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�वद्यतु धारा के रासाय�नक प्रभाव

क�ा 8 �व�ान
Chapter 14 Notes
�वद्यतु धारा- िकसी व�ु के आवेश के प्रभाव को �वद्यतु कहते ह�। �वद्यतु चालन
करने के �लए हम� िकसी मा�म क� आव�कता होती है। मा�म मु�यतः दो
प्रकार के होते ह�।

1. सुचालक- वे पदाथर् जो �वद्यतु को अपने अंदर प्रवािहत होने देते ह�। सुचालक
कहलाते ह�। उदाहरण:- लोहा, तांबा, सोना इ�या�द
2. कु चालक- वे पदाथर् जो �वद्यतु धारा को अपने अंदर से प्रवािहत नही ं होने देते
ह�। कु चालक कहलाते है। उदाहरण- हवा, �लाि�क।

CCL CLass
�व�ापन अ�भिक्रया- इसम� एक शि�शाली धातु कम शि�शाली धातु को
बदल देती ह�। इस अ�भिक्रया को �व�ापन अ�भिक्रया कहते ह�। उदाहरण
-> कॉपर स�े ट (CuSO4)+ �जक ं (Zn) → �जक ं स�े ट (ZNSO4) +
कॉपर (Cu)

�वद्यतु लेपन- �वद्यतु द्वारा िकसी पदाथर् पर िकसी वां�छत धातु क� परत �न�े�पत
करने क� प्रिक्रया �वद्यतु लेपन कहलाती है। उदाहरण:- लोहे पर �जक ं क� परत
चढ़ाना। �वद्यतु लेपन क� मदद से नकली आभूषण बनाए जाते ह�।

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