ानून आपका कु छ भी
उखाड़ नह सके गा । यह क़ानून आने के बाद मुकदमो को सुनने
क शि नाग रको क जूरी के पास रहेगी और इस वजह से देश
म हो रहे सभी कार के अपराधो एवं घूसखोरी के मामल म
तेजी से िगरावट आनी शु होगी।
(5) इस क़ानून क धारा 2 म वोट वापसी के बारे म
बताया है, यह या िस टम है ?

लगभग 240 साल पहले जब अमे रका इं लड से आजाद आ,


और वहां वोट देने का क़ानून आया तो नाग रको ने कहा क
अगर चुनाव जीतने के बाद नेता हमारी बात सुनना बंद कर दगे
या उनके िनचे काम करने वाले अिधकारी जनता से घूस वसूल
कर नेता क चमचािगरी करगे तो हम या करगे। इस
सम या के इलाज के िलए अमे रका म वोट वापसी का क़ानून
भी लाया गया। वोट वािपस लेने का क़ानून होने से अमे रका के
नाग रक जब देखते है क कोई नेता या अिधकारी एकदम
िनक मा हो गया है, तो वे उसे हटाने के िलए 5 साल तक
इ तजार नह करते, बि क उसे हटाकर कसी अ य ि को
वह पद देने के िलए वीकृ ित दे देते है। छांटने क इस या के
कारण वहां आदमी पद पर नह रह पाता।
भारत म वोट वापसी कानून क सबसे पहले मांग 1925 म
अ हसा मूत महा मा चं शेखर आजाद ने क थी।
जब भारत आजाद आ और वोट देने का कानून आया तो
नाग रको ने फर से यह मांग क थी क वोट वािपस लेने का
क़ानून भी बनाओ। पर तब के नेताओ ने इसे टाल दया।उनका
कहना था क - अभी भारतीय के िलए वोट देने का क़ानून ही
काफ है, और वोट वािपस लेने का क़ानून बाद म बनायगे !!
फर 1974 म क युिन ट पाट ने वोट वािपस लेने के क़ानून का
िबल संसद म रखा िजसका ी अटल िबहारी वाजपेयी जी ने
समथन कया। 1977 म जनता पाट के चुनावी मेिनफे टो म भी
इस क़ानून को लाने का वादा कया गया था। क तु दुभा य से
यह क़ानून गेजेट म कािशत नह हो सका। तब से यह क़ानून
टलता आ रहा है !! इस क़ानून म नेता को वोट वापसी के
दायरे से बाहर रखा गया है, क तु धारा 1 म दए गए 15
अिधकारी वोट वापसी पासबुक के दायरे म रहगे और य द आप
उनके काम काज से संतु नह है तो पटवारी कायालय म जाकर
अपनी वीकृ ित दे सकते है।
(6) लोग अपनी जाित के आदमी को एस.पी. बना दगे तो
या होगा ?
भारत के कसी भी िजले म कसी भी जाित के मतदाता 15% से
यादा नह है, जब क एस.पी. बनने के िलए कम से कम 51%
मतदाताओ के अनुमोदन क ज रत होगी। इसके अलावा इस
क़ानून के अनुसार मतदाता अपनी पसंद के क ही 5 ि य
को सहमती दे सके गा। तो मान लीिजये क X एक सहमती
अपनी जाित के उ मीदवार को दे देता है, पर तु अपनी दूसरी,
तीसरी वीकृ ित कसी अ छे एवं जाित िनरपे उ मीदवार को
देगा। इस तरह अ छे उ मीदवारो को सभी जाितय क वीकृ ित
िमलेगी और उनक वीकृ ितय क सं या बढ़ने से जाित िनरपे
लोग बढ़त बना लगे।
(7) या यह संिवधान के िखलाफ नह है क जनता के पास
अिधका रय को नौकरी से िनकालने का अिधकार हो ?
जनता को एस.पी. एवं अ य अिधका रय को चुनने या िनकालने
का िनणायक अिधकार नह दया गया है। िजले के नाग रक
के वल अपनी मंशा बता सकगे क वे मौजूदा एस.पी. या कसी
अिधकारी के काम काज से संतु है या नह है। अंितम फै सला
करने का अिधकार मु यमं ी के पास ही रहेगा। य द मु यमं ी
चाहगे तो एस.पी. को बदलगे और य द सीएम उसक नौकरी
चालू रखना चाहते है तो एस.पी. क नौकरी चालू रहेगी। इस
तरह यह या मौजूदा व था से न तो कोई छेड़छाड़ करती
है, और न ही मु यमं ी के अिधकार म कोई कटौती करती है।
दरअसल नाग रक अपनी हाँ दज करगे। कानूनी प से यह वोट
नह है, यह एक सुझाव है । हालां क नाग रको ारा दज क
गयी इस हाँ का वहा रक भाव मत के समान ही होगा। तो
इस क़ानून के आने के बाद भारत के नाग रक उपरो 15
अिधका रय के काम काज पर अपनी सहमती या असहमित
कट कर सकगे। नाग रको क इस ित या क वजह से
अिधका रय के काम काज म अपने आप सुधार आने लगेगा।
(8) लोग छोटी छोटी बात पर रोज अिधकारी को िनकालने
लगगे तो या होगा ?
पहली बात, िजस तरह िसफ आपके वोट से नेता नह चुना
जाता बि क ब मत से चुना जाता है, वैसे ही िसफ आपके
वीकृ ित र करने से अिधकारी या नेता को नह िनकाला जा
सके गा इसके िलए ब मत क ज रत होगी। मान लीिजये कसी
िजले म 20 लाख मतदाता है तो अिधकारी िसफ तब िनकाला
जाएगा जब कम से कम 11 लाख लोग कसी अ य ि को इस
पद के िलए सहमती द। य द 51% नाग रक यह नह बताते क
मौजूदा अिधकारी को हटाकर कस आदमी को यह पद देना है
तो मौजूदा अिधकारी क नौकरी चालू रहेगी। अभी मं ी वगेरह
अ छे अिधका रयो को भी टकने नह देते। यह क़ानून आने के
बाद नाग रक अ छे अिधकारी को पद पर बनाए रख सकगे। इस
तरह यह क़ानून सरकार व शासन को ि थरता दान करता है।
(9) यह क़ानून गेजेट म छपने से कस तरह के प रवतन
आयगे ?

9.1. पुिलस िवभाग एवं अदालत : इस समय एसपी नेता के


िनय ण म काम करता है। अत: वह चाह कर भी रसूख दार एवं
उ पद थ लोगो के िखलाफ िनभ कता से जांच नही कर पाता।
यह क़ानून आने के बाद एसपी सीधे जनता के ित जवाबदेह हो
जाएगा, और िसफ 6 महीने के भीतर ही ाचार म काफ
िगरावट आ जायेगी।

या एक आम नाग रक कसी पुिलस थाने म उसी तरह से मु


प से जा सकता है िजस तरह से कसी अ य सरकारी कायालय
जैसे बक आ द म जाता है ? िनद ष आदमी भी थाने म जाने से
कतराता य है ?
दरअसल भारत के तमाम नाग रको के मन म पुिलस के ित एक
अदृ य भय है। आम तौर पर कसी भी समाज म िसफ 0.5% के
लगभग अपराधी होते है, क तु पुिलस अमूमन सभी के साथ
खाई से पेश आती है। ऐसा नह है क सभी पुिलस वाले
बेईमान एवं पीड़क है। पुिलस िवभाग म अ छे लोग भी है।
क तु नेता के दबाव म वे सलीके से काम नह कर पाते।
क़ानून म कु छ भी िलखा हो क तु वहा रक नेताजी का फोन
आने के साथ ही उ ह उनके सभी सही-गलत आदेशो का पालन
करना पड़ता है। यह क़ानून आने से ईमानदार पुिलस वाले
िनभ क होकर काम कर सकगे। और य द इनके टाफ के िखलाफ
कोई िशकायत आती है तो दंड देने का काम आम नाग रको का
जूरी मंडल करे गा। अिधकारी या तो सुधर जायगे या
िनकाल दए जायगे। दरअसल हम मुि कल से 1-2 अिधका रय
को िनकालने क ही ज रत पड़ेगी। य क यह क़ानून ऐसा है
क कसी को िनकाले िबना ही पूरे िवभाग को सुधार देगा।

9.2. सरकारी अ पताल एवं कू ल : य द सरकारी अ पताल म


डॉ टस क सं या बढ़ा दी जायेगी, वांिछत मा ा म सोनो ाफ ,
ए स रे , आ द जांचो क मशीने पया होगी तो िनजी
अ पताल को होने वाले वाले मुनाफे म कमी आ जायेगी। इसी
वजह से मु य िच क सा अिधकारी एवं िच क सा मं ी सरकारी
अ पताल को बदतर बनाए रखते है। डॉ टस एवं सुिवधाओ क
कमी होने कारण सरकारी अ पताल म ल बी लाइने लगी रहती
है, और मरीजो को िनजी अ पताल म जाना पड़ता है।

िनजी अ पताल नाग रको को अपने ाहक क तरह देखते है,


मरीजो क तरह नह । यह क़ानून आने के बाद िजला िच क सा
अिधकारी सरकारी अ पताल को ठीक करना शु करेगा, वना
नौकरी गँवाएगा। ठीक इसी तरीके के बदलाव सरकारी कू ल म
आयगे। िजला िश ा अिधकारी यह यान रखेगा क सरकारी
कू ल म िनजी कू ल से बेहतर पढ़ाई हो ता क छा को
ाइवेट कू ल म जाने के िलए बा य न होना पड़े। इस क़ानून का
सबसे बड़ा भाव यह है क यह भारत क अदालत म सुधार ले
आएगा। य द हम अपनी अदालत सुधार देते है, क़ानून तोड़ने
वाले लोगो को दंड िमलने लगेगा और सभी क़ानून ठीक से काम
करने लगगे। साथ ही नाग रको क भागीदारी बढ़ने से नाग रको
क क़ानून क समझ एवं िव ेषण मता म भी वृि होगी।

9.3. अदालत : य द आपके साथ कोई धोखा धड़ी हो जाती है तो


आप अदालत म जाना पसंद करते है या कै से भी करके बातचीत
से मामला िनपटाने के यास करते है ? भारत क अदालत म 3
करोड़ मुकदम लंिबत है। कोट म जाने का मतलब है बरस का
इ तजार। िजला जज पर वोट वापसी आने से अदालते ठीक से
काम करने लगेगी। बाद म वोट वापसी पासबुक म हाई कोट एवं
सु ीम कोट जज के प े भी जोड़े जा सकगे। उ लेखनीय है क
अमे रका म हाई कोट जज को नौकरी से िनकालने का अिधकार
नाग रको के पास होने के कारण वहां क अदालत अ छे से काम
करती है। एक आम नाग रक का सबसे यादा काम कू ल-
अ पताल-थानो और अदालत से पड़ता है। नाग रको क 70%
सम या क जड़ म यही 4 िवभाग है। इस क़ानून के आने से
इन चारो िवभाग म ि तकारी प रवतन आयगे और नाग रको
को काफ राहत िमल जायेगी। इस क़ानून का सम भाव यह
होगा क कसी भी पाट क सरकार बनने से भी पूरे रा य के
कू ल-अ पताल-थाने-अदालत अ छे से काम करते रहगे।

इस क़ानून का सबसे बड़ा भाव यह है क यह भारत क


अदालत म सुधार ले आएगा। य द हम अपनी अदालत सुधार
देते है, क़ानून तोड़ने वाले लोगो को दंड िमलने लगेगा और सभी
क़ानून ठीक से काम करने लगगे। साथ ही नाग रको क
भागीदारी बढ़ने से नाग रको क क़ानून क समझ एवं िव ेषण
मता म भी वृि होगी।
10. इस क़ानून को गेजेट म कािशत करवाने के िलए
हम ा सहयोग कर सकते है ?

1. कृ पया “ मु यमं ी कायालय ” के पते पर पो टकाड िलखकर


इस क़ानून क मांग कर। पो टकाड म यह िलखे :
मु यमं ी जी, तािवत रा य जूरी कोट क़ानून गेजेट म छापे
- #StateJuryCourt, #VoteVapsiPassbook,
2. ऊपर दी गयी इबारत उसी तरफ िलखे िजस तरफ पता िलखा
जाता है। पो टकाड भेजने से पहले पो टकाड क एक फोटो
कॉपी करवा ले। य द आपको पो टकाड नह िमल रहा है तो
अंतदशीय प ( inland letter ) भी भेज सकते है।
3. धानम ी / मु यमं ी जी से मेरी मांग नाम से एक रिज टर
बनाएं। लेटर बॉ स म डालने से पहले पो टकाड क जो फोटो
कॉपी आपने करवाई है उसे अपने रिज टर के प े पर िचपका
देव। फर जब भी आप पीएम को कसी मांग क िच ी भेज तब
इसक फोटो कॉपी रिज टर के प ो पर िचपकाते रहे। इस तरह
आपके पास भेजी गयी िच य का रकॉड रहेगा।
4. आप कसी भी दन यह िच ी भेज सकते है। क तु इस क़ानून
ा ट के लेखको का मानना है क सभी नाग रको को यह िच ी
महीने क एक िनि त तारीख को और एक तय व पर ही
भेजनी चािहए।

तय तारीख व तय व पर ही य ?

1. य द िच यां एक ही दन भेजी जाती है तो इसका यादा


भाव होगा, और मु यमं ी कायालय को इ ह िगनने म
भी आसानी होगी। चूं क नाग रक कत दवस 5 तारीख
को पड़ता है अत: पूरे देश म सभी शहरो के िलए िच ी
भेजने के िलए महीने क 5 तारीख तय क गयी है। तो य द
आप िच ी भेजते है तो 5 तारीख को ही भेज।
2. शाम को 5 बजे इसिलए ता क पो ट ऑ फस के टाफ को
इससे अित र परे शानी न हो। अमूमन 3 से 5 बजे के
बीच लेटर बॉ स खाली कर िलए जाते है, अब मान
लीिजये य द कसी शहर से 100-200 नाग रक िच ी
डालते है तो उ ह लेटर बॉ स खाली िमलेगा, वना भरे ए
लेटर बॉ स म इतनी िच यां आ नह पाएगी िजससे
पो ट ऑ फस व नाग रको को असुिवधा होगी। और इसके
बाद पो ट मेन 6 बजे पो ट बॉ स खाली कर सकता है,
य क ज दी ही वे जान जायगे क पीएम को िनदश
भेजने वाले िज मेदार नाग रक 5-6 के बीच ही िच यां
डालते है। इससे उ ह इनक छंटनी करने म अपना
अित र व नह लगाना पड़ेगा। अत: य द आप यह
िच ी भेजते है तो कृ पया 5 बजे से 6 बजे के बीच ही लेटर
बॉ स म डाले। य द आप 5 तारीख को िच ी नह भेज
पाते है तो फर अगले महीने क 5 तारीख को भेजे।
3. आप यह िच ी कसी भी लेटर बॉ स म डाल सकते है,
क तु हमारे िवचार म यथा संभव इसे शहर या क बे के
हेड पो ट ऑ फस के बॉ स म ही डाला जाना चािहए।
य क हेड पो ट ऑ फस का लेटर बॉ स अपे ाकृ त बड़ा
होता है, और वहां से पो टमेन को िच याँ िनकालकर ले
जाने म यादा दूरी भी तय नह करनी पड़ती ।
5. य द आप फे सबुक पर है तो धानमं ी / मु यमं ी जी से मेरी
मांग नाम से एक ए बम बनाकर रिज टर पर िचपकाए गए पेज
क फोटो इस ए बम म रख।
6. य द आप ि वटर पर है तो मु यमं ी जी को रिज टर के पेज
क फोटो के साथ यह ि वट कर :
@Cmo... , कृ पया यह क़ानून गेजेट म छाप -
#StateJuryCourt #VoteVapsiPassbook
7. Pm / Cm को िच ी भेजने वाले नाग रक य द आपसी संवाद
के िलए कोई मी टग वगेरह करना चाहते है तो वे थानीय तर
पर महीने के दुसरे रिववार यानी सेके ड स डे को सांय 4 बजे
मी टग कर सकते है। मी टग हमेशा सावजिनक थल पर रखी
जानी चािहए। इसके िलए आप कोई मं दर या रे लवे-बस टेशन
के प रसर आ द चुन सकते है। 2nd Sunday के अित र अ य
दन म कायकता िनजी थल पर मी टग वगेरह रख सकते है,
क तु महीने के ि तीय रिववार क मी टग सावजिनक थल पर
ही होगी। इस सावजिनक मी टग का समय भी अप रवतनीय
रहेगा।
8. अ हसा मूत महा मा उधम सह जी से े रत यह एक
िवके ि त जन आ दोलन है। (35) धारा का यह ा ट ही इस
आ दोलन का नेता है। य द आप भी यह मांग आगे बढ़ाना चाहते
है तो अपने तर पर जो भी आप कर सकते है कर। यह कॉपी
ले ट प है, और आप इस बुकलेट को अपने तर पर
छपवाकर नाग रको म बाँट सकते है। इस आ दोलन के कायकता
धरने, दशन, जाम, मजमे, जुलूस जैसे उन कदम से ब धा
परहेज करते है िजससे नाग रको को परे शानी होकर समय- म-
धन क हािन होती हो। अपनी मांग को प प से िलखकर
िच ी भेजने से नाग रक अपनी कोई भी मांग Pm तक प च ं ा
सकते है। इसके िलए नाग रको को न तो कसी नेता क ज रत
है और न ही मीिडया क ।
9. आप इस ा ट के पच छपवाकर नाग रको म भी बाँट सकते
है। पच छपवाने के िलए इसका पीडीऍफ़ आप इस लक से
डाउनलोड कर सकते है –

https://VoteWapsiPassBook.in/StateJuryCourt

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