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सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- श्रत
ु रेख रेखन (ितानी)
२ दॉ ग
ु ा, ऩहुॉच,हूॉ , झाॉसी,खेरॉ ग
ू ा,ऩढूॉगा
गततविचध- दध
ू दे ने िारे क्रकसी एक ऩशु ऩय रगबग ६० शब्दों भें अनच्
ु छे द लरखखए I ys[ku dkS” ky
४
गततविचध- मदद आऩ याजा के रड़के होते तो सौ बेड़ें रेकय फाजाय भें तमा कयते ? thou ewY;
५
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ२ –पसरों का त्मो ाय
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- आऩ अऩने साचथमों के साथ कौन-कौन से खेर खेरती हो? thou ewY;
५ अथिा
खेर का हभाये जीिन भें तमा भहत्ि हैं?
१. ऩाठ -१ से ३ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक
२. सॊऻा शब्द छाॉटकय लरखीए –
ददल्री बायत की याजधानी है |
भोहन के ऩास सपेद गाम है |
िायाणसी ऩयु ाना शहय है |
भक्ु ककर –
प्रस्ताि –
सन्दे श –
फीहू - ऩॊजाफ
रोहड़ी - असभ
सयहुर – तलभरनाडु
ऩोंगर – झायखॊड
उo) -...................................................................................................................
.........................................................................................................................
६.अऩना जन्भ ददन आऩ क्रकस प्रकाय भनाते हैं ?(५० शब्दों भें लरखें )
उo)............................................................................................................................
.................................................................................................................................
.................................................................................................................................
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ४–नर ा पनकाय
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- तनम्न िातमों भें शब्द आगे –ऩीछे ददए गए हैं I इन्हें ठीक कयके सही िातम cks/k lEcU/kh
३ लरखखए I
बूर ही रगबग गमा िह था क्रक मह व्मक्तत उसकी फगर भें फैठा फादशाह है
दहदस्
ु तान का I
गततविचध- निय के ‘ि ‘ भें नुतता रगा है I इस प्रकाय के ऩाॉच शब्द लरखखए I ys[ku dkS” ky
४ ि =निय,........... ,....... ,..........., ............, ........,
गततविचध- आज बी राखों फच्चे खेरने औय स्कूर जाने के फजाए भेहनत कयके अऩना ऩेट thou ewY;
५ ऩारते हैं ? इस विषम ऩय अऩने विचाय प्रस्तुत कीक्जएI
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ५–ज ााँ चा ि ााँ या
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- सभम यहते इरा को कौन–सी जानकायी लभर जाती तो िह दसिीॊ की ऩयीऺा रेखन (ितानी)
२ ऩास कय रेती ?
गततविचध- भुहाियों का अथा स्ऩष्ट कयके िातमों भें प्रमोग कीक्जमे I cks/k lEcU/kh
३ खखर उठना –
ठान रेना –
दॊ ग यह जाना –
गततविचध- ‘दादी ‘ औय ‘भाॉ ‘ ऩारयिारयक रयकते हैं I आऩ कौन-कौन से रयकतोंके नाभ जानते ys[ku dkS” ky
४ हो ? ऩाॉच रयकते लरखो I
गततविचध- इरा को स्कूर भें दाखखरा लभरने भें ऩये शानी हुई थी I स्कूर भें आऩका दाखखरा thou ewY;
५ कैसे हुआ था ?
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ६–धचठ्ठी का सफ़य
कामयऩत्रक
गततविचध- ऩुयाने सभम भें क्रकन – क्रकन साधनों से सन्दे श बेजे जाते थे ? cks/k lEcU/kh
३
गततविचध- अऩने नजदीक्रकमों, रयकतेदायों, लभत्रों आदद के ऩतों की एक सूची तैमाय कीक्जए thou ewY;
५ क्जससे सभम यहने ऩय काभ लरमा जा सके I
ऩाठ -४ से ६ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक
करभ + कायी =
प्रदशान + ई =
दशान + ईम =
ऩये शान + ई =
भरभरी – लभसार
अनठ
ू ी – धोती
फादाभी – भकान
ऊॉचा – यॊ ग
३.फहूिचन फनाओ –
उo)............................................................................................................................
................................................................................................................................५
.इन भह
ु ाियों का प्रमोग अऩने िातमों भें कयो |
६. आऩका व्मिहाय अऩॊग रोंगो के साथ कैसा होना चादहए |(५० शब्दों भें लरखखए )
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ ७–डाक्रकए की क ानी, काँिय र्सिं की ज़ुफानी
कामयऩत्रक
गततविचध- ददए गए शब्दों से रयतत स्थानों क्रक ऩतू ता कीक्जए I cks/k lEcU/kh
३ िरयमा , िेतन , निदीक , थैरा, हयकाये
गततविचध- ऩिातीम ऺेत्रों भें डाक – वितयण भें तमा तमा सभस्माए साभने आती हैं? ys[ku dkS” ky
४
गततविचध- आऩ बी क्रकसी ऐसे ही काभ कयने िारे आदभी का साऺात्काय कीक्जए औय उसे thou ewY;
५ अऩने शब्दों भें लरखखए I
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ८ –िे हदन बी क्मा हदन थे
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- आऩके साथी क्रकन –क्रकन साधनों से स्कूर आते हैं ? उनके नाभ लरखखए I रेखन (ितानी)
२
गततविचध- आऩ भशीन की भदद से ऩढ़ना चाहोगे मा अध्माऩक की भदद से? thou ewY;
५ दोनों के ऩढ़ाने भें क्रकस –क्रकस तयह की आसातनमाॉ औय भुक्ककरें हैं?
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ९ –एक भााँ की फेफसी
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
........................................................................................................................................
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सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- दहॊदी के अततरयतत औय कौन-कौन सी बाषाएॉ हैं? कोई ५ बाषाओॊ का नाभ ys[ku dkS” ky
४ लरखखए ?
गततविचध- ‘एक ददन क्रक फादशाहत’ आऩको प्राप्त हो जाए तो आऩ तमा-तमा कयना चाहें गे? thou ewY;
५
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ११ –चािर की योहिमााँ
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- आऩको खाने भें तमा-तमा ऩसॊद है ? उसकी एक सूची फनाइए I ys[ku dkS” ky
४
गततविचध- चािर से फनने िारी कोई एक खाने क्रक चीि फनाने की विचध ऩता कय लरखखए thou ewY;
५ १.साभग्री २.तैमायी ३.विचध
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१२ –गुरु औय चेरा
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- आऩ अगय ऐसे याज्म भें पॉस गए हों तफ आऩ सभस्मा से तनऩटने के लरए तमा thou ewY;
५ कये गें?
ऩाठ -१० से १२ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक
१. ऩशु –ऩक्षऺमों से तुरना कयते औय बी फहुत-सी उऩभाएॉ दी जाती हैं| इन्हें ऩयू ा कीक्जए |
दहयनी – सी ............................. कोमर –सी ..........................
कौए- सी .............................. चीते-सी ...............................
२. नीचे लरखी सॊऻाएॉ क्रकस क्रिमा से फनी हैं?
सॊऻा क्रिमा
कटाि कट
चन
ु ाि ..........
फहाि ............
रगाि ...........
घभ
ु ाि ...........
३.एक िचन के रूऩ भें लरखो –
डॊडडमों............................. अॊगठ
ू ों ........................................
टाॊकों .............................. सइ
ु मों ........................................
४.नीचे ददए गए शब्दों के दो –दो अथा हैं | िातम फनाकय अॊतय स्ऩष्ट कयो|
कय...................................................................................................................
कय...................................................................................................................
ऩय ...................................................................................................................
ऩय....................................................................................................................
५.लरपापे ऩय अऩने घय/लभत्रों/सॊफॊचधमों के ऩते क्रकस प्रकाय लरखोगे –
.........................................................................................................................
.........................................................................................................................
वऩन
६.अऩने लभत्र को ऩत्र लरखकय उन्हें उनके जन्भददन फधाई दीक्जए |
.........................................................................................................................
.........................................................................................................................
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ१३ - स्िाभी क्रक दादी
कामयऩत्रक
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभदू हक गततविचध
गततविचध- सुने गए विियण के आधाय ऩय ‘हाॉ’ अथिा ‘नहीॊ’ भें उत्तय दीक्जए I फोरना (उच्चायण)
१
गततविचध- श्रत
ु रेख - रेखन (ितानी)
२ स्िाभीनाथन, अॉधेये,इरामची, अधीऺक,खूॊखाय
२. अध्माऩक के कऺ भें -
विषम: ह द
िं ी स्तय: ए २ कऺा: ऩिंचभ ऩाठ १४–
कामयऩत्रक
गततविचध- dfork dk vkn” kZ okpu ¼mfpr y;]rky ,oa gko&Hkko½ taxyh tkuojksa ds फोरना (उच्चायण)
१ uke crk,A
गततविचध- fdu&fdu ikafDr;ksa@” kCnksa ls ;s Hkko O;Dr gks jgs gSA\ cks/k lEcU/kh
३ vk” p;Z
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सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- taxyh tkuojks]a i” kq&if{k;ksa dk f” kdkj djuk xyr gSA vius fopkj thou ewY;
५ fyf[k,A
ऩाठ -१३ से १५ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक
१.िचन फदरो –
फतसा ..................................... गोरी ......................................
ऩलु रसिारा .............................. कहानी ....................................
२.िातम फनाओ –
प्राथाना .............................................................................................................
कोलशश .............................................................................................................
फदक्रकस्भती .......................................................................................................
३.ऩक्ु ल्रॊग स्त्रीलरॊग
रड़का ..............
लशऺक .............
शेय ..............
फेटा .............
४.सही शब्दों ऩय गोरा रगाओ –
आॊख – आॉख दातमत्ि – दामीत्ि
व्माप्त – िमाप्त ऩयमााियण –ऩमााियण
५.फाघ आमा उस यात कविता को क्रकसने लरखा है तथा इसभें क्रकसके फाये भें फतामा
गमा हैं?
.........................................................................................................................
.........................................................................................................................
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- ikuh dh cckZnh ij ,d vuqPNsn fyf[k, ¼60 “kCnksa esa ½ ys[ku dkS” ky
४
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
सन
ु ना( श्रिण) ऩरयिाय,लभत्र,लशऺक आदद की बाषा सन
ु कय सभझने की मोग्मता| व्मक्ततगत
फोरना (िाचन) दस
ू यों के साथ िातााराऩ तथा प्रततक्रिमा कयने की मोग्मता| गततविचध
ऩढ़ना (ऩठन) लरखखत साभग्री को ध्ितनमों एिॊ भात्राओॊ की शद्ध
ु ता के साथ ऩढ़ना|
लरखना (रेखन) ितानी की शद्ध
ु ता सदहत सही-सही लरखने की मोग्मता का विकास| मग्ु भ गततविचध
ऩरयिेश जागरूकता सीखे गए ऻान को ऩरयिेश से जोड़ सकने की जागरूकता|
चचॊतन एिॊ कल्ऩना अचधगभ का स्िमॊ के जीिन भें उऩमोग एिॊ सज
ृ न शक्तत का विकास| साभूदहक गततविचध
गततविचध- T;ks&
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४
गततविचध-
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५
ऩाठ -१६ से १८ ऩय आधारयत : अचधगभ भूल्माॊकन सॊफॊधीकामा ऩत्रक
१.सही सिानाभ चन
ु कय खारी जगह बयो |
भास्टय जी ने अप्ऩायाि को .......................ऩास फर
ु ाकय कहा
.................................
कर .......................घय आ जाना (तभ
ु ,भेये ,अऩने) कनार दत्ता ने कहा अच्छा ........
...........लशकायी ........................ ही हो (तुभ ,िह )
३. ऩहे री फझ
ु ाओ |
हयी थी ,भन बयी थी |
नौ राख भोती जड़ी थी |
याजा जी के फाग़ भें
दश
ु ारा ओढ़े खड़ी थी |
३.दो-दो ऩमाामिाची शब्द लरखो –
ऩानी=
सम
ू ा =
आकाश =
४. शब्दों को सही िभ भें यखकय िातम फनाओ –
i)जाता तो िह योज स्कूर हैं|
.......................................................................................................................
ii)राबदामक होता है खेरना स्िास्थ के लरए |
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III)गभी फहुत ऩड यही है आज कर |
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५.ऩन
ु रुक्तत िारे शब्द लरखो –
अॊग – अॊग -......................................................................................................
यगड़ –...............................................................................................................
६.नदी के फाये भें एक अनच्
ु छे द लरखो|(रगबग ६० शब्दों भें )
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