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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 ऐसे – ऐसे

पाठ्यपु स्तक के प्रश्न-अभ्यास - एकांकी से


प्रश्न 1.
‘सड़क के किनारे एक सुं दर फ्लै ट में बै ठक का दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खु लता
है … उस पर एक फ़ोन रखा है । इस बै ठक की पूरी तसवीर बनाओ।
उत्तर-
बै ठक में फ़र्श पर कालीन बिछा है । इसके ऊपर सोफा से ट रखा है । कोने में तिपाही पर फू लदान सज़ा है ।
दस ू रे कोने में टे बल लैं प रखा है । कमरे के बीच में शीशे की मे ज़ रखी है । मे ज़ पर अखबार और पत्रिकाएँ
रखी हैं । दीवार पर दो सुं दर पें टिं ग टॅ गी हुई है ।
छात्र दिए गए विवरण के आधार पर चित्र बनाएँ ।
प्रश्न 2.
माँ मोहन के ‘ऐसे -ऐसे ’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?
उत्तर-
माँ का घबराना स्वाभाविक था क्योंकि मोहन कुछ बताता ही नहीं था बस ऐसे -ऐसे किए जा रहा था।
माँ ने सोचा पता नहीं यह कौन-सी बीमारी है और कितनी भयं कर है । इसलिए मोहन की माँ घबरा गई
थी।
प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार सु नकर समझ जाते हैं ? ऐसे कुछ बहानों
के बारे में लिखो।
उत्तर-
पे ट दर्द, सिर दर्द, बु खार, माता-पिता के साथ कहीं जाना, माता-पिता द्वारा किसी काम के लिए कहा
जाना, शादी में जाना, बस छट ू जाने का बहामा, माँ की बीमारी का बहाना इत्यादि।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
स्कू ल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पे ट में ऐसे -ऐसे ’ होने के बहाने बनाए। मान लो, एक
बार उसे सचमु च पे ट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर
क्या बीती होगी?
उत्तर-
स्कू ल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पे ट में ऐसे -ऐसे ’ होने के बहाने बनाए। यदि किसी दिन
मोहन को सचमु च पे ट में दर्द हो गया तो कोई भी उसकी बात को नहीं माने गा तथा उसका दर्द बढ़ता
जाएगा जो कि परे शानी का कारण बन सकता है । यदि किसी दिन मोहन के पे ट में सचमु च दर्द हुआ
होगा तो लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया हो और यही समझा होगा कि वह बहाने बना रहा है । ऐसे
में वह तड़पा होगा और सबको बार-बार कहा होगा कि उसके पे ट में सचमु च दर्द हो रहा है । तब जाकर
मोहन को पता चला होगा कि झठ ू बोलने से क्या नु कसान होता है । उसे अपनी आदत पर पछतावा
होगा और सं भवतः वह भविष्य में कभी झठ ू बोलने से तौबा कर ले ।

प्रश्न 2.
पाठ में आए वाक्य ‘लोचा-लोचा फिरे है , के बदले ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमज़ोर हो गया है -
लिखा जा सकता है ले किन, ले खक ने सं वाद में विशे षता लाने के लिए बोलियों के रं ग-ढं ग का उपयोग
किया है । इस पाठ में इस तरह की अन्य पं क्तियाँ भी हैं ; जै से-
इत्ती नई-नई बीमारियाँ निकली हैं ,
राम मारी बीमारियों ने तं ग कर दिया,
ते रे पे ट में तो बड़ी दाढ़ी है ।
ू रे ढं ग से कैसे लिखा जा सकता है ।
अनु मान लगाओ, इन पं क्तियों को दस
उत्तर-
इतनी नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं ।
– इन बीमारियों ने परे शान कर दिया है ।
– तु म तो बहुत चालाक हो।
प्रश्न 3.
मान लो कि तु म मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तु म अपने और मोहन के बीच की बातचीत को
सं वाद के रूप में लिखो।
उत्तर-
में -अरे मोहन ! कैसे हो? क्या हुआ है तु म्हें ?
मोहन-कुछ नहीं भाई। बस पे ट में ऐसे -ऐसे हो रहा है ।
मैं -ऐसे कैसे ?
मोहन-बस ऐसे -ऐसे ।
मैं -डॉक्टर को दिखाया?
मोहन-डॉक्टर को भी दिखाया और वै द्य की भी दवा मिली है खाने को।
मैं -क्या कहा उन्होंने ?
मोहन-उन्होंने कब्ज और बदहजमी बताया है ।
मैं -ठीक है , दवा खाओ और जल्दी ठीक होने की कोशिश करो। कल से स्कू ल खु ल रहा है , याद है न।।
मोहन-हाँ , हाँ , याद है ।
मैं -अब मैं चलता हँ ।ू कल स्कू ल जाते समय आऊँगा। अगर पे ट ठीक हो जाए तो तु म भी तै यार रहना।
मोहन-अच्छा भाई ! धन्यवाद ।
प्रश्न 4.
सं कट के समय के लिए कौन-कौन से नं बर याद रखे जाने चाहिए? ऐसे वक्त में पु लिस, फायर ब्रिगे ड
और डॉक्टर से तु म कैसे बात करोगे ? कक्षा में करके बताओ।
उत्तर-
सं कट के समय पु लिस, फायर ब्रिगे ड और हॉस्पिटल एवं चिकित्सक के नं बर याद रखे जाने चाहिए।
पु लिस की नं बर-100, फायर ब्रिगे ड की-101, एं बुलेंस की-102
यदि कोई वारदात होती है तो पु लिस को जानकारी दें गे । यदि आग लगती है तो फायर ब्रिगे ड को खबर
दें गे । यदि कोई बीमारे है तो डॉक्टर को फ़ोन करें गे ।
हम इनसे नम्र स्वभाव में प्रार्थना करते हुए बातें करें गे ।
हम उन्हें घर का पता बता दें गे ।
उनसे शीघ्र आने के लिए कहें गे । डॉक्टर को मरीज़ की बीमारी के लक्षण बता दें गे ताकि वह आवश्यक
दवा साथ ला सके।
ऐसा होता तो क्या होता…
मास्टर- स्कू ल का काम तो पूरा कर लिया है ?
(मोहन हाँ में सिर हिलाता है ।)
मोहन- जी, सब काम पूरा कर लिया है ।
इस स्थिति में नाटक का अं त क्या होता? लिखो।
उत्तर-
ऐसी स्थिति में मास्टर जी समझ जाते कि सचमु च दर्द है । वह मोहन के माता-पिता को उसका ठीक से
इलाज कराने की सलाह दे ते हैं ।
भाषा की बात
(क) मोहन ने केला और सं तरा खाया।
(ख) मोहन ने केला और सं तरा नहीं खाया।
(ग) मोहन ने क्या खाया?
मोहन केला और सं तरा खाओ।
उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है । बाकी तीन वाक्य दे खने में पहले वाक्य से
मिलते -जु लते हैं , पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं । पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में
बताता है । इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं । दस ू रे वाक्य का सं बंध उस कार्य के न होने से है , इसलिए
उसे निषे धात्मक वाक्य कहते हैं । (निषे ध का अर्थ नहीं या मनाही होता है ।) तीसरे वाक्य में इसी बात
को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है , ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं । चौथे वाक्य में मोहन से उसी
कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है । इसलिए उसे आदे शवाचक वाक्य कहते हैं । आगे एक वाक्य
दिया गया है । इसके बाकी तीन रूप तु म सोचकर लिखो।
बताना- रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे ।
नहीं/मना करना : ……….
पूछना : ………
आदे श दे ना : ……….
उत्तर-
नहीं/मना करना : रुथ ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे ।
पूछना : क्या रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे ?
आदे श दे ना : रुथ कपड़े अलमारी में रखो।

कुछ और करने के लिए


प्रश्न 1.
क्या तु म स्कू ल का काम न करने पर उल्टे -सीधे बहाने बनाते हो?
उत्तर-
नहीं, मैं स्कू ल का काम नहीं कर पाने पर कोई बहाना नहीं बनाता। मैं माँ को साफ़-साफ़ बता दे ता हँ ू कि
आज मैं स्कू ल न जाकर गृ ह कार्य पूरा करूंगा। तभी अगले दिन स्कू ल जाऊँगा। मु झे झठ ू बोलना कतई
पसं द नहीं है ।
एकांकी का मं चीकरण
बच्चे इस एकांकी को बाल सभा के मं च पर प्रस्तु त करें गे ।
पात्रों को चु नाव कर उन्हें सं वाद याद करने के लिए दिए जाएँ गे। अध्यापक/अध्यापिका दो दिनों तक
रिहर्सल कराने के उपरांत प्रस्तु तीकरण के लिए कहें गे । अभिनय कौशल को परखा जाएगा।
इससे बच्चों की अभिव्यक्ति का विकास होगा तथा मं च भय से मु क्ति मिले गी।
अन्य पाठे तर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) ‘ऐसे -ऐसे ’ एकांकी के ले खक कौन हैं ?
(i) जयं त विष्णु (iii) गु णाकर मु ले
(ii) विष्णु प्रभाकर (iv) अनु बंधोपाध्याय
(ख) मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
(i) बर्गर (iii) फल
(ii) समोसे (iv) मिठाई
(ग) किन बहानों को मास्टर जी समझ जाते हैं ?
(i) पे ट दर्द (iii) चक्कर आना
(ii) सिर दर्द (iv) उपर्युक्त सभी
(घ) वै द्य जी को बु लाकर कौन लाया?
(i) मोहन की माँ (iii) मोहन के पड़ोसी दीनानाथ
(ii) मोहन के पिता (iv) मोहन का मित्र
(ङ) मोहन कैसा लड़का था?
(i) कमज़ोर (iii) भला
् वाला
(ii) कम बु दधि (iv) शरारती
उत्तर-
(क) (ii) (ग) (iv) (ङ) (iv)
(ख) (iii) (घ) (i)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1.
मोहन ने पिता के दफ़तर में क्या खाया था?
उत्तर-
मोहन ने पिता के दफ़तर में एक केला और एक सं तरा खाया था।
प्रश्न 2.
वै द्य जी को बु लाकर कौन लाया?
उत्तर-
मोहन के पड़ोसी वै द्य जी को बु लाकर लाए थे ।
प्रश्न 3.
वै द्य जी ने मोहन को दे खने के बाद क्या कहा?
उत्तर-
वै द्य जी मोहन को दे खकर कहते हैं कि घबराने की कोई बात नहीं। मामूली बात है , पर इससे कभी-कभी
बड़े भी तं ग आ जाते हैं ।
प्रश्न 4.
मोहन ने क्या बहाना बनाया?
उत्तर-
मोहन ने स्कू ल न जाने के लिए बहाना बनाया कि उसके पे ट में ऐसे -ऐसे ’ दर्द हो रहा है ।
प्रश्न 5.
क्या मोहन के पे ट में सचमु च दर्द था?
उत्तर-
नहीं, मोहन के पे ट में कोई दर्द नहीं था। वह केवल बहाना कर रहा था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मोहन की हालत दे ख माँ क्यों अधिक परे शान थी?
उत्तर-
मोहन की हालत दे खकर मोहन की माँ ने मोहन को हींग, चूरन, पिपरमें ट आदि दिया था, पर मोहन ठीक
नहीं हुआ था। वह बार-बार कहता था कि उसके पे ट में ऐसे -ऐसे हो रहा है । माँ उसकी हालत दे खकर
परे शान थी क्योंकि मोहन को क्या हो रहा है , यह पता नहीं चल रहा था। उसने ‘ऐसे -ऐसे ’ की बीमारी
का नाम न सु ना था। वह सोच में पड़ गई थी कि उसे कोई नई बीमारी तो नहीं हो गई है इसीलिए वह
मोहन की हालत दे खकर परे शान थी।
प्रश्न 2.
मोहन की माँ क्यों कहती है -हँ सी की हँ सी, दुख का दुख?
उत्तर
मोहन की माँ बार-बार मोहन से उसके पे ट-दर्द के बारे में पूछती है । वह बस यही कहता है कि पे ट में
ऐसे -ऐसे ’ हो रहा है । उसकी बात सु नकर माँ हँ स पड़ती है और परे शान भी होती है । वह बे टे के दुख से
दुखी होती है । इसी | मनः स्थिति में वह कहती है की हँ सी की हँ सी दुख का दुख। यह उसे अजीब
बीमारी लगती है ।
प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सु नकर समझ जाते हैं । ऐसे कुछ बहानों
के बारे में लिखो।
उत्तर
ऐसे अने क बहाने होते हैं ; जै से-आज स्कू ल में कुछ नहीं होगा, बस सफ़ाई कराई जाएगी। कुछ छात्र
कहते हैं कि मैं रात में पढ़ाई कर रहा था मे री किताब और कॉपी वहीं छट ू गई। कभी-कभी छात्र दरू के
रिश्ते दार की बीमारी का बहाना बना ले ते हैं । इसके अलावे छात्र पे ट दर्द, सिर दर्द, माता-पिता के साथ
कहीं जाना, जिन्हें एक ही बार सु नकर मास्टर जी समझ जाते हैं ।
प्रश्न 4.
वै द्य जी मोहन को क्या बीमारी बताते हैं ? वह उसे क्या दवा दे ते हैं ।
उत्तर-
वै द्य जी मोहन के पे ट-दर्द का कारण बताते हैं वात का प्रकोप है , कब्ज़ है । पे ट साफ़ नहीं हुआ है । मल
रु क जाने से वायु बढ़ गई है । वह मोहन को दवा की पु ड़िया हर आधे -आधे घं टे बाद गरम पानी से ले ने
को कहते हैं ।
प्रश्न 5.
डॉक्टर मोहने को क्या बीमारी बताते हैं और ठीक होने का क्या आश्वासन दे ते हैं ?
उत्तर
डॉक्टर मोहन की जीभ दे खकर कहते हैं कि उसे कब्ज़ और बदहजमी है । फिर वह बताते हैं कि कभी-
कभी हवा रु क जाती है और फंदा डाल ले ती है । मोहन के पे ट में बस उसी का ऐंठन है । वह मोहन को
आश्वासन दे ते हैं कि दवा की एक खु राक पी ले ने के बाद तबियत ठीक हो जाएगी।

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