You are on page 1of 3

vjkoyh baVjus”kuy Ldwy

d{kk& 10
fo"k; &Çgnh
उऩविषय - ऩदबंध

 कई ऩदों के मोग से फने वाकमाॊश जो एक ही ऩद का प्रकामय कयें , वे ऩदफॊध कहराते हैं

 ऩदफॊध की तीन भुख्म फातें -


1. इसभें एक से अधधक ऩद होते हैं ।
2. मे ऩद इस तयह सम्फद्ध (सॊफॊधधत / जुड़ा हुआ ) होकय एक इकाई के रूऩ भें काभ कयते हैं
3. ककसी वाकम का अॊश होते हैं ।

 रचना के रूऩ में -


इसभें एक ऩद भख्
ु म औय दस
ू ये ऩद उस ऩय आधित होते हैं ।
जैसे - ऩवन ऩुत्र हनुभान ने रॊका भें आग रगा दी ।
महाॉ हनुभान" भुख्म ऩद है औय " ऩवन ऩुत्र" उसऩय आधित ऩद ।
ऩदबंध के भेद
1 सॊज्ञा ऩदफॊध
२. सवयनाभ ऩदफॊध
३. ववशेषण ऩदफॊध
४. किमा ऩदफॊध
५. किमा ववशेषण ऩदफॊध

संज्ञा ऩदबंध - वाकम भें सॊज्ञा का काभ कयने वारा ऩदसभह


ू " सॊज्ञा ऩदफॊध " कहराता है ।
1) इसका भख्
ु म / शीषय ऩद सॊज्ञा होगा तथा दस
ू ये ऩद उसऩय आधित होंगे ।
2) सॊज्ञा ऩदफॊध भें अधधकतय ववशेषण ऩद सॊज्ञा से ऩव
ू (य ऩहरे ) रगते हैं ।
3) सॊज्ञा ऩदफॊध कताय औय कभय दोनों स्थानों ऩय हो सकता है ।

उदाहयण - भेज़ ऩय यखी ऩस्


ु तक भेये वऩताजी की हैं।
अध्माऩक का कहना न भाननेवारे छात्र कबी सपर नहीॊ होते हैं ।
सिवनाम ऩदबंध - सवयनाभ का काभ कयने वारा ऩद सभह
ू " सवयनाभ ऩदफॊध" कहराता है ।इसभें
भख्
ु म ऩद सवयनाभ होता है ।
उदाहयण -वऩताजी कक फात माद कय वह आज उदास हो गमा ।
ऩतॊग उड़ाने भें भाहहय उसने आज अऩना ननमॊत्रण खो हदमा ।

विशेषण ऩदबंध - ककसी बी सॊज्ञा मा सवयनाभ की ववशेषता फतानेवारा ऩदसभूह " ववशेषण ऩदफॊध"
कहराता है ।
इसभें एक ववशेषण ऩद भुख्म होगा ओय शेष ऩद "प्रववशेषण" का कामय कयें गे ।
उदाहयण - भैं झठ
ू फोरनेवारों से नपयत कयता हूॉ ।
रकड़ी से फनी मह अरभायी फहुत सन्
ु दय है ।

क्रिया ऩदबंध- जफ एक से अधधक किमा ऩद मभरकय किमा का काभ कयें , उसे किमा ऩदफॊध कहते हैं

ध्यान रखें - हहॊदी वाकम ननभायण प्रकिमा भें किमा का स्थान अॊत भें होता है ।किमा ऩदफॊध भुख्म
किमा औय सहामक किमाओॊ से मभरकय फनते हैं ।
जैसे - कोई धिल्राता जा यहा है ।
कववता ऩस्
ु तक ऩढ़कय सो गमी ।

क्रियाविशेषण ऩदबंध - किमा की ववशेषता फताने वारे ऩदसभूह को किमाववशेषण ऩदफॊध कहते हैं ।
हहॊदी भें किमा ववशेषण ऩदफॊधो की यिना प्राम् सॊज्ञा व ऩयसगय के सॊमोग से
होती है ।
(किमा कैसे, कफ , कहाॉ औय ककतनी हुई )
उदाहयण - कभये भें इधय से उधय तक साभान बफखया है ।
पुटफॉर एकाएक रुढ़कती हुई नारी भें जा धगयी ।

ऩदबंध समझने के लऱए इतना याद रखें -

 एक ऩद कबी ऩदफॊध नहीॊ हो सकता


 हय ऩद सभह
ू ऩदफॊध नहीॊ होता ।
 वही ऩदसभूह ऩदफॊध फनता है , जो एक दस
ू ये से जुड़कय एक व्माकयणणक कोहट का कामय
कयता है ।
रे खांक्रकत ऩदबंध के भेद लऱखें -

1. दे शबक्कत की बावना जगाने वारा वह आज शहीद हो गमा


2. सुभद्र ककनाये भॊद- भॊद शीतर हवा फह यही थी ।
3. आज वह कपय दफ़्तय दौड़ते - दौड़ते ऩुहॉिा ।
4. वह छत के ऊऩय वारे कभये भें सोता है ।
5. सदा शाॊत यहने वारा याहुर आज इतना यो कमों यहा है ?
6. दीवाय ऩय फहुत सन्
ु दय तस्वीय रगी है ।
7. भॊहदय के उऩवन के दाएॉ औय फाएॉ ओय गर
ु ाफ के ऩौधे रगे हैं ।
8. भाभाजी अफ तक ऑकपस ऩहुॉि िक
ु े होंगे ।
9. ऩेटददय के कायण फच्िा यो यहा है ।
10. आकाश भें उड़ते तोते को उसने घामर कय हदमा ।

You might also like