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Lhasa Ki Aur Prashn Utter
Lhasa Ki Aur Prashn Utter
प्रश्न -1 थोङ्
ला के पहले के आखिरी गााँव पहाँचने पर भििमंगे के वेश में होने के बावजूद लेिक को ठहरने के भलए
उचचत स्थान भमला जबकक दस
ू री यात्रा के समय िद्र वेश िी उन्हें उचचत स्थान नहीं ददला सका। क्यों?
उत्तर -- उस समय लेिक के साथ समतत नहीं था ।समतत की स्थानीय लोगो में पहचान थी ।इसके अलावा शाम के
समय लोग मददरा पी कर अपने होश -हवास िो बैठते हैं ।इस स्स्थतत में ककसी की पहचान मस्श्कल है ।लेिक उस
स्थान पर शाम के समय पंहचा था ।उस समय कोई िी अपने होश -हवास में नहीं था ।अतः लेिक को िद्रवेश में होने
पर िी उचचत स्थान नहीं भमला ।
प्रश्न 2 - उस समय के ततब्बत में हचथयार का कानून न रहने के कारण यात्रत्रयों को ककस प्रकार का िय बना रहता था
प्रश्न -3 लेिक लङ्कोर के मागग में अपने साचथयों से ककस कारण पपछड़ गया?
उत्तर - लेिक के पीछे रहने के कारण थे ।लेिक का घोडा धीरे -धीरे चल रहा था ,दस
ू रा वह मागग िटककर कछ दरू तक
गलत रास्ते पर चला गया था ।इस कारण वह अपने साचथयो से पपछड़ गया ।
प्रश्न -4 लेिक ने शेकर पवहार में समतत को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परं त दस
ू री बार रोकने का प्रयास
क्यों नहीं ककया?
उत्तर - लेिक को अपनी ततब्बत यात्रा के दौरान अनेक कदठनाइयों का सामना करना पड़ा ।
1 - लेिक को ऊाँचे -नीचे पहाड़ी रास्ते पर तेज धूप में यात्रा करनी पड़ी ।
उत्तर - उस समय ततब्बती समाज बहत िला था वह जातत-पातत,छआछूत ,ऊंच नीच जैसी बातें नहीं थी ।मदहलाएं
पदाग नहीं करती थी । समाज में मददरा -पान का ररवाज़ था । लोग अंधपवश्वासी थे जो ताबीज़ के नाम पैर साधारण
कपडे के टकड़े पर िी पवश्वास कर लेते थे ।
रचना और अभिव्यस्क्त
प्रश्न 8 - समतत के यजमान और अन्य पररचचत लोग लगिग हर गााँव में भमले। इस आधार पर आप समतत के
व्यस्क्तत्व की ककन पवशेषताओं का चचत्रण कर सकते हैं ?
1 -समतत हाँसमि और भमलनसार व्यस्क्त हैं ,जो लोगो से समय -समय पर भमलते रहते हैं ।
3 -समतत लालची िी हैं ,वे लोगो से पैसे प्राप्त करने के भलए साधारण कपडे के ताबीज़ दे ता है ।
प्रश्न 9 -हालााँकक उस वक्त मेरा िेष ऐसा नहीं था कक उन्हें कछ िी ियाल करना चादहए था।’ –
उक्त कथन के अनसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशिूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह
उचचत है अथवा अनचचत,
उत्तर _ हम ककसी िी व्यस्क्त का आकलन उसके कपड़ो से करते हैं जब हम ककसी व्यस्क्त से भमलते हैं हम उसका
मान- सम्मान िी कपडे दे ि कर करते हैं ।यह ज़रूरी नहीं अच्छे कपडे पहनने वाला इंसान अच्छा ही हो ।अच्छी वेश-
िष
ू ा में कस्त्सत पवचारो वाले लोग िी हो सकते हैं सस्ते कपडे पहनने से कोई इंसान तनम्नकोदट का नहीं हो जाता
अतः हमे ककसी का आकलन उसके आचार-पवचार से करना चादह उसके कपड़ो से नहीं ।
प्रश्न 10 यात्रा-वत्त
ृ ांत के आधार पर ततब्बत की िौगोभलक स्स्थतत का शब्द-चचत्र प्रस्तत करें । वहााँ की स्स्थतत आपवेफ
राज्य/शहर से ककस प्रकार भिन्न है ।
उत्तर - ततब्बत िारत के उत्तर में है जो नेपाल का पडोसी दे श है ।इसकी सीमा िारत और चीन से लगती है ।इस पहाड़ी
प्रदे श के रास्ते बहत ही ऊाँचे -नीचे है ।यहााँ पहाड़ों के मोड़ ितरनाक हैं ।यहााँ दरू -दरू तक आबादी नहीं है ।यहााँ की
जलवाय िी अनपम है ।धूप वाले िाग में तेज धूप और छाया वाले िाग में िूब ठं डक होती है ।थोङ्ला यहााँ का दगगम
डांडा है । यह समद्र तल से सत्रह -अठारह फ़ीट की ऊंचाई पर है ।