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ई-श्रम पोटल: सध

ु ार की संभावनाएँ
drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/18-09-2021/print

यह एिडटोिरयल िदनांक 17/09/2021 को ‘द िहंद’ू म प्रकािशत “e-Shram Needs Some Hard Work To Get
Going” पर आधािरत है। इसम भारत के असंगिठत ेतर् के िलये की गई एक अ यंत आव यक पहल—ई-श्रम पोटल
और उससे संब िवषयों के संबंध म चचा की गई है।

हाल ही म श्रम एवं रोज़गार मंतर् ालय (MoLE) ारा असंगिठत कामगारों के रा ट् रीय डेटाबेस (NDUW) के सृजन के
िलये ई-श्रम (e-Shram) पोटल लॉ च िकया गया।

सवो च यायालय ारा सरकार को असंगिठत कामगारों के पंजीकरण की प्रिक् रया को पूरा करने का िनदश देने के बाद
यह पोटल अि त व म आया है।

हालाँिक, असंगिठत कामगार सामािजक सुर ा अिधिनयम, 2008 के अिधिनयमन के दृि टकोण से इस अ यंत आव यक
कदम के अि त व म आने म लगभग एक दशक की देरी हुई है।

अनौपचािरक ेतर् की सम याओं को संबोिधत करने की िदशा म यह पहल तो सराहनीय है ही, नया पोटल कामगारों के
डेटा संर ण, िडिजटल िनर रता जैसे मु ों पर भी िचंता जताता है।

असंगिठत ेतर् और ई-श्रम

कु ल िह सेदारी: आविधक श्रम बल सव ण (PLFS 2018-19) के अनुसार कामगारों के 90% अनौपचािरक


ेतर् से संब थे (465 िमिलयन कु ल कामगारों म से 419 िमिलयन)।
महामारी का प्रभाव: ग्रामीण और शहरी ेतर् ों के अनौपचािरक कामगार उनके रोज़गार की मौसमी प्रकृित और
औपचािरक कमचारी-िनयो ता संबंधों की कमी के कारण महामारी से सवािधक प्रभािवत हुए।

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ई- श्रम पोटल: यह लगभग 398-400 िमिलयन असंगिठत कामगारों को पंजीकृत करने और उ ह 12 अंकीय
िविश ट सं या वाला ई-श्रम काड जारी करने की इ छा रखता है।
मह व:
दुघटना कवरेज: पोटल पर पंजीकरण करने वाला प्र येक यि त 2 लाख पये प्रित वष के दुघटना
कवरेज का पात्र होगा जो प्रधानमंतर् ी सुर ा बीमा योजना (PMSBY) के अंतगत वािषक प से
प्रदान िकया जाता है।
क याणकारी योजनाओं का एकीकरण: पोटल असंगिठत कामगारों के लाभ के िलये उपल ध सभी
सामािजक क याण योजनाओं को एकीकृत करने का उ े य रखता है।
अंतर-रा यीय प्रवािसयों के िलये लाभप्रद: पोटल अंतर-रा यीय प्रवासी कामगारों को उनकी
अवि थित पर यान िदये िबना क याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने म मदद करता है।
सामािजक सुर ा लाभ: असंगिठत ेतर् के कामगार बीमा कवरेज, मात ृ व लाभ, पशन, शैि क लाभ,
भिव य िनिध लाभ, आवास योजनाओं आिद के प म उपल ध सामािजक सुर ा लाभ प्रा त कर
सकगे।

संबंिधत मु े
टे ल ी-घन व और िडिजटल सा रता का िन न तर: भारत म अभी भी उ लेखनीय िडिजटल िडवाइड मौजदू है।
भारतीय दूरसंचार िनयामक प्रािधकरण (TRAI) के अनुसार, 30 जन ू 2021 तक समग्र टे ल ी-घन व (िकसी
िनिद ट भौगोिलक ेतर् म प्रित 100 लोगों पर टे ल ीफोन कने शन की सं या) 88.07% की तुल ना म
ग्रामीण टे ल ी-घन व 60.10% पाया गया।
िडिजटल सा रता के िन न तर के कारण यह सम या और जिटल बनती है।
आधार संबंिधत सम याएँ: आधार (Aadhaar) की शत आरोिपत करना आधार काड रिहत कामगारों को प्रिक् रया
से बिहविशत कर देगा।
असंगिठत ेतर् के कई कामगारों को बार-बार मोबाइल नंबर बदलने पड़ते ह और संभव है िक वे
हमेशा आधार-िलं ड मोबाइल का उपयोग करने म स म न हों।
उ र-पूव ेतर् ों म आधार-सीिडंग पहले से ही एक िववादा पद मु ा बना हुआ है।
इसके अलावा, आधार स यापन प्रणाली को कई बार प्रौ ोिगकी िवफलताओं का सामना करना पड़ा है
िजसके कारण क याणकारी लाभों से बिहवशन की गंभीर सम याएँ सामने आई ह।
डेटा-सुर ा संबंधी मु े: कड़े डेटा संर ण काननू के अभाव म, पोटल की प्रमुख िचंताओं म से एक डेटा-सुर ा और
इसका संभािवत दु पयोग है योंिक यह एक वृहत आकार का डेटाबेस है।
कद्र सरकार को रा य सरकारों के साथ डेटा साझा करना होगा िजनकी डेटा सुर ा मता अलग-अलग
है।
कामगारों का गैर-समावे शी कवरेज: EPF और ESI के दायरे म शािमल कामगारों के बिहवशन से लाखों संिवदा
कामगार (contract workers) असंगिठत कामगारों के दायरे से बाहर कर िदये जाएँगे।
इसके अलावा, यह पोटल केवल 16 से 59 वष की आयु तक के असंगिठत कामगारों के िलये उपल ध है।
इस प्रकार, NDUW 59 वष से अिधक आयु के कामगारों की एक बड़ी सं या को अपने दायरे से बाहर कर
देता है जो आयु-आधािरत भेदभाव को दशाता है।
‘िगग’ कामगारों के बारे म अ प टता: हालाँिक श्रम एवं रोज़गार मंतर् ालय ने ‘िगग’ कामगारों (Gig Workers) को
इस प्रिक् रया म शािमल िकया है, अ य तीन श्रम संिहताएँ उ ह कामगार के प म शािमल नहीं करतीं, न
ही सामािजक सुर ा संिहता (Social Security Code) उ ह िवशेष प से शािमल करती ह, जब तक िक वे
‘self-employed’ या ‘wage workers’ घोिषत नहीं हों।

आगे की राह

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पहचान के िलये िविभ न मा यमों को अनुमित देना: पंजीकरण के िलये आधार को अिनवाय बनाना असंवैधािनक और
बिहवशनकारी है। िकसी कामगार की पहचान के स यापन के िलये सरकार ारा प्रदत अ य पहचान पत्रों के
प्रयोग को भी अनुमित दी जानी चािहये।
कामगारों को सभी प्रकार के लाभों के कु शल और िरसाव-रिहत िवतरण के िलये िट् रपल िलंकेज—वन-
नेशन-वन-राशन काड (ONORC), ई-श्रम काड और चुनाव आयोग काड का िलंकेज िकया जा सकता है।

साथ ही, कामगारों को िविभ न नंबरों का उपयोग करने की सुिवधा प्रदान की जानी चािहये योंिक इससे
पोटल के पंजीकरण की सं या म वृि होगी।
ऑफलाइन पंजीकरण: चूँिक सभी कामगार ऑनलाइन पोटल तक पहुँच म स म नहीं होंगे, ऑफलाइन पंजीकरण की
भी यव था की जानी चािहये।
इस िवषय म सामा य सेवा कद्रों (CSC) का लाभ उठाया जा सकता है जो ऑफलाइन पंजीकरण के इ छु क
कामगारों के िलये 'पंजीकरण िशिवर' का आयोजन कर सकते ह।
बहुआयामी दृि टकोण अपनाना: पिरयोजना की सफलता िविभ न िहतधारकों की भागीदारी पर िनभर करती है। इसम
िन निलिखत भी शािमल होंगे:
िविभ न भाषाओं के िविवध मीिडया आउटले स को शािमल करते हुए यापक और अिभनव प्रसार अ यास।
सरकार ारा िहतधारकों की माँग पर िशिवरों का आयोजन।
िशकायत िनवारण तंतर् की समाधान द ता।
सू म तरीय संचालन।
सव ण और िनगरानी: पंजीकरण प्रणाली की द ता का आकलन करने के िलये सरकार को रा ट् रीय और ेतर् ीय
तर पर पंजीकरण के आँकड़े प्रकािशत करना चािहये।
भ्र टाचार को लेकर भी एक िचंता है योंिक इंटरनेट प्रदाता जैसी म य-सेवा एजिसयां ई-श्रम काड को
पंजीकृत करने और उनका िप्रंट लेने के िलये अ यिधक शु क वसूल कर सकती ह।
इसिलये, िनगरानी एजिसयों की भागीदारी मह वपूण है।

िन कष

कोिवड-19 संकट ने हम सुर ा जाल के िनमाण का मह व समझाया है और भारत के असंगिठत ेतर् के िलये एक
सुदढ़ृ सामािजक सुर ा तंतर् की आव यकता की ओर यान िदलाया है।
ई-श्रम अब तक अदृ य रहे कामगारों को आव यक दृ यता प्रदान करने के िलये एक मह वपूण प्रणाली है।
यह उ ह श्रम बाज़ार नागिरकता द तावे ज (Labour Market Citizenship Document) प्रदान करेगा।
यह सुिनि चत िकया जाना चािहये िक पंजीकरण की यह यव था िकसी यि त को सामािजक सहायता और
लाभ प्रा त करने से बिहविशत या वंिचत न करे।

अ यास प्र न: ई-श्रम पोटल अब तक अदृ य रहे कामगारों को आव यक दृ यता प्रदान करने के िलये एक मह वपूण
प्रणाली है। िट पणी कीिजये।

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