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Kaam Yogh
Kaam Yogh
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By Pt. Gajendra Sharma
समद
ु ाय का विस्तार करता है । काम वासना का स्तर प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होता है ।
किसी में कम तो किसी में अधिक। संतलि
ु त काम वासना वाला व्यक्ति संयमित जीवन जीता
है लेकिन जिस व्यक्ति में काम वासना अनियंत्रित हो जाती है वह दष्ु कर्मी के रूप में समाज