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अपठित गद्यां श

सांसयर में सबसे मूल्ययवयन वस्तु समय है क्यांठि दु ठनयय िी


अठिियां श वस्तुओां िय घटययय-बढययय जय सितय है , पर समय िय
एि क्षण भी बढय पयनय व्यक्ति िे बस में नहीां है । समय िे बीत
जयने पर व्यक्ति िे पयस पछतयवे िे अलयवय िुछ नहीां हयतय।
ठवद्यर्थी िे ठलए तय समय िय और भी अठिि महत्त्व है । ठवद्यर्थी
जीवन िय उद्दे श्य है ठशक्षय प्रयप्त िरनय। समय िे उपययग से ही
ठशक्षय प्रयप्त िी जय सिती है । जय ठवद्यर्थी अपनय बहुमूल्य समय
खेल-िूद, मौज-मस्ती तर्थय आलस्य में खय दे ते हैं वे जीवन भर
पछतयते रहते हैं , क्यांठि वे अच्छी ठशक्षय प्रयप्त िरने से वांठित रह
जयते हैं और जीवन में उन्नठत नहीां िर पयते। मनुष्य िय िततव्य है
ठि जय क्षण बीत गए हैं , उनिी ठिांतय िरने िे बजयय जय अब
हमयरे सयमने हैं , उसिय सदु पययग िरें ।

प्रश्न

(ि) समय िय सबसे अमूल्य वस्तु क्यां िहय गयय है ?


(i) इसिय एिक्षण भी घटययय-बढययय नहीां जय सितय
(ii) सम्य व्यक्ति िे वश में नहीां है ।
(iii) समय ही व्यक्ति िे जीवन िय बदल सितय है
(iv) मनुष्य उस समय िी गठत िय नहीां रयि सितय

(ख) ठवद्यर्थी जीवन िय उद्दे श्य है


(i) जीवन िय सुखी बनयनय
(ii) गुरुओां िय आदे श मयननय
(iii) व्यक्ति िे जीवन में समय िय महत्त्व
(iv) ठशक्षय प्रयप्त िरनय

(ग) ठवद्यर्थी जीवन भर क्यां पछतयते रहते हैं ?


(i) क्यांठि वे आलसी हयते हैं
(ii) जय अपनय िीमती समय मौज मस्ती और आलस्य में खय दे ते
हैं ।
(iii) जय ज्ञयन प्रयप्त नहीां िरते।
(iv) जय ठवद्यर्थी मयतय-ठपतय और गुरुओां िी आज्ञय िय पयलन नहीां
िरते

(घ) सांमय िे सां बांि में व्यक्ति िय क्य िततव्य बतययय गयय है ?
(i) पररश्रम िरें
(ii) मन लगयिर पढयई िरें
(iii) बीते समय िे बयरे में पश्चयतयप न िरिे वततमयन समय िय
सदु पययग िरें
(iv) असफल हयने पर ठनरयश न हयां, पुनः प्रययस िरें

(ङ) उपयुति गद्यां श िय उपयुि शीर्ति सुझयइए


(i) समय िय सदु पययग
(ii) समय और मनुष्य
(iii) ठवद्यर्थी और समय
(iv) अमूल्य समय उत्तर

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