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Hin Dec 18
Hin Dec 18
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समसामयिकी
ददसम्बर - 2018
2. ऄंतराबष्ट्रीय संबध
ं (International Relations) 17
3. ऄथबव्यिस्था (Economy) 27
3.9. एंजल
े टैक्स ..................................................................................................................................................42
4.3. सूचना संलयन कें द्र- पहद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) ............................................................................................53
5.र्याबिरण (Enviornment) 56
5.2. भारत द्वारा जैि विविधता कन्िेंशन (CBD) को छठी राष्टरीय ररर्ोटब की प्रस्तुवत ..........................................................59
5.7. भारतीय जल प्रभाि सम्मेलन 2018 और शहरी नदी प्रबंधन योजना .........................................................................68
8. संस्कृ वत (Culture) 95
सतत विकास लक्ष्य और भारत (Sustainable Development Goals and India) 114
सातिीं ऄनुसच
ू ी (ऄनुच्छेद 246)
भारतीय संविधान कें द्र एिं राज्यों के मध्य शवक्तयों के विभाजन को सातिीं ऄनुसूची के ऄं तगबत वनम्नवलवखत ‘तीन सूवचयों’ के माध्यम से
वनधाबररत करता है:
संघ सूची में ईन विषयों का ईफलेख दकया गया है, वजन र्र संसद विवध का वनमाबण कर सकती है, जैसे- रक्षा, विदेशी मामले, रे लिे,
बैंककग आत्यादद।
राज्य सूची में ईन विषयों का ईफलेख दकया गया है, जो राज्य विधान-मण्डलों के दायरे में अते हैं, जैसे- लोक व्यिस्था, र्ुवलस, लोक
स्िास््य एिं स्िच्छता, ऄस्र्ताल और औषधालय, सट्टेबाजी तथा जुअ अदद।
समिती सूची में ईन विषयों का वििरण ददया गया है, वजन र्र संसद और राज्य विधान-मण्डल दोनों कानून बना सकते हैं।
ईदाहरणाथब: वशक्षा वजसके ऄंतगबत तकनीकी वशक्षा, अयुर्खिज्ञान वशक्षा और वििविद्यालय हैं, जनसंख्या वनयंत्रण और र्ररिार
वनयोजन, दण्ड विवध (अर्रावधक कानून), र्शुओं के प्रवत क्रूरता का वनिारण, िन्य जीि जन्तुओं और र्वक्षयों का संरक्षण, िन अदद।
संविधान समिती सूची के विषयों र्र संसद की संघीय सिोच्चता का भी प्रािधान करता है, ऄथाबत् समिती सूची के विषयों के संबंध में दकसी
भी प्रकार के संघषब की वस्थवत में संघ को यह शवक्त है दक िह राज्य विवध को वनरस्त कर दे या या ईसके स्थान र्र दूसरी विवध प्रवतस्थावर्त
कर दे।
समिती सूची की अिश्यकता क्यों?
समिती सूची का ईद्देश्य संर्ूणब देश में समरूर्ता को सुवनवित करना है, तादक कें द्र एिं राज्य स्ितंत्र रूर् से विधान का वनमाबण कर सकें ।
आसवलए संविधान में राज्यों हेतु र्याबप्त लचीलेर्न के साथ एक मॉडल कानून को सवम्मवलत दकया गया।
आसके ऄवतररक्त समिती सूची के कु छ विषयों हेतु बृहत् मात्रा में वित्त-र्ोषण की अिश्यकता होती है, वजसमें कें द्र एिं राज्य सरकारों
द्वारा योगदान दकया जाता है।
ऄंकेक्षण के वनष्टकषब
यह र्ाया गया दक लेखांदकत दकए गए 838 लोक प्रावधकरणों में से 85% से ऄवधक ने बजट और प्रोग्रापमग, र्वब्लवसटी एिं र्वब्लक
आं टरफ़े स तथा इ-गिनेंस से संबंवधत सूचनाओं का प्रकटीकरण नहीं दकया था।
यह भी र्ाया गया दक ऄवधकांश लोक प्रावधकरणों द्वारा र्ारदर्खशता से संबंवधत ईर्ाय दकए गए थे। हालांदक, अवधकाररक िेबसाआटों र्र
महत्िर्ूणब सूचनाएं र्ूरी तरह से प्रदर्खशत नहीं की गइ हैं।
o DLSA के वनदेशन में जााँच के ईर्रांत ACP/DCP द्वारा खतरा विश्लेषण ररर्ोटब तैयार की जाएगी। र्ुवलस ऄवधकारी खतरे के स्तर
का िगीकरण करे गा तथा सुधारात्मक ईर्ायों का सुझाि देगा।
o आसके कायाबन्ियन का ईत्तरदावयत्ि आस योजना के तहत गरठत गिाह संरक्षण प्रकोष्ठ (cell) का होगा।
शारीररक सुरक्षा:
o यह सुवनवित करना दक जांच या सुनिाइ के दौरान गिाह और ऄवभयुक्त का प्रत्यक्षतः सामना न हो।
o गिाह को र्ररिर्खतत नाम या िणबक्रम के साथ संदर्खभत करके ईसकी र्हचान को गुप्त रखना।
o सुनिाइ की वतवथ र्र न्यायालय जाने और अने के दौरान संरक्षण प्रदान दकया जाना और सरकारी िाहन ईर्लब्ध कराया जाना।
o गहन सुरक्षा और गिाह के घर के अस-र्ास वनयवमत गश्त।
प्रौद्योवगकी का प्रयोग
o बंद कमरों में सुनिाइ, िीवडयो कॉन्रें पसग, टेलीकांरेंपसग अदद का अयोजन।
न्यावयक सहायता
o स्थगन के वबना दैवनक अधार र्र सुनिाइ करके मामलों के शीघ्र वनर्टान को सुवनवित करना।
वित्तीय प्रािधान:
o गिाहों के स्थान र्ररितबन, ईर्जीविका ऄथिा नए व्यिसाय/र्ेशे की शुरुअत के ईद्देश्य हेतु गिाह संरक्षण कोष का वनमाबण।
आस योजना का ईद्देश्य दकसी गिाह को वनडरतार्ूिबक और सत्यिाददता से ऄवभसाक्ष्य प्रस्तुत करने में सक्षम बनाना है। आसके तहत
न्यायालय तक गिाह को र्ुवलस संरक्षण प्रदान करने जैसे साधारण ईर्ायों से लेकर संगरठत अर्रावधक समूह की संवलप्तता िाले मामलों
जैसे जरटल मामलों में दकसी सुरवक्षत घर में ऄस्थायी वनिास प्रदान करने , एक निीन र्हचान प्रदान करने या दकसी ऄज्ञात स्थान र्र
चुनौवतयााँ
संसाधनों का ऄभाि: भारतीय र्ुवलस बल के र्ास कार्खमक बल (प्रवत लाख जनसंख्या र्र 136 र्ुवलसकमी) और वनवधयों की ऄत्यवधक कमी
है। ये दैवनक र्ुवलस कायों के वनष्टर्ादन हेतु भी ऄर्याबप्त हैं। ऐसे में गिाह संरक्षण संबंधी कायब र्ुवलस कायब भार में ऄवतररक्त िृवि करें गे।
ऄवभयुक्त के ऄवधकार: विवध अयोग द्वारा ईफलेख दकया गया था दक यदद कोइ ऄवभयुक्त गिाह की प्रमावणकता को वसि करने की आच्छा
रखता है तो ऐसी वस्थवत में संरक्षण के प्रयोजनाथब गिाह की र्हचान को गुप्त रखना, ईस ऄवभयुक्त के एक वनष्टर्क्ष सुनिाइ की मांग संबध
ं ी
ऄवधकारों का हनन कर सकता है।
गिाह की वनजता: यह भी संभि है दक गिाह द्वारा ईसको प्रदान की गयी शारीररक सुरक्षा को र्संद न दकया जाए क्योंदक आससे ईसकी
वनजता और ईसके अिागमन में व्यिधान ईत्र्न्न हो सकता है।
गिाह संरक्षण से संबंवधत प्रािधान मौजूद हैं, र्रन्तु एक ईर्युक्त संरचना की ईर्लब्धता का ऄभाि आनके प्रभािी दक्रयान्ियन को बावधत
करता है।
प्रकोष्ठ" का गठन। गिाह संरक्षण कायबक्रम में प्रविष्ट होने के र्िात् गिाह को “प्रोटेक्टी (सुरक्षा प्राप्त व्यवक्त)” के रूर् में संदर्खभत दकया
जाएगा।
गिाह की र्हचान की सुरक्षा को सुवनवित करने हेतु रक्षोर्ाय ईर्लब्ध करिाना।
गिाह द्वारा स्ितंत्र रूर् से ऄवभसाक्ष्य प्रस्तुवतकरण सुवनवित करने हेतु मामलों को मूल ऄवधकार क्षेत्र से बाहर स्थानांतररत करने की
सुविधा प्रदान करना।
प्रािधानों की ऄिहेलना करने और झूठी गिाही देने के विरुि व्यवक्तयों को कठोर दंड प्रदान करना।
अगे की राह
र्ुवलस, सरकार और न्यायर्ावलका की भूवमका को स्र्ष्ट रूर् से र्ररभावषत करते हुए प्रभािशाली गिाह संरक्षण विधान का प्रितबन दकया
जाना चावहए। यह गिाहों में वििास का सृजन करे गा। आस संदभब में गिाह संरक्षण विधेयक, 2015 को ईर्युक्त संशोधनों के साथ लागू
दकया जा सकता है।
योजना के ऄंतगबत स्थावर्त गिाह संरक्षण प्रकोष्ठ को नकली र्हचान, स्थान र्ररितबन, रोजगार और अगामी कायबिाही से संबंवधत
प्रािधानों की व्यिस्था करनी चावहए।
कु छ मामलों में गिाहों को वचदकत्सा सुविधाएाँ, सामावजक सेिाएाँ, राज्य द्वारा क्षवतर्ूर्खत, र्रामशब और ऄन्य प्रकार की सहायता प्रदान की
जानी चावहए।
त्िररत और िैज्ञावनक जांच, सुनिाइ और दोषवसवि को समावहत करते हुए अर्रावधक न्याय प्रणाली का समग्र सुधार गिाह संरक्षण की
अिश्यकता को कम करे गा।
हाल ही में, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) ने आलेक्रॉवनक्स वसटी (बेंगलुरु का एक नगरीय क्षेत्र) में आं वडयन ऄबबन डेटा एक्सचेंज (IUDX) हेतु
एक र्ायलट र्ररयोजना प्रारं भ की है।
डेटा एक्सचेंज- संकफर्ना की र्ृष्ठभूवम
सम्र्ूणब विि के शहरों द्वारा यह ऄनुभि दकया गया है दक ईनके विवभन्न विभागों और ऄवभकरणों द्वारा सृवजत डेटा के रूर् में ईनके र्ास
एक निीन मूफयिान संर्वत्त है। हालांदक प्रत्येक डेटा संग्र ह के साथ िावणवज्यक, मौदद्रक और प्रमाणीकरण संबंधी र्हलुओं सवहत ईनकी
सुरक्षा एिं गोर्नीयता संबंधी पचताएं विद्यमान है।
कोर्ेनहेगन और मैनचेस्टर जैसे शहरों ने डेटा एक्सचेंजों की स्थार्ना के द्वारा ऄर्नी डेटा र्ररसम्र्वत्तयों का स्िावमत्ि धारण कर वलया है।
ये एक्सचेंज सॉफ्टिेयर मंचों के रूर् में हैं जो डेटा तक र्हुंच और ईसे प्रस्तुत करने के साझा मागब प्रदान करते हुए डेटा की वनयंवत्रत शेयटरग
की ऄनुमवत प्रदान करते हैं।
हैं; क्योंदक प्राय: प्रत्येक विवशष्ट भण्डार दकसी वनर्ददष्ट कायब को भलीभांवत वनष्टर्ाददत करने िाली दकसी क्षेत्र-ऄनुकूवलत सेिा का
प्रवतवनवधत्ि करता है। ऄतः यह दृवष्टकोण आन विवशष्ट भंडारों को खंवडत करने या सम्र्ूणब डेटा को एक के न्द्रीय कोष में प्रेवषत करने के स्थान
र्र एक साझे डेटा एक्सचेंज के माध्यम से ऄसंबि और वितररत आकाआयों को ऄन्तःसम्बि करने के विकफर् का चयन करता है।
आसके ऄवतररक्त, आससे ईत्र्न्न होने िाले डेटा बा़िार में भागीदार बनने हेतु यह थडब र्ाटी डेटा प्रोिाआडसब या थडब र्ाटी डेटा
आसके ऄंतगबत सूचना प्रौद्योवगकी र्र 16,000 करोड़ से ऄवधक रुर्यों (कु ल 2.04 लाख करोड़ का 8%) का व्यय दकया जाएगा।
आसका एक प्रमुख लक्ष्य ऄर्वशष्ट प्रिाह, यातायात व्यिस्था एिं वनगरानी तंत्रों जैसे नगरर्ावलका र्ररचालनों का वडवजटलीकरण करने के
र्िात सभी डेटा को एक एकीकृ त कमान और वनयंत्रण कें द्र (ICCC) में प्रेवषत करना है।
आस प्रकार यह फं पडग एजेंवसयों और सेिा प्रदाताओं के मध्य सूचना के अदान-प्रदान की दो-तरफ़ा साझेदारी को प्रदर्खशत करता है। साथ ही
यह व्यवक्तयों, र्ररिारों एिं ईनके समुदायों को सेिा वितरण करने और प्राप्त होने िाले समग्र र्ररणामों में सुधार करने के वलए ईत्तम तथा
ऄवधक प्रभािी मागब खोजने हेतु फं पडग एजेंवसयों और सेिा प्रदाताओं, दोनों को सक्षम बनाता है।
IUDX की वनगरानी: IUDX की स्थार्ना और विस्तार हेतु के न्द्र और राज्य सरकार के ऄवधकाररयों, स्माटब वसटी ऄवधकाररयों,
ऄनुसंधानकताबओं और औद्योवगक ऄवभकताबओं के साथ एक ऄलाभकारी स्टाटब-ऄर् कं र्नी के रूर् में ओर्न स्माटब वसटीज ऑफ़ आं वडया
(OSCI) की स्थार्ना की जाएगी।
यह एक कें द्र है जहााँ एक वसटी ऑर्रे शन सेंटर एवप्लके शन के माध्यम से सम्र्ूणब शहर की सूचना को एकवत्रत दकया जाता है , ईसकी
जून 2018 तक, ICCC का संचालन भारत के 10 स्माटब शहरों में दकया जा चुका था, वजनमें निीनतम शहर नया रायर्ुर है।
IUDX के लाभ
सुशासन: यह वसटी ऑर्रे शन सेंटर के वनमाबण हेतु शहरी प्रशासन के वलए एक अधार के रूर् में कायब करे गा। वसटी ऑर्रे शन सेंटर के
माध्यम से शहरी प्रशासन बुविमत्तार्ूिबक और कु शलतार्ूिबक विवभन्न शहरी सेिाओं की वनगरानी और र्ररचालन कर सकता है।
सूवचत नीवत वनमाबण: यह नागररकों, ईद्योगों, शैक्षवणक समुदायों और ऄनुसंधान संस्थाओं की विविध प्रकार के डेटा तक प्रत्यक्ष र्हुंच
सुवनवित करने के माध्यम से सूवचत नीवत और वनणबय वनमाबण में सहायता प्रदान करे गा।
डेटा मौद्रीकरण: IUDX स्माटब वसटीज र्ाररतंत्र के विवभन्न लाभधारकों हेतु िस्तुतः एक एकीकृ त एकल-पबदु डेटा विर्णन स्थल (बा़िार)
का सृजन करे गा। यह निीन राजस्ि स्रोतों की खोज में शहरों की सहायता करे गा और निप्रितबन निाचारों हेतु एक सक्षम र्ररिेश का सृजन
करे गा।
द्वारा ईवचत रीवत से वनधाबररत दकये जाने की अिश्यकता होगी। दकसी स्माटब वसटी में ऄंतःस्थावर्त होने हेतु एक IoT वडिाआस दकतना
वििसनीय हो, यह वनधाबररत करने हेतु विवशष्ट मानक ऄिश्य विकवसत दकए जाने चावहए।
2.1 भारत-भूटान
(India-Bhutan)
सुर्खखयों में क्यों?
हाल ही में सम्र्न्न हुए चुनाि के र्िात् भूटान के निवनिाबवचत प्रधानमंत्री ने ऄर्नी प्रथम राजकीय यात्रा के रूर् में भारत की यात्रा की।
भारतीय विदेश नीवत के वलए भूटान का महत्ि
एक वििसनीय सहयोगी: भारत-भूटान संबंध,1949 की मैत्री संवध (2007 में संशोवधत) द्वारा ऄवधशावसत दकए जाते हैं। आस संवध में
ईवफलवखत दकया गया है दक दोनों देश स्थायी शांवत, मैत्री तथा एक-दूसरे के राष्ट्रीय वहतों की सुरक्षा सुवनवित करें गे।
o भूटान, दवक्षण एवशया में एकमात्र ऐसा देश है वजसके भारत के साथ संबंध सत्तारूढ़ दल के अधार र्र चीन या भारत के मध्य
र्ररिर्खतत नहीं होते हैं।
o भूटान द्वारा ऄनेक महत्िर्ूणब ऄिसरों र्र भारत का साथ ददया गया है, चाहे यह 1971 का ऄिसर हो या ऄर्ने भू-क्षेत्र में भारतीय
राजद्रोवहयों के विरुि तत्काल कायबिाही करने का मुद्दा हो। आसी प्रकार, भारत ने ऄर्नी प्रथम राजकीय यात्रा के रूर् में भूटान की
यात्रा करके या डोकलाम संकट के दौरान भूटान का दृढ़तार्ूिबक समथबन करते हुए ऄर्ना सम्मान प्रकट दकया है , दोनों देशों द्वारा एक
ऄच्छे र्ड़ोसी के रूर् में मैत्रीर्ूणब संबंधों के सफल संचालन में र्ूणब सहयोग दकया गया है।
रणनीवतक प्रासंवगकता: भूटान, भारत और चीन जैसी दो बड़ी शवक्तयों के मध्य एक बफर स्टेट की भूवमका का वनिबहन करता है। चीन द्वारा
लद्दाख, नेर्ाल, वसदक्कम, भूटान और ऄरुणाचल प्रदेश के क्षेत्रों को ‘चाआनीज कफगर’ (ध्यातव्य है दक चीन वतब्बत को चीन की हथेली और
आन र्ांच क्षेत्रों को चीन की ईाँ गवलयों के रूर् में िर्खणत करता है) के रूर् में िर्खणत करते हुए ईन र्र ऄर्ना दािा दकया जाता है। यह दािा
भारत और भूटान की संप्रभुता के समक्ष खतरा ईत्र्न्न करता है। आस प्रकार, भूटान और भारत दोनों के वलए वमलकर चीन के आन क्षेत्रीय
दािों का विरोध करना ऄवनिायब हो गया है।
अर्खथक ऄवतव्यार्न: भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यार्ार एिं विकास भागीदार बना हुअ है। भारत द्वारा 1961 से ही भूटान की
र्ंचिषीय योजनाओं हेतु ईदारतार्ूिबक योगदान ददया गया है।
o अर्खथक संबंधों के मुख्य स्तंभ के रूर् में जलविद्युत र्ररयोजनाओं में सहयोग में िषब दर िषब िृवि हुइ है और यह भूटान की प्रमुख
वनयाबत मद तथा ईसके राजस्ि के एक प्रमुख स्रोत के रूर् में ईभरा है। जल विद्युत् संबंध भारत को उजाब संकट से वनर्टने और भूटान
की ऄथबव्यिस्था के विकास में सहायक वसि हुए हैं।
o भूटान में भारतीय सहायता से विकवसत तीन जलविद्युत र्ररयोजनाओं यथा-1020 मेगािाट की ताल जलविद्युत र्ररयोजना, 336
मेगािाट की चूखा जलविद्युत र्ररयोजना, 60 मेगािाट की कु ररचू जलविद्युत र्ररयोजना, को र्ूणब दकया जा चुका हैं।
बदलते र्ररदृश्य
तनाि के माहौल में वमत्रता : हालांदक मैत्री-संवध संबंधों का मुख्य अधार है दकन्तु यह विडंबना है दक भूटान आसे र्ूणबतः सही नहीं मानता
है। यहां तक दक भूटान द्वारा ऄर्ने र्ड़ोस में भारत की वबग ब्रदर की भूवमका को भी र्ूणबतः स्िीकार नहीं दकया जाता है। हालााँदक,
डोकलाम भारत की एक कू टनीवतक जीत थी लेदकन कु छ राजनीवतक विश्लेषकों द्वारा आसे ‘भारत की एक संरक्षक एिं वनयंत्रक राष्ट्र की छवि’
के रूर् में प्रचाररत दकया गया है।
o आसके ऄवतररक्त, राजनीवतक हस्तक्षेर्, व्यिस्था प्रबंधन और अर्खथक दबाि (2013 की नाकाबंदी) भारत के ईद्देश्यों के प्रवत भूटान के
ऄवििास में िृवि करता है।
र्क्षर्ातर्ूणब रणनीवतक दृवष्टकोण: भूटान द्वारा ऄनेक बार भारत र्र वद्वर्क्षीय दृवष्टकोण की तुलना में आं वडया फस्टब (India first) दृवष्टकोण
ऄर्नाने का अरोर् लगाया गया है।
भूटान का अरोर् है दक भूटान भी एक संप्रभु देश है लेदकन भारत द्वारा आस क्षेत्र में ऄवस्थरता ईत्र्न्न होने की वस्थवत में भारत की संप्रभुता
को प्रायः सिाबवधक महत्त्ि ददया जाता है: ईदाहरण के वलए:
o भारत की सिाबवधक तात्कावलक पचता सामान्य रूर् से वत्रकोणीय (राआजंक्शन) क्षेत्र में चीन की बढ़ती घुसर्ै ठ और विशेष रूर् से चुम्बी
घाटी में आसकी भौवतक ईर्वस्थवत है। चुम्बी घाटी, वसलीगुड़ी गवलयारे (वचकन नेक) के ऄत्यवधक वनकट है। चीन को भूटान और ईसके
वििाददत भू-क्षेत्र से र्ुणबतः प्रिेश वमलने की वस्थवत में यह भारत की संप्रभुता के समक्ष खतरा ईत्र्न्न करने के वलए चीन को एक
रणनीवतक बढ़त प्रदान कर सकता है। आसवलए भारत द्वारा डोकलाम के मुद्दे र्र भूटान का समथबन दकया गया।
अगे की राह
भारत को मालदीि सवहत दवक्षणी र्ड़ोसी देशों के साथ सक्रीय एिं राजनवयक रूर् से जुड़ने की अिश्यकता है। राजनीवतक समथबन एिं
जनसामान्य के मध्य भागीदारी में िृवि की जानी चावहए। एक द्वीर्समूह से संबंवधत एक स्ितंत्र विदेश नीवत को भी विकवसत करने की
अिश्यकता है, तादक ईनके साथ व्यिवस्थत ढंग से सहयोग दकया जा सके । आसके ऄवतररक्त, वहन्द महासागर में र्ररिर्खतत होती शवक्त
संरचनाओं का समाधान करने हेतु वत्रर्क्षीय एिं वद्वर्क्षीय सुरक्षा व्यिस्था को र्ुनगबरठत करने की अिश्यकता है।
दोनों देशों द्वारा वमलकर वििास के र्ररिेश में विकवसत सामावजक-अर्खथक विकास समथबक ऄर्ेक्षाकृ त ऄवधक स्थायी वनिेश नीवतयां ,
र्रस्र्र संबंधों के वलए दीघबकावलक लाभ प्रदान कर सकती हैं।
भारत मालदीि के प्रवत ऄर्ने गैर हस्तक्षेर् के दृवष्टकोण को ऄवधक सशक्त कर सकता है, तादक विगत शासन के दौरान घरटत र्ररघटना से
ईत्र्न्न राजनवयक प्रभाि को प्रबंवधत दकया जा सके । आससे भारत को आस क्षेत्र में ऄर्ने प्रवत वििास में िृवि करने तथा क्षेत्र में ऄर्नी वबग
ब्रदर की छवि को सुदढ़ृ करने में सहायता प्राप्त हो सकती है।
2.3. प्रत्यर्बण
(Extradition)
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में, यूनाआटेड ककगडम के न्यायालय ने भारत को भगोड़े विजय माफया का प्रत्यर्बण करने का अदेश ददया है , तादक ईस र्र ईसके वनवष्टक्रय
ककगदफशर एयरलाआं स की समावप्त के र्ररणामस्िरूर् लगे धोखाधड़ी के अरोर् र्र कायबिाही की जा सके ।
र्ृष्ठभूवम
फरार दोवषयों की संख्या में िृवि: िैिीकरण तथा बढ़ी हुइ आं टरकनेवक्टविटी ने हाइ प्रोफ़ाआल मामलों में न्याय प्रदान करने में ईफलेखनीय
ऄिरोध ईत्र्न्न दकए हैं। ऄतः आससे भारत में ऄर्राधी विदेशों में शरण प्राप्त करते हैं तथा आससे ईनके वलए ऄर्ने देश में वगरफ्तारी एिं
ऄवभयोजन से बच र्ाना ऄर्ेक्षाकृ त सरल हो जाता है।
प्रत्यर्बण में न्यूनतम सफलता: भगोड़ों के प्रत्यर्बण में भारत की सफलता दर ऄत्यवधक वनम्न रही है , ऄथाबत प्रत्येक तीन भगोड़ों में से के िल
एक को सफलतार्ूिबक भारत में प्रत्यर्खर्त दकया गया है।
प्रत्यर्बण का महत्ि
न्याय प्रदान करने हेत:ु समय र्र न्याय प्रदान करने तथा वशकायतों का वनिारण करने के वलए विदेशों से ऄर्रावधयों का प्रत्यर्बण अिश्यक
है।
भविष्टय में ऄर्रावधयों के फरार होने की घटनाओं के वनिारण हेत:ु यह ऄर्रावधयों के विरुि एक वनिारक के रूर् में कायब करता है , जो
भारत की न्याय प्रणाली से बचने के वलए र्लायन को एक सरल एिं बेहतर विवध मानते हैं।
र्विम : तुकबमेवनस्तान
3.1 कृ वष ऊण माफी
(Farm Loan Waiver)
सुर्खखयों में क्यों?
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नि वनिाबवचत राज्य सरकारों ने दकसानों के वलए ऊण माफ़ी हेतु विवभन्न र्ैकेजों की घोषणा की है।
आस संबध
ं में ऄन्य जानकारी
कृ वष ऊण माफी: देश भर में कृ वष क्षेत्र में संकट की स्थायी र्ररवस्थवतयों के विद्यमान रहने के कारण दकसानों द्वारा लगातार कृ वष ऊण
माफी की मााँग की जा रही है।
2014 के बाद से ऄब तक अठ राज्यों ने कृ वष ऊण माफ़ दकए हैं तथा हाल ही में चार और राज्यों - राजस्थान, ऄसम, छत्तीसगढ़ और मध्य
प्रदेश ने कृ वष ऊण माफी की घोषणा की है। ऐसे ऊणों का भुगतान राज्य बजट के माध्यम से दकया जाता है।
कृ वष ऊण माफी से जुड़ी समस्याएं
तथा ईसके बाद ऄगले कु छ िषों में वस्थर व्यार्ार नीवत के साथ आसे 100 वबवलयन डॉलर तक र्हुाँचाना।
ऄर्नी वनयाबत बास्के ट तथा वनयाबत गंतव्यों में विविधता लाने के साथ ही शीघ्र नष्ट होने िाले खाद्य र्दाथों र्र ध्यान देते हुए ईच्च मूफय
और मूफय िर्खधत कृ वष वनयाबतों को बढ़ािा देना।
निीन, देशज, जैविक, स्थावनक, र्ारं र्ररक और गैर-र्ारं र्ररक कृ वष ईत्र्ादों के वनयाबत को बढ़ािा देना।
बाजार तक र्हुाँच सुवनवित करने , बाधाओं से वनर्टने और सैवनटरी तथा फाआटोसैवनटरी मुद्दों से वनर्टने के वलए संस्थागत तंत्र प्रदान
करना।
यथासंभि शीघ्रतार्ूिबक िैविक मूफय रृंृंखला के साथ एकीकृ त करके विि कृ वष वनयाबत में भारत की भागीदारी को दोगुना करने का
प्रयास करना।
विदेशी बाजार में वनयाबत के ऄिसरों का लाभ प्राप्त करने वलए दकसानों को सक्षम बनाना।
सभी राज्यों द्वारा ईनके APMC ऄवधवनयम से शीघ्र िराब होने िाले खाद्य र्दाथों को हटाने आत्यादद सवहत
कइ प्रकार के सुधारों के वलए विदेश व्यार्ार महावनदेशालय (DGFT) के क्षेत्रीय कायाबलयों, वनयाबत संिधबन
र्ररषदों, कमोवडटी बोडब और ईद्योग संघों का एक र्क्ष (एडिोके सी फोरम) के रूर् में ईर्योग दकया जाना।
राज्य सरकारों से बड़े र्ैमाने र्र वनयाबत दकए जाने िाले कृ वष ईत्र्ादों के वलए मंडी करों को
मानकीकृ त/तकब संगत बनाने का भी अग्रह दकया जाएगा।
ऄिसंरचना एिं फ़सल कटाइ से र्ूिब और फ़सल कटाइ के बाद की सुविधाएाँ , भंडारण और वितरण, प्रसंस्करण सुविधाएाँ, सड़कें
लॉवजवस्टक्स समथबन और र्त्तनों र्र विि स्तर की वनकासी वबन्दु ऄिंसरचना (एवग़्िट र्ॉआं ट आन्रास्रक्चर) तेज गवत से व्यार्ार की
सुविधा प्रदान करते हैं।
मेगा फू ड र्ाकब , ऄत्याधुवनक र्रीक्षण प्रयोगशालाएाँ और एकीकृ त शीतगृह भंडारण रृंृख
ं ला (कोफड चेन) का
विकास करना।
रणनीवतक रूर् से महत्िर्ूणब क्लस्टरों की र्हचान करना, र्त्तनों र्र शीघ्र िराब होने िाले खाद्य र्दाथों के
वलए 24x7 सीमा शुफक वनकासी के साथ समर्खर्त कृ वष बुवनयादी ढांचे के ऄंतदेशीय र्ररिहन पलक का वनमाबण
करना।
वनयाबत को बढ़ािा देने के वनयाबतों को प्रोत्सावहत करने के वलए विशेष प्रयास करने हेतु कृ वष ईत्र्ादन से संबवं धत महत्िर्ूणब संगठनों को
वलए समग्र दृवष्टकोण सवम्मवलत करना। दकसानों की वनयाबत ईन्मुख प्रौद्योवगकी तक र्हुाँच बनाने तथा वनयाबत संभािनाओं के विषय
में दकसानों के मध्य जागरुकता ईत्र्न्न करने के वलए कृ वष विज्ञान कें द्रों को भी आस कायब में शावमल दकया
जाएगा।
कृ वष-खाद्य ईत्र्ादन और व्यार्ार के सभी र्हलुओं को प्रभािी एिं मानक तरीके से समाविष्टट करने िाली
यूनाआटेड स्टेट्स फू ड एंड िंग एडवमवनस्रे शन (USFDA) / यूनाआटेड स्टेट्स वडर्ाटबमेंट ऑफ एग्रीकफचर
(USDA) और यूरोवर्यन फू ड सेफ्टी ऄथॉररटी (EFSA) जैसी समान प्रकार की एजेंवसयों की ददशा में कायब
करना।
भारतीय ईत्र्ादों द्वारा सामना की जाने िाली सैवनटरी एंड फाआटोसैवनटरी (SPS) और टे क्नोलॉवजकल
तौर र्र विकवसत हो सकें गे वजससे आन िषब 2004-05 तक सरकार द्वारा कु ल 60 AEZs को
समूहों को ऐसे क्षेत्रों से मूफयिधबन, ऄवधसूवचत दकया गया था। 2004 के बाद कोइ नया AEZ
सामान्य सुविधा वनमाबण और ईच्च स्थावर्त नहीं दकया गया है। सभी ऄवधसूवचत AEZs ने ऄर्नी
वनयाबत की सुविधा प्राप्त होगी। 5 िषों की वनयत ऄिवध को र्ूरा कर वलया है और ऄब आन्हें बंद
कर ददया गया है।
क्लस्टर र्र फोकस चुपनदा ईर्ज (ईर्जों) के वलए ब्लॉक स्तर र्र गांिों के क्लस्टर (समूह) के ऄंतगबत समूह ईद्यम (ईद्यमों)
के तौर र्र संर्ूणब मूफय रृंृंखला में छोटे ि मध्यम दकसानों की प्रभािी सहभावगता और संलग्नता के वलए
संस्थागत तंत्र स्थावर्त करना। आससे कृ षक समुदाय को िास्तविक लाभ प्राप्त करने में और संर्ण ू ब मूफय
रृंृंखला के माध्यम से ऄर्नी अय को दोगुना करने में सहायता वमलेगी।
आन क्लस्टरों का सफल कायाबन्ियन होने र्र ये कृ वष वनयाबत क्षेत्रों (AEZs) के तौर र्र विकवसत हो
सकें गे वजससे आन समूहों को ऐसे क्षेत्रों से मूफयिधबन, सामान्य सुविधा वनमाबण और ईच्च वनयाबत की
सुविधा प्राप्त होगी।
मूफयिर्खित वनयाबत को स्िदेशी िस्तुओं के वलए ईत्र्ाद विकास और मूफयिधबन।
बढ़ािा मूफयिर्खधत जैविक ईत्र्ादों को प्रोत्साहन।
o जैविक ईत्र्ादों की माके टटग और ब्रांपडग।
o जैविक और देशज ईत्र्ादों के वलए समान गुणित्ता और र्ैकेपजग मानकों का विकास।
o र्ूिोत्तर क्षेत्रों में जैविक ईत्र्ाद – ‘ऄमूल’ जैसी सहकारी सवमवतयों का विकास।
निीन बाजारों हेतु नए ईत्र्ादों के विकास के वलए ऄनुसध
ं ान एिं विकास गवतविवधयों को प्रोत्साहन।
कौशल विकास।
"ब्रांड आं वडया" का जैविक, मूफयिर्खधत, देशज, GI, क्षेत्र-विवशष्ट और ब्रांडेड ईत्र्ादों के विर्णन के वलए ऄलग-ऄलग वित्त की
विर्णन और संिधबन व्यिस्था करना।
वनयाबत ईन्मुख वनजी वनिेश से होने िाले लाभों में सवम्मवलत हैं: बेहतर गुणित्ता ऄनुर्ालन; वनबाबध लॉवजवस्टक हैंडपलग; सुदरू
गवतविवधयों और बाजारों तक विस्तार अदद।
ऄिसंरचना विकास हेतु यह ईम्मीद की जाती है दक ऄिसंरचना विकास से फोकस राज्यों के कृ वष वनयाबतों को समथबन प्राप्त होगा। आसमें
वनजी वनिेश को
शावमल हैं: र्ैकहाईस, प्रसंस्करण ऄिसंरचना, वनकास पबदु ऄिसंरचना, एयर कागो सुविधाएाँ और विदेश में
अकर्खषत करना
ऄिसंरचना।
इ़ि ऑफ डू आंग वबजनेस (EODB) और वडवजटलीकरण: फामब (खेत) स्तर र्र – कृ षकों के भू-ऄवभलेखों का
वडवजटलीकरण, िावणज्य विभाग में बा़िार असूचना कक्ष और सूचना प्रसार के वलए र्ोटबल, व्यार्ार प्रदक्रयाएं
एिं ईनका सरलीकरण और वशकायत वनिारण कक्ष।
समुद्री प्रोटोकॉल का विकास: दूरस्थ बाजारों के वलए शीघ्र खराब होने िाले ईत्र्ादों के संदभब में समुद्री
प्रोटोकॉल को प्राथवमकता के साथ विकवसत दकया जाना चावहए। शीघ्र खराब होने िाले ईत्र्ादों के वलए जहााँ
समय एक प्रमुख बाधा होती है, िहीं ईनके वनयाबत के वलए एक िांवछत तार्मान र्र विशेष भंडारण, र्ररिहन
और ईवचत हैंडपलग की भी अिश्यकता होती है।
3.3. GM फसलें
(GM Crops)
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में प्रवसि कृ वष िैज्ञावनक एम. एस. स्िामीनाथन द्वारा सह-वलवखत् एक शोध र्त्र में कृ वष ईत्र्ादकता और संधारणीयता को बेहतर
बनाने में GM फसलों की ईर्योवगता को प्रनगतगत दकया गया है।
GM फसलों के विषय में
र्ररभाषा: WHO (विि स्िास््य संगठन) के ऄनुसार, अनुिांवशक रूर् से संशोवधत जीिों (GMOs) से अशय ऐसे जीिों से है वजनमें
अनुिांवशक र्दाथब (DNA) को आस तरह से बदल ददया जाता है वजसे प्राकृ वतक युग्मन और/या प्राकृ वतक र्ुनसंयोजन द्वारा प्राप्त नहीं दकया
जा सकता है। GM जीिों से प्राप्त या GM जीिों का ईर्योग करके प्राप्त दकए जाने िाले खाद्य र्दाथों को GM खाद्य र्दाथब कहा जाता है।
समग्र तकनीकी एिं व्यािसावयक क्षवत {Aggregate Technical and Commercial (AT&C) losses}
यह प्रणाली (वसस्टम) के ऄंदर एनजी आनर्ुट यूवनट्स तथा ईन यूवनट्स वजनके वलए भुगतान संग्रवहत दकया जाता है , के बीच का ऄंतर
है।
आसके दो घटक होते हैं:
o तकनीकी क्षवत: र्ारे षण एिं वितरण प्रणाली में ऄर्ने प्रिाह के दौरान काफी विद्युत व्यथब हो जाती है , वजसे तकनीकी क्षवत कहा
जाता है। भारतीय नेटिकों को देखते हुए यह क्षवत औसतन 8 से 12% की सीमा में रहनी चावहए।
o व्यािसावयक क्षवत: विद्युत की चोरी, मीटटरग संबंधी दोषों, राजस्ि ईगाही के सन्दभब में ईर्भोक्ता रृंेवणयों के दुरुर्योग अदद के
कारण व्यािसावयक क्षवत होती है।
PMUY की ईर्लवब्धयााँ
भारत में LPG की र्ैठ 2014 के 56% से बढ़ कर मइ 2018 में 80% हो गयी।
ऄब तक जारी दकए गए 5.8 करोड़ कनेक्शनों में 3.8 करोड़ SECC सूची से तथा शेष 2 करोड़ बाद में जोड़े गए ऄन्य सात िगों से थे।
आसे विस्ताररत कर आसमें सभी SC/ST र्ररिारों, ऄन्त्योदय ऄन्न योजना (AAY) के लाभार्खथयों, PMAY (ग्रामीण), िनिावसयों, ऄवत
वर्छड़े िगों, टी एंड एक्स-टी गाडबन जनजावतयों (Tea and Ex-Tea Garden Tribes) तथा द्वीर्ों या नदी द्वीर्ों र्र वनिास करने िाले
लोगों को शावमल दकया गया है।
ऄब आस योजना में देश के सभी ग़रीब र्ररिारों को शावमल दकया जाएगा। आसके तहत, नए लाभार्खथयों में िे शावमल होंगे वजनके र्ास
राशन काडब तथा अधार काडब दोनों ईर्लब्ध हों तथा जो स्ि-घोषणा के माध्यम से स्ियं की वनधबन के रूर् में र्हचान करें ।
PMUY के बारे में
आसका ईद्देश्य िषब 2020 तक BPL र्ररिारों की मवहलाओं को मुफ्त में 8 करोड़ LPG कनेक्शन प्रदान करना है।
आस शतब के ऄधीन दक र्ररिार के दकसी भी सदस्य के नाम र्र कोइ LPG कनेक्शन न हो, 1600 रुर्ये की वित्तीय सहायता के साथ LPG
कनेक्शन BPL र्ररिार की ियस्क मवहला के नाम र्र जारी दकया जाता है।
ईर्भोक्ताओं को EMI (शून्य ब्याज) र्र गैस स्टोि खरीदने और ररदफल कराने का विकफर् ईर्लब्ध होगा, वजसे लाभाथी को वमलने िाली
LPG सवब्सडी से िसूल दकया जाएगा।
ऄंगीकरण में अने िाली चुनौवतयां
समग्र लागत: ऄवधकांश राज्यों ने आस योजना को ऄर्नाने में प्रारं वभक ईच्च लागत को एक प्रमुख ऄिरोधक बताया है। आसी प्रकार,
ररदफपलग चरण में सरकार द्वारा सहायता न देना शहरी क्षेत्रों में गरीबों को ऄमीरों से ऄवधक भुगतान करने के वलए वििश करता है।
लंबी प्रतीक्षा ऄिवध और ऄर्याबप्त LPG वितरण कें द्र: वितरकों की संख्या का सदक्रय LPG ईर्भोक्ताओं की बढ़ती संख्या के साथ तालमेल
नहीं है। ईदाहरण के वलए, 2016-2018 के बीच, LPG ईर्भोक्ताओं की कु ल संख्या में 31 प्रवतशत की िृवि हुइ, जबदक वितरकों की कु ल
संख्या में 9 प्रवतशत की ही िृवि हुइ।
सूचना ऄंतराल: PMUY कनेक्शन र्र अंकड़े के िल राज्य स्तर र्र प्रदान दकए जाते हैं और वजलेिार र्ृथक अंकड़े ईर्लब्ध नहीं है।
आसवलए यह वनष्टकषब वनकालना करठन है दक र्ररिार खाना र्काने के वलए ठोस ईंधन के ईर्योग से दूर हट रहे हैं। ईनका संभितः ऄन्य
ईद्देश्यों के वलए ईर्योग दकया जा रहा है।
भारत में र्ारदर्खशता के साथ कोयले के दोहन और अिंटन संबंधी योजना (SHAKTI) नीवत
2017 में ऄंगीकृ त यह नीवत तार् विद्युत संयंत्रों को कोयला अिंरटत करने की नइ नीवत है।
राज्य/कें द्रीय विद्युत संयंत्रों को विद्युत मंत्रालय की ऄनुशंसाओं के अधार र्र कोयला पलके ज प्राप्त होगा।
वनजी ईत्र्ादकों को नीलामी के अधार र्र कोयला पलके ज प्राप्त होगा।
ईर्युबक्त वनयम ऑनलाआन माके टप्लेस के र्ररचालनों र्र 2017 के र्ररर्त्र में वनधाबररत कु छ वसिांतों की व्याख्या करते हैं, वजनमें स्िचावलत
मागब के माध्यम से 100% प्रत्यक्ष विदेशी वनिेश की ऄनुमवत है। आस र्ररर्त्र में चचाब के कु छ ऄन्य पबदु आस प्रकार थे:
माके टप्लेस मॉडल का कायबक्षत्र
े : इ-माके टप्लेस में भण्डारण, संभरण, अदेश र्ूर्खत, कॉल सेंटर, भुगतान संग्रह अदद सवम्मवलत होगा।
o आस कदम का ईद्देश्य इ-कॉमसब व्यिसाय में नि प्रिेशकों / छोटे वखलावड़यों को लाना है।
o आससे कायाबलय र्ररसर, गोदाम और संभरण-तंत्र की अिश्यकता भी बढ़ेगी, वजससे ऄचल संर्वत्त व्यिसाय को बढ़ािा वमलेगा।
o आससे ऄिैध भंडारण के माध्यम से की जाने िाल कर चोरी की भी रोकथाम होगी।
प्रीडेटरी प्राआपसग: प्रीडेटरी प्राआपसग (आसके तहत प्रभािशाली कताबओं द्वारा आस सीमा तक कीमतों को कम दकया जाता है दक ऄन्य कताब
बाहर हो जाएं) प्रवतस्र्िाब ऄवधवनयम, 2002 के ऄंतगबत एक प्रवतस्र्िाब विरोधी ऄभ्यास है। सरकार इ-कॉमसब कं र्वनयों द्वारा दी गइ छू ट
की जांच करने के वलए एक वनयामक वनयुक्त करे गी, तादक िे ईत्र्ादों को बाजार कीमतों से नीचे न बेचें और FDI मानदंडों का ऄनुर्ालन
करें ।
एकल विक्रेता द्वारा वबक्री र्र 25% तक की सीमा (उर्र िर्खणत दकया गया है)।
प्रभाि
इ-कॉमसब कं र्वनयां:
o ऄवधकांश इ-कॉमसब फमें ऐसे विक्रेताओं से िस्तुएं मंगाती हैं जो तृतीय र्क्ष आकाआयों से संबंवधत होते हैं। जैसे - वफ्लर्काटब की कु ल वबक्री
में WS ररटेल का योगदान 35-40% है। ऄमे़िन र्र र्ररचालन करने िाली सबसे बड़ी खुदरा कं र्नी क्लाईडटे ल आं वडया की ऄर्नी
3.9. एंजल
े टैक्स
(Angel Tax)
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में कइ स्टाटब -ऄप्स ने दकसी आकाइ (एंरटटी) द्वारा प्राप्त फं ड र्र कराधान का प्रािधान करने िाली अयकर ऄवधवनयम की धारा 56 (2)
के ऄंतगबत ईन्हें भेजे गए 'एंजेल टैक्स' नोरटस के बाद एंजेल फं ड के कराधान के संबंध में पचता जताइ है।
संबवं धत त्य
र्हले, ऄप्रैल में सरकार ने स्टाटब -ऄप्स को कर ररयायत का लाभ ईठाने की ऄनुमवत प्रदान कर ईन्हें कु छ राहत प्रदान की थी। आसके
वलए शतब यह थी दक एंजेल वनिेशकों से वित्त-र्ोषण सवहत कु ल वनिेश (अठ-सदस्यीय ऄंतर-मंत्रालयी बोडब से ऄनुमोदन के साथ) 10
करोड़ रुर्ये से ऄवधक न हो।
आसके ऄवतररक्त, स्टाटबऄर् में शेयर (स्टेक) खरीदने िाले दकसी एंजेल वनिेशक का न्यूनतम वनिल मूफय (नेट िथब) 2 करोड़ रुर्ये होना
चावहए या र्ूिबिती तीन वित्तीय िषों में ईसकी घोवषत अय प्रत्येक िषब के वलए औसतन 25 लाख रुर्ये से ऄवधक होनी चावहए।
स्टाटबऄर् संस्थार्कों के वलए ईद्यम र्ूज
ाँ ी (िेंचर कै वर्टल) फमें और विदेशी वनिेशक भी फं ड्स के प्रमुख स्रोत हैं। आन दोनों फं ड्स को आस
कर से छू ट प्राप्त है।
एंजेल वनिेशक
ये ऄवधकांशत: ईच्च नेट िथब िाले और साधारणतया व्यार्ार का ऄनुभि रखने िाले वनजी व्यवक्त होते हैं , जो नए व्यिसायों और
प्रगवतशील ऄनकोटेड व्यिसायों (ऐसी गैर-सूचीबि कं र्वनयााँ वजनके द्वारा जारी दकये गए शेयरों का रेड ऄब स्टॉक एक्सचेंज में न
होता हो) में ऄर्नी व्यवक्तगत र्ररसंर्वत्त के कु छ वहस्से का प्रत्यक्ष वनिेश करते हैं।
एंजेल वनिेश सामान्यतया स्टाटबऄर् कं र्वनयों में दकया गया सिाबवधक प्रारं वभक आदक्वटी वनिेश होता है।
र्ृष्ठभूवम
िषब 2015 में सरकार ने देश की GDP की गणना के वलए एक नइ र्िवत ऄर्नायी।
o अर्खथक गवतविवधयों का बेहतर ऄनुमान लगाने के वलए सकल मूफय िर्खधत (Gross Value Added: GVA) मार् को ऄर्नाया गया।
o आस र्ररितबन में गणना हेतु प्रयुक्त अधार िषब को र्ूिबिती 2004-05 से बढ़ाकर 2011-12 करना भी सवम्मवलत था।
हालांदक आसके कारण हाल के अंकड़ों की 2011-12 से र्ूिबिती िषों से तुलना कर र्ाने में सक्षम न होने की समस्या भी ईत्र्न्न हुइ। जारी
दकए गए र्ूिबिती रृंृंखला के अंकड़े िस्तुतः नइ गणना र्िवत र्र अधाररत विगत िषों के अंकड़े प्रदान करते हैं।
नए अंकड़ों की मुख्य विशेषताएं
र्ूिबिती धारणा के विर्रीत, नए अंकड़े यह प्रदर्खशत करते हैं दक वर्छले एक दशक या ईसके असर्ास के समय के दौरान भारतीय
ऄथबव्यिस्था कभी भी 9% से ऄवधक के 'ईच्च संिवृ ि' चरण से अगे नहीं बढ़ी है।
यह भी आं वगत दकया गया है दक नए अंकड़े, विशेष रूर् से खनन और विवनमाबण क्षेत्रकों से संबंवधत अंकड़े, यह दशाबते हैं दक भारत िैविक
वित्तीय संकट से ईतनी शीघ्रता से बाहर नहीं वनकल र्ाया था जैसा दक ऄभी तक समझा जा रहा था।
MCA-21 डाटाबेस
यह इ-गिनेंस संबंधी एक र्हल है वजसे िषब 2006 में अरं भ दकया गया था। यह राष्ट्रीय खातों की गणना करने के वलए फमों को ईनके
वित्तीय र्ररणामों को आलेक्रॉवनक रूर् से दजब करने तथा कॉर्ोरे ट खातों की ऄवग्रम फाआपलग करने की ऄनुमवत प्रदान करता है।
यह ऄवधक सूक्ष्म दृवष्टकोण ऄर्नाने की सुविधा प्रदान करता है , जैसे- प्रत्येक कं र्नी के तुलन-र्त्र के अंकड़ों र्र ध्यान देना और ईसमें
मुद्रास्फीवत का समायोजन करने के बाद ईस क्षेत्रक के प्रदशबन की समग्र गणना प्राप्त करना।
आसमें औद्योवगक ईत्र्ादन सूचकांक (IIP) का िॉफयूम आं डेक्स और ईद्योगों के िार्खषक सिेक्षण (एनुऄल सिे ऑफ आं डस्रीज: ASI) का
प्रवतष्ठान-अधाररत डाटासेट भी सवम्मवलत हैं।
नए अंकड़ों से जुड़े मुद्दे
र्ूिब वनष्टकषों से ऄंतर: र्ूिबिती रृंृख
ं ला के नए अंकड़े राष्ट्रीय सांवख्यकी अयोग द्वारा ऄगस्त 2018 में जारी प्रारूर्-प्रवतिेदन (िंाफ्ट ररर्ोटब)
में दकए गए ऄनुमानों से विचलन दशाबते हैं। आसका स्र्ष्ट ईदाहरण कृ वष है, जहााँ दकसी नए डाटाबेस का ईर्योग नहीं दकया गया है एिं
मूफय, ईत्र्ादन और आनर्ुट संबंवधत सभी अंकड़े र्ुराने डाटासेट (अंकड़ों के समुच्चय) र्र ही अधाररत हैं।
डाटासेट एिं ईनके स्थानार्न्नों (प्रॉक्सी) की र्याबप्त व्याख्या ईर्लब्ध नहीं है: डाटासेट एिं ईनके स्थानार्न्नों का चयन करने के अधार की
र्याबप्त व्याख्या ईर्लब्ध नहीं है, विशेष रूर् से ऐसे डाटासेट जो 2011-12 से र्हले विद्यमान नहीं थे। यवद्यर् CSO द्वारा जारी दकये गये
अंकड़ऺों में कइ स्थानार्न्नों के ईर्योग का ईफलेख दकया गया है लेदकन ईनमें ये वििरण नहीं प्रदान दकए गए हैं दक ऄन्य डाटासेट के स्थान
र्र ईनके चयन को िरीयता क्यों प्रदान की गइ है।
वििसनीयता र्र संदेह: सांवख्यकी और कायबक्रम कायाबन्ियन मंत्रालय (MoSPI) के तहत अने िाले CSO के सांवख्यकीय अंकड़े जारी
करने के कायब का दावयत्ि ऄर्नाने हेतु नीवत अयोग की भूवमका र्र प्रश्न ईठाए गए हैं।
नए प्रस्ताि का प्रभाि
NPS के तहत शावमल दकये गए कें द्र सरकार के सभी कमबचाररयों की ऄंवतम संवचत रावश में बढ़ोतरी।
सेिावनिृवत्त के बाद कमबचारी र्र वबना दकसी ऄवतररक्त बोझ के ईसे ऄर्ेक्षाकृ त ऄवधक र्ेंशन ऄदायगी।
NPS के तहत किर दकये गए कें द्र सरकार के लगभग 18 लाख कमबचाररयों को लाभ।
बढ़ती जीिन प्रत्याशा के अलोक में िृिािस्था सुरक्षा में िृवि।
NPS को और ऄवधक अकषबक बनाने से सरकार के वलए सिबरृंेष्ठ प्रवतभा को अकर्खषत करना और ईसे बनाए रखना सरल होगा।
सरकार के ऄवभदान (ऄंशदान) में बढ़ोतरी NPS को र्ुरानी प्रणाली के ऄंतगबत वनधाबररत र्ेंशन की तुलना में बेहतर बनाएगी।
ईफलेखनीय है दक र्ुरानी र्ेंशन प्रणाली के तहत र्ेंशनभोगी को ऄंवतम अहररत िेतन का 50% वमलता था।
NPS से संबवं धत पचताएं
राजकोषीय रूर् से ऄत्यवधक लागत िाला सुधार: आसके कारण वित्तीय िषब 2019-20 के वलए सरकारी कोष र्र लगभग 2,840 करोड़
रुर्ए का भार र्ड़ने का ऄनुमान है और आसकी प्रकृ वत बारम्बार होने िाले व्यय की होगी।
र्क्षर्ातर्ूण:ब एक ही र्ीढ़ी के ऄंतगबत, सरकार नए कमबचाररयों हेतु ऄंशदान का भुगतान कर रही है और र्हले वनयोवजत दकए जा चुके
लोगों को र्ेंशन का भुगतान कर रही है। 1 जनिरी 2004 से र्हले वनयोवजत दकए जा चुके कमबचाररयों को NPS योजना का लाभ प्राप्त
नहीं हो र्ाएगा। आस प्रकार यह कमबचाररयों के प्रवत भेदभािर्ूणब रिैया प्रदर्खशत करने िाला कदम होगा।
तुलन-र्त्र बाह्य देयताएाँ (Off balance sheet Liabilities): ये समस्याएं भारत की तुलन-र्त्र बाह्य देयताओं के व्यार्क प्रश्न के संदभब
में ईभरती हैं। NPS की कफर्ना कम लागत िाले और वबना तामझाम िाले बाजार से जुड़े ईत्र्ाद के रूर् में की जाती है।
के स स्टडी- ऄमेररका में वप्रज़्म वनगरानी कायबक्रम (PRISM surveillance program in the US)
2013 में NSA के र्ूिब-कॉन्रैक्टर और वव्हसलब्लोऄर एडिडब स्नोडेन द्वारा ऄमेररकी सरकार द्वारा वनजी संचार की औद्योवगक-स्तरीय
वनगरानी का प्रकटीकरण दकया गया। आसे अवधकाररक तौर र्र वप्रज्म र्ररयोजना के रूर् में जाना जाता है।
ऄमेररकी वनगरानी कायबक्रम की एक विशेषता "टेलीफोनी मेटाडेटा संग्रह" थी, वजसमें फोन र्र हुए संिाद की िास्तविक सामग्री को
छोड़कर कॉल के शेष सभी वििरणों (वजसमें नंबर, कॉल की ऄिवध, समय आत्यादद शावमल हैं) को आं टरसेप्ट दकया गया और नेशनल
वसक्योररटी एजेंसी द्वारा ऄनुरवक्षत डेटाबेस में संगृहीत दकया गया।
NSA वनगरानी को ऄमेररकी वसविल वलबटीज यूवनयन बनाम जेम्स क्लैर्र (2013) के स में िैधावनक और संिैधावनक अधार र्र
चुनौती दी गइ।
ऄर्ीलीय न्यायालय ने र्ाया दक ईन 50 से ऄवधक ईदाहरणों में वजनमें अतंकिादी हमलों को रोका गया था, एक को भी रोकने के
वलए NSA के वनगरानी शासन से एकत्र सामग्री का सफल प्रयोग नहीं हुअ था। ऄर्ीलीय न्यायालय ने स्र्ष्ट दकया दक मेटाडेटा की
'अियबजनक मात्रा' का संग्रह र्ैररयट एक्ट की धारा 215 के युवक्तयुक्तता संबंधी खंड को संतुष्ट नहीं करता है और दकसी व्यवक्त की
ऄवभव्यवक्त र्र आसका वनषेधात्मक प्रभाि र्ड़ता है।
4.4. संयक्त
ु राष्ट्र िैविक अतंकिाद-विरोधी समन्िय समझौता
(UN Global Counter-Terrorism Coordination Compact)
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र ने "संयुक्त राष्ट्र िैविक अतंकिाद-विरोधी समन्िय समझौते" के एक नए रे मिकब का ऄनािरण दकया है।
संयुक्त राष्ट्र िैविक अतंकिाद-विरोधी समन्िय समझौते के बारे में
यह संयुक्त राष्ट्र प्रमुख, 36 संगठनात्मक संस्थाओं, ऄंतरराष्ट्रीय अर्रावधक र्ुवलस संगठन (INTERPOL) और विि सीमा शुफक संगठन के
मध्य एक समझौता है। आसका ईद्देश्य ऄंतरराष्ट्रीय अतंकिाद की समस्या से वनर्टने के वलए सदस्य देशों की अिश्यकताओं को बेहतर ढंग
र्ूरा करना है।
ईद्देश्य
o यह सुवनवित करना दक संयुक्त राष्ट्र प्रणाली संयक्त ु राष्ट्र िैविक अतंकिाद-विरोधी रणनीवत और ऄन्य प्रासंवगक प्रस्तािों को लागू
करने के वलए सदस्य देशों को ईनके ऄनुरोध र्र समवन्ित क्षमता-वनमाबण सहायता प्रदान करती है।
o सुरक्षा र्ररषद के ऄवधदेवशत वनकायों और संयुक्त राष्ट्र की ऄन्य प्रणावलयों के मध्य घवनष्ठ सहयोग को बढ़ािा प्रदान करना।
आस रे मिकब के कायाबन्ियन की देखरे ख और वनगरानी संयुक्त राष्ट्र िैविक अतंकिाद-विरोधी समन्िय सवमवत करे गी। आस सवमवत की
ऄध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र के अतंकिाद-विरोधी कायाबलय के ऄिर-महासवचि करें गे।
o यह अतंकिाद-विरोधी कायाबन्ियन कायबबल का स्थान लेगी। आस कायबबल की स्थार्ना िषब 2005 में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के व्यार्क
समन्िय और अतंकिाद-विरोधी प्रयासों के सामंजस्य को सुदढ़ृ करने के वलए की गइ थी।
अतंकिाद-विरोधी िैविक समझौते की अिश्यकता क्यों है?
समन्िय: आसमें शावमल ऄवभकताबओं की संख्या, अतंकिाद-विरोधी कायब की व्यार्कता और ईर्लब्ध सीवमत संसाधनों के अलोक में प्रभािी
समन्िय महत्िर्ूणब है।
वछदद्रल सीमाएं: हाल के िषों में ऐसे अतंकिादी नेटिकब विकवसत हुए हैं जो राज्य प्रायोजन र्र वनभबरता से र्रे हैं। कइ सबसे खतरनाक
समूह और व्यवक्त ितबमान में गैर-राज्य ऄवभकताबओं के रूर् में कायब कर रहे हैं। वछदद्रल सीमाओं और ऄन्तर-सम्बवन्धत ऄंतरराष्ट्रीय
प्रणावलयों (वित्त, संचार और र्ारगमन) का लाभ ईठाते हुए अतंकिादी समूह विि में दकसी भी स्थान से कायब कर सकते हैं।
अतंकिादी खतरों को वनयंवत्रत करने के वलए देशों की ऄक्षमता: बहुर्क्षीय र्हल संस्थानों और कायबक्रमों के वनमाबण के वलए राज्य की
क्षमता को बढ़ाती है। यह बढ़ी हुइ क्षमता गवतविवधयों की एक र्ूरी रृंृंखला को सुदढ़ृ बनाने के वलए अिश्यक है वजसमें र्ुवलपसग से लेकर
काईं टर रे वडकलाआजेशन कायबक्रम तक शावमल हैं।
ईभरती चुनौवतयां: ईभरती तकनीकों जैसे- कृ वत्रम बुविमत्ता (AI), िंोन और 3-D (वत्र-अयामी) मुद्रण के दुरुर्योग तथा साथ ही ऄवतिादी
और अतंकिादी समूहों द्वारा हेट स्र्ीच के ईर्योग और धार्खमक वििासों के विरूर्ण के विरुि सतकब ता।
"दोहरी गणना (Double counting)" का ऄथब है दक ऄर्नी ईत्सजबन सूची की ररर्ोर्टटग करते समय एक बार मूल देश द्वारा ‘ईत्सजबन कटौती’
की गणना करना तथा ऄर्ने संकवफर्त जलिायु प्रयास से ऄवधक मात्रा में दकए गए ईत्सजबन को सामान्यतः ‘ऑफसेटटग’ प्रािधानों के माध्यम से
ईवचत बताते समय प्राप्तकताब देश (या ऄन्य आकाइ) द्वारा र्ुनः आसकी गणना करना।
दोहरी गणना हेतु व्यार्ार की ऄनुमवत प्रदान करने का ऄथब है दक िास्तविकता में ररर्ोटब की गइ कोइ भी ईत्सजबन कटौती प्राप्त नहीं की गइ है।
सस्टेनब
े ल डेिलर्मेंट मैकेवनज्म (SDM) एिं क्लीन डेिलर्मेंट मैकेवनज्म (CDM) के मध्य ऄर्ेवक्षत अधारभूत ऄंतर
सस्टेनब
े ल डेिलर्मेंट मैकेवनज्म (SDM) क्लीन डेिलर्मेंट मैकेवनज्म (CDM)
आसमें समग्र ईत्सजबन में कटौती / शुि शमन (net आनकी स्थार्ना शुि ऑफसेटटग तंत्र के रूर् में की गइ थी। यह ईत्सजबनों में कटौती
नहीं बवफक ईन्हें स्थानांतररत करने र्र अधाररत है।
mitigation) में योगदान र्र बल ददया जाना चावहए।
आसके ऄंतगबत र्ेररस समझौते के तहत सभी देशों हेतु यह क्योटो प्रोटोकॉल र्र अधाररत है, वजसके ऄंतगबत विकासशील देशों के वलए
वनधाबररत शमन लक्ष्यों के साथ-साथ ईनकी प्रगवत का कटौती का कोइ लक्ष्य वनधाबररत नहीं दकया गया था और न ही भािी जलिायु
सुस्र्ष्ट ररकॉडब रखना ऄवनिायब बनाया जाना चावहए। प्रवतबिताओं को सवम्मवलत दकया गया था।
आसमें र्ररिर्खतत होती न्यून ईत्सजबन प्रौद्योवगकी एिं नीवत आसमें कइ ऐसी र्ररयोजनाओं को भी क्रेवडट प्रदान दकया गया वजनमें ईत्सजबन को
र्ररर्ेक्ष्य को प्रवतपबवबत तथा दक्रयावन्ित दकया जाना कम करने के वलए दकसी भी प्रकार के ऄवतररक्त प्रयास नहीं दकये गए थे ऄथाबत् जो
चावहए र्ररयोजनाएं नॉन-एवडशनल प्रोजेक्ट (non-additional project) की रृंेणी में
अती हैं।
आसे िास्तविक, मार्न योग्य तथा दीघबकावलक शमन एिं सतत विकास में आसका योगदान संदह
े ास्र्द है यहााँ तक दक जीिाश्म ईंधन के
सतत विकास में योगदान देने िाला होना चावहए तादक ईर्योग को सीवमत करने के संदभब में भी।
जलिायु वित्त ररर्ोर्टटग (Climate finance reporting): विकवसत देशों द्वारा वद्विार्खषक रूर् से कायबक्रमों के संबंध में वनदेशक मात्रात्मक
और गुणात्मक सूचना को संप्रेवषत दकया जाएगा, वजसमें विकासशील देशों को ईर्लब्ध कराए जाने िाले ईर्लब्ध सािबजवनक वित्तीय
संसाधनों के रूर् में ऄनुमावनत स्तर, चैनल और ईर्करण शावमल हैं। संसाधन प्रदान करने िाले ऄन्य र्क्षकारों को आस प्रकार की सूचना को
स्िैवच्छक अधार र्र वद्विार्खषक रूर् से संप्रेवषत करने के वलए प्रोत्सावहत दकया जाता है।
o UNFCCC सवचिालय द्वारा वद्विार्खषक संचार को र्ोस्ट करने और ररकॉर्जडग करने हेतु एक समर्खर्त ऑनलाआन र्ोटबल की स्थार्ना ।
ग्लोबल स्टॉक-टेक: र्ेररस समझौते में अिवधक रूर् से र्ेररस समझौते के कायाबन्ियन की समीक्षा करने और समझौते के ईद्देश्य एिं ईसके
दीघबकावलक लक्ष्यों को प्राप्त करने की ददशा में की गयी सामूवहक प्रगवत का अकलन करना CMA (र्ेररस समझौते के वलए र्क्षकारों के
सम्मलेन के रूर् में कायब करने िाला COP) के वलए अिश्यक बनाया गया है। आस प्रदक्रया को ग्लोबल स्टॉक-टेक कहा जाता है।
o आन वनयमों ने स्टॉक-टेक प्रदक्रया के वलए संरचना वनधाबररत की, वजसे तीन चरणों में विभावजत दकया जाना है: सूचना संग्रह, तकनीकी
अकलन और अईटर्ुट र्र विचार करना।
र्ारदर्खशता: र्ारदर्खशता ढांचे का ईद्देश्य र्ेररस कन्िेंशन के ईद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जलिायु र्ररितबन कारब िाइ की स्र्ष्ट समझ प्रदान
करना है। आसमें ग्लोबल स्टॉक-टेक के संबंध में सूचना ईर्लब्ध कराने हेतु सिोत्तम प्रथाओं को ऄर्नाने और ऄंतरालों सवहत र्क्षकारों के
व्यवक्तगत NDCs की प्रावप्त तथा र्क्षकारों की ऄनुकूलन कायबिाइयों की ददशा में प्रगवत की स्र्ष्टता और वनगरानी सवम्मवलत है।
आसके ऄवतररक्त, यह जलिायु र्ररितबन कारब िाइ के संदभब में प्रासंवगक व्यवक्तगत र्क्षकारों द्वारा प्रदान और प्राप्त दकए गए समथबन के संबंध
में स्र्ष्टता प्रदान करता है तथा यथासंभि, ग्लोबल स्टॉकटे क को सूवचत करने के वलए प्रदान की गइ कु ल वित्तीय सहायता का समग्र
ऄिलोकन प्रदान करता है।
o ऄंवतम वनयम-र्ुवस्तका, सभी देशों के वलए वनयमों का एक समुच्चय लागू करती है। हालांदक यह "वजन विकासशील देशों को ईनकी
क्षमता को ध्यान में रखते हुए कु छ लचीलेर्न की अिश्यकता है" ईन्हें लचीलार्न प्रदान करते हुए CBDR-RC वसिांत को भी
र्ररलवक्षत करती है।
लॉस एंड डैमज
े (हावन और क्षवत): जलिायु र्ररितबन के ऄर्ररहायब प्रभािों के कारण होने िाली हावन एिं क्षवत के प्रवत सुभेद्य देशों (जैसे -
छोटे द्वीर्ीय विकासशील राष्टर) के वलए सबसे संिेदनशील मुद्दा था। वनयमािली में आस मुद्दे का ईफलेख दकया गया है , हालांदक आसे
र्ररिर्खतत रूर् में प्रस्तुत दकया गया है।
o ग्लोबल स्टॉक-टेक वनयम हावन और क्षवत संबध
ं ी खण्ड का समािेश करते हैं। आन स्टॉक-टेक वनयमों के ऄनुसार "जलिायु र्ररितबन के
प्रवतकू ल प्रभािों से संबंवधत क्षवत और हावन को रोकने , कम करने और समाधान करने के प्रयासों र्र यथोवचत ध्यान ददया जा सकता
है"।
o र्ारदर्खशता वनयमों के ऄनुसार देशों द्वारा, क्षवत और हावन के संबंध में यथोवचत ररर्ोटब प्रस्तुत की जा सकती है।
गैर-दंडात्मक" हो। आसके द्वारा दंड या प्रवतबंध का अरोर्ण नहीं दकया जायेगा। सवमवत ईन देशों की जांच करने में सक्षम होगी जो
को बढ़ाने के प्रयासों में तालानोअ डायलॉग के र्ररणामों र्र "विचार" करने के वलए "अमंवत्रत" दकया गया।
o यह 2020 से र्ूिब कायाबन्ियन और महत्िाकांक्षा र्र 2018 के स्टॉक-टेक का "स्िागत" भी करता है और ऄगले िषब एक और स्टॉकटेक
थी) के संबंध में COP द्वारा विकवसत देशों से दोहा संशोधन की र्ुवष्ट करने का अह्िान दकया गया था तादक आसे लागू दकया जा सके । आससे
COP भी 2020 तक वनधबन देशों के वलए संयुक्त रूर् से जलिायु वित्त हेतु $ 100 वबवलयन प्रवतिषब जुटाने की प्रवतज्ञा के ऄनुरूर् वित्तीय
सहायता प्रदान करने हेतु विकवसत देशों से “दृढ़तार्ूिबक अग्रह” करता है। यह स्िीकार करता है दक "तत्काल और र्याबप्त रूर् से ईर्लब्ध
वित्त" विकासशील देशों को ऄर्नी प्री-2020 कारब िाइ में िृवि करने में सहायता करे गा।
IPCC 1.5°C ररर्ोटब का 'स्िागत': यद्यवर् ऄवधकांश देशों ने ररर्ोटब के र्क्ष में ऄर्ना मत ऄवभव्यक्त दकया है, दकन्तु चार देशों (ऄमेररका,
सउदी ऄरब, रूस और कु िैत) द्वारा ररर्ोटब को ऄस्िीकृ त दकया गया है। COP ने आसके "समय र्र र्ूणब होने" का स्िागत दकया और देशों
को UNFCCC में अगामी चचाबओं में ररर्ोटब का ईर्योग करने के वलए "अमंवत्रत दकया"।
र्ररणामों का विश्लेषण
विकवसत देशों द्वारा वित्त प्रदान करना: विकवसत देशों द्वारा वित्तीय ऄंशदान संबंधी वनयमों को र्ररिर्खतत कर ददया गया है, वजसके
o र्ूिाबनुमावनत वित्तीय ररर्ोर्टटग तथा र्याबप्तता हेतु आसकी समीक्षा से संबंवधत वनयमों को ऄत्यवधक कम़िोर बना ददया गया है।
o विकवसत देशों के र्ास ऄब यह वनधाबररत करने की स्ितंत्रता है दक िे विकासशील देशों को दकस प्रकार की रावश तथा वित्तीय सहायता
प्रदान करना चाहते हैं तथा ऐसा िे दकसी भी प्रकार की जिाबदेही की सुदढ़ृ व्यिस्था के वबना ही कर सकते हैं।
क्षवत तथा हावन: जलिायु र्ररितबन के विर्रीत र्ररणामों से सम्बि क्षवत तथा हावन को रोकने , कम करने तथा ईनसे वनर्टने हेतु वनर्खमत
िारसॉ आं टरनेशनल मैकेवनज्म के ऄंतगबत सुभेद्य देशों की सहायता हेतु कोइ वित्तीय साधन विद्यमान नहीं हैं। वित्तीय प्रािधानों के ऄभाि में,
जलिायु र्ररितबन के प्रभािों को दूर करने हेतु ऄब देशों को ईनकी स्ियं की क्षमता र्र छोड़ ददया गया है।
ग्लोबल स्टॉकटे क (GST):
o GST हेतु गैर-नीवत वनधाबरक वनयमािली के कारण यह सुवनवित होता है दक यह प्रदक्रया न तो दकसी देश विशेष को न ही दकसी देश-
समूह को यह ऄनुशस
ं ा प्रदान करे गी और न ही दकसी को कोइ वनदेशात्मक नीवत प्रदान करे गी। आसके र्ररणामस्िरूर् शमन या वित्तीय
र्ोषण संबंधी महत्िाकांक्षा में िृवि की दकसी स्र्ष्ट ऄनुशंसा के वबना ऄत्यवधक तकनीकी जानकारी प्राप्त हो र्ाएगी।
o आसके ऄवतररक्त, आसमें आदक्वटी की चचाब की गयी है दकन्तु आसके संचालन की कोइ व्यिस्था नहीं है।
o िन एिं भूवम से ईत्सजबन कम करने तथा काबबन पसक में िृवि करने हेतु गैर-बा़िार तंत्र (र्ेररस समझौता का ईर्-ऄनुच्छेद 6.8) के
वभन्न-वभन्न वनयम विद्यमान हैं, जो ऄर्ारदशी हैं और आस प्रकार ईत्सजबन में कमी का सत्यार्न नहीं हो र्ाता है। ईन क्षेत्रकों में रेपडग
की ऄनुमवत प्राप्त है जो देश के ईत्सजबन लक्ष्य के ऄंतगबत शावमल नहीं हैं। यह समग्र शमन प्रभािों को कमजोर बनाएगा।
o देश ऄर्नी क्षमता र्र वनभबर: र्ेररस समझौते के ऄंतगबत बॉटम-ऄर् तथा टॉर्-डाईन दोनों ही वसिांत शावमल हैं। ऄवधकााँश टॉर्-डाईन
वसिांत को वनयम-र्ुवस्तका में कम़िोर कर ददया गया है। र्ेररस समझौता तथा वनयम-र्ुवस्तका ऄब र्ूणब रूर् से एक ‘स्ि-वनधाबररत’
प्रदक्रया है। ऄब देश जलिायु प्रभािों की लागत का भुगतान, शमन एिं ऄनुकूलन स्ियं की क्षमता के अधार र्र करते हैं।
5.2. भारत द्वारा जैि विविधता कन्िेंशन (CBD) को छठी राष्टरीय ररर्ोटब की प्रस्तुवत
हाल ही में, भारत द्वारा जैि विविधता कन्िेंशन (CBD) को छठी राष्टरीय ररर्ोटब (NR6) प्रस्तुत की गइ।
NR6, 20 िैविक अइची जैिविविधता लक्ष्यों के ऄनुरूर्, आस ऄवभसमय के ऄंतगबत विकवसत 12 राष्ट्रीय जैि-विविधता लक्ष्यों (NBT) की
प्रावप्त में होने िाली प्रगवत की जानकारी प्रदान करता है।
आसका लक्ष्य जलिायु र्ररितबन के खतरों सवहत जैि-विविधता तथा र्ाररवस्थवतक तंत्र संबंधी सेिाओं के समक्ष विद्यमान सभी ितरों का
समाधान करना है।
आसका ईद्देश्य जैि-विविधता का संरक्षण, आसके घटकों का रटकाउ ईर्योग तथा अनुिांवशक संसाधनों के ईर्योग से ईत्र्न्न लाभों के
मुख्य वबन्दु
NR6 का लक्ष्य: जैि-विविधता के संरक्षण के वलए दकए गए घरे लू ईर्ायों के संबंध में जानकारी प्रदान करना।
भारत द्वारा दो NBT (6 और 9) लक्ष्यों को प्राप्त दकया गया है, यह 8 NBT लक्ष्यों को प्राप्त करने की ददशा में ऄग्रसर है। आसके साथ ही
िन्यजीि को ितरा: भारत में, आं टरनेशनल यूवनयन फॉर कं जिेशन ऑफ नेचर (IUCN) की कु ल 683 र्शु प्रजावतयााँ दक्ररटकली एनडेंजडब,
एनडेंजडब और िफनरे बल रृंेणी की हैं। ईफलेखनीय है दक 2014 की र्ांचिी राष्ट्रीय ररर्ोटब के ऄनुसार 646 प्रजावतयााँ थी, जबदक आन िगों में
मुख्य विशेषताएं
FSI मानदंडों का सरलीकरण: आस ऄवधसूचना के द्वारा 1991 के विकास वनयंत्रण विवनयम (DCR) स्तर के ऄनुरूर् CRZ, 2011 के
ऄंतगबत फ्लोर स्र्ेस आं डेक्स (FSI) या फ्लोर एररया रे वशयो (FAR) र्र लगाए गए प्रवतबंधों को वशवथल बनाया गया है।
सघन अबादी िाले क्षेत्रों के वलए नो डेिलर्मेंट ़िोन (NDZ) में कमी की गइ है: CRZ-III क्षेत्रों के वलए:
o CRZ-III A क्षेत्रों में CRZ ऄवधसूचना 2011 में वनधाबररत HTL से 200 मीटर की दूरी के विर्रीत HTL से स्थल की ओर 50 मीटर
तक का क्षेत्र NDZ होगा।
o CRZ-III B क्षेत्रों में HTL से 200 मीटर तक के वनधाबररत NDZ क्षेत्र को यथाित् रखा गया है।
अधारभूत सुविधाओं को प्रोत्सावहत करने हेतु र्यबटन ऄिसंरचना: आस ऄवधसूचना के ऄंतगबत HTL से न्यूनतम 10 मीटर में र्ुवलन तटों र्र
ऄस्थायी र्यबटन सुविधाओं जैसे - झोंर्ड़ी, टॉयलेट ब्लॉक, चेंपजग रूम, र्ेयजल सुविधाओं अदद की ऄनुमवत प्रदान की गइ है। आसके साथ ही
आस प्रकार की ऄस्थायी र्यबटन सुविधाओं को भी ऄब CRZ-III क्षेत्रों के NDZ में भी ऄनुमवत प्रदान की गइ है।
िन्य जीि और िनस्र्वत की संकटग्रस्त प्रजावतयों के ऄंतराबष्ट्रीय व्यार्ार र्र ऄवभसमय (Convention on International Trade in
Endangered Species: CITES) क्या है?
यह सरकारों के मध्य एक ऄंतराबष्ट्रीय समझौता है, वजसे िषब 1963 में ऄंतराबष्ट्रीय प्रकृ वत संरक्षण संघ (IUCN) के सदस्यों की बैठक में
ऄर्नाए गए प्रस्ताि के र्ररणामस्िरूर् तैयार दकया गया था।
यह सुवनवित करता है दक िन्य जंतओं ु और र्ादर्ों के नमूनों का ऄंतराबष्ट्रीय व्यार्ार ईनके ऄवस्तत्ि के वलए संकट ईत्र्न्न न करे ।
CITES तीन र्ररवशष्टों में से दकसी एक में शावमल करके प्रजावतयों के ऄंतराबष्ट्रीय व्यार्ार को वनयंवत्रत करता है।
र्ररवशष्ट-I – यह ईन प्रजावतयों को शावमल करता है, जो विलुप्त होने के कगार र्र है। आन प्रजावतयों के नमूनों के व्यार्ार को के िल
ऄसाधारण र्ररवस्थवतयों में ही ऄनुमवत प्रदान की जाती है, ईदाहरण बाघ, वहमालय का भूरा भालू, हाथी और वतब्बती मृग।
र्ररवशष्ट II – यह ईन प्रजावतयों को शावमल करता हैं, वजन्हें विलुप्त होने का संकट नहीं है, र्रन्तु ईनके ऄवस्तत्ि के साथ ऄसंगत ईर्योग
से संरवक्षत करने के वलए व्यार्ार को वनयंवत्रत दकया जाता है, ईदाहरण - दररयाइ घोड़ा, बड़े र्त्तों िाले महोगनी िृक्ष और धूसर
भेवड़या।
र्ररवशष्ट III दकसी देश के ऄनुरोध र्र आसमें ईन प्रजावतयों को शावमल दकया जाता है, वजनके ऄिैध दोहन को प्रवतबंवधत करने के वलए
ऄन्य देशों की सहायता की अिश्यकता होती है, ईदाहरण- िॉलरस, हॉफमैन्स टु -टोड स्लॉथ, और रे ड ब्रेस्टेड टू केन।
रृंवमकों का शोषण: मेघालय में ऄवधकांश कोयला खनन रै ट-होल र्िवत र्र अधाररत है, वजसमें रृंवमक कु छ वनजी व्यवक्तयों के लाभ के
वलए ऄर्ने जीिन को संकट में डालते हैं।
जीिन का जोवखम: र्याबप्त सुरक्षा ईर्ायों के वबना रै ट-होल खनन खवनकों के जीिन के समक्ष ऄत्यवधक संकट ईत्र्न्न करती है। एक ऄनुमान
के ऄनुसार, प्रत्येक दस ददनों में एक रै ट-होल खवनक की मृत्यु हो जाती है।
ऄिैध गवतविवधयों को बढ़ािा: आन ऄिैध खनन गवतविवधयों से ऄर्खजत ऄिैध धन का ईर्योग राज्य में ईग्रिाद की गवतविवधयों को
प्रोत्सावहत करने हेतु दकया जाता है।
बाल रृंम को बढ़ािा: वशलांग अधाररत एक NGO के ऄनुसार, रै ट-होल खनन में 70,000 बाल रृंवमक वनयोवजत हैं।
नहीं दकया गया है, आसके बजाय यह कहा गया है दक: “स्थानीय लोगों द्वारा ऄर्नी भूवम में खनन की छोटी और र्ारम्र्ररक प्रणाली में
खनन मादफया द्वारा पहसा का प्रयोग: कोइ भी व्यवक्त जो आन ऄिैध गवतविवधयों की ररर्ोटब करता है, ईसके साथ पहसक व्यिहार दकया
जाता है।
िैकवफर्क रोजगार ऄिसरों का ऄभाि: यह लोगों को आन खतरनाक खदानों में कायब करने हेतु बाध्य करता है।
वनगरानी का ऄभाि: खनन गवतविवधयााँ चार वजलों के विस्तृत क्षेत्र में फै ली हुइ हैं।
कानूनी ढांचा: खनन गवतविवधयााँ राज्य का विषय हैं, र्रन्तु खदान रृंवमकों की सुरक्षा के न्द्रीय विषय है, वजसके कारण सुरक्षा नीवतयों को
लागू करने में समस्या ईत्र्न्न हो जाती है।
छठी ऄनुसच
ू ी के प्रािधानों का दुरूर्योग: संविधान की छठी ऄनुसूची का ईद्देश्य समुदाय का स्ियं की भूवम र्र स्िावमत्ि और ईसके
ईर्योग की प्रकृ वत र्र समुदाय की स्िायत्तता तथा सहमवत की रक्षा करना है। मेघालय में ितबमान में कोयला खनन आस संिैधावनक
प्रािधान से ऄसंगत थे, जहां भूवम के नीचे वनवहत खवनजों से मौदद्रक लाभ ऄर्खजत करने में वनजी वहतों िाले व्यवक्त कोयला खनन में संलग्न
हैं।
भारत में कोयला खनन सुरक्षा:
भारत में, कोयला खदानों के संचालन को खान ऄवधवनयम 1952, खान वनयम–1955, कोयला खान विवनयम 1957 और ईनके र्िात
वनर्खमत विवभन्न वनयमों से विवनयवमत दकया जाता है।
के न्द्रीय रृंम एिं रोजगार मंत्रालय (MOL&E) के ऄंतगबत खान सुरक्षा महावनदेशालय (DGMS) को आन वनयमों को प्रशावसत करने का
दावयत्ि सौंर्ा गया है।
1973 में कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) ऄवधवनयम के लागू होने के कारणों में से एक कारण ईनके कमजोर सुरक्षा ररकाडब के कारण, वनजी
क्षेत्र की खदानों को ऄर्ने ऄवधकार क्षेत्र में लेना था। दफर भी, सािबजवनक क्षेत्र की खानों में कायब ऄत्यावधक खतरनाक बना हुअ है।
हाल ही के िषों में, आन घटनाओं की अिर्खत्त में िृवि हुइ है, वजसे राष्ट्रीय मानिावधकार अयोग ने ऄर्नी 2014 की ररर्ोटब, वजसका शीषबक
“भारत के खान सुरक्षा र्र दृवष्ट” में वचवन्हत दकया गया है, जबदक सरकारी अंकड़े आसके विर्रीत वस्थवत को प्रदर्खशत करते हैं।
(राष्ट्रीयकरण) ऄवधवनयम 1973 को 8 जनिरी 2018 में वनरवसत कर ददया गया था।
कोयला खनन दुघबटनाओं के संदभब में, भारत में विस्फोटकों के ईर्योग से होने िाली मृत्युओं का ऄनुर्ात ईच्च है , जो चीन और ऄमेररका जैसे
देशों में सामूवहक दुघबटनाओं के वलए ईत्तरदायी हैं।
बहुविषयक साआबर-दफव़िकल प्रणावलयों के राष्ट्रीय वमशन ( National Mission on Interdisciplinary Cyber-Physical Systems:
NM-ICPS) के विषय में
यह एक समग्र वमशन है जो CPS और संबि प्रौद्योवगदकयों में प्रौद्योवगकी विकास, विवनयोग विकास, मानि संसाधन विकास, कौशल
संिधबन, ईद्यमशीलता तथा स्टाटब-ऄर् विकास से संबंवधत मुद्दों का समाधान करे गा।
कायाबन्ियन:
o वमशन का लक्ष्य 15 प्रौद्योवगकी निाचार कें द्रों (Technology Innovation Hubs: TIHs), 6 विवनयोग निाचार कें द्रों
(Application Innovation Hubs: AIHs) और 4 प्रौद्योवगकी अधाररत नि-ऄनुसध
ं ान कें द्रों (Technology Translation
Research Parks: TTRPs) की स्थार्ना करना है।
o ये हब और TTRPs, देश के प्रवतवष्ठत ऄकादवमक, ऄनुसंधान एिं विकास तथा ऄन्य संगठनों के ऄंतगबत समाधान विकास के संबंध
में ऄकादवमक संस्थानों, ईद्योग जगत, कें द्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों को अर्स में संबि करें गे।
o ये मुख्य रूर् से चार क्षेत्रों र्र ऄर्ना ध्यान कें दद्रत करते हैं: (i) प्रौद्योवगकी विकास, (ii) मानि संसाधन विकास एिं कौशल
विकास, (iii) निाचार, ईद्यवमता एिं स्टाटब -ऄर् आको प्रणाली विकास और (iv) ऄंतरराष्ट्रीय सहयोग।
वमशन का महत्ि
o यह सरकार के ऄन्य वमशनों को समथबन प्रदान करे गा तथा औद्योवगक और अर्खथक प्रवतस्र्धाब का र्ररिेश ईत्र्न्न करे गा।
o यह वमशन विकास के आं जन के रूर् में कायब करे गा, वजससे स्िास््य, वशक्षा, उजाब, र्याबिरण, कृ वष, रणनीवत ि सुरक्षा तथा
औद्योवगक क्षेत्रकों में राष्ट्रीय र्हलों को लाभ होगा। आसके ऄलािा आं डस्री 4.0, स्माटब वसटी, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs)
आत्यादद को भी लाभ होगा।
o यह समग्र कौशल अिश्यकताओं और रोजगार के ऄिसरों में महत्िर्ूणब र्ररितबन लाएगा।
o आसका ईद्देश्य CPS में ईन्नत ऄनुसध
ं ान, प्रौद्योवगकी विकास तथा विज्ञान, प्रौद्योवगकी ि आं जीवनयटरग विषयों में ईच्च वशक्षा को
प्रोत्साहन प्रदान करना है। साथ ही आसका ईद्देश्य भारत को ऄन्य ईन्नत देशों के समकक्ष लाना है और आसके माध्यम से विवभन्न
प्रत्यक्ष और ऄप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त करना है।
ये भौवतक और आं जीवनयडब वसस्टम हैं। आनके यह ईर्करणों जैसे िाहनों, घरे लू ईर्करणों (वजनमें आलेक्रॉवनक्स, सॉफ्टिेयर एिं
र्ररचालन की वनगरानी, समन्िय, वनयंत्रण ऐक्चूऐटर शावमल हों) तथा कनेवक्टविटी (जो आन िस्तुओं को अर्स में कनेक्ट होने ,
और ईनका एकीकरण एक कं प्यूटटग और ऄंतर्दक्रया करने और डेटा का अदान-प्रदान करने की सुविधा प्रदान करती है) का
कम्युवनके शन कोर द्वारा दकया जाता है। नेटिकब है।
CPS आं जीवनयटरग कम्प्यूटेशन और भौवतक IoT में विवशष्ट र्हचान योग्य एिं आं टरनेट से जुड़े ईर्करणों तथा एम्बेडेड वसस्टम
र्ररवस्थवतयों के मध्य संबंधों र्र बल देती है। र्र ऄत्यवधक ध्यान ददया जाता है।
आनका आं टरनेट से कनेक्ट होना अिश्यक नहीं आसमें ईर्करण आं टरनेट के माध्यम से कनेक्ट होते हैं।
है।
आं टरनेट ऑफ पथग्स (IoT) साआबर-दफवजकल प्रणाली क्रांवत के वलए एक अधार का
ईदाहरणस्िरूर्: यह एक एकल प्रणाली हो
वनमाबण करता है।
सकती है जो भौवतक और साआबर प्रौद्योवगकी
ईदाहरणस्िरूर्: एक स्माटब होम वजसमें सभी ईर्करण आं टरनेट के माध्यम से एक-
को एकीकृ त करती हो, जैसे दक एक स्माटब
दूसरे से कनेक्ट हों, जैसे दक टीिी मोबाआल से कनेक्ट हो, लाआट्स मोबाआल से
विद्युत मीटर।
कनेक्ट हों आत्यादद।
Ku बनाम Ka बैंड
Ku बैंड की अिृवत र्रास 12-18 गीगाहट़्िब (GHz) के मध्य होती है जबदक Ka बैंड के वलए यह 26.5-40 GHz होती है।
Ka-बैंड में डेटा रांसवमशन दर सैकड़ों गुना तेज होती है।
ऄवधकांश ईर्ग्रह ितबमान में Ku बैंड रांसर्ोंडसब का ईर्योग करते हैं क्योंदक Ka बैंड रांसर्ोंडसब के वलए हाडबिेयर और सॉफ्टिेयर
विकवसत करना करठन है।
विवभन्न अिृवत्त बैंडों में विद्युत चुम्बकीय स्र्ेक्रम का अिंटन और विवनयमन ऄंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International
Telecommunication Union: ITU) द्वारा दकया जाता है।
6.5. सोयुज
(SOYUZ)
सुर्खियों में क्यों?
हाल ही में रूस, ऄमेररका और कनाडा के ऄंतररक्ष यावत्रयों को ले जाने िाले सोयुज रॉके ट को ईसकी कक्षा में सफलतार्ूिबक प्रक्षेवर्त दकया
गया। आसके र्ूिब ऄक्टू बर में ऐसा ही एक प्रयास ऄसफल रहा था।
सोयुज के बारे में
सोयुज एक रूसी ऄंतररक्ष यान है जो ऄंतररक्ष यावत्रयों और अर्ूर्खत को ऄंतररक्ष स्टेशन से लाने और ले जाने में सक्षम है।
आसमें एक साथ तीन लोग यात्रा कर सकते हैं। यह ऄंतररक्ष यान ऄंतररक्ष स्टेशन तक भोजन और जल की अर्ूर्खत भी करता है।
यह एक लाआफबोट की भांवत है। कम से कम एक सोयुज सदैि ऄंतररक्ष स्टेशन से जुड़ा होता है। यदद ऄंतररक्ष स्टेशन र्र कोइ अर्ात वस्थवत
ईत्र्न्न होती है तो चालक दल द्वारा ऄंतररक्ष स्टेशन को छोड़ने और र्ृ्िी र्र िार्सी के वलए सोयुज का ईर्योग दकया जा सकता है।
िषब 2011 में USA के ऄंतररक्ष यान के सेिामुक्त होने के र्िात ितबमान में के िल यह रूसी ऄंतररक्ष यान ही ऄंतररक्ष यावत्रयों को
ऄंतरराष्ट्रीय ऄंतररक्ष स्टे शन (ISS) तक ले जाता है।
टे ली-रोबोरटक्स के ऄनुप्रयोग
ऄंतररक्ष: ऄवधकांश ऄंतररक्ष ऄन्िेषण टेली-रोबोरटक स्र्ेस प्रोब के साथ दकए गए हैं।
टे लीप्रेजस
ें और िीवडयो कॉन्रें पसग: ईच्च-गुणित्ता िाली िीवडयो कॉन्रें पसग के प्रचलन ने टे लीप्रेजेंस रोबोट्स में एक बड़ी िृवि को सक्षम
बनाया है। यह सुदरू भौवतक ईर्वस्थवत से संचार की बेहतर सुविधा प्रदान करने में सहायता करती है।
समुद्री ऄनुप्रयोग: समुद्री सुदरू संचावलत िाहनों (ROVs) का ईर्योग जल में ऄत्यवधक गहराइ के कायों ऄथिा ईन कायों को करने
वलए दकया जाता है जो गोताखोरों के वलए खतरनाक हों। ये ऄर्तटीय तेल प्लेटफामों की मरम्मत करते हैं और डू बे जहाजों को उर्र
ईठाने के वलए ईनमें के बल जोड़ते हैं। ये सामान्यतः सतह के जहाज र्र वस्थत वनयंत्रण कें द्र से दकसी जंजीर या टेथर (tether) के माध्यम
से संलग्न होते हैं।
SDG आं वडया आं डेक्स नीवत अयोग द्वारा चयवनत 62 प्राथवमकता संकेतकों र्र सभी राज्यों और UTs की प्रगवत को रैक करता है। यह
MoSPI के राष्ट्रीय संकेतक रे मिकब द्वारा वनदेवशत होता है वजसमें 306 संकेतक शावमल होते हैं। ये संकेतक कें द्रीय मंत्रालयों / विभागों और
राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के साथ कइ दौर के र्रामशब र्र
अधाररत होते हैं।
यह भारत सरकार की र्हलों और योजनाओं के र्ररणामों र्र
ईनकी प्रगवत का मार्न करता है।
SDG आं वडया आं डेक्स का ईद्देश्य देश तथा राज्यों और
कें द्रशावसत प्रदेशों की सामावजक, अर्खथक और र्याबिरणीय
वस्थवत र्र समग्र दृवष्टकोण प्रदान करना है।
SDG आं वडया आं डेक्स में 17 SDGs में से 13 SDGs (लक्ष्य
12, 13, 14 और 17 को छोड़कर) को शावमल दकया गया
है।
प्रत्येक राज्य और कें द्रशावसत प्रदेश के वलए 0-100 की सीमा
के मध्य एक समग्र स्कोर की गणना की गइ है।
यदद दकसी राज्य / कें द्रशावसत प्रदेश ने 100 स्कोर प्राप्त दकया
है, तो यह दशाबता है दक राज्य ने 2030 के राष्ट्रीय लक्ष्यों को
प्राप्त कर वलया है।
SDG आं वडया आं डेक्स स्कोर के अधार र्र िगीकरण मानदंड
आस प्रकार है:
o अकांक्षी (Aspirant): 0-49
o ऄच्छा प्रदशबन (Performer): 50-64
o ऄग्रणी (Front Runner): 65-99
o लक्ष्य प्राप्तकताब (Achiever): 100
सूरजकुं ड हररयाणा
कू की जनजावत कू की नृत्य
भारत में र्ायी जाने िाली संरक्षण दजाब (Conservation status) क्षेत्र/स्थल (Areas/ sites)
प्रजावतयां (Species found in
India)
ग्रेट हॉनबवबल वनयर थ्रेटन्ड (IUCN) / िन्यजीि र्विमी घाट, ईत्तर-र्ूिी भारत
(संरक्षण) ऄवधवनयम 1972 (WPA) की
ऄनुसूची I
ररथेद (Wreathed) हॉनबवबल लीस्ट कं सनब (IUCN) / WPA ऄनुसूची I ईत्तर-र्ूिी भारत
मालाबार र्ाआड हॉनबवबल वनयर थ्रेटन्ड (IUCN) /WPA ऄनुसूची I र्विमी घाट और मध्य भारत में - मध्य
प्रदेश, अंध्र प्रदेश और र्ूिी भाग में -
वबहार, ईड़ीसा
ओररएंटल र्ाआड हॉनबवबल लीस्ट कं सनब (IUCN) / WPA ऄनुसूची I ईत्तर-र्ूिी भारत
सफे द गले िाला ब्राईन हॉनबवबल वनयर थ्रेटन्ड (IUCN) /WPA ऄनुसूची I ईत्तर-र्ूिी भारत
मालाबार ग्रे हॉनबवबल लीस्ट कं सनब (IUCN) / WPA ऄनुसूची I र्विमी घाट
भारतीय ग्रे हॉनबवबल लीस्ट कं सनब (IUCN) / WPA ऄनुसूची I वहमालय की तलहटी, ईत्तर-र्ूिी भारत
और र्विमी घाट
लाभ (Benefits):
जीन एवडटटग के कइ समथबकों ने ईर्योवगतािादी वसिांतों के अधार र्र आसके ईर्योग को ईवचत माना है ऄथाबत् रोगों का ईर्चार करना या
ईनकी रोकथाम करना भी हमारा कतबव्य है।
HIV/AIDS, हीमोदफवलया जैसे कइ मानि रोगों और अनुिांवशक विकारों के ईर्चार हेतु ह्यूमन जीनोम एवडटटग का ईर्योग दकया जा
सकता है।
िस्तुतः यह मनुष्टयों में रोग प्रवतरोधक क्षमता बढ़ा सकती है और ईनकी अयु में िृवि कर सकती है।
यह ऄगली र्ीढ़ी की ऄत्यवधक कु शल और लागत प्रभािी एंटीबायोरटक दिाओं (बैक्टीररयोफे ज िायरस र्र अधाररत) का अधार बन
सकती है।
जीन एवडटटग का ईर्योग लुप्तप्राय प्रजावतयों के संरक्षण या विलुप्त प्रजावतयों की र्ुनप्राबवप्त हेतु दकया जा सकता है।
आसका ईर्योग र्ोषक खाद्य र्दाथों (फोर्टटदफके शन के माध्यम से) और कृ वष ईर्ज में िृवि हेतु दकया जा सकता है।
आसमें रोगों के प्रसार की गवत को मंद (रोगों के संचरण के साधनों को समाप्त करके ) करने की क्षमता है। ईदाहरणाथब, जीन एवडटटग का
ईर्योग र्याबिरण में ऄप्रजननकारी मच्छरों (sterile mosquitoes) के प्रिेश हेतु दकया सकता है।
10.1. iGOT
हाल ही में, कार्खमक, लोक वशकायत ि र्ेंशन मंत्रालय के कार्खमक ि प्रवशक्षण विभाग (DoPT) द्वारा iGOT (एकीकृ त सरकारी ऑनलाआन
प्रवशक्षण कायबक्रम: Integrated Government Online Training Programme) का शुभारम्भ दकया गया है।
यह ऑनलाआन प्रवशक्षण कायबक्रम सरकारी कमबचाररयों की अिश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ईनके कायबस्थल र्र ही प्रवशक्षण आनर्ुट
प्रदान करे गा और प्रवशक्षण के वलए समय वनधाबरण में भी लचीला रूख ऄर्नाया जाएगा।
यह ऄनेक प्रवशक्षण संस्थानों के प्रवशक्षण संसाधनों के भंडार तक र्हुंच के वलए एकल पबदु के रूर् में कायब करे गा।
10.19. र्ुग
ं नूर गाय
(Punganur Cows)
विि में मिेवशयों की सबसे छोटी नस्लों में से एक मानी जाने िाली र्ुंगनूर गाय को दकसानों द्वारा की जाने िाली क्रॉस-ब्रीपडग के कारण
विलुप्त होने के कगार र्र माना जा रहा है।
अंध्र प्रदेश में र्ाइ जाने िाली र्ुंगनूर गाय की उाँचाइ 70 सेमी से 90 सेमी के मध्य और िजन लगभग 115 से 200 दकलोग्राम होता है।
हाल के िषों में यह प्रवतष्ठा का एक प्रतीक बन गइ है क्योंदक धनी र्शुधन र्ालकों ने आसे खरीदना प्रारं भ कर ददया है , जो यह मानते है दक
यह सौभाग्य (good luck) लाती है।
र्शुर्ालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी 'कं री ररर्ोटब ऑन एनीमल जेनेरटक ररसोसेज ऑफ़ आं वडया' में आसकी अबादी में वगरािट को
दशाबया गया है। खाद्य और कृ वष संगठन (FAO) ने भी आस प्रिृवत्त को वचवन्हत दकया है।
वचत्तूर वजले के र्ालमनेर में र्शुधन ऄनुसंधान स्टे शन (LRS) आस नस्ल का ऄंवतम अरृंय स्थल बताया गया है।
10.27. रेन-18
(Train -18)
हाल ही में, भारतीय रे लिे ने 180 दकमी/घंटा की गवत सीमा िाली रेन-18 का सफलतार्ूिबक र्रीक्षण दकया।
यह भारत में स्िदेशी रूर् से विकवसत ईच्च-तकनीकी युक्त एिं उजाब-दक्ष, प्रथम स्ि-चावलत (लोकोमोरटि आं जन के वबना) रेन है।
यह 2019 में ददफली से िाराणसी के मध्य चलायी जाएगी।
आसका वनमाबण मेक आन आं वडया र्हल के तहत आं टीग्रेटेड कोच फै क्री (ICF), चेन्नइ द्वारा दकया गया है।
यह 200 दकमी/प्रवत घंटे की गवत को प्राप्त करने में सक्षम है , वजसके वलए रे लिे रै क नेटिकब का ईन्नयन करने की अिश्यकता होगी क्योंदक
भारत में के िल 0.3% रे ल रै क ही 160 दकमी/प्रवत घंटे तक की गवत से चलने िाली रेनों हेतु ईर्युक्त हैं।
सबसोवनक क्रूज वमसाआल ध्िवन की गवत की तुलना में कम गवत से ईड़ान भरती है। यह लगभग 0.8 मैक की गवत से ईड़ान भरती है।
सुर्रसोवनक क्रूज वमसाआल लगभग 2-3 मैक की गवत से ईड़ान भरती है ऄथाबत यह एक सेकंड में लगभग एक दकलोमीटर की दूरी
तय कर सकती है, ईदाहरणाथब: ब्रह्मोस वमसाआल।
हाआर्रसोवनक क्रूज वमसाआल 5 मैक से ऄवधक गवत से ईड़ान भरती है। ईदाहरणाथब: ब्रह्मोस-II (विकास के चरण में)।