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मुखपृ

सा ह यकार क वेबप का

वष: 4, अंक 68, सतंबर( थम), 2019

मेरी म

वकास पाठ

ज म औ र क म है इ स भा र त क म म मे रा ,
इस म को ब द ना म ना हो ने द गे ।
तु म र च लो सा ज श चा हे ज त नी ,
को ई बु रा का म ना हो ने द गे । ।

इ सी म है सा रा सं सा र ह मा रा ,
सु न लो , ओ ! ज य चं द क औ ला द ,
अ ब तु म को दे श प ह चा न ग या है ।
ध ध क उ ठ है व ह वा ला ,
को ई पृ वी अ ब न हा रे गा । ।

क ह दो ना पा क इ रा दा वा ल से भी ,
न कु च ले ह मा री मा सू म सी क ल यो को ।
न खे ले मां ब ह न क आ ब से ,
न ह तो म हा ल य आ जा ए गा ।
चा र त र फ हा हा का र म च जा ए गा ,
म टा द गे उ न का ना मो न शां भी इ स ज हां से । ।

इ त ना भी ह म को म ज बू र न क र ये द र दे ,
क क ल म प क ड़ ने वा ले हा थ को
ह थ या र उ ठा ना प ड़ जा ए ।
फ र इ त हा स क या ह ती है ,
पू रा भू गो ल भी ब द ला जा ए गा ।
ऐ सा र च द गे न या इ त हा स - भू गो ल ,
क तु हा रा अ त व ढूं ढ ना भी मु क ल हो जा ये गा ।

इस म ल ए चा हे म ट जा ए ना म ह मा रा ,
के
पर इस पु य भू म प र को ई कु क म ना हो ने द गे
इस म के ल ए स म प त हो जी व न मे रा ,
हे ई र! इस म म ही मे री म हो ।।

कृपया रचनाकार को मेल भेज कर अपने वचार से अवगत कराय

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