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Poem Final
Poem Final
स्वर्ग का एलान
सब साथ है तो जीत
मत करना तू एहसान
तेरे स्वल्प सख
ु के त्यागसे जो बच जाये तो प्राण, होंगे प्रसन्न रे भगवान
स्वर्ग का एलान
सब साथ है तो जीत
मत करना तू एहसान
तेरे स्वल्प सख
ु के त्यागसे जो बच जाये तो प्राण, होंगे प्रसन्न रे भगवान (×2)
स्वर्ग का एलान
सब साथ है तो जीत
मत करना तू एहसान
तेरे स्वल्प सख
ु के त्यागसे जो बच जाये तो प्राण, होंगे प्रसन्न रे भगवान