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8 Zgivmh N7 IPM76 Q Ny LQR
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Class 10 सामा जक िव ान
पुनरावृित Notes
पाठ: 6
राजनीितक दल
अथ:- राजनीितक दल एक ऐसा संगिठत समूह है जो चुनाव लडने और सरकार मे राजिनितक स ा हा सल करने के उ े य से काम
करता है । यह लोग का ऐसा समूह होता है जो एक जेसे िवचार रखते हो और जो देश िक िविभन् न सम याओं पर एकमत होते ह।
राजनीितक दल के लए चुनौितयाँ:-
आम जनता इस बात से नाराज रहती ह िक राजनीतक दल अपना काम ठीक ढंग से नह करते। जनता हमेशा राजनीितक दल क
आलोचना करती ह। राजनीितक दल को अपना काम भावी ढंग से चलाने के लए कड़ी चुनौितय का सामना करना पडता है। ये
चुनौितयां ह:-
1. पाट के भीतर आं त रक लोकतं का न होना:- लोकत का अथ िक कोइ भी फेसला लेने से पहले कायकताअो से परामश
िकया जाये पर तु वा तव मे एसा कुछ नह होता। ऊपर के कुछ नेता िह सभी फेसले ले लेते ह।इस से कायकताओं मे नाराजगी बनी
रहती है जो दोनो पाट और जनता के लये हािनकारक स हो सकती है।
2. पाट के बीच आं त रक चुनाव भी नह होते।
3. पाट के नाम पर सारे फैसले लेने का अ धकार उस पाट के नेता ह थया लेते है।
वंशवाद क चुनौती: अ धकाश राजनीितक दल पारदश ढ़ग से अपना काम नह करते इस लए उनके नेता इस बात का अनुिचत
लाभ लेते हए अपने नजदीक लोग और यहाँ तक िक अपने ही प रवार के लोग को आगे बढ़ाते है।
पैसा और अपराधी त व क बढ़ती घुसपैठ:- राजिनितक दलो के सामने आने वाली ितसरी चुनौती, िवशेषकर चुनाव के िदन मे ,
पेस
ै े और अपरा धक ततवो िक बढती घुसपैठ िक है। चुनाव जतने िक होड मे राजिनितक दल पेस
ै े का अनुिचत योग करके अपने
दल का बहमत स करने का य न करती ह । राजिनितक दल उसी उ मीदवार को िटकट देते ह जसके पास पैसा होता है,
य िक चुनाव म बहत पैसा खच होता है। राजिनितक दल यह नह देखते िक वो यि अपराधी तो नह है।
पािटय के बीच िवक पहीनता क थित:- आज के युग मे भारत मे िह नह वरन् िव व-भर मे राजिनितक दल के पास िवक प िक
कमी है। उनके पास नई-नई िचीजे पेश करनेखे लए कुछ नह होता है।
राजिनितक दल मे सुधार लाने के लये िविभ दल क नीितय और काय म म मह वपूण अंतर लाना ही साथक िवक प है।
िवधायक और सांसद को दल-बदल करने से रोकने के लए संिवधान म संशोधन िकया गया है।
उ च यायालय ने पैसे और अपरा धय का भाव कम करने के लए एक आदेश जारी िकया है।
अपनी संप और अपरा धक मामल का यौरा एक शपथप के मा यम से देना अिनवाय कर िदया गया है।
चुनाव आयोग के एक आदेश के ज रए संगठिनक चुनाव कराना और आयकर का रटन भरना अिनवाय है।
राजनीितक दल के आं त रक कामकाज को यव थत करने के लए कानून बनाया गया है।
चुनाव का खच सरकार उठाए तािक गरीब यि भी चुनाव म खड़ा हो सके।
न:-
1. जनमत श द का या अथ है ?
2. जनमत िनमाण म राजनीितक दल क भूिमका का वणन करो ?
3. शासक दल िकसे कहते ह ?
4. दल-बदल िकसे कहते ह ?
5. शपथ प िकसे कहते ह ?
6. राजनीितक दल के सामने या चुनौितयाँ ह ?
7. राजनीितक दल का काय सुचा प से चलाने के सरकार ारा या कदम उठाए गऐ ह ?
8. िकसी भी राजनीितक दल के दो गुण बताओ।
उ र :-
१. राजनीितक दल व नीित और काय म को मतदाताओं के सामने रखते ह और उनका समथन हा सल करने का य न करते ह ।
3. शासक दल वह दल होता है या वह राजनीितक पाट होती है,जो चुनाव म जीत कर अपनी सरकार बना कर देश के ऊपर शासन
करती है ।
4. दल बदल का अथ है िक एक ितिन ध जो िक जनता ारा चुनाव चुना जाता है, एक पाट से पर वह चुनाव जीतने के बाद वह
िकसी दस
ू री पाट से जुड जाता है स ा पाने के लालच म।
5. शपथ प वह द तावेज होता है जो िक एक यि जो चुनाव लडना चाहता है वह चुनाव अ धकारी को वह सभी सूचना है
ल खत प म देता है ( यि गत और संप स बं धत ) तथा उनको वह अपने ह ता र के ारा स यािपत करता है।
6. राजनीितक दल के सामने अनेक चुनौितयां ह। जसके कारण से बहत से लोग अपना असंतोष य करते ह राजनीितक दल
अपना काम सही तरीके से नह करते। इन दोष के बारे म िन न ल खत बात से जान ले:--
१.पािटय के बीच आं त रक लोकतं का न होना-- लोकतं का अथ है िक कोई भी फैसला लेने से पहले कायकताओं से परामश
लया जाए पर तु वा तव म ऐसा कुछ नह होता ऊपर के कुछ नेता ही सही फैसला ले लेते ह। इससे कायकताओं म नाराजगी बनी
रहती है जो दोन पाट और जनता के लए हािनकारक स होती है।
२. वशवाद क थापना--- य िक अ धकांश देन पारदश ढंग से अपना काम नह करते इस लए उनके नेता धीरे धीरे अपने
र तेदार और प रवार जनो को ही आगे बढ़ाते रहते ह।
३.पैसा और अपराधी त व का भु व-- राजनीितक दल के सामने आने वाली तीसरी चुनौती िवशेषकर चुनाव के िदन म पैसे और
अपराधी त व क भत घुसपैठ क है। चुनाव जीतने क होड़ म राजनीितक पािटयां पैसे का अनुिचत योग करके अपनी पाट का
बहमत थािपत करने का य न करती ह। ऐसे म अपराधी त व का को साथ म लेने से भी वे नह िपचके चाहते ऐसे िदन से लोग
का या भला हो सकता है!
. ठीक है िवक प क कमी -- आज के युग म भारत म ही नह वरन िव वभर म राजनीितक पािटय के पास ठीक िवक प क कमी
है। उनके पास नई नईचीज पेश करने के लए कुछ नह होता। यिद यान से देखे तो िविभ पािटय क नीित और ो ाम एक से
लगने लगते ह। और क तो छोडो िन न वग के लए काम करने वाली बहजन समाज पाट ने भी उ च वग िवशेषकर ा ण को
अपने साथ िमलाना और मुसलमान को अपनी ओर ख चना शु कर िदया। इस कार उसक कां ेस क और समाजवादी पाट क
नीितय म कोई िवशेष अंतर नह रह गया है।
२. पैसे और अपरा धय के भाव को कम करने के लए उ चतम यायालय ने यह आदेश जारी कर िदया है िक हर उमीदवार को
एक शपथ प म अपनी संप और आपरा धक मामल का योरा देना होगा।
३.चुनाव आयोग ने राजनीितक दल को यह आदेश िदया है िक वे िनरंतर संगठना मक चुनाव कराएं और अपनी आय के रटन म
अपनी आमदनी का यौरा दे।
२. एक िवशेष संगठन-- हर एक राजनीितक दल का एक संगिठत ढांचा होता है। नीचे से लेकर ऊपर तक के पदा धका रय को चुनने
क िवशेष यव था होती है।हर एक सद य को यह पता होता है िक उसे या करना है। ऐसे यव था संगठन के िबना कोई
राजनीितक दल लंबे समय तक नह िटक सकता।
३.िवचारधारा म एकता--एक सु यव थत संगठन के साथ िकसी भी राजनैितक दल म िवचारधारा क एकता का होना आव यक है।
हर एक दल के ल य होते ह, और वे लोग के सामने रखते ह, उनका िव वास ा करते ह और चुनाव जीतने का य न करते ह।
पाट का हर सद य उ े य और नीितय को ा करने म य नशील रहता है।
.संवध
ै ािनक तरीक म अिडग िव वास--कोई भी राजनीितक दल हो उसे अपने देश के संिवधान म अिडग िव वास होता है।वह
व छ और वतं चुनाव प ित म िव वास रखते ह और चुनाव के प रणाम से अपनी सहमित कट करते ह। िकसी भी हालत म
वे गुड
ं ा बाजी और चुनाव के पर क जा करने क नह सोचते।
५. जीतने के प चात अपनी नीितय पर अमल करना-- हर राजनीितक दल यिद वे अपनी सरकार बना लेता है, उन नीितय का पूरा
करने का य न करता है, जो उसने अपने अपने घोषणाप म दे रखी होती है।यिद वह ऐसा नह करता तो अगले चुनाव म उनका
प ा साफ हो जाता है।