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Hindino
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5. िालाबार िें हहंद-ू िुसलिानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों िें मलखखए।
उत्तर:- र्मालाबार र्में टहंद-ू र्मुसलर्माि र्में परस्पर भेद-भाव िहीं होता। वे शर्मलकर रहते हैं,
उिर्में आपसी दं गे भी िहीं होते हैं। बटढ़या पुलाव खािे या चाय पीिे के शलए टहंद ू भी
र्मुसलर्मािी होटल र्में जाते हैं। वहााँ आपसी र्मेलजोल का र्माहौल है । र्मुसलर्मािों िे भारत र्में
स्जस पहली र्मस्स्जद का निर्माकि ककया, वह उिके िहर र्मालाबार के कोडुग
ं ल्लूर र्में ही है।
वहााँ आपसी सर्मझ, र्मेलजोल और सद्भाविा का र्माहौल है ।
6. तक्षमशला िें आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के िन िें कौन-सा विचार कौंधा? इससे
लेखक के स्िभाि की ककस विशेषता का पररचय मिलता है ?
उत्तर:- तक्षशिला र्में धर्मक के िार्म पर आए टदि धाशर्मकक झगड़े जन्र्म लेते रहते थे। जब
लेखक तक्षशिला र्में आगजिी की खबर पढ़ रहे थे तब लेखक को हाशर्मद खााँ का ध्याि
आया जहााँ लेखक को हाशर्मद िे अपिेपि से खािा णखलाया । लेखक भगवाि से प्राथकिा
करिे लगे कक तक्षशिला के सांप्रदानयक दं गों की चचंगाररयों की आग से हाशर्मद खााँ और
उसक दक
ु ाि को सरु क्षक्षत रखें। इससे लेखक के स्वभाव की वविेषता का पता चलता है कक
वे संवेदििील थे, जो धाशर्मकक सद्भाव र्में ववश्वास रखते थे और दस
ू रे धर्मक के लोगों के
टहतचचंतक थे। वे टहंद-ू र्मस
ु लर्माि र्में कोई फकक िहीं करते थे ।