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दो बैलों की कथा प्रश्न उत्तर
दो बैलों की कथा प्रश्न उत्तर
4. तुत कहानी म ेमचंद ने गधे क िकन वभावगत िवशेषताओं के आधार पर उसके ित ढ़ अथ 'मूख' का योग न कर
िकसी नए अथ क ओर संकेत िकया है ?
उ र:- गधे को उसके सरल वभाव के कारण मूख का पयाय समझा जाता है। उसके वभाव म सहनशीलता भी देखने को िमलती
है। इस कहानी म लेखक ने गधे क सरलता और सहनशीलता क ओर हमारा यान ख चा है। ेमचंद ने वयं कहा है - "सदगुण
का इतना अनादर कह नह देखा। कदािचत इतना सीधापन संसार के लए उपयु नह है।" कहानी म भी उ ह ने सीधेपन क
ददु शा िदखलाई है, मूखता क नह ।
5. िकन घटनाओं से पता चलता है िक हीरा और मोती म गहरी दो ती थी ?
उ र:- दो बैल क कथा नामक पाठ म एक नह अनेक घटनाएँ ह, जनसे पता चलता है िक हीरा और मोती म गहरी दो ती थी।
जैसे -
1. दोन बैल हल या गाड़ी म जोत िदए जाते और गरदन िहला-िहलाकर चलते, उस समय हर एक क चे ा होती िक यादा-से-
यादा बोझ मेरी ही गदन पर रहे।
2. िदन-भर के बाद दोपहर या सं या को दोन खुलते तो एक-दस
ू रे को चाट-चूट कर अपनी थकान िमटा लया करते, नांद म खली-
भूसा पड़ जाने के बाद दोन साथ उठते, साथ नांद म मुँह डालते और साथ ही बैठते थे। एक मुँह हटा लेता तो दस
ू रा भी हटा लेता
था।
3. मटर खाते समय मोती के पकड़े जाने पर हीरा भी वापस आ गया और दोन ही कांजीहौस म बंदी बनाए गए,कांजीहौस क दीवार
टू ट जाने पर वे दोनो एकसाथ ही भागते हऔर दिढ़यल का मुकाबला भी करते ह।
6. "लेिकन औरत जात पर स ग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।" - हीरा के इस कथन के मा यम से ी के ित ेमचंद के
ि कोण को प क जये।
उ र:- हीरा के इस कथन से यह ात होता है िक उस समय समाज म य क थित अ छी नह थी। समाज म य के साथ
द ु यवहार िकया जाता था। उ ह शारी रक यातनाएँ दी जाती थ । वे पु ष ारा शोिषत थी। इस लए समाज म ये िनयम बनाए जाते
थे िक उ ह पु ष समाज शारी रक दंड न दे। हीरा और मोती भले इंसान के तीक ह। इस लए उनके कथन स य समाज पर लागू
होते ह। अस य समाज म य क ताड़ना होती रहती थी। लेखक ना रय के स मान के प धर थे। वे य तथा पु ष क
समानता के प धर थे।
8. इतना तो हो ही गया िक नौ दस ािणय क जान बच गई। वे सब तो आशीवाद दगे ' - मोती के इस कथन के आलोक म उसक
िवशेषताएँ बताइए।
उ र:- मोती के उ कथन के आलोक म उसक िन न ल खत िवशेषताएँ कट होती ह -
1. मोती का वभाव उ होते हए भी वह दयालु था।
2. मोती स चा िम है। वह मुसीबत के व अपने िम हीरा का साथ नह छोड़ता।
3. मोती परोपकारी और बुि मान है, तभी तो वह कांजीहौस म बंद जानवर क जान बचाता है।
4. मोती साहसी है। वह हीरा क मदद से साँड़ को परा जत करता है।
5. मोती अ याचार का िवरोधी है इस लए कांजीहौस क दीवार तोड़कर िवरोध कट िकया था।
आशय प क जए -
9.1 अव य ही उनम कोई ऐसी गु शि थी, जससे जीव म े ता का दावा करने वाला मनु य वंिचत है।
उ र:- हीरा और मोती िबना कोई वचन कहे एक-दस
ू रे के मन क बात समझ जाते थे। ायः वे एक दस
ू रे क भलाई क बात सोचते
थे। य िप मनु य वयं को सब ािणय से े मानता है िकंतु उसम भी ये शि नह होती िक वह दस
ू र के मनोभाव को समझ
सके,अकसर वह वाथ के कारण भी िकसी दस
ू रे का िहत सोचना नह चाहता।
9.2 उस एक रोटी से उनक भूख तो या शांत होती; पर दोन के दय को मानो भोजन िमल गया।
उ र:- हीरा और मोती गया के घर बंधे हए थे। गया ने उनके साथ अपमान पूण तथा सौतेला यवहार िकया था। इस लए वे ु ध थे,
पर तु तभी एक न ह लड़क ने आकर उ ह एक रोटीदी। य िप उससे हीरा-मोती क भूख कम नह हो सकती थी, तथािप उ ह ने
बा लका के यवहार से ेम और अपन व का अनुभव कर लया और स हो उठे य िक ेम ही आ मा का भोजन है।
• रचना-अिभ यि
11. हीरा और मोती ने शोषण के खलाफ़ आवाज़ उठाई लेिकन उसके लए ताड़ना भी सही। हीरा-मोती क इस िति या पर
तक सिहत अपने िवचार कट कर।
उ र:- हीरा और मोती शोषण के िव ह वे हर शोषण के िव आवाज़ उठाते रहे ह। उ ह ने झूरी के साले गया का िवरोध िकया
तो सूखी रोिटयाँ और डंडे खाए िफर काँजीहौस म अ याय का िवरोध िकया और बंधन म पड़े। मेर े िवचार से उ ह ने शोषण का
िवरोध करके ठीक िकया य िक शोिषत होकर जीने का या लाभ।
शोिषत को भय और यातना के सवा कुछ ा नह होता।
• भाषा-अ ययन
14.1 रचना के आधार पर वा य के भेद बताइए तथा उपवा य छाँटकर उसके भी भेद ल खए -
दीवार का िगरना था िक अधमरे से पड़े हए सभी जानवर चेत उठे ।
उ र:- िम वा य
मु य उपवा य - अधमरे से पड़े हए सभी जानवर चेत उठे ।
गौण उपवा य - दीवार का िगरना था।
14.4 म बेचँग
ू ा, तो िबकगे।
उ र:- िम वा य
मु य उपवा य - तो िबकगे।
गौण उपवा य - म बेचँग
ू ा।
15. कहानी म जगह - जगह पर मुहावर का योग हआ है कोई पाँच मुहावरे छाँिटए और उनका वा य म योग क जए।
उ र:-
मुहावरा वा य- योग
टाल जाना सेठजी नौकर को मदद करने का झूठा आ वासन देते रह पर ज रत पड़ने पर टाल गए।