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सा होगा कन्या का जीवनसाथी…

केसा होगा जीवनसाथी का स्वभाव..????


सप्तम भावस्थ राश्यानस
ु ार जीवनसाथी के सामान्य स्वभाव के बारे में जानें—
मेष: जिस कन्या के सप्तम भाव में मेष राशि होती है | उसका जीवनसाथी जमीन-जायदाद वाला होता है | इनका
दांपत्य जीवन सुखी रहता है |
वष
ृ : इनका जीवनसाथी सुन्दर और गुणवान होता है | मधुर-भाषी, काम-कला में प्रविण और पत्नी भक्त होता है |
मिथुन: सामान्य रं ग रूप वाला, समझदार और उच्च विचारों वाला जीवनसाथी मिलता है | जीवनसाथी बातों में
चतरु और व्यवसाय करने वाला होता है |
कर्क : सुन्दर, तीखे नाक-नक़्शे वाला जीवनसाथी मिलता है |
सिंह: अपनी बात मनवाने वाला और ईमानदार जीवनसाथी मिलता है |
कन्या: जिस कन्या के सप्तम भाव में कन्या राशि होती है , उसे सन्
ु दर और सश
ु ील जीवनसाथी मिलता है | विवाह
के बाद कन्या का भाग्योदय होता है |
तुला: सुशिक्षित, सुन्दर और मर्यादापूर्ण बात करने वाला, मुसीबत के समय पत्नी के साथ कदम मिलाकर चलने
वाला जीवनसाथी मिलता है |
वश्चि
ृ क: जिस कन्या के सप्तम भाव में वश्चि
ृ क राशि होती है | उसका जीवनसाथी सामान्य शिक्षा, कठिन परिश्रमी,
हर मस
ु ीबत में हं सने वाला होता है |
धनु: अपने सम्मान को सर्वोपरि समझना, अपने आप पर गर्व करने वाला और साधारण परिवार का जीवनसाथी
मिलता है |
मकर: पज
ू ा-पाठ और पराशक्तियों में आस्था रखने वाला, अपने वायदे का पक्का, शौकीन प्रवत्ति
ृ का जीवनसाथी
मिलता है |
कुम्भ: भगवान में श्रद्धा रखने वाला, मर्यादित व्यवहार वाला जीवनसाथी मिलता है |
मीन: चंचल, गुणवान, धर्म के प्रति आस्थावान, सुन्दर, बातचीत में होशियार और कन्या के सौभाग्य में वद्धि
ृ करने
वाला जीवनसाथी मिलता है |

प्रतय
्‍ ेक कनय
्‍ ा के मन में जिज्ञासा होती है कि उसका जीवनसाथी कैसा होगा। उसका आने वाला वैवाहिक
जीवन कैसा रहे गा एवं उसे अपने पति का पय
्‍ ार मिलेगा या नहीं। जय
्‍ ोतिष ज्ञान से आप अपने इन सभी
सवालों के जवाब पा सकती हैं। जनम
्‍ पत्री में 12 भाव होते हैं जिनमें से सपत
्‍ म भाव आपके जीवनसाथी
एवं विवाह से जुड़ा होता है । अत: आपके मन की सभी दवि
ु धाओं को आपकी जनम
्‍ कंु डली में सपत
्‍ म भाव
के सथ
्‍ ान से ज्ञात किया जा सकता है ।

सपत
्‍ म भाव पर शनि की दृष्टि एवं मंगल के साथ युति होने पर वैवाहिक जीवन में तनाव रहता है । पति
के साथ छोटी-छोटी बातों पर भी अनबन हो जाती है ।
सपत
्‍ मेश के राहु से पीडित होने की स्थिति में कनय
्‍ ा का पति जुआरी, शराबी अथवा चरित्रहीन होगा।
उसका मन वय
्‍ सन जैसे कार्यों में अधिक लगेगा।

लगन
्‍ सथ
्‍ ान पर सपत
्‍ मेश के विराजमान होने पर कनय
्‍ ा को अपना मनपसंद जीवनसाथी मिलता है ।
ऐसी कनय
्‍ ाएं अपनी इचछ
्‍ ानस
ु ार अपना पति चन
ु ती हैं।

सपत
्‍ मेश के नीच स्थिति एवं कमजोर होने पर कनय
्‍ ा को अपने पति से लाभ नहीं मिलता अथवा लाभ
की संभावना कम रहती है ।

सपत
्‍ मेश में दशम भाव के उचच
्‍ सथ
्‍ ान एवं मजबत
ू होने पर कन्या का पति मोटे शरीर वाला व्यापारी व
राजनीतिक होता है ।

जनम
्‍ कंु डली में सातवें भाव में सर्य
ू , बध
ु और शक्र
ु की उपस्थिति हो तो ऐसी कनय
्‍ ा का विवाह आलसी,
कामचोर एवं दस
ू रों पर आरोप मढ़ने वाले जातक से होता है । ऐसी कनय
्‍ ा का पति एक सुयोगय
्‍ वर नहीं
बनता।

यदि अषट्‍ म भाव में सपत


्‍ मेश हो तो ऐसी कनय
्‍ ा के विवाह में विलंब होगा अथवा उसके पति का रं ग
सामानय
्‍ होगा।

षषट्‍ म भाव में सपत


्‍ मेश की उपस्थिति के कारण कनय
्‍ ा के विवाह में दे री होगी एवं अनेक प्रकार की
अड़चनें आ सकती हैं। ऐसी कनय
्‍ ा का पति किसी रोग से ग्रसत
्‍ रहे गा।

सपत
्‍ म भाव, पंचम भाव और लगन
्‍ ेश की युति होने पर कनय
्‍ ा का प्रेम विवाह संभव है । वहीं कंु डली में
यदि सपत
्‍ म भाव में शनि और चंद्रमा की यति
ु हो तो कनय
्‍ ा का विवाह अधिक उम्र में होता है या
कनय
्‍ ा आजीवन कंु वारी रहती है ।

सपत
्‍ म भाव में केतु के साथ मंगल की युति होने पर कनय
्‍ ा का अपने पति के साथ अलगाव होता है ।
ऐसी कनय
्‍ ा अपने पति से तलाक लेती है ।

सपत
्‍ म भाव और लगन
्‍ ेश की शुभ ग्रहों के साथ युति होने और सपत
्‍ मेश में किसी पाप ग्रह की दृष्टि न
होने की स्थिति में और सपत
्‍ मेश सथ
्‍ ान पर शनि विराजमान हो तो कनय
्‍ ा को उतत
्‍ म जीवनसाथी की
प्रापति
्‍ होती है । ऐसी कनय
्‍ ा का अतय
्‍ ंत पय
्‍ ार करने वाला पति मिलता है । इनका जीवनसाथी सय
ु ोगय
्‍
और सदाचारी होता है ।
किसी भी जातक के विवाह में दे री होने का एक कारण मांगलिक होना भी होता है । सामान्यतः
मांगलिक लोगो के विवाह का योग 27, 29, 31, 33, 35 व 37 वें वर्ष में बनते हैं। जिन यव
ु क-
युवतियों के विवाह में विलंब हो जाता है , तो जन्मकंु डली में स्थित ग्रहों की दशा अन्तर्दशा
ज्ञात कर, विवाह का योग कब बन रहा हैं, जान सकते हैं और जातक को विवाह हे तु प्रयत्न
तेज कर दे नी चाहिए

नवमसा से जीवनसाथी के लिए महत्वपर्ण


ू भाव

जीवनसाथी की भविष्यवाणी के लिए मुख्य घर 7 वें घर और 7 वें घर के मालिक हैं। इसलिए हमें
मुख्य जन्म कंु डली के 7 वें घर के साथ-साथ नवमांश कंु डली के 7 वें घर की भी जांच करनी
होगी।

याद रखें, जन्म कंु डली में 7 वां घर यह दर्शाता है कि हम क्या चाहते हैं या हमारी इच्छा क्या है
और नवमांश कंु डली में 7 वां घर यह दर्शाता है कि हमें वास्तव में क्या मिलेगा।

7 वां घर न सिर्फ केवल विवाह को इंगित करता है , बल्कि यह सभी प्रकार के शारीरिक संबंधों का
भी संकेत दे ता है । इसीलिए 7 वें घर (A7) के अरुधा पाद को कंु डली में सभी तरह के शारीरिक या
अल्पकालिक संबंधों के लिए जांचने की आवश्यकता है ।  तो नवसा कंु डली से पति या पत्नी की
भविष्यवाणी करते समय इन घरों की जाँच की जानी चाहिए।

ग्रहों की स्थिति के अनुसार नवमांश कंु डली से जीवनसाथी की प्रकृति

अब चलिए समझते हैं कि नवमांश कंु डली से जीवनसाथी की प्रकृति का निर्धारण कैसे करें ।

1. 7 वें घर में सर्य


ू नवमेश: यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में सर्य
ू   स्थित है , तो पति-पत्नी
संगीत, वाद्ययंत्र पसंद करते हैं  | उन्हें अहं कार और उच्च स्वाभिमान हो सकते हैं।  जब 7 वें घर
में नवमेश सर्य
ू मजबत
ू होता है , तो व्यक्ति सम्मानजनक पारिवारिक पष्ृ ठभमि
ू से हो सकता है ।

2. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में चंद्रमा : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में चंद्रमा है , तो पति-
पत्नी सुंदर और बहुत ही सश
ु ील होते हैं। वह निष्पक्ष मन, कोमल हृदय आदि का हो सकता है ।
3. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में मंगल : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में मंगल है या नवमेश
में A7 के साथ जड़
ु ा हुआ है , तो व्यक्ति बहुत ही आक्रामक और गर्म स्वभाव का हो सकता है ।
वह या एक खेल प्रेमी हो सकता है । जब 7 वें घर में नवमांश मंगल मजबत ू है , तो  पतला और
एथलीट होगा। वह बहुत तर्क शील हो सकता है ।

4. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में बुध : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में बुध है , तो जीवनसाथी
हं समुख और मिलनसार हो सकता है । वह साहित्य, लेखन आदि के शौकीन हो सकते हैं, 7 वें घर
में नवमेश बुध जीवनसाथी से शारीरिक सुख की कमी दे सकता है   पति या पत्नी अपनी उम्र से
कम दिखेंगे।

5. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में बह


ृ स्पति : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में   बहृ स्पति है , तो
पति या पत्नी अच्छी तर ह से शिक्षित, सुंदर, भाग्यशाली और बहुत अच्छे स्वभाव, आध्यात्मिक
हो सकते हैं। 7 वें घर में नवमेश बह
ृ स्पति जीवनसाथी को बहुत धार्मिक बना सकता है ।

6. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में   शुक्र : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में   शुक्र हो, तो
जीवनसाथी बेहद अच्छे लगने वाले, विलासिता के शौकीन और हर तरह के आराम, संगीत, ललित
कला आदि के शौकीन हो सकते हैं। नवमांश शक्र
ु का 7 वें घर में होना एक आशीर्वाद है । ।

6. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में शनि : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में   शनि  है , तो
जीवनसाथी परिपक्व, हमेशा काम करने वाला, ठं डा, और कर्तव्यपरायण  हो सकता है । यह दर्शाता
है कि पत्नी या पति बहुत मेहनती होंगे। 7 वें घर में नवमेश शनि यह भी संकेत दे ता है कि
पति और पत्नी के बीच बहुत अधिक उम्र का अंतर हो सकता है ।

7. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में राहु- यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में राहु है , तो जीवनसाथी
हमेशा उदार,  गणित, ज्योतिष आदि में अच्छा हो सकता है । यह वैवाहिक जीवन के लिए एक
अच्छा स्थान नहीं माना जाता है । 7 वें घर में नवमेश राहु  विदे शी जीवनसाथी  का संकेत दे ता है ।

8. नवमांश कंु डली के 7 वें घर में केतु : यदि नवमांश कंु डली के 7 वें घर में केतु  है , तो जीवनसाथी
गणित और अंकों, कंप्यूटर के विशेषज्ञ, आध्यात्मिक अभ्यास आदि में बहुत अच्छा हो सकता है ।

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