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ch10 1
ch10 1
पृ सं ा: 94
अ ास
1. न ल खत के उ र दी जये
(क) ेम का धागा टटने पर पहले क भां त नही हो पाता?
उ र
मे का धागा एक बार टटने के बाद उसे ुबारा जोड़ा जाए तो उसमे गाँठ पड़ जाती ह। वह
पहले क भाँती नही जुड़ पाती, इसम अ व ास और संदह क दरार पड़ जाती ह।
उ र
उ र
(घ) एक को साधने से सब कै से सध जाता ह?
उ र
उ र
(च) अवध नरश को च कू ट जाना पड़ा?
उ र
उ र
(ज)'मोती, मानुष, चून' के संदभ म पानी के मह को क जए।
उ र
उ र
उ र
उ र
उ र
उ र
(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा कर तरवा र।
उ र
(च) पानी गए न उबर, मोती, मानुष, चून।
उ र
पृ सं ा: 95
− ''जा पर बपदा पड़त ह, सो आवत यह दस।''
उ र
जैस े कछ कु छ
न ह नह कोय कोई
ध न ध आखर अ र
प रजाए पड़ जाए