You are on page 1of 1

हमने अपना शोधकार्य, डा.छार्ा रार्, एच. ओ. डी.

रानी दर्
ु ायवती वव. वव. जबलपुर ( म. प्र.)के ननदे शन में
ककर्ा था l मेरे शोध का ववषर् था "आध्र्ात्ममक मान्र्ताओं का वैज्ञाननक प्रनतपादन " (पंडडत श्रीराम शमाय
आचार्य के समन्वर् आममक दृत्टिकोण के संदर्य में )र्ह शोध कार्य हमने सन 1992 में पूणय ककर्ा था l
अपने शोधकार्य का प्रार्ोगर्क खंड ब्रह्मवचयस शोध संस्थान के ननदे शक डॉ प्रणव पंड्र्ा , जो वतयमान में दे व
संस्कृनत ववश्वववद्र्ालर् , शांनतकंु ज हररद्वार (उत्तरांचल) के कुलागधपनत हैं , उनके ननदे शन में ककर्ा था l हमें
1993 में थीससस एवाडय हुई थी

You might also like